Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ - SexBaba
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Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ

hotaks444

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गदरायी लड़कियाँ

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राजशर्मा एक और मस्त और कामुक कहानी आपकी खिदमत में पेश कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ ये आपको ज़रूर पसंद आएगी . दोस्तो वैसे तो ये एक छोटी सी कहानी है पर कामुकता पर आधारित होने के कारण बहुत मज़ा आएगा
 
मैने अपने दोस्त के कहने पर ट्यूशन प्रारम्भ किया । ट्यूशन के पीछे रुपया कमाना नहीं बल्कि कलियों के दीदार का भरपुर लाभ उठाना था वैसे ट्यूशन के सहारे मेरा दोस्त अब तक छः सात कलियों को मसल-मसल कर समय से पहले फूल बना दिया था...मैं भी उसी के रास्ते पर चलते हुए
जवानी की बहार का आनंद लेना चाहता था ।

मैंने दोस्त के कहने पर, ट्यूशन का कार्य प्रारम्भ किया ।

वैसे तीन दिन बीत चुके थे...पर मैं हिम्मत जुटाने के वाबजुद भी उसके शवावों पर हाथ नहीं फेर पाया था जबकि मेरा दोस्त रमेश जिस लड़की को
पढ़ाता था उसको रोज भलाई चखाता था ।

,मलाई खिलाने का मतलब कि चोदता था ।। | मिलने पर जब वह शमा के साथ ही गई हरकतों को बताता - तो में उमंग से भर जाता...और स्वयं
ट्यूशन के लाभ को उठाने को तड़पता पर पहुँचने पर पर हाथ लगाने की हिम्मत नहीं होती ।।

| अब आँखों के सामने मीना का रूप रंग हुष्ण हमेशा ..नाचता रहता और रह-रहकर मेरा कुआरा सिंगनल अप हो-हो कर मुझे व्याह से पहले व्याह का आनंद लेने की विवश करता ।।

मैं भी दोस्त की तरह अपनी मीना को क्रीम लगाकर समय से पहले कली से फूल बनाने को बेताब था । | इस चक्कर में जेल का एक छोटा, टियूब हमेशा जेब में डालकर मीना के बंगले पर जाता । | दोस्त ने बताया था कि मीना की उम्र की कच्ची कलियाँ जरा सा मजा पाते ही-आसानी से पूरे काम के लिये तैयार हो जाती है । । एकबार काम बनने पर वार-वार मजा देने को खुद बेकरार रहती है।
 
[size=small][size=large]दोस्त की तरह में पूरी जवान था ।

हम दोनों बीए फाइनल के पढ़ रहे थे और एक ही कमरे में पार्टनर भी थे ।।

उसी ने मुझे ट्यूशन के लिये ललकाया था । यद्यपि मेरी और उसकी दोनों की आर्थिक स्थिति ठीक थी । बस लौंडियांबाजी करने का साफ सुथरा तरीका था ट्यूशन का।

अच्छे घर की साफ सुथरी सुन्दर चीज का मजा... बिना किसी भय के आसानी के साथ मिलने लगा था । यहाँ टियूशन भी आसानी से मिल जाता था । :

उसने सांतवी की मीना को पढ़ाने का जुगाड़ भी लगाया था। | वह उसी कालोनी के अमीर घराने की दो जुड़वा बहनों को पढ़ाता था ।

बताता था कि आजकल दोनों की फिट नेस चेक करता है ।
मजा लेने के लिए दोनों जुड़वा बहने- ढीले ढाले फ्राक को पहन कर पढ़ती हैं | मैं उसके मुंह से उन छोकरियों के साथ की जाने वाली हरकतों को सुन-सुन जवानी के जोश में भरता जा रहा था। । मीना-गठीले शरीर की गोरी गोरी कमसिन कली थी | वह दो देशी कच्चे अनारों की मालकिन थी ।

उसको पढ़ाते समयं मेरा सिगनल अपने आप अप रहता ।।

तीन चार दिन में मैं केवल एक बार हिम्मत करके उसके गालों पर हाथ फेरा था...बस ।।

गाल मीसते मैं जवानी के उमगं से भर गया पर हिम्मत जुटा कर भी हाथ को उसकी चुचियों पर नहीं लगा सका था ।

पुनः मै छोकरी को फंसाने वाली हरकत को बिना अपनाए कुआरे लंड को हाथ से दबा-कर वापस आ गया था ।

पार्टनर अशोक ट्यूशन का असली आनंद ले रहा था । वह तो एक साथ दोनों जुड़वा बहनों को कच्ची से पक्की बना रहा था ।
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[size=small][size=large][size=small][size=large]वापस आने पर मैंने पार्टनर अशोक से मीना के गाल पर हाथ लगाने की बात बताया तो वह चहक के साथ बोला| " चूची दबाई
"तुम उसे अकेले कमरे में पढ़ाते हो ना--

''हां पता नहीं क्यों हिम्मत टूट जाती है

“तुम उसे अकेले कमरे में पढ़ाते हो ना

' हां....पता नहीं क्यों हिम्मत टूट जाती है

अशोक- बुरा तो नहीं मानोगे'

'नहीं......क्या है- मैंने अशोक से पूछा ।।

वह एक पल कुछ सोचा......फिर माथे पर बल देते दबे स्वर में पूछा-सच बताओ कभी किसी को चोदे हो या नहीं।
तभी घबराते हो कच्ची उम्र की लड़कियां मजा पाने पर चहक जाती है...... ।।
जब तक मीना की चुची नहीं दबाओगे- तब तक बात आगे बढ़ने वाली नहीं....गाल पर हाथ फेरने पर मुस्काई थी ।।
चुची दबाना था.....उसको मजा आ रहा है तुम घबड़ाते क्यो हो

उसकी बातो से मेरे लंड तनाव आने लगा था । मेरा दोस्त अशोक इस हसीन कार्य के लिये मेरा गुरू था । हमदोनों की जवानी अभी चटख रही थी । वह ट्यूशन का भरपूर लाभ उठा रहा था ।।

पुनः अशोक एक पल के लिए गंभीर हुआ फिर सोचते हुए कहा

'' बेफिकर होकर मीना की चुची पकड़ा करो--

“ठीक है..." |

" अच्छा अब सोया जाय- और पार्टनर अशोक जो अपने माल को चोद कर मजा लेकर आया था-आराम से नींद लेने लगा ।।

मैं मीना के हुश्न और मस्ती की रंगीन कल्पना में खोया अपने प्यासे कुंवारे लण्ड को पलट कर तकिये में रगड़ता करवटे आधीरात तक बदलता रहा ।



बहुत देर बाद में नींद आई ।।
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[size=small][size=large][size=small][size=large][size=large]मैं शाम को पांच बजे मीना को ट्यूशन पढ़ाने जाता था । अशोक | कालेज- से दो बजे वापस आता - और फौरन चला जाता था
| वह पंजाबी घराने में पढ़ाता था । मीना सेठ यानी मारवाड़ी की लड़की थी ।

दोपहर कालेज से वापस आते ही मेरे सीनियर पार्टनर ने अपने आप को आइने के सामने फिट फाट करके मस्ती के साथ बोला-- प्यारे तेल लगाकर आज दूसरी वाली का भी उद्घाटन करूँगा । हो सकता है.....आज उसकी मां घर पर न हो-- |

" तुम बहुत भाग्यशाली हो-

मैंने तड़प के साथ कहा तो अशोक अपने वालो पर कंधी मारता बोला-

“मजा पाकर दोनों मस्त है..... अगर मम्मी नहीं होगी तो मजा आ जायेगा...... ।

बात अशोक कर रहा था और मस्ती मेरे बदन में दौड़ रही थी । लंड गुदगुदाने लगा था । •

'' लूट ले मजा अकेले अकेले प्यारे''

| इसपर अशोक कंधे पर हाथ रखता बोला- “माल तो तुम्हारा हमारे माल से चोखा हैं प्यारे हम होते तो अब तक बहुत कुछ कर चुके होते .
आज चुची जरूर मसलो-माडवाडी लड़कियां तो और सेस्सी होती हे मजा आने पर यार को खुब खिलाती पिलाती भी है--धीरे से गाल पर हाथ फेरना उसी हाथ को चुची पर लाना थोड़ा सिकुडे तो चुची को धीरे से मीसते हुये- दूसरे हाथ को चढ्ढी पर लाकर उंगली से बुर को धीरे धीरे खोदना चुप रहेगी-तो चार पांच बार करने के बाद फिर पढ़ाने लगना...फिर इसी तरह थोड़ी देर बाद जब दूसरी बार भी विरोध न करे-तो गोद में बैठा कर दोनों चूची को
एक साथ मीसना गाल से गाल रगडना फिर समझो फस गयी और जो जो बताया है। ...... उस क्रिया को पारी पारी में करना चार पांच दिन खाली चुमो
चाटो चढ्ढि में हाथ डालकर बुर से खुब खेलो-उंगली से धीरे धीरे चोदो - |
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[size=small][size=large][size=small][size=large][size=large][size=small][size=large]अशोक तो लौडियों वाजी का पूरा ज्ञान दे गया ।। | वह गया तो मैं आज मीना की चुची मसलने की बात बार बार सोचता समय से पहले सेठ की आलसान कोठी पर पहुँचा ।।

हमको देखते ही दरबान ने मास्टर जी कहकर नमस्कार किया ।

मासूम गोरी गोरी गुलाब की फुल सी मनमोहर मीना के नशे ने आज रास्ते में ही जवान लंड को पैंट में जवान कर दिया था ।

उसकी उभरती छोटे संतरे के आकार की कच्ची चुचियाँ आंखों में। अभर उभर कर मेरे पूरे बदन में सनसनी दौड़ा रही थी ।। | पार्टनर अशोक इस
समय दोनों कन्याओं से मजा लूट रहा होगासोचते ही पूरे बदन में लड़की पन की भूख जाग गयी ।

‘मास्टर जी नमस्ते ।

“नमस्ते ....ठीक हो ना-मैने दरबान की ओर देखा ।।

'मीना बिटिया तो अभी अभी स्कूल से आई है...." दरबान ने कहा

उस समय मेरा लण्ड अंडरवियर में सकर पकंर कर रहा था ।आज |हमें मीना की चुची दबा बुर को खोद जवानी का पहला मज़ा लेना ही था। | मैंने
कोठी में जाना चाहा कि वह अधेड़ दरवान अपने वालों को खुजलाता बोला- मास्टर जी रुकिये- मालकिन से मिल लीजिये । वह कही थी कि मास्टर को हमसे मिलवाओ| इस समाचार से मेरा नशा ढीला हो गया । मन संदेह से भर गया । खड़ा लंड फौरन डाउन हो गया । मैंने सोचा कि कल मीना के गाल। पर हाथ फेरा था कही उसने मेरी शिकायत तो नही कर दिया ।।

कहावत संच ही है कि चोर की दाढी में तिनका ।। "मालकिन ''

'' हां मास्टर जी आप रूकिये हम पूछ कर आते है ''

वह भीतर गया ।। | मैं थोड़ा घबड़ाया फिर मन को कड़ा किया....अपने हृदय की बढ़ी हुई गति को संभालता दरवान की वापसी का इंतजार करने लगा।

वह वापस आया और कहा–जाइये मास्टर जी आप का भाग्य चमक गया-मालकिन बहुत खुश है

मैने उस दरवान के कंधे पर हाथ रख पुछा- '' लगता है। कोई खास बात है | ''

'' हिम्मत से काम लेना-घबराना नहीं मालकिन को खुश कर दोगे तो फिर किसीबात की कमी नही होगी.....''
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[size=small][size=large][size=small][size=large][size=large][size=small][size=large][size=small][size=large]इस पर मनोहर दरवान इधर उधर देख हमको पोर्टीको में खड़ी कार के पीछे ले जा-अपने होठों पर जीभ फेरते कहामेरी मालकिन बड़ी शौकीन हैं....तुम्हारी उम्र के छोकरे की अभी शादी नहीं हुयी होगी....।

'' नहीं नहीं में समझा नहीं मनोहर ।''

"हमको कुछ फायदे में से देने को कहो तो खोलकर बता दे ''।।

" देगें-देगे .''

मालकिन को अयाशी का शौक है...लडको को अच्छा खासा पैसा देती है और नई-नई छोटी उम्र की लड़कियों को जवान करने का शौक लगता हैं-
आज तुम्हें अपने साथ अनाथलय ले जायेगी समझे ''

मेरे बदन में सनसनी तो दौड़ी पर अजीब सा महसुस कंर उसकी ओर देखा तो मनोहर बोला- इस काम के लिये मालकिन नोट देगी....
अनाथालया में चार पांच लड़कियां गदरा गई है चलो देर हो रही है।


मनोहर की बातों से पुन: मेरे शरीर में सनसनी दौंडी और अंदर से गुदगुदा कर मैं सेठानी के अनोखे अखाड़े में कूदने को कमर कस कर मनोहर से बोला - '' हम इनाम में तुमको देगें-- | "

'' मालकिन को कमसीन लड़कियों केकी बुर से लाल पानी निकलते देखने का बड़ा शौक है डरना नहीं जो कहे फौरन करना मजा भी पाओगे
| और रूपया भी,, वह चलते चलते बोला ।।
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[size=small][size=large][size=small][size=large][size=large][size=small][size=large][size=small][size=large][size=large]'' मालकिन को कमसीन लड़कियों केकी बुर से लाल पानी निकलते देखने का बड़ा शौक है डरना नहीं जो कहे फौरन करना मजा भी पाओगे
[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]

| और रूपया भी,, वह चलते चलते बोला ।।



जीने से होकर वह हमें सेठानी के कमरे के पास ले गया ।। वह मीना की मां थी ।

उसे दो तीन बार देखा था चालिस के उपर की खुबसुरत हैवी चुतड़ वाली मारवाडिन थी ।





दरवाजा बंद था । . ''जाओ भीतर यही कमरा है- और वह चला गया ।



उसने जो बताया था उसे जानकर जहां हमें चुलबुलाहट का अनुभव हो रहा था-वही सेठानी के अनोखे किस्म के शौक पर आश्चर्य भी हो रहा था । | कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह की अयाश औरते होगी-जो कमसिन बुरको चुदती देखने का शौक रखती होगी ।



एक पल बंद दरवाजे से सटा खड़ा रहा फिर दस्तक के साथ-"अंदर आने की आग्या दें- ।। कह जो प्रवेश किया- तो थुलथुले बदन की बड़ी बड़ी चुचियो वाली मोटी मोटी रानों तथा भारी चुतड़ वाली दूध सी सुफेद रंग की सेठानी को पारदर्शी कपड़े के गाउन में तकिये के सहारे आलीशान बेड़ पर लेटे देख- मदहोशी से भर गया''



उसके शरीर पर गाउन के सिवा कोई और वस्त्र नही था ।



एक प्रकार से औरत नंगी दीख रही थी । | वह तिरछी थी इसलिए सुडौल रान और पपीते सी दोनों एक दूसरे पर लदी चुचियों के बड़े बड़े दानों को देख

तथा चिकने चुतड़ और गांड की फाँक को देख पैंट का भार बढ़ने लगा ।। | इस उम्र में भी काफी आकर्षक लग रही थी ।



वो --बैठो इधर ।



मैं पलंग के पास के कीमती चेचर पर सेक्स से भरते हुए बैठा तो सेठानी का चिकना पेट.. नाभी और दोनों रानों के बीच की चिकनाई देख पेंट का लण्ड

एकदम से कड़ा होकर44() वोल्ट का करंट फेकने लगा । । हमें पहली बार किसी औरत का बदन नंगा दिखा था ।

वास्तव में मीना की मम्मी को इस गाउन में लेटा देख और भी अधिक जवान हो उठा ।


[size=small][size=large][size=small][size=large][size=large][size=small][size=large][size=small][size=large][size=large]| मीना को भूल मैं उस की बड़ी बड़ी चुचियों पर हाथ फेरने को अंदर से तड़पा । |[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
मीना को भूल मैं उस की बड़ी बड़ी चुचियों पर हाथ फेरने को अंदर से तड़पा । |

वह हमको ध्यान से देखती पूछी-- तुम्हारी उम्र क्या है इस समय

'' जी जी इक्कीसवां चल रहा है--


" अरे मास्टर जी घबराओ नहीं.... तुम्हारा डील डौल् गठीला शरीर पहले | दिन देखती ही समझ गई थी कि अब तुम जवान हो रहे हो-""

और चिपकी रानों के बीच जो जगह बनायी-तो उसकी पावरोटी सी चिकनी बुर का उपरी |भाग हमें दिखा ।।
बुर देख मेरे लण्ड में भरपूर ताव आया । लगा कि मीना की मम्मी हमको जान बुझ कर बुर दिखा रही है।

उस समय उसके आलीसान कमरे की दीवार घड़ी पांच बजा रही थी। उसकी चुची के आगे के दोनों दाने सुपारी के आकार को सांवले रंग के थे। उसी अवस्था में हमें अपने औरत पन का नजारा दिखाती उधर उधर की बाते की फिर होंठो को मीचती बोली- ओके तुम अच्छे लग रहे हो और विस्तर पर
झटके के साथ उठ कर मेरी ओर मुंह करके बैठी तो दोनों चूची के सावंले निप्पल्स पुरी तरह गाउन के ऊपर उभरे जिसे देख मेरा नशा और जवान हुआ ।

मुझे दरवान मनोहर की बाते सचं दिख रही थी । वह इस झीने कंपड़े में अपने चिकने बदन को हमें दिखाती हुयी जरा भी शर्मा नहीं रही थी । मैं अपने आप मस्ती से भर कर सेठानी की बात खुशी खुशी मानने को तैयार था । | उसने मीठी नजर से मेरे गुलाबी चेहरे को देखा- और पुनः गाउन में उभरे
दोनों निप्पलो को देखती बोली--इधर पास घिसक के बैठो इतनी दूर नहीं ...मैं बहुत खुश हूँ....पास आओ तुम्हे मैं प्यारकरूँगी .

भले वह हमसे दुगुनी उम्र की थी । पर गाउन से झांकता चिकना मासंल बदन हमको उसके साथ भरपूर मजा लेने को उकसा चुका था ।

सिगनल मेरा अप था । | मै उठा और चेयर को घिसका कर गुदगुदाते मन से पंलग से सट कर ज्यो ही बैठा त्यो ही वह बिना झेंप के अपनी दोनों मासंल चूचियों को उभार गुदाज हाथो से मेरे गुलाबी गाल को सहला कर मुझे एकाएक जन्नत में पहुँचाती बोली- ठीक है पंसद है लो पकड़ो मेरी चुचियों को मुझे तुमसे लव हो गया है।

इसके साथ ही उसने मेरे हाथ को पकड़ दोनों मासंल चुचियों पर जो खींचा तो में जवानी की उमग से भर उसके दांनां निप्पलो के साथ बड़ी चुची को
पकड़ते ही गजब का मजा आया ।। लगा मेरा लण्ड पैंट के बटन को तोड़ तुरंत बाहर आयेगा ।।


[font=Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,[/font]
 
इसके साथ ही उसने मेरे हाथ को पकड़ दोनों मासंल चुचियों पर जो खींचा तो में जवानी की उमग से भर उसके दांनां निप्पलो के साथ बड़ी चुची को
पकड़ते ही गजब का मजा आया ।। लगा मेरा लण्ड पैंट के बटन को तोड़ बाहर आयेगा ।।

वह दोनों हाथ को मेरे कंधे पर रख कर मेरे गालों को उंगली से कुरेदती सीना उचका कर मासंल चुचियों का मजा देने लगी ।। | मस्ती और मजे के कारण जो झिझक थी अपने आप दूर हो गई . मैं दोनों चूची को गाउन के उपर से मसलते हुये लंड में 44() वोल्ट का करेंट भर भर जवानी की पहली बहार को लेने लगा ।

अब सेठानी चुटकी से मेरे गालों को मसल मसल मेरी आंखों में आंखे डाल डाल मेरी प्यास को बढ़ाने लगी थी । | कमरे में वह मेरे साथ अकेली थी ।


'' और ताकत से मसलो मज़ा आयेगा मेरी बात मान कर चलोगे तो मीना जैसी कच्ची कलियो को तुमसे चुदवा कर मजा दिलवाऊगी... कभी किसी छोकरी को किये हो वह गाल मसलती बोली ।

मैं आदेश का पालन करते हुएउसकी चुची को जारे जोर से मसलने लगा था । | वह हर सांस के साथ मेरे उपर हावी होती जा रही थी । वह |गोरी-गोरी
रानों के बीच एक बार ही दिखी चिकनी पावरोटी को दबाये थी...।।

मैं जवाव देने में शरमाया तो वह हाथ को तपाक से नीचे लाकर मेरे पैंट में उभार को पकड़ पूरे वदन में बिजली दौड़ाती कहीं| "काहे को शरमाते हो
बताओ किसी छोकरी का मजा लूटे हो या नहीं... ।

"जी.. नहीं ....

'' 'मेरी जैसी औरत को चोदे हो कभी| ''

"जी....जी नहीं " उसके मुंह से चोदना शब्द मेरे मन को पागल बना दिया ।

वह पेंट में उभरे लंड को जो उंगली से बार बार दबा रही थी । उससे गजब का मजा आ रहा था ।।
मैं अब उतेजना में अंधा होकर उस अयाश सेठानी की पकड़ में पूरी तरह आ रहा था ।
 
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