XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 45 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

इस वक़्त पोपातलाल का बिल्कुल खड़ा हुआ लंड बाहर था वो उसे अंदर करना भूल गया
था....और कोमल की नज़र भी वहीं अटकी पड़ी थी....

कोमल :- हाँ में समझ सकती हूँ...पोपट भाई..शरीर की प्यास बहुत ज़्यादा ज़रूरी है..
मुझे पता है..

पोपातलाल :- कोमल भाभी..आप कह रही है..जबकि आपके लिए तो हाथी भाई हैं....

पोपातलाल जब बोल रहा था...तो उसने कोमल की आँखों में देखा..और उसका पीछा
करते हुई पोपातलाल ने पाया कि उसकी आँख लंड पे है तो..पोपातलाल ने फट से अपना
पाजामा खोल के उसे अंदर कर दिया....

कोमल :- हंस किसी काम के नही है पोपट भाई..आपको क्या लगता है..वो मुझे सॅटिस्फाइ कर
पाते होंगे...

कोमल पोपातलाल का लंड देख के पगल हो गई थी..इसलिए वो अपने मन की भडास निकाल रही
थी....

पोपातलाल :- ओह्ह..लेकिन क्यूँ...वो तो घर पे ही रहते हैं..

कोमल :- घर पे रहने से कुछ नही होता पोपट भाई...वो मेरे साथ सेक्स करते ही नही है.
में तड़पति रह जाती हूँ..लेकिन उनके इतना मोटे होने की वजह से वो कुछ नही कर पाते..
कभी हुआ तो वो भी महीनो में एक बार ही होता है...

पोपातलाल कोमल की इतनी ओपन बात को सुन के चौंक जाता है....

पोपातलाल :- कोमल भाभी..मतलब आपकी सिचुयेशन भी मेरी जैसी ही है..

कोमल :- आपसे भी बुरी....आप तो अभी किसी के साथ भी कर सकते हूँ..लेकिन में कैसी किसी
के साथ भी कर लूँ...मेरे तो बहुत मुश्किल है...मुझे कौन मिलेगा जो मेरी प्यास
मिटाएगा...

बोलते हुए कोमल की नज़र पोपातलाल के पाजामे पे तने लंड पे उपर अटकी थी...

पोपातलाल तो बहुत ज़्यादा हैरान था कोमल की इतनी ओपन बात पर.....

पोपातलाल :- अब इसमे कोई क्या कर सकता है..

कोमल :- कर सकता है.....और किसी को पता भी नही चलेगा..बात अंदर की अंदर ही
रहेगी...

कोमल बोल तो देती है..लेकिन उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था बोलने के बाद...

पोपातलाल :- क्या मतलब आपका.....

पोपातलाल कुछ कुछ समझा था..लेकिन नाम ही पोपट है तो कैसे कुछ समझेगा
ढंग से....

कोमल :- हमारे बीच हो सकता है..और किसी को कुछ पता भी नही चलेगा.....
कोमल तेज़ी से ये बोल देती है.....उसके सर पे तो बॅस सेक्स सवार था..इसलिए उसे खुद
नही पता कि वो क्या बोल रही है...

पोपातलाल का ये सुन के तो दुनिया हिल गयी..........

पोपट भाई....पोपट भाई.....आप ठीक है.....

कोमल की आवाज़ सुन के पोपातलाल ख्वाबों की दुनिया से बाहर आता है.....
और अपने लंड की तरफ देखता है..जो कि इस वक़्त उफान पे था...वो अपना छाता..अपने
लंड के सामने रख देता है..जिससे कोई देख ना पाए....
 
पोपट :- हाँ हाँ..ठीक हूँ ... कोमल भाभी..

कोमल :- पोपट भाई..वो सुबह जो भी कहा...वो प्लीज़ आप किसी को मत बताना...

पोपटलाल :- जी बिल्कुल नही बताउन्गा..में समझता हूँ..आपकी बात...आपकी समस्या को अच्छी
तरह समझता हूँ...

कोमल के चेहरे पे थोड़ी मुस्कान आ जाती है....अच्छा तो में चलती हूँ....

पोपटलाल भी उससे और बैठने को नही बोलता..क्यूँ कि उसके लंड की हालत बहुत बुरी थी..
एक तो सुबह की बात सोच के...और इस वक़्त कोमल ने ग्रे से कलर की नाइटी
पहन रखी थी..जिसमे से उसके वो मोटी मोटे...तरबूज़ जितने बड़े बूब्स की शेप
दिख रही थी......

कोमल ने पोपटलाल की नज़र देख ली...लेकिन उस वक़्त वो कुछ नही बोली.....

और उठ के जाने लगी....पोपटलाल उसकी डबल साइज़ वाली गान्ड को देख रहा था..
कोमल गेट तक पहुचि और दुबारा पलटी...और उसने एक बार फिर ये नोटीस किया
कि पोपटलाल क्या देख रहा है...

पोपटलाल सकपका जाता है..और वो इधर उधर देखने लगता है..और एक दम से पोपट
लाल सोफे से खड़ा होता है.......और कोमल की नज़र गढ़ जाती है.......पोपटलाल के लंड पे..जो पाजामे के उपर से सॉफ
दिखाई दे रहा था...जो एक तंबू बन के खड़ा था......

पोपटलाल के खड़े होने की वजह से उसका छाता हट जाता है..और उसके लंड के दर्शन
हो जाते हैं..पोपटलाल अपना हाथ आगे लगा के..उसको छुपाने की कॉसिश करता है..
लेकिन उसका अब कोई फ़ायदा नही होता......

कोमल :- पोपट भाई में कुछ कहूँ.....

पोपट बड़ी मुश्किल से जवाब देते हुए....ह..आ....न.....बो.ल्ल.इये...ना...

और फिर जो कोमल उससे बोलती है....उसे सुन के पोपटलाल की दुनिया हिल जाती है....
उसके चेहरे पे डर की लकीरें सॉफ झलक रही होती है....
उसके मुँह से कुछ नही निकल रहा था.....
और सबसे बड़ी बात.उसके हाथ से उसका छाता भी गिर जाता है....
वो आँखें फाडे कोमल को देखता रह जाता है.........

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रीकॅप :

पायल ने प्लान बाँया जिसे लॅडीस ने मंज़ूरी दे दे थी...अब उस प्लान की अरेंजमेंट चल
रही थी..उधर अब्दुल ने प्रीति की जमकर मारी....प्रीति भी बड़े मज़े में उछल उछल
के मरवा रही थी.....गॉगकुलधाम में कुछ बदल रहा है..कोमल और पोपटलाल की
ओपन बातों से और दोनो की सेक्स की तपन...दोनो को किसी और मोड़ पे ले जा रही है....
कोमल ने ऐसा कुछ बोला था जिससे पोपट की दुनिया हिलने वाली थी....

अब आगे.......!!!!!!

क्क..ओ..म.अल भा..भी...ये आप क्या बोल रहे हैं.....पोपटलाल अपनी बड़ी आँखो को पूरी
खुलते हुए बोलता है...

कोमल वहाँ दरवाजे पे खड़ी थी..वो आगे आती है...और ठीक पोपटलाल के सामने आके
खड़ी हो जाती है...

कोमल :- पोपट भाई मुझे पता है ये ग़लत है...लेकिन सिर्फ़ एक बार...

पोपट लाल अपने मन में ..... क्या करूँ....कोमल भाभी मुझे मेरा लंड दिखाने को बोल
रही है....दिखाऊ कि नही.....

बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक....पोपटलाल.....पोपटलाल.......

कोमल :- क्या हुआ..कहाँ खो गये फिर से....

पोपटलाल होश में आते हुए..

पोपटलाल :- लेकिन अगर सोसायटी में किसी को पता चल गया तो क्या होगा..

कोमल :- ओह कमोन .... किसी को कुछ पता नही चलेगा हम दोनो के अलावा..

पोपटलाल :- लेकिन आप इतनी रात को आई है...डॉक्टर.हाथी क्या बोलेंगे..

कोमल :- ओफफो पोपट भाई..आप बहुत सवाल करते हैं..इसलिए अभी तक आपकी शादी नही हुई
है...

कोमल के इश्स डाइलॉग से पोपटलाल की दुनिया हिलने की जगह इश्स बार गिर सी गयी..
वो अपनी रोंदी सी शक्ल बनाते हुई..

पोपटलाल :- कोमल भाभी इसमे मेरी शादी कहाँ से बीच में आ गयी...पोपटलाल
का लंड जो अभी फुदकी मार रहा था..वो धीरे धीरे बैठने लगा था..जिसका असर
उसके उपर से पाजामे से दिखाई दे रहा था......कोमल ने ये देख लिया..था...

पोपटलाल अपनी रॉनी शक्ल से बड़बड़ाये जा रहा था...ब्लाह ब्लाह ब्लाह......

कोमल ने देरी ना करते हुए....पोपटलाल के लंड पे अपना हाथ रख दिया..

पोपटलाल की तो शक्ल ही बदल गयी ... उसकी शक्ल देखनी वाली थी.....
जो लंड अभी बैठने लगा था..वो एक लेडी का हाथ स्पर्श कर के उठने लगा...

पोपटलाल :- को...मा..ल्ल.एल....भा...भी.....

सस्स्स्स्शह...........कूंल बस इतना ही बोलती है...और अपना हाथ हटा लेती है...

कोमल :- वो आपका..सोने की तैयारी में था....और मुझे आपका खड़ा हुआ ही देखना
है...

पोपटलाल गहरी साँस लेते हुए..और छोड़ते हुए......
ऐसी साँस ले रहा था मानो...कभी ज़िंदगी में साँस ली ही ना हो....

पोपटलाल :- अच्छा.....लेकिन किसी को पता तो नही चलेगा ना..

कोमल :- ओ कमऑन...आप एक बार बस दिखा दो....

पोपटलाल अपने काँपते हाथों को पाजामे के पास ले जाता है...और उसे धीरे से नीचे कर
देता है.....जैसे ही नीचे करता है...उसका खड़ा हुआ लंड फन्फनाते हुई बाहर निकल जाता
है......

कोमल की आँखों में चमक आ जाती है...पोपटलाल का लंड देख कर..

पोपटलाल :- बॅस....देख लिया.......

कोमल :- पूरा तो दिखाइए....

और पोपटलाल का हाथ पकड़ के पाजामे से हटा देती है....पोपटलाल के हाथ से पाजामा
छूट जाता है..और नीचे गिर जाता है......और उसका पूरा लंड कोमल की आँखों के
सामने आ जाता है...

कोमल अपनी बड़ी बड़ी और मोटी आँखों से बस पोपटलाल के लंड को ही देखे जा रही
थी....

पोपटलाल की तो बॅंड बजी हुई थी....उसके लिए बर्दाश्त करना मुश्किल था....उसका लंड
हिचकोले खाने लगा..और हिलने लगा....

कोमल पोपटलाल के हिलते हुए लंड को देख रही थी....और उसके चेहरे पे हल्की सी मुस्कान भी
आ गयी थी.....
 
पोपटलाल :- अब..तो ठीक है ना......

कोमल :- हां...थॅंक यू.....

पोपटलाल राहत की सांस लेता है...

कोमल :- पोपट भाई...एक बात पूछूँ ??

पोपटलाल मन में सोचते हुए...बेटा पोपटलाल आज तेरा बॅंड बजने ही वाला है..
तैयार हो जा....

हाँ हाँ पूछिए ना..

कोमल :- क्या एक बार में इसे टच कर सकती हूँ....

पोपटलाल कोमल की बात पे हड़बड़ाते हुई.....लेकिन कोमल भाभी..आपने तो सिर्फ़ देखने
के लिए कहा था...

कोमल :- प्लीज़..पोपट भाई....एक बार टच कर लूँगी..तो मुझे आराम मिल जाएगा....
एक बार प्लीज़.....

पोपटलाल नही चाहता था कि उसके लंड को कोमल टच करी.....

जानना चाहते हैं कि पोपटलाल ऐसा क्यूँ चाहता है.....
नही बताउन्गा में आज....

पोपटलाल :- कोमल भाभी.......

कोमल :- प्लीज़ एक बार....प्लीज़...

पोपटलाल तक हर की अपनी गर्दन हाँ में हिला देती है...

कोमल अपना हाथ धीरे धरे आयेज बदते है..उसके दिल की धड़कन तेज़्ज़ चल रही थी...
ये सब उसके लिए बिल्कुल नया था.....
और बिल्कुल करीब लाके...कोमल पोपटलाल के लंड के पास लाके कुछ सेक के लिए रोकती
है......
पोपटलाल का लंड हिचकोले कहा रहा था उसके दिल की भी धड़कन तेज़ चल रही थी...

पोपटलाल ने अपनी आँखें बंद कर ली......
और कोमल ने अपने हाथ में पोपटलाल का लंड पकड़ लिया....

ओह्ह्ह माइ गॉड..इट्स सो हॉट....कोमल के मुँह से यही निकला जब उसने पोपटलाल के लंबे और
पतले लंड को पकड़ा तो.....

पोपटलाल के पूरे शरीर में करेंट दौड़ गया....और खुद दुनिया हिलाने वाला आज
खुद ही किसी साँप की तरह हिल रहा था...

पोपटलाल :- कॉमालल्ल्ल भाभिईिइ.........

इस आवाज़ में पोपटलाल की एक कशिश नज़र आई कोमल को.....वो समझ सकती थी..कि
पोपटलाल को ऐसा सुख बड़ी मुश्किल से मिलता है...

कोमल ने अपने हाथ को थोड़ा सा चलाया...जिससे पोपटलाल का लन्ड़ आगे पीछे हुआ...
जिससे पोपटलाल का हाल और बुरा हो गया....उसके लंड की नसें फूल गयी थी...
कुछ ज़्यादा जल्दी उतेज़ीत हो गया था....और उसका लंड कोमल के हाथ के अंदर हिचकोले
खाने लगा....

कोमल भी ऐसी स्थिति देख के पगल हुई जा रही थी..क्यूँ की लंड के मामले में वो लकी
नही थी..काफ़ी काफ़ी टाइम हो जाता है उसका डॉक्टर हाथी का तगड़ा लंड देखे हुए...

आज इतने दिनो के बाद ऐसे लंड को पकड़ के...उसकी नीचे बड़ी सी चूत गीली होनी लगी
थी..और उसका एक हाथ खुद ब खुद अपनी नाइटी के उपर से..चूत पे चला जाता है...

पोपटलाल तो आँखें बंद कर के अपनी काँपती टाँगों के साथ खड़ा था...कोमल
के हाथ पोपटलाल के लंड पे चल रहे थे..जिसकी स्पीड अब थोड़ी तेज़ हो गई थी...

कुछ 2 या 3 मिनट तक ऐसे ही खेल चलता रहा.....फिर कोमल ने अपना हाथ पोपटलाल के
लंड पे से हटा लिया....पोपटलाल की साँसें तेज़ चल रही थी....और कोमल की भी..

दोनो की आँखें एक दूसरे से मिली........
आँखों में सिर्फ़ नशा था...सिर्फ़ नशा.....

दारू का नशा नही था.....पहले ही बता रहा हूँ...कहीं सोच में डूब जाओ...

ये नशा था जिस्म की भूक का....दोनो की आँखों में एक दूसरे के जिस्म को लूटने का
नशा था.....

कोमल :- पो.

बस बोलने ही वाली होती है..कि पोपटलाल अपना हाथ लगा के चुप कर देता है..

पोपटलाल :- कोमल भाभी...आब आप बुरा माने तो माने..लेकिन जब तक आप मेरे लंड
को शांत नही कर देती..में आपको जाने नही दूँगा..चाहे कुछ भी हो जाए....

ये लू जी..इश्स ढिल्ले से पोपटलाल में कुछ ज़्यादा ही शकति आ गयी.....सला आग में खुद
कूदने को तैयार है...कूदने दो सेल कू..मेरा क्या है..जब जल फुख के रख हो जाएगा
ना और जब ये कोमल सार फाँक जला देगी इसकी...तब पता चलेगा ईससी.....

कोमल पोपटलाल की बात सुन के खुश हो जाती है....

कोमल :- आपने मेरे मुँह की बात छीन ली पोपट भाई....में भी यही चाहती हूँ...मेरा हाल
भी आपके जैसा ही है.....और बोलते हुए घुटनो के बल बैठ जाती है.....और अपना फेस पोपटलाल के लंड के बेहद
करीब ले जाती है...

पोपटलाल अपने लंड पे कोमल की गरम साँस को महसूस कर के....पागल हो जाता है..
 
पोपटलाल अपने लंड पे कोमल की गरम साँस को महसूस कर के....पागल हो जाता है..
आहह..उसके मुँह से हल्की सी आवाज़ निकलती है..और वो अपने दोनो हाथ ले जाके कोमल
के सर पे रख देता है...और उसको आगे की तरफ धकेल्ता है....

लेकिन मज़े की बात तो ये थी...कि कोमल का सिर एक इंच भी आगे नही खिसका....पोपटलाल
अपना मुँह बनाता हुआ...और सोचता हुआ....क्या में जो कर रहा हूँ वो सही है..

फिर कोमल पोपटलाल के चेहरे को देखती है....और अपना मुँह ले जाके...पोपटलाल के लंड
के टोप्पे पे एक किस कर देती है.......

पोपटलाल का हाल बार बार क्या बताऊ....आप सब समझ लो...उसकी दुनिया हिल चुकी है..
और कुछ देर बाद उजड़ भी जाएगी...

किस करने के बाद...कोमल अपना मुँह खोलती है...और अपना मुँह गोल शेप में बना के
उसका आधा लंड अंदर ले लेती है....

आआआअहह पोपटलाल के मुँह से एक सिसकी निकलती है..उसके हाथ
कोमल के बालों में घूमने लगते हैं...

कोमल लंड से अपना मुँह बाहर निकालती है...और फिर से अंदर डाल के इस बार तो पूरा निगल जाती है.... आहह ओह पोपटलाल तो सकपका जाता है..और नीचे कोमल की तरफ देखता है तो हैरान हो जाता है...कि कोमल ने उसका पूरा लंड अंदर तक उतार लिया था...

यार ये कोमल औरत है..कि घुफ़ाओं का खजाना...हर चीज़ बड़ी है इसकी.....बूब्स ..
गान्ड...चूत...और अब मुँह भी.....कमाल की औरत है..

और एक बार में ही अपना मुँह बाहर खिच लेती है....पूप्प्प्प्प्प्प्प्प करके आवाज़ आती है..
पोपटलाल का लंड पूरा गीला हो गया था कोमल क थूक से...और उसके लंड पे चमकती
नसें सॉफ दिखाई दे रही थी...

कोमल फिर लंड के बॉल्स पे पहुच कर .. पूरी बॉल्स मुँह में बाहर कर चूसने लगती
है...

पोपटलाल की तो बॅंड ही बज जाती है....वो कोमल के बालों को ऑलमोस्ट खिचने लगता है..
उसका पिचका हुआ मुँह ..और पिचक जाता है.....

नीचे कोमल उसकी बॉल्स को भी चाट चाट कर गीली कर देती है..

आहह ओह्ह्ह्ह कोमाल भाभी......आहह...पोपटलाल के मुँह से आज बस यही निकल
रहा था....

कोमल ने उसके बॉल्स को मुँह से बाहर निकाला...पोपटलाल की बॉल्स और उसका लंड पूरा कोमल
के थूक से भीग गया था....
 
कोमल और पोपटलाल की नज़र आपस में मिलती है.....कोमल दुबारा से लंड को मुँह में
ले लेती है..और इस बार तेज़ी से उसे चूसने लगती है..

पोपटलाल की तो आँखें बाहर होने को हो जाती है....उसकी साँसें उखडने लगती है...
आआआहह उूउउ ओह्ह्ह्ह कोमल भाभी..आहह...और चिल्लाता हुआ
अपना सारा रस...कोमल के मुँह के अंदर छोड़ देता है......

कोमल भी गॅट गॅट कर की सारा सर पी जाती है....

कोमल उसका लंड मुँह से बाहर निकाल के..पूरा लंड सॉफ कर देती है...

और उपर खड़ी हो जाती है...

पोपटलाल :- कोमल भाभी....

कोमल :- पोपट भाई...आप तो बड़ी जल्दी निकल गयी.

पोपटलाल :- क्या करूँ.....मेरा हाल बहुत बुरा था....

कोमल एक स्माइल देती है...और उसकी आँखों में देखते हुए...
अपने गाउन की तरफ हाथ बढ़ाती है..और एक ही झटके में उससे खोल देती है..और पीछे
खिसका देती है..और पोपटलाल के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हो जाती है...

पोपटलाल की तो आँखें फट जाती है...कोमल को ऐसे देख कर....
उसका सोया हुआ लंड... एक बार फिर से अपनी औकात पे आना शुरू हो जाता है..

चलो जी अभी जब तक इसका लंड औकात पे आता है..ज़रा रिवर्स गियर लगाते हैं..और पार्टी
पे चलते हैं....

ऊओ तेर्रि किी...इधर क्या हो गया है....ओफूऊ......ऐसा क्या...
अरे बसस्स कार्रूऊओ साइकल की तरह चला लिया ना दिमाग़ ... तेज़ी से...
मुझे पता है...कि यही सोच रहे हैं..कि कोई किसी की मार रहा होगा..है ना
यही चल रहा है ना दिमाग़ में....मतलब अगर में लिख दूँ ओ तेर्रि की..तो
कोई किसी की मार रहा है...ये सही है....

पोपट कर दिया ना मेने आप सब का.....थक गया हूँ..पोपट करते करते आप सब का
में हाहहहहा......

अरे पार्टी में घुसे तो इतना अंधेरा क्यूँ है भाई.....
बड़ी ही डिम लाइट्स जल रही थी....काफ़ी अंधेरा था....
 
उधर मोहन लाल जेंट्स से कुछ बात कर रहा था.....
तो चलीए अपनी दूरबीन...हाँ हाँ..लेकिन उसके साथ माइक्रोफोन भी ले लेते हैं...आवाज़ क्लियर
सुनाई देगी....

मोहन लाल :- मुझे पता है आप सब सोच रहे होंगे कि सारी लॅडीस कहाँ गई..

तारक :- हाँ मोहन भाई हम कन्फ्यूज़्ड हैं..कि कहाँ गई सारी..

मोहन लाल :- देखिए यहाँ पे एक प्रोग्राम होने वाला है....और आपकी सभी बीवियो ने
हाँ कर दिया था...

जेठालाल :- लेकिन बात क्या है.....

मोहन लाल :- वो तो में आप सब को बाद में बताउन्गा...उससे पहले आप सब यहाँ
आई मेरे पास...

और फिर मोहन लाल आगे आगे चलता है..और पीछे पीछे सारे जेंट्स..

यार ये मोहन लाल भाई क्या कर रहे हैं...भिड़े सोढी से बोलता है..

सोढी :- मेनू की पता..

और फिर सारे कसीनो के एक गेम्स के पास पहुच जाते हैं....

अईयर :- मोहन भाई अब क्या हमे यहाँ पर कसीनो खेलना है...

जेठालाल :- क्या अईयर भी आप भी..आपको खेलने आता है..

मोहन लाल :- अईयर भाई ठीक बोल रहे हैं...आपको ये गेम खेलना है...

मोहन लाल एक गेम की तरफ इशारा करते हुए दिखाता है...

भिड़े :- लेकिन क्यूँ??

तारक :- हाँ में भी नही समझ रहा हूँ....

मोहन लाल :- में कह रहा हूँ..आप सब खेलिए.....बाकी की बातें बाद में बताउन्गा.

सभी हामी भर देते हैं...

मोहन लाल :- तो ठीक है..ये गेम खेलना है...तीन बार....जितना अच्छा आप सब खेलोगे
उतने ज़्यादा काय्न्स जीतोगे....3 बार मौक्के मिलेंगे...और इसमे आप को जितने ज़्यादा हो
सके उतने काय्न्स जीतने होंगी...

सब की समझ में कुछ नही आ रहा था..एक तो दारू का नशा..उपर से मोहन लाल
की बातें...उनको बिना सर पैर की लग रही थी....और सब उनकी खोपड़ी के उपर से निकल रही थी.
फिर भी मोहन भाई ने कहा है..तो खेलना तो पड़ेगा ही....

मोहन लाल सबसे पहले खेल के बताता है...जिससे सबको समझ आ जाए.........

मोहन लाल :- सबसे पहले कौन आएगा...

जेठालाल अईयर की पीठ पे हल्के से चिमटी काट देता है...जिससे अईयर हाथ खड़ा कर के..आ..
करता है...

मोहन लाल :- अच्छी बात है अईयर भाई..आ जाइए आप.....

अईयर में...लेकिन लेकिन मोहन भाई..वो....

जेठालाल :- जाओ ओ अईयर भाई...मोहन भाई बुला रहे हैं...

अईयर अपनी नाक चढ़ाते हुए चला जाता है...

जेठालाल के बगल में आके खड़ा होता है....जो हंस रहा होता है....

मोहन लाल :- हाँ अईयर भाई आजमाओ अपना लक.....

और अईयर भाई शुरू करते हैं.....

1स्ट्र राउंड......110 काय्न्स
2न्ड राउंड ...... 100 काय्न्स
3र्ड और लास्ट राउंड..........90 काय्न्स...

अईयरस टोटल = 300 काय्न्स..
 
मोहन लाल :- बाड़िया अईयर भाई.....अब भिड़े भाई आप आओ..

भिड़े धीरे धीरे चलता हुआ आगे बढ़ता है..

भिड़े शुरू करता है...

1स्ट राउंड......240 काय्न्स..
2न्ड राउंड......80 काय्न्स..
3र्ड राउंड......60 काय्न्स.

भिड़े टोटल = 380 काय्न्स..

वाहह वाहह भिड़े बढ़िया...सभी तालियाँ मारते हैं.....

मोहन लाल :- अब अगला कौन आएगा..

सोढी :- ओ में जी..मेनू ट्राइ करना है...

फिर सोढी ट्राइ खेलने लगता है..

1स्ट राउंड...300 काय्न्स.. (सभी तालियाँ मारने लगते हैं...)
2न्ड राउंड....10 काय्न्स
3र्ड राउंड....170 काय्न्स..

सोढी टोटल काय्न्स = 480

अगला जाता है तारक..

1स्ट राउंड.........400 काय्न्स....(सभी तेज़ तालियाँ बजाने लगते हैं..)
2न्ड राउंड.......150 काय्न्स...
3र्ड राउंड........130 काय्न्स

तारक टोटल = 680 काय्न्स.....

इस वक़्त सबसे ज़्यादा काय्न्स तारक के थे..लेकिन अभी तो जेठालाल बचा हुआ था...

मोहन लाल :- जेठा भाई..आ जइय आप ही बचे हैं..

जेठालाल :- अरे अभी आप भी तो बचे हैं...

मोहन लाल :- मेने पहले ही खेल लिया था..मेरे पास 410 काय्न्स हैं...

जेठालाल :- ओह्ह्ह ठीक है..

और फिर जेठालाल भी चला जाता है खेलने....

1स्ट राउंड.....
2न्ड राउंड.....
3र्ड राउंड......

हाँ हाँ बॅस करो अपडेट के लास्ट में भी दिमाग़ चलाओगे....मुझे पता है..

जेठालाल की किस्मत खराब है वो क्या जीतेगा...यही सोच रही हो ना...यार मतलब
आपने उसे इतना बदकिस्मत बना दिया..ये तो सरा सर चीटिंग है...ना ऐसा
नही चलेगा...रॉंग है ये तो..

पता है उसका टोटल क्या है बताओ...देखो..

1स्ट राउंड......500 काय्न्स...
2न्ड राउंड.....100 काय्न्स...
3र्ड राउंड.....210 काय्न्स..

जेठालाल टोटल = 810 काय्न्स...

सबके मुँह फट जाते हैं..अईयर का तो सबसे ज़्यादा..सिवाय तारक के...वो तो तालियाँ बजा
रहा था...

मोहन लाल :- वाह भाई वाहह....सबने बड़ा अच्छा खेला गेम..

तारक :- एक मिनट....अब्दुल कहाँ है..वो नही दिख रहा..

मोहन लाल :- उसके ज़रा सर में दर्द था..तो वो चला गया आराम करने...

क्या..सब के मुँह से निकलता है...
हमे उसे देख के आना चाहिए....तारक बोलता है..
 
मोहन लाल :- मेहता साब..उसकी कोई ज़रूरत नही है..मेने प्रीति को भेज दिया है..वो सही
कर देगी सब...मोहन लाल बात को ख़तम करते हुए..

अच्छा तो आपको एक बात बतानी है...
आप सब ने ये जो काय्न्स जीतें हैं..ये आगे काम आएँगे..और जिसने सबसे ज़्यादा जीतें
हैं...वो बहुत फ़ायदे में रहेगा........मोहन लाल बोलता है..

अभी भी किसी के कुछ समझ नही आता..वो तो अपने काय्न उठाते हैं...और चल देते हैं
मोहन लाल के पीछे.....

मोहन लाल :- बॅस अभी कुछ देर और लगेगी..तब प्रोग्राम शुरू होगा..अब तब तक
यहाँ बैठिए.....

वो सब को एक टेबल पे बिठा देता है....

ओफो यहाँ तो अभी भी टाइम लगेगा..पता नही कितनी अरेंजेम्न्ट कर रहे हैं साले...
कितनी मेंटोस खाते हो..जो हर टाइम दिमाग़ की बत्ती जलती रहती है....यही सोच रहे हो
ना..कि अब गोकुलधाम जाएँगे...

टू बी कंटिन्यूड..........

 
अपडेट 122

रीकॅप :

.पोपट लाल और कोमल के बीच चल रहा था युद्ध...पोपट लाल उस युद्ध में हार गया
और बिना देर लगाए..कोमल के मुँह के अंदर झड गया ... उधर कसीनो में मोहन
लाल के कहने पर सभी जेंट्स ने गेम खेला और उसमे सबने कुछ ना कुछ काय्न्स जीते...

अब आगे.......!!!!!!

आआहह उूुुुुुुुुुउउ ओह...ह्म्‍म्म्ममममममम..आह.
ओह....की आवाज़ें आ रही थी....

ज़रूर .पोपट लाल का ही घर होगा..वही है जिसको आग लगी पड़ी है...
बुलडोज़र जैसे शरीर पे लगा हुआ है....

एयेए अयू ओह आहहहह....... इन आवाज़ों में तो किसी मर्द
की भी आवाज़ है....लेकिन पलंग पे तो सिर्फ़ कोमल दिख रही है....
. हमारा पोपट कहाँ गया......

ओफूओ मेरे दूरबीन का तो ज़ूम इन भी कर दिया पूरा का पूरा...फिर भी नही दिख रहा..
. कहाँ गया भाई..पोपट तू.... कोमल ही कोमल दिख रही है..पलंग पर्र...

आआआआआ....में यहाँ हूँ यहाँ......

अरे ये तो पोपट की आवाज़ है....ज़रा दूरबीन को पलंग की और सेट करें तो...

वाहह जी मिल गया .पोपट लाल......अच्छा जी तो आप यहाँ हैं...हाहहहः..क्या हालत
बना रखी है.....

.पोपट लाल :- आअहह कोमल भाभी . आहह....

ओह्ह जी 69 पोज़िशन में . हुए हैं दोनो.....और कोमल .पोपट लाल का लंड चूस
रही है.....

ओह्ह्ह्ह तेर्रि की...कोमल तो .पोपट लाल का लंड ऐसे चूस रही है..जैसे कोई खाने की
चीज़ हो..पकड़ पकड़ के खिच रही है.......और चूसे जा रही है.....
और अपनी चूत .पोपट लाल के मुँह में दबाई हुई है...जिससे . .पोपट लाल का
चेहरा पूरा ढका पड़ा है.....इसलिए ये नही मिला...

लो जी बताओ..आप सब मेरे दूबीन को कोस रहे .....लेकिन अब कोमल जैसी .पोपट लाल
पे गिरी पड़ी होगी..तो मेरी दूरबीन क्या....दुनिया का कोई टेलिस्कोप नही ढूँढ पाएगा..

कोमल की चूत ने .पोपट लाल की चेहरे को ढक रखा था..जिसकी वजह से .पोपट लाल
की नाक और उसके होंठ सब कुछ उसकी चूत के अंदर था.....बेचारा .पोपट लाल
तो सांस भी नही ली पा रहा था...उसके हाथ कोमल की डबल ट्रॅकर जैसी बस
वाली गान्ड को दबा रहे थे...नीचे कोमल उसके लंड को पागलों की तरह चूस रही थी
जैसे अभी इसका सारा रस पीने के लिए इसे एक कपड़े की तरह निचोड़ देगी....

.पोपट लाल अपना मुँह हिला रहा था और अपने हाथ से कोमल की गान्ड को उपर उठाने
की कॉसिश कर रहा था..लेकिन अब उसकी डबल टोन वजनी वाली गान्ड .पोपट लाल के हाथों
से हिल तक नही रही थी...बेचारा उनन्नगगगगगगगगघह उह्म्म्म्म्म कर रहा था...

काफ़ी देर बेचारा ऐसे ही मचलता रहा....लेकिन कोमल तो टस से मस नही हुई.
वो तो जैसे आज पूरा सोच के आई थी..कि वो .पोपट लाल के साथ पूरे मज़े लेगी..अपने
दिल की चाहत पूरी करेगी..

लेकिन उसको ये सोचना चाहिए था..कि वो किसके साथ अपनी चाहत पूरी कर रही है.....
उसका साइज़ नही देखा..लंड का साइज़ देख के पगल हो गई.....

कुछ देर तक बेचारा .पोपट लाल अपना मुँह चूत के अंदर ही रगड़ता रहा...और वो
कुछ भी नही कर पा रहा था....कोमल ने जब लंड को अच्छी तरह चूस लिया....
तब अपना मुँह बाहर निकाला...और .पोपट लाल के उपर से उतरी....

हाहहहहहहहा हाहहः....अरे यार .पोपट लाल की शक्ल देखो इस वक़्त....हँसी
नही रुक रही मेरी.......किसी मरे हुई कुत्ते की तरफ लग रहा था....आँखें उपर की
तरफ चढ़ि पड़ी थी...फेस पे कोमल की चूत का रस लगा हुआ था..पापड
जैसा नंगा शरीर...पलंग के अंदर और धँस गया था...और लंड तो पूरा लाल
हो गया था..मानो सारा खून उतर आया हो...

कोमल उसकी हालत देख के परेशान हो गयी....वो उसके गाल पे हल्का हल्का थप्पड़ मारने
लगी...पोपट भाई..आप ठीक हो..पोपट भाई....

हाहहहहहा....अरे मेने तो पहले ही . था .पोपट लाल कि मत पंगा ले आग से..
लेकिन बहुत होशियार बन रहा था ना..देख अब क्या हालत हो गई.....हाहहहहा.....

पोपट भाई.....कोमल ने ग़लती से एक . थप्पड़ उसके गाल पे रसीद दिया...

आआआ.....हड़बड़ा.ते हुए....पोपट लाल अपने गाल पे हाथ रख कर..बेड पे
से उठा...और इधर उधर देखने लगा..मानो उसे रात में सूरज दिखाई दे गया हो..

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.......पोपट लालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल.....पोपट लालअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल....

कोमल :- पोपट भाई....आप ठीक है ना..

.पोपट लाल :- कोमल भाभी......ये क्या...आप क्या करना चाहती थी..
उसकी आवाज़ बैठी हुई थी..बेचारा अभी तक सदमे से बाहर नही आया था.....

कोमल :- सॉरी वो आपको होश में लाने के लिए..थोड़ा थप्पड़ तेज़ लग गया...

.पोपट लाल :- कोमल भाभी..थप्पड़ की बात नही कर रहा हूँ...वो आप ऐसे चढ़ गई थी..
मुझे साँस नही आ रहा था..मेने कितनी कॉसिश की..लेकिन आप की गान्ड तो हिल भी
नही रही थी...

कोमल :- सॉरी पोपट भाई..वो क्या है ना...में ज़्यादा उत्साह में थी..कि मेने तो आपके
बारे में सोचा ही नही..

.पोपट लाल :- आपकी उत्साह के चक्कर में आज इस .पोपट लाल की दुनिया हिल नही गयी बल्कि पूरी
की पूरी बिखर गई थी.......

कोमल :- सॉरी पोपट भाई......अच्छा अब टाइम वेस्ट नही करते ... मुझे देर भी हो रही है..
और अब मुझसे रुका भी नही जा रहा है..प्लीज़..

.पोपट लाल :- एक . कोमल भाभी..ज़रा साँस ले लूँ....

.पोपट लाल गहरी गहरी साँस लेने लगता है..उसका ऐसे साँस लेने की वजह से उसकी

अन्तडिया तक दिख रही होती है..उसके पापड जैसे शरीर पे..

कोमल उसकी तरफ देख के गुस्सा हो रही थी...वो .पोपट लाल के कंधे पे हाथ रखती है..
और उसे बेड पे . दे देती है...और उसकी उपर झुक कर...
 
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