hotaks444
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[font=Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]निशा अपने पापा की गोद में बैठ तो गयी | मगर उसके चूतडों में दलीप का लंड बुरी तरह से चुभ रहा था इसलिए वो बार बार वहां से उठने की कोशिश कर रही थी |
"क्या हुआ बेटी बार बार क्यों उठ रही हो" दलीप ने अपनी बेटी को कमर से पकडे हुए ही कहा , “कुछ नहीं पापा बस ऐसे ही" निशा अपने पापा का सवाल सुनकर शर्म से पानी पानी होते हुए बोली ...... और मजबूरन वो अब बिना हिले अपने पिता की गोद में बैठी रही |
निशा को महसूस हो रहा था कि उसके पापा का लंड उसके चुप होकर बैठने के बाद बुरी तरह से उसके चूतडों के बीच घुसकर चुभ रहा था | निशा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, "बेटी तुम्हें पता है बचपन में तुम मेरी गोद में बैठकर ही खाना खाती थी“ दलीप ने निशा के चुप होकर बैठने के बाद अपने हाथ को उसकी कमर से लेजाकर उसके चिकने पेट पर रखते हुए कहा ........!
अगर आपको यह कहानी पसंद आये तो कमेंट जरुर दीजिएगा ...........[/font]
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abpunjabiPro MemberPosts: 181Joined: 21 Mar 2017 22:18Contact:
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Re: निशा के पापा ( INCEST)[/font]
[font=Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]Unread post by abpunjabi » 05 Apr 2017 13:45[/font]
निशा ने अपने पापा की बात का कोई जवाब नहीं दिया और चुप चाप वहीँ पर बैठी रही | अचानक दलीप ने अपना मुंह निशा की पीठ पर रख दिया और वो अपने हाथ को अपनी बेटी के जवान चिकने पेट पर फेरने लगा | अपने पिता के हाथ को अपने पेट और उसके मुंह को अपनी पीठ पर महसूस करके निशा की सांसें बहुत जोर से चलने लगी और उसे अपने पूरे जिस्म में अजीब किस्म की सिहरन का एहसास होने लगा |
निशा भी अब गरम होने लगी थी और उसे अपने पिता की हरकतों से मज़ा आ रहा था | निशा इतना गर्म हो गई थी कि अब वो खुद अपने चूतडों को जोर लगा कर अपने पिता के लंड पर दबा कर हिला रही थी , “बेटी तुमने तो आज मुझे तेरे बचपन की याद दिला दी , तू बता तुम्हें केसा महसूस हो रहा है ?” दलीप ने अपनी बेटी के चूतडों के हिलने से खुश होते हुए उससे सवाल किया |
"पापा मुझे अच्छा लग रहा है " निशा ने सिर्फ इतना कहा | निशा की बात सुनकर दलीप को जैसे ग्रीन सिग्नल मिल गया | इसीलिए दलीप ने अब अपने हाथ को अपनी बेटी के चिकने पेट से फिसलाते हुए ऊपर उसकी चुचियों के करीब ले जाने लगा | अपने पापा के हाथ को अपनी चुचियों की तरफ जाते हुए देखकर निशा की सांसें बहुत जोर से चलने लगी और उसका दिल अगले पल के बारे में सोचकर बहुत जोर से धडकने लागा |
दलीप का हाथ उसकी बेटी की चुचियों के बिलकुल नज़दीक पहुंच चूका था और वो अपने हाथ को बिना रोके ऊपर करता जा रहा था | निशा महसूस कर रही थी कि उसके पिता का हाथ जैसे जैसे उसकी चुचियों के करीब हो रहा था वैसे वैसे उसका लंड जोर के झटके खा रहा था और उसकी सांसें तेज़ होती जा रही थी |
"नहीं पापा बस" अचानक निशा को जाने क्या हुआ |उसने अपने हाथ को अपने पापा के हाथ पर रख दिया और उसके हाथ को अपनी चुचियों के पास ही रोक दिया , "अरे सॉरी बेटी मैं तो भूल ही गया कि हमारी बेटी जवान हो चुकी है , लगता है अब तुम्हारे लिए जल्दी ही कोई दूल्हा ढूँढना पड़ेगा” दलीप ने निशा के हाथ को अपने हाथ पर पड़ते ही कहा |
“पापा अब मैं जाऊं?" निशा ने तेज़ सांसें लेते हुए पूछा | “बेटी बस एक बार मुझे तुम एक किस दे दो ,जैसे बचपन में टॉफ़ी लेने के बाद देती थी”, दलीप ने अपनी बेटी के पेट से अपने हाथ को हटाते हुए कहा |
“पापा मुझसे नहीं होगा , मुझे शर्म आ रही है", निशा ने जल्दी से अपने पिता की गोद से उठकर उसके करीब ही सोफे पर बैठते हुए कहा |
निशा की हालत बहुत खराब हो चुकी थी | उसकी चूत से उतेजना के मारे पानी टपक रहा था |
"बेटी अपने पिता से कैसी शर्म ? ठीक है अगर तुम शर्मा रही हो , तो मैं ही तुम्हें किस कर देता हूँ" दलीप ने निशा की बात सुन कर खुश होते हुए कहा |
अपने पिता की बात सुनकर निशा की हालत और ज्यादा खराब होने लगी क्योंकि अब दलीप खुद उसे किस करने वाला था |
"क्या हुआ बेटी बार बार क्यों उठ रही हो" दलीप ने अपनी बेटी को कमर से पकडे हुए ही कहा , “कुछ नहीं पापा बस ऐसे ही" निशा अपने पापा का सवाल सुनकर शर्म से पानी पानी होते हुए बोली ...... और मजबूरन वो अब बिना हिले अपने पिता की गोद में बैठी रही |
निशा को महसूस हो रहा था कि उसके पापा का लंड उसके चुप होकर बैठने के बाद बुरी तरह से उसके चूतडों के बीच घुसकर चुभ रहा था | निशा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, "बेटी तुम्हें पता है बचपन में तुम मेरी गोद में बैठकर ही खाना खाती थी“ दलीप ने निशा के चुप होकर बैठने के बाद अपने हाथ को उसकी कमर से लेजाकर उसके चिकने पेट पर रखते हुए कहा ........!
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Re: निशा के पापा ( INCEST)[/font]
[font=Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]Unread post by abpunjabi » 05 Apr 2017 13:45[/font]
निशा ने अपने पापा की बात का कोई जवाब नहीं दिया और चुप चाप वहीँ पर बैठी रही | अचानक दलीप ने अपना मुंह निशा की पीठ पर रख दिया और वो अपने हाथ को अपनी बेटी के जवान चिकने पेट पर फेरने लगा | अपने पिता के हाथ को अपने पेट और उसके मुंह को अपनी पीठ पर महसूस करके निशा की सांसें बहुत जोर से चलने लगी और उसे अपने पूरे जिस्म में अजीब किस्म की सिहरन का एहसास होने लगा |
निशा भी अब गरम होने लगी थी और उसे अपने पिता की हरकतों से मज़ा आ रहा था | निशा इतना गर्म हो गई थी कि अब वो खुद अपने चूतडों को जोर लगा कर अपने पिता के लंड पर दबा कर हिला रही थी , “बेटी तुमने तो आज मुझे तेरे बचपन की याद दिला दी , तू बता तुम्हें केसा महसूस हो रहा है ?” दलीप ने अपनी बेटी के चूतडों के हिलने से खुश होते हुए उससे सवाल किया |
"पापा मुझे अच्छा लग रहा है " निशा ने सिर्फ इतना कहा | निशा की बात सुनकर दलीप को जैसे ग्रीन सिग्नल मिल गया | इसीलिए दलीप ने अब अपने हाथ को अपनी बेटी के चिकने पेट से फिसलाते हुए ऊपर उसकी चुचियों के करीब ले जाने लगा | अपने पापा के हाथ को अपनी चुचियों की तरफ जाते हुए देखकर निशा की सांसें बहुत जोर से चलने लगी और उसका दिल अगले पल के बारे में सोचकर बहुत जोर से धडकने लागा |
दलीप का हाथ उसकी बेटी की चुचियों के बिलकुल नज़दीक पहुंच चूका था और वो अपने हाथ को बिना रोके ऊपर करता जा रहा था | निशा महसूस कर रही थी कि उसके पिता का हाथ जैसे जैसे उसकी चुचियों के करीब हो रहा था वैसे वैसे उसका लंड जोर के झटके खा रहा था और उसकी सांसें तेज़ होती जा रही थी |
"नहीं पापा बस" अचानक निशा को जाने क्या हुआ |उसने अपने हाथ को अपने पापा के हाथ पर रख दिया और उसके हाथ को अपनी चुचियों के पास ही रोक दिया , "अरे सॉरी बेटी मैं तो भूल ही गया कि हमारी बेटी जवान हो चुकी है , लगता है अब तुम्हारे लिए जल्दी ही कोई दूल्हा ढूँढना पड़ेगा” दलीप ने निशा के हाथ को अपने हाथ पर पड़ते ही कहा |
“पापा अब मैं जाऊं?" निशा ने तेज़ सांसें लेते हुए पूछा | “बेटी बस एक बार मुझे तुम एक किस दे दो ,जैसे बचपन में टॉफ़ी लेने के बाद देती थी”, दलीप ने अपनी बेटी के पेट से अपने हाथ को हटाते हुए कहा |
“पापा मुझसे नहीं होगा , मुझे शर्म आ रही है", निशा ने जल्दी से अपने पिता की गोद से उठकर उसके करीब ही सोफे पर बैठते हुए कहा |
निशा की हालत बहुत खराब हो चुकी थी | उसकी चूत से उतेजना के मारे पानी टपक रहा था |
"बेटी अपने पिता से कैसी शर्म ? ठीक है अगर तुम शर्मा रही हो , तो मैं ही तुम्हें किस कर देता हूँ" दलीप ने निशा की बात सुन कर खुश होते हुए कहा |
अपने पिता की बात सुनकर निशा की हालत और ज्यादा खराब होने लगी क्योंकि अब दलीप खुद उसे किस करने वाला था |