hotaks444
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सुबह होने से पहले वो मर्द रूम से निकल गया....
यहा तो आंटी की रात भर चुदाई हुई पर रूबी के घर रात मे क्या हुआ....
********-----******-----*****-----***+-********-----********
रूबी के घर पर रक्षा और रूबी मेरे लंड को बड़े प्यार से चूस- चाट रही थी....
मैं- आहह....तुम दोनो तो अच्छा प्यार करती हो....अब जल्दी करो....आअहह
रूबी- सस्ररुउप्प्प...सस्रररुउपप...
रक्षा- उउंम...सस्स्रररुउउप्प्प...आअहह...
थोड़ी देर बाद रक्षा ने मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया और रूबी भी पीछे नही थी...उसने मेरी बॉल्स को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया....
मैं- आहह....ओह्ह्ह...माइ....क्या बात है...आअहह...
रक्षा- उउउंम्म....उउउंम्म...उउउंम्म...
रूबी- उउंम्म....आअहह...उउउम्म्म्म....उउउम्म्म्म...
मैं- आअहह...ज़ोर से मेरी रानियो....मुँह मे भर के चूसो...आअहह
थोड़ी देर तक मेरे लंड और बॉल्स को बुरी तरह चूसने के बाद ...दोनो खड़ी हो गई और बेड पर आ गई....
मैने भी अपने पैरो मे फसे हुए पेंट को निकल फेका और बेड पर लेट गया...
मेरे लेटने के साथ ही मैने रक्षा को अपने उपेर आने को कहा और रक्षा अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर बैठ गई...और रूबी मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसने लगी....
मैं- सस्स्रररुउउप्प...सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्रररुउउप्प...
रूबी- उउउंम्म..उउउंम्म...उउंम्म...
रक्षा- आअहह....भैया....आअहह....ऊहह....भैया....
पूरा रूम कुछ ही देर मे हमारी कामुक आवाज़ों से भर गया...
थोड़ी देर बाद मैने अपना हाथ आगे बढ़ा कर रूबी की एक बार चुदि हुई चूत मे अपनी 2 उंगलिया डाल दी...जिससे रूबी सिसक उठी और फिर से मेरा लंड चूसने लगी....
हमारी चुसाइ का प्रोग्राम करीब 15 मिनट चला और रक्षा मेरे मुँह पर झड़ने लगी....
रक्षा- आअहह...भैया....मैं गई...ओह्ह्ह....आअहह....आअहह
मैं- सस्रररुउउप्प्प....सस्स्ररुउउप्प...उउंम...उउंम्म...
मैं रक्षा की चूत रस को पी गया और रक्षा झड़ने के बाद साइड मे लेट गई....
मैने फिर रूबी को खीच कर अपने उपेर कर लिया और उसकी चूत मेरे मुँह पर आ गई....
और मैं रूबी की चूत का दाना चाट ते हुए 2 उंगलियों से उसे चोदने लगा....वाहा रूबी भी पूरी स्पीड से मेरा लंड चूस रही थी...
थोड़ी देर बाद ही रूबी ने लंड चूसना छोड़ा और सिसकने लगी...
रूबी- भैया...मैं गई...ओह्ह...म्माआ...आहह...
रूबी भी मेरे मुँह पर झाड़ गई और मैने फिर से चूत रस का आनंद लिया....
रूबी और रक्षा झड़ने के बाद उठी और मेरे लंड को बारी- बारी चूसने लगी...साथ मे हिलने भी लगी...
उन दोनो की मेहनत से थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने लगा....
मैं- ओह्ह..मी....मैं गया....ओह्ह्ह....
मेरे लंड रस को दोनो ने मिल बाँटकर पी लिया और मेरे लंड को चूस कर सॉफ कर दिया....
फिर हम बेड पर लेट गये और कंबल ओढ़ लिया....
थोड़ी देर बाद हम फ्रेश हो कर लेट गये....
दोनो लड़कियों ने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया और सोने लगी...उन दोनो के सरीर की गर्मी से मैं भी नीद की आगोश मे चला गया.....
मैं मज़े से सो रहा था..इस बात से अंजान की मेरे दुश्मनो मे से एक ने कोई नया मोहरा तैयार कर दिया....
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वहाँ उस आलीशान घर मे एल1 और एल2 के निकलने के बाद वो मॅन दारू पी रहा था तभी लेडी (गर्ल/विमन) नाइटी पहने हुए उसके पास आई और उसके गले मे पीछे से हाथ डाल के बोली.....
लेडी- मान गये सर...क्या मोहरे फिट किए है...अब आपका प्लान सबसे एक कदम आगे चलेगा....
मॅन- ह्म्म..पर मानना तो तुम्हे पड़ेगा...आज भले ही अंकित के चारो तरफ हुष्ण ही हुष्ण है....पर वो तो सिर्फ़ तुम पर फिदा है...
लेडी-हाँ ..वो तो है...पर ये बताओ कि इस औरत को क्यो शामिल करवाया...उस पर इतना भरोशा ...क्यो ???
मान- ये भरोशे के लायक है....
लेडी-पर अगर इसने धोखा दे दिया तो...
मान- वो धोखा नही दे सकती...क्योकि वो मेरी मुट्ठी मे है...
लेडी- वो कैसे...???
मान- हर किसी का एक वीक पॉइंट होता है...जैसे दीपा का था...और इन सब का...इसी तरह इसका भी वीक पॉइंट है...और वो मैं जानता हू...
लेडी- तो उससे क्या...??
मान- उससे क्या...अगर मैने उसका राज खोल दिया तो वो दुनिया मे नही रहेगी....खैर उसे छोड़ो...मेरी भूख मिटाओ...
लेडी- कैसी भूख मेरे सरताज...
मान-(उसे अपनी गोद मे बैठा कर)- प्यार की भूख मेरी जान..
लेडी(अपनी नाइटी को निकाल कर)- तो ये लो...मिटा लो अपनी भूख...
इसके बाद उस घर मे भी दमदार चुदाई चली और लास्ट मे दोनो थक कर सो गये........
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आज की रात ...मेरे दुश्मनो की रात बन गई थी...मेरे दुश्मन एक न्यू चाल चलने के लिए तैयारी कर रहे थे...पर वो भी इस बात से अंजान थे कि मेरी चाल भी रेडी है...और उसको चलने का टाइम भी आ चुका है....
आने वाला दिन मेरे और मेरे दुश्मनो के लिए कैसा होगा...???...किसकी चल कामयाब होगी...ये तो आने वाला वक़्त बताएगा....
अभी तो सब अपनी प्यार की भूख मिटा कर सपनो की दुनिया मे खोए हुए है........
रात की आगोश मे डूब जाने के बाद सब लोग अपनी सारी परेसानियों को भूल कर खुले आसमानो की सैर करने लग जाते है....इसी उम्मीद मे कि आने वाले दिन का सबेरा उनकी लाइफ मे नई रोशनी ले कर आएगा....
मैं भी इसी तरह सपनो की हसीन दुनिया मे सबसे बेख़बर हो कर सो रहा था....और आँख खुलते ही मैं हक़ीक़त मे भी हसीन महॉल मे आ गया....
आँखे खोलते ही मेरे सामने रक्षा का खूबसूरत चेहरा आ गया...और मैं सब कुछ भूल कर उसकी आँखो मे देखने लगा....
रक्षा-उठिए ना भैया...कितना सोएंगे...
मैं- ह्म्म...हाँ...आअहह क्या करूँ रात को थक गया था...
रक्षा- तो रात को हमे इतना क्यो सताते हो कि थक जाओ...
मैं- क्या कहा...मैं सताता हूँ...कि तुम सब...
रक्षा- हम नही...आप...हम तो मासूम सी, प्यारी बच्चियाँ है...आप ही हमे सताते हो...
रक्षा मुस्कुरा कर मुझे छेड़ रही थी और प्यार से मेरे उपेर झुकती जा रही थी...
मैं- अच्छा....बच्ची वो भी मासूम...हाअ...??
रक्षा- हहहे ....ह्म्म..
मैं- तो मेरी प्यारी बच्ची...अब अपने भैया को सताओगी या मैं तुम्हे सताऊ...
रक्षा- ओह्ह भैया...मैं कहाँ सताती हूँ आपको...मैं तो जगा रही हूँ....पेपर देने नही जाना...
मैं- तो पहले अपने भैया को जगाओ...फिर चलता हूँ...
रक्षा- ह्म्म..आप भी ना...बड़े वो हो...
मैने रक्षा की कमर मे हाथ डालकर उसे अपने उपेर लिटा लिया और आप रक्षा का चेहरा मेरे चेहरे पर था और उसकी जुल्फे मेरे चेहरे को ढकने लगी....
रक्षा- अऔच...भैया...आहह
मैं- क्या हुआ मेरी गुड़िया...
रक्षा- ह्म्म..आप भी ना...उठ भी जाओ...
मैं- पहले दो...
रक्षा- क्या चाहिए भैया...
मैं- तुम जानती हो...जल्दी से मेरी सुबह हसीन बनाओ...जिससे मेरा दिन अच्छा निकले...
रक्षा- ह्म्म...उउउम्म्म्म....
और रक्षा ने मेरे होंठो पर अपने रसीले होंठ रख दिए और हम एक दूसरे के होंठो का रस्पान करने लगे....
थोड़ी देर तक मैने रक्षा के होंठो को चूसा और जैसे ही हम अलग हुए...उसी समय रूबी रूम मे आ गई....
रूबी- ओह हो...भाई- बेहन का प्यार...सुबह होते ही शुरू हो गये....और अपनी इस बेहन के बारे मे सोचा भी नही...
रूबी की आवाज़ सुनकर हम अलग हुए तो मेरी नज़र रूबी पर पड़ी...वो नहा कर आई थी...और उसके गीले बाल उसकी खूबसूरती बढ़ा रहे थे....वो सिर्फ़ टवल मे मेरे सामने आ गई थी और उसे देख कर मेरा लंड और भी तनाव मे आ गया जो अभी- अभी रक्षा ने अपने होंठ का रस पिला कर जगाया था....
रक्षा(रूबी की तरफ देख कर)- ओह..तो तुझे जलन होने लगी, हाँ
रूबी- अरे नही- नही...मैं क्यो जलुगी..हाँ मेरी चूत ज़रूर जलने लगी इसे देख कर....
रूबी ने उंगली से मेरे लंड की तरफ इशारा किया तब मेरी नज़र मे आया की मेरे पैरो से कंबल हटा हुआ था और मेरा लंड सीधा खड़ा होकर दोनो लड़कियों को सलामी दे रहा था....
रक्षा(लंड को देख कर)- ओह भैया...ये तो रेडी हो गया...अब इसे शांत करना होगा...मैं करूँ..??
मैं- ना..नही...अभी तुम दोनो रेडी हो जाओ...मैं फ्रेश हो कर आता हूँ...
रक्षा(मायूष हो कर)- भैया....
मैं- बोला ना...रेडी हो जाओ...वैसे भी ये तो तुम्हारे लिए ही है...आराम से मज़े लेना...अभी पेपर देने चलो..कम ऑन फास्ट....
मैने चुटकी बजाते हुए दोनो को ऑर्डर दिया और बाथरूम मे चला गया....
हम रेडी हो कर स्कूल आए और एग्ज़ॅम देने लगे...मैने तो पढ़ाई की ही नही थी...लेकिन पहले से जो पढ़ा था वो लिख दिया...इतना तो कर दिया की पासिंग मार्क्स आ जाए....
एग्ज़ॅम के बाद मैं , अकरम और संजू कॅंटीन मे आ गये....
हम कॉफी पीते हुए बाते कर रहे थे लेकिन अकरम का चेहरा कुछ और ही कह रहा था....
मैं समझ गया कि अकरम अपनी मोम को लेकर परेशान है...पर संजू के सामने मैं उससे बात नही कर सकता था...
तो मैने अकरम को मोबाइल से मेसेज कर दिया...."टेन्षन मत ले, कुछ दिन मे तेरी मोम की प्राब्लम सॉल्व हो जाएगी...प्रोमिस.."
मसेज पढ़ते ही अकरम के चेहरे पर स्माइल आ गई और उसने थॅंक्स लिख कर भेज दिया...
फिर थोड़ी देर बाद हम अपने- अपने घर निकल आए...
मैने संजू के घर गया और फिर डाइयरी पढ़ने के लिए आंटी को बहाना कर के अपने घर निकल आया...
जैसे ही मैं अपने घर आ रहा था तो मुझे कामिनी का कॉल आ गया....मैने कार साइड मे रोकी और कॉल पिक की....
(कॉल पर)
मैं- हेलो स्वीटहार्ट...
कामिनी- ह्म्म..स्वीटहार्ट...सिर्फ़ कहने के लिए...हाँ..??
मैं- नही...सच मे...
कामिनी- तो फिर मिलने क्यो नही आए...
मैं- ओह ...सॉरी डियर...वो क्या हुआ कि कल मैं पढ़ाई मे इतना बिज़ी था कि याद नही रहा..सॉरी....
कामिनी- सॉरी से काम नही होगा मेरे हीरो...सज़ा मिलेगी...
मैं- हर सज़ा मंजूर...बोलो...
कामिनी- तो सज़ा ये है कि आज की पूरी रात मेरे साथ...
मैं- ह्म्म...इतनी हसीन सज़ा...मंजूर...बोलो कब अओ...7 बजे..
कामिनी- नही - नही...7 बजे नही...मैं बताउन्गी तब आना...
मैं- क्यो...कुछ काम है क्या...किसी और से मिलना है क्या...??
कामिनी- न..नही तो...किसी से नही...
मैं- हाहाहा...घबराओ मत ...मैं मज़ाक कर रहा हूँ....
कामिनी- ओह्ह...पर बात ये है कि शाम को मुझे मेरे पति के फ्रेंड के घर जाना है...तो जैसे ही मैं आउगि...कॉल कर दूगी...
मैं- ह्म्म..पर मेरी रात रंगीन होनी चाहिए ...समझी...
कामिनी- आप आइए तो...आपकी रात का इंतज़ाम हो चुका है....हहहे...
मैं- ओके...फिर मिलते है ..बाइ
कामिनी- बाइ....
कॉल कट हो गई....हमारी बात ख़तम होते ही.....
मैं(मन मे)- साली...आज की रात तू जितनी भी रंगीन करने का सपना देख...रात तो तेरी मैं सजाउन्गा...आज के बाद हर रात तेरी लाइफ मे अधेरा ही लायगी....
और वहाँ कामिनी ने कॉल कट होते ही उसके पीछे बैठे सक्श की तरफ कमीनी मुस्कान दे दी और बोली...
कामिनी- ही ईज़ कोँमिंग...गेट रेडी...
और सामने बैठे सख्स ने भी कमीनी मुस्कान दी और उठ कर कामिनी को गले लगा लिया.....
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यहा तो आंटी की रात भर चुदाई हुई पर रूबी के घर रात मे क्या हुआ....
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रूबी के घर पर रक्षा और रूबी मेरे लंड को बड़े प्यार से चूस- चाट रही थी....
मैं- आहह....तुम दोनो तो अच्छा प्यार करती हो....अब जल्दी करो....आअहह
रूबी- सस्ररुउप्प्प...सस्रररुउपप...
रक्षा- उउंम...सस्स्रररुउउप्प्प...आअहह...
थोड़ी देर बाद रक्षा ने मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया और रूबी भी पीछे नही थी...उसने मेरी बॉल्स को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया....
मैं- आहह....ओह्ह्ह...माइ....क्या बात है...आअहह...
रक्षा- उउउंम्म....उउउंम्म...उउउंम्म...
रूबी- उउंम्म....आअहह...उउउम्म्म्म....उउउम्म्म्म...
मैं- आअहह...ज़ोर से मेरी रानियो....मुँह मे भर के चूसो...आअहह
थोड़ी देर तक मेरे लंड और बॉल्स को बुरी तरह चूसने के बाद ...दोनो खड़ी हो गई और बेड पर आ गई....
मैने भी अपने पैरो मे फसे हुए पेंट को निकल फेका और बेड पर लेट गया...
मेरे लेटने के साथ ही मैने रक्षा को अपने उपेर आने को कहा और रक्षा अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर बैठ गई...और रूबी मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसने लगी....
मैं- सस्स्रररुउउप्प...सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्रररुउउप्प...
रूबी- उउउंम्म..उउउंम्म...उउंम्म...
रक्षा- आअहह....भैया....आअहह....ऊहह....भैया....
पूरा रूम कुछ ही देर मे हमारी कामुक आवाज़ों से भर गया...
थोड़ी देर बाद मैने अपना हाथ आगे बढ़ा कर रूबी की एक बार चुदि हुई चूत मे अपनी 2 उंगलिया डाल दी...जिससे रूबी सिसक उठी और फिर से मेरा लंड चूसने लगी....
हमारी चुसाइ का प्रोग्राम करीब 15 मिनट चला और रक्षा मेरे मुँह पर झड़ने लगी....
रक्षा- आअहह...भैया....मैं गई...ओह्ह्ह....आअहह....आअहह
मैं- सस्रररुउउप्प्प....सस्स्ररुउउप्प...उउंम...उउंम्म...
मैं रक्षा की चूत रस को पी गया और रक्षा झड़ने के बाद साइड मे लेट गई....
मैने फिर रूबी को खीच कर अपने उपेर कर लिया और उसकी चूत मेरे मुँह पर आ गई....
और मैं रूबी की चूत का दाना चाट ते हुए 2 उंगलियों से उसे चोदने लगा....वाहा रूबी भी पूरी स्पीड से मेरा लंड चूस रही थी...
थोड़ी देर बाद ही रूबी ने लंड चूसना छोड़ा और सिसकने लगी...
रूबी- भैया...मैं गई...ओह्ह...म्माआ...आहह...
रूबी भी मेरे मुँह पर झाड़ गई और मैने फिर से चूत रस का आनंद लिया....
रूबी और रक्षा झड़ने के बाद उठी और मेरे लंड को बारी- बारी चूसने लगी...साथ मे हिलने भी लगी...
उन दोनो की मेहनत से थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने लगा....
मैं- ओह्ह..मी....मैं गया....ओह्ह्ह....
मेरे लंड रस को दोनो ने मिल बाँटकर पी लिया और मेरे लंड को चूस कर सॉफ कर दिया....
फिर हम बेड पर लेट गये और कंबल ओढ़ लिया....
थोड़ी देर बाद हम फ्रेश हो कर लेट गये....
दोनो लड़कियों ने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया और सोने लगी...उन दोनो के सरीर की गर्मी से मैं भी नीद की आगोश मे चला गया.....
मैं मज़े से सो रहा था..इस बात से अंजान की मेरे दुश्मनो मे से एक ने कोई नया मोहरा तैयार कर दिया....
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वहाँ उस आलीशान घर मे एल1 और एल2 के निकलने के बाद वो मॅन दारू पी रहा था तभी लेडी (गर्ल/विमन) नाइटी पहने हुए उसके पास आई और उसके गले मे पीछे से हाथ डाल के बोली.....
लेडी- मान गये सर...क्या मोहरे फिट किए है...अब आपका प्लान सबसे एक कदम आगे चलेगा....
मॅन- ह्म्म..पर मानना तो तुम्हे पड़ेगा...आज भले ही अंकित के चारो तरफ हुष्ण ही हुष्ण है....पर वो तो सिर्फ़ तुम पर फिदा है...
लेडी-हाँ ..वो तो है...पर ये बताओ कि इस औरत को क्यो शामिल करवाया...उस पर इतना भरोशा ...क्यो ???
मान- ये भरोशे के लायक है....
लेडी-पर अगर इसने धोखा दे दिया तो...
मान- वो धोखा नही दे सकती...क्योकि वो मेरी मुट्ठी मे है...
लेडी- वो कैसे...???
मान- हर किसी का एक वीक पॉइंट होता है...जैसे दीपा का था...और इन सब का...इसी तरह इसका भी वीक पॉइंट है...और वो मैं जानता हू...
लेडी- तो उससे क्या...??
मान- उससे क्या...अगर मैने उसका राज खोल दिया तो वो दुनिया मे नही रहेगी....खैर उसे छोड़ो...मेरी भूख मिटाओ...
लेडी- कैसी भूख मेरे सरताज...
मान-(उसे अपनी गोद मे बैठा कर)- प्यार की भूख मेरी जान..
लेडी(अपनी नाइटी को निकाल कर)- तो ये लो...मिटा लो अपनी भूख...
इसके बाद उस घर मे भी दमदार चुदाई चली और लास्ट मे दोनो थक कर सो गये........
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आज की रात ...मेरे दुश्मनो की रात बन गई थी...मेरे दुश्मन एक न्यू चाल चलने के लिए तैयारी कर रहे थे...पर वो भी इस बात से अंजान थे कि मेरी चाल भी रेडी है...और उसको चलने का टाइम भी आ चुका है....
आने वाला दिन मेरे और मेरे दुश्मनो के लिए कैसा होगा...???...किसकी चल कामयाब होगी...ये तो आने वाला वक़्त बताएगा....
अभी तो सब अपनी प्यार की भूख मिटा कर सपनो की दुनिया मे खोए हुए है........
रात की आगोश मे डूब जाने के बाद सब लोग अपनी सारी परेसानियों को भूल कर खुले आसमानो की सैर करने लग जाते है....इसी उम्मीद मे कि आने वाले दिन का सबेरा उनकी लाइफ मे नई रोशनी ले कर आएगा....
मैं भी इसी तरह सपनो की हसीन दुनिया मे सबसे बेख़बर हो कर सो रहा था....और आँख खुलते ही मैं हक़ीक़त मे भी हसीन महॉल मे आ गया....
आँखे खोलते ही मेरे सामने रक्षा का खूबसूरत चेहरा आ गया...और मैं सब कुछ भूल कर उसकी आँखो मे देखने लगा....
रक्षा-उठिए ना भैया...कितना सोएंगे...
मैं- ह्म्म...हाँ...आअहह क्या करूँ रात को थक गया था...
रक्षा- तो रात को हमे इतना क्यो सताते हो कि थक जाओ...
मैं- क्या कहा...मैं सताता हूँ...कि तुम सब...
रक्षा- हम नही...आप...हम तो मासूम सी, प्यारी बच्चियाँ है...आप ही हमे सताते हो...
रक्षा मुस्कुरा कर मुझे छेड़ रही थी और प्यार से मेरे उपेर झुकती जा रही थी...
मैं- अच्छा....बच्ची वो भी मासूम...हाअ...??
रक्षा- हहहे ....ह्म्म..
मैं- तो मेरी प्यारी बच्ची...अब अपने भैया को सताओगी या मैं तुम्हे सताऊ...
रक्षा- ओह्ह भैया...मैं कहाँ सताती हूँ आपको...मैं तो जगा रही हूँ....पेपर देने नही जाना...
मैं- तो पहले अपने भैया को जगाओ...फिर चलता हूँ...
रक्षा- ह्म्म..आप भी ना...बड़े वो हो...
मैने रक्षा की कमर मे हाथ डालकर उसे अपने उपेर लिटा लिया और आप रक्षा का चेहरा मेरे चेहरे पर था और उसकी जुल्फे मेरे चेहरे को ढकने लगी....
रक्षा- अऔच...भैया...आहह
मैं- क्या हुआ मेरी गुड़िया...
रक्षा- ह्म्म..आप भी ना...उठ भी जाओ...
मैं- पहले दो...
रक्षा- क्या चाहिए भैया...
मैं- तुम जानती हो...जल्दी से मेरी सुबह हसीन बनाओ...जिससे मेरा दिन अच्छा निकले...
रक्षा- ह्म्म...उउउम्म्म्म....
और रक्षा ने मेरे होंठो पर अपने रसीले होंठ रख दिए और हम एक दूसरे के होंठो का रस्पान करने लगे....
थोड़ी देर तक मैने रक्षा के होंठो को चूसा और जैसे ही हम अलग हुए...उसी समय रूबी रूम मे आ गई....
रूबी- ओह हो...भाई- बेहन का प्यार...सुबह होते ही शुरू हो गये....और अपनी इस बेहन के बारे मे सोचा भी नही...
रूबी की आवाज़ सुनकर हम अलग हुए तो मेरी नज़र रूबी पर पड़ी...वो नहा कर आई थी...और उसके गीले बाल उसकी खूबसूरती बढ़ा रहे थे....वो सिर्फ़ टवल मे मेरे सामने आ गई थी और उसे देख कर मेरा लंड और भी तनाव मे आ गया जो अभी- अभी रक्षा ने अपने होंठ का रस पिला कर जगाया था....
रक्षा(रूबी की तरफ देख कर)- ओह..तो तुझे जलन होने लगी, हाँ
रूबी- अरे नही- नही...मैं क्यो जलुगी..हाँ मेरी चूत ज़रूर जलने लगी इसे देख कर....
रूबी ने उंगली से मेरे लंड की तरफ इशारा किया तब मेरी नज़र मे आया की मेरे पैरो से कंबल हटा हुआ था और मेरा लंड सीधा खड़ा होकर दोनो लड़कियों को सलामी दे रहा था....
रक्षा(लंड को देख कर)- ओह भैया...ये तो रेडी हो गया...अब इसे शांत करना होगा...मैं करूँ..??
मैं- ना..नही...अभी तुम दोनो रेडी हो जाओ...मैं फ्रेश हो कर आता हूँ...
रक्षा(मायूष हो कर)- भैया....
मैं- बोला ना...रेडी हो जाओ...वैसे भी ये तो तुम्हारे लिए ही है...आराम से मज़े लेना...अभी पेपर देने चलो..कम ऑन फास्ट....
मैने चुटकी बजाते हुए दोनो को ऑर्डर दिया और बाथरूम मे चला गया....
हम रेडी हो कर स्कूल आए और एग्ज़ॅम देने लगे...मैने तो पढ़ाई की ही नही थी...लेकिन पहले से जो पढ़ा था वो लिख दिया...इतना तो कर दिया की पासिंग मार्क्स आ जाए....
एग्ज़ॅम के बाद मैं , अकरम और संजू कॅंटीन मे आ गये....
हम कॉफी पीते हुए बाते कर रहे थे लेकिन अकरम का चेहरा कुछ और ही कह रहा था....
मैं समझ गया कि अकरम अपनी मोम को लेकर परेशान है...पर संजू के सामने मैं उससे बात नही कर सकता था...
तो मैने अकरम को मोबाइल से मेसेज कर दिया...."टेन्षन मत ले, कुछ दिन मे तेरी मोम की प्राब्लम सॉल्व हो जाएगी...प्रोमिस.."
मसेज पढ़ते ही अकरम के चेहरे पर स्माइल आ गई और उसने थॅंक्स लिख कर भेज दिया...
फिर थोड़ी देर बाद हम अपने- अपने घर निकल आए...
मैने संजू के घर गया और फिर डाइयरी पढ़ने के लिए आंटी को बहाना कर के अपने घर निकल आया...
जैसे ही मैं अपने घर आ रहा था तो मुझे कामिनी का कॉल आ गया....मैने कार साइड मे रोकी और कॉल पिक की....
(कॉल पर)
मैं- हेलो स्वीटहार्ट...
कामिनी- ह्म्म..स्वीटहार्ट...सिर्फ़ कहने के लिए...हाँ..??
मैं- नही...सच मे...
कामिनी- तो फिर मिलने क्यो नही आए...
मैं- ओह ...सॉरी डियर...वो क्या हुआ कि कल मैं पढ़ाई मे इतना बिज़ी था कि याद नही रहा..सॉरी....
कामिनी- सॉरी से काम नही होगा मेरे हीरो...सज़ा मिलेगी...
मैं- हर सज़ा मंजूर...बोलो...
कामिनी- तो सज़ा ये है कि आज की पूरी रात मेरे साथ...
मैं- ह्म्म...इतनी हसीन सज़ा...मंजूर...बोलो कब अओ...7 बजे..
कामिनी- नही - नही...7 बजे नही...मैं बताउन्गी तब आना...
मैं- क्यो...कुछ काम है क्या...किसी और से मिलना है क्या...??
कामिनी- न..नही तो...किसी से नही...
मैं- हाहाहा...घबराओ मत ...मैं मज़ाक कर रहा हूँ....
कामिनी- ओह्ह...पर बात ये है कि शाम को मुझे मेरे पति के फ्रेंड के घर जाना है...तो जैसे ही मैं आउगि...कॉल कर दूगी...
मैं- ह्म्म..पर मेरी रात रंगीन होनी चाहिए ...समझी...
कामिनी- आप आइए तो...आपकी रात का इंतज़ाम हो चुका है....हहहे...
मैं- ओके...फिर मिलते है ..बाइ
कामिनी- बाइ....
कॉल कट हो गई....हमारी बात ख़तम होते ही.....
मैं(मन मे)- साली...आज की रात तू जितनी भी रंगीन करने का सपना देख...रात तो तेरी मैं सजाउन्गा...आज के बाद हर रात तेरी लाइफ मे अधेरा ही लायगी....
और वहाँ कामिनी ने कॉल कट होते ही उसके पीछे बैठे सक्श की तरफ कमीनी मुस्कान दे दी और बोली...
कामिनी- ही ईज़ कोँमिंग...गेट रेडी...
और सामने बैठे सख्स ने भी कमीनी मुस्कान दी और उठ कर कामिनी को गले लगा लिया.....
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