hotaks444
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में उसके पूरे बदन पर अपने होठों से किस करता हूँ....उसकी चूत तक पहुँच गया था....मैने अपनी जीभ से नीरा की चूत को कुरेदना शुरू कर दिया....नीरा की चूत किसी गरम भट्टी की तरह भाप छोड़ रही थी....उसकी ये गरमी मेरे चेहरे पर बर्दाश्त नही हो रही थी....
मैने उसकी टांगे फैलाई और अपना लिंग उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार झटका लगा दिया....मेरा ऐसा करते ही नीरा ज़ोर ज़ोर से चीखते हुए मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गढ़ाने लग जाती है....
कुछ पल रुक कर में नीरा को दर्द से बाहर आने देता हूँ....और जब वो थोड़ा नौरमल होती है....में एक और झटका लगा कर अपना पूरा लिंग नीरा की चूत में उतार देता हूँ....मेरे इस हमले से नीरा दर्द से बिलबिला उठती है ....वो ज़ोर ज़ोर से चीखते हुए मेरे चेहरे पर थप्पड़ मारने लग जाती है.....
दर्द मुझे भी हो रहा था ....उसकी चूत की गर्मी मेरे लिंग को झुलसा रही थी....ऐसा लग रहा था जैसे तेज़ाब डाल दिया हो मैने अपने लिंग पर....एक जलन के साथ साथ बेपनाह दर्द मुझे भी महसूस हो रहा था....
लेकिन में धीरे धीरे नीरा की चूत मे अपना लिंग लगातार अंदर बाहर किए जा रहा था.....नीरा का चेहरा पूरा लाल हो चुका था...दर्द की वजह से उसकी बंद आँखो मे से भी आँसुओ की धारा फूट पड़ी थी....मैने धीरे धीरे झटके लगाते हुए नीरा के होंठो को चूसना शुरू किया....
मेरा इस तरह से करने से उसका दर्द अब धीरे धीरे कम हो रहा था....अब वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लग गयी थी....20 मिनिट्स तक चले इस खेल मे नीरा 2 बार झड चुकी थी और अब मेरा भी वक़्त आ गया था....में अपने झटको की स्पीड बढ़ाता हुआ नीरा पर हावी हो रहा था.....तभी सारे बाँध एक साथ टूट पड़े....मेरा लावा नीरा की चूत की गहराईयो में उतरता चला गया....साथ ही साथ नीरा ने भी अपना चरम सुख पा लिया था....वो एक के बाद एक कयि झटके खाती हुई लगातार झड़ने लगी थी उसका झड़ना बंद ही नही हो रहा था....वो लागातार बस झड़े ही जा रही थी....उसकी चूत से निकलता हुआ बेशुमार रस पूरे बेड पर फैलने लग गया था....और इस के साथ एक जोरदार चीख के साथ वो पूरी तरह से झड गयी....मुल्टीपल ओर्गज़म उसे पहली बार में ही हो गया था.....में ये सोच कर हैरान था कि कुछ लोग इस सुख को सारी ज़िंदगी नही पा पाते....और नीरा ने इस सुख को पहली बार में ही पा लिया...
नीरा बेहोश हो चुकी थी इस तरह झड़ने के बाद में वहाँ से उठा और एक तेज पुक्क्क की आवाज़ के साथ मेरा लिंग भी नीरा की चूत मे से बाहर आ गया था.....
पूरे बेड पर खून ही खून फैला हुआ था...मेरा लिंग भी खून से सना हुआ था....मेरा लिंग बुरी तरह से सूज गया था....और उसमें से लगातार खून निकल रहा था....मेरे लिंग का टांका भी अब टूट चुका था....में वहाँ से उठ कर एक टवल उस बाथ टब के गर्म पानी में डुबो कर नीरा की चूत को अच्छे से सॉफ करता हूँ....गरम पानी नीरा से लगते ही उसकी आँखे खुल जाती है और एक दर्द भरी कराह के साथ मुझे देखने लग जाती है....
वो उठने की कोशिश करती है लेकिन में उसे अपनी बाहो में उठाकर उस गरम पानी से भरे बाथ टब मे लेटा देता हूँ....और अपने लिंग को अच्छे से पोछ कर अपने कपड़े पहनने लग जाता हूँ....बेड पर से चादर उठा कर उसे साइड में रख देता हूँ....और शमा की तरफ देख कर उसे आवाज़ लगा देता हूँ....
शमा अभी भी बेड का सहारा लेकर मेरी तरफ पीठ करके बैठी हुई थी....
में--शमा उठो यहाँ से अब चलने का वक़्त हो गया है ....
शमा जैसे ही मेरी तरफ पलटती है उसके आँसुओ से भरा हुआ चेहरा मेरे दिल में आग लगा देता है....वो वहाँ से उठ कर मेरे पैरो मे गिरकर रोने लग जाती है.....
शमा--भैया मुझे माफ़ कर दो....मेरी वजह से आपको अपना मिलन एक ऐसी जगह करना पड़ा जिसकी छाया भी शरीफ लोग अपने घर पर पड़ने नही देते....
में शमा को अपने पैरों में से उठाकर अपने सीने से लगा लेता हूँ....और कहता हूँ....
में--शमा तुझे यहाँ से निकालने के लिए में कुछ भी कर सकता था....लेकिन सब से बड़ा बलिदान जो किसी ने आज दिया है वो है नीरा....मेरी बहन मेरी पत्नी....इसीकि वजह से आज हम साथ रह पाएँगे....
शमा--क्या कहा आपने बहन....??
में--हाँ शमा नीरा मेरी छोटी सग़ी बहन है....लेकिन अब ये मेरी पत्नी है....हम लोग इसकी पढ़ाई के बाद शादी करना चाहते थे लेकिन तुन्हे यहाँ से निकालने के लिए ये बिना सोचे समझे ही तैयार हो गयी....
शमा मेरी बात सुनते ही नीरा की तरफ दौड़ पड़ी और उसका हाथ अपने हाथो में लेकर रोते हुए उसको प्यार करने लगी....
नीरा--शमा अब तुन्हे रोना नही है....अब तो तुम्हारे खुशियो के दिन आ गये है...अब जल्दी ही हम यहाँ से बाहर निकल जाएँगे....लेकिन एक प्राब्लम है....
में--अब क्या बाकी रह गया नीरा....कौनसी प्राब्लम की बात कर रही हो तुम....
मैने उसकी टांगे फैलाई और अपना लिंग उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार झटका लगा दिया....मेरा ऐसा करते ही नीरा ज़ोर ज़ोर से चीखते हुए मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गढ़ाने लग जाती है....
कुछ पल रुक कर में नीरा को दर्द से बाहर आने देता हूँ....और जब वो थोड़ा नौरमल होती है....में एक और झटका लगा कर अपना पूरा लिंग नीरा की चूत में उतार देता हूँ....मेरे इस हमले से नीरा दर्द से बिलबिला उठती है ....वो ज़ोर ज़ोर से चीखते हुए मेरे चेहरे पर थप्पड़ मारने लग जाती है.....
दर्द मुझे भी हो रहा था ....उसकी चूत की गर्मी मेरे लिंग को झुलसा रही थी....ऐसा लग रहा था जैसे तेज़ाब डाल दिया हो मैने अपने लिंग पर....एक जलन के साथ साथ बेपनाह दर्द मुझे भी महसूस हो रहा था....
लेकिन में धीरे धीरे नीरा की चूत मे अपना लिंग लगातार अंदर बाहर किए जा रहा था.....नीरा का चेहरा पूरा लाल हो चुका था...दर्द की वजह से उसकी बंद आँखो मे से भी आँसुओ की धारा फूट पड़ी थी....मैने धीरे धीरे झटके लगाते हुए नीरा के होंठो को चूसना शुरू किया....
मेरा इस तरह से करने से उसका दर्द अब धीरे धीरे कम हो रहा था....अब वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लग गयी थी....20 मिनिट्स तक चले इस खेल मे नीरा 2 बार झड चुकी थी और अब मेरा भी वक़्त आ गया था....में अपने झटको की स्पीड बढ़ाता हुआ नीरा पर हावी हो रहा था.....तभी सारे बाँध एक साथ टूट पड़े....मेरा लावा नीरा की चूत की गहराईयो में उतरता चला गया....साथ ही साथ नीरा ने भी अपना चरम सुख पा लिया था....वो एक के बाद एक कयि झटके खाती हुई लगातार झड़ने लगी थी उसका झड़ना बंद ही नही हो रहा था....वो लागातार बस झड़े ही जा रही थी....उसकी चूत से निकलता हुआ बेशुमार रस पूरे बेड पर फैलने लग गया था....और इस के साथ एक जोरदार चीख के साथ वो पूरी तरह से झड गयी....मुल्टीपल ओर्गज़म उसे पहली बार में ही हो गया था.....में ये सोच कर हैरान था कि कुछ लोग इस सुख को सारी ज़िंदगी नही पा पाते....और नीरा ने इस सुख को पहली बार में ही पा लिया...
नीरा बेहोश हो चुकी थी इस तरह झड़ने के बाद में वहाँ से उठा और एक तेज पुक्क्क की आवाज़ के साथ मेरा लिंग भी नीरा की चूत मे से बाहर आ गया था.....
पूरे बेड पर खून ही खून फैला हुआ था...मेरा लिंग भी खून से सना हुआ था....मेरा लिंग बुरी तरह से सूज गया था....और उसमें से लगातार खून निकल रहा था....मेरे लिंग का टांका भी अब टूट चुका था....में वहाँ से उठ कर एक टवल उस बाथ टब के गर्म पानी में डुबो कर नीरा की चूत को अच्छे से सॉफ करता हूँ....गरम पानी नीरा से लगते ही उसकी आँखे खुल जाती है और एक दर्द भरी कराह के साथ मुझे देखने लग जाती है....
वो उठने की कोशिश करती है लेकिन में उसे अपनी बाहो में उठाकर उस गरम पानी से भरे बाथ टब मे लेटा देता हूँ....और अपने लिंग को अच्छे से पोछ कर अपने कपड़े पहनने लग जाता हूँ....बेड पर से चादर उठा कर उसे साइड में रख देता हूँ....और शमा की तरफ देख कर उसे आवाज़ लगा देता हूँ....
शमा अभी भी बेड का सहारा लेकर मेरी तरफ पीठ करके बैठी हुई थी....
में--शमा उठो यहाँ से अब चलने का वक़्त हो गया है ....
शमा जैसे ही मेरी तरफ पलटती है उसके आँसुओ से भरा हुआ चेहरा मेरे दिल में आग लगा देता है....वो वहाँ से उठ कर मेरे पैरो मे गिरकर रोने लग जाती है.....
शमा--भैया मुझे माफ़ कर दो....मेरी वजह से आपको अपना मिलन एक ऐसी जगह करना पड़ा जिसकी छाया भी शरीफ लोग अपने घर पर पड़ने नही देते....
में शमा को अपने पैरों में से उठाकर अपने सीने से लगा लेता हूँ....और कहता हूँ....
में--शमा तुझे यहाँ से निकालने के लिए में कुछ भी कर सकता था....लेकिन सब से बड़ा बलिदान जो किसी ने आज दिया है वो है नीरा....मेरी बहन मेरी पत्नी....इसीकि वजह से आज हम साथ रह पाएँगे....
शमा--क्या कहा आपने बहन....??
में--हाँ शमा नीरा मेरी छोटी सग़ी बहन है....लेकिन अब ये मेरी पत्नी है....हम लोग इसकी पढ़ाई के बाद शादी करना चाहते थे लेकिन तुन्हे यहाँ से निकालने के लिए ये बिना सोचे समझे ही तैयार हो गयी....
शमा मेरी बात सुनते ही नीरा की तरफ दौड़ पड़ी और उसका हाथ अपने हाथो में लेकर रोते हुए उसको प्यार करने लगी....
नीरा--शमा अब तुन्हे रोना नही है....अब तो तुम्हारे खुशियो के दिन आ गये है...अब जल्दी ही हम यहाँ से बाहर निकल जाएँगे....लेकिन एक प्राब्लम है....
में--अब क्या बाकी रह गया नीरा....कौनसी प्राब्लम की बात कर रही हो तुम....