hotaks444
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रात को तकरीबन 11.30-12 बजे जंगल मे ही कही....एक नक़ाब पोश के सामने 4 आदमीीयो की घिघी बँधी हुई थी...
एक--मेरी इस में कोई ग़लती नही है.....जैसा आपने उस सीढ़ी को काटने की बोला मैने वैसा ही किया था....
नक़ाबपोश--जैसा मैने कहा अगर वैसा करते तो 70 किलो के आदमी की जगह 40 किलो की लड़की नही गिरती वहाँ से.....तुम लोग आलसी हो गये हो एक काम भी ढंग से नही होता तुम लोगो से...,
दूसरा आदमी--हमे लगा था पहले लड़की उतरेगी इस लिए. थोड़ा कम काटा सीढ़ी को हमने...अगली बार बच नही पाएगा वो लड़का हम से.....
नक़ाबपोश--अगली बार का मोका अब तुम लोगो को नही मिलेगा......धाय.....धाय....एक के बाद एक 4 फाइयर उस नक़ाब पॉश की रिवॉलव ने कर दिए....और वो चारो जहाँ खड़े थे वही लुढ़क गये....
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एक--मेरी इस में कोई ग़लती नही है.....जैसा आपने उस सीढ़ी को काटने की बोला मैने वैसा ही किया था....
नक़ाबपोश--जैसा मैने कहा अगर वैसा करते तो 70 किलो के आदमी की जगह 40 किलो की लड़की नही गिरती वहाँ से.....तुम लोग आलसी हो गये हो एक काम भी ढंग से नही होता तुम लोगो से...,
दूसरा आदमी--हमे लगा था पहले लड़की उतरेगी इस लिए. थोड़ा कम काटा सीढ़ी को हमने...अगली बार बच नही पाएगा वो लड़का हम से.....
नक़ाबपोश--अगली बार का मोका अब तुम लोगो को नही मिलेगा......धाय.....धाय....एक के बाद एक 4 फाइयर उस नक़ाब पॉश की रिवॉलव ने कर दिए....और वो चारो जहाँ खड़े थे वही लुढ़क गये....
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