desiaks
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- Aug 28, 2015
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हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम अरुण गुप्ता है! मैं जिला मेरठ के पास के ही एक गॉव का रहने वाला हूँ! मेरी उम्र २३ साल है! मेरी लम्बाई ५.५ इंच है! मैं दिखने में सामान्य हूँ! मेरा लंड ६ इंच लम्बा और २ इंच मोटा है! वैसे तो मेरी आज तक कोई गर्लफ्रैंड नहीं थी!
लेकिन लगभग ३ सालों से मेरी एक सहेली थी जिसको दिल ही दिल मैं बहुत प्यार करता था! लेकिन वो मुझे भाव भी नहीं देती थी! क्यूंकि वो किसी और से प्यार करती थी! यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
लेकिन अपने अच्छे स्वभाव के कारण मुझसे बात करने या मुझे खुश रखने में कोई कमी नहीं छोडती थी वैसे वो है भी बहुत अच्छी! अब ज्यादा समय ना लेते हुए अपनी कहानी कि और बढता हूँ! मेरी फ्रैंड जिसका नाम बुलबुल(काल्पनिक नाम) है! वो काफी खूबसूरत है वैसे मेरी बुलबुल एक दिन घर पर अकेली थी!
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उसकी मम्मी कही रिश्तेदारी में गयी हुई थी और पापा दुकान पर रहते हैं! वो घर पर बिल्कुल अकेली थी पर वो मुझे कभी सेक्स करने का मौका नहीं देना चाहती थी इसलिए कभी मुझे अपने नज़दीक नहीं आने देती थी लेकिन मैं उसके साथ सब कुछ करना चाहता था लेकिन वो मुझसे हमेशा दूर भागती थी लेकिन मैं हमेशा उसको चोदने के मौके ढूंड़ता था लेकिन कभी मुझे कोई मौका मिल नहीं पाया!
वैसे मैं आपको बताना चाहूँगा कि मैंने आज तक किसी लड़की को किस भी नहीं किया था बस मेरा दिल उसी को चोदने के सपने देखता था! वैसे हम कभी कभी फोन सेक्स किया करते थे लेकिन अब किसी वजह से हमने बंद कर दिया था!
वापस कहानी पर आता हूँ उसकी मम्मी घर पर नहीं थी घर का काम निपटने के बाद उसने मुझे फोन किया और बताया कि उसकी मम्मी घर पर नहीं है और शायद रात को लेट ही घर पर आयें! दोस्तों मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ लेकिन मैं जानता था कि वो मुझे घर पर कभी नहीं बुलायेगी पर मैंने हमेशा कि तरह उससे मिलने कि जिद करने लगा पर मेरी लाख कोशिश के बाद भी वो नहीं मानी और मैंने हमेशा कि तरह गुस्सा होकर फोन काट दिया!
थोड़ी देर बाद जब मेरा गुस्सा शांत हुआ तो मैंने सोचा कि क्यूँ ना उसको बिना बताये उसके घर जाया जाये पर मेरे मन मे डर था कि वो कहीं मुझे भगा ना दे लेकिन मैंने सोचा कि चलो जो होगा देखा जायेगा! है तो अपनी ही भगा भी देगी तो कोई बात नहीं! तो दोस्तों मैं मन मे सोच कर अपनी मोटरसाइकिल लेकर उसके घर कि तरफ चल दिया!
उसका घर मेरे घर से लगभग ३० मिनट कि दूरी पर है! तो मैं उसके घर पहुच गया लेकिन दोस्तों मेरे दिल में डर था कि कही वो मुझे भगा ना दे! पर जब मैंने उसके घर पंहुचा तो मैंने डोरबेल बजाई! वो सो रही थी! तो उठ कर आई और दोस्तों मुझे देख कर चोंक गयी और बोली तुम यहाँ क्या कर रहे हो! मैंने तुम्हे मना नहीं किया था क्यूँ आये यहाँ जाओ यहाँ से! और दोस्तों वो मुझे वहाँ से भगाने लगी!
दोस्तों उसके कई बार मुझे जाओ यहाँ से कहने पर वहां से चल दिया! तभी चलते चलते मेरे मन मे आया कि एक और बार प्रयास करना चाहिए और मैं मुड कर वापस उसकी तरफ चल दिया पर दोस्तों वो दरवाजा बंद करके जा चुकी थी! अब मैं वहां खड़ा होकर सोचने लगा कि क्या करूं पर मैंने हिम्मत करके घंटी बजा ही दी मेरे बार बार घंटी बजाने पर भी उसने दरवाजा नहीं खोला तो मैं फोन करने लगा आखिर मे परेशान होकर दरवाजा खोल ही दिया और दरवाजा खोल कर वो अन्दर चली गयी!
मेरी हिम्मत तो नहीं हो रही थी पर मैं झिझक छोड़ कर अंदर चला गया! वो अंदर खड़ी मुझे बहुत गुस्से से देख रही थी और मुझ पर चिल्ला रही थी जाओ यहाँ से! मैंने उससे पीने क लिए पानी माँगा तो वो बोली जाओ यहाँ से हमारे यहाँ कोई पानी वानी नहीं है पर मैं कहाँ मानने वाला था मैं वही बैठ गया!
फिर वो भी हार मान कर बैठ गयी और रोते हुए बोली जाओ न प्लीज् यहाँ से, कोई आ जायेगा! दोस्तों मैं उसको रोता हुआ देख कर घबरा गया और उसके पास जाकर बैठ गया और उसको चुप करने लगा! लेकिन उसको चुप करते करते ना जाने कब मैंने उसके होंटो को चूम लिया और वो चुप होकर मुझे ऐसे देखने लगी ना जाने मुझे जान से मार देगी आज!
लेकिन अब वो शांत थी तो मैंने हिम्मत करके एक बार फिर उसके होटों को अपने होटों से चूम लिया उसके विरोध ना करने पर मैं अब आगे बढने कि हिम्मत कर गया और मैंने उसके गुलाबी नाजुक से होंटो को अपने होंटो में ले लिया और उसके होटों को एक एक करके चूमने लगा अब शायद उसको भी अच्छा लग रहा था वो चुप बैठी मुझे अपने होटों को चूमने चूसने दे रही थी! अचानक उसने मुझे पीछे धकेल दिया और उठ कर कमरे में चली गयी! अब मैं कहाँ रुकने वाला था!
लेकिन लगभग ३ सालों से मेरी एक सहेली थी जिसको दिल ही दिल मैं बहुत प्यार करता था! लेकिन वो मुझे भाव भी नहीं देती थी! क्यूंकि वो किसी और से प्यार करती थी! यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
लेकिन अपने अच्छे स्वभाव के कारण मुझसे बात करने या मुझे खुश रखने में कोई कमी नहीं छोडती थी वैसे वो है भी बहुत अच्छी! अब ज्यादा समय ना लेते हुए अपनी कहानी कि और बढता हूँ! मेरी फ्रैंड जिसका नाम बुलबुल(काल्पनिक नाम) है! वो काफी खूबसूरत है वैसे मेरी बुलबुल एक दिन घर पर अकेली थी!
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उसकी मम्मी कही रिश्तेदारी में गयी हुई थी और पापा दुकान पर रहते हैं! वो घर पर बिल्कुल अकेली थी पर वो मुझे कभी सेक्स करने का मौका नहीं देना चाहती थी इसलिए कभी मुझे अपने नज़दीक नहीं आने देती थी लेकिन मैं उसके साथ सब कुछ करना चाहता था लेकिन वो मुझसे हमेशा दूर भागती थी लेकिन मैं हमेशा उसको चोदने के मौके ढूंड़ता था लेकिन कभी मुझे कोई मौका मिल नहीं पाया!
वैसे मैं आपको बताना चाहूँगा कि मैंने आज तक किसी लड़की को किस भी नहीं किया था बस मेरा दिल उसी को चोदने के सपने देखता था! वैसे हम कभी कभी फोन सेक्स किया करते थे लेकिन अब किसी वजह से हमने बंद कर दिया था!
वापस कहानी पर आता हूँ उसकी मम्मी घर पर नहीं थी घर का काम निपटने के बाद उसने मुझे फोन किया और बताया कि उसकी मम्मी घर पर नहीं है और शायद रात को लेट ही घर पर आयें! दोस्तों मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ लेकिन मैं जानता था कि वो मुझे घर पर कभी नहीं बुलायेगी पर मैंने हमेशा कि तरह उससे मिलने कि जिद करने लगा पर मेरी लाख कोशिश के बाद भी वो नहीं मानी और मैंने हमेशा कि तरह गुस्सा होकर फोन काट दिया!
थोड़ी देर बाद जब मेरा गुस्सा शांत हुआ तो मैंने सोचा कि क्यूँ ना उसको बिना बताये उसके घर जाया जाये पर मेरे मन मे डर था कि वो कहीं मुझे भगा ना दे लेकिन मैंने सोचा कि चलो जो होगा देखा जायेगा! है तो अपनी ही भगा भी देगी तो कोई बात नहीं! तो दोस्तों मैं मन मे सोच कर अपनी मोटरसाइकिल लेकर उसके घर कि तरफ चल दिया!
उसका घर मेरे घर से लगभग ३० मिनट कि दूरी पर है! तो मैं उसके घर पहुच गया लेकिन दोस्तों मेरे दिल में डर था कि कही वो मुझे भगा ना दे! पर जब मैंने उसके घर पंहुचा तो मैंने डोरबेल बजाई! वो सो रही थी! तो उठ कर आई और दोस्तों मुझे देख कर चोंक गयी और बोली तुम यहाँ क्या कर रहे हो! मैंने तुम्हे मना नहीं किया था क्यूँ आये यहाँ जाओ यहाँ से! और दोस्तों वो मुझे वहाँ से भगाने लगी!
दोस्तों उसके कई बार मुझे जाओ यहाँ से कहने पर वहां से चल दिया! तभी चलते चलते मेरे मन मे आया कि एक और बार प्रयास करना चाहिए और मैं मुड कर वापस उसकी तरफ चल दिया पर दोस्तों वो दरवाजा बंद करके जा चुकी थी! अब मैं वहां खड़ा होकर सोचने लगा कि क्या करूं पर मैंने हिम्मत करके घंटी बजा ही दी मेरे बार बार घंटी बजाने पर भी उसने दरवाजा नहीं खोला तो मैं फोन करने लगा आखिर मे परेशान होकर दरवाजा खोल ही दिया और दरवाजा खोल कर वो अन्दर चली गयी!
मेरी हिम्मत तो नहीं हो रही थी पर मैं झिझक छोड़ कर अंदर चला गया! वो अंदर खड़ी मुझे बहुत गुस्से से देख रही थी और मुझ पर चिल्ला रही थी जाओ यहाँ से! मैंने उससे पीने क लिए पानी माँगा तो वो बोली जाओ यहाँ से हमारे यहाँ कोई पानी वानी नहीं है पर मैं कहाँ मानने वाला था मैं वही बैठ गया!
फिर वो भी हार मान कर बैठ गयी और रोते हुए बोली जाओ न प्लीज् यहाँ से, कोई आ जायेगा! दोस्तों मैं उसको रोता हुआ देख कर घबरा गया और उसके पास जाकर बैठ गया और उसको चुप करने लगा! लेकिन उसको चुप करते करते ना जाने कब मैंने उसके होंटो को चूम लिया और वो चुप होकर मुझे ऐसे देखने लगी ना जाने मुझे जान से मार देगी आज!
लेकिन अब वो शांत थी तो मैंने हिम्मत करके एक बार फिर उसके होटों को अपने होटों से चूम लिया उसके विरोध ना करने पर मैं अब आगे बढने कि हिम्मत कर गया और मैंने उसके गुलाबी नाजुक से होंटो को अपने होंटो में ले लिया और उसके होटों को एक एक करके चूमने लगा अब शायद उसको भी अच्छा लग रहा था वो चुप बैठी मुझे अपने होटों को चूमने चूसने दे रही थी! अचानक उसने मुझे पीछे धकेल दिया और उठ कर कमरे में चली गयी! अब मैं कहाँ रुकने वाला था!