Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर - Page 5 - SexBaba
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Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर

मैं- चल अब शुरू हो जा….

आंटी अपने पैरो के सहारे मेरे लंड पर उछलने लगी…

मैने अपने हाथ आगे ले जाकर आंटी के बूब्स को बारी-2 मसल्ने लगा…
आंटी धीरे-2 उपेर नीचे होती हुई चुदाई करवा रही थी,,ऑर मैं उनके बूब्स दबा रहा था

मैने फिर आंटी से कहा कि अपने बालो को दोनो हाथो से पकड़ कर तेज़ी से उछलो….ऑर आंटी मेरी पालतू की तरह मेरी बात मानकर अपने बालों को दोनो हाथो मे पकड़ कर तेज़ी से लंड के उपेर नीचे होने लगी…..



आंटी-अया..आअहह..आहह…आहह..आहह…अहह….आहह
आह…ऊओह..ऊ..ऊओह..आहह..ऊहह…ऊ..आहह

मैं-ययईएह….ययईईहह…ओर तेज…हा

आंटी-ऊओ….म्म्मा आ…आआहह….अहहाा…आअहह…आहह..ऊहह…ऊहह…

थोड़ी देर मे आंटी की स्पीड कम हो गई

मैं-क्या हुआ आंटी…टाइम कम है…
आंटी-मैं थक गई..

मैने आंटी को पलटा कर नीचे डाला ऑर तेज धक्के मारने लगा
मैं-आहह….थक गई साली ये ले

आंटी-आअहह….हहाअ…म्माअर्ररूव…त्ट्तीएजज्ज़…ऊओ

मैं-ओर तेज ये…ये लीयी…

आंटी-आअहह…म्माआ……आऐईयइ….हहाअ…ज्ज्ज्ूओर्र…
सस्ससे…बबबीएटत्त्ताअ…फ़ाआड़ द्दूव…उउउम्म्म्ममम

मैने कुछ ही धक्के मारे कि आंटी फिर झड़ने लगी

आंटी-आअहह…ब्ब्बबीएतत्टाअ…म्म्म्महमाआ…..आईईईई……
ऊहह….ब्ब्बेट्ट्टया…..आआईइ….आअहह….आअहह

मैं-साली आज ज़्यादा ही गरम हो गई


आंटी-अहहाअ…हहा…बीत्त्ताअ,,,आज्ज्जज म्म्माजयन्न्न…ट्तीररीि र्राान्न्ँदडडिईई ब्बांन…ग्गगाइइइ

मैं-ठीक है मेरी प्यारी रानी अब तेरी गंद फाड़ता हूँ

आंटी-फाड़ ले बेटा लेकिन प्यार से करना

मैं-डॉन’ट वरी ,,,,मैं हूँ ना…थोड़ा रेस्ट करो…फिर गंद फाड़ता हूँ…ऑर हम ज़मीन पर ही लेट गये…..
..मैं भी झड़ने के करीब था तो मैने आंटी को लंड चूसने को बोला…

आंटी ने तुरंत ही मेरे लंड मुँह मे भर के चूसना शुरू किया ऑर कुछ ही देर बाद मैं आंटी के मुँह मे झरने लगा …

आंटी बड़े प्यार से मेरा लंड रस पी गई ऑर मेरे लड़ को चाट के सॉफ करने लगी…

जब आंटी ने मेरा लंड सॉफ कर दिया तो वो फिर से मेरे लंड को दनादन चूस्ति रही ऑर 5 मिनट मे ही मेरा लंड वापिस खड़ा कर दिया…

मैं-आंटी…बड़ी जल्दी है गंद मरवाने की

आंटी-बेटा आज तो मेरी गंद खुलने वाली है…आज तक तो तेरे गन्दू अंकल का छोटा सा लंड ही लिया है…आज तू अपने तगड़े लंड से मेरी गंद फाड़ेगा….सोच कर ही मज़ा आ गया…अब जल्दी कर….जाना भी है



मैने फिर आंटी को कुतिया बनाया ऑर आंटी की गंद मे ठोक कर जीभ से अंदर तक गंद को चिकना किया…फिर अपने लंड को आंटी क़ी चूत के रस से गीला किया ओर आंटी की गंद पर लंड सेट करके धक्का मारा

आंटी-आहह..

मैं-आंटी…दर्द हुआ

आंटी-नही बेटा …ज़्यादा नही …ऐसे ही प्यार से..आहह
 
मैने दूसरा धक्का ज़ोर से मारा ऑर 5 इंच लंड सरसराता हुआ आंटी की गंद मे घुस गया ऑर आंटी आहह कर उठी

आंटी-आअहह…माअरर…ग्गगाइइइ…

मैं उसी जगह रुक गया ऑर आंटी के बूब्स दबाते हुए लंड को धीरे-2 आगे-पीछे करने लगा

थोड़ी देर मे आंटी का दर्द कम हुआ तो

आंटी-आहह..बेटा…अब डाल दे ..

मैं-तो ये लो…मैने ज़ोर से धक्का मारा ऑर पूरा लंड गंद मे…

आंटी-उूुुउउइइ…म्म्म्मोमाआ…..फफफफफ़ाआद्दद्ड…द्ददडिईई…
.आहह…हमम्म्म…उूउउम्म्म्मम…म्म्म्म माआररर्र्ररर…द्द्ददडाालल्ल्ल्ल्ल्लाअ..आहह

मैं थोड़ा रुक गया ऑर आंटी की चूत को हाथ से मसल्ने लगा…जिससे आंटी को आराम मिला…फिर

मैं-आंटी…ठीक हो ना…

आंटी-हाँ बेटा…हो जा शुरू

मैने आंटी का इशारा मिलते ही आंटी की गंद पकड़ के धक्के मारना शुरू किया ऑर आंटी का मुँह खुला हुआ कमेरे की तरफ हो गया…..




मैं आंटी को कुतिया की तरह चोद रहा था ऑर थोड़ी ही देर मे आंटी भी अपनी गंद को पीछे करते हुए मेरे लंड को गपगाप गंद मे लेने लगी ऑर ……

आंटी-आअहह….माअर…बेटा…मार…ज़ोर से…आहह

मैं-आंटी…मज़ा आया…

आंटी-आअहह…बेटा…ज़ोर से…आअहह..ऊहह..ऊहह

मेरी जागे आंटी की भरी हुई गंद पर ठप दे रही थी ऑर आंटी मस्त होकर सिसक रही थी…क्या मस्त आवाज़े आ रही थी

मैं-एस..आंटी..एस…क्या गंद है
आंटी-हहा..बेटा..मार..जोर्स…से…मार,…आहह..अहह

आअहह..आ..त्ततप्प्प..त्ततप्प..त्तप्प..आहह..ईएसस..ऊहह..ज्जूओर्र…ससी..म्म्मा अररर…आअहह…त्तप्प…ट्टह्ह्प…ऊहह…
यस…अहहह..जजूर्र्रसस्सीए

ऐसी ही आवाज़े होती रही ऑर मैं आंटी की गंद दनादन मारता रहा….

फिर मैने आंटी की गंद मे लंड फसे हुए उनको कमर से पकड़ा ऑर मैं लेट ता गया ऑर आंटी को अपने उपर लिटा लिया ..लेकिन लंड गंद मे ही डाले रहा…

मेरे ऐसा करने से आंटी खुश हो गई ऑर बोली

आंटी-बेटा चुदाई के खेल बहुत अच्छे है तेरे

मैं-देखती जाओ आंटी…अभी आप शुरू हो जाओ..

आंटी मेरा इशारा समझ गई ऑर अपने दोनो पैर मेरी जाँघो के आजू-बाजू किए ऑर अपने हाथ पीछे ले जा कर मेरे सीने पर रखे…ऑर उछल-उछल के अपनी गांद को मेरे लंड से मरवाने लगी.....
 
आंटी मस्ती मे बड़बड़ाये जा रही थी

आंटी-आहह..आज.मिला हेल अंड…वो मदर्चूओद..अया…तो लुल्ली डालता था…आअहह

मैं-आंटी…अब ये लंड ही जायगा इस गंद मे..

आंटी-हाँ…बेटा…हा…उसे..तो…गंद…देखने …भी…ना….दूं……आअहह


मैं-यस आंटी ज़ोर से

आंटी-आअहह…हाअ…ब्बीता…आअहह…आहह…आअहह…फ़फफ़ाआद्ड…द्डदीए

मैं आंटी को इसी तरीके से चोद रहा था लेकिन आंटी काफ़ी थक गई….

मैने आंटी को रोका ऑर उन्हे घुमाते हुए अपने बाजू मे लिटा दिया ऑर उनके पीछे से गंद मे लड़ डाल कर कमर पकड़ कर लंड को तेज़ी से गंद मे पेलने लगा…

ऑर आंटी आँखे बंद करके सिसकने लगी…..



आंटी-आअहह….माअर…बेटा…मार…ज़ोर से…आहह
आअहह…बेटा…ज़ोर से…आअहह..ऊहह..ऊहह

त्ततप्प…त्तप्प्प…आअहह…आहह..त्त्थप्प…त्ततप्प्प्प

मैं-यस आंटी …फाड़ता हूँ …ये ले…
आंटी-आआहह..आहह..आह…आ..आह..आह..ज्जूओर्र..सससे..उउउम्म्म्ममम…हमम्म…आअहह

ऐसे ही मैं आंटी की गंद मारे जा रहा था ऑर आंटी झड़ने लगी…..


जब आंटी झड गई तो मैने आंटी की एक टाँग को उठा कर गंद मारना चालू कर दिया…



आंटी-आअहह…अहहह..उउउंम…ऊहह..ऊहह..ऊहह..
ऊहह…ज्ज्ज्ूओर्र…सीई…बबबीएटत्त्ताआअ….आाऐययईईई….
उूउउंम्म…आहह…आहह…आह….

आज आंटी खुले मैदान मे गंद मरवाते हुए काफ़ी जल्दी गरम हो रही थी…ऑर बार-बार उनकी चूत पानी छोड़ रही थी

मैं-आंटी…क्या गंद है..पूरा लंड कस लिया…हाय्यी

आंटी-आअहह…बेटा..लंड…हाई …मोटा….है…आअहह….तू….फ़ाआद्द्ड़…..डदीए..आअहह

थोड़ी देर ऐसे ही आंटी की गंद मारते हुए मुझे कुछ ख्याल आया ऑर मैं रुक गया…

आंटी-क्या हुआ…हो गया क्या तेरा

मैं –नही आंटी…फिल्म बन रही है ना तो क्लोज़ अप सीन भी होने चाहिए

आंटी-मतलब

मैं-रूको बताता हूँ

इतना कह कर मैं आंटी को लेकर उसी पेड़ के पास गया जहाँ सेल रखा था…जिससे रेकॉर्डिंग हो रही थी

मैने सेल उठाया ऑर जा पेड़ से टिक गया…ऑर आंटी को पास बुलाकर बोला

मैं-मेरी कुतिया आंटी…ज़रा कुतिया की तरह हो जा

आंटी बिल्कुल कुतिया की तरह गंद उठा के मेरे सामने आ गई

मैं-कुतिया …अपना सिर नीचे रख ऑर अपनी गंद खोल दे

मेरे कहते ही आंटी ने अपना सिर ज़मीन पर टिका दिया ऑर अपने दोनो हाथो से अपनी गंद फैला कर खोल दी…ऑर मुँह मेरी तरफ किए हुए बोली

आंटी-गंद हाज़िर है मालिक….लंड घुसाओ ना…

मैं-ये हुई ना…बात…

ओर मैने अपना लंड बिला हाथ लगाए आंटी की गंद मे घुसा दिया...धीरे-धीरे आंटी की गंद मेरा पूरा लंड अंदर गटक गई...

मैं हाथ मे सेल लिए रेकॉर्डिंग कर रहा था…ऑर आंटी की गंद मे धीरे-धीरे लंड पेल रहा था...
 
आंटी भी नीचे से गंद को पीछे करके लंड ले रही थी…
मैने थोड़ी देर ऐसे ही प्यार से गंद मारता रहा …फिर लंड को गंद से निकाला ऑर आंटी को लंड चूसने का इशारा किया...

आंटी पलट कर घुटनो पे आ गई ऑर मेरा लंड चूसने लगी…

लंड चुस्वाते हुए मैने सेल वापस पेड़ पर उसी जगह रख दिया…ऑर आंटी के मुँह से लंड निकाल के उनके पीछे पहुच गया

आंटी घुटनो पर खड़ी थी……मैने भी उनके पीछे घुटनो पर खड़ा हुआ…ऑर हाथ से पकड़ कर लंड को आंटी की गंद मे डाला..ऑर कमर पकड़ के धक्का मार…..

मेरा पूरा लंड आंटी की गंद मे घुस गया…

फिर मैने तेज़ी से आंटी की कमर पकड़ कर उनकी गंद मारना शुरू कर दिया


क्या सीन था….…मैं पीछे से गंद मार रहा था ऑर आंटी अपने बूब्स दबा रही थी ऑर मुँह से सिसकारियो के साथ मेरे लंड का रस भी बहा रही थी…




अब मैं झड़ने के करीब आ गया..

मैने अपने हाथो से कस कर आंटी की गंद को पकड़ा …..ऑर तेज़ी से गंद मारने लगा…

मैं-आंटी…आ रहा हूँ…ईएहह….यईह

आंटी-आअहह.आह..आ..आह..द्दाल्ल्ल..द्दी…ब्बीएततटा.आ…स्सूओखी.हाईईइ…..

मैं-तो ये ले मेरी कुतिया

आंटी-हाअ…तेरी…कुत्त्तिय्या…क्कीिई…ग्ग्गाअंन्न्ंदड़..बब्बहाररर …द्ददी

मैं-आहह……आहह…..

आंटी-आअहह…बभहाआरर…द्द्दडीए….कककुउउत्त्तििईयय्याअ….क्कीिई

ऑर मैं आंटी की गंद मे झड़ने लगा….जब मैं झड गया तो मैने आंटी को सामने आकर लंड दिखाया…

आंटी लंड देखते ही…कुतिया की तरह गॅप से लंड को मुँह मे भर कर चूसने लगी ऑर सॉफ कर दिया….

हम दोनो ही थक चुके थे तो वही ज़मीन पर एक दूसरे की बाहों मे लेट कर किस करने लगे....
हम खुले मैदान मे पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों मे लेटे हुए किस कर रहे थे….जब किस ख़तम हुआ तो मैं बोला

मैं-आंटी…खुश हो

आंटी-अभी बताती हूँ

ओर ये कह कर आंटी ने अपनी उंगली अपनी गंद मे डाली ऑर निकाल कर मुँह से चूस ली फिर बोली

आंटी-आअहह…बहुत खुश मेरे राजा…आज…गंद को ठंडक मिली है

मैं- ह्म्म्मे..अब ऐसी ठंडक मिलती रहेगी आगे भी…

आंटी-इसी के लिए तो आई हूँ बेटा….

मैं-चल फिर …तू मुझे रसीली चूत दिल्वाती जा……ऑर ये लंड तेरा ख्याल रखेगा(ये कह कर मैने आंटी की गंद दबा दी)

आंटी-आअहह…इसके लिए तो मैं अपनी बेटी को भी लिटा दूगी बेटी

मैने(मन मे)- वो तो मैने खुद ही लिटा ली…ऑर हँसने लगा

आंटी-सच मे बेटा ….अब देखते जाओ मेरा कमाल…ऑर ये अब मेरा

इतना कहकर आंटी ने हाथ से लंड मुट्ठी मे भर लिया ऑर सहला दिया 

मैं-वो बाद मे अब …अब कपड़ो पहनो …..चलो यहाँ से

इसके बाद हमने अपने कपड़े पहने ऑर कार की तरफ आने लगे
 
मैं-आंटी…चुदाई की खुसबु आ रही है…हाहाहा

आंटी(हँसते हुए)-हाँ, पता है….वहाँ जा कर नहा लेगे

मैं-ठीक है….लेकिन किसी को पता ना चल पाए…कि चुदाई करा के आई हो

आंटी-पता चले तो चले…मेरी चूत…मेरी गंद…जब मर्ज़ी चाहे मरवाऊ…किसी को क्या

मैं आंटी की बात सुनकर शोक्ड हो गया…कि कहाँ ये सीधी-शादी घरेलू औरत थी…ऑर अब देखो…रंडी की तरह बोल रही है

मैं-आंटी…अब शर्म नही आती…

आंटी-अब कैसी शरम ….अब तो मैं रंडी हूँ तुम्हारी…ऑर रंडी शरमाती नही

हम दोनो हँसते हुए कार मे बैठे ओर निकल पड़े अपनी मंज़िल की तरफ

कार मे….

मैं-आंटी..तो अब आप कही भी नही शरमाओगी ना…ऑर मैं जो कहूँ वो करोगी ना

आंटी-बोला ना …हाँ. बाबा हाँ

मैं-कुछ भी

आंटी-हाअ बाबा हाँ

मैं-अगर मे कहूँ की किसी ऑर से चुदवा तब भी

आंटी- लेकिन बेटा तू ऐसा क्यो कहेगा
मैं-मान लो कभी कुछ ऐसा हो जाय कि मुझे किसी को चूत देकर खुश करना पड़े …तो आप साथ दोगि मेरा

आंटी-बेटा अगर बात तेरे फ़ायदे की है तो , तू कहे तो एक से क्या 100 से चुद जाउन्गी …भरोसा रखो

मैं-तब तो आज़माना होगा

आंटी-मैं तुम्हारी हूँ…तुम कुछ भी कहोगे मैं कर दूगी,,,ऑर तुम्हारी खातिर कुछ भी कर जाउन्गी…आजमा लेना

इसके साथ ही आंटी ने मुझे किस किया ऑर मैने भी रेस्पॉन्स दिया ….

हम शादी मे जा रहे थे ओर मैं सोच रहा था कि आंटी अगर मेरे कहे हिसाब से चलती रही तो मुझे फ़ायदा ही फ़ायदा है..ऑर इनके घर के साथ-साथ मुझे नई-नई चूत भी आसानी से मिल जयगी….
ऑर बाद मे ….
मैं अपने प्लान के हिसाब आंटी का पूरा यूज़ करूगा…

ऐसे ही हम दोनो मस्ती मे बाते करते हुए ऑर एक दूसरे की बॉडी से खेलते हुए …अपनी जगह पहुच गये …..जहा हमे जाना था शादी मे....

हम वहाँ 7.30 ब्जे करीब पहुचे….ये गाओं नही एक कस्वा था…..

हमे आंटी की फ्रेंड का घर पता नही था पर पूछते -2 हम आंटी की फ्रेंड के घर भी पहुच गये,,,,

आंटी की फ्रेंड का घर 1 हवेली थी…शानदार लग रही थी….पूरा घर लाइटिंग से जगमगा रहा था…म्यूज़िक की आवाज़ भी आ रही थी ऑर लोग भी आते जा रहे थे…

गेट पर पहुच कर गेट्कीपर ने हमे रोक कर पूछ-ताछ की …

आंटी ने अपने बेग से कार्ड निकाल कर दिखाया तो उसने हमे अंदर जाने दिया….हम गेट के अंदर पहुचे वहाँ…1 नोकर ने हमारी कार पार्क करने को बोला…..

नौकर-आप लोग अंदर चले , मैं पार्क कर दूँगा

मैं-ओके, समान तो ले लूँ

नौकर-सर आप चले…समान पहुँच जाएगा

मैं-ओके

मैं ऑर आंटी कार से बाहर खड़े थे ऑर नौकर कार ले गया था….हम आंटी की फ्रेंड का घर देख रहे थे



मैं-आंटी…आपकी फ्रेंड तो बड़ी अमीर है…

आंटी-हाअ…बट सब हराम की दौलत है वो भी किसी और की…

मैं-मतलब

आंटी-फिर कभी बताउन्गी…लंबी कहानी है…

मैं-ओके...तो चले
 
फिर हम हवेली के गेट की तरफ चल दिए…चलते हुए मैने देखा कि हवेली के दोनो तरफ काफ़ी बड़े-बड़े गार्डेन है …वहाँ पर ही प्रोग्राम होना था…

ऐसे ही नज़ारा देखते हुए हम मेन गेट पर पहुचे ..वहाँ कई लोगो ने हमारा वेलकम किया

जैसे ही हम मैं हाल मे आया…मैं चारो तरफ देख कर सोचने लगा….कि सच मे यार कमाल का घर है…पैसा बहुत है साली के पास,,,अब कैसे आया….इससे मुझे क्या…

मैं सोच ही रहा था कि आंटी तेज़ी से आगे चली गई ऑर 1 औरत से गले लग गई…उसने भी आंटी का खुले दिल से वेलकम किया…मैं भी पास गया बट थोड़ी दूर खड़ा हो गया…ऑर उनकी बातें सुनने लगा…

आंटी-ओह्ह्ह…कामिनी…कैसी हो

कामिनी-ओह्ह रजनी…आ गई तुम…वेलकम..बड़ी देर कर दी

रजनी(आंटी का नाम है)- अरे वो..वो

आंटी कुछ बोलती उसके पहले ही कामिनी बोल पड़ी

कामिनी-पूनम ने कहा था कि तुम घर से 10 बजे के करी निकल गई थी

मैं(मन मे)- इस पूनम की तो…साली ने फोन कर दिया…अब आंटी क्या बोलेगी…

आंटी-वो ..वो…यार मैं शॉपिंग करने गई थी …कुछ न्यू ड्रेस…ऑर आंटी अपनी ड्रेस देखने लगी….( जैसी कामिनी को बोल रही हो कि देख मेरी ड्रेस क्या मस्त है ) 

कामिनी-ओह माइ गॉड….मैने तो देखा ही नही…आज तो तुम्हे ..ये..ये…वाउ यार…आज लगी ना तू मेरी फ्रेंड

आंटी-हाँ तेरे लिए ही ली है…ऑर भी है देख लेना…हहेहहे

कामिनी-सच मे यार आज तो हॉट लग रही है….कहाँ साड़ी पहनती है…मैं बोलती हूँ…यही पहना कर..

आंटी-अरे नही यार,,,बट हाँ, यहाँ जब तक हूँ तब तक ऐसे ही ड्रेस पहनूँगी

कामिनी- सच मे..

आंटी-हाअ मेरी जान

ऑर दोनो हँसने लगी…तभी कामिनी का ध्यान मेरी तरफ हुआ

कामिनी(धीरे से)-ये हॅंडसम कौन है यार

आंटी-चुप कर तू भी …बस लड़का देखा नही ऑर शुरू हो गई….ये मेरे साथ है

कामिनी-अच्छा…(धीरे से)-…क्या यार..किसी को भी ले आई….पता है ना यहाँ वीआइपी आएँगे…
अगले 3 दिन यहाँ शादी के कार्यक्रम भी है…ऑर मस्ती भी…पता है ना

( मुझे ये बाते बाद मे पता चलेगी…अभी मैं सिर्फ़ दूर खड़ा देख रहा था…मुझे सुनाई नही दे रही थी उनकी बातें )

आंटी-अर्रे तू टेन्षन मत ले….ये भरोसे वाला है

कामिनी-वो माना बट यह वीआइपी के बीच मे किसी को भी रखेगे...माना कि दिखने मे मस्त है ऑर बॉडी और कपड़े भी धासु है,,,बट ...

इसी बीच वहाँ आंटी की कुछ ऑर फ्रेंड्स आ रही थी तो आंटी उनकी फ्रेंड्स से मिलने आगे चली गई सब हंस कर मिलने लगे….

आंटी मुझसे थोड़ी दूर अपनी फ्रेंड्स के साथ बाते करने लगी ऑर कामिनी मेरे पास आई ऑर बोली…

आंटी-तू रजनी के साथ है

मुझे तू कह कर बोला…तो मुझे गुस्सा आया पर मैने गुस्से को साइड मे करके बोला

मैं-जी हाँ…

कामिनी-तो कार ड्राइव तुम्ही कर रहे थे…

मैं-हाँ


कामिनी शायद मुझे ड्राइवर या नौकर समझ रही थी आंटी का

कामिनी-ओके..ओके…तुम ऐसा करो….(इतना कह कर कामिनी ने एक नौकर को बुलाया ऑर फिर बोली)…हाँ…इसके साथ चले जाओ…तुम लोगो के रुकने का इंतज़ाम बाहर है

मैं(शॉक्ड होकर)-क्या…???
कामिनी-मतलब….देखो यहाँ वीआइपी गेस्ट है…..तुम लोगो के लिए बाहर इंतज़ाम है…अब जाओ

मुझे गुस्सा तो आया..क्योकि मेरा ईगो हर्ट हुआ…..ऑर सबसे प्यारा है मुझे मेरा ईगो…फिर भी मैं आंटी की वजह से कुछ नही बोला…..सोचा बाद मे देखुगा…ऑर मैं नौकर के साथ जाने लगा

मुझे जाते हुए आंटी ने देख लिया ऑर भाग के आई ऑर मुझे रोक लिया…कामिनी को शायद अच्छा नही लगा…वो बोली

कामिनी-रजनी ये क्या…

रजनी(बात को बीच मे काट कर)- ये मेरे साथ है कामिनी…ये यही रहेगा

कामिनी-रजनी…माना तेरे साथ है बट ड्राइवर अंदर...

आंटी(फुल गुस्से मे)-चुप कर कामिनी…तेरी हिम्मत कैसे हुई …ये मेरे बेटे जैसा है….

कामिनी-हाँ ,,,पर यहाँ…ड्राइवर….

वो बात बोलती उसके पहले आंटी बोलो

आंटी-अब चुप हो जा…क्या ड्राइवर-ड्राइवर….जानती हो ये कौन है…..ये तेरे जैसे 50 को खरीद सकता है समझी

कामिनी-(आँखे लाल करते हुए)-क्या बक रही है…ऐसा कौन है बता तो

आंटी-ये मल्होत्रा अंपीएर का एकलौता बारिश है…अक…….समझी…ऑर मेरे बेटे का बेस्ट फरन्ड…
 
आंटी के मुँह से मेरी असलियत सुनते ही कामिनी,,,,,आंटी की फ्रेंड्स ,…ऑर वहाँ जमा हुए सब लोग…जो अभी तक का नाटक देख रहे थे….शॉक्ड हो गये



सब चुप थे तभी..

कामिनी-ओह,,,क्क्यय्याअ…सस्साककच…मे…स्सूओ…सस्सूओररय्ी…
.मिस्टर.अक..ईई..एम्म…र्रेाली सॉरी

मुझे गुस्सा तो बहुत था बट जब मैने आंटी की फ्रेंड्स को ऑर कामिनी को देखा तो सोचा कि यहाँ रुकने से ये सब मिल सकती है…गुस्से से क्या होगा…….सब हाथ से निकल जाएगी…तो मैं सॉफ्ट हुए बोला

मैं-सॉरी की ज़रूरत नही है …आप आंटी की फ्रेंड है…इट्स ओके

कामिनी-बट आइ एम सॉरी….बिना कुछ जाने मैने कुछ भी बोल दिया..रीयली सॉरी

मैं-इट्स ओके …पल्ल्लज़…सॉरी रहने दीजिए…आंटी आप ही बोलो

आंटी-कामिनी….सब ठीक है…सब अंजाने मे हुआ….ये बड़ा प्यारा है….डोंट वरी….


कामिनी-रजनी…सॉरी ….तू भी माफ़ कर दे..

आंटी-ठीक है बाबा...पर अब आगे बढ़ेगी ....हम थके हुए है

कामिनी-ओह्ह्ह..हहा…अभी …चलो उपर मेरे साथ

कामिनी मेरे पास आई ऑर मेरा हाथ पकड़ कर बोली

कामिनी-आइए आपको, आपका रूम दिखा दूं…आप हमारे सबसे स्पेशल गेस्ट है….आपकी खातिरदारी मैं खुद करूँगी

मैने कामिनी की नज़रो मे कमीनापन तो देखा बट श्योर नही था…सोचा , चलो देखेगे..क्या चीज़ है ये

मैं-आप क्यो तकलीफ़ कर रही है…आपको ऑर भी काम होगे….किसी और को कह दीजिए

कामिनी-आइए आप मेरे साथ चलिए…तभी मैं समझुगी कि आपने मुझे माफ़ किया

मैं-ओके , जैसा आप कहे चलिए

ऑर हम सब प्यार से हँसते हुए उपर चढ़ने लगे…मेरे साथ आंटी, कामिनी ऑर उनकी 3 फ्रेंड्स थी…..कसम से सब एक से बढ़कर एक माल थी….

अब देखना ये है कि यहाँ की शादी मे मेरी सुहागरात कितनो के साथ होगी…

यही सब सोचते हुए हम उपर जाने लगे …
जैसे ही हम सीडीयों से उपर पहुचे तो एक गलियारा था…जहाँ से लेफ्ट ऑर राइट जाने का रास्ता था…
कामिनी हम सब को लेफ्ट की तरफ ले गई…जो आगे से राइट की तरफ ले गई…जहाँ दोनो तरफ 2-2 रूम थे…

कामिनी-ये हमारी हवेली के स्पेशल रूम्स है जो सिर्फ़ स्पेशल गेस्ट के लिए है…

आंटी-कामिनी 4 रूम ही स्पेशल है..?

कामिनी-अरे नही…गलियारे के राइट साइड भी 4 रूम है…

मैं उस सब की बाते सुनते हुए सोच रहा था कि…देखे तो रूम है कैसा…बाते तो बड़ी-2 कर रही है…

इसके बाद कामिनी का 1 नौकर रूम की चाबी लेकर आया ऑर रूम्स को खोल कर चला गया..

कामिनी(मुझसे)-आइए सर ये आपका रूम है…

मैं-आप प्लीज़ मुझे सर ना कहे….

कामिनी-नही सर, मैं तो सर ही कहूँगी…(मुस्कराने लगी)

मैं(आंटी की तरफ देख कर)-आंटी …कहिए ना

आंटी-अरे..मैं क्या कहूँ…??

मैं-पर…

कामिनी-प्लीज़…आपको मेरी कसम कुछ मत कहिए

कामिनी के कहने पर मैं चुप तो रह गया…बट मुझे समझ मे नही आ रहा था कि मुझे सर कह कर इतनी रेस्पेक्ट क्यो दिखा रही है…जबकि ये आंटी की फ्रेंड है….मुझे नाम से या बेटा कह कर बुला सकती है….

कही ये तो नही कि मेरे डॅड का नाम सुन कर अपने किसी फ़ायदे के लिए मुझे मक्खन लगा रही है

खैर जो भी हो….देखते है….इसके दिल मे क्या है….

कामिनी(मुझे हाथ से हिला कर)-कहाँ खो गये आप…चलिए ..रूम के अंदर तो चलें
 
इसके बाद हम सब रूम मे एंटर हुए….मैने देखा कि रूम सच मे आलीशान था…मस्त डबल बेड..साथ मे साइड मे बड़ा सा सोफा….एक तरफ खाने की टेबल….फुल एसी….आत्तेच बाथरूम …ऑर हाँ..नरम गाद्देदार था बेड….हाहहहा

मैने रूम को देखा ऑर बोला

मैं- वाउ….रेआली ग्रेट

कामिनी-अरे आपके लिए तो कुछ भी नही होगा…आपके रूम के सामने ..ये कहाँ लगता है

मैं-ऐसा मत कहिए….सच मे मस्त रूम है,…सब तो है यहाँ….

फिर मैने आंटी को देख कर कहा..

मैं- आंटी कैसा लगा रूम 

आंटी-सच मे कामिनी मस्त रूम है….

मैं-तो कामिनी जी अब हमारा समान भी मग़वा दीजिएगा….चेंज कर लिया जाय

कामिनी-हाँ…आपका समान आता ही होगा…

मैं(चौक कर)-मेरा मतलब…आंटी का भी समान है

कामिनी-इस रूम मे आप अकेले ही रुकने वाले है

मैं(बुझे मन से)- ऑर आंटी

कामिनी-वो सामने वाले रूम मे रुकेगी...
आंटी-पर कामिनी..हम एक ही रूम मे..मतलब् अलग-2 रूम किस लिए…..????

कामिनी-अरे रजनी तुम दीपा के साथ रहोगी ऑर मनु रूचा के साथ...अब हम सब फ्रेंड इतने टाइम बाद मिले है तो साथ होगे…ऑर वहाँ हम पाँचो साथ मे खुल कर बातें कर पायगे...ऑर मिस्टर.अक को डिस्टर्ब भी नही होगा...

आंटी(मेरी तरफ दुखी मन से देख कर)-ठीक है बेटा …हम सामने ही है….ओके

मैं-ओके आंटी(अब मैं क्या बोलता कि…नही रुक जाओ..मैं चोदुन्गा किसे

हम बाते ही कर रहे थे कि मेरा सामान आ गया….उसमे वो बॉक्स भी था जिसमे आंटी के लिए ड्रेस मग़वाई थी मैने

कामिनी-ओके सर आप फ्रेश हो जाइए…जब तक हम भी रेडी हो जाते है…आपके लिए स्नकस भिजवाती हूँ ऑर फिर फंक्षन मे चलते है…

इतना बोल कर आंटी , कामिनी ऑर उनकी 3 ऑर फ्रेंड रूम से बाहर …सामने वाले रूम्स मे चली गई…


मैने भी अपने रूम के गेट को लॉक किया ऑर कपड़े निकालने लगा….

मैं अंडरवर मे रूम मे खड़ा था ऑर सोच रहा था कि आंटी की सारी फ्रेंड है तो मस्त…बट मिलेगी या नही पता नही….ऑर अब आंटी भी नही है…साला चुदाई का क्या होगा…सब अरमानो पर पानी फेर दिया इस कामिनी ने…


मैने सोचते हुए बाथरूम के घुस गया…रूम की तरह बाथरूम भी मस्त था…सभी ज़रूरत का समान था वहाँ…
मैं फ्रेश हो कर शावेर लेने लगा...

मैने शवर ऑन किया ऑर ठंडा पानी मेरे जिस्म को भिगोने लगा…लेकिन मेरे शहर की अपेक्षा यहा ठंडक ज़्यादा थी थोड़ी…

मैं शवर लेते हुए चुदाई के प्रोग्राम का सोच रहा था…कि अगर मुझे आंटी की ये सब फ्रेंड मिल जाए तो मज़ा करूगा…

ऑर सोच कर ही मेरा लंड अकड़ने लगा तभी मेरे गेट पर नॉक हुई…

मैं(मन मे)-अब कौन आ गया…????...शायद आंटी आई होगी….???...हाँ वही होगी

ऑर मैं टावाल लगा कर बाथरूम से निकला ऑर बिना पूछे ही गेट खोल दिया
पर ये क्या…ये आंटी नही थी…ये तो…ये..तो…हाँ…ये तो आंटी की फ्रेंड मे से 1 थी

मैं-यस, कहिए

आंटी फ्रेंड-सॉरी…आपको डिस्टर्ब किया…

मैं-कोई बात नही…कुछ काम था क्या…

आंटी फ्रेंड-(जो मेरे टावाल मे खड़े हुए लंड को बार-2 देख रही थी)-…

मैं(चुटकी बजा कर)-हेलो…बोलिए

मेरे चुटकी बजाने पर वो चौक गई ओर शरमा भी गई

आंटी फ्रेंड_वो..मैं…वो..

मैं- क्या हुआ…कहिए

आंटी फ्रेंड(थोड़ा नॉर्मल होते हुए)-आक्च्युयली…हमारे रूम मे बाथरूम बिज़ी है...रजनी को टाइम लगेगा…
मैं(बीच मे ही बोला)-तो …मैं क्या करूँ …आइ मीन…बात क्या है

आंटी फरन्ड-वो..वो..रजनी (आंटी का नाम) ने कहा कि आपके रूम का बाथरूम यूज़ कर लूँ...आप तो जल्दी रेडी हो जाते है...

मैने देखा की आंटी की फरन्ड गाउन पहने हुए थी ऑर उसके हाथ मे कुछ कपड़े थे शायद….लगता है ये सच मे नहाने को ही आई है

मैं-ओह…नो प्राब्लम…मैं अभी नहा ही रहा था…आइए-2 ..आप बैठो मैं नहा कर आता हूँ…फिर आप यूज़ कर लेना वॉशरूम

इतना कहते हुए मैने उसे अंदर किया ऑर गेट बंद करके उसे बैठने का बोला….वो साली अभी भी मेरे लंड पर नज़रे टिकाए हुई थी…
 
मैने देखा कि ये भी आंटी के बराबर ही है…इसके बूब्स ऑर गंद भी जानदार दिख रहे है…क्या इस पर ट्राइ करू…??? नही जल्दबाज़ी होगी….

मैं-आप बैठिए …मैं नहा कर आता हूँ….इतना बोल कर मैं बाथरूम मे गया….

बाथरूम के अंदर आकर मैने गेट बंद नही किया …थोड़ा खुला रखा…पता नही क्यो बट मुझे लग रहा था कि ये औरत…मुझसे पट सकती है….जिस तरह वो मेरे लंड को देख रही थी ऑर उसकी आँखो मे चमक आ गई थी….शायद ये सब कुछ प्लान कर के आई है…नही तो साली जब यहाँ वेट कर रही है तो वहाँ नही कर सकती थी क्या

मैने ये सोच कर कि अगर ये यहाँ मेरे लंड के लिए आई है तो बाथरूम का गेट खुला देख कर अंदर झाँकेगी ज़रूर,,,,अपनी टावाल ऑर अंडरवर को निकाल के रखा दिया…ऑर पूरा नंगा होकर शावर लेने लगा ऑर हाथ से लंड हिलाने लगा….


मैं तिरछी नज़रों से गेट को देख रहा था बट वहाँ कोई हलचल नही थी….अचानक मुझे लगा कि आंटी सेल पर किसी से कुछ बात कर रही है...मैने सुनने की कोसिस की..

सेल पर 

आंटी फरन्ड---हाँ ….नहा रहा है
सामने से-..;;..;;;
आंटी फरन्ड-लगता तो है समझ गया…..गेट खुला रखा है…
सामने-…;;,,;;
आंटी फ्रेंड-सच मे…जल्दी तो नही होगी…..मानेगा क्या???
सामने-…;;;
आंटी फ्रेंड-ऐसा क्या…सच…तो ठीक है..अभी जाती हूँ

इतना कह कर आंटी की फरन्ड ने सेल रख दिया..ऑर मुझे समझ आ गया कि पक्का ..आंटी ने ही अपनी फ्रेंड को चुदने को भेजा है

मैं(मन मे)-वाउ आंटी..कमाल कर दिया…आय हुए देर नही हुई ऑर नई चूत भेज दी मेरे लिए …जियो आंटी जियो…

ये सोच कर मेरा लंड ऑर कड़क हो गया…ऑर तभी मुझे लगा कि अंदर कोई आया है…

मैं अंजान बन कर नहाने लगा…..जब 2 मिनट तक कुछ ना हुआ तो मैने पीछे मुड़कर गेट की तरफ देखा तो देखता ही रह गया….
मेरे सामने आंटी की फरन्ड पूरी नंगी खड़ी थी ऑर अपने हाथ से अपनी चूत सहला रही थी ऑर दूसरे हाथ की उंगली को मुँह से चाट रही थी.....

मैने पहले सोचा कि थोड़ी आक्टिंग करू…फिर सोचा कि जब आंटी ने इसे भेजा है तो इसे तो सब पता होगा..मेरा ऑर आंटी का…अब आक्टिंग का क्या फ़ायदा….चलो डाइरेक्ट बॉम्ब फोड़ता हूँ

मैं-अब आगे भी आओगी कि उंगलियों से ही काम चलाना है....हाहहहहहा

आंटी फ्रेंड(झटका खा कर)-क्या…क्या..मतलब???

मैं-अब नाटक छोड़िए ऑर आइए….

आंटी फ्रेंड-क्या कह रहे हो…मैं समझी नही

मैं(थोड़ा आगे जाकर)-आप यहाँ मेरे सामने…बाथरूम मे नंगी खड़ी हुई अपनी चूत सहलाते हुए मेरे को नंगा देख रही है…ऑर कहती है कि क्या मतलब…..अब सराफ़त छोड़ भी दो….

मैने जब ये लेक्चर दिया तो आंटी की फरन्ड शरमा गई ऑर बोली

आंटी फरन्ड-सॉरी….अब आप समझ ही गये तो खुल कर बात करती हूँ

मैं-हाँ,,,ये ठीक है…तो अपना नाम बताओ….बाकी यहाँ आने की वजह तो मैं जानता हूँ

आंटी फ्रेंड-मेरा नाम दीपा है…ऑर मुझे तुम्हारी आंटी ने भेजा है

मैं-अच्छा…क्यो ???

दीपा(मेरे पास आकर मेरे लंड को टच करके)-इसका..कमाल देखने के लिए…

मैं(मुस्कुरा कर)-ठीक है…फिर भी कैसे भेज दिया

दीपा-बस भेज दिया….अब बाते छोड़ो ऑर जैसे अपनी आंटी को ठोका है वैसे ही मुझे ठोको….

मैने सोचा साली आंटी ने इसे बताया क्यो....चलो इससे पूछते है

मैं-एक बात पुछू

दीपा-अभी कुछ नही…टाइम नही है…मेरी प्यास बुझा दो…फिर जो भी पुछोगे बता दूगी…

ऑर इतने कह कर दीपा ने झुक कर मेरे लंड के टोपे को अपने मुँह मे ले लिया ऑर चूसने लगी.....




मैं भी झुक कर उसके बड़े-2 बूस सहलाने लगा …ऑर धीरे- धीरे वो मेरे लंड को मुँह मे भर कर चूसने लगी...

मैं-आहह…तुम तो एक्सपर्ट हो

दीपा—उउउम्म्म्ममममममम……उूउउम्म्मस्स्स्रर्र्र्रप्प्प्प्ुउउउ..उउंम्म..उम्म्म.स..सस्स्ररप्प…सस्रर्र्र्प

अगले 5 मिनट दीपा पूरे दिल से उसी पोज़िशन मे लंड चूस्ति रही....ऑर झुकी-2 झुकी थक गई...तो मुँह से लंड निकाल कर बोली

दीपा-आअहह….सच मे रजनी ने सच कहा था…ऐसा लंड कम ही मिलता है….आअहह… रूम मे चलें..???

मैं-नही रूम मे नही…यही

दीपा-यहाँ….जैसा तुम कहो…पर यहाँ कैसे ????

मैं-टेन्षन मत लो…जैसा मैं कहूँ वैसा करो…बस

दीपा उपर उठकर मेरे होंठो पर किस करने लगी ऑर हाथ से मेरा लंड सहलाते हुए....

दीपा-आअहह…जैसा कहो…पर जल्दी करो…जबसे रजनी ने इस लंड के बारे मे बताया तबसे आग लगी है…

मैं(दीपा को कमर से खींच कर)- रुक जा…तेरी आग बुझाता हूँ…

दीपा-हाँ…पर अभी जल्दी करना..फंक्षन स्टार्ट हो ही गया होगा…
 
मैं-लेकिन जल्दी मे तेरी चूत ऑर गंद दोनो कैसे फाड़ुँगा...

दीपा(मुस्कुराते हुए)-रजनी ने कहा था कि तुम मेरी गंद ज़रूर मारना चाहोगे….बट अभी नही….टाइम कम है….ऑर वैसे भी यहाँ 2-3 दिन रूको…मेरी भी मार लेना ऑर भी मिल जाएँगी

मैं-मतलब

दीपा-अभी काम तो करो….सब बता दूगी…यहाँ शादी मे बहुत धमाल होगा…देखते जाओ,,,हहेही

मैं-ओके..देखते है….


इतना कह कर मैने दीपा के बूब्स चूसना शुरू किया ऑर दीपा अपने हाथ से अपनी चूत सहलाने लगी...

थोड़ी देर बाद मैने नीचे झुक कर उसकी चूत चाट ली

मैं-आअहह …सीएउउप्प्प….सस्स्ररुउउप्प्प…

दीपा-आअहह….मज़ा..आ..गाययई…

अगले 5मिनट सिर्फ़ शावर से गिरते पानी की ऑर चूत चुसाइ की आवाज़े आ रही थी…

मैं-सस्रररुउउप्प्प्प…उउउम्म्म्म…..ऊओंम्म्म

दीपा-अमम्मूउउहह….आआहह…….म्म्मं ंन्न्ी थमममम...उउउम्म्म्ममम...उउउंम्म

मेरी चुदासी से दीपा झड़ने लगी ऑर बोली

दीपा-आआहह…..म्म्म्मा आ…..कक्ककयाअ…चूस्सता है…….ऑर मेरे मुँह मे चूत रस बहाने लगी..

मैने दीपा का चूत रस पिया ऑर फिर उसे उठने को बोला…

दीपा-आअहह…मज़ा आ गये…..तुझसे तो पूरी रात चुदवाउन्गी…लेकिन अभी जल्दी से डाल दे…आग लगी हुई है चूत मे

मैं(मुस्कुरा कर)-ठीक है..आजा…

ऑर मैने दीपा को एक तरफ झुका कर…अपना लंड उसकी चूत मे डाल दिया.....




दीपा—आऐईयइ…..कितना तगड़ा...आहह 

मैने अभी आधा ही लंड डाला था…पर शायद दीपा ने पतला लंड ही खाया है…तभी चीख पड़ी

मैने फिर से 1 शॉट लगाया ऑर इस बार पूरा लंड दीपा की चूत मे चला गया

दीपा-आअहह…म्माअरर ग़गाइइ…ऊओ…माआ

मैं-मज़ा आया

देप्पा-आअरररम से…ररूउक्क्कूव..थोड़ा.....आहह

दीपा ने रुकने को बोला पर मैने अपना लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके मे अंदर डाल दिया

दीपा-ओह…मादरcछ्हूद्द्द….म्म्म्मा रररर ग्गगाइइइ

मैं-साली..कुतिया…क्यो चिल्ला रही है…तू ही आई थी चूत खोल कर

दीपा-साले….चुदने आई थी…..मरने नाआहहीी…ऊओ..माँ


मैने अब 1 के बाद एक शॉट लगाना शुरू किया ऑर वो भी लंड बाहर करके एक बार मे पूरा अंदर डालता था.....

दीपा-सस्सल्ल्लीी….आअररराम्मा….आआहहह…सस्सीई…म्माम्ाल ररर…..फ़फफात…ग्गगाइइइ…म्म्माँआ

मैं-ये ले कुतिया…अब फटेगी तेरी…

ऑर मैं तेज़ी से दीपा की चूत मारने लगा

5 मिनट मे ही दीपा की आवाज़ बदल गई

दीपा-आअहह,…अहहाअ…आइसे ही…आअहह…ऊरर…तेजज…

मैं-फाड़ दूं...???

दीपा-आअहह….फाड़ दे……पूरा डाल्ल…आहह….हहाअ…अंदड़डार्रर हहा

मैं-साली...ये ले...ओर मैने 1 हाथ से उसके बूस को पकड़ा ऑर दबा दिया

दीपा-आअहह…हाअ…राअज्जजाअ…आईीससीए..हहिी…फ्फ़ाआद…दीए….

मैने दूसरे हाथ से दूसरा बूब भी पकड़ा ऑर दोनो बूब को निचोड़ते हुए दीपा की चुदाई करने लगा

दीपा-आअहह…मास्साल्ल्लडदद्र……कक्खाअ…जाअ….आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मारआ

मैं इसी तरह 3-4मिनट ऑर चोदता रहा


फिर मैने दीपा की चूत से लंड निकाला ऑर उसे शावेर के नीचे ले गया....

मैने दीपा की एक टाँग को हाथ से पकड़ कर उठाया ओर पूरा लंड उसकी छूट मे डाल दिया....



दीपा आगे झुकते हुए दीवार से हाथ लगाए हुए सिसकने लगी...

दीपा- ओह्ह्ह...म्म्माहआ...आअहह...आहह...आहह...उउम्म...ऊहह

मैं- यस...आहह....मज़ा आया....

पूरे वॉशरूम मे चुदाई की आवाज़े आ रही थी....मैं दीपा को चोदे जा रहा था ऑर शावेर से पानी की ठंडी बौछार हमे भिगो रही थी....
 
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