मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - Page 3 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

[font=verdana, geneva, lucida,]मैं बिना पलक झपकाये उधर देख रहा था ...

वो लड़का जमील कैसे शवाना के साथ मस्ती कर रहा था .........

कुछ लड़कियां कपड़ों में बेइंतहा खूबसूरत लगती हैं मगर वो अपने अंदर के अंगों का ध्यान नहीं रखती ...इसलिए कपड़ों के बिना उनमे वो रस नहीं आता ...

मगर कुछ देखने में तो साधारण ही होती हैं, पर कच्छी निकालते ही उनकी गांड और चूत देखते ही लण्ड पानी छोड़ देता है ...

शवाना कुछ वैसी ही थी ..... उसके गांड और चूत में एक अलग ही कशिश थी ...जो उसको खास बना रही थी .....

जमील ने लण्ड चूसती शवाना का हाथ पकड़ ऊपर उठाया और उसको घुमाकर मेज की ओर झुका दिया ...

उसने अपने दोनों हाथ से मेज को पकड़ लिया ... और खुद को तैयार करने लगी ...

उसको पता था कि आगे क्या होने वाला है ....

जमील मेरी बीवी के साथ तो बहुत प्यार से पेश आ रहा था ...
मगर शवाना के साथ जालिमो की तरह व्यबहार कर रहा था ....

वो उन मर्दों में था कि जब तक चूत नहीं मिलती तब तक उसको प्यार से सहलाते हैं ...

और जब एक बार उस चूत में लण्ड चला जाये ..तो फिर बेदर्दी पर उतर आते हैं ...

वो शवाना को पहले कई बार चोद चुका था ...जो कि साफ़ पता चल रहा था ...इसलिए उस बेचारी के साथ जालिमो जैसा व्यवहार कर रहा था ....

शवाना मेज पर झुककर खड़ी थी... उसकी कुर्ती तो पहले ही बहुत ऊपर खिसक गई थी ....

और पजामी भी चूतड़ से काफी नीचे आ गई थी ...

जमील ने अपने बाएं हाथ की सभी उँगलियाँ एक साथ पजामी में फंसाई और एक झटके से उसको ....शवाना के विशाल चूतड़ों से खींच दिया ....

शवाना: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ 

उसकी टाइट पजामी एक ही बार में उसकी जांघों से भी नीचे आ गई ....

और शवाना के विशाल चूतड़ ...पूरी गोलाई लिए मेरे सामने थे ....

क्युकि जब उसकी इतनी टाइट पजामी ने बिलकुल साथ नहीं दिया ...जो इतना नीचे सरक ..

तो शवाना की कच्छी क्या साथ देती वो तो पहले ही अपनी अंतिम साँसे गिन रही थी ... वो भी पजामी के साथ ही नीचे आ गई ....

मैं शवाना के विशाल चूतड़ों का दृश्य ज्यादा देर नहीं देख पाया ....

क्युकि उस कमीन जमील ने अपना लण्ड पीछे से शवाना के चूतड़ों से चिपका उसको ढक दिया ..

शवाना: अहा ह्ह्ह्ह नहीं सर व्ववूो नहीं करो .....

जमील: क्यों तुझे अब क्या हुआ .... साली उसको भी भगा दिया और खुद भी नखरे कर रही है ..

शवाना लगातार अपनी कमर हिला जमील के खतरनाक लण्ड को अपने चूतड़ों से हटा रही थी ..

शवाना: नहीं सर बहुत दर्द हो रहा है ...आज सुबह ही अंकल ने मेरी गांड को सुजा दिया है .... बहुत चीस उठ रही है ...

आप आगे से कर लो नहीं तो मैं मर जाउंगी ...

जमील अब थोड़ा रहम दिल भी दिखा ...वो नीचे बैठकर उसके चूतड़ों को दोनों हाथ से पकड़ खोलकर देखता है ...

वाओ मेरा दिल कब से ये देखने का कर रहा था ...

शवाना के विशाल चूतड़ इस कदर गोलाई लिए और आपस में चिपके थे ....की उसके झुककर खड़े होने पर भी ....गांड या चूत का छेद नहीं दिख रहा था ...

मगर जमील के द्वारा दोनों भाग चीरने से अब उसके दोनों छेद दिखने लगे...

गांड का छेद तो पूरा लाल और काफी कटा कटा सा दिख रहा था ...

मगर पीछे से झांकती चूत बहुत खूबसूरत दिख रही थी ...

जमील ने वहां रखी क्रीम अपने हाथ में ली और उसके गांड के छेद पर बड़े प्यार से लगाई ....

जमील: ये साला अब्बु भी न .... तुस्से मना किया है ना कि मत जाया कर सुबह सुबह उसके पास 

उसके लिए तो रेश्मा और परवीन ही सही हैं, झेल तो लेती हैं उसका आराम से .... 

फरबा लेगी तू किसी दिन उससे अपनी ....

और उसने कुछ क्रीम उसकी चूत के छेद पर भी लगाई ...

मैंने सोचा कि ये साले दोनों बाप बेटे कितनी चूतों के साथ मजे ले रहे हैं ....

फिर जमील ने खड़े हो पीछे से ही अपना लण्ड शवाना कि चूत में फंसा दिया ...

शवाना: आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआ इइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ 

वो तो दुकान में चल रहे तेज म्यूजिक कि वजह से उसकी चीख किसी ने नहीं सुनी ....

वाकई जमील के लण्ड का सुपाड़ा था ही ऐसा ... जो मैंने सोचा था वही हुआ....

उस बेचारी शवाना कि कोमल चूत कि चीख निकल गई ....

लेकिन एक खास बात यह भी थी कि अब लण्ड आराम से अंदर जा रहा था ...

मतलब केवल पहली चोट के बाद वो चूत को फिर मजे ही देता था ....

मैं ना जाने क्यों ये सोच रहा था कि ये लण्ड जूली की चूत में जा रहा है और वो चिल्ला रही है ...

अब वहां जमील अपनी कमर हिला हिला कर शवाना को चोद रहा था ....

और वहां दोनों की आहें गूंज रही थीं ...

मेरा लण्ड भी बेकाबू हो गया था ... और अब मुझे वहां रुकना भारी लगने लगा ...

मैं चुपचाप वहां से वाहर निकला ...और बिना किसी से मिले दुकान से वाहर आ गया ...

........................... 
[/font]
[font=verdana, geneva, lucida,]दूकान से बाहर आते समय मुझे वो लड़की फिर मिली जो मुझे ब्रा चड्डी खरीदने के लिए कह रही थी ....

ना जाने क्यों वो एक टेरी मुस्कान लिए मुझे देख रही थी ......

मैंने भी उसको एक स्माइल दी .... और दूकान से बाहर निकल आया ....

पहले चारों ओर देखा ... फिर साबधानी से अपनी कार तक पहुंचा .... और ऑफिस आ गया ....

मन बहुत रोमांचित था ... मगर काम में नहीं लगा ..

फिर अमित को फोन किया ...उसको आज रात मेरे यहाँ डिनर पर आना था ....

उसने कहा की वो ९ बजे तक पहुंचेगा ...साथ में नीलू भी होगी ....

ये सोचकर मेरे दिल में गुदगुदी हुई .... पता नहीं आज सेक्सी क्या पहनकर आएगी ...

फिर जूली के बारे में सोचने लगा कि ना जाने आज क्या पहनेगी और कैसे पेश आएगी ...

जल्दी जल्दी कुछ काम निपटाकर 6 बजे तक ही घर पहुँच गया ....

जूली ने दरवाजा खोला .... 

लगता है वो शाम के लिए तैयारी में ही लगी थी ... और तैयार होने जा रही थी .... 

उसके गोरे बदन पर केवल एक नीला तौलिया था .... जो उसने अपनी चूचियों से बांध रखा था ....

जैसे अमूमन लड़कियां नहाने के बाद बांधती हैं .... पर जूली अभी बिना नहाये लग रही थी ....

उसके बाल बिखरे थे .... और चेहरे पर भी पसीने के निसान थे .... 

लगता था कि वो बाथरूम में नहाने गई थी ...और मेरी घंटी की आवाज सुन ऐसे ही दरवाजा खोलने आ गई ....

उसकी टॉवल कुछ लम्बी थी तो घुटनो से करीब ६ इंच ऊपर तक तो आती ही थी .. इसलिए जूली की गदराई जांघों का कुछ भाग ही दिखता था ...

मैंने जूली को अपनी बाँहों में भर लिया ...

उसने प्यार से मेरे गाल पर चूमा और कहा अंदर तिवारी भाभी हैं ....

वो रात वाले अंकल याद हैं ना .... उनकी बीवी हम दोनों ही उनको भाभी ही कहते थे ...

अंकल तो ६५ के करीब थे मगर ये उनकी दूसरी शादी थी तो भाभी केवल ४० के आसपास ही थी .....

उन्होंने खुद को बहुत मेन्टेन कर रखा है ... कुछ मोटी तो हैं ....पर ५ फुट ४ इंच लम्बी ,रंग साफ़ , ३७ २८ ३५ की फिगर उनको पूरी कॉलोनी में एक सेक्सी महिला की लाइन में रखती थी...

मैंने जूली से इसारे से ही पूछा कहाँ ....???

उसने हमरे बैडरूम की ओर इशारा किया ... 

मैं: और तुम क्या तैयार हो रही हो ...ये टॉवल फकर ही क्यों घूम रही हो ..

जूली: अरे मैं काम निपटाकर नहाने गई थी ... कि तभी ये आ गई ... इसीलिए ...

मैं: और अभी ...मेरी जगह कोई और होता तो ....

जूली: तो क्या .... यहाँ कौन आता है .... ??

तभी अंदर से ही भाभी कि आवाज आती है ...

भाभी: अरे कौन है जूली ... क्या ये हैं ...(वो तिवारी अंकल को समझ रही थी)

तभी वो बैडरूम के दरवाजे से दिखीं....

माय गॉड क़यामत लग रही थी ....

उन्होंने जूली का जोगिंग वाला नेकर और एक पीली कुर्ती पहनी थी जो उनके पेट तक ही थी ....

नेकर इतना टाइट था कि उनकी फूली हुई चूत का उभार ही नहीं वल्कि चूत कि पूरी शेप ही साफ़ दिख रही थी ...

मेरी नजर तो वहां से हटी ही नहीं ...ऐसा लग रहा था जैसे डबल रोटी को चूत का आकार दे वहां लगा दिया हो ....

भाभी कि नजर जैसे ही मुझ पर पड़ी ...

भाभी: हाय राम कह पीछे को हो गई ...

जूली: (बैडरूम में जाते हुए)...अरे भाभी ये हैं ... आज थोड़ा जल्दी आ गए ...

मैंने बताया था न कि आज इनके दोस्त डिनर पर आने वाले हैं ....

मैं भी बिना शरमाये बैडरूम में चला आया ...जहाँ भाभी सिकुरी सिमटी खड़ी थीं ... 

मैं: अरे भाभी शरमा क्यों रही हो .... इतनी मस्त तो लग रही हो ...

आपको तो ऐसे कपडे पहनकर ही रहना चाहिए ...

भाभी: हाँ हाँ ठीक है ..पर इस समय तुम बाहर जाओ न मैं जरा अपने कपडे बदल लूँ ...

जूली: हा हा हा क्या भाभी, आप इनसे क्यों शरमा रही हो ....

(मेरे से कहती है ...)

जानू आज भाभी का मूड भी सेक्सी कपडे पहनने का कर रहा था .....

भाभी : चल पागल .... मेरा कहाँ ...वो तो ये एए ...

जूली: हाँ हाँ अंकल ने ही कहा ...पर है तो आपका भी मन ना ...

भाभी कुछ ज्यादा ही शरमा रही थीं ...और अपनी दोनों टांगो की कैची बना अपनी चूत के उभार को छुपाने की नाकामयाब कोशिश में लगीं थीं ...

जूली: जानू आज भाभी मेरे कपडे पहन पहनकर देख रही है ... कह रही थीं की कल से अंकल ज़िद्द कर रहे हैं की ये क्या बुड्ढों वाले कपडे पहनती हो .... जूली जैसे फैशन वाले कपडे पहना करो ... हा हा हा ...

मैं: तो सही ही तो कहते हैं ..हमारी भाभी है ही इतनी सेक्सी और देखो इन कपड़ों में तो तुमसे भी ज्यादा सेक्सी लग रही हैं ...

जूली: हा ह हा ह कहीं तुम्हारा दिल तो खराब नहीं हो रहा ...

भाभी: तुम दोनों पागल हो गए हो क्या? चलो अब जाओ मुझे चेंज करने दो .... 

मैं: ओह भाभी कतना शरमाती हो आप ... ऐसा करो आज इन्ही कपड़ों में अंकल के सामने जाओ ..
देखना वो कितने खुश हो जायेंगे ...

जूली: हाँ भाभी ... अंकल की भी मर्जी यही तो है .. तो आज ये ही सही ....

पता नहीं उन्होंने क्या सोचा .... और एक कातिल मुस्कुराहट के साथ कहा ... तुम दोनों ऐसी हरकतें कर मेरा हाल बुरा करवाओगे ....

भाभी: अच्छा ठीक है मैं चलती हूँ तुम दोनों मजे करो ...और हाँ .....खिड़की बंद कर लेना .. ही ही 

मैं चोंक गया ....

जूली दरवाजा बंद करके आ गई ...

मैं: ये भाभी क्या कह रही थीं... खिड़की मतलब ...क्या कल ये भी थीं ...इन्होने भी कुछ देखा क्या ...

जूली: अरे नहीं जानू ...हा हा हा आज तो बहुत खुश थी ... कल अंकल ने जमकर इनको .....

मैं: क्या ....?? ये सच है ..इन्होने खुद तुमको बताया ...

जूली: और नहीं तो क्या .... पहले तो शिकायत कर रही थी ... फिर तो बहुत खुश होकर बता रही थी..

कि कल कई महीने के बाद इन्होने मजे किये ...जानू तुम्हारी सैतानी से इनके जीवन में भी रंग भर गया ...

जूली: अच्छा आप चेंज करो मैं बस जरा देर में नहाकर आती हूँ .... अभी बहुत काम करने हैं ...

.........
......

मैंने देखा बेड पर जूली के काफी कपडे फैले पड़े थे....एक कोने में एक सूट (सलवार, कुरता) भी रखा था ....

वो जूली का तो नहीं था ...वो जरूर भाभी का ही था ..

मैंने उस सूट को उठा देखने लगा ... तभी कुछ नीचे गिरा ...

अरे ये तो एक जोड़ी ब्रा, चड्डी थे .... सफ़ेद ब्रा और सफ़ेद ही चड्डी ...दोनों सिंपल बनाबट के थे ...

चड्डी तो उन्होंने पहनी ही नहीं थी ये तो उनकी चूत के उभार से ही पता चल गया था ...
पर अब इसका मतलब भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी..
.....

मैंने दोनों को उठा एक बार अपने हाथ से सहलाया ... और वैसे ही रख दिया ....

और भाभी के चूत और चूची के बारे में सोचने लगा ...

तभी मुझे अपने रिकॉर्डर का ध्यान आया ... जूली तो बाथरूम में थी ...

मैंने जल्दी से उसके पर्स से रिकॉर्डर निकाल उसको अपने फोन से जोड़ लिया ...

और सुनते हुए ... अपना काम करने लगा ...

.............

.......................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]मैं बाथरूम में जाकर नहाने की तैयारी कर ही रहा था कि मुझे घंटी की आवाज सुनाई दी ...

ट्रीन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न ट्रीन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न 

मैं सोचने लगा कि अभी कौन आ गया ...अमित तो रात को आने वाला था .....

तभी मेरे दिमाग में आया ..कि जूली तो सिर्फ टॉवल में ही थी .... वो कैसे दरवाजा खोलेगी ....

ट्रीन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न ट्रीन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न

एक बार फिर से घंटी बजी ....

इसका मतलब जूली कपडे पहन रही होगी .... इसीलिए कोई बेचारा इन्तजार कर रहा होगा ....

मगर अचानक मुझे दरवाजा खुलने की आवाज भी आ गई ...

इतनी जल्दी तो जूली कपडे नहीं पहन सकती ... उसने शायद गाउन डालकर ही दरवाजा खोल दिया होगा ...

मैं खुद को रोक नहीं पाया .... फिर से रोसनदान पर चढ़कर देखने लगा कि आखिर क्या पहनकर उसने दरवाजा खोला ...

और है कौन आने वाला ...??????????

और मैं चोंक गया .... जूली अभी भी टॉवल में ही थी ..

उसने वैसे ही दरवाजा खोला था ...

और आने वाले तिवारी अंकल थे .... उनके हाथ में जूली के कपडे थे जो भाभी पहनकर गई थी ..,

जूली: ओह आप अंकल .... क्या हुआ ????

अंकल: बेटा लो ये तेरे कपडे ....

जूली: अरे इतनी क्या जल्दी थी .... आ जाते .... 
(फिर थोड़ा ब्लश करके मुस्कुराते हुए)
क्यों आपको भाभी अच्छी नहीं लगी इन कपड़ो में ...

अंकल: अरे नहीं सही ही थी .... उसमें इतना दम कहाँ ...ये कपडे तो तेरे पर ही गजब ढाते हैं ....

जूली: अरे नहीं अंकल .... भाभी भी गजब ढा रही थीं ...रवि तो बस उनको ही देख रहे थे ...

अंकल: क्या रवि आ गया .??? उसने बताया नहीं ...

जूली: अरे भूल गईं होंगी ... पर रवि उनको देख मस्त हो गए थे ...

अंकल: अच्छा तो उसने भी ...उसको इन कपड़ों में देख लिया .....

जूली: वैसे सच बताओ अंकल .... आंटी मस्त लग रही थी या नहीं ..... 

अंकल: हाँ बेटा लग तो जानमारु रही थी ... अब तू कल उसको बढ़िया ...बढ़िया सेट दिलवा देना ...

जूली: ठीक है अंकल .... आप चिंता ना करो ..मैं उनको पूरा सेक्सी बना दूंगी ...

अंकल: अच्छा अब उसके कपडे तो दे दे ... कह रही है वही पहनेगी .... अपनी कच्ची ब्रा भी यहीं छोड़कर चली गई ...

जूली: हाय तो क्या भाभी अभी नंगी ही बैठी हैं .... 

(दोनों अंदर बैडरूम में ही आ जाते हैं ...)

अंकल: हाँ बेटा ... जब मैं आया तब तो नंगी ही थी ... जल्दी दे .... कहीं और कोई आ गया तो ... हे हे हे ...

जूली: क्या अंकल आप भी .....
ये रखे हैं भाभी के कपडे ....

अंकल कपड़ों को एक हाथ से पकड़ .....बेड पर जूली के बाकी कपडे और कच्छी ब्रा देख रहे थे ,,,

अंकल: बेटा तू अपनी भाभी को कुछ बढ़िया ऐसे छोटे छोटे ...कच्छी ब्रा भी दिला देना .....

जूली: (थोड़ा शरमाते हुए) ओह क्या अंकल ... आप भी ना .... मेरे ना देख ,

भाभी के कच्छी ब्रा लो और जाइये ... वो वहां नंगी बैठी इन्तजार कर रही होंगी ...

हा हा हा ...

तभी मेरे देखते- देखते अंकल ने तुरंत बो कर दिया जिसकी कल्पना भी नहीं की थी ....

अंकल
frown.gif
 जूली के टॉवल को पकड़) दिखा तूने कौन से पहने हैं इस समय ....

टॉवल शायद बहुत ढीला सा ही बंधा था .... जो तुरंत खुल गया ....

और मेरी आँखे खुली की खुली रह गईं ....

बैडरूम की सफेद चमकती रौशनी में जूली पूरी नंगी .. एक ६५ साल के आदमी के सामने पूरी नंगी खड़ी थी ...

और वो भी तब जब उसका पति यानि कि मैं ...घर पर .. बाथरूम में था ....

जूली: (बुरी तरह हड़बड़ाते हुए) नहीईईईईईईई अंकल ... क्या कर रहे हो ..... मैंने अभी कुछ नहीं पहना ...

और उनके हाथ से चरण टॉवल खीच .. अपने को आगे से ढकने कि कोशिश कर रही थी ....

अंकल: ओह सॉरी बेटा ... हा हा हा .... मुझे नहीं पता था ....

पर कमाल लग रही हो .....

जूली: अच्छा अब जल्दी जाओ ...रवि अंदर ही हैं ....
(उसने बाथरूम की ओर चुपके से इशारा किया ....और ना जाने क्यों बहुत फुसफुसाते हुए बात कर रही थी)

वो मजे भी लेना चाहती थी ... और अभी भी मुझसे डरती थी ... और ये सब छुपाना भी चाहती थी ...

अंकल भी जो थोड़ा खुल गए थे ...उनको भी शायद याद आ गया था कि मैं अभी घर पर ही हूँ ...

वो भी थोड़ा सा डरकर बाहर को निकल गए ...

अंकल: अरे सॉरी बेटा ....

जूली: अब क्या हुआ ????

अंकल: अरे उसी के लिए ... मैंने तुमको नंगा देख लिया ... वो वाकई मुझे नहीं पता था कि तुमने ....

जूली: अरे छोड़ो भी ना अंकल ... ऐसे कह रहे हो जैसे .. पहली बार देखा हो ...

जूली कि बातें सुन साफ़ लग रहा था ... कि वो बहुत बोल्ड लड़की थी ....

अंकल: हे हे हे ...वो क्या बेटा .... वो तो हे हे अलग बात थी .... मगर इस टाइम तो गजब ....सही में बेटा ... तू बहुत सेक्सी है ....
रवि बहुत लकी है .....

जूली
frown.gif
 फिर शरमाते हुए ...) ओह अंकल थैंक्स .... अब आप जाओ रवि आते होंगे ....

जूली ने अभी भी टॉवल बाँधा नहीं था .... केवल अपने हाथ से अगला हिस्सा धक ... अपनी बगल से पकड़ा हुआ था .....

अंकल: (फुसफुसाते हुए) बेटा एक बात कहू ...बुरा माता मानें प्लीज़ ....

जूली: अब क्या है ????????

अंकल: बेटा एक बार और हल्का सा दिखा दे ... दिल कि इच्छा पूरी हो जाएगी ....

जूली: पागल हो क्या ??? जाओ यहाँ से जाकर भाभी को देखो वो भी नंगी बैठी आपका इन्तजार कर रही हैं ....
हे हे हे हा हा हा ....

जूली के कहने से कहीं भी नहीं लग रहा था कि उसको कोई ऐतराज हुआ हो .....

अंकल : ओह प्लीज़ बेटा ....

जूली उनको धकेलते हुए ....नहीं जाओ अब ...

अंकल मायूस सा चेहरा लिए .... दरवाजे के बहार चले जाते हैं .....

अब वो मुझे नहीं दिख रहे थे .... हाँ जूली जरूर दरवाजा पकडे खड़ी थी ...जो पीछे से पूरी नंगी थी ...
उसके उभरे हुई मस्त गांड गजब ढा रही थी ...

पर अभी जूली कि शैतानी ख़त्म नहीं हुई थी ... 

उसने दरवाजा बंद करने से पहले जैसे ही हाथ उठाया ... उसका तौलिया फिर निचे गिर गया ....

जूली: थोड़ा ज़ोर से ... बाई बाई अंकल ....

माय गॉड ... वो एक बार फिर अंकल को .... 

और उस शैतान कि नानी ने अंकल को अपने नंगी बॉडी कि झलक दिखा हँसते हुए दरवाजा बंद कर लिया ...

मैं बस यही सोच रहा था .... कि ये अब रात को अमित को कितना परेसान करने वाली है ....

................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]मैं नहाकर बाहर आया .... हमेशा की तरह नंगा .... 

जूली की मस्ती को देख मुझे गुस्सा बिलकुल नहीं आ रहा था .... बल्कि एक अलग ही किस्म का रोमांच महसूस कर रहा था ....

इसका असर मेरे लण्ड पर साफ़ दिख रहा था ... ठन्डे पानी से नहाने के बाद भी लण्ड ९० डिग्री पर खड़ा था ...

जूली ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी अपने बाल सही कर रही थी ....

उसने नारंगी रंग का सिल्की गाउन पहना था ...जो फुल गाउन था .... मगर उसका गला बहुत गहरा था ..

इसमें जूली जरा भी झुकती थी तो उसकी जानलेवा चूचियों का नजारा हो जाता था ....

और अगर जूली ने अंदर ब्रा नहीं पहना हो ... जो अक्सर वो करती थी .... 

वल्कि यूँ कहो कि घर पर तो वो ब्रा कच्छी पहनती ही नहीं थी .... तो बिलकुल गलत नहीं होगा .....

जब इस गाउन में वो ब्रा नहीं पहनती थी तो ... उसकी गोल मटोल एवं सख्त चूचियाँ उसके गाउन के कपडे को पाकर नीचे कर पूरी तरह से बाहर निकलने की कोशिश करती थी ....

उसकी चूचियाँ भी जूली की तरह ही सैतान थीं ....

मुझे अब ज्ञात हो गया था... कि मेरी जान जूली के इन प्यारे अंगो को ...मेरे घर में आने वाले ही नहीं..... बल्कि बाजार में बाहर के लोग भी देख - देख आनद लेते हैं ...

हाँ मैंने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया था .... वो तो आज विजय के कारण मैं भी इस सबका भाग बन गया था ....

अब मैं जूली को ये अहसास करना चाहता था ... कि मैं भी एक आम इंसान ही हूँ .... और तरह के सेक्स में मजा लेता हूँ ....

मैं कोई दकियानूसी मर्द नहीं हूँ ..... मुझे भी जूली की हरकतें अच्छी लगती हैं .... और आनद लेता हूँ ....

जिससे वो मुझसे डरे नहीं और मुझे सब कुछ बताये .. 

मुझे यूँ सब कुछ छुपकर न देखना पड़े ... और मेरा समय भी बचे ... जिससे मेरे काम पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा ....

मैंने सर को पोंछने के बाद टॉवल वहीँ रखा और नंगा ही जूली के पीछे जाकर खड़ा हो गया ....

मैं जैसे ही थोड़ा सा आगे हुआ ... मेरा लण्ड जूली के गर्दन के निचले हिस्से को छूने लगा .... 

उसने बड़े प्यार से पीछे घूमकर मेरे लण्ड को अपने बाएं हाथ में पकड़ लिया ...

उसके सीधे हाथ में हेयर ड्रेसर था .... उसने फिर सैतानी करते हुए .... 

अपने बाएं हाथ से पूरे लण्ड को सहलाते हुए ... हेयर ड्रेसर का मुह मेरे लण्ड पर कर दिया ....

और गर्म हवा से लण्ड को और भी क्याडा गर्म करते हुए ....

जूली: क्या बात ... कल से पप्पू का आराम का मन नहीं कर रहा क्या ..??????
जब देखो खड़ा ही रहता हैं .... हा हा हा ....

जूली में यही एक ख़ास बात थी .... कि वो हर स्थिति में बहुत शांत रहती थी .... और बहुत प्यार से पेश आती थी ...

तभी अपनी जान की कोई भी बात मुझे जरा भी बुरी नहीं लगती थी .......


मैंने चौंकने की एक्टिंग करते हुए कहा .....

अरे ये क्या जान तुम्हारे कपडे वापस आ गए ... क्या हुआ ..?????

भाभी को पसंद नहीं आये क्या .....या अंकल ने पहनने को मना कर दिया ......

जूली ने मेरे लण्ड पर बहुत गर्म किस करते हुए कहा ...

जूली:हा हा अरे नहीं जानू ...ये तो अंकल ही आये थे ... वो भाभीजी के कपडे यहीं रह गए थे ...न उनको ही लेने ....

और हाँ उनको तो ये कपडे बहुत अच्छे लगे ...और मेरे से ज़िद्द कर रहे थे कि ....भाभी को कई जोड़ी ऐसे ही कपडे दिल देना .... हा हा 

मैं: अरे वाह! ये तो बहुत अच्छी बात है .... आखिर अंकल भी नए ज़माने के हो गए ....

अब मैंने जूली को छेड़ते हुए पूछा ...

मैं :. अरे कब आये ...

जूली: जैसे ही आप बाथरूम में गए थे ना तभी आ गए थे ....

उसको लगा मैं अब चुप हो जाऊँगा .... पर मेरे मन में तो पूरी सैतानी आ गई थी ....

मैं: ओह क्या बात ....तो क्या तुमने टॉवल में ही दरवाजा खोल दिया था ....फिर तो अंकल को रात वाला सीन याद आ गया होगा ... हा हा हा 

जूली: अररर्र रे वो ओऊ तो आप ये सब सोच रहे हो ... अरे मैं तो सब भूल गई थी ......
हाँ शायद मैं वैसे ही थी ....
पर उनको देख लगा नहीं कि वो ......

हाय राम वो क्या सोच रहे होंगे ...

मैं: ओह क्या यार ... तुम भी ना इस सबसे मजा लो ...
मैं तो चाहता हूँ कि उनकी लाइफ भी मजेदार हो जाए ...
तुम तो भाभी को भी अपनी तरह सेक्सी बना देना ...

अब लगता था कि जूली भी मुझसे थोड़ा मजा लेना चाहती थी ...

जूली: हाँ फिर मेरी एक चिंता और बढ़ जाएगी ...

मैं : वो क्या ...?????

जूली: (हँसते हुए ) हा हा .... कि मेरा जानू कहीं भाभी से भी तो रोमांस नहीं कर रहा ...

मैं: हा हा तो क्या हुआ जान .... कुछ मजा हम भी ले लेंगे .... तुमको कोई ऐतराज ...

जूली: अरे नहीं मुझे क्या ऐतराज होगा .... जिसमे मेरे जानू को खुशी मिले ... उसी में मेरी ख़ुशी है ...

उसने बहुत ही गर्म तरीके से मेरे लण्ड को चूमा ...

मुझे लगा कि अगर मैंने इसको नहीं रोका तो अभी मेरा लण्ड बगावत कर देगा ... और जूली को अभी ही चोदना पड़ेगा ....

मैंने उससे कहा कि चलो फिर आज अमित के सामने इतना सेक्सी दिखना कि वो अपनी नीलू को भूल जाये ......
साला हर टाइम उसकी तारीफ़ ही करता रहता है ...

चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ ...

.....
................
[/font]


[font=verdana, geneva, lucida,][size=medium]जूली भी मेरी बातों से अब मस्त हो गई थी ... उसका डर धीरे धीरे निकल रहा था ...

वो भी तैयार होते हुए ही बात कर रही थी ....

जूली: जानू बताओ ना फिर आज मैं क्या पहनू???

मैं: जान आज तुम बिना कपड़ों के ही रहो .... देखना साला अमित जलभुन मरेगा ....

जूली: (मुस्कुराते हुए) हाँ और अगर उसने कुछ कर दिया तो ...

मैं: अच्छा तो तुम क्या ऐसे भी रह लॉगी...हा हा हा ....फिर, नीलू भी होगी.....बदला लेने के लिए ....

जूली: हाँ मैं आपके मुह से यही तो सुन्ना चाहती थी ...आप तो बस अपना ही फ़ायदा देख रहे हैं न ...
आप तो बस नीलू के ही बारे में ही सोच रहे होंगे.....

(उसने अब अपना मुह फुला लिया)

मैं: अरे नहीं मेरी जान वो सब तो बस थोड़ा मजा लेने के लिए ....वरना मेरी जान जैसी तो इस पुरे जहाँ में नहीं है ...

जूली: हाँ हाँ मुझे सब पता है ... याद है जब हमारी पहली पार्टी में ....अमित भाई जी ने मेरे साथ वो सब हरकतें करी थीं तब आपने कौन सा उससे कुछ कहा था ....

मैं: अरे जान, वो उस दिन नशे में था ...वैसे वो तुम्हारी बहुत इज़्ज़त करता है ...

जूली: हाँ हाँ मुझे पता है .... सभी मर्द एक जैसे ही होते हैं ...जरा सा छूट मिली नहीं कि ...

मैं: हा हा हा हा ...अच्छा तो क्या मैं भी ऐसा ही हूँ ...

जूली: और नहीं तो क्या .... ये तो आपकी सेक्रैटरी भी जानती है ....

मैं: हाँ ....तुम तो बात कहाँ से कहाँ ले जाती हो ...
अच्छा आज ये पहन लो ..(मैंने कपड़ों की ओर देखते हुए कहा ) 

मैंने उसको एक मिडी की ओर इशारा किया .... वो रॉयल ब्लू कलर की बहुत सेक्सी ड्रेस थी ...

जूली: हाँ मैं भी यही सोच रही थी .... पर आज मैं इसके मैचिंग की कच्छी नहीं ला पाई ...और ये दूसरे रंग की बहुत खराब दिखेगी ....

मैं: अरे तो यार बिना कच्छी के पहनो ना .... मजा आ जायेगा ....

जूली: हाँ ...तुम लोगो को ही ना ... और यहाँ मैं कोई काम ही नहीं कर पाउंगी ....
बस कपडे ही सही करती रहूंगी...

दरअसल उसकी ये मिडी उसके उसके विशाल चूतड़ों को ही ढक पाती थी बस ... शायद चूतड़ों से ३-४ इंच नीचे तक ही पहुँच पाती होगी...

और जूली जरा भी हिलती डुलती थी तो अंदर की झलक मिल जाती थी ...

अगर झुककर कोई काम करती थी तब तो पूरा ..... प्रदेश ही दिखता था ...

हम अभी कपड़ों को चूज़ कर ही रहे थे कि...

एक बार फिर ....

ट्रिन न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न ट्रिन न्न्न्न्न्न्न्न्न्न 

कोई आ गया था ... जो घंटी बजा रहा था .....

मैं: अरे ये इतनी जल्दी कैसे आ गया ....

जूली: अरे नहीं जानू ...अनु होगी ...मैंने उसको आज काम करने के लिए बुला लिया था ....

अनु हमारी कॉलोनी में ही पीछे कि तरफ बनी एक गरीब बस्ती में रहती थी ...

बहुत गरीबी में उसका परिवार जी रहा था ... उसका बाप शराबी .... छोटे छोटे ... ५ भाई बहन .. माँ घरों के साफ़ सफाई और छोटे मोटे काम करती थी ...

जूली कभी कभी उसको कुछ काम करने के लिए बुला लेती थी ....

मैं पिछले काफी समय से उससे नहीं मिला था .... क्युकि अपने काम में ही बिजी रहता था ....

जूली ने दरबाजा खोला ....

अनु ही थी ... वो अंदर आ गई ....

अनु: सॉरी भाभी ... देर हो गई ... वो घर का काम भी करना था न ...

जूली: कोई बात नहीं .... अभी बहुत समय है ... तू आराम से काम कर ले ...

मैं उसको देखता रह गया .....उसकी उम्र तो पता नहीं ...पर वो लम्बी पतली .... और काफी खूबसूरत थी ...

उसको देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वो एक इतने गरीब परिवार में रहती थी ....

आज उसका रंग भी काफी साफ़ लग रहा था ...

उसने एक घुटनो तक का फ्रॉक पहन रखा था .... जो शायद आज ही धोकर पहना था . वो .साफ़ सुथरी होकर आई थी ..

उसके बाल भी सही से बने हुए थे..

जूली ने बता दिया होगा कि कोई आने वाला है ... तो बो खुद तैयार होकर आई थी ....

फ्रॉक से उसकी पतली लम्बी टांगे घुटनो के नीचे नंगी दिख रहीं थी ... जो बहुत सुन्दर लग रही थी ...

आज पहली बार मैंने उसके सीने की ओर ध्यान दिया ... तो कसे हुए फ्रॉक से साफ़ महसूस हुआ कि उसके उभार आने शुरू हो गए हैं ...

उभारो ने गोलाई में आना शुरू कर दिया था ....

जूली उसको लेकर किचन की तरफ चली गई ...

जाते जाते ... अनु ने मुझे "नमस्ते भैया" कहा ...
जिसका मैंने सर हिलाकर जवाब दिया ...

अब मैं अनु के बारे में सोचते हुए ही तैयार होने लगा ..

................
[/font]

[/size]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]अपने बैडरूम में आने के बाद भी एक मस्त अहसास मेरे को हो रहा था ....

ये अहसास केवल इसी बात का नहीं था कि...

मैंने अनु के मक्खन जैसे चूतड़ों को छुआ था या उसकी कोरी चूत को कच्छी से झांकते देखा था ...

वल्कि इस बात का था कि जूली को भी इस सबमे मजा आ रहा था ... और वो भी सहयोग कर रही थी ....

मैं ये भी सोच रहा था .... कि जैसे जब कोई दूसरा मर्द मेरी जूली के साथ मस्ती करता है ... और मुझे मजा आ रहा है ....

क्या इसी अहसास को जूली भी महसूस कर रही है ...और वो भी इसी तरह मेरी साहयता कर रही है ...

अब ये देखने वाली बात होगी कि क्या जूली मेरे सामने ही किसी गैर मर्द से चुदवाती है ...

या उससे पहले मैं जूली के सामने ..अनु या किसी और कमसिन लड़की को चोदता हूँ .....

इस सब बातों को सोचते हुए मेरा लण्ड तन कर खड़ा हो गया था ....और ख़ुशी में उसने पानी कि कुछ बूंदें भी टपका दी थीं .....

तभी जूली कमरे में आती है ...

उसके चेहरे से कोई अन्य प्रतिक्रिया नहीं दिखती ...

उसने बहुत बेबाकी से अपना गाउन उतार दिया ..

एक बार फिर मैं उसके सुन्दर शरीर को देखने लगा ... उसने कुछ नहीं पहना था .... 

अब वो बहुत मादकता के साथ अपने पूरे नंगे बदन पर कोई लोशन का लैप लगाती है ....

फिर मुझे देखते हुए ही कहती है ... 

जूली: जान तो तुमने क्या सोचा ...??? क्या पहनू फिर मैं आज ....

मैं: एक बार फिर उसकी ड्रेसेस को देखने ...परखने लगता हूँ ....

फिर वो एक जोड़ी अपनी कच्छी ..ब्रा को पहन लेती है .....

मैं: क्यों क....क्या यही सेट पहनना है ....

जूली: हाँ ... ये तो मुझे यही पहनना है ... बाकी रुको मैं बताती हूँ ....

वो एक वहुत सेक्सी ड्रेस निकाल कर लाती है ...ये उसने उसके भाई के रिसेप्शन पर पहना था ...

ये वाला ड्रेस ...



सब उसको वहां देखते रह गए थे ...हाँ रिसेप्शन पार्टी के समय तो उसने इसके नीचे पतली हाफ केप्री पहनी थी ...

परन्तु जब रात को उसने केप्री निकाल दी थी ... तब तो घर के ही लोग थे ...

मगर सभी उसी को भूखी नजरों से ताक रहे थे ... चाहे वो जूली के जीजा हों ..या उसके भाई ...और पापा ...

उस समय बिस्तर आदि लगते समय ..जूली के जरा से झुकने से ही उसकी सफ़ेद कच्छी सभी को रोमांचित कर रही थी ....

मैंने तुरंत हाँ कर दी ... और ये भी कहा कि यार इसके नीचे बस वो वाली सफ़ेद कच्छी ही पहनना ...

जूली: कौन सी ...वो वाली ...वो तो कब की फट गई..

ये वाली बुरी है क्या ??? 

उसने अभी एक सिल्की ..स्किन टाइट ... वी शेप स्काई ब्लू ...पहनी थी .... 

मैं: नहीं जान इसमें तो और भी ज्यादा सेक्सी लग रही हो ... मगर बस इसी के ऊपर यह पहनना ... वो उस दिन वाली कैप्री नहीं पहनना ....

जूली: अरे जानू फिर तो बहुत संभलकर रहना होगा ... तुम ही देखो ...फिर ..

मैं: हाँ हाँ ... मुझे पता है ... पर अमित ही तो है ,.. वो तो अपना ही है ना ... और फिर नीलू से क्या शरमाना..

जूली: ठीक है जानू .. जैसा आप कहो ....

मैंने कसकर जूली को अपने से चिपका लिया ... और कच्छी के ऊपर से उसके गोल मटोल चूतड़ों को सहलाने लगा ..

तभी अनु अंदर आती है ...

अनु: भभीईइ ....इइइइइइइ ओह 

हम दोनों अलग हो जाते हैं ..

जूली: क्या हुआ ???

अनु: वो तो हो गया भाभी ... अब क्या करू ...???

जूली: ले जरा ये लोशन .मेरे बैक , पैर और हिप पर लगा दे ...जहाँ जहाँ ...दिख रहा है ...

अनु: ये क्या है भाभी ...

जूली: ये शाइनिंग लोशन है .... और फिर तू भी तैयार हो जाना ... ये फ्रॉक उतार कर ... मैंने ये कपडे रखे हैं ... ये पहन लेना ..

मैंने देखा उसने एक सफ़ेद नेकर और टॉप था जो थोड़ा पुराना था ...मगर सूती था ...

जूली: और हाँ ये कच्छी मत पहनना .. मैं कल तुझको बढ़िया वाली दिलाउंगी .... मुझे भी जाना है कल तो तू भी वहीँ से अपने साइज की ले लेना ..

अनु: जी भाभी ..

इस बार अनु ने कुछ नहीं कहा ....वो बार बार मुझे ही देख रही थी ...

शायद किचिन वाला किस्सा उसको भी अच्छा लगा था ...

जूली उसको उठा कहती है ...

जूली: बस अब हो गया ..अब तू ये कपडे ले और तैयार हो जा ...चाहे तो नह लेना ... पसीने की नहीं आएगी ..

अनु: जी भाभी ....

अनु ड्रेस लेकर ..मुझे तिरछी नजर से देखते हुए ,,,बाथरूम में चली जाती है .... 

अनु की ड्रेस ....



इधर जूली तैयार होने लगती है ....

बाथरूम से सॉवॅर की आवाज से लग जाता है कि अनु नहा रही है ...

कुछ देर बाद ...

अनु: भाभी यहाँ तौलिया नहीं है ....

जूली: ओह! (मुझसे) जरा सुनो जानू .. अनु को तौलिया दे दो ना ..वो बालकोनी में होगा ...

मेरी तो बांछे खिल जाती हैं ... ना जाने अनु कैसी हालत में होगी ...

कच्छी पहन कर नहाईं है ..या पूरी नंगी होगी ...

उसकी पूरी नंगी ...तस्वीर लिए मैं तोलिया लेकर बाथरूम के दरवाजे पर पहुँच जाता हूँ ...
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]मैं दरवाजे से बाहर खड़ा अनु को आवाज देने की सोच ही रहा था कि ...

जूली: अनु ले टॉवल .....

जाने अनजाने जूली हर तरह से सहायता कर रही थी ... अगर मैं आवाज देता तो हो सकता था कि वो शर्म के कारण दरवाजा नहीं खोलती ...

या अपने को ढकने के बाद ही खोलती .. मगर जूली की आवाज ने उसको रिलैक्स कर दिया था ...

जैसे ही दरवाजा की चटकनी खुलने की आवाज आई ..

मैंने भी दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया ..

और दरवाजा पूरा खुल गया ....

ओह माय गॉड ... मेरे जीवन का एक और मधुरम दृश्य मेरा इन्तजार कर रहा था ....

वो पूरी नंगी थी .... उसने अभी अभी स्नान किया था .. और उसका सेक्सी गीला बदन गजब ढा रहा था ...

वो उझे देखते ही हल्का सा झुकी .....



मैं आँखे फारे उसके सामने के अंगों को नग्न अवस्था में देख ही रहा था कि 

पहले तो अपनी कोमल चूत को अपने हाथ से ढकने का प्रयास करती है ...

फिर वो मेरी ओर पीठ कर लेती है ....

ये दूसरा मनोरम दृश्य मेरे सामने था ... जो चित्र के द्वारा मैं आपको बताने की कोशिश करता हूँ ...



वो वहुत ज्यादा शरमा रही थी ,,,मगर कोई चीख चिल्हाट नहीं थी ....

मैं आँखे भर उसके नंगे मांसल चूतड़ ...एवं मखमली पीठ को देख रहा था ...

फिर मैंने ही उसको टॉवल पकड़ाते हुए कहा ..

मैं: ले जल्दी से पोंछ कर बाहर आ जा ...

पहली बार उसके मुह से आवाज निकली ...
उसने टॉवल से खुद को ढकते हुए ही कहा ...



अनु: भैया आप .... मैं भाभी को समझी थी ...

तभी जूली की आवाज आती है ...

जूली: ओह तू कितना शरमाती है अनु ...तेरे भैया ही तो हैं ...

तभी वो मुझसे कहती है ...

जूली: सुनो जी .... मेरे बॉडी क्लीनर से इसकी पीठ और कंधे साफ़ करवा देना ... और घुटने भी ..वरना इस वाली ड्रेस से वो गंदे ना दिखें ...

हे खुदा ...कितनी प्यारी बीवी तूने दी है ... वो मेरी हर इच्छा को समझ जाती है ..

उसने शायद मेरी आँखे और लण्ड की आवाज को सुन लिया था ...

जो वो मुझे इस नग्न सुंदरता की मूरत को चुने का मौका भी दे रही थी ...

तभी ...

अनु: नहीईइइइइइइइइइ भाभी ... मैंने साफ़ कर ली है ...

जूली खुद आकर देखती है ...

जूली: पागल है क्या ..??? कितने धब्बे दिख रहे हैं ..
क्या तू खुद सुन्दर नहीं दिखना चाहती ...

अनु: हाँ वव वो वव.... भाभी पर ये सब ...भैया ...नहीईईईईईईई 

जूली: एक लगाउंगी तुझको .... क्या हुआ तो ... भैया ही तो हैं तेरे .....
और वो सब जो तेरे पापा ने किया था ....

अनु: ओह नहीं ना भाभी .... प्लीज .....

जूली: हाँ तो ठीक है चुपचाप साफ़ करा कर जल्दी बाहर आ ... देर हो रही है ....

मैं सब कुछ सुनकर भी ....कुछ भी नहीं बोल पाया ...

पता नही इसके पापा वाली बात क्या थी ...

जूली बाहर मिकल जाती है ...

अनु वही रखे स्टूल पर बैठ जाती है उसने टॉवल खुद हटा दी थी ...

मैं जूली का क्लीनर उठा उसकी पीठ के धब्बो पर लगाने लगता हूँ ...



मैं पूरी सराफत का परिचय देता हुआ उसके किसी अंग को नहीं छूता ...

बस अपनी आँखों से उनका रसपान करते हुए ...उसकी पीठ .... कंधे .... उसकी नाजुक चूची का ऊपरी भाग ..और उसके घुटने को साफ़ कर देता हूँ ...

अनु के सभी अंग अब पहले से कई गुना ज्यादा चमक रहे थे ...

उसके अंगो पर अब शरम की लाली भी आ गई थी ..

कुछ देर बाद अनु तैयार होने लगती है ...



लगता था उसकी शरम भी अब बहुत काम हो रही थी ..

कहते हैं ना की जब कोई लड़की या औरत जब किसी मर्द के सामने नंगी हो जाती है ... या जब उसको अपना नंगापन ..किसी मर्द के सामने अच्छा लगने लगता है ... तो उसकी शरम अपनेआप ख़त्म हो जाती है ....

तो इस समय अनु भी बिना शर्माए मेरे सामने कपडे बदल रही थी ...



अनु की एक रियल फोटो ...
इतनी ही सुन्दर है वो ....




जूली की सूती सफ़ेद ... फैंसी ड्रेस पहन वो गजब ढा रही थी .... 

मैं एक तक उसको देख रहा था ... 




और अब साथ साथ ये भी सोच रहा था ..की जूली मेरी कितनी सहायता कर रही है ....

क्या इसलिए कि ..वो भी चाहती है कि आगे से मैं भी उसकी ऐसे ही सहायता करूँ ...

या फिर कुछ और ....

एक और प्रश्न भी मेरे दिमाग में चल रहा था कि आखिर अनु के साथ उसके पिता ने क्या किया था ...???????
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]कहते हैं चाहे कितनी भी मस्ती कर लो ..पर नई चूत देखते है ...दिमाग उसको पाने के लिए पागल हो जाता है ...

यही हाल मेरा था ....

हम तीनो ही तैयार हो गए थे ... जूली ने अनु का भी हल्का मेकअप कर दिया था ...

वो वला की खूबसूरत दिख रही थी ....

मेरे दिमाग में उसकी ही चूत घूम रही थी ...

वैसे जूली की चूत ...अनु से कहीं ज्यादा सुन्दर और चिकनी थी ...

पर अनु की चूत का नयापन मेरे दिमाग को पागल कर रहा था ....

इंतजार करते हुए ९:३० हो गए ...

जूली ने अनु के घर भी फ़ोन कर दिया था ... कि वो आज रात हमारे यहाँ ही रुकेगी ..

पहले भी वो २-३ बार हमारे यहाँ रुक चुकी है ... तो कई बड़ी बात नहीं थी ...

परन्तु आज कि बात अलग थी ... मेरे दिल में कुछ अलग ही धक धक हो रही थी ...

रिंग गगगग रिंग ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग 
तभी अमित का फ़ोन आया ...

मैं: क्या हुआ यार इतनी देर कहाँ लगा दी ....

अमित: ओह सॉरी यार ... आज का कार्यक्रम रद्द हो गया है .... हम नहीं आ पाएंगे ....

मैं: क्याआआआ 

अमित: एक मिनट ... तू नीचे आ ....

मैं: तू पागल हो गया है .... क्या बोल रहा है ??...कहाँ है तू ...?????????

अमित: अच्छा रुक मैं आता हूँ ....

जूली: क्या हुआ ??????

मैं: पता नहीं क्या कह रहा है ????

२ मिनट के बाद 

ट्रीन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न ट्री न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न 

जूली ने दरवाजा खोला?????

जूली: ओह आप आ तो गए .... क्या हुआ अमित भैया ???

उसने जूली को देख एक दम से गले लगाया और उसके गाल को चूमा ...

अमित हमेशा ऐसे ही मिलता था ... विदेशी कल्चर ..और उसकी पत्नी नीलू भी .... 

उसने नजर भरकर जूली को देखा ...

अमित: वाओ जूली आज तो मस्त सेक्सी लग रही हो ...

जूली: अरे नीलू कहाँ है भैया ...

अमित: अरे क्या कहूँ हम दोनों यहीं आ रहे थे .. कि नीलू के माँ डैड का फ़ोन आ गया ... वो कहीं जा रहे थे .. मगर कुछ इमर्जेन्सी हो गई ... तो अभी आधे घंटे बाद उनका प्लेन यहीं आ रहा है ...
हम दोनों उनको ही लेने जा रहे हैं ....
सॉरी यार फिर कभी जरूर आएंगे ....

मैं: अरे यार एक दम ... ये सब कैसे ...

अमित: यार फिर बताऊंगा ... मुझे तो इस पार्टी को मिस करने का बहुत दुःख है ....

अच्छा यार ज़रा जल्दी में हूँ ....

माफ़ कर दो ...तुम दोनों मुझको ...

उसने एक बार फिर जूली को अपने गले लगाया ...

इस बार मैं पीछे ही था ... मैंने साफ़ देखा उसके बायां हाथ जूली के चूतड़ पर था ....

फिर वो तेजी से बाहर को निकल गया .... 

मैं भी जल्दी से बाहर को आया ... उसको सी ऑफ करने के लिए ....

मैं उसके साथ ही नीचे आ गया ... नीलू को भी एक नजर देखने के लिए ....

नीलू उसकी महंगी कार में ही बैठी थी ...

मैं उसकी और गया ...


उसने तुरंत दरवाजा खोला ....

नीलू ने पिंक मिनी स्कर्ट और टॉप पहना था ...

जैसे ही वो नीचे उतरने लगी ....

उसके बायां पैर जमीन पर रखते ही ..उसकी स्कर्ट ऊपर हो गई ...

और दोनों पैर के बीच बहुत ज्यादा गैप हो गया ...

मुझे उसकी नेट वाली लाल कच्छी दिखी ... 

मेरी नजर वहीँ थी कि ...

नीलू: ओह रवि एक मिनट ...

मैं सॉरी बोल पीछे हटा ...

नीलू ने बाहर आ मेरे सीने से लग गाल को हल्का सा किश किया ...

मुझे अमित कि हरकत याद आ गई ...

मैंने भी अपना बायां हाथ नीलू के चूतड़ पर रखा ..

ओह गॉड मेरी किस्मत ....

मेरे उँगलियों को पूरी तरह से नंगे ... मख्खन जैसे चूतड़ों का स्पर्श मिला ....

नीलू कि स्कर्ट बैठने से ...पीछे से सिमट कर ऊपर हो गई थी ...

और उसने शायद लाल टोंग पहना था .... जिससे उसके चूतड़ के दोनों भाग नंगे थे ...

मेरी उँगलियाँ खुद बा खुद उसके चूतड़ के मुलायम गोस्त में गड गई ...

मैंने भी नीलू के गाल पर किश किया ...

और जब गाड़ी में देखा तो अमित ड्राइविंग सीट पर बैठ गया था ...और वो मेरे हाथ को देख कर मुस्कुरा रहा था ....

मैंने जल्दी से नीलू को छोड़ा ... और पीछे हट गया ..

नीलू: सॉरी अमित ...फिर बनाएंगे यार प्रोग्राम ... अब तुम दोनों आना हमारे घर ...

मैं: कोई नहीं ... मगर ये सब भी देखना ही था ... ठीक है .... 

नीलू घूमकर गाड़ी में बैठने लगी ...

उसने अभी भी अपनी स्कर्ट ठीक नहीं की थी ...

उसके चूतड़ की एक झलक मुझे मिल गई ...

ना जाने मुझमे कहाँ से हिम्मत आ गई ... मैंने नीलू को रोका और उसकी स्कर्ट सही कर दी ...

नीलू: क्या हुआ रवि ??

मैं: अरे यार स्कर्ट ऊपर हो गई थी ...

नीलू: ओह ... थैंक्स ...

अमित: हा हा हा ... नीलू आज ...जूली तुमसे कहीं ज्यादा सेक्सी लग रही थी ...

नीलू: (चिढ़कर) ..तो नीचे क्यों आ गए ... वहीँ रुक जाते ...ना 
मैं रवि के साथ चली जाती हूँ ....

अमित: ओह यार .... मैं तो तैयार हूँ ... क्यों रवि ....??

मैं: हाँ हाँ ... ठीक है ... सोच ले ... 
मुझे भी उनके सामने कुछ बोल्ड होना पड़ा ...

अमित गाड़ी स्टार्ट कर लेता है ...

अमित: चल अच्छा फिर कभी सोचेंगे ... वरना इसके पापा सोचेंगे ... कि यार मेरी बेटी का पति कैसे बदल गया ...

और मैं उन दोनों को विदा कर ऊपर आता हूँ ...

दरवाजा खुला था ....

मैं अंदर गया ...

अनु हमारे बैडरूम के दरवाजे पर खड़े हो चुपचाप कुछ झाँक रही थी ....

मैं चुपके से वहां गया ... मुझे देखते ही वो डरकर पीछे हो गई ....

मैंने भी अंदर देखा ....

एक और सरप्राइज तैयार था ....

अंदर तिवारी अंकल और जूली थे .....

.....................................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]मैं जैसे ही बैडरूम के अंदर देखता हूँ ...

थोड़ा आश्चर्यचकित हो जाता हूँ ...

अंदर बैडरूम के अंदर तिवारी अंकल केवल एक सिल्की लुंगी में थे ....

वैसे वो पहले भी कई बार ऐसे ही आ जाते थे ...

पर आज उनकी बाँहों में मेरी सेक्सी बीवी मचल रही थी ...

मैंने पीछे हटती अनु को रोक लिया ...

उसको मुह पर ऊँगली रख श्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह का इशारा कर चुप रहने को कहा ...

वो भी बिलकुल भी आवाज न कर मेरे साथ ही लगकर खड़ी हो गई ....

जूली ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थी ...

अंकल ने उसको पीछे से अपनी बाँहों में जकड़ा था ...

मैंने अपनी साँसों को कुछ नियंत्रित करते हुए उन दोनों की हरकतों पर ध्यान दिया ....

अंकल की हाइट ज्यादा थी ...तो कुछ अपनी टांगों को मोड़कर नीचे हो गए थे ...

ऐसा उन्होंने अपने लण्ड को जूली की गांड पर सेट करने के लिए किया था ...

अंकल का लण्ड जूली की मखमली, गद्देदार गांड से चिपका था ...

और अंकल अपनी कमर को लगातार हिलाकर लण्ड को रगड़ रहे थे ...

दोनों इस मजेदार रगड़ का मजा ले रहे थे ...

मुझे नहीं पता कि बीच में उनकी क्या स्थिति थी ..

जूली की झुकी होने से ये साफ़ था ..कि उसकी ड्रेस उसके चूतड़ से खिसक ऊपर को हो गई होगी ...

इसका मतलब अंकल के लण्ड का अहसास उसको कच्छी के ऊपर से हो रहा होगा ...

पर मुझे ये नहीं पता था कि... अंकल का लण्ड लुंगी से बाहर था या अंदर ... अंकल ने अंडरवियर पहना था या नहीं ....

इन सभी बात से मैं अनजान था ....

तभी मेरी नजर ड्रेसिंग टेबल के सीसे पर पड़ी ...

अंकल के बाँहों में चिपकी जूली कि चूचियों पर उनका सीधा हाथ पूरी तरह लिपटा था ...

और वो अपने पंजे से जूली की बायीं मस्त चूची को मसल रहे थे ...

यहाँ तक होता तब भी ठीक था ..पर ...

अंकल का दायां हाथ आगे से उसकी ड्रेस के अंदर ..जूली की टांगों के बीच था ...

उनके हाथ के हिलने से जूली की ड्रेस ऊपर नीचे हो रही थी ..

और ये महसूस हो रहा था ... कि अंकल बड़े कलात्मक तरीके से मेरी इस बेकरार बीवी जूली की प्यारी चूत से छेड़छाड़ कर रहे हैं ...

अब मैंने उनकी बातों को सुनने का प्रयास किया ...

जूली: ओह अंकल मत करो ना ...सब यहीं हैं ...

अंकल: आह्ह्हा अह्ह्ह यार ये क्या बात है ????

जूली: आपका अच्छा ख़ासा तो है ...

अंकल: केवल तेरे गरम बॉडी से ही बस ....वरना तेरी आंटी के पास इतना नहीं हो पता ...

जूली: अंकल प्लीज छोड़ दो ना .... रवि आ गए तो क्या सोचेंगे ...

अंकल: अरे वो नीचे है ...मैंने खुद देखा था .... तभी तो आया ....

जूली: ओह्ह्ह ...अनु भी तो है ....

अंकल: अह्ह्ह हाआआआ ववो किचिन में है ....

तभी जूली ने अपना बायां हाथ पीछे कर ...

जूली: ओह अंकल कितना बड़ा है ...

ओह उसने अंकल का लण्ड पकड़ा था ...

वो थोड़ा साइड में हुए ....तो मैंने देखा कि अंकल का लण्ड लुंगी से बाहर था ...

जूली ने उनके लण्ड पर अपना हाथ फिराया ... और उसको लुंगी के अंदर कर दिया ...

जूली: सच अंकल आप बिलकुल निराश मत हो .. आपका रवि से भी बड़ा और मजबूत है ...

अंकल: पर तुम्हारी आंटी के सामने ये धोखा दे देता है ....सच बेटा ..
कल तुमको नंगा देख ..कई महीने बाद मैं उसको संतुष्ट कर पाया ...
पर यकीन मानो मैं तेरे को सोच कर ही उसको चोद रहा था ...

जूली: धत्त अंकल कैसी बात करते हो ... अब आप जाओ ... रवि आते ही होंगे ...

अंकल बाहर को आने लगे ... मैंने अनु को तुरंत किचिन में किया ...

और खुद दरवाजे से ऐसे अंदर को आया कि ...अभी आ ही रहा हूँ ..

मैं: ओह अंकलजी नमस्ते ...

अंकल: (हड़बड़ाते हुए) हा ह ह हाँ बेटा ... कैसे हो ...

मैं: ठीक ....हूँ और आप ....

अंकल: मैं भी बेटा .....बस तुम्हारी आंटी के सर में दर्द था ... तो गोली लेने आ गया था ....

मैं: अरे तो क्या हुआ ..??? आप ही का घर है ...

अंकल: अच्छा जूली बेटा मैं चलता हूँ फिर ... बाई ..

जूली: बाई .... वो दरवाजा बंद कर ...
गए वो लोग .. अब फिर क्या कह रहे थे ...

मैं: (बैडरूम में जाते हुए ..) कुछ नहीं ... अब फिर कभी आएंगे ...

जूली किचिन में जाते हुए ... 

जूली: ठीक है .... आप चेंज कर लो .. मैं खाना लगवाती हूँ ...

मैं: ह्म्म्म्म्म 

बैडरूम में जाते ही मुझे एक और झटका लगता है ...

मुझे याद था जूली ने जो कच्छी पहनी थी .... वो ड्रेसिंग टेबल पर रखी थी ...
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]बैडरूम में ड्रेसिंग टेबल पर एक ओर जूली की कच्छी रखी थी...

इसका मतलब वो इतनी छोटी ड्रेस में बिना कच्छी के ही है ...

मैंने उसकी कच्छी को अपने हाथ में लेकर... अभी कुछ देर पहले हुए दृश्य के बारे में सोचने लगा ...

जूली झुकी हुई है ...उसकी ड्रेस कमर तक सिमटी है ...
उसके नंगे चूतड़ से अंकल का लण्ड चिपका है .. जो उन्होंने लुंगी से बाहर निकाल लिया है ...

कितनी हिम्मत आ गई है दोनों में ... दरवाजा खुला छोड़ ...

अनु घर पर ही है ... मैं भी दूर नहीं हूँ ..और दोनों कैसे अपने नंगे अंगो को मिलाकर मजे ले रहे थे ..

अभी एक सवाल और मेरे दिमाग में आ रहा था ...

जूली ने कच्छी खुद उतारी थी ..या अंकल में इतनी हिम्मत आ गई थी ...

ये दोनों कितना आगे बढ़ गए हैं .... ये सब अभी सस्पेंस ही था ...

मैंने अपना कुरता पजामा ...निकाल ...बरमूडा पहन लिया ...

गर्मी बहुत थी ..इसलिए अंडरवियर भी उतार दिया ...

मैं फिर से किचिन में चला गया .... 

अनु खाना लगा रही थी .... और जूली झुकी हुई कुछ कर रही थी ...

मेरी नजर सीधे उसके नंगे चूतड़ पर ही जाती है ..

उसके गोल मटोल ... दूध जैसे चूतड़ ..खिले हुए मेरे सामने थे ....

केवल चूतड़ ही नहीं ... उसके इस अवस्था में झुके होने से उसके चूतड़ों के दोनों भाग से ..जूली की छोटी सी कोमल चूत भी झाँक रही थी ....

मैं अपने हाथ से उसके चूतड़ों को सहलाते हुए ..सीधे अपनी दो ऊँगली उसकी सुरमई चूत के छेद पर रख देता हूँ ....

मेरी ऊँगली को एक अलग सा अहसास होता है ...

उँगलियों पर कुछ गीलापन ..जो शायद उसके चूत के रस था ..पर कुछ चिपचिपा और सूखा सा रस भी लगता है ...

मेरे दिमाग में फितूर तो जाग ही गया था ...

क्या ये सूखा रस अंकल का था ... क्या पता अंकल ने अपना लण्ड जूली की चूत के ऊपर भी घिसा हो ...

और उनका कुछ प्रीकम यहाँ लग गया हो ...

जूली उस समय ऐसे ही तो झुकी थी .. और जहाँ तक मैं समझता हूँ ...

इस अवस्था में तो जरूर अंकल का लण्ड ..जूली के चूत के छेद पर ही दस्तक दे रहा होगा ...

पता नहीं मैं क्या-क्या सोच रहा था ... और ये सब सोचते हुए .. ये सुसरा मेरा लण्ड भी खड़ा हो रहा था ..

क्या पता ...अंकल का लण्ड ने जूली की चूत के ऊपर ही ऊपर घिसा था ..

या कही कुछ अंदर भी किया हो ....

तभी जूली एक दम से खड़ी हो जाती है ..और ..

जूली: (अनु की ओर देखते हुए) ...क्या करते हो ????

मैं: (बिना शरमाये और ना सुनते हुए ..).. क्या हुआ जान ???? ये कच्छी कब निकाल दी ...

जूली
frown.gif
पहले तो कुछ चुप रहती है ..फिर ..खुद ही ..) अरे नहीं ..
मैं तो कपडे बदलने ही गई थी .... कि तभी अंकल आ गए ...

मैं
frown.gif
 हँसते हुए ..) हा हा .. तो क्या जान ...कहीं अंकल ने तो नहीं देख लिया कुछ ... हा हा 

मेरी बात पर एक दम से अनु भी हंस पड़ती है ...

जूली उसको गुस्से से देखती है ...

जूली: तू क्यों हंस रही है ... ..और हटो अब आप ... मैं आती हूँ ... आप बैठो .. पहले खाना खा लेते हैं ...

और बिना कुछ कहे वो बैडरूम में चली जाती है ... 

हम दोनों को ही उसकी इस नखरीली अदा पर हंसी आ रही थी ....

मैंने देखा अनु मेरे बरमुडे को ध्यान से देख रही है ...

बरमूडा लण्ड वाले भाग से काफी उठ गया था ... 

क्युकि मेरा लण्ड कुछ सख्त हो गया था ...

मैं अनु के पास वाली कुर्सी पर बैठ जाता हूँ ..

और अपने हाथ को उसके चूतड़ छोटे ..मुलायम चूतड़ मर रख उसको छेड़ता हूँ ..

मैं: तू क्यों मजे ले रही है ... क्यों इतने जोर से हंस रही थी ...

अनु कसमसाते हुए ...

अनु: नहीं भैया ...वो तो ... क्या कर रहे हो ...

वो मेरे आगे से निकलने की कोशिश करती है ...

मैं उसको कसकर पकड़ झटका देता हूँ ...

वो गड़बड़ाकर ...मेरी गोद में बैठ सी जाती है ...

उसके चूतड़ ठीक मेरे लण्ड पर थे ...

उसके कसमसाने से उसके चूतड़ ...मेरे खड़े हो चुके लण्ड को आहूत मजा दे रहे थे ....

अनु: क्या कर रहे हो भैया .. छोडो ना 

मैं उसको गुदगुदी के बहाने उसके पेट और छोटी छोटी चूचियों को नापते हुए ...

मैं: पहले ये बता जब अंकल आये तो जूली क्या कर रही थी ...

अनु कसमसा तो रही थी ... मगर मेरी गोदी से हटने का कोई ज्यादा प्रयास नहीं कर रही थी ...

लगता था उसको भी मजा आ रहा था ..

अनु: ओह ...ह्ह्ह्ह्ह्ह वववव व्व्वो भैया .... मुझे ..नहीईईईई .... हाँ वो अपने कपडे ही बदल रही थी ...

मैं: अरे ये बता क्या कर रही थी ... कपडे तो अभी भी पहने ही हैं ना ...

अनु: आआररर रे वो अपनी कच्छी ही निकाल रही थी ...

मैं : अच्छा उसने खुद ही निकाली ना ... कहीं अंकल ने तो नहींंं 

अनु: ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नहीईइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ ना भाभी ने ही ... हाँ अंकल ने उनको पीछे से नंगा देख लिया था ....

मैं: ओह अच्छा ...तभी ...वो ...

अनु: हाँ .....अंकल ने उनको पीछे से पकड़ लिया था ...

उसकी बाते सुन मैं इतना उत्तेजित हो गया कि ...मैंने गुदगुदी करते ..करते अपना हाथ उसके सफ़ेद नेकर के अंदर घुसा दिया .....

कि तभी .......??????????
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]अनु मेरी गोद में बैठी ....बुरी तरह से मचल रही थी ...

वो पूरी तरह से मेरे से चिपकी थी ...

उसके छोटे - छोटे चूतड़ मेरे ६ इंची तने हुए लण्ड को बेहाल किये थे ....

अनु एक परफेक्ट डांसर की तरह अपनी कमर को हिला रही थी ... 

और अपने चूतड़ के हर भाग को मेरे लण्ड से रगड़ रही थी ...

इधर मेरे हाथ उसको पकड़ने एवं गुदगुदी के वहाने उसके पूरे चिकने शरीर को टटोल रहे थे ...

उसने केवल एक सफ़ेद कॉटन का टॉप और नेकर ही पहना था ...

जिसके अंदर न तो कोई समीज या अन्य कपडा था ...और ना ही नीचे कच्छी थी...

मेरे हाथों को उसका चिकना शरीर लगभग नंगा ही प्रतीत हो रहा था ...

मेरे हाथ उसके टॉप के अंदर नंगे पेट एवं कभी कभी उसकी छोटी सी बिलकुल टाइट चूची तक भी पहुँच जाते थे ...

तो कभी उसकी नंगी टांगों, जांघों को रगड़ते हुए उसकी छोटी मुनिया सी चूत को भी रगड़ देते थे ...

अनु पूरी मस्त हो गई थी.... और बेहद गरम आवाजें निकाल रही थी ...

अनु: आह्ह्ह्ह्हाआ इइइइइइइइइइइइइइइइइइइ ऊ उउउउउउउउउ क्या कर रहे हो भैय्ाा आए ????

मैं बिना कुछ बोले केवल उसको बुरी तरह से छेड़ते हुए ... खुद भी मजे ले रहा था ...

मैं: अच्छा तो तेरी भाभी के नंगे चूतड़ से ...पीछे से चिपक कर अंकल ने क्या किया ... बता नहीं तो ....

अनु: ओह भैया ... आपने भी तो देखा था ना ... छोड़ दो ना आह्ह्ह्ह्हाआआआ इइइइइइ 

मैं: अच्छा छोड़ दू ...क्यों छोड़ू????? ले अभी ...तू बता ना ..क्या तूने अंकल का देखा था ..???

अनु: क्या देखा था .... ओह्ह्ह्ह नहीईईईईईईईईई 

मैं: अच्छा नहीं देखा ...झूट ....

अनु: अरे हाँ ...पर क्याआआआआ ????

मैं: उनका खड़ा हुआ लण्ड ...मैं उससे जल्द से जल्द खुलना चाह रहा था ... 

अनु: धत्त्त्त् भैया ...चलो अब छोड़ो ...नहीं तो चिल्ला कर भाभी को बुला लुंगी ....

मैं: अच्छा तो बुला ना ....मैंने उसके नेकर पर हाथ रख अपनी उंगलिया ..नेकर के अंदर डालने की कोशिश की ..

नेकर जूली का था ...इसलिए शायद उसकी कमर में बहुत ढीला होगा ...

मैंने देखा उसने एक तरफ पिन लगाकर उसको अपनी कमर पर टाइट किया था ....

वो इतना टाइट हो गया था कि मेरी उँगलियाँ भी अंदर नहीं गई ...

अनु ने मेरा हाथ पकड़ लिया ..

अनु: नहीईईईई भैया ....मैं भाभी को बुलाती हूँ ... आप उन्ही से पूछ लेना ...उन्होंने तो देखा था ...उन अंकल का ....

अनु अब बाकई खुल रही थी ....

उसकी बात सुन मेरी हिम्मत बड़ गई ....

मैंने उसके हाथ को छुड़ाकर ..एक झटका दिया ...

उसके नेकर कि पिन खुल गई ...और नेकर आगे से पूरा ढीला हो गया ...

और मेरी सभी उँगलियों ने अनु के शरीर के सबसे कोमल भाग पर अपना कब्ज़ा कर लिया ...

अनु ने एक जोर से हिचकी ली ...

अनु: आआउउच नहीईईईईईईईई 

मैं बयां नहीं कर सकता कि उसकी चूत कितनी मुलायम थी ... 

मुझे लगा जैसे मैं मख्खन की टिक्की में उँगलियाँ घुमा रहा हूँ ....

मैं ये देख और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया था ..की इतनी कम उम्र में भी उसकी चूत से रस निकल रहा था ....

इसका मतलब अनु अब जवान हो चुकी थी .... और मेरा लण्ड उस मख्खन में जाने को फुफकार रहा था ...

तभी जूली की आवाज आई ...
वो किचिन में प्रवेश कर रही थी ...

अनु मेरी गोद में थी ... मेरा बायां हाथ उसके छाती से लिपटा था ...

और दायाँ उसके नेकर के अंदर उसकी चूत पर था ..

कुछ देर तक तो हम दोनों भौचक्के थे ...

मैंने तुरंत अनु को गोद से हटा दिया ....

मगर जूली के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे ... वो नार्मल आई और सामान देखने लगी ...

अनु: वो भाभी ...भैया परेसान कर रहे हैं ...

जूली: अच्छा और तूने ही कुछ किया होगा ....

अनु: मैं क्या करूँ भाभी ?????

जूली: अच्छा परेसान मत हो ... मैंने तेरे घर फोन कर दिया है ... आज यही रुक जाना ... ओके 

अनु: ठीक है भाभी ....

जूली: चल पहले खाना खा ले ... फिर कपडे बदल लेना ...

अनु जैसे ही उठकर आगे बड़ी ...उसका नेकर उसके पैरों पर गिर गया ...

लगता है नेकर बहुत ढीला था ....

मैं तो थोड़ा सा डर गया पर ...

जूली : जोर से हँसते हुए ....हा हा हा हा हा हा ..क्या तुझसे जब नेकर नहीं संभलता ...तो मत पहन ..

अनु ने शरमाते हुए नेकर ऊपर कर अपने हाथों से पकड़ लिया ....

इतनी देर में मेरी नजरों ने एक बार फिर ..उसके चिकने चूतड़ और छेद का मनोरम दर्शन किया ...

जूली: चल जा मैंने अपनी एक समीज अंदर रखी है .. इसको निकाल......और वो पहन ले ...

अनु जल्दी से अंदर चली जाती है ....

अब मैंने जूली को ध्यान से देखा ... उसने भी अपनी शॉर्ट वाली पिंक झीनी नाइटी पहनी थी ...

उसका पूरा नग्न शरीर दिख रहा था ... उसने अंदर कुछ नहीं पहना था ...

तभी अनु किचिन में एक पतली सफ़ेद समीज पहने आती है ...जो उसकी जांघो तक ही थी ....

अनु: भाभी बस यही ...

जूली: और क्या रात को सोना ही तो है ... क्या ५० कपडे पहनेगी ....

अनु केवल मुस्कुरा देती है ....

..................
[/font]
 
[font=verdana, geneva, lucida,]अनु के साथ इतनी छेड़खानी होने के बाद ...वो अब काफी खुल चुकी थी ...

उसका चेहरा बिलकुल लाल था ....

और अब वो शरमाने की वजाए ... मजे ही ले रही थी ...

उसने जूली की जो सफ़ेद रंग की समीज पहनी थी ...

उसमे कंधो पर पतली रेसमी लैस थी ... जो उसकी छाती पर बहुत नीचे थी ...

उसका सीना काफी हद तक नंगा था ...

अनु के जरा से झुकने से उसकी पूरी नंगी चूची साफ़ साफ़ दिख जा रही थी ...

वो बार-बार उठकर काम कर रही थी .... तभी उसके समीज के दोनों साइड के कट से ..

जो उसके कमर तक थे ....समीज के हटने से उसकी नंगी जांघें ...तो कभी उसके चूतड़ तक झलक दिखा जाते थे ....

मेरा लण्ड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था ....

अनु की मस्ती देख वो कुछ ज्यादा ही मस्ता रहा था..

इधर जूली ने भी कमाल कर रखा था .... वो कोई मौका ...रोमांटिक होने ,,,या बनाने का नहीं छोड़ रही थी ....

देखा जाए तो ...इस समय जूली ..अपनी इस छोटी सी पारदर्शी ..नाइटी में ...लगभग नंगी ही दिख रही थी ...

मगर मेरे लण्ड को उससे कोई मतलब नहीं था ..और ना वो जूली की नग्ण्ता देख ...इतना फ़ुफ़कारता था ..

जो इस समय अनु के नंगे अंग ..जो अभी विकसित भी नहीं हुए थे ...

उनको देख लण्ड ने ववाल मचा रखा था ....

मेरी समझ में अच्छी तरह आ गया था ..कि ये लण्ड भी उस तेज तर्रार ..शिकारी कुत्ते कि तरह है ..जो अपने जानकार लोगो को देख शांत रहता है ..

पर जहाँ कोई अजनवी देखा नहीं ..कि ..बुरी तरह उग्र हो जाता है ...

अनु को देख मेरे लण्ड का भी वही हाल था ...

और ये भी समझ आ गया था .. कि जूली के नंगे अंगों को देख ... तिवारी अंकल, विजय या दूसरे लोगों का क्या हाल होता होगा ...

तभी मेरे दिमाग में शाम वाली बात आ जाती है ...

मैं: अरे जान ...शाम क्या कह रही थी ...???

जूली: किस वारे में ???

मैं : वो जब में अनु को नहला रहा था ...तब कि तो मत शरमा.... अब क्यों ऐसा कर रही है ...
क्या कोई पहले भी इसको नहला चुका है..या नंगा देख चुका है ...

अपनी बात सुनते ही तुरंत अनु ने प्रतिरोध किया ...

अनु: क्या भैया ...आप फिर ...

जूली: तू चुप कर खाना खा ... तुझसे किसी ने कुछ पूछा क्या ???

जूली की डाँट से वो कुछ डर गई ...

और 'जी भाभी' बोल नजरे नीचे कर खाने लगी ...

जूली: जानू और कोई नहीं इसके फादर ही ... वो शराबी ..जब देखो इसको परेसान करता रहता है ...

मैं: क्याआआआआ ?????
क्या कह रही है तू ....
क्या ये सच है ..
इसके पापा ही ..
क्या करते हैं वो ...

अनु एक बार फिर ...

अनु: रहने दो ना भाभी ....

जूली: अरे इसकी कुछ समय पहले तक बिस्तर पर सूसू निकल जाती थी ...ना फिर ...

अनु: छीइइइइइइइइइइइइ भाभी नहीं ना ..

जूली: अच्छा वो तो एक बीमारी ही है ना ... इसमें शरमा क्यों रही है ...

अनु: पर वो तो बहुत पहले की बात है ना ...अब क्यों ..

मैं दोनों की बातें रस लेकर सुन रहा था .....

मैं: हाँ तो फिर क्या हुआ???

जूली: तो इसके पापा ही रोज इसके कपडे बदल ..इसको साफ़ करते थे ...

मैं: और इसकी माँ ..वो नहीं ...

जूली: वही तो .... वो सोती रहती थी .. और इसके पापा को ही बोलती थी ...
ये बेचारी डर के मारे कुछ नहीं बोलती थी ...

मैं: वो तो है ...
तो इसमें गलत क्या है ...हर बाप ..यही करेगा ...

जूली: अरे आगे तो सुनो ....
वो इसकी बिस्तर के साथ साथ ...इसके कपडे ..कच्छी सब निकाल पूरा नंगा कर देते थे ...
और इसका पूरा शरीर साफ़ करते थे ...

मैं: हाँ तो क्या हुआ ...गीले हो जाते होंगे ना ...

जूली: अरे नहीं ...इसका कोई पूरा थोड़ी निकलता था ..
केवल डर की बीमारी थी ... केवल जरा सा निकल जाता था ...

मैं: ओह ....
फिर वो क्या करते थे ???

जूली: वही तो .... 

इसके पुरे शरीर को वहाने से छूते the ..रगड़ते थे ..

अनु: बस भाभी ना ...

जूली: उस समय बस नहीं बोलती थी .... 

मैं: और क्या करते थे वो ...

जूली: इसके नंगे बदन से चिपक कर लेट जाते थे ..
इसको सोए हुआ जानकर...इसके निप्पल को चूसते हैं ..इसके होंटों को भी चूमते हैं ...

और अभी उस दिन तो बता रही थी ...कि इसकी मुनिया को भी चाटा था ..क्यों अनु ...???

मैं जूली की बात सुन ..आश्चर्यचकित था...

क्या एक बाप आप ही बेटी के साथ ...

अनु सर झुकाये बैठी थी .... 

उसने कोई जवाब नहीं दिया ...

मैं: तो क्या अब भी इसको सूसू निकल जाती है ...

अनु तुरंत ना में सर हिलाती है ...

अनु: नहीं भैया ....

जूली: अरे नहीं ... अब तो ये बिलकुल ठीक है ...
मगर इसका बाप अब भी ....

मैं: क्याआआआआआ 

जूली: हाँ ..जब पीकर आता है ... तो इसी के बिस्तर पर आकर ..इसको डराता है ... 
कि दिखा आज तो नहीं मूता तूने ...
और इसको नंगा कर परेसान करता है ...

मैं: साल ..शराबी ..हरामी ...

जूली: अरे आप क्यों गाली दे रहे हो ...

अनु: भाभी आप बहुत गन्दी हो ...मैं भी भैया को आपकी बात बता दूंगी हाँ ...

अनु कुछ ज्यादा ही बुरा मान रही थी ,,,

मगर इसमें मेरा फ़ायदा ही था ...

लगता है उसके पास कोई जूली के राज हैं ..जो मैं उससे जान सकता हूँ ....

मैं: वो क्या अनु ...???

जूली: अच्छा मेरी कौन सी बात है .... हा हा ..मैं कोई तेरी तरह बिस्तर पर सूसू नहीं करती ...

अनु: धत्त्त भाभी ... 
अब तो मैं बता दूंगी ...

जूली: तो बता दे ना .. मैं कुछ नहीं छुपाती अपने जानू से हाँ ....

अनु: अच्छा वो जो डॉक्टर अंकल ....

..............
[/font]
 
Back
Top