XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 30 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

बबीता :- जेठा जी...क्या मतलब..

जेठालाल :- वो हुआ यूँ..बब..

अईयर :- कुछ नही बबिता.....वो तो बस ऐसे ही..तुम आओ ना...आओ...

बबीता :- ओके...सो कमोन .. लेट्स गो..

और सभी लॅडीस....अंदर आने के लिए स्वीमिंग पूल की सीडियों के पास चल
देती है..

अईयर :- जेठालाल प्लीज़..बबीता को कुछ मत कहना..

जेठालाल :- चिंता मत करो अईयर भाई..नही बताउन्गा..

अईयर :- थॅंक यू..

जेठालाल अपने मन में...अईयर भाई...में तो नही बताउन्गा..बबीता जी को अपने
आप ही पता चलने वाला है...हहेहेहेः....

एक एक करके सभी लॅडीस पानी में एंटर होती है.....

सभी एक साथ जेंट्स से दूर पानी के अंदर खड़ी होती है.....और एक डुबकी टाइप
लगाती है....और अपना सर पानी के अंदर चली जाती है.....

कुछ सेकेंड तक ऐसे ही रहती है...और फिर बाहर की तरफ आती है...

उफफफफफफफ्फ़....क्या ग़ज़ब की लग रही थी..सब के सब एक से बढ़ कर एक...

सबकी गीली ब्रा उनके चुचों से चिपक गई थी.....

बाल गीले होके चिपके हुए थे...

बबीता अंजलि..और रोशन तो कहर ढा रही थी..

माधवी और रीता....दोनो अपने चुचों के उपर हाथ रख के खड़ी थी...
गीली होने की वजह से उनकी बड़ी ब्रा में से उनके चुचे देखे जा सकते थे...

दया तो नॉर्मल थी..बट उसकी ब्रा कुछ थिन टाइप की थी..इसलिए उसके हल्के
ब्राउन कलर के निपल दिख रहे थे.....
 
माधवी और रीता....दोनो अपने चुचों के उपर हाथ रख के खड़ी थी...
गीली होने की वजह से उनकी बड़ी ब्रा में से उनके चुचे देखे जा सकते थे...

दया तो नॉर्मल थी..बट उसकी ब्रा कुछ थिन टाइप की थी..इसलिए उसके हल्के
ब्राउन कलर के निपल दिख रहे थे.....

अब स्वीमिंग पूल में काफ़ी ज़्यादा लोग हो गये थे...

मतलब पानी कम और लोग ज़्यादा नज़र आ रहे थे...गर्मी अपने पूरे उफान पे आ
चुकी थी....सूरज सर चढ़ के बोल रहा था.....

इसलिए गर्मी से बचने के लिए सभी स्वीमिंग पूल के अंदर थे.....

थोड़ा कार्यक्रम को आगे बदाते हुए.......

महॉल कुछ बदल सा गया......
ऐसा नही कि वहाँ पे हॉटनेस्स ख्तम हो गई थी...

अभी भी एक से एक आइटम वहाँ मौजूद थी...बल्कि और ज़्यादा बढ़ गयी थी..
कचा कच भरा हुआ था पूल...

बस फ़र्क इतना था...कि लोग अलग अलग बँट गये थे..गोकुलधाम के...

और वो कुछ इस प्रकार के थे...

एक तरफ कोने में तारक और सोढी खड़े थे..जो आपस में बात कर रहे थे..

तारक :- भाई सोढी...मज़े तो मोहन भाई के हैं...ऐश ही ऐश...

सोढी :- सही कहा मेहता साब...कोई टेन्षन ही नही है..

तारक :- हाँ...शादी करी है नही...मस्त रिज़ॉर्ट बना रखा है...और देखो
कैसे मज़े लिए जा रहे हैं..कोई रोकने टोकने वाला ही नही है.....

सोढी :- मेहता साब...वो तो है ही..लेकिन देखो साथ में अब्दुल प्रा...
भी लगे हुए हैं...

तारक :- हाँ भाई क्यूँ ना हो..उसकी भी तो शादी नही हुई है...
जो मज़े करे...देखो कैसे उछल रहा है.....

जी ये दोनो इसलिए जल रहे थे मोहन लाल और अब्दुल से..क्यूँ की...

उनके सामने वाली साइड पे...मोहन लाल...एक आजू बाजू...मस्त मस्त एक दम सेक्सी..
गोरी चिटी..पूरी देसी माल.. था...एक राइट साइड..एक लेफ्ट साइड...एक दो आगे...
एक दो अब्दुल के साथ...

सबके सब एक से बढ़ कर एक....छोटी छोटी ब्रा में..अपने चुचे दिखाते हुए..
और चिपक के ऐसे खड़ी थी..जैसे जान बुझ कर अपना दबावा रही हों..

और कुछ तो..कई बार...बार बार.. नीचे पानी के अंदर जाती..थोड़ी देर रहती ..
और फिर बाहर आ जाती...

मेरे ख्याल से पक्का लंड से मज़े ले रही होंगी...हहेहेः...
अक्सर होता है भीड़ भाड़ वाले पूल के अंदर...
 
दूसरी साइड....बबिता...माधवी और दया..को थोड़ी सी स्वीमिंग सीखने की कॉसिश कर रही
थी....

और एक आदमी की नज़र सिर्फ़ बबीता पर अटकी पड़ी थी...

सब ही जानते हैं.....

जेठालाल...ऐज यूषुयल....

जेठालाल ठीक बबीता के सामने...पूल की दीवार से टेक लगा के खड़ा था..
और अपने आप से..

जेठालाल :- बबीता जी...आप तो इस वक़्त जलपरी लग रहे हो...
मुझे भी सीखनी है आपसे स्वीमिंग...

और वो आगे बढ़ने ही लगता है...

उसे एक दम से एक बात याद आती है..

जी हाँ ट्रेन वाली बात...

जेठालाल अपने आप से..

में तो भूल ही गया...मुझे मेहता साब से वो वाली बात करनी है..
कहाँ है मेहता साब...

और वो अपनी गर्दन इधर उधर घुमा के देख लेता है तारक को..

जेठालाल :- वो रहे...चलो चलते हैं...

(बॅक ग्राउंड म्यूजिक......... फ्लश चलने की आवाज़..)

उधर अंजलि और रोशन पानी में स्वीमिंग कर रही थी...

अंजलि तो कयामत ढा रही थी..तैरती हुई....गान्ड पानी के उपर नज़र आ रही थी..

और उसकी तैरने की वजह से वहाँ पूल में खड़े कई लड़कों के तो मज़े ही
आ गये ... बार बार अंजलि का शरीर उनसे टच हो रहा था...
लोग ही इतने सारे थे वहाँ पर.....
 
जेठालाल पहुच जाता है...मेहता साब के साथ...

लेकिन बात कैसे करता..सोढी जो खड़ा था उसके पास.

जेठालाल :- अपने आप से..... ओफू..ये सोढी को कैसे भगाऊ यहाँ से..
आइडिया..

जेठालाल :- ऊ सोढी...तू यहाँ खड़ा है..

सोढी :- क्यूँ जेठा प्रा..यहाँ खड़ा होना मना है..

जेठालाल :- नही भाई....वो उधर रोशन भाभी तुझे याद कर रही है..इसलिए बोला.

सोढी :- ऊ की गल कर रहे हूओ..अभी जाता हूँ..

जेठालाल :- हाँ भाई जा जा...

और सोढी वहाँ से निकल जाता है...रोशन के पास..जानने के लिए....

तारक :- हाँ भाई जेठालाल...कहाँ आग लग गई है इस बार..

जेठालाल :- हाथ जोड़ते हुई...मेहता साब..आप तो ग्यानि महात्मा है...
आपको कैसे पता कि आग लगी है..

तारक :- भाई शक्ल देखी है.. अपनी... 12 बजे हुए हैं..इतनी बड़ी जगह पर भी..
जहाँ आराम से बैठ कर घन्टो आँखें सेक सकते हैं अपनी..

जेठालाल :- मेहता साब...इस बार जो आग लगी है..उसके लिए इस स्वीमनग़ पूल का
पानी भी नही भुजा पाएगा....

तारक :- तो फिर भाई..में कैसे भुजाउंगा..

जेठालाल :- मेहता साब...आप तो मेरे फाइयर बिग्रेड हो..आपको तो भुजानी ही पड़ेगी..

तारक :- लेकिन भाई....हुआ क्या है..वो तो बताओ...

जेठालाल :- हुआ यूँ ट्रेन में...........................

और पूरा हाल बताता है...

(बॅक ग्राउंड म्यूज़िक... तबले जैसी आवाज़...)

तारक जेठालाल की कहानी सुनने के बाद......

तारक :- क्य्ाआआआआआआआअ....
ऑलमोस्ट चौंकते हुए.....

जेठालाल :- ष्ह..आराम से मेहता साब....

तारक :- लेकिन जेठालाल तुम्हे पता है ना..क्या हुआ है..

जेठालाल :- मेहता साब...आप अपना भाषण देना करो..
और कुछ करो..

तारक :- जेठालाल...इस बार तुम्हरी ज़िंदगी में आग नही लगी है...
पूरा का पूरा ज्वाला मुखी फटा है....

जेठालाल :- में सब जानता हूँ मेहता साब....अब आप कृपया कर के..कुछ
सोचिए..

तारक :- ठीक है..रिलॅक्स...तुमने दया भाभी से पूछा कि आप किस की जगह सोई..

जेठालाल :- नही...

तारक :- ले...तो पूछो ना..

जेठालाल :- मेहता साब..दया हज़ारो सवाल करती है..मेरे मुँह से अगर कुछ निकल
गया तो मेरी बॅंड बज जाएगी..
 
तारक :- बॅंड तो तुम्हारी अभी भी बजी ही हुई है....हहे..
सॉरी हाँ...

जेठालाल :- आपको मज़ाक सूझ रहा है...

तारक :- अरे भाई..तुम एक बार पूछ के तो देखो ज़रा..आराम से...ऐसे ही बातों बातों
में पुछोगे तो ध्यान भी नही ज़्यादा देंगी दया भाभी..

जेठालाल :- ठीक है मेहता साब..अगर आप बोल रहे हो तो एक बार पूछ लेता हूँ..
लेकिन मेहता साब...दया की जगह जो कोई और भी है...तो उसने क्यूँ कुछ नही
बोला....

तारक :- ह्म ये बात तो बिल्कुल सही है...एक बार सब फेस पे देखते हैं...किसी के
फेस से कुछ तो पता चेलगा..

जेठालाल :- मेने ट्रेन में वो सब करा..लेकिन तब भी मुझे कुछ नही पता चला..
एक बार आप ट्राइ कीजिए...

तारक :- ह्म ओके..

और फिर तारक बारी बारी से...सबके फेस चेक करता है..
लेकिन किसी के चेहरे पर..कोई भी ऐसे एक्सप्रेशन नही थी...जिससे कुछ पता चल सके..

तारक :- नही जेठालाल....कुछ नही पता चल रहा...
तुम कुछ सोचो...कुछ ऐसा हिंट..जिससे हम पता लगा सकें..कि वो कौन है...

जेठालाल :- मेहता साब..कुछ भी याद नही है ....

तारक :- चलो कोई नही..टेंशन मत लो..ठीक हो जाएगा...
तुम दया भाभी से बात करो...

जेठालाल :- ठीक है मेहता साब......

और जेठालाल दया से मिलने चल देता है.....जो बबीता के साथ थी....

लेकिन जैसे ही वो वहाँ पौच्ाहता है...और बबीता के सामने आता है...
वो सब कुछ भूल जाता है..कि दया से कोई बात करनी है....

जेठालाल :- बबीता जी......

बबीता :- ओह्ह हेलो जेठा जी..

जेठालाल :- बबीता जी...आप आज बहुत अच्छे लग रहे हैं..

बबीता :- ओह्ह थॅंक यू सो मच..

जेठालाल :- तो स्विमंग सिखाई जा रही है...
मुझे नही सिखाएँगी...

बबीता :- ओह्ह क्यूँ नही..आइए..आप भी आइए...
 
उधर अईयर जेठालाल को बबीता के साथ जल फुक गया...

वो फटफट बबीता के पास पहुचता है..

अईयर :- बबीता .. जेठालाल को स्वीमिंग सिखाने की क्या जरूरत है...

बबीता :- व्हाट अईयर?

अईयर :- आइ मीन..जेठालाल तुम क्या करोगे सीख के...तुम्हारी कोई उमर थोड़ी है
स्वीमिंग सीखने की...

जेठालाल :- अईयर भाई सीखने की कोई उमर नही होती...क्यूँ है ना बबीता जी..

बबीता :- यस..अईयर .. जेठा जी ईज़ करेक्ट...

(बॅक ग्राउंड म्यूज़िक ..... आई छोरि.......)

अईयर मन में....ये जेठालाल भी ना..

जेठालाल अपने मन में..अईयर भाई..लगता है अभी भी आपको सबक नही मिला है..
अभी चढ्ढी तो मेने आपकी गायब कर दी है....अब अप क्या अपनी इज़्ज़त का भी
फालूदा करना चाहते हो क्या....

ये क्या जेठालाल के कहने का क्या मतलब...ये चढ्ढी वाला...हाहहः...
क्या इसमे भी कोई जेठालाल की चाल थी...

वी विल सी इन नेक्स्ट अपडेट......
 
जेठालाल बबीता से स्वीमिंग सीखने के लिया आ गया था...और बबिता
उसे सिखाने के लिए तैयार थी...
लेकिन अईयर भाई ना खुश थे....
वो उसे रोकने में लगा हुआ था....

जेठालाल :- बबीता जी... आपको में अभी देख रहा था..आप दया...और माधवी
भाभी..को स्विमंग सिखा रहे थे...
बहुत अच्छा स्विमंग सिखाते हैं आप...

बबीता :- ओह्ह थॅंक यू सो मच जेठा जी..

अईयर :- तुम सीखने में दिमाग़ लगाओ जेठालाल...फालतू बात मत करो..

जेठालाल :- अईयर भाई..आपको ज़्यादा जल्दी है .. तो आप पहले सीख लो...

(बॅक ग्राउंड म्यूजिक...... शेर के दहाड़ने की आवाज़....)

अईयर :- जेठालाल आइ आम साइंटिस्ट.....

जेठालाल :- तो क्या आप अपनी दुकान में...तैरते हैं....हहहहहाः..

बबीता भी हँसने लगती है..

अईयर तो कलप जाता है बुरी तरह......

अईयर :- जेठालाल उसे दुकान नही...लॅब कहते हैं...
और मेरे कहने का मतलब है...कि में साइंटिस्ट हूँ..तो मुझे स्वीमिंग तो आएगी ही..

जेठालाल :- अच्छा ये ज़रूरी है...कि हर साइंटिस्ट को स्विमंग आती है..

अईयर :- हाँ...

जेठालाल :- पक्का आती है...

अईयर :- हाँ भाई..हाँ...तुम्हे कोई प्राब्लम है..

जेठालाल :- अच्छा तो फिर आप कर के आओ....

बबीता :- या ट्त्ट्स दा बेस्ट आइडिया...कमोन अईयर यू स्विम..

अब बज गई अईयर की बॅंड...कैसे करे स्वीमिंग....

स्वीमिंग में तो अपना नीचे वाला शरीर तो उपर करना ही पड़ता है...
अब अईयर कैसे करेगा..हाहहः..

जेठालाल अपने मन में...अईयर इडली..अब मज़ा आएगा...
कर अब स्वीमिंग...

अईयर अपने मन में..
ओफू ये कैसे फस गया में...अब क्या करूँ...

अईयर :- बबिता...में एक मिनट में आया...वो सोढी मुझे बुला रहा है...

जेठालाल :- किधर बुला रहा है....मुझे तो आवाज़ नही आई..

बबीता :- या एग्ज़ॅक्ट्ली मुझे भी नही आई...

जेठालाल तो पूरे मूड में था....आज अईयर की बॅंड बजाने को...

अईयर :- चलता हुआ..वो इशारे से बुलाया..अभी आता हूँ..

और अईयर वहाँ से चला जाता है....
 
जेठालाल अपने मन में.....अईयर एक कची मानुष से टकराया तो चूर चूर
हो जाएगा.....

बबीता :- जेठा जी क्या सोच रहे हैं आप....

जेठालाल अपने आप से बाहर आते हुए.....

जेठालाल :- कुछ नही बबीता जी...
तो अब शुरू करें..

बबीता :- या स्योर..
अच्छा आप पहले अपने दोनो हाथ..आगे की तरफ कीजिए....

और फिर बबीता जेठालाल को स्वीमिंग सिखाने लगती है.....

काफ़ी मेहनत के बाद.....

थोड़ा आगे बढ़ते हैं..देखते हैं जेठालाल कहाँ तक पहुँचे...

जेठालाल के बस हाथ आगे जा रहे थे...पैर उपर नही हो रहे थे...

बबीता :- वेट..में नीचे जाके..आपके पैर उपर करती हूँ...

जेठालाल :- ठीक है बबीता जी..

और फिर बबीता पानी के अंदर चली जाती है...
नीचे जाके जेठालाल का पैर उपर करने लगती है..और पैर उपर करते करते..
जेठालाल का पैर बबीता के चुचों के अंदर घुस जाता है...
एक बार तो बबीता का बुरा हाल हो जाता है..
लेकिन वो अपने आप को संभालते हुए...उपर कर लेती है जेठालाल का पैर....

लेकिन वो जैसे ही पैर उपर करी..जेठालाल आगे से डूब गया...

हाहहहहः...क्या मस्त सीन था....

बबीता :- ओह्ह जेठा जी....ओह..

फिर बबीता उसका पैर छोड़ के....नीचे जेठालाल के पास पानी के अंदर पहुच जाती
है...

अंदर जेठालाल छटपटा रहा था.....
बबीता उसके पास पहुचती है....

जेठालाल हाथ चला रहा था..जब बबीता उसके पास पहुचि..तो उसके हाथ..
बबीता के चुचो पे ज़ोर ज़ोर से लग रहे थे....

बबीता को ऐसा लग रहा था..जैसे कोई उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा हूँ..

जेठालाल आगे बाद के..बबीता को कस के पकड़ लेता है....

बबीता :- जेठा जी...शांत हो जाइए.....

जेठालाल शांत होता है..और देखता है...कि वो किस हालत में था...

जेठालाल का एक हाथ बबीता के एक बूब्स पर था...दूसरा नंगी कमर पे..
और अपनी टाँग..बबीता की टाँग से मिला रखा था...

जेठालाल ऐसी हालत देख के फ़ौरन पीछे हटता है...

बबीता का चेहरा बिल्कुल लाल पड़ा था.....
 
जेठालाल :- सॉरी बबीता जी..वो पता नही चला...

बबीता :- इट्स ओके जेठा जी...
चलिए दुबारा शुरू करते हैं..

जेठालाल :- रहने दीजिए बबीता जी....इस वक़्त हम ऐसे ही मज़े ले लेते हैं..फिर
कभी करेंगे....

जेठालाल का जवाब कुछ दूसरी टोन में था.....
डबल मीनिंग आन्सर दिया था जेठालाल ने...

बबीता :- क्या??

जेठालाल :- मेरा मतलब है..फिर कभी सीख लेंगे स्विमंग..में जब तक आपको देख
लूँ स्विमंग करते हुए..

बबीता ब्लश होते हुए....ओह आप भी ना जेठा जी..

माधवी :- बबीता जी....इधर आइए...

माधवी बबीता को आवाज़ लगाती है...और जेठालाल को बाइ बोल के उधर की तरफ चल
देती है..

जेठालाल अपने मन में....
बबीता जी...आप तो आज अफ़सर लग रही हैं...

वो इसलिए बोला..जब बबीता पीछे मूड के जाने लगी..तो उसकी न्यूड बॅक देख के
जेठालाल का लंड अकड़ गया नीचे से....

तभी जेठालाल को आवाज़ आती है...और जेठालाल पीछे मुड़ता है..

तारक :- जेठालाल बात हुई दया भाभी से..

जेठालाल :- ओफू..भूल ही गया..

तारक :- क्या...जेठालाल तुम भी कमाल हो..इतनी देर से यहाँ खड़े हो..और अभी
तक बात नही की...

जेठालाल :- वो मेहता साब...बबीता जी यहाँ थी..तो

तारक :- बॅस...बबीता जी को देख के...तुम्हारी सिटी पिट्टी गुल हो जाती है..

जेठालाल :- क्या करूँ मेहता साब....
वैसे भी आज गजब की लग रही है...

तारक :- तुम्हारा कुछ नही हो सकता....
 
उधर अंजलि और रोशन खड़े थे......

दूसरी तरफ से किसी की नज़र उन दोनो पर ही थी...

वो आदमी...अंडरग्राउंड....स्विंग करते हुए..उनकी तरफ बढ़ रहा था......

वो दोनो आपस में बातें कर रही थी....

अंजलि की बूब्स पानी के उपर थी...गीले होने की वजह से उसकी
स्किन चिपक रही थी...
रोशन भी कमाल की लग रही थी...उसकी ढीली ब्रा...एक तरफ से हट गई थी..
जिस बात का अंदाज़ा उसे नही था...
और उसके आधे बूबे के दर्शन हो रहे थे...

तभी एक अहह...निकली.......

क्या हुआ अंजलि भाभी.....

जी हाँ ये आहह अंजलि की निकली थी..

अंजलि :- अभी अभी..किसी ने...

रोशन :- किसी ने क्या.

अंजलि धीरे से रोशन के कान में...

अंजलि :- मेरी पुसी को कस के दबा दिया...

रोशन :- क्या....अंजलि भाभी..में अभी किसी को बताती हूँ..

अंजलि :- नही रोशन भाभी...बेकार में तमाशा बनेगा....
और यहाँ इतने सारे जने हैं..पता ही नही चलेगा किसने किया है....

रोशन :- हाँ ये भी ठीक है....अहह ओह.....

अंजलि :- क्या हुआ रोशन भाभी..

रोशन :- अंजलि भाभी..मेरे साथ भी..

अंजलि :- 1 मिनट में नीचे जाके देखती हूँ..

और फिर अंजलि पानी के अंदर देखने की कॉसिश करती है..लेकिन लोगों
के पैरों के अलावा कुछ नज़र नही आता है....

अंजलि बाहर आती हुई..

अंजलि :- कोई नही दिखा रोशन भाभी..

रोशन :- अंजलि भाभी...क्या आपकी भी उसने पुसी..टच की..

अंजलि :- हाँ..बट पैंटी के उपर से..

रोशन :- ऊ कूडीए..मेरी तो ..मेरी तो..

अंजलि :- मेरी तो क्या??

रोशन :- मेरी तो उसने पुसी को बहुत ज़ोर से दबा दिया..

अंजलि :- व्हाट..वो कैसे...

रोशन :- वो मेरी पैंटी थोड़ी लूज है..और पानी की वजह से फूल गई अंदर..
इसी वजह से..

अंजलि :- ओह्ह गॉड..ये क्या हो गया..
रोशन भाभी..हमे चुप रहना है..किसी को नही बातएंगी..कि क्या हुआ
हमारे साथ...
 
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