desiaks
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- Aug 28, 2015
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उसने अपने आप को देखा...काफ़ी जच रही थी वो ब्रा में.....
वो फिर नीचे झुकी अपनी पैंटी उठाने.....और एक कट्ट....जैसी आवाज़ आई....
वो ये आवाज़ सुन के खड़ी हुई....और जैसे ही खड़ी हुई.....उसके बूब्स पर से ब्रा..
नीचे उतर के गिर गई....
बबीता :- ओह्ह्ह शिट....ये क्या हुआ .....
उसने फिर से अपनी ब्रा उठाई...और फिर से क्लिप लगाने लगी...एक बार फिर से लग गई..
लेकिन वो जैसे ही नीचे से पैंटी उठाने लगी....फिर से काट्त्तटतत्त....और एक बार फिर ब्रा
नीचे...
बबीता :- ओफूओ..ये क्या हो रहा है.....इसकी क्लिप तो ढीली नही है क्या..
फिर उसने दो चार बार क्लिप बाद कर के....खिचा...लेकिन नही खुली...
बबीता :- क्लिप तो ठीक है...फिर ये कैसे खुल रही है बार बार...
वो काफ़ी असमंजस में थी.....
फिर उसके दिमाग़ की बत्ती जली...
ओह यॅ...लगता है इसका साइज़ छोटा है.....लेकिन ये कैसे हुआ....हमने तो ऋतु को बराबर
साइज़ दिया था..ओह शिट्स...अब में क्या करूँ..
अब में कुछ नही कर सकती...इसी को फिट करनी पड़ेगी...
और एक बार फिर वो अपनी ब्रा डालने लगी...
बड़ी मुश्किल और मेहनत करने के बाद.....उसकी ब्रा बंद हुई....और इस बार जब वो
नीचे झुकी तो वो खुली नही.....उसने अपनी पैंटी डाली...जो दो रस्सियों से बंद होनी थी..
उसने वो बंद की...अपने बाल सेट किए...
और मिरर में अपने आप को देखने लगगी....और जब उसने अपने आप को देखा...तो
उसका मुँह खुल गया......अपने आप को देख कर....
कुछ देर बाद........
अंजलि ने दरवाजा खोला...और वो बाहर आ गई....
उसके बाद बबीता बाहर निकली...
उसके बाद रोशन....फिर रीता....
और सब एक दूसरे को देख के हिल गये थे........कोई पटका...बॉम्ब लग रही थी....
तो कोई ओके टाइप्स....
अंजलि और बबीता एक दूसरे को देख रही थी......
या ये बोल सकते हैं...चारों आपस में एक दुसररे को देख रही थी.....
एक खामोशी छा गई....
फिर इस खामोशी को तोड़ते हुए..
रीता :- दया..भाभी..और माधवी भाभी....नही आई अभी तक...
अंजलि :- हाँ...वो..
बस इतना ही बोल पाई...कि चेनज़िंग रूम के गेट खुलने की आवाज़ आई....
और दया...बाहर आई..
अंजलि :- लो आ गई दया भाभी....
दया की पीछे पीछे...माधवी भी उसी चनगिंग रूम से बाहर आई.....
वो फिर नीचे झुकी अपनी पैंटी उठाने.....और एक कट्ट....जैसी आवाज़ आई....
वो ये आवाज़ सुन के खड़ी हुई....और जैसे ही खड़ी हुई.....उसके बूब्स पर से ब्रा..
नीचे उतर के गिर गई....
बबीता :- ओह्ह्ह शिट....ये क्या हुआ .....
उसने फिर से अपनी ब्रा उठाई...और फिर से क्लिप लगाने लगी...एक बार फिर से लग गई..
लेकिन वो जैसे ही नीचे से पैंटी उठाने लगी....फिर से काट्त्तटतत्त....और एक बार फिर ब्रा
नीचे...
बबीता :- ओफूओ..ये क्या हो रहा है.....इसकी क्लिप तो ढीली नही है क्या..
फिर उसने दो चार बार क्लिप बाद कर के....खिचा...लेकिन नही खुली...
बबीता :- क्लिप तो ठीक है...फिर ये कैसे खुल रही है बार बार...
वो काफ़ी असमंजस में थी.....
फिर उसके दिमाग़ की बत्ती जली...
ओह यॅ...लगता है इसका साइज़ छोटा है.....लेकिन ये कैसे हुआ....हमने तो ऋतु को बराबर
साइज़ दिया था..ओह शिट्स...अब में क्या करूँ..
अब में कुछ नही कर सकती...इसी को फिट करनी पड़ेगी...
और एक बार फिर वो अपनी ब्रा डालने लगी...
बड़ी मुश्किल और मेहनत करने के बाद.....उसकी ब्रा बंद हुई....और इस बार जब वो
नीचे झुकी तो वो खुली नही.....उसने अपनी पैंटी डाली...जो दो रस्सियों से बंद होनी थी..
उसने वो बंद की...अपने बाल सेट किए...
और मिरर में अपने आप को देखने लगगी....और जब उसने अपने आप को देखा...तो
उसका मुँह खुल गया......अपने आप को देख कर....
कुछ देर बाद........
अंजलि ने दरवाजा खोला...और वो बाहर आ गई....
उसके बाद बबीता बाहर निकली...
उसके बाद रोशन....फिर रीता....
और सब एक दूसरे को देख के हिल गये थे........कोई पटका...बॉम्ब लग रही थी....
तो कोई ओके टाइप्स....
अंजलि और बबीता एक दूसरे को देख रही थी......
या ये बोल सकते हैं...चारों आपस में एक दुसररे को देख रही थी.....
एक खामोशी छा गई....
फिर इस खामोशी को तोड़ते हुए..
रीता :- दया..भाभी..और माधवी भाभी....नही आई अभी तक...
अंजलि :- हाँ...वो..
बस इतना ही बोल पाई...कि चेनज़िंग रूम के गेट खुलने की आवाज़ आई....
और दया...बाहर आई..
अंजलि :- लो आ गई दया भाभी....
दया की पीछे पीछे...माधवी भी उसी चनगिंग रूम से बाहर आई.....