hotaks444
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प्यारी मौसी पार्ट--6
गतान्क से आगे........
मेरे इस आक्षन से वो हड़बड़ा गयी और उसने अपनी दोनो टाँगें फैला दी मैं उसकी
दोनो टाँगों के गॅप में बैठ गया और उसका पेटीकोट एक दम उपर कर दिया.
फिर मैने उसके दोनो चूतड़ को अपने दोनो हाथों से दबा दिया अब मेरे लिए उसकी
गांद मारना तो और भी आसान था.
अब मैने पहले उसकी गंद ही मारने की सोची क्योंकि साली जब पायल के साथ मस्ती
कर रही थी अपनी गंद ज़्यादा ही मतकाती थी और गांद मरवाने में बहुत नखरे
भी करती है.
अब मैं मौसी को उठाकर बेड पर चित लिटाकर पटक दिया और एकदम उसके उपर
सवार हो गया नही तो मौसी फिर मेरी पकड़ से निकल जाती.
मैं एक एक कर अपनी लूँगी को खोल कर अपना अंडरवेर भी उतार दिया और फिर
बनियान उतार कर एक दम नंगा हो गया पर इस दौरान मैने मौसी को पूरी तरह से
अपने नीचे दबा के रखा.
उसकी चिकनी और मुलायम मक्खनी स्किन को दबाने में तो बड़ा मज़ा आ रहा था.
लेकिन मैं मौसी को भी पूरा नंगा कर लेना चाहता था जिससे साली शरम के
मारे हल्ला ना कर सके,
क्योंकि साली खुद नंगी होगी तो पायल के उठने के डर से हल्ला नही करेगी.
उसको मालूम है कि पायल भी नंगी है और मैं कही उसे छ्चोड़ कर पायल पर
पिल गया तो मौसी अपनी चूत पर उंगली करती ही रह जाएगी.
पहले मैने एक हाथ से उसके पेटीकोट की गाँठ खोल दी और एक झटके में उसे
नीचे किया और दूसरा झटका पावं से देते हुए पेटीकोट को दूर फेंक दिया.
फिर मैने मौसी के कमर तक के हिस्से को ज़ोर से दबाकर रखा और उपर थोड़ा
ढीला छ्चोड़कर उसका ब्लाउस एक झटके में उसके बाजू से बाहर निकाल दिया.
अब साली वो भी एकदम नंगी थी और में भी और बगल में कंबल के अंदर
दूसरी चूत (पायल) सोती सुंदरी बनी हुई थी.
दोस्तों और सहेलियों आप अंदाज़ लगाओ क्या सिचुयेशन है,लंड एक है और छेद 6
और अभी तक एक छेद ने भी लंड का स्वाद नही चखा है.
मैने मौसी को उसके पेट के बल दबाकर रखा था और कोई मौका ना देकर उसकी
चूची दबा ली और उसकी गांद की वॅली में अपना लंड रखकर पहले बाहर
से ही रगड़ मारना सुरू किया.
मौसी बोल रही प्ल्ज़ कुश आराम से बहुत दर्द होता है तुम एकदम कसाई होकर पिल
जाते हो कुछ तो ख़याल करो मेरी गांद फट जाएगी.
प्लीज़ कुश मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है क्यों मेरी गांद फाड़ने पर लगे हो.
आज तक मैने कभी गांद नही मरवाई है.आज फाड़ डालोगे क्या मेरी गांद.
तुम तो मुझे बिल्कुल रंडी समझने लगे हो. मैने कहा अरे घबराती क्यों हो अब
जब नंगी हो गयी हो तो रंडी बनने में क्या शरम वैसे भी हर औरत का यह
रंडी वाला टाइम है.
तुम तो समझदार हो आइडीयल वुमन के मेरिट्स तो पता होने चाहिए,कि सुबह मोम,
दिन में दोस्त, शाम को लवर और रात में रंडी.
मौसी बोली वैसे तुम्हारी बात करते गांद फट जाती है पर यहाँ तो मेरी गांद
फाड़ने की बातें और रंडियों के स्पेशलिस्ट बन रहे हो.
मैने कहा तुम भी तो दिन में बड़ी सती सावित्री बनी फिरती हो मुझे देखते ही
अपना सर आँचल से ऐसे ढकती हो जैसे में तुम्हारा ससुर लगता हूँ.
इस तरह बातें करते हुए मैने मौसी की गांद के छेद का निशाना लेते हुए
अपना लंड पूरी ताक़त से उसकी गंद में ठोक दिया जैसे ट्यूब वेल की ड्रिलिंग
मशीन का ड्रिल ज़मीन में ठूकता है.
मौसी इतनी ज़ोर से चीखी उउउउउह्ह मेर्र्र्रीईइ माआन्न, माअररर द्दाल्ल्लाअ
स्साअल्ल्ली न्नईए.
मौसी की इस चीख से शायद पायल जाग गयी थी पर उसने कंबल से बाहर
मूह नही किया.
या तो वो दोबारा सो गयी या चुपचाप हमारी गंद मस्ती का नज़ारा देख (सुन) रही
थी.
गतान्क से आगे........
मेरे इस आक्षन से वो हड़बड़ा गयी और उसने अपनी दोनो टाँगें फैला दी मैं उसकी
दोनो टाँगों के गॅप में बैठ गया और उसका पेटीकोट एक दम उपर कर दिया.
फिर मैने उसके दोनो चूतड़ को अपने दोनो हाथों से दबा दिया अब मेरे लिए उसकी
गांद मारना तो और भी आसान था.
अब मैने पहले उसकी गंद ही मारने की सोची क्योंकि साली जब पायल के साथ मस्ती
कर रही थी अपनी गंद ज़्यादा ही मतकाती थी और गांद मरवाने में बहुत नखरे
भी करती है.
अब मैं मौसी को उठाकर बेड पर चित लिटाकर पटक दिया और एकदम उसके उपर
सवार हो गया नही तो मौसी फिर मेरी पकड़ से निकल जाती.
मैं एक एक कर अपनी लूँगी को खोल कर अपना अंडरवेर भी उतार दिया और फिर
बनियान उतार कर एक दम नंगा हो गया पर इस दौरान मैने मौसी को पूरी तरह से
अपने नीचे दबा के रखा.
उसकी चिकनी और मुलायम मक्खनी स्किन को दबाने में तो बड़ा मज़ा आ रहा था.
लेकिन मैं मौसी को भी पूरा नंगा कर लेना चाहता था जिससे साली शरम के
मारे हल्ला ना कर सके,
क्योंकि साली खुद नंगी होगी तो पायल के उठने के डर से हल्ला नही करेगी.
उसको मालूम है कि पायल भी नंगी है और मैं कही उसे छ्चोड़ कर पायल पर
पिल गया तो मौसी अपनी चूत पर उंगली करती ही रह जाएगी.
पहले मैने एक हाथ से उसके पेटीकोट की गाँठ खोल दी और एक झटके में उसे
नीचे किया और दूसरा झटका पावं से देते हुए पेटीकोट को दूर फेंक दिया.
फिर मैने मौसी के कमर तक के हिस्से को ज़ोर से दबाकर रखा और उपर थोड़ा
ढीला छ्चोड़कर उसका ब्लाउस एक झटके में उसके बाजू से बाहर निकाल दिया.
अब साली वो भी एकदम नंगी थी और में भी और बगल में कंबल के अंदर
दूसरी चूत (पायल) सोती सुंदरी बनी हुई थी.
दोस्तों और सहेलियों आप अंदाज़ लगाओ क्या सिचुयेशन है,लंड एक है और छेद 6
और अभी तक एक छेद ने भी लंड का स्वाद नही चखा है.
मैने मौसी को उसके पेट के बल दबाकर रखा था और कोई मौका ना देकर उसकी
चूची दबा ली और उसकी गांद की वॅली में अपना लंड रखकर पहले बाहर
से ही रगड़ मारना सुरू किया.
मौसी बोल रही प्ल्ज़ कुश आराम से बहुत दर्द होता है तुम एकदम कसाई होकर पिल
जाते हो कुछ तो ख़याल करो मेरी गांद फट जाएगी.
प्लीज़ कुश मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है क्यों मेरी गांद फाड़ने पर लगे हो.
आज तक मैने कभी गांद नही मरवाई है.आज फाड़ डालोगे क्या मेरी गांद.
तुम तो मुझे बिल्कुल रंडी समझने लगे हो. मैने कहा अरे घबराती क्यों हो अब
जब नंगी हो गयी हो तो रंडी बनने में क्या शरम वैसे भी हर औरत का यह
रंडी वाला टाइम है.
तुम तो समझदार हो आइडीयल वुमन के मेरिट्स तो पता होने चाहिए,कि सुबह मोम,
दिन में दोस्त, शाम को लवर और रात में रंडी.
मौसी बोली वैसे तुम्हारी बात करते गांद फट जाती है पर यहाँ तो मेरी गांद
फाड़ने की बातें और रंडियों के स्पेशलिस्ट बन रहे हो.
मैने कहा तुम भी तो दिन में बड़ी सती सावित्री बनी फिरती हो मुझे देखते ही
अपना सर आँचल से ऐसे ढकती हो जैसे में तुम्हारा ससुर लगता हूँ.
इस तरह बातें करते हुए मैने मौसी की गांद के छेद का निशाना लेते हुए
अपना लंड पूरी ताक़त से उसकी गंद में ठोक दिया जैसे ट्यूब वेल की ड्रिलिंग
मशीन का ड्रिल ज़मीन में ठूकता है.
मौसी इतनी ज़ोर से चीखी उउउउउह्ह मेर्र्र्रीईइ माआन्न, माअररर द्दाल्ल्लाअ
स्साअल्ल्ली न्नईए.
मौसी की इस चीख से शायद पायल जाग गयी थी पर उसने कंबल से बाहर
मूह नही किया.
या तो वो दोबारा सो गयी या चुपचाप हमारी गंद मस्ती का नज़ारा देख (सुन) रही
थी.