hotaks444
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थोड़ी देर बाद…..
मैं- मज़ा आया…
ममता- बहुत बहुत मज़ा आया…
मैं- अच्छा है….तुम खुश हो तो बॅस..
ममता- आप खुश नही क्या
मैं- अरे क्यो नही..मैं भी खुश हूँ….पर तुम्हारी गान्ड रह गई…
ममता- काफ़ी फ़ुर्सत से मारना…पॅक है…
मैं- सच मे...खुली नही
ममता- नही..आप खोल देना...
मैं- ह्म्म..तो कभी फ़ुर्सत से खोलुगा....
ममता और मैने गले लगे हुए बाते करने लगे ऑर किस भी करते रहे...
मैं- अब ऐसे ही पड़ी रहोगी...चलो भी
ममता- हाँ..चलना तो है...फिर कब करोगे...*???
मैं- कहना मुस्किल है…देखते है…कुछ मौका आयगा तो करेगे…
मामा- ठीक है…जब भी आओगे…गान्ड पॅक ही मिलेगी…
मैं(किस कर के)- ओके…जल्दी ही बताउन्गा….अब चलो
इसके बाद हमने अपने कपड़े पहने ऑर ममता ने सामान लिया ऑर हम ग्रूप के पास जाने लगे….
जैसे ही हम वहाँ पहुँचे तो देखा कि सब हमारा ही वेट कर रहे थे….मुझे देखते ही आंटी मेरे पास आई ऑर बोली क़ि अब हम गाओं घूमने जाएगे ऑर वही से हवेली निकल जायगे…
मैं नज़र घुमा कर सबको देखने लगा तो वहाँ सब खड़े हुए थे ऑर साथ मे एक चेहरा वो भी था जिसे मैं देख रहा था….
वो चेहरा पारूल का था..जब हमारी नज़रे टकराई तो पारूल मुस्कुरा कर शरमा गई ऑर नीचे देखने लगी…मैं फिर बात करने को पारूल के पास पहुँच गया…
मैं(धीरे से)- अब कैसी हो..???
पारूल- ठीक हूँ भैया...
मैं- गुड...अब कल की तैयारी करो , ओके
पारूल- आपने माँ से बोला है ना…
मैं- नही...वो दामिनी ने बोल दिया होगा...अभी पूछता हूँ...
फिर मैने दामिनी को इशारे से अपने पास बुला लिया...ऑर दामिनी आते ही पारूल को देख कर बोली...
दामिनी- अच्छा तो यहीं है आप...पारूल का जादू चढ़ गया...
दामिनी की बात सुनकर पारूल शरमा गई ओर मैने भी स्माइल पास कर दी...
मैं- दामिनी...मज़ाक छोड़ो...पहले मेरी बात सुनो...
दामिनी- हाँ बोलो
मैं- तुमने पारूल की माँ से बात की...
दामिनी- ओह हाँ...बात हो गई ऑर वो पारूल को भेजने को मान गई...
मैं- सिर्फ़ पारूल को…वो नही आयगी क्या…??
पारूल- हाँ मेडम..माँ साथ नही आयगी..???
दामिनी- अरे पारूल …तेरी माँ जहाँ काम करती है तो ऐसे ही छोड़ के कैसे आ जायगी….
मैं- ओह..ऐसा…तो ठीक है…पारूल के लिए हाँ कह दिया ना..
दामिनी(मुस्कुरा कर)- हाँ मेरे हीरो…पारूल आपकी हुई…
मैं- फिर से मज़ाक….ये बताओ पारूल की माँ कब आयगी…???
दामिनी- शायद 1 वीक मे...मैं हूँ ना...उसे पहुँचा दूगी…आप पारूल को सम्भालो…
मैं- ओके…तो पारूल तुम रेडी रहना…कुछ सामान पॅक करना हो तो कर लेना…
दामिनी- अरे आप टेन्षन फ्री रहो…मैं सब करवा दूगी…आज रात ये हवेली मे ही रुकेगी…
मैं- ओके…तब ठीक है….
हम बाते ही कर कर रहे थे कि कामिनी ने मुझे बुला लिया ऑर मैं कामिनी के पास पहुँच गया ..जहाँ कामिनी के साथ आंटी और मनु भी थी,…
मैं- हाँ कहिए…
कामिनी- फार्म घूम लिया …???
मैं- हाँ..घूम लिया…अच्छा लगा…
कामिनी- अब चलिए…आपको अपना गाओं भी दिखा दे…
मैं- ओके..चलिए....
कामिनी ने फिर सबको चलने के लिए कहा..ऑर मैं मनु को देखने लगा.....मनु ने फिर से मुझे देख कर नज़रे चुरा ली...ऑर मेरे दिल के अरमान ठंडे कर दिए....
थोड़ी देर के बाद हम सब निकल कर गाओं की तरफ आ गये....वहाँ से सब लोग सीधे हवेली निकल गये ...सिर्फ़ मेरी , सोनू की ऑर कामिनी की कार गाँव के अंदर चली गई....
हम सब गाओं की चौपाल के पास रुक गये ऑर गाओं के कुछ लोग कामिनी के साथ हम सबका वेलकम करने आ गये....
हमने थोड़ा टाइम वहाँ बिताया…..सब गाओं वाले कामिनी का बड़ा सम्मान करते थे…ओर हमारी खातिरदारी मे कुछ चाय नाश्ता भी लाए…
कामिनी ने गाओं के कुछ ख़ास लोगों से मेरा परिचय करवाया और उसके बाद हमने थोड़ा नाश्ता किया ऑर हवेली की तरफ आ गये…..
हवेली आते हुए रात हो चुकी थी...गाओं मे हमने अच्छा टाइम स्पेंड किया था…हवेली आते ही सब अपने –अपने रूम मे चले गये ऑर मैं भी अपने रूम मे आ गया ऑर रेस्ट करने लगा….
मैं बिना चेंज किए ही बेड पर लेट गया ऑर मेरी आँख लग गई….
कारेब 2 घंटे बाद आंटी ने मुझे जगाया ऑर खाने के लिए कहा ….
इसके बाद हमने डिन्नर किया ओर मैं वापिस अपने रूम मे आ गया….
मेरे रूम मे डिन्नर के बाद दीपा ऑर रिचा आई …ऑर चुदाई करने को कहा ..पर मेरा मूड नही था तो मैने रिचा को फिर टाल दिया ऑर उसे घर जाकर चोदने का प्रोमिस कर दिया….बाद मे दीपा आई थी…पर मैने उसे भी मना कर दिया…ऑर सोनू को बुलाने का कहा…
दीपा भी मेरी बात मान कर सोनू के साथ चुदाई करने अपने रूम मे चली गई…..फिर मैं कपड़े निकाल कर अंडरवर मे ही लेट गया…ओर फिर से मेरी आँख लग गई…
मैं सोने के पहले अपने रूम का गेट बंद करना ही भूल गया था ऑर उसी की वजह से रात मे कोई मेरे रूम मे एंटर हुआ ऑर फिर रूम को अंदर से लॉक किया ऑर मेरे पास आ कर मेरे लंड को सहलाने लगा….कौन था ये शॅक्स….?????
थोड़ी देर लंड सहलाने के बाद मेरा लंड और मेरी आँखे दोनो खुल गई….और सामने उस शख्स को देख कर मैं चौक गया…
मैं- त..तुम यहाँ कैसे….क्या कर रही हो…
पारूल- भैया..सॉरी…लेकिन मेरा मन हो रहा था…
हाँ ये पारूल ही थी …जो मेरा लंड सहला रही थी…
मैं- मन हो रहा था..दर्द ख़त्म हो गया क्या…???
पारूल- हाँ भैया..दर्द तो ख़त्म हो गया ..पर…
मैं- पर…पर क्या…???
पारूल- भैया…वो यहाँ बहुत खुजली हो रही है….
पारूल ने अपनी चूत की तरफ इशारा कर के कहा
मैं- ओह….ऐसा क्या….पर तुम अंदर कैसे आई…????
पारूल- आपका गेट तो खुला ही था…
मैं- ओह शायद भूल गया होउंगा…अच्छा किसी ने तुम्हे देखा तो नही ना…
पारूल- नही भैया ..सब सो रहे है …
मैं- ओके…अच्छा है…तो तुम्हे खुजली हो रही है…
पारूल(शरमा कर)- जी भैया…
मैं- कहाँ ..???
पारूल- वो …यहाँ..( ऑर उसने चूत की तरफ फिर से इशारा किया ऑर शरमा गई)
मैं- ऐसे नही …नाम बोलो....
पारूल(शरमाते हुए)- वो..मेरी चूत मे...
मैं- मज़ा आया…
ममता- बहुत बहुत मज़ा आया…
मैं- अच्छा है….तुम खुश हो तो बॅस..
ममता- आप खुश नही क्या
मैं- अरे क्यो नही..मैं भी खुश हूँ….पर तुम्हारी गान्ड रह गई…
ममता- काफ़ी फ़ुर्सत से मारना…पॅक है…
मैं- सच मे...खुली नही
ममता- नही..आप खोल देना...
मैं- ह्म्म..तो कभी फ़ुर्सत से खोलुगा....
ममता और मैने गले लगे हुए बाते करने लगे ऑर किस भी करते रहे...
मैं- अब ऐसे ही पड़ी रहोगी...चलो भी
ममता- हाँ..चलना तो है...फिर कब करोगे...*???
मैं- कहना मुस्किल है…देखते है…कुछ मौका आयगा तो करेगे…
मामा- ठीक है…जब भी आओगे…गान्ड पॅक ही मिलेगी…
मैं(किस कर के)- ओके…जल्दी ही बताउन्गा….अब चलो
इसके बाद हमने अपने कपड़े पहने ऑर ममता ने सामान लिया ऑर हम ग्रूप के पास जाने लगे….
जैसे ही हम वहाँ पहुँचे तो देखा कि सब हमारा ही वेट कर रहे थे….मुझे देखते ही आंटी मेरे पास आई ऑर बोली क़ि अब हम गाओं घूमने जाएगे ऑर वही से हवेली निकल जायगे…
मैं नज़र घुमा कर सबको देखने लगा तो वहाँ सब खड़े हुए थे ऑर साथ मे एक चेहरा वो भी था जिसे मैं देख रहा था….
वो चेहरा पारूल का था..जब हमारी नज़रे टकराई तो पारूल मुस्कुरा कर शरमा गई ऑर नीचे देखने लगी…मैं फिर बात करने को पारूल के पास पहुँच गया…
मैं(धीरे से)- अब कैसी हो..???
पारूल- ठीक हूँ भैया...
मैं- गुड...अब कल की तैयारी करो , ओके
पारूल- आपने माँ से बोला है ना…
मैं- नही...वो दामिनी ने बोल दिया होगा...अभी पूछता हूँ...
फिर मैने दामिनी को इशारे से अपने पास बुला लिया...ऑर दामिनी आते ही पारूल को देख कर बोली...
दामिनी- अच्छा तो यहीं है आप...पारूल का जादू चढ़ गया...
दामिनी की बात सुनकर पारूल शरमा गई ओर मैने भी स्माइल पास कर दी...
मैं- दामिनी...मज़ाक छोड़ो...पहले मेरी बात सुनो...
दामिनी- हाँ बोलो
मैं- तुमने पारूल की माँ से बात की...
दामिनी- ओह हाँ...बात हो गई ऑर वो पारूल को भेजने को मान गई...
मैं- सिर्फ़ पारूल को…वो नही आयगी क्या…??
पारूल- हाँ मेडम..माँ साथ नही आयगी..???
दामिनी- अरे पारूल …तेरी माँ जहाँ काम करती है तो ऐसे ही छोड़ के कैसे आ जायगी….
मैं- ओह..ऐसा…तो ठीक है…पारूल के लिए हाँ कह दिया ना..
दामिनी(मुस्कुरा कर)- हाँ मेरे हीरो…पारूल आपकी हुई…
मैं- फिर से मज़ाक….ये बताओ पारूल की माँ कब आयगी…???
दामिनी- शायद 1 वीक मे...मैं हूँ ना...उसे पहुँचा दूगी…आप पारूल को सम्भालो…
मैं- ओके…तो पारूल तुम रेडी रहना…कुछ सामान पॅक करना हो तो कर लेना…
दामिनी- अरे आप टेन्षन फ्री रहो…मैं सब करवा दूगी…आज रात ये हवेली मे ही रुकेगी…
मैं- ओके…तब ठीक है….
हम बाते ही कर कर रहे थे कि कामिनी ने मुझे बुला लिया ऑर मैं कामिनी के पास पहुँच गया ..जहाँ कामिनी के साथ आंटी और मनु भी थी,…
मैं- हाँ कहिए…
कामिनी- फार्म घूम लिया …???
मैं- हाँ..घूम लिया…अच्छा लगा…
कामिनी- अब चलिए…आपको अपना गाओं भी दिखा दे…
मैं- ओके..चलिए....
कामिनी ने फिर सबको चलने के लिए कहा..ऑर मैं मनु को देखने लगा.....मनु ने फिर से मुझे देख कर नज़रे चुरा ली...ऑर मेरे दिल के अरमान ठंडे कर दिए....
थोड़ी देर के बाद हम सब निकल कर गाओं की तरफ आ गये....वहाँ से सब लोग सीधे हवेली निकल गये ...सिर्फ़ मेरी , सोनू की ऑर कामिनी की कार गाँव के अंदर चली गई....
हम सब गाओं की चौपाल के पास रुक गये ऑर गाओं के कुछ लोग कामिनी के साथ हम सबका वेलकम करने आ गये....
हमने थोड़ा टाइम वहाँ बिताया…..सब गाओं वाले कामिनी का बड़ा सम्मान करते थे…ओर हमारी खातिरदारी मे कुछ चाय नाश्ता भी लाए…
कामिनी ने गाओं के कुछ ख़ास लोगों से मेरा परिचय करवाया और उसके बाद हमने थोड़ा नाश्ता किया ऑर हवेली की तरफ आ गये…..
हवेली आते हुए रात हो चुकी थी...गाओं मे हमने अच्छा टाइम स्पेंड किया था…हवेली आते ही सब अपने –अपने रूम मे चले गये ऑर मैं भी अपने रूम मे आ गया ऑर रेस्ट करने लगा….
मैं बिना चेंज किए ही बेड पर लेट गया ऑर मेरी आँख लग गई….
कारेब 2 घंटे बाद आंटी ने मुझे जगाया ऑर खाने के लिए कहा ….
इसके बाद हमने डिन्नर किया ओर मैं वापिस अपने रूम मे आ गया….
मेरे रूम मे डिन्नर के बाद दीपा ऑर रिचा आई …ऑर चुदाई करने को कहा ..पर मेरा मूड नही था तो मैने रिचा को फिर टाल दिया ऑर उसे घर जाकर चोदने का प्रोमिस कर दिया….बाद मे दीपा आई थी…पर मैने उसे भी मना कर दिया…ऑर सोनू को बुलाने का कहा…
दीपा भी मेरी बात मान कर सोनू के साथ चुदाई करने अपने रूम मे चली गई…..फिर मैं कपड़े निकाल कर अंडरवर मे ही लेट गया…ओर फिर से मेरी आँख लग गई…
मैं सोने के पहले अपने रूम का गेट बंद करना ही भूल गया था ऑर उसी की वजह से रात मे कोई मेरे रूम मे एंटर हुआ ऑर फिर रूम को अंदर से लॉक किया ऑर मेरे पास आ कर मेरे लंड को सहलाने लगा….कौन था ये शॅक्स….?????
थोड़ी देर लंड सहलाने के बाद मेरा लंड और मेरी आँखे दोनो खुल गई….और सामने उस शख्स को देख कर मैं चौक गया…
मैं- त..तुम यहाँ कैसे….क्या कर रही हो…
पारूल- भैया..सॉरी…लेकिन मेरा मन हो रहा था…
हाँ ये पारूल ही थी …जो मेरा लंड सहला रही थी…
मैं- मन हो रहा था..दर्द ख़त्म हो गया क्या…???
पारूल- हाँ भैया..दर्द तो ख़त्म हो गया ..पर…
मैं- पर…पर क्या…???
पारूल- भैया…वो यहाँ बहुत खुजली हो रही है….
पारूल ने अपनी चूत की तरफ इशारा कर के कहा
मैं- ओह….ऐसा क्या….पर तुम अंदर कैसे आई…????
पारूल- आपका गेट तो खुला ही था…
मैं- ओह शायद भूल गया होउंगा…अच्छा किसी ने तुम्हे देखा तो नही ना…
पारूल- नही भैया ..सब सो रहे है …
मैं- ओके…अच्छा है…तो तुम्हे खुजली हो रही है…
पारूल(शरमा कर)- जी भैया…
मैं- कहाँ ..???
पारूल- वो …यहाँ..( ऑर उसने चूत की तरफ फिर से इशारा किया ऑर शरमा गई)
मैं- ऐसे नही …नाम बोलो....
पारूल(शरमाते हुए)- वो..मेरी चूत मे...