hotaks444
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अंकित के घर ......
जब मैं सुबह सो कर उठा तो मेघा मेरा इंतज़ार कर रही थी....
मेघा को देखते ही मुझे उसकी की गई बदतमीज़ी याद आ गई...और मुझे गुस्सा आ गया.....
मैं- तुम जिम मे जाओ...मैं आता हूँ...
थोड़ी देर बाद मैं जिम मे पहुँचा तो मेघा वॉर्म-अप कर रही थी....
आज मैं इसे सबक सिखाना चाहता था...इसलिए मैने आते ही गेट को अंदर से लॉक कर दिया....और मेघा के पास पहुँचा....
मैं- ह्म्म...तो अब क्या यही करती रहोगी...कुछ और नही करना...
मेघा- वो...तुम बताओ तो करूगी ना...
मैं- ह्म्म...तो जाओ...कपड़े निकाल कर आओ...
मेघा(सकपका कर)- मतलब...
मैं- मतलब ये कि जाओ...और नंगी हो कर आओ...जाओ...
मेघा(हैरानी से)- अंकित...ये क्या कह रहे हो...क्या हो गया तुम्हे....
मैं- क्या हो गया...हैरान हो...हाँ...
मेघा- ह..हाँ...तुम..तुम तो ऐसे नही थे...अचानक..
मैं(बीच मे)- तो क्या...मेरी सराफ़त के बदले मुझे क्या मिला....बस जॅलील हो गया..हाा...
मेघा- जॅलील ....किसने किया जॅलील...तुम क्या कह रहे हो...
मैं(गुस्से से)- बस...ये बता कि कपड़े निकालती है कि नही...वरना जा यहाँ से...
मेरी बात सुनकर मेघा की आँखो मे आसू आ गये...
मेघा- क्या हो गया तुम्हे...तुम किसी औरत की बेज़्जती तो नही करते थे...
मैं(बीच मे)- सही कहा....मैं औरतों की रेस्पेक्ट करता हू...किसी क्व साथ जबर्जस्ति नही करता...पर इसका मतलब ये नही कि कोई भी औरत मुझे जॅलील करे और मैं चुप रहूं....
मेघा- पर...पर मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा जो तुम मुझसे ऐसे...
मैं(बीच मे)- क्या बिगाड़ा...भूल गई....एक दिन तो खुद मेरी बाहों मे आ गई और फिर दूसरे दिन मुझे धूतकार दिया...हाँ...
मेघा- वो..वो तो मैं...
मैं(बीच मे)- चुप...एक बात बता..मैने तुझे मजबूर किया था क्या कि मेरी बाहों मे आ जा...तू खुद आई थी ना...अपने मन से किस किया था ना...बोल...
मेघा- हाँ..मैं अपनी मर्ज़ी से आई थी...
मैं(बीच मे)- तो फिर...फिर क्या हुआ..दूसरे दिन मुझे फटकार लगा दी...मुझे बदतमीज़ बोल दिया...
मेघा- वो तो मैं ...
मैं(बीच मे)- तूने मुझे समझ क्या रखा है...जब मन चाहा बाहों मे ले लिया और जब मन चाहा धूतकार दिया....
मेघा- नही..मैने ऐसा कभी नही सोचा...
मैं- तो फिर क्यो किया मुझे जॅलील...हाँ...
मेघा- क्योकि मैं मजबूर थी...
मैं- मजबूर ...हाहाहा...क्या मज़ाक है...अरे सच तो ये है कि तू मर्दो को क्या समझती है....जब जो मन किया तो कर दिया..हाँ...पर मेघा मेडम...हम उनमे से नही...हम औरत के पीछे नही जाते..वो खुद अपने नीचे आती है...समझी....और तुझ जैसी औरत...मैं थूकता हूँ...तूओ....
मेघा- बस...बस करो...पहले पूरी बात सुन लो ..फिर चाहे तो मुझे मार डालना...पर प्ल्ज़ ...मेरी बात सुन लो...
मेघा ने ये बात ज़ोर से बोली...जिस से मैं चौंक गया...मैने सोचा कि चलो सुन तो लूँ कि ये क्या बोल रही है...
मैं- ओके...बोल...क्या बोलना है...
मेघा- अंकित...मैं कोई सड़क छाप औरत नही...जो जिश्म की भूख मिटाने मर्द ढूड़ती फिरू....सच ये है कि जबसे मैने तुम्हारे बारे मे सुना...मैं तुम्हे पसंद कर ने लगी थी...तुम सेक्स मे एक्सपर्ट हो ..मैं जानती हूँ...पर तुम ग़लत इंसान नही...किसी को फोर्स नही करते...फ़ायदा नही उठाते...तुम औरत की मर्ज़ी से उसे भोगते हो...यही सब सुन कर मैं तुम्हारे करीब आई....दूसरी वजह ये थी कि मेरे पति की कमर के दर्द की वजह से वो ठीक से सेक्स सुख नही दे पाते थे...उपेर से कुछ दिनो से उन्होने मुझे हाथ लगाना भी बंद कर दिया....तो मेरी भूख भड़क उठी और उसे मिटाने का सबसे अच्छा रास्ता तुम थे...ये बात मुझसे भाभी(रजनी) ने कही थी...कि तुम भरोसेमंद हो...और सेक्स मे भी अच्छे हो....
मैं- ये सब ठीक है...पॉइंट पर आओ...तुमने उस दिन मुझे धूतकारा क्यो...जबकि उसके पहले तुम मेरी बाहों मे आ गई थी....
मेघा- उसकी वजह है एक कैमरा...जो शायद मेरे पति ने रूम मे लगाया है ताकि मुझ पर नज़र रख सके...
मैं- व्हाट...तुम्हारे पति ने कैमरा लगाया...पर क्यो...
मेघा- नही पता...शायद मुझ पर शक हो...इसी लिए मैने सिर्फ़ उन्हे दिखाने को तुम्हे रूम से निकाल दिया था....
मैं- अच्छा...पर कैमरे का पता तुम्हे कैसे चला....
मेघा- वो एक दिन उनको अड्जस्ट करते देख लिया था...
मैं- ओह माइ...तो ये बात थी...और मैं...
मेघा(सुबक्ते हुए)- हाँ..और तुम्हे तो मुझे...
मेघा रोने लगी और मैने आगे बढ़कर उसे गले से लगा लिया...
मैं- सॉरी..आइ एम सॉरी मेघा....मैने बिना जाने ही तुम्हे क्या-क्या सुना दिया...पर तुमने मुझे बोला क्यो नही...
मेघा- कैसे बोलती...मौका ही नही मिला...और आज बोलना था कि उसके पहले ही तुम भड़क उठे...
मैं- ओह...सॉरी यार...सो सॉरी...
मैं मेघा को बिल्कुल अपनी गर्लफ्रेंड की तरह मना रहा था और देखते ही देखते मैं उसे किस करने लगा...मेघा ने भी रेस्पोन्स देते हुए मुझे किस करना सुरू कर दिया....
पर तभी गेट पर सुजाता की आवाज़ सुनाई दी और मैने मेघा को अलग कर के गेट ओपन किया..
सुजाता- चल...तुझसे काम है...
मैं- जी आंटी...अभी आया...
सुजाता- आया नही...आजा...अभी..
मैं- ओके...
फिर मैने मेघा को कसरत करने का बोला और सुजाता के पीछे चल पड़ा...
मैं(मन मे)- ये साला मेघा का पति भी ...बड़ा स्मार्ट बनता है...इसे सबक सिखाना होगा...पर उसके पहले इस सुजाता की बच्ची को लाइन पर लाना है.....
और कुछ देर बाद मैं सुजाता के साथ घर से ऑफीस निकल गया......
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जब मैं सुबह सो कर उठा तो मेघा मेरा इंतज़ार कर रही थी....
मेघा को देखते ही मुझे उसकी की गई बदतमीज़ी याद आ गई...और मुझे गुस्सा आ गया.....
मैं- तुम जिम मे जाओ...मैं आता हूँ...
थोड़ी देर बाद मैं जिम मे पहुँचा तो मेघा वॉर्म-अप कर रही थी....
आज मैं इसे सबक सिखाना चाहता था...इसलिए मैने आते ही गेट को अंदर से लॉक कर दिया....और मेघा के पास पहुँचा....
मैं- ह्म्म...तो अब क्या यही करती रहोगी...कुछ और नही करना...
मेघा- वो...तुम बताओ तो करूगी ना...
मैं- ह्म्म...तो जाओ...कपड़े निकाल कर आओ...
मेघा(सकपका कर)- मतलब...
मैं- मतलब ये कि जाओ...और नंगी हो कर आओ...जाओ...
मेघा(हैरानी से)- अंकित...ये क्या कह रहे हो...क्या हो गया तुम्हे....
मैं- क्या हो गया...हैरान हो...हाँ...
मेघा- ह..हाँ...तुम..तुम तो ऐसे नही थे...अचानक..
मैं(बीच मे)- तो क्या...मेरी सराफ़त के बदले मुझे क्या मिला....बस जॅलील हो गया..हाा...
मेघा- जॅलील ....किसने किया जॅलील...तुम क्या कह रहे हो...
मैं(गुस्से से)- बस...ये बता कि कपड़े निकालती है कि नही...वरना जा यहाँ से...
मेरी बात सुनकर मेघा की आँखो मे आसू आ गये...
मेघा- क्या हो गया तुम्हे...तुम किसी औरत की बेज़्जती तो नही करते थे...
मैं(बीच मे)- सही कहा....मैं औरतों की रेस्पेक्ट करता हू...किसी क्व साथ जबर्जस्ति नही करता...पर इसका मतलब ये नही कि कोई भी औरत मुझे जॅलील करे और मैं चुप रहूं....
मेघा- पर...पर मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा जो तुम मुझसे ऐसे...
मैं(बीच मे)- क्या बिगाड़ा...भूल गई....एक दिन तो खुद मेरी बाहों मे आ गई और फिर दूसरे दिन मुझे धूतकार दिया...हाँ...
मेघा- वो..वो तो मैं...
मैं(बीच मे)- चुप...एक बात बता..मैने तुझे मजबूर किया था क्या कि मेरी बाहों मे आ जा...तू खुद आई थी ना...अपने मन से किस किया था ना...बोल...
मेघा- हाँ..मैं अपनी मर्ज़ी से आई थी...
मैं(बीच मे)- तो फिर...फिर क्या हुआ..दूसरे दिन मुझे फटकार लगा दी...मुझे बदतमीज़ बोल दिया...
मेघा- वो तो मैं ...
मैं(बीच मे)- तूने मुझे समझ क्या रखा है...जब मन चाहा बाहों मे ले लिया और जब मन चाहा धूतकार दिया....
मेघा- नही..मैने ऐसा कभी नही सोचा...
मैं- तो फिर क्यो किया मुझे जॅलील...हाँ...
मेघा- क्योकि मैं मजबूर थी...
मैं- मजबूर ...हाहाहा...क्या मज़ाक है...अरे सच तो ये है कि तू मर्दो को क्या समझती है....जब जो मन किया तो कर दिया..हाँ...पर मेघा मेडम...हम उनमे से नही...हम औरत के पीछे नही जाते..वो खुद अपने नीचे आती है...समझी....और तुझ जैसी औरत...मैं थूकता हूँ...तूओ....
मेघा- बस...बस करो...पहले पूरी बात सुन लो ..फिर चाहे तो मुझे मार डालना...पर प्ल्ज़ ...मेरी बात सुन लो...
मेघा ने ये बात ज़ोर से बोली...जिस से मैं चौंक गया...मैने सोचा कि चलो सुन तो लूँ कि ये क्या बोल रही है...
मैं- ओके...बोल...क्या बोलना है...
मेघा- अंकित...मैं कोई सड़क छाप औरत नही...जो जिश्म की भूख मिटाने मर्द ढूड़ती फिरू....सच ये है कि जबसे मैने तुम्हारे बारे मे सुना...मैं तुम्हे पसंद कर ने लगी थी...तुम सेक्स मे एक्सपर्ट हो ..मैं जानती हूँ...पर तुम ग़लत इंसान नही...किसी को फोर्स नही करते...फ़ायदा नही उठाते...तुम औरत की मर्ज़ी से उसे भोगते हो...यही सब सुन कर मैं तुम्हारे करीब आई....दूसरी वजह ये थी कि मेरे पति की कमर के दर्द की वजह से वो ठीक से सेक्स सुख नही दे पाते थे...उपेर से कुछ दिनो से उन्होने मुझे हाथ लगाना भी बंद कर दिया....तो मेरी भूख भड़क उठी और उसे मिटाने का सबसे अच्छा रास्ता तुम थे...ये बात मुझसे भाभी(रजनी) ने कही थी...कि तुम भरोसेमंद हो...और सेक्स मे भी अच्छे हो....
मैं- ये सब ठीक है...पॉइंट पर आओ...तुमने उस दिन मुझे धूतकारा क्यो...जबकि उसके पहले तुम मेरी बाहों मे आ गई थी....
मेघा- उसकी वजह है एक कैमरा...जो शायद मेरे पति ने रूम मे लगाया है ताकि मुझ पर नज़र रख सके...
मैं- व्हाट...तुम्हारे पति ने कैमरा लगाया...पर क्यो...
मेघा- नही पता...शायद मुझ पर शक हो...इसी लिए मैने सिर्फ़ उन्हे दिखाने को तुम्हे रूम से निकाल दिया था....
मैं- अच्छा...पर कैमरे का पता तुम्हे कैसे चला....
मेघा- वो एक दिन उनको अड्जस्ट करते देख लिया था...
मैं- ओह माइ...तो ये बात थी...और मैं...
मेघा(सुबक्ते हुए)- हाँ..और तुम्हे तो मुझे...
मेघा रोने लगी और मैने आगे बढ़कर उसे गले से लगा लिया...
मैं- सॉरी..आइ एम सॉरी मेघा....मैने बिना जाने ही तुम्हे क्या-क्या सुना दिया...पर तुमने मुझे बोला क्यो नही...
मेघा- कैसे बोलती...मौका ही नही मिला...और आज बोलना था कि उसके पहले ही तुम भड़क उठे...
मैं- ओह...सॉरी यार...सो सॉरी...
मैं मेघा को बिल्कुल अपनी गर्लफ्रेंड की तरह मना रहा था और देखते ही देखते मैं उसे किस करने लगा...मेघा ने भी रेस्पोन्स देते हुए मुझे किस करना सुरू कर दिया....
पर तभी गेट पर सुजाता की आवाज़ सुनाई दी और मैने मेघा को अलग कर के गेट ओपन किया..
सुजाता- चल...तुझसे काम है...
मैं- जी आंटी...अभी आया...
सुजाता- आया नही...आजा...अभी..
मैं- ओके...
फिर मैने मेघा को कसरत करने का बोला और सुजाता के पीछे चल पड़ा...
मैं(मन मे)- ये साला मेघा का पति भी ...बड़ा स्मार्ट बनता है...इसे सबक सिखाना होगा...पर उसके पहले इस सुजाता की बच्ची को लाइन पर लाना है.....
और कुछ देर बाद मैं सुजाता के साथ घर से ऑफीस निकल गया......
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