सपनो की बारात | Sex Baba Indian Adult Forum
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सपनो की बारात

desiaks

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Aug 28, 2015
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कोइ चार साल के बद मैन अपने मैके दिल्लि आइ थी और अपने चोते भै के यहन थेरि थी जो बहर कम करता था और मेरे आने का सुनकर मुझ से मिलने अया हुअ था। रोज़ हि किसि ना किसि के यहन दवत होति थि। उस रोज़ मेरे बदे भयया ने खने पर बुलया था तो मैन सुभा हि अपने छोते बहि के साथ उनके घर चलि गै।हुम सब लोग बतेन कर रहे थे के मेरे चोते भै ने भबि से कहा; भबि आप निक्कि को भयया से घर भिजवा देना कयोन कि मैन आज दोपेहेर कि गदि से वपस जा रहा हून। हुम लोगोन ने उसे रोकने कि कोशसिह कि तो उसेन बतया कि उसे और चुत्ति नहि मिल सकति। शाम के 7 बजे होनगे, सरदियोन कि रात थि हुम सब बतेन कर रहे थेके उसि समय सल्ल बेल्ल बजि तो भयया ने जा कर देखा और उनकि आवज़ आइ, आहा आयये ! यार अचनक इस समय कोन सि गदि आति है कब आइ? मैन ने और भबि ने देखा तो शम भै थे जो मेरे सौसिन थे। वहो अनदर अये और मुझे देखते हि हैरत से बोले अरेय वह भै निक्कि तुम! कब अयीन और मुझे गले लगा कर मेरि पेशनि चुमते हुए शिकयत से बोले यार, फोने हि कर देते निक्कि के आने के बरे मैन, तो भयया शरमिनदा होकर बोले हान मैन सोच रहा था। हुम सब बैथे तो भबि ने शम भै से पुछा आपका समन? तो मुसकुरा दिये, समन होतेल मैन है मैन यहन एक सोनफ़ेरेनसे मैन अयह उन सोचा आज तुम लोगोन से मिल लून औ निक्कि को दकेह कर तो मज़ा आ गया तो मैन शरमा कर हनस दि। सब ने उनसे शिकयत कि यहन हि आ जैन पर वहो ना मने। थोदि देर बाद भबि ने खना लगया और इस बीच मैन वहो मुझ से बतेन करते रहे। उनको देख कर मेरि अजीब हलत हो रहि थि, शम भै बिलकुल नहि बदले थे इन 4 सालोन मैन। वोहि मुसकुरता चेहरा, वोहि पयरि पयरि दिल मोह लेने वलि बतेन।

सारि पुरनि बतेन याद आ रहि थीन, मैन पता नहिन का बुनक दिल दे बैथि और दिल हि दिल मैन उनको अपना मान लिया लेकिन कभि अपने दिल कि बात उनसे केहने कि हिम्मत ना हुइ, लदकि जो थी। बोहोत रातेन खरब कि थीन उनहोने मेरि, रात-रात भर करवतेन बदलति थि। आनखेन बनद करति तो उनका चेहरा समने आजता। फिर तो उनके पयर मैन इतना पगल हुइ के उनहे अपने पति के रूप मैन देखने लगि। और एक बार तो मेरि बुरि हलत हो गयी उस रोज़ एक शदि से हो कर अये और मैन सोने के लिये लेति तो फिर शम बहि का चेहरा मेरि अनखो मैन था, वहो दुलहा बने खदे हैन और मैन दुलहन के रूप मैन हून सब घर वलोन ने हमैन अपने कमरे मैन भेज दिया और शम भै ने दरवजा बनद कर लिया और फिर वहो मेरे पास आकेर बैथे और मेरा शरम से लल चेहरा उथा कर बोले आज भि शरम आ रहि है, मैन ने नज़रेन उथा कर उनहे देखा तो उनहोने बहैन फैला दीन और मैन उनकि बहोन मैन समा गयी। मेरा चेहरा अपने हतोन मैन लेकर उनहोन ने अपने तपते हुए होनथ मेरि पेशनि, आनकेहन और फिर मेरे सुलगते हुए होतोन पर रख दिये तो जैसे मेरि जान हि निकल गयी और मैन उनसे लिपत गयी। फिर तो जैसे तूफ़न आगया, पता हि ना चला के हमरे कपदे कब हमरे जिसमो से अलग हो गये और वहो मेरे जिसम से खेल रहे थे, कभि वहो मेरे गुलबि गलोन पर पयर करते तो कभि होनत चुमते तो कभि उनकि गरम ज़बन मेरे होतोन पर मचल जति, कभि वहो मेरे दूध दबते तो कभि उन पर पयर करते। और फिर उनकि ज़बन मेरे होनतो से होति हुइ मुनह के अनदर थि हुम दोनो लिपत गये और मेरि हलकि सि चीख निकल गयी उनहोने मेरे दोनो दूध थम लिये और ज़ोर ज़ोर से दबने लगे।

मैन सिसक उति आह पलेअसे धिरे करिये ना…। उफ़ उफ़ आह! आह निक्कि, मेरि जान कब से तदप रहा हून इस गरम गरम रेशमि जिसम के लिये कितनि पयरि हो तुम आह, तो मैं भि सिसक उथि, सछि बोहोत तदपया है आपने, ऊउइ आह, कया हुअ जन वहो मुसकुरते हुए बोले तो मेरि मेरि शरम से बुरि हलत हो गयि, कुछ नहिन,मैन धिरे से बोलि; उनका गरम गरम सखत वहो …। लुनद मेरि चिकनि रनो मैन मचल रहा था मेरि रनो मैन जैसे चीतियन दोर रहि थीन, बतओ ना जान अब कयोन शरमा रहि हो उनहोने मेरा होनत धिरे से कात लिया, ऐए ऊनह नहिन ना कया कर रहे हैन आप, मैन कसमसै तो वहो होनत चूस कर धेरे से बोले कैसा लग रहा है जान, तो मैन ने शरमा करा उनका चेहरा अपने दूधोन पर रख लिया तो वहो फिर सतने लगे, और मेरि एक चुचि मुह मे लेकर चुसि तो मैन बिलक उति, आह शाम उफ़ आह येह कैसा मज़ा है आह सचि मर जौनगि मैन। निकि मेरि जान मेरि गुदिया पैर खोलो ना अब। उफ़ आह शाम मेरे पयर मुझे बोहोत दर लग रहा है मैन कया करून अयी मा धीरे ना उफ़ उफ़ आह वहो मेरे दूध ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे। पगलि दरने कि कया बात है और मेरे उपर से उतर कर मेरि बगल मैन लेत कर फिर मेरे होनत चुम कर मुसकरै लओ मे तुमहरा परिचय करा दून फित्र दर नहिन लगे गा और मेरा हात तहम कर एकदम से अपने गरम गरम लुनद पर रखा तो मैन तदप गै और वहो मेरे दोदोहन मैन मुनह घुसा कर मचले आह आहम निक्को मेरि जान उफ़ह, आह शाम आह आह और उनका गरम लुनद अब मरा हथ मैन था मेरा हथ पसिने से भीग गया। और तभि मैने बदि मुशकिल से अपनि चीख रोकि, उनका हथ अब मेरि रनो के बीच मैन था मेरि छोत पर जो पुरि तरह से गीलि हो चुकि थि। ऊऔउइ, ऊओफ, आअनह ना ना नहिन और मेरे पैर खुद बा खुद पहिल गये और उनके लनद को अब मैन ज़ोर ज़ोर से हिला रहि थि। आह मेरि निको मेरि जान मेरे पयर उफ़ कितनि पयरि है इतनि चिनकि अह कितनि नरम और गरम है ये।

मैन ने उनके होनत चुम लिये और अपनि गरम ज़बन उनके होतोन पर फरते हुए सिसकि कया शाम येह मेरि जान ये वहो में चूत दबा कर और मेरे होनत चूम कर सिअक उथे तो मैन थुनकि बतओ ना कया। तो मेरे होनथ चूस कर मेरि आनखोन मैन देख कर मुसकुरै तुमहे नहिन मलूम इसका नाम। तो मैन शरमा कर मुसकुरै ऊन हूनह। अचा तो इसका नाम तो मलूम होगा जो आपके हथ मैन है तो मैन शरमा कर धेरे से लुनद दबा कर हनस दि हत गनदे। मेरे दूध चूसते हुए एकदुम से कात लिया तो मैं मचल उथि ऊउइ नहि ना।। और उनका चेहरा उपर किया तो बोले पेहले नाम बतओ नहिन तो और सतौनगा। मुझे नहिन मलूम, बोहोत गनदे हैन आप। अचा एक बात बतो, कया, कैसा है ? मैन अनजान बनकेर मुसकुरै कया? तो मेरे होनतोन ज़ोर से पयर करके बोले वहो जिस से आप इतने मज़े से खेल रहि हैन। तो मेरि नज़रेन शरम से जुक गैन और धीरे से उनका लुनस दबा कर बलोइ येह। हान मेरि भोलि सि गुदयिअ इसि का पुछ रहा हून। तो मैन हनस दि, बोहोत पयरा है। बिना देखे हि केह दिया पयरा है। तो उनके सीने मैन मुनह छुपा कर मैन धीरे से बोलि आपने दिखया हि नहिन। देखो गि जान तो मैन उने लिपत गये और अपने आप को ना रोक सकि कब से तरस रहि हून सचि। और वहो एकदम से मुझ ए लिपता गये उनकि पुरि ज़बन मेरे मुनह के अनदर थि इतनि जोशिलि इतनि गरम मैन पगल हो उथि।मेरे दोनो दूध दबा कर लल कर दिये और मेरि चीख उनके मुनह मैन घुत गै मैन बुरि तरह तदप उथि कयोन कि उनकि उनगलि एकदुम ए मेरि छोत मैन घुस पदि। मेरि पुरि छोत भीग गै मेरे छोतर उछलने लगे उनके अगरम लुनद के उपर रज कि बूनदे आ गै खूब चकना हो गया उनका पयरा सा लुनद मैन बेचैन हो कर सिसकि बस ऊफ बस ना पलेअसे दिखा दो नो अब मेरि जान कब से तदप रहि हून। मैने उनसे अलग होने कि कोशिश कि तो मुझे ओफिर लिपता कर सिसके कया मेरि जान बतओ ना मुझे।

मेरा, मेरा, उफ़ कैसे नाम लून मैन मुझे शरम आति हैन शाम मेरि जान मेरे पयरा तुमहे पसनद है ना हान हान मेरि जान है येह तो,मैं लुनद दबा कर सिसक उथि। तो बतओ ना अपनि जान का नाम। मत सतओ ना पलेअसे उफ़ आह आह मत करो ना मर जौनगि मैन सचि ऊउइ नहि इतनि ज़ोर से नहि दुखति है ना कया दुखतिओ है मेरि जान। है मा मैं कया करून पलेअसे देखा दो ना अब ना तरसओ अपनि निक्को को। वहो मेरे होनथ चूस कर सिसके बस एक बर नाम ले दो मेरि जान। मेरि शरम से बुरि हलत थि मैन उनके सीने मैन मुनह छुपा कर सिसक उथि मेरा मेरा आह मेरा लुनद ऊउइ ऊनह ऊनह आह और वहो मेरे होतोन से झुम गये। और फिर हुम दोनो अलग हुए तो वहो उथे और मुझे अपने सीने से लगर बैथे और अब जो मेरि नज़र पदि तो मैन देखति रह गै। सावँला, सलोना, तना हुअ लुनद मेरि हतेलि पर रखा हुअ था मैन उसे देख रहि थि और वहो मेरे गोल, भरे भरे और तने हुए दूधोन से खेल रहे थे और उनकि उनगलि धीरे धेरे मेरि चूत कि दरर मैन उपर निचे चल रहि थि। खूब तना हुअ उनका 7 इनच लमबा और खूब ,ओता गरम लुनद बोहोत हसीन लग रहा था जिसका सुपरा उनकि चिकनि रज ए गिला हो रहा था। मेरे होनतो पर होनथ रख मेरि छोत दबा कर वहो सिसके जान कैसा है। तो मैन मसत हो गै, बोहोत पयरा है सछि उफ़ कितना बदा और मोता है ये। केहलो ना इस से तो मैन धीरे लनद सेहलने लगि और उनकि चुचि पर होनत रकझ कर उसपर जैसे हि ज़बन फैर तो उनहोने मेरा चेहरा अपने सीने मैन दबा लिया आह आअह मेरि जान मेरि निको मेरि उफ़ उफ़ आह कितनि गरम अह चनकिनि ज़बन है अह मज़ा आ गया उफ़ मेरि पयरि सि चूत। ऊम ऊम मेरि जान मेरे शाम खूब लेहलो मेरि मेरि आह ऊउइ। किस से केहलुन मेरि जान; मेरि मेरि अहा मेरि च च चूत से ऊफ और मेरे मुनह मेन उनकिन ज़बन अ गयि।

हुम दोन मज़े से अब एक दूसरे कि ज़बन और होनत छोस रहे थे। वहो एक हात से मेरि चिनकि चूत से और दूसरे ह्हत से मेरे दूध दबा रहे थे और मैन उनके तने हुए गरम लुनद से खेल रै थी जो पुरा उनकि रज से चमक रहा था और येहि हाल मेरि चूत का था मेरि दोनोन जनघे पुरि फेलि हुइ थीन और मेरि चूत का रस मेरि चिकनि सुदोल रनो पर मल रहे थे। कफ़ि दैरबाद हुम दोनो अलग हुए तो दोनो कि बुरि हलत थि दोनो के चेहरे एक दूसरे के थूक से गुइले हो रहे थे मेरे दूध उनके दबने से लल हो रहे थे के उनहोने मुझे लिता दिया और मेरे उपर आकर मेरि आनखो मैन देख कर बोले दिल चह रहा है जान तोमैं उनके कनधे तहम्म कर होनत चबा कर मचलि बोहोत आ जओ ना अब। वहो जैसे हि मेरे उपर लेते तो उनका गरम चिकना लुनद मेरि छोति सि चकिनि छोत पर लैत गया और मैन सिसकि ; सुनिये, हान जान, वहो मेरे होनथ चूस कर बोले, तो मैन होनत चबा कर शरमा सिसकि, अपको कैसि लगि वहो; तो मेरे दूध सेहला कर मुसकुरै, अब भि शरम आ रहु मेरि गुदिया को, तो मैन शरमीलि नज़रोन से उनहे देख कर मुसकुरै। हून। मेरि अनखोन को चुमते हुए सिसके बोहोत पयरि है मरि जान कि। तो मैं मसति मैन सिसकि कया शाम नाम लो ना पलेअसे मेरि गुदयिअ कि चूत आह बोहोत पयरि है सच मेरि जान इतनि चिकनि, नरम, गरम, छोति सि चूत जी चहता है खूब पयर करून इसे। आह, आह, आह, शाम मेरि जान तो करो ना उसे पयर और और। हान बोलो ना जान, शाम, आह मैन पयर कर लून इस पयरे से अह अह लुनद को तो मेरे होनथ पर फि से होनथ रख दिये उफ़ मेरि निक्को पगल कर दोगि सच आज तो और मेरि ज़बन चूसेन लगे और फिर मुझे करवत से लिता कर एक दम से घूमे और मेरे चेहरे कि तरफ़ पैर करके मेरि चिकनि रनो पर चेहरा रख मेरि चूत पर पयर कर लिया आह मेरिनिक्को सच कितनि हसीन चूत है मेरि रनि कि आह शाम उफ़ अह अराम अराम से उफ़ ओह अह उनका तना हुअ गरम लुनद मेरे गलोन पर मचल रहा था और मे उनके चिकने लुनद के आस पास पयर कर रहि थि और अपनि गरम गरम ज़बन फैर रहि थि। उनके लुनद के आस पास बिलकुल बाल ना थे मुझे बोहोत मज़ा आ रहा था। मेरि गरम ज़बन कि चिकनहत से वहो सिसके आह आह निक्को मेरि जान खेलो ना मेरे लुनद से मेरि जान उफ़ मेरि नन्नहि सि चूत वलि गुदिया ओह आह मज़ा उफ़ आ गया मेरि जान, मेरि गरम चूत। मैन ने उनका लुनद थाम कर उस पर पयर किया तो मेरे होनत रज से भीग गये मैन अपने होतोन पर चिकनै मलने लगि और तभि मैन तदप कर चीख पदि ऊउइ ऊउइ ऊऊम अहा उफ़ शहाआआआम मेरि मेरि आइ माअ उफ़ मेरि चूऊऊत।

उनकि ज़बन मेरि चूत मैं चल रहि थि वोह बुरि तरह से मेरि चूत चूस रहे थे मेरि रने पुरि फैलि हुइ थी और मेरि चूर से चप चप कि ज़वैन आइ रहि थीन आआहम हम पलेअसे आह उफ़ धीरे मर जौनगि मैं है मेरि आह आह चूत उफ़ और मुझसे ना रहा गया तो मैन ने एकदुम से गरम कुनद अपने मुनह मैन लिया तो शम मेरि चूतमैन चिल्ला पदे आअह आआह निक्को निक्कक्को उफ़ आअह उफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ पुर पुरा आह पुरा ले लो मुनह मैन ऊम आअह आह मेरि जान मेरि गुलबि चूत वलि जान उफ़ उफ़ आह। गरम लुनद मेरे मुनह मैन मचल रहा था और उनकि ज़बन मेरि चूत मैन घुसि जा रहि थी मेरि पुरि चूत और जनघे उनके थूक से भीग रहि थीन और मेरि चूत लल हो चुकि थी और रस तपका रहि थि। कभि सोचा भि ना था के लुनद चूसने और चूर चुसवने मैन एन मैन इतना मज़ा अयेगा। उनका पुरा लुनद मेरे थूक से भीग रहा था और मेरे गले के अनदर तक जा रहा था के वहो तदप उथे रुक रुक रुक जओ निक्को रुक रुक जओ बस अबस तो मैन ने लुनद मुनह से निकला तो वहो उथ कर बैथे। कया हुअ मैन ने उनहे दखा तो अपने लुनद का सुपरा दबा कर बोले आह मेरि जान मैन निकल पदता और मुझे देख कर मेरे होनत और अगलक चूसने लगे जो थूक से भीग रहे थे, मेरि जाअन मेरि निक्को दे दो ना अब येह पयरि सि चूत मेरि गुदिया। मैन उन से लिपता गयि शाम आह मेरि जान और उनहोने मुझे लिता दिया और मेरे उपर आ गये तयो मैन हात फैला कर बहोन मैन ले लिया और उनके होनत चूस कर सिसकि, सुनिये। हान मेरि जान धीरे किजये गा बोहोत बदा है आपका तो वहो मुसकुरै कयमेरि जान तोमैन शरमा कर हनस दिआपका पयरा सा लुनद और कया। जान, हून, रखो ना उसे अपनि रेशमि चूत पर, मुझे शरम आति है।
 
पलेअसे जान देखो अभि तो मज़े से खेल रहि थीन तो मैन उनके दोनो हत थाम कर उपने दूधोन पर रखे और सिसकिदबये ना इनहे और हथ नीचे लेजकर लुनद थम कर अपनि चिकनि छोत के चेद पर रखा तो जैसे मेरे जिसम मसुर्रेनत दोर गया हो। आह शाम और मैन उसे अपनि चूत कि चकनि और गरम फनक मैन उओपर नीचे करने लगि मेरि बुरि हलत थि के वहो मचले बस बस अब रख लो छेद पर और जैसे हि मैन ने छेद पर रखा उनके होनत मेरे होतोन पर अये और सिसके लो मेरि जन तययर हो नो। आह हान हान मेरि जन अराम से और उनकि कमर हिलि तो मैं तदप उथि ऊऊउइ मा नहीई ऊऊफ ऊऊनह आआअघ उफ़्फ़फ़्फ़फ़ आआह ओह्हह पलेअसे ऊओफ शहाम्मम नहीइ है नहि ओह मा औफ़ चिकनै के करन उनका लुनद 3 इनच मेरि चूत मैन घुस पदा और मुझे लगा जैसे मेरि चूत मैन गरम गरम लोहा घुस पदा हो मेरि चूत गरमि और चिकनै से नहा गै और वोह भि चिल्ला पदे आआअह निकीइ मेर गरम छूओत वलि आअह आअह गुदिया आह बोहोत तनग और अहा अहा गरम चूत मेरि जान मैन उनसे लिपत पदि है शाम बोहोत गरम हो रहा अहै ये अह अराम से धीरे करो नो अपनि निक्को का मत रुलओ पलेअसे आह मेरि जान और उनके चूतेर फिर हिले तो मेरि जैसे जान निकल गै। अम्मम्मम्मा नहीईइ ऊऊउइ ऊऊमफ मैन सर झतकने लगि मेरि नज़ुक सि चूत का मुनह फैल गया और गरम लुनद अनदर जने के लिये मचलने लगा। आह निको निक्को मेरि जान बोहोत हसीएन उफ़्फ़ कोरि चूत है मेरि रनि कि उफ़ मज़ा आ गया वहो मेरे गाल और होनत चुम और चूस रहे थे। इस धक्केने मेरि बुरि हलत कर दि दरद के करन मेरि अनखो से आनसु बेहने लगे और मेरे अनखो कोचुम कर सिसके ना रो मेरि जान बस थोदि देर कि बात है। नहि नहि पलेअसे अब नहि शाम बोहोत दरद है मैन मर जौनगि मेरा पुरा चहरा लल हो रहा था मैन ने उनकि कमर ज़ोर से पकद ली तो मेरे ओनथ चूस कर सिसके बस थोदा सा रेह गया है मेरि निको बस एक बार और नहि शाम मैन ने उनका चेहरा दोनो हतोन मैन लेकर होनथ चुम लिये, मत रुलओ अपनि निक्को को तरस खओ सच मैन बोहोत दरद है उफ़्फ़ । बस मेरि गुदिया देकजो दो इनच बचा है, मने हाथ अपनि चूत पर लेजा कर लुनद पकदा आहाह हान देखो मेरि जान बस इतना सा बचा है नहि शाम सच मैन बिलकुल सुखा है तोमेरे होनथ चुम कर सिसके एक मनुते जान और उपर होकर धेर थूकमेरि चूत पर दला और मेरे होनत चुम कर बोले देखो खूब चकनि होगै मेरि गुदिया किनन्नहि सि चूत।

है मैं कया करून। बस जलदि से करदो अब और फिर मेरे होतोन पत होनथ रख कर ज़ोर का धक्का लगया तो फुच से पुरल उनद मेरि चूत के अनदर था। मैं लिपत गै उनसे। इतना मज़ा; उफ़ इस मज़े मैन शाम से झूम गै और मेरे गोल बदे बदे चूतर उछलने लगे और उनहोने मेरे होनत से होनथ अलग किये और मेरा दूह मुन मैन ले लया और दोनो बुरि तरह तदप रहे थे। है मज़ा आ गया शाम और तेज़ करो अहि मुझे कया हो रहा है उफ़ अह ऐयया आह ऐई मा मेरि च च चूओत, बोहोयत गरम गरम लुनद और तेज़ करो ना जलदि जलदि। है निक्को उफ़ आह आह मेरि गरम चूत औफ़ह बोहोत तनग आह और गेहरि चूत है मेरि चुद्दो कि अह अह निक्को चुतर उछलो अह अह हान ले लो मेरा लुनद आह उफ़ अपनि आह गरम छोति चूत मैन मेरि आअह जान। ऊउइ शाम है मज़ा आ गया खूब तेज़ करो ना अनदर उफ़ मेरा पयरा सा गरम मोता लुनद ऐ मा मज़ा आ गया। और फिर वो एकदुम से चिल्ला पदे निक्को निक्को उफ़ आअह आऐई मैन अह मैं आने वला हून ले लो मेरा उफ़ आह लुनद मेरि जान मेरि चूओत। कमरे मैन फस्सह फस्सह और हुम दोनो कि सिसकियोन कि अवज़ैन गूनजरहि थीन। आ जाओ मेरि जान मेरे रजा उफ़ आह है मज़ा आ गया और हुम दोनो के धक्के तूफ़नि हो गये और फिर मुझे लगा के मेरि पुरि चूत फैल गै हो उनकि लुनद से गरम मनि कि पिचकरि मेरि चूत के अखरोइ छोर तक गयि और मेरि चूत का झरना भि फोतो पदा। वहो मेरे दूधोन पर निधल हो कर लैत गये और मैन उनको अपने चकने मुलयम और गरम जिसम से लिपता लिया हुम दोनो पसिने से नहा रहे थे।

इतना पयर सपना; जब मैन सुभा सो कर उथि तो मेरि शलवर पुरि गीलि थि। ऐसा लगा जैसे वहो रात बह मेरे पास रहे होन। लेकिन वहो एक सपना था। और फिरमेरि शादि दुसरि जगह हो गै। शादि के 4 साल बद आज फिर शम बहि मेरे समने थे। अरेय भै निक्कि कहन खो गैन मैन कुच पुच रहा हून। मैन एक दुम से चोनक गैयी और उनको देखा और शरम के मरे उनसे आनख ना मिला सकि और भग कर भबिके पस कितचेन मैन घुस गै। उनकि ज़ोर से हनसने कि अवज़ आइ, पता नहि कया हुअ इस लदकि कोना जने कहन खो गै थी। भबि ने मुझ से पुचा कया हुअ तो मैन सोनत्रोल करके हनस दिनीनद आ गै थे एकदुम से। तो वहो भि हनस दि।
 
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