Lockdown में सामने वाली की चुदाई - SexBaba
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Lockdown में सामने वाली की चुदाई

desiaks

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Aug 28, 2015
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मैं ललित IT कंपनी में अस्सिस्टेंट मैनेजर पोस्ट पर हूँ, मेरी उम्र 27 साल है। पुणे में ही जॉब पर हूँ। यह हुआ मेरा परिचय, अब बिना वक्त गवाए सीधे आते है स्टोरी पर...

मैं जिस अपार्टमेंट में रहता हूँ उसमे हर फ्लोर पर केवल दो ही फ्लैट है, पूरी बिल्डिंग में 6 फ्लोर है और मैं 6th फ्लोर पर रहता हूँ।

20 मार्च 2020 को पूरे देश मे लॉक डाउन होने के बाद कंपनी ने हमें Work from Home का कह दिया था।

चूंकि मैं फ्लैट में अकेला रहता हूँ। मेरा पूरा परिवार मुम्बई में हैं। इसीलिए किसी के आने जाने का सवाल ही नही उठता था।

लॉक डाउन के करीब 4 या 5 दिन बाद, करीब सुबह 11 बजे मेरे डोर की बैल बजी.....

रात को late तक काम करने की वजह से मैं करीब 12-01 बजे तक ही उठता हूँ।।।

फिर से बेल बजी और गुस्से में उठा, साला इस लॉक डाउन में कौन माँ चुदवाने आ गया... गुस्से में जैसे ही गेट खोल...

ओ बहनचोद, एक दम माल लड़की... माथे पर सिंदूर, हाथों में चूड़ियां। जिससे साफ समझ आ रहा था की वो शादी शुदा है... एक दम दूध जैसे सफेद, बड़े बड़े बूब्स, एक दम परफेक्ट बॉडी ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे तराशा गया हैं।

मैं कुछ कहता, इससे पहले ही

जी वो मैं, मैं आपके सामने वाले फ्लैट में रहती हूँ, मेरा नाम, मेरा नाम रति है। मुझे आपसे हेल्प चाहिए।।। वो बोलती जा रही थी, मैं सिर्फ उसे देख रहा था।।।। तभी hello, hello आप सुन रहे है।और मैं होश में आया।।।

मैं - जी, जी हाँ.. कहिये आपकी क्या मदद कर सकता हूँ। मैं ऊपर से पूरा खुला और नीचे में बॉक्सर पहना था।

वो बोलते समय बार बार मुझे ऊपर से नीचे तक देख रही थी।।

मैं समझ गया मुझे ऐसा देखकर वो थोड़ी असहज हो रही थी।

मैं - आप एक मिनिट रुकिए। मैं अंदर गया और नीचे शार्ट और टीशर्ट पहनकर आ गया।

जी अब कहिये...

वो, वो क्या हम बैठकर बात कर सकते हैं, हाँ हाँ बिल्कुल...

आप मेरे फ्लैट चल सकते है, मुझे थोड़ा अटपटा लगा लेकिन मैंने कहा, आप चलिए मैं 10 मिनिट में आता हूँ।

अगला Update बहुत जल्द.... 
 

जी अब कहिये...

वो, वो क्या हम बैठकर बात कर सकते हैं, हाँ हाँ बिल्कुल...

आप मेरे फ्लैट चल सकते है, मुझे थोड़ा अटपटा लगा लेकिन मैंने कहा, आप चलिए मैं 10 मिनिट में आता हूँ।
मैंने जल्दी से मुँह धोया, जल्दी से हाथ पैर धोकर। तैयार हुआ और सामने के फ्लैट पर पहुँचा। फ्लैट गेट खुला था। मैंने आवाज लगाई

रति जी....

जी, अंदर आ जाइये...

मैं अंदर गया..

रति - आइये बैठिए

मैंने फ्लैट अंदर से देखकर समझ गया कि रति बहुत सम्पन्न परिवार से है।

मैं सोफे पर बैठ गया।।।

रति - ललित जी मेरी समस्या यह है कि मेरे पति दुबई गए हुए थे उनके Bussiness के काम से। उन्हें वहाँ पता चला कि इंडिया में लॉक डाउन हो गया है तो वो उधर ही फंस गए।

मैं - तो इसमें मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ।

रति - जी वो मेरे पति का एक personal laptop है, जो उन्होंने यही रखा है। वो चाहते है कि मैं उनसे उस लैपटॉप के माध्यम से वीडियो चैट करू। मुझे लैपटॉप चलाना तो आता है लेकिन मुझसे वो सॉफ्टवेयर डाऊनलोड नही हो रहा।
मैं - जी समझ गया, तो क्या आपके पति को पता है कि आप मेरी मदद ले रही हैं।

रति - अरे नही, यदि उन्हें मालूम चला तो वो जिंदगी भर मुझे ताना देगे की इतना सा काम भी नही आता।

मैं - ठीक है, मुझे लैपटॉप दीजिये।

रति - वैसे आप काम क्या करते हैं.?

मैं - जी मैं ####### कंपनी में हूँ, IT एक्सपर्ट हूँ।

रति - ओ हो इसका मतलब मैंने डॉ से ही दवा की मदद मांगी हैं।।

और यह कहकर हम हंसने लगे...

मैंने लैपटॉप ON किया, पासवर्ड पूछकर डाला और लैपटॉप ON हो गया।।।

सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए प्रोसेस की, जब डाऊनलोड हो रहा था तभी मेरी नज़र डेस्कटॉप पर बने फोल्डर पर पड़ी।।।

रति किचन में चाय बनाने गई हुई थी।

मैंने जैसे ही फोल्डर खोला, उस फोल्डर में कुछ नही था। जबकि फोल्डर पर Important लिखा हुआ था
मुझे गड़बड़ लगी तो मैंने
Show hidden file किया तो
आंखें फटी रह गई....

वहाँ बहुत सारे फोल्डर सामने आ गए।।।

जिसमे एक पर लिखा था, रति एंड मी
पहले मुझे लगा कि यह इनके घूमने फिरने के फोटो होंगे। जैसे ही मैंने फोल्डर ओपन किया....

ओ बहनचोद, ये क्या हैं...?
दोनो के हनीमून के वीडियो, फ़ोटो...
मैंने जैसे ही एक इमेज को खोला...
दोनो की चुदाई के फ़ोटो
जो इन्होंने ही मोबाइल सेट करके निकाले थे दिखाई दे रहे थे...

रति के ब्रा, पेन्टी में
इसके हस्बैंड के अंडरवियर में

फिर आगे बढ़ा तो दोनों के एकदम नंगे फ़ोटो

रति के हसबैंड का लंड, लंड नही लुल्ली को देखकर मेरी हंसी निकल गई।

रति - क्या हुआ ललित जी, आप हंसे क्यों.?

मेरी गांड फट गई, देखा रति चाय और बिस्किट्स लेकर आ रही थी।

मैं - नही बस ऐसे ही कुछ याद आ गया..

रति - चलो अब वो सब बाद में करना, पहले चाय पी लो...

रति के नंगे फ़ोटो देखकर मेरा हथियार याने के मेरा लंड खड़ा हो चुका था, मैं अपने लंड को लंड बड़े गर्व से कह सकता हूँ क्योंकि रति के पति का लंड मेरे लंड से आधा होगा।

चाय पीकर मैं जल्दी से और भी फ़ोटो देखना चाहता था, तभी रति ने कहा - और कितना समय लगेगा इसमे.?

मैं - बस कुक देर और क्यों आपको जल्दी है क्या..?

रति - नही, बस वो मेरे पति... और रति चुप हो गई..

क्या हुआ, मैंने पूछा...

नही बस, ऐसे ही...

अरे बताइये ना...

वो मुझसे वीडियो कॉल पर बात करना चाहते है...

मैं - वो तो आप मोबाइल से भी कर सकती है...

रति - नही वो चाहते है मुझे अच्छे से देखे...

मैं समझ गया था कि वो याने की रति का पति उसके साथ, सेक्स चैट करना चाहता है...

मैंने कहा जी मैं जल्दी से आपका काम कर देता हूँ...

सॉफ्टवेयर तो कबका डाऊनलोड हो चुका था पर मुझे कुछ और देखना था...

अगला Update बहुत जल्द....
 
मैं समझ गया था कि वो याने की रति का पति उसके साथ, सेक्स चैट करना चाहता है...

मैंने कहा जी मैं जल्दी से आपका काम कर देता हूँ...

सॉफ्टवेयर तो कबका डाऊनलोड हो चुका था पर मुझे कुछ और देखना था...

अब आगे....

मैंने जल्दी से वो फोल्डर के सारे फ़ोटो देखें
तभी मैंने दूसरा फोल्डर खोला...

ओ बहनचोद, ये क्या इसका पति तो पूरा रंडी बाज है। अलग अलग लड़कियों और औरतों के साथ उनके नाजायज संबंधों के फोटो और वीडियो उसने इस फोल्डर में रखे थे।।।

बस अब मुझे मौका चाहिए था रति को अपने भरोसे में लेने का...

मैं - रति जी एक बात पुछु..?

रति - जी पूछिये...

मैं - आपके पति के साथ आपके संबंध कैसे हैं..?

रति - What.? ये क्या पूछ रहे है आप..?

मैं - Sorry मैने तो बस ऐसे ही पूछा...

रति - वो मुझसे बहुत प्यार करते है, मेरे अलावा किसी लड़की को देखते भी नही है। हम हमारी जिंदगी में बहुत खुश है...

मैं - बुरा ना माने तो एक बात कहु

रति - कहिये

मैं - एक बार आप अपने पति को आजमा जरूर लीजिये, क्योंकि...

रति - आप पागल हो गए है, मैने आपकी थोड़ी मदद क्या मांग की, आप मेरी निजी जिंदगी में क्यों दखल दे रहे हैं.?

मैं - Sorry, ये लीजिये आपका सॉफ्टवेयर डाऊनलोड हो गया..
यहाँ आप अपनी ID और Password डाल दीजिए और फिर आप अपने पति से वीडियो चैट पर वो सब कर सकेगी जो वो चाहते है... मेरी बात में एक ताना था...

रति - धन्यवाद, अब आप जा सकते है... रति के लहजे में गुस्सा था।

मुझे बुरा लगा, लेकिन यह सही समय नही था।।।।

करीब 30 min बाद, मेरे दरवाजे की बैल बजी

मैंने जैसे ही गेट खोला, रति आकर मेरे गले लगकर रोने लगी...

मैं कब ललित जी से ललित बन गया था मुझे पता ही नही चला...

रति - ललित तुम सही थे, मेरे पति ने मुझे धोखा दिया।।।

मैं - क्या हुआ.?

तुम्हारे जाने के बाद जैसे ही मैंने वीडियो कॉल के लिए लैपटॉप देखा तो डैस्कटॉप पर एक फोल्डर दिखा।।।

ओ बहनचोद, मैंने सोचा ये क्या लोचा हो गया। मैंने उस फोल्डर को देखने के बाद वापस hide नही किया था।

रति - उसमे मेरे पति के साथ बहुत सी लड़कियो और औरतों के चुदाई के फोटो और वीडियो हैं।

चुदाई शब्द सुनकर मेरे कान सुन्न हो गए।

आपको बता दु, रति अबतक मेरे गले लगी हुई थी। उसके बड़े बड़े बूब्स मुझे टच हो रहे थे। मैं उत्तेजित हो रहा था मगर मुझे रति की चिंता थी।

रति - क्या कमी है मुझमे जो उसे दूसरी औरतो की आवश्यकता लगी, क्या मैं हॉट नही हूँ, क्या मैं सेक्सी नही हूँ। उस नामर्द ने कभी मुझे संतुष्ट नही किया फिर भी मैंने कभी उससे शिकायत नही की..

रति गुस्से में पति की बुराई करती जा रही थी, मैं सुन रहा था।

कुछ देर बाद -
अब रोना बंद करो, और अंदर आओ...

मैंने उसे मेरे फ्लैट में बुलाया, और वो पलंग पर बैठ गई। मैंने रति को पानी दिया।

पानी पीने के बाद वो थोड़ी नार्मल हुई।।।

मैं उसे छोडूगी नही, आज उसे बताती हूँ।।।

मैंने सोचा अगर उसके पति को पता चल गया कि उसने इस फोल्डर को ओपन किया था वो समझ जाएगा कि यह फोल्डर उसने नही ढूंढा है बल्कि किसी एक्सपर्ट में उसे बताया है और वो समझ जाएगा कि ये मेरा काम है।

मैं - तुम ऐसा कुछ नही करोगी..

रति - क्यों नही करुँगी..?

मैं - देखो, इससे उसे कोई फर्क नही पड़ेगा। उसका बहुत लड़की के साथ चक्कर है वो किसी से भी शादी कर लेगा। लेकिन तुम्हारा क्या होगा.?

क्या तुम चाहती हो कि ऐसा कुछ हो...

रति - नही, लेकिन मैं उसे मजा चखाना चाहती हूँ.. बदला लेना चाहती हूँ उससे

मैं - कैसे

रति - वो उसे समय आने पर पता चल जाएगा..
कहकर रति उसके फ्लैट में चली जाती है।।।

मैं मेरे ऑफीस के काम की वजह से रति के बारे में नही सोचता।

6 बजे शाम को रति सीधे मेरे फ्लैट में आती है, गेट खुला होने की वजह से...

ललित 8 बजे हम साथ मे खाना खा रहे है, मेरे कुछ कहने से पहले ही कहकर चली जाती है।।।

मैं फिर काम मे लग जाता हूँ।।।

मैंने मेरा काम जल्दी निपटा दिया था।।।

मैं तैयार होकर रति के फ्लैट में गया तो क्या देखता हूँ।।।

रति ने सेक्सी शार्ट सी ड्रेस पहनी हुई है, उसके आधे बूब्स दिखाई दे रहे हैं।

रति बड़ी खुश होकर पूछती है, कैसे लग रही ही हूँ मै...

मैं - बहुत खूबसूरत

मेरा इतना कहते ही रति मेरे गले लग गई....

कुछ देर वो ऐसी ही गले लगी रही, उसके बाद

बैठो ललित

बताओ खाने से पहले क्या पियोगे....

मतलब.?

अरे, शराब कौनसी पियोगे...

मैं - जो आप चाहो...

रति एक शैम्पेन की बोटल ले आई, मैं सोचने लगा सीधे शैम्पेन...

रति - ये मेरे पति ने हमारी शादी के सालगिरह के लिए लाई थी। लेकिन आज हम इसे पियेंगे।

और रति ने उसे खोलकर पेग बनाना शुरू किया।

कुछ देर में रति को मदहोशी छाने लगी थी।

वो उठी और कहने लगी तुम्हे तीन पत्ती खेलना आता है

मैं - हाँ पर ये अचानक से तीन पत्ती बीच मे कहा से आ गया।।।

रति - तुम बस देखते जाओ...

रति उठी और वो ताश ले आई, उसने टेबल पर जगह करके कहा, सुनो गेम को थोड़ा इंट्रस्टिंग बनाते है।

यदि मैं गेम जीती तो तुम्हे वो करना होगा जो मैं कहूंगी, और तुम जीते तो मैं वो करुँगी जो तुम कहोगे।

लेकिन एक गेम में केवल एक ही बात कह सकते हैं।

मैं - ठीक है

शराब साथ साथ पीना शरू थी...

पत्ते बांटे और पहला गेम रति जीत गई।।

रति की खुशी का ठिकाना नही था, वो जोर से चिल्लाई

मैं जीत गई मैं जीत गई....

मैं - बताओ मुझे क्या करना हैं...

रति - अम्म्म, तुम अपनी टी शर्ट उतार दो

मैं - अच्छा... ठीक है

मैंने झट से टीशर्ट उतार दी

रति - अरे मैं तो मज़ाक कर रही थी।।

मैं - अब कोई मज़ाक नही

अगला गेम मैं जीत गया...

मैं - मैं तुमसे क्या कहूं

रति - कहो कहो, जल्दी कहो

मैं - तुम अपना शॉर्ट उतार दो

रति - नही, ये चीटिंग है

मैं - कोई चीटिंग नही है, मैंने भी तुम्हारी बात मानी थी।।।

रति - लेकिन...

मैं - जल्दी करो, बहाने मत बनाओ

रति अनबने मन से ऊपर का शॉर्ट उतार देती है।।

मैं उसे देखता रह जाता हूँ क्योंकि रति उस समय सिर्फ जालीदार ब्रा और पेन्टी में कयामत लग रही थी। वो अपने हाथो से बूब्स को ढकने की नाकामयाब कोशिश कर रही थी। लेकिन टेबल पर बैठने की वजह से मुझे उसकी पैंटी नही दिख रही थी।।।

पत्ते बांटने के लिए रति को हाथ हटाना ही पड़ा।

इस बार फिर से मैं जीत गया...

रति डर गई कि कही मैं उसे अब ब्रा उतारने का ना कह दु, लेकिन इस गेम में मुझे कोई जल्दबाजी नही थीं। मैं इस दिन को जिंदगी का सबसे यादगार दिन बनाना चाहता था।

रति (डरते हुए) - बताओ मुझे क्या करना हैं.?

मैं - मैं चाहता हूं हम आगे का गेम नीचे बिछे कालीन पर खेले..

रति - क्या..?

मैं - हाँ, कहना तो मानना पड़ेगा...

रति समझ गई कि मैं उसकी पेन्टी देखना चाहता हूं, इसीलिए ऐसा कह रहा हूँ। इस बार उसने बिना नखरों के झट से ताश और शराब का ग्लास उठाकर नीचे बैठ गई।

रति - आइये महाराज आपका हुक्म मान लिया है।

रति पैरो को मोड़े बैठी थी, जिससे उसके पैर एक दूसरे के ऊपर थे। मुझे उसकी बड़ी बड़ी गांड तो दिख रही थी लेकिन। चूत का उभार नही....

इस बार पत्ते मुझे बांटना थे, लगातार दो गेम जीते रति ने

रति - चलो जल्दी से जीन्स निकाल दो
रति - बनियान निकाल दो

अब दोनों तरफ टेंशन

मैं सिर्फ बॉक्सर में था
और
रति ब्रा और पेन्टी में

पत्ते बंटे और रति ने खुश होकर पत्ते दिखाए

तीन, चार, पांच
मैं जीत गई

मैंने जैसे ही पत्ते खोले तो पत्ते थे
ईक्का, बादशाह, बैगम

रति - ओ नो...

मैं - ओ यस

अब जल्दी से तुम अपने ब्रा को उतार दो

रति - नही ये ज्यादा हो जाएगा, कुछ और कहो

मैं - नही बिल्कुल नही, जो कहा है करो...

रति - प्लीज् ना ललित, मान जाओ कुछ और कहो

मैं - अच्छा तो एक काम करो मुझे एक फ्रेंच किस दो और जब तक मैं ना कहु हटना नही...

रति - अम्म्म, ठीक है कम से कम बूब्स तो नही दिखाने पड़ेगे...

मैं - लेकिन गेम चलता रहेगा, मंजूर

रति - मंजूर

मैं उठकर रति के पास गया और अपने होंठ रति के होंठ पर रख दिये। उसके होंठो के स्पर्श से मुझसे करंट सा लगा। उसके नर्म गुलाबी होंठ और उसकी खुशबू की मदहोशी मुझे स्वर्ग का अनुभव हो रहा था।

कुछ ही देर में मैं होंठो को खोलकर रति के जीभ से जीभ मिलाने लगा। मेरा एक हाथ रति की कमर पर
और दूसरा हाथ रति की गर्दन पर था।

बूब्स दबाने को लेकर मैं कोई जल्दी में नही था, समय का पूरा उपयोग और हर एक क्षण को जीने का मन मे बना चुका था।।

रति के बेकाबू होने से पहले एक लंबे से मदहोशी भरे फ्रेंच किस के बाद, मैंने रति को खुद से अलग किया।

मैं जानता था कि ताश के खेल को खत्म करके हम अपने जिस्म की भूख मिटा सकते है लेकिन जो खेल रति ने शुरू किया था उसे मैं बीच मे खत्म नही करना चाहता था।।।।

फिर से ताश का खेल शुरू हुआ और वही हुआ जो होना था, मैं फिर से जीत गया...

इस बार मैं जोर से हँसा

अब तो तुम्हारे पास कोई रास्ता नही है, जल्दी से ब्रा उतारो।। किस की मदहोशी में डूबी रति ने इस बार कोई आपत्ति नही जताई और धीरे से ब्रा खोलने का प्रयास किया। हुक ना खोल पाने की वजह से उसे दिक्कत हो रही थी।

मैं उठा और मैंने रति के ब्रा का हुक खोला और ब्रा हटाने से पहले जल्दी से सामने आ गया। मैं ब्रा हटाने के मजे को चूकना नही चाहता था।।

धीरे धीरे ब्रा के हटने से मेरे लंड ने झटके लेना शरू कर दिए। मैं सोच रहा था कही ये फट ना जाये।।।

फिर से गेम शरू हुआ और जीती रति

रति - मैं जीत गई, मैं जीत गई, मैं जीत गई
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मैं - बताओ मुझे क्या करना है...

रति (हँसते हुए) – अब

अगला Update और भी गरम होने वाला है... बहुत जल्द फिर मिलते है....
 

फिर से गेम शरू हुआ और जीती रति

रति - मैं जीत गई, मैं जीत गई, मैं जीत गई

मैं - बताओ मुझे क्या करना है...

रति (हँसते हुए) – अब

अब आगे....

क्या कपड़े वापस पहनने का खेल खेलना है, चलो उतारो औऱ आजद कर दो तुम्हारे हथियार को...

मैं - अच्छा, ठीक है... खेल खत्म नही हुआ है

रति - क्यों अब यदि तुम हारे तो..?

मैं - जो तुम कहोगी मैं वो करुगा.. खेल तब तक चलेगा जब तक हम दोनों ना कहें

रति - ठीक है, अब जल्दी से उतारो

मैंने - अपनी बॉक्सर उतार दी, अब मैं पूरा नंगा रति के सामने था। मेरा लंड पूरा ताना हुआ, झटके ले रहा था। रति मेरे लंड को लगतार देख रही थी।

मैं - अब मेरा हथियार ही देखते रहोगी या खेल आगे बढाओगी।

रति चौकते हुए, हाँ हाँ बांटो पत्ते

गेम शुरू हुआ, इस बार मैं जीत गया।

अब हंसने की बारी मेरी थी, मैने कहा जल्दी से अपनी पेन्टी मुझे दे दो।।।

रति - नही ललित प्लीज् मुझे माफ़ कर दो, कुछ कहा प्लीज...

मैं - नही

रति - प्लीज, एक बार

मैं - ठीक है, लेकिन इस बार मैं तुम्हे किस नही करुगा बल्कि तुम्हारे बूब्स से जितनी देर चाहू जो चाहू करुगा। बोलो मंजूर हैं..?

रति के पास कोई और रास्ता तो था नही वो बोली ठीक हैं...

मैं झट से रति के पास गया उसे खड़ा किया उसके पीछे जाकर उसके बूब्स डाबना शरू कर दिया, रति अपने आप पर कंट्रोल नही कर पा रही थी। और सिसकारी भर रही थी।।।

कुछ देर बूब्स दबाने के बाद मैंने रति को सोफे पर लेटा दिया औऱ उसके बूब्स पगलो को तरह चूसने लगा। रति की सिसकारी अब पूरे रूम में गूंज रही थी।।। मैं समझ गया था कि अब रति का पीछे हटना संभव नही हैं।।।।

जैसे ही मैंने रति के गुलाबी निप्पल को हल्के से काटा, रति ने तीन चार झटके लिए और निढाल हो गई। मैं समझ गया था कि उसका पानी निकल गया है मैंने जैसे ही उसकी पैंटी को देखा पूरी गीली हो चुकी थी।

उसके बाद मैंने शराब को रति के बूब्स पर डालकर पिया, ऐसा करने से मेरा नशा और बढ़ गया था।। कुछ देर बाद मैं रति पर से हटा।।।

रति बहुत देर तक सोफे पर लेटी रही, थोड़ी देर बाद वो हिम्मत करके उठी और शराब का ग्लास भरने लगी। मैंने उसे रोक दिया।

मैं - नही अब नही पियोगी तुम

रति - क्यों.?

मैं - मैं नही चाहता कि तुम्हे आज की रात का होश ना रहें, अभी हम दोनों समझ रहे है कि क्या हो रहा है। मैं चाहता हूँ यह हमें जिंदगी भर याद रहे।

रति - ठीक है

फिर से खेल शरू हुआ...

पत्ते बंटे और रति जीत गई...

जीत के बाद रति के चहरे पर खुशी होनी चाहिए थी वो नही थी, जैसे वो हारना चाहती थी।

मैं - बोलो क्या करना है..?

रति - मैं क्या कहु, कुछ नही है कहने को

मैं - नही जल्दी बताओ कि क्या करना हैं..?

रति - मैं तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ

मैं - क्या..?

रति ने गर्दन झुका की....

मैं - तुम तो पेन्टी उतारने में भी संकोच कर रही थी, फिर ये अचानक से..

रति - मैं सोच रही हूँ तुमने खेल खेल में मुझे दो बार इतनी खुशी दी, मैं भी एक बार...

मैं - ठीक है, जो तुम चाहो...

रति उठी और मुझे हाथ पकड़कर सोफ़े पर बैठा दिया।

मेरे तने हुए लंड को उसने हांथो से पकड़ा, उसके नरम हाथो के स्पर्श से ही मेरा लंड फिर से झटके लेने लगा...

रति ने लंड के टोपे पर जीभ रखी, मुझे जैसे जन्नत का अहसास हो रहा था, उसके बाद जो रति ने किया उसकी कल्पना करना मुश्किल हैं।

रति ने अपनी जीभ को मेरे लंड के छेद डाबना शुरू किया। उफ़्फ़फ़, ना चाहते हुए भी मेरा हाथ रति के सिर पर चला गया और मैं उसके सिर को धीरे धीरे दबाने लगा...

कुछ देर बाद, रति ने मुहँ को गोल किया और मेरे आधे लंड को मुँह में डाल दिया और जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगी...

इस अहसास को लिखना नामुमकिन है, कोई लेखक इसे शब्दो मे बंया नही कर सकता।।।

थोड़ी देर बाद रति ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, मैं आपे से बाहर हो रहा था।। मैंने रति से कहा, छोड़ दो मई झड़ने वाला हूँ।। लेकिन रति नही मानी, उसने और स्पीड बड़ा दी और कुछ देर में मैं रति में मुँह में ही झड़ गया। रति ने बिना देर किए पुरा माल गटक लिया।।।।

मैं निढाल सोफ़े पर पड़ा था, रति उठकर बाथरूम में गई और उसने मुहँ धो लिया।।।।

रति - तो महराज कैसा लगा..?

मैं - जन्नत, तुम कमाल हो

चले शरू करें हमारा खेल

मैं - छोड़ो न ये खेल हम सीधे...

रति - ना बाबा, हम इससे आगे नही बढेंगे

मैं - वो तो खेल बताएगा...

ैं निढाल सोफ़े पर पड़ा था, रति उठकर बाथरूम में गई और उसने मुहँ धो लिया।।।।

रति - तो महराज कैसा लगा..?

मैं - जन्नत, तुम कमाल हो

चले शरू करें हमारा खेल

मैं - छोड़ो न ये खेल हम सीधे...

रति - ना बाबा, हम इससे आगे नही बढेंगे

मैं - वो तो खेल बताएगा...

अब आगे...

मैंने पहले ही कहा था कि यह खेल अब दोनों की मर्जी होगी तब ही रुकेगा।

रति - ठीक है, तो शुरू करो...

ताश के पत्ते फिर से बंटे और इस बार मैं जीता

रति के शरीर पर केवल पेंटी थी, वो जानती थी कि मैं उसे ही उतारने का कहने वाला हूँ।

रति ने जैसे ही खड़े होकर पेंटी को उतारने के लिए हाथ पेंटी पर रखें। मैंने उसे रोक दिया।

रति आश्चर्य से मेरी तरफ देखकर कहने लगी, तो मतलब अब मुझे पेंटी नही उतारनी पड़ेगी.?

मैं - नही, तुम्हे कुछ और करना है...

रति - क्या.?

मैं - तुम अपने पति के साथ वीडियो कॉल पर उसे गर्म करोगी, मैं ऐसी जगह खड़ा रहुगा की वो तुम्हे देख सकें लेकिन मुझे नही...

रति - तुम पागल हो क्या.? रात के 11 बजने वाले है। वो क्या समझेंगे की अचानक मुझे यह क्या हो गया।

मैं - मैं कुछ नही जानता, जल्दी करो..

रति - नही ललित इसे पता चल जाएगा तो बहुत दिक्कत हो जायेगी...

मैं - मैं कुछ नही सुनुगा जल्दी करो

रति - ठीक है, लेकिन थोड़ी देर ही।

मैं - Ok, अब जल्दी करो...

रति ने पहले रूम को थोड़ा व्यवस्थित किया, ताकि उसका पति रूम दिखाने का कहें तो उसे शक ना हो। रति जानती थी कि ऐसा हो सकता है।

रति - क्या ललित, यह सब करना जरूरी है क्या अच्छा भला हमारा गेम चल रहा था।

मैं - घूरते हुए, जल्दी...

रति ने लैपटॉप On किया और उसके पति को वीडियो कॉल किया, मैं ऐसी रूम की ऐसी जगह खड़ा हो गया कि मैं ना दिखाई दू।

वीडियो कॉल की रिंग गई औऱ रति का पति वीडियो में दिखने लगा...

रति - हे दिप, कैसे हो..? (दीपक को वह दीप कहके बुलाती थी)

दीप - मैं ठीक हूँ, बस तुमको miss कर रहा हूँ।

रति - अच्छा, तभी आज पूरे दिन में एक भी कॉल नही किया, और अब जब मैंने वीडियो कॉल किया तो कह रहे हो कि Miss कर रहे थे। (रति ने बनावटी गुस्सा दिखाया।।)

रति - अच्छा सुनो ना, क्या आज हम वीडियो पर कुछ मजेदार करें.?

दीप - वीडियो कॉल पर क्या मजेदार होगा.?

रति - तुम शरू तो करो...

दीप - ठीक है...

रति ने जो कपड़े पहने थे, उसे धीरे धीरे खोलना शुरू किया, सबसे पहले ऊपर का टॉप उतारा।
फिर शॉट।।। रति का शरीर बेहद सुंदर दिखाई दे रहा था।।

रति - दीप, अब तुम भी....

उधर दीपक जो कि शॉट पेंट और टीशर्ट पहना हुआ था ने झट से उतारकर फेंक दिए। अब वो केवल बॉक्सर में था।

दीपक - आगे बढ़ो मेरी जान, मुझे जल्दी से गर्म करो।।

रति - सब्र करो, सब्र का फल मीठा होता है...

रति ने अब ब्रा की स्ट्रिप को खोल दिया, लेकिन ब्रा उतारा नही और वो पीछे घूम गई जिससे दीपक को उसकी खुली हुई स्ट्रिप दिख रही थी और मुझे उसके ब्रा में उभरे हुए बूब्स। इतना मोहक सीन था कि लग रहा था कि भागकर जाउ और रति के ब्रा को उसके शरीर को उससे अलग कर दु।

अब जो रति ने किया वो जानलेवा था।

वो दोगी स्टाइल में झुकी और दोनों हाथ मे ब्रा पकड़ लिया अब उसकी पोजिशन थी।
कैमरे पर उसकी गण्ड जो कि छोटी सी पेंटी से ढकी हुई थी दिखाई दे रही थी।

रति ने गांड को मटकाना शुरू किया उधर दीपक पागल हो रहा था और इधर मैं...

रति जब खड़ी हुई तो उसका ब्रा उसके हाथ मे था और दीपक को अब उसकी नंगी पीठ दिख रही थी।

दीपक ने अब अपना बॉक्सर निकाल कर फेंक दिया और उसका छोटा सा लंड हाथ मे ले लिया उसका लंड खड़े होने पर करीब 4 इंच का होगा। और मोटाई सामान्य।

रति ने ब्रा को पकड़कर हवा में घुमाना शरू किया, जैसे वो किसी बार मे डांस कर रही हो, और उसने ब्रा को ऐसा फेंका की वो मेरे पास आकर गिरा। दीपक को लगा कि गलती से दूर फेंक दिया।

अब रति केवल जाली वाली पेंटी में थी। रति ने म्यूजिक on किया और एक इंग्लिश सांग पर डांस करना शुरु कर दिया। दीपक पूरे जोश में मुठ मार रहा था। तभी रति ने शराब की बोटल उठाई और बूब्स पर डालते हुए बूब्स को मसलना शरू किया।
उधर दीपक ने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी।

रति की अदाएं बढ़ती जा रही थी, मैं भी बहुत हद तक Out of control हो रहा था। लेकिन मैंने आपको रोक रखा था।

तभी दीपक जोर से चिल्लाया आह रति, मैं आ रहा हूँ।।।। अब मुझसे सहन नही हो रहा, मैं आया रति, आह ह ह ह... और दीपक वीडियो कॉल अपर ही झड़ गया। और उसका लंड मुरझा गया। दीपक ने कहा बस करो रति अब यह सब बंद करो। कल बात करते है कहते हुए उसने फ़ोन काट दिया।।

रति तड़पकर रह गई क्योंकि दीपक का काम तो हो गया था मगर रति का नही....

अगला Update जल्द ही...
 
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