hotaks444
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किराए का पति--5
गतान्क से आगे……………………………..
हनी मून उतना ही बकवास था जितना कि मेरी शादी. शादी से पहले ही मुझे बता दिया गया था कि मुझे क्या क्या करना है. मुझे अपना पार्ट इस तरह अदा करना है कि दुनिया और क़ानून यही समझे कि हम दोनो शादी शुदा जोड़े है. और शादी से खुश है.
"में जो कह रही हूँ राज तुम उसपर विश्वास तो नही करोगे, पर ये सच है कि ट्रस्ट के जो इंचार्ज है वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे ये साबित करने क़ी कि मेने वसीयत की हर शर्त पूरी नही की है. तुम्हे अपना रोल बखूबी निभाना होगा जिससे किसी को कोई भी शक़ ना होने पाए." सोनिया ने कहा.
"अगर तुम जो कह रही हो सच है तो वो लोग तुम्हारे पीछे जासूस भी छोड़ सकते है और तुम्हारा अमित के साथ इश्क़ भी उनकी नज़रों मे आ जाएगा," मेने कहा.
"अगर ट्रस्टीस को पता चल भी गया तो इस बात से कोई फरक नही पड़ता. पिताजी की वसीयत मे ऐसा कुछ नही लिखा कि में किसी दूसरे मर्द के साथ नही सो सकती. फिर भी अगर किसी ने इस को विषय बनाया तो में सॉफ कह दूँगी के ये सब झूठी अफवाह है और में अपने पति से बहोत प्यार करती हूँ.
फिर भी अगर बात नही बनी राज तो तुम्हे मेरा साथ देना होगा कि ये कहकर तुम मेरी हर ग़लती को माफ़ करते हो और मुझसे बहोत प्यार करते हो.
मेरी शादी की कहानी तो पहले ही लिखी जा चुकी थी. और कहानी के अनुसार ही में अपनी चन्द सालों की पत्नी सोनिया के साथ हनिमून सूयीट मे था और उसका प्रेमी अमित हमारे कमरे से थोड़ी ही दूर दूसरे कमरे मे था. मुझे अमित के कमरे मे सोना था और अमित सोनिया के साथ उसके कमरे मे.
सब कुछ पहले से तय था. मेरे हनिमून का मतलब था कि सोनिया ज़्यादा से ज़्यादा समय अमित के साथ बिता सके. सब कुछ जानते हुए में अपने साथ बहोत सारी किताबे ले आया था जिससे मेरा समय कट सके.
हर रात एक शादी शुदा जोड़े की तरह में और सोनिया किसी अच्छे रेस्टोरेंट मे खाना खाने जाते और किसी पब मे जाकर नाचते जिससे लोगों की नज़र हम पर पड़ सके. जब होटेल वापस पहुँचते तो सीधे अपने कमरे मे जाते और जब रात को पॅसेज मे कोई नही होता तो में अमित के कमरे मे चला जाता और अमित सोनिया के कमरे मे आ जाता.
किसी दिन हम ऐसी जगह घूमने जाते जहाँ एकांत हो और अमित वहाँ पर सोनिया का इंतेज़ार करते हुए मिलता. में सोनिया को अमित के पास छोड़ पास मे ही कहीं टहल कर अपना समय व्यतीत करता.
ये सब कुछ तीन दिनो तक चला पर एक रात में हैरान रह गया. में अपने कमरे मे गहरी नींद सोया हुआ था कि अचानक सोनिया मेरे कमरे मे आ गयी और मेरे बगल मे आकर मेरे पास लेट गयी.
सोनिया मेरे पास लेटकर मेरे लंड से खेलने लगी. जब में नींद जागा तो उसने मुझे सीधा किया और मेरे चेहरे पर बैठ कर अपनी चूत मेरे मुँह से लगा दी.
"मेरी चूत को चूसो राज……..खूब जोरों से चूसो….आज अमित ने मेरी चूत नही चूसी…. अब एक अच्छे पति की तरह मेरी चूत को चूसो और चॅटो."
खैर में क्या करता, इसी काम के लिए तो मुझे किराए पर रखा गया था और वैसे भी में पहले से जानता था कि ये सब तो होना ही था. में जोरों से सोनिया की चूत को चूसने और चाटने लगा.
पता नही क्यों आज मुझे उतना मज़ा नही आ रहा था जितना कि मुझे अपनी सुहागरात को सोनिया की चूत चूसने मे आया था शायद इसलिए कि वो अभी अभी अमित से चुद्वा कर आ रही थी. मुझे उसकी चूत मे बिल्कुल नही आ रहा था.
गतान्क से आगे……………………………..
हनी मून उतना ही बकवास था जितना कि मेरी शादी. शादी से पहले ही मुझे बता दिया गया था कि मुझे क्या क्या करना है. मुझे अपना पार्ट इस तरह अदा करना है कि दुनिया और क़ानून यही समझे कि हम दोनो शादी शुदा जोड़े है. और शादी से खुश है.
"में जो कह रही हूँ राज तुम उसपर विश्वास तो नही करोगे, पर ये सच है कि ट्रस्ट के जो इंचार्ज है वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे ये साबित करने क़ी कि मेने वसीयत की हर शर्त पूरी नही की है. तुम्हे अपना रोल बखूबी निभाना होगा जिससे किसी को कोई भी शक़ ना होने पाए." सोनिया ने कहा.
"अगर तुम जो कह रही हो सच है तो वो लोग तुम्हारे पीछे जासूस भी छोड़ सकते है और तुम्हारा अमित के साथ इश्क़ भी उनकी नज़रों मे आ जाएगा," मेने कहा.
"अगर ट्रस्टीस को पता चल भी गया तो इस बात से कोई फरक नही पड़ता. पिताजी की वसीयत मे ऐसा कुछ नही लिखा कि में किसी दूसरे मर्द के साथ नही सो सकती. फिर भी अगर किसी ने इस को विषय बनाया तो में सॉफ कह दूँगी के ये सब झूठी अफवाह है और में अपने पति से बहोत प्यार करती हूँ.
फिर भी अगर बात नही बनी राज तो तुम्हे मेरा साथ देना होगा कि ये कहकर तुम मेरी हर ग़लती को माफ़ करते हो और मुझसे बहोत प्यार करते हो.
मेरी शादी की कहानी तो पहले ही लिखी जा चुकी थी. और कहानी के अनुसार ही में अपनी चन्द सालों की पत्नी सोनिया के साथ हनिमून सूयीट मे था और उसका प्रेमी अमित हमारे कमरे से थोड़ी ही दूर दूसरे कमरे मे था. मुझे अमित के कमरे मे सोना था और अमित सोनिया के साथ उसके कमरे मे.
सब कुछ पहले से तय था. मेरे हनिमून का मतलब था कि सोनिया ज़्यादा से ज़्यादा समय अमित के साथ बिता सके. सब कुछ जानते हुए में अपने साथ बहोत सारी किताबे ले आया था जिससे मेरा समय कट सके.
हर रात एक शादी शुदा जोड़े की तरह में और सोनिया किसी अच्छे रेस्टोरेंट मे खाना खाने जाते और किसी पब मे जाकर नाचते जिससे लोगों की नज़र हम पर पड़ सके. जब होटेल वापस पहुँचते तो सीधे अपने कमरे मे जाते और जब रात को पॅसेज मे कोई नही होता तो में अमित के कमरे मे चला जाता और अमित सोनिया के कमरे मे आ जाता.
किसी दिन हम ऐसी जगह घूमने जाते जहाँ एकांत हो और अमित वहाँ पर सोनिया का इंतेज़ार करते हुए मिलता. में सोनिया को अमित के पास छोड़ पास मे ही कहीं टहल कर अपना समय व्यतीत करता.
ये सब कुछ तीन दिनो तक चला पर एक रात में हैरान रह गया. में अपने कमरे मे गहरी नींद सोया हुआ था कि अचानक सोनिया मेरे कमरे मे आ गयी और मेरे बगल मे आकर मेरे पास लेट गयी.
सोनिया मेरे पास लेटकर मेरे लंड से खेलने लगी. जब में नींद जागा तो उसने मुझे सीधा किया और मेरे चेहरे पर बैठ कर अपनी चूत मेरे मुँह से लगा दी.
"मेरी चूत को चूसो राज……..खूब जोरों से चूसो….आज अमित ने मेरी चूत नही चूसी…. अब एक अच्छे पति की तरह मेरी चूत को चूसो और चॅटो."
खैर में क्या करता, इसी काम के लिए तो मुझे किराए पर रखा गया था और वैसे भी में पहले से जानता था कि ये सब तो होना ही था. में जोरों से सोनिया की चूत को चूसने और चाटने लगा.
पता नही क्यों आज मुझे उतना मज़ा नही आ रहा था जितना कि मुझे अपनी सुहागरात को सोनिया की चूत चूसने मे आया था शायद इसलिए कि वो अभी अभी अमित से चुद्वा कर आ रही थी. मुझे उसकी चूत मे बिल्कुल नही आ रहा था.