hotaks444
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रीत भी चुंबन में रेहान का पूरा साथ दे रही थी. रेहान के हाथ रीत के सलवार में क़ैद गोल गोल चुतड़ों पे घूम रहे थे जिसकी वजह से रीत के जिस्म में मदहोशी छाने लगी थी और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. रेहान का हाथ पूरी गरम्जोशी के साथ रीत के शरीर पे घूम रहा था. अचानक रेहान ने उसे अपने उपर से उतारकर अपने नीचे दबा लिया और ऐसा करते वक़्त रीत के जिस पैर में चोट लगी थी वो रेहान की टाँग के दवाब में आ गया और रीत ज़ोर से चिल्लाई. रीत के एकदम इतना चिल्लाने से रेहान डर गया और रीत के उपर से उठ गया और बोला.
रेहान-क्या हुआ डार्लिंग.
रीत ने दर्द से कराहते हुए कहा.
रीत-रेहान आपने मेरा पैर दबा दिया. आअहह
रेहान ने रीत का पैर हाथ में पकड़ा और उसे चूमने लगा.
रीत को रेहान की ये हरकत देखकर हसी आ गई वो कुछ पल के लिए अपना दर्द भूल कर रेहान को ही देखने में खो गई वो कितने प्यार से उसका पैर चूम रहा था. रेहान ने जब उसका पैर छोड़ा तो उसे फिरसे दर्द का एहसास हुआ और वो कराहने लगी.
रेहान-डार्लिंग आइ एम सॉरी मुझे ख्याल नही रहा तुम्हारे पैर का. अगर दर्द ज़्यादा है तो डॉक्टर के पास चले क्या.
रीत-कोई बात नही रेहान शायद कम हो जाए दर्द.
रीत को पेशाब आ रहा था और उसने रेहान को शरमाते हुए कहा.
रीत-मुझे वॉशरूम जाना है.
रेहान-अरे तो हम किस लिए है जानू.
और इतना कहकर रेहान ने रीत को गोद में उठा लिया और वॉशरूम की तरफ चल पड़ा.
रेहान-बहुत भारी हो डार्लिंग थोड़ा कम खाया करो.
रीत-मैं भारी कहाँ हूँ आप हो मोटे कहीं के.
रेहान ने रीत को लेज़ा कर टाय्लेट सीट पे बिठा दिया. और दरवाज़े का पास आकर खड़ा हो गया.
रीत ने उसे दरवाज़े के पास खड़ा देखा तो कहा.
रीत-रेहान आप बाहर जाओ ना प्लीज़.
रेहान-अरे डार्लिंग मुझसे क्या शरमाना. ऐसे ही करो ना मुझे तुम्हे पेशाब करते देखना है.
रीत का चेहरा शरम से लाल हो गया.
रीत-प्लीज़ रेहान जाओ ना मुझे बहुत ज़ोर से बाथरूम लगी है.
रेहान-तो कर लो ना डार्लिंग.
रीत को कंट्रोल करना मुश्क़िल हो रहा था. आख़िर उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और पैंटी के साथ सलवार को थोड़ा सा नीचे किया और जल्दी से टाय्लेट सीट पे बैठ गई और पेशाब करने लगी. रेहान को बस थोड़ी सी झलक रीत की गोरी जाँघ की मिली उसने देखा की रीत ने अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पे रखे हुए थे और पेशाब कर रही थी. रेहान अंदर जाकर बिल्कुल उसके सामने खड़ा हो गया. रीत ने पेशाब करने के बाद जैसे ही अपने हाथ चेहरे के उपर से हटाए तो सामने रेहान को देखकर चौंक गई और जल्दी से उठ कर सलवार और पैंटी उपर खीचने लगी. मगर रेहान ने उसे सफल नही होने दिया और उसके दोनो हाथ अपने हाथों में जाकड़ लिए. अब रीत रेहान के सामने खड़ी थी और उसकी सलवार सरक कर उसके पैरों में गिर चुकी थी. और उसकी रेड पैंटी उसकी जांघों में अटकी हुई थी. रीत अपने हाथ छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थी मगर असफल थी. रीत की गोरी गोरी जंघें देखकर रेहान के मूह में पानी भर आया था.
रीत-प्लीज़ रेहान छोड़ो ना मुझे दर्द हो रहा है.
मगर रेहान ने उसकी एक ना सुनते हुए उसके हाथ छोड़ कर रीत की कमीज़ दोनो तरफ से पकड़ी और उसे उपर खीच दिया. अब रीत के मम्मे बस कमीज़ में छिपे थे और उसके नीचे रीत पैरों तक नंगी थी बस एक रेड कलर की पैंटी उसकी गोरी जांघों में अटकी हुई थी. रीत का पूरा शरीर शरम की वजह से काँप रहा था और उसका चेहरा सुरख लाल हो गया था. अब रेहान के हाथ रीत के नंगे चुतड़ों पे घूमने लगे थे और रीत उसकी गिरफ़्त में कसमसा रही थी. रेहान बहुत ज़ोर ज़ोर से रीत के नगन शरीर पे घूम रहे थे. वो मदहोश होकर रेहान के होंठ चूसने में खोई हुई थी. रेहान ने अपना एक हाथ आगे किया और रीत की चूत पे फिराने लगा. चूत पे हाथ लगते ही रीत सिकुड सी गयी. उसने अपनी दोनो जंघें पूरी तरह से आपस में कस ली. मगर रेहान का हाथ रीत की जांघों के नरम मास को दबाता हुया उसकी चूत तक पहुच ही गया. रेहान ने एक उंगली रीत की गीली हो चुकी चूत में डाल दी और रीत ने एकदम कमर के पास से अपने चूतड़ पीछे की तरफ किए ताकि वो उंगली उसकी चूत में ना जा सके. मगर रेहान ने दूसरा हाथ रीत के चुतड़ों पे रखा और उसे अपनी तरफ खीच लिया. रीत रेहान के साथ सट गई और रेहान की उंगली रीत की चूत के अंदर पहुच गई. वो पहले धीरे धीरे उंगली अंदर करता रहा. रीत की सिसकियाँ पूरे वॉशरूम में गूंजने लगी. रेहान की उंगली अब पूरी स्पीड के साथ रीत की चूत में जाने लगी. और रीत उसकी उंगली का प्रहार ना सहते हुए झड़ने लगी. उसने रेहान को कस कर पकड़ लिया और उसकी चूत में से उसका प्रेमरस निकल कर उसकी जांघों पे बहने लगा.
रीत को अब थोड़ा होश आया तो उसने कहा.
रीत-प्लीज़ रेहान ये सब मत करो. मेरा पैर बहुत दर्द करने लगा है.
काफ़ी देर से वो खड़ी थी इसलिए पैर पे उसका पूरा बोझ आया हुआ था जिसकी वजह से उसका पैर बहुत दर्द करने लगा.
रीत-प्लीज़ रेहान अब कुछ मत करना मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
रेहान ने भी सोचा जल्दबाजी काम बिगाड़ सकती है.
रेहान-ओके डार्लिंग जैसा तुम कहो.
उसने रीत की पैंटी और सलवार पकड़ कर उपर खींच दी और रीत ने सलवार का नाडा बाँध लिया. जैसे ही रीत ने एक कदम आगे रखना चाहा तो उसे पता नही क्या हुआ वो धडाम से एक तरफ को गिर गयी.
रीत भी चुंबन में रेहान का पूरा साथ दे रही थी. रेहान के हाथ रीत के सलवार में क़ैद गोल गोल चुतड़ों पे घूम रहे थे जिसकी वजह से रीत के जिस्म में मदहोशी छाने लगी थी और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. रेहान का हाथ पूरी गरम्जोशी के साथ रीत के शरीर पे घूम रहा था. अचानक रेहान ने उसे अपने उपर से उतारकर अपने नीचे दबा लिया और ऐसा करते वक़्त रीत के जिस पैर में चोट लगी थी वो रेहान की टाँग के दवाब में आ गया और रीत ज़ोर से चिल्लाई. रीत के एकदम इतना चिल्लाने से रेहान डर गया और रीत के उपर से उठ गया और बोला.
रेहान-क्या हुआ डार्लिंग.
रीत ने दर्द से कराहते हुए कहा.
रीत-रेहान आपने मेरा पैर दबा दिया. आअहह
रेहान ने रीत का पैर हाथ में पकड़ा और उसे चूमने लगा.
रीत को रेहान की ये हरकत देखकर हसी आ गई वो कुछ पल के लिए अपना दर्द भूल कर रेहान को ही देखने में खो गई वो कितने प्यार से उसका पैर चूम रहा था. रेहान ने जब उसका पैर छोड़ा तो उसे फिरसे दर्द का एहसास हुआ और वो कराहने लगी.
रेहान-डार्लिंग आइ एम सॉरी मुझे ख्याल नही रहा तुम्हारे पैर का. अगर दर्द ज़्यादा है तो डॉक्टर के पास चले क्या.
रीत-कोई बात नही रेहान शायद कम हो जाए दर्द.
रीत को पेशाब आ रहा था और उसने रेहान को शरमाते हुए कहा.
रीत-मुझे वॉशरूम जाना है.
रेहान-अरे तो हम किस लिए है जानू.
और इतना कहकर रेहान ने रीत को गोद में उठा लिया और वॉशरूम की तरफ चल पड़ा.
रेहान-बहुत भारी हो डार्लिंग थोड़ा कम खाया करो.
रीत-मैं भारी कहाँ हूँ आप हो मोटे कहीं के.
रेहान ने रीत को लेज़ा कर टाय्लेट सीट पे बिठा दिया. और दरवाज़े का पास आकर खड़ा हो गया.
रीत ने उसे दरवाज़े के पास खड़ा देखा तो कहा.
रीत-रेहान आप बाहर जाओ ना प्लीज़.
रेहान-अरे डार्लिंग मुझसे क्या शरमाना. ऐसे ही करो ना मुझे तुम्हे पेशाब करते देखना है.
रीत का चेहरा शरम से लाल हो गया.
रीत-प्लीज़ रेहान जाओ ना मुझे बहुत ज़ोर से बाथरूम लगी है.
रेहान-तो कर लो ना डार्लिंग.
रीत को कंट्रोल करना मुश्क़िल हो रहा था. आख़िर उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और पैंटी के साथ सलवार को थोड़ा सा नीचे किया और जल्दी से टाय्लेट सीट पे बैठ गई और पेशाब करने लगी. रेहान को बस थोड़ी सी झलक रीत की गोरी जाँघ की मिली उसने देखा की रीत ने अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पे रखे हुए थे और पेशाब कर रही थी. रेहान अंदर जाकर बिल्कुल उसके सामने खड़ा हो गया. रीत ने पेशाब करने के बाद जैसे ही अपने हाथ चेहरे के उपर से हटाए तो सामने रेहान को देखकर चौंक गई और जल्दी से उठ कर सलवार और पैंटी उपर खीचने लगी. मगर रेहान ने उसे सफल नही होने दिया और उसके दोनो हाथ अपने हाथों में जाकड़ लिए. अब रीत रेहान के सामने खड़ी थी और उसकी सलवार सरक कर उसके पैरों में गिर चुकी थी. और उसकी रेड पैंटी उसकी जांघों में अटकी हुई थी. रीत अपने हाथ छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थी मगर असफल थी. रीत की गोरी गोरी जंघें देखकर रेहान के मूह में पानी भर आया था.
रीत-प्लीज़ रेहान छोड़ो ना मुझे दर्द हो रहा है.
मगर रेहान ने उसकी एक ना सुनते हुए उसके हाथ छोड़ कर रीत की कमीज़ दोनो तरफ से पकड़ी और उसे उपर खीच दिया. अब रीत के मम्मे बस कमीज़ में छिपे थे और उसके नीचे रीत पैरों तक नंगी थी बस एक रेड कलर की पैंटी उसकी गोरी जांघों में अटकी हुई थी. रीत का पूरा शरीर शरम की वजह से काँप रहा था और उसका चेहरा सुरख लाल हो गया था. अब रेहान के हाथ रीत के नंगे चुतड़ों पे घूमने लगे थे और रीत उसकी गिरफ़्त में कसमसा रही थी. रेहान बहुत ज़ोर ज़ोर से रीत के नगन शरीर पे घूम रहे थे. वो मदहोश होकर रेहान के होंठ चूसने में खोई हुई थी. रेहान ने अपना एक हाथ आगे किया और रीत की चूत पे फिराने लगा. चूत पे हाथ लगते ही रीत सिकुड सी गयी. उसने अपनी दोनो जंघें पूरी तरह से आपस में कस ली. मगर रेहान का हाथ रीत की जांघों के नरम मास को दबाता हुया उसकी चूत तक पहुच ही गया. रेहान ने एक उंगली रीत की गीली हो चुकी चूत में डाल दी और रीत ने एकदम कमर के पास से अपने चूतड़ पीछे की तरफ किए ताकि वो उंगली उसकी चूत में ना जा सके. मगर रेहान ने दूसरा हाथ रीत के चुतड़ों पे रखा और उसे अपनी तरफ खीच लिया. रीत रेहान के साथ सट गई और रेहान की उंगली रीत की चूत के अंदर पहुच गई. वो पहले धीरे धीरे उंगली अंदर करता रहा. रीत की सिसकियाँ पूरे वॉशरूम में गूंजने लगी. रेहान की उंगली अब पूरी स्पीड के साथ रीत की चूत में जाने लगी. और रीत उसकी उंगली का प्रहार ना सहते हुए झड़ने लगी. उसने रेहान को कस कर पकड़ लिया और उसकी चूत में से उसका प्रेमरस निकल कर उसकी जांघों पे बहने लगा.
रीत को अब थोड़ा होश आया तो उसने कहा.
रीत-प्लीज़ रेहान ये सब मत करो. मेरा पैर बहुत दर्द करने लगा है.
काफ़ी देर से वो खड़ी थी इसलिए पैर पे उसका पूरा बोझ आया हुआ था जिसकी वजह से उसका पैर बहुत दर्द करने लगा.
रीत-प्लीज़ रेहान अब कुछ मत करना मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
रेहान ने भी सोचा जल्दबाजी काम बिगाड़ सकती है.
रेहान-ओके डार्लिंग जैसा तुम कहो.
उसने रीत की पैंटी और सलवार पकड़ कर उपर खींच दी और रीत ने सलवार का नाडा बाँध लिया. जैसे ही रीत ने एक कदम आगे रखना चाहा तो उसे पता नही क्या हुआ वो धडाम से एक तरफ को गिर गयी.