XXX Chudai Kahani माया ने लगाया चस्का - Page 3 - SexBaba
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XXX Chudai Kahani माया ने लगाया चस्का

माया: (अपनी नशीली आंखे खोल लाचारी से बोली) यार अहिस्ता से में तुम दोनों की प्रेमिका हूँ …. जरा प्यार से…दुखेगा यार….
सरोज: दुखेगा क्या इस्ससे तो चिरके फाड़ देना है साली हरामखोर लंड देखा तो चुदने तैयार हो गयी पर मेरी एक न मानी.. मेरी चूत से तुजे क्या कांटे लगने वाले थे? रुक साली रंडी….
माया: यार ऐसा न बोल…. प्लीज मेरी जान जरा दया रख अपनी जानू पर…
सरोज: तो मेरी जान जरा अपनी टाँगे फेला कर थोड़ी ऊँची कर और अपना बदन एकदम ढीला छोड़ चल हम अहिस्तासे करेगे… है न जीजू..!!!!
माया ने तकिये पे ही अपनी टाँगे फैलाई और चूत के फाको को चोडा किया..लाल चटक गीली मुलायम जाटो से ढकी चूत मेरी मौत बन रही दोस्तों..
सरोज ने मुझे माया पैर फेलाकर उसके बिच घुटनों के बल बिठाया, मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुह पे सटा कर…..
सरोज: चल छोटे जीजू….फाड़ दे साली की बुर…..पेल साली को बिना रोके पेल दे….मेरे लला… (उसने मुझे जोर से चूमा और पिछेसे धक्का दिया….).
मेरे मन में उसकी (मायाकी) छोटी सी कसी हूँ ई गुलाबी बुर देख दया आई, मैंने अहिस्ता से अपना लंड उस्क्की गीली बुर के फाको पे दबाया तो वो फ़िसल के साइड में हो गया… और माया आंखे बन्धकर कंपकंपाती अपने दांतों से होंठो को दबाके मेरे लंड के वार की मानो राह देख रही थी. अभी भी आंख बन्धकर अपने होंठो को दबा के मस्त सो रही की सरोज में गर्म चिकने लोहै को चूत के मुह पर फिर से टिकाकर मेरे कुलहो को जोर से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड माया की कोमल कसी चिकनी गीली चूत की जिल्ली फाड़ता हूँ आ अन्दर घुस गया… सरोज बड़ी मस्त होते हूँ ए अपने दांतों को पिसते हूँ ए….
सरोज: ठोक साली चुडेल रंडी को… ठोक ठोक इतना ठोक की उसकी बुर का भोसडा हो जाये …..(वो दांतों को पिस कर माया पे जपतने को कह रही थी). साली ने मुझे बहूँ त तडपाया है.
माया: ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मआआआआआआआह्ह्ह में मर गयी सालो…… ओह्ह्हह्ह्ह्ह माँ फाड़ दी ओह्ह्ह्ह स स स स रोज ……. ये क्या किया साली मुझे बोल तो सही … उसके पैर कम्पकापा ने लगे थे. उसकी आँखों में पानी आ गया, वो दर्द के मरे छटपटा रही थी और अपनी बुर से मेरा लंड बहार करने की नाकाम कोसिस करने लगी.. मुझे दया आ गयी. में अपना लंड निकाल रहा था की सरोज और एक जोर धक्क्का मारा और कहा…
सरोज: साले अनाड़ी अब मत निकाल… निकाल के फिर से डाला तो फिर और भी दुखेगा बस्स अब्ब तो हो जायेगा तू इसे घुसेड ही दे…. फाड़ दे साली की चूत…….. बहूँ त गुमान था ना तुजे अपनी चूत पर….. ले साली लेती जा चुद अब्ब….. विकी बनादे इसकी चूत चिर के उसको भी भोसड़ा…दोनो टपके लाल लोहै जैसी हो गयी थी और बापरे माया चूत इतनी गरम थी……….ओह्ह्ह
जैसे आग की भठी….
माया: आह्ह्ह सुरु थोडा दर्द हो रहा है…
 
सरोज: ओह्ह बाबा तू हमें सहयोग नहीं देगी और अपनी चूत अकड़कर रखेगी तो दर्द होगा…तू अपना बदन ढीला छोड़. विकी तू अहिस्ता से अपना लंड घुसेड कुछ नहीं होगा मैंने कितनी बार सेक्स किया है, पहली बार थोडा दर्द होता है न बाबा..
सरोज माया के सर के पास बैठ के उसके बालो को सहलाने लगी, उसे प्यार से की किस करने लगी..माया ने अपने पैर को ढीला किया और चूत को थोडा चोदा किया तो मैंने मोका पाके अपना पूरा लंड माया की चूत में उतार दिया..अह्ह्ह्ह जैसे कोई दोनों हाथ से अपना गला घोटता हो वैसा ही कसाव मेरे लंड पे था. माया की चूत के अन्दर एक गजब की गरमी मेरे लंड को महसूस हो रही थी और उस गरमी में वो और भी कड़ा हूँ आ जा रहा था. में अपना लंड माया की चूत में घुसेड़े हूँ आ ऐसे ही स्थिर रुका हूँ आ था. सरोज ने इशारो में कहा अन्दर बहार कर. मैंने अपना लंड थोडा बहार निकला और फिर से अन्दर पक्क्क्क से पेला, अब माया चीलाई नहीं तो मुझे भी सकून मिला, मेरे लंड में जोर का कसाव और गरमी आ रही थी, अन्दर सुपाडे में मीठी गुदगुदी और जटके आ रहै थे. मैंने अपना अध लंड बहार निकला और जोर से पेला तो वो चूत की जड़ तक जा टकराया ..
माया: (चीखते हूँ ए) आःह्ह्ह विकी…..धीरे में मर गयी..
सरोज उठकर अपने दोनों पैर फैलाकर चूत के बल उसके मुह पे बैठ गयी, उसने अपनी चूत की पंखुड़िया माया के होठो पर सेट करके कहा…
सरोज: माया मेरी चूत को चूस यार मुझसे भी अब रहा नहीं जाता..साली चुदवा तू रही और आग मेरी चूत में लगी है…सरोज का मुह मेरी तरफ था.. उसने मुझे इशारा किया चोद अब्ब…
में अपना लंड अहिस्ता अहिस्ता उसकी चूत के अन्दर बहार करने लगा..
माया: आह्ह्ह सुरु उठ….वो अपने हाथो से अपनी चुचिया दबा रही थी,,,अब उसे दर्द नहीं आनंद मिल रहा था. उसने सरोज को उठाकर अपनी चुचिया थमा दी.
में जोस में उसे चोदने लगा और वो मेरे लंड की रगड़ से भाव विभोर हो अपनी आंखे भावुक कर मुझे आमंत्रित कर रही और हर जटके को अपनी कमर उठाके जवाब देने लगी.. साथ में हांफते हूँ ए सिसया रही थी…सीस सी हा अन्दर तक पेल हा बस ऐसे हम्म ऐसे….बस ऐसे मरे लाला अह्ह्ह्ह… वि..की… ओह्ह्ह्हह्ह….सुरु मेरी निप्पल चूस साली… उसने सरोज की चूत में अपनी दो ऊँगली घुसा दी और उसे रगड़ ने लगी… दोनो चिला रही थी…
सरोज: हाई ……मा….या….और थोडा अन्दर….ऊऊह्ह्ह्ह माआआआआआ याअया
माया: हा वि..की…जोर जोर से पूरा पेल….यार तूने आज माया को गुलाम बना दिया… मेरे ल्ल्ल्ला सी सीस सी सीस सीस अह अह अह हा बस ऐसे जोर से कर हां बस जोर से , सुरु मेरी निप्पल को चबा जा मेरी जान…..
सुरु: साली खुद लोडा ले कर बैठी है, मेरा तो सोच.. सीस इस ईईईस स्सस्सस्स इए ओह्ह्ह माआआआआआ औ…..र. खुजा ऐसे आःह्ह्ह तेरा ख़तम हो तो मुझे भी विकी का लंड खाना है यार.
में: साली आज दोनों की चूत फाडुगा…
कमरे में बस थप थप थप थप थप गपक गपक सीस सी आःह्ह्ह उम्म्म्म…. हो रहा था. में कस कस के शॉट ले रहा था और माया हर शॉट को अपने चुत उठाके जेल रही थी.
विकी….जोर से मेरे होने वाला है जरा.. जोर से ऐसे ही…आआज्ज्ज्ज फाड़ दे…..ओह्ह्ह्ह माआआआआआआआ सी सीस इस इस आउच ओउच ओह्ह्ह aaahhhhh सुरु तूने तो हमें चोदना सिखाही दिया…अह्ह्ह्ह विकी…मेरे राजा में गयी में गयी उईईईए माआआआआआ वो अकड़कर सुरु को चिपक गयी और में भी जड़ ने वाला था तो बड़े बड़े शॉट लेने लगा… माया कसमसा रही थी मैंने जोर जोर से चार पांच शॉट लिए तो मेरी भी चीख निकली ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माया सूऊऊ रु अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह में गया और में भी माया पे ढेर हो गया. उसने मुझे अपने स्तनों पे दबोच किया… मेरा लंड उसकी चूत में ठंडा हो गया….जैसे ही मैंने लंड निकला सुरु ने उसको मुह में भर लिया..
 
सरोज: वाऊउ कितना नमकीन है तुम दोनों का माल…
वो मेरे लंड को अपने मुह लपक लपक चूस ने लग गयी और मेरी गांड को सहला रही थी जहा से मुझे जटके महसूस हो रहै थे… उसने मुझे पीठ के बल सुला के मेरे लवडे को फिर से जगाने लग चपक चपक चाप चाप चाप छप स्लार्प पुच पुच पुच
वहा माया आंखे बांध कर चरमसीमा का सुख ले रही थी पर ये क्या उसकी चूत मेसे खून बह रहा था…
में: देख सुरु … माया की चूत में खून है… उसने उसे अनसुना कर मेरे लोडे को पूरा का पूरा निगल रही थी..पुच पुच पुच…..
पांच मिनट में मेरे लवडे में फिर से कसाव आया की वो मेरे लोडे को अपने दोनों टाँगे फेला कर अपनी चूत में मेरे लंड हाथ में लेके उसके फाको में सेट कर उसपे बैठ गयी और मेरा लंड उसकी चूत में लपक के समां गया…में तो हैरान था की साली सरोज थकती नहीं.. हलाकि में थक गया था. मुझे शोना था. वो मेरे लंड के ऊपर बैठ के मुझे चोदने लग गयी…छप चप चप थप थप अब मेरे लंड में जोर का करंट आ रहा था. में भी ओह्ह्ह्ह सुरु मजा आ गया मेरी जाँ आह्ह्ह्ह आअहह्ह्ह्ह. वो मेरे लंड ऊपर निचे होते हूँ ए खुद भी मजा ले रही थी और मुझे भी मजा दे रही थी. थप थप थप पुच पचू पचाक पचाक पक पक पकपक पक पक मेरा लंड काफी चिकना होने की वजह से माया से भी ज्यादा मजा दे रही थी. और में नीच से अपने लंड को उसकी चिकनी गर्म चूत में पेल रहा था….
अह्ह्ह्हह आःह आह आह आह आह आह हो हो हो हो सी सी सीस इओस आउच ऊम्म उम् माआआआआ हूऊऊऊऊऊऊ सी सीस इस इस
सरोज: या र बड़ा गर्म है तेरा लंड… इतनी मजा कभी नहीं आई वि..कीईइ. ले ले पेल पे….ल साले हा हाऐईईईई ऐसे जोर से साले तेरा लंड काफी कड़ा है…. ऊओह्ह उह उह उह उह …..
सरोज: यार….में जाआआअओ रही हूँ …..वो अकड़ी और जोर से सिस्याती मुज पे ढेर हो गयी….. उसकी चूत से मेरा चिकना माल बह के मेरे लंड पे बहने लगा….
माया: साली तूने भी मेरे विकी से आखिर चुदवा ही लिया……
हम हस पड़े…
में: आरे मेरा अभी नहीं हूँ आ….मैंने माया को आंख मारी और कहा चल आज साली सरोज की गांड फाडे…..
सरोज: ऐई में गांड नहीं मरवाती…पर माया उसे पकड़ा और कुतिया की तरह ऊँचा किया…
मैंने अपनी ऊँगली सरोज की गांड में घुसेड दी…… मैंने और माया ने सरोज की गांड मारने का मन कर लिया.. वो चीलाई नहीं यार मुझे अपनी गांड नहीं मरवानी… मैंने ये कभी नहीं. किया.. पर मेंने उन्सुना कर उसके चुतड को ऊपर किया और उसमे ढेर सारी जेली लगाई. माया ने उसके मांसल कुलहो को चोडा किया तो मैंने अपना लंड उसकी गांड में जटके के साथ पेल दिया…वो चीलाई…
सरोज: ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मादरचोद फट गयी…..मुझे जलन होती है बहार निकाल साले मेरी गांड में जलन होती है……ओह्ह्ह आःह्ह साले मैंने कभी अपने पति को मेरी गांड छूने नहीं दी… माया साली रांड में मर गयी….ऊओह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह माआआआआआआअ…..
उसकी आँखों में पानी आ गया पर मैंने और जटके के साथ अपना पूरा लंड उसकी गांड में पिरो दिया.

दोस्तो ये कहानी यही तक लिखी थी अगर आगे कभी दिल आया लिखने का तो ज़रूर लिखूंगा फिलहाल यहीं 

समाप्त
 
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