hotaks444
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बीवी ने मेरा काम बनवा ही दिया
बीवी ने काम बनवाया मेरे पेरेंट्स की एक सड़क हादसे मे मौत के बाद घर मे हम तीन मेंबर ही रह गये-मैं सुधीर उमर 23 साल , 6 महीने पहले बियाही 21 साल की मेरी बीवी सुषमा और 10थ मे पढ़ रही 15 साल की मेरी एकलौती बेहन काजल,उस हादसे को भूल कर हम तीनो प्यार
से रह रहे थे.रोज की तरह एक दिन
मेरी प्यारी कमसिन बेहन काजल ने स्कूल से आते ही बस्ता सोफे पे फेंका, टाइ,बेल्ट और शूस उतरे और हाफ शर्ट के उपरी बटन खोलकर बेड पे पसर गयी.स्कर्ट के नीचे से शर्ट निकाल कर नाभि के उपर तक चढ़ा लिया.फॅन फुल स्पीड पे था जिसके कारण स्कर्ट गोरी मसल जाँघो से हट गयी थी. चढ़ि का उभार साफ दिख रहा था. मैं उसके नोकिले चुचक,गहरी नाभि और गदराई जांघों के बीच का फूला हुआ हिस्सा खिड़की से एकटक देख रहा था.अचानक मेरी पत्नी सुषमा ने मेरी चोरी पकड़ते हुए चिकोटी काटी और खींच कर एक साइड मे लेजाकार बोली “कच्चे-2 नींबुड़े देख रहे हो,माल लगभग त्यार है.
काजल अब जवान हो चुकी है, कभी उसके जिस्म को नज़दीक से सूँघा है? उसकी जांघों के बीच से मर्दों को मदहोश करने वाली मादा गंध आती है.अगर यकीन ना हो तो खुद कभी सोती हुई को सूंघ लेना .और जवानी तो दीवानी होती है. अपनी बेहन के चूतड़ का उभार तो देखना. कैसे मस्त और कसी हुई गांद है उसस्की और उसस्की चुचि तो अब नींबू से बढ़ कर क़िस्सी अनार जैसी लगती है. मुझे यकीन है कि कॉलेज के लड़के उस पर लाइन मारते होंगे. जवान लड़की की टाँगें कब खुल जाएँ पता नहीं चलता और मेरी प्यारी ननद पर तो बला का हुसन चढ़ा हुआ है. मेरे अच्छे बलमा मुझे ही चोद्ते रहो गे या फिर अपनी बेहन के लिए भी लड़के की, यानी कि लंड की तलाश भी करोगे. कहीं किसी एररे गैररे ने चोद दिया अपनी काजल को तो मूह दिखाने के काबिल नहीं रहोगे. जवानी और हुस्न को जल्दी से संभाल लेना चाहिए, समझे?यकीन ना हो तो अभी इसकी जांघों के बीच सूंघ कर देख लो कहकर मेरा हाथ पकड़ कर काजल के बेड की तरफ ले जाने लगी.
मेने धीमी आवाज़ मे पर सख्ती से कहा ‘ पागल हो क्या, काजल मेरी बेहन है, क्या सोचेगी ? सुषमा नही मानी मेरा सर काजल की जांघों मे झुका कर बोली के अब इसकी आँख लग गयी हैं” मैं उपरी दिल से नाटक कर रहा था कि काजल से ऐसा कुच्छ नही करना चाहता लेकिन सुषमा के ज़रा से हाथ के दबाव से मेरा नाक काजल की पेंटी से धकि उभरी चूत को लगभग च्छुने लगी. मैने एक ज़ोर की सांस अंदर की तरफ खींची.ओह गॉड ! सचमुच अधपकी जवान चूत की ऐसी मादक गंध थी कि मेरे सारे बदन मे करेंट सा दौड़ गया और मेरा लंड खड़ा हो गया मेरी पत्नी सुषमा ने मुझे बाहर की तरफ खींचते हुए कहा कि चलो अब, कहीं काजल जाग ना जाए.कमरे से बाहर निकलते ही सुषमा ने मेरी पेंट मे तंबू बनाए हुए लंड को पकड़ कर भींचते हुए कहा कि देखो मुआ बेहन की सूंघते ही कितनी जल्दी अकड़ गया है,अभी थोड़ी देर पहले तो मुझ को घोड़ी बना कर चोद कर हटा था.” मेरी पत्नी मुझे बेडरूम ले गयी और पूरी नंगी हो कर मेरे सीने पर लेट गयी. मेरा लंड कुच्छ ढीला पड़ चुका था और सुषमा की बड़ी बड़ी चुचि मेरे सीने में धँसी हुई थी और मेरे हाथ उसस्के गोरे गोरे मांसल चूतड़ पर सैर कर रहे थे
मेरा ध्यान अपनी छ्होटी बेहन काजल की तरफ फिर चला गया. मेरे अंदर का भाई ये मानने को तैयार ना था कि मेरी बेहन चुदाई की उमर पर पहुँच चुकी है, लेकिन मेरे अंदर का मर्द सॉफ देख रहा था कि मेरी बेहन पर जवानी एक तूफान की तरह चढ़ चुकी थी. काजल अब 15-16 साल की हो चुकी थी. मेरी बेहन अधिकतर स्कर्ट्स पहनती थी जिस में उसस्की खूबसूरत जंघें झलक पड़ती थी. गोरे रंग वाली मेरी प्यारी बहना के चूतड़ मांसल थे और जब वो चलती तो उसस्की गांद ठुमक ठुमक करती मेरी आँखों से च्छूपी ना रहती और मेरा हाथ उसस्की गांद को सहलाने को मचल उठता. काजल का पेट सपाट था और चुचि उठी हुई है. जब वो बॅडमिंटन खेलने जाती है तो उसस्के वाइट ब्लाउस से उसस्की चुचि झँकती है और मेरा लंड खड़ा हो जाता है, बाकी लोगों का क्या होता होगा मुझे नहीं पता.
काजल के बॉब्कट बॉल लड़कों की तरह कटे हुए हैं और उसस्के मोटे होंठ हमेशा रस से भरे हुए दिखते हैं.इन्ही ख़यालों मे मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.मेरी बीवी ने लंड को मुथि मे लेकर फिर कटाक्ष किया “मेरी ननद रानी फिर याद अराही है क्या ? अब तो आपका काम बनवाना ही पड़ेगा, लेकिन फिल हाल तो मुझे ही काजल समझ कर चोदो मेरे राजा मेरे भैया” . बीवी के मूह से भैया सुन कर मेने सुषमा को दबोच लिया और उठा कर टाँगे कंधों पे रख कर एक ही धक्के मे लंड जड़ तक पेल दिया .” हाए भैया आहिस्ता करो” सुषमा ने सिसकी के साथ मेरे कान मे कहा.ना जाने क्यों इस से मेरा जोश और बढ़ गया और मे उसे तेज तेज हुमच-2 कर चोदने लगा.ताज्जुब की बात थी के मुझे ऐसा लग रहा था की मैं! काजल को ही चोद रहा हूँ.
सुषमा भी नीचे से गांद उच्छालते हुए बोल रही थी ” हाए भैया फाड़ दो, और ज़ोर से.. भैया…मैं गाइइ,..” झड़ने के थोड़ी देर बाद सुषमा ने आँखे खोली और बोली कि एक बात सच बताउ तो बुरा तो नही मनोगे ? मेने कहा कि तुम्हारी किसी बात का कभी बुरा माना है.फिर उसने सनसनी खेज राज उगलते हुए कहा ” मैं आपको भैया नही कह रही थी बलके मेरी कल्पना कर रही थी कि मेरे खुद के सगे भैया तरुण ही मुझे चोद रहे हैं.”मेने कहा कि कल्पना करने तक तो कोई बुराई नही. फिर बोली के आप मुझे काजल समझ कर चोदो और मे आपको भैया कह कर चुदवाउंगी, फिर देखना चुदाई का असली मज़ा .फिर वो बोली ” आजा मेरे राजा भैया, चोद ले अपनी बेहन को ” मेने भी कहा के हाए मेरी काजल रानी दे दे मुझे और उसे दबोच लिया.सचमुच इस बार मेने दोगुने जोश से उसकी चुदाई की और ऐसा जोरदार चरम आनंद पहले कभी नही आया.उगले दिन सनडे था.
बीवी ने काम बनवाया मेरे पेरेंट्स की एक सड़क हादसे मे मौत के बाद घर मे हम तीन मेंबर ही रह गये-मैं सुधीर उमर 23 साल , 6 महीने पहले बियाही 21 साल की मेरी बीवी सुषमा और 10थ मे पढ़ रही 15 साल की मेरी एकलौती बेहन काजल,उस हादसे को भूल कर हम तीनो प्यार
से रह रहे थे.रोज की तरह एक दिन
मेरी प्यारी कमसिन बेहन काजल ने स्कूल से आते ही बस्ता सोफे पे फेंका, टाइ,बेल्ट और शूस उतरे और हाफ शर्ट के उपरी बटन खोलकर बेड पे पसर गयी.स्कर्ट के नीचे से शर्ट निकाल कर नाभि के उपर तक चढ़ा लिया.फॅन फुल स्पीड पे था जिसके कारण स्कर्ट गोरी मसल जाँघो से हट गयी थी. चढ़ि का उभार साफ दिख रहा था. मैं उसके नोकिले चुचक,गहरी नाभि और गदराई जांघों के बीच का फूला हुआ हिस्सा खिड़की से एकटक देख रहा था.अचानक मेरी पत्नी सुषमा ने मेरी चोरी पकड़ते हुए चिकोटी काटी और खींच कर एक साइड मे लेजाकार बोली “कच्चे-2 नींबुड़े देख रहे हो,माल लगभग त्यार है.
काजल अब जवान हो चुकी है, कभी उसके जिस्म को नज़दीक से सूँघा है? उसकी जांघों के बीच से मर्दों को मदहोश करने वाली मादा गंध आती है.अगर यकीन ना हो तो खुद कभी सोती हुई को सूंघ लेना .और जवानी तो दीवानी होती है. अपनी बेहन के चूतड़ का उभार तो देखना. कैसे मस्त और कसी हुई गांद है उसस्की और उसस्की चुचि तो अब नींबू से बढ़ कर क़िस्सी अनार जैसी लगती है. मुझे यकीन है कि कॉलेज के लड़के उस पर लाइन मारते होंगे. जवान लड़की की टाँगें कब खुल जाएँ पता नहीं चलता और मेरी प्यारी ननद पर तो बला का हुसन चढ़ा हुआ है. मेरे अच्छे बलमा मुझे ही चोद्ते रहो गे या फिर अपनी बेहन के लिए भी लड़के की, यानी कि लंड की तलाश भी करोगे. कहीं किसी एररे गैररे ने चोद दिया अपनी काजल को तो मूह दिखाने के काबिल नहीं रहोगे. जवानी और हुस्न को जल्दी से संभाल लेना चाहिए, समझे?यकीन ना हो तो अभी इसकी जांघों के बीच सूंघ कर देख लो कहकर मेरा हाथ पकड़ कर काजल के बेड की तरफ ले जाने लगी.
मेने धीमी आवाज़ मे पर सख्ती से कहा ‘ पागल हो क्या, काजल मेरी बेहन है, क्या सोचेगी ? सुषमा नही मानी मेरा सर काजल की जांघों मे झुका कर बोली के अब इसकी आँख लग गयी हैं” मैं उपरी दिल से नाटक कर रहा था कि काजल से ऐसा कुच्छ नही करना चाहता लेकिन सुषमा के ज़रा से हाथ के दबाव से मेरा नाक काजल की पेंटी से धकि उभरी चूत को लगभग च्छुने लगी. मैने एक ज़ोर की सांस अंदर की तरफ खींची.ओह गॉड ! सचमुच अधपकी जवान चूत की ऐसी मादक गंध थी कि मेरे सारे बदन मे करेंट सा दौड़ गया और मेरा लंड खड़ा हो गया मेरी पत्नी सुषमा ने मुझे बाहर की तरफ खींचते हुए कहा कि चलो अब, कहीं काजल जाग ना जाए.कमरे से बाहर निकलते ही सुषमा ने मेरी पेंट मे तंबू बनाए हुए लंड को पकड़ कर भींचते हुए कहा कि देखो मुआ बेहन की सूंघते ही कितनी जल्दी अकड़ गया है,अभी थोड़ी देर पहले तो मुझ को घोड़ी बना कर चोद कर हटा था.” मेरी पत्नी मुझे बेडरूम ले गयी और पूरी नंगी हो कर मेरे सीने पर लेट गयी. मेरा लंड कुच्छ ढीला पड़ चुका था और सुषमा की बड़ी बड़ी चुचि मेरे सीने में धँसी हुई थी और मेरे हाथ उसस्के गोरे गोरे मांसल चूतड़ पर सैर कर रहे थे
मेरा ध्यान अपनी छ्होटी बेहन काजल की तरफ फिर चला गया. मेरे अंदर का भाई ये मानने को तैयार ना था कि मेरी बेहन चुदाई की उमर पर पहुँच चुकी है, लेकिन मेरे अंदर का मर्द सॉफ देख रहा था कि मेरी बेहन पर जवानी एक तूफान की तरह चढ़ चुकी थी. काजल अब 15-16 साल की हो चुकी थी. मेरी बेहन अधिकतर स्कर्ट्स पहनती थी जिस में उसस्की खूबसूरत जंघें झलक पड़ती थी. गोरे रंग वाली मेरी प्यारी बहना के चूतड़ मांसल थे और जब वो चलती तो उसस्की गांद ठुमक ठुमक करती मेरी आँखों से च्छूपी ना रहती और मेरा हाथ उसस्की गांद को सहलाने को मचल उठता. काजल का पेट सपाट था और चुचि उठी हुई है. जब वो बॅडमिंटन खेलने जाती है तो उसस्के वाइट ब्लाउस से उसस्की चुचि झँकती है और मेरा लंड खड़ा हो जाता है, बाकी लोगों का क्या होता होगा मुझे नहीं पता.
काजल के बॉब्कट बॉल लड़कों की तरह कटे हुए हैं और उसस्के मोटे होंठ हमेशा रस से भरे हुए दिखते हैं.इन्ही ख़यालों मे मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.मेरी बीवी ने लंड को मुथि मे लेकर फिर कटाक्ष किया “मेरी ननद रानी फिर याद अराही है क्या ? अब तो आपका काम बनवाना ही पड़ेगा, लेकिन फिल हाल तो मुझे ही काजल समझ कर चोदो मेरे राजा मेरे भैया” . बीवी के मूह से भैया सुन कर मेने सुषमा को दबोच लिया और उठा कर टाँगे कंधों पे रख कर एक ही धक्के मे लंड जड़ तक पेल दिया .” हाए भैया आहिस्ता करो” सुषमा ने सिसकी के साथ मेरे कान मे कहा.ना जाने क्यों इस से मेरा जोश और बढ़ गया और मे उसे तेज तेज हुमच-2 कर चोदने लगा.ताज्जुब की बात थी के मुझे ऐसा लग रहा था की मैं! काजल को ही चोद रहा हूँ.
सुषमा भी नीचे से गांद उच्छालते हुए बोल रही थी ” हाए भैया फाड़ दो, और ज़ोर से.. भैया…मैं गाइइ,..” झड़ने के थोड़ी देर बाद सुषमा ने आँखे खोली और बोली कि एक बात सच बताउ तो बुरा तो नही मनोगे ? मेने कहा कि तुम्हारी किसी बात का कभी बुरा माना है.फिर उसने सनसनी खेज राज उगलते हुए कहा ” मैं आपको भैया नही कह रही थी बलके मेरी कल्पना कर रही थी कि मेरे खुद के सगे भैया तरुण ही मुझे चोद रहे हैं.”मेने कहा कि कल्पना करने तक तो कोई बुराई नही. फिर बोली के आप मुझे काजल समझ कर चोदो और मे आपको भैया कह कर चुदवाउंगी, फिर देखना चुदाई का असली मज़ा .फिर वो बोली ” आजा मेरे राजा भैया, चोद ले अपनी बेहन को ” मेने भी कहा के हाए मेरी काजल रानी दे दे मुझे और उसे दबोच लिया.सचमुच इस बार मेने दोगुने जोश से उसकी चुदाई की और ऐसा जोरदार चरम आनंद पहले कभी नही आया.उगले दिन सनडे था.