XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 11 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा


बबीता घबराते हुए....मन में सोचती है...कहीं मेने सच में तो जेठा जी का नाम नही ले लिया...शायद हो सकता है....उस वक़्त इतना ज़्यादा मज़ा आ रहा था कि पता नही चला होगा...और अईयर से बोलती है..

बबीता :- मदहोशी भरी आवाज़ में...अईयर तुम रुक क्यूँ गये...और जेठा जी कहाँ से आ गये बीच में...तुम करो ना..मुझसे सब्र नही हो रहा हाीइ...

अईयर भी सोचता है...शायद मेरे कान बज रहे होंगे...और फिर से अपने काम में जुट जाता है...

नीचे अईयर बबीता की चूत अपने मुँह से चोदने में लगा हुआ था...उपर बबीता का बुरा हाल था....उसका दोनो हाथ अपने बॉम्ब जैसे चुचों पे चल रहे थे.....उसकी जीभ बाहर निकली हुई....जैसे कि वो अपने विचारों में जेठालाल के साथ एक लिप लॉक कर रही हूँ....

अईयर अब चूत चाट चाट कर थक गया था..लेकिन अभी तक बबीता झडि नही थी...उसने फिर रुकने का फ़ैसला किया...और वो बबीता के बगल में आके लेट गया....

जब बबीता को लगा कि अईयर अब उसकी चूत को नही चांट रहा है...तो उसकी तरफ गुस्से की नज़र से देखती है...

अईयर :- बबीता डार्लिंग...यू डोंट वरी...वो में थोड़ा थक गया हूँ..इसलिए...
और इतना बोलते ही उससे चिपक जाता है...और अपने होंठ उसके होंठों पे रख देता है...और उसके होंठो को चूसना चालू कर देता है...

बबीता बड़े प्यार से उसके होंठ चूस रही थी...लेकिन अईयर बड़ी बेरहमी से चूस रहा था....

बबीता को दर्द होना शुरू हो जाता है..तो वो अईयर को धक्का दे देती है..

अईयर :- क्या हुआ डार्लिंग...

बबीता :- ऐसे जन्गलियो की तरह कर रहे हो तो क्या करूँ...
वो झल्ला के बोलती है उससे...

अईयर :- कूल डाउन बेबी....

और बबीता की ब्रा खोल देता है...अब बबिता पूरी नंगी होती है ...पलंग पर...

इस वक़्त वो एक अप्सरा लग रही होती है....नंगा गोरा बदल..मखमली स्किन...कोई भी आदमी उससे इतना प्यार करे कि एक रात भी कम पड़ जाए...लेकिन हमारा अईयर..उन्हे तो इस रेशम की कोई कदर हे नही थी...

अईयर ब्रा खोल के बबीता के चुचों पे अपना मुँह रख देता है...और उन्हे चूसना चालू कर देता है...साथ ही साथ अपनी दो उंगलियाँ चूत पे ले जाके एक ही बार में अंदर घुसा देता है...चूत इतनी गीली होती है ..कि आराम से दोनो उंगलियाँ अंदर चली जाती है....

बबीता की हल्की सी कमरा हवा में उठ जाती है....
अब अईयर फटाफट अपनी उंगलियाँ अंदर बाहर करना चालू कर देता है...

बबीता :- अहह...एससस्स....फुक्कक मीईईई.....गूओद्द्द्दद्ड...ओह्ह्ह्ह...
ओह.....दो लिक्ीईई..दिस्सस्स..अहह.....

अईयर थक गया होता है...इसलिए वो अब 3 उंगलियाँ एक साथ अंदर डाल देता है...इस अब्र उसकी ये चालाकी काम आ जाती है..

बबीता :- अईयरर्र्र्र्र्ररर.....अह्ह्ह्ह..ओह्ह्ह...माइ गॉड्ड.........आइ कंटत्त्टटतत्त कंट्रोल.....आइ आम कमिनग्ज्ज्ज्ज्ज्ज....

और झड जाती है...और अपना ढेर सारा पानी अईयर की उंगलियों पे ही छोड़ देती है...
 

बबीता बुरी तरह से हाँफ रही होती है...उसका बदल पसीना पसीना हो गया होता है...उससे कुछ आराम मिलता है..मगर वो आराम नही मिलता जो लंड से चुदने के बाद मिलता है..

वो अईयर की तरफ देखती है..

बबीता :- अईयर ... कम से कम तुम मेरा ये रस तो पी लिया करो...मुझे अच्छा लगता है...

अईयर :- नेक्स्ट टाइम बबीता....और फिर मन में सोचता है...ये तुम्हारे पानी की वजह से तो उंगली से किया था..
अईयर भाई साहब को बबीता की चूत का पानी बिल्कुल पसंद नही है...

अईयर :- लेकिन तुम्हे आज अच्छा तो लगा ना..

बबीता :- दूसरी तरफ मुँह कर लेती है..और चादर ओढ़ कर बोलती है..हाँ..ठीक था...
और अपनी आँखें बंद कर लेती है..

अईयर भी सोचता है...कि आज मेने कितना बढ़िया काम किया है...बबीता को सॅटिस्फाइ कर के..

हाँ कितना बड़ा काम किया है अईयर ने...वो तो सिर्फ़ बबीता ही जानती है...इनकी कहानी में तो बस इतना ही था...

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चलिए चलते हैं....अगले कॅंडिडेट के पास..

बबीता और अईयर एक दूसरे को सॅटिस्फाइ कर के पड़े थे...जितना भी किया था...कर तो दिया हे था थोड़ा सा...अब आगे....!!

उधर भिड़े के घर पे.....

माधवी घर पहुँचती है....गेट खोल के अंदर जाती है...तो सब कुछ नॉर्मल होता है...

वैसे बता दूं....हमारे भिड़े भाई साहब थोड़े कंजूस हैं...तो उन्होने ज़्यादा कुछ नही किया...उनके मुताबिक वो बिना इस सजावट के भी माधवी को खुश कर सकते हैं....

माधवी अंदर आके....

माधवी :- आहूऊ.....आहूओ....आ गए में..किधर हो...

लेकिन भिड़े नही सुनता है...

माधवी कमरे में जाती है....वहाँ पे भी आवाज़ लगा ती है..

तब उससे भिड़े की आवाज़ आती है...

भिड़े :- आया माधवी रूको थोड़ा सा..

माधवी :- लेकिन आप हो कहाँ ... दिखाई नही दे रहे...मिस्टर इंडिया बन गये हो क्या..

भिड़े :- अरे बाथरूम में हूँ माधवी..

माधवी :- हंसते हुई...हो बाबा...पता है..अच्छा आ जाओ..

और तभी भिड़े बाथरूम से बाहर निकलता है...

भिड़े :- देखो माधवी कैसा लग रहा हूँ में...

माधवी पीठ घुमाए खड़ी थी...इसलिए वो उससे नही देख सकती थी...

माधवी :- बोल तो ऐसे रहे हैं..जैसे हीरो बन चुके हैं...

और पीछे मुड़ते हुए देखती है...

माधवी :- अगूऊ बाईईईई......और अपना हाथ अपने मुँह पे रख लेती है...

ऐसा वो इसलिए करती है...क्यूँ कि भिड़े के सर पे बाल आ गये थे....

माधवी :- अरे कितने सुंदर लग रहे हैं आप...क्या मस्त लग रहे हो....

भिड़े :- मस्त लग रहा हूँ ना....

जी हैं कन्फ्यूज़ मत होइए....भिड़े के बाल नही उगे थे...उसने तो विग लगा रखी थी...

माधवी उसके करीब आते हुए बोलती है..

माधवी :- सच में आप बहुत हॅंडसम लग रहे हैं....
और अपने होंठ भिड़े के होंठ पे रख देती है...

भिड़े भी पीछे रहने वाला कहाँ था...वो भी बड़ी मस्ती से माधवी के होंठ को चूसने लगता है...

दोनो 2 मिनट तक एक दूसरे के होंठो का रस पीते हैं...और फिर माधवी पीछे हटते हुए बोलती है....में अभी आई..और बाथरूम में घुस जाती है....

भिड़े मन में सोचता है....
मुझे पता था...मेरी इस नकली विग से ही माधवी खुश हो जाएगी..बेकार में क्यूँ खर्चा करने का....

तभी माधवी बाथरूम से निकलती है...इस बार मुँह पे हाथ रखने की बारी भिड़े की थी...

क्यूँ कि उस वक़्त माधवी ने...एक ट्रंपारेंट नाइटी से पहनी हुई थी..जो उसके घुटनो तक ही थी....उस नाइटी में उसका पूरा शरीर दिखाई दे रहा था....उसकी रेड ब्रा..और रेड पैंटी सॉफ दिखाई दे रही थी....गोरी गोरी जांघे...और गोरे गोरे शोल्डर्स दिखाई दे रहे थे....

इसे देख कर भिड़े का तंबू खड़ा हो गया था...जीन्स के अंदर से...और वो सॉफ दिखाई दे रहा था.....

वैसे माधवी ये ड्रेस रात में पहनने के लिए लाई थी...लेकिन महॉल इतना गरम हो चुका था..कि उसने अभी इसे पह्न लिया...

कुछ मिनट तक वहाँ बिल्कुल सन्नाटा छा जाता है....तभी भिड़े उस सन्नाटे को चीरता हुआ बोलता है...

भिड़े :- माधवी...अपरतीम...क्या मस्त इते लग रही हो..

माधवी ये सुन के हंस देती है...और आगे बढ़ने लगती है...

और आगे बढ़ते ही..भिड़े की जीन्स के उपर से उसके लंड को दबोच लेती है..

भिड़े :- आह माधवीई....

मुझसे अब कंट्रोल नही हो रहा है..बहुत दर्द हो रहा है...जीन्स के अंदर...मुझे अपनी जीन्स खोलने दो ना...
 
माधवी :- इसके लिए आप क्यूँ कष्ट कर रहे हैं..में खोल देती हूँ..

और फिर माधवी भिड़े की जीन्स और उसका अंडरवेर नीचे कर देती है...और उसका लंड देख कर मुस्कुरा देती है....

क्यूँ कि भिड़े का लंड अपना विकराल रूप ले चुका होता है....

वैसे भिड़े क्या उस वक़्त अगर कोई और भी होता तो माधवी को देख के उसका खड़ा हो ही जाता ..इतनी हॉट लग रही थी वो...

माधवी फिर उसके लंड को एक बार अपने हाथ से उपर नीचे करती है...
और एक बार पूरा अंदर लेके बाहर निकाल देती है..जिससे उसका लंड गीला हो जाता है....

भिड़े :- अहह......
बस इतना ही निकलता है...
और वो माधवी को उठा के ..पलंग पे ले जाता है........

देखते हैं आज ये दोनो हॉट कपल...पलंग पे क्या गुल खिलाते हैं...!!!!
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माधवी ने ट्रस्सेपरेंट नाइटी पहनी हुई थी...जिसे देख कर भिड़े का लंड आसमान को छूने लगा था...भिड़े माधवी को उठा के पलंग पे ले जाता है....अब आगे....!!

पलंग पे लिटा के भिड़े माधवी के उपर आ जाता है.....और उससे धीरे से कानो के पास आके के बोलता है...

भिड़े :- माधवी ... आज तुम कयामत लग रही हो....

माधवी बस शर्मा के रह जाती है...और अपनी गर्दन दूसरी तरफ फेर लेती है....

भिड़े उसके गर्देन पे किस करते हुए...उसके नीचे बस थोड़ा चुचों के उपर किस करने लगता है...

माधवी के मुँह से हल्की सी आहह निकल जाती है...
माधवी अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी..उससे रहा नही जा रहा था...वो झिझकते हुए भिड़े से बोलती है...

माधवी :- हन्जी........बस..स.......अब...नहिी...रहा...जा रहा.....वो सारी बात अटक अटक के बोल रही थी....

भिड़े ये सुन के उसकी तरफ देखता है...उन दोनो की नज़रे मिलती है....भिड़े एक कातिल मुस्कान देता है...

वो भी टाइम नही वेस्ट करना चाहता था...उसका भी बुरा हाल हो रखा था...

लेकिन फिर भी वो थोड़ा सा आराम से करना चाहता था...मास्टर जी जो ठहरे..हर कम आराम से करने का और पूरे डीसीप्लेन से करने का होता है....

वो माधवी की गोरी सॉफ्ट जांघों के पास पहुँचता है...और अपनी जीभ बाहर निकाल के उन्हे चाटने लगता है...

माधवी इस वार को सह नही पाती और चीख पड़ती है....अहह....ओह्ह...आईयू..क्या कर रहे हो....मुझसे अब नही रहा जा रहा..जल्दी कर्रू ना....

मगर भिड़े तो अपने में मस्त था...

वो धीरे धीरे...माधवी की चूत की तरफ बढ़ता है....और पेढू के उपर से चूत को मुँह से दबोच लेता है...

माधवी :- अहह......माँ...

उसकी पूरी पैंटी गीली हो चुकी थी...और बाहर तक उसके पानी का असर देख सकते थे...

भिड़े के मुँह में भी पानी का टेस्ट आ चुका होता है...अब उससे कंट्रोल करना मुश्किल हो चुका होता है...

वो अपने मन में सोचता है...भाड़ में गया डीसीप्लेन....अब तो मुझे बिल्कुल नही रहा जा रहा....

 
वो फटाफट माधवी की पैंटी को एक ही झटके में नीचे कर देता है...

उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती है..जब वो माधवी की चूत को देखता है....

क्यूँ कि माधवी की चूत में से पानी का झरना बह रहा था...और वो बार बार खुल बंद खुल बंद हो रही थी....एक दम शेव्ड चूत थी माधवी की...क्यूँ कि उसने सुबह ही आज बाल सॉफ करे थे...

भिड़े अपनी जीभ अपने होंठो पे घुमाता है....और अपना कुर्ता उतार देता है....नीचे से तो वो ऑलरेडी नंगा ही होता है....

वो माधवी की तरफ बढ़ता है....और उसके पास जाके उसके होंठो पे अपने होंठ रख देता है...और उन्हे चूसने लगता है...दोनो एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे साथ साथ में उन्हे पी भी रहे थे...

फिर माधवी अपनी जीभ भिड़े के मुँह में डाल देती है...अब दोनो एक दूसरे का स्वाद चख रहे थे...

भिड़े का हाथ उसके चुचों पे चले जाते हैं...और वो उन्हे कस कस के दबाने लगता है....

फिर कुछ मिनट बाद वो अलग होते हैं...और दोनो हाँफ रहे होते हैं....भिड़े बोलने ही वाला होता है..कि माधवी उसके होंठो पे उंगली रख के बेड से खड़ी हो जाती है....

और भिड़े को कामुक स्माइल दे देती है...और पीछे ले जाके अपनी नाइटी का धागा खोल देती है ...और एक ही झटके में नाइटी नीचे गिर जाती है....और फिर मूड जाती है...और हल्की सी खुल जाती है...अपनी गान्ड को बाहर निकाल कर....

भिड़े ये देख के पागल हो जाता है...और उसकी तरफ भागता हुआ...पीछे से पकड़ लेता है...और उसके गान्ड को कस के दबा देता है....

माधवी :- अहह......आराम ससीईए..

भिड़े अपने होंठ पूरी पीठ पे फिरा रहा था....

अब दोनो के सब्र का बाँध टूट चुका था...

भिड़े :- माधवी आज....

बॅस इतना ही बोलता है..माधवी बोल पड़ती है..

माधवी :- जो करना है वो करो...बॅस कर दूओ..मुझसे और रहा नही जा रहा है...

और फिर भिड़े माधवी की एक टाँग उपर उठा लेता है...माधवी का फेस वॉल की तरफ होता है....

माधवी जब तक अपनी ब्रा खोल चुकी होती है..अब दोनो पूरी तरह से नंगे हो चुके थे....

 


भिड़े अपना लंड पे हाथ रखता है...और बसस्सस्स.......ख्टकककककककककक.....एक ही झटके में आधा अंदर........

माधवी :- तकरीबन चिल्लाते हुई....अहह....ओह...
मररर्र्र्र्र्ररर दियाआआ......उईईईई..अह्ह्ह्ह.....

जी हाँ जब गान्ड में आधा एक बार में घुसता है ना..तो ऐसी ही चीख निकलती है...

भिड़े एक और झटका लगाता है...और अब पूरा अंदर.....

माधवी फिर से एक बड़ी सी अहझहह.....मुँह से निकाल देती है.....

आगे से चूत पूरी तरह गीली थी....भिड़े ने अपनी 2 उंगलियाँ एक साथ चूत में भी डाल दी थी...

अब पीछे से धक्के लगने शुरू हो गये....गान्ड की अच्छी तरह पिलाई हो रही थी....उधर चूत में उंगली अंदर बाहर....अंदर बाहर...हो रही थी....


माधवी तो आज सातवे आसमान में थी...वो तो बस...अहह/.....ओह्ह्ह्ह....उईईई...ओहमा...
आाअगगगूऊव बाईईईईई...आईसीईए हीए....और्र्रर तेज़्ज़्ज़्ज़.....

धक्कों की रफ़्तार बढ़ चुकी थी...गान्ड इतनी टाइट थी..कि भिड़े से अब रहा नही जा रहा था......वो बस कुछ ही धक्कों के बाद.....थोड़ा थक सा गया था....उधर उंगली भी काम पे लगी हुई थी....



पूरे कमरे मे माधवी की सिसकियों के अलावा...पच पच....पच पच.....जैसे आवाज़ें आ रही थी...

तभी भिड़े बोलता हुआ...आइ अम्म्म कमिनंग्ज्ग...माधवी....और अपना सारा रस गान्ड में उडेल देता है...


माधवी भी आब बर्दाश्त नही कर पाती...और अपनी चूत का रस बहा देती है..जो उसकी जांघों से होते हुए..नीचे चला जाता है....

माधवी :- अहह....मज़ा आ गया आज तो....

और भिड़े अपना वेट माधवी पे डाल के हाँफने लगता है....माधवी भी हाँफ रही थी.......

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उधर जेठालाल के घर पे....

दया सीडियों से उपर चढ़ के....गेट का लॉक खोलने लगती है..लेकिन उसे पता चलता है...कि गेट तो खुला हुआ है...

और मन में सोचती है....शायद टप्पी बेटा ने खोला होगा..उसे कोई आइडिया नही होता..कि जेठालाल आ चुका होता है...

और वो अंदर की तरफ चल देती है....

अंदर पहुँचती है...और देखते ही.................

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भिड़े और माधवी एक मस्त चुदाई के बाद हाँफ रहे थे...उधर दया घर पहुँचती है..और देख के चौंक जाती है...अब आगे...!!!

जैसे ही दया अपने कदम ..लिविंग रूम की तरफ बढ़ती है...वहाँ का नज़ारा देख के चौंक जाती है.....

पूरे फ्लोर पे...गुलाब की चादर थी....जो चल के जाने के लिए बनाई गई थी...

दया ये देख कर थोड़ी कन्फ्यूज़ और हैरान होती है...कि ये सब किया किसने है...

लेकिन फिर वो धीरे धीरे फूलों के उपर चलती हुई जाती है..जो उसके कमरे के दरवाजे पे ख़तम होती है..

दरवाजा बंद होता है...वो कुछ देर सोचती है...और गेट को अपनी तरफ़ खिचती है...उसके कमरे का गेट...बाहर की तरफ खुलता है इसलिए...

जैसे ही गेट को खिचती है....उसके सर पे....फूलों की बरसात हो जाती है....

दया ये सब देख के ..बहुत ही ज़्यादा खुश होती है....तब उसे लगता है..शायद टप्पू के पापा ने किया होगा ये सब...वो चिल्लाती है..

दया :- टप्पू के पापा.....टप्पू के पापा..आब यहीं पर हैं ना.....

तभी......

तभी पीछे से आके उसको ..पीछे से कोई पकड़ लेता है....दया की सांस रुक जाती है...वो घबरा जाती है..कि कौन आ गया...

लेकिन कुछ सेकेंड्स बाद वो निर्मल हो जाती है...क्यूँ कि वो समझ जाती है..कि पीछे जेठालाल खड़ा है...

वो अपने ग्रिप को ढीला बनाती है..और पीछे मूड कर देखती है...जेठालाल एक कातिल मुस्कान के साथ खड़ा होता है...

दया :- नटखट....

जेठालाल कुछ नही बोलता...बस उसे देखता ही रहता है.....

दया :- ये सब करने की क्या ज़रूरत थी...जब वो ये बोल रही थी..तो उसकी आँखे नीचे थी..और वो अपने नखुनो के साथ खेल रही थी...

जेठालाल अब कुछ नही बोलता है..और उसकी तरफ ऐसे ही देखता रहता है...

दया :- अपना सर उपर करके...अरे ऐसे क्यों खड़े हैं...कुछ बोलिए...बोलते क्यूँ नही है...एक ही सांस में बोल देती है...

जेठालाल अब भी कुछ नही बोलता...
लेकिन....

इस बार वो अपने होंठ दया के होंठ पे रख के एक प्यारी सी पप्पी ले लेता है...

दया इसके लिए तैयार नही होती..और अपने आप को छुड़ाने के लिए पीछे भागती है...

दया :- हाई दैया....ये क्या कर रहे हैं...और शरमाने लगती है...फिर कुछ देर बाद बोलती है....टप्पू आ जाएगा...

जेठालाल इस बार बोल पड़ता है...

जेठालाल :- वो नही आएगा....
और अपनी कातिल मुस्कान दया को दिखा देता है..

दया बस दूर खड़ी मुस्कुरा रही थी...शर्म के मारे.....

 
तब जेठालाल उसके करीब आके...अपना हाथ पीछे कमर पे ले जाता है...और खीच कर अपने सीने से लगा लेता है...

दया :- आह....टप्पू के पापा...

बॅस इतना ही बोल पाती है....कि तभी जेठालाल अपने होंठ दया की गर्दन पे रख के ... वहाँ चूमने लगता है...
दया अब मदहोशी में चली जाती है..

लड़कियों की सबसे कमजोर जगह होती है उनकी गर्दन..वहाँ किस करने से वो काफ़ी मदहोश हो जाती है.....और यही जेठालाल ने दया के साथ किया...

जेठालाल अपने चूमने में लगा हुआ था...कभी गर्दन..कभी होंठ...तो काफ़ी गाल...चुचों के उपरी हिस्से को वो बस चूमे जा रहा था....

फिर वो हटा...कुछ सेकेंड रुका...और दया का पल्लू नीचे गिरा दिया...अब उपर से सिर्फ़ उसका ब्लाउस था...उसने बिना वक़्त गँवाए ब्लाउस भी खोल दिया....अब उपर से वो सिर्फ़ ब्रा में थी....

जेठालाल ने बाहर निकली चुचियों पे अपने होंठ लगा दिए...और वहाँ चूमने लगा...इश्स वक़्त दया के मुँह से बॅस...

दया :- टप्प्प्ुऊउ कीए पपपा.....आह...यही निकल रहा था..

जेठालाल एक फिर फिर पीछे हटा...दया की आँखें बंद थी..वो दोनो अभी भी वैसे ही खड़े थी....इस बार जेठालाल ने ब्रा पकड़ी और खोलने लगा....

लेकिन उससे खुल नही रही थी...वो काफ़ी कॉसिश करता है..लेकिन उससे खुल नही रही थी....

जेठालाल :- कम्बख़्त...खुल जा...एयेए...लेकिन नही खुलती ...

दया ये सब देख कर हंस पड़ती है...

जेठालाल तू क्या हंस रही है....मदद कर मेरी....वो झल्लाते हुए बोलता है...

दया :- में क्यूँ खोलो...अपने आप खोल लीजिए...और फिर हँसने लगती है....

जेठालाल को गुस्सा आ जाता है...और वो खोलने की वजाय...उसे फाड़ देता है...

दया :- ये क्या किया...अपने मेरी इतनी प्यारी...
अहह.....

जी हाँ...जेठालाल ने अपने होंठ दया के चुचों पे लगा दिए थे...और उन्हे चूस रहा था....दया के निपल्स हार्ड हो चुके थे....
 
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