hotaks444
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रवि का सबसे सुंदर लिंग था, मैंने कहा- सुनील तुम मेरे सबसे पुराने आशिक
हो, तुम्हारा सबसे बढ़िया है, पर रवि का सबसे बड़ा है और सुंदर भी है, एकदम
सीधा लिंग है, उसके बाद सुशील का भी काफी अच्छा है।
और सुनील दोनों के लिंग छू कर देखने लगा और आगे पीछे करने लगा। उसने रवि
का लिंग मुँह में ले लिया तो रवि को मजा आने लगा। सुशील ने सुनील का मुँह
में ले लिया और मैंने सुशील का लिंग मुँह में लिया काफी देर तक हम लोग
ऐसे ही मजे करते रहे। उसके बाद रवि नीचे लेट गया, उसने मुझे अपने ऊपर
लिटा लिया और मेरी चूत में लिंग डाल दिया, फिर हाथ लगा कर देखा मेरी चूत
को और बोला- सुनील भैया, आप ऊपर से डाल दो !
मैं बोली- नहीं नहीं ! मेरी फट जाएगी !
वो बोला- नहीं, जगह है भाभी !
और सुनील ने भी अपना लिंग मेरी चूत में डाल दिया। क्यूंकि दोनों के लिंग
मोटे नहीं थे तो आराम से चले भी गए। मुझे अदम्य आनन्द आया, मैंने कभी
कल्पना नहीं की थी कि मेरी चूत में दो दो लिंग डलेंगे।
उधर सुशील मेरे मुँह को चोद रहा था झटके चालू थे मेरे बूब्स को वो रगड़
रहे थे, मेरा इस्तेमाल वो रण्डी की तरह कर रहे थे पर मुझे काफी मजा आ रहा
था।
"सुशील, तू भी आ जा ! तीनों ही डालेंगे भाभी की चूत में !"
मैंने कहा- कैसे, कहाँ से डालोगे?
तो वो बोला- मजाक कर रहा था !
रवि ने लिंग बाहर निकाला तो सुनील का भी निकल गया। अब वो मेरे मुँह में आ
गया अब सुशील ने डाल दिया और सुनील ऊपर से मेरी चूत में पेलने लगा। अब
सुनील फिर मेरे मुँह में आ गया और रवि ने ऊपर से मेरी चूत में डाल दिया।
अबकी बार दोनों बड़े लिंग मेरी चूत में थे तो मेरा चिल्लाना वाजिब था,
मेरी चूत फट सी गई थी और वो बस जोर जोर से चुदाई कर रहे थे। उनका निकलने
का नाम नहीं ले रहा था। मेरा करीब पाँच बार पानी निकल गया।
कोई एक घंटे बाद शुरुवात सुनील से हुई, उसका निकलने लगा, वो आह उह्ह करता
हुआ वो मेरे मुँह में झडने लगा और मैं जोश में पूरा गटकती गई।
रवि ने कहा- हटो सुनील भैया, मैं भी गया।
और वो दौड़ कर मेरे मुँह में आ गया और अपना पानी से मेरा मुँह भरने लगा।
मैं स्वाद ले लेकर उसको गटकने लगी। सुशील अभी भी झटके मार रहा था और वो
भी अब थक गया था और आह उह्ह करता हुआ मेरे मुँह में आया और झड़ने लगा।
मैंने उसका भी वीर्य गटक लिया और तीनों को बड़े प्यार से चूमा, कहा- मजा आ
गया ! आज की चुदाई मुझे हमेशा याद रहेगी। मैंने कभी नहीं सोचा था ख़ी मेरी
चूत में दो दो लंड अंदर घुसेंगे। वाह, थैंक्स सुशील ! रवि के साथ सेक्स
करने का मजा ही अलग है !
और इसी तरह हमने और पाँच दिन में करीब 15 बार सेक्स किया होगा, मेरी चूत
काफी बड़ी हो गई थी क्यूंकि दो दो लंड डाले जा रहे थे।
विनोद के आने का समय हो चला था हमने आखिरी बार और सेक्स किया और सब अपने
अपने घर चले गए।
विनोद आ गया और आते ही बोल पड़ा- ओह्ह सुरभि ! सबसे पहले तो मेरा हाल बुरा
है थकान उतारनी है।
मैं समझ गई, मैंने उसका लिंग बाहर निकाला और मुँह से रगड़ रगड़ कर आगे पीछे
करने लगी। उसने मेरी चूत में हाथ डाला, मेरी चूत काफी गीली हो रही थी
क्यूंकि अभी अभी मैंने तीनों के साथ चुदाई की थी और मेरी चूत का छेद भी
बड़ा हो रहा था तो विनोद समझ तो गया पर उसने कुछ भी नहीं समझने का नाटक
किया।
मैंने भी उसको खूब मजे से मुख मैथुन किया, विनोद को मजा आ गया, बोला-
सुरभि तुम जैसा मुख मैथुन कोई नहीं कर सकता है। और वो मेरे मुँह में झड़ने
लगा। मैं उसका सारा माल पी गई।
विनोद बोला- मजा आ गया ! पर सॉरी यार सुरभि, तुम प्यासी रह गई हो। चलो
खाना खाने के बाद करते हैं आराम से, आज खूब चोदूँगा मैं तुमको।
जिंदगी चलती रहती है, आगे भी और कोई अच्छी घटना हुई तो जरुर बताऊँगी
क्यूंकि मेरे जीवन में सेक्स का स्थान बहुत ऊपर है।
हो, तुम्हारा सबसे बढ़िया है, पर रवि का सबसे बड़ा है और सुंदर भी है, एकदम
सीधा लिंग है, उसके बाद सुशील का भी काफी अच्छा है।
और सुनील दोनों के लिंग छू कर देखने लगा और आगे पीछे करने लगा। उसने रवि
का लिंग मुँह में ले लिया तो रवि को मजा आने लगा। सुशील ने सुनील का मुँह
में ले लिया और मैंने सुशील का लिंग मुँह में लिया काफी देर तक हम लोग
ऐसे ही मजे करते रहे। उसके बाद रवि नीचे लेट गया, उसने मुझे अपने ऊपर
लिटा लिया और मेरी चूत में लिंग डाल दिया, फिर हाथ लगा कर देखा मेरी चूत
को और बोला- सुनील भैया, आप ऊपर से डाल दो !
मैं बोली- नहीं नहीं ! मेरी फट जाएगी !
वो बोला- नहीं, जगह है भाभी !
और सुनील ने भी अपना लिंग मेरी चूत में डाल दिया। क्यूंकि दोनों के लिंग
मोटे नहीं थे तो आराम से चले भी गए। मुझे अदम्य आनन्द आया, मैंने कभी
कल्पना नहीं की थी कि मेरी चूत में दो दो लिंग डलेंगे।
उधर सुशील मेरे मुँह को चोद रहा था झटके चालू थे मेरे बूब्स को वो रगड़
रहे थे, मेरा इस्तेमाल वो रण्डी की तरह कर रहे थे पर मुझे काफी मजा आ रहा
था।
"सुशील, तू भी आ जा ! तीनों ही डालेंगे भाभी की चूत में !"
मैंने कहा- कैसे, कहाँ से डालोगे?
तो वो बोला- मजाक कर रहा था !
रवि ने लिंग बाहर निकाला तो सुनील का भी निकल गया। अब वो मेरे मुँह में आ
गया अब सुशील ने डाल दिया और सुनील ऊपर से मेरी चूत में पेलने लगा। अब
सुनील फिर मेरे मुँह में आ गया और रवि ने ऊपर से मेरी चूत में डाल दिया।
अबकी बार दोनों बड़े लिंग मेरी चूत में थे तो मेरा चिल्लाना वाजिब था,
मेरी चूत फट सी गई थी और वो बस जोर जोर से चुदाई कर रहे थे। उनका निकलने
का नाम नहीं ले रहा था। मेरा करीब पाँच बार पानी निकल गया।
कोई एक घंटे बाद शुरुवात सुनील से हुई, उसका निकलने लगा, वो आह उह्ह करता
हुआ वो मेरे मुँह में झडने लगा और मैं जोश में पूरा गटकती गई।
रवि ने कहा- हटो सुनील भैया, मैं भी गया।
और वो दौड़ कर मेरे मुँह में आ गया और अपना पानी से मेरा मुँह भरने लगा।
मैं स्वाद ले लेकर उसको गटकने लगी। सुशील अभी भी झटके मार रहा था और वो
भी अब थक गया था और आह उह्ह करता हुआ मेरे मुँह में आया और झड़ने लगा।
मैंने उसका भी वीर्य गटक लिया और तीनों को बड़े प्यार से चूमा, कहा- मजा आ
गया ! आज की चुदाई मुझे हमेशा याद रहेगी। मैंने कभी नहीं सोचा था ख़ी मेरी
चूत में दो दो लंड अंदर घुसेंगे। वाह, थैंक्स सुशील ! रवि के साथ सेक्स
करने का मजा ही अलग है !
और इसी तरह हमने और पाँच दिन में करीब 15 बार सेक्स किया होगा, मेरी चूत
काफी बड़ी हो गई थी क्यूंकि दो दो लंड डाले जा रहे थे।
विनोद के आने का समय हो चला था हमने आखिरी बार और सेक्स किया और सब अपने
अपने घर चले गए।
विनोद आ गया और आते ही बोल पड़ा- ओह्ह सुरभि ! सबसे पहले तो मेरा हाल बुरा
है थकान उतारनी है।
मैं समझ गई, मैंने उसका लिंग बाहर निकाला और मुँह से रगड़ रगड़ कर आगे पीछे
करने लगी। उसने मेरी चूत में हाथ डाला, मेरी चूत काफी गीली हो रही थी
क्यूंकि अभी अभी मैंने तीनों के साथ चुदाई की थी और मेरी चूत का छेद भी
बड़ा हो रहा था तो विनोद समझ तो गया पर उसने कुछ भी नहीं समझने का नाटक
किया।
मैंने भी उसको खूब मजे से मुख मैथुन किया, विनोद को मजा आ गया, बोला-
सुरभि तुम जैसा मुख मैथुन कोई नहीं कर सकता है। और वो मेरे मुँह में झड़ने
लगा। मैं उसका सारा माल पी गई।
विनोद बोला- मजा आ गया ! पर सॉरी यार सुरभि, तुम प्यासी रह गई हो। चलो
खाना खाने के बाद करते हैं आराम से, आज खूब चोदूँगा मैं तुमको।
जिंदगी चलती रहती है, आगे भी और कोई अच्छी घटना हुई तो जरुर बताऊँगी
क्यूंकि मेरे जीवन में सेक्स का स्थान बहुत ऊपर है।