kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ - Page 6 - SexBaba
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kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ

कमल के रफ़्तार बढ़ाने से रानी की उत्तेजना भी बढ़ने लगी। रानी ने कमल की नंगी कमर कस के पकड़ी और बोल पड़ी, "कमल जल्दी करो। मुझे और तेजी से चोदो। अब मैं अपने चरम पर पहुँचने वाली हूँ। जल्दी.... प्लीज... और जोरसे.... मेरी चिंता मत करो। ... आह्हः.... हैश..... ओह.... उफ़...." ऐसे कराहट करती हुई रानी को एक ऐसा अनुभव हुआ जैसे उसके बदन में समंदर की जबरदस्त ऊँचे ऊँचे तक उठती मौंजों की तरह उछाल आया और उसका बदन कभी सिकुड़न तो कभी खिंचाई महसूस करने लगा। उसकी चूत में से भी उसके स्त्री रस की बौछार फुट पड़ी।

उधर रानी और कमल की अति रोमांचक चुदाई देख कर राज और कुमुद भी उत्तेजना से मचल रहे थे। उन्हें पूरी स्वच्छंदता से जो चाहे करने का जैसे लाइसेंस मिल गया था। और क्या देखना था? राज ने कमल की चूत में अपना लण्ड पूरा घुसेड़ दिया और उसे जोर शोर से कुमुद की चूत में पेलने लगा। राज का लण्ड कुमुद को बड़ा प्यारा लग रहा था। अपने पति कमल के मोटे लण्ड से कुमुद बड़ी त्रस्त थी। कमल कई बार जब जल्दी में होता था तो पूरी तरह अपना लण्ड चिकना किये बिना कुमुद की चूत में डाल देता था और उससे कुमुद की चूत में बड़ा दर्द होता था और उसकी चूत में कई बार खून तक निकल जाता था। आज कुमुद बड़े सुख से राज के लण्ड से चुदवा कर बिना दर्द के आनंद का अनुभव कर रही थी। कुमुद मारे उन्माद के बिस्तर पर मचलने लगी और अपनी गाँड़ बिस्तरे पर रगड़ती हुई कामुकता भरी उन्मादित आवाज से कराह ने लगी।


दोनों जोड़ियां आज वह सुख अनुभव कर रही थी जो उन्हें शादी के इतने सालों के बाद सपना जैसे लग रहा था। दोनों ही पत्नियां सारी शर्मो हया को ताक पर रख दूसरी के पति से बड़े प्यार से और उच्छृंखलता से चुदवा रही थी और अपना जातीय सुख का अद्भुत उन्माद अपनी सहेली को दिखाने के लिए कई बार अपनी सहेली की हाथ दबा कर संकेत दे रही थी। उनमें कोई इर्षा का भाव नहीं रहा था क्यूंकि इस उच्छृंखलता में उसके पति और सहेली भी तो भागीदार थे। उन चारों ने यह सोचा भी नहीं था की ऐसा अद्भुत अनुभव उन्हें मिल सकेगा।

राज और कुमुद अपने चरम पर पहुँच चुके थे। उन्हें यह सोचने की जरुरत नहीं थी की राज अपना वीर्य कुमुद की चूत में डाले या नहीं। कमल भैया ने रानी की चूत में अपना पूरा वीर्य जब उंडेल ही दिया था तो भला राज को पूछने की क्या आवश्यकता? पर फिर भी राज ने कमल भैया के हाथ को पकड़ा और इशारे से पूछा की क्या राज कुमुद की चूत में अपना वीर्य डाले?

तब कमल ने राज को डाँटते हुए कहा, "भाई कहता है मुझे? अरे हमारी दोनों पत्नियां अब हमारी दोनों की साझा हैं। आज हमारा बचपन का सपना साकार हुआ है। अब तुम पूछ कर मुझे अपमानित ना करो। कुमुद और रानी दोनों ही तुम्हारी पत्नियां है और दोनों ही मेरी पत्नियां भी है। तो फिर सोचना क्या? जाने दो अपना सारा माल मेरी बीबी की चूत में और आज कुमुद को भी तुम सच्चे मायने में अपनी पत्नी बना ही लो। अब इन दोनों के जो बच्चे होंगें वह हमारे साँझा होंगे। भले ही नाम एक का ही हो। अब आज से जब भी मौक़ा मिले गए तो हमारा साँझा बिस्तर होगा। रानी और कुमुद हमारी साँझा बीबियाँ होंगी।"

The End
 
बढ़िया कहानी है जी। मजा आ गया thanks ???
 
asha10783 said:
बढ़िया कहानी है जी। मजा आ गया thanks ???
Per ab age kya hoga
Kya vo ab ek dusare ki biwi ke sath rahenge
 
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