desiaks
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दही हंडी का प्रोग्राम बहुत जोरो शॉरो से सोसाइटी कॉंपाउंड में चल रहा था...एक तरफ ढोल नगाड़े बज रहे थे...दूसरी तरफ सब जोश के साथ नाच रहे थे..इधर बारिश ने एक बहुत ही लाज़वाब समा बाँध रखा है....अलग अलग टोली आनी थी आज सोसाइटी में मटकी तोड़ने....
इधर रीता रिपोर्टर अपने केमरामेन के साथ सोसाइटी पहुँच गई थी लाइव दही हंडी का प्रोग्राम टीवी पे दिखाने..
रीता :- दोस्तों स्वागत है आपका कल तक चॅनेल पे मैं रीता रिपोर्टर आज गोकुलधाम सोसाइटी में हूँ जहाँ आज दही हंडी का प्रोग्राम होने जा रहा है...और बस कुछ ही देर में यहाँ अलग अलग टोली आएँगी और इस मटकी को फोड़ने का प्रयास करेंगी...तो चलिए पूछते हैं कुछ सवाल इस सोसाइटी के बुजुर्ग श्री चंपकलाल गाड़ा से...
बापूजी बताइए कैसा लग रहा है आपको ??
बापूजी :- अरी रीता बहुत अच्छा लग रहा है...में तो चाहता हूँ..सब जी जान से इस मटकी को तोड़ने का प्रयास करें..ताकि हम सब को भी मज़ा आए..
फिर थोड़ी ही देर बाद पहली टोली आ जाती है और रीता उन्हे कवर करने चली जाती है....
इधर बारिश की वजह से सब भीग गये होते हैं...सभी लॅडीस भीगने के बाद एक दम अप्सरा लग रही थी...
अंजलि , दया , बबिता , माधवी , रीता , और सबसे ज़्यादा हॉट तो आज रोशन लग रही थी...क्यूंकी उसने ब्रा नही पहनी थी...और ये बात सबसे पहले हमारे सोसाइटी के सेक्रेटरी ने नोटीस करी..
भिड़े :- मन में...क्या बात है आज रोशन भाभी ने ब्रा नही पहनी...कमाल की लग रही है ...हाए चुचे तो देखो सॉफ नज़र आ रहे हैं...और अपने लंड पे हाथ रख कर मसल्ने लगता है जो पहले से ही तन के खड़ा हुआ होता है...
उधर जेठालाल की नज़र तो सिर्फ़ बबिता पर ही थी...उसको तो आज बस बबिता को किसी तरह प्यार करना था..और इस बात का भी ध्यान रखना था कि बबिता जी को बुरा ना लगे..
तारक तो अपनी बीवी को ही ताक रहा था..उसे और किसी से फिलहाल तो अभी मतलब नही था..
पोपटलाल तो माधवी को बहन की तरह मानता है पर नज़र तो उसकी उन्ही पर थी...इधर अब्दुल भी माधवी पर नज़र गढ़ाए हुए था...पता नही दोनो किस सोच में डूबे हुए थे...
तभी पहली टोली आई..और सब अपने विचारों से बाहर आए...और टोली का स्वागत करने लगे...इधर टोली आ चुकी थी और अब मटकी फोड़ने का ट्राइ कर रही थी...
वैसे एक बात और बता दूं..जेठालाल ने अपनी तरफ से आज ठंडई का आयोजन किया था...हाँ ये भी बता देता हूँ..कि उसके प्लान का एक हिस्सा है...
सब लोग ठंडाइ पीके टोली का उत्साह बढ़ा रहे थे....उधर जेठालाल बबिता जी से बात करना चाहता था लेकिन मौका नही मिल रहा था...फिर तारक ने उसे नचाने के लिए बुला लिया..और बिना मन से तारक के साथ नाचने लगा...
इधर अब्दुल और पोपटलाल के दिमाग़ में तो सिर्फ़ आज माधवी घूम रही थी..वो दोनो अभी भी माधवी को ही देख रहे थे...फिर अचानक दोनो ने एक दूसरे की चोरी पकड़ ली..
पोपटलाल :- भाई अब्दुल क्या देख रहा है?
अब्दुल :- कुछ नही पोपट भाई ..सब नाच रहे हैं तो उन्हे हे देख रहा हूँ (उसने घबराते हुए कहा)
पोपटलाल :- सबको देख रहा है या फिर सिर्फ़ माधवी भाभी को देख रहा है..
अब्दुल :- हड़बड़ाते हुए...क्या बोल रहे हो पोपट भाई..
पोपटलाल :- रहने दे रहने दे सब समझता हूँ में....
अब्दुल :- अब समझ जाता है कि पोपटलाल को सब पता चल गया है ... तो अब्दुल अपना डर खोलते हुए...मेरी बात छोड़ो आप भी तो माधवी भाभी को देख रहे हो..
पोपटलाल :- घबराते हुए...क्या बोल रहा है अब्दुल..
अब्दुल :- ज़्यादा नाटक मत कीजिए ... मुझे सब पता है...
पोपटलाल :- सर हिलाते हुए सोचता है..अब्दुल को सब पता चल गया है .. छुपाने का कोई फ़ायदा नही है...फिर बोलता है..ज़रा साइड में चलिए अब्दुल..
और दोनो एक कोने में चले जाते हैं जहाँ शोर थोड़ा कम होता है..
पोपटलाल :- भाई अब्दुल क्या करूँ मुझसे रहा ही नही गया आज माधवी भाभी को देख के मेरा लंड खड़ा हुए जा रहा है...तू किसी को बोलेगा तो नही ना भाई..
अब्दुल :- अरे पोपट भाई कैसी बात कर रहे हो..मेरा भी तो यही हाल है ..मेरा भी लंड खड़ा हो रहा है उन्हे देख के...
ये बात सुन के पोपटलाल खुश हो जाता है और 2 मिनट सोचने के बाद बोलता है.
पोपटलाल :- अब्दुल क्यूँ ना आज हम माधवी भाभी के साथ..तू समझ रहा है ना में क्या कहना चाहता हूँ...
अब्दुल :- पोपट भाई आपने तो मेरी मूह की बात छीन ली...लेकिन कैसे करेंगे...
तभी उधर से इन दोनो को आवाज़ लगाई है...और पोपटलाल बोलता है चल उधर चल के कुछ सोचते हैं और दोनो उधर चले जाते हैं...
जैसे ही पोपटलाल और अब्दुल सब लोगों के पास जाते हैं..और तभी पोपटलाल की नज़र ज़मीन पर गिरी एक पॅकेट पे पड़ती है ..और उसमे जो लिखा होता है...वो पढ़ कर पहले तो पोपटलाल हैरान हो जाता है कि सोसाइटी में ऐसा पॅकेट कहाँ से आया..लेकिन कुछ देर बाद वो खुश हो जाता है..क्यूँ कि उसका प्लान इससे सक्सेसफुल हो सकता है...वो अब्दुल को फ़ौरन आवाज़ लगाता है...
पोपटलाल :- अब्दुल अब्दुल अब्दुल...हमारा प्लान अब सक्सेसफुल हो जाएगा..
अब्दुल :- वो कैसे पोपट भाई ??
पोपटलाल :- ये देख .. और वो पॅकेट अब्दुल को दिखाता है..
अब्दुल :- ये क्या है ??
पोपटलाल :- अरे बेवकूफ़ ये है नशे की दवाई..और ये ऐसी वैसी दवाई नही है..इसे लेने के बाद आदमी को ये भी नही पता होता कि उसके साथ कौन है और उसके साथ क्या किया है...
अब्दुल :- सुन के बहुत खुश होता है....और बोलता है वाहह पोपट भाई आपने तो कमाल कर दिया..पहली बार आपने कोई अच्छा कम किया है..
पोपटलाल :- कॅन्सल कॅन्सल....
अब्दुल :- अब क्यूँ कॅन्सल??
पोपट लाल :- तेरा ये बोलना कॅन्सल कर..और जल्दी से काम पे लग जा..और फिर पोपट लाल सारा प्लान अब्दुल को बता देता है...
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इधर रीता रिपोर्टर अपने केमरामेन के साथ सोसाइटी पहुँच गई थी लाइव दही हंडी का प्रोग्राम टीवी पे दिखाने..
रीता :- दोस्तों स्वागत है आपका कल तक चॅनेल पे मैं रीता रिपोर्टर आज गोकुलधाम सोसाइटी में हूँ जहाँ आज दही हंडी का प्रोग्राम होने जा रहा है...और बस कुछ ही देर में यहाँ अलग अलग टोली आएँगी और इस मटकी को फोड़ने का प्रयास करेंगी...तो चलिए पूछते हैं कुछ सवाल इस सोसाइटी के बुजुर्ग श्री चंपकलाल गाड़ा से...
बापूजी बताइए कैसा लग रहा है आपको ??
बापूजी :- अरी रीता बहुत अच्छा लग रहा है...में तो चाहता हूँ..सब जी जान से इस मटकी को तोड़ने का प्रयास करें..ताकि हम सब को भी मज़ा आए..
फिर थोड़ी ही देर बाद पहली टोली आ जाती है और रीता उन्हे कवर करने चली जाती है....
इधर बारिश की वजह से सब भीग गये होते हैं...सभी लॅडीस भीगने के बाद एक दम अप्सरा लग रही थी...
अंजलि , दया , बबिता , माधवी , रीता , और सबसे ज़्यादा हॉट तो आज रोशन लग रही थी...क्यूंकी उसने ब्रा नही पहनी थी...और ये बात सबसे पहले हमारे सोसाइटी के सेक्रेटरी ने नोटीस करी..
भिड़े :- मन में...क्या बात है आज रोशन भाभी ने ब्रा नही पहनी...कमाल की लग रही है ...हाए चुचे तो देखो सॉफ नज़र आ रहे हैं...और अपने लंड पे हाथ रख कर मसल्ने लगता है जो पहले से ही तन के खड़ा हुआ होता है...
उधर जेठालाल की नज़र तो सिर्फ़ बबिता पर ही थी...उसको तो आज बस बबिता को किसी तरह प्यार करना था..और इस बात का भी ध्यान रखना था कि बबिता जी को बुरा ना लगे..
तारक तो अपनी बीवी को ही ताक रहा था..उसे और किसी से फिलहाल तो अभी मतलब नही था..
पोपटलाल तो माधवी को बहन की तरह मानता है पर नज़र तो उसकी उन्ही पर थी...इधर अब्दुल भी माधवी पर नज़र गढ़ाए हुए था...पता नही दोनो किस सोच में डूबे हुए थे...
तभी पहली टोली आई..और सब अपने विचारों से बाहर आए...और टोली का स्वागत करने लगे...इधर टोली आ चुकी थी और अब मटकी फोड़ने का ट्राइ कर रही थी...
वैसे एक बात और बता दूं..जेठालाल ने अपनी तरफ से आज ठंडई का आयोजन किया था...हाँ ये भी बता देता हूँ..कि उसके प्लान का एक हिस्सा है...
सब लोग ठंडाइ पीके टोली का उत्साह बढ़ा रहे थे....उधर जेठालाल बबिता जी से बात करना चाहता था लेकिन मौका नही मिल रहा था...फिर तारक ने उसे नचाने के लिए बुला लिया..और बिना मन से तारक के साथ नाचने लगा...
इधर अब्दुल और पोपटलाल के दिमाग़ में तो सिर्फ़ आज माधवी घूम रही थी..वो दोनो अभी भी माधवी को ही देख रहे थे...फिर अचानक दोनो ने एक दूसरे की चोरी पकड़ ली..
पोपटलाल :- भाई अब्दुल क्या देख रहा है?
अब्दुल :- कुछ नही पोपट भाई ..सब नाच रहे हैं तो उन्हे हे देख रहा हूँ (उसने घबराते हुए कहा)
पोपटलाल :- सबको देख रहा है या फिर सिर्फ़ माधवी भाभी को देख रहा है..
अब्दुल :- हड़बड़ाते हुए...क्या बोल रहे हो पोपट भाई..
पोपटलाल :- रहने दे रहने दे सब समझता हूँ में....
अब्दुल :- अब समझ जाता है कि पोपटलाल को सब पता चल गया है ... तो अब्दुल अपना डर खोलते हुए...मेरी बात छोड़ो आप भी तो माधवी भाभी को देख रहे हो..
पोपटलाल :- घबराते हुए...क्या बोल रहा है अब्दुल..
अब्दुल :- ज़्यादा नाटक मत कीजिए ... मुझे सब पता है...
पोपटलाल :- सर हिलाते हुए सोचता है..अब्दुल को सब पता चल गया है .. छुपाने का कोई फ़ायदा नही है...फिर बोलता है..ज़रा साइड में चलिए अब्दुल..
और दोनो एक कोने में चले जाते हैं जहाँ शोर थोड़ा कम होता है..
पोपटलाल :- भाई अब्दुल क्या करूँ मुझसे रहा ही नही गया आज माधवी भाभी को देख के मेरा लंड खड़ा हुए जा रहा है...तू किसी को बोलेगा तो नही ना भाई..
अब्दुल :- अरे पोपट भाई कैसी बात कर रहे हो..मेरा भी तो यही हाल है ..मेरा भी लंड खड़ा हो रहा है उन्हे देख के...
ये बात सुन के पोपटलाल खुश हो जाता है और 2 मिनट सोचने के बाद बोलता है.
पोपटलाल :- अब्दुल क्यूँ ना आज हम माधवी भाभी के साथ..तू समझ रहा है ना में क्या कहना चाहता हूँ...
अब्दुल :- पोपट भाई आपने तो मेरी मूह की बात छीन ली...लेकिन कैसे करेंगे...
तभी उधर से इन दोनो को आवाज़ लगाई है...और पोपटलाल बोलता है चल उधर चल के कुछ सोचते हैं और दोनो उधर चले जाते हैं...
जैसे ही पोपटलाल और अब्दुल सब लोगों के पास जाते हैं..और तभी पोपटलाल की नज़र ज़मीन पर गिरी एक पॅकेट पे पड़ती है ..और उसमे जो लिखा होता है...वो पढ़ कर पहले तो पोपटलाल हैरान हो जाता है कि सोसाइटी में ऐसा पॅकेट कहाँ से आया..लेकिन कुछ देर बाद वो खुश हो जाता है..क्यूँ कि उसका प्लान इससे सक्सेसफुल हो सकता है...वो अब्दुल को फ़ौरन आवाज़ लगाता है...
पोपटलाल :- अब्दुल अब्दुल अब्दुल...हमारा प्लान अब सक्सेसफुल हो जाएगा..
अब्दुल :- वो कैसे पोपट भाई ??
पोपटलाल :- ये देख .. और वो पॅकेट अब्दुल को दिखाता है..
अब्दुल :- ये क्या है ??
पोपटलाल :- अरे बेवकूफ़ ये है नशे की दवाई..और ये ऐसी वैसी दवाई नही है..इसे लेने के बाद आदमी को ये भी नही पता होता कि उसके साथ कौन है और उसके साथ क्या किया है...
अब्दुल :- सुन के बहुत खुश होता है....और बोलता है वाहह पोपट भाई आपने तो कमाल कर दिया..पहली बार आपने कोई अच्छा कम किया है..
पोपटलाल :- कॅन्सल कॅन्सल....
अब्दुल :- अब क्यूँ कॅन्सल??
पोपट लाल :- तेरा ये बोलना कॅन्सल कर..और जल्दी से काम पे लग जा..और फिर पोपट लाल सारा प्लान अब्दुल को बता देता है...
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