hotaks444
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कामिनी के घर...आधी रात के करीब...
कामिनी अपने रूम मे निसचिंत हो कर सो रही थी....तभी उसके घर के बाहर धुआ उठा और गार्ड बेहोश हो गया....
आज फिर पिछली बार जैसा ही महॉल था...
पहले तेज हवा के चलने का शोर...फिर चारों तरफ धुआ छाना...और फिर कामिनी के रूम मे धुए की एंट्री...
कामिनी के रूम मे जैसे ही आवाज़ें बड़ी तो कामिनी की आँख खुल गई...
लेकिन आज कामिनी पहले से सतर्क थी...आवाज़ आते ही उसने अपने तकिये के नीचे रखी पिस्टल को हाथ मे ले लिया...पर डर आज भी उस भर हावी था...
कामिनी-क्क..कॉन..है...सामने आओ...
सामने से एक आवाज़ के साथ धुआ उठा और उसके बीच से दीपा ख़तनाक हसी हँसते हुए सामने आ गई...
"मैं आ गई कामिनी"
आज दीपा की आवाज़ मे एक साथ 2 आवाज़े निकल कर आ रही थी.....
कामिनी- त्त..तुम...क्यो आई हो...जाओ यहाँ से...
"आज नही...आज तो सब जान कर ही जाउन्गी...वरना...हहेहहे"
कामिनी- वरना..क्या वरना...
दीपा का चेहरा फिर गुस्से से लाल होने लगा...
"वरना...तेरी बेटी गई...हहहे..."
कामिनी- उससे पहले तू जायगी...
और कामिनी ने बेड पर बैठ कर पिस्टल दीपा की तरफ तान दी...
"तू पागल है क्या....इससे इंसान मरते है...मरे हुए नही...हहहे...."
कामिनी- जानती हूँ..और तू भी इंसान है...ये भी जानती हूँ...
"हहहे....ग़लतफहमी है तेरी...."
कामिनी- तो वो अभी दूर कर देती हूँ...
फाइयर...फाइयर...हहेहहे...फाइयर..फाइयर...हहेहहे...
फिर रूम मे गोलिया चलने और ख़तरनाक हसी की आवाज़ आती रही...
कामिनी ने पूरी पिस्टल खाली कर दी पर उसके सामने खड़ी दीपा हँसती रही...उसे कोई फ़र्क नही पड़ा...
ये देख कर कामिनी की फटी की फटी रह गई...अब उसे यकीन हो गया कि सामने कोई इंसान नही...बल्कि भूत खड़ा है....
ये सोचते ही कामिनी बुरी तरह से डर गई...तभी दीपा गुस्से से बोली...
"तूने जो करना था कर लिया...अब देख...मैं क्या करती हूँ..."
और फिर धुआ फिर से बढ़ा और दीपा गायब हो गई...
कामिनी(डरते हुए)- द्द्द...दीपा...मुझे माफ़ कर दे...प्लीज़...दीएप्प्पाअ....प्पल्लज़्ज़्ज़...
थोड़ी देर तक कामिनी हाथ जोड़ कर मिन्नते करती रही ...
थोड़ी देर बाद फिर से धुआ छाँटा और दीपा सामने आ गई...
कामिनी- दीपा...मुझे माफ़ कर दे...जाओ यहाँ से ..प्लीज़...
"मुझे बस वो वजह बता...जिसके लिए तू अंकित की फॅमिली की दुश्मन है..."
कामिनी- तुझे उससे क्या...
"तू ऐसे नही मानेगी..तो ये देख.."
इतना कहते ही दीपा के बाजू मे कामिनी की बेटी काजल आ गई...जो सोई हुई थी...
कामिनी- क्क्क..क्काजल...नही...दीपा...इसे छोड़ दे..प्लीज़....
"तो बता..वरना..."
कामिनी- प्लीज़...दीपा..छोड़ दे इसे...
"तू ऐसे नही मानेगी...तो फिर देख.."
और दीपा के बोलते ही अचानक से काजल के गले से खून निकलना सुरू हो गया...
कामिनी(रोते हुए)- प्लीज़..दीपा...मेरी बेटी को छोड़ दे...प्लीज़...
"तो बता फिर...नही तो.."
कामिनी- म्म..मैं सब बताती हूँ...मेरी बेटी को छोड़ दो..पल्लज़्ज़्ज़...
फिर दीपा ने काजल की तरफ देखा तो उसके गले से खून निकलना बंद हो गया...
"अब बोल..."
कामिनी- मैं और मेरी बेहन सिर्फ़ प्रॉपर्टी के लिए कर रही है ..
"इससे अंकित का क्या लेना देना.."
कामिनी- सब बताती हूँ...मेरी और मेरे भाई-बेहन की सारी प्रॉपर्टी असल मे अंकित के डॅड के नाम है...
"कैसे...???"
कामिनी- क्योकि ..हमारी प्रॉपर्टी अंकित के दादाजी के पास गिरबी रखी थी ....फिर क़र्ज़ ना देने की वजह से वो उनके नाम हो गई...और उन्होने आकाश के नाम कर दी ...
"तो इसमे अंकित कहाँ से आया...तू उसके पीछे क्यो है.."
कामिनी- क्योकि आकाश ने सब अंकित के नाम किया है...अगर आकाश को कुछ हुआ तो सब अंकित के नाम होगा...और अंकित ही नही रहेगा तो कोई नही पूछने वाला...
कामिनी अपने रूम मे निसचिंत हो कर सो रही थी....तभी उसके घर के बाहर धुआ उठा और गार्ड बेहोश हो गया....
आज फिर पिछली बार जैसा ही महॉल था...
पहले तेज हवा के चलने का शोर...फिर चारों तरफ धुआ छाना...और फिर कामिनी के रूम मे धुए की एंट्री...
कामिनी के रूम मे जैसे ही आवाज़ें बड़ी तो कामिनी की आँख खुल गई...
लेकिन आज कामिनी पहले से सतर्क थी...आवाज़ आते ही उसने अपने तकिये के नीचे रखी पिस्टल को हाथ मे ले लिया...पर डर आज भी उस भर हावी था...
कामिनी-क्क..कॉन..है...सामने आओ...
सामने से एक आवाज़ के साथ धुआ उठा और उसके बीच से दीपा ख़तनाक हसी हँसते हुए सामने आ गई...
"मैं आ गई कामिनी"
आज दीपा की आवाज़ मे एक साथ 2 आवाज़े निकल कर आ रही थी.....
कामिनी- त्त..तुम...क्यो आई हो...जाओ यहाँ से...
"आज नही...आज तो सब जान कर ही जाउन्गी...वरना...हहेहहे"
कामिनी- वरना..क्या वरना...
दीपा का चेहरा फिर गुस्से से लाल होने लगा...
"वरना...तेरी बेटी गई...हहहे..."
कामिनी- उससे पहले तू जायगी...
और कामिनी ने बेड पर बैठ कर पिस्टल दीपा की तरफ तान दी...
"तू पागल है क्या....इससे इंसान मरते है...मरे हुए नही...हहहे...."
कामिनी- जानती हूँ..और तू भी इंसान है...ये भी जानती हूँ...
"हहहे....ग़लतफहमी है तेरी...."
कामिनी- तो वो अभी दूर कर देती हूँ...
फाइयर...फाइयर...हहेहहे...फाइयर..फाइयर...हहेहहे...
फिर रूम मे गोलिया चलने और ख़तरनाक हसी की आवाज़ आती रही...
कामिनी ने पूरी पिस्टल खाली कर दी पर उसके सामने खड़ी दीपा हँसती रही...उसे कोई फ़र्क नही पड़ा...
ये देख कर कामिनी की फटी की फटी रह गई...अब उसे यकीन हो गया कि सामने कोई इंसान नही...बल्कि भूत खड़ा है....
ये सोचते ही कामिनी बुरी तरह से डर गई...तभी दीपा गुस्से से बोली...
"तूने जो करना था कर लिया...अब देख...मैं क्या करती हूँ..."
और फिर धुआ फिर से बढ़ा और दीपा गायब हो गई...
कामिनी(डरते हुए)- द्द्द...दीपा...मुझे माफ़ कर दे...प्लीज़...दीएप्प्पाअ....प्पल्लज़्ज़्ज़...
थोड़ी देर तक कामिनी हाथ जोड़ कर मिन्नते करती रही ...
थोड़ी देर बाद फिर से धुआ छाँटा और दीपा सामने आ गई...
कामिनी- दीपा...मुझे माफ़ कर दे...जाओ यहाँ से ..प्लीज़...
"मुझे बस वो वजह बता...जिसके लिए तू अंकित की फॅमिली की दुश्मन है..."
कामिनी- तुझे उससे क्या...
"तू ऐसे नही मानेगी..तो ये देख.."
इतना कहते ही दीपा के बाजू मे कामिनी की बेटी काजल आ गई...जो सोई हुई थी...
कामिनी- क्क्क..क्काजल...नही...दीपा...इसे छोड़ दे..प्लीज़....
"तो बता..वरना..."
कामिनी- प्लीज़...दीपा..छोड़ दे इसे...
"तू ऐसे नही मानेगी...तो फिर देख.."
और दीपा के बोलते ही अचानक से काजल के गले से खून निकलना सुरू हो गया...
कामिनी(रोते हुए)- प्लीज़..दीपा...मेरी बेटी को छोड़ दे...प्लीज़...
"तो बता फिर...नही तो.."
कामिनी- म्म..मैं सब बताती हूँ...मेरी बेटी को छोड़ दो..पल्लज़्ज़्ज़...
फिर दीपा ने काजल की तरफ देखा तो उसके गले से खून निकलना बंद हो गया...
"अब बोल..."
कामिनी- मैं और मेरी बेहन सिर्फ़ प्रॉपर्टी के लिए कर रही है ..
"इससे अंकित का क्या लेना देना.."
कामिनी- सब बताती हूँ...मेरी और मेरे भाई-बेहन की सारी प्रॉपर्टी असल मे अंकित के डॅड के नाम है...
"कैसे...???"
कामिनी- क्योकि ..हमारी प्रॉपर्टी अंकित के दादाजी के पास गिरबी रखी थी ....फिर क़र्ज़ ना देने की वजह से वो उनके नाम हो गई...और उन्होने आकाश के नाम कर दी ...
"तो इसमे अंकित कहाँ से आया...तू उसके पीछे क्यो है.."
कामिनी- क्योकि आकाश ने सब अंकित के नाम किया है...अगर आकाश को कुछ हुआ तो सब अंकित के नाम होगा...और अंकित ही नही रहेगा तो कोई नही पूछने वाला...