hotaks444
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दोस्तो मुझे शुरू से ही शादीशुदा औरतो में दिलचस्पी ज़्यादा है। उसका कारण ये है कि शादीशुदा औरतों का यौवन और उनके चेहरे पर शादी के बाद जो चमक नहोती है उसे देखकर मेरे शरीर में एक बिजली सी दौड़ जाती है तब मुझसे अपने लिंग पर काबू ही नहीं किया जाता और मुझे हस्तमैथुन करके इसे शांत करना पड़ता है। हालाँकि कॉलेज में टॉपर होने की वजह से कई लड़कियाँ मुझसे बड़ी इंप्रेस्ड हैं पर उनके यौवन में मुझे वो बात नज़र नहीं आती जो एक विवाहित महिला के यौवन में होती है। शादी के बाद नया नया संभोग के बाद उनके शरीर में एक अलग ही बदलाव आ जाता है। उनके नितंबो में जो कसाव और शरीर में जो भराव आता है उसकी बात कुछ अलग ही होती है
अभी कुछ ही समय की बात है उस समय मेरे घर में नये किरायेदार आए। उनकी शादी को अभी दो ही साल हुए थे और वो पति पत्नी दोनो वर्किंग थे। राजेश एक मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते थे और रीता मेरे ही कॉलेज में प्रोफेसर थी। दोनो कुछ ही समय पहले दिल्ली में आए थे इसलिए उन्हें नये घर की तलाश थी। चूँकि क्लास में हमेशा टॉप करता था तो अक्सर मेरी रीता से सब्जेक्ट्स को लेकर बात होती थी। एक दिन उन्होने मुझसे किराए का घर ढूँदने के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें अपने घर को किराए पर लेने के लिए कहा, उन्हें घर पसंद आ गया, और वो कॉलेज के पास भी था इसलिए उन्होंने घर किराए पर ले लिया। मैंने उनसे घर पर पढ़ना शुरू किया और जब उनको करीब बैठ कर देखा तो मैं पागल हो गया। रीता के शरीर में जो बात थी क्या कहने, एक दम गोरा रंग, बिल्कुल स्लिम बॉडी और खड़ी हुई चुचियाँ, कद करीब पाँच फुट सात इंच और खूबसूरती इतनी कि किसी का भी जी ललचा जाए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। अब पढ़ाई में तो दिमाग़ ही नहीं लगता था।
मैंने अक्सर उनके करीब जाने के मौके तलाशने शुरू कर दिए। एक बार उनके पति किसी काम से कुछ से कुछ दिनों के लिए बाहर गये तब मैंने रीता के करीब जाने के और मौके तलाशने शुरू कर दिए। उनके बेडरूम की एक खिड़की उस रात को खुली थी। मैंने करीब आधी रात के समय उसमें झाँक कर देखना शुरू किया क्योंकि तब तक मेरे सब घर वाले सो चुके थे। रीता के कमरे में जो नज़ारा था उसे देखकर मैं पागल हो गया। रीता अपने बेड पर नग्न अवस्था में लेती हुई थी और अपनी योनि को मसल कर कर सिसकियाँ ले रही थी। मानो ऐसा लग रहा था कि कितने दिनों संभोग न किया हो। मेरे हाथ मेरे लिंग का कड़ापन महसूस कर रहे थे और मैंने तभी वहीं हस्तमैथुन किया। रात भर मुझे नींद नहीं आई। अगले दिन कॉलेज से जब मैं वापिस आया तो देखा मेरे सब घर वाले कहीं बाहर गये हुए थे मैंने घर की चाबी के लिये रीता से पूछा तो रीता अपने कमरे से बाहर आई और मुझे बोली कि चाबी तो नहीं है पर तब तक के लिए तुम मेरे कमरे मे बैठ जाओ। उस समय उन्होंने भी कॉलेज से आकर चेंज ही किया था तो उन्होंने शॉर्ट नाइटी डाली हुई थी। वो मेरे सामने ही सोफे पर बैठ गयी और मुझसे बातें करनी लगी। बातें करते हुए मुझे ध्यान आया कि जिस तरह टांगे खोल कर वो बैठी थी उनकी जांघें दिखाई दे रही थी। और ध्यान देने पर मैंने पाया कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं डाला हुआ था। मेरे लिंग पर मेरा काबू न रहा और वो टन कर खड़ा हो गया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रात को चोरों की खिड़की में देखना ठीक नहीं। मैं घबरा गया कि इन्हें कैसे पता चला कल रात के बारे में।
रीता - ये ठीक नहीं है कोई और रात को तुम्हें हस्तमैथुन करते हुए देख लेता तो, मैं जो भी कर रही थी अपने कमरे में कर रही थी, आगे से ध्यान रखना।
मैने थोड़ा झुक कर उनकी टांगों के बीच में देखना शुरू कर दिया।
रीता - ये क्या कर रहे हो। कहाँ देख रहे हो?
मैंने कहा अब तो मैं कमरे के अंदर हूँ।
रीता - बड़े समझदार बनते हो। वो मेरे मंसूबे जान गयी थी।
मैंने हिम्मत कर के उनकी टाँगो पर हाथ रख दिया।
रीता - बस टाँगो से ही प्यार है या आगे भी बढ़ना है।
वो बोली - अक्सर राजेश तो बाहर रहते हैं और मुझे अकेले रहना पड़ता है। उन्हें मेरे यौवन की प्यास की कोई कदर नहीं है। इसलिए मुझे अकेलेपन में यूं सिसकना पड़ता है।
पर तुम्हें कल रात देख कर मुझे भी कुछ हो गया। कितना बड़ा लिंग है तुम्हारा। लगता है बड़ी ब्लू फ़िल्में देखते हो और हस्तमैथुन कर कर के ऐसा लंबा कर लिया है। मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूं अब तो मेरे दिल की बात उन्होंने कह दी। मैंने अपने दोनो हाथों से उनकी जाँघो को सहलाना शुरू कर दिया। साथ ही उनके होंठो की ओर अपने होंठ बढ़ा दिए, हम एक दूसरे को काफ़ी देर तक किस करते रहे और फिर मैं उनके साथ उनके बेडरूम में चला गया।
रीता - मेरा यौवन देखना चाहोगे और ये कहते ही उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी।
सच में शादीशुदा औरत के नग्न जिस्म को मैं पहली बार देख रहा था और बेकाबू होकर मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए। और वो और कसते चले हो गये और पूरी तरह खड़े हो गये।
रीता - पहले कभी संभोग किया है।
मैंने कहा - नहीं।
अभी कुछ ही समय की बात है उस समय मेरे घर में नये किरायेदार आए। उनकी शादी को अभी दो ही साल हुए थे और वो पति पत्नी दोनो वर्किंग थे। राजेश एक मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते थे और रीता मेरे ही कॉलेज में प्रोफेसर थी। दोनो कुछ ही समय पहले दिल्ली में आए थे इसलिए उन्हें नये घर की तलाश थी। चूँकि क्लास में हमेशा टॉप करता था तो अक्सर मेरी रीता से सब्जेक्ट्स को लेकर बात होती थी। एक दिन उन्होने मुझसे किराए का घर ढूँदने के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें अपने घर को किराए पर लेने के लिए कहा, उन्हें घर पसंद आ गया, और वो कॉलेज के पास भी था इसलिए उन्होंने घर किराए पर ले लिया। मैंने उनसे घर पर पढ़ना शुरू किया और जब उनको करीब बैठ कर देखा तो मैं पागल हो गया। रीता के शरीर में जो बात थी क्या कहने, एक दम गोरा रंग, बिल्कुल स्लिम बॉडी और खड़ी हुई चुचियाँ, कद करीब पाँच फुट सात इंच और खूबसूरती इतनी कि किसी का भी जी ललचा जाए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। अब पढ़ाई में तो दिमाग़ ही नहीं लगता था।
मैंने अक्सर उनके करीब जाने के मौके तलाशने शुरू कर दिए। एक बार उनके पति किसी काम से कुछ से कुछ दिनों के लिए बाहर गये तब मैंने रीता के करीब जाने के और मौके तलाशने शुरू कर दिए। उनके बेडरूम की एक खिड़की उस रात को खुली थी। मैंने करीब आधी रात के समय उसमें झाँक कर देखना शुरू किया क्योंकि तब तक मेरे सब घर वाले सो चुके थे। रीता के कमरे में जो नज़ारा था उसे देखकर मैं पागल हो गया। रीता अपने बेड पर नग्न अवस्था में लेती हुई थी और अपनी योनि को मसल कर कर सिसकियाँ ले रही थी। मानो ऐसा लग रहा था कि कितने दिनों संभोग न किया हो। मेरे हाथ मेरे लिंग का कड़ापन महसूस कर रहे थे और मैंने तभी वहीं हस्तमैथुन किया। रात भर मुझे नींद नहीं आई। अगले दिन कॉलेज से जब मैं वापिस आया तो देखा मेरे सब घर वाले कहीं बाहर गये हुए थे मैंने घर की चाबी के लिये रीता से पूछा तो रीता अपने कमरे से बाहर आई और मुझे बोली कि चाबी तो नहीं है पर तब तक के लिए तुम मेरे कमरे मे बैठ जाओ। उस समय उन्होंने भी कॉलेज से आकर चेंज ही किया था तो उन्होंने शॉर्ट नाइटी डाली हुई थी। वो मेरे सामने ही सोफे पर बैठ गयी और मुझसे बातें करनी लगी। बातें करते हुए मुझे ध्यान आया कि जिस तरह टांगे खोल कर वो बैठी थी उनकी जांघें दिखाई दे रही थी। और ध्यान देने पर मैंने पाया कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं डाला हुआ था। मेरे लिंग पर मेरा काबू न रहा और वो टन कर खड़ा हो गया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रात को चोरों की खिड़की में देखना ठीक नहीं। मैं घबरा गया कि इन्हें कैसे पता चला कल रात के बारे में।
रीता - ये ठीक नहीं है कोई और रात को तुम्हें हस्तमैथुन करते हुए देख लेता तो, मैं जो भी कर रही थी अपने कमरे में कर रही थी, आगे से ध्यान रखना।
मैने थोड़ा झुक कर उनकी टांगों के बीच में देखना शुरू कर दिया।
रीता - ये क्या कर रहे हो। कहाँ देख रहे हो?
मैंने कहा अब तो मैं कमरे के अंदर हूँ।
रीता - बड़े समझदार बनते हो। वो मेरे मंसूबे जान गयी थी।
मैंने हिम्मत कर के उनकी टाँगो पर हाथ रख दिया।
रीता - बस टाँगो से ही प्यार है या आगे भी बढ़ना है।
वो बोली - अक्सर राजेश तो बाहर रहते हैं और मुझे अकेले रहना पड़ता है। उन्हें मेरे यौवन की प्यास की कोई कदर नहीं है। इसलिए मुझे अकेलेपन में यूं सिसकना पड़ता है।
पर तुम्हें कल रात देख कर मुझे भी कुछ हो गया। कितना बड़ा लिंग है तुम्हारा। लगता है बड़ी ब्लू फ़िल्में देखते हो और हस्तमैथुन कर कर के ऐसा लंबा कर लिया है। मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूं अब तो मेरे दिल की बात उन्होंने कह दी। मैंने अपने दोनो हाथों से उनकी जाँघो को सहलाना शुरू कर दिया। साथ ही उनके होंठो की ओर अपने होंठ बढ़ा दिए, हम एक दूसरे को काफ़ी देर तक किस करते रहे और फिर मैं उनके साथ उनके बेडरूम में चला गया।
रीता - मेरा यौवन देखना चाहोगे और ये कहते ही उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी।
सच में शादीशुदा औरत के नग्न जिस्म को मैं पहली बार देख रहा था और बेकाबू होकर मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए। और वो और कसते चले हो गये और पूरी तरह खड़े हो गये।
रीता - पहले कभी संभोग किया है।
मैंने कहा - नहीं।