मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - SexBaba
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मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

desiaks

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Aug 28, 2015
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[font=verdana, geneva, lucida,]
मेरी उम्र ३० साल है और मेरी बीवी जूली २६ साल की है] हमारी शादी को २ साल हो गए हैं] अभी हमारे कोई बेबी नहीं है] मैं औसत कदकाठी का साधारण काम करने वाला इंसान हूँ जो समाज से बहुत डरता है और अपनी कोई बात जगजाहिर करना नहीं चाहता और सेक्स के मामले में भी साधारण ही हूँ] 
मगर इसे अपनी किस्मत कहू या बदकिस्मती कि मेरी शादी एक बहुत सुंदर लड़की जूली से हो गई वो एक क़यामत ही है ५ फुट ५ इंच लम्बी, बिलकुल दूध जैसा सफ़ेद रंग जिसमे सिंदूर मिला हो और गजब के उसके अंग, मम्मे ३७ पतली कमर शायद २५ और खूब बहार को उठी हुई उसकी गांड ३८] उसकी गांड इतनी गद्देदार है कि अच्छो अच्छो का लंड पानी छोड़ देता है जिसे मैंने कई बार महसूस किया है, उसकी इसी गांड के कारण सुहागरात को मेरे लंड ने भी जवाब दे दिया था] चलिए वो किस्सा भी आपको बता ही देते हैं]

सुहागरात में उसके गोर सुंदर और गर्म वदन ने ही मुझे बहुत उत्तेजित कर दिया था और ऊपर से जब मैं उसको प्यार कर रहा था तब वो उल्टी पेट के बल पलंग पर लेट गई उसके सफ़ेद वदन पर केवल एक काली पैंटी थी जो उसकी गांड को गजब का सेक्सी बना रही थी] फिर जब उसकी पीठ को चूमते हुए जब मैं उसकी कच्छी ओके उसके चूतड़ों से नीचे उतारने लगा तो उसके हिलते हुए चूतड़ों के बीच उसका सुरमई गुदाद्वार देख मेरे छक्के छूट गए और जैसे ही मैंने उसकी झांकती गुलाबी, चिकनी चूत जिसके दोनों होंट आपस मैं चिपके थे देखते ही मेरे पसीने छूट गए] उसके इसी अंगो ने मेरे को उसके सामने शर्मिन्दा करवा दिया] मगर उसने बड़े प्यार से मुझसे कहा कोई बात नहीं] 
उसका यह प्यार अभी भी जारी है वो कभी कोई डिमांड नहीं रखती और न कभी मुझसे लड़ाई करती है और मेरा बहुत ध्यान रखती है इसीलिए मैं उससे कुछ नहीं कहता और न ही उसकी हरकतों को रोक पा रहा हूँ] 
अब आपसे उसके इसी ब्यवहार के बारे मैं बाताऊंगा]

जूली हमेशा बहुत हंसमुख सभी से खुलकर बातचीत करने वाली, सभी का ध्यान रखने वाली लड़की है] मेरे सभी दोस्त और रिस्तेदार उसको बहुत पसंद करते हैं] हम एक अलग फ्लैट लेकर रहते हैं] 
वो एक ईसाई परिवार से है तो कपडे उसके काफी मॉडर्न ही होते थे पर इसके लिए मैंने कभी उसको मन नहीं किया था]
पहले साल तक तो सब कुछ मुझे नॉर्मल ही लगा था और हमारा जीवन भी आम पति पत्नी जैसा ही बीता था] हाँ हमारा सेक्स सप्ताह मैं एक या दो बार ही होता था मगर उसने कभी शिकायत नहीं की] और न ही कभी वो डिमांड करती थी जब मेरा मन होता है तो वो खुद ही तैयार हो जाती है]
मेरे दोस्तों के साथ उसका हंसी मजाक या मेरे भाइयों के साथ उसकी छेड़छाड़ सब कुछ नॉर्मल ही लगता था मगर पिछले १ साल से सब कुछ बदल गया है जूली को मैं सीदीसादी समझता था मगर वो तो सेक्स की मूरत निकली] अब तो बस मैं उसको छिपकर उसकी हरकतों को देखता रहता हूँ न तो उससे कुछ कहता हूँ और न ही उसकी किसी बात का विरोध करता हूँ] 
शायद यही सुंदर पत्नी रखने की सजा है]
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]दोस्तों शादी के बाद का १ साल तो ऐसे ही गुजर गया, या तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया जूली कि हरकतों पर या फिर वो भी सती सावित्री ही बनी रही]

असली कहानी १ साल बाद शुरू हुई जब मैंने उसकी १ हरकत को नोट किया] 

अब वहीँ से मै आपको अपनी कहानी से अवगत कराता हूँ]

मेरा छोटा भाई देलही से आया हुआ है वो वहाँ इंजीनियरिंग केर रहा है २२ साल का गठीला जवान है, दोनों देवर भाभी में हंसी मजाक होता रहता है] पर वो जवानी ही लगता था मगर.

उस सुबह मै उठकर newspaper पढ़ते हुए चाय पी रहा था] तभी 

जूली : सुनो जी, आप पेड़ों मै पानी डाल दो न मैं तब तक नास्ता तैयार केर लेती हूँ]

जूली ने गुलाबी सिल्की हाफ पजामी पहनी थी जो उसके घुटने तक ही थी वो उसके बदन से पूरी तरह कसी हुई थी] जिससे उसकी गांड बहार निकली हुई साफ़ दिख रही थी और इस पजामी में जब बो अंदर चड्डी नहीं पहनती थी तो उसकी चूत का आकार भी साफ़ दिखता था और पीछे से मुझे आज भी उसकी पजामी में कहीं कोई कच्छी का निशान नहीं दिख रहा था मतलब सामने से उसकी चूत गजब ढहा रही होगी]

मैंने १ दो बार उसको बोला भी है कि जान इस पजामी के अंदर कच्छी जरुर पहन लिया करो जब कोई और घर में आया हो मगर वो ऐसी बातों को नजरअंदाज़ कर देती थी मै भी ज्यादा नहीं टोकता था] ऊपर उसने एक सैंडो टॉप पहना था जो उसके विशाल मम्मो पर कसा था और उसके पेट पर नाभि तक ही आ रहा था उसकी पजामी और टॉप के बीच करीब ४ इंच सफ़ेद कमर दिख रही थी जो उसको बहुत सेक्सी बना रही थी] 

फिलहाल में पौधों में पानी डालने बहार चला जाता हूँ] तभी मेरा छोटा भाई भी किचन में आ जाता है उसकी आवाज आती है]

विजय : लाओ भाभी मैं आपकी हेल्प करता हूँ] भैया कहाँ हैं]

पता नहीं क्यों मैं उन दोनों को देकने अंदर ही रुक जाता हूँ ऐसा पहली बार हुआ था, शायद जूली का वो सेक्सी रूप देख मैंने सोचा कि न जाने विजय को कैसा लगा होगा] क्या वो जूली को कुछ कहेगा]

मगर तभी विजय कि आवाज आती है]

विजय: क्या भाभी वहार क्या कर रहे हैं भैया, क्या आज सुबह सुबह उनको वाहर निकाल दिया]

जूली: चल पागल, वो पौधों में पानी डालने गए हैं]

विजय: वाओ मतलब आज सुबह ही मौका मिल गया] चलो तो इस पौधे मै पानी हम डाल देते हैं]

उसका ये वाक्य सुनते ही मेरा माथा ठनक गया ये क्या कह रहा है ये मैंने दरबाजे की आड़ लेते हुए किचन मै झाँका और मेरे सारे सपने धरासाई हो गए 

विजय अपनी भाभी से पीछे से चिपका था और उसकी हाथ उसको आगे से बांधे हुए थे

जूली: हाथ हटा न पगले, तेरे भैया अभी आते ही होंगे और ये पौधा तो घर में ही है जब चाहे पानी डाल देना]

मैंने थोड़ा ओर आगे को होकर देखा तो, माय गॉड विजय का सीधा हाथ जूली के पजामी के अंदर था] मतलब वो उसकी चूत सहला रहा था, जो बिना किसी अवरोध के उसकी हथेली के नीचे थी]

विजय: क्या भाभी गजब माल लग रही हो आज, और आपकी चूत पर तो हाथ रखते ही मन करता है कि..

जूली: हाँ हाँ मुझे पता चल रहा है कि तुम्हारा क्या मन कर रहा है वो तो तुम्हारा ये मोटा लण्ड ही बता रहा है जो पजामी के साथ ही मेरी गांड में घुसा जा रहा है]

मै उसकी बातें सुन सॉकड था कि जूली ने कभी मेरे सामने इतना खुलकर ये शब्द नहीं बोले थे कभी कभी मेरे बहुत ज़ोर देने पर बोल देती थी मगर आज तो पराये मर्द के सामने रंडी कि तरह बोल रही थी.

तभी उसने पीछे हाथ कर विजय का लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया] विजय ने न जाने कब उसे अपने पजामे से बाहर निकाल लिया था वो अब जूली के हाथ में था] तभी जूली मेरी ओर घूमी तो मैंने देखा कि उसकी पजामी चूत से नीचे खिसकी हुई है अब उसकी नंगे सुतवाकार पेट के साथ उसकी छोटी सी चूत भी दिख रही है]

वो उसकी लण्ड को अपने हाथ से सहला उसकी पजामे में कर देती है और कहती है 

जूली : इसको अभी आराम करने दो इस सबके लिए अभी बहुत समय मिलेगा]

मैं उनकी ये सब हरकतें देख चुपचाप वाहर आ जाता हूँ और सोचने लगता हु कि क्या करूँ]
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[font=verdana, geneva, lucida,]अब मैं कुछ देर के लिए बाहर आकर अपना सर पकड़कर बैठ गया] कुछ पल तो मुझे लगा कि मेरी दुनिया पूरी लुट गई है मैं लगभग चेतना विहीन हो गया था जब अंदर से कुछ आवाजें आयीं तब मैं उठा और पौधों को सही करके पानी देने लगा]

पानी देते हुए अचानक अपने भाई विजय की बात दिमाग में गूंजने लगी और न जाने कैसे मैं सोचने लगा कि पौधे की जगह मेरी बीवी नंगी अपनी टाँगे फैलाये लेटी है और विजय अपने लण्ड को हिला हिला कर अपना पानी उसकी चूत में डाल रहा है]

और ये सब सोचते ही मेरा अपना लण्ड सर उठाने लगा जाने कैसा भाग है ये कि अभी दिमाग काम नहीं कर रहा था और अब लण्ड भी पुरे जोश में था]

अब मेरे सामने दो ही रास्ते थे कि या तो लड़ झगड़ कर सब कुछ ख़त्म कर लिया जाये या फिर खुद भी एन्जॉय करो और उसको भी करने दो]

मैंने दूसरा रास्ता चुना क्युकि मैं भी पाकसाफ नहीं था और सेक्स को मजे की तरह ही देखता था]

सबसे बड़ी बात तो यही थी कि जूली एक पत्नी के रूप में तो मेरा पूरा ख्याल रखती ही थी बाकि ये शायद उसकी अपनी इच्छाएं थी]

दोस्त मेरे मन में बस यही ख्याल आ रहा था कि ज़िंदगी बहुत छोटी है इसमें जो मिले उससे एन्जॉय केर लेना चाहिए]

कम से कम जूली मेरा ख्याल तो रख ही रही थी मेरी इनसल्ट तो नहीं कर रही थी] अब मेरे पीछे वो कुछ अपनी इच्छाओं को पूरा कर रही थी तो मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगा]

ये सब सोच मेरा मन बहुत हल्का हो गया, और अपना काम ख़त्म कर मैं अंदर आ गया]

अंदर सब कुछ नॉर्मल था] जूली किचन में वैसे ही काम कर रही थी और विजय बाथरूम में था]
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]करीब १० मिनट के बाद विजय नहाकर बाहर निकला, उसके कसरती वदन पर केवल कमर में एक पतला तौलिया बंधा था] जिसमें उसके लण्ड के आकार का आभास हो रहा था]

मैं अपने कपडे ले बाथरूम में चला जाता हूँ] जूली वैसे ही किचन में काम कर रही थी]

विजय: भैया क्या हुआ आज कुछ जल्दी ही है]

मैं : हाँ आज जरा जल्दी ऑफिस जाना है] जूली जल्दी नास्ता तैयार कर दो मैं बस नहाकर आता हूँ] मैं वहीँ से जूली को बोल देता हूँ]

जूली: ठीक है आप आइये, नास्ता तैयार ही है] विजय तुम भी जल्दी से आ जाओ सब साथ ही कर लेंगे]

विजय: ठीक है भाभी मैं तो तैयार ही हूँ ऐसे ही कर लूंगा]

मैंने बाथरूम में जाकर सॉवॅर ऑन किया और उन दोनों को देखने का सोचा]

बाथरूम की एक साइड की वाल में ऊपर की ओर छोटा रोशनदान है जो हवा के लिए खुला रहता है, वहाँ से किचन का कुछ भाग दिखता है और मैं उनकी बातें भी सुन सकता था] 

मैंने पानी का ड्रम खिसकाकर रोशनदान के नीचे किया और उस पर चढ़कर किचन में देखने का प्रयास किया]

वहाँ से कुछ भाग ही दिख रहा था वरस्ते उनकी बातों की आवाज जरूर सुनाई दे रही थी]

विजय: भाभी क्या बनाया नास्ते में आज

जूली: सब कुछ तुम्हारी पसंद का ही है, ब्रेड सैंडविच और चाय या कॉफी जो तुम कहो]

विजय: आपको तो पता है मैं ये सब नहीं पीता मुझे तो दूध ही पसंद है]

जूली: हाँ हाँ मुझे पता है और वो भी तुम डायरेक्ट ही पीते हो 

और दोनों के जोर से हसने की आवाज आती है 

जूली: अरे क्या करते हो अभी मैंने मन किया था न उफ़ क्या कर रहे हो 

मैंने बहुत कोशिश की दोनों को देखने की मगर कभी कभी जरा सा भाग ही दिख रहा था]

मगर ये निश्चित था कि विजय मेरी बीबी के दूध पी रहा था]

अब वो टॉप के ऊपर से पी रहा था या टॉप उठाकर ये मेरे लिए भी सस्पेन्स था]

मैं तो केवल उनकी आवाजें सुनकर ही excited हो रहा था]

जूली: ओह विजय क्या केर रहे हो प्लीज अभी मत करो देखो वो आते होंगे ओह नहीं आह क्या करते हो]
ओह विजय तुमने अंडरवियर भी नहीं पहना] 

विजय: पुच puchh puchhhh सुपररररर सपररररर 
अहाआआ भाभी कितने मस्त हैं आपके मम्मे 
ओह्ह्ह भाभी ऐसे ही सहलाओ आहा कितना मस्त सहलाती हो आप लण्ड को आहाअ ओह्ह्ूओ पुच पुच 

मैं रोशनदान से टंगा उनकी आवाजे सुन रहा था और सोच रहा था कि ये मेरे सामने ही कितना आगे बढ़ सकते हैं]

क्या आज ही मुझे इनकी चुदाई देखने को मिल जायेगी]

पता नहीं क्या होगा...... 
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[font=verdana, geneva, lucida,]तभी मुझे विजय का अक्स दिखा वो कुछ पीछे को हुआ था]

ओह माय गॉड वो पूरा नंगा था, उसका टॉवेल उसके पैरों में था जिसे उसने अपने पैरों से पीछे को धकेला]

शायद उसी के लिए वो पीछे को हुआ होगा]

मुझे उसका लण्ड तो नहीं दिखा मगर मैं इतना मुर्ख भी नहीं था कि ये न समझ सकूँ कि इस स्थिति में उसका लण्ड ९० डिग्री पर खड़ा ही होगा]

अब सोचने वाली बात ये थी कि मेरे घर में रहते वो क्या करेगा]

वो फिर आगे को हो गया और मेरी नजरों से ओझल हो गया]

तभी फिर से आवाजे आने लगीं

जूली : तुम बिलकुल पागल हो विजय क्या करते हो, तुम्हारा लण्ड कितना tite हो रहा है]

विजय: हाँ भाभी अहा आज तो भैया के सामने ही ये तुम्हारी चूत में जाना चाहता है ओहूओ अहाह ह 

जूली: नहीईईईइ विजय प्लीज ऐसा मत करो, मैं उनके सामने ऐसा नहीं कर सकती] 

मैं उनसे बहुत प्यार करती हूँ] अहाआआ विजय हा हा ओह मत करो न तुम बहुत बदमाश हो गए हो]

अहा क्या करते हो प्लीज तुम्हारा लण्ड तो आज मेरी पजामी ही फाड़ देगा अहाआआआ नहीईईईई

विजय: पुच पुछ्ह्ह्ह्ह अहहहआआ आज नहीं छोडूंगा] ओहूऊओ लाओ इसको हटा दो]

जूली: नहीईईईइ विजय क्या करते हो, पगला गए हो, देखो वो आते ही होंगे, मान जाओ ना प्लीज

ह्ह्हाआ ओहूऊऊओ 

विजय: वॉउ भाभी क्या मस्त चूत है आपकी बिलकुल छोटी बच्ची कि तरह कितनी चिकनी और छोटी सी
दिल करता है खा जाउ इसको 

वाकई जूली कि चूत बहुत खूबसूरत थी उसके छोटे छोटे होंट ऐसे आपस में चिपके रहते थे जैसे १०-१२ साल कि बच्ची के...

और चूत का रंग गुलाबी था जो उसकी गदराई सफ़ेद जांघों में जान डाल देता था]

उसकी चूत बहुत गरम थी और उसके होंटों को खोल जब लाली दिखती तो मुझे पक्का यकीन था कि बुड्ढों तक का लण्ड पानी छोड़ दे]

मगर इस समय वो चूत मेरे छोटे भाई विजय के हाथ में थी]

पता नहीं वो नालायक उसको कैसे छेड़ रहा होगा]

अब फिर से भयंकर आवाजे आने लगीं]

जूली: ह्हाआआअ आआआअ ओहूऊऊओ विजय नहीईईईइ प्लीजज्ज्ज्ज्ज्ज़ नहीईईईईईई 

विजय : भाभीइइइइइइइ बस जरा सा झुक जाओ]

जूली: वो आते होंगे तुम मानोगे नहीं]

विजय: भाभी, भैया अभी नहा ही रहे हैं सॉवॅर कि आवाज आ रही है उनके आने से पहले हो जायेगा] बस जरा सा आहआआआ

जूली: ओहूऊऊओ क्या करते हो ओहूऊऊ वहाँ नहीं विजय आहआआआआआ आआआआआ सूखा ही आआआ तुम तो मार ही दोगे]

पागल मैंने कितनी बार कहा है गांड में डालने से पहले कुछ चिकना लगा लो]

विजय: मैंने थूक लगाया था न और आपकी चूत का पानी भी लगाया था अहाआआआ क्या छेद है भाभी मजा आ गया]

जूली: चल पहले मलाई लगा,

अरे क्या करता है सब दूध ख़राब कर दिया, हाथ से लेकर लगा न,

लण्ड ही दूध में डाल दिया तू तो वाकई पगला गया है]

विजय: जल्दी करो भाभी जब लण्ड पि सकती हो तो क्या लण्ड से डूबा दूध नहीं अहा जल्दी करो 

जूली: अहाआआआआ धीरे पागल ह्हाआआअ
ह्हाआआअ ओहूऊऊऊ 
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[font=verdana, geneva, lucida,]१० मिनट तक उनकी आवाजें आती रहीं, दोस्तों झूट नहीं बोलूंगा मैंने भी नहाने के लिए अपने कपडे निकाल दिए थे]

और इस समय पूरा नंगा ही उन दोनों को सुन रहा था मेरा लण्ड भी पूरा खड़ा था और मैं उसको मुठिया रहा था]

जूली: अहा हाआआआ विजय बहुत जवर्दस्त है तुम्हारा लण्ड अहाआआ क्या मस्त छोड़ते हो अहा बस करो न अब ऐईईईइ 

विजय: आआआआआआआ ह्हह्हह्हह्ह 
बस हो गया भाभी आआआह्ह्ह्ह्ह्हा 

जूली: ओहूऊऊऊ क्या कर रहे हो सब गन्दा कर दिया उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ 

तभी विजय पूरा नंगा अपना टॉवेल उठा बाहर को आ गया]

उसका लण्ड अभी भी तना था और पूरा लाल दिख रहा था]

और फिर जूली भी बाहर आई, माय गॉड क्या लग रही थी]

उसका टॉप बिलकुल ऊपर था उसकी दोनों चूची बाहर निकली थी जिन पर लाल निसान दिख रहे थे]

ऊपर तनी हुई सफ़ेद चूची पर गुलाबी निप्पल चूसे और मसले जाने कि कहानी साफ़ कह रहे थे]

उसकी ब्रा एक और को लटकी थी उसकी शायद तक एक फीता टूट गया था]

और नीचे तो पूरा धमाकेदार दृश्य था उसकी पजामी उसके पंजों में थी]

और वो पजामी के साथ ही पैरों को खोलकर चल रही थी]

उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा मन उसमे अपना लण्ड एक झटके में डालने को कर रहा था]

किचन से बाहर आ उसने टॉवेल ले मेरी और पीठ कर साफ करने लगी]

उसकी कमर से लेकर चुतड़ों तक विजय का वीर्य फैला था] वो जल्दी जल्दी साफ़ करते हुए बाथरूम कि ओर भी देख रही थी]

उसकी इस स्थिति को देखते हुए मेरे लण्ड ने भी पानी छोड़ दिया]

अब मैं नीचे उतर बिना नहाये केवल हाथ मुह धोकर ही बाहर आ गया]

हाँ थोड़े से बाल जरूर भिगो लिए जिससे नहाया हुआ लगूं]

बाहर सब कुछ नॉर्मल था जूली फिर से किचन में थी और विजय शायद अपने कमरे में था]

हाँ बाहर एक कुर्सी पर जूली कि ब्रा जरुर पड़ी थी]

जो उनकी कहानी वयां कर रही थी]

वो कितना भी छुपाएँ पर जूली ब्रा को बाहर ही भूल गई थी]

मैंने उससे थोडा मस्ती करने कि सोची और 

जूली क्या हुआ तुम्हारी ब्रा कहाँ गई]

मगर बहुत चालाक हो गई थी वो अब

कहते हैं न कि जब ऐसा वैसा कोई काम किया जाता है तो चालाकी अपने आप आ जाती है]

वो तुरंत बोली अरे काम करते हुए तनी टूट गई तो निकाल दी]

मैंने फिर उसको सताया कौन सा काम बेबी 

वो अब भी नॉर्मल थी 
जूली : अरे ऊपर स्लैप से सामान उतारते हुए जान

मैं अब कुछ नहीं कह सकता था हाँ उसके चूसे हुए होंटो को एक बार चूमा और अपने कमरे में आ गया]

तो ये था मेरा पहला कड़वा या मीठा अनुभव, कि मेरी प्यारी जान कैसे मेरे भाई से चुदवाई]

हाँ एक अफ़सोस जरुर था कि में उसको देख नहीं पाया 

मगर फिर भी सब कुछ लाइव ही था]
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[font=verdana, geneva, lucida,]मैं तैयार होकर बाहर आया, नास्ता लग चुका था]

विजय भी तैयार हो गया था]

मैं : विजय आज कहाँ जाना है मैं छोड़ दूँ]

विजय: नहीं भैया कहीं नहीं आज आराम ही करूँगा, आज रात कि गाड़ी से तो वापसी है]

मैं: हाँ आज तो तुझको जाना ही है कुछ दिन और रुक जाता]

विजय: आउंगा न भैया अगली छुट्टी मिलते ही यहीं आउंगा] अब तो आप लोगो के बिना मन ही नहीं लगेगा]

कह मेरे से रहा था जबकि देख जुली को रहा था]

फिर जूली ने ही कहा सुनो मुझे जरा बाज़ार जाना है कुछ कपडे लेने हैं]

मैं : यार मेरे पास तो टाइम ही नहीं है तुम विजय के साथ चली जाना]

जूली: ठीक है कुछ पैसे दे जाना]

मैं : ठीक है क्या लेना है, कितने दे दूँ]

जूली: अब दो तीन जोड़ी तो अंडरगार्मेन्ट्स ही लाने हैं १ तो अभी ही टूट गई अब कोई बची ही नहीं] थोड़े ज्यादा ही दे देना] 

वो मुस्कुराते हुए विजय को ही देख रही थी] पहले तो मैं कोई ध्यान नहीं देता था मगर अब उन दोनों की ये बाते सुन सब समझ रहा था]

जूली: अच्छा ५००० दे देना अब की बार अच्छी और महंगे वाले चड्डी ब्रा लाऊंगी]

वो बिना शरमाये अपने कपड़ो के नाम बोल रही थी]

मैं : ठीक है जान ज़रा अच्छे लाना और पहन भी लिया करना]

विजय: हा हा हा भैया ठीक कहा आपने] हाँ भाभी ऐसे लाना जिनको पहन भी लो आपको तो पता नहीं ऐसे कपड़ो में दूसरों को कितनी परेशानी होती होगी]

जूली: अच्छा बच्चू (उसके कान पकड़ते हुए) बहुत बड़ा हो गया है तू अब] ऐसी नजर रखता है अपनी भाभी पर 
बेटा सोच साफ़ होनी चाहिए कपड़ो से कोई फर्क नहीं पड़ता]

विजय: हाँ भाभी आपने ठीक कहा मैंने तो मजाक किया था]

मैं : उन दोनों की नोकझोंक सुनकर मुस्कुरा रहा था कुछ बोला नहीं बस सोच रहा था कि कैसे इन दोनों कि आज कि हरकतें देखि जाएँ]

ये अब घर पर तो सम्भव नहीं था]

तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया मैंने जूली के पर्स में रु० रखते हुए सोचा]

उसका ये पर्स मेरी समस्या कुछ हद तक दूर कर सकता है]

मैंने कुछ समय पहले एक voice recorder लिया था जो एक पेन कि शेप में था]

मैंने उसको ऑन कर जूली के पर्स में नीचे की ओर डाल दिया]

उसकी छमता लगभग ८ घंटे की थी अब जो कुछ भी होगा, कम से कम उनकी आवाजें तो रिकॉर्ड हो ही जाएंगी]

मैंने ये पहले भी चेक किया था जबर्दस्त पॉवर वाला था और १०० मीटर की रेंज की आवाजें रिकॉर्ड कर लेता था]

अब मैं निश्चिंत हो सब को बाय कर ऑफिस के लिए निकल गया]

अब देखते हैं क्या होता है पूरे दिन........ 
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[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]मैं शाम ७ बजे वापस आया घर का माहौल थोडा शांत था] जूली कुछ पैक कर रही थी] विजय अपने कमरे में था]

मैं भी अपने कमरे में जाकर चेंज करता हूँ तभी मुझे जूली का पर्स दिखता है] 

मैं तुरंत उसे खोलकर voice recorder निकाल लेता हूँ वो अपने आप ऑफ हो गया था]

मुझे ३-४ बिल दिखते हैं मैं उनको चेक करता हूँ जूली ने काफी शॉपिंग की थी]

उसकी २ लिंगेरी, कुछ कॉस्मेटिक और विजय की 
टी-शर्ट, नेकर और अंडरवियर भी था]

जनरली मैं कभी ये सब नहीं देखता था इसलिए जूली की सब हरकतें आसानी से दिख रही थी]

अब मेरा दिल उनकी सभी बातें जान्ने का था आज तो उनके बीच बहुत कुछ हुआ होगा]

मगर ये सब अभी सम्भव नहीं था मैंने पेन से चिप निकाल कर अपने पर्स में रख ली सोचा बाद में सुन लूंगा]

वाहर विजय जूली को मना रहा था मत उदास हो भाभी, फिर जल्दी ही आउंगा]

ओह जूली इसलिए उदास थी मैंने भी उसको हसाने की कोशिश की मगर वो नॉर्मल ही रही]

मैं : विजय कितने बजे की ट्रैन है तेरी

विजय: भैया ८:५० की है मैं ८ बजे ही निकल जाऊँगा 

मैं : पागल है क्या मैं छोड़ दूंगा आराम से चलेंगे]
चल खाना खा लेते हैं]

विजय: आप क्यों परेसान होते हो भैया मैं चला जाऊँगा]

मैं : नहीं, तुझसे कहा न] जूली तुम भ आओगी क्या]

जूली: नहीं मुझे अभी बहुत काम है और मैं इसको जाते नहीं देख पाउंगी इसलिए तुम ही जाओ]

मैं मन ही मन मुस्कुरा उठा, ओह इतना प्यार 

और तभी मन में एक कोतुहल भी जागा कि विजय को छोड़ने के बाद मेरे पास इन दोनों की बात सुनने का समय होगा]

और हम जल्दी जल्दी खाना खाने लगे]

मैंने बाथरूम में जा चिप अपने फ़ोन में लगा ली और रिकॉर्डिंग चेक की]

थैंक्स गॉड सब कुछ ठीक था और बहुत कुछ उसमे लग रहा था]

फिर सब कुछ जल्दी ही हो गया और हम जाने के लिए तैयार हो हो गए]

मैं बाहर गाड़ी निकालने आ गया विजय अपनी भाभी को अच्छी तरह मिलकर १० मिनट बाद बाहर आया]

मैं : क्या हुआ बड़ी देर लगा दी]

विजय: हाँ भैया, भाभी रोने लगी थीं]

मैं: हाँ वो तो पागल है सभी को दिल से चाहती है]

विजय: हाँ भैया, भाभी बहुत अच्छी हैं उनका बहुत ख्याल रखना]

मैं : अच्छा बच्चू अभी तक कौन रख रहा था]

विजय: नहीं भैया मेरा ये मतलब नहीं था] आप काम में बिजी रहते हो न तभी कह रहा था]

मैं: हाँ वो तो है चल अच्छा अपना ध्यान रखना और किसी चीज की जरुरत हो तो बता देना]

विजय: हाँ भैया आपसे नहीं तो किस्से कहूंगा]

मुझे उसके जाने की ना जाने क्यों बहुत जल्दी थीं मैं आप लोगों की तरह उस टेप को सुन्ना चाह रहा था]

और कुछ ही देर मैं विजय की ट्रैन चली गई मैं जल्दी से गाड़ी में आकर वैठ गया और फ़ोन निकाल कर रिकॉर्डिंग ऑन की ......
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[font=verdana, geneva, lucida,]दोस्तों अब आपसे क्या छुपाना, इस टेप को सुनने में पूरे ३ घंटे लगे और मैंने २ बार मुठ मारी] टेप सुनने में ही मेरी हालत खराब हो गई]

मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि जूली इस कदर सेक्सी हो सकती है उसने एक नारी कि सारी हदें पार कर दी थीं]

मुझे लगा कि शायद मैं अपने बिज़नस में कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया था जो उसकी इच्छाएं नहीं समझ पाया]

मैं विजय को छोड़ने के बाद गाड़ी में आकर बैठ गया और सब शीशे बंद कर अपना फ़ोन निकाल रिकॉर्डिंग ऑन की]

उसका एक एक शब्द आगे वर्णित है ......

..............

मैं : अच्छा जान मैं चलता हूँ विजय तैयार रहना शाम को मिलते हैं]

जूली: बाय जान अपना ध्यान रखना]

............

जूली : ओह विजय क्या करते हो रुको तो अर्र्राआ दरबाजा तो बंद करने दो] लगता है आज तो पगला गए हो]

विजय: हाँ भाभी आज मेरा आखरी दिन है तुमको तो पता है फिर ६ महीने के बाद आ पाउँगा]

जूली: ओह मुझे पता है बेबी मैं खुद उदास हूँ पर ओह रुको न उतार रही हूँ न क्या पजामी फ़ाड़ोगे, 

ये लो आज तुम्हारा जो दिल चाहे कर लो आज मेरी ओर से तुमको हर तरह की आजादी..

विजय: यू आर ग्रेट भाभी आई लव यू पुच पुच 

जूली: अब तुमने मुझे पूरा नंगा तो कर दिया है देखो सुवह तुमने कितना गन्दा कर दिया था पहले मैं नहा लूँ फिर जो तुम्हारी मर्जी कर लेना]

विजय: आज तो मैं आपको एक पल भी नहीं छोडूंगा चलो मैं आपको नहलाता हूँ]

जूली: क्या करते हो विजय अभी तो नहाये हो तुम फिर से गीले हो जाओगे]

आआअ ऊऊऊउईईईईई क्या कर रहे हो 

ह्ह्ह्ह्हाआआआ खिलखिलाने की आवाजें आ 

ओहूऊऊओ 

विजय: भाभी सच बताओ तुम्हारी चूत इतनी प्यारी कैसे है कितनी छोटी वउउउउउउउ कितनी चिकनी 
ये तो बिलकुल छोटी सी बच्ची जैसी है 

पुच पुच च च च पुच च च 

जूली: अहाआआ ह्हह्हाआ अब नहाने भी दे न या चट्टा ही रहेगा ओहूऊऊ ओह हा हा हे हेह ही ही 

विजय: पुच चाप चप चपर पुच 

जूली: अच्छा ये बता तूने कितनी बच्ची की चूत देखी हैं जो तुझे पता है की वो ऐसी होती है]

विजय: क्या भाभी ये तो पता ही है न और मैंने तो कई की देखी है और सहलाया भी है]

जूली: अच्छा बच्चू इसका भी दीवाना है लेकिन गलत बात अब ऐसा नहीं करना...

विजय: ओह भाभी ठीक है नहीं करूँगा मगर कान तो छोड़ो]

जूली: नहीं छोड़ूंगी तुम छोड़ते हो जब मेरे दूध पाकर लेते हो तो हा हा अब मैं भी नहीं छोड़ती ]

विजय: ठीक है मत छोड़ो लो में भी पकड़ लेता हूँ 

जूली: हीईई हूऊऊऊऊ अहाआआ उईईईईईईइ 

विजय: अहाआआआअ 

जूली: ओहूऊऊ यहाँ नहीं राजा ओहू हो अहाआआ 
निकाल न अहाआआ नहा तो लेने दे न अहाआआ 

विजय: नहला ही तो रहा हूँ ये तो आपकी चूत की अंदर की सफाई कर रहा है आहा आहा 

जूली: हाँ हाँ मुझे सब पता है ये कोण सी सफाई कर रहा है आहा आ अ अ आ अ आ ओह ओह 

अहाआआ आहा आ अ आ अ आ हा हा हा आह 

विजय: ओह भाभी कितनी गर्म है चूत आपकी आहा हा ओह आहा हा ओह 

अह्ह्हा ओह हह ह्ह्ह्हह्ह 

जूली : बस्स्स्स्स्स्स्स राजाआआआ ओहोहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

विजय: आआआह्हह्हह्हह्ह बस्स भाभी हो गया आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
आआआआआआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
[/font]


[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]विजय: आहा भाभी मजा आ गया, तुम बहुत हॉट हो जानम, तुम्हारी इस चूत को चोदकर मेरे लण्ड को पूरा करार मिल जाता है]

जूली: हाँ लाला तुमने भी मेरी जिंदगी में पूरे रंग भर दिए हैं] तुम्हारे भैया तो बेडरूम और बिस्तर के अलावा मुझे कहीं हाथ भी नहीं लगाते, अहा और तुमने इस घर में हर जगह मुझे चोदा है] मैं निहाल हो गई तुम्हारी चुदाई पर]

विजय: हाँ भाभी चुदाई का मजा तो जगह और तरीके बदल बदल कर करने में ही आता है]

जूली: सही कहा तुमने आज यहाँ बाथरूम में मजा आ गया]

विजय: अच्छा और कल जब बालकोनी मई किया था]

जूली: धत्त पागल वो तो मैं बहुत डर गई थी] लेकिन सच बोलू तो बहुत मजा आया था] सूरज की रोशनी में खुले में, ना जाने किस किसने देखा होगा]

विजय : अरे भाभी वही तो मजा है और आपने देखा नहीं कल आपकी चूत सबसे ज्यादा गरम थी और कितना पानी छोड़ रही थी]

जूली: हाँ हाँ चल अब तेरी सारी इच्छा पूरी हो गई न, बेडरूम से लेकर बाथरूम, बालकोनी, किचन सब जगह तूने अपने मन की कर ली ना, और मुझे ये गन्दी भाषा भी सिखा दी, अब तो तू खुश है ना]

विजय: अभी कहाँ मेरी जान अभी तो दिल में सैकड़ों अरमान हैं आप तो बस देखती जाओ हा हा हा 

जूली: तू पूरा पागल है चल अब हट्ट 

ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न 

जूली: अरे कौन आया इस वक्त.....

विजय: लगता है कूरियर वाला है]

जूली: जा तू ले ले तोलिया बांध लेना कमर में या होने इसी पेन से साइन करेगा] हा हा हा हा हा 

विजय: हे हे हंसों मत भाभी आज आपको एक ओर मजा कराता हूँ] जाओ कूरियर आप लो बहुत मजा आएगा]

जूली: पागल है क्या मुझे कपडे पहनने में आधा घंटा लग जायेगा, जल्दी जा न तू ले ले]

ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न

विजय: नहीं भाभी देखो न बहुत मजा आएगा तुमको कपडे नहीं पहनने ऐसे ही लेना है कूरियर]

जूली: हट्ट पागल मारूंगी तुझे नंगी जाउंगी मैं उस आदमी के सामने, कभी नहीं करुँगी मैं ऐसा तू तो पूरा पगला गया है] हाए राम क्या हो गया है तुझको, मुझे क्या समझा है तूने]

विजय: पुच पुच, तुम तो मेरी जान हो अगर मुझ पर विस्वास है और मुझसे जरा भी प्यार है तो आज सारी बात आप मानोगी] चलो जल्दी करो]

जूली: अरे बुद्धू कैसे वो पागल हो जायेगा]

ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न

जूली: कौन, कौन है भाई

....: कूरियर है भाभी 

जूली: रुको भैया अभी आती हूँ मैं नहा रहीं हूँ]
हाँ अब बोल कैसे जाऊं....

विजय: लो ये टॉवेल ऐसे बाँध लो जैसे बांधती हो अपनी चूची से और गीली तो हो ही, वो यही समझेगा कि नहाते हुए आई हो] 
और घबराती क्यों हो वो कौन का किसी से कहेगा उसकी तो आज किस्मत खुल जायेगी]

जूली: तू वाकई पूरा पागल है मरवाएगा तू आज, मैं पूरा दिन अकेली ही रहती हूँ अगर किसी दिन चढ़ आया न वो तो मैं क्या करुँगी]

विजय: अरे कुछ नहीं होगा तुम देखना कितना मजा आएगा और आपको एक बार उसके सामने ये टॉवेल सरका देना फिर देखना मजा]

जूली: पागल है धत्त मैं ऐसा कुछ नहीं करुँगी] चल हट अब तू]

ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न

जूली: आई भैया .......

दरवाजा खुलने कि आवाज ........
[/font]

[/size]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]आप सुन रहे हैं वो टेप ..........

विजय की मर्जी पूरी करने के लिए जूली आज वो करने वाली थी जो उसने कभी नहीं किया था]

वो नहाकर पूरी नंगी, उसके संगमरमरी जिस्म पर एक भी वस्त्र नहीं था, केवल एक पतली टॉवेल लपेट जो उसके बड़े और ऊपर को तने मम्मो पर बंधी थी, और उसके मोटे गद्देदार चूतड़ों पर आकर ख़त्म हो गई थी] उसी को बाँध, एक अजनवी के सामने आने वाली थी] पता नहीं इस रोमांच के खेल में क्या होने वाला था....

अब आगे.......

दरवाजा खुलने कि आवाज.....

जूली: ओह आप क्या था भैया? सॉरी देर हो गई वो क्या था की मैं नहा रही थी न.........

अजनवी: कोई बात नहीं मैडम जी, आपका कूरियर है] लीजिये यहाँ साइन कर दीजिये.....

जूली: ओह.. कहाँ ....अच्छा..... क्या है इसमें..

अजनवी: पता नहीं मैडम... मुम्बई से आया है]

जूली: ओह बहुत भारी है आहआआआ आईईईईईईईईईईई उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ पकड़िये प्ल्श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्श प्लीज ये क्या हुआअ 

अजनवी: वोव्वव्वव्व मेमश्ाााााबबबबबबब 
हाँह्हह्हह्हह्ह लाईईईई ये अहाआआआअ 

जूली: सॉरी भाईसाब न जाने कैसे खुल गई] कृपिया आप अंदर रख दीजिये]...

.............खट खट बस कुछ आवाजें 

अजनबी: अच्छा मेमसाब चलता हूँ] आपका शुक्रिया एक बात कहूँ मेमसाब आप बहुत सुन्दर हैं अब किसी ओर के सामने ऐसे दरवाजा मत खोलना]

जूली: सॉरी भैया, किसी और से मत कहना]

अजनबी: ठीक है मेमसाब ....

दरवाजा बंद होने आवाज ........
[/font]


[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जूली: हा हा हा हा माय गॉड, ये क्या हो गया ....

विजय: हाहाहाहाहाहाहाहा होहोहोहो मजा आ गया भाभी क्या सीन था, गजब, आज तो उसका दिन सफल हो गया ....

जूली: हो हो हो हो हे हे रुक अभी कितना मजा आयायया वाह रुक अभी हा हा हा हा पेट दर्द करने लगा 

विजय: हाँ भाभी देखा आपने उसका पेंट कितना फूल गया था .... बेचारा कुछ कर भी नहीं पाया.. कैसे भूखे की तरह घूर रहा था ....

विजय: वाह भाभी आपने तो कमाल कर दिया, मैंने तो केवल ये चूची दिखाने को कहा था] और आपने तो उसको पूरा जलवा दिखा दिया]

माय गॉड देखो यहाँ मेरे लण्ड का क्या हाल हो गया] उस बेचारे का तो क्या हुआ होगा]

जूली: हहहहः 

विजय: जैसे ही आपका तोलिया गिरा मैं तो चोंक ही गया था....मैं तो डर गया कि कहीं आप पैकेट ना गिरा दो] पर आपने किस अदा से उसको पैकेट पकड़ाया]
वाह भाभी मान गया आपको...

जूली: हे हे हे हे चल पागल वो तो अपने आप हो गया] मैंने नहीं किया टॉवेल खुद खुल गया...

विजय: जो भी हुआ पर बहुत गरम हुआ] जो मै सोचता था वैसे ही हुआ.........

विजय: कैसे फटी आँखों से वो आपकी चूत घूर रहा था.. और आपने भी उसको सब खुलकर दिखाई...

जूली: धत्त मैंने कुछ नहीं दिखाया... चल हट मुझे शर्म आ रही है...

विजय: हाए हाए मेरी जान अब शर्म आ रही है.. मुझे तो मजा आ गया] 

जूली: अच्छा बता न वो क्या क्या देख रहा था]

विजय: हाँ भाभी आपसे पैकेट लेते हुए उसकी नजर आपकी हिमालय कि तरह उठी इन चूची पर थी] आप जब बैठकर टॉवेल उठा रही थीं, तब वो बिना पलक झपकाए आपकी इस चिकनी मुनिया को घूर रहा था जो शायद अपने होंट खोले उसको चिढ़ा रही थी] और तो और फिर आप उसकी तरफ पीठ कर जब टॉवेल बांधने लगीं तो जनाब ने आपके इन सेक्सी चूतड़ को भी ताड़ लिया]

मैं तो सोच सोच कर मरा जा रहा हूँ कि क्या हुआ होगा बेचारे का...

जूली: हा हा एक बात बताऊँ, पैकेट लेते हुए उसके दोनों हाथो की रगड़ मेरे इन पर थी] मैं तो सही में घबरा गई थी]

विजय: वाओ भाभी चुचियों को भी रगड़वा लिया, फिर तो गया वो 

जूली: तुम सही कह रहे थे वाकई बहुत मजा आया]

विजय: मैं तो आपसे कहता ही हूँ भाभी जरा सा जीवन है खूब मजा किया करो]

जूली: अच्छा चल अब तैयार हो जा, ओह अब मत छेड़ न इसको] चल बाजार चलते हैं] बाहर में ही कुछ खा लेंगे] मुझे शॉपिंग भी करनी है]

विजय: ठीक है भाभी पर एक शर्त है]

जूली: अब क्या है, बाजार भी नंगी चलूँ क्या...

विजय: नहीं भाभी, ये इंडिया है, काश ऐसा हो सकता] पर आप स्कर्ट पहन कर चलो]

जूली: अरे वो तो मैंने वही निकली है देख ये स्कर्ट पहन कर ही चलूंगी]

विजय: वाओ भाभी बहुत सेक्सी लगोगी] पर प्लीज इसके नीचे कुछ मत पहनना, मतलब कच्छी ब्रा आदि

जूली: अब फिर तू पगला गया है] ब्रा तो पहले भी कई बार नहीं पहनी है मगर कच्छी भी नहीं] बहुत अजीब लगेगा]

विजय: प्लीज भाभी

जूली: ओके बेबी पर ये स्कर्ट कुछ छोटा है ऐसा करती हूँ लॉन्ग स्कर्ट पहन लेती हूँ]

विजय: नहीं भाभी यही प्लीज]

जूली: ओके बेबी अब पीछे से तो हट जब देखो कहीं न कहीं घुसाता रहेगा] अब इसको बाज़ार में जरा संभाल कर रखना ओके 

विजय: भाभी यही तो कंट्रोल में नहीं रहता, अब तो खुला रास्ता है बस स्कर्ट उठाई और अंदर हाहाहाहा

जूली: अच्छा जी तो यह तेरा प्लान है, मारूंगी हाँ देख ऐसा कुछ बाज़ार में मत करना] कभी मुझे सबके सामने रुसवा कर दे]

विजय: अरे नहीं भाभी आप तो मेरी सबसे प्यारी भाभी हो ].......

जूली: अच्छा चल अब जल्दी कर.....

ओके ..........
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[/size]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]जूली तैयार है बाज़ार जाने के लिए, इस ड्रेस के नीचे ब्रा और कच्छी नहीं है पता नहीं बाज़ार में क्या होगा]

और इसी पर्स में मेरा रखा हुआ voice रिकॉर्डर पेन भी है] इसलिए वहाँ जो भी होगा वो सब भी पता चल जाएगा....





इसलिए सांस और अपना वो थामकर बैठो ... देखो आगे क्या होता है
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]दोस्तों में खुश था रिकॉर्डर जूली के साथ था मगर अगले ३ घंटे सही रिकॉर्ड नहीं हुए] यहीं आकर यह आधुनिक यंत्र भी फ़ैल हो जाते हैं] 

इतनी मिक्स आवाजें थी कि कुछ सही से समझ नहीं आ रहा था]

मगर उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि मुझे काफी कुछ पता चल गया]

घर से निकलने के बाद विजय के बाइक स्टार्ट करने की आवाज]

जब वो आता था तो मेरी बाइक वो ही यूज़ करता था...

विजय: आओ बेठो मेरी जान मेरी प्रेमिका की तरह

जूली: अच्छा जी, अपने भैया के सामने बोलना.. हे हे 

विजय: ओह क्या भाभी ओल्ड फैशन, दोनों और पैर करके चिपक कर बैठो ना]

जूली: हाँ हाँ मुझे पता है पर पहले कालोनी से बाहर लेकर चल फिर वैसे भी बैठ जाउंगी]
और आज कैसे यार पैर खोलकर बैठूंगी तो स्कर्ट उड़ेगी, फिर तो सब क्या क्या देखेंगे]

विजय: क्या देखेंगे हो हो ...

जूली: मारूंगी कमीने, तेरे कहने से ही मैंने कच्छी नहीं पहनी, और अब सबको दिखाना भी चाहता है]

विजय: वही तो मेरी जान देखना आज बाज़ार में आग लगने वाली है] और आप तो बस मजे लो]

जूली: हाँ हाँ मुझे पता है मजे कौन ले रहा है]

...........

.......

जूली: अच्छा अब रोक वैसे ही बैठती हूँ]

..............

विजय: बिलकुल चिपक जाओ जान, 

जूली: और कितना चिपकू, चूत में तेरे जीन्स का कपडा तक चुभ रहा है]

विजय: अह हा हा हाहाहाहा 

.................
..........................

विजय: उधर देखो भाभी, वो कैसे देख रहा है]

जूली: हट मै नहीं देखती .....देखने दे उसको जो देख रहा है]

विजय: बहुत देर से पीछे चल रहा है]

जूली: मुझे पता है मेरे चूतड़ देखकर पहले इशारा भी कर रहा था]

विजय: अच्छा कौन सा]

जूली: फ़क का और कौन सा, मै कह ही रही थी तू मुझे रुस्वा करवाएगा] 
इतनी तेज चला रहा है स्कर्ट पूरी ऊपर हो जा रही है सोच उसको कितने मजे आ रहे होंगे. थोड़ी धीरे कर न 

विजय: लो भाभी....

चटअआआताआआआअक्क्क्क्क्क्क

जूली: आआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआअ 

विजय: क्या हुआ भाभी .......

जूली: हरामी, साला तू पकड़ न उसको , मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मार कर भाग गया] उनून्न्न्नन्न पुरे लाल हो गए]

विजय: हाहाहाहा ह्हह्हाहह देखा इसलिए मैं तेज चला रहा था ..... हा हाहाहा 

जूली: अब तू हंसा तो पिटेगा]

विजय: लाओ दिखाओ भाभी मैं सेहला देता हूँ]

जूली: रहने दे तू बस अब चला....

............

.....................

जूली: चल अब यही रोक दे...

............

..............

विजय: क्या हुआ...

जूली: देख उसको कैसे घूर रहा है इसने मुझे उतरते हुए देख लिया था] जब मेरा पैर ऊपर था तो कमीना चूत में ही घुसा था]

विजय: हा हा क्या बात है भाभी तुम्हारे मुह से ऐसी बातें सुन मजा आ गया]

जूली: हाँ हाँ बहुत सुन ली मैंने तेरी अब सबसे पहले तो कच्छी खरीदकर वही पहनती हूँ] बहुत देख ली सबने अब बस]

विजय: नो भाभी, यह चीटिंग है आज तो आप ऐसे ही रहोगी, और डरती क्यों हो मैं हु न]

जूली: हाँ हाँ मुझे पता है तू कितना है आज मेरा रेप करा कर रहेगा] अगर इनके किसी दोस्त ने देख लिया न तो सब हो जाएगा]

विजय: अरे कुछ नहीं होगा भाभी देखना वो भी आपका दीवाना हो जायेगा....

जूली: हाँ हाँ तू तो बहुत कुछ जानता है चल अब 

................

........................
[/font]


[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जूली : विजय आ उस दुकान पे चल]

विजय: नहीं भाभी ये वाली ज्यादा सही है मैंने जो आपको गिफ्ट दी थीं वो यहीं से ली थीं]

जूली: अरे इसमें तो केवल लड़के ही लड़के हैं, क्या इन सबके सामने मैं ब्रा, चड्डी लूंगी]

विजय: क्या भाभी, इतनी बोल्ड तो हो आप] और अब ये दकियानूसी बातें] अरे खुद ही तो ज़िंदगी का मजा लेने की बात करती हो]

अब देखो इनके पास से लेने में आपको बेस्ट चीज़ मिलेगी, और बहुत सही रेट में, आपको मजा अलग आएगा, आज देख लेना आप

जूली: ओह, अच्छा मेरे राजा, ठीक है चल फिर मगर मेरी स्कर्ट के साथ कुछ शरारत मत करना]

विजय: अरे स्कर्ट के साथ कौन कमवख्त कुछ करना चाहता है वही सुसरी मेरे काम की चीज पर पर्दा डाले है] हा हा हा हा ....

जूली: हे हे हे हे ...ओह यहाँ तो और भी लड़कियां हैं मैं तो समझ रही थी कि यहाँ कौन आता होगा]

विजय: और वो देखो भाभी कैसे चेक भी कर रही है]

जूली: हाँ हाँ मगर जीन्स के ऊपर ना] मुझसे मत कहना चेक करने को हा हा ...

विजय: वाओ भाभी मजा आ जायेगा जब तुम चेक करोगी तो....
तुम्हारी नंगी चूत और चूतड़ देख ये सब तो..... हाए मैं मर गया...

जूली: छि .... चल अब .....

१ लड़का : क्या दिखाऊं मेडमजी 

जूली: कुछ मॉडर्न अंडरगार्मेन्ट्स

.............

जूली: हाँ वो वाला....

लड़का: मैडमजी साइज़ क्या है आपका

विजय: कैसे सेलसमैन हो यार तुम, तुम लोगों को तो देखते ही पता चल जाना चाहिए]

लड़का: वूऊऊ हाँ सहाब, ऊपर का तो देख दिया है ना ३६ c है, हैं ना मेमसाब, मगर चड्डी का तो स्कर्ट से पता नहीं चलता, हाँ मैडम स्लैक्स या जीन्स में होतीं तो मैं बता देता] वैसे भी आजकल चड्डी का तो कुछ पता ही नहीं, कई तरह की हैं, सब जगह का नाप पता हो तो बेस्ट मिल पाती है]

विजय: सब जगह मतलब...

लड़का: मतलब साहब पहले केवल हिप और कमर के नाप से ही ली जाती थी] मगर अब तो जांघो की गोलाई, कमर से नीचे तक की लम्बाई और अगर आगे वाली की सही माप पता हो तो आप अपने लिए सबसे बेस्ट चड्डी ले सकते हैं] 

विजय: आगे वाली से क्या मतलब है तुम्हारा... क्या चूत का भी नाप होता है]

लड़का: क्या सहाब आप भी... दीदी के सामने कैसा नाम बोलते हो]

विजय: अरे इसमें शर्मा क्यों रहा है तू कुछ और वोलता है क्या अब चूत को चूत ही तो कहेंगे, उसका क्या नाप होता है...

लड़का: अरे सहाब अब तो कई तरह को टोंग और स्टेप चड्डी आ गईं हैं ना... उसके लिए वोव् वोव्व् व् वो चूत का सही नाप पता हो तो ही बस्ट मिलती है...

विजय: हा हा हा हा कितना शरमा रहा है चूत कहने में, तेरा मतलब है उसकी भी लम्बाई, चौड़ाई] यार हमारी बीवी कि तो बॉट छोटी सी है... हा हा हा हा 

धपपपपपपपपपप 

विजय: उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ क्या करती हो जान सबके सामने मारती क्यों हो .....

लड़का: हा हा हा ह सहाब आप बहुत मजाकिया हो ...मजा आ गया आपसे मिलकर.... 

लड़का:वैसे मेमसाब नाप सही हो तो ब्रा, चड्डी ऐसी मिलेंगी कि उनको पहनकर ऐसा लगेगा कि वो आपके शारीर का ही एक भाग हो]

जूली: क्या बात है भैया, आपने तो बहुत अच्छी बातें बताईं] हम तो बिना कुछ सोचे जल्दी से ही ये कपडे ले लेते थे]

लड़का: यही तो मैडम जी, जो कपडा आपके अंगों से सबसे ज्यादा पास और सबसे ज्यादा समय के लिए रहता है] उसी को लेने में लापरवाही कभी नहीं करना चाहिए] वो तो बेस्ट होना चाहिए]

विजय: तुम ठीक कहते हो भाई, अब तुम अच्छे से नाप लेकर, मेरी बीवी के लिए बेस्ट ही १०-१२ सेट दो]
मैं चाहता हु मेरी बीवी बेस्ट दिखे]

जूली: भैया अभी तो माप है नहीं, हम ऐसा करते हैं कल आपके पास सही नाप लेकर आ जायेंगे]

विजय: क्या करती हो जान, अभी तो तुम्हारे पास कुछ नहीं है] कुछ सेट तो ले लो न.... और जितना अच्छा नाप ये ले सकते हैं वो तुम कैसे लोगी....

जूली: अरे समझ ना, अभी कैसे....

विजय: अरे इनके पास चेंजिंग रूम तो होगा ना.... फिर नाप ही तो लेना है और तुम हो ही, चलो अभी निपटा दो काम जल्दी, फिर पता नहीं मुझे समय मिले या नहीं....

जूली: पर ..................र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र 

विजय: कुछ नहीईइ, भैया आप नाप लेकर हमको बेस्ट ब्रा, चड्डी दे दो....

लड़का: ठीक है साहब, पर हमारे यहाँ चेंजिंग रूम तो नहीं है, हाँ इस परदे के पीछे हम लोग खाना आदि खाते हैं यहीं आ जाईये, वैसे भी हमारी शॉप पर लेडीज ही आती हैं, इसलिए कोई डर नहीं है...

विजय: ओके भाई......

लड़का: आप चलिए अन्दर मैं फीता लेकर आता हूँ...

.........

......................

जूली: तू क्या कर रहा है पगले....अब क्या इसके सामने मुझे नंगी दिखायेगा....

विजय: कुछ नहीं होगा भाभी, जरा सोचो, आपकी नंगी चूत देख उसका क्या हाल होगा] और जब उसकी उँगलियाँ आपकी चूत पर चलेंगी तो मजा आ जायगा...

जूली: तू तो पाएगा है मैं नहीं कराउंगी ये सब.... मैं जा रही हूँ ....

विजय: ओह रुको तो भाभी.... अच्छा मैं ले लूंगा नाप अब तो सही है .....

जूली: .......... हाँ वो हो सकता है .....

................

..............................
[/font]

[/size]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]ब्रा चड्डी की दूकान में विजय और जूली .....

लड़का: मेमसाब आइये आप यहाँ नाप दे दीजिये]

विजय: नॉट बेड, लाओ बेटा मुझे फीता दे दो, हमारी जान कहती है कि आप लो, तुम मुझे बता देना मैं नापकर तुमको बता दूंगा]

लड़का: जैसा आप कहें साहब]

विजय: गुड यार, तुम्हारा फीता तो बहुत सॉफ्ट है]

लड़का: हाँ साहब ये इतनी चिकनी बॉडी से लगता है ना, तो चुभना नहीं चाहिए] इसलिए रेशमी फीता ही रखते हैं] 
इसके आलावा प्लास्टिक वाला बॉडी पर खरोच के निसान बना देता है, फिर आपको तो पता है साहब, लड़कियों की बॉडी में कितने छोटे-छोटे मोड़ होते हैं, वहाँ कोई और फीता तो सही से माप दे ही नहीं पाता] इसलिए ये वाला बिलकुल सही नाप बताता है]

विजय: वो तो सही है, पर इसको कैसे नापना है]

लड़का: बताता हूँ साहब]
इसको ऐसे पकड़कर यहाँ से नापना.... और ये वाले नंबर मुझे बताना .... ये cm में हैं]

विजय: ओके अब बताओ चड्डी का नाप कैसे लूँ]

जूली: नईईईईई मुझे मत छूऊऊऊऊऊ, तुम बस वहाँ से बताओ और उस तरफ मुँह करके खड़े रहो] मैं तुम्हारे सामने नाप नहीं दे सकती]

लड़का: ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वूऊऊओ ठीक है मेमसाब पररररररररररर मैं तूऊऊऊऊ सो र्र्र्र्र इइइइइइइ 

विजय: यार मेरी बीवी बहुत शर्मीली है हा हा हाहा चल तू मुझे बता मैं तुझे सही नाप बता देता हूँ.......

लड़का: साहब पहले कमर का सही नाप बताओ, वहाँ से जहाँ चड्डी पहनते हैं] 

विजय: यार वो कहाँ से........

लड़का: साहब पहले आप मैडम के टुंडी से सुसु वाली जगह पर जो दाना होता है ना वहाँ तक का नाप बताओ]

विजय: यार ये टुंडी क्या .......

लड़का: वो पेट पर जो छेद होता है ना साहब

जूली: नाभि कहते है उसको...

लड़का: मैडम जी हम तो टुंडी ही कहते हैं]

विजय : हा हा हाहाहाहा मजा आ गया यार टुंडी... और ये क्या सुसु सुसु लगा रखी है] यहाँ कोई टॉयलेट 
कर रहा है क्या, दोस्त बिना शरमाये चूत बोलो] हमारी जान चूत ही समझती है ........

जूली: विज्जजजजजजजाआआअययययययय कम बोलो ...........

विजय: ओके मेरी प्यारी जानेमन, अच्छा अब जरा स्कर्ट को उठाकर ठीक से पकड़ो, पेट से भी ऊपर तक, हाहा तुम्हारी टुंडी दिखनी चाहिए]

हाँ अब ठीक है .........

.................

विजय: मास्टरजी ये रही टुंडी, यहाँ से पकड़ा और ये रहा चूत का दाना, तम्हारा मतलब भग्नासा से ही है न 

लड़का: हाँ साहब आप जो कहते हों....वही जो मक्के की दाने की तरह ऊपर को उठा होता है....

विजय: यार ये तो नंबर १७ और १८ के बीच आ रहा है 

लड़का: ठीक है साहब साढ़े १७ CM है, साहब अब आप टुंडी से ३ इंच, ४ इंच और ५ इंच पर कमर का नाप ले लीजिये......

विजय: क्या बकवास है यार इतने सारे क्यूँ.....

लड़का: साहब अलग अलग हाइट की चड्डी आती हैं] मैडम जी टुंडी से जितना नीचे पहनना चाहेंगी,मैं वैसी ही सेट करा दूंगा....

विजय: ओह ये तो बहुत टफ है यार... ये टुंडी से ३ इंच, और अब इसके चारों और घूमकर कमर का नाप...

लड़का: साहब पीछे का ध्यान रखना, फीता चूतड़ पर ऊपर नीचे न हो, फीता सीधा करके कसकर पकडना]
कमर के चारों ओर कहीं से भी इधर उधर ना हो वरना सही नाप नहीं आएगा.....

विजय: ओह ....ये तो बहुत मुस्किल है, मैं सब ओर कैसे देखूं] यार तुम खुद ही देखकर बताओ....

जूली: नहीं ये नहीं होगा, मैं नहीं देती नाप... तुम पागल हो क्या.... मैंने कुछ पहना भी नहीं है]

विजय: अरे यार स्कर्ट तो पकड़ो.... फीता हिल जायेगा ... यार क्या फर्क पड़ता है ... ये तो रोज सभी लड़कियों का ऐसे ही नाप लेते होंगे ना....

लड़का: हाँ साहब, पाता नहीं मैडम जी क्यूँ शरमा रहीं हैं]

विजय: जानू प्लीज स्कर्ट ऊपर उठाओ] नाप तो मैं ही लूंगा] पर ये सिर्फ बतायेगा...
अच्छा ऐसा करो तुम अपनी आँखे बंद कर लो ये सिर्फ बतायेगा]

जूली: नहीईईईइ बिलकुल नहीं मैं इसके सामने नंगी नहीं होउंगी]

विजय: अरे मेरी जान, नंगी कौन कर रहा है ये सब तो तुम्हारे अच्छे फिटिंग वाले कपड़ो के लिए ही है, मेरी अच्छी जानेमन बस २ मिनट की बात है और मैं खुद ले रहा हूँ ना.........

जूली: नैइइइइइइइइइइइइइइइइ 

विजय: प्लीज जान बस ऐसे ही, मेरी प्यारी जानेमन हाँ बस कुछ ही देर.........हाँ ऐसे पकड़ो बस स्स्स्स्स 
हाँ भैया ....... देखना नहीं इधर बस बताओ अब कैसे लेना है नाप .......देखो और बाताओ ठीक है ना फीता ....... 

लड़का: हाँ साहब बस यहाँ से कसकर ये हो गया, अब देखिये कितना आया.....ये इंच में देखना ,.....

विजय: हाँ ये यहाँ तो पूरा २६ आ रहा है.......

लड़का: हाँ साहब बहुत अच्छा नाप है मैडम जी का...

विजय: अब अगला ४ इंच पर ना ....... 

लड़का: हाँ साहब.....

विजय: देखो ठीक है........

लड़का: हाँ साहब, और कसकर.....

विजय: कोई ज्यादा अंतर नहीं साढ़े २६ होगा]

लड़का: नहीं साहब ये २७ ही आएगा] फीता कुछ ज्यादा कस गया है....

विजय: ओके 

लड़का: अब ५ इंच का और ले लीजिये साहब.....

विजय: अरे हाँ ये साढ़े 30 या 31 आएगा, है ना] ये तो बहुत अंतर आ गया]

लड़का: हाँ साहब आजकल लड़कियां कमर से नीचे वाली जीन्स पहनती हैं, तो उनको चड्डी भी इतनी नीचे वाली चाहिए होती है] इसमें चूतड़ के उठान आ जाते हैं जिससे नाप में अंतर आ जाता है]

विजय: पर इसमें तो पीछे से चूतड़ की दरार भी दिखती होगी यार...

लड़का: क्या साहब आप भी, यही तो फैसन है आजकल....

विजय ओके 

..........

..............

अब क्या.......

लड़का: साहब मैडम जी को टोंग भी अच्छा लगेगा...

जूली: हाँ जानू, टोंग तो मुझे चाहिए....

लड़का: साहब मैडमजी के चूत का नाप बता दीजिये...
हम बिलकुल उसी नाप के कपडे का टोंग बनवा देंगे...

जूली: क्याआआआआ 

विजय: वो कैसे यार, यहाँ आ बता.....

लड़का: साहब ये यहाँ से यहाँ तक.......

जूली: स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 

लड़का: सो र्र्र्र्र्र ईईईईईईईई मेमसाहब, हाँ बस यही 

विजय: वाह यार तुम्हारा काम तो बहुत मजेदार है]

लड़का: क्या साहब .... बहुत महनत का काम है ...

विजय: वो तो है यार देख मेरे कैसे पसीने छूट गए...
और तेरे भी जाने कहाँ कहाँ से, सब जगह से गीला हो गया तू तो ......

जूली: बस अब तो हो गया ना 

विजय: हाँ जानेमन हो गया,, अब स्कर्ट तो नीचे कर लो, क्या ऐसे ही ऊपर पकडे खड़े रहोगी... हा हा 

लड़का: हा हा क्या साहब 

जूली: उउउउउऊऊऊनन्न्नन मारूंगी मैं अब तुमको ..

चलें अब ..........
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[font=verdana, geneva, lucida,]विजय: अभी कहाँ जान, क्या ब्रा नहीं लेनी]

लड़का: हाँ मैडमजी, मम्मो का तो सही नाप आपको बहुत सेक्सी दिखाता है]

जूली: अब क्या यहाँ इसके सामने खुले में पूरी नंगी हूँ मैं]

विजय: अरे क्या जान बस ऊपर से स्कर्ट नीचे कर लो, ऐसे, ठीक है मास्टरजी इतने मम्मो से काम चल जायेगा ना]

लड़का: हाँ साहब, पहले मम्मो के ऊपर और नीचे वाले हिस्से से कमर का नाप लीजिये]

विजय: ओह जान, कितना हिल रहे हैं तुम्हारे मम्मे]

लड़का: नहीं साहब ये तो पूरा फीता हिल गया]

विजय: यार तू ले ये नाप, मैं इन मम्मो को पकड़ कर रखता हूँ]

जूली: ओह नहीं विजय, ये तुम क्या कह रहे हो]

विजय: कुछ नहीं जान मैं हूँ न, मैं अपना हाथ रखे रहूँगा, वो केवल फीता पकड़ेगा]

लड़का: हाँ साहब, बस ये ऐसे इतना ही ,,,,

,,,ये यहाँ ३२ और 

................

.....यहाँ ३० ...........वाओ बहुत सेक्सी नाप है मैडमजी आपका....

साहब जरा हाथ हटाइये ....अब ये ऊपर से बस यहाँ से .............

विजय: यहाँ से

जूली: ऊऊऊऊउईईईईईईईई क्या करते हो .....

विजय: ओह सॉरी डिअर

लड़का: वाओ साहब ऊंचाई ३७ .... बहुत मस्त है ...
मैडम जी आप देखना अब ये वाली ब्रा पहनकर आपकी सभी कपडे कितने मस्त दिखेंगे.....आप पूरी हिरोइन दिखोगी.....

विजय: चल वे चल मेरी जान तो हमेसा से ही हिरोइन को भी मात देती है .....

जूली:अच्छा ठीक है अब हो गया....

लड़का: बस मैडमजी इन दोनों कि गोलाई का नाप और ले लूँ]

जूली: वो क्यों]

लड़का: अरे मैडम जी दोनों का नाप अलग-अलग होता है फिर देखना आपको कितना आराम मिलेगा]

विजय: अरे यार ये सही ही तो कह रहा होगा, कौन सा तुम्हारे मम्मो को खा जायेगा]

जूली: धत्त्त्त जल्दी करो अच्छा....

लड़का: साहब जरा यहाँ से पकड़ लीजिये... बस देखा आपने साहब पुरे १ इंच का अंतर है] किसी किसी का तो ३-४ इंच तक का होता है

जूली: अब तो ऊपर कर लूँ कपडे,,,हो गया ना 

विजय: तुम्हारी मर्जी जान, वैसे ऐसे ही बहुत गजब ढा रही हो] चाहो तो ऐसे ही चलें घर....

जूली: हो हो .... बड़े आये.... तुम तो घर चलो फिर बताती हूँ....

लड़का: हाहाहा क्या साहब आप भी बहुत मजाकिया हो....

मेमसाब आपकी निप्पल बहुत सेक्सी हैं...मैं आपको नोक वाले ब्रा दिखाऊंगा....आप वही पहनना...देखा कितनी मस्त दिखोगी...

जूली: हाँ, मैंने देखी थीं वो एक अपनी दोस्त के पास... मैं तो उस जैसी ही चाहती थी, अच्छा हुआ तुमने याद दिल दिया.... चलो अब जल्दी से दो .....

लड़का: मैडम जी ये वाली तो मैं तैयार करवा दूंगा... २-३ दिन लगेंगे... 

जूली: तो अभी मैं क्या लुंगी....

विजय: तब तक जान ऐसे ही घूमो, किसे पता चलता है कि तुमने चड्डी नहीं पहनी]

जूली: मारूंगी अब मैं तुमको.....

लड़का: हाहा साहब मुझे पता है.....साहब एक बात बताऊँ....हमारे पहनने या न पहनने से किसी को फर्क नहीं पड़ता, पर लड़की का सबको पता चल जाता है, क्युकि सब घूर घूर कर वहीँ देखते हैं...

जूली: हाँ तो अब मैं क्या लूँ,

लड़का: मैडमजी जो पहले आपने देखे थे उसी में से पसंद कर लीजिये]

जूली: ठीक है...

विजय: ये और ये ले लो.....

जूली: ओके भैया ये वाले दे दो .....

..........
..........

ओके फिर चलते हैं......

मैं ३-४ दिन बाद आउंगी.....

............
.............. 
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]विजय: ओह भाभी फिर भूल गई वैसे ही बैठो न...

जूली:हाँ हाँ, मगर सब इधर ही देख रहे हैं, कितनी भीड़ है यहाँ....

........

विजय: तो क्या हुआ?

............

.....

कोई दूर से आवाज आ रही थी .....जैसे कोई पीछे से बोल रहा हो ....

अननोन:..... ओययययीईईए बो देख उसने कच्छी नहीं पहनी....

कोई दूसरा:......क्याआआआ 

अननोन:... हाँ यार मैंने उसकी फ़ुद्दी देखी पूरी नंगी थी यार......... 

चल पीछा करते हैं.........

जूली:.......देखा मना कर रही थी ना.... क्या कह रहा वो..........

विजय: हा हा हाहाहाहा मजा आया या नहीं... आपने सुना नहीं..... कह रहा था कि "मैंने उसकी फ़ुद्दी देखी" हा हा हाहाहा

जूली: तू आज सबको मेरी चूत दिखा दिखा कर ही खुश होते रहना.... पागल... सरफिरा....

विजय: भाभी वो पीछे आ रहे हैं.... जरा कास कर पकड़ लो, मैं बाइक तेज भागने वाला हूँ....

जूली: माए गॉड, तू मरवा देगा आज.... जल्दी चला...

विजय: अरे कुछ नहीं होगा भाभी... बस कसकर चिपक जाओ...

जूली: देख कितना चिल्ला रहे हैं वो....

विजय: भाभी अपनी स्कर्ट पकड़ो... वो गांड...गांड..क्या मस्त गांड है करके चिल्ला रहे हैं...

जूली: अब तुझे पकड़ू या स्कर्ट, तू तो भगा जल्दी और इन सबसे पीछा छुड़वा.... 

विजय: ओके भाभी ......ये लोऊऊऊओ 

आआआआआआआआ

.............

.........

विजय: अब तो ठीक है ना भाभी, जरा देखो पीछे, अब तो नहीं आ रहे...........

जूली: हाँ अब तो कोई नहीं दिख रहा...... थैंक्स गॉड..
आज तो बच गई...

विजय: हा हा क्या भाभी, आप या गांड....

जूली: हाँ हाँ तुझे तो बहुत मस्ती सूझ रही है ना... ही ही वैसे दोनों ही बच गई... कितना चिल्ला रहे थे वो, ना जाने क्या हाल करते....

विजय: यहाँ पर आप गलत हो भाभी, आप तो बच गई परन्तु गांड नहीं बचेगी...देखो मेरे लण्ड का क्या हांल है....

जूली: माई गॉड, ये तो जनाब पुरे तनतना रहे हैं...

विजय: हाँ भाभी प्लीज, जरा चैन खोलकर सहला दो न... अंदर दम घुट रहा है वेचारे का....

जूली: इस चलती रोड पर....

विजय: तो क्या हुआ भाभी... टी-शर्ट तो है न ऊपर...

जूली: वाओ... ये तो कुछ ज्यादा ही बड़े और गर्म हो गए हैं.....

विजय: आःआआ हा ह्ह्ह्हह्ह कितना नरम हाथ है आपका..... मजा आ गया.....भाभी इसे अपनी गांड माई ले लो न....

जूली: तो घर तो चल पागल... क्या यही डालेगा...

विजय: काश भाभी आप आगे आकर दोनों पैर इधर-उधर कर मेरी गोदी में बैठ जाओ और मैं तुमको चोदता हुआ बाइक चलाऊं.... आःआआ ह्ह्हह्ह्ह्ह 

जूली: अच्छा अच्छा अब न तो सपना देख और ना दिखा... जल्दी से घर चल मुझे बहुत तेज सुसु आ रही है....

विजय: वाओ भाभी ... क्या कह रही ही... आज तो आपको खुले में मुत्ती करवाएंगे...

जूली: फिर सनक गया तू... मैं यहाँ कहीं नहीं करने वाली.... 

विजय: अरे रुको तो भाभी, मुझे एक जगह पता है... वहाँ कोई नहीं होता ... आप चिंता मत करो...

जूली: तू तो मुझे आज मरवा कर रहेगा.. सुवह से न जाने कितनो के सामने मुझे नंगा दिखा दिया... और तीन अनजाने मर्दो ने मेरे अंगो को भी छू लिया...

विजय: क्या ...किस किस ने क्या क्या छुआ...झूट मत वोलो भाभी...

जूली: अच्छा बच्चू ..... मैं कभी झूट नहीं वोलती...
सुवह उस कूरियर वाले ने मेरी चूची को नहीं सहलाया.. और फिर रास्ते में उस कमीने ने कितनी कसकर मेरे चूतड़ों पर मारा..अभी तक लाल है...फिर तूने उस दुकानदार लड़के से .... सैतान कितनी देर तक मेरे सभी अंगों को छूता रहा... उसने तो मेरी चूत को सहलाया था ...देख़ा था ना तूने...

विजय:.... हाँ भाभी सच बताओ मजा आया था ना...

जूली: अगर अच्छा नहीं लगता..तो हाथ भी नहीं लगाने देती उसको ... हाआीाा उस सबको सोचकर अभी भी रोमांच आ रहा है ....

विजय: ओके भाभी ठीक है ....चलो उतरो.. वो जो पार्क है ना वहाँ इस दोपहर में कोई अहि होता, आओ वहीँ झाड़ियों में मुत्ती करते हैं दोनों...

जूली: पागल है, अगर किसी ने देख लिया तो...

विजय: तो क्या हुआ गिनती में १ और बड़ा देना...
हा हा 

जूली: अरे तू अपना ये तो अंदर कर ले....

विजय: अरे चलो न भाभी यहाँ कौन देख रहा है, फिर मूतने के लिए अभी बाहर निकालना ही है...

............

.......................
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