लड़की जब बड़ी हो जाती है - SexBaba
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लड़की जब बड़ी हो जाती है

desiaks

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Aug 28, 2015
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ही फ्रेंड्स ! मेरा नाम मनोज है. मैं महाराष्ट्र के पूना शहर में रहता हूँ. मैं 26 साल का हूँ. ये कहानी ऐसी है जो काफी लोगों का अनुभव होगा. में हमेशा बातें शॉर्ट में बताता हूँ. लेकिन ये कहानी बताने में मुझे वक्त लग सकता है. ये कहानी मेरी और मेरी बहन रिया की है. मेरी मोह बोली सिस्टर मुझ से ३ साल छोटी है. अभी वो थर्ड एअर भी.कॉम में पढ़ रही है. हम दोनों बचपन से ही एक दूसरे से बहुत झगड़ते थे. और हमेशा हमारी चीज़े बताने पर हमें गुस्सा आ जाता था. हम एक दूसरे से सिर्फ़ काम की बातें ही करते थे. इस तरह हमारा बचपन काफी दूरियों में गुजरा. मैं फिर बड़ा होकर अपनी हाइयर एजुकेशन और थोड़ा बहुत कमाने में जुट गया. जिस से मेरा खुद का क्रैच निकल जाता था. और मैंने रिया की पढ़ाई में कभी उसे हेल्प नहीं की क्यों की वो मेरी बात ही नहीं सुनती थी. इस तरह हमारे बीच काफी फासले थे.

रिया जैसे जैसे बड़ी होती गयी वैसे उस के फिगर में काफी बदलाव आते गये. उस का रंग तो खुला हुआ था ही मगर उसके बूब्स और गांड बहुत उभर गये थे. जिस की वजह से ना चाहते हुए भी कभी कभी नज़र वहां चली ही जाती थी फिर तुरंत ही रिश्ता मुझे नज़र हटाने को मजबूर कर देता था.

लाइफ में ट्विस्ट तब आया जब में बड़ा हुआ और धीरे धीरे मेरे अंदर सेक्स की समझ आने लगी. ये एक ऐसी फ़ीलिंग है जो धीरे धीरे दिल में घर बनती है और जिज्ञासा बढ़ती ही जाती है. मैं जब बचपन में किसी लड़की को या औरत को कपड़े चेंज करते हुए देखता था तो अपने आप ही कुच्छ अजीब सा लगता था और देखते ही रहने का मान करता था. कभी कभी चुपके भी देखता था.

अब में मेरा अनुभव बताने झड़ रहा हूँ. ये बात कुच्छ एक साल पहले की है. घर में सब लोग एक शादी के फंक्षन के लिए 4 दिन बाहर गये थे. मेरी वाइफ भी अपने ससुराल में थी. मैं और रिया दोनों घर में अकेले थे. रिया एक पार्ट टाइम जॉब करती है. वो सुबह में 9:30 बजे ऑफिस जाती थी. घर पे कोई था नहीं इसलिए रिया मुझे चाय और नाश्ता बना के देती थी. बाद में वो अपना टिफिन बना के ऑफिस जाती थी. उस दिन सुबह में मैं सो रहा था. और रिया चाय नाश्ते की तैयारी कर रही थी.

उसे कंप्यूटर में भी कुच्छ काम था इसलिए वो काम पूरा कर के मेरे रूम में आई. उसने देखा की मैं सो रहा हूँ तो अपने आप कंप्यूटर स्टार्ट किया. रात को मैंने कंप्यूटर में ब्लू मूवी देखी थी और फाइल क्लोज़ किए बिना ही सो गया था. उसने जैसे ही पीसी स्टार्ट किया तो वो ब्लू फिल्म अपने आप ऑटो ऋण हो गयी. मुझे नींद में किसी के चिल्लाने की आवाज़ आई तो में उठ गया और देखा तो रिया ब्लू मूवी क्लोज़ करने की कोशिश कर रही थी मगर वो हुआ नहीं तो वो भाग के कमरे से निकल गयी और बोला की भैया ये क्या है इसे बंद कर. मैं भी शर्मा गया और जल्दी से पीसी ही बंद कर दिया.

इस घटना के बाद हमने बात नहीं की और रिया काम पे निकल गयी. शाम को में काफी टेन्शन में था की रिया आएगी तो में क्या बात करूँगा. मैं उसके सामने कैसे जाऊंगा. अगर उसने आंटी या अंकल को बोल दिया तो क्या होगा. और अगर अपनी भाभी को बताया तो वो कुच्छ और ही सोचेगी. लेकिन फिर मैंने सोचा के आज मैं उसे बता दूँगा की मेरे पास पीसी में ऐसी काफी चीज़े है क्यों की में बड़ा हूँ और उसे मुझे पुच्छे बिना पीसी ऑन नहीं करना चाहिए.

शाम को जब रिया घर आई तो मैंने उसे कहा की जल्दी से खाना बना और हम खाना कहा के साथ में बैठेंगे. रिया ने खाना बनाया और फिर फ्री हो कर हम दोनों मेरे रूम में बैठे. मैंने रिया को कहा की" रिया तुझे मेरा पीसी पुच्छे बिना चालू नहीं करना चाहिए था. अगर तुझे कोई काम हो तो मुझे बोलती. मैं तेरी हेल्प करता."

रिया ने कहा की " तू कभी भी मुझ से ठीक से बात नहीं करता तो मुझे लगा की मैं अपने आप ही काम करलू. मुझे एक एक्स्सेल फाइल चेक करनी थी मेरी पेन ड्राइव से लेकिन पीसी ऑन करते ही कुच्छ और ही चल रहा था" और ये बोलते ही वो धीरे से स्माइल करने लगी. मैं थोड़ा रिलॅक्स हो गया और कहा के इसके बारे में पेरेंट्स या भाभी को मत बताना. उसने कहा की ये कोई बताने वाली बात नहीं है. अब मैं पूरी तरह रिलॅक्स हो गया.

लेकिन सारा गेम अब शुरू हुआ. मेरे मान में जिज्ञासा हुई के रिया ने मुझे कुच्छ नहीं कहा या गुस्सा भी नहीं किया इसका क्या मीनिंग है. मुझे ये भी लगा की रिया ने इस बात को लाइट्ली लिया कही शायद ये भी ब्लू मूवीस तो नहीं देखती ना. इस बात को लेकर मेरा दिमाग खराब हो गया था. मैंने रिया को फिर से अपने रूम में बुलाया और पूछा की " रिया मैं जनता हूँ की अब तू भी बड़ी हो गयी है. शायद तुझे भी ऐसी चीज़े देखने का मान करता होगा ना?" रिया ने कहा " नहीं भैया ऐसा तो कुच्छ भी नहीं. अब में आगे कॉन्वर्सेशन नीचे लिख रहा हूँ.

मैं : रिया तुझे कभी भी मान करे तो बाहर कही मत जाना. तू बड़ी हो गयी है और ऐसी बातें शेयर करने में हमें शरमाना नहीं चाहिए. तू कही बाहर कोई गलत कदम उठाए इस से अच्छा तू घर में ही देख ले. जब भी मान करे तू देख लिया कर बस इतना ध्यान रखना की घर में कोई ना हो. और देख ने के बाद फाइल फोल्डर क्लोज़ कर देना.

रिया : भैया मुझे ऐसा देखना पसंद नहीं. तुझे पसंद है तो तू ही देखा कर. मैं किसी को नहीं बताऊंगी.

मेरी हिम्मत बढ़ती ही जा रही थी क्यों की मुझे कोई नेगेटिव साइन नहीं मिल रहा था.

मैं : ठीक है चल सो जाते है. लेकिन आज सच में बहुत अच्छा लग रहा है की अब से हमारे बीच फ्रेंडशिप हो गयी है और हम एक दूसरे से बातें भी शेयर कर रहे है.

रिया : हां भैया मुझे भी काफी रिलॅक्स फील हो रहा है. अब तक मैं भी तुझ से बात करने से डरती थी. मगर अब मैं भी तुझ से अपनी बातें शेयर कर सकती हूँ. और अब तो तू मुझ से चीटिंग भी नहीं कर सकता क्यों की मुझे तेरा सीक्रेट पता है.

इतना बोलते ही वो ज़ोर से हंस पड़ी. फिर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे. सोने से पहले रिया ने मुझ से आकर बोला की मुझे अकेले सोने में डर लगता है इसलिए एक लाइट चालू रखू? मैंने कहा की एक काम कर मेरे रूम में नीचे बिस्तर लगा ले और सो जा. वो बोली में यहां कैसे सो सकती हूँ? रात को तो तू पीसी ऑन करेगा ना? मैंने कहा की तो मैं नहीं चालू करूँगा तू यहां बिस्तर लगा के सो जा. रिया ने कहा ठीक है.

रात को बिस्तर लगा के रिया सो गयी. मैं बाद पर सो रहा था. रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी. रिया को भी पता चल गया की मैं सो नहीं पा रहा. उसने मुझे कहा की यू एक काम कर पीसी ऑन करले और जो देखना है वो देखले मगर आवाज़ स्लो रखना. मुझ में से एक बिजली सी पास हो गयी और एग्ज़ाइट्मेंट काफी तरफ गया. मैंने उसे कहा की मैं स्लो वाय्स में ही देखूँगा और मैंने पीसी ऑन कर लिया. पीसी में एक ब्लू मूवी चालू कर ली जिस में दो लड़के एक खूबसूरत और भरीपूरी लड़की को चोद रहे थे. लड़की हल्की हल्की सी आवाजें निकल रही थी. ये आवाजें रिया के कानों तक भी पहुँच रही थी. मुझे एक अजीब सी फ़ीलिंग आ रही थी की सिस्टर की प्रेज़ेन्स में मैं पॉर्न देख रहा हूँ. मैंने मेरा हाथ में लेकर हिलना शुरू किया और थोड़ी ही देर में झाड़ गया. फिर मैं PCबन्द कर के सो गया.

मज़ेदार सेक्स कहानियाँ

- October 25, 2015- December 19, 2015- December 12, 2015- January 21, 2016- October 31, 2015

दूसरे दिन सुबह में रिया ने मुझे कहा की उसे रात को नींद नहीं आई क्यों की पीसी की आवाज़ काफी अजीब थी. मैंने उसे कहा की यू सिर्फ़ आवाज़ सुन रही थी इसलिए तुझे ऐसा लग रहा था. अगर तूने देखा होता तो आराम से सो जाती. रिया ने कहा हाथ पागल मैं अभी इन चीज़ों में इंट्रेस्टेड नहीं हूँ.

दूसरे दिन रिया की छुट्टी थी और मैं थोड़े काम से बाहर झड़ रहा था. Bआहर काम पूरा कर के घर आने पर मेरे होश उड़ गये. रिया पीसी ऑन कर के एक पॉर्न मूवी देख रही थी. उस मूवी में कोई एग्ज़ाइट्मेंट नहीं था बस ठोकं थोक चल रही थी. मेरे कमरे में एंटर होते ही उसने मूवी बंद कर दी. मैंने कहा की तुझे देखना है तो मुझे बताती मैं तुझे अच्छी मूवीस की फाइल दिखा देता ये तो काफी फालतू मूवी थी. रिया ने मुस्करा के कहा बाद में देख लूँगी.अब मुझे पता चल गया की उसे भी इस में मजा आ रहा है. दूसरे दिन रात को जब हम सोने जा रहे थे तो मैंने रिया को कहा की आज मेरे साथ ही बाद पे सो जा. थोड़ी देर पीसी चलाएँगे फिर सो जाएँगे. पहले उसने आनाकानी की लेकिन फिर वो तैयार हो गयी. हम दोनों बाद पर लेते वो थोड़ी दूर सो रही थी. मैंने पीसी ऑन किया और मूवी शुरू की. क्लिप में दो लड़के एक लड़की को धीरे धीरे दबा रहे थे और फिर एक के कर के लड़की के कपड़े उतार रहे थे. ये देख के रिया थोड़ी थोड़ी शर्मा रही थी.

मैं जब उसकी तरफ देखता था तो वो नज़रे कही और कर लेती थी. मगर वो काफी ध्यान से देख रही थी. फिर क्लिप में तीनों लोग बिलकुल नंगे हो गये और लड़की दोनों लड़कों का लंड चूस रही थी. ये सीन हमारे लिए बहुत टफ था क्यों की मैं फर्स्ट टाइम रिया के साथ ये सब देख रहा था और मेरा लंड बड़ा और टाइट हो गया था. मगर मैं हिला नहीं सकता था और मुझे पूरी मूवी सिर्फ़ लेते रहना पड़ा. रिया की भी सांसें फूल रही थी और वो बहुत बेचैन लग रही थी और एक दो बार तो उसने धीरे से अपने लोवर पार्ट पर हाथ भी लगाया और बूब्स को भी टच किया. साफ दिख रहा था की उसकी चुत भी गीली हो चुकी थी. लेकिन हम दोनों अपने आप को कंट्रोल कर के सो गये क्यों की हमें भाई बहन की हद पार नहीं करनी थी.

सुबह जब मैं उठा तो रिया ने मुझसे कहा की जल्दी से नहाले क्यों की उसे काम पूरा कर के ऑफिस जाना था. मैं बाथरूम में नहाने गया. मुझे कल रात से ही मूठ मरने की चुल चढ़ रही थी. मैं जल्दी से बाथरूम में गया और सारे कपड़े उतार के मूठ मारने लगा. तभी रिया ने बाहर से आवाज़ लगाई के भैया तेरे कपड़े मुझे देदे मैं धो कर अपना काम निपटा लू. मैंने कहा थोड़ी देर रुक जा. वो बोली दे देना मेरा काम पूरा हो मुझे ऑफिस जाना है. मुझे पहले गुस्सा आया फिर अचानक कुच्छ सूझा और मैंने रिया को कहा की ले मेरे कपड़े लेले. जब रिया बाथरूम के दरवाजा के पास आई तो मैंने दरवाजा आधा खोला और कपड़े उसके तरफ किए. मैंने उस समय कुच्छ नहीं पहना था.

मैंने रिया की आंखों की तरफ देखा तो पाया की कपड़े लेते समय उसने मेरे नंगे शरीर पर भी नज़र घुमा ली और दो पल के लिए उसकी आंखें मेरे लंड पर टिक गयी थी. फिर अचानक उसे ध्यान आया की कुच्छ गलत हो रहा है और वो कपड़े लेकर भाग गयी. मैं नहा कर बाहर आया तो मैंने उस की आंखों में एक अजीब सी चमक देखी. उसने कहा की मैं ऑफिस के लिए कपड़े चेंज कर लेती होंठ यू तब तक गॅस पर रखी चाय देख. और किचन बिलकुल सामने वाले रूम में वो कपड़े चेंज करने गयी. वो इस तरह चेंज कर रही थी के सामने लगे शीशे में मुझे पूरा दिखी दे. और वो भी मेरी नज़रे अब्ज़र्व कर रही थी. उसने पहले अपना टॉप और फिर लोवर उतरा. लेकिन फिर दूसरे कपड़े पहन ने की बजे उसने अपनी ब्रा के हुक खोलना शुरू कर दिया. मैं टावल लपेट कर खड़ा था और मेरा लंड मूठ मरने के बाद भी रिया की हरकतें देख कर खड़ा हो गया था. रिया ने धीरे से अपनी ब्रा निकली और उसके दूध जैसे सफेद रंग के बूब्स और उन पर ब्राउन निप्पल देख कर मेरा पानी निकालने लगा.

इस के बाद रिया स्लोली झुक कर अपनी निक्कर उतारी और में अपनी धड़कनों को सर तक महसूस कर रहा था. रिया शीशे में मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी. और हम दोनों जैसे इंतजार कर रहे थे की कौन पहले अपनी हद पार करे और आगे बढ़े, सारा असर पॉर्न क्लिप्स और मेरी हरकतों का था. आख़िर में रिया ने मुझे आवाज़ लगाई और मेरी सांसें फूल गयी.
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रिया : भैया ज़रा रूम में आओगे मुझे थोड़ा काम है.

मैं : बोलना क्या हुआ मैं चाय देख रहा हूँ.

रिया : आओगे तो दिखाऊंगी ना क्या काम है.

मैं धीरे से रूम में गया तो मैंने उसे अपनी आंखों के सामने बिलकुल नंगा पाया. अब तो हमारे बीच कोई शीशा या बाथरूम का दरवाजा नहीं था. लेकिन रिया बिलकुल रिलॅक्स थी जैसे कुच्छ हुआ ही नाहो. और बोली "भैया मैं नयी ब्रा लाई हूँ और आज ऑफिस पहन के जाऊंगी तू देख कर बता कैसी लग रही है. मुझे यकीन नहीं हो रहा था की अब रिया मुझ से इतनी खुल चुकी है की मेरे सामने पूरी नंगी हो कर मुझ से ब्रा चाय्स के बारे में बातें शेयर कर रही थी. मैं धीरे से उस के पास गया और उसके बूब्स पर धीरे से सहला कर बोला तेरी साइज के हिसाब से परफेक्ट है. उसे मेरा हाथ लगाना अच्छा लगा तो वो बोली "मैं एक पैंटी भी लाई हूँ" मैं उसका इशारा समझ गया और धीरे से उसकी चुत को टच कर के बोला पैंटी भी साईज के हिसाब से टाइट ही है.

अब उस को भी आगे बढ़ने को मान करने लगा था. उस ने बात करते करते मेरे टावल में हाथ डाला और मेरा लंड पकड़ लिया. मुझे बहुत ही गुड गुदि हो रही थी. वो मुझे अपने ऑफिस की बातें बताने लगी की सब उसे कितना पसंद करते है, ईवन लड़कियां भी उसके फिगर की तारीफ करती है.और वो मेरे लंड को हिलती जा रही थी. अब मुझ से नहीं रहा गया. और मैंने उसे दबोच कर कहा की मुझे भी उसका फिगर बहुत पसंद है.
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ये सुन कर उसकी आंखें काफी शराबी हो गयी जिसमें मुझे एक बहन का नहीं मगर एक 21 साल की नंगी और सेक्स की प्यासी लड़की का परिचय हुआ. वो मेरे तरफ बढ़ी और मेरे होठों पर स्मूच करने लगी. फिर धीरे से मेरे कान में कहा ही अब इतना हो चुका है हो बहनचोद भी बन जा. ये सुनते ही मेरे मुंह से निकल गया" हां रंडी अभी रुक तुझे चोद के तेरी फाड़ दूँगा कामिनी, मुझे पता है की ऑफिस में तुझे कौन कैसे देखता है. रंडी आज अपने ही भाई से चुदेगी तू कामिनी साली"
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इतना बोल के मैं उसे बेड पर ले गया और उस के दोनों पैर चौड़े कर दिए. मैंने उसकी चुत को चाटना शुरू किया तो उसकी सिसकियां निकालने लगी. रिया बोली " भैया धीरे धीरे छाती नहीं तो मैं ऐसे ही झाड़ जाऊंगी" मैंने मौके की नजाकत समझते हुए तुरंत ही उस की चुत में अपना लंड डाल दिया और हमारा रिश्ता बदल गया. मैंने उसे जी भर के चोदा उस के बूब्स दबाए और झाड़ गया.

उस दिन के बाद हम काफी दीनों ताकि के दूसरे से बात नहीं कर पाए थे. क्यों की मुझे पता डेठ ही मैंने रिया को बहन से रंडी और रिया ने मुझे भाई से बहनचोद बना दिया था. लेकिन इन सब में हमारा नहीं बल्कि हाला तो का दोष भी था. अब हम बातें शेयर करते है लेकिन खुद से आंखें नहीं मिला पाते. ये अनुभव काफी लोगों का होगा. और शायद रिश्ते हमने ही बनाए है जिसे हम कभी कभी बदल भी देते है.
 
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