XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 26 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

उसने अपने आप को देखा...काफ़ी जच रही थी वो ब्रा में.....

वो फिर नीचे झुकी अपनी पैंटी उठाने.....और एक कट्ट....जैसी आवाज़ आई....

वो ये आवाज़ सुन के खड़ी हुई....और जैसे ही खड़ी हुई.....उसके बूब्स पर से ब्रा..
नीचे उतर के गिर गई....

बबीता :- ओह्ह्ह शिट....ये क्या हुआ .....

उसने फिर से अपनी ब्रा उठाई...और फिर से क्लिप लगाने लगी...एक बार फिर से लग गई..
लेकिन वो जैसे ही नीचे से पैंटी उठाने लगी....फिर से काट्त्तटतत्त....और एक बार फिर ब्रा
नीचे...

बबीता :- ओफूओ..ये क्या हो रहा है.....इसकी क्लिप तो ढीली नही है क्या..

फिर उसने दो चार बार क्लिप बाद कर के....खिचा...लेकिन नही खुली...

बबीता :- क्लिप तो ठीक है...फिर ये कैसे खुल रही है बार बार...
वो काफ़ी असमंजस में थी.....

फिर उसके दिमाग़ की बत्ती जली...

ओह यॅ...लगता है इसका साइज़ छोटा है.....लेकिन ये कैसे हुआ....हमने तो ऋतु को बराबर
साइज़ दिया था..ओह शिट्स...अब में क्या करूँ..

अब में कुछ नही कर सकती...इसी को फिट करनी पड़ेगी...

और एक बार फिर वो अपनी ब्रा डालने लगी...

बड़ी मुश्किल और मेहनत करने के बाद.....उसकी ब्रा बंद हुई....और इस बार जब वो
नीचे झुकी तो वो खुली नही.....उसने अपनी पैंटी डाली...जो दो रस्सियों से बंद होनी थी..
उसने वो बंद की...अपने बाल सेट किए...

और मिरर में अपने आप को देखने लगगी....और जब उसने अपने आप को देखा...तो
उसका मुँह खुल गया......अपने आप को देख कर....

कुछ देर बाद........

अंजलि ने दरवाजा खोला...और वो बाहर आ गई....

उसके बाद बबीता बाहर निकली...

उसके बाद रोशन....फिर रीता....

और सब एक दूसरे को देख के हिल गये थे........कोई पटका...बॉम्ब लग रही थी....
तो कोई ओके टाइप्स....

अंजलि और बबीता एक दूसरे को देख रही थी......

या ये बोल सकते हैं...चारों आपस में एक दुसररे को देख रही थी.....
एक खामोशी छा गई....

फिर इस खामोशी को तोड़ते हुए..

रीता :- दया..भाभी..और माधवी भाभी....नही आई अभी तक...

अंजलि :- हाँ...वो..

बस इतना ही बोल पाई...कि चेनज़िंग रूम के गेट खुलने की आवाज़ आई....

और दया...बाहर आई..

अंजलि :- लो आ गई दया भाभी....

दया की पीछे पीछे...माधवी भी उसी चनगिंग रूम से बाहर आई.....
 
अंजलि , बबीता , रीता और रोशन...चारों आँखें फाडे देख रहे थे....
सबके मन में यही सवाल ...ये दोनो एक ही चेनज़िंग रूम से बाहर कैसे निकली....

दया और माधवी...चारों को देखते रह गयी.....
और वैसे भी ये दोनो काफ़ी शर्मा रही थी....

अंजलि :- दया भाभी...और माधवी भाभी...आप दोनो एक ही चेनज़िंग रूम से...

दया और माधवी एक दूसरे को ही देख रहे थे..

फिर वो चारों इन दोनो के पास ...

रोशन :- सू चाए दया भाभी... ....

दया :- . हुआ यूँ..

अंजलि :- अरी बोलिए ना...

दया :- भिड़े बहन मुझे तो शरम आ रही है....आप ही बता दीजिए..

माधवी :- वो हुआ यूँ अंजलि भाभी.....

अब बता देता हूँ...मुझे पता है..की सब ये जानने के लिए इच्छुक होंगे..कि वो
चिल्लाने की आवाज़ कहाँ से आई......

तो हुआ यूँ था कि...

जब दया पैंटी पहन ने के लिए...अपनी टाँग उठाई...तो उसका बॅलेन्स बिगड़ गया...
और वो पीछे जाके गिरी...और चिल्लाई..

पता है वो कहाँ गिरी....वो गिरी थी....माधवी के उपर....

जी हाँ माधवी के उपर...

अगर आपको याद होगा तो मेने बताया था..कि वॉल के एक साइड पे टाइल्स..लगी थी..
और आधी साइड पे कुछ नही...
वो आधी साइड पे एक गेट था...जिससे देखना ऑलमोस्ट इम्पॉसिबल था....वो तब ही दिखता
जब किसी को बतया जाता कि यहाँ एक गेट है....

और बाइ चांस वो गेट का लॉक भी नही बंद था...

इसलिए जब दया फिसली तो वो उस गेट को खोलते हुए....पीछे खड़ी माधवी के उपर
जाके गिर गई.......

और उस वक़्त माधवी बिल्कुल नंगी थी....उसने अपने कपड़े उतारे हुए थे...और जब
दया...उसके उपर गिरी..तो वो अपने चुचों के बल उसके उपर गिरी...
और माधवी भी सीधी थी...तो गिरने की वजह से दोनो की चुचियाँ आपस में
पिचक गई......इसलिए वो आवाज़ आई अहह........
 
ऋतु ये कह कर बाहर चली गई..कि होप मेने सबको सही बिकनी दी होगी......

सभी लॅडीस अपनी बिकनियाँ लेके....चली गई चेंज करने....

क्या शानदार कॅबिन बना हुआ था....

बाहर से देखने से तो ऐसा लग रहा था जैसे कोई छोटा सा चेनज़िंग रूम हो..
लेकिन जब दरवाजा खुला तो देखते ही रह गयी....

काफ़ी बड़ा था..लंबाई में..चौड़ाई में तो ज़्यादा बड़ा नही था...
गेट के अंदर घुस के तोड़ा आगे जाके....एक शवर लगा था....और उससे आगे जाके

एक साइड की वॉल पे तो कपड़े टाँगने के लिए जगह दे रखी थी...और उसी वॉल पे
आधी साइड में मिरर लगा था...कि चेंज करते समय अपने आप को देख सकें..

और दूसरी वॉल के आधी साइड पे तो टाइल्स लगे थे....और आधी वॉल ऐसे ही थी....
प्लेन सी...

बबीता अंदर घुसते हुए..

बबीता :- वाऊ सो नाइस यार...बड़ा ही अच्छा चेनज़िंग रूम है..

और अपने आप को मिरर में निहारने लगती है...और अपने बूब्स को हाथ से उठा के
अपने आप से बोलती है..
क्या ये सच में इतने अच्छे हैं..कि लोग इनके दीवाने हैं...
पर ये हैं तो बहुत बड़े...
और अपने चुचों को उछालने लगती है...बॉल की तरह...

और फिर चेंज करना शुरू कर देती है.....

और अपने सारे कपड़े उतार के बिल्कुल नंगी हो जाती है...

और बिकनी उठा के पहन ने लगती है..

उधर दया चेनज़िंग रूम में अंदर जाती है....और अपने कपड़े उतारने लगती है..
और अपने आप को मिरर में देख के शरमा जाती है......

वो सोचते सोचते अपनी बिकनी उठाती है.....

पहले उपर वाली ब्रा को पहनती है.....

और फिर जैसे ही अपनी पैंटी पहन ने के लिए अपनी एक टाँग उठाती है.....उसका बॅलेन्स
बिगड़ जाता है....और वो पीछे जाके गिरती है.....

अहह......एक आवाज़ निकलती है.......

काफ़ी तेज़ आवाज़ थी......कोई भी सुन लेता और आकर पूछता क्या हुआ ...

लेकिन अगर चेनज़िंग रूम पे नज़र डाले .. तो सब कुछ नॉर्मल था..

सब अपने काम मे लगे हुए थे....

किसी को कुछ सुनाई नही दिया.....देगा भी कैसे....कॅबिन के गेट साउंड प्रूफ थे....
यही तो ख़ासियत है इस चेनज़िंग रूम की.....

चलते हैं अंजलि के पास...

अपने कपड़े उतारने के बाद...उसने अपने बाल खोल दिए थे....

क्या झक्कास माल लग रही थी....उभरे हुए चुचे...बिल्कुल खड़े हुए....लटके..
हुए चुचे क्या होते हैं..शायद उससे पता ही नही है..
चूत तो बिल्कुल सॉफ...बिना बाल की....छोटी सी...
 
वैसी भी काफ़ी गोरा रंग है उसका....मस्त चिकनी जाँघ..

हाँ तो उसने ब्रा पहननि शुरू की....
ब्रा पहन ने के बाद...उसकी दूरी बांधने लगी....
लेकिन ये क्या.....डोरी तो बँध ही नही हो रही है....

अंजलि :- उफ़फ्फ़ ये क्या मुसीबत है.....बंद क्यूँ नही हो रही.....

फिर वो मूडी...और मिरर के सामने अपनी बॅक कर दी....और दूरी बंद करने की कॉसिश
करने लगी...

लेकिन काफ़ी मेहनत करने के बाद भी वो बंद नही हुई....

अंजलि :- ये क्या मुसीबत है...कहीं छोटी तो नही दे दी ग़लती से....
बट..अब क्या करूँ.....ओहू..क्या प्राब्लम आ गई मेरे साथ...
लेकिन अभी तो कुछ नही कर सकते इसको को अड्जस्ट कर के बांधना पड़ेगा....

फिर उसने अपने चुचों को थोड़ा सा ब्रा में से बाहर की तरफ निकाला...
ब्रा को चूचो से थोड़ा साइड किया....और फिर डोरी बांधने लगी....

और इस बार डोरी बँध गई......

उसकी पोज़ीशन अभी भी वैसी ही थी...उसकी पीठ मिरर की तरफ थी....

जब उसने अपनी ब्रा पहनी....और टर्न होके मिरर के सामने खुद को देखा तो
हैरान रह गई....

अंजलि :- हे भगवान...ये तो कुछ ज़्यादा ही छोटी है.....

लेकिन उसके पास कोई चारा नही था...

फिर उसने अपनी पैंटी उठाई...उसकी पैंटी भी डोरी वाली थी..

उसने उपर उठा के डोरी बांधनी शुरू की..

अंजलि :- उफ्फ ये भी बहुत टाइट है....

लेकिन उसने वो पैंटी पहन ली...

और जब अपनी गर्दन उठा के...मिरर में देखा तो उसके तो होश उड़ गये..

फिर अंजलि ने सोचा...

अंजलि अपने आप से....चलो अच्छा ही है...तारक को भी तो पता चलना चाहिए....
बड़ी आँखें मटका रहे हैं इधर उधर.....
और एक मुस्कान तैर जाती है उसके फेस पे....
 
तो फिर चलिए रीता के पास चलते हैं...

उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए....

और इतनी जल्दी उतारे कि जैसे किसी से रेस लगाई हो..

कुछ ही सेकेंड में वो पूरी की पूरी नंगी खड़ी हो गई....

छोटी सी हाइट है वैसे भी उसकी.....और छोटे छोटे असेट है उसके पास....
चोट छोटे चुचे...छोटी छोटी गान्ड...पतली सी कमर....

लेकिन थी एक दम रापचीक्क...कहे छोटे हो तो क्या....अगर मिल जाए..तो रगड़
रगड़ के कोई भी बुरा हाल कर दे....

उसने अपनी बिकनी उठाई....और पहन ने लगी....

ब्रा डाली...और बाँधने लगी डोरी..........डोरी बाँधने में भी ज़्यादा टाइम नही लगा...
और बाँधने के बाद...उसने अपनी पैंटी उठाई...उसकी पैंटी सिंपल थी..बट इलास्टिक वाली
थी....उसने वो भी डाल ली.....

और अपने आप को मिरर में देखने के लिए अपना फेस उपर किया....

और जैसे ही अपने आप को देखा उसकी आँखें बड़ी हो गई.....

चलिए चलते हैं बबीता के पास....वो तो ऑलरेडी नंगी हो चुकी थी...अब तो
उसके बिकनी पहनने का टाइम आ चुका था......

बबीता ने अपनी ब्रा उठाई....काफ़ी अच्छी थी डिज़ाइन वाली....वैसे तो सबकी ब्रा पर ही
डिज़ाइन था...लेकिन बबीता की ज़्यादा अच्छी लग रही थी..अभी इन सब में से...

और वो पहन ने लगी....उसने ब्रा को बस बूब्स पर रखा...
उसकी ब्रा स्टाप्स वाली थी...उसमे डोरी नही थी...उसकी ब्रा क्लिप से बंद होने वाली थी...

अपना उपर ब्रा को रखकर...मिरर में देखते हुए स्माइल कर रही थी.....

फिर उसने अपने हाथ पीछे ले जाते हुए....स्ट्रॅप्स को पीछे कर के बंद करने लगी....

और क्लिप लग गई......

उसने अपने आप को देखा...काफ़ी जच रही थी वो ब्रा में.....

वो फिर नीचे झुकी अपनी पैंटी उठाने.....और एक कट्ट....जैसी आवाज़ आई....

वो ये आवाज़ सुन के खड़ी हुई....और जैसे ही खड़ी हुई.....उसके बूब्स पर से ब्रा..
नीचे उतर के गिर गई....

बबीता :- ओह्ह्ह शिट....ये क्या हुआ .....

उसने फिर से अपनी ब्रा उठाई...और फिर से क्लिप लगाने लगी...एक बार फिर से लग गई..
लेकिन वो जैसे ही नीचे से पैंटी उठाने लगी....फिर से काट्त्तटतत्त....और एक बार फिर ब्रा
नीचे...
 
बबीता :- ओफूओ..ये क्या हो रहा है.....इसकी क्लिप तो ढीली नही है क्या..

फिर उसने दो चार बार क्लिप बाद कर के....खिचा...लेकिन नही खुली...

बबीता :- क्लिप तो ठीक है...फिर ये कैसे खुल रही है बार बार...
वो काफ़ी असमंजस में थी.....

फिर उसके दिमाग़ की बत्ती जली...

ओह यॅ...लगता है इसका साइज़ छोटा है.....लेकिन ये कैसे हुआ....हमने तो ऋतु को बराबर
साइज़ दिया था..ओह शिट्स...अब में क्या करूँ..

अब में कुछ नही कर सकती...इसी को फिट करनी पड़ेगी...

और एक बार फिर वो अपनी ब्रा डालने लगी...

बड़ी मुश्किल और मेहनत करने के बाद.....उसकी ब्रा बंद हुई....और इस बार जब वो
नीचे झुकी तो वो खुली नही.....उसने अपनी पैंटी डाली...जो दो रस्सियों से बंद होनी थी..
उसने वो बंद की...अपने बाल सेट किए...

और मिरर में अपने आप को देखने लगगी....और जब उसने अपने आप को देखा...तो
उसका मुँह खुल गया......अपने आप को देख कर....

कुछ देर बाद........

अंजलि ने दरवाजा खोला...और वो बाहर आ गई....

उसके बाद बबीता बाहर निकली...

उसके बाद रोशन....फिर रीता....

और सब एक दूसरे को देख के हिल गये थे........कोई पटका...बॉम्ब लग रही थी....
तो कोई ओके टाइप्स....

अंजलि और बबीता एक दूसरे को देख रही थी......

या ये बोल सकते हैं...चारों आपस में एक दुसररे को देख रही थी.....
एक खामोशी छा गई....

फिर इस खामोशी को तोड़ते हुए..

रीता :- दया..भाभी..और माधवी भाभी....नही आई अभी तक...

अंजलि :- हाँ...वो..

बस इतना ही बोल पाई...कि चेनज़िंग रूम के गेट खुलने की आवाज़ आई....

और दया...बाहर आई..

अंजलि :- लो आ गई दया भाभी....

दया की पीछे पीछे...माधवी भी उसी चनगिंग रूम से बाहर आई.....
 
अंजलि , बबीता , रीता और रोशन...चारों आँखें फाडे देख रहे थे....
सबके मन में यही सवाल ...ये दोनो एक ही चेनज़िंग रूम से बाहर कैसे निकली....

दया और माधवी...चारों को देखते रह गयी.....
और वैसे भी ये दोनो काफ़ी शर्मा रही थी....

अंजलि :- दया भाभी...और माधवी भाभी...आप दोनो एक ही चेनज़िंग रूम से...

दया और माधवी एक दूसरे को ही देख रहे थे..

फिर वो चारों इन दोनो के पास ...

रोशन :- सू चाए दया भाभी... ....

दया :- . हुआ यूँ..

अंजलि :- अरी बोलिए ना...

दया :- भिड़े बहन मुझे तो शरम आ रही है....आप ही बता दीजिए..

माधवी :- वो हुआ यूँ अंजलि भाभी.....

अब बता देता हूँ...मुझे पता है..की सब ये जानने के लिए इच्छुक होंगे..कि वो
चिल्लाने की आवाज़ कहाँ से आई......

तो हुआ यूँ था कि...

जब दया पैंटी पहन ने के लिए...अपनी टाँग उठाई...तो उसका बॅलेन्स बिगड़ गया...
और वो पीछे जाके गिरी...और चिल्लाई..

पता है वो कहाँ गिरी....वो गिरी थी....माधवी के उपर....

जी हाँ माधवी के उपर...

अगर आपको याद होगा तो मेने बताया था..कि वॉल के एक साइड पे टाइल्स..लगी थी..
और आधी साइड पे कुछ नही...
वो आधी साइड पे एक गेट था...जिससे देखना ऑलमोस्ट इम्पॉसिबल था....वो तब ही दिखता
जब किसी को बतया जाता कि यहाँ एक गेट है....

और बाइ चांस वो गेट का लॉक भी नही बंद था...
 
इसलिए जब दया फिसली तो वो उस गेट को खोलते हुए....पीछे खड़ी माधवी के उपर
जाके गिर गई.......

और उस वक़्त माधवी बिल्कुल नंगी थी....उसने अपने कपड़े उतारे हुए थे...और जब
दया...उसके उपर गिरी..तो वो अपने चुचों के बल उसके उपर गिरी...
और माधवी भी सीधी थी...तो गिरने की वजह से दोनो की चुचियाँ आपस में
पिचक गई......इसलिए वो आवाज़ आई अहह........

बबीता :- ओह्ह माइ .... आप दोनो को लगी तो नही ना..

माधवी :- नही लगी नही..

अंजलि :- थॅंक गॉड....लेकिन इनको हमे बताना चाहिए था ना..कि ऐसा भी कोई गेट है..

रोशन :- साची बात है बावा..

अंजलि :- दया भाभी..आप शरमा क्यूँ रही है....

दया :- अंजलि भाभी....इन कपड़ों की वजह से...

अंजलि :- इसमे शरम कैसे...

माधवी :- कपड़ों से याद आया....ये कैसे अजीब कपड़े दिए हैं...देखिए..

इस बात पे कोई बोलना नही चाहता था....

हुआ यूँ था...

अंजलि की बिकनी....बबीता ने पहन ली थी....

और बबीता की बिकनी.....माधवी ने पहन रखी थी...

माधवी की बिकनी.... रोशन ने पहन रखी थी...

रोशन की बिकनी....रीता ने पहन रखी थी....

रीता की बिकनी...अंजलि ने पहन रखी थी....

सिर्फ़ दया ही थी...जिसने अपनी खुद के साइज़ की बिकनी पहन रखी थी......

सभी आपस में एक दूसरे को देख रहे थे..लेकिन कोई कुछ नही बोल पा रहा था...

तभी वहाँ से चलती हुई..मिस ऋतु आई...

और जब उसने सभी लॅडीस को देखा....तो उसकी आँखें भी फॅटी की फॅटी रह गई...

क्या करती वो...इस वक़्त वो सब लग ही ऐसी रही थी.......
 
ऋतु :- सो मॅम...आप ड्रेस अप हो गयी...(वो नॉर्मल होके बात करने की कोशिस करने लगी)

बबीता :- व्हाट ईज़ दिस ऋतु...?

ऋतु :- व्हाट हॅपन मॅम....(वो अभी भी ऐसे बात कर रही थी..जैसे कुछ हुआ ही ना हो)

बबीता :- लुक अट अस ऑल.....आपने साइज़ लेने के बाद भी ये ग़लत साइज़स की बिकनी दे दी...

अब कोई फ़ायदा नही था...ऋतु नही बच सकती थी....

ऋतु :- सॉरी मॅम...आइ आम एक्स्ट्रीमली सॉरी..वो आपको तो पता है..ये मॅम...चिल्लाई थी..
जिससे में डर गई थी..और मेरे हाथ से सारी बिकनिस गिर गई थी....जिसके कारण
सारी बिकनिस मिक्स हो गई....और मुझे सियोर्टी ही नही थी..कि कॉन सी किसकी है...

अंजलि :- ओह्ह्ह्ह...ऋतु .. तो आपको हमे ये सब पहले बताना चाहिए था ना...

ऋतु :- आइ आम सॉरी मॅम..
लेकिन में कुछ कहूँ??

माधवी :- जी बोलिए.

ऋतु :- आप सब बहुत ज़्यादा अच्छी लग रहे हो...आपके हज़्बेंड्स..तो आपको देखते रह जाएँगे..
बिलिव मी...यू ऑल लुक डॅम सेक्सी...

सभी एक दूसरे को देख रहे थे......

अंजलि :- ह्म ओके...अगर आप बोल रहे हो तो मान लेते हैं..
तो चलें हम सब बाहर..

ऋतु :- वन मिनट मॅम..

बबीता :- अब क्या हुआ..

ऋतु :- मॅम पूल में जानने से पहले आपको शवर लेना पड़ेगा...

बबीता :- ओह्ह यॅ...आइ फर्गॉट..

दया :- शवर .. अहहहः...अरे हम जा तो रहे हैं स्वीमनग़ पूल में..तो
फिर नहाएँ क्यूँ...

अंजलि :- दया भाभी..आप भी ना...वो इसलिए क्यूँ कि...पूल में जाने से पहले
ऐसा करना पड़ता है..

दया :- ओह्ह अच्छा...सौरी....

और फिर सभी चल देते हैं...शवर लेने के लिए.........

उधर जेंट्स के चेनज़िंग रूम में.......(उसी टाइम पे..जिस टाइम पे लॅडीस के साथ...
चेनज़िंग रूम में वो सब चल रहा था..)

सभी जेंट्स रीमा की सेक्सी मटकती गान्ड के पीछे चल रहे थे.....

सबकी शॉर्ट्स के नीचे तंबू बना हुआ था......

सभी चेंजिंग रूम में पहुचते हुए.....

मोहन लाल :- तो भाईयो ये है मेरे रिज़ॉर्ट का चेनज़िंग रूम...

जेठालाल :- वाहह मोहन लाल भाई मान गये आपको...क्या मस्त रूम है..

भिड़े :- जेठालाल रूम नही..चेनज़िंग रूम है...हहेहेः...

जेठालाल :- इस भिड़े को देखो..कॉमेडी का करने का मन है...
तू शांति रख ना भाई....

मोहन लाल :- रीमा...तो अब हमरी कॉस्ट्यूम का इंतेज़ाम कर दूँ...

रीमा :- जी सर...बट मुझे आप सबका साइज़ चाहिए...

मोहन लाल :- ओह्ह यस...मेरा तो तुम्हे पता ही है..

रीमा :- शरमाते हुए...जी सर...

मोहन लाल :- तो बाकी सब बता दो रीमा को....

तारक :- जी बिल्कुल मोहन लाल भाई...
मेरा है 32...

भिड़े :- मेरा भी 32..

अईयर :- मेरा 34 है..

अब्दुल :- मेरा 30 है....

सोढी :- ओह्ह जी...मेरा 34 है जी...बेल बली...

जेठालाल :- थोड़ा ह्म हूँ आ करते हुए...मेरा है...

इतना ही बोला कि बीच में अईयर भाई..को शांति कहाँ है...बोल पड़े भाई साहब..

अईयर :- रीमा जेठालाल के साइज़ का तुम्हारे पास नही होगा...हाहहहः..

जेठालाल :- आई...चह...अईयर भाई...आपको कुछ अकल है...कुछ भी बोलने
से मतलब है..
नही रीमा जी ऐसा कुछ नही है..वो..

रीमा :- नो प्राब्लम सर....हमारे पास आपके साइज़ का भी....
आपका साइज़ इतना बड़ा नही है कि ना मिले आपका कॉस्ट्यूम..

रीमा के ये बात सुन के जेठालाल खुश हो जाता है...
 
जेठालाल मन में.....अईयर...तुझे तो में बताता हूँ...देखता जा अब...

रीमा :- मोहन सर..में इनको ले जाउ...कॉस्ट्यूम्स निकलवाने के लिए..

मोहन लाल :- हाँ हाँ बिल्कुल...बट नो मस्ती हाहहहाहा....

सभी मोहन लाल मस्ती वाली बात सुन कर हैरान थे....

और रीमा खड़े खड़े शरमा रही थी....

कौन है वो जिसकी तरफ रीमा ने इशारा किया.....
क्या वो आदमी खुशनसीब है या बदनसीब.....

वो हमे अगले अपडेट में पता चलेगा......

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