Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र - Page 8 - SexBaba
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Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तृतीय अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]खूबसूरत युवा सहेलिया[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -20[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हुमा के साथ मस्तिया जारी हैं. .[/font]




[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब सब चले गए तो उनके जाते ही मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे। फिर रोज़ी मेरे पास आयी और मुझे बताया कि हुमा ने अपना नाश्ता नहीं किया है क्योंकि वह नाश्ते के समय खाने की इच्छुक नहीं थी। मैं उसके साथ गया और हमारे दोपहर के भोजन के लिए कुछ चीजों का चयन किया॥ इसमें बहुत सारे फल हैं, कटे हुए पके हुए आम, अंगूर केले और स्ट्रॉबेरी के साथ अन्य विदेशी फल, चॉकलेट, केक, दूध के शेक और शहद, भारतीय मिठाईया, और साथ में रोज़ी ने हमारे लिए विशेष रूप से जो हलवा बनाया था ले लिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हुमा को अपने दोपहर के भोजन का आनंद लेने के लिए कहा, लेकिन उसने कहा कि वह भूखी नहीं है। तो मैंने उसे खाने के लिए फल दिए, लेकिन उसने वह भी नहीं खाया, इसलिए मैंने कहा कि मुझे तुम्हें खिलाने दो। मैंने उससे आँखें बंद करने के लिए कहा और अगर वह आंखों को खोलेगी तो उसे दंडित किया जाएगा। उसे फिर उसे वह बस्तु प्लेट भर के खानी व पड़ेगी, जिसको खाने की वह पहली बार में अनिच्छुक थी। हुमा ने इस योजना पर कुछ ज़्यादा उत्साह नहीं दिखाया और बोली मैं बहुत कम ही खाती हूँ। मैंने कहा अच्छा दोनों मिल कर खाते हैं और मुझ पर भरोसा करो। वह बोली मैंने तो आपको आपने सब कुछ सौंप दिया है आप पर भरोसा नहीं करूंगी तो कहाँ जाऊँगी। तो मैंने उसे ठोस मिल्क शेक पीने को दिया जो उसने बहुत थोड़ा-सा पिया और बोली बस। मैं ज़्यादा दूध नहीं पीती।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस बात पर मैंने उसके ओंठ को चूमा और उसके मुंह में मेरे मुंह से एक अंगूर पारित कर दिया। और उसने उसे पकड़ा एक दंश खाने के बाद बाक़ी हिस्सा वापस मेरे मुंह में धकेल दिया और बोली अच्छा जैसा आप कहो। तो यह अनुमान लगाते हुए कि मैं उसे खाने पिलाने की योजना को कैसे पूरा करने जा रहा हूँ, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने एक आम का टुकड़ा अपने होंठों में लिया और उसके मुँह में धकेल दिया। उसने थोड़ी मात्रा में खा लिया और वापस मेरे मुँह में आधा घुसाने की कोशिश की लेकिन मैंने उसे वापस कर दिया। उसने उसे पूरा खा लिया और मैंने एक और टुकड़ा दिया तो उसने वह पूरा मेरे मुँह में धकेल दिया जिसे मैंने भी खा लिया और उसने फिर मुझसे कहा। तुम ऐसे मेरी आदत खराब कर दोगे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उससे कहा कि मेरे प्यार तुम हो ही बिगाड़ने लायक और आप इस सप्ताह में बिगड़ जाने के लिए तैयार रहें। इसके बाद मैंने उसे बहुत सारे स्ट्रॉबेरी, अंगूर और फिर तरबूज और अन्य फल दिए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसे खिलाने के लिए एक चम्मच का उपयोग कर सकता था, लेकिन मैंने उसको ऐसे ही आने हाथ और मुँह से खिलाने का फ़ैसला किया। उसके और भी करीब चला गया। वह सचमुच मेरे हाथ और मुँह से खा रही थी। मैं उसे खिलाते हुए हर बार खाने और फलो के कुछ टुकड़े उसके स्तनों के बीच की जगह गिरा देता था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने मेरे होंठो पर एक गहरा चुंबन दे दिया। मैं उसे मेरे हाथ और मेरे मुंह के साथ खिला रहा था, मैंने मुँह भर के एक ग्रास ले लिया और उसके मुंह में गहरे चुंबन में धक्का दे दिया। हमारे लार और भोजन का संयोजन हमें एक उन्माद में मिला, मैं उसे खिला और सान रहा था। उसके बड़े-बड़े गोल स्तन खाने से सान गए थे, और निप्पल उत्तेजना से उभर गए थे, जिन्हें मैंने मुँह में लेकर ख़ूब चूसा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने एक चाकलेट का पैकेट फाड़ा, चाकलेट को अपने मुँह में रखा और अपने मुंह को हुमा के मुंह के पास लाया! चाकलेट देख हुमा के मुंह में पानी आ गया और हुमा भी आगे बढ़ कर मेरे मुंह से चाकलेट खाने लगी। अब मैंने मुंह से सारी चाकलेट अपने और हुमा के मुंह पर लगा दी, मैं हुमा के मुंह पर लगी चाकलेट खाने लगा, हुमा भी मेरे मुंह पर लगी चाकलेट चाटने लगी, हमने चाट-चाट कर एक दूसरे का मुंह साफ़ किया।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]fix my json[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे पीने के लिए कुछ मिल्क शेक दिया लेकिन उसने बहुत कम मात्रा में पिया और मुँह बनाते हुए बोली कि उसे दूध पसंद नहीं है। फिर मैंने केक के शहद ऊपर डाला और उसे अपने मुँह से खिलाया। जिसे हमने आधा-आधा खाया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने एक छोटी-सी हरी मिर्च ली और हुमा के ओंठो को मिर्च से छुआ और फिर उसके मुँह में डाल दी। मुँह में मिर्ची के जाते ही वह ज़ोर से चिल्लाई! लेकिन उसने आँखें नहीं खोलीं। वह रोती चिलाती हुई बोल रही थी है जल गयी, मेरा मुँह जल गया मेरी जीभ जल गयी। उह! आह! मर गयी, उसने हरी मिर्च को इस डर से थूक नहीं दिया कि उसे ज़्यादा मिर्ची खानी पड़ सकती है और उसने मुझसे कुछ मीठा माँगा। मैंने उसे दूध का शेक दिया। जिसे उसने ख़ूब पीया और बोली मेरा मुँह और जीभ जल गयी और फिर मैंने उसे अपनी जीभ बाहर निकालने के लिए कहा। उसकी जीभ पर बहुत सारा शहद डाल। उसने कुछ राहत महसूस की। लेकिन शहद उसके चेहरे, स्तन और जाँघों पर फैल गया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे गले लगाया और मेरे शरीर के खिलाफ उसे दबाया और परिणामस्वरूप कुछ शह्द मेरी छाती और जांघो पर लग गई।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसके ओंठो को चूमना शुरू किया और फिर उसके चेहरे और स्तन पर लगे शहद को चाटा और फिर उसकी जांघों को भी चाटा और बोला अब आँखे खोल कर मुझे देखो उसने आँखे खोली और मुस्कुरायी उसकी मुस्कराहट बहुत भोली, मनमोहन और सुंदर थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम फिर किस करने लग गए। बता नहीं, ये सब कितना कामुक था। मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था, मैं उसे देखता रहा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने शैम्पेन के दो गिलास बनाये और हम दोनों ने अपने सुखद और मजे के नाम पर एक जाम उठाया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद हुमा को मैं अपने हाथ से खाना खिला रहै था और हमने शैम्पेन के जाम उठाये।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने शैम्पेन की बोतल को उठाया और उसके बूब्स पर दो बार उड़ेल दिए। उसने मुझे आश्चर्य से देखने लगी ये क्या कर रहे हो? वह मेरी हर हरकत देख रही थी।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं बस मुस्कुरा दिया और झुक कर चाटने लगा और उसके बाद मैं बस उसके स्तन और निप्पलों को चाटता और चूसता रहा। मैं बता सकता था कि वह उत्तेजित हो रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपना सिर बग़ल में घुमाया और नीचे की ओर उसकी चूत की तरफ़ बढ़ा। मैं उसकी चूत के होठों को नमी और शैंपेन की बूंदों जो उसकी चूत और जाँघों तक छिटक गई थी से चमकती हुई देख रहा था। मैं उसको चूमते हुए नीचे उसकी नाभि और यनि के आस पास चूमते हुए उसकी योनि को चूमा और फिर चाटने लगा। उसकी योनि के रस और शैम्पेन के मिले जुले रस का स्वाद अध्भुत था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसकी गंध सूंघ का महसूस कर सकता हूँ उसका शरीर सम्भोग के लिए त्यार था क्योंकि ऐसे समय में दोनों के शरीर से एक ख़ास गंध निकलती है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे लिए यह गंध थी जारी रखने के लिए एक निमंत्रण थी और मैंने वही किया। मैंने उसकी योनि की गहराई में अपनी जीभ उतार दी और उसे चाटा। उसकी योनि की उंगलियों से खोलते हुए अपनी जीभ से योनि की गहराई की तहों को महसूस करते हुए उसकी कामुकता का नमकीन और शराब मिला तीखा स्वाद चखा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा हाथ उसके स्तन और उसके नितम्बो तक चला गया। मेरा हाथ और नीचे गया, दाएँ और बाएँ नितम्बो के बीच की दरार में होती हुई मेरी उंगलियाँ उसके गीलेपन की ओर बढ़ रही थीं। मैंने उसकी योनि में आगे से एक उंगली डाली, और उसकी योनि की संकरी दीवारी की दृढ़ता को महसूस किया। और उसके मुँह से मेरे लंड को निकालने से पहले उसे उत्तेजित करने के लिए उसकी योनि के दाने को सहलाना शुरू कर दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं फिर उसकी चूत को चाटने लगा। मैंने हुमा को पीछे होने और मेरे लिए अपनी टाँगे फैलाने के लिए कहा। जो उसने किया, उसके अपने हाथो ने उसकी योनि के होंठों तक पहुँच कर, उन्हें अलग किया ताकि मैं अपने चेहरे को उसके अंदर और गहराई से डुबो सकूँ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर वह बोली प्लीज दीपक! अब और मत तड़पाओ अब मेरे अंदर अपना लंड घुसा डालो और मुझे चोदो! कस कर ज़ोर से चोदो। प्लीज अब जल्दी करो। मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा। अब आ जाओ मेरे अंदर। वह गिड़गिड़ाने लगी।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझेलगा अब इसे और तड़पाना ठीक नहीं है और मेरा लंड भी फटने को हो रहा था। मैंने अपने लंड पर शैम्पेन की बोतल से थोड़ी-सी शराब में भिगोया और उसके छेद पर रख कर एक धक्का लगा दिया। । उसकी योनि अब कौमार्य के प्रतिरोध के बिना मेरे लंड का स्वागत किया और मेरा लंड उस ज़ोर दार धक्के के कारण उसकी योनि दीवारों से रगड़ खाता हुआ जड़ में समा गया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हाय! उई माँ मर गई। । आह्ह्ह! उईईई! आह्ह! ऊओऊऊच! ऊउई! इम्म्मां! उम्म्ह्ह्ह![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो बोली फाड़ ही डालोगे क्या। आराम से करो। वह बोली आराम से घुसाया करो फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ा कर ज़ोर से किया करो। मैंने कहा अच्छा अब आराम से करूंगा और उसे किश किया। जिसका उसने गर्मजोशी से जवाब दिया। और फिर मेरी कमर चलने लगी और वह भी लये से लये मिला कर साथ देने लगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे धक्को के गति और ताकत बढ़ती गयी और जल्द ही हम दोनों एक साथ चरमोत्कर्ष पर पहुँच गए। मैंने योनि में ढेर सारी पिचकारियाँ मारी, और उसकी चूत ने भी संकुचन करते हुए मेरे लंड से मेरे वीर्य की एक-एक बूँद निचोड़ ली और मैं उसकी बाहो में समा कर उसके ऊपर ही लेट गया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चतुर्थ  अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लंदन जाने की  तयारी  [/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -1[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हुमा से जुदाई [/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं बोला नाश्ता ख़त्म होने के बाद, फूफा जी का फ़ोन आया और उन्हें आज के युवाओं के गैर जिम्मेदाराना रवैये के बारे में कुछ अविश्वसनीय, विडंबनापूर्ण टिप्पणी की और कहा कि बॉब को कुछ महत्त्वपूर्ण कागजात देने जाना था लेकिन बॉब उन्हें देना भूल गया है और फिर कहा: " दीपक, क्या आप मुझे उपकृत करने के लिए कुछ दर्जन मील जा पाएंगे। आप कृपया मेरी अलमारी में रखे कुछ गोपनीय कागजात को श्रीमती लिली नामक महिला तक पहुँचा दे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हामी भर दी, लेकिन मैंने देखा कि मेरे इस ब्यान से हुमा बहुत नाराज हो गयी थी। हुमा इस क़दर नाराज़ थी कि अब वह वापस जाना चाहती थी। मैंने उससे रुकने के लिए अनुरोध किया और जल्द ही वापस लौट आने का वादा किया, लेकिन वह इतनी नाराज थी कि उसने मुझे तुरंत उसके घर वापस जाने के लिए व्यवस्था करने के लिए कहा, मैंने उसे रोकने के लिए बहुत कोशिश की लेकिन सब कुछ व्यर्थ सिद्ध हुआ। उसने एक टैक्सी बुलाई और तुरंत निकल गईl[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तब तक मेरी टैक्सी भी दरवाजे पर आ गई, मैं तुरंत टैक्सी में बैठकर निकल गया। सफ़र के दौरान मेरे विचार बहुत कामुक थे  शायद इसलिए की मेरी योजना की अगले पूरे हफ्ते हुमा की चुदाई और चुदाई करूंगा पर पानी फिर गया था l इस बीच सफर में भी कुछ बहुत सुंदर लड़किया नजय आयी और उन्हें देख मैंने अपने लंड को मसला   जब मैं श्रीमती लिए के घर के प्रवेश द्वार पर पहुँचा तो मैं बहुत ज़्यादा काम उत्तेजित था गेटकीपर जल्द ही मुझे घर के अंदर ले गया और मेरी दस्तक का तुरंत एक गोरी और सुंदर युवा कन्या ने दरवाज़ा खोला। उसे  देख मैंने  फिर अपने लंड को मसला l[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]श्रीमती लिली घर पर थी और उस सुंदर युवा कन्या ने मुझे मैं ड्राइंग-रूम में बैठ कर इंतज़ार के लिए आग्रह किया, क्योंकि श्रीमती लिली अभी भी अपने शौचालय में थी और वह जल्द ही अपने निजी कक्ष में मुझसे भेंट करेंगी। इस विनम्र संदेश ने मेरे सभी रोमांटिक प्रेमपूर्ण विचारों को पुनर्जीवित कर दिया, जो मैंने अपने सफ़र में महसूस किये थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जल्द ही वह कन्या आयी और मुझे श्रीमती लिली के निजी कक्ष में ले गयी। जैसे ही मैंने उनके कक्ष में प्रवेश किया, मैंने पाया कि श्रीमती लिली लगभग तेईस साल की एक सुंदर गोरी महिला थी, उसने चेहरे की सबसे आकर्षक अभिव्यक्ति के साथ मेरा स्वागत किया, उसकी बड़ी, भरी, गहरी आँखो ने मन की बात को जान लिया क्योंकि उसने अपना हाथ बढ़ाया मेरा हाथ पकड़ा और यह कहते हुए मुझे अपने पास एक सीट पर खींच बिठा लिया, "तो, तुम दीपक हो, अपने अंकल को बोलना कि मुझे आपको देखकर बहुत प्रसन्नता हुई और आप अपने आपके पिता, अंकल और कजिन और चचेरे भाइयों से भी आकर्षक हैं।"[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर घंटी बजाते हुए, उसने जारी रखा, "आप सफ़र के बाद थक गए होंगे! क्या आप मेरे साथ एक कप चॉकलेट लेंगे? तब तक मैं आपके अंकल के कागजत को देखती हूँ" एक दराज खोलकर और कानूनी दस्तावेजों जैसे कागजों के कई बंडलों को मेज पर बिछाते हुए उन्हें देखने लगी। जैसे ही उस नौकरानी ने प्रवेश किया (वह वही बहुत सुंदर लड़की थी जिससे मैं श्रीमती लिली के यहाँ सबसे पहले मिला था। -" डेज़ी, दो कप चॉकलेट लाओ, कुछ बिस्कुट के साथ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जल्द ही वह कन्या आयी और मुझे श्रीमती लिली के निजी कक्ष में ले गयी। जैसे ही मैंने उनके कक्ष में प्रवेश किया, मैंने पाया कि श्रीमती लिली लगभग तेईस साल की एक सुंदर गोरी महिला थी, उसने चेहरे की सबसे आकर्षक अभिव्यक्ति के साथ मेरा स्वागत किया, उसकी बड़ी, भरी, गहरी आँखो ने मन की बात को जान लिया क्योंकि उसने अपना हाथ बढ़ाया मेरा हाथ पकड़ा और यह कहते हुए मुझे अपने पास एक सीट पर खींच बिठा लिया, "तो, तुम दीपक हो, अपने अंकल को बोलना कि मुझे आपको देखकर बहुत प्रसन्नता हुई और आप अपने आपके पिता, अंकल और कजिन और चचेरे भाइयों से भी आकर्षक हैं।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर घंटी बजाते हुए, उसने जारी रखा, "आप सफ़र के बाद थक गए होंगे! क्या आप मेरे साथ एक कप चॉकलेट लेंगे? तब तक मैं आपके अंकल के कागजत को देखती हूँ" एक दराज खोलकर और कानूनी दस्तावेजों जैसे कागजों के कई बंडलों को मेज पर बिछाते हुए उन्हें देखने लगी। जैसे ही उस नौकरानी ने प्रवेश किया (वह वही बहुत सुंदर लड़की थी जिससे मैं श्रीमती लिली के यहाँ सबसे पहले मिला था। -"डेज़ी, दो कप चॉकलेट लाओ, कुछ बिस्कुट के साथ," जब वह चली गयी तो वह बोली "आपको क्या लगता है डेज़ी एक सुन्दर लड़की नहीं है? मेरे पति के यहाँ वह मेरी शादी से भी पहली से सेवारत है। जब उन्होंने मुझसे शादी की तो ये बहुत छोटी थी । अब मेरे पति मुझसे दूर है; क्या आपको नहीं लगता कि एक युवा पत्नी को शादी के बाद ऐसे अकेला छोड़ना शर्म की बात है?"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे जवाब देने का मौका दिए बिना, वह काग़ज़ निकाल कर इधर उधर घूमती हुई जिज्ञासु तरीके से बोलते-बोलते चलती रही और वह ख़ुद को कागजात बिछाने और समझने में बहुत व्यस्त होने का ढोंग कर रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुछ देर बाद जब डेज़ी चॉकलेट ले आयी तो उसे दुसरी नौकरानी माधवी को यह बताने के आदेश के साथ बहहर भेज दिया गया कि उसकी मालकिन कुछ समय के लिए बहुत व्यस्त होगी और जब तक वह उसे पुकारती नहीं है तब तक उसे परेशान नहीं किया जाना चाहिए।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी गोरी मेजबान की सबसे आकर्षक बात ये थी क्योंकि वह अपने पारदर्शी गाउन में घूम रही थी, जो ऊपर से खुला था, जिससे उसकी आकर्षक दूधिया छाती के ऊपरी भाग प्रदर्शित हो रहे थे वह केवल पेट के पास एक डोरी से बढ़ा हुआ था और उसकी गोरी लम्बी और चिकनी टाँगे जिनमे उसने खूबसूरत चप्पलो के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर उसने थर्मस में से दो कप चॉकलेट उँडेली, उसमे कुछ ख़ास खुशबूदार पदार्थ डाला और मुझे उनमें से एक के साथ पेश करते हुए नरम लाउंज में मेरे साथ चिपक कर बैठ गयी। "इसे मेरी तरह एक घूँट में ख़त्म करो यह आपको एक-एक घूंट पीने और इसे ठंडा होने देने से कहीं अधिक अच्छा लगेगा।" उसने कहा ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसे देख कर इतना प्रभावित था कि मैं उसके मश्वरे को ताल ही नहीं सका और हम दोनों ने एक घूँट में चॉक्लेट के अपने प्याले को पिया और मैंने लगभग तुरंत ही अपनेबदन में कामुक गर्माहट का रोमांच महसूस किया और जब मैंने मेरे प्यारे साथी को देखा तो उसकी आँखें में एक अजीब कामुक आग से चमक रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चतुर्थ अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लंदन जाने की तयारी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -2[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सेक्सी मेजबान की टांग में क्रैम्प.  [/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली  ने मुझे कप पकड़ाने के लिए हाथ थोड़ा ऊपर किया तो उसकी गाउन उसकी छाती से थोड़ी दूर एक तरफ गिर गई और अब वो ऊपर से लगभग पूरी तरह से नंगी थी, और मैंने न केवल हाथीदांत के दो सबसे उत्कृष्ट गोल, पूर्ण और पॉलिश किए हुए सफ़ेद संगेमरमर के गोल स्तन देखे, बल्कि उस संगेमरमर के ऊपर सजा हुआ गुलाबी मूंगा भी देखा, जो उनमें से प्रत्येक को सुशोभित कर रहा था। मैंने देखा उसने मेरी नज़र की दिशा को पकड़ लिया था, लेकिन उसने अपना हाथ नीचे करने की कोई जल्दी नहीं थी, और मैंने ठीक अंदाजा लगाया कि उसके आकर्षणो का यह उदार प्रदर्शन किसी भी तरह से अनजाने में नहीं था।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तन जिन्हे मैं सहलाना और धीरे से दबाने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहता था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यह वास्तव में बहुत सुंदर थी और उस समय मेरे सामने अर्ध-नग्न थी और थोड़ा शर्मा रही थी। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो चमक रहे थे, उसके प्यारे चमकदार कंधे और उसकी उत्तम छाती लगभग पूरी तरह से नग्न थी! मैं अपनी आँखों को त्वचा के करीब ले गया तो मुझे दिखा की उसकी त्वचा की बनावट कितनी अच्छी थी। उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इसके साथ हर पल और अधिक साहसी होते हुए और श्रीमती लिलि के जोशपूर्ण स्वभाव का लाभ उठाते हुए मैं अपने हाथ से सुकि टांगो को सहलाते हुए उसकी जांघो तक ले गया तो मैंने पाया कि मेरे हाथ और उसके शरीर की चिकनी त्वचा के बीच बहुत हल्के मलमल के उस गाउन के अलावा और कुछ नहीं था। उसका चिकना बदन मुझे बहुत अच्छा लगा![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यह स्वाभाविक ही था एक सुंदर महिला के गर्म, धड़कते शरीर को अपनी बाहों में महसूस करने में कुछ ऐसा रोमांचकारी है कि न केवल मेरा खून अधिक तेजी से चला, बल्कि मुझे यह महसूस होने लगा कि मेरा लिंग जो हुमा के छोड़ जाने के कारण उदास और निराश था, वह मेरे हाथो के लिली की जांघो के संपर्क में आने के बाद जगने लगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके सुंदर स्तन गोल, मोटे और मज़बूत दिखने वाले थे। मैं उन प्यारे, प्यारे चुलबुले स्तनों को अपने कब्जे में लेना चाहता था ताकि मैं उन्हें अपने हाथ में के कर दबाने के बाद, उन्हें और उनके गुलाबी चुचकों को मेरे मुंह से चूसूं! उसकी जाँघों थोड़ी अलग हो गयी और उसकी गाउन उनके बीच गिर गई और उसने अपने स्तनों की गोलाई और सुंदर रूप को मुझे पूरी तरह से दिखाया, जिससे मेरी कामोतेजना और उसे पाने की इच्छा और अधिक भड़क गयी। वह जानती थी वह मुझे उत्तेजित कर रही है, क्योंकि वह मेरे उत्तेजित हृदय की धड़कन को मेरे तेज साँसों से महसूस कर सकती थी।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]russian characters[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आप मेरे पास सोफे पर बैठ जाइये," उसने इतनी मीठी आवाज़ में हँसते हुए कहा, " लेकिन अगर आप बुरा न मानें तो हम बिस्तर पर एक साथ बैठ सकते हैं![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"मुझे ख़ुशी होगी," मैंने कहा, "अगर आप बिना पीठ के सहारे बैठे रहेंगे तो आप थक तो नहीं जाओगी?"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"ओह!" उसने सबसे मासूम तरीके से कहा, "तुम बस मेरी कमर के चारों ओर अपना हाथ रखो, इससे फिर मुझे थकान महसूस नहीं होगी।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हालाँकि, मैं बैठ गया, जैसे उसने मुझे करने के लिए कहा था वैसा करते हुए और मैंने अपना बायाँ हाथ उसकी पतली कमर के चारों ओर खिसका दिया और उसे अपनी ओर थोड़ा-सा आलिंगन दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह!" उसने कहा, "यह सही है! मुझे कसकर पकड़ें! मुझे कसकर पकड़े रहना पसंद है!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी बातो से मुझे अंदाजा हो गया की उसका पति काफ़ी दिनों से यहाँ नहीं है और उसे अपने पति से दूर रहना अच्छा नहीं लग रहा है। उसकी पोशाक से दीखता हुआ उसका खूबसूरत अर्धनग्न बदन मुझे लुभा रहा था और वह मटक-मटक कर चल मुझे आकर्षित कर रही थी । फिर उसने नौकरो को भी बाहर भेज दिया था। अब हम दोनों बिलकुल अकेले थे, और उसकी आँखों में देखने के बाद काम देव मुझ में जाग गया थाl मैंने फटाफट खाली प्याला मेज पर रख दिया और अपनी बाजू उसके गले में डाल दी उसने मेरा चेहरा अपनी और किया तो मैंने उसके होंठ और गालों पर कई चुंबन जड़ते हुए अपने दूसरे हाथ से उसकी आमंत्रित करती हुई छाती को कब्जे में ले लियाl[/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]cursive font copy paste[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह शरमा गई और बोली, "ओह ओह! सर! आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं उसके हाथो में उसका चॉक्लेट का प्याला था?"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"प्रिय आप मेरी इस धृष्टता को क्षमा करें और आप परेशान न हो, वास्तव में इस कप के कारण ही मैं ये हिम्मत कर पाया हूँ और इस सहायता के लिए मैं आपका और इस कप का बहुत आभारी हूँl मैं आपकी सुंदरता के आकर्षण से कैसे बच सकता हूँ और आपको चुने और चूमने के लालच से ख़ुद को मैं बचा नहीं पाया हूँl मुझे पूरा विश्वास हैं आप मुझे इसके लिए क्षमा कर देंगी।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं खिसका और उसके सामने अपने घुटनों पर बैठ गया दिया और अपना चेहरा उसकी गोद में छुपा लिया, मैंने अपनी बाहों को उसकी कमर के चारों और लपेट दिया और उसके पूरे बदन को उत्तेजना के कारण से कांपता हुआ महसूस किया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, "आह! हाय! ओह! ओह! ओह! मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। ओह! ओह!" और हाथ से प्याला नीचे फेंक दिया। "ओह, दीपक प्लीज मुझे छोड़ दो! हाय मर गयी हाय ओह! अब इसकी मालिश करनी होगी!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब ये मेरे लिए एक शानदार मौका और आगे बढ़ने का भाग्यशाली अवसर था। "आप इतने भयानक दर्द में हैं और मैं मेडिकल का छात्र हूँ, कृपया आप मुझे अनुमति दे l" मैंने इस अवसर आका फायदा उठाने के लिए हिम्मत करते हुए उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया। अब तक मैंने कितनी ही लड़कियों की सुन्दर और प्यारी टाँगें देखीं है, लेकिन श्रीमती लिली की टाँगे अध्भुत थी और उन पर न कोई बाल न कोई दाग या चोट का निशाँ, कुछ भी नहीं था। गोरी चिकनी बेदाग़ और सुन्दर टाँगे देख मेरे बदन में आग लग गई थी।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अपनी उंगलियों को धीरे-धीरे फिराते हुए मैं अपने हाथ धीरे-धीरे ऊपर और ऊपर उनकी जांघो तक ले गया और ख़ुद को उनकी नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन करने से नहीं रोक सका। श्रीमती लिली ने एक गहरी कराह भरी और बोली, " ओह! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, मुझे बहुत नाज़ुक जगह पर दर्द हुआ था और वह ऐंठन अब दूर हो गई है और दर्द चला गया है। अगर आप नहीं होते तो पता नहीं मुझे कितनी देर ये कष्ट और सहना पड़ता ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"नहीं, नहीं, मैडम, आपकी खूबसूरत जांघों का तंत्रिका संकुचन मुझे विश्वास दिलाता है कि दर्द का केंद्र ऊपर है और वह दर्द कुछ ही क्षणों में फिर से वापस आ जाएगा, और आप कृपया मुझे पूरा मुआयाना करने दीजिये ताकि मैं इसका स्थायी इलाज़ कर सकूँ और आपको पूरी राहत मिले वास्तव में आपको इसके लिए मुझ से शर्म नहीं करनी चाहिए, क्योंकि मैं एक मेडिकल छात्र हूँ ।" हर पल और अधिक साहसी होते हुए और उसके जोशपूर्ण स्वभाव का लाभ उठाते हुए मैंने झट से जवाब दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]चतुर्थ अध्याय[/font][/size]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]लंदन जाने की तयारी[/font][/size]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]भाग -3[/font][/size]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large] सेक्सी मेजबान के साथ पहली बार संसर्ग [/font][/size]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह बोली "ओह दीपक! तुम वास्तव में एक बदमाश जवान  हो, तुम्हारे छुअन ने और चुंबन ने मुझे बेकरार कर दिया है, मैं एक सुन्दर छात्र का विरोध नहीं कर पा रही हूँ? ओह, दीपक, मैं तो केवल तुम्हारी हिम्मत देखने के लिए और तुम्हे आकर्षित करने के लिए कोशिश कर रही थी लेकिन अब मैं और अब मैं अपने ही जाल में फँस गयी हूँ!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके स्पर्श और उसकी सुंदरता ने मुझ पर अपना प्रभाव दिखाएँ शुरू कर दिया था, उसकी बाते सुन और उसके स्पर्श से और खूबसूरती के कारण मेरी पैंट में मेरा लंड खड़ा हो गया था और टेंट नज़र आने लगा था और उसके आँखों तुरंत निचली दिशा में गयी । उसने अपने परी जैसे सफेद और परिपूर्ण सुंदर टांगो को एक दूसरे पर मेरी उत्सुक आँखों में प्रदर्शित करने के लिए रखा ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कोमल और स्वादिष्ट सुगंध जो केवल युवावस्था में महिला से निकलती है वह मुझे महसूस हुई और उसके प्रचुर लहराते सुनहरे बाल मेरे गालो से टकराये जो रेशम की तरह लग रहे थे। मेरे हाथ उसके चमकते हुए आकर्षणो को छूने के लिए तरस रहे थे! फिर कुछ क्षण हम मौन में बैठे रहे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके सुन्दर टांगो और छोटे-छोटे पैर, इतने प्यारे, सुंदर पैर और ऐसी उत्कृष्ट रूप से मुड़े हुए नंगे टखने, उसने अपनी चप्पलें की जोड़ी उतार फेंकी थीं। उसके छोटे से खुले हुए गाउन ने उसके कंधों और छाती के कुछ हिस्से को ढँका हुआ था, लेकिन वह गाउन उसके पूरे आकार को, सफेद भुजाओं, उसकी पतली कमर या उसके शानदार और चौड़े कूल्हों को छिपाने के लिए नाकाफी था। उसके इस रूप और इन नंगे पैरों और टांगो ने मेरी कामिच्छा को भड़का दिया और मैंने उसे पकड़ कर उसकी टांगो में सर घुसा कर उसकी जांघो पर एक चुंबन कर दिया।[/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह! दीपक! इतनी जल्दी यह सब! आप तो दुःसाहसी होते जा रहे हैं।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने महसूस किया कि उसका हाथ मेरी सफेद पैंट के नीचे रेंगा और उसने मेरे पेण्ट के ज़िप को खोल दिया । और अपना हाथ धीरे से मेरी जाँघ के ऊपर रख दिया। और धीरे से अपनी विस्तारित उंगलियों को मेरी जांघ के अंदर की ओर खिसकाते हुए: वह मेरे लंड को छुआ जो-जो अब उग्र रूप से खड़ा और कठोर था![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"प्लीज दीपक!" उसने मुझे थोड़ा मुझे दूर धकेलने की कोशिश की क्योंकि मैं उसकी प्यारी जांघों के बीच जाने की कोशिश कर रहा था। " श्रीमान, पहले सारे वस्त्र निकालिये मुझे औजार को देखना है, क्योंकि आपकी खुशियों के खजाने की गुफा अब बेपर्दा हो, अब आपके सामने ख़ुद को प्रकट कर रही है और उसने अपने गाउन को उतार कर नीचे फेंक दिया जो उसके द्वारा पहना गया एकमात्र कपडा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर एक छोटे से विराम के बाद वह आगे बढ़ी उसने गर्व से अपने सूजे हुए स्तन पर नज़र डाली, "तो क्या आपको लगता है कि मैं खूबसूरत हूँ?"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ओह! "मैंने उसकी तारीफ करते हुए कहा," श्रीमती लिली! मुझे लगता है कि मैंने दुनिया में इतना प्यारा चेहरा और फिगर पहले कभी नहीं देखा था! "[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"क्या सच में! क्या आप जानते हैं कि मैंने क्या सोचा था, जब मैंने आपको टैक्सी में देखा था?" और आप मुझे लिली कहें![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"नहीं लिली!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"मैंने सोचा था कि अगर मैं इतने अच्छे दिखने वाले, सुंदर युवक के साथ यात्रा कर रहा होती तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होती!" और मैंने उसे अपने पास खींचा और उसके स्तन सहलाने लगा।[/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने कहा, "लिली! अब मैं अपने आप को संयमित करने में असमर्थ हूँ। मुझे नहीं याद कि मैंने कभी पहले इस तरह की प्यारी छाती और इस तरह के मोहक, सुस्वादु चुलबुले स्तन कब देखे हैं!" और इसके साथ ही उसकी छाती में मेरा हाथ फिसल गया और उसके एक स्तन को मेरे हाथ ने जब्त कर लिया और मैं उसे धीरे से दबाने लगा है और अपनी उंगलियों के बीच उसके कड़े हो चुके निपल्स को निचोड़ा और उसके बाद मेरे सामने प्रस्तुत चूचक के सुंदर उभरे हुए मुंह को चूमा और फिर चूसा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह!" वह कराही, "दीपक तुम्हें ऐसा करने की अनुमति किसने दी है? ठीक है अब इसके बदले में मेरे पास आपको अच्छा महसूस कराने के कुछ है!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी फुर्तीले उँगलियों में मेरी खुली हुई पतलून में से अपने हाथ की एक फुसफुसाहट से मेरी कमीज़ निकाल दी थी और इसके साथ ही मेरे गर्म सख्त और उग्र, पागल घोड़े पर उसने तुरंत अपना कब्जा कर लिया ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसका स्पर्श अपने लंड पर महूस करते हुए उसके निप्पल को हल्का-सा कुतर दिया "आह!" वह फिर कराही, " आह! ओह! वाह ये कितना सुंदर है! कितना सुन्दर!! और इतना बड़ा! और ये सिर्फ़ कठोर ही नहीं है बल्कि लोहे की रोड की तरह इसका सर गर्म और लाल भी है! और तुम्हारे पास कितने अच्छे बड़े अंडकोष हैं जिनमे मेरे लिए ढेर सारा रस है! ये बहुत सुंदर है! ओह! मैं उन्हें खाली करना चाहूंगी! ओह! अब तुम मुझे पाओगे![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और मेरे चेहरे को अपने पास खींचकर, मेरे ओंठो को चूम कर उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी, सबसे कामुक और स्वादिष्ट शैली में मेरी जीभ चूसते हुए वह मेरे खड़े हुए लंड पर हाथ चलाती और साथ में मेरे अंडकोषों को संभाल रही थी। जबकि मैं एक हाथ से उसके स्तनों को दबाते हुए दुसरे हाथ से उसकी योनि के दाने को छेड़ रहा था। यह मेरे अधीर लंड के लिए बहुत अधिक था, और जल्द ही उसके हाथों और शरीर पर मैंने पिचकारियाँ मार दी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चतुर्थ अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लंदन जाने की तयारी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -4[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]  मेजबान के साथ संसर्ग [/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली एक पल में ही खड़ी हो गई, बिलकुल नग्न और उसकी त्वचा चमक रही थी और सुंदरता से दीप्तिमान, मेरे सामने वास्तविक उत्तेजक और कामुक सुंदरता सभी से परिपूर्ण।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह मेरे सामने, मध्यम कद की एक प्यारी महिला मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ नग्न, चेहरे और आकृति की ऐसी अद्भुत सुंदरता के साथ खड़ी थी, उसके जैसा मैंने कभी देखा या सोचा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली न तो बिलकुल पतली थी न ही उसे मोटी कहा जा सकता है अपने आकार के लिए, वह पतली से थोड़ी बेहतर है और उसके शरीर के सभी अंग अनुपातिक थे । एक महिला के रूप में उसकी त्वचा अच्छी तरह से भरी हुई थी, उसका मांस लगभग पके आड़ू के गूदे की तरह सख्त और दृढ़ था। उसकी और लाली लिए हुए गोरी त्वचा निचला होंठ थोड़ा मोटा, ऊपरी ओंठ पतला जलीय हास्य के समुद्र में तैरती हुई हरी आँखे की पुतलीया, अच्छी तरह गोल लम्बी सुराही दार गर्दन पतली कलाई, लम्बी बाजुए लम्बी उंगलिये वाले हाथ, चौड़े कंधे, गर्दन का पिछला भाग बालो के नीचे से ढका हुआ था दो गोलार्द्धों की तरह अपने गोल फर्म स्तनों को बहादुरी से प्रदर्शित करती हुई, जो एकजुट होने पर आदर्श ग्लोब बन जाएंगे, स्पॉट पेट, पतली कमर, सांप की तरह चलने वाली चाल, कूल्हे पूरे गोल दृढ़ और लचीले, उत्कृष्ट रूप से ढाली हुई टाँगे और छोटे-छोटे पाँव, स्पार्कलिंग मुस्कान लिए हुए युवा, अति सुंदर, काव्यात्मक ईश्वर की उत्कृष्ट कृति मेरे सामने थी ।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली का रूप इतना विशुद्ध रूप से परिपूर्ण था, उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित, वे अतुलनीय अंग! दूधिया सफेदी और चिकनाई लिए हुए उसकी गोल और दृढ छाती की पहाड़ियों के ऊपर सजे हुए गुलाबी अंगूर उसके कामुक होने के कारण मोटे हो आमंत्रित कर रहे थे । इन सबसे अधिक उसका रोये के जैसे हल्के घुंघराले सुनहरी बालों से ढका हुआ त्रिकोणीय योनि क्षेत्र जिसमे मुड़ी हुई चिकनी जांघो ने उसकी गहरी कोमल दिखने वाली और अंदर की पतली रेखा बनाती हुई उस काम की देवी की पूर्णता की घोषणा की। केवल एक चीज जिसने सुंदरता से परिपूर्ण इस आकाशगंगा को थोड़ा प्रभावित किया, वह थी उसके पेट की हल्की से झुर्रि जो महीन रेखा की तरह उसके निष्पक्ष पेट की गहरी नाभि को पार कर गईं थी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे बहुत लम्बी या बौनी लड़की पसंद नहीं है। वह मेरे लम्बाई के हिसाब से बिलकुल सही थी ताकि वह अपने पंजो पर-पर खड़े हो मेरे ओंठो पर मुझे चुंबन कर सके और उसने मुझे चुंबन किया और अपनी जीभ की मेरे मुँह में धकेल दिया। उसके आलिंगन और चुंबन के कारण मेरा लंड एक दम से कठोर हो गया[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ओह! तुम तो बड़े नटखट और अधीर हो, इतनी जल्दी! सच बताओ क्या तुम ये पहली बार कर रहे हो? कितनी शर्म की बात है! "[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं सोच ही रहा था की इससे पहले मैं कब इतनी जल्दी से उत्कर्ष पर पहुँच कर झड़ गया था? जहाँ तक मुझे याद है मैं पहले कभी भी इस प्रकार नहीं झडा था![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं मन में बोला ना![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं कुछ बोलता इससे पहले ही लिली मेरे लंड को पकड़ कर बोल पड़ी । नटखट लड़के, क्या तुमने सब ख़र्च कर दिया? तुम्हारे पास अब मेरे लिए बहुत कुछ नहीं बचा है? लेकिन ये तो अभी भी कठोर है! "उसने मेरे लिंग को अपने हाथ में पकड़ कर दबाया और लंडमुंड को ऊपरी चमड़ी से बाहर निकाल दिया। उसने आह भरी।" अपने कपड़े उतारो, श्रीमान और अब हम इसे आराम से करते हैं।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे पति मुझे इस प्रकार छोड़ के जाने केलिए इस सजा के पात्र हैं, भला क्या कोई अपनी नवविवाहिता पत्नी को इस प्रकार से छोड़ कर जाता है। प्रिय! कैसे मैं बताऊँ तुम मुझे कितने अच्छे लगे, तुम्हारे पास कितन बड़ा और शानदार पुरुष का अंग है और इसलिए-वे इसे क्या कहते हैं?- (अपने शब्दों पर शरमाते हुए वह बोली) लंड! ओह ये कितना अभद्र है! मेरे पति अपने युवा साथियों के बारे में यही कहते है। क्या यह अशिष्ट शब्द नहीं है? ओह दीपक! लेकिन ये इतना अर्थ से भरा हुआ है। जब भी मेरे पति ने किसी के लिए ऐसा कहा, मैं एक सुंदर, बड़े लंड वाले युवा की कामना करने से ख़ुद को रोक नहीं सकी। आज मेरी ये इच्छा पूरी हो गयी है और आपके अंकल ने आपको आज मेरे पास भेजा है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली ऐसे ही बोलती हुई मेरे लंड को पकडे हुए मुझे खींच कर दुसरे कमरे में ले गयी और मैंने रास्ते में अपने सब कपडे अपनी जूते जुराबे पेण्ट, जैकेट, कमीज और अंडरवियर सब रास्ते में उतार कर फेंक दिए जैसे अब मुझे कभी इनकी ज़रूरत नहीं पड़ने वाली। वह दौड़ती रही और मैं त्रिशंकु के समान नंगा हो गया था। फिर मैं उसकी और लपका और हम दोनों लिपट गए और चुंबन करने लगे हमारे होंठ जुड़ गए और उसकी जीभ मेरे खुले हुए मुँह में चली गयी और मैं उसकी जीभ को चूसने लगा । फिर गले, स्तनों और पेट को चूमने, और हर संभव तरीके से एक-दूसरे के आकर्षण को सहलाते और चूमते हुए, हमने धीरे-धीरे अन्य कमरे में बिस्तर की तरफ़ बढे । मैं रास्ते में एक दो बार रुका और खड़े-खड़े ही लंड ुकि योनि प्रदेश से टकरा कर अंदर घुसाने की कोशिश की लेकिन असफल रहा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आखिरकार जब लिली बिस्तर पर पहुँच गयी तो मैंने उसे बिस्तर के कोने पर बैठा दिया और उसने मुझे घुटने पर बैठने का और अपनी योनि को चूमने के लिए इशारा किया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, जो उसकी योनि के होठों से काफ़ी इंच-डेढ़ इंच दूर था। मैंने उसे परमानंद में चूसा और उसके संवेदनशील अंगों को इस तरह से सहलाया कि उसने एक या दो मिनट में मेरे सिर को अपने हाथों से पकड़कर योनि पर दबाया और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया यह सबसे स्वादिष्ट आनंददायक था; मेरी जीभ उसके मलाईदार उत्सर्जन में आनंदित हुई।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर लिली ने मुझ से बिस्तर पर आने और मुझ से चोदने का बार-बार अनुरोध किया और चुदाई का आनंद लेने के लिए भीख मांगी। तब मैंने उसके उत्तेजित भगशेफ को दांतो से कुतरते हुए उसकी जांघो और उसकी नाभि को चूमा और नाभि में अपनी जीभ घुसा दी और फिर एक दुसरे पर झपटते हुए, हम बिस्तर पर लुढ़क गए, उसके हाथ ने मेरे लंड को पकड़ लिया।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एक और क्षण में मैं लिली के ऊपर, उसकी चौड़ी-खुली जाँघों के बीच और उसकी सुंदर छाती पर आराम कर रहा था। मेरे सीने के खिलाफ उसके खूबसूरत बूब्स को नरम और लोचदार महसूस किया! और उसके सख्त हो चुके गुलाबी चूचक मेरे सीने में गड़ गए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चतुर्थ अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लंदन जाने की तयारी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -5[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली की योनि में मेरे लंड का प्रथम प्रवेश.[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब मैं उसकी योनि को चाट रहा था और अपनी ऊँगली से उसकीयोनि ने घुसाने का प्रयास कर रहा था तो मैंने मह्सूस किया उसकी योनी बहुत टाइट थी। मैंने उससे पुछा की क्या वह कुंवारी है?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"मेरे प्रिय दीपक! आपके लिए कुंवारी तो मुझे होना ही चाहिए, क्योंकि मेरे पति का लिंग मुझे खुश करने के लिए बहुत छोटा है और मेरी योनि जितनी तंग है। मैं उसके लिंग को अपनी सुहागरात में भी महसूस नहीं कर पायी थी और मुझे लगता है अब आपकी ख़ुशी का गहना मुझे भर देगा!" मुझे चूमते हुए उत्तर दिया ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम बिस्तर पर लुढ़क गए, उसके तैयार हाथ ने मेरे लंड को पकड़ लिया और मैं उसके प्यारे शरीर पर चढ़ गया। मैं अब लिली के ऊपर, उसकी चौड़ी-खुली जाँघों के बीच और उसकी सुंदर छाती को अपने छाती से दबा कर मैंने अपने सीने के खिलाफ उसके खूबसूरत बूब्स को नरम और लोचदार महसूस किया! और उसके सख्त हो चुके गुलाबी चूचक मेरे सीने में गड़ गए। मैं उसके ओंठ चूसने लगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा लंड जाकर उसकी योनि और भगनासा से टकराया उसकी हरकतें उसके शब्दों की तरह कामुक थीं। उसने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। लिली ने हाथ बढ़ा के मेरे अंडकोशो को सहलाया और फिर लंड पकड़ा और अपनी चूत के लबो पर फैरने लगी। लिली की चूत केहल्का-सा अंदर मेरा गरम-गरम लंडमुंड जैसे ही लगा उस ने एक झरजरी-सी ली। मुझे भी इस में बहुत मज़ा आ रहा था। मैं थोड़ा और झुक गया अब लिली ने मेरा लंड चूत की फांको के बीच ऊपर से नीचे फेरने लगी।इससे लिली की गीली-गीली चूत में गुदगुदी होने लगी।[/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अयाहआअहह! आह्म्म्म्मम।" लिली के मुँह से बाक़ायदा सिसकियाँ निकलने लगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया। लिली ने बड़ी ही मुश्किल से अपनी चीख अपने होंठो में दबाई लेकिन फिर भी ज़रा-सी निकल ही ग!. अया! आह! अह्ह्ह्ह! " लिली के मुँह से निकला वह दर्द से मरी जा रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे साथ ये पहली बार हो रहा था जब किसी लड़की ने ख़ुद से अपनि योनि में मेरा लंड घुसा लिया हो । मैंने भी लंड को थोड़ा नीचे को दबा कर अपने कूल्हे नीचे धकेल दिए। मेरे बदन में लहरे-सी उठने लगीं और एक नया-सा सरूर आने लगा मेरी किस्सिंग में जोश-सा आ गया और मैंने लिली के पूरे चहरे को चूमना शुरू कर दिया। फिर उस के कानो पर आया और गर्दन पर और फिर दोनों हाथ में लिली के मम्मे पकड़ लीं और उस के लेफ्ट निपल को मुँह में ले कर चूसने लगा और ज़ुबान उस पर फैरने लगा। लिली के दोनों निपल्स हार्ड हो कर खड़े हो गये थे। मेरी ज़ुबान उस के निपल के गिर्द गोल-गोल घूम रही थी और वह मज़े की दुनियाँ में आँखे बंद किए उड़ रही थी। मैं दीवानो की तरह अब उस की मम्मों को चूस रहा था, काट रहा था और दोनों हाथो से ज़ोर-ज़ोर से सहला भी रहा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब मैं आहिस्ता-आहिस्ता अपने मोटे लंबे लंड को लिली की चूत में अंदर करने लगा। लिली अपना सिर इधेर उधेर मारने लगी। उस ने आँखे ज़ोर से बंद कर लीं थीं और टाँगो को बंद केरने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी टाँगों के बीच में था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बास्स्स! अया आह अह्ह्ह्ह! "लिली बोली" रूको।" मुझे बहुत दर्द हो रहा है तुम्हारा बहुत बड़ा है ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मे लिली की बात सुन वहीं रुक गया। उसकी तेज़-तेज़ साँसे ले रही थीं। उस के मम्मे उस के सीने पर पूरी तरहा फूल और पिचक रहे थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यह तुम्हारा पहला मौका है इसलिए दर्द दे रहा है। अभी मज़ा आएगा। अब कुछ नहीं होगा। पहली बार होता है । ये बर्दाश्त कर लो तो समझो बहुत मज़ा आए गा, ज़रा-सी देर और।" मैंने लिली के बालो में हाथ फेरते हुए उस बोला तो लिली बोली मुझे मालूम है और लिली मेरे होंठो को चूमने लगी।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इतने में उसका दर्द कुछ कम हो गया। उसे किस्सिंग का मज़ा आने लगा उसकी योनि कितनी नरम थी और उस पकड़ मज़बूत महसूस हुई, इंच दर इंच मैंने अपने लंड की धीरे-धीरे उसमें दफनाया, जब तक कि मेरा लंड उसकी योनि के खिलाफ जाम नहीं हो गया, पहले मेरे अंडे लटक गए फिर जैसे-जैसे लंडअंदर गया उसके प्यारे सफेद नितम्बो के साथ चिपक गए। मैं आगे नहीं जा सका।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और अपनी चूत में फँसे हुए मेरे लंड का भी मज़ा लेते उसने ज़रा-सा अपनी गाँड को उठाया। मैं समझ गया कि यही टाइम है और मैंने ज़ोर का झटका दिया कि मेरा पूरा लंड लिली की चूत में घुस गया और मेरी हल्की-हल्की झांटें सिमरन की रोयें जैसी जनता वाले साफ़ सुथरे प्यूबिक एरिया से जा लगीं और मैं वहीं रुक गया। मुझे महसूस हो रहा था कि मेरा लंड किसी टाइट से शिकंजे में फँस गया है। लिली के मुँह से निकली हुई चीख मेरे मुँह में ही रह गई. वह अपना सर ज़ोर से दाई बाईं करने लगी। उस की आँखों से आँसू निकलने लगे। उसे महसूस हो रहा था कि जैसे उस की चूत में आग लग गई हो कोई दहकता हुआ लोहे का रोड उसकी चूत के अंदर घुसा दिया गया हो। मैं उस को चूमते हुए हाथो से लिली के मम्मों को दबा रहा था ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुछ देर में लिली का दर्द कम हुआ और वह कुछ संभल गई. उस ने एक ज़ोर की साँस ली और बोली, "आअहह तुम ने मुझे मार ही डाला था आराम से करो मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ ।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और एक महिला के पास क्या है! मेरी हर हरकत से उसकी ख़ुशी का इज़हार हो गया! उसे सुनने के लिए आपने कल्पना की होगी कि यह पहली बार था जब उसकी इंद्रियाँ अपनी नींव से ही शक्तिशाली रूप से उत्तेजित हुई थीं! उसके हाथ कभी भी स्थिर नहीं थे, वे मेरे सिर के पीछे से मेरे शरीर की अंतरंग सीमा तक, जहाँ तक वे पहुँच सकते थे, मेरे ऊपर चल पड़े। वह आनंद देने और प्राप्त करने की कला में बिल्कुल पारंगत थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम एक दूसरे की बाँहों में लेट गए; एक दूसरे की आँखों में कोमलता से टकटकी लगाए। हम पहले बोलने के लिए बहुत बेदम थे। मैं महसूस कर रहा था कि उसका पेट मेरे खिलाफ दब रहा है और उसकी धड़कती हुई योनि ने मेरे लंड को पकड़ लिया था, जैसे कि वह उसका हाथ हो और फिर उसकी योनि संकुचन करते हुए लंड को चूसने लगी![/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे पता था कि मेरे लंड ने कितनी टाइट योनि में प्रवेश कर कितनी डिग्री का आनंद लिया था! मुझे लगा कि वह फिट है! वह गले से लग गई! उसने मुझे अपनी बाहों में लगभग कुचल दिया और अपने पैरों को मेरी पीठ पर रख दिया, उसने मुझे अपने मोटे तौर पर दबाया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसके प्यारे से चेहरे को देखा और उसके सुंदर चेहरे को चूमने लगा और उसके ओंठो को पिया, उसके बदन जिसे मैंने अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था को सहलाया और दबाया और जिसकी कोमल और कामुक जांघों को मैंने घेर लिया मेरा! मैं कामना कर रहा था कि वह शांत हो जाए । वह मेरी लगातार, लालसा वीनस थी और मैंने लंबे समय की उसकी कामुक इच्छाओं के कारण उसे पा लिया था और उसकी बांहो में स्वर्ग का आनद महसूस कर रहा था इससे पहले कि मैं उसकी अतुलनीय फांक की चुदाई शुरू करता, मुझे अपने बारे में कोई धारणा नहीं थी। लेकिन मेरी हवादार कल्पनाएँ उसके यह कहने से दूर हो गईं।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आप एक शान दार लंड के मालिक औ और एक अच्छे चोदू हो और इसमें आपकी कोई गलती नहीं है! ओह! आप जानते हो कि यह कैसे करना है! कोई भी व्यक्ति उस तरह से चुदाई नहीं करता, जब तक उसे सिखाया न गया हो!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"नहीं" मैंने कहा, मेरी बाहों में उसे दबाकर और उसके गहरे लाल रंग का होंठो को चूमा, "मैंने इस तरह का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है और न ही इसमें अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया हूँ । हाँ जहाँ तक बात है चुंबन की! मैंने कुछ अच्छे चुम्बन पीछे कुछ दिनों में देखे हैं और मैंने हमेशा उनका यथासंभव अभ्यास करने की कोशिश की है!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चतुर्थ अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लंदन जाने की तयारी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -6[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली ने सम्भोग का नया तरीका सिखाया.[/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लिली की चुत में लंड धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और फिर धीरे-धीरे गति बढ़ाता गया । इससे मुझे और लिली को मज़ा आने लगा। मेरे हर शॉट के साथ लिली की आह-आह की सिसकियाँ गूंजने लगी। उस ने आँखे बंद कर लीं। लिली की कुंवारी चुत मुझे मिलेगी ये तो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था और फिर उसकी चुत बहुत ही कसी गरम और करारी थी। जाने कब मेरे धक्को में तेज़ी आ गई. हम दोनों को ही पता ना चला लेकिन अब लिली को दर्द नहीं केवल मज़ा और सरूर आ रहा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह!" उसने कहा। " मुझे ऐसा लगा! आप किसी भी पुरुष की तुलना में पैर का अंगूठा और एड़ी वाली चुदाई बेहतर कर पाएंगे और मैं ये कहने की हिम्मत इसलिए कर सकती हूँ क्योंकि मैंने अपनी बहन को बहुत सारे पुरुषो के साथ देखा है और मेरा दावा है आपके पास अभी तक इतनी महिलाओं नहीं रही होंगी जितने पुरुषो के साथ मैंने अपनी बहन को देखा है![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं- पैर की अंगुली-एड़ी से आपका क्या मतलब है, लिली![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली: ओह! क्या आप ये नहीं जानते? आप इसे किसी भी गति से कर सकते हैं! और शानदार! एड़ी और पैर की अंगुली वाली चुदाई में प्रत्येक स्ट्रोक को बहुत शुरुआत में शुरू करना होता है और इसे बहुत अंत में समाप्त करना है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: वह कैसे लिली?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली: अभी मुझे एक लंबा स्ट्रोक दो! "[/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैनें यही किया। मैं तब तक पीछे हुआ और लंड को बाहर निकाल लिया जब तक कि मेरे लंड उसकी चूत के छिद्र से बाहर नहीं आ गया और फिर धीरे से लेकिन मजबूती से उसे अंदर जितना दूर और जितना गहरा हो सकता था ले गया और फिर मैंने उसके पेट पर आराम किया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आअह्ह्ह," वह कराही,[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली: बस! इसी तरह आप इसमें लगभग लंड बाहर निकालते हैं, लेकिन पूरा नहीं निकालते और उस समय आप अपने पंजो पर हो जाते हैं और एड़ी बिस्तर से उठ जाती है और फिर पूरे ज़ोर से लंड को आगे धकेल देते हैं और तब तक नहीं रुकते हैं जब तक पूरा लंड अंदर जा कर लंडमुड योनि की आखरी दीवार से नहीं जा टकराता और आपके कूल्हे योनि और अंडकोष नितम्बो से तेजी नहीं टकरा जाते हैं और आपकी एड़ी अब सतह के समान्तर स्पाट हो जाती है![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैंने-मैंने वैसे ही एक शॉट लगाया ऑटो वह बोली ये बेहतर है और फिर मैं दुबारा शुरू हो गया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हाँ. हाँ. हाअँ. और. तेज़-तेज़. हा. हा-हा. आ. आ, हहाायी. ऊओ. आह. प्रिय. आह. ओह्ह. चोदो. हहान. और तेज़।" हर झटके के साथ लिली के मुँह से एक लफ्ज़ निकल रहा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं लिली पर गिर गया और हाथ उसके स्तनों पर ले गया, उसके होंठ चूसने लगा। अब धक्कों में काफ़ी तेज़ी आ गयी थी। मेरा लंड लिली की गीली चूत में आराम से आ जा रहा था। मेरे हर झटके में मेरे बाल लिली की चूत को छू जाते थे। मेरे अंडकोषलिली के कूल्हों को छू जाते। दोनों पसीने में नहा गये थे जिस से कमरे में फूच-फूच की आवाज़े आ रही थीं। लिली अभी मजे में अपने कूल्हे अब ऊपर उठा-उठा कर मेरे स्ट्रोक से लय मिला कर चुदवा रही थी। दोनों मस्ती में चूर एक दूसरे को ख़ूब जोश से चोद रहे थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा हर धक्का वह ब्याज के साथ लौटा रही थी, मेरे हर ताकतवर धक्के के साथ वह उतना ही जोश के साथ अपने कुल्हे और नितम्भ आगे पीछे करने लगी जीसे मेरा इंजन को उसकी चरम जड़ में समा जाता था! और उसकी योनि साथ-साथ संकुचन भी कर रही थी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जल्द ही अब वह बारी-बारी उत्कर्ष पर पहुँच कर झड़ रही थी! मैंने एक सत्र के दौरान एक महिला के तेरह या चौदह बार झड़ने के बारे में सुना था, लेकिन यह लिली तो शुरू से अंत तक और कुछ नहीं कर रही थी लेकिन, यह तब तक नहीं हुआ था जब तक मैं अति रोमांचित, उग्र, उत्साही हो कर लगभग हिंसक छोटे-छोटे शॉट नहीं लगाने लगा था। हम दोनों ने अद्भुत मजे का अनुभव किया । वह लगभग चीख पड़ी! मुझे गले से लगा लिया! और उसने मेरे लंड को जलमग्न कर दिया, उसने मेरे मुँह को अपने हाथ से पकड़ लिया और जहाँ तक वह कर सकती थी, अपनी जीभ उसमें मारी, मेरे तालू को छूकर और अपनी गर्म साँस को मेरे मुँह में डाल दिया, इस बीच उसका पूरा शरीर सिर से एड़ी तक सचमुच उस जबरदस्त उत्तेजना से कांप गया![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं भी चरम के काफ़ी नज़दीक ही था और लगभग तैयार था और फिर उसने महसूस किया कि मेरे वीर्य की बहुत तेज़ गर्म धाराएँ उसकी योनि के सबसे गहरे हिस्से के खिलाफ बहुत तेज प्रहार कर रही हैं जैसे मैंने कभी इससे पहले उत्सर्जन न किया हो![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और हम लगभग तुरंत एक पारस्परिक उत्सर्जन में तैर गए, हम दोनों लगभग ख़ुशी से झूम उठे; यह केवल कुछ मिनट तक चला; मेरे उत्तेजित लंड पर उसकी योनि की सिलवटों की धड़कन और सिकुड़न ने मुझे नए सिरे से प्रयास करने के लिए जगाया और मैंने पूछा उसे ऐसा लगा? तो लिली ने कहा कि अरे आप बड़े ज़ालिम हो, लेकिन प्यारे और-और मस्त हो, चोदो मुझे और चोदो और वह कामुकता से भरी अपने होठों को दांतो से सहलाती हुई दिखाई दी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं पीछे हट गया और मैंने लंड को बाहर निकाला लंड उसके रस खून और मेरे वीर्य से सना हुआ था मैंने बिस्तर के पास पड़े हुए रुमाल से लंड और योनि के अंदर बाहर और जांघो पर लगे खून को साफ़ किया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब मेरी इस प्यारी अप्सरा ने तुरंत मेरे उस हिस्से और उसके उपांगों की सबसे सूक्ष्म परीक्षा शुरू कर दी, जिसने उसे बहुत मजे दिए थे। उसके अनुसार, मेरा सब कुछ बिल्कुल सही था और उसने आज तक बहुत सारे पुरुषो को अपनेी बहन के साथ नग्न देखा था और उसके निरीक्षण में इतना शानदार और सुंदर लंड नहीं आया था और इतने सुंदर, संतुलित पत्थर जैसे मेरे अंडकोषों थे ने उसे विशेष रूप से प्रसन्न किया! और अब वह इनकी मालकिन थी! मेरे अंडकोषों के बारे में उसने कहा कि वे इतने बड़े हैं और उसे यक़ीन था कि वे वीर्य से भरे हुए हैं और उसने मुझसे कहा, उसका इरादा था, इससे पहले कि वह मुझे यहाँ से प्रस्थान करने के लिए अनुमति दे वह इन्हे खाली कर देना चाहती थी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस पहले अभियान ने-ने बस हमारी भूख को बढ़ा दिया था और एक दूसरे के आकर्षण की सूक्ष्म परीक्षा के साथ और भी अधिक उत्तेजित होकर, हम फिर से गिर गए और एक और कामुक लड़ाई की स्वादिष्ट पीड़ा में डूब गए! मेरे उसे पहली बार चोदने में लगभग दो बज गए थे । अब मुझे की कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि हुमा तो चली गयी थी और लिली भी अकेली थी और अब लिली जैसी शानदार स्त्री मेरे पास थी और हम दोनों अब और की लालसा रखते थे। मैं ताजा, युवा, मजबूत, जोरदार था और अभी कुछ दिन से ही मैं इस सुखों से अवगत हुआ था और इनका आनंद लेना शुरू किया था। मुझे कोई आश्चर्य नहीं कि मेरा भाग्य बहुत अच्छा था और लिली जैसी प्रेमीका मुझ से प्रसन्न थी और उसने मेरे प्रदर्शन को एक शानदार दावत कहा था।[/font]




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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ऐसी कहावत है कि प्रेम भोजन की भूख को नष्ट कर देता है। शायद यह तब होता है जब किसी का प्यार नहीं मिलता है, लेकिन पाठको मेरा अनुभव है, कि मैं हुमा के साथं अपने सुबह के नाश्ते के बाद अपने टिफिन के लिए लालायित था। और लिली की योनि की मलाई चाटने और मुँह का रस पीने के लिए पाकर मैं वास्तव में बहुत खुश था, हालाँकि मैंने उस दिन महिला के साथ संसर्ग करते हुए ख़ुद को इतना फिट पहले कभी महसूस नहीं किया था और शारीरिक बल के इतने कम नुक़सान के साथ शायद मुझे इतना आनंद कभी नहीं मिला, परन्तु, मैं जिन गर्म कामकु लड़ाइयों से गुज़रा था और गर्म कामुक हवा के झोंके के प्रभाव से मेरा मुँह फिर सूखने लगा था ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]निःसंदेह मेरे नियमित छात्र जीवन के सयमित जीवन, नियमित व्यायाम, नियमित भोजन और इससे पहले बहुत कम सेक्स करने के कारण मेरी शक्ति संवर्धित थी जिससे से मैंने अपने को अंदर से बहुत मज़बूत महसूस किया था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर लिली ने मेरे को कस के बाहों में ले लिया और मेरे फेस पर किस पर किस किए जा रही थी। अब हम दोनों लेट गये थे और मैं लिली के ऊपर था। दोनों एक दूसरे के होंठो को कस-कस के चूमने लगे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली के होंठो पर अपनी जीभ चलाने लगा और लिली ने भी मुंह खोल दिया और अपनी जीभ निकाल के मेरी जीभ को चाटने लगी। ।मैंने अपनी पूरी जीभ लिली के मुंह में डाल दी। लिली मेरे दातों पर जीभ चलाने लगी।[/font]



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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]upload image by url[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: ओह! लिली! ।मेरी जान! ।तेरी जीभ! और मुँह का रस बहुत मीठा है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली: दीपक, एयेए! आपके होंठ बड़े रसीलें हैं। आपकी जीभ शरबत है। आआहह![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: अह्ह्ह्ह! लिली! मैं तुम्हे खा जाऊँगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली और अपने हाथ से उसकी योनि को सहलाने लगा, तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी और मेरे हाथो को उनके चुत गीली-गीली लगने लगी। उसके बाद मैंने अपने हाथो के उसके मोमे दबाने लगा और तभी उनका निप्पल मुझे कड़ा-सा महसूस हुआ तो मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा और बोला "आप सबसे सुन्दर, गोरी और मस्त माल हो। आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाये जैसे की मैं हूँ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है। मेरे मन आपको देख बेकाबू हो गया है लिली की गोल-गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे-भरे गालों के साथ उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। मैं बोला आपके होठों की बनावट तो ऐसी थी, अगर कोई एक बार उनका रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं लिली पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वह भी मेरा साथ देने लगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मै उसकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे ज़ोर से चूसो! मैंने चूचियों को दांतो से काटा लिली कराह उठी आह यह आह लिली कह रही थी धीरे-धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी लिली मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी मैंने लिली के एक-एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। उनकी चूत गीली होने लगी मैंने छूट को सहलाया तो लिली बोली बहुत अच्छा लग रहा है बहुत आराम मिल रहा है । सस्स्सस्स हहा करती हुई मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी। फिर उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया तो वह ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी। में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया और मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है! हाईईईईई! म्‍म्म्मम! फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में कराह रही थी अआह्ह्ह! आाइईई! और करो, बहुत मज़ा आ रहा है। और अपने कूल्हे मेरे चोदने के ताल से ताल मिला कर ऊपर नीचे हिला रही थी और नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी। आहहहहहह! और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई और शांत पड़ गयी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसे चोदता रहा और तेजी सेअपने उत्कर्ष की ओर बढ़ रहा था, उसने कहा, "हम इसे ज़्यादा देर तक कर इसका और अधिक आनंद ले सकते हैं आप अब मेरे शरीर पर बैठो, दीपक और मेरी छाती पर स्तनों के बीच अपनी सुंदर कड़े और लम्बे लंड को रखो।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लंड बाहर निकाला और लंड को उसके निप्पलों से टकराया और स्तनों केर बीच की दरार में रख दिया । वह पहले तो लंड अपने हाथ से सहलाती रही और अपने दो स्तनों को उसके पास ला कर लंड को स्तनों के बीच में दबा दिया तो मैं भी लंड स्तनों के बीच आगे पीछे करने लगा ताकि मैं उनके बीच काम कर सकूं। यह एक और स्वादिष्ट विचार था, लेकिन उसने मुझे उत्साहित करने के अपने सभी तरीकों को समाप्त नहीं किया था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसका दूसरा हाथ उसकी जाँघ के बीच में गया और मुझे लगा कि वह अपने आप को सहलाएगी लेकिन यह केवल उसकी उंगली को गीला करने के लिए था, उसने मेरे नीचे के छेद को उसके साथ सहलाया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने कहा, "अब मैं आपके ऊपर आना चाहती हूँ मेरा मतलब मुझे आप पर सवारी करना है और इसे यथासंभव लंबे समय तक चलाना है, तो आइए हम अपनी स्थिति को उलट देते हैं।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उनको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा फिर में उनके नीचे और अब लिलि मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और में आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। वह मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वज़ह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वह ख़ुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी। सच में लिली बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ़ फ़ैल गए थे ।[/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]can i download my own photos from instagram[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर लिली का पूरा साथ दिया l मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो लिली सिहर कर सिसकने लगती थीl उसके बाद वह मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए। लिली मुझे बेकरारी से चूमने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर वह तेजी से ऊपर नीचे होकर जम कर चुदाई करने लगी तो वह लगभग पच्चीस मिनट के लिए मेरे ऊपर सवार हुई और बीच-बीच में किश करने के लिए रुकी। और फिर हमारे शुक्राणु के एक शानदार प्रवाह में मिले।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लेकिन इसके अलावा, यह तथ्य था मेरी नई महिला साथी असाधारण रूप से सुंदर और कामोत्तेजक थी और इससे मुझमें जो कामुक उत्तेजना पैदा हुई है, वह निश्चित रूप से उस कारण के अनुपात में बहुत ज़्यादा थी जिसने इसे जन्म दिया था। भोजन के लिए अपनी भूख के बावजूद, मैं निश्चित रूप से बिस्तर पर उसके साथ रहा होता और उसकी हर्षित भुजाओं में आनंदित होता और उसे अपने मर्दाना जोश से भर देता, लेकिन उसने मुझे बताया कि वह हमेशा दोपहर में सोती थी और ख़ुद भूखी थी और मेरी शक्ति पर संदेह करते हुए, उसने चाहा कि मैं उस रात को उसकी प्यारी जांघों के बीच ख़र्च करने के लिए अपने बल के कुछ अच्छे हिस्से को बचा लू और आराम कर लू।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चतुर्थ अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लंदन जाने की तयारी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -7[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सरप्राइज़.[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अंतरंग हमसफ़र भाग 6 में पढ़ा:[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर लिली का पूरा साथ दिया l मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो लिली सिहर कर सिसकने लगती थीl उसके बाद वह मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए। लिली मुझे बेकरारी से चूमने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर वह तेजी से ऊपर नीचे होकर जम कर चुदाई करने लगी तो वह लगभग पच्चीस मिनट के लिए मेरे ऊपर सवार हुई और बीच-बीच में किश करने के लिए रुकी। और फिर हमारे शुक्राणु के एक शानदार प्रवाह में मिले।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लेकिन इसके अलावा, यह तथ्य था मेरी नई महिला साथी असाधारण रूप से सुंदर और कामोत्तेजक थी और इससे मुझमें जो कामुक उत्तेजना पैदा हुई है, वह निश्चित रूप से उस कारण के अनुपात में बहुत ज़्यादा थी जिसने इसे जन्म दिया था। भोजन के लिए अपनी भूख के बावजूद, मैं निश्चित रूप से बिस्तर पर उसके साथ रहा होता और उसकी हर्षित भुजाओं में आनंदित होता और उसे अपने मर्दाना जोश से भर देता, लेकिन उसने मुझे बताया कि वह हमेशा दोपहर में सोती थी और ख़ुद भूखी थी और मेरी शक्ति पर संदेह करते हुए, उसने चाहा कि मैं उस रात को उसकी प्यारी जांघों के बीच ख़र्च करने के लिए अपने बल के कुछ अच्छे हिस्से को बचा लू और आराम कर लू।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपने मेरी कहानी " अंतरंग हमसफ़र--  में अब तक पढ़ा:[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, "आह! हाय! ओह! ओह! ओह! मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने इस अवसर आका फायदा उठाने के लिए हिम्मत करते हुए उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके स्पर्श और उसकी सुंदरता ने मुझ पर अपना प्रभाव दिखाएँ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली का रूप इतना विशुद्ध रूप से परिपूर्ण था, उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे।[/font]



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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]free img host[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, जो उसकी योनि के होठों से काफ़ी इंच-डेढ़ इंच दूर था। मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब आगे:-[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर लिली ने मुझे कपडे पहनने को बोलै और ख़ुद ने भी वह गाउन पहन लिया और नौकरानी को बुला कर ने खाना मंगवा लिया था। हम दोनों ने उसके बाद खाना खाया। फिर लिली बोली उसने कहा कि वह नहाने जा रही हैं।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली नहा कर बाहर आ गई, तो उसने ने एक मैक्सी पहन रखी थी। मैं उसे खुले मुंह बार-बार चूमा और फिर, याद आया है कि मैं यहाँ कुछ थोड़े से समय के लिए आया था। मैंने उससे पुछा क्या आप यहाँ अकेली है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली बोली नहीं मेरे पति की अनुउपस्थिति में मेरी बहन मिली मेरे साथ है अभी कहिं गयी हुई है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]'तुम्हारी बहन  मिली के वापस आने में कितना समय लगेगा?' मैंने पूछ लिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]'वह अपनी किसी मित्र के साथ उसके घर चली गई है और उसे आने में देर लगेगी।' लिली ने जवाब दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे लगता है मैं आपसे और आपकी बहन से बहुत कुछ सीख सकता हूँ और मैं तुम्हारे साथ रह सकता हूँ, है ना? '[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]' हाँ, ज़रूर ज़रूर, दीपक।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर लिली ने कहा-तुम तक गए होंगे अब साथ वाले कमरे में जा कर आराम कर लो।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने मेरे लिए दरवाज़ा खोला और फुसफुसाते हुए वह बाहर निकली, ' कोई अंदर तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं पास के कमरे में गया। दरवाजे की और पीठ किये हुए एक महिला की आकृति एक लंबी कुर्सी पर लेटी हुई थी, पढ़ रही थी। वह उसकी पूरी चंचल वृत्ति के साथ उठी, अपनी छोटी स्कर्ट के नीचे से अपने पैरों को घुमाते हुए, अचानकबिजली की तेजी के साथ, वह मेरी ओर मुड़ी, जिससे वमैंने उसका चेहरा देखा, वह ज़ोर से हँसी और मुझसे लिपट गई, उसके गालों पर एक गुलाबी रंग की चमक के साथ, उसकी आँखें चमक उठीं और उसे देख मैंने अप्रत्याशित आनंद और आश्चर्य का-का एक करामाती मिश्रण अनुभव किया। जब वह कमरे में घूम रही थी, उसकी छोटी सफेद स्कर्ट लहरा रही थी, उसके स्तन कसकर बुने हुए रेशमी जर्सी के नीचे दृढ़ और गोल थे; मेरे जैसा नश्वर मांस और रक्त का मनुष्य इन प्रलोभनों का सामना कर सकता एक पल के लिए भी नहीं कर सकता है! और वह पल भर में मेरी बाँहों में समा गई।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे यह देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि वह हुमा थीं। मैंने कुछ बोलता या प्रतिक्रिया देता इससे पहले ही लिली हसते हुए बोली दीपक! मैं चाहती हूँ कि आप उसे अच्छी तरह से जानें। वह अत्यंत गर्म, जोशीले स्वभाव और ज्ञानवान लड़की है। सच कहूँ तो, उसे तुमसे प्यार हो गया है! आप उसे अपने लिए रमणीय साथी पाएंगे। उसे बहुत कोमलता से प्यार करें और वह आपके लिए दुनिया में कुछ भी करेगी। आप दोनों के पास समय है और मैं सोने जा रही हूँ। ये कहकर लिली चली गयी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हुमा के बाल, उसके माथे, उसकी आँखों, उसके गाल पर चुंबनो की बारिश की और फिर, उसके शरीर की करीब खींचा और कस कर आलिंगन करते हुए उसके लाल ओंठो पर लंबी और विक्षिप्त की तरह चुंबन करने लगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ये ऐसा चुम्बन था जो हमेशा याद किया जाता है-अब ये इतनी अच्छी तरह याद किया जाता है कि मुझे इसका वर्णन करने का कुछ प्रयास करना चाहिए। मेरे हाथ हुमा के सिर के पीछे थे, उनके लंबे बालों में दबे हुए थे। उसकी बाहें मेरे शरीर के चारों ओर लिपटी हुई थीं और चिपकी हुई थीं। पहले संपर्क के प्रभाव से उसके होंठ बंद हो गए थे, लेकिन एक क्षण बाद वे अलग हो गए और धीरे-धीरे, धीरे से, लगभग जैसे कि किसी गंभीर कर्तव्य के प्रदर्शन में, उसकी गुलाबी जीभ मेरे मुंह में घुस गई और उसके साथ उसके गले से सुगंधित रस बाढ़ मेरे मुँह में आ गई. उसने अपनी जीभ को मेरे मुँह में अपने चारों ओर घुमाया, जबकि उसके हाथ मेरे नितंबों पर गए और पंजो पर खड़े होकर, उसने मुझे इतनी असाधारण अंतरंगता के साथ चिपका लिया कि ऐसा लगता था कि हमारे शरीर पहले से ही एक साथ थे। दोनों ओर से एक भी शब्द नहीं बोला-वास्तव में इन परिस्थितियों में, भाषण असंभव था, क्योंकि हमारी जीभें एक साथ अकथनीय मिठास के दुलार में जुड़ गई थीं, जिसे दोनों में से कोई भी छोड़ना नहीं चाहता था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अंत में, मेरी रगों में खून इतनी तेजी से बह रहा था कि असहनीय हो गया, वह चुप थी लेकिन प्यार और अपनी आँखों में लालसा के साथ, उसने मुझे कुर्सी में दबा कर बिठा दिया और ख़ुद मेरी टांग पर बैठकर, अपना हाथ मेरे सिर के पीछे से गुज़ारा और मेरी आँखों में भरा हुआ उसके लिए ढेर सारा प्यार देखा, मेरा नाम ऐसे लहजे में फुसफुसाया और बोली ओह दीपक मैं आपके बिना नहीं रह सकती।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसके खुले मुंह को बार-बार चूमा मैंने उसके खुले मुंह को बार-बार चूमा और मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसने मेरे कपडे उतार दिए. वह उठी और मुझे अपने लिप्स और जीभ से चाटने लगी । उसके ऐसा करने से मैं जोश में भर कर अपने लंड को एक झटके में ही को उसकी चुत में घुसेड़ दिया और जैसे माखन की टिकिआ में चाकू जाता है उसी सरलता से वह अंदर चला गया और मेने उसकी बेरहमी से उछाल-उछाल कर चुदाई की और उसने भी चूतड़ उठा-उठा कर चुदाई का मज़ा लिया और अचानक हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और फिर, उससे पुछा तुम यहाँ कब और कैसे आयी?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चतुर्थ अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लंदन जाने की तयारी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -8[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] सोई हुई परम् सुंदरी [/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय  भाग 6 में पढ़ा:[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अंत में, मेरी रगों में खून इतनी तेजी से बह रहा था कि असहनीय हो गया, हुमा चुप थी लेकिन प्यार और अपनी आँखों में लालसा के साथ, उसने मुझे कुर्सी में दबा कर बिठा दिया और ख़ुद मेरी टांग पर बैठकर, अपना हाथ मेरे सिर के पीछे से गुज़ारा और मेरी आँखों में भरा हुआ उसके लिए ढेर सारा प्यार देखा, मेरा नाम ऐसे लहजे में फुसफुसाया और बोली ओह दीपक मैं आपके बिना नहीं रह सकती।[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हुमा के खुले मुंह को बार-बार चूमा मैंने उसके खुले मुंह को बार-बार चूमा और मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसने मेरे कपडे उतार दिए. वह उठी और मुझे अपने लिप्स और जीभ से चाटने लगी । उसके ऐसा करने से मैं जोश में भर कर अपने लंड को एक झटके में ही को उसकी चुत में घुसेड़ दिया और जैसे माखन की टिकिआ में चाकू जाता है उसी सरलता से वह अंदर चला गया और मेने उसकी बेरहमी से उछाल-उछाल कर चुदाई की और उसने भी चूतड़ उठा-उठा कर चुदाई का मज़ा लिया और अचानक हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपने मेरी कहानी "  मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा:[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब आगे:-[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी लिली को देखा। उसने बस एक छोटा-सा गाउन पहना हुआ था जो आगे से खुला हुआ था और इकठ्ठा हो गया था। वह अपनी पीठ के बल लेटी हुई थी, उसके हाथ उसके सुडौल सिर के नीचे थे, उसकी बाहें, एक आकर्षक स्थिति में मुड़ी हुई थीं, जो उसकी बगल के गड्ढे के नीचे बालों की हलकी-सी वृद्धि दिखा रही थी.[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी बगलो के बाल उसके बालो के रंग में समान के थे, लेकिन रंग में उस शानदार झाड़ी के समान समृद्ध नहीं थे जिसे मैंने आज सुबह इतनी उदारता से उसी की सहायता से प्राप्त हुए अपनी वीर्य से गीला किया था। उसकी छाती नग्न थी और उसके दो अनमोल नग्न स्तन, गोल, पॉलिश और दृढ़, इतनी खूबसूरती से रखे हुए थे जैसे दो प्याले उलटे रखा गया हो और उनपर दो बड़े अंगूर लगा कर उन्हें सजाया गया हो और उसका पूरा शरीर उसकी पतली कमर तक, लगभग नग्न था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लीली का एक घुटना, जो मेरे समीप था, मुड़ा हुआ था, बिस्तर के कपड़ों पर रखा हुआ उसका छोटा-सा सुंदर पैर, पैर के प्रत्येक अंगूठे का रत्न सीधा और अपने पड़ोसी से अलग, एक ऐसी सुंदर चिकनी टांग जो अब तक के सबसे तेजतर्रार मूर्तिकार को मंत्रमुग्ध कर देता, जबकि दूसराी टांग, लगभग कमर से नीचे की ओर, पूरी लंबाई में बढ़ाया गया और जो उसके प्यारे पैर पर जाकर समाप्त हो गयी और बिस्तर के किनारे के खिलाफ टिकी हुई थी ताकि उसकी जांघें, वे सुंदर कामुक और पागल करने वाली जांघें अलग हो जाएँ! क्या मैं ऐसी सुंदरता से दूर रह सकता था जबकि इतनी सुंदरता स्वतंत्र रूप से मेरे सामने प्रदर्शित थी, जबकि इस सुंदरता की प्यारी स्वामिनी सो रही थी और जिसे देख मेरा लिंग अंगड़ाईयाँ ले रहा था और जिस पर मैं अपनी जलती हुई आँखों को दावत दे सकता था?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं धीरे-धीरे और चुपचाप अंदर गया और बिस्तर के दूसरी तरफ़ गया, ताकि मेरी छाया उस सुंदर रूप पर न पड़े और उस प्रकाश को न रोके जो पहले हो पर्दे से छन्न का आ रहा था और माध्यम हो गया था, मैं उस परम् सुंदरी को चुपचाप निहारता रहा जिसने पूर्वाह्न में स्वर्ग का आनंद अपने कामुक आलिंगन में दिया था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो नींद में बहुत प्यारी लग रही थी! मैं उस प्यारे चेहरे को उसकी सभी शुद्ध रेखाओ और उसके सभी भावों में इतना निर्दोष देखकर कल्पना कर सकता था कि वह एक अविनाशी कामुक भट्टी की गर्म आग में जल रही थी। उन अतुलनीय स्तनों को देखकर कौन कल्पना कर सकता था कि असंख्य प्रेमियों ने अपनी कल्पना में उन्हें कामुक हाथ या होंठ से दबाया था और उन्हें पाने के बाद मैंने ख़ुशी में उनको चखा था और वे पीड़ा में कांपते थे?[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके पेट का साफ़ चौड़ा मैदान अभी भी उसके छोटी-सी गाउन के ऊपरी हिस्से से छिपा हुआ था, इतने सुंदर सांचे में ढले हुए मैं, जो, लिली के सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था, तो ऐसा लग रहा था कि वे कभी भी दूध से नहीं भरे थे और जिनके गुलाब की कली और अंगूर जैसे निप्पल बच्चों के चेरी होंठों से कभी नहीं चूसे गए थे । वह बिकुल किसी अप्सरा की तरह लग रही थी मैंने सोचा मुझे उसके सुंदर अंगो की और बारीकी से जांच करनी चाहिए। मुझे लगा यदि वह पूरी नग्न हों तो ये करना आसान होगा, कमर के पास एक छोटे से हिस्से को छोड़कर वह लगभग नग्न ही थी मैंने धीरे से, ये ध्यान रखते हुए की उसकी नींद में खलल न पड़े, उसके छोटे से गाउन का वह हिस्सा जो उसकी पेट और कमर के नीचे के हिस्से को छुपाये हुए था उसे हटाना होगा इसलिए मैंने उसकी कमर के ऊपर पड़े गाउन का हिस्सा जो अभी भी उसकी कमर पर था उसे धीरे से हटा दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उत्साह से कांपते हुए हाथ से मैंने ऐसा किया! लो! मेरी अप्सरा लगभग उतनी ही नग्न हो गयी जितनी वह पैदा होते समय थी![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जारी रहेगी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चतुर्थ अध्याय[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लंदन जाने की तयारी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाग -9[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]परम् सुंदरी   का प्रभाव[/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 7 में पढ़ा:[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके पेट का साफ़ चौड़ा मैदान अभी भी उसके छोटी-सी गाउन के ऊपरी हिस्से से छिपा हुआ था, इतने सुंदर सांचे में ढले हुए मैं, जो, लिली के सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था, तो ऐसा लग रहा था कि वे कभी भी दूध से नहीं भरे थे और जिनके गुलाब की कली और अंगूर जैसे निप्पल बच्चों के चेरी होंठों से कभी नहीं चूसे गए थे । वह बिकुल किसी अप्सरा की तरह लग रही थी मैंने सोचा मुझे उसके सुंदर अंगो की और बारीकी से जांच करनी चाहिए। मुझे लगा यदि वह पूरी नग्न हों तो ये करना आसान होगा, कमर के पास एक छोटे से हिस्से को छोड़कर वह लगभग नग्न ही थी मैंने धीरे से, ये ध्यान रखते हुए की उसकी नींद में खलल न पड़े, उसके छोटे से गाउन का वह हिस्सा जो उसकी पेट और कमर के नीचे के हिस्से को छुपाये हुए था उसे हटाना होगा इसलिए मैंने उसकी कमर के ऊपर पड़े गाउन का हिस्सा जो अभी भी उसकी कमर पर था उसे धीरे से हटा दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उत्साह से कांपते हुए हाथ से मैंने ऐसा किया! लो! मेरी अप्सरा लगभग उतनी ही नग्न हो गयी जितनी वह पैदा होते समय थी![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा: :[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब आगे:-[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सुंदरता का रोमांच और उत्तेजना से ग़ज़ब का मेल है और नग्न सुंदरता तो जैसे आग में घी डालने का काम करती है । मैंने उसे नग्न देखने के लिए उसके गाउन को खोल कर पेट से हटा दिया था, लेकिन इससे पहले कि मेरी नज़र ऊँची हो, जिस प्रकार चिड़िया उसके सामने खुले हुए सुहावने चारे के जाल में फँस जाती है, उसी प्रकार मेरी आँखें उस शानदार हलके सुनहरी बालों की जाली में उलझी गयी, झाडी में उगते हुए नयी उगी हुई घास की कोपलों जैसे नरम रोये जो ताजगी, सुंदरता और जो काम इच्छा को उत्तेजित करने लगे, वह उस समय प्रेम की देवी लग रही थी। मुझे आनंद के इस सुंदर क्षेत्र को देख आनंद आया। उसके कितने बड़े भरे होंठ थे जिन्हे उसने कितनी मधुरता से संभाला है। कितने सुंदर सुनहरे रोये जो इसे चूमते हुए प्यार करते थे और त्वचा की सफेदी को सुनहरी बना रहे थे, जिनकी तह ने उस गहरी और परिपूर्ण रेखा का निर्माण किया कुदरत द्वारा किया गया था। और उस शानदार पहाड़ी की ढलान कितनी दिव्य थी, बिलकुल छोटी से पठार की तरह जो उसकी जांघों के बीच गहरी घाटी तक गयी और उस चमकते हुए प्रेम कुटी में समाप्त हो गयी जिसमें प्रेम छिपा हुआ था और जिसमे प्रसन्नता, आनद और मजो का खजाना भरा हुआ था जिसे वह हर्ष के अतिरेक के साथ अपने प्रेमी पर खुले मन से लुटाती है और उसके हर्षित आनंद को गर्म लावे के रूप में अपने प्रेमी को प्रदान करती है।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लेकिन तभी मैंने देखा एक छोटी-सी रूबी टिप उन अति सुंदर होंठों की ऊपरी बैठक के पास बाहर निकल रही है? वह रूबी टिप हिली फिर छुप गयी फिर निकली और फिर धड़कने लगी। ओह लगता है कि वह सपना देख रही है! लिली अपने मुड़े हुए पैर को उस फैलाए हुए पैर की ओर थोड़ा बंद कर लेती है! यह उसकी सबसे संवेदनशील भगशेफ है! तीव्र काम इच्छा के विचारों से उत्तेजित हो यह भगशेफ कठोर हुई और अधिक से अधिक बढ़ी और एक उत्तेजित तने की तरह छोटे झटके में हिलने लगी । अध्भुत दृश्य था ये । मेरी काम उत्तेजना ये दृश्य देख बढ़ने लगी और मेरा लिंग कठोर हो गया[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने सोई हुई सुंदरता की मूर्ति लिली के शांत मुस्कुराते और प्यारे चेहरे को देखा, उसके होंठ हिल गए और उसका मुंह मोती के दांतों को दिखाते हुए थोड़ा खुल गया! उसकी छाती फैलती दिख रही थी, उसके स्तन सूज गए थे, वे ऊपर उठे और उससे कहीं अधिक तेजी से गिरे और वैसे हो गए जैसे वे प्यार के इस सपने के पूरा होने या होने से पहले थे। आह! उसके बूब्स हिल रहे थे! उसकी गुलाब की कलियाँ सूज गयी और प्यार करने बाले की निगरानी करते हुए उसके प्रत्येक चूचक अपने ही पहाड़ के बर्फीले सिरे पर बैठे एक उत्सुक प्रहरी की तरह उसके चूचक खड़े हो गए और उसकी बाट जोहने लगे जो इस सपने देखने वाली लिली के ऊपर नरम, तेज और गर्म आक्रमण करेगा। पर ये प्रहरी रक्षा करने के लिए नहीं खड़े हुए थे ये आमंत्रण दे रहे थे। निश्चित तौर पर ये उस आक्रमण करता से पहले मिले हुए थे । और उसकी आहट मिलने से सजग हो गए थे ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर से उसकी जाँघें एक दूसरे पर सट गयी। स्वर्ग! फिर से वे उत्साहित, हिलती-डुलती, उछलती-कूदती और वास्तव में छलांग लगाती हुई प्यार के उस गर्म आश्रय को दिखाने के लिए खुली। उसकी चमकदार रूबी क्लिट स्पष्ट रूप से उस मर्दाना साथी को महसूस करने का प्रयास कर रही है जिसका लिली आकर्षक सपने देख रही थी। मैंने सोचा क्यों न इस सपने को एक मीठी वास्तविकता में बदल दिया जाए?[/font]




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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके चमकते छिद्र में खोजने के लिए, मैंने संकोच नहीं किया और इससे पहले कि वह जाग जाए, तेजी से कपड़े उतार एक पल में मैं उस सुबह की तरह नग्न हो गया, और सोचने लगा कि क्या मैं वास्तव में इस सो रही लड़की में अंदर प्रवेश कर पाऊँगा, तो मैं धीरे से उसके बगल से उसकी जांघ पर चढ़ गया और उसके बीच घुटनों के बीच मैंने अपने हाथों पर अपने आप को सहारा दिया, उसके प्रत्येक तरफ़ एक और अपने पैरों को पीछे की ओर खींचकर, मेरी नज़र उस प्यारी और जलती हुई योनि पर टिकी हुई थी जिस पर आक्रमण करना चाहता था। मैंने अपने शरीर को तब तक नीचे किया जब तक कि मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं ख़ुद को उस पल में उसकी मासूमियत के साथ प्यार और विलासिता के उस आसन में प्रवेश करते हुए देख सकता था! मैंने महसूस किया उसकी योनि गीली थी और इतनी टाइट थी की लंड की चमड़ी और योनि की दीवारों के घर्षण के कारण मेरे लंडमुंड के ऊपर की चमड़ी मेरे लंड के झुनझुनी वाले सिर से पीछे हट रही है और लंड के चौड़े बैंगनी कंधो जैसी जगह के पीछे मुड़ कर इकठी हो गयी और लाल लंडमुंड उसकी योनि को चुंबन करते हुए उसकी योनि की पूरी गहराईयो में समा गया । एक पल के लिए मैंने उसके चेहरे की ओर देखा कि क्या उसे मेरे द्वारा की गयी इस घुसपैठ का कुछ आभास हुआ है? वह अभी भी एक कामुक सपने के उत्साह में सो रही थी। मैं धीरे-धीरे उसे और अधिक आनंद देने के लिए, थोड़ा-सा पीछे हटते हुए, आगे और आगे दबाव डाला।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब लगभग पूरा लंड अंदर चला गया था, उसकी योनि प्रदेश के रोये मेरी आँखों से मेरे औजार के आखिरी इंच या इतने से भी कम को छुपा रही थी, हमारेयोनि प्रदेश के बाल आपस में मिले, मेरे अंडे उसके नितम्बो से छुए और वह हिली और जगने लगती है और उसकी आँखे थोड़ी-सी खुली![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एक पल में उसकी लगभग जंगली उत्सुक आँखे मेरी नज़रो से मिलीं, और मुझे देख उसकी आँखे ख़ुशी और स्नेही दुलार से चमक उठी और उसने अपने बाहे मेरे गले में डाल मेरे मुँह को अपने ओंठो के पास खींचा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आह! तो यह आप है?" वह कराही, "मैं तुम्हारा ही सपना देख रही थी! और तुमने मुझे इतने प्यार से जगा दिया!"[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद हमने कुछ देर गहरे और गर्म और लम्बे चुंबन किये, ओंठो से ओंठ और जीभ से जीभ मिले और लार का आदान प्रदान किया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर दोनों ख़ुशी और थोड़े विस्मय के साथ तंग आलिंगन में लिपटे गले से गले फिर स्तन से स्तन, पेट, से पेट, मुँह के साथ मुँह मिले, जांघो से जाँघे, टांगो से टाँगे और पारो ने पैरो को दबाया और रगड़ा और हम ऐसे ही एक दुसरे के साथ खेलते रहे। शरीर के हर-हर हिस्से में हलचलें हुई और फिर पैर की अंगुली और एड़ी जैसा कि उसने कहा:, गर्म, तेज, रोमांचकारी चुदाई शुरू हुई जो पता नहीं कब तेज छोटी खुदाई में बदली और दोनों के कराहो के बीच में फिर प्यार के दो ज्वालामुखियों की धाराएँ एक साथ फूटी और उनका लावा बाढ़ की तरह पहाड़ी के ढलानों से नीचे बह गया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तभी घडी में छे बजे का घंटा बजा। हमने लगभग पूरे एक घंटे गहन कार्यवाही की थी और मेरी आकर्षक सुंदरता लिली ने मेरे खड़े हुए लंड की एक बार फिर जांच की और उसने कहा, अध्भुत तुम्हारा लिंग और अंडकोष सच में अध्भुत हैं। अद्भुत, अद्भुत इसलिए क्योंकि तुम्हारे लिंग में थकान के कोई लक्षण नहीं थे और दूसरे में भी कोई कमी के कोई लक्षण नहीं थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने लंड को पकड़ा, सहलाया और फिर उत्तेजना से लाल लंडमुंड को चूमा फिर घुमा का एक तरफ़ और फिर घुमा कर दूसरी तरफ़ देखा "मुझे विश्वास नहीं है कि पुरुष का लिंग ऐसा भी हो सकता है!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"क्यों आपको ऐसा क्यों लगता है?" मैंने हंसते हुए पूछा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"क्योंकि यह तो हमेशा कठोर ही रहता है--क्या तुम्हारा लिंग हमेशा खड़ा रहता है?"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं आपका दीवाना हूँ और ये आपकी योनि का आशिक हो गया है, मेरी प्रिय लिली, इसे बाहर निकालने के बाद हमेशा इसमें वापस आने की बहुत ज़्यादा जल्दी रहती है!"[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]image hosts[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]" लेकिन मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा है! मैंने अपनी बहन को कई मर्दो के साथ सम्भोग करते हुए देखा है अन्य सभी पुरुष के लिंग एक बार सम्भोग के बाद और उनमे से ज्यादातर के दूसरी बार के बाद हमेशा नरम हो जाते हैं और आम तौर पर फिर से खड़े होने के लिए काफ़ी प्रयास करना पड़ता है, और वह भी तब जब उन्हें बहुत समय दिया जाए! लेकिन तुम्हारा तो बैठता ही नहीं है! मैंने कभी ऐसा देखा नहीं है मैं ऐसे किसी से कभी नहीं मिली! मैं देख सकती हूँ, इसमें से सारा रस निकालने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी होगी! इससे मुझे बहुत परेशानी होगी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"ओह! लेकिन मैं अपनी सबसे प्यारी और परम सुंदर प्रेमिका को आश्वस्त कर सकता हूँ कि सामान्य महिलाओं के साथ मैं वैसा ही हूँ जैसा आप उन पुरुषों का वर्णन कर रही हैं या जिन्हें आप ने देखा या जाना है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यह आपकी असाधारण सुंदरता ही है जिसने मुझ पर इतना शक्तिशाली प्रभाव डाला है!" मैं उसे चूमते हुए बोला "आइए!" मैंने अपनी बाँहों और जाँघों को खोलते हुए कहा। "आओ और मेरे ऊपर लेटो और मुझे एक लम्बा गहरा चुंबन करो!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी सुंदरता की प्रशंसा मैंने की, उसकी प्रसंसा जो मैंने की थी वह उसके योग्य थी, अपनी प्रशन्सा से उत्साहित, उसने ख़ुद को ख़ुशी के कराहते हुए मेरे ऊपर फेंक दिया और मेरी मर्दानगी उसकी योनि से टकराई और उसने टाँगे खोल कर उसका स्वागत किया और वह अपने पसंददीदा विश्राम स्थान में फिर से प्रवेश कर गयी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]प्यार सेऔर बिल्ली की तरह चाटते हुए जोश से थोड़ा शब्दों को बड़बड़ाते हुए वह मुझे मधुर चुंबन करती रह, फिर मैंने उसे प्रस्ताव दिया कि वह अपनी जांघो को मेरी जांघो पर थोड़ा फैला कर मेरे ऊपर बैठ जाए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"लिली मेरी जान! आ जाओ मेरे ऊपर बैठो" मैं कराहा! और मैं ने अपना हाथ उसके पेट के नीचे और उसकी जाँघों के बीच और अपनी लंड को उसकी धधकती हुई गुफा में खिसका दिया। मेरा लंड कुछ समय के लिए एक दम कड़ा, सुजा हुआ और जोश से धड़क रहा था, और राहत पाने के लिए दर्द हो रहा था। लिली में अपनी जाँघे मिलाई।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"इसे दबाओ निचोड़ेो, लिली! इसे निचोड़ो, प्रिये; आह! अच्छा! ऐसा करो! और करो, इससे मुझे बहुत मदद मिलेगी; तुम नहीं जानते कि मैं कैसे तड़प रहा हूँ, मेरी प्रिय इसे कस कर निचोड़ो, थोड़ा सा ऊपर-नीचे करो -ओह, बेबी, यह बहुत बढ़िया है!"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसे बार बार चूमते हुए,अपने हाथो से उसके नितम्बों और स्तन को दबाते हुए धीरे-धीरे लिली के नीचे मेरी कमर ने अपना काम जारी रखा और इस रमणीय अनुभूति के कुछ क्षण लंबे मेरे लिए पर्याप्त थे। अचानक ऐंठन के साथ, अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए उसे अपने और खींचा और उसे अपने स्तन से चिपका कर उस सुंदर लड़की को पागलों की तरह चूमने लगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जारी रहेगी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपका दीपक[/font]
 
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