Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी - Page 4 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी

रॉकी- उषा चाची के यहाँ जाना कोई चने चबाने जितना आसान काम नही है. पर अगर उसने बात कर ली तो समझो के काम बन गया.

मिलन वापस आकर अपनी जगह पर बैठा और बोला- वो तुमसे कल सुबह मिलने की इच्छा रखती है.

उसने अपने जेब से अपना एक कार्ड निकाला और कहा- उन्हे तुम ये दे देना. और चयन हो जाने पर 1 हफ्ते के अंदर मेरी कमिशन मुझे पहुच जानी चाहिए.

रॉकी उसकी तारीफ़ करते हुए- आप तो महान हो सर !

मिलन उसे चिढ़ते हुए उसे बोला - खामोश हो जाओ ! मुझे दलालो से शख्त नफ़रत है.

फिर मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा और प्यार से मेरी तरफ हाथ बढ़ाकर बोला- बाइ जान.

मैने भी अपना हाथ उसके हाथो मे देकर उसे बाइ कहा. और हम वहाँ से निकल पड़े. उसने हमे पीछे से आवाज़ दी और मुझसे कहा,

मिलन – उषा चाची के पास जाने से पहले नहाना मत.

मैं – क्यू ??

मिलन- जाओ…………..तुम बहुत दूर तक जाओगी.

रॉकी ने मेरा हाथ पकड़ा और हम दोनो वहाँ से बाहर चले गये, मिलन हमे पीछे से देखे जा रहा था और बस देखे ही जा रहा था.अगली सुबह मैं उस जगह पहुच गयी जो मुझे मिलन ने बताई थी. वहाँ एक औरत जो दिखने मे बहुत ही गोरी आकर्षक लग रही थी, गार्डेन मे जॉगिंग कर रही थी.

मैं उसके आने के लिए वही इंतज़ार करने लगी. थोड़ी देर बाद वो मेरे पास आई. उसने सिर्फ़ जॉगिंग सूट पहना था. वो भी सिर्फ़ नीचे, उपर से वो बिल्कुल नंगी थी. उसके स्तन हवा मे लटक रहे थी. बहुत ही गोरे बड़े-बड़े थे. पसीने मे भीगे हुए थे और इस कारण धूप मे चमक रहे थे. निपल भी बड़े और आकर्षक थे. उस औरत ने अपने शरीर की खूब देखभाल की है (वेल मैंनटानेड फिगर) लग रही थी. उसके चेहरे पर एक अलग ही तेज था.

वो महिला – मैने रेसिंग मे गोल्ड मेडल जीता है. इसलिए सब मुझे यहाँ उषा चाची कहते है.

तुम मेरी मसल्स छू सकती हो !

उसने अपने बाजू मोड़ कर मुझे अपनी मसल्स दिखाई. मैने उन्हे छू कर उसे कहा.

मैं- ये तो लोहा से भी ज़्यादा कड़क है !

चाची- कड़क लंड से भी ज़्यादा कड़क है ! चलो कुश्ती हो जाए. तुमको मुझे उसमे हराना ही होगा !

चलो आओ मेरे साथ.

फिर वो मुझे अपने घर मे बने जिम मे ले गयी और मुझसे पूछा-

चाची- क्या तुम आज सुबह यहाँ नहा कर आई हो ?

मैने अपनी मादक अदा और नखरे दिखाते हुए ना मे सिर हिला दिया.

चाची- गंदी लड़की !

अच्छी लड़कियों को रोज नहाना चाहिए.

मैं- मुझे बताया गया था………………

चाची- शांत !

उन्होने मुझे बीच मे रोक दिया बोलने से.

चाची- अब तुम्हारी चाची तुम्हे नहलाएगी. चलो कपड़े उतारो.

और वो मेरे नहाने के लिए बाथ टब तैयार करने लगी.

मैं टॉप और स्कर्ट पहने हुए थी. पहले मैने टॉप उतारा, फिर स्कर्ट को भी उतार कर फेंक दिया. चाची मुझे देख कर खुश हो रही थी. फिर मैने अपनी ब्रा भी उतार कर साइड मे रख दी. मुझे मालूम था मुझमे सबसे सेक्सी चीज़ मेरी गान्ड है जिस पर हर कोई फिदा है. इसलिए मैने धीरे-धीरे अपनी गान्ड मतकाते हुए अपनी पॅंटी उतारी. और नग्न गान्ड हिलाते हुए चाची को दिखाने लगी.

चाची- बढ़िया, तैयार है टब. चलो अंदर आ जाओ.

मैं धीरे-धीरे चलकर टब के अंदर घुस गयी. और चाची पानी मे बने बुलबुलो को मेरे स्तनो पे रगड़ने लगी.

चाची- खुश्बुदार बुलबुलो का स्नान…….

और वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे स्तनो को मसल्ने लगी. फिर चाची बोली,

चाची- खड़ी हो जाओ. अब मैं तुम्हारा पिछवाड़ा सॉफ करूँगी.

और मैं खड़ी हो गयी. चाची कभी मेरी योनि मे कभी मे गान्ड मे उंगली डाल-डाल कर उन्हे रगड़े जा रही थी.

चाची- कितनी प्यारी गान्ड है !

मज़ा आ रहा है ना गंदी लड़की ?

और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी दो उंगलियाँ मेरी योनि मे अंदर बाहर करने लगी. मैं योनि मे घर्षण के कारण तड़पने लगी.

चाची- क्या तुम आने वाली(डिसचार्ज) हो ?

क्या चूत है !

मैं तड़प-तड़प कर मचलने लगी. ज़ोर- ज़ोर से आगे-पीछे हिलने लगी. इस बार चाची अपनी मिड्ल फिंगर गीली की ऑर चूत पर रख कर हल्का सा झटका दिया, थोरा सा दर्द हुवा मगर वो ऐसा ही फिंगर गीली करती फिर चूत मे डाल देती, फिर गीली करती फिर चूत मे, अब वो चूत मे पूरी फिंगर डाल चुकी थी, ओर चूत मे फिंगर को हिला रही थी फिर मुझे और नशा सा आना लगा ओर उसने दूसरी फिंगर भी गीली कर के चूत मे डाल दी ऑर चूत को ज़ोर ज़ोर सा हिलाने लगी ओर मेरे मूह से सिसकारियाँ निकल गई, अहह ऑश यस यस अयू उसने अब थोरी स्पीड बढ़ा ली, जिस से मुझे ओर भी मज़ा आने लगा, मेरी चूत गीली होने लगी थी.

क्रमशः............................
 
एक वेश्या की कहानी--9

गतान्क से आगे.......................

अब मुझ से बर्दाश्त नही हुआ ओर उसने फिर फिंगर मेरी चूत मे डाल कर ज़ोर ज़ोर से ओह ओह अहहााआहह आह याअ उउउ ओह कम कम कम कम कम कम कम कम कम कम कम ऑन कम, ओह ओह ऑश ह ओर चूत मे फिंगर को हिला रही धीरे अह्ह्ह्ह चूत मे 2 फिंगर्स थी ओर मेरी चूत तीसरी भी माँग रही थे आअहह ओह्ह उूउउ मेरीयी मेरीयी चूऊऊथततटटटतत्त अहह चूत आह, और जैसे ही मेरा पानी निकला मैं चाची से ज़ोर से चिपक गयी और उन्हे कसकर पकड़ लिया और बोला-

मैं- आइ लव यू !

चाची ने मुझे ज़ोर से धक्का देकर टब मे गिरा दिया और मुझ पर चिल्लाते हुए बोली-

चाची- तेरी जुर्रत कैसे हुई साली रांड़ ?

और मैं एकदम से सकपका गयी.

चाची- बाहर निकल…….निकल. चल जा काम पे लग जा !

शाम को मैं बन-सवर के हॉल मे पहुचि, यहाँ भी मस्तानी चाची के घर की तरह ही सारी व्यवस्था थी. सब कुछ वैसा ही, कस्टमर्स को वो भी वैसे ही हॅंडल करना उनसे पैसे लेकर नीचे जमा करना, सब कुछ वैसा ही था.

मैं भी अपने काम मे लग गयी और कस्टमर्स उठा-उठा के ले जाने लगी और अपने पैसे बनाने लगी. किसिके साथ ½ घंटा तो किसी के साथ 1 घंटा. खूब कमाई हो रही थी यहाँ.

उषा चाची भी मुझसे बहुत खुश थी.

चाची- तुम बहुत अक्च्छा कर रही हो.

कस्टमर्स को मुझमे सबसे प्यारी चीज़ मेरी गान्ड पसंद आती है. उसी को दिखा-दिखाकर मैं अपने कस्टमर्स बनाती हू.

मैं- हाई मेरी जान, आज तो मैं शोले भड़का रही हू.

मैं अपनी गान्ड दिखा कर उसके सामने नाचने लगी. उसके मूह पर अपनी गान्ड रगड़ने लगी. वो मेरी जाँघो को मसल्ने लगा.

मैं- क्या आज तुम कामिनी को पसंद करोगे अपने लंड पर ?

और उसका मूह अपने स्तनो मे डालकर हिला दिया. वो बहुत खुश हुआ पर हा नही बोला, तो मैं आगे बढ़ गयी.

उसके बाजू एक युवक मुझे चूमने लगा.

मैं- क्या तुम्हारे पास पैसे है ?

और उसने भी मुझे चूमकर छोड़ दिया. मैं आगे बढ़कर अपने लिए कस्टमर ढूंड रही थी.

तभी मुझे आगे दीवार से टिक-कर खड़ा एक शक़स दिखा जिसे देखकर मेरा मूड खराब हो गया और मैं वहाँ से पलट गयी. वो शक़स मुझे ही घूरे जा रहा था.

जब मैं पलट कर जा रही थी, तो वो मेरी गान्ड को ललचाई हुई नज़रो से घूरे जा रहा था. मैं तेज कदमो से चलकर वहाँ खड़ी लड़कियों के पास चली गयी और उनसे कहा-

मैं- मुझे पता था ये कभी ना कभी तो होना ही था.

वो दोनो लड़कियाँ जो एक दूसरे से लिपट-चिपक रही थी. मुझे देखने लगी.

मैं- वो आदमी जो दरवारे के पास खड़ा है, मेरा दूर का चाचा है.

उनमे से एक लड़की ने मेरे खंधे पर हाथ रखा और मुझसे बोली- तुम फिकर मत करो, मैं उसे देखती हू.

उस लड़की ने सिर्फ़ एक चुन्नी अपने गले मे लप्पेट रखी थी बाकी वो पूर्ण नग्न थी, और वो चाचा के पास जाने लगी. उसने चाचा का हाथ उनकी जेब मे देखकर उनसे कहा-

लड़की- जेब मे हाथ डालकर क्या पकड़े हुए हो ?

बोलो तो मैं तुम्हारे लिए उसे कड़क कर देती हू !

चाचा- वो पहले से ही बहुत कड़क हो चुका है !

चाचा ने ओवरकोट पहना हुआ था, और उस पर एक इंग्लीश हट भी थी. शहर मे रहकर उनकी जीवनशैली ही बदहाल गयी थी.

लड़की ने चाचा के ओवरकोट मे हाथ डालकर उनका लंड पकड़ लिया और उनसे बोली- चलो भी, मैं चाहती हू तुम मेरी चूत की आज धज्जियाँ उड़ा दो.

चाचा उसकी बात को उनसुना कर आगे बढ़ गये.

लड़की धीरे से गाली देते हुए- हिजड़ा !

वो सीधे चलकर मेरे पास आए और मेरे पीछे आकर खड़े हो गये. और मुझे आवाज़ देते हुए कहा,

चाचा- चलो !

मैने भी उन्हे कस्टमर मानकर उनके साथ चल दी अपने रूम मे.

पीछे से उषा चाची के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी.

चाची- उठो स्पोर्टस्मन, खूबसूरत कन्याओं को लेकर मस्ती करो, खेल खेलो.

वहाँ खड़ी लड़कियों को वो बोल रही थी.

चाची- टेन्निस प्लेयर्स अपनी बॉल बाहर निकालो, इन मर्द प्लेयर्स को अपने बाल दिखा कर आकर्षित करो. साइक्लिस्ट पेडल मारना शुरू करो !

और वो उन्हे पेडल मार कर दिखाने लगी. वहाँ मौजूद अधिकतर लड़कियाँ अलग-अलग स्पोर्ट्स प्लेयर के कपड़ो मे थी. ये सब इसलिए था क्यूकी इस घर का नाम ही ओलिमपिड रखा गया था.

जैसा चाची ने पहले ही बताया था, वो गोल्ड मेडल विन्नर है. इसलिए यहाँ सब कुछ ओलिमपिक्स के रंग मे रंगा हुआ था. यहाँ कस्टमर्स को भी स्पोर्टस्मन या पर्सन कहा जाता है. उधर कमरे मे मैं चाचा के साथ थी.

चाचा अपना कोट उतार रहे थे और मैने अपना गाउन उतारा और उनसे पूछा – आप आधा घंटा लेंगे क्या ?

वो अपना कोट उतारकर बिस्तर पर बैठ गये, मैने उनसे कहा – आपको मेरे साथ बहुत मज़ा आएगा.

चाचा – क्या बढ़िया काम कर रही हो, राधा .

मैं उनकी तरफ पीठ करके खड़ी थी, बिल्कुल नग्न वो मेरी गान्ड को देख कर बोले थे.
 
मैं उनके मूह से अपना नाम सुनके उनकी तरफ मूडी और बोली – मैं आपको याद हू ? बहुत साल हो गये.

वो बोले – हां, तुम्हारे चेहरे मे काफ़ी कुछ बदलाव आ गया है. पर मैं तुम्हारा पिछवाड़ा कही भी देख कर तुमको पहचान सकता हू. अपने आप पर तुम्हे शर्म आनी चाहिए !

वो मुझ पर थोड़ा गुस्सा होते हुए बोले थे.

मैं उनके पास वैसे ही नग्न अवस्था मे दौड़कर पहुचि और उनके बगल मे बैठकर उनसे बोली- प्लीज़ अंकल, मैं यहाँ सिर्फ़ कुछ वक़्त के लिए हू, टेंपोररी हू.

मैने उनका हाथ पकड़कर उन्हे समझाने की कोशिश की और उनके गाल पर एक किस कर दिया.

और उनसे कहा – प्रॉमिस कीजिए के आप ये बात किसी और से नही करेंगे.

अंकल से मुझे समझाते हुए कहा – तुम ये कैसे कर सकती हो ? ये बात किसी ना किसी तरीके से पता तो लगनी ही है.

मैने उन्हे विश्वास दिलाते हुए कहा – नही किसी को भी पता नही चलेगा. मैं इस हफ्ते के अंत तक ये जगह छ्चोड़ दूँगी.

मैने उन्हे फिर कहा – आप कसम खाइए के आप किसी को कुछ नही बताएँगे ! प्रॉमिस ?

वो बोले – मैं तुम्हारे लिए बहुत उदास हू.

वो ऐसा बोलते हुए थोड़े भावुक हो उठे और मुझे दोनो गालों पर किस करने लगे. फिर उन्होने मेरे होठों पर हल्का सा किस किया. और फिर एक जबरदस्त किस करके अपनी जीभ मेरे मूह मे घुसा दी.

मैं अपने आप को उनसे छुड़ाते हुए उनसे दूर भागी और उनसे बोली – चाचा आपने अपनी जीभ मेरे मूह मे डाली !

उन्होने मुझे कमर से पकड़ते हुए अपने पास खीचा और मेरी गान्ड को दबाते हुए बोले – मुझे तुम्हारी गान्ड हमेशा याद थी, क्यूकी इसे देखकर मैं हमेशा उत्तेजित हो जाता था.

और ऐसा बोलकर वो मेरी गान्ड को जोरो से मसल्ने लगे.

वो मेरी आँखों मे आखें डालकर मुझसे बोले – इसके लिए मैने 10 साल इंतज़ार किया है.

और उन्होने फटक से अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर पॅंट को अपने से अलग किया और मुझे अपने सीने से चिपका लिया.

मैं – पर आप तो इसे हमेशा से ही छुआ करते थे. मैं तो सोचती थी के ये कोई गेम है.

मैं – आप ये क्या कर रहे है, ये शर्मनाक है.

वो मेरी गान्ड पर हाथ मसल्ते हुए मुझसे बोले – जब तुम छ्होटी थी , हम लूका- छिपी खेलते थे. मैं तुम्हे ढूँढ कर पकड़ लेता था और फिर तुम्हारी गान्ड को बहुत ही अच्छी तरह से महसूस करता था.

फिर उन्होने मेरी गान्ड को मसल्ते हुए मुझे नीचे बिठा दिया और मेरा मूह पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया.

और उत्तेजित होकर चिल्लाने लगे – बहुत अच्छे ! चलो करे आधा घंटा, एक घंटा……वैसे भी ये तो मुफ़्त ही होगा. तुम मुझसे पैसे थोड़े ही लोगि, क्यू ?

और मैं उनका लंड चूसे जा रही थी, उनकी बातें सुनकर मुझे रोना भी आ रहा था.

वो थोड़ा गुस्सा होते हुए बोले – रो मत, तुम मेरे बॉल्स को गीला कर रही हो.

उन्होने मुझे सीधा लिटाया और मेरी टाँगे खोली अपने लंड को मेरी चूत

पर रखा आंड ज़ोर लगाया ….लंड अंदर नहीं गया आंड स्लिप होके बाहर निकल गया

उन्होने फिर मेरी चूत मे लॅंड रखा आंड ज़ोर लगाया तो मैने कहा मुझे दर्द हो रहा है… बट वो रुके नहीं ज़ोर लगाते चले गये ओर मैं झटपटाने लगी…. बार बार बोल रही थी कि प्ल्ज़ निकाल लो इसे थोड़ी देर बाद करते है बट उन्होने मेरी एक ना सुनी ओर दो झटके आधा लंड मेरी चूत मे उतार दिया...

अब मेरी आखों मे आशु आ गये थे और थोड़ा सा चिल्लाने लगी ऊ मर गईिईईईईईई मैं तो............

उन्होने एक ओर जोर्का झटका मारा और अपना पूरा लंड मेरी चूत मे जड़ तक ठोक दिया ओर मैं पागलो की तरह आअहह मेरी चुट्त्त फट जाएगी प्ल्ज़ निकाल लूऊओ प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है निकाल ईसीईए फिर उन्होने निपल चूसने शुरू कर दिए शायद निपल चूसने से मेरा ध्यान थोड़ा दर्द से हाथ गया ओर 10 मिनट के बाद.........

उन्होने कहाँ अब दर्द कम है तब उन्होने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया मुझे अभी भी हल्का

हल्का पेन हो रहा था बट 5 & 7 मिनट बाद मैने अपनी गान्ड हिलाना शुरू करदी ओर वो समझ गये कि अब साली ट्रॅक पर आ गयी है ओर मुझे चोद्ना शुरू किया ….
 
वो मुझे चोद रहे थे और मैं बस नशे मे चूर होके आवाज़े निकाल रही थी एस!फक मी ओह्ह्ह्ह फक मी फास्ट .उनका लंड चूत को चीरता हुया अंदर जा रहा था फिर बाहर आ रहा था ओर पूरे कमरे मे पच पच की आवाज़ आ रही थी…

मेरी चूत और उनके लंड का मिलन हो रहा था क्या टाइम था वो…. करीब 20 & 22 मिनट बाद मेरी साँसे तेज़ हो गयी ओर ज़ोर ज़ोर से गान्ड हिलाने लगी ओर वो समझ गये के बस अगले कुछ मिंटो मे झड़ने वाली है उन्होने स्पीड बढ़ा दी ओर मैं पागलो की तरह ऊहह ओर तेज़्ज़ ओर ओर तेज़्ज़ ओर करीब 5 मिनट बाद मैने अपने नील्स उनकी पीठ मे गढ़ा दिए....

मेरा पूरा शरीर अकड़ गया ओर तभी दो चार झटको मेउनका वीर्य भी मेरी चूत मे जा गिरा ओर उन्होने मुझे इतनी तेज़ कासके पकड़ा मानो मेरी जान ही निकाल देंगे

मेरे नील्स उनकी पीठ पर पड़ गये ओर मेरी चूत ने उनका सारा वीर्य अपने अंदर ही रख लिया ओर हम दोनो ऐसे ही पड़े रहे ओर करीब 15 मिनट बाद वो अपना कपड़ा पहने और मुझे फिर आउन्गा कहकर चले गये................... उधर मैं रॉकी को पैसे पहुचाने गयी, आख़िर रॉकी मेरा दलाल था.

मैं- मैं जानती हू, ये बहुत कम है.

रॉकी – क्या बात है ? क्या तुम अपने कस्टमर खोने लगी हो ?

मैं – मैने आज तक इतनी मेहनत पहले कभी नही की.

रॉकी- इसमे अभी भी 10000 रुपये. कम है !

मैं – तो ठीक है , तुम्हे सब कुछ जान लेना चाहिए. मेरे चाचा जी मुझे ब्लाकक्मैनल कर रहे है.

रॉकी – तुम किस घुसताख के बारे मे बात कर रही हो ?

मैं- मैं उन्हे अभी भी याद हू, और वो रोज मेरे पास आ जाते है. वो मेरा समय भी बर्बाद करते है और मुझे पैसे भी नही देते है.

मैने अभी तक ये बात चाची को भी नही बताई है. मुझे यहाँ से बाहर निकालो प्लीज़.

रॉकी- बिल्कुल, इसमे तो मेरी भी बेज़्जती है. ठीक है एक काम करते है तुम उसे मिलने के लिए इटॅलियन केफे बुलाओ.

और उसने मुझे कुछ पैसे देते हुए कहा- इसे रखो.

और फिर वो वहाँ से चला गया.

इटॅलियन केफे मे मैं और चाचा जी दोनो बातें कर रहे थे.

चाचा- मैं कल जुवे मे बहुत ज़्यादा पैसे हार गया हू.

हमारी सामने वाली टेबल पे 4 लड़के बैठे कॉफी पी रहे थे और मेरी ओर घूर रहे थे, उनको देखते हुए चाचा जी ने मुझसे कहा- वो लड़के तुम्हारी जांघे घूर रहे है, उन्हे भी कुछ अपने जलवे दिखाओ.

मैने अपनी ड्रेस को अपने घुटनो से उठाके अपनी कमर तक चढ़ा ली और उन्हे अपनी जाँघो का प्रदर्शन करने लगी.

चाचजी- बहुत अच्छे, मैं खुश हू कि मेरी प्यारी भतीजी को देखकर लोग उत्तेजक होते है.

थोड़ा और दिखाओ……….मैं और ज़्यादा खुलकर उन्हे दिखाने लगी.

चाचजी- मैं खुश हू कि मैने तुम्हे फिर से पा लिया है.

मैं आज रात अपने कुछ पैसे वापस जीतना चाहता हू. क्या तुम मुझे कुछ पैसे दे सकती हो ?

मैं – क्या अगर वो पैसे भी आप हार जाए ?

चाचा- कंजूसी छोड़ो ! और अपनी टांगे थोड़ा और खोलो.

चाचा जी ने उन लड़को की ओर देखते हुए कहा – वो लड़के तुम्हे अपनी आखों से खा रहे है.

उधर रॉकी मुझे केफे मे अंदर आते हुए दिखा उसके साथ कोई हॅटा-कॅटा पहलवान समान व्यक्ति था. मैं रॉकी को देखकर बहुत खुश हुई.

क्रमशः............................
 
एक वेश्या की कहानी--10

गतान्क से आगे.......................

रॉकी और वो पहलवान हमारी टेबल के पास आकर एक-एक चेर खीचकर बैठ गये.

इससे चाचा जी एक से हडबॅडा गये और वो रॉकी से बोले – माफ़ कीजिए ये हमारी टेबल है.

मैने रॉकी को उनसे मिलाते हुए कहा- रॉकी ये मेरे चाचजी है, जो मुझसे बहुत ज़्यादा प्यार करते है.

रॉकी- साले, गटर के कीड़े……….सुआर……….अगर तूने आगे से मेरे प्यार को परेशान किया तो मैं तेरे थोबदे का काबडा कर दूँगा !

चाचजी के चेहरा का रंग उड़ गया था…….वो बोले- तुम ये सब क्या बोल रहे हो. मैने क्या किया है ?

रॉकी ने उनको उनकी टाइ पकड़कर अपने पास खीचा और आँखें दिखाते हुए उनकी टाइ को कैची से काट दिया.

चाचजी के तो पसीने ही छूट गये थे.

टाइ के टुकड़े से चाचा जी का पसीना पोछते हुए रॉकी बोला- तुम तो बहुत डरे हुए और गंदे चाचा हो!

उसने वो टाइ का टुकड़ा ज़बरदस्ती उनकी कोट की जेब मे डाला और उनसे बोला – भाग यहाँ से !

और चाचा जी डर के मारे वहाँ से भाग निकले.

मैने खुश होते हुए ताली बजाई और रॉकी से कहा- अब मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है.

चाचजी ने एक बार केफे से बाहर निकलते हुए पीछे पलटकर देखा और फिर बाहर निकल गये.

मैने वेटर को तीन स्पेशल हॉट कॉफी ऑर्डर दिया.

तुम्हे मालूम था मैं तुम्हे बचा लूँगा……….और हां थॅंक्स…….

मैं चौंकते हुए उसे बोली- थॅंक्स………किस बात के लिए…

उसने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा

रॉकी- उस हरामी के लिए जब मैने तुम्हे उसके सामने “मेरा प्यार” कहा था.

मैने भी रॉकी के हाथ पर हाथ रखते हुए कहा – आइ लव यू.

फिर वेटर ने हम तीनो को कॉफी सर्व की और रॉकी ने कहा – ये कॉफी मेरे प्यार और उसके लिए जिसने ये अरेंज्मेंट करवाया है.

मैं- तुमने क्या जमाया है ?

रॉकी – एक बहुत शानदार फोरसम वो भी राजा प्रसन्ना के साथ, बहुत ही चर्चित लड़कीबाज है.

मैं- क्या उनके महल मे ?

रॉकी – हां, तुम और तुम्हारी एक और दोस्त. मैने चाची से सब बातें कर ली है.

मैं – हुर्रे! क्या शानदार दिन है !

मैं बहुत खुश हुई और उठकर रॉकी को एक किस दे डाली. और रॉकी का दोस्त हमे घूर कर देखने लगा तो रॉकी बोला- अरे एक किस इसे भी दे दो, तो मैने एक किस उसे भी दे दी और वो भी खुश हो गया.

और फिर हम तीनो कॉफी पीने लगे….. उस रात को मैं और अनिता मेरी एक दोस्त वेश्या घर की, साथ मे राजा प्रसन्ना के महल की सीढ़ियाँ चढ़ने लगे.

अनिता और मैं काफ़ी सेक्सी ड्रेस पहने हुए थे और हम दोनो हस्ते मस्ती करते हुए महल के अंदर प्रवेश कर रहे थे. सीढ़ियाँ उपर जा ही रही थी, ख़तम होने का नाम ही नही ले रही थी.

फिर हम दोनो एक फ्लोर पे पहुचे जिसमे एक बढ़ा सा हॉल था और हम अंदर चले गये. सामने सोफे पे एक आदमी बैठा था यंग था उसने हल्की-फुल्की दाढ़ी उगा रखी थी.

हम को अंदर आते देख उसने कहा- बिकुल सही वक़्त पर आ गयी हो. और उठकर हमारे पास आने लगा और बोला- अंदर आ जाओ, अंदर आ जाओ लड़कियों.

हम उसके पास जाकर उसे हाथ मिलाया और कहा- हमारी ख़ुसनसीबी, के हम आप से मिल पाए राजा जी.

राजा- नही, मुझे सिर्फ़ प्रसन्ना कहो.

वहाँ सोफे पे एक महिला बैठी थी, राजा ने हमे उसे परिचित कराते हुए कहा- इनसे मिलो ये मेरी धरमपत्नी है, रानी श्रीस्टी. शूरवीर राजा भद्रवान के खानदान की है.

मैं उनके पास गयी और उनके हाथों को चूमकर उनका अभिवादन किया और वो आँखो से इशारा करते हुए मेरा अभिवादन स्वीकार करी.

फिर राजा ने कहा- आप लोग आराम से बैठ जाइए. और फिर राजा ने हमे अपने हाथो से शॅंपेन दी. और फिर मुझ से पूछा.

- तुम कहाँ से हो ?

मैं- जी मैं आनंदपुर गाओं से हू.

राजा – आनंदपुर गाओं, राजा भैरव सिंग के इलाक़े मे है. तुम तो गाओं की गोरी हो. और राजा भैरव सिंग तो हमारे पुराने मित्रो मे से है.

मैं उनके महल मे बनी शिल्प्कला को निहार रही थी, वो सारी मूर्तियाँ और आकर सेक्स को ही संभॉदित करती थी.

मैने उनको देखते हुए राजा से कहा- बहुत सुंदर कलाकृतियाँ है.

राजा- हां, हमारे पूर्वाजो के जमाने से है, उन्होने ने ही ये बनवाई थी. वो इन्ही मुद्राओ को देख कर सेक्स किया करते थे.

फिर उन्होने अपनी पत्नी को हुक्म देते हुए कहा- रानी श्रीस्टी, मेहमानो के खाने का प्रबंद करो.

और रानी वहाँ से उठते हुए बोली- मैं थोड़ी देर मे आती हू. और वो ऐसा कहकर वहाँ से चली गयी. उनके चेहरे पर एक तेज था जो मुझे उनका आटिट्यूड लग रहा था.

राजा हम को वहाँ देख कर बहुत खुश थे. ख़ुसी के कारण वो फूले नही समा रहे थे. कभी वो अपने हाथों से ताली बजाते तो कभी अपने जाँघो पर ताप देकर खुश हो जाते.

फिर उन्होने हम से कहा- शॅंपेन से बेहतरीन कॉकटेल मेरे पास है. फिर वो उठे और टेबल पर रखी एक कटोरी मे कुछ पाउडर जैसी चीज़ को स्पून से अपने हाथों मे लेते हुए हम से बोले-

मेरी मा इसे सोने के स्ट्राव से सूंघति थी, जिसे मेरे पिताजी ने उन्हे उनकी मॅरेज आनिवर्सयरी पर दिया था.

फिर उन्होने अपने अंगूठे और उंगली को दूर करते हुए पाउडर के लिए वहाँ जगह बनाई और हम से बोले- मुझे इस तरह से करना पसंद है, और ये आसान भी है.

और उन्होने पूरा का पूरा पाउडर नाक से सूँघकर अपने अंदर खीच लिया. और अपने सिर को ज़ोर से हिलाने लगे और बचे हुए पाउडर को चाटने लगे. नाक से सूंघते वक़्त थोड़ा बहुत पाउडर उनकी नाक मे चिपक गया था, जिस कारण उनकी नाक सफेद दिख रही थी.

फिर वो हम दोनो की तरफ देखते हुए बोले- ये बहुत अच्छा है.

और वो उठकर कटोरी से एक-एक स्पून पाउडर हम दोनो के हाथों मे रख दिए. और हम दोनो उसे नाक से सूंघने लगे. उसे सूँघकर एक अलग से नशा छाने लगा हम दोनो पर. हम दोनो जोरो से हस्ने लगी थी.

और राजा ने हम से कहा- तुम्हे अच्छा लगा. और वो पाउडर को उठाकर एक तरफ रखने लगे. हम दोनो हसे जा रही थी.

फिर राजा ने हम से कहा- आराम से, चलो अपनी पॅंटीस उतारो!

तो हम दोनो खड़ी होकर अपनी पॅंटी उतारने लगे, जिसमे राजा ने हमारी मदद भी की. और हमारी पॅंटी को सूंघते हुए कहा- वाह! गुलाबो की खुसभू आ रही है.

और हमारी पॅंटीस को हवा मे उछाल दी और हम से कहा- चलो पहले चल के कुछ हल्का-फूलका खाते है.

और राजा हम दोनो की गान्ड को बारी-बारी से दबाते हुए, हमे डाइनिंग हॉल तक ले आया. हस्ते नाचते हम डाइनिंग हॉल पहुचे जहाँ पे एक बहुत बढ़ा शानदार डाइनिंग टेबल सज़ा हुआ था.

राजा ने हम से कहा- बैठ जाओ लड़कियो, और अपनी बीवी को इशारा करते हुए कहा, आ जाओ…

रानी साहिबा बिल्कुल एक वेट्रेस के ड्रेस मे आई और हम सूप सर्व करने लगी.

राजा ने फिर दोहराया- श्रीस्टी, लड़कियो को थोड़ी और वाइन पिलाओ. और हम दोनो एक दूसरे को देखकर हस्ने लगी.

रानी साहिबा ने वाइन की बॉटल उठाई और मैने ग्लास को अपने दोनो स्तनो के बीच मे रख दिया. रानी साहिबा वाइन को ग्लास मे डालने लगी और वाइन ग्लास की बजे मेरे स्तनो पर गिर गयी.

राजा- बेवकूफ़, क्या तुमसे कोई भी काम ठीक से नही होता !

रानी साहिबा मुझसे शमा माँगते हुए बोली- माफ़ कीजिएगा.

राजा भड़क उठे और बोले- सिर्फ़ माफी से काम नही चलेगा, इसे एक ज़ोर का चाता लगाओ.

और मैं राजा की ओर मूह खोलकर तकने लगी कि वो क्या कह रहे है, और इधर रानी साहिबा ने अपने गाल मेरे सामने रख दिए.

राजा- थप्पड़ मारो, उसे अच्छा लगता है.

और मैने हल्के से रानी के गालो पे एक थप्पड़ मार दिया.

राजा थोड़ा गुस्सा होते हुए बोले- अरे ऐसे नही, एक जोरो का तमाचा मारो इसे.

मैने रानी साहिबा से इज़ाज़त माँगते हुए कहा- क्या मैं मारू ?

उन्होने फिर अपने गाल आगे कर दिए. और इस बार मैंन एक जोरो का थप्पड़ उनके गाल पर रसीद दिया.

रानी साहिबा के गालों पे मुस्कान देख कर हम दोनो की भी हँसी छूट गयी.

फिर रानी साहिबा ने मुझसे कहा- मैं आपको चाट कर सॉफ कर देती हू. और वो मेरे स्तनो को अपने जीभ से चाटने लगी.

इतने मे राजाजी एक तौलिया रानी को दिखाते हुए उनसे कहा- नही, ये तौलिए से सॉफ करो….

और वो तौलिया लेने राजा के पास चली गयी, लेकिन तौलिया राजाजी के हाथ से नीचे गिर गया.

राजा- ओह, तौलिया तो टेबल के नीचे चला गया. क्या तुम उसे उठा दोगि ?

रानी साहिबा टेबल के नीचे घुस गयी और राजा ने हमे इशारे से कहा- देखो इसे अब.

हम दोनो टेबल की दोनो ओर देखने लगे कि वो कहा गयी. इतने मे अनिता ज़ोर से उछली.

राजा- मज़ा आया ना. मेरी वाइफ बहुत अच्छी चरने वाली बकरी है ना ?

जब मैने नीचे झाँक के देखा तो रानी साहिबा अनिता की योनि को चूस रही थी.

राजाजी उसे बोल रहे थे- चूसो उसे, खा जाओ.

रानी की इस करतूत को देखकर तो और भी हँसी आ रही थी.

राजा ने बताया के वो तो शुरू से ही लेज़्बीयन सेक्स पसंद करती है. इसीलिए तो मैने इसे शादी की. पर अब मुझे भी पीना चाहिए.......

और वो मेरी तरफ बढ़ने लगे तो मैने उन्हे अपना ग्लास थमा दिया. तो वो मेरा ग्लास दूर करते हुए बोले- नही, अब मैं सीधे शवर से पियुंगा.

उन्होने मुझे अपनी गोद मे उठाया और बोले- मैं तुम्हारा मूत्र पियुंगा. मैं बहुत प्यासा हू.

उधर रानी साहिबा अनिता के साथ लेज़्बीयन सेक्स कर रही थी.

वो लेट गयी उस की चूत के सामने और अपनी 2 फिंगर से उस की चूत मसल्ने के बाद उस की चूत मे डाल कर हिलाने लगी, अनिता की चूत काफ़ी गीली थी, ओर वो अपनी ज़ुबान उस की चूत के लिप्स पर रख कर चूत की लिप्स चाटने लगी ओर फिंगरिंग भी करती रही .

उन्होने जब उस की चूत के दाने को पकड़ कर डुबया तो अनिता बोली- आह मत कीजिए ऐसे तो मेरी जान निकल जाएगी. उन्होने कहा इसी लिए तो मैं कर रही हू.

फिर उस की चूत का छोटे दाने को चाटने लगी, उन्होने फिंगर निकाल कर उस की चूत को तोड़ा खोला ओर अपनी ज़ुबान उस की चूत मे डाल दी.

ऐसा करने से उसे तेज़ तेज़ चाटने को कहा, तो उन्होने फिर सा 2 फिंगर डाल कर उस की चूत के लिप्स को चाटने लगी ओर चूत के दाने को मसलने लगी.

उन्होने अनिता को बालों से पकड़ कर उसका मूह चूत के बीच मे डाल कर हिलाने लगी तेज़ी से.

कुछ ही देर मे उनकी की चूत से पानी निकल गया जो सीधे अनिता के मूह पर आ गिरा.

इधर राजा ने मुझे अपने बिस्तर पर फेंका और मुझे खड़ा करके मेरी चूत के नीच आ गये और मुझसे कहा – मुतो.

मैने पेशाब की धार सीधे उनकी मूह पे मार दी और वो उसे गाटा-गट पीने लगे और बोले- फ़ौवारे से सीधे मेरे मूह मे. अब मुझे अपनी गान्ड भी दो.

मैं भी उछलते हुए अपनी गान्ड राजाजी को पेश करते हुए बोली- बहुत मज़ा आ रहा है राजाजी आपके महल मे.

राजाजी ने मेरी गान्ड देखते हुए कहा- वाह! क्या गान्ड है. और अपने मूह से थोड़ा से थूक निकालकर मेरी गान्ड मे लगा दिया.

वो लंड को मेरी गान्ड पे रगड़ने लगे मुझे मज़ा आ रहा था.

उन्होने कहा- कैसा लग रहा है?

मैं बोली अभी तो अच्छा लग रहा है. प्ल्ज़, ऐसे ही करते रहिए.

वो कुछ देर लंड को गान्ड पे रगड़ते रहे ऑर थोड़ा और थूक लगा कर मेरी गान्ड पे लंड टीकाया ओर हल्का सा झटका मारा.

क्रमशः............................
 
एक वेश्या की कहानी--11

गतान्क से आगे.......................

दोस्तों पेश है इस कहानी अंतिम पार्ट आपका दोस्त राज शर्मा

मेरे मूह से आअहह की आवाज़ निकली, मैने कहा राजाजी प्ल्ज़ थोड़ा आराम से करो फिर मज़ा आएगा.

वो अपने लंड का टॉप मेरी गान्ड मे डाले हुए थे. मैं बोली एक और धीरे से मारना ओर वो ज़ोर से झटका मारे ऑर अपना आधा लंड मेरी गान्ड मे डाल दिया.

थूक की वजह से मुझे ज़्यादा दर्द ना हुआ पर चिल्लाई ज़रूर.

वो थोड़ी देर ऐसे ही गान्ड मारते रहे ओर फिर एक जोरदार झटका मारा कि पूरा लंड मेरी गान्ड मे चला गया मैं बड़ी ज़ोर से चिल्लाई.

वो मेरे बूब्स मसल्ते रहे इससे मैं बिल्कुल शांत हो चुकी थी अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला ऑर अंदर कर दिया.

मुझे अब भी दर्द हो रहा था लेकिन पहले से कम, वो 2 इंच लंड को बाहर निकालते ऑर फिर अंदर करते.

मैं भी आआअहह की आवाज़ करती. वो 5 मिन्स तक एस ही मेरी गान्ड मारते रहे ओर फिर थोड़ा तेज हुए.

वो बोले - मेरी जान आज तुम्हाइन इतना मज़ा दूँगा कि तुम भूल नही पायोगी अपनी ये चुदाई ओर वो पूरी तेज़ी से गान्ड मारने लगे मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.

वो पूरी तेज़ी से चोदने लगे 15 मिन्स की चुदाई के बाद हम इकट्‍ठे ही झड़े उन्होने मेरी गान्ड को अपने वीर्य से भर दिया ओर थोड़ी देर तक मेरे उपेर ही लेटे रहे. मैने राजाजी से पूछा- क्या आपको मज़ा आया ?

राजाजी- मैं गान्ड मरवाने वाली से बात नही करता !

और वो अपने कपड़े ठीक करके चला गया. मैं उसे देखते ही रह गयी और खुद को संभालने लगी.

रानी साहिबा को खुश करके अनिता मेरे पास आई और मुझे देखने लगी और फिर हम दोनो ज़ोर से खिलखिला कर हंस पड़ी.

हम दोनो हँसी के मारे पागल हुए जा रहे थे पर अनिता तो कुछ ज्यदा ही जोरो से हंस रही थी. हम जब महल से बाहर निकले तो हंसते-हंसते अनिता के मूह से खून निकल आया. तब मेरी हँसी एकदम से बंद हो गयी और मैने अनिता से पूछा- तुम ठीक तो हो ना अनिता ?

अनिता अपना मूह पोछते हुए बोली- मुझे नही मालूम…..

शायद बहुत ज़्यादा शराब पीने की वजह से हो रहा है.

उसने अपने आपको ठीक किया और फिर हम दोनो हस्ते हुए वहाँ से निकल पड़े.

दूसरे दिन बहुत ही सुंदर खत मुझे आया. मैं वो खत चाची के सामने ही पढ़ रही थी. मैने उन्हे बताया- ये खत मुझे अमित ने भेजा है.

चाची ने खत को देखा और बोली- बढ़िया…………वो कॉन है ???

मैं- मेरे सपनो का शहज़ादा. मैं उसे देखना चाहती हू. उसे मिलना चाहती हू. उसके साथ रहना चाहती हू. मैं अब ये सब छोड़ना चाहती हू.

चाची- तुम खुद गौर कर लो अपनी कही गयी बातो पर. तुम यहाँ खूब पैसे बना सकती हो.

मैं- मैने बहुत पैसे कमा लिए है. अब इसे छोड़ने की बारी है.

चाची- अब तो हम सबको ये छोड़ना ही है. सरकार अब हमको लीगल नोटीस जारी कर दी है. तुम इस मौके का फ़ायदा उठाओ और यहाँ से चली जाओ. किसी दूसरे शहर चली जाओ. मेरे अच्छे कॉंटॅक्ट्स है मैं तुम्हारी बहुत अच्छी जगह बात चलाती हू.

मैं- मुझे बस इस बात की चिंता है की रॉकी इस बात को लेकर क्या कहेगा!

चाची- तुम उसकी चिंता मत करो, मैं तुम्हारे दल्ले को संभाल लूँगी. मैं अपने दोस्त जो पोलीस मे एस.पी है उसे कह दूँगी, वो उसे अरेस्ट कर लेंगे.

मैं- पर मैं उसे प्यार भी करती हू और हां उन सभी कस्टमर्स को भी जो यहाँ मेरे दीवाने है(मैने वहाँ बैठे सब कस्टमर्स की ओर चिल्लाकर कहा.)और वो सभी खूबसूरत लड़कियों को जो मेरी यहाँ साथी रही है(और एक-एक लड़की को देखकर हाथ हिलाने लगी) फिर मैं एकदम से मूडी और थोड़ा गूंगीं होते हुए बोली और चाची सबसे ज़्यादा आपको.

और चाची भावुक होकर मुझे अपने सीने मे भर ली.

मैं- चाची, मैं आपके लिए क्या कर सकती हू ?

चाची- चलो, आज मैं तुम्हे अपने हाथों से नहलाती हू.

और चाची उठी और घोषणा करते हुए बोली……….नौजवानो….हम बंद कर रहे है.

चलो दौड़ो, भागो यहाँ से…उन्होने एक लड़के को आराम से बैठे देख उसे कहा- क्या तुम बहरे हो या फिर आज चुदाई मे तुम्हारे गोटे दब गये???

तभी उपर से एक लड़की नीचे चिल्लाते हुए आई- अनिता की हालत बहुत खराब है. उसे खून की उल्तियाँ आ रही है.

सारी लड़कियाँ भागकर अनिता के रूम की तरफ चल पड़ी.

चाची- मुझे मालूम का उसका अंत दर्दनाक ही होगा !

चाची उसके बगल मे बैठकर उसको हिलाई पर वो हिली तक नही.

चाची चिल्लाई- डॉक्टर, कोई डॉक्टर को बुलाओ जल्दी….

इतने मे एक कस्टमर जो अंडरवेर मे था दौड़ते हुए कमरे मे घुसा और बोला मैं डॉक्टर हू.

उसने अनिता की बाहें, आँखे , सीना की अच्छी तरह से जाच की और चाची से बोला- अब हमारे हाथों मे कुछ भी नही है, हम कुछ नही कर सकते.

तभी अनिता बोली मेरी आत्मा को आज़ाद करो. भीड़ मे से एक चेहरा सामने आया और बोला- मैं पादरी हू.

चाची उनसे बोली- कुछ कीजिए फादर….और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी. हम सब बाकी लड़कियों की हालत कुछ ऐसी ही थी.

फादर ने अनिता का हाथ अपने हाथों मे लेकर उसे पूछा- क्या तुम्हे किसी बात का पछतावा है चाइल्ड ?

बस एक दबाव है और फिर ये सब ठीक हो जाएगा. और अनिता इस दुनिया से आज़ाद हो गयी……

और मैं डरी-सहमी टब से बाहर निकल कर आ गयी. शायद कुछ दिन बाद ऐसा ही मेरा अंत होना था

दोस्तों ये कहानी आपको कैसी लगी कमेंट जरूर दे आपके कमेंट कि प्रतीक्षा में आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त
 
Back
Top