hotaks444
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रिचा-आअहह…सच मे फाड़ ही दी तुमने
मैं-अभी फाड़ दी तो जाने दो…अब मज़ा करता हूँ ..
रिचा-हाँ…जल्दी अब सबर नही होता मेरे राजा
मैं-आज मेरी रानी
और इतना कह कर मैं पास पड़े सोफे पर बैठ गया और रिचा को सोफे के नीचे लिटा कर उसके पैरो को उपर उठा कर उसके सिर की तरफ कर दिया
रिचा-क्या कर रहे हो
मैं-तू बस देख कितना मज़ा देता हूँ…
ये कह कर मैने रिचा की चूत को चाटा और गंद के छेद पर थूक दिया…
इसके बाद मैने रिचा की गंद पर लंड सेट करके अंदर डाल दिया और उसे पैरो से पकड़ कर चोदने लगा....
रिचा-आअहह…आअरररामम से
मैं-आराम से नही….ज़ोर से ले
रिचा-हहा...हहा....आअहह...ज्जूउर्र से
मैं-ये ले
रिचा-आहह...ऑर...त्तेज..आहह
मैं रिचा के पैर को कमर से पकड़े हुए जोरदार शॉट मारता रहा और 10 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद
रिचा-आहह...ररूउको...मेरी कमर
मैं-(रुक कर)- क्या हुआ
रिचा-मेरी कमर मे दर्द होने लगा
मैं समझ गया कि इस पोज़िशन मे इसे दर्द हो रहा है...मैने तुरंत रिचा को उठाकर सोफे पर घुटनो के सहारे कुतिया बना दिया......
रिचा भी आगे सिर रख कर थोड़ा झुक गई...मेने फिर पीछे से लंड सेट करके गंद मारना स्टार्ट कर दिया....
और 10 मिनट बाद ...
रिचा----आहहाहह म्मादईयैईंन आआ रहहीी हहू
और रिचा आवने एक हाथ से अपनी चूत मसल्ने लगी
मैने रिचा के कंधो को ज़ोर से पकड़ा और तेज धक्के देने लगा
रिचा-माऐईन्न…आहह…आगगगगगगाविईई
ये कहते हुए रिचा झड गई….मैने भी झड़ने की कगार पर था
मैं-रिचा मैं आया…कहाँ निकालु
रिचा- मुझे टेस्ट करना है..आहह
मैने झट से रिचा की गंद से लंड निकाला और रिचा सोफे पर लेट गई ..
मैं रिचा के मुँह के पास खड़ा हुआ और रिचा ने मेरा लंड पकड़ कर आधा मुँह मे लिया और हाथो से लंड हिलाने लगी…
थोड़ी देर बाद ही मैं रिचा के मुँह मे झड़ने लगा और रिचा मेरा लंड रस पीने लगी ….
फिर रिचा मेरा लंड चूस कर सॉफ करने लगी....
मैं-मज़ा आया,,
रिचा-(लंड मुँह मे भरे हुए)-उउउम्म्म्म
मैं- मुझे भी …सच मे तुम्हारी गंद तो कमाल है
रिचा(लंड मुँह से निकाल कर)-आअहह…तुम भी सॉलिड चुदाई करते हो…मज़ा आ गया
मैं-तो चलो अब चलते है….सब फंक्षन मे हमे देख रहे होंगे
रिचा-ठीक है…
और उसके बाद हमने कपड़े पहने और चेहरे को ठीक-तक करके फंक्षन की तरफ आने लगे
रिचा-अब कब करोगे
मैं-जब मेरा मूड होगा
रिचा-अरे…बोलो ना…करोगे ना..??
मैं(रिचा की गांद पर थप्पड़ मार कर)-क्यो नही तेरी गांद जब बुलाएगी तब आ जाउन्गा
रिचा-ठीक है मेरा नंबर ले लो…तुम जब चाहो जहाँ चाहो…बस कॉल कर देना
हमने नंबर एक्सचेंज किए…रिचा ने कहा
रिचा-प्ल्ज़्ज़ जल्दी आना…सालो बाद चुदि हूँ…वो भी एक मस्त लंड से….अब तड़पाना मत
मैं-ओके..आउन्गा…बट मेरा फ़ायदा करवाना होगा
रिचा-क्या चाहिए तुम्हे…पैसे???
मैं(हँसते हुए)-पैसा तो मेरे पास बेसुमार है...भूल गई क्या
रिचा-ओह सौररी…तो मैं क्या दे सकती हू…अपने जिस्म के अलावा
मैं-मुझे बस प्यार की भूख है…उसे पूरा करती रहना
रिचा-और ये भूख कैसे पूरी होती है
मैं-मुझे चूत और गंद मिले …वो भी मर्ज़ी से…वही मेरे लिए सच्चा प्यार है… समझ गई
रिचा-(मुस्कुरा कर)- हाँ समझ गई…मैं कॉसिश करूगी
मैं-दट’स गुड…
और ऐसे ही बाते करते हुए हम फंक्षन की जगह जाने लगे .
मैने रिचा को रोक कर …बार कोंटेर पर जाकर 1 स्कॉच का गिलास ले लिया....
रिचा- ये किस लिए
मैं-अगर कोई पूछे तो बोल देगे कि हम बार पर थे...आगे कुछ एक्सप्लेन करने की ज़रूरत नही पड़ेगी ..
रिचा-लंड के जैसे दिमाग़ भी तेज है
मैं(मुस्कुरा कर)-वो तो है...और हाँ..याद रहे...किसी को कुछ भी पता ना चले समझी
रिचा-मैं भी यही चाहती हूँ…
और हम बाते करते हुए अपनी टेबल्स पर पहुच गये ...वहाँ आंटी, कामिनी,दीपा और मनु हमे ही देख रहे थे...
मैं-अभी फाड़ दी तो जाने दो…अब मज़ा करता हूँ ..
रिचा-हाँ…जल्दी अब सबर नही होता मेरे राजा
मैं-आज मेरी रानी
और इतना कह कर मैं पास पड़े सोफे पर बैठ गया और रिचा को सोफे के नीचे लिटा कर उसके पैरो को उपर उठा कर उसके सिर की तरफ कर दिया
रिचा-क्या कर रहे हो
मैं-तू बस देख कितना मज़ा देता हूँ…
ये कह कर मैने रिचा की चूत को चाटा और गंद के छेद पर थूक दिया…
इसके बाद मैने रिचा की गंद पर लंड सेट करके अंदर डाल दिया और उसे पैरो से पकड़ कर चोदने लगा....
रिचा-आअहह…आअरररामम से
मैं-आराम से नही….ज़ोर से ले
रिचा-हहा...हहा....आअहह...ज्जूउर्र से
मैं-ये ले
रिचा-आहह...ऑर...त्तेज..आहह
मैं रिचा के पैर को कमर से पकड़े हुए जोरदार शॉट मारता रहा और 10 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद
रिचा-आहह...ररूउको...मेरी कमर
मैं-(रुक कर)- क्या हुआ
रिचा-मेरी कमर मे दर्द होने लगा
मैं समझ गया कि इस पोज़िशन मे इसे दर्द हो रहा है...मैने तुरंत रिचा को उठाकर सोफे पर घुटनो के सहारे कुतिया बना दिया......
रिचा भी आगे सिर रख कर थोड़ा झुक गई...मेने फिर पीछे से लंड सेट करके गंद मारना स्टार्ट कर दिया....
और 10 मिनट बाद ...
रिचा----आहहाहह म्मादईयैईंन आआ रहहीी हहू
और रिचा आवने एक हाथ से अपनी चूत मसल्ने लगी
मैने रिचा के कंधो को ज़ोर से पकड़ा और तेज धक्के देने लगा
रिचा-माऐईन्न…आहह…आगगगगगगाविईई
ये कहते हुए रिचा झड गई….मैने भी झड़ने की कगार पर था
मैं-रिचा मैं आया…कहाँ निकालु
रिचा- मुझे टेस्ट करना है..आहह
मैने झट से रिचा की गंद से लंड निकाला और रिचा सोफे पर लेट गई ..
मैं रिचा के मुँह के पास खड़ा हुआ और रिचा ने मेरा लंड पकड़ कर आधा मुँह मे लिया और हाथो से लंड हिलाने लगी…
थोड़ी देर बाद ही मैं रिचा के मुँह मे झड़ने लगा और रिचा मेरा लंड रस पीने लगी ….
फिर रिचा मेरा लंड चूस कर सॉफ करने लगी....
मैं-मज़ा आया,,
रिचा-(लंड मुँह मे भरे हुए)-उउउम्म्म्म
मैं- मुझे भी …सच मे तुम्हारी गंद तो कमाल है
रिचा(लंड मुँह से निकाल कर)-आअहह…तुम भी सॉलिड चुदाई करते हो…मज़ा आ गया
मैं-तो चलो अब चलते है….सब फंक्षन मे हमे देख रहे होंगे
रिचा-ठीक है…
और उसके बाद हमने कपड़े पहने और चेहरे को ठीक-तक करके फंक्षन की तरफ आने लगे
रिचा-अब कब करोगे
मैं-जब मेरा मूड होगा
रिचा-अरे…बोलो ना…करोगे ना..??
मैं(रिचा की गांद पर थप्पड़ मार कर)-क्यो नही तेरी गांद जब बुलाएगी तब आ जाउन्गा
रिचा-ठीक है मेरा नंबर ले लो…तुम जब चाहो जहाँ चाहो…बस कॉल कर देना
हमने नंबर एक्सचेंज किए…रिचा ने कहा
रिचा-प्ल्ज़्ज़ जल्दी आना…सालो बाद चुदि हूँ…वो भी एक मस्त लंड से….अब तड़पाना मत
मैं-ओके..आउन्गा…बट मेरा फ़ायदा करवाना होगा
रिचा-क्या चाहिए तुम्हे…पैसे???
मैं(हँसते हुए)-पैसा तो मेरे पास बेसुमार है...भूल गई क्या
रिचा-ओह सौररी…तो मैं क्या दे सकती हू…अपने जिस्म के अलावा
मैं-मुझे बस प्यार की भूख है…उसे पूरा करती रहना
रिचा-और ये भूख कैसे पूरी होती है
मैं-मुझे चूत और गंद मिले …वो भी मर्ज़ी से…वही मेरे लिए सच्चा प्यार है… समझ गई
रिचा-(मुस्कुरा कर)- हाँ समझ गई…मैं कॉसिश करूगी
मैं-दट’स गुड…
और ऐसे ही बाते करते हुए हम फंक्षन की जगह जाने लगे .
मैने रिचा को रोक कर …बार कोंटेर पर जाकर 1 स्कॉच का गिलास ले लिया....
रिचा- ये किस लिए
मैं-अगर कोई पूछे तो बोल देगे कि हम बार पर थे...आगे कुछ एक्सप्लेन करने की ज़रूरत नही पड़ेगी ..
रिचा-लंड के जैसे दिमाग़ भी तेज है
मैं(मुस्कुरा कर)-वो तो है...और हाँ..याद रहे...किसी को कुछ भी पता ना चले समझी
रिचा-मैं भी यही चाहती हूँ…
और हम बाते करते हुए अपनी टेबल्स पर पहुच गये ...वहाँ आंटी, कामिनी,दीपा और मनु हमे ही देख रहे थे...