मेरी स्नेहा चाची - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

मेरी स्नेहा चाची

hotaks444

New member
Joined
Nov 15, 2016
Messages
54,518
मेरा नाम तनवीर है, मैं जयपुर में रहता हूँ। मैंने अनल्पाई.नेट में बहुत सी कहानियाँ पढ़ी तो मुझे भी लगा कि मेरी कहानी भी अनल्पाई.नेट में जाने के लायक है।

यह बात दो साल पहले की है जब मैं उन्नीस साल का था। मैं अजमेर में पढ़ता था और मैं सिर्फ छुट्टियों में ही घर जाता था। मैं अजमेर होस्टल में रहता था।

एक दिन मेरे घर से फ़ोन आया और मुझे घर बुला लिया गया। मुझे नहीं पता था कि मुझे घर क्यों बुलाया गया है। घर में मम्मी-पापा और चाचा-चाची रहते थे। चाचा की शादी हुए अभी 6 महीने हुए थे घर जाकर पता चला कि मम्मी-पापा किसी काम के लिए बाहर जा रहे हैं और घर में सिर्फ चाची है। चाचा तो पहले से ही ऑफिस के काम से बाहर गए हुए थे। मेरी चाची का नाम स्नेहा है, उनकी उम्र तब बीस साल थी। वो बहुत सेक्सी हैं।

जब घर में हम दोनों ही थे तो मेरा मन नहीं लग रहा था। चाची ने मुझसे पूछा- क्या बात है? तुम उदास क्यों लग रहे हो?

मैंने कुछ नहीं बताया और बात को टाल दिया। 2-3 दिन बीत गए। एक सुबह की बात है जब मैं उठा तो देखा कि घर में कोई नहीं है। मैंने चाची को आवाज़ लगाई तो चाची की आवाज़ बाथरूम से आई। मैं समझ गया कि चाची नहा रही है। मुझे एक हरकत सूझने लगी, मेरा मन तो वैसे ही चाची को चोदने का था क्योंकि उसकी तनाकृति 36 28 38 थी। उसके कूल्हे तो बड़े ही मस्त लगते थे जब वो झाड़ू निकाला करती थी।

अब मेरा लण्ड सलामी दे रहा था। मैं धीरे से पीछे गया और बाथरूम की खिड़की में से देखने लगा। क्या नजारा था- वो बिल्कुल नंगी नहा रही थी ! चाची के गोल गोल चूचे खिल रहे थे। थोड़ी देर मैं उसे देखता रहा, बाद में वो नहा कर बाहर चली गई और मैं जल्दी से वहां से भाग़कर अपने कमरे में चला गया। मेरी आँखों में उसकी नंगी तस्वीर आ रही थी और मेरा लण्ड की ज्व्वला भड़क रही थी। तो मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मार ली और अपने मन को शांत कर लिया।पर रात को मेरा ध्यान चाची की तरफ ही जा रहा था। सुबह होते ही मैंने फिर देखा और ऐसे ही 5-6 दिन तक चाची को नंगी नहाते देखता रहा। एक दिन मैं चाची को देख रहा था कि चाची की नज़र मेरे ऊपर पड़ गई। पर चाची को यह नहीं पता था कि वो मैं ही हूँ क्योंकि उस खिड़की के पास से कई लोग जाते थे।

अगले दिन चाची ने खिड़की पर पर्दा लगा दिया और मेरा मज़ा जाने लगा। मुझे रात को आईडिया आया और मैंने चाची को जाकर कहा- मुझे बुखार हो रहा है और मेरा बदन दुःख रहा है।

चाची ने मुझे कहा- तुम मेरे कमरे में सो जाओ !

मैं चाची के कमरे में जाकर सो गया और रात को मैंने एक बार नाटक किया तो चाची ने कहा- मैं तुम्हारे बदन पर मालिश कर देती हूँ।

मुझे तो यह सुन कर ही मजा आ गया था। चाची मालिश करने लगी और मेरा नौ इंच का लण्ड खड़ा हो गया तो चाची को शर्म आने लगी।

उन्होंने मुझसे हिम्मत करके पूछ ही लिया- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

तो मैंने कहा- हाँ !

तो वो हँस पड़ी और बोली- तभी तुम्हारा यह हाल है।

मैंने अनजान बनते हुए कहा- मैं समझा नहीं, क्या बोल रही हो तुम ?

तो उन्होंने कहा- तुम बड़े हो गए हो !

मेरे मन तो लड्डू फूट रहे थे और वो धीरे धीरे गर्म हो रही थी पर मुझे नहीं पता था।

थोड़ी देर मालिश करवा कए मैं वहीं चाची के कमरे में ही सो गया। रात में नींद में था, मुझे लगा कि मेरे लण्ड पर कुछ चल रहा है। मैंने धीरे से आँख खोली तो देखा कि चाची मेरे लण्ड पर हाथ फेर रही है और वो धीरे धीरे मेरी निकर को नीचे कर रही है। मेरा लण्ड गर्म हो गया, वो तो तन गया !

चाची ने मुझे आवाज़ लगाई यह देखने के लिए कि मैं जाग रहा हूँ या सो रहा हूँ। मैं कुछ नहीं बोला, वो समझी कि मैं सो रहा हूँ। वो तो गर्म हो चुकी थी, उसने मेरे निकर पूरी खोल दी और मेरे लण्ड को मुँह में भर लिया।

पर मैं चुपचाप लेटा रहा। थोड़ी देर बाद मैंने जागने का नाटक किया और कहा- क्या हुआ चाची ?

उसने मुझे कहा- कुछ नहीं ! देख रही थी !

मैंने कहा- क्या देख रही थी आप?

मैंने हिम्मत करके बोल दिया- मैं दिखाता हूँ आपको !

मैंने उसे पकड़ लिया और उसके मुँह में मेरे मुँह को डाल दिया और चूसने लगा। थोड़ी देर तक हम यह करते रहे। बाद में मैंने कहा- वैसे भी मैं तुम्हें कब से चोदना चाहता था।

उसने बोला- मैं भी तुम से कब से चुदवाना चाहती थी !

और मैंने देर नहीं करके उसकी चूत पर अपना हाथ रख लिया। उसकी चूत तो पहले से ही गीली थी। वो भी मेरे लण्ड को मसल रही थी। मैंने उसके चूचों को मुँह में ले लिया और चूसने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने कहा- तुमने कभी लण्ड चूसा है?

वो बोली- चूसा है ! अभी तुम्हारा चूस रही थी, और भी चूसूंगी !

और वो फट से मेरा लण्ड चूसने लगी। मैंने भी उसकी पैन्टी उतार कर अपनी जुबान उसकी चूत पर रख दी। करीब दस मिनट बाद वो मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत में मेरा मुँह दबाने लगी। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है।

थोड़ी सी ही देर में उसका पूरा शरीर अकड़ गया और उसकी गुलाबी चूत से एक रस भरी लहर आई और मेरे मुंह में समा गई।

थोड़ी देर बाद वो फ़िर से गर्म होने लगी तो मैंने देर ना करके उसे कहा- अब बस करो, मेरा लण्ड रो रहा है, इसे चुप कर दो !

तो उसने कहा- डाल दो मेरी चूत में और इसकी प्यास बुझा दो !

मैंने उसकी चूत पर अपना लण्ड रखा और एक जोर का धक्का दिया। उसके मुँह से ऊऽऽ ऊ की आवाज़ निकली और कहने लगी- तुम्हारे चाचा का तो थोड़ा छोटा है।

हमने उस रात तीन बार चूत-चुदाई और दो बार गांड-चुदाई की।

हम अब अकसर चुदाई करते हैं। मैंने अब तो हॉस्टल भी छोड़ दिया है और जयपुर में ही पढ़ने लगा हूँ। मेरी चाची को एक बच्चा हुआ है, वो भी मेरा ही है। जब भी चाचा बाहर जाते हैं तो हम दोनों चुदाई करते है।

कैसी लगी मेरी कहानी ? मुझे मेल जरूर करना !
 
Back
Top