hotaks444
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मुझे समझ नही आ रहा था कि मधु के जाने के बाद हमे पता भी रहे तो क्या..पर मैं कुछ कहता उसके पहले सब मेरे साथ खड़े हो गयी और जैसे ही अनु ने लाइट ऑफ की तो सब ज़ोर से हँसते हुए, इधर-उधर हो गयी…
मैं इस बार भी खड़ा ही था कि तभी मुझे किसी ने खीच कर अपने पास कर लिया और नीचे लिटाते हुए कंबल ऊढा दिया….
मैं खुश था कि इस बार मेरे साथ एक ही लड़की थी ….अब अगर कुछ हुआ तो पता चल जायगा कि ये कौन है ….
पर मेरी खुशी ज़्यादा देर तक नही रही…एक लड़की मेरे पीछे से कंबल मे आ गई और इस बार भी हम एक साइड मुँह कर के चिपक कर लेट गये ….
हम पिछली बार की तरह ही लेटे थे,…बस हमारा मुँह दूसरी साइड था…पर इस बार भी मुझे समझ नही आ पाया कि कौन-कौन मेरे साथ मे है…???
मैं इस बार बिल्कुल तैयार था…पिछली बार की तरह मुझे झटका नही मिल सकता था….
हम लेटे ही थे कि पहली बार की तरह मेरा लंड आगे वाली लड़की की गान्ड से चिपक गया…और गर्मी की शुरुआत हो गई…बिल्कुल उसी तरह पीछे वाली लड़की के बूब्स मेरे सीने मे चुभने लगे…
मैने सोच लिया था कि इस बार मैं अपने हिसाब से लेड करूगा पर मुझे ये भी कन्फर्म करना था कि क्या इस बार भी दोनो लड़किया जान-भुंझ कर हरकते करती है या सिर्फ़ लेटने की वजह से हम चिपके पड़े है…
मेरा ये डाउट भी जल्दी ही क्लियर हो गया…जब आगे वाली लड़की ने अपनी गान्ड पीछे कर दी..उसकी गान्ड पीछे आते ही मेरा लंड उसकी गान्ड की दरार मे सेट हो गया…
अब मैं इस इंतज़ार मे था कि पीछे वाली लड़की भी हरकते करती है तो ठीक ..वरना मैं आगे वाली लड़की को अपने तरीके से मज़े दूं…
लेकिन आज तो जैसे लड़कियों ने मुझे शिकार ही बना लिया था…पीछे वाली लड़की ने अपना हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया और मेरी पीठ से चिपक गई…
अब जबकि दोनो लड़किया मज़े के मूड मे थी तो मैने भी उनके साथ मज़े लेने का सोच लिया…
मैं(मन मे)- ये साली वही है या अलग…जो भी हो..दोनो मस्ती के मूड मे है…तो मैने क्यो रुक रहा हूँ…अब खुल के मज़ा करता हूँ…अगर कोई देख भी लेगा तो देखने दो…मैं बाद मे सब झेल लूगा…पर अभी इन्हे बताता हूँ कि मेरे अरमान जगाने का अंजाम क्या होता है…
यह मैं सोच रहा था और वहाँ वो दोनो लड़कियाँ अपने काम मे लगी हुई थी….एक तरफ आगे वाली लड़की अपनी गान्ड को मेरे लंड पर घिस रही थी और दूसरी तरफ पीछे वाली लड़की मेरी जाँघ सहलाते हुए अपने बूब्स मेरी पीठ मे गढ़ाए जा रही थी…
मैने मूड बना ही लिया था…और देर ना करते हुए मैने अपना हाथ पीछे वाली लड़की की जाघ पर रख दिया और उसकी मोटी जाँघ को सहलाने लगा…और दूसरी तरफ मैने अपना पैर आगे वाली लड़की के पैर पर रख दिया और उसको पैर से कसने लगा…
मैने सोचा कि दोनो लड़कियों को झटका लगेगा और वो शायद रुक जाएगी ..पर यहाँ तो बाजी उल्टी हो गई…वो दोनो अपना काम खुल के करने लगी….
आप आगे वाली लड़की ने अपने हाथ को पीछे कर के मेरे चेहरे को अपने गालो की तरफ खींच लिया…और पीछे वाली लड़की ने मेरे हाथ पकड़ कर मेरी जाघ पर रखा और उपर से अपनी जाघ चढ़ा दी…जिससे मेरे हाथ के पास उसकी चूत वाला हिस्सा आने लगा..और वो मेरे हाथ पर अपनी जाघ घिसने लगी…
मैं समझ चुका था कि दोनो खेल का मज़ा लेने के मूड मे …तो मैने भी आगे बढ़ना सही समझा…
फिर मैने आगे वाली लड़की के कान पर जीभ फिराना शुरू कर दिया …मेरे इस हमले से आगे वाली लड़की के मुँह से आह निकल गई…पर वो भी स्मार्ट थी और अपनी आह को मुँह के अंदर ही छुपा लिया…
मैने आगे वाली के कान को चाट ते हुए उसके कान को अपने लिप्स मे भर लिया और चूसने लगा…
और अपना पिछला हाथ …जो कि पीछे वाली की चूत के पास था …उसे आगे कर के मैने पीछे वाली लड़की की चूत को सहलाना शुरू कर दिया…
अब आगे और पीछे …दोनो लड़किया हल्की-हल्की आहें भरने लगी…पर इतनी धीमी आवाज़ मे कि मुझे भी ज़रा सी सुनाई दे रही थी…
मैने सोचा कि मधु आने ही वाली होगी…अब मुझे आगे बढ़ना होगा…और मैने नेक्स्ट स्टेप लेने का फैशला किया…
मैने अपना दूसरा हाथ आगे वाली लड़की के नीचे से डालने की कोसिस की…तो उस लड़की ने अपनी पीठ को उचका कर मेरा हाथ आगे जाने दिया….
वही मैने पीछे वाली लड़की की चूत को मुट्ठी मे भर लिया….
आगे वाली लड़की पलट कर सीधी हो गई और मेरे मुँह के पास उसके बूब्स आ गये....मैने अपने हाथ से उसकी कमर को कसा और उसके बूब्स को कपड़े के उपेर से मुँह मे भरने लगा....
पीछे वाली लड़की भी कम नही थी...उसने अपना हाथ आगे करके मेरे लोवर के उपर से मेरा लंड थाम लिया और मैने उसकी चूत को मुट्ठी मे मसल्ने लगा....
अब तक मेरा लंड दोनो लड़कियों की हरकतों से अपनी औकात मे आने लगा था....
मैने सोचा कि टाइम जा रहा है..अब आगे बढ़ना सही होगा…
और यही सोच कर मैं सीधा लेट गया और अपना हाथ आगे वाली लड़की के नीचे से निकाल कर उसके गले मे डाल दिया और उसका मुँह अपने साइड कर के उसके लिप्स पर अपने लिप्स लगा दिए…
वहाँ पीछे वाली लड़की ने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया..पर अभी बाहर नही निकाला था…और मैं अभी भी उसकी चूत को कपड़े के अप्पर से मुट्ठी मे मे भरे हुए मसल रहा था….
आगे वाली लड़की मेरे होंठ लगते ही खुश हो गई और जल्दी से मेरे होंठो को चूसने लगी…वही पीछे वाली लड़की ने मेरे लंड को मूठ मारना तेज कर दिया और अपने होंठो से मेरा गला चूमने लगी…मैं भी पीछे वाली लड़की की चूत को जोरो से मसल रहा था..और अब कंबल मे हल्की-हल्की आहों की आवाज़े आ रही थी…
मैने सोचा कि चलो अब बहुत हो गया…और मैने आगे वाली के होंठो को छोड़ा और अपने हाथ से उसकी टी-शर्ट उपर करने की कोसिस करने लगा पर नाकाम रहा…
तो मैने उसके लोवर मे हाथ डाल दिया और मेरा हाथ उसकी चिकनी चूत से टकरा गया…जैसे ही मैने उसकी चूत को टच किया तो उसके मुँह से आह निकल गई…और मैं बेफ़िक्र होकर उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा....
फिर मैने पीछे वाली लड़की की चूत को मसलना छोड़ा और हाथ को उसके लोवर मे डाल दिया….यहाँ मेरे हाथ मे थोड़े बालों वाली चूत लगी…
पीछे वाली लड़की भी अपनी चूत मे मेरा हाथ लगते ही सिसक गई और उसने जल्दी से मेरा लंड बाहर कर दिया और हिलाने लगी…
आगे वाली लड़की भी पीछे नही रही और उसने भी अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया …और आप दोनो लड़कियाँ मिलकर मेरे लंड से खेलने लगी…जो पूरी औकात मे आ चुका था…
अब सीन कुछ ऐसा था कि मैं सीधा लेटा था और दोनो हाथो से दोनो की चूत को सहला रहा था….और वो दोनो लड़कियाँ अपने एक-एक हाथ से मेरे लंड को और बॉल्स को सहलाए जा रही थी….
वो दोनो लड़किया इतनी गरम थी कि मेरा हाथ उनकी चूत मे लगते ही वो दोनो पानी छोड़ने लगी…और मैने भी अब उंगली को उनकी चूत की दरार ने फिराना शुरू कर दिया…
वही दोनो लड़कियाँ मेरे लंड का पानी निकालने के लिए तेज़ी से लंड को हिला रही थी और मैं डबल हॅंड जॉब का मज़ा ले रहा था…
मैं लेटे हुए सोचने लगा कि कहीं मेरा पानी ना निकल जाए और उतने मे मधु आ जाए तो क्या होगा…बड़ी प्राब्लम हो जाएगी….ये दोनो तो चूत से पानी बहाए जा रही है..पर मेरा ना निकले तो सही है…
पर लंड तो अपनी धुन मे था….उसे तो बस अपनी गर्मी दिख रही थी….
मधु का नाम याद आते ही मुझे याद आया कि इतनी देर तक मधु आई क्यो नही…या फिर वो आ गई है और चुप-चाप यही है….
मैने सोचा , जो भी हो ..मैं क्यो सोचूँ…
आप लोग भी सोच रहे होगे कि मधु अब तक कहाँ है…यही सवाल मेरे माइंड मे आ रहा था…
फिर मैने सोचा कि कही ये तीनो लड़कियाँ मिली तो नही..और ये इन तीनो की प्लॅनिंग हो….
पर इसके पहले मेरे साथ जो दो लड़कियाँ थी..वो क्या यही दोनो थी या कोई और..???
कही ऐसा तो नही कि ये सारी लड़कियाँ आपस मे मिली हो और ये गेम सिर्फ़ इसी लिए खेला गया..कि मेरे साथ जवानी के मज़े लिए जा सके….
मैं(मन मे)- कुछ भी हो सकता है…पर सच क्या है…ये पता कैसे चलेगा…???
मैने सोच ही रहा था कि इतने मे रूम के बाहर से मेघा आंटी की आवाज़ आई…
आंटी2- अरे बच्चो…कहाँ हो…चलो …नीचे चलो…अनु, पूनम, रक्षा..कहाँ हो..और अंधेरा क्यो है यहाँ…
मेघा आंटी की आवाज़ सुनते ही सबकी गान्ड फट गई और मेरे कंबल वाली लड़कियों ने जल्दी से अपना हाथ मेरे लंड से और मेरे हाथ अपनी-अपनी चूत से हटाए….और जल्दी से अलग हो गई और कंबल निकाल लिया…इतने मे अनु की आवाज़ आई..
अनु- हाँ मोम..हम यही है ...1 मिनट...
ये आवाज़ तो दूसरे कंबल से आई ..मतलब ये तो कन्फर्म हो गया कि अनु मेरे साथ नही थी…
इसके बाद हम सब अलग हो गये और बैठे ही थे कि लाइट ऑन हो गई…जो कि पूनम दीदी ने की थी…
लाइट ऑन होते ही मैने आजू- बाजू देखा कि कौन मेरे साथ था …पर कुछ समझ नही आया , क्योकि सब लड़किया खड़ी हुई थी साथ मे…और मैने भी अपना लंड लोवर के अंदर डाल लिया था पर वो खड़ा हुआ था…
वो तो किस्मत ठीक थी कि कंबल मेरी कमर पर था और लंड किसी को दिखाई नही दिया होगा…
इतने मे आंटी2 और मधु रूम मे आ गई....
मैं अभी भी बैठा हुआ था….और सोच रहा था कि ये मेरे साथ हो क्या रहा है....साला आज दूसरी बार मेरे साथ क्ल्प्ड हो गया....
फिर मेघा आंटी की आवाज़ सुनकर मैं अपनी सोच से बाहर आया….
आंटी2- क्या हो रहा था..और लाइट क्यो ऑफ थी…???
पूनम दी- वो चाची ..हम हाइड आंड सीक खेल रहे थे…और मधु पारी देने गई थी..
आंटी2- वो ठीक है पर लाइट क्यो ऑफ की..???
पूनम दी- वो हम एक ही रूम मे छिपे थे ना तो बंद कर ली..ताकि आसानी से छिप सके…
आंटी2- तुम लोग भी ना…खैर छोड़ो ये सब ,,,,,नीचे आओ…वो मधु की मम्मी आई है और पूनम तेरी मौसी भी आई है….जल्दी चलो..
अनु- ओके मोम..हम आते है…
इसके बाद आंटी चली गई और हम सब ने चैन की साँस ली..और फिर सब हँसने लगे…
पूनम दी- आज तो बच गयी..पर मधु तुझे बोलना चाहिए ना..
मधु- मैं क्या करूँ..मेरे नीचे जाते ही मेरी मोम आ गई और मैं ,मेरी मोम से बात कर रही थी कि आंटी उपर आने लगी तो मैं भी भाग कर आई पर आंटी पहले ही पहुँच गई…
पूनम दी- कोई नही..अच्छा ये हुआ कि हम सब सेफ है..अब चलो..गेम फिर कभी खेलेगे…
इसके बाद सब नीचे जाने लगे ..पर मैं अभी उठ नही सकता था क्योकि मेरा लंड अभी भी आधा खड़ा था…
अनु- भैया , चलिए ना..क्या हुआ…
मैं- ह्म्म..तुम चलो मैं आता हूँ….
पूनम दी- लगता है भाई को हमारे साथ छिपने का इतना मन है की अब उठा नही जाता..हहहे…
पूनम दी की बात पर सब ज़ोर से हँसने लगी पर मेरी हालत खराब थी तो मैं बस स्माइल दे कर ही रह गया…
अनु- ठीक है भैया…हम फिर गेम खेल लेगे …अभी तो उठ जाओ…
मैं- तू भी ना…बोला ना कि तुम लोग जाओ, मैं आता हूँ…
मैं इस बार भी खड़ा ही था कि तभी मुझे किसी ने खीच कर अपने पास कर लिया और नीचे लिटाते हुए कंबल ऊढा दिया….
मैं खुश था कि इस बार मेरे साथ एक ही लड़की थी ….अब अगर कुछ हुआ तो पता चल जायगा कि ये कौन है ….
पर मेरी खुशी ज़्यादा देर तक नही रही…एक लड़की मेरे पीछे से कंबल मे आ गई और इस बार भी हम एक साइड मुँह कर के चिपक कर लेट गये ….
हम पिछली बार की तरह ही लेटे थे,…बस हमारा मुँह दूसरी साइड था…पर इस बार भी मुझे समझ नही आ पाया कि कौन-कौन मेरे साथ मे है…???
मैं इस बार बिल्कुल तैयार था…पिछली बार की तरह मुझे झटका नही मिल सकता था….
हम लेटे ही थे कि पहली बार की तरह मेरा लंड आगे वाली लड़की की गान्ड से चिपक गया…और गर्मी की शुरुआत हो गई…बिल्कुल उसी तरह पीछे वाली लड़की के बूब्स मेरे सीने मे चुभने लगे…
मैने सोच लिया था कि इस बार मैं अपने हिसाब से लेड करूगा पर मुझे ये भी कन्फर्म करना था कि क्या इस बार भी दोनो लड़किया जान-भुंझ कर हरकते करती है या सिर्फ़ लेटने की वजह से हम चिपके पड़े है…
मेरा ये डाउट भी जल्दी ही क्लियर हो गया…जब आगे वाली लड़की ने अपनी गान्ड पीछे कर दी..उसकी गान्ड पीछे आते ही मेरा लंड उसकी गान्ड की दरार मे सेट हो गया…
अब मैं इस इंतज़ार मे था कि पीछे वाली लड़की भी हरकते करती है तो ठीक ..वरना मैं आगे वाली लड़की को अपने तरीके से मज़े दूं…
लेकिन आज तो जैसे लड़कियों ने मुझे शिकार ही बना लिया था…पीछे वाली लड़की ने अपना हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया और मेरी पीठ से चिपक गई…
अब जबकि दोनो लड़किया मज़े के मूड मे थी तो मैने भी उनके साथ मज़े लेने का सोच लिया…
मैं(मन मे)- ये साली वही है या अलग…जो भी हो..दोनो मस्ती के मूड मे है…तो मैने क्यो रुक रहा हूँ…अब खुल के मज़ा करता हूँ…अगर कोई देख भी लेगा तो देखने दो…मैं बाद मे सब झेल लूगा…पर अभी इन्हे बताता हूँ कि मेरे अरमान जगाने का अंजाम क्या होता है…
यह मैं सोच रहा था और वहाँ वो दोनो लड़कियाँ अपने काम मे लगी हुई थी….एक तरफ आगे वाली लड़की अपनी गान्ड को मेरे लंड पर घिस रही थी और दूसरी तरफ पीछे वाली लड़की मेरी जाँघ सहलाते हुए अपने बूब्स मेरी पीठ मे गढ़ाए जा रही थी…
मैने मूड बना ही लिया था…और देर ना करते हुए मैने अपना हाथ पीछे वाली लड़की की जाघ पर रख दिया और उसकी मोटी जाँघ को सहलाने लगा…और दूसरी तरफ मैने अपना पैर आगे वाली लड़की के पैर पर रख दिया और उसको पैर से कसने लगा…
मैने सोचा कि दोनो लड़कियों को झटका लगेगा और वो शायद रुक जाएगी ..पर यहाँ तो बाजी उल्टी हो गई…वो दोनो अपना काम खुल के करने लगी….
आप आगे वाली लड़की ने अपने हाथ को पीछे कर के मेरे चेहरे को अपने गालो की तरफ खींच लिया…और पीछे वाली लड़की ने मेरे हाथ पकड़ कर मेरी जाघ पर रखा और उपर से अपनी जाघ चढ़ा दी…जिससे मेरे हाथ के पास उसकी चूत वाला हिस्सा आने लगा..और वो मेरे हाथ पर अपनी जाघ घिसने लगी…
मैं समझ चुका था कि दोनो खेल का मज़ा लेने के मूड मे …तो मैने भी आगे बढ़ना सही समझा…
फिर मैने आगे वाली लड़की के कान पर जीभ फिराना शुरू कर दिया …मेरे इस हमले से आगे वाली लड़की के मुँह से आह निकल गई…पर वो भी स्मार्ट थी और अपनी आह को मुँह के अंदर ही छुपा लिया…
मैने आगे वाली के कान को चाट ते हुए उसके कान को अपने लिप्स मे भर लिया और चूसने लगा…
और अपना पिछला हाथ …जो कि पीछे वाली की चूत के पास था …उसे आगे कर के मैने पीछे वाली लड़की की चूत को सहलाना शुरू कर दिया…
अब आगे और पीछे …दोनो लड़किया हल्की-हल्की आहें भरने लगी…पर इतनी धीमी आवाज़ मे कि मुझे भी ज़रा सी सुनाई दे रही थी…
मैने सोचा कि मधु आने ही वाली होगी…अब मुझे आगे बढ़ना होगा…और मैने नेक्स्ट स्टेप लेने का फैशला किया…
मैने अपना दूसरा हाथ आगे वाली लड़की के नीचे से डालने की कोसिस की…तो उस लड़की ने अपनी पीठ को उचका कर मेरा हाथ आगे जाने दिया….
वही मैने पीछे वाली लड़की की चूत को मुट्ठी मे भर लिया….
आगे वाली लड़की पलट कर सीधी हो गई और मेरे मुँह के पास उसके बूब्स आ गये....मैने अपने हाथ से उसकी कमर को कसा और उसके बूब्स को कपड़े के उपेर से मुँह मे भरने लगा....
पीछे वाली लड़की भी कम नही थी...उसने अपना हाथ आगे करके मेरे लोवर के उपर से मेरा लंड थाम लिया और मैने उसकी चूत को मुट्ठी मे मसल्ने लगा....
अब तक मेरा लंड दोनो लड़कियों की हरकतों से अपनी औकात मे आने लगा था....
मैने सोचा कि टाइम जा रहा है..अब आगे बढ़ना सही होगा…
और यही सोच कर मैं सीधा लेट गया और अपना हाथ आगे वाली लड़की के नीचे से निकाल कर उसके गले मे डाल दिया और उसका मुँह अपने साइड कर के उसके लिप्स पर अपने लिप्स लगा दिए…
वहाँ पीछे वाली लड़की ने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया..पर अभी बाहर नही निकाला था…और मैं अभी भी उसकी चूत को कपड़े के अप्पर से मुट्ठी मे मे भरे हुए मसल रहा था….
आगे वाली लड़की मेरे होंठ लगते ही खुश हो गई और जल्दी से मेरे होंठो को चूसने लगी…वही पीछे वाली लड़की ने मेरे लंड को मूठ मारना तेज कर दिया और अपने होंठो से मेरा गला चूमने लगी…मैं भी पीछे वाली लड़की की चूत को जोरो से मसल रहा था..और अब कंबल मे हल्की-हल्की आहों की आवाज़े आ रही थी…
मैने सोचा कि चलो अब बहुत हो गया…और मैने आगे वाली के होंठो को छोड़ा और अपने हाथ से उसकी टी-शर्ट उपर करने की कोसिस करने लगा पर नाकाम रहा…
तो मैने उसके लोवर मे हाथ डाल दिया और मेरा हाथ उसकी चिकनी चूत से टकरा गया…जैसे ही मैने उसकी चूत को टच किया तो उसके मुँह से आह निकल गई…और मैं बेफ़िक्र होकर उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा....
फिर मैने पीछे वाली लड़की की चूत को मसलना छोड़ा और हाथ को उसके लोवर मे डाल दिया….यहाँ मेरे हाथ मे थोड़े बालों वाली चूत लगी…
पीछे वाली लड़की भी अपनी चूत मे मेरा हाथ लगते ही सिसक गई और उसने जल्दी से मेरा लंड बाहर कर दिया और हिलाने लगी…
आगे वाली लड़की भी पीछे नही रही और उसने भी अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया …और आप दोनो लड़कियाँ मिलकर मेरे लंड से खेलने लगी…जो पूरी औकात मे आ चुका था…
अब सीन कुछ ऐसा था कि मैं सीधा लेटा था और दोनो हाथो से दोनो की चूत को सहला रहा था….और वो दोनो लड़कियाँ अपने एक-एक हाथ से मेरे लंड को और बॉल्स को सहलाए जा रही थी….
वो दोनो लड़किया इतनी गरम थी कि मेरा हाथ उनकी चूत मे लगते ही वो दोनो पानी छोड़ने लगी…और मैने भी अब उंगली को उनकी चूत की दरार ने फिराना शुरू कर दिया…
वही दोनो लड़कियाँ मेरे लंड का पानी निकालने के लिए तेज़ी से लंड को हिला रही थी और मैं डबल हॅंड जॉब का मज़ा ले रहा था…
मैं लेटे हुए सोचने लगा कि कहीं मेरा पानी ना निकल जाए और उतने मे मधु आ जाए तो क्या होगा…बड़ी प्राब्लम हो जाएगी….ये दोनो तो चूत से पानी बहाए जा रही है..पर मेरा ना निकले तो सही है…
पर लंड तो अपनी धुन मे था….उसे तो बस अपनी गर्मी दिख रही थी….
मधु का नाम याद आते ही मुझे याद आया कि इतनी देर तक मधु आई क्यो नही…या फिर वो आ गई है और चुप-चाप यही है….
मैने सोचा , जो भी हो ..मैं क्यो सोचूँ…
आप लोग भी सोच रहे होगे कि मधु अब तक कहाँ है…यही सवाल मेरे माइंड मे आ रहा था…
फिर मैने सोचा कि कही ये तीनो लड़कियाँ मिली तो नही..और ये इन तीनो की प्लॅनिंग हो….
पर इसके पहले मेरे साथ जो दो लड़कियाँ थी..वो क्या यही दोनो थी या कोई और..???
कही ऐसा तो नही कि ये सारी लड़कियाँ आपस मे मिली हो और ये गेम सिर्फ़ इसी लिए खेला गया..कि मेरे साथ जवानी के मज़े लिए जा सके….
मैं(मन मे)- कुछ भी हो सकता है…पर सच क्या है…ये पता कैसे चलेगा…???
मैने सोच ही रहा था कि इतने मे रूम के बाहर से मेघा आंटी की आवाज़ आई…
आंटी2- अरे बच्चो…कहाँ हो…चलो …नीचे चलो…अनु, पूनम, रक्षा..कहाँ हो..और अंधेरा क्यो है यहाँ…
मेघा आंटी की आवाज़ सुनते ही सबकी गान्ड फट गई और मेरे कंबल वाली लड़कियों ने जल्दी से अपना हाथ मेरे लंड से और मेरे हाथ अपनी-अपनी चूत से हटाए….और जल्दी से अलग हो गई और कंबल निकाल लिया…इतने मे अनु की आवाज़ आई..
अनु- हाँ मोम..हम यही है ...1 मिनट...
ये आवाज़ तो दूसरे कंबल से आई ..मतलब ये तो कन्फर्म हो गया कि अनु मेरे साथ नही थी…
इसके बाद हम सब अलग हो गये और बैठे ही थे कि लाइट ऑन हो गई…जो कि पूनम दीदी ने की थी…
लाइट ऑन होते ही मैने आजू- बाजू देखा कि कौन मेरे साथ था …पर कुछ समझ नही आया , क्योकि सब लड़किया खड़ी हुई थी साथ मे…और मैने भी अपना लंड लोवर के अंदर डाल लिया था पर वो खड़ा हुआ था…
वो तो किस्मत ठीक थी कि कंबल मेरी कमर पर था और लंड किसी को दिखाई नही दिया होगा…
इतने मे आंटी2 और मधु रूम मे आ गई....
मैं अभी भी बैठा हुआ था….और सोच रहा था कि ये मेरे साथ हो क्या रहा है....साला आज दूसरी बार मेरे साथ क्ल्प्ड हो गया....
फिर मेघा आंटी की आवाज़ सुनकर मैं अपनी सोच से बाहर आया….
आंटी2- क्या हो रहा था..और लाइट क्यो ऑफ थी…???
पूनम दी- वो चाची ..हम हाइड आंड सीक खेल रहे थे…और मधु पारी देने गई थी..
आंटी2- वो ठीक है पर लाइट क्यो ऑफ की..???
पूनम दी- वो हम एक ही रूम मे छिपे थे ना तो बंद कर ली..ताकि आसानी से छिप सके…
आंटी2- तुम लोग भी ना…खैर छोड़ो ये सब ,,,,,नीचे आओ…वो मधु की मम्मी आई है और पूनम तेरी मौसी भी आई है….जल्दी चलो..
अनु- ओके मोम..हम आते है…
इसके बाद आंटी चली गई और हम सब ने चैन की साँस ली..और फिर सब हँसने लगे…
पूनम दी- आज तो बच गयी..पर मधु तुझे बोलना चाहिए ना..
मधु- मैं क्या करूँ..मेरे नीचे जाते ही मेरी मोम आ गई और मैं ,मेरी मोम से बात कर रही थी कि आंटी उपर आने लगी तो मैं भी भाग कर आई पर आंटी पहले ही पहुँच गई…
पूनम दी- कोई नही..अच्छा ये हुआ कि हम सब सेफ है..अब चलो..गेम फिर कभी खेलेगे…
इसके बाद सब नीचे जाने लगे ..पर मैं अभी उठ नही सकता था क्योकि मेरा लंड अभी भी आधा खड़ा था…
अनु- भैया , चलिए ना..क्या हुआ…
मैं- ह्म्म..तुम चलो मैं आता हूँ….
पूनम दी- लगता है भाई को हमारे साथ छिपने का इतना मन है की अब उठा नही जाता..हहहे…
पूनम दी की बात पर सब ज़ोर से हँसने लगी पर मेरी हालत खराब थी तो मैं बस स्माइल दे कर ही रह गया…
अनु- ठीक है भैया…हम फिर गेम खेल लेगे …अभी तो उठ जाओ…
मैं- तू भी ना…बोला ना कि तुम लोग जाओ, मैं आता हूँ…