hotaks444
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सहर मे कामिनी के घर....आज सुबह....
सुबह-सुबह कामिनी की नौकरानी चाइ लेकर कामिनी के रूम तक आई...
नौकरानी ने 2-3 बार कामिनी को आवाज़ दे कर नॉक किया ..बट कोई रेस्पोन्स नही मिला...
थोड़ी देर बाद नौकरानी को टेन्षन होने लगी तो उसने गेट खोल कर अंदर जाने का तय किया....
(कामिनी के आक्सिडेंट के बाद से ही कामिनी रूम को लॉक नही करती थी.)
नौकरानी ने अंदर आ कर कामिनी को देखा तो चाइ उसके हाथ से गिर गई और मूह से जूरदार चीख निकल गई...
नौकरानी की आवाज़ सुनते ही घर के बाकी लोग भी वही आ गये....
सामने कामिनी बेड के नीचे बेहोश पड़ी हुई थी...हालाकी कोई चोट नही दिखाई दे रही थी...
सुषमा ने तुरंत नौकरों की मदद से कामिनी को बेड पर लिटाया और पानी डाल कर उसे होश मे ले आई...
होश मे आते ही कामिनी डरते हुए बोलने लगी...
कामिनी- नही...मेरी बेटी को कुछ मत करना...प्लीज़ ..
काजल(कामिनी की बेटी)- मोम...क्या हुआ...प्लीज़ शांत हो जाइए...
कामिनी(काजल का हाथ पकड़ कर)- बेटी...तू ..तू ठीक है ना..हाँ...बोल ना..
काजल- येस मोम..मैं बिल्कुल ठीक हूँ...आप डरी हुई क्यो है...प्लीज़ आप शांत हो जाइए...
कामिनी - बेटा..तू यही रहना...मेरे पास...हाँ बेटा...
काजल- मैं यही हूँ मोम...आप बस शांत हो जाओ...मैं यही हूँ...
काजल ने कामिनी को पानी पिला कर लिटा दिया...
कामिनी के लेट ते ही काजल ने बाकी सब को वहाँ से जाने को बोला और सिर्फ़ सुषमा और काजल ही रूम मे बैठी रही....
थोड़ी देर तक कामिनी आँख बंद किए लेटी रही और फिर उसने आँख खोली तो वो थोड़ा रिलॅक्स लग रही थी....
सुषमा- कामिनी...अब ठीक हो ...तुम नीचे कैसे ..
काजल(बीच मे)- अभी नही आंटी...अभी मोम को रेस्ट करने दीजिए...
कामिनी- कोई बात नही बेटा ..मैं अब ठीक हूँ...तू टेन्षन मत ले...
काजल- पर मोम..
कामिनी- तू जा कर फ्रेश हो जा...मैं ठीक हूँ...सुषमा है ना यहाँ...
काजल- ओके मोम..मैं अभी आती हूँ...आप रेस्ट करो ..
कामिनी , काजल को समझा कर भेज देती है...काजल के जाते ही सुषमा कामिनी से सवाल करने वाली ही थी..
तो कामिनी ने उसे रोक दिया और रजनी, रिचा और मनु को बुलाने को कहा....
करीब 1 घंटे के बाद कामिनी के रूम मे कामिनी , सुषमा , रजनी , रिचा और मनु बैठे थे.....
सब के सब पिछले 10 मिनट से चुपचाप एक-दूसरे को देखते हुए बैठे थे...सिर्फ़ कामिनी अपनी नज़रे नीचे किए हुए किसी सोच मे डूबी हुई थी....
रजनी- कामिनी...
कामिनी- हूँ..हाँ...क्या कहा...??
रजनी- कहा कुछ नही...तुम किस सोच मे डूबी हो ..और इतनी परेसानि किस बात की है....??
कामिनी- परेसानि ...
रिचा- हाँ ..क्या हुआ जो हमे इतना अर्जेंट बुला लिया...??
रजनी- हां....और तू बेहोश क्यो हो गई थी...हुआ क्या था...
कामिनी- वो ..मुझे कल ...कल एक फ़ोन आया था ....
रजनी- फ़ोन...किसका...??
कामिनी- वो...दीपा का...
दीपा का नाम आते ही सबके माथे पर परेसानि छा गई....
रजनी- दीपा का फ़ोन...नही...ये नही हो सकता...
रिचा- तू पागल हो गई क्या...कोई मरने के बाद कॉल करता है क्या...
कामिनी- पर मैं सच...
रिचा- ओह्ह.. प्लीज़ ...अपनी बकवास को सच मत बोल...
रजनी- एक मिनट रिचा...उसकी पूरी बात तो सुन ले...कामिनी तू बता...क्या हुआ था...
फिर कामिनी रात की पूरी बात बताने लगी...
उसने बताया कि दीपा ने उससे कहा कि वो उसकी बेटी को मार देगी...और तभी पीछे से कुछ आवाज़ आई तो मैं चीख उठी...और फिर सुबह ही होश आया....
रिचा- तुझे कैसे पता कि वो दीपा का कॉल है...??
कामिनी(ज़ोर से)- क्योकि मैं उसको अच्छे से जानती हूँ...और उसकी आवाज़ भी..
रिचा- हां ...पर हो सकता है कोई मज़ाक कर रहा हो...
कामिनी- मज़ाक....नही...आक्सिडेंट के टाइम मैने उसे देखा था और अब ये कॉल...ये कोई इत्तेफ़ाक़ नही हो सकता...
रजनी- तो तू कहना चाहती है कि दीपा ज़िंदा है...
कामिनी- नही. .मुझे लगता है कि ये दीपा का भूत..
रिचा(बीच मे)- व्हट नॉनसेन्स यार...भूत-बूत कुछ नही होता ...समझी...
कामिनी- जब भगवान है तो भूत भी है..समझी..
रिचा- तू अंधविश्वासी है और कुछ नही ...
रजनी- प्लीज़ रिचा...ये लड़ने का टाइम नही...कामिनी ..तू बता ...दीपा ने कुछ और कहा था...
कामिनी- हाँ...उसने कहा था कि वो फिर आयगी...छोड़ेगी नही...
रजनी- ह्म्म..तू एक काम कर...थोड़ा इंतज़ार कर के देख...पता चल जायगा कि वो भूत है या इंसान..
कामिनी- पर वो आई तो...
तभी उन्हे कुछ आवाज़ सुनाई दी...
रिचा- ओह हो..अब ये किस चीज़ की आवाज़ है...
कामिनी- अरे...ये तो लाइट की फिटिंग चेक करने आए है...कल कुछ स्पारकिंग हो रही थी बाहर तो चेक करने बुलाया था...हाँ मैं कह रही थी कि दीपा फिर से आई तो...???
रिचा- तो दोनो मज़े कर लेना...हहहे...
रजनी- रिचा प्लीज़ यार....कामिनी तू बस वेट कर...आगे कुछ होगा तब देखेगे...ओके...हो सकता है कि ये किसी की सरारत हो...ह्म्म..
कामिनी- ओके रजनी...यही करती हूँ...वैसे मनु...तू क्यो चुप है...??
मनु- हाँ...कुछ नही यार...बस दिमाग़ चकरा गया. .
कामिनी- ह्म्म..तो स्ट्रॉंग कॉफी पीते है ...सबके दिमाग़ ठीक हो जाएगे...
फिर सबने कॉफी पी और अपने-2 घर निकल गई...
उनके जाने के बाद घर की नौकरानी आई जो अपने साथ अपनी बेहन को भी ले कर आई थी ..
सुबह-सुबह कामिनी की नौकरानी चाइ लेकर कामिनी के रूम तक आई...
नौकरानी ने 2-3 बार कामिनी को आवाज़ दे कर नॉक किया ..बट कोई रेस्पोन्स नही मिला...
थोड़ी देर बाद नौकरानी को टेन्षन होने लगी तो उसने गेट खोल कर अंदर जाने का तय किया....
(कामिनी के आक्सिडेंट के बाद से ही कामिनी रूम को लॉक नही करती थी.)
नौकरानी ने अंदर आ कर कामिनी को देखा तो चाइ उसके हाथ से गिर गई और मूह से जूरदार चीख निकल गई...
नौकरानी की आवाज़ सुनते ही घर के बाकी लोग भी वही आ गये....
सामने कामिनी बेड के नीचे बेहोश पड़ी हुई थी...हालाकी कोई चोट नही दिखाई दे रही थी...
सुषमा ने तुरंत नौकरों की मदद से कामिनी को बेड पर लिटाया और पानी डाल कर उसे होश मे ले आई...
होश मे आते ही कामिनी डरते हुए बोलने लगी...
कामिनी- नही...मेरी बेटी को कुछ मत करना...प्लीज़ ..
काजल(कामिनी की बेटी)- मोम...क्या हुआ...प्लीज़ शांत हो जाइए...
कामिनी(काजल का हाथ पकड़ कर)- बेटी...तू ..तू ठीक है ना..हाँ...बोल ना..
काजल- येस मोम..मैं बिल्कुल ठीक हूँ...आप डरी हुई क्यो है...प्लीज़ आप शांत हो जाइए...
कामिनी - बेटा..तू यही रहना...मेरे पास...हाँ बेटा...
काजल- मैं यही हूँ मोम...आप बस शांत हो जाओ...मैं यही हूँ...
काजल ने कामिनी को पानी पिला कर लिटा दिया...
कामिनी के लेट ते ही काजल ने बाकी सब को वहाँ से जाने को बोला और सिर्फ़ सुषमा और काजल ही रूम मे बैठी रही....
थोड़ी देर तक कामिनी आँख बंद किए लेटी रही और फिर उसने आँख खोली तो वो थोड़ा रिलॅक्स लग रही थी....
सुषमा- कामिनी...अब ठीक हो ...तुम नीचे कैसे ..
काजल(बीच मे)- अभी नही आंटी...अभी मोम को रेस्ट करने दीजिए...
कामिनी- कोई बात नही बेटा ..मैं अब ठीक हूँ...तू टेन्षन मत ले...
काजल- पर मोम..
कामिनी- तू जा कर फ्रेश हो जा...मैं ठीक हूँ...सुषमा है ना यहाँ...
काजल- ओके मोम..मैं अभी आती हूँ...आप रेस्ट करो ..
कामिनी , काजल को समझा कर भेज देती है...काजल के जाते ही सुषमा कामिनी से सवाल करने वाली ही थी..
तो कामिनी ने उसे रोक दिया और रजनी, रिचा और मनु को बुलाने को कहा....
करीब 1 घंटे के बाद कामिनी के रूम मे कामिनी , सुषमा , रजनी , रिचा और मनु बैठे थे.....
सब के सब पिछले 10 मिनट से चुपचाप एक-दूसरे को देखते हुए बैठे थे...सिर्फ़ कामिनी अपनी नज़रे नीचे किए हुए किसी सोच मे डूबी हुई थी....
रजनी- कामिनी...
कामिनी- हूँ..हाँ...क्या कहा...??
रजनी- कहा कुछ नही...तुम किस सोच मे डूबी हो ..और इतनी परेसानि किस बात की है....??
कामिनी- परेसानि ...
रिचा- हाँ ..क्या हुआ जो हमे इतना अर्जेंट बुला लिया...??
रजनी- हां....और तू बेहोश क्यो हो गई थी...हुआ क्या था...
कामिनी- वो ..मुझे कल ...कल एक फ़ोन आया था ....
रजनी- फ़ोन...किसका...??
कामिनी- वो...दीपा का...
दीपा का नाम आते ही सबके माथे पर परेसानि छा गई....
रजनी- दीपा का फ़ोन...नही...ये नही हो सकता...
रिचा- तू पागल हो गई क्या...कोई मरने के बाद कॉल करता है क्या...
कामिनी- पर मैं सच...
रिचा- ओह्ह.. प्लीज़ ...अपनी बकवास को सच मत बोल...
रजनी- एक मिनट रिचा...उसकी पूरी बात तो सुन ले...कामिनी तू बता...क्या हुआ था...
फिर कामिनी रात की पूरी बात बताने लगी...
उसने बताया कि दीपा ने उससे कहा कि वो उसकी बेटी को मार देगी...और तभी पीछे से कुछ आवाज़ आई तो मैं चीख उठी...और फिर सुबह ही होश आया....
रिचा- तुझे कैसे पता कि वो दीपा का कॉल है...??
कामिनी(ज़ोर से)- क्योकि मैं उसको अच्छे से जानती हूँ...और उसकी आवाज़ भी..
रिचा- हां ...पर हो सकता है कोई मज़ाक कर रहा हो...
कामिनी- मज़ाक....नही...आक्सिडेंट के टाइम मैने उसे देखा था और अब ये कॉल...ये कोई इत्तेफ़ाक़ नही हो सकता...
रजनी- तो तू कहना चाहती है कि दीपा ज़िंदा है...
कामिनी- नही. .मुझे लगता है कि ये दीपा का भूत..
रिचा(बीच मे)- व्हट नॉनसेन्स यार...भूत-बूत कुछ नही होता ...समझी...
कामिनी- जब भगवान है तो भूत भी है..समझी..
रिचा- तू अंधविश्वासी है और कुछ नही ...
रजनी- प्लीज़ रिचा...ये लड़ने का टाइम नही...कामिनी ..तू बता ...दीपा ने कुछ और कहा था...
कामिनी- हाँ...उसने कहा था कि वो फिर आयगी...छोड़ेगी नही...
रजनी- ह्म्म..तू एक काम कर...थोड़ा इंतज़ार कर के देख...पता चल जायगा कि वो भूत है या इंसान..
कामिनी- पर वो आई तो...
तभी उन्हे कुछ आवाज़ सुनाई दी...
रिचा- ओह हो..अब ये किस चीज़ की आवाज़ है...
कामिनी- अरे...ये तो लाइट की फिटिंग चेक करने आए है...कल कुछ स्पारकिंग हो रही थी बाहर तो चेक करने बुलाया था...हाँ मैं कह रही थी कि दीपा फिर से आई तो...???
रिचा- तो दोनो मज़े कर लेना...हहहे...
रजनी- रिचा प्लीज़ यार....कामिनी तू बस वेट कर...आगे कुछ होगा तब देखेगे...ओके...हो सकता है कि ये किसी की सरारत हो...ह्म्म..
कामिनी- ओके रजनी...यही करती हूँ...वैसे मनु...तू क्यो चुप है...??
मनु- हाँ...कुछ नही यार...बस दिमाग़ चकरा गया. .
कामिनी- ह्म्म..तो स्ट्रॉंग कॉफी पीते है ...सबके दिमाग़ ठीक हो जाएगे...
फिर सबने कॉफी पी और अपने-2 घर निकल गई...
उनके जाने के बाद घर की नौकरानी आई जो अपने साथ अपनी बेहन को भी ले कर आई थी ..