hotaks444
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" आपकी कसम भाभी इतनी लाजबाब चूत तो मैने किसी फिल्म में भी नहीं देखी. भैया कितनी किस्मत वाले हैं. लेकिन भाभी इस बिल को तो एक लंबे मोटे साँप की ज़रूरत है."
भाभी मुस्कुराते हुए बोली,
"कहाँ से लाउ उस लंबे मोटे साँप को.?"
"मेरे पास है ना एक लंबा मोटा साँप. एक इशारा करो, सदा ही आपके बिल में रहेगा."
"हट नालयक." यह कहा कर भाभी कपड़े सुखाने छत पे चली गयी..
ज़ाहिर था कि ये करने का विचार भाभी के मन में नॉवेल पढ़ने के बाद ही आया था. अब तो मुझे पूरा विश्वास हो गया कि भाभी मुझसे चुदवाना चाहती है. मैं मोके की तलाश में था जो जल्दी ही हाथ
आ गया.
तीन दिन बाद कॉलेज में बॉडी बिल्डिंग कॉंपिटेशन था. मैने खूब कसरत और मालिश करनी शुरू कर दी थी. भाभी भी मुझे अच्छी खुराक खिला रही थी. एक दिन भाभी नहा रही थी और मैं अपने कमरे में मालिश कर रहा था. मैने सिर्फ़ अंडरवेर पहन रखा था. इतने में भाभी नहा कर कमरे में आ गयी. वो पेटिकोट और ब्लाउस में थी.
मैने भाभी से कहा" भाभी ज़रा पीठ की मालिश कर दोगि?" भाभी बोली " हाँ हाँ क्यों नहीं चल लेट जा" मैं चटाई पर पेट के बल लेट गया. भाभी ने हाथ में तैल ले कर मेरी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया. भाभी के मुलायम हाथों का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था. पीठ पर मालिश करने के बाद चलने को हुई तो मैं बोला,
"कर ही रही हो तो पूरे बदन की मालिश कर दो ना. आपके हाथ की मालिश होने पर मैं ज़रूर बॉडी बिल्डिंग कॉंपिटेशन में जीत जाउन्गा."
"ठीक है कर देती हूँ, चल उल्टा हो कर लेट जा." मैं पीठ के बल लेट गया. भाभी ने पहले मेरे हाथों की मालिश की और फिर टाँगों की शुरू कर दी. जैसे जैसे मेरी जांघों के पास पहुँची मेरी दिल की धड़कन तेज़ होने लगी. मेरा लंड धीरे धीरे हरकत करने लगा. अब भाभी पेट पर और लंड के चारों तरफ जांघों पर मालिश करने लगी. मेरा लंड बुरी तरह से फंफनाने लगा. ढीले लंड से भी अंडरवेर का कसा उभार होता था. अब तो ये उभर फूल कर दुगना हो गया. भाभी से ये छुपा नही था और उनका चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था.कनखियों से उभार को देखते हुए बोली-
"आशु, लगता है तेरा अंडरवेर फॅट जाएगा. क्यों क़ैद कर रखा है बेचारे पन्छि को. आज़ाद कर दे." और यह कह कर खिलखिला कर हंस पड़ी.
"आप ही आज़ाद कर दो ना भाभी इस पन्छि को. आपको दुआएँ देगा."
"ठीक है मैं इसे आज़ादी देती हूँ" ये कहते हुए भाभी ने मेरा अंडरवेर नीचे खैंच दिया. अंडरवेर से आज़ाद होते ही मेरा 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड किसी काले कोब्रा की तरह फनफना कर खड़ा हो गया. भाभी के तो होश ही उड़ गये. चेहरे की हँसी एकदम गायब हो गयी. उनकी आँखें फटी की फटी रह गयी. मैने पूछा,
"क्या हुआ भाभी? घबराई हुई सी लगती हो."
भाभी मुस्कुराते हुए बोली,
"कहाँ से लाउ उस लंबे मोटे साँप को.?"
"मेरे पास है ना एक लंबा मोटा साँप. एक इशारा करो, सदा ही आपके बिल में रहेगा."
"हट नालयक." यह कहा कर भाभी कपड़े सुखाने छत पे चली गयी..
ज़ाहिर था कि ये करने का विचार भाभी के मन में नॉवेल पढ़ने के बाद ही आया था. अब तो मुझे पूरा विश्वास हो गया कि भाभी मुझसे चुदवाना चाहती है. मैं मोके की तलाश में था जो जल्दी ही हाथ
आ गया.
तीन दिन बाद कॉलेज में बॉडी बिल्डिंग कॉंपिटेशन था. मैने खूब कसरत और मालिश करनी शुरू कर दी थी. भाभी भी मुझे अच्छी खुराक खिला रही थी. एक दिन भाभी नहा रही थी और मैं अपने कमरे में मालिश कर रहा था. मैने सिर्फ़ अंडरवेर पहन रखा था. इतने में भाभी नहा कर कमरे में आ गयी. वो पेटिकोट और ब्लाउस में थी.
मैने भाभी से कहा" भाभी ज़रा पीठ की मालिश कर दोगि?" भाभी बोली " हाँ हाँ क्यों नहीं चल लेट जा" मैं चटाई पर पेट के बल लेट गया. भाभी ने हाथ में तैल ले कर मेरी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया. भाभी के मुलायम हाथों का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था. पीठ पर मालिश करने के बाद चलने को हुई तो मैं बोला,
"कर ही रही हो तो पूरे बदन की मालिश कर दो ना. आपके हाथ की मालिश होने पर मैं ज़रूर बॉडी बिल्डिंग कॉंपिटेशन में जीत जाउन्गा."
"ठीक है कर देती हूँ, चल उल्टा हो कर लेट जा." मैं पीठ के बल लेट गया. भाभी ने पहले मेरे हाथों की मालिश की और फिर टाँगों की शुरू कर दी. जैसे जैसे मेरी जांघों के पास पहुँची मेरी दिल की धड़कन तेज़ होने लगी. मेरा लंड धीरे धीरे हरकत करने लगा. अब भाभी पेट पर और लंड के चारों तरफ जांघों पर मालिश करने लगी. मेरा लंड बुरी तरह से फंफनाने लगा. ढीले लंड से भी अंडरवेर का कसा उभार होता था. अब तो ये उभर फूल कर दुगना हो गया. भाभी से ये छुपा नही था और उनका चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था.कनखियों से उभार को देखते हुए बोली-
"आशु, लगता है तेरा अंडरवेर फॅट जाएगा. क्यों क़ैद कर रखा है बेचारे पन्छि को. आज़ाद कर दे." और यह कह कर खिलखिला कर हंस पड़ी.
"आप ही आज़ाद कर दो ना भाभी इस पन्छि को. आपको दुआएँ देगा."
"ठीक है मैं इसे आज़ादी देती हूँ" ये कहते हुए भाभी ने मेरा अंडरवेर नीचे खैंच दिया. अंडरवेर से आज़ाद होते ही मेरा 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड किसी काले कोब्रा की तरह फनफना कर खड़ा हो गया. भाभी के तो होश ही उड़ गये. चेहरे की हँसी एकदम गायब हो गयी. उनकी आँखें फटी की फटी रह गयी. मैने पूछा,
"क्या हुआ भाभी? घबराई हुई सी लगती हो."