sakshiroy123
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- Jul 29, 2020
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हैलो दोस्तों , हम सब ने जिंदगी में बहुत बार चुदाई का मजा लिया है। पर अगर आप में से किसी ने एक पंजाबी लड़की चोदी होगी तो यक़ीनन आपको पता होगा कि किस स्वर्ग का आनंद मिलता है। मेरी भी ख्वाइश थी कि जिंदगी में एक बार किसी पंजाबी लड़की की चूत मार सकूँ। वैसे तो में भी पंजाबी हूँ पर मेरे पिता पिछले कई सालों से दिल्ली में आकर बस गए थे। और हमारा अब पंजाब में कोई रिश्तेदार भी नहीं था। इसलिए मैंने दिल्ली की तो सात आठ लड़किया चोद ली थी पर पंजाबी चूत की ख्वाइश अभी अधूरी थी। पर पिछले महीने मेरी ये ख्वाइश भी पूरी हो गयी।
कहानी बहुत मजेदार है , पर कहानी शुरू करने से पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ। मेरा नाम मनदीप सिंह है , और सब मुझे प्यार से मनु बुलाते हैं। मेरी हाइट ६ फुट है और रंग गोरा है। हम दिल्ली में रहते हैं तो मैंने दाढ़ी नहीं रखी और बाल भी छोटे हैं। मेरे लण्ड का साइज सात इंच है और मेरा शरीर भी काफी तंदरुस्त है। ऐसा आज तक नहीं हुआ कि मुझे कोई लड़की पसंद आयी हो और मैं उसे चोद नहीं पाया। किसी भी लड़की को पटाने की कला में माहिर हूँ मैं। मैंने रिश्तो की कहानियां पर बहुत सारी चुदाई की कहानियां पढ़ी है। और इसी वजह से मैंने सोचा क्यों न में भी आज आपको अपनी कहानी सुनाऊ।
दोस्तों कहानी शुरू हुयी चार महीने पहले , जब मेरे भाई के रिश्ते की बात चल रही थी। मेरे पिता जी को भी पंजाब से दुबारा रिश्ता जोड़ना था इसलिए वो लड़की भी पंजाब में ढूंढ रहे थे। और इस बात से मैं भी खुश था कि शायद अब मेरी ख्वाइश पूरी हो जाए। पिता जी को पंजाब के चंडीगढ़ शहर का एक रिश्ता पसंद आया और हम सब लड़की देखने गए। लड़की सब को पसंद आ गयी, रिश्ता पक्का हो गया। पर मेरी नजर तो लड़की की बहन से हट नहीं रही थी। उसका नाम मनवीर था और उसे भी सब प्यार से मनु ही बुलाते थे। इस बात पर हम सब हंस रहे थे कि दूल्हे का भाई भी मनु और दुल्हन की बहन भी मनु। पर नाम से ज्यादा तो बहुत कुछ था उसमे मुझे अपनी तरफ खींचने के लिए। जैसा में सपनो में सोचा करता था बिलकुल वैसी लड़की थी। गोरा रंग , गदरीला बदन , बड़ी बड़ी ३८ साइज की चूचियां और बड़ी बड़ी गोल गोल गांड।
उसका शरीर कुछ ३८-३०-३६ होगा। मैं जब से वह पहुंचा था तब से उसे देख रहा था पर वो मुझे इग्नोर कर रही थी। ऐसा पहली बार हो रहा था मेरे साथ , पर इतनी खूबसूरत और कातिल शरीर की मालकिन को नखरे करना तो बनता है। पर हमारी नजरे बहुत बार एक दूसरे से टकराई। खेर उस दिन कोई बात नहीं बनी और हम सब रिश्ता पक्का कर के दिल्ली वापिस आ गए। तीन महीने बाद की तारीख तय हुयी। उसी दिन से भैया और भाभी ने फ़ोन पर बातें करनी शुरू कर दी थी। एक दिन भैया भाभी से बात कर रहे थे और भाबी ने मुझसे बात करने की ईक्षा जाहिर की। मैंने भी बात की और हम मजाक करने लगे। भाभी ने मुझसे पूछा कि तुझे कैसी लड़की चाहिए तो मैंने मजाक में बोला आपकी बहन जैसी पर उसने तो मुझे घास भी नहीं डाली। भाभी ने मनु को फ़ोन पकड़ा दिया और बोली खुद ही पूछ लो।
मैं लड़कियों से बात करते हुए कभी शर्माता नहीं और वो भी मेरे जैसी ही बड़बोली निकली। मैंने उसे पूछा क्या बात है मैडम जी कही और फसी हुयी हो क्या जो मेरे जैसे गबरू जवान को देखा तक नहीं। वो बोली हमारे पंजाब में गबरू जवान उसे कहते है जो दाढ़ी रखे , क्लीन शेव वाले को हम छक्का बुलाते हैं। साली ने मेरी बेइज़ती कर दी। मैंने भी बोला कोई बात नहीं मैडम जी अब आपको आपकी पसंद का गबरू बन के दिखाता हूँ फिर देखता हूँ कैसे नहीं मानती तू। उस दिन के बाद मैंने दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर दी। और एक महीने में ही मेरी दाढ़ी काफी बढ़ गयी और मैंने एक महीने बाद दुबारा भाभी को फ़ोन किया और मनु का नंबर माँगा और उसे व्हाट्सप्प पर अपनी फोटो भेजी और बोला अब बता केसा लग रहा। उसने इस बार मैसेज किया ठीक ठाक ही है पर अब आधी बात बन चुकी थी। अब हमने रोज बात करना शुरू कर दिया था। देखते ही देखते शादी का दिन आ गया और मैंने सोचा था आज इसे पटा ही लूंगा।
शादी एक फार्म हाउस में थी जहा एक बहुत बड़ा दो मंजिलो का घर था और आगे लगभग आधा एकड़ गार्डन। जयमाला होने के बाद अब हम सब नाच रहे थे। आज मनु और मैं एक दूसरे को बहुत छेड़ रहे थे कभी आँख मारते कभी फ्लाइंग किस। जब हमने नाचना शुरू किया तो उसे भी बुलाया पर वो नहीं आयी। फिर मैंने देखा वो नजर बचा कर बाहर की तरफ जा रही , मुझे लगा इसका चक्कर है किसी से और मैं उसके पीछे चला गया। पर वो किसी लड़के से मिलने नहीं दारु पिने गयी थी। और अब वापिस आ कर डी जे पर नाचने लगी। मुझे लग गया पता दारु की शौकीन है। पर अब नाचते हुए वो बेशर्म हो रही थी। मैं जान बुझ कर नाचते हुए उसके पास गया और कभी उसकी चूचियों पर कभी गांड पर हाथ फेर देता। वो समझ गयी और खुद भी मजे लेने लगी। अब वो भी मेरे साथ नाचने लगी और मुझे छेड़ने लगी , वो भी कई बार मेरे लण्ड को नजर बचा कर पकड़ कर मसल देती। अब लाइन क्लियर हो गयी थी बस इंतज़ार था मोके का।
शादी शुरू हुयी और सब लोग खाना खाने चले चले गए। परिवार वाले शादी में बिजी थे। मैंने अपनी गाडी से एक व्हिस्की की बोतल निकाली और मनु के पास गया और पूछा मैडम जी हो जाए २-२ पेग। वो बोली मैं नहीं पीती मैंने बोलो अच्छा तो टेंट के पीछे मूतने गयी थी। वो हंसने लगी और बोली पर कहा पिएंगे , मैंने बोला मेरे पीछे पीछे आजा। और मैं उसे फार्म हाउस के अंदर दूसरी मंजिल पर ले गया। वहाँ कोई नहीं था हम दोनों का पूरा परिवार निचे शादी में था। वो डर रही थी पर मैंने उसे तुरंत दो पटिआला पेग लगवा दिए और अब उसे धीरे धीरे नशा होने लगा था और डर गायब हो गया। अब वो बेशर्म होकर मुझसे बातें करने लगी। मैंने भी पूछ लिया तो अब बताओ मैडम कोई चक्कर है वो बोली पहले था पर अब नहीं है। मैंने बोला होता भी तो में पटा ही लेता तुझे। वो हंसने लगी और बोली इतना भरोसा है खुद पर मैं उसके पास गया और बोला हाँ खुद पर भी खुद के सात इंची लण्ड पर भी। वो बोली छी कितनी गन्दी बातें करते हो। मैंने उसे बिना कुछ बोले उसे अपनी बाहों में भरा और किस करने लगा।
उसने मुझे धक्का देकर हटा दिया और मैंने फिर से उसे खींचा और उसके होंठो को चूमने लगा। वो २-३ मिनट तक तो रोकती रही पर उसके बाद उसने खुद को मेरे हवाले कर दिया और मुझे भी किस करना शुरू कर दिया। अब मैंने उसे किस करते करते दिवार के सहारे खड़ा कर दिया और उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगा। और अब वो भी गर्म होना शुरू गयी और मेरा कुरता ऊपर कर के पैजामे मे हाथ डाल कर लण्ड मसलने लगी। मैंने उसका ब्लाउज उतारना चाहा तो वो बोली उतार ना मनु कोई आ जायेगा तो उसने खुद ही ब्लाउज ऊपर किया और अपनी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे हवाले कर दी। और अब मैं उसकी चूचियां चूसने लगा और और अह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह सिसकियाँ लेने लगी। मैंने एक चूची अपने मुँह में डाली और हाथ से उसकी साड़ी और पेटीकोट उठा कर उसकी पेंटी उतार दी और उसकी चूत रगड़ने लगा। वो गीली हो चुकी थी। मैं लगातार उसकी चूचियों का रस पी रहा था और उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था। उसकी चूत बहुत टाइट हटी तो मैंने पूछा क्या बात है कितने दिन से ठुकवायी नहीं है।
वो बोली आज तक सिर्फ दो बार लण्ड का मजा ली हूँ और उसका साले का छोटा भी बहुत था इसलिए छोड़ दिया उसे। में खुद प्यासी हूँ मेरी जान और तेरा लण्ड शायद आज मेरी प्यास बुझा देगा। इतना बोल कर उसने मेरे पैजामे का नाडा खोला और मेरा लण्ड पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगी। मैं अभी भी उसकी चूचियां चूस रहा था और वो एक हाथ से मेरे बाल पकड़ कर मुझे अपनी चूचियों के अंदर समा जाने का इशारा कर रही थी। मैं लगातार उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां अंदर बाहर कर रहा था और वो एक बार झड़ चुकी थी। अब मैं निचे बैठ गया और उसने अपने हाथो से अपनी साडी और पेटीकोट उठा लिया और मैं उसकी चूत चाटने लगा। झड़ जाने की वजह से उसकी चूत पूरी गीली थी पर मैंने अपनी जीभ से चाट चाट कर उसका सारा पानी साफ़ कर दिया। अब उसने एक हाथ से साडी उठायी और दूसरे से मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी और अपनी जांघो को भी मेरे ऊपर रख कर मेरा मुँह पूरी तरह दबा लिया।
और आह्हः आआह्ह्ह है मनु मेरी जान आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह चाट ले मेरी फुद्दी साले दे दे मजा मुझे जन्नत की सेर करवा दे मेरी जान। मेरी फुद्दी बहुत प्यासी है उसकी प्यास बुझा दे आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह। करीब १० मिनट तक मैंने उसे स्वर्ग का आनंद दिया और फिर में खड़ा हो गया। अपना मुँह उसकी साडी से साफ़ किया और उसका सिर पकड़ कर अब उसे बिठा दिया और लण्ड उसके मुँह में घुसेड़ दिया। वो मेरे लण्ड को आइस क्रीम की तरह चूसने लगी चाटने लगी और मैंने भी उसके बाल पकड़ कर उस से लण्ड चुसवाने का भरपूर मजा लिया। उसके हिसाब से वो सिर्फ दो बार चुदी थी पर लण्ड ऐसे चूस रही थे जैसे रांड हो। पुरे १५ मिनट तक मैं उसका मुँह चोदता रहा और अब वो खड़ी होकर बोली अब मेरी फुद्दी तेरे हवाले है मनु। और इतना बोल कर दिवार के सहारे घोड़ी बन गयी और अपनी साडी अपनी कमर पर टांग ली। मैंने भी अपना कुडता अपने दांतो में दबा लिया और उसकी गांड पर एक जोर का थपड मारा और उसकी चूत पर अपना लण्ड रख दिया।
एक ही झटके में पूरा लण्ड उसकी चूत में गाड़ दिया। आवाज बहुत ज्यादा थी शादी की वजह से पर फिर भी उसकी चीख मुझे साफ़ सुनाई दी। वो बोली कुत्ते कमीने धीरे धीरे डालता भेनचोद। मैंने बोला कोई न मेरी जान एक मिनट का दर्द है। और अब मैं धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करने लगा। दो तीन मिनट बाद वो बोली अब मजा आ रहा है अब तेज तेज चोद मुझे। मैंने भी उसके बाल पकडे और अब रेलगाड़ी दो सो की स्पीड मैं चल रही थी और वो आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह होर चोद मेनू मेरे गबरू जवान मुंडे होर चोद मेनू , फाड़ दे मेरी फुद्दी। आअह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आह्हः। मुझे पंजाबी तो आती नहीं थी पर इतना समझ गया कई अब वो अपनी चूत का भोसड़ा बनवाना चाहती है और मैंने भी दम भर के उसकी प्यास बुझाई। पनद्रह मिनट में वो झड़ गयी और अब बोली फुद्दी का काम तो हो गया अब मेरी बुण्ड मार और बोल कर गांड ऊपर उठा ली उसने।
उसकी गांड मारने का मजा ही कुछ और था। मोटी मोटी दस किलो की एक एक गांड और उसने खुद ही मुझे न्योता दिया। मैंने बोला गांड में लण्ड सेहन कर लेगी तो वो बोली पंजाबी कूड़ियाँ बुण्ड ही मरवाना ज्यादा पसंद करती हैं। अब मुँह से काम बोल कुत्ते अपने लोडे से बात कर मेरी गांड से। मैंने भी उसकी गांड पर लण्ड रखा और थूक लगाया उसकी गांड पर और धीरे धीरे उसकी गांड में सात इंच का लण्ड घुसा दिया। वो दर्द से चीला उठी पर रांड के मुँह से निकला हाय ओये रब्बा अब आया मजा। मुझे लग गया पता ये गांडू है और इसने गांड खुद ही हिलानी शुरू कर दी और मैंने भी तसल्ली से उसकी गांड मारी। चूत से ज्यादा मजा उसे गांड मरवाने में आ रहा था और अब वो तो बिकुल रंडी बन गयी थी। आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह हाय कितना मोटा लण्ड है तेरा मेरी जान मेरी गांड खोल देगा ये तो पूरी। आज मैं तेरी रंडी हूँ भेनचोद , मार मेरी बुण्ड कुत्ते और बार बार अपनी गांड हिला रही थी। पंद्रह मिनट गांड मरवाने के बाद उसकी प्यास बुझी और बोली अब निकाल ले यार।
मैंने उसकी गांड से तो निकाल लिया लण्ड पर वो थक कर जमीन पर बैठ गयी और मैंने उसके मुँह में लण्ड डाल दिया और लण्ड चुसवाने लगा। उसकी हिम्मत नहीं थी पर मैं जबरदस्ती उसका मुँह चोदता रहा और दस मिनट बाद मेरा माल निकल गया और मैंने एक भी कतरा बाहर नहीं गिरने दिया। पूरा उसके मुँह के अंदर ही छोड़ दिया और उस से अपना लण्ड भी चाट कर साफ़ करवाया। अब मैं भी उसके बगल में बैठ गया और बोला क्यों मेरे भाई की साली , प्यास बुझी तेरी। वो बोली है मेरी बहन के देवर , मैं तेरे लण्ड की फैन हो गयी आज तो। उसने बताया कई उसे सब से ज्यादा मजा चूत चटवाने में आया क्यूंकि तब मेरी दाढ़ी उसकी चूत पर गुदगुदी कर रही थी। थोड़ी देर बाद हम उठे और कपडे सही कर के शादी में वापिस चले गए।
पर अभी हम दोनों का मन भरा नहीं था। वो अब बेशर्म होकर मुझसे चिपक कर बैठ गयी और बार बार मेरा लंड छेड़ने लगी। मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया और मैंने उसके कान में बोला फिर से खड़ा करवा दिया अब चल मुझे फिर से चोदना है तुझे। वो बोली इसी लिए तो कब से खड़ा करवा रही हूँ चल मेरी जान मेरा भी मन नहीं भरा। हम फिर से दूसरी मंजिल पर चले गए और जाते ही वो साडी उठा कर अपनी पेंटी निकालने लगी और मैंने अपना पजामा खोला। फिर से वो साली खुद ही घोड़ी बन गयी और बोली मेरी जान बुण्ड में ही डाल। मैंने भी उसकी गांड पर एक जोर दार थपड मारा और इस बार झटके से उसकी गांड में लंड गाड़ दिया और जोर जोर से धक्के मरने लगा। वो फिर से आअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह आअह्ह्ह हाय मेरी जान तेरा लंड से चुदवाने का मौका काश रोज रोज मिले यार , मन ही नहीं भर रहा , आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह फाड़ दे मेरी बुण्ड भेन दे लोडे कुत्ते फाड़ दे आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह। मैं भी उसकी गांड पर लगातार थपड मरता रहा और उसके बाल खींच कर उसकी गांड मरता रहा।
पंद्रह मिनट में उसकी गांड दर्द होने लगी और वो बोली अब फुद्दी दी माँ चोद दे मेरी। इतना बोल कर अब वो मेरी तरफ घूम गयी और मैंने उसकी एक टांग उठा कर खड़े खड़े उसकी चूत चोदने लगा। इस बार वो दो बार झड़ गयी पर साली रंडी की प्यास न बुझी , और तेज और अंदर और अंदर और तेज साले और तेज चोद मुझे। इस बार मैं झड़ने वाला था और मैंने उसे बोला कि मेरा लावा निकलने वाला है। वो बोली फुद्दी में ही झाड़ दे शायद तब प्यास बुझ जाए। और मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया और मेरा गरम गरम माल उसकी चूत के अंदर घुस गया और वो अब चरमसुख का आनद ले रही थी। अब उसने बोला बुझ गयी लगता प्यास अब थोड़ा अच्छा लग रहा। उसने अपनी पेंटी से अपनी चूत और मेरा लंड साफ़ किया और फिर हम १० मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे। दस मिनट बाद हम फिर निचे आ गए।
पूरी रात हम एक साथ बैठे रहे और बोलते रहे अगला मौका जल्दी मिले यार। मैंने उस दिन के बाद से कभी क्लीन शेव नहीं करवाई , क्यूंकि पटा नहीं कब अब दुआबारा पंजाबी लड़की चोदने को मिल जाए।
आज एक महीने से ऊपर हो गया , मेरी भाभी मायके गयी हुयी थी और मैं उसे लेने जा रहा हूँ। मनु ने बोल दिया है इस बार फिर से उसने मेरे लण्ड का मजा लेना है। तो दोस्तों में तो कल फिर से अपनी सपनो की पंजाबी कुड़ी चोदूंगा आप भी जाइए अपने लण्ड और अपनी चूत की आग को शांत कीजिये। ये कहानी पढ़ कर यक़ीनन आपकी आग भी भड़क गयी होगी। जल्दी मिलेंगे दुबारा एक और नयी कहानी के साथ।
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कहानी बहुत मजेदार है , पर कहानी शुरू करने से पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ। मेरा नाम मनदीप सिंह है , और सब मुझे प्यार से मनु बुलाते हैं। मेरी हाइट ६ फुट है और रंग गोरा है। हम दिल्ली में रहते हैं तो मैंने दाढ़ी नहीं रखी और बाल भी छोटे हैं। मेरे लण्ड का साइज सात इंच है और मेरा शरीर भी काफी तंदरुस्त है। ऐसा आज तक नहीं हुआ कि मुझे कोई लड़की पसंद आयी हो और मैं उसे चोद नहीं पाया। किसी भी लड़की को पटाने की कला में माहिर हूँ मैं। मैंने रिश्तो की कहानियां पर बहुत सारी चुदाई की कहानियां पढ़ी है। और इसी वजह से मैंने सोचा क्यों न में भी आज आपको अपनी कहानी सुनाऊ।
दोस्तों कहानी शुरू हुयी चार महीने पहले , जब मेरे भाई के रिश्ते की बात चल रही थी। मेरे पिता जी को भी पंजाब से दुबारा रिश्ता जोड़ना था इसलिए वो लड़की भी पंजाब में ढूंढ रहे थे। और इस बात से मैं भी खुश था कि शायद अब मेरी ख्वाइश पूरी हो जाए। पिता जी को पंजाब के चंडीगढ़ शहर का एक रिश्ता पसंद आया और हम सब लड़की देखने गए। लड़की सब को पसंद आ गयी, रिश्ता पक्का हो गया। पर मेरी नजर तो लड़की की बहन से हट नहीं रही थी। उसका नाम मनवीर था और उसे भी सब प्यार से मनु ही बुलाते थे। इस बात पर हम सब हंस रहे थे कि दूल्हे का भाई भी मनु और दुल्हन की बहन भी मनु। पर नाम से ज्यादा तो बहुत कुछ था उसमे मुझे अपनी तरफ खींचने के लिए। जैसा में सपनो में सोचा करता था बिलकुल वैसी लड़की थी। गोरा रंग , गदरीला बदन , बड़ी बड़ी ३८ साइज की चूचियां और बड़ी बड़ी गोल गोल गांड।
उसका शरीर कुछ ३८-३०-३६ होगा। मैं जब से वह पहुंचा था तब से उसे देख रहा था पर वो मुझे इग्नोर कर रही थी। ऐसा पहली बार हो रहा था मेरे साथ , पर इतनी खूबसूरत और कातिल शरीर की मालकिन को नखरे करना तो बनता है। पर हमारी नजरे बहुत बार एक दूसरे से टकराई। खेर उस दिन कोई बात नहीं बनी और हम सब रिश्ता पक्का कर के दिल्ली वापिस आ गए। तीन महीने बाद की तारीख तय हुयी। उसी दिन से भैया और भाभी ने फ़ोन पर बातें करनी शुरू कर दी थी। एक दिन भैया भाभी से बात कर रहे थे और भाबी ने मुझसे बात करने की ईक्षा जाहिर की। मैंने भी बात की और हम मजाक करने लगे। भाभी ने मुझसे पूछा कि तुझे कैसी लड़की चाहिए तो मैंने मजाक में बोला आपकी बहन जैसी पर उसने तो मुझे घास भी नहीं डाली। भाभी ने मनु को फ़ोन पकड़ा दिया और बोली खुद ही पूछ लो।
मैं लड़कियों से बात करते हुए कभी शर्माता नहीं और वो भी मेरे जैसी ही बड़बोली निकली। मैंने उसे पूछा क्या बात है मैडम जी कही और फसी हुयी हो क्या जो मेरे जैसे गबरू जवान को देखा तक नहीं। वो बोली हमारे पंजाब में गबरू जवान उसे कहते है जो दाढ़ी रखे , क्लीन शेव वाले को हम छक्का बुलाते हैं। साली ने मेरी बेइज़ती कर दी। मैंने भी बोला कोई बात नहीं मैडम जी अब आपको आपकी पसंद का गबरू बन के दिखाता हूँ फिर देखता हूँ कैसे नहीं मानती तू। उस दिन के बाद मैंने दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर दी। और एक महीने में ही मेरी दाढ़ी काफी बढ़ गयी और मैंने एक महीने बाद दुबारा भाभी को फ़ोन किया और मनु का नंबर माँगा और उसे व्हाट्सप्प पर अपनी फोटो भेजी और बोला अब बता केसा लग रहा। उसने इस बार मैसेज किया ठीक ठाक ही है पर अब आधी बात बन चुकी थी। अब हमने रोज बात करना शुरू कर दिया था। देखते ही देखते शादी का दिन आ गया और मैंने सोचा था आज इसे पटा ही लूंगा।
शादी एक फार्म हाउस में थी जहा एक बहुत बड़ा दो मंजिलो का घर था और आगे लगभग आधा एकड़ गार्डन। जयमाला होने के बाद अब हम सब नाच रहे थे। आज मनु और मैं एक दूसरे को बहुत छेड़ रहे थे कभी आँख मारते कभी फ्लाइंग किस। जब हमने नाचना शुरू किया तो उसे भी बुलाया पर वो नहीं आयी। फिर मैंने देखा वो नजर बचा कर बाहर की तरफ जा रही , मुझे लगा इसका चक्कर है किसी से और मैं उसके पीछे चला गया। पर वो किसी लड़के से मिलने नहीं दारु पिने गयी थी। और अब वापिस आ कर डी जे पर नाचने लगी। मुझे लग गया पता दारु की शौकीन है। पर अब नाचते हुए वो बेशर्म हो रही थी। मैं जान बुझ कर नाचते हुए उसके पास गया और कभी उसकी चूचियों पर कभी गांड पर हाथ फेर देता। वो समझ गयी और खुद भी मजे लेने लगी। अब वो भी मेरे साथ नाचने लगी और मुझे छेड़ने लगी , वो भी कई बार मेरे लण्ड को नजर बचा कर पकड़ कर मसल देती। अब लाइन क्लियर हो गयी थी बस इंतज़ार था मोके का।
शादी शुरू हुयी और सब लोग खाना खाने चले चले गए। परिवार वाले शादी में बिजी थे। मैंने अपनी गाडी से एक व्हिस्की की बोतल निकाली और मनु के पास गया और पूछा मैडम जी हो जाए २-२ पेग। वो बोली मैं नहीं पीती मैंने बोलो अच्छा तो टेंट के पीछे मूतने गयी थी। वो हंसने लगी और बोली पर कहा पिएंगे , मैंने बोला मेरे पीछे पीछे आजा। और मैं उसे फार्म हाउस के अंदर दूसरी मंजिल पर ले गया। वहाँ कोई नहीं था हम दोनों का पूरा परिवार निचे शादी में था। वो डर रही थी पर मैंने उसे तुरंत दो पटिआला पेग लगवा दिए और अब उसे धीरे धीरे नशा होने लगा था और डर गायब हो गया। अब वो बेशर्म होकर मुझसे बातें करने लगी। मैंने भी पूछ लिया तो अब बताओ मैडम कोई चक्कर है वो बोली पहले था पर अब नहीं है। मैंने बोला होता भी तो में पटा ही लेता तुझे। वो हंसने लगी और बोली इतना भरोसा है खुद पर मैं उसके पास गया और बोला हाँ खुद पर भी खुद के सात इंची लण्ड पर भी। वो बोली छी कितनी गन्दी बातें करते हो। मैंने उसे बिना कुछ बोले उसे अपनी बाहों में भरा और किस करने लगा।
उसने मुझे धक्का देकर हटा दिया और मैंने फिर से उसे खींचा और उसके होंठो को चूमने लगा। वो २-३ मिनट तक तो रोकती रही पर उसके बाद उसने खुद को मेरे हवाले कर दिया और मुझे भी किस करना शुरू कर दिया। अब मैंने उसे किस करते करते दिवार के सहारे खड़ा कर दिया और उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगा। और अब वो भी गर्म होना शुरू गयी और मेरा कुरता ऊपर कर के पैजामे मे हाथ डाल कर लण्ड मसलने लगी। मैंने उसका ब्लाउज उतारना चाहा तो वो बोली उतार ना मनु कोई आ जायेगा तो उसने खुद ही ब्लाउज ऊपर किया और अपनी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे हवाले कर दी। और अब मैं उसकी चूचियां चूसने लगा और और अह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह सिसकियाँ लेने लगी। मैंने एक चूची अपने मुँह में डाली और हाथ से उसकी साड़ी और पेटीकोट उठा कर उसकी पेंटी उतार दी और उसकी चूत रगड़ने लगा। वो गीली हो चुकी थी। मैं लगातार उसकी चूचियों का रस पी रहा था और उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था। उसकी चूत बहुत टाइट हटी तो मैंने पूछा क्या बात है कितने दिन से ठुकवायी नहीं है।
वो बोली आज तक सिर्फ दो बार लण्ड का मजा ली हूँ और उसका साले का छोटा भी बहुत था इसलिए छोड़ दिया उसे। में खुद प्यासी हूँ मेरी जान और तेरा लण्ड शायद आज मेरी प्यास बुझा देगा। इतना बोल कर उसने मेरे पैजामे का नाडा खोला और मेरा लण्ड पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगी। मैं अभी भी उसकी चूचियां चूस रहा था और वो एक हाथ से मेरे बाल पकड़ कर मुझे अपनी चूचियों के अंदर समा जाने का इशारा कर रही थी। मैं लगातार उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां अंदर बाहर कर रहा था और वो एक बार झड़ चुकी थी। अब मैं निचे बैठ गया और उसने अपने हाथो से अपनी साडी और पेटीकोट उठा लिया और मैं उसकी चूत चाटने लगा। झड़ जाने की वजह से उसकी चूत पूरी गीली थी पर मैंने अपनी जीभ से चाट चाट कर उसका सारा पानी साफ़ कर दिया। अब उसने एक हाथ से साडी उठायी और दूसरे से मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी और अपनी जांघो को भी मेरे ऊपर रख कर मेरा मुँह पूरी तरह दबा लिया।
और आह्हः आआह्ह्ह है मनु मेरी जान आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह चाट ले मेरी फुद्दी साले दे दे मजा मुझे जन्नत की सेर करवा दे मेरी जान। मेरी फुद्दी बहुत प्यासी है उसकी प्यास बुझा दे आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह। करीब १० मिनट तक मैंने उसे स्वर्ग का आनंद दिया और फिर में खड़ा हो गया। अपना मुँह उसकी साडी से साफ़ किया और उसका सिर पकड़ कर अब उसे बिठा दिया और लण्ड उसके मुँह में घुसेड़ दिया। वो मेरे लण्ड को आइस क्रीम की तरह चूसने लगी चाटने लगी और मैंने भी उसके बाल पकड़ कर उस से लण्ड चुसवाने का भरपूर मजा लिया। उसके हिसाब से वो सिर्फ दो बार चुदी थी पर लण्ड ऐसे चूस रही थे जैसे रांड हो। पुरे १५ मिनट तक मैं उसका मुँह चोदता रहा और अब वो खड़ी होकर बोली अब मेरी फुद्दी तेरे हवाले है मनु। और इतना बोल कर दिवार के सहारे घोड़ी बन गयी और अपनी साडी अपनी कमर पर टांग ली। मैंने भी अपना कुडता अपने दांतो में दबा लिया और उसकी गांड पर एक जोर का थपड मारा और उसकी चूत पर अपना लण्ड रख दिया।
एक ही झटके में पूरा लण्ड उसकी चूत में गाड़ दिया। आवाज बहुत ज्यादा थी शादी की वजह से पर फिर भी उसकी चीख मुझे साफ़ सुनाई दी। वो बोली कुत्ते कमीने धीरे धीरे डालता भेनचोद। मैंने बोला कोई न मेरी जान एक मिनट का दर्द है। और अब मैं धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करने लगा। दो तीन मिनट बाद वो बोली अब मजा आ रहा है अब तेज तेज चोद मुझे। मैंने भी उसके बाल पकडे और अब रेलगाड़ी दो सो की स्पीड मैं चल रही थी और वो आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह होर चोद मेनू मेरे गबरू जवान मुंडे होर चोद मेनू , फाड़ दे मेरी फुद्दी। आअह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आह्हः। मुझे पंजाबी तो आती नहीं थी पर इतना समझ गया कई अब वो अपनी चूत का भोसड़ा बनवाना चाहती है और मैंने भी दम भर के उसकी प्यास बुझाई। पनद्रह मिनट में वो झड़ गयी और अब बोली फुद्दी का काम तो हो गया अब मेरी बुण्ड मार और बोल कर गांड ऊपर उठा ली उसने।
उसकी गांड मारने का मजा ही कुछ और था। मोटी मोटी दस किलो की एक एक गांड और उसने खुद ही मुझे न्योता दिया। मैंने बोला गांड में लण्ड सेहन कर लेगी तो वो बोली पंजाबी कूड़ियाँ बुण्ड ही मरवाना ज्यादा पसंद करती हैं। अब मुँह से काम बोल कुत्ते अपने लोडे से बात कर मेरी गांड से। मैंने भी उसकी गांड पर लण्ड रखा और थूक लगाया उसकी गांड पर और धीरे धीरे उसकी गांड में सात इंच का लण्ड घुसा दिया। वो दर्द से चीला उठी पर रांड के मुँह से निकला हाय ओये रब्बा अब आया मजा। मुझे लग गया पता ये गांडू है और इसने गांड खुद ही हिलानी शुरू कर दी और मैंने भी तसल्ली से उसकी गांड मारी। चूत से ज्यादा मजा उसे गांड मरवाने में आ रहा था और अब वो तो बिकुल रंडी बन गयी थी। आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह हाय कितना मोटा लण्ड है तेरा मेरी जान मेरी गांड खोल देगा ये तो पूरी। आज मैं तेरी रंडी हूँ भेनचोद , मार मेरी बुण्ड कुत्ते और बार बार अपनी गांड हिला रही थी। पंद्रह मिनट गांड मरवाने के बाद उसकी प्यास बुझी और बोली अब निकाल ले यार।
मैंने उसकी गांड से तो निकाल लिया लण्ड पर वो थक कर जमीन पर बैठ गयी और मैंने उसके मुँह में लण्ड डाल दिया और लण्ड चुसवाने लगा। उसकी हिम्मत नहीं थी पर मैं जबरदस्ती उसका मुँह चोदता रहा और दस मिनट बाद मेरा माल निकल गया और मैंने एक भी कतरा बाहर नहीं गिरने दिया। पूरा उसके मुँह के अंदर ही छोड़ दिया और उस से अपना लण्ड भी चाट कर साफ़ करवाया। अब मैं भी उसके बगल में बैठ गया और बोला क्यों मेरे भाई की साली , प्यास बुझी तेरी। वो बोली है मेरी बहन के देवर , मैं तेरे लण्ड की फैन हो गयी आज तो। उसने बताया कई उसे सब से ज्यादा मजा चूत चटवाने में आया क्यूंकि तब मेरी दाढ़ी उसकी चूत पर गुदगुदी कर रही थी। थोड़ी देर बाद हम उठे और कपडे सही कर के शादी में वापिस चले गए।
पर अभी हम दोनों का मन भरा नहीं था। वो अब बेशर्म होकर मुझसे चिपक कर बैठ गयी और बार बार मेरा लंड छेड़ने लगी। मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया और मैंने उसके कान में बोला फिर से खड़ा करवा दिया अब चल मुझे फिर से चोदना है तुझे। वो बोली इसी लिए तो कब से खड़ा करवा रही हूँ चल मेरी जान मेरा भी मन नहीं भरा। हम फिर से दूसरी मंजिल पर चले गए और जाते ही वो साडी उठा कर अपनी पेंटी निकालने लगी और मैंने अपना पजामा खोला। फिर से वो साली खुद ही घोड़ी बन गयी और बोली मेरी जान बुण्ड में ही डाल। मैंने भी उसकी गांड पर एक जोर दार थपड मारा और इस बार झटके से उसकी गांड में लंड गाड़ दिया और जोर जोर से धक्के मरने लगा। वो फिर से आअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह आअह्ह्ह हाय मेरी जान तेरा लंड से चुदवाने का मौका काश रोज रोज मिले यार , मन ही नहीं भर रहा , आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह फाड़ दे मेरी बुण्ड भेन दे लोडे कुत्ते फाड़ दे आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह। मैं भी उसकी गांड पर लगातार थपड मरता रहा और उसके बाल खींच कर उसकी गांड मरता रहा।
पंद्रह मिनट में उसकी गांड दर्द होने लगी और वो बोली अब फुद्दी दी माँ चोद दे मेरी। इतना बोल कर अब वो मेरी तरफ घूम गयी और मैंने उसकी एक टांग उठा कर खड़े खड़े उसकी चूत चोदने लगा। इस बार वो दो बार झड़ गयी पर साली रंडी की प्यास न बुझी , और तेज और अंदर और अंदर और तेज साले और तेज चोद मुझे। इस बार मैं झड़ने वाला था और मैंने उसे बोला कि मेरा लावा निकलने वाला है। वो बोली फुद्दी में ही झाड़ दे शायद तब प्यास बुझ जाए। और मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया और मेरा गरम गरम माल उसकी चूत के अंदर घुस गया और वो अब चरमसुख का आनद ले रही थी। अब उसने बोला बुझ गयी लगता प्यास अब थोड़ा अच्छा लग रहा। उसने अपनी पेंटी से अपनी चूत और मेरा लंड साफ़ किया और फिर हम १० मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे। दस मिनट बाद हम फिर निचे आ गए।
पूरी रात हम एक साथ बैठे रहे और बोलते रहे अगला मौका जल्दी मिले यार। मैंने उस दिन के बाद से कभी क्लीन शेव नहीं करवाई , क्यूंकि पटा नहीं कब अब दुआबारा पंजाबी लड़की चोदने को मिल जाए।
आज एक महीने से ऊपर हो गया , मेरी भाभी मायके गयी हुयी थी और मैं उसे लेने जा रहा हूँ। मनु ने बोल दिया है इस बार फिर से उसने मेरे लण्ड का मजा लेना है। तो दोस्तों में तो कल फिर से अपनी सपनो की पंजाबी कुड़ी चोदूंगा आप भी जाइए अपने लण्ड और अपनी चूत की आग को शांत कीजिये। ये कहानी पढ़ कर यक़ीनन आपकी आग भी भड़क गयी होगी। जल्दी मिलेंगे दुबारा एक और नयी कहानी के साथ।
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