hotaks444
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फिर रूबी कपड़े पहन कर लाइब्ररी से निकल गई और मैने लाइब्ररी मे ही थोड़ा रेस्ट किया और फिर फ्रेश हो कर कॅंटीन मे आ गया...जहा संजू और अकरम मेरी ही राह देख रहे थे...
अकरम- कहाँ था भाई...
संजू(मुस्कुरा कर)- किसी को चोद रहा था क्या...??
मैं- चुप साले....ये स्कूल है...यहाँ तो देख कर बोला कर...
संजू- अबे यहाँ क्या प्राब्लम है...आधे से ज़्यादा यही करते है...
मैं- ह्म्म..चल छोड़...ये बता...अब क्या प्लान है...
अकरम- यार...मेरा तो मन है कि मस्त बियर पीते हुए ड्राइव पर चलते है...बहुत दिन हो गये ऐसे घूमे हुए...
मैं- ओह...आइडिया अच्छा है...
संजू- हाँ...और खाने को चिकन ले लेते है...
मैं- ह्म्म..तो चलो...सब ले कर मेरे फार्महाउस तक चलते है...घूमना भी हो जायगा और मैं फार्म के काम को भी देख लूँगा...क्या कहते हो...
अकरम- कहना क्या है...चल फिर...
और हमने सब सामान लिया और बियर पीते हुए फार्महाउस निकल गये.....
अकरम- ऊहह बेबी....व्हट आ डे ...
मैं- क्या हुआ साले...कुछ ज़्यादा ही खुश हो गया....
अकरम- यस ब्रो...आज पुरानी यादे ताज़ा ही गई....
संजू- हाँ यार...कितने दिनो बाद....बियर,कार न्ड फ्रेंड....
मैं- सही कहा....एंजोइई....
हम तीनो कार मे बैठे बियर उड़ाते हुए फुल स्पीड से जा रहे थे...ड्राइवर अकरम बना था...
अकरम- हे दोस्तो...एक और खास बात है ....
मैं- अब क्या...
अकरम- कल रात मैने...
मैं- रुक क्यो गया...बोल ना...
अकरम- कल रात मैने रूही की ले ली....फिनाल्लयययी...
संजू- वाह रे शेर...चीररसस्स...
मैं- डाट्स लाइक माइ फ्रेंड....च्षरर्र्स...
अकरम- हहूउर्रीई...
और तभी अचानक एक कार हमे कट मारते हुए निकल गई...
उस कार का पिछला हिस्सा थोड़ा सा हमारी कार के आगे टकराया और हमारी कार कंट्रोल से बाहर हो कर रोड के नीचे चली गई...
अकरम- हीय्य...ब्बीन्चोद....
संजू- मादर्चोद...रुक...
मैं- ओये...संभाल साले...सामने पेड़ है...
अकरम , मैं और संजू- मर गये....
और धडाम की आवाज़ के साथ कार रुक गई...पर किस्मत अच्छी थी...पेड़ से टकराने के जस्ट पहले मैने हॅंड ब्रेक पुल कर दिया...जिससे कार स्किट हो गई...
तब भी कार पेड़ से टकराई...पर सामने से नही...साइड से...क्योकि कार घूम गई थी....
फिर भी टक्कर इतनी तेज थी कि हम तीनो हिल गये ...और संजू तो बेहोश ही हो गया .....
आज पहली बार पता चला कि शीटबेल्ट बाँधने का कितना फ़ायदा है....
मैं और अकरम तो आगे बैठे शीटबेल्ट बाँधे थे...तो हमे कोई दिक्कत नही हुई...
बट संजू पीछे बैठा था...और टक्कर लगने से उसका सिर टकरा गया और वो बेहोश हो गया....
थोड़ी देर तक हम मे से किसी की आवाज़ नही निकली...फिर अकरम बोला...
अकरम- भाइयो...सब ठीक है ना...
मैं- एयेए...शायद...बच गये...उऊहह...
अकरम- हाँ...बच ही गये...
फिर हम दोनो ने बेल्ट खोले और बाहर निकलने के लिए कदम उठाए तो हमारी आह निकल गई....
असल मे हम दोनो के पैरो मे चोट आ गई थी...
मैं- आअहह...मर गया...
अकरम- साला पैरो का तो बुरा हाल है...छोड़ूँगा नही साले को...
मैं- चल निकल तो पहले...और संजू तू भी ...
और मैने संजू को देखा तो वो बेहोश पड़ा था...
मैं- ओह माइ गॉड...इसे क्या हो गया...पानी दे अकरम.....
अकरम- पानी...पानी नही है..ये ले...
और अकरम ने बियर संजू के मुँह पर डाल दी...और संजू झटपटा कर उठ गया....
संजू- मर गया...मर गया....बचाओ...
मैं- अबे साले..जिंदा है तू...चल बाहर निकल...
फिर हम बाहर निकले और सभी उस कार वाले को गालियाँ बकने लगे....
अकरम- आख़िर था कौन मदर्चोद...और हमसे क्या दुश्मनी थी ...
संजू- साला मारना ही चाहता था क्या...बेन्चोद...
मैं- रिलॅक्स यार...शायद कोई दारू पी कर ड्राइव कर रहा था...ज़्यादा मत सोचो...ऐसा हो जाता है...
अकरम- हां...हो तो सकता है ..
मैं- फिलहाल हमे यहाँ से निकल कर हॉस्पिटल जाना चाहिए...हमारे पैर तो चेक करा ले...और इस संजू का सिर भी...साला बेहोश हो गया था...
अकरम- हाहाहा...सही कहा...चल फिर...ऊहह...दर्द हो रहा है...
संजू- पर हम जाएँगे कैसे...यहाँ तो कोई दिख भी नही रहा...वेट करो और क्या...
मैं- ह्म..वेट ही करते है...मैं आता हूँ ...धार मार लूँ...
फिर मैने उन दोनो से दूर आया और अपने आदमी को कॉल किया...
( कॉल पर )
स- हाँ अंकित...
मैं- मेरी बात सुनो....
स- तुम्हारी बोलने की टोन....सब ठीक है ना..
मैं- सुनो..बताता हूँ...
और फिर मैने सब कुछ बता दिया...
स- क्या...ये तुम्हारे लिए था...पर किसने किया...और हो कहाँ तुम...ठीक तो हो...
मैं- हाँ..मैं ठीक हू..और मेरे दोस्त भी...बस थोड़ा पैर मे चोट है बस...
स- मैं आता हूँ...कहा हो तुम...
मैं- आपको नही आना...बस किसी और को भेज दो...और मैं...ह्म्म..अपने फार्महाउस के पास ही हूँ...रोड पर ही दिख जाउन्गा...बस कार भेज दो...पर आप नही आना...ओके..
स- ओके...अभी भेजता हूँ...और तुम ये बताओ कि तुमने कार देखी थी...कौन चला रहा था...या नंबरप्लेट...कुछ देखा था....
मैं- बस इतना याद है कि ब्लू कलर की होंडासिटी थी...और कुछ नही देखा...वो आपको पता करना है.
स- ओके...मैं 2 दिन मे ढूँढ निकालूँगा...तुम अभी घर जाओ...बाकी मैं देख लूँगा...
मैं- ओके..बाइ...
फिर कॉल कट करने के बाद लगभग 20-25 मिनट मे कार आ गई और हम हॉस्पिटल पहुच गये...और चेक-अप करा कर हम अपने घर निकल गये....
अकरम- कहाँ था भाई...
संजू(मुस्कुरा कर)- किसी को चोद रहा था क्या...??
मैं- चुप साले....ये स्कूल है...यहाँ तो देख कर बोला कर...
संजू- अबे यहाँ क्या प्राब्लम है...आधे से ज़्यादा यही करते है...
मैं- ह्म्म..चल छोड़...ये बता...अब क्या प्लान है...
अकरम- यार...मेरा तो मन है कि मस्त बियर पीते हुए ड्राइव पर चलते है...बहुत दिन हो गये ऐसे घूमे हुए...
मैं- ओह...आइडिया अच्छा है...
संजू- हाँ...और खाने को चिकन ले लेते है...
मैं- ह्म्म..तो चलो...सब ले कर मेरे फार्महाउस तक चलते है...घूमना भी हो जायगा और मैं फार्म के काम को भी देख लूँगा...क्या कहते हो...
अकरम- कहना क्या है...चल फिर...
और हमने सब सामान लिया और बियर पीते हुए फार्महाउस निकल गये.....
अकरम- ऊहह बेबी....व्हट आ डे ...
मैं- क्या हुआ साले...कुछ ज़्यादा ही खुश हो गया....
अकरम- यस ब्रो...आज पुरानी यादे ताज़ा ही गई....
संजू- हाँ यार...कितने दिनो बाद....बियर,कार न्ड फ्रेंड....
मैं- सही कहा....एंजोइई....
हम तीनो कार मे बैठे बियर उड़ाते हुए फुल स्पीड से जा रहे थे...ड्राइवर अकरम बना था...
अकरम- हे दोस्तो...एक और खास बात है ....
मैं- अब क्या...
अकरम- कल रात मैने...
मैं- रुक क्यो गया...बोल ना...
अकरम- कल रात मैने रूही की ले ली....फिनाल्लयययी...
संजू- वाह रे शेर...चीररसस्स...
मैं- डाट्स लाइक माइ फ्रेंड....च्षरर्र्स...
अकरम- हहूउर्रीई...
और तभी अचानक एक कार हमे कट मारते हुए निकल गई...
उस कार का पिछला हिस्सा थोड़ा सा हमारी कार के आगे टकराया और हमारी कार कंट्रोल से बाहर हो कर रोड के नीचे चली गई...
अकरम- हीय्य...ब्बीन्चोद....
संजू- मादर्चोद...रुक...
मैं- ओये...संभाल साले...सामने पेड़ है...
अकरम , मैं और संजू- मर गये....
और धडाम की आवाज़ के साथ कार रुक गई...पर किस्मत अच्छी थी...पेड़ से टकराने के जस्ट पहले मैने हॅंड ब्रेक पुल कर दिया...जिससे कार स्किट हो गई...
तब भी कार पेड़ से टकराई...पर सामने से नही...साइड से...क्योकि कार घूम गई थी....
फिर भी टक्कर इतनी तेज थी कि हम तीनो हिल गये ...और संजू तो बेहोश ही हो गया .....
आज पहली बार पता चला कि शीटबेल्ट बाँधने का कितना फ़ायदा है....
मैं और अकरम तो आगे बैठे शीटबेल्ट बाँधे थे...तो हमे कोई दिक्कत नही हुई...
बट संजू पीछे बैठा था...और टक्कर लगने से उसका सिर टकरा गया और वो बेहोश हो गया....
थोड़ी देर तक हम मे से किसी की आवाज़ नही निकली...फिर अकरम बोला...
अकरम- भाइयो...सब ठीक है ना...
मैं- एयेए...शायद...बच गये...उऊहह...
अकरम- हाँ...बच ही गये...
फिर हम दोनो ने बेल्ट खोले और बाहर निकलने के लिए कदम उठाए तो हमारी आह निकल गई....
असल मे हम दोनो के पैरो मे चोट आ गई थी...
मैं- आअहह...मर गया...
अकरम- साला पैरो का तो बुरा हाल है...छोड़ूँगा नही साले को...
मैं- चल निकल तो पहले...और संजू तू भी ...
और मैने संजू को देखा तो वो बेहोश पड़ा था...
मैं- ओह माइ गॉड...इसे क्या हो गया...पानी दे अकरम.....
अकरम- पानी...पानी नही है..ये ले...
और अकरम ने बियर संजू के मुँह पर डाल दी...और संजू झटपटा कर उठ गया....
संजू- मर गया...मर गया....बचाओ...
मैं- अबे साले..जिंदा है तू...चल बाहर निकल...
फिर हम बाहर निकले और सभी उस कार वाले को गालियाँ बकने लगे....
अकरम- आख़िर था कौन मदर्चोद...और हमसे क्या दुश्मनी थी ...
संजू- साला मारना ही चाहता था क्या...बेन्चोद...
मैं- रिलॅक्स यार...शायद कोई दारू पी कर ड्राइव कर रहा था...ज़्यादा मत सोचो...ऐसा हो जाता है...
अकरम- हां...हो तो सकता है ..
मैं- फिलहाल हमे यहाँ से निकल कर हॉस्पिटल जाना चाहिए...हमारे पैर तो चेक करा ले...और इस संजू का सिर भी...साला बेहोश हो गया था...
अकरम- हाहाहा...सही कहा...चल फिर...ऊहह...दर्द हो रहा है...
संजू- पर हम जाएँगे कैसे...यहाँ तो कोई दिख भी नही रहा...वेट करो और क्या...
मैं- ह्म..वेट ही करते है...मैं आता हूँ ...धार मार लूँ...
फिर मैने उन दोनो से दूर आया और अपने आदमी को कॉल किया...
( कॉल पर )
स- हाँ अंकित...
मैं- मेरी बात सुनो....
स- तुम्हारी बोलने की टोन....सब ठीक है ना..
मैं- सुनो..बताता हूँ...
और फिर मैने सब कुछ बता दिया...
स- क्या...ये तुम्हारे लिए था...पर किसने किया...और हो कहाँ तुम...ठीक तो हो...
मैं- हाँ..मैं ठीक हू..और मेरे दोस्त भी...बस थोड़ा पैर मे चोट है बस...
स- मैं आता हूँ...कहा हो तुम...
मैं- आपको नही आना...बस किसी और को भेज दो...और मैं...ह्म्म..अपने फार्महाउस के पास ही हूँ...रोड पर ही दिख जाउन्गा...बस कार भेज दो...पर आप नही आना...ओके..
स- ओके...अभी भेजता हूँ...और तुम ये बताओ कि तुमने कार देखी थी...कौन चला रहा था...या नंबरप्लेट...कुछ देखा था....
मैं- बस इतना याद है कि ब्लू कलर की होंडासिटी थी...और कुछ नही देखा...वो आपको पता करना है.
स- ओके...मैं 2 दिन मे ढूँढ निकालूँगा...तुम अभी घर जाओ...बाकी मैं देख लूँगा...
मैं- ओके..बाइ...
फिर कॉल कट करने के बाद लगभग 20-25 मिनट मे कार आ गई और हम हॉस्पिटल पहुच गये...और चेक-अप करा कर हम अपने घर निकल गये....