hotaks444
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वहाँ विनोद मुझे प्लान के बारे मे बताने लगा और यहाँ दूसरी तरफ संजू के घर.....
संजू के घर पूनम और संजू अपने-2 रूम मे लेटे हुए उस इन्सिडेंट के बारे मे सोच रहे थे जो थोड़ी देर पहले दोनो के बीच हुआ था....
संजू(मन मे)- आज ये अच्छा नही हुआ....दीदी ने मुझे ऐसे देख लिया..ये ग़लत है...क्या सोच रही होगी मेरे बारे मे कि मैं कितना गंदा हूँ...अपनी मोम के नाम की ही मूठ मारता हूँ...ओह गॉड , ये कैसे हो गया मुझसे...मैने गेट लॉक क्यो नही किया...और तो और बाथरूम का गेट भी खुला ही रखा...कैसे भूल गया...अब पता नही दीदी क्या करेगी....मोम से बोल दिया तो...और अगर डॅड से बोल दिया तो...ओह माइ गॉड...और अब तो मैं उनसे नज़रे भी नही मिला पाउन्गा....क्या सफाई दूँगा उन्हे....एक काम करता हूँ...दीदी से बात करता हूँ...उनसे माफी माँग लूँगा...पैर पकड़ लूँगा कि एक बार माफ़ कर दे बस...हां यही करना होगा....
वहाँ पूनम ने जबसे संजू का लंड देखा था तो वो भी सोच मे डूबी थी...चुड़दकड़ तो उसे अंकित ने बना ही दिया था इसलिए नया लंड देख कर उसकी चूत मे खुजली मचने लगी थी...
पूनम(मन मे)-आज जो कुछ मैने देखा क्या वो सब सच था या एक सपना....मुझे तो ये सपने जैसा लग रहा है...मेरा सगा भाई ,मेरी मोम के नाम की मूठ मार रहा था...ऐसा कैसे हो सकता है....मेरा भाई तो कितना सीधा लड़का है...फिर ये सब ...???
वेल जैसे भी हुआ हो...उसका लंड तो...आअहह...कितना सॉलिड दिख रहा था....काश वो मेरे नाम की मूठ मरता..ओह्ह्ह...उसका लंड याद आते ही मेरी चूत मे खुजली होने लगी....मैं भी कितनी चुड़दकड़ हो गई हूँ...अंकित ने जो लंड का स्वाद चखाया है..ये उसी का नतीज़ा है कि आज मैं अपने सगे भाई का लंड देख कर बहक रही हूँ....पर अब क्या, अब देर हो चुकी है...अब तो मैं संजू का लंड लेकर ही रहूगी...किसी भी तरह...शाम,दाम,डंड,भेद...जैसे भी हो...अभी उससे बात करती हूँ...हां
संजू और पूनम दोनो अपने-अपने मन मे तय कर के एक- दूसरे से बात करने के लिए अपने रूम से बाहर आए तो दोनो एक-दूसरे के सामने आ गये..और एक-दूसरे को देख कर खड़े हो गये और एक-दूसरे को फटी आँखो से देखने लगे.....
अब आगे ये दोनो क्या करेंगे ...कौन पहले आगे आएगा....देखते है....
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यहाँ होटेल के रूम मे विनोद अंकल ने मुझे कुछ बाते बताई , जितना भी वो जानते थे...अब उसने कितना सच और कितना झूठ बोला, ये बताना मुस्किल था.. .और जैसे ही विनोद ने बोलना बंद किया तो मैं बोला...
मैं(गहरी साँस ले कर)- ह्म्म...तो तुम कह रहे हो कि तुम बॉस नही हो...बॉस कोई और है और तुम सिर्फ़ सब लोगो पर नज़र रख रहे थे कि वो लोग क्या करते है...और तुम अपने बॉस को सबकी रिपोर्ट देते हो ..है ना...??
विनोद- हाँ...मेरा काम इतना ही है....
मैं- और रेणु...वो बॉस को जानती है...
विनोद(सोचकर)- शायद नही...
मैं- शायद का क्या मतलब...???
विनोद- जब मैं नही जानता तो वो भी नही जानती होगी...तुम उसी से क्यो नही पूछते...
मैं- ओके...और इसका मतलब ये कि तुम्हारा भी कोई मक़सद नही इस प्लान मे...तुम किसी के लिए काम कर रहे हो बस...??
विनोद- मुझे सिर्फ़ पैसे चाहिए थे....
मैं- ह्म्म..पैसा...ये पैसा चीज़ ही ऐसी है कि कुछ भी करवा देती है लोगो से.....
विनोद- मुझे माफ़ कर दो बेटा....मैं बहक गया था...
मैं- मान लिया तुम बहक गये थे...और मैं तुम्हे माफ़ भी कर दूँगा...पर...
विनोद- पर क्या बेटा...बोलो...
मैं- पर मेरी कुछ शर्त है...
विनोद- शर्त....क्या शर्त...???
मैं- पहली....कि तुम मुझे अपने बॉस के बारे मे बताओ...दूसरी...तुम वो वजह बताओ जिसकी वजह से तुम्हे नया मोहरा मिला...तीसरी....हमारे बीच जो भी बाते हुई वो किसी को पता ना चले...किसी को भी नही...समझ गये...किसी को मतलब किसी को भी नही....
विनोद- मुझे मंजूर है....पर मैं बॉस से कभी मिला नही और उसका नंबर भी नही...उसे जब काम होता है तभी कॉल करता है...हमेशा न्यू नंबर से....और मैं अपने बीच की बातें किसी को नही बोलूँगा...
मैं- ह्म्म...और वो राज़....??
विनोद- ह्म्म..सुनो....($$$$$$$$$$$$$$)
मैं- सच मे....क्या बात है...मज़ा आ गया....
विनोद- अब खुश हो ना...
मैं- ह्म्म..पर याद रखना...जिस दिन तुम अपनी बात से पलटे उसी दिन ये वीडियो....
विनोद- नही-नही...मैं याद रखुगा...आज से सब तुम्हारे हिसाब से करूगा...
मैं- ओके...तुम मेरा काम करो और खुश रहो...ओके...
विनोद- ओके...अब मैं जाउ...
मैं- ह्म्म..(मैने अपने आदमी को बुलाया और विनोद को खुलवा दिया...)
विनोद- ओके..मैं जाता हूँ...
मैं- ह्म्म..पर सुनो...
विनोद- अब क्या...???
मैं- अपनी बीवी को आज के बाद हाथ भी मत लगाना...जब तक मैं ना कहूँ...
विनोद- ओके..समझ गया...
जैसे ही विनोद निकला..कुछ देर मे ही रेणु का कॉल आ गया...
(कॉल पर)
रेणु- क्या न्यूज़ है भाई...??
मैं- कुछ खास नही..वो निकल गये हाथ से...(झूठ बोला)
रेणु- क्या...???..मतलब ..कुछ भी पता नही चला कि कौन क्या कर रहा है तुम्हारे खिलाफ...
मैं- क्या मतलब..किसकी बात कर रही हो...??
रेणु- अरे कामिनी और रजनी की...दीपा तो गई ना...
मैं- ह्म्म...कोई खास बात पता नही चली..वही पुरानी बातें..ये तुम्हे पता करना होगा...और बॉस के बारे मे भी...
रेणु- बॉस के बारे मे पता करना मुस्किल है ...मेरी तो बॉस से बात होती नही और विनोद हमेशा अकेले मे ही बॉस से बात करता है...फिर भी आइ विल ट्राइ माइ बेस्ट..
मैं- ओके ..गुड लक...
रेणु- ओके अब आगे क्या सोचा है...??
मैं- अभी तो कुछ नही...कुछ होगा तो बताउन्गा....अभी मैं आंटी को देख लूँ..
रेणु- ओके...देख लो...बाइ
मैं- बाइ...
कॉल कट होते ही मैं सोच मे पड़ गया....
मैं(मन मे)- विनोद के जाते ही रेणु का कॉल आना और दोनो का सेम आन्सर देना, इत्तेफ़ाक़ नही हो सकता...रेणु की विनोद से बात हुई होगी और विनोद ने वही किया होगा जो मैने उसे करने को बोला..पर रेणु का इतनी इंक्वायरी करना समझ नही आया...आख़िर क्यो...???
वो इस सब मे इतना इंटरेस्ट ले रही है जैसे कि टारगेट मैं नही वो है....शायद ये उसका प्यार है मेरे लिए या फिर उसका भी कुछ फ़ायदा है ..ये वो कुछ गेम खेल रही है........??????
मैं रेणु दी के बारे मे सोचने लगा कि क्या उसका कोई अपना फ़ायदा है या सिर्फ़ वो मेरी खातिर मेरी हेल्प कर रही है....पहले तो मुझे उस पर डाउट हुआ पर बाद मे मेरे दिल ने ये मानने से इनकार कर दिया कि रेणु दी मुझे धोखा दे सकती है....
फिर मैं सीधा होटल के मॅनेजर के पास गया और वीडियो डिस्क ले ली...जिसमे आंटी और विनोद की चुदाई रेकॉर्ड थी...फिर मैने आंटी को साथ लिया और संजू के घर जाने लगा....
संजू के घर पूनम और संजू अपने-2 रूम मे लेटे हुए उस इन्सिडेंट के बारे मे सोच रहे थे जो थोड़ी देर पहले दोनो के बीच हुआ था....
संजू(मन मे)- आज ये अच्छा नही हुआ....दीदी ने मुझे ऐसे देख लिया..ये ग़लत है...क्या सोच रही होगी मेरे बारे मे कि मैं कितना गंदा हूँ...अपनी मोम के नाम की ही मूठ मारता हूँ...ओह गॉड , ये कैसे हो गया मुझसे...मैने गेट लॉक क्यो नही किया...और तो और बाथरूम का गेट भी खुला ही रखा...कैसे भूल गया...अब पता नही दीदी क्या करेगी....मोम से बोल दिया तो...और अगर डॅड से बोल दिया तो...ओह माइ गॉड...और अब तो मैं उनसे नज़रे भी नही मिला पाउन्गा....क्या सफाई दूँगा उन्हे....एक काम करता हूँ...दीदी से बात करता हूँ...उनसे माफी माँग लूँगा...पैर पकड़ लूँगा कि एक बार माफ़ कर दे बस...हां यही करना होगा....
वहाँ पूनम ने जबसे संजू का लंड देखा था तो वो भी सोच मे डूबी थी...चुड़दकड़ तो उसे अंकित ने बना ही दिया था इसलिए नया लंड देख कर उसकी चूत मे खुजली मचने लगी थी...
पूनम(मन मे)-आज जो कुछ मैने देखा क्या वो सब सच था या एक सपना....मुझे तो ये सपने जैसा लग रहा है...मेरा सगा भाई ,मेरी मोम के नाम की मूठ मार रहा था...ऐसा कैसे हो सकता है....मेरा भाई तो कितना सीधा लड़का है...फिर ये सब ...???
वेल जैसे भी हुआ हो...उसका लंड तो...आअहह...कितना सॉलिड दिख रहा था....काश वो मेरे नाम की मूठ मरता..ओह्ह्ह...उसका लंड याद आते ही मेरी चूत मे खुजली होने लगी....मैं भी कितनी चुड़दकड़ हो गई हूँ...अंकित ने जो लंड का स्वाद चखाया है..ये उसी का नतीज़ा है कि आज मैं अपने सगे भाई का लंड देख कर बहक रही हूँ....पर अब क्या, अब देर हो चुकी है...अब तो मैं संजू का लंड लेकर ही रहूगी...किसी भी तरह...शाम,दाम,डंड,भेद...जैसे भी हो...अभी उससे बात करती हूँ...हां
संजू और पूनम दोनो अपने-अपने मन मे तय कर के एक- दूसरे से बात करने के लिए अपने रूम से बाहर आए तो दोनो एक-दूसरे के सामने आ गये..और एक-दूसरे को देख कर खड़े हो गये और एक-दूसरे को फटी आँखो से देखने लगे.....
अब आगे ये दोनो क्या करेंगे ...कौन पहले आगे आएगा....देखते है....
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यहाँ होटेल के रूम मे विनोद अंकल ने मुझे कुछ बाते बताई , जितना भी वो जानते थे...अब उसने कितना सच और कितना झूठ बोला, ये बताना मुस्किल था.. .और जैसे ही विनोद ने बोलना बंद किया तो मैं बोला...
मैं(गहरी साँस ले कर)- ह्म्म...तो तुम कह रहे हो कि तुम बॉस नही हो...बॉस कोई और है और तुम सिर्फ़ सब लोगो पर नज़र रख रहे थे कि वो लोग क्या करते है...और तुम अपने बॉस को सबकी रिपोर्ट देते हो ..है ना...??
विनोद- हाँ...मेरा काम इतना ही है....
मैं- और रेणु...वो बॉस को जानती है...
विनोद(सोचकर)- शायद नही...
मैं- शायद का क्या मतलब...???
विनोद- जब मैं नही जानता तो वो भी नही जानती होगी...तुम उसी से क्यो नही पूछते...
मैं- ओके...और इसका मतलब ये कि तुम्हारा भी कोई मक़सद नही इस प्लान मे...तुम किसी के लिए काम कर रहे हो बस...??
विनोद- मुझे सिर्फ़ पैसे चाहिए थे....
मैं- ह्म्म..पैसा...ये पैसा चीज़ ही ऐसी है कि कुछ भी करवा देती है लोगो से.....
विनोद- मुझे माफ़ कर दो बेटा....मैं बहक गया था...
मैं- मान लिया तुम बहक गये थे...और मैं तुम्हे माफ़ भी कर दूँगा...पर...
विनोद- पर क्या बेटा...बोलो...
मैं- पर मेरी कुछ शर्त है...
विनोद- शर्त....क्या शर्त...???
मैं- पहली....कि तुम मुझे अपने बॉस के बारे मे बताओ...दूसरी...तुम वो वजह बताओ जिसकी वजह से तुम्हे नया मोहरा मिला...तीसरी....हमारे बीच जो भी बाते हुई वो किसी को पता ना चले...किसी को भी नही...समझ गये...किसी को मतलब किसी को भी नही....
विनोद- मुझे मंजूर है....पर मैं बॉस से कभी मिला नही और उसका नंबर भी नही...उसे जब काम होता है तभी कॉल करता है...हमेशा न्यू नंबर से....और मैं अपने बीच की बातें किसी को नही बोलूँगा...
मैं- ह्म्म...और वो राज़....??
विनोद- ह्म्म..सुनो....($$$$$$$$$$$$$$)
मैं- सच मे....क्या बात है...मज़ा आ गया....
विनोद- अब खुश हो ना...
मैं- ह्म्म..पर याद रखना...जिस दिन तुम अपनी बात से पलटे उसी दिन ये वीडियो....
विनोद- नही-नही...मैं याद रखुगा...आज से सब तुम्हारे हिसाब से करूगा...
मैं- ओके...तुम मेरा काम करो और खुश रहो...ओके...
विनोद- ओके...अब मैं जाउ...
मैं- ह्म्म..(मैने अपने आदमी को बुलाया और विनोद को खुलवा दिया...)
विनोद- ओके..मैं जाता हूँ...
मैं- ह्म्म..पर सुनो...
विनोद- अब क्या...???
मैं- अपनी बीवी को आज के बाद हाथ भी मत लगाना...जब तक मैं ना कहूँ...
विनोद- ओके..समझ गया...
जैसे ही विनोद निकला..कुछ देर मे ही रेणु का कॉल आ गया...
(कॉल पर)
रेणु- क्या न्यूज़ है भाई...??
मैं- कुछ खास नही..वो निकल गये हाथ से...(झूठ बोला)
रेणु- क्या...???..मतलब ..कुछ भी पता नही चला कि कौन क्या कर रहा है तुम्हारे खिलाफ...
मैं- क्या मतलब..किसकी बात कर रही हो...??
रेणु- अरे कामिनी और रजनी की...दीपा तो गई ना...
मैं- ह्म्म...कोई खास बात पता नही चली..वही पुरानी बातें..ये तुम्हे पता करना होगा...और बॉस के बारे मे भी...
रेणु- बॉस के बारे मे पता करना मुस्किल है ...मेरी तो बॉस से बात होती नही और विनोद हमेशा अकेले मे ही बॉस से बात करता है...फिर भी आइ विल ट्राइ माइ बेस्ट..
मैं- ओके ..गुड लक...
रेणु- ओके अब आगे क्या सोचा है...??
मैं- अभी तो कुछ नही...कुछ होगा तो बताउन्गा....अभी मैं आंटी को देख लूँ..
रेणु- ओके...देख लो...बाइ
मैं- बाइ...
कॉल कट होते ही मैं सोच मे पड़ गया....
मैं(मन मे)- विनोद के जाते ही रेणु का कॉल आना और दोनो का सेम आन्सर देना, इत्तेफ़ाक़ नही हो सकता...रेणु की विनोद से बात हुई होगी और विनोद ने वही किया होगा जो मैने उसे करने को बोला..पर रेणु का इतनी इंक्वायरी करना समझ नही आया...आख़िर क्यो...???
वो इस सब मे इतना इंटरेस्ट ले रही है जैसे कि टारगेट मैं नही वो है....शायद ये उसका प्यार है मेरे लिए या फिर उसका भी कुछ फ़ायदा है ..ये वो कुछ गेम खेल रही है........??????
मैं रेणु दी के बारे मे सोचने लगा कि क्या उसका कोई अपना फ़ायदा है या सिर्फ़ वो मेरी खातिर मेरी हेल्प कर रही है....पहले तो मुझे उस पर डाउट हुआ पर बाद मे मेरे दिल ने ये मानने से इनकार कर दिया कि रेणु दी मुझे धोखा दे सकती है....
फिर मैं सीधा होटल के मॅनेजर के पास गया और वीडियो डिस्क ले ली...जिसमे आंटी और विनोद की चुदाई रेकॉर्ड थी...फिर मैने आंटी को साथ लिया और संजू के घर जाने लगा....