खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
02-02-2022, 08:13 PM,
#21
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय



मेरी पहली चुदाई की कहानी



भाग 15


तभी जेन उठी और उसने और लूसी को हमारे होने वाले पहले मिलन की बधाई दी तो डायना बोली आप लूसी से ऐसे नहीं मिल सकते आपको हमें कुछ नेग देना होगा तो मैंने ईवा, जेन और डायना को एक-एक अंगूठी नेग के तौर पर दी तो ईवा बधाई देने के बाद चली गयी l जेन मेरे कान में बोली आमिर इस नेग की ज़रूरत नहीं है मैं आपसे अपना नेग वसूल लूंगीl

लूसी ने ईवा को जाते हुए देखा तो बोली सुश्री जेन प्लीज आप यही रुकिए आपने वादा किया था इस समय आप मेरे पास रहेंगी l

मैंने देखा कि लूसी लाल लहंगा-चुन्नी पहनी हुई पलंग पर उसी का इंतज़ार कर रही थी। इसे देखकर शरीर में अधिक उत्तेजना हो उठी, कुछ उत्तेजना तो उसके शरीर में सुहागरात के कमरे में आने से पहले ही थी। मेरा अपने आप पर नियंत्रण खोता जा रहा था, उसकी उत्तेजना सीमा चरम को छूने लगी थी।

कमरे में लूसी दुल्हन बानी उस सुहागसेज पर मेरा इन्तजार कर रही थी फिर मैं सुहागसेज की तरफ़ आगे बढ़ा। लूसी मेरे अभिवादन करने के लिए सेज से उतरने की कोशिश करने लगी। मैंने लूसी को-को बैठे रहने के लिए अनुरोध किया तथा इसके साथ ही थोड़े से फासले पर बैठ गया।

लूसी इस समय घूँघट में अपने मुखड़े को छिपाये लज्जा की प्रतिमूर्ति के सामान बैठी हुई थी। लूसी की इस अदा नाज़ तथा नखरे का मैं दीवाना हो गया था।

फिर मैं थोड़ा सरक कर उससे सटकर बैठ गया तो उसने भी मेरी और थोड़ा सरक कर जैसे मेरा स्वागत किया और जो घूँघट उसने किया हुआ था उसमे उसका सर थोड़ा शर्म के मारे नीचे झुक गया, मैं उसे अपने आलिंगन में ले कर चूमना चाहता था। 'मेरी प्रिये!' मैंने फुसफुसाते हुए कहा, 'तुम बहुत सुंदर और ख़ास हो आई। लव यू लुसी' तुम! ... और तुम सच में इतनी प्यारी और मेरे ऊपर इतना भरोसा करती हो की अपना सर्वस्व मुझे निछावर करने को ततपर हो यहाँ तक की अपना कौमार्य भी आज मुझे समर्पित हो जाएगा! '

लुसी कोमलता से मुस्कुराई और धीरे से सिर हिलाया, उसकी आँखें मुझे प्यार से देख रही थीं। मैंने धीरे से उसका घूंघट हटा दियाl मुँह दिखाई की रस्म को पूरा करते हुए अंगूठी और एक हार, लूसी को दीया और उसे प्यार और कृतज्ञता से चूमा।

घूंघट हटाते ही और वह शर्माने लगी मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मानो कमरे में चांद निकल आया हो। मैंने अपने हाथ से उसकी थोड़ी पकड़ी और चेहरा ऊपर किया तो मेरे वह से बस इतना ही निकला लूसी तुम सच में बहुत सुन्दर हो और वह और ज़्यादा शर्माने लगी। लूसी के लिपिस्टिक से रंगे सुर्ख होठों को देखकर मेरी उत्तेजना और भी बढ़ने लगीl

मैं फुसफुसाया, 'मुझे बताओ, प्रिय, क्या तुम सच में यह चाहते हो? क्या आप वास्तव में ... अपने कौमार्य, को खोने के लिए तैयार हैं?'

मेरे इस सवाल ने शर्म से उसके गाल लाल कर दिए-कुछ पलों के लिए वह चुप रही और मुझे लग रहा था कि वह कैसे कांप रही थी; तब वह गहरी भावना के साथ बहुत धीरे से बोली, 'हालांकि प्रत्येक लड़की अपने जीवन में इस पल का बेसब्री से इंतज़ार करती है। अगर यही सवाल किसी और ने पूछा होता, मैंने एक निश्चित नहीं के साथ मना कर दिया होता ... नहीं! ... नहीं! ... लेकिन आपके लिए, आमिर, मैं कहती हूँ, हाँ! ... और केवल हाँ! ...'

उसका जवाब सुन कर मैं कुछ देर कुछ नहीं बोल पाया मुझे उस पर बहुत प्यार आया और मैंने बस उसके ओंठो पर धीरे से एक किश की और फिर बार-बार उसके होंठ बार-बार चूमने लगा और वह मेरी आँखों में मेरी भावना पढ़ रही थी। मुझे याद आया जेन ने कहा था मेरे सिवा लूसी किसी को कभी भी अपना सर्वस्व नहीं समर्पित करेगी

इसके बाद मुझे केवल एक ही तरह से लुसी के प्यार और विश्वास को पुरस्कृत करने की प्रबल इच्छा हुई की अब मैं उसे अपना बना लू और ज़्यादा कुछ विचार करने की जगह मैं उसे प्यार करून और अपना कौमार्य भी उसको समर्पित कर दू और दोनों अपना कौमर्य एक साथ बलिदान कर परस्पर अद्भुत प्रेम करे और ये भावना बलवती होती चली गयी।

मैंने उसे पहले से कहीं अधिक निकटता से पकड़ अपने से चिपका लिया और उसकी प्यार भरी आँखों में देखते हुए मैंने धीरे से उसे छेड़ते हुए कहा, 'डार्लिंग, क्या, मैं सही समझा हूँ की आप अपने भविष्य की ख़ुशी के लिए स्वतंत्र रूप से मुझे एक लड़की के तौर पर अपने सबसे कीमती खजाने को अर्पण करने के लिए तैयार हैं और इसे बिना किसी झिझक और दबाब के प्रेमवश मुझे देने के लिए उत्सुक हैं। क्या आप मुझे उस ख़ुशी को सुनिश्चित करने के लिए अनुमति दे रही हैं? मेरी प्यारी लुसी, क्या तुम मेरी पहली प्रेमिका बनोगी क्योंकि जैसी तुम अक्षत यौवना हो \ वैसे ही मैं भी तुम्हारी ही तरह कुंवारा हूँ?'

मेरी इस बात ने उसे आश्चर्यचकित कर दिया, आश्चर्य में उसकी आँखें व्यापक रूप से खुलीं; यह स्पष्ट था कि वह अपने कानों पर विश्वास नहीं कर प् रही थी। मैं उसे देखकर मुस्कुराया और फुसफुसाया, 'क्या आप इसे फिर से सुनना चाहोगी? लुसी! मेरे प्रिय, मुझे बहुत ख़ुशी है कि तुम मेरे पहले प्रेमीका बन गयी हो।'

दुबारा यही बात सुन कर उसका आश्चर्य वाला भाव गायब हो गया, इसकी जगह एक अद्भुत मुस्कान आ गई और फिर वह शर्मा गयी उसने एक गहरी सांस ली और उसकी आँखें ख़ुशी के आँसुओं से भर गईं, उसके होंठ कांपते हुए खुले और वह धीरे से फुसफुसाई, 'ओह! आमिर!' और वह मुझसे प्यार से लिपट गई।

मैंने झुक कर उसके होंठ स्पंदन पर नम्रता से चूमा और धीरे से कहा, 'इसका मतलब है कि "हाँ" ... ओह! मेरे प्रिय! ... मेरे प्रिय!' और कुछ देर तक हम चुप रहे, हमारी आँखें एक-दूसरे को देख रही थीं और प्यार और शर्म से झुक रही थीं वह फिर धीरे से मुझे देखती थी और फिर शर्मा कर आँखे झुका लेती थी।

फिर भी एक पल की झिझक के बाद में लुसी एक जिज्ञासु मुस्कान, अर्ध-चिंतित और आधे-उत्सुकता और आग्रह के साथ फुसफुसायी, 'पिया जी! चलो आज की रात, करते हैं?' मैं उसकी बात सुन कर मुस्कुराया।

'ये सब व्यवस्था इसीलिए की गयी है मेरी जान, ,' मैंने जवाब दिया, 'डार्लिंग, हमें जेन और डायना के बारे में भी सोचना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ये पूरी व्यवस्था करने के लिए बहुत मेहनत की है और मैंने उसे ख़ुशी से चूम कर बोलै' जानेमन! हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। लुसी एक बार फिर शरमा गयी और मुझे प्यार से वापस चूमने लगी, मैंने जारी रखा ' मेरे प्यारे लुसी! अब तुम मेरी बाँहों में आकर प्रेम के रस का स्वाद लो। डार्लिंग मुझे उम्मीद है आप अब इसके बारे में खुश हैं,?

'ये सब व्यवस्था इसीलिए की गयी है मेरी जान, ,' मैंने जवाब दिया, 'डार्लिंग, हमें जेन और डायना के बारे में भी सोचना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ये पूरी व्यवस्था करने के लिए बहुत मेहनत की है और मैंने उसे ख़ुशी से चूम कर बोला' जानेमन! हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।

थोड़ी हिचकिचाहट के साथ लुसी ने कुछ गंभीरता से कहा, क्या मैं आपसे कुछ मांग सकती हूँ इस मौके पर।

मैंने कहा ज़रूर मुझे ख़ुशी होगी अगर मैं आपकी कोई मांग पूरी कर सका।

लूसी बोली 'कृपया मुझे एक बात का वादा करें, आमिर!-कृपया सुश्री जेन और डायना के साथ भी आप दया करके आप अच्छा व्यवहार करेंगे और उन्हें यौन सुख देंगे, मुझे बहुत दुखी होगा अगर मैं उन्हें आपसे योन सुख न मिलने का कारण बनूँगी, वे भी आपसे प्रेम करती हैं और आपके प्रति मेरी जैसी ही प्रबल इच्छा और आवश्यकता रखते हैं। आप मुझसे क्या यह वादा करेंगे, आमिर डार्लिंग?'

मैं उसकी भक्ति से बहुत प्रभावित हुआ मैंने कहा 'मैं उन दोनों को भी अपने साथ रखने का इरादा रखता हूँ और मैं ये स्वेच्छा से वादा करता हूँ, प्रिय,' मैंने ईमानदारी से जवाब दिया। -फिर एक शरारती मुस्कुराहट के साथ मैंने जोड़ा, 'डार्लिंग-सुश्री जेन और डायना आज रात की तरह हमेशा हमारे कमरे में ही रहेंगी और उसके रहने की व्यवस्था साथ वाले कमरों में करेंगे, ताकि वे हमारे साथ चुपचाप आ जाये और यौन क्रिया में शामिल हो जाए और हम सब मिल कर नियमित रूप से सामूहिक आनंद लेंगे, डार्लिंग!'

लुसी मुस्करायी, फिर खुश होते हुए बोली 'ओह आमिर! यह तो बहुत बढ़िया और मजेदार होगा!' लुसी एक बार फिर शरमा गयी और मुझे प्यार से वापस चूमने लगी, मैंने जारी रखा ' मेरे प्यारे लुसी! अब तुम मेरी बाँहों में आकर प्रेम के रस का स्वाद लो। डार्लिंग मुझे उम्मीद है आप अब इसके बारे में खुश हैं,?

'मैं अब पूरी तरह से और पूरी तरह से सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, आमिर,' लुसी ने धीरे से कहा, उसकी आँखें प्यार से भरी हुई थी-'मैं ताउम्र तुम्हारी रहूंगी। मैं आज रात और उसके बाद हमेशा तुम्हारी प्रेमिका बनकर खुश रहूँगी। इसलिए आप मेरे साथ जैसा चाहते हैं, वैसा करें!' और वह प्यार और भरोसे से मुस्कराई।

मैंने उसे कृतज्ञता से चूमा और एक मीठा विचार मेरे मस्तिष्क में आया; और एक शरारती मुस्कान के साथ, मैंने कहा, 'ठीक है जैसा तुम कह रही हो मैं वैसा ही करने जा रहा हूँ, प्रिय!'।

'ओह, आमिर!' उसने कहा और मेरी शरारत भरी नियत भांप कर उसने ख़ुद को समेटना चाहा और अपना बचाव करने लगी, उसी समय मैं उसके घबराहट पर थोड़ा मुस्कुरा कर और जिस तरह से मैंने उसकी की बात उस पर डाल कर मैंने उसे मुस्कुराते हुए देखा और अपना एक हाथ उसकी ड्रेस ऊपर करते हुए उसके नंगे घुटनों पर रखा।

'क्या करना चाहते हो, मेरे पिया?' वह घबरा कर भ्रम में फुसफुसायी।

'मैं अपनी प्रेमिका से मिलना चाहता हूँ जिसने अभी-अभी मेरा प्रेम स्वीकार किया है और उसे बधाई देने के लिए,' मैंने झूठ-मूठ से गंभीर होते हुए जवाब दिया-'मुझे पता है कि वह घर पर है और इसलिए आपकी इजाज़त मिले तो मैं उससे मिल लू।'

लुसी मुस्कुराई और सहजता से और धीरे से अपनी जांघों को अलग किया जिससे मेरा हाथ उसकी जांघो पर से होते हुए उसकी योनी तक सुविधापूर्वक जा सके। इस बीच वह मुझे प्यार से भरी आँखों से देख रही थी। मैंने प्रसन्नतापूर्वक अपना हाथ उसकी सुस्वाद जाँघों पर फेरा और फिसलता हुआ टांगो के जोड़ के माध्यम से फिसलकर यह अपने गंतव्य योनि द्वार पर पहुँच गया।

'ओह डार्लिंग!' लुसी गहरी सांसलेते हुए बोली, मेरी उंगलियों ने उसके योनि के दाने को सहलाया और उसने बहुत प्यारी और कुलबुलाहट के रूप में नेरी उंगलियों को महसूस किया।

जहाँ मेरा एक हाथ उसकी योनि पर था वही मैंने दुसरे हाथ से उसकी नज़ाकत भरे लचीले और रसदार खूबसूरत जिस्म को अपने पास खींच लिया-लिया और उसके रेशमी बाल के साथ खेलते हुए उन्हें सहलाया। उसने मेरे गले में अपनी बाहों डाल दी और मेरे ओंठो पर अपने होंठ दबाकर वह मुझे पूरी शिद्दत से चूमने लगी।

मैंने उसके हर जगह गाल, आंख, ठोड़ी और नाक चुंबन किया। उसका चेहरा मेरी लार से दमक रहा था। मैं फिर थोड़ा निचे को गया मैंने उसकी गर्दन और सीने के ऊपरी हिस्से जो क्षेत्र उसके ड्रेस और गहनों के-के साथ कवर नहीं किया गया था वहाँ चुंबन किया। जिससे हम दोनों समान रूप से आकर्षक हो कर उत्तेजित हो गए।

जल्द ही मेरी उंगली ने धीरे से उसकी टाइट योनी के होंठों के बीच और गर्म थिरकने वाले नम भाग के बीच अपना रास्ता बना लिया और अंदर प्रवेश करते हुए उसके कौमार्य की झिल्ली पर पहुँच गया, जिसे मैंने आज रात को भंग करना था। मेरी ऊँगली लूसी की योनि में जो उत्तेजना उत्पन्न कर रही थी उसके कारण वह अपनी टाँगे भींचने लगी तो मैंने धीरे से ऊँगली बहार निकाल ली और उसकी योनि के दाने को छेड़ने लगा और उसे सेक्स के लिए त्यार करने लगा।

ओह, आमिर! ... डार्लिंग! ' मेरी ऊँगली द्वारा उसकी योनि के दाने को छेड़ने की वज़ह से उसका शरीर अनियंत्रित झटके लेने लगा और वह उत्साहपूर्वक अपना शरीर इस तरह से तेजी से हिलाने लगी ताकि उसकी योनि का दाना और तीव्रता से मेरी ऊँगली को स्पर्श करे फिर उसकी टाँगे काम्पी शरीर ऐंठ और उसकी योनि रस से भर गयी और मेरी ऊँगली उसके रस से भीग गयी

आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग में।

आपका आमिर खान l
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02-02-2022, 08:22 PM,
#22
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चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 16


सबसे मजेदार बात ये है कि जिस कारण से मैं लूसी की तरफ़ पहली बार सबसे ज़्यादा आकर्षित हुआ था अभी तक मैंने कुँवारी लूसी के जवान जानलेवा स्तनों को छुआ भी नहीं था। उसका सरल स्वभाव उसकी मासूमियत और भोलेपन ने मुझे मोह लिया था और जब इस तरह से वह पहली बार स्खलित हुई तो उसे कुछ समझ नहीं आया ये क्या हुआ था।

हर अर्थ में लूसी के लिए एक नया अनुभव था क्योंकि न केवल वह एक कुंवारी थी, उसने पहले कभी हस्तमैथुन भी नहीं किया था। उसकी टाँगे पेट और छाती कांपने लगे। उसकी साँसें छिटपुट हो रही थीं और उसकी त्वचा फड़क रही थी। मैंने उसकी क्लिट को छेड़ते हुए उसके होंठो पर मौखिक हमला जारी रखा और उसने अपने होंठों से मेरे होंठो पर-पर दबाव डाला, फिर अलका उसके पहले संभोग सुख की उमंग में चिल्ला उठी! उसका शरीर अकड़ने लगा उसकी साँसे तेज चलने लगी उसके शरीर में एक उफान आया और वह निढाल हो कर मुझ से लिपट गयीl

लुसी ने अपने होंठ मेरे होंठो पर दबाये और बहुत स्वादिष्ट और उत्साही चुंबन करती रही जबकि मैं उसके गुप्तांगो को सहलात रहा। जब वह झड़ गयी तो उसने लंबे समय तक मुझे पकडे रखा और हम दोनों गीले चुम्बन करते रहे उसने नम आंखों के साथ मुझ पर कृतज्ञता व्यक्त की, वह हर्षातिरेक से फुसफुसाई 'ओह, आमिर! यह स्वर्गीय अनुभव था!'

तभी धीमे से जेन उठ कर लूसी के पास आयी और उसे सहलाते हुए बोली मेरी जान अभी तो ये सिर्फ़ शुरुआत है ... अभी तो आगे बहुत सारे अनूठे और शानदार अनुभव तुमको होंगे।

मैंने लूसी को अपनी बाहों में जकड़ लिया, अब डर का कोई मतलब नहीं था, खतरे की कोई भावना नहीं थी औरवो उस स्वतंत्रता में आनन्दित थी, उसने आनंद पूर्ण आहें भरींल ओर्गास्म होने के कारण वह पसीने से भीग गयी हमारे ओंठ जुड़ गए। मैंने पहली बार ड्रेस के ऊपर से उसके बूब्स सहलाये, दबाये और पकड़ लिए मेरा बदन उत्तेजना से तपने लगा था मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया

वो मेरे ऊपर लेटी रही और उसी पोजीशन में उसने मुझ से पुछा क्या मैं आपको अच्छी लगती हूँ? तो मैंने कहा आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं। आपकी मुस्कराहट इतनी अच्छी है के जब आप मुस्क़ुराती है तो आपके चेहरे से नज़र ही नहीं हटती हैl मन करता है आप मुस्कराती रहे और मैं आपको देखता रहूl पहले तो वह थोड़ा शर्मायी फिर वह बोली बस इतना ही!

अब मैंने उसकी तारीफ करनी शुरू कर दी।

लूसी तुम्हे ऊपर वाले ने बड़ी फुर्सत से बनाया है। तुम्हारी कमर, गाण्ड, पीठ, गला, स्तन, चेहरा, ओंठ सब कुछ जिश्म का हर एक हिस्सा शानदार है। 18 साल की उम्र की ऐसी जवान हो तुम जिसमे एक बच्ची और एक औरत भी नज़र आती है। तुम अल्हड सुन्दर गोरी कमसिन तरुण युवती हो जिसके उन्नत उरोज हैंl आपकी फिगर शानदार है और जबसे आपको उस दिन पहली बार जेन के साथ देखा है, तबसे मैं तो आपका दीवाना हो गया हूँ।

वह मेरे चेहरे के पास अपना चेहरा ले आयी और बोली मैं भी तबसे तुम्हें प्यार करती हूँ और ये आपके प्यार और आकर्षण का ही जादू है कि मैं आज आपकी पहली प्रेमिका दुल्हन बन आपकी आगोश में अपना कौमार्य आपको सम्पर्पित करने को ततपर हूँ। मैं कुछ भी कह पाता इससे पहले कि उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया मैंने उसके चुम्बन का जवाब दिया और उसे वापस चूमना शुरू कर दिया।

मैं उसके रस भरे होंठ चूसने लगा।

आगे क्या होने वाला है इस प्रत्याशा में मेरा हथियार अपना विकराल रूप धारण कर चूका था और अंडरवियर के अंदर से मेरे लंड का उभार नज़र आ रहा था और लूसी को चुभने लगा। वह बोली कुछ चुभ रहा है लूसी बोली सुश्री जेन, आमिर मुझे ये ड्रेस और गहने चुभ रहे हैl

फिर मैंने कहा ठीक है लूसी अब आप खड़ी हो जाओ, मैं आपको इस ड्रेस में निहारना चाहता हूँ।

लूसी ने लाल लेहंगा चोली जिसकी कोई लगभग सात महीन परतें थी और उसके ऊपर ढेर सारे गहणे पहने हुए थे और साथ में गजरा और फूलों से शृंगार किये हुए बड़े-बड़े स्तनों वाली स्वर्ग से आयी हुई हूर लग रही थी। उसके ऊपर एक महीन चुनरी जिस पर सोने की नक्काशी की गयी थीो ओढ़ी हुई थी। मेरा लंड उसका ये रूप देख कर बेकाबू हो गया और मैं पूरी तरह से काम रोग से ग्रस्त हो गया था।

दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा, उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर लूसी को दुल्हन के रूप में देख मेरे मुँह से निकला वाह जेन! तुम ठीक कह रही थी रोज़ी वाकई में बहुत सुन्दर है और दुल्हन के रूप में तो बस क्या तारीफ करूँ समझ ही नहीं आ रहा। मेरा लंड फुफकारने लगा था अब मुझ से सब्र नहीं हो रहा।

लूसी बिस्तर के पास शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ़ देख रही थी। उसने सर पर हल्का-सा घूंघट किया हुआ था। उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच नीचे झुका हुआ था। मैंने आगे होकर उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बेड पर ले गया।! उसका नरम गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गयाl लगा वह पायजामा फाड़ कर अभी बाहर आ जाएगा।

मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया लूसी की आँखे बंद थी। बोला मेरी महबूबा अपनी आँखे खोलो और अपने दीवाने प्रेमी को देखो। उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी मैंने उसका ओंठो पर एक नरम-सा चुम्बन ले लिया। वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी।

मैंने फिर उसको अपने से हल्का-सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की। उसकी आँखे बंद थी मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो उसने आँखे खोली और मुस्करायी। मैं फिर तो मैंने उसे चूमना शुरू किया। उसके ओंठ बेहद नरम और गीले थे वह मेरा पूरा साथ दे रही थी।

फिर एक हाथ उसकी छाती पर ले गया और उसे सहलाते हुए उसके मुलायम बदन को महसूस कर रहा था और उसके गोल-गोल बूब्स को सहला दबा रहा था। वह भी मेरी छाती पर अपने हाथ फिराने लगी। मैंने उसकी छाती को कस कर दबाया तो वह मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 35D साईज की चूचीयाँ मेरे सीने से दब गयी।

फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला। तो लूसी ने कहा कि प्लीज धीरे करो बहुत दर्द होता है। फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उसके होठों को चूमता हुआ, नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया। अब जेन भी उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वह सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। मैं उसका पूरा चेहरा गाल नाक माथा आँखे धीरे-धीरे सब चूमते-चूमते चाट गया।

लुसी! मैं तुम्हें नग्न देखना चाहता हूँ। मैंने उससे कहाl

'मुझे डर है कि मुझे इन सभी बटन और डोरिया खोलने के लिए आपकी मदद चाहिए,' सुश्री जेन और डायना ने काफ़ी म्हणत और तकलीफ से बाँधा है उसने कहा मैं भी जल्दबाज़ी में कुछ भी फाड़ना नहीं चाहती ...'तेजी से साँस लेते हुए, लुसी थोड़ी घूमी और मुझे उसकी पतली पीठ को पेश किया।' मुझे अभी तक यह नहीं पता कि इसमें सभी बटन और डोरिया बिल्कुल दुर्गम स्थान पर क्यों हैं! '

'नहीं, यह वास्तव में शर्मनाक होगा,' मैंने स्वीकार किया। 'ऐसा लगेगा जैसे मैंने आप से जबरदस्ती कर दी हो।'

जब मैंने उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए सबसे पहले धीरे से उसकी चुनरी हटा दी। पहली परत थी वह चुनरी जिसने लूसी का पूरा बदन छुपा हुआ थाl उसका चाँद-सा खूबसूरत रूप मेरे सामने था। आज की रात निश्चित रूप से आनंद दायक होगी। मैं तो एकदम से सन्न हो उसे देखता ही रह गया। गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श। गोल मुस्कुरता हुआ शर्म के मारे लाल चेहराl मेरा लंड का तनाव फिर बढ़ने लगा।

ये सभी बटन और डोरिया बिल्कुल दुर्गम स्थान पर हैं ताकि आप इसे ख़ुद न खोल सके मैंने उसे धीरे से सूचित किया और जैसे ही मैंने बटन खोलने शुरू किये तो एक हलकी-सी थरथराहट उसे झकझोर रही थी क्योंकि उसने मेरी उंगलियों के कोमल दबाव को अपनी पीठ पर महसूस किया। इससे पहले कभी भी कोई पुरुष उसके इतने नज़दीक नहीं आया था की वह उसके कपडे उतारे और मेरी उंगलियों को उसने मह्सूस किया। भले ही वह उसके अनुरोध पर था, फिर भी ये हम दोनों के लिए एक चुनौती थी। ' आपका दूल्हा इन सात परतो को धीरे-धीरे और मोहक तरीके से हटाने वाला है। यह हमारी सांस्कृतिक परंपरा है।

ओह बोल कर लूसी ने एक गहरी सांस ली और फिर जैसे उसे इसका मतलब समझ आया तो दुबारा ओह बोलते हुए शर्माने लगी।

मैंने फिर कहा आपको इन परतो को पहनाने के लिए जेन और ईवा का शुक्रिया अदा करना चाहिए क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इन दिनों ज्यादातर लड़कियाँ इस ख़ास परंपरा की ख़ास परवाह करती हैं, ' मैंने लूसी से कहा और दूसरी परत को उसके बदन से अलग कर मैंने उसे नीचे लूसी के पैरो पर गिरने दिया।

दूसरी परत हटने से लूसी की पीठ कंधे, बाजू और गर्दन का कुछ भाग उजागर हो गया और मैंने जो भाग उजागर हो गए थे उन पर किश किया

अब तीसरी परत के अगले बटन आगे की तरफ़ थे तो धीरे से उसके स्तनों को दबाते हुए उसके अगले बटन ढीले करने लगा। अब में लूसी की ड्रेस के ऊपर का हिस्सा खोल कर उसके बूब्स को दबाने लगा था। उसके मांसल बूब्स दबाने से वह सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, मैंने उसकी ड्रेस की तीसरी परत को बिलकुल ढीला कर दिया। तीसरी परत में वक्ष स्थल का कुछभाग और आधे कंधे उजागर हुए और उसकी टखने उजागर हो गए l

मैंने अपनी आँखें मूँद लीं और अपने सफ़ेद दाँतों को भींच लिया क्योंकि रेशम की परत को निकलना मेरे आत्म-नियंत्रण का परीक्षण कर रहा था। उसकी त्वचा रेशम की महीन परत के बीच में से मोतियों के सबसे चमकदार मोती की तरह चमक रही थी और उसके बदन से आ रही गुलाब और बादाम की मीठी-मीठी ख़ुशबू अविश्वसनीय रूप आकर्षक थी। परत ढीली करने के बाद मैंने धीरे-धीरे इस परत को भी हटा दिया और चौथी परत में उसका एक खूबसूरत कंधा पूरा नग्न हो गया और उसकी पिण्डलिया आधी उजागर हो गयी। मैं धीरे-धीरे नग्न हुए भागों को चूमता गया और फिर धीरे से उसकी गर्दन से होते हुए उसकी ठोड़ी को चूमते हुए उसके गुलाबी होठों को चूमने लगा और कुछ देर तक बड़ी शिद्दत से चूमता रहा।

फिर मैंने उसके गालो को चूमा, उसकी शर्मीलापन लिए हुए भोली आँखे प्रत्याशित ख़ुशी के करामाती मिश्रण के साथ चमक रही थी। मैंने फिर उसके नग्न कंधे चूमे, और उन अगली डोरियों को खोलने लग गया, जो पिछली परत को हटाने के बाद उजागर हुए थेl

मैंने इसके बाद इस परत को भी ढीली कर निकाल दिया और उसे नीचे गिरने दिया, पांचवी परत में दूसरा कंधा भी उजागर हो गया और टाँगे घुटनो तक नंगी हो गयी। अब उसके शरीर के ऊपरी हिस्से में उसके स्तन और पेट छुपे हुए थे और उसके कंधे पूरो नग्न हो गए थे। अब मुझे किसी और प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं थी। अगली परत को हटाने से पहले मैंने कंधो से लेकर ओंठो तक चुम्बन की प्रक्रिया को दोहराया।

मैं रुक गया और उसके इस रूप को निहारने लगाl

अब, लुसी इधर-उधर घूमने लगी उसने नोट कर लिया था कि मैं रुक गया हूँ और उसने बेहिचक कहा 'मैं इस में नहीं सोना चाहती'। 'ये पारियाँ वाली पोशाक आपके परिवार के लिए अनमोल हैं। जिस परवाह के साथ वे मुझे पहनाई गयी हैं स्पष्ट है ये पोशाक पारंपरिक हैं और ठोस सोने की कढ़ाई से बनाई गयी हैं।' मैं इसे खराब नहीं करना चाहती l

अब अगली परत में साइड से खोलने पर उसके स्तन लगभग नग्न हो गए और उसकी टाँगे घुटनो के ऊपर तक नग्न हो गयी और उसकी चिकनी जाँघे अब मेरे सामने थी और मैंने उसके पूरे शरीर पर इस बार हाथ फिराया ... पूराबदन एक दम चिकना थाl

अब एक ही परत रह गयी थीl

लूसी ने फ़रमाया, 'लेकिन अब मैं क्या पहन कर सोऊँगी?'

मुझे उसकी ओर देखने के लिए मजबूर होना पड़ा और मैं उसके रूप को देखता हो रह गया। मेरी प्रतिक्रिया देख वह सोचने लगी कही उसने कुछ ग़लत तो नहीं कह दिया। पर मैं उसके रूप में खो-सा गया था। वह बहुत कम कपड़ो में लगभग नग्न अवस्था में वहाँ खड़ी थी क्योंकि ये महीन परत बहुत छोटी थी और बहुत कम अंग छुपा रही थी। उसके बड़े गोल और कड़े स्तनों स्पष्ट थे, उसके गुलाब के रंग के उभरे हुए निप्पल अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। मैंने एक गहरी सांस भरी। ' मैं कहना चाहता था कि इस कमरे में आज रात को कौन सोने वाला है, लेकिन मैं सिर्फ़ इतना ही कह पाया कि मैं तुम्हें कुछ दिलवाऊंगा।

मुझे महसूस हुआ अब वासना मेरे ऊपर हावी हो रही है क्योंकि मेरा लंड अब बिलकुल अकड़ गया था। और मेरे मुँह से एक आह निकलीl

'मुझे खेद है कि मैं आपको परेशान कर रही हूँ,' लूसी ने असहजता के साथ कहाl

लुसी ने मेरे पास आ गयी और मेरे हाथ से जो परत मैंने अभी निकाली थी उसे पकड़ लिया। उसने कहा, "बस प्लीज अब आखिरी वाली को भी निकाल दो फिर मैं तुम्हे परेशान नहीं करूंगी, मैं आपसे वादा करती हूँ ।"

फिर मैं सोचने लगा जिसने भी ये ड्रेस डिज़ाइन की है और इस तरह से सोचा है उस पर क्या प्रभाव हुआ होगा और इस पोशाक का किस तरह का कामुक प्रभाव मेरे पूर्वजो पर पड़ा होगा क्योंकि ये पोशाक तो पारम्परिक है । मुझे ऐसे सोचते देख डायना धीरे से मेरे पास आयी और बोली जब लूसी को ये पोशाक पहना रहे थे तो हमारा भी कुछ ऐसा ही हाल था जैसा आपका अब है अगर हम पुरुष रही होती तो पता नहीं हम क्या कर बैठती लूसी से साथ l

मैंने बड़ी कठिनाई से एक कराह को दबा दिया, मेरा ध्यान उसके स्तनों और उसके नितम्बो के उभारो की और चला गया और मैं उत्तेजना से भर गया। अद्भुत उत्तेजक नज़ारा था। मैं अब आखिरी डोरियों और बटनो के साथ जूझ रहा था और कल्पना करने लगा की अब उसे पकड़ कर बिस्तर पर लिटा कर मुझे इस तरह उत्तेजित करने का क्या परिणाम हुआ है ये उसे बताने का समय अब आ गया है। लेकिन मैं विश्वस्त था कि उसे कोई आभास नहीं था की उसे ऐसे देख कर मेरा क्या हाल हुआ है।

कल मैंने जेन को भी लगभग ऐसे ही अर्धनग्न और फिर नग्न होते हुए देखा था लेकिन लूसी का ये नज़ारा कुछ अलग ही था और इसका प्रभाव अत्यधिक उत्तेजक थाl

मैंने एक बार फिर एक आदमी को ऐसे उत्तेजित करने का परिणाम लूसी को सिखाने के बारे में सोचा और अपना कुरता और पायजामा उतार दिया लेकिन फिर मुझे उससे बहुत शर्मिंदगी हुई क्योंकि मुझे पता था कि वह मुझ पर पड़ने वाले प्रभाव से काफ़ी अनजान थी। मैं भी इससे पहले कभी ऐसी किसी महिला के साथ ऐसी स्थिति में नहीं रहा हूँ जो अपनी मोहक शक्ति के बारे अनजान हो या नहीं जानती हो और पहली बार में, मैंने पाया था कि इश्कबाज़ी और चापलूसी करने का क्या अंजाम हो सकता है, लेकिन फिर अचानक, मुझे उसकी मासूमियत बड़ी चुनौती लग रही थी।

लुसी मेरी ओर घूम गयी, मेरी भारी हो गयी आवाज़ की कठोर धार को उसने पकड़ लिया और मेरी ओर देखते हुए मेरी आँखों की चमक को देखने लगी। 'आमिर ... क्या कुछ गड़बड़ है?' उसने बेबसी से सवाल किया।

'मैं कितना ईमानदार हो सकता हूँ?' आमिर ने पूछा।

'आप हमेशा मेरे साथ ईमानदार रह सकते हैं। वास्तव में, यह मेरे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।'

'भले ही यह आपको शर्मिंदा करे?' मैंने संकेत किया।

'भले ही यह मुझे शर्मिंदा करे,' लूसी ने बिना किसी हिचकिचाहट के पुष्टि की।

तुम इस समय अर्ध नग्न हो और बहुत खूबसूरत हो, 'मैंने सांस ली। मेरा चेहरा वासना जनित उत्तेजना से लाल हो गया।' तुम मुझे लुभा रही हो' और वह चौंकी।

आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग में।

आपका आमिर खान l



कहानी जारी रहेगी
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02-02-2022, 08:24 PM,
#23
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 17



कल मैंने जेन को भी लगभग ऐसे ही अर्धनग्न और फिर नग्न होते हुए देखा था लेकिन लूसी का ये नज़ारा कुछ अलग ही था और इसका प्रभाव अत्यधिक उत्तेजक था। मेरी नज़र उसके पारदर्शी ब्लाउज के पार जाकर उसके चुचकों के देखा तो हाथो से महसूस किया वह उत्तेजना से कठोर हो गए थे उसका झीना ब्लाउज उसके रसदार खरबूजों को ठीक से पकड़ नहीं सका था। लूसी के दोनों कबूतर खुलने के लिए जैसे छटपटा रहे थे।

मैंने उसके ओंठो को किश किया और फिर थोड़ी गर्दन पर किस करते हुए और उसके कंधे को चूमा उसके वक्ष स्थल पर आ गया मैंने उसके क्लीवेज को भी चाटा। वह मेरे कोमल स्पर्श का आनंद ले रही थी और उसके रस भरे यौवन कलशो पर हाथ लेजा कर उन्हें सहला कर महसूस किया। उसके उरोज नरम पर सुदृढ़, गोल, उन्नत और आकर्षक थे।

मैं उसके बूब्स उस आखिरी परत के ऊपर से पूरी मस्ती से धीरे-धीरे सहलाया और फिर दबाया। उसके स्तन पिंजरे में बंद कबूतरों की तरह आज़ाद होने हो तड़प रहे थे। मैंने उनकी तड़प को समझा और हाथ उसकी कमर पर ले जाकर मैंने उसके टॉप की आखिरी डोरियों को खींच कर खोला और खींच कर उसके शरीर से हटा दी। वह मुझे रोकने की कोशिश नहीं कर रही थी बल्कि सहयोग कर रही थी अब मेरी संगनी ऊपर से निर्वस्त्र हो गयी थी। मैंने टॉप के पिंजरे से लूसी की गर्वित पहाड़ियों को बाहर निकाल लिया था। वे सीधे हवा में खड़े थे।

लूसी के स्तन मेरी कल्पना से भी अधिक उठे तथा सुन्दर है। उसके स्तन कोमल हैं। शीर्ष पर गुलाबी निपल्स ने उन्हें और अधिक सुंदर बना दिया।

मैं उसके स्तनों को घूरने लगा तो उसने अपने हाथों से अपने सीने को ढँक लिया। मैंने उसको सिर से पैर तक एक बार फिर अच्छी तरह से देख रहा था। वह एक वास्तव में बहुत सुंदर थी। फिर से मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर दबा दिए। वह मेरे होंठों को अपने अंदर लेने के लिए तैयार थी। हम फिर से एक दूसरे को चुंबन और एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे। हम दुनिया के बाक़ी हिस्सों के बारे में भूल गए।

अब मेरे हाथ उसके स्तनों पर पहुँच गए और उन्हें पहले तो सहलाया फिर हाथ फिरा कर अनारो की गोलाईयों को सराहा फिर स्तनो के नीचे हाथ लेजाकर स्तनों को ऊपर उठाकर कर उनकी दृढ़ता को जांचा। फिर दबा कर उनको नरम और दृढ पाकर एक बार फिर प्यार से सहलाया। । फिर निप्पल पर हाथ फेरा तो उन्हें कठोर पा कर उन्हें मसला तो वह कराह दी। तो उन्हें सहला दिया। मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों स्तन मसल रहा था और फिर चुम्बन तोड़ कर लूसी की आँखों में झाँका तो लूसी भी मुस्कुरा दी।

अब उसके दो शानदार बूब्स मेरी आँखों के सामने दो मस्त निप्पल थे। उसके निप्पल कम से कम 1 इंच लंबे और सख्त खड़े थे। उसके रसीले खरबूजे बहुत सुंदर और आकर्षक थे। मैं झुक और चूमा और उसके दोनों दूध के कटोरो को चूसा।

मैंने उसकी क्लीवेज के बीच के पसीने को चखा। मैंने अपनी लार को वासना की घाटियों के बीच गिरा दिया। मैं ध्यान से उसके पूरे स्तन को चाट और चूस रहा था लेकिन उसके निप्पलों को नहीं छुआ। वह अपने निप्पल मेरे मुँह में देने की कोशिश कर रही थी। मैं उसे और सताना चाहता था।

मैंने उसे अपनी बाहो में भींच लिया और उनसे भी कस के मुझे अपनी दोनों बाहों मे। लूसी को दोनों अनछुए गोल उरोज कस के मेरे सीने से दबे थे और मैं उन्हे और कस के भीच रहा था । बस लग रहा था हम दोनों की धड़कने मिल गयी है।

और उसकी खड़ी चोन्चे सीधे मेरे चौड़े मज़बूत सीने पर चुभ रही थी तो मुझे पहली बार आभास हुआ लूसी भी इस समय उत्तेजित थी और जब मैंने उसके नितंबों को पकड़ के कस के भींचा तो उसके फैली जाँघो के ठीक बीच... मेरा खूंटा उसकी टांगो के ठीक बीच में चला गया और वह बजाय छितकने के मेरे साथ चिपक गयी। मेरी हालत खराब थी।

वह बहुत खूबसूरत थी और यह बहुत कम आश्चर्य की बात थी कि वह जुनूनी थी, मेरे खड़े लंड की चुभन को उसने महसूस किया, लेकिन अभी मैंने ऐसा करने का इरादा नहीं किया था।

मैंने उसे एक हल्का-सा चुम्बन किया और अपनी पकड़ ढीली कर दी। और उसकी ड्रेस की आखिरी परत भी उसके किस करते हुए धीरे-धीरे उतार दी । पर आखिरी परत उतारते ही लूसी की भी आभास हो गया वह अब वस्त्रहीन हो गयी है तो वह मेरे से चिपक गयी।

मैंने उसे धीरे से अलग किसे तो वाह क्या नज़ारा था । शानदार और उत्तेजक

पेड़-सी लंबी, , 5-7 की। पतली पर इतनी पतली भी नही, गोरी। बड़ी-बड़ी आँखे, लंबे सुनहरे बालों, पतली लंबी गर्दन और 36D गोल उठे हुए और तने हुए गुलाबी चूचक जेन और डायना से ज़्यादा विकसित उरोज और पतली कमर और स्लिम बॉडी पर बूब काफ़ी उभरे लगते थे और वही हालत हिप्स की भी थी, भरे भरे। आज के लिए भारी मेकप हल्का-सा काजल, लाल लिपस्टिक और थोड़ा-सा रूज गालो पे, अद्भुत सौंदर्य और कामुक काया की मालकिन अब मेरी हो गयी थी।

उसके गोरे सुन्दर और गर्म बदन ने ही मुझे बहुत उत्तेजित कर दिया था और ऊपर से जब मैं उसको प्यार कर रहा था तब तो मई इ उसको घुमाया उसके सफ़ेद बदन उसके ऊपर उसके सुनहरे बाल और उसके बड़े गोल चूतड़ों उसे ग़ज़ब का सेक्सी बना रहे थे।

फिर जब उसकी पीठ को चूमते हुए तो उसके हिलते हुए चूतड़ों के बीच उसका सुरमई गुदा-द्वार और उसकी झांकती गुलाबी, चिकनी चूत जिसके दोनों होंट आपस में चिपके थे, मेरा लंड पूरा तन गया था और लगा अभी लावा उगल देगा।

इस बीच लूसी का ध्यान भी मेरी शारीरिक सुंदरता की और गया, मेरी बड़े-बड़े मज़बूत कंधों वाला कसरती जिस्म है मेरा रंग गोरा न ज़्यादा दुबला-पतला न ज़्यादा मोटा, हाइट 6 फुट, लंबे पैर वाली काया और काली और बड़ी-बड़ी गहरी-गहरी आँखें और सबसे महत्त्वपूर्ण मनमोहक चहरा जिस पर हर समय मुस्कान रहती है जो चुम्बकीय रूप से लड़कियों का ध्यान मुझ पर खींचती है ।

फिर मैंने उसे देखा, सोने के गहने में उसके पूरे शरीर को घेरे हुए थे। हालाँकि मैंने जानभूझ कर अभी तक कोई भी गहना नहीं उतारा था क्योंकि मैं उसे सिर्फ़ गहने पहना देखना चाहता था । उसने मेरी और ऊपर देखा और शर्म के मारे अपनी आँखे बंद कर ली, उसके गोल भरे और बड़े स्तनों को नुकीले नुस्खों को परिभाषित करने के लिए बेहतरीन सोने के गहनों के खिलाफ धक्का दे रहा थे और यही वह क्षण था जब मैं आखिरकार जो थोड़ा बहुत संयम मुझ में था वह भी हार गया। इस तरह की शक्ति के साथ मुझे कामवासना ने घेरा कि यह वास्तव में उसने मेरी सचेत सोच को मिटा दिया। वह वहाँ थी, जहाँ मैं उसे होना चाहता था और उस पल में, अब ख़ुद को रोक पाना असंभव था ।

मांग में टीका । बालो में चूरामणि, कानो में लटकी सुन्दर बालिया और नाक में बड़ी-सी सुन्दर नथ, पैरों की ऊँगलियों में बिछिया, पैरों में पायल, कमर में करधनी, हाथों की ऊँगलियों में अनेक अंगूठियाँ, हाथो के फूल, कलाई में चूड़ियाँ व कंगन, गले में हार और मटरमाला या चेन। मैं बस उसे देखता ही रह गया।

मैंने उसके हर जगह गाल, आंख, ठोड़ी और नाक चुंबन किया। उसका चेहरा मेरी लार से दमक रहा था। मैं फिर थोड़ा निचे को गया मैंने उसकी गर्दन और सीने के ऊपरी हिस्से जो क्षेत्र पर चुंबन किया।

मैंने कहा लूसी देखो इस मिले जुले उसको नग्न सिर्फ़ गहने पहन देख कर का मुझ पर क्या असर हुआ है देखना चाहोगी! इससे पहले वह कोई उत्तर देती मैंने धीरे से अंडरवियर नीचे उतार दियाl मेरा लंड पूरा 90 डिग्री पर तना हुआ था और फुदक कर सलामी दे रहा था। उसने शर्मा कर फिर अपनी आँखे बंद कर ली।

मैं विश्वास नहीं कर सकता था कि लूसी शर्माती हुई बहुत सुंदर लग रही थी। मैंने कहा प्रिय लूसी अपने प्रेमी को देखो तो उसने धीरे से आँखे खोली। यह पहली बार था जब उसने पुरुष के लिंग को इतने उत्कृष्ट कठोर और प्रकट और विक्रांत रूप में देखा था और उसकी पहली प्रतिक्रिया ईमानदार प्रशंसा थी। जिस तरह से उसकी आँखों अभी भी स्पार्कलिंग थे। मैंने लंड को सहलाया और ऊपरी त्वचा को पीछे किया तो गुलाबी लिंगमुण्ड उजागर हो गयाl मैंने और भी अधिक प्यार में लूसी के हाथ को पकड़ा और अपने लंड पर रख दियाl उसने धीरे से एक बार लंड को हाथ से सहलाया और लंड को छोड़ कर, फिर शर्म के मारे अपने हाथो से अपने चेहरे हो छुपा लिया।

मैंने उससे पुछा कैसा लगा तो वह शर्मा कर बोली आपका तो काफ़ी लम्बा और बड़ा है। मेरी तो दुर्गति कर देगा। मुझे बहुत डर लग रहा है तो जेन ने कहा लूसी घबराओ मत, ये ही तो इस प्यार के खेल का असली औजार हैi यही तुम्हे और आमिर को जन्नत की सैर करवाएगा, इसलिए, बिलकुल मत घबराओ एक बार इस के साथ मजे ले लोगों तो इसके बिना रह नहीं पाओगी, ये सुन कर लूसी धीरे से मुस्कुरा कर मेरे गले लग गयी।

मैंने उसके माथे को चूमा। उसे धीरे से उठाया और मैं उस को बिस्तर पर ले गया और उसे एक पागल आदमी की तरह चूमना शुरू कर दिया।

अब मैंने किश करते हुए और सहलाते हुए धीरे-धीरे उसके सारे गहने उतार दिए बस नथ रहनी दी तो उसने नथ पर हाथ लगा कर इशारा किया नथ तो रह गयी मैंने धीरे से कहा इसे बाद में उतारूंगा तो वह ईवा के शब्द याद करके की नथ उसके कुंवारेपन का प्रतिक है और उसे आज मैं उतारूंगा शर्मा गयी और मुझे उसकी ये डा बहुत प्यारी लगी और मैं उसे चूमने लगा

अब वह मेरे सामने बिलकुल नग्न थी सिर्फ़ नाथ पहने हुए. ऐसा रूप देख कर मेरा अब होने आप पर काबू नहीं रहा। फिर उसने मेरा सर पकड़ा और मेरे ओंठो से अपने ओंठ मिला दिया और हम 10-15.मिनट चुम्बन करते रहे मैंने चुम्बन को तोडा और गर्दन पर चूमते हुए धीरे-धीरे नीचे का रास्ता पकड़ने लगा। जब मैंने उसकी गर्दन पर चूमा तो उसके बदन ने थोड़ा झटका दिया और उसने मुझे कस कर अपने गले लगाया।

जब मैं उसे लिप किस कर रहा था तो वह मेरे बाल कस कर पकड़े हुए थी। मैंने फिर उसके शरीर की पूरी महिमा को सराहा। मैं समझा नहीं सकता कि वह कितनी सुंदर है, नाभि एक ऐसी कुंवारी गुफा की तरह थी जिसका पता लगाया जाना अभी बाक़ी था। उसके शरीर के सभी अंग सुडौल थे उसकी बलखाती कमर स्पॉट पेट और गोल चिकनी नितम्ब और मुझे उसकी गुलाबी चूत दिख रही थी।

मैं धीरे से उस के ऊपर चढ़ गया और उसके होंठो को चूमा तो उसने अपनी बाहो को मेरे चारो और लपेट लिया। हमारे चुंबन अब नरम नहीं थे बल्कि जो उत्तेजना और जोश आ गया था उसके अनुसार ही गर्म से गर्मतर होते जा रहे थे। फिर होंठ थोड़ा खुल गए और हमारी झीभे एक दूसरे के चारों ओर नाच रही थी और दुसरे की होंठ और मुंह में सब जगह घूम रही थी जैसे कुछ खोज रही हो।

मैंने उसके नंगे कंधे को चूम लिया। मैं धीमी गति से चुंबन करते हुए उसकी गर्दन पर चुंबन रोपण किये जिससे लूसी कराहने लगी।

इस तरह मैंने लूसी के नंगे कंधे को चूम लिया। मैं धीमी गति से चुंबन करते हुए उसकी गर्दन पर चुंबन रोपण किये जिससे लूसी कराहने लगी।

मेरे फिसल हाथ लूसी की कमर तक पहुँच गए. क्या चिकनी नर्म और नाज़ुक कमर थी। मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे और उसकी गांड की दरार को मैंने महसूस किया।

"आअह्ह्ह ..." उसकी सिसकी निकल गयी।

मैंने फिर पूछा-क्या तुम तैयार हो?

उसने हाँ में सर हिलाऔर जबसे मैंने आपको देखा है, मेरे तन बदन में आग लगी हुई है।

मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही था-मेरे सपनों की रानी ... मैं तो दीवाना हो गया हूँ।

मैंने हल्की-सी आवाज़ में 'आई लव यू लूसी' कहा और बोला-आपको मालूम नहीं है कि मेरी क्या हालत है। मेरा मन आपको देखते ही बेकाबू हो गया है तुम तो मेरे दिल की मल्लिका हो।

मैं आगे बोला-आपके गुलाबी नर्म गुलाब की पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी! आय लव यू जान! तुम बहुत अच्छी लग रही हो! आज मैं अपनी दुल्हन को प्यार करूंगा और तुम्हारी सील तोड़ दूँगा!

मेरी ऐसी बातों से लूसी पागल हो गयी, उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था। मैंने लूसी को अपनी तरफ़ किया और अपने होंठ लूसी के होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और लूसी के होंठों पर ही टूट पड़ा।

लूसी के सफ़ेद बड़े-बड़े खरबूजे देख कर मेरी तो ज़ुबान रुक गई। मैं लूसी की आधी नंगी चूची को देख कर मस्त होने लगा, मेरा लंड टाइट हो गया।

मैं लूसी की जांघों और नंगी चूची को टच करने की कोशिश करने लगा। लूसी को भी एक्साइटमेंट होने लगा, लूसी भी मेरे सामने ढीली पड़ने लगी, मैं उसे हग करके लूसी की गांड को सहलाने लगा। और मैंने बारी-बारी दोनों चूची को दबा दिया।

फिर मैंने बिना कुछ कहे उठा कर लूसी को अपनी गोद में घसीटा और लूसी के लिपस्टिक से रंगे होंठ बिना लिपस्टिक के कर दिए। लूसी भी मेरे इस चुंबन से पागल-सी हो गई और अपने हाथ मेरी गर्दन पर फिराने लगी। वह मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और मैं भी उसका पूरा-पूरा साथ देने लगा था। मैं उसके बड़े-बड़े सफ़ेद मम्में देख कर पागल हो रहा था जो उत्तेजना से लाल हो रहे थे। उसके चूचुक गुलाबी रंग के थे।

ने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर ज़ोर से दबा दिए और वह सिसकिया लेने लगी अहहह अम्म्म ऊऊऊ मम्मम और वह कहने लगी की और ज़ोर से दबावों। हम दोने की ही पता भी नहीं चला था कि मैंने कब लूसी को नंगी कर दिया। सिर्फ़ नथ रहने दी... नथ मुझे चोदने के लिए उकसाने लगती है ... सिर्फ़ बड़ी नथ में लूसी बहुत सेक्सी लग रही थी

मैंने लूसी पर ध्यान दिया तो पता चला कि वह मेरे ऊपर नंगी बैठी है ... उसने अपने हाथ मेरे सीने पर टिका रखे हैं।

लूसी पूरी नंगी ... गोद में किसी बच्चे की तरह बैठी हुई थी। लूसी का बदन बेहद मुलायम चिकना नर्म और कमसिन था।

मैंने धीरे-धीरे लूसी को पीछे खिसकाया और बिस्तर पर गिरा दिया और ख़ुद लूसी के ऊपर आ गया। मेरे शरीर का पूरा भार लूसी पर था। लूसी ने मेरी लोहे जैसी बाजुओं को पकड़ा और मुझे अपने पर से हटाना चाहा पर नाकामयाब रही। बल्कि जितना वह मुझे हटाती थी, मैं उतना ही लूसी पर लदे जा रहा था।

अंत में उसने हार मान ली और अपने आपको मुझे सौंप दिया।

मैं लूसी के होंठों को चबा रहा था और लूसी के निप्पल को अपने मज़बूत हाथों से नौच रहा था, लूसी ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी जिससे मुझे और जोश आ रहा था।

कुछ देर हम यूँ ही करते रहे!

थोड़ी देर बाद मैं लूसी पर से हट गया तो लूसी ने राहत की सांस ली। फिर मैंने चाकलेट्स उठाई!

लूसी बहुत खुश हो गयी क्योंकि उसे चाकलेट्स बहुत पसंद थी।

मैंने एक चाकलेट का पैकेट फाड़ा, चाकलेट को अपने मुँह में रखा और अपने मुंह को लूसी के मुंह के पास लाया! चाकलेट देख लूसी के मुंह में पानी आ गया और लूसी आगे बढ़ कर मेरे मुंह से चाकलेट खाने लगी। अब मैंने मुंह से सारी चाकलेट अपने और लूसी के मुंह पर लगा दी, मैं लूसी के मुंह पर लगी चाकलेट खाने लगा, लूसी भी मेरे मुंह पर लगी चाकलेट चाटने लगी।

हमने चाट-चाट कर एक दूसरे का मुंह साफ़ किया।

पहले तो मैंने लूसी के गले पर बेतहाशा किस किया और काट कर निशान-सा बना दिया। फिर उसके कंधों पर किस किया और चूस-चूस कर दांत लगा दिए.

वह कराह उठी-आआह्ह ... धीरे करो ... प्लीज काटो मत! निशान पड़ जाएंगे!

पर मैं कहाँ रुकने वाला था ... मैंने दोनों कन्धों पर काट लिया और वहाँ लव बाईट के निशान पड़ गए.

फिर मैं उसके गालों पर टूट पड़ा। उसके गाल बहुत नर्म मुलायम और स्वाद में मीठे थे। वहाँ भी मैंने दांतों से काटा तो वह कराहने लगी-आअह्ह उई ऊह्ह्ह मह्ह मर गयी ... मार डाला ... अअअ प्लीज प्यार से करो ... काटो मत ... दर्द होता है!

और उसकी कराहट से मेरे जोश और बढ़ जाता।

मैं पूरा सेक्स में डूब चुका था, मैं अपने हाथ उसके पीछे ले गया और उसकी मुलायम नर्म पीठ को कस कर पकड़ लिया। कुछ देर बाद मैंने उसे थोड़ा ऊपर किया और लूसी की चुची पर जानवरों की तरह टूट पड़ा। उसके निप्पल जिनको आज तक किसी ने नहीं काटा था, अब मैं उसके दायें निप्पल को चूस रहा था और काट रहा था। फिर मैंने बायें निप्पल को चूसा और काटा और पहली को हाथ से दबोच रहा था। वह बहुत फूल चुकी थी।

मैं बोला-तू बहुत मीठी है, मैं तुझे खा जाऊँगा।

लूसी बोली-अगर खा जाओगे तो कल किसे प्यार करोगे?

लूसी ने मेरा सर पकड़ कर मुझे हटाना चाहा लेकिन मैं टस से मस नहीं हुआ और दोनों चूची को एक साथ चूसने और काटने लगा।

लूसी बहुत चीख रही थी-आआह ... ओमम्म्म ममम ... चाटो ना ज़ोर से, सस्स्सस्स हहा!

और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी।

अब वह ख़ूब सिसकारियाँ भरने लग गई थी, वह 'अहाह ... आहहह ... आहहह ...' कर रही थी। उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी और ज़्यादा सनसनी होने लगी थी। लूसी की आवाज़ गूँज रही थी लेकिन लूसी की मदद को आने वाला वहाँ कोई नहीं था।

मैंने उसे बिस्तर पर चित्त लिटा दिया। मैंने धीरे से उसकी गर्दन को चूसा जिससे लूसी फिर से कराहने लगी। अपने होठों को अलग करते हुए, मैंने उसे उस प्यार से एक छोटे से निशान से लेकर उसके कान के निचले हिस्से तक चूमते हुए उसकी कामुक गर्दन को अपनी जीभ की नोक से गीला कर दिया। उसने धीरे से उसके कानों को चूसा, उस पर अपने होठों से किस किया। फिर अपनी जीभ उसके पूरे कान के बाहरी हिस्से पर घुमाई, फिर जीभ की नोक उसके कान के अंदर गुसाई तो वह फिर इसससस करती हुई कराह उठी और फिर धीरे से उसके कान के नीचे की लटकन को चूसने लग गया।

मैं जो कुछ कर रहा था, उसकी कामुकता पर लूसी हैरान थी। उसका मन नियंत्रण से बाहर हो रहा था और उसका शरीर पहले से ही ख़ुशी की लहर पर सवार था, जिसकी तीव्रता धीमी होने का कोई संकेत नहीं दिखा रहा था। मेरे होठ उसके कान से उसके माथे पर चले गए और फिर मैंने उसकी आँखों में से प्रत्येक पर एक कामुक नरम चुम्बन किया। उसके गाल उसके नाक और फिर उसकी ठोड़ी। लूसी की आँखे बंद थी। जैसे मैं उसे किस कर रहा था उससे उसने अनुमान लगाया के अब मैं उसे ओंठो को किस करूंगा।

बेसब्री से मेरे होठों का अपने होठों का अनुमान लगाते हुए, लूसी ने अपना सिर ऊपर कर लिया ताकि हमारे ओंठ मिल जाए लेकिन मैंने उसके ओंठो पर अपनी कुछ गर्म साँसे छोड़ी जिससे उसे मालूम हो गया मेरे ओंठ उसके ओंठो के ऊपर ही मंडरा रहे हैं, इतना पास के उसे मेरे ओंठो का अनुमान लगता रहे पर किस न हो। हमारी साँसे तेज चल रही थी मेरी गर्म सांसे वह मह्सूस कर रही थी और मैं उसकी गर्म साँसे महसूस कर रहा था।

उसने अपने होंठ अलग किए और मुँह खोला और फिर से अपना सर उठा कर मुझे चुंबन करने की कोशिश की, लेकिन मैंने अपना सर उतना ही पीछा कर लिया जितना उसने उठाया था ताकि ओंठो का चुम्बन उसकी पहुँच से बाहर रहे। वह व्यग्र हो उठी और आँखे बंद रखते हुए बोली"मेरे ओंठो पर चुम्बन कीजिये प्लीज, मेरे ओंठो को क्यों तरसा रहे हो आप, प्लीज, मुझे अपने ओंठ दीजियेl" लूसी ने गुहार लगायी और उसने अपने ओंठ खोलते हुए जीभ को लहराते हुए अपना सर और ज़्यादा ऊपर उठा दिया। वह तड़प उठी थी।

मैं उसकी तड़प को और नहीं देख सका और अपने खुले मुंह को उस के मुँह पर लगाया। अब इस के बाद व्यग्रता के कारण लूसी ने ऐसा तीव्र चुंबन किया जिसकी तीव्रता बहुत अधिक थी। यह किस काफ़ी लम्बा चला ये क्षण सिर्फ़ मेरा और लूसी का था, इस क्षण और कुछ महत्त्व नहीं रखता था, कुछ नहीं और कुछ भी अस्तित्व में नहीं रहा। वह मेरी थी और मैं उसका था। शरीर, मन और आत्मा दोनों एक हो गए।

प्रेम और वासना के साथ दोनों पता नहीं कितनी देर तक एक दुसरे को अपने हाथ और पैर, शरीर के चारों ओर लपेटकर चूमा। कभी मैं ऊपर कभी वह ऊपर बस पागलो की तरह चूमते रहे। लूसी ने अपनी उंगलियों को मेरी नंगी पीठ के ऊपर और नीचे दौड़ाया, धीरे से उसने अपने नाखूनों को नेरी पीठ की त्वचा पर रगड़ दिया। मेरी उंगलियों ने उसकी रेशमी त्वचा को महसूस किया मेरा स्पर्श उसकी निर्दोष चिकनी रेशमी त्वचा जो काफ़ी गर्म थी उसे महसूस कर रहा था।

मैंने हाथ नीचे खिसकाया और धीरे से उसकी गांड को सहलाया। जैसे-जैसे हमारे होंठ और जीभ अपने हमले जारी रखते थे, मेरे हाथ उसकी चिकनी पीठ और उनके कामुक नितम्बो के गालो को ऊपर-नीचे हो रहे थे। मैंने धीरे से अपने हाथों से उसकी गांड को दबाया तो लूसी ने मुझे और भी अधिक आक्रामक तरीके से चुंबन करते हुए जवाब दिया। मैंने उसकी गांड की दरार में अपनी उंगलियाँ फँसा दी और उसकी चूत तक पहुँच धीरे से अपनी उंगली उसके ऊपर चलाई। अपनी उंगली पर गीलेपन का आनंद लेते हुए, उसने उसकी चूत को रगड़ा और अपनी उंगली से उसकी चूत के दाने को दबाया। मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा उसे जैसे करंट-सा लगा और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उसका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया थाl

"ऊह यस।" लूसी कराही और उसने चुंबन तोड़ दिया। उसने वासना भरी आँखों से मुझे देखा और उसे फिर मुझे उतनी ही उत्तेजना से दुबारा चूमा, मैंने अपने जीभ उसके मुँह में सरका दी तो वह मेरी जीभ चूसने लगी। मेरा हथियार अपने पूरे जोश पर था वह भी उसके बदन पर अपने चुम्मे दे रहा था म्यान प्रवेश के लिए मचल रहा था। वह अभी भी अपने हाथों को मेरी पीठ और नितंब पर चला रही थीl

वो हैरान-परेशान ये सब देख रही थी कि मैं अपना हाथ नीचे ले गया और चूत और गांड पर पूरा हाथ फेरा। बिल्कुल मक्खन जैसी चूत और गांड देख कर मैंने कहा-ओह, वाह ... मज़ा आ गया जेन मेरी जान मुझे तुझसे यही उम्मीद थीl ऐसा लगता है जैसे लूसी के बाल आते ही ना हों। तुमने इसके बाल इतने बढ़िया साफ़ करे हैंl यह कहकर मैंने अपने होंठ, लूसी के लबों पर रख दिये और चूसने लगा।

इस बार यह किस कुछ और ही था ... ज़बरदस्त। मैं मुँह में मुंह डाल कर वह किस नहीं कर रहा था बल्कि लूसी को घूंटें भर के पी रहा था।

मैंने अपना हाथ बूर पर रख दिया, लूसी ओह्ह्ह्हह आमीररर कहकर चिहुँक उठी, उसका पूरा बदन थरथरा और गनगना उठा, मेरे को हाथ लगाते ही ये महसूस हुआ कि उसकी बूर तो पहले से ही भट्ठी की तरह जल रही है, मैं मदहोश हो गया इतनी नरम और गरम बूर को छूकर, बूर तो फूलकर अपने सामान्य आकार से काफ़ी ज़्यादा बड़ी हो चुकी थी पर उसका प्यारा-सा नरम-नरम संकरी छेद वैसे ही कसा हुआ था, बूर की फांकें संभोग की आग में गरम होकर जल रही थी। मैं लूसी की

बूर को हथेली में भरकर मीजने लगा, फांकों पर तर्जनी उंगली से दबाने लगा, पूरी बूर का मानो मुआयना कर रहा हो, कभी अपनी बीच वाली उंगली को बूर की दरार में डुबोता तो कभी फांकों को सहलाता।

लूसी का बदन अब थरथराने लगा, उत्तेजना चरम सीमा तक इतनी जल्दी चढ़ जाएगी ये लूसी को विश्वास नहीं था, उसकी बूर नदी की तरह बहकर कामरस छोड़ने लगी।

लूसी हाय-हाय करने लगी, उसको असीम आनद की अनुभूति होने लगी, काफ़ी देर मैं लूसी की बूर को छेड़ता, सहलाता और भींचता रहा, कभी वह दाने को दो उंगलियों से पकड़कर सहलाता, कभी अपनी तर्जनी उंगली दाने पर गोल-गोल घुमाता और फिर कभी उँगलियों से बूर के मदमस्त नरम-नरम छोटे से छेद को छेड़ता। जैसे ही मैं लूसी की बूर के भागनाशे को छेड़ता लूसी बुरी तरह थरथरा जाती, उसका पूरा बदन ऐंठ जाता और उसके मुंह से आहह, ह्ह्ह्हआआईइइइ, उफ़, धीरे-धीरे सिसकारियों के साथ निकलने लगता। लूसी को इतना मज़ा अभी तक कभी नहीं आया था वह तो जैसे जन्नत में पहुँच गयी थी।

नीचे से मैंने अपनी एक उंगली जब लूसी की भीगी चूत में डाली तो वह बेचारी हिल गयी। वह अगले ही पल मैं कबूतर की तरह फड़फड़ाने लगी और मुझ से चिपट गयी। यह देखकर मैंने अपनी उंगली का अगला हिस्सा चूत में घुसा दिया। होंठ अभी होंठों में थे और मैं उसी तरह उसे पी रहा था।

इन 5-7 मिनटों में ही काम के समुन्दर की जिन गहराइयों में वह मुझे ले गयी, मैं वहाँ तक पहले कभी नहीं गया था और लूसी तो अनछुयी हुई थी ही। इसलिए उसके मुंह से एक तेज़ 'ऊंह...' निकली क्योंकि मैंने अपने होठों के शिकंजे से उसके लबों को भींचा हुआ था।

अब इसी तरह वह मेरी मज़बूत बांहों में लेटी रही क्योंकिउसे अब अहसास हो गया था कि प्रतिरोध एकदम व्यर्थ है। उसने अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया और उसमें गुम होने लगी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई सपना हो।

मैं अपनी आधी उंगली चूत में आगे पीछे कर रहा था। एक बार फिर दर्द एक असीम आनंद में बदल गया था। कुछ पलों बाद वह बड़ी तेज़ी से झड़ने की कगार पर पहुँची ही थी कि मैंने अचानक उंगली एकदम बाहर निकाल ली। ऊँगली बाहर निकालते ही उसने होंठों को भी आज़ाद कर दिया।

लूसी के काम रस से मेरी पूरी उंगली काफ़ी पहले ही भीग चुकी थी, अब वह लंड खाकर उसकी जबरदस्त चुदाई से झड़ना चाहती थी। मैंने उंगलियों को अपनी नाक के पास लाके सूंघा और कामरस को चाटने लगा

लूसी ने अपना हाथ वहाँ से हटा लिया और पीठ के बल लेट गयी, उसने महसूस किया कि मैं बड़े चाव से कामांध होकर उसकी बूर का रस चाट रहा हूँ, मैंने तर्जनी उंगली डालकर मक्ख़न निकाला, जैसे ही मैंने तर्जनी उंगली को बूर की दरार में डुबोया, लूसी के मुंह से फिर से एक बड़ी आआह्ह्ह्ह निकल गयी।

महक में सना बूर का मक्ख़न मैं मदहोश होकर चाट गया, फिर लूसी की ही बूर का मक्ख़न अपनी उंगली में लगा के उसके होंठो तक ले गया, लूसी उसकी महक से फिर मदहोश हो गयी और लब खोल दिये, मैंने उंगली उसके मुँह में डाल दी और वह चाटने लगी जैसे बरसों की प्यासी हो, मैं कभी उसके होंठों पर अपनी उंगली से वह रस लिपिस्टिक की तरह लगाता और लूसी जीभ होंठों पर फिरा-फिरा के चाटती तो कभी अपनी पूरी उंगली उसके मुँह में घुसेड़ देता और लूसी लॉलीपॉप की तरह चूसती, ऐसे ही मैंने तीन बार बूर का रस छाता और लूसी को चटाया।

हैरान-परेशान लूसी ने उस समय इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि एक लफ्ज़ भी मुँह से निकाल सके।

कहानी जारी रहेगी

आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग में।

आपका आमिर खान l
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02-02-2022, 08:26 PM,
#24
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 18



अब जेन धीरे से बोली आमिर लूसी को स्तनों को हाथों से दबाओ। मैंने लूसी को स्तनों को पहले आराम से दबाया ... फिर थोड़ी देर बाद ज़ोर से दबाया ... कभी लेफ्ट कभी राइट वाला... ' फिर निप्पल को थोड़ा खींचा और थोड़ा सहलाया। फिर अपनी ज़बान को लूसी के निप्पल पर घुमाया ... फिर मुँह में लेकर चूसा। जितना अन्दर तक हो सके.। उतना मुँह में लिया और दूसरे स्तन को हाथों से दबाता रहा

लूसी के स्तन रुई की तरह की तरह नरम थे। लूसी के स्तनों से साथ खेलने में मज़ा आ रहा था।

वो बीच-बीच में चिल्ला रही थीं कि और ज़ोर से और ज़ोर से दबाओ.।

मेरे दूध चूसने से जल्द ही लूसी मदहोश होने लगीं... वे थोड़ी देर बाद अकड़ गईं। "

ओह, आमिर, "लूसी ने साँस ली, ," ओह, आमिर, तुमने मेरे साथ ऐसा क्या किया है जिसने मुझे इतना प्रभावित किया है? ओह, मैं सिर्फ़ तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ; तुम सबसे योग्य और सबसे प्यारे आदमी हो दुनिया! ओह, तुमने अभी मेरे लिए जो कुछ किया, वह मेरे जीवन में सबसे अधिक ख़ुशी के पल थे ओह, यह प्यारा था! अधिक, आमिर, कृपया? " और वह उसने मुझे चूमाl

तो जेन बोली आमिर अब जल्दी चुदाई शुरू करो l

जेन-आमिर अब तुम लूसी नाभि के साथ खेलो l

मैं लूसी की नाभि में अपनी उंगली डाल उसे किस करने लगा ... उसमें अपनी जीभ डाली । और फिर अपनी जीभ को नाभि में आगे-पीछे किया?


मैं अपनी उंगली लूसी की नाभि में डाल कर खेलने लगा। फिर उस पर हल्के से चाटने लगा... जैसे कुल्हड़ की कुल्फी चाट रहा होऊँ... मैं अपनी जीभ को नाभि में डाल कर आगे-पीछे करने लगा।

लूसी को भी इसमें मज़ा आ रहा था।

उधर मुझे डायना की आहे सुनाई दे रही थी क्योंकि यही काम जेन डायना के साथ कर रही थी और फिर डायना ने भी जेन को चूमना और चाटना शुरू कर दिया l

जेन बोली-आह्ह... डायना थोड़ा रुको । आमिर, लूसी और डायना अब तुम्हें असली काम सिखाने जा रही हूँ। उसे ध्यान से सुनो... आमिर तुम अपनी उंगली से लूसी की चूत के साथ खेलो... वैसे ही जैसे निप्पल के साथ किया था। फिर उसके दाने के साथ खेलो और मेरा हाथ लूसी के दाने पर रख दिया l

' तुम अपनी उंगली को धीरे-धीरे लूसी चूत में अन्दर तक डाल देना जैसी तुमने थोड़ी देर पहले किया था। और हाँ... लूसी कुंवारी है इसलिए सिर्फ़ एक उंगली ही डालना। नहीं तो उसे ज़्यादा दर्द होगा l

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उंगली से ज़ोर जोर से चोदने लगा। पांच मिनट तक तो ऐसे ही उंगली से चोदता रहा। फिर जब चूत ढीली हो गई, वह भी अब बहुत गर्म हो गई थी और बार-बार बोल रही थी-अब डाल दो... रहा नहीं जाता।

मैंने धीरे-धीरे डाल कर आगे-पीछे किया। तब तक करता रहा जब तक मेरी उंगली गीली नहीं हो गयी । उधर जेन धीरे-धीरे लूसी के स्तन सहला रही थी और दुसरे हाथ से मेरे लैंड को भी सहला रही थी और डायना लूसी को किश कर रही थी l

इसके बाद तुम मैंने लूसी की चूत पर हल्के-हल्के चुम्मी करना शुरू दिया और उसके दाने को होंठों से पकड़ कर खेला, फिर अपनी जीभ से मेरी चूत को साफ़ कर दिया और जिस तरह नाभि में जीभ डाल कर आगे-पीछे किया... बिल्कुल उसी तरह चूत में डाल कर किया ... और पानी निकलने के पास आकर रुक गया, इससे लूसी मुझसे चुदाई की भीख मांगने लगी और बोली आमिर प्लीज फ़क में ।

... जेन बोली आमिर अब ये त्यार है तुम अब लूसी की चुदाई कर दो।

अब मैं एक उग्र अवस्था में था-कुछ राहत पाना मेरे लिए नितांत आवश्यक था। मैंने जेन को पकड़ लिया और फुसफुसाया, 'क्या लूसी त्यार है या अभी थोड़ा टाइम लगेगा?'

'अब समय आ गया है कि बेहतर है कि अब कोई इंतज़ार न किया जाए,' उसने कहा।

मैं जेन पर मुस्कुराया और उसे और भी अधिक उग्रता से चूमा। 'तुम बहुत अच्छी हो,' मैंने हुंकार भरी।

'अब,' मैंने कहा ' मैं बहुत उत्तेजित हूँ और मैं भी अब और इंतज़ार नहीं कर सकता " और अब मैं लूसी को उसके कौमार्य से वंचित करने का उत्तम आनंद लेने वाला था।

'अब मुझे लगता है कि आप लूसी को चोदना चाहेंगे!' जेन ने उत्सुकता से कहा। मैंने सिर हिलाया। 'फिर मैं उसके लिए सब कुछ तैयार कर देती हूँ,' उसने कहा कि एक मुस्कान के साथ उसने तौलियेा उठाया और बिस्तर की चदर पर दाग न पड़े इसलिए बिछाने लगी मैंने कहा लेकिन मैं एक संस्मरण के रूप में बिस्तर की चादर को रखना चाहूंगा।

डायना ने लूसी को अपनी बाहो में ले कर सहलाती रही और उसे पीठ पर बिस्तर पर लेटा दिया था-जेन ने एक अंगूठे और तर्जनी के साथ चला बना कर उसने मेरी लंड की उत्तेजना बढ़ा दी और दूसरे हाथ डायना ने मेरी गेंदों पर धीरे से कब्जा कर लिया था।

जेन बोली लूसी अपनी टाँगे खोले और आमिर तुम अब अपना लंड चूत के पास ले आओ फिर जेन ने मेरा लण्ड पकड़ कर पहले लूसी की मेरी चूत पर रगड़ा ... फिर लंड ज़े दाने को दबाया तो लूसी की कराह निकल गयी फिर लण्ड के लाल भाग को लूसी की चूत के ऊपर रख कर मुझे आगे धक्का मारने का इशारा किया पर लंड अंदर नहीं गया क्योंकि हम दोनों इस खेल में उस समय अनाड़ी थे और लूसी की चूत बहुत टाइट थी l

मैंने एक बार फिर कोशिश की लेकिन कोई ज़्यादा फायदा नहीं हुआ l

तो जेन ने इस बार अपनी उंगलिया इस्तेमाल करते हुए चूत की फांको को अलग किया तो लूसी की एक आह निकली और लंड को पकड़ कर लण्ड का जो लाल भाग योनि द्वार पर लगा कर उसे अंदर डालने का इशारा किया और उषा डायना ने मेरे नितम्बो पर हल्का-सा दबाब दिया तो जेन बोली बस थोड़ा-सा बर्दाश्त कर लो पहली बार थोड़ा दर्द होगा, लूसी!

तभी मैंने लूसी की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा। वह उछल पड़ी। तब तक मगर मेरे लण्ड का टोपा चूत में फंस चुका था। मैंने और एक जोरदार धक्का मारा। पूरा कमरा लूसी की चीख से भर गया हाय माँ री ... मर गयी मैं ... जेन बचा ले मुझे!

और मैंने लूसी की चुची को दबाना चालू कर दिया।

फिर जेन ने मुझे रुकने का इशारा किया और देखा की लंड का लाल सूपड़ा अंदर चला गया तो वह लूसी के स्तनों को सहलाने लगी जिससे लूसी थोड़ा शांत हुई ... मुझे भी लंड के सुपाड़ी पर लूसी की टाइट चूत का कसाव मह्सूस हो रहा था मेरा मन हुआ लूसी को चूमने का तो मैं आगे झुक कर उसके ओंठ चूमने लगा, फिर जेन से कुछ देर बाद दुबारा मेरा लंड पकड़ा और मेरे नितम्बो पर थाप दी जो फिर झटका मारने का इशारा था मैंने दूसरा झटका दिया और अपना दो इंच लंड चूत में घुसेड़ दिया। इस बार लूसी पहले से ज़्यादा तेज़ चिल्लाई, लूसी के आंसू निकल आये थे l मैंने फिर एक और ज़ोर से धक्का मारा। इस बार करीब 3 इंच लंड अन्दर घुस गया था। जैसे ही लंड घुसा ... वह बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी-आह ... फट गई ... आहह आआअहह ... प्लीज़ इसे बाहर निकालो ... मैं मर जाऊँगी ... उफ़फ्फ़ आहह आआहह!

उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे लेकिन मैं नहीं रुका। मुझे लगा मेरा लंड उसकी झिल्ली के टकराया था और मैंने अवरोध महसूस किया। मैंने हल्का ज़ोर लगाया लेकिन लंड अंदर नहीं जा रहा था।

लूसी चीखने चिल्लाने लगी-हाअ ... निकालो ... मर गयी मैं!

लेकिन मैं लूसी के अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित था। वह मेरे लिंग को अपनी योनि के दीवारों पर महसूस कर रही थी। मैं अपने लंड को उसकी योनि में भिंचा हुआ महसूस कर रहा था।

अब लूसी पहले से भी ज़ोर से चिल्लाई पर आवाज़ मेरे गले में गयी क्योंकि मेरा मुँह उसके मुँह पर था ओंठ पर ओंठ थे और चीख दब गयी ... पर लूसी ने अपनी टाँगे थोड़ी भींच ली तो जेन ने फिर देखा और बोली शाबाश लूसी और आमिर ... लूसी अब अपनी योनि और टांगो को-को थोड़ा ढीला करो और मन में आमिर के लंड का अपने अंदर स्वागत करो और कुछ देर मैं लूसी को चूमता रहा और उसके स्तनों से खेलता रहा

मैं बिस्तर लुसी के ऊपर लेट कर और फुसफुसाया 'मुझे हम्मरे कौमर्य का आखरी चुंबन करने दो प्रिय लूसी!' ये सुन कर लूसी ने मुझे किस की और उसके साथ ही जेन और डायना ने भी किश की ... ये मेरी और लूसी की आखरी कुंवारी किस थी

फिर जेन ने फिर मेरे नितम्बो पर थाप दे कर इशारा किया तो मैंने हल्का-सा लंड पीछे खींचा और एक जोरदार झटका मारा जिससे मेरा लंड इस बार झिली को चीरता हुआ आधे से ज़्यादा लण्ड लूसी की चूत में चला गया ...लूसी की चीख निकल पड़ी, आमिर आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है अब दर्द से दोहरी लूसी ओह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह ओह जेन कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी। मैंने फिर उसे किस करना शुरू करना और साथ में हाथों से उसके स्तन भी दबाने लगा बोली बहुत दर्द हो रहा है मुझे भी अपनी लंड पर गर्म-गर्म कुछ महसूस हुआ ।

अब वह ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, मुझे नहीं चुदना मुझे मार डाला फि मैं उसे चूमने लगा और जेन और डायना उसे सहलाने लगी और जेन बोली मेरी जान थोड़ा-सा दर्द तो होगा तुम्हे पता ही था अब ऐसे क्यों कर रही हो तो लूसी सुबकते हुए बोली थोड़ा तो मैं सह लेती पर ये तो बहुत ज़्यादा है मुझे लगता है मेरी फट गयी है अपनी मुझ पर रहम करो, आमिर ने ये लोहे की रोड घुसा दी है मेरे अंदर जहाँ आज से पहले कभी मैंने ऊँगली भी नहीं डाली थी,

मैंने उसके गर्दन और कानो पर किस करते हुए उसके होंठ चूसने चालू कर दिए और उषर जेन उसका एक स्तन सहला रही थी तो डायना उसका दूसरा स्तन चूसने और चूमने लग गयी और जेन लूसी के माथे को सहलाने लगी और मैं अपने हाथो से उसके स्तन दबाने लगा

जब वह थोड़ी नॉर्मल हो गयी ... तो मैंने एक झटका और मारा और पूरा अन्दर डाल दिया इस बार उसे थोड़ा-सा ही दर्द हुआ ... मैंने उसके दूध को दबाना चालू रखा ...लूसी की आँखों से पानी आ गया और बोली प्लीज निकाल लो आमिर बहुत दर्द हो रहा है। तो जेन ने नेरी और देखा और मुझे इशारा किया के निकालना मत और दूध को दबाते रहना।

और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया। वह फिर चीखी, फिर 10 मिनट के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा l

लूसी ने अपने होंठ दातों में दबाकर रखे हुए थे।

मैंने लूसी को किस करना चालू किया... साथ ही दूध भी दबाना चालू किए।

लूसी के नॉर्मल होते ही एक करारा झटका और मारा कि मेरा पूरा लण्ड चूत में चला गया।

लूसी मुझे बाहर निकालने को कह रही थीं... पर मैं उनके दूध को चूसने लगा।

करीब 5 मिनट के बाद लूसी नॉर्मल हो गईं।

फिर मैंने धक्का लगाना शुरू किए।

लूसी-और ज़ोर से । और ज़ोर से... फाड़ दे मेरी चूत... आहईई... ऊम्मम्म... ऊऊऊआ आआहह...

लूसी भी कमर उठा-उठा कर चुदा रही थीं 'आहअम्म म्मम्म... ऊऊऊऊह...'

कुछ देर बाद मैंने भी अपना पानी लूसी की चूत में छोड़ दिया।

मेरी पहली चुदाई 20-25 मिनट तक चलीl

लेकिन मैं लूसी के अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित था। वह मेरे लिंग को अपनी योनि के दीवारों पर महसूस कर रही थी। मैं अपने लंड को उसकी योनि में भिंचा हुआ महसूस कर रहा था।

एक बार फिर मैं थोड़ा-सा पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया। मैंने लंड थोड़ा-सा पीछे किया, उठा और फिर से धक्का दिया, ज़्यादा गहरायी तक नहीं पर लगभग आधा अंदर चला गया था। मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिंग को लूसी ने अपनी योनि रस ने भिगो दिया था जिसकी वज़ह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था।

और अगली बार के धक्के में मैंने थोड़ा दबाव बढ़ा दिया। मेरी साँसें जल्दी-जल्दी आ रही थीं। लूसी ने अपनी टांगें मेरे चूतड़ों से और बांहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बों को ऊपर की ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। मेरा लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था मेरा लण्ड हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो लूसी चिल्लाने लगी-दर्द हो रहा है ... मैं मर जाऊँगी।

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया। लूसी की टांगों ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की और कस लिया।

"अम्माह ओह ... मर गयी मैं!" लूसी के मुंह से निकला। लूसी के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गई जैसे ही मेरा 8 इंची गर्म लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया। अन्दर ... और अन्दर वह चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा 8 इंच अन्दर तक चला गया था। लूसी की योनि मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी।

उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दबाव दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चुका था। लूसी भी दर्द के मारे चिल्लाने लगी-आहहह उम्म्ह... अहह... हय... याह... आई उउउइइई ओह्ह बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज इसे बाहर निकाल लो ... मुझे नहीं चुदना तुमसे! तुम बहुत ज़ालिम हो! यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझ में! निकालो इसे ... प्लीज बहुत दर्द हो रहा है ... मैं दर्द से मर जाऊँगी ... प्लीज निकालो इसे!

और लूसी की से आँखों से आंसू की धारा बह निकली। मैं उन आंसुओं को पी गया, बोला-मेरी रानी, बस इस बार बर्दाश्त कर लो, आगे मज़ा ही मज़ा है।

लूसी की चूत बहुत टाइट थी, मुझे लगा मेरा लंड उसमें जैसे फंस गया और छिल गया है। मेरी भी चीखें निकल गयी। हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे-ऊह्ह्हह्ह मर गया ...

मगर मैं उस पर लेट गया और उसको किस करने लगा। मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंबा और मोटा लंड पूरा अन्दर चला गया था। इस बार के झटके से उसकी चीख उसके गले में ही रह गई और उसकी आँखों से तेजी से आँसू बहने लगे। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने सलमा को धीरे-धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला मेरी रानी डर मत कुछ नहीं होगा थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा। मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहाl वह मुश्किल से शांत हो पाई थीl

मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत पर अपने दूसरी ऊँगली से-से उसके क्लाइटोरिस तो सहलाना शुरू कर दिया लूसी गर्म होने लगी l इक मिनट रुकने के बाद मैंने धक्का लगाना शुरू किया... फिर कुछ देर में ही वह भी मेरा साथ देने लगी। मुझे जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा था। मैं लिप्स किस करता रहा । करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही साथ में झड़ गए। दो-तीन झटकों बाद मैंने लण्ड निकाल लिया।

कुछ देर बाद जब हम लोग उठे और चादर को देखा तो उस पर खून लगा हुआ था।

जेन और डायना ने हम दोनों के गले लग कर दोनों को बधाई दी ।

लूसी मुझे बोली मरे पिया मेरे राजा आयी लव यू मैंने भी कहा मेरी रानी आयी लोव यू 2

फिर हम दोनों एक दूसरे को ताबड़तोड़ चूमने लगे, मैंने लूसी के निचले होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूसने लगा, लूसी ने भी मस्ती में आँखें बंद कर ली और अपने राजा के होंठों का आनंद लेने लगी, कभी मैं नीचे वाले होंठों को चूसता तो कभी ऊपर वाले होंठों को चूसता, लूसी भी बेताहाशा सिसकने लगी और आआ ....आहहहह.........उफ्फ्फ .ओओओफ़फ़फ़फ़...हायययय ....करने लगी,

मैं - लूसी, अपनी जीभ निकालो ।

लूसी ने अपनी जीभ बाहर निकाल कर नुकीली बना ली।

मैं ने भी अपनी जीभ नुकीली बनाई और अपनी जीभ के नोक को अपनी लूसी की जीभ के नोक से छुआने लगा. दोनों के जीभ के नोक आपस में छूने से मेरे बदन में झनझनाहट सी होने लगी, लूसी ने अपनी जीभ और कस के बाहर निकाल ली, मैं अपनी जीभ को लूसी की जीभ के किनारे गोल गोल घुमाने लगा, लूसी का पूरा बदन मस्ती में झनझना रहा था, वो भी अपनी जीभ कोमेरी जीभ से लड़ाने लगी, कभी मैं अपनी लूसी की जीभ को मुँह में भरकर चूसने लगता और फिर अपनी जीभ निकाल लेता और फिर लूसी मेरी जीभ को मुँह में भरकर चूसती, कभी दोनों जीभ लड़ाने लगते, माहौल बहुत गर्म होता जा रहा था, लूसी वासना से सराबोर होकर मस्ती में बहते हुए बेकाबू होती जा रही थी, उसकी सिसकियां और कामुक सिसकारियां काफी तेज हो चुकी थी।

काफी देर ऐसे ही जीभ मिलन का खेल खेलने के बाद मैंने अपनी पूरी जीभ लूसी के मुँह में डाल दी और पूरे मुँह में हर तरफ गुमाते हुए अपनी लूसी के मुँह का चप्पा चप्पा जीभ से छूकर चूमने से लगा, लूसी मस्ती में आँखें बंद कर वो तड़पते हुए अपने बदन को ऐंठकर से लिपट गयी, जीभ चुसाई का खेल भी इतना मादक होगा इसका उसे आज से पहले आभास नही था, न ही ऐसा मजा पहले कभी आया था, उसे नहीं पता था कि शरीर के हर अंग के खेल का संभोग में अलग ही मजा है, और, समझ गयी कि उसे मर्द मिला है जिसने उसे अच्छे से चोदकर लड़की से औरत बना दिया है, और अभी आगे पता नहीं क्या क्या होने वाला है.

काफी देर तक मैं लूसी के मुँह में अपनी जीभ डाले मस्ती करता रहा और लूसी मेरी जीभ को मुँह में भरकर पीती रही फिर मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल ली तो लूसी ने अब अपनी जीभ मेरे मुँह में भरकर मस्ती करनी शुरू कर दी, अपनी लूसी की अत्यंत नरम नरम रसमलाई के समान लूसी की नरम मुलायम जीभ को मुँह में भरकर मैं बड़ी तन्मयता से चूसने लगा, काफी देर तक चूसता रहा। अद्भुत आनंद में दोनों खो गए। ये हमारे कुंवारापण खोने के बाद पहली किस थी वह मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गईl

फिर उसके बाद हम दोनों ऐसे ही बार-बार चुदाई करते रहे " मैंने पूरी रात लुसी के साथ बिताईl हम दोनों ने पूरी रात मस्ती करके अपनी वर्जिनिटी भंग करने का जश्न मनाया। हम लगातार आसन बदल-बदल कर चुदाई करते रहे, कभी मैं चुदाई करता तो कभी वह करती रही।

सुबह मैंने उसे चूम कर बोला-लूसी ये मेरा पहला अनुभव बहुत ख़ास था और मैं इसे कभी भूल नहीं पाऊँगा l मुझे जीवन में अब तक ऐसा कुछ नहीं मिला था। और मैं चाहता हूँ तुम हमेशा मेरे से ऐसे ही प्यार करती रहो l

लूसी बोली मैं भी सदा सिर्फ़ आपकी ही रहूंगी l


लूसी के साथ मेरी पहली चुदाई की कहानी को यही विराम देता हूँl


चौथा अध्याय - समाप्त

आगे पढ़िए पांचवा अध्याय
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02-02-2022, 08:28 PM,
#25
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
मजे - लूट लो जितने मिले

पांचवा अध्याय

मजो की दुनिया में मेरे अनुभव


कहानी अब तक 




अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदाl उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

मैंने इमरान से कहाः मैं सारा को तलाक इमरान का इलाज हो जाने के बाद ही दूंगा और तभी इमरान सारा से दुबारा निकाह कर सकेगा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थीl

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात का हुकुम सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी, तो अपनी दूसरी बीवी जरीना की के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई और उसके बाद सारा और ज़रीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।

वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।

वलीमा की रात मैंने सारा और ज़रीना को 4 बार चोदा और उनकी गांड भी मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।

कुछ देर बाद मैं सारा से उसकी तबियत पूछने गया तो वह मुझसे लिपट गयी फिर मुझे चूमने लगी। और कहने लगी मेरा दूल्हा पूरा कसाई हैl फिर मैंने कहा कि कसाई कैसा है? तो आपा ने कहा कि अरे बड़ा जालिम है, लेकिन प्यारा और मस्त है।

सारा कहने लगी ओह आमिर ये तुमने कल क्या कर दिया। मेरी चुत का भुर्ता बना दिया देखो कैसे सूज गयी हैl बहुत दर्द हो रहा है , में मर जाउंगी, आआई रे! मेरे ज़नाज़े का इंतज़ाम कर लो।

मैंने चूत पर हाथ रखा तो वह बिलकुल सूजी हुई थी। उनके लिप्स पर किस किया और कहा आय लव यू! सारा, आपको चोद कर मैं धन्य हो गयाl रोते और सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थी लेकिन मुझसे गुस्सा थी और बोली जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवातीl कोई ऐसे भी अपनी खाला की लड़की को चोदता है। उसकी आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

तभी वहां पर सारा की बहने ज़रीना, नरगिस और आयशा तथा इमरान की बहने दिलिया, अबीर और ज़ारा भी आ गयी और सारा की तबियत पूछने लगी। दिलिया ने मेरे पास आकर मेरे कान में कहा कि पूरी हवेली को रातभर सोने नहीं दिया, ऐसा क्या कर डाला सारा और ज़रीना आपा के साथ? तो मैंने कहा कि मेरी जान जल्द ही तेरी भी यही हालत करूँगा, तो दिलिया ने कहा कि तो कर लेना, आओ तो सही, में चैलेंज देती हूँ तुम हार जाओगे, ज़रीना और सारा आपा तो सीधी थी, मीठी थी, नमकीन और कमसिन का मज़ा तो में ही दूँगी।

पिछली तीन रात जो मैंने सारा और ज़रीना के साथ गुजारी थी और जो जलवा देखा था उसके बाद सोचने लगा अगर सारा ज़रीना मीठी और सीधी थी तो नमकीन कैसी होगी। मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा।

फिर सारी बहने हमसे अपनी सुहाग रात का किस्सा पूछने लगीl तो सारा बोली इनसे क्या शर्मl ये सभी मेरी बहने हैं, और तफ्सील से सुहाग रात का पूरा किस्सा सुनाने लगी। दोस्तों आप पूरा किस्सा "खाला कि चुदाई के बाद आपा का हलाला" भाग १-६ में पढ़ सकते हैं।

लूसी के साथ मेरी पहली चुदाई का वाकया सुन कर सब लड़कियाँ बहुत गर्म हो गयी थीl मेरा भी लंड सलामी दे रहा थाl मैंने सारा और ज़रीना को किस किया।


कहानी जारी रहेगी

आमिर
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03-06-2022, 08:15 AM,
#26
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
मजे - लूट लो जितने मिले

पांचवा अध्याय - वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई

भाग 1


मजो की दुनिया में मेरे अनुभव


मेरी तीसरी दुल्हन दिलिया के साथ सुहागरात. 




तभी अम्मी मेरे कमरे में आयीl अम्मी बोली- सब दुल्हनों को अलग अलग कमरा दे दिया हैl सारा के साथ वाला कमरा दिलिया का हैl

अम्मी बोली- आमिर बेटा, दिलिया तैयार हो रही है, तुम आज दिलिया के पास जाओl लेकिन देखो, ज्यादा शोर मत करना, और चली गयीl

पूरा परिवार अब्बा हज़ूर के दोस्त के बच्चों की शादी में दो दिन के लिए बाहर चला गयाl सारा की तबियत ठीक नहीं थीl घर में कोई ज्यादा लोग नहीं थे तो नौकरों को छुट्टी दे दी, सिर्फ मेरी पहली चुदाई की साथी लूसी, सारा और दिलिया रह गए घर मेंl

जब अम्मी और परिवार वाले चले गए तो घर में मैं सारा लूसी और दिलिया ही रह गए तभी घर के बाहर एक फ़क़ीर बाबा मुझे नजर आये वो बहुत भूखे लग रहे थे तो मैंने उन्हें अंदर बुलाया उनके हाथ पैर और उन्हें पुछा .. तो वो बोलो कई दिनों से भूखा हूँ

तो मैंने उन्हें खाना खिलवाया और फिर उनसे पुछा बाबा आपको और क्या चाहिए ?

तो बाबा बोले थोड़ा सा दूध तो मैंने उन्हें दूध और मिठाईया मंगवा दी

बाबा खा कर खुश हो गए बाबा ने मुझ से मेरा नाम पुछा तो मैंने अपना और सारा और लूसी का परिचय उनसे करवाया और सारा की दुल्हन की तरह सजी हुई देख कर बोले ये तुम्हारी बेगम हैं क्या ?

मैंने कहा जी बाबा अभी हाल ही में मेरा इनके साथ निकाह हुआ है और सारा बोली बाबा आप थोड़ी मिठाई मेवे और पैसे और रुपए अपने पास रख लो तो बाबा बोले खुदा! मेरा निगाहबान है! अब मैं अल्लाह के भरोसे हूँ मेरी जरूरतों का ख्याल वो रखता है !

तो मैंने कहाः बाबा आपको जब भी कुछ चाहिए हो जो बेझिझक यहाँ आ जाईयेगा .. तो बाबा बोले मैं तो घूमता रहता हूँ पता नहीं कब कहा ..का दाना पानी अल्लाह ने लिखा है

फिर मुझे बोले तुम बहुत नेक दिल हो आमिर खुदा तुह्मे अपनी सब नियामते बख्शेगा और . बाबा ने मिठाई का एक टुकड़ा और उस पर एक फल और मेवा रख कर कुछ दुआ की और मुझे दिया और बोले ये तुम्हारे लिए है और बोलै इसे मेरे सामने खा लो .. मैंने वो खा लिया .. फिर उसके बाद कुछ मेवे उठा कर मुझे कुछ दुआ कर के मुझे दे कर बोले आमिर तुम्हे और तुम्हारी बेगमो को इस दुनिया की और जन्नत की सभी खुशिया मिलेंगी और वो भी बहुत जल्दी . ये एक एक मेवा अपनी हर बेगम को खिला देना ..

मैंने उन्हें कुछ और लेने को और रुकने को कहा पर वो रुके नहीं और चले गए ..

मैंने एक एक मेवा लूसी और सारा को खिला दियाl

उसके बाद मैंने वो मेवे सारा को संभाल कर रखने के लिए दे दिए तो लूसी कुछ देर बाद उनको गिन कर बोली आमिर ये तो 72. मेवे हैं ...

सारा बोली- आमिर, आज आप दिलिया की साथ सुहागरात मनायें! मैंने एक मेवा लिया और दिलिया के कमरे में चला गया l

मैं दिलिया के कमरे में पहुंचाl पूरा कमरा ताजे फूलों से सजा हुआ था और बेड पर ढेर सारे फूल थेl मेरी नजरें दिलिया को ढूंढ रही थी और मैं बिस्तर पर बैठ गया, तो लगा कि बिस्तर पर फूलों के बीच कोई हैl

मेरे हाथ को कुछ नर्म नर्म लगा, तो कुछ फूल हटाए, तो वहां फूलों में छुपी हुई दिलिया का चेहरा नज़र आयाl मैंने धीरे से उसके ओंठों को चूमा और धीरे धीरे सारे फूल हटाने लगाl फूलों के बीच दिलिया बिना कपड़ों के सिर्फ जेवर पहन के लेटी हुई थीl

फिर मैं अपने मुँह से एक एक फूल हटाने लगाl सबसे पहले मैंने दिलिया के माथे से फूल हटाए और उसके माथे को धीरे से चूमाl फिर आँखों पर से फूल हटाए और आँखों को चूमा,तो दिलिया ने आँखें खोल दीl उसकी आँखों में एक शरारत थी और वह मुस्करा रही थीl


मैंने और फूल हटाए और उसके नाक फिर उसको गालों को चूमाl उसका नर्म गाल चूमते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी, और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया, और सलामी देने लगाl

मैंने यह तो सोचा था आज दिलिया मिलेगी, पर इस तरह मिलेगी, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा थाl मैंने भी सोचा कि चलो अब दिलिया को ऐसे हो प्यार करूंगाl मेरे ऐसे चूमने से दिलिया की साँसें तेज होने लगीl

उसके बाद मैंने उसके मुँह पर से सभी फूल हटा दिए . मैंने दिलिया को वो मेवा खिला दिया और कहा दिलिया ये मेवा खा लो बाबा ने आर्शीवाद के साथ दिया हैl

उसके बाद मैंने अपने होंठ दिलिया के होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगीl

फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दीl मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह मेरी जीभ को चूसने लगीl फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसाl मैं दिलिया को बेकरारी से चूमने लगाl चूमते चूमते, हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी, और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

जब मैंने अपना मुँह हटाया, तो दिलिया ने अपना सर ऊपर उठा लिया, जैसे कह रहो हो रुक क्यों गए, तो मैंने उसे एक बार और चूमा और उसके बाद उसकी गर्दन को चूमने लगाl दिलिया अपने हाथ हिलाने लगी और मुझे पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगीl मैंने उसके हाथ पकड़ कर फूलों में छिपा दिए और न में गर्दन को हिलायाl

हम दोनों कुछ नहीं बोल रहे थे, तो दिलिया ने आँखें बंद कर अपनी सहमति दीl मैंने उसको होंठों पर एक और किस कर दीl उसके बाद मैंने दिलिया के कंधों से सभी फूल हटा दिए, और कंधों को पहले किस किया, फिर गर्दन का पास दाए कंधे को पहले चूसाl वहां निशान पड़ गया और दिलिया के मुँह के आह निकलीl

मैंने उसकी आँखों में देखा, उसकी आँखें कह रही थी 'प्लीज दर्द होता हैl'

मैंने जहाँ निशान था, वहां धीरे से किस किया और पूरा दाया कन्धा जीभ से चाट लियाl वाह क्या नमकीन स्वाद थाl फिर वैसे ही बायें कंधे को चूमा और चाटाl दिलिया मेरे चूमने से सिहर जाती थीl

उसके बाद मैंने उसके पेट को चूमा और नाभि में अपनी जीभ घुसा दीl दिलिया पानी पानी हो गयीl

उसके बाद दिलिया के सफ़ेद बड़े-बड़े खरबूजे देख कर मेरी तो जुबान रुक गई। जैसे ही फूल हटे दिलिया के आधे नंगे स्तन को देख कर मस्त होने लगा, मेरा लंड टाइट हो गयाl मैं उसके बड़े बड़े सफ़ेद मोमे देख कर पागल हो गया, जो उत्तेजना से लाल हो रहे थेl

मैंने स्तनों को चूमा, पर चूचुक से फूल नहीं हटाया, और स्तनों को जीभ से चाटने लगाl मेरे चूमने से उसका सीना सिहरने लगा और दिलिया उत्तेजना में सर इधर उधर करने लगीll वह सिसकारियाँ लेने लगी 'अह अम्म् ऊऊऊ मम्मम!' और मैंने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर जोर से दबा दिएl

दिलिया की हालात ख़राब हो रही थीl मैं भी पूरा सेक्स में डूब चुका था, मैं अपने हाथ उसके पीछे ले गया, और उसकी मुलायम नर्म पीठ को कस कर पकड़ लिया, और अपने कपड़े भी उतार कर नंगा हो गयाl मेरा लंड तन कर तैयार थाl

फिर मैंने दिलिया के हाथ ऊपर उठा दिए, और उसकी बगलों को किस लिया,और जीभ से चाट लियाl वह सिहर गयीl

फिर मैंने उसकी बाजुओं और फिर हाथों को चूमा और उंगलियों को चाट लियाl फिर मैंने उसके पेट को जहाँ तहाँ चूमा और नाभि पे किस करने के बाद उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसेड़ दीl वो गनगना गयी, वो गर्म से गर्मतर हो रही थीl

फिर मैंने उसकी टांगों से फूलों को हटाया, लिक-किस करके हुए पाँव तक पहुंच गया, और जहाँ जहाँ के फूल हटाता था, वहां किस करता चला गयाl वासना से दिलिया की हालत ख़राब हो चुकी थीl मैंने उसे सब जगह चूमा और चाटा, परन्तु उसकी चूत और चूचुक तो छुए भी नहींl

वह तड़प रही थीl फिर दिलिया ने मेरे सर को पकड़ा और मुँह को चूचुकों के पास ले आयीl उसके चूचुक बिल्कुल कड़े होकर ऊपर को उठ गए थेl कह रहे थे हमें भी किस करो, चूसोl

मैंने और तड़पाना ठीक नहीं समझा, और मुँह से उसके चूचुक पर पड़ी गुलाब की पंखुरियाँ निगल गया. और चूचुक चूसने लगाl उसके चूचुक गुलाबी रंग के थेl मैं दिलिया की चुची पर जानवरों की तरह टूट पड़ा। उसके चूचुक जिन्हें आज तक किसी ने नहीं छुआ था, अब मैं उसके दायें निप्पल को चूस रहा था और काट रहा था। फिर मैंने उसके बायें स्तन को भी फूल हटा कर नंगा कर दिया निप्पल को चूसा और काटा! उसके स्तन एकदम फूल कर सख्त हो गए थे और निप्पल भी कठोर हो ऊपर को तन गए थे।

दिलिया समझ गयी कि अब उसकी चूत की बारी हैl

मैंने उसकी टांगों को पूरा खोल दिया और और उसकी कुंवारी चूत को जबान से लिक करने लगाl फिर धीरे धीरे करके मैंने अपनी पूरी जबान को चूत के छेद में डाल दी और अपनी एक उंगली के ऊपर थूक लगा के मैंने उसकी गांड के छेद में पिरो डालीl मेरी नयी दुल्हन के मुँह से 'इस्स्स्सस!' निकल गयाl मैं आगे से चूत को चाट रहा था और पीछे गांड के छेद को उंगली से चोद रहा थाl

चूत की खुशबू और नमकीन स्वाद से बड़े मजे मिल रहे थे मुझेl

मेरी तीसरी कुंवारी दुल्हन सिसकारी लेती हुई सेक्सी आवाज में बोली- प्लीज! मेरा पिशाब निकलने वाला है, क्या कर रहे है आप?

मैं समझ गया कि उसका लंड खाये बिना ही क्लाइमेक्स होने वाला हैl

और फिर अहो होह आह! करते हुए उसका बदन कांपने लगाl जैसे ही वह झड़ी उसने आनन्द में अपनी आँखें बंद कर लीl उसके चेहरे पर परमान्द के भाव थेl

दिलिया की चूत से इतना पानी निकलाकि मेरा पूरा चेहरा गीला हो गयाl मैंने मुँह को हटाया नहीं और चूत को पूरी तरह से चाट के सारे पानी को चाट भी गयाl

मैं इस तरह उसके जिस्म से करीब एक घंटे खेलाl

और तभी सारा की आवाज़ आयी- अरे इसकी चुदाई तो करो!

और मैंने देखा कि दरवाज़ा जो मैंने खुला छोड़ दिया था उस पर सारा और लूसी खड़ी हमें देख रही थीl

मैंने उसे डांटा तो दिलिया बोली- देखने दो ना, इनसे क्या शर्म?

सारा बोली- दिलिया देख, अब इसी लंड से तेरी भी चूत फटेगीl

दिलिया तेज़-तेज़ साँसें ले रही थी और पागलों की तरह मुझे चूम रही थी।

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। अब दिलिया का खुद के ऊपर काबू नहीं रहा था, वो मेरे लोड़े को हिला के बोली- जल्दी से अपना हथियार डाल दो मेरे अंदर! अब मेरे से रहा नहीं जा रहा हैl

और दिलिया उत्तेजना में भर बोली- फाड़ दो मेरी चूत एक ही झटके में! इस गुफा की झिल्ली अपने हथियार से चीर कर रख दो! और अपनी कजिन की चूत की धज्जियाँ उड़ा दोl चोद दो पटक कर मुझे! और कसम है आपको कि हम पे कोई भी दया मत करनाl

और फिर मैंने उसकी मुलायम झांटों पर अपना लंड टिकाया और फनफनाते हुए लंड से उसकी चूत रगड़ने लगाl दिलिया अपने कूल्हे उछाल उछाल कर मज़े ले रही थीl मैं उसके होंठ चूसने लगा और मैंने अपना औज़ार एक ही झटके में उसकी चूत में दे माराl

एक हल्की सी रुकावट और फिर फचक की आवाज़ से लंड पूरा जड़ तक मेरी कुंवारी दुल्हन की बुर में समा गयाl

और दिलिया की चीख निकल गयी- आईई आहाह आआआआ आईईईई स्स्सस!

मगर गजब की हिम्मत थी उसमेंl अपने हाठों में मेरा चेहरा लेकर चूमते हुए बोली- गज़ब किला फ़तेह किया तुमने आमिर! आई लव यू! बहुत दर्द हुआ लेकिन मुझे गर्व है कि मेरी चूत को तुमने एक ही धक्के में ही फाड़ दियाl अब शांत रहो, कोई धक्का मत मारनाl और मेरे बदन को चूमोl जब मैं अपने चूतड़ उछालूं तो शताब्दी की स्पीड से चोदना और मेरे झड़ने की परवाह मत करनाl मैं पहले ही झड़ चुकी हूँl मेरी फ़िक्र न करते हुए मस्ती से अपना पूरा रस मेरे अंदर ही डाल देनाl मैं आपके बच्चे की माँ आज ही की चुदाई में बनना चाहती हूँl

यह कामुक कहानी चलती रहेगीl



आमिर
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03-06-2022, 08:16 AM,
#27
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
मजे - लूट लो जितने मिले

पांचवा अध्याय - वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई

भाग 2


मजो की दुनिया में मेरे अनुभव

मेरी तीसरी दुल्हन दिलिया के साथ सुहागरात में क्या क्या खेल रचाए. 



मैं लंड से उसकी चूत रगड़ने लगा और अपना औज़ार एक ही झटके में उसकी चूत में दे माराl एक हल्की सी रुकावट पार करने लंड पूरा जड़ तक मेरी कुंवारी दुल्हन की बुर में समा गया, और दिलिया की चीख निकल गयी- आईई आहाह आआआआ आईईईई स्स्सस!

मगर गजब की हिम्मत थी उसमें, अपने हाठों में मेरा चेहरा लेकर चूमते हुए बोली- गज़ब किला फ़तेह किया तुमने आमिर, आई लव यू! बहुत दर्द हुआ लेकिन मुझे गर्व है कि मेरी चूत को तुमने एक ही धक्के में ही फाड़ दियाl अब शांत रहो, कोई धक्का मत मारनाl और मेरे बदन को चूमोl जब मैं अपने चूतड़ उछालूं तो शताब्दी की स्पीड से चोदना और मेरे झड़ने की परवाह मत करनाl मैं पहले ही झड़ चुकी हूँl मेरी फ़िक्र न करते हुए मस्ती से अपना पूरा रस मेरे अंदर ही डाल देनाl मैं आपके बच्चे की माँ आज ही की चुदाई में बनना चाहती हूँl

फिर कुछ देर बाद उसने अपने चूतड़ ऊपर उछाल कर इशारा कियाl मैंने अपने लंड को धीरे धीरे से दिलिया की चूत से बाहर करने की कोशिश चालू कर दी और वो भी 'अह अह्ह येस्स अह्ह्ह येस और आह्ह अह्ह!' करने लगीl

लेकिन दिलिया की चूत मेरे लोड़े को कसने लगी और लण्ड को जकड़ लियाl सच में बता नहीं सकता कि कितना मजा आ रहा था मुझेl ऐसा लग रहा था कि मेरा लण्ड अंदर फंस गया होl मैंने निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन लंड बाहर नहीं निकल रहा थाl

फिर मैंने दिलिया को लिप्स पर किस करना शुरू कर दियाl जब मैं उसके ऊपरी ओंठ चूसता था तो चूत लण्ड को जकड़ने लगती थी और जब निचले ओंठ को चूसता था तो चूत लण्ड को ढीला छोड़ देती थीl जब मैं उसकी जीभ को अपनी जीभ से चूसता था तो चूत लण्ड को अंदर खींचने लगती थी जैसे चूत लण्ड को चूस रही होl

मेरी चीखें निकलने लगी- अह्ह आह येस अह्ह येस्स आह्ह अह्ह आह मजा आ गयाl

मैं जन्नत में थाl

फिर तो जैसे मुझे दिलिया की चूत की चाबी मिल गयीl मैं उसका निचला ओंठ चूस कर अपना लण्ड हल्का से पीछे करता था फिर कस कर धक्का लगा कर उसका ऊपरी ओंठ चूसने लगता था जिससे चूत लण्ड को जकड़ लेती थी, उसकी जीभ को चूसने लगता था तो जैसे चूत लण्ड को अंदर खींच कर चूसने लगती थीl

दिलिया को भी मजा आने लगा, उसने अपने टाँगें उठा कर मेरी पीठ पर लपेट लीl

मैंने भी ओंठ चूसने और अपनी चोदने की स्पीड को बढ़ा डाली और मेरे धक्के और भी तेज हो गएl मैं पूरे लंड को अन्दर डाल के बाहर निकालता था और फिर जोर से वापस अन्दर पेल देता थाl और मेरे लंड के झटकों से दिलिया के बड़े चूचे उछल रहे थेl

करीब दस मिनट चोदने के बाद फिर हम दोनों एक साथ झड़ गएl मैंने ध्यान रखा कि मेरा लण्ड मेरी नयी दुल्हन की चूत से बाहर न निकलेl मैं

कुछ देर के लिए अपनी तीसरी बेगम नंगे जिस्म के ऊपर ही पड़ा रहाl

कुछ देर के बाद वो शांत हुई तो मैं उसके बूब्स को चूसने लगा और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगाl और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसकी बगलों को चाटा, वह पागल हो गयी और मुझे कस कर पकड़ लियाl मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गई।

मेरा लंड तो मेरी दुल्हन की चूत में पहले से ही था, फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वो चिल्लाई 'उम्म्ह! अहह! हय! याह!'

लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है?

वो बोली- हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, हाईईईई, म्म्म्मम।

मैं उसको चूमता रहा और उसके बूब्स सहलाता रहाl

कुछ देर बाद मैं दिलिया को उठा कर बैठ गया, दिलिया मेरी गोद में थी, मैंने ध्यान रखा कि मेरा लण्ड चूत से बाहर न निकलेl और फिर हम बैठ कर चोदन करने लगेl मैं नीचे और दिलिया मेरे ऊपर थी। मैं उसका निचला ओंठ चूस कर अपना लण्ड हल्का से पीछे करता था, फिर कस कर धक्का लगा कर उसका ऊपरी ओंठ चूसने लगता थाl जिससे चूत लण्ड को जकड़ लेती थीl फिर उसकी जीभ को चूसने लगता था तो जैसे चूत लण्ड को अंदर खींच कर चूसने लगती थीl

मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे दिलिया अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। और मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। वो मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और मेरी नयी ब्याहता बहुत मज़े कर रही थी।

सच कहूँ तो मेरी दिलिया बहुत मादक लग रही थी, उनके रेशमी सुनहरी बाल चारों तरफ फ़ैल गए थेl दिलिया उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दियाl मेरा लंड उसकी चूत के अंदर पूरा समा जाता था तो दोनों की आह निकलती थीl

फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे, मैं उसकी चूचियों को खींचने लगा तो दिलिया सिसक जातीl उसके बाद हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गएl मैं दिलिया को बेकरारी से चूमने लगा। चूमते हुए हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीl फिर मैंने दिलिया की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई।

मैं दिलिया के ओंठ चूस रहा थाl दिलिया बोली- मेरा निचला होंठ चूसो!

मैं निचला होंठ चूसने लगा तो मेरी दुल्हन की चूत ने मेरा लण्ड ढीला छोड़ दिया, वह ऊपर उठ गयी और लण्ड बाहर आ गयाl

तभी दिलिया ने अपनी अलमारी से दो साड़ी निकाली, और पंखे के ऊपर डाल कर दो झूले बना लिए, और एक में वो बैठ गयी, और दूसरा थोड़ा लम्बा बनाया, और मेरे चूतड़ों के नीचे डाल कर मुझे बिठा दियाl

फिर वो इस तरह से बैठी कि उसने अपनी चुत लण्ड के ऊपर लगा दी और थोड़ी नीचे हुई सर्र से लण्ड थोड़ा सा अंदर गयाl दिलिया ने अपने हाथ ऊपर कर लिए और बोली- मुझे लिप-किश करोl

मैं बाजुओं के सहारे झूले पर बैठ गया और उसका निचला होंठ चूसने लगा, दुल्हन की चुत ढीली होने लगीl फिर दिलिया घूमने लगी उसने दोनों पैर बैठे बैठे दायीं ओर कर लिए और खुद को थोड़ा नीचे कियाl

सच में मजा आ गया! ऐसा लगा कि मैं जन्नत में पहुँच गया हूँl हम दोनों कराह रहे थे 'आआह ह ऊऊह्ह!'

कुछ देर में वह फिर घूमी और अपनी पीठ मेरी ओर कर दीl हम दोनों कराह रहे थे 'आआह! बहुत मजा आ रहा है!'

और वो फिर घूमी और दोनों पैर बायीं और कर दिए फिर उसने मुँह मेरे सामने कर लियाl हम फिर किस करने लगे, कभी मैं उसका ऊपर का होंठ चूसता कभी नीचे का तो कभी जीभ से जीभ मिला कर जीभ चूसतेl मुझे लग रहा था जैसे मेरे लण्ड की नसें कस रही होंl

और मेरी तीसरी बीवी इसी तरह घूमती रहीl ऊपर झूले में बल पड़ रहे थे और झूला कस रहा थाl पर वह जोर लगा कर लण्ड पर पेंच कस रही थीl लण्ड धीरे धीरे पूरा अंदर चला गयाl ऊपर झूला कसने के कारण दिलिया को ऊपर खींच रहा थाl

फिर दिलिया बोली- अब तुम भी घूमोl

मैं जैसे दिलिया घूमी थी, उसका उल्टा घूमने लगाl जब दोनों के झूले पूरे कस गए तो हम दोनों बिस्तर से ऊपर हो हवा में लटक गएl

तब दिलिया ने खुद को ढीला छोड़ दिया और मुझे बोली- मुझे ढीला छोड़ दो!

और उसने पैर भी ऊपर उठा लिएl झूले के दबाव के कारण दिलिया उलटी घूमने लगी और हम दोनों बेतहाशा चिल्लाने लगेl दोनों के बहुत मजा आ रहा थाl

फिर मैंने भी खुद को ढीला छोड़ पैर ऊपर उठा दिए मैं भी उल्टा घूमने लगाl झूला ऐसे कई बार घूमा और हम भी घूमेl हमारी हालत ख़राब थीl फिर हम दोनों एक साथ झड़ गएl

मैंने दिलिया की चूत अपने वीर्य से भर दीl मैं दिलिया की जीभ चूसने लगा और मेरी दुल्हन दिलिया की चूत मेरे लण्ड का रस निचोड़ती रहीl सच में, बता नहीं सकता कि हमें कितना मजा आयाl

हम दोनों झूले से नीचे उतरे तो मेरा लण्ड अभी भी अकड़ा हुआ था और दिलिया निढाल पड़ी थीl मैंने दिलिया को सहलाया उसका निचला ओंठ चूसा तो दिलिया की चुत का छेद वापस सिकुड़ गया थाl

मेरे लण्ड पर कई नील पड़ गए थेl दिलिया ने मेरे लण्ड पर पड़े हरेक नील तो चूमा, फिर प्यार से सहलाते हुए और मैंने दिलिया के लिप्स पर किस किया और कहा- आय लव यू! आपको चोद कर मैं धन्य हो गया!

दिलिया निढाल होकर लेट गयी, मैं उसको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला- दिलिया, क्या तुमको मजा आया? दर्द तो नहीं हुआ?

वो बोली- बहुत मजा आयाl

मेरी छोटी कजिन बहन, जो अब मेरी दुल्हन थी, उसकी चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी. लेकिन मेरा लण्ड तना हुआ खड़ा थाl

दिलिया लण्ड को खड़ा देख शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी और बोली- मुझे और चोदो!

फिर मेरे हाथ दिलिया के बड़े बूब्स के ऊपर चले गएl वो सिसकारियाँ भर रही थी और एकदम मादक आवाजों से मुझे भी मोहित कर रही थीl

दिलिया के बूब्स एकदम मोटे थे और उसके निपल्स एकदम कस गए थेl वो गहरी साँसें ले के अपने पेट को हिला रही थीl

तभी दरवाजा खटखटाया गया और मेरी पहली बेगम सारा अंदर आयीl सारा दिलिया से लिपट गयी और बोली- दिलिया, आप तो सबसे कमाल होl आपने तो जबरदस्त नया पोज़ निकाला हैl

और मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- अब मुझे भी चोदो!

मैंने सारा के कपड़े निकाल दिए और उसे किस करने लगाl मैंने सारा के हर अंग को चूमा और फिट पेट के बल लेटा दिया पीठ को चूमा और चाटाl मैंने सारा के मांसल गोरे चूतड़ों की जम कर जीभ से चटाई की और दांत से हल्के हल्के काटा भीl

सारा मस्त हो गयी, उसकी चुत पूरी गीली थीl वह मेरी और दिलिया की मस्त चुदाई देख कर कई बार झड़ चुकी थीl

मैंने उसके मोमे दबाये, चूचियों को चूसा और सारा की चुत में उंगली करने लगाl वह 'ऊऊह आआह्ह!' करने लगी, उसे फिंगर सेक्स का मजा देने के बाद मैंने सोचा कि अब उसकी चूत में लंड डालने का सही टाइम हो गया हैl

मैंने उसके बूब्स को दबाये और उसके निपल्स को अपनी जीभ से हिलाने लगाl फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और अपना टनटनाया हुआ लंड उसकी चूत में पीछे से डालकर चोदना शुरू कियाl सारा भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगीl उसका चिल्लाना एकदम बंद हो गयाl

मैं उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। मैं पीछे से उनके मोमों को पकड़ कर दबाता रहा और चूचुक मसलता रहाl जब मैं उनके मोमे दबाता था और फिर सारा को लिप किस करता तो इससे मेरा लण्ड अंदर बाहर जाता रहाl करीब बीस मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदाl

सारा की हालत बुरी थी, मेरे साथ चुदने में वो भी दो बार झड़ गई थी और आज उसे चुदाई का अलग ही आनंद और संतोष मिला थाl

फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए, मैंने सारा की चूत अपने वीर्य से भर दीl

फिर कुछ देर आराम करने के बाद मैं दिलिया की जीभ चूसने लगाl मेरा लंड फिर कड़क हो गयाl मैं दिलिया की चूत में लण्ड डाल दिया और लिप किश करते हुए चोदने लगाl उसकी चुत बंद होती रही और खुलती रही और वो मेरे लण्ड का रस निचोड़ती रहीl

मैंने कस कस के झटके दिए और मेरे लंड का एक एक बूंद वीर्य मैंने दिलिया की चूत के अन्दर भर दियाl दिलिया की चूत का पानी भी धार मार गयाl हम दोनों के पानी के मिलने से दिलिया के चेहरे पर एक अजीब सा सकून थाl

दिलिया को खुश देख के मुझे भी बड़ी ख़ुशी हुईl लेकिन मेरे लण्ड अब बैठ नहीं रहा था और नील गहरे हो गए थेl

तभी सारा बोली- मुझे भी दिलिया की तरह चुदना हैl

और दिलिया की तरह झूले पर चढ़ गयी और मुझे नीचे लिटा कर ऊपर आ गयी फिर गोल घूमी ... फिर हम दोनों घूमते रहे और झड़ गएl

मेरे लण्ड पे नील और गहरे हो गए और लण्ड दुखने लगा परन्तु झड़ने के बाद भी बैठा नहींl

मैंने सारा को अपनी बाहों में ले लिया और उनकी चूत से बिना लंड को निकाले ऐसे ही लेटा रहा और तीनों चिपट कर सो गयेl

कहानी आगे जारी रहेगी

आपका आमिर
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03-06-2022, 08:18 AM,
#28
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
मजे - लूट लो जितने मिले

पांचवा अध्याय - वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई

भाग 3

मजो की दुनिया में मेरे अनुभव


लंड सूज गया था और बैठ नहीं रहा था.


अगले दिन सुबह उठे तो मेरा लण्ड पर जगह जगह पड़े हुए नील बहुत गहरे हो चुके थे और बहुत दर्द हो रहा थाl

सारा और दिलिया भी उठी तो मरे तने हुए लण्ड को देख हैरान थी, सारा बोली- क्या हुआ? ये रात भर से ऐसा ही क्यूँ रहा है?

मैंने कहा- जब ऐसी जबरदस्त हूरें साथ हो तो लण्ड कैसे ढीला हो? तुम्हें जितना चोदता हूँ उतना ही दिल और करता हैl

सारा ने मेरे लण्ड को सहलाना शुरू कर दियाl लण्ड और कड़ा हो गयाl मैंने भी सारा को किस करना शुरू कर दियाl उधर से दिलिया ने भी मेरे शरीर को सहलाना शुरू कर दिया और मेरे निप्पल से खेलने लगीl मैंने भी दिलिया के मोमे दबाने शुरू कर दिएl

दिलिया बोली- रात को बहुत मजा आया, हमें एक बार फिर चोदो ... तुम्हारा लण्ड भी तैयार हैl

सारा ने मेरे लण्ड को सहलाया और लण्ड पर किस करने लगीl मैं दिलिया को किस करने लगाl सारा मेरे लण्ड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगीl मैं भी अपने एक हाथ से सारा की चूत में उंगली काने लगा और दूसरे हाथ से दिलिया की चूत में उंगली करने लगाl

दोस्तो, मैंने सारा को सीधा लिटाया और थोड़ी सी रूई सारा के दायें चूतड़ के नीचे, एक छोटा सा कपड़ा उसकी गांड के नीचे और एक फूल उसके बाएं चूतड़ के नीचे रख दियाl

मैं सारा से बोला- जब मैं रूई कहूँ तो सिर्फ दायाँ चूतड़ ऊपर को उठाना, मैं उसी और धक्का मारूंगा, जब मैं कपड़ा कहूँ तो गांड ऊपर उठाना और जब फूल कहूँ तो सिर्फ बायाँ चूतड़ ऊपर उठानाl मैं भी उसी और धक्के मारूँगाl देखना बहुत मजा आएगाl

उसके बाद मैं सारा के ऊपर आ गया और एक झटके में लंड उसकी चूत के अंदर कर दियाl वह कराह उठीl

फिर मैं शुरू हो गया, बोला- रूई!

और सारा ने अपना दायाँ चूतड़ ऊपर उठा दिया, मैंने पूरा लंड निकाल कर उधर को धक्का मारा, लंड चूत को रगड़ते हुए अंदर चला गयाl वह चिल्लाने लगीl फिर मैंने कपड़ा बोला तो उसने चूतड़ टिका कर गांड ऊपर उठा दी और मैंने लंड पूरा निकाल कर उसकी चूत में पूरी ताकत से मार दियाl फिर ऐसे ही फूल बोला तो वह अपना बायाँ चूतड़ उठाने लगी और मैंने पूरा लंड निकाल कर बायीं ओर धक्का माराl लंड चूत को रगड़ते हुए अंदर चला गयाl

सारा बोली- सच बड़ा मजा आया!

और दिलिया बोली- मैं बोलती हूँ और आप दोनों रिदम में चोदो!

मैंने सारा को कस कर पकड़ा और उसके ओंठों को चूसने लगाl

दिलिया बोलने लगी- रूई, कपड़ा, फूल!

और मैं वैसे ही धक्के मारने लगाl

फिर वह क्रम में बोलने लगी- रूई ... कपड़ा ... फूल ... कपड़ा ... रूई ... कपड़ा ... फूल ... कपड़ा ... कपड़ा ... कपड़ा ... रूई ... रूई ... फूल ... फूल!

सच हम दोनों को बहुत मजा आयाl सबसे ज्यादा मजा कपड़ा बोलने पर आयाl

और फिर दिलिया ने अपनी बोलने की स्पीड बढ़ा दी और हम उसी स्पीड से चुदाई में लग गएl

कुछ देर में सारा आहा आह आह करती झड़ गयीl

फिर सारा बोली- आमिर, अब दिलिया की बारी!

तो दिलिया लेट गयी और मैंने उसके लिप्स को किस करते हुए एक झटके में पूरा लंड अंदर उतार दियाl मैं उसके ओंठों को चूसने लगाl

सारा बोलने लगी- रूई ... कपड़ा ... फूल!

मैं वैसे ही दिलिया के ऊपर नीचे के ओंठ चूसते हुए धक्के मारने लगाl

फिर वह क्रम में बोलने लगी- रूई ... कपड़ा ... फूल ... कपड़ा ... रूई ... कपड़ा ... फूल ... कपड़ा ... कपड़ा ... कपड़ा ... रूई ... रूई ... फूल... फूल! और दोनों एक साथ झड़ गएl

लेकिन झड़ने के बाद भी लंड महाराज बदस्तूर खड़े थेl

फिर मैंने कहा- सारा तुम नीचे लेट जाओ और दिलिया तुम सारा के ऊपर घोड़ी बन कर लेट जाओl मैं तुम दोनों को एक साथ चोदूँगाl

सारा लेट गयी और दिलिया उसके ऊपर लेट कर उसे लिप किस करने लगी और दोनों एक दूसरे की चूचियों से खेलने लगीl दोनों ओह्ह्ह आअह करने लगीl

मैंने ऊपर आकर सारा की चूत पे लण्ड रख कर धक्का दिया, लण्ड थोड़ा सा अंदर चला गया और दिलिया की चूत पर उंगली करने लगाl उसकी चूत पूरी गीली हो रही थीl फिर मैंने कुछ धक्के मारे और लण्ड पूरा अंदर चला गयाl मेरी दोनों बेगम एक दूसरी को बेतहाशा चूम रही थीl

फिर कुछ पांच छह धक्के मारे तो सारा झड़ गयी और मैंने लण्ड बाहर निकाल कर घोड़ी बनी हुई दिलिया की चूत में डाल दियाl मेरे लण्ड में दर्द हो रहा था, मैंने सारा से कहा- दिलिया का निचला होंठ चूसो!

इससे दिलिया की चूत ढीली हो गयी और अगले धक्के में लण्ड पूरा अंदर चला गयाl

मैंने कुछ धक्के मारे तो हम दोनों उम्म्ह... अहह! हय! या!मैंने सारा से कहा- दिलिया के ऊपर नीचे के ओंठ बारी बारी चूसो और जीभ भी चूसो!

मैंने उसे कहा- जब मैं एक कहूँ तो निचला होंठ, दो कहूँ तो ऊपर का ओंठ, और तीन कहूँ तो जीभ चूसोl

एक दो तीन ... तीन दो एक ... एक एक दो ... दो तीन तीन कहता हुआ मैं रिदम से दिलिया को चोदने लगाl जब भी दो कहता था उसकी चूत मेरे लण्ड को भींच लेती थी और लण्ड में बहुत दर्द होता था मैं दर्द और आनंद से कराहने लगता थाl

सारा मुझे कराहते देख दिलिया के ऊपर के होंठ को और जोर से चूसने और काटने लगती थी जिससे चूत और जोर से भींचने लगती थी फिर सारा ऊपर का होंठ चूसते हुए उसकी जीभ भी चूसने लगती थी जिससे चूत लण्ड को भींच कर निचोड़ने लगती थीl

मेरा दर्द मेरा मजा बढ़ा रहा थाl सच में हम तीनों को बहुत मजा आ रहा थाl

फिर मैंने एक कहा और लण्ड बाहर निकाल सारा की चूत में लण्ड डाल दियाl उसकी गीली चूत में लण्ड सर्र से अंदर चला गया और मैंने उसे 15 मिनट तक चोदा और हम दोनों झड़ गएl मैंने धीरे से लण्ड निकाला तो वह और सूज चूका था और बड़ा दर्द हो रहा थाl इस बार लण्ड फिर खड़ा था और पूरा सूजा हुआ लग रहा थाl

सूजा हुआ लण्ड देख सारा और दिलिया घबरा गयी और बोली- हय अल्ला! ये क्या हो गया तुम्हारे लण्ड को?

मैंने दिलिया से कहा- थोड़ा गर्म पानी ले आओ, सिकाई करूंगा तो ठीक हो जाएगाl

दिलिया गर्म पानी मग में डाल कर ले आयी और मैंने लण्ड पानी में डाल दियाl थोड़ा आराम मिला पर लण्ड फिर भी खड़ा रहाl

कुछ देर आराम करने के बाद हमने नाश्ता किया तो दिलिया बोली- आमिर, डॉक्टर को दिखा लो, कहीं कोई दिक्कत न हो गयी हो?

मुझे भी उसकी बात जंचीl फिर सोचने लगा कि किस डॉक्टर को दिखाया जाये?

तो सारा बोली- जिस लेडी डॉक्टर ने हमें देख कर दवा दी थी, वह काफी समझदार है, उसे दिखा दोl

मुझे थोड़ी हिचक हुई पर सारा ने कहा- शर्म छोड़ो और डॉक्टर के पास जाओl मैं भी साथ चलूंगीl

नाश्ता करके तैयार हो हम डॉक्टर के पास गएl डॉक्टर मेरी बीवी सारा को पहले से जानती थीl सारा ने मेरा तार्रुफ़ डॉक्टर से करायाl तब डॉक्टर ने अपना नाम जूली बतायाl मालूम चला कि डॉक्टर मेरी बचपन की दोस्त जूली हैl उसने डॉक्टरी पास कर ली है और हमारी हवेली के पास ही रहती थीl

जूली बहुत सुन्दर थी, उसकी आवाज़ बहुत मीठी थीl हम दोनों बचपन में एक ही स्कूल में पढ़ते थे और साथ में खेलते थेl वह मेरी बचपन की सबसे अच्छी दोस्त थीl उसने मुझे शादी की मुबारकबाद दी और पूछा- अब सारा को क्या कर दिया? थोड़ा आराम से सेक्स किया करोl

तब तक मैं थोड़ा सहज हो गया, जूली डॉक्टर को समस्या बताई तो डॉक्टर ने पैंट उतारने को कहाl पैंट उतारी तो अंडरवियर में तम्बू बना लण्ड खड़ा थाl

डॉक्टर मुस्करायी और बोली- आमिर, अंडरवियर भी उतारिये, मैंने आपको बचपन में कई बार नंगा देखा है और फिर डॉक्टर से कैसी शर्म?

मैंने धीरे धीरे अंडरवियर नीचे कर दिया और लण्ड सरसराता हुए तन कर बाहर आ गयाl

डॉक्टर हैरानी से देखती रह गयी बोली- उफ़ इतना बड़ा इतना मोटा तो कभी नहीं देखाl

फिर उसने हल्के हाथ से लण्ड को पकड़ा और ऊपर नीचे करके देखने लगीl नील देख कर बोली- काफी कस कर चुदाई की है तुमने सारा की! पूरा समझने के लिए मुझे पूरी चुदाई की कहानी तफ्सील से सुनाओ आमिर!

मैंने कैसे दिलिया और सारा को कल रात और आज सुबह चोदा, पूरी तफ्सील से सुना दियाl

जूली बोली- इसको समझने के लिए मुझे ये पूरी चुदाई देखनी पड़ेगी, क्या तुम सब दुबारा कर सकोगे?

मैं बोला- अभी तो दर्द हो रहा है, दर्द कम होगा तो सब दिखा दूंगाl और मेरा लण्ड तो हरदम तैयार ही रहता हैl

उसने एक क्रीम बताई लगाने ले लिए और बर्फ की सिकाई करने को कहाl

डॉक्टर ने कहा- मैं शाम को आ जाऊंगी, फिर सब कर के दिखाना, तब तक आराम करोl

शाम को जूली हवेली पर आ गयी, हमने मिल कर खाना खायाl तब तक मेरा दर्द सिकाई और क्रीम के लगाने से कम हो चुका था परन्तु लण्ड फिर भी तना हुआ थाl

डॉक्टर जूली बोली- आमिर एक बार मुझे फिर तुम्हारे लंड का मुआयना करने दो ताकि चुदाई की बाद होने वाले फर्क पता चल सकेl

तो मैंने अपने कपड़े उतार दिए तो डॉक्टर को खड़े लण्ड ने सलामी दीl

डॉक्टर ने लण्ड को पकड़ा और घुमा कर हाथ फेर कर बोली- अभी कुछ आराम हुआ है, अब देखते हैं कि चुदाई से क्या फर्क पड़ता हैl

और फिर हम चारों दिलिया के कमरे में गएl

मैं दिलिया और सारा शुरू हो गएl मैंने दिलिया और सारा के कपड़े उतार उन्हें नंगी कर दियाl मैंने दिलिया को चूमना शुरू किया तो वह गर्म हो मेरी किस का जवाब देने लगीl

सारा भी मुझे जहाँ तहाँ चूमने लगी और मेरा लण्ड को चूमने लगी फिर लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगीl लण्ड और ज्यादा खड़ा हो गया और फड़फड़ाने लगाl

फिर मैं दिलिया की चूचियाँ दबाने लगा और सारा की चूत में उंगली करने लगाl मेरी दोनों बेगमें पूरी गर्म हो गयी, दोनों की चूत पूरी गीली हो गयी, दोनों ने अपना चूत रस मेरे लण्ड पर लगा कर उसे चिकना कर दियाl

दिलिया झूले पर आ गयी, मैं दूसरे झूले पर आ गया और दिलिया मेरे लण्ड पर बैठ गयी और मुझे चूमने लगीl मैं उसका निचला होंठ चूसता रहा, वह धीरे धीरे नीचे होने लगीl फिर वो घूमने लग गयीl

सारा ने भी एक नया काम किया, उसने भी एक झूला बनाया और दिलिया के झूले से बाँध लिया, दिलिया को किश करने लगी और उसके मोमे सहलाने लगीl मैं एक हाथ से सारा के मोमे और चूची दबाने लगा और दूसरे हाथ से सारा की चूत में उंगली करने लगाl

सारा को समझ आ गया था कि दिलिया की चूत की चाबी उसके ओंठ और जीभ है और उसे इस तरह से किस करने लगीl जब वो उसके ऊपरी ओंठ चूसती थी तो चूत लण्ड को जकड़ने लगती थी और जब निचले ओंठ को चूसती थी तो चूत लण्ड को ढीला छोड़ देती थीl जब सारा उसकी जीभ को अपनी जीभ से चूसती थी तो चूत लण्ड को अंदर खींचने लगती थी जैसे चूत लण्ड को चूस रही होl

मेरी चीखें निकलने लगी थी- अह्ह अह्ह येस अह्ह येस!

और दिलिया चिल्ला रही थी- जोर से चोदो मुझे ... उम्म्ह... अहह... हय... याह... मजा आ गया,

सारा भी दिलिया के साथ साथ उसे किस करती हुई घूम रही थीl

आज का मजा कल से बढ़ कर थाl सारा जो दिलिया के ओंठ और जीभ चूस रही थी, उसने मजा दुगना कर दिया था, ऐसा लग रहा था जैसे कोई लण्ड चूत में पेंच की तरह जा रहा होl ऊपर से झूला भी कस रहा था, दिलिया की चूत बार बार झड़ रही थी और पिचकारियां छोड़ रही थीl

मेरा और दिलिया का निचला भाग पूरा भीग चुका थाl

मैं भी उल्टा दिशा में घूमने लगा जिससे दोनों झूले कसने लगेl हम दोनों दस बारह बार पूरा चक्कर घूमे, मैं घड़ी की उल्टा दिशा में घूमा और दिलिया घड़ी की दिशा में घूमीl

फिर वो बोली- हाँ बहुत मज़ा आ रहा है ... हाईईई म्म्म्मम!

कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में सिसकार कर रही थी- अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है।

अब वो इतनी मस्ती में थी कि पूरा पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी।

हम दोनों के चूतड़ बिस्तर से ऊपर उठ गए, केवल पैर बेड पर हमें रोके हुए थेl

तभी सारा ने हमारे पैर ऊपर उठा दिए हम दोनों घूमने लगे मैं घड़ी की दिशा में घूमा और दिलिया घड़ी की उलटी दिशा में घूमने लगीl मैंने दिलिया के चूतड़ों को उस तरह पकड़ा कि लण्ड बाहर न निकलेl

हम तीनों लटक कर एक दूर से उलटे घूम कर चूत में पेंच की तरह लण्ड को कस और ढीला कर रहे थेl हम दोनों बुरी तरह चिल्ला रहे थे- आअह्ह ह्ह ओह ह्हह उफ ममम आअह्ह्ह मर गय्ययीईइ राजजा!

सारा दिलिया के ओंठ लगातार चूस रही थी और चूची दबा रही थीl मैं सारा की चूत में उंगली कर रहा था सारा भी लगातार झड़ रही थीl

हमें इस तरह लटक कर चोदते देख डॉक्टर जूली की भी हालत ख़राब हो रही थीl शायद वह भी झड़ गयी थी लेकिन उसने खुद पर काबू किया हुआ थाl

कुछ देर में मैं भी झड़ गया और सारा ने दिलिया की जीभ चूसनी शुरू कर दी जिससे उसकी चूत ने मेरे लण्ड को निचोड़ दियाl

कुछ देर में हम तीनों थक कर नीचे लेट गए और मैंने दिलिया के निचले होंठ चूस कर अपने लण्ड को बाहर निकालाl

वह सूज गया था और बदस्तूर खड़ा डॉक्टर जूली को सलामी दे रहा थाl

डॉक्टर ने लण्ड को रूमाल से साफ़ किया और फिर पकड़ कर ऊपर नीचे और घूमा कर मुयायना किया और बोली- आमिर, चुदाई के दौरान अंदर की कुछ नसें दब गयी हैं जिससे लण्ड अब बैठ नहीं रहा हैl इसके लिए गहन जांच करनी पड़ेगीl इसके लिए अल्ट्रा साउंड, एक आर आई और कैट स्कैन करवाना पड़ेगा जो दिल्ली में होता हैl तभी कुछ पक्का कह पाऊंगी कि क्या समस्या है, तब तक आराम करो और सिकाई करोl और जल्द ही दिल्ली चलो ताकि पूरी जांच हो जाए इस मामले में देर करना ठीक नहीं होगाl

डॉक्टर के जाने के बाद सारा मेरे ऊपर आ गयी और मैंने उसे चोदा उसके बाद उसके अंदर पानी छोड़ा और तीनों सो गएl

कहानी जारी रहेगीl


आपका आमिर
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03-06-2022, 10:12 AM,
#29
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
Fantastic story
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04-15-2022, 09:27 AM,
#30
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
मजे - लूट लो जितने मिले

पांचवा अध्याय - वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई

भाग 4

मजो की दुनिया में मेरे अनुभव

जुली को पहली बार नग्न देखा


सुबह उठ कर मैंने दोनों दिलिया, सारा और लूसी को अपनी कसम दी कि वह मेरे लंड के सूजने, और न बैठने की बात खास कर परिवार में किसी को नहीं बताएंगी, क्योंकि खानदान के लोग बेकार में फ़िक्र करेंगेl मैंने उनको कह दिया कि पहले जांच करवा कर देख लेते हैं फिर आगे सोचेंगेl अगर जरूरत समझूंगा तो खानदान में मैं खुद बता दूंगाl

अगले दिन पूरा परिवार वापस आ गया और सब बीवियां व सालियां मिल कर मेरे पास बैठ गयींl मैंने उन सबको दिलिया की घमासान चुदाई की कहानी सुनाईl कहानी सुनाते हुए मैं डॉक्टर के पास जाने की और सूजे हुए लंड की बात गोल कर गयाl

कुछ दिन आराम करने से लंड में दर्द तो कम हो गया था लेकिन लंड बैठ नहीं रहा थाl

लेडी डॉक्टर, जो मेरी स्कूल की क्लासमेट थी, से बात की तो वो बोली- चूंकि लंड की नसें खड़े रहते समय दबी लगती हैं इसलिए ये बैठ नहीं रहा है बाकी तो पूरी गहन जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता हैl

इस दौरान मैं अपनी तीनों बीवियों को रात में एक- एक करके चोदता रहाl चुदाई जारी रहीl मेरा लंड झड़ता भी रहा लेकिन झड़ने के बाद बैठा नहींl

कुछ दिन बाद मैंने दिल्ली में कुछ जरूरी काम का बहाना बना कर दिल्ली का प्रोग्राम बना लिया और सारा भी मेरे साथ हो लीl

अम्मी ने बोला- दिल्ली में अपना घर हैl वहीं चले जानाl लूसी को साथ ले जाओl तुम्हारे रहने व खाने-पीने के लिए आराम रहेगाl

अम्मी के कहने पर लूसी की भी टिकट हो गयीl मैंने अपनी, सारा और डॉक्टर जूली की फ्लाइट की टिकट बुक कर दीl फ्लाइट में जूली मेरे एक तरफ बैठी थी और सारा दूसरी तरफl जूली और मैं दोनों अपने स्कूल के ज़माने की बातें करते रहेl

हमने अपने सभी पुराने दोस्तों को याद कियाl सारा मेरा हाथ पकड़े रही और बीच-बीच में मेरे लण्ड को सहला देती थीl एक बार जब सारा मेरे लण्ड को सहला रही थी तो डॉक्टर जूली से उसकी नज़रें मिलीं और दोनों मुस्कुरा दींl

एयरपोर्ट से जूली हमें दिल्ली के सबसे बड़े मशहूर हॉस्पिटल ले गयीl उसने अपनी जान-पहचान से मेरे टेस्ट जल्दी से करवा दिएl टेस्ट करने वाली नर्स भी मेरे लण्ड को यूँ खड़ा देख कर हैरान थीl वो सब आपस में फुसफुसा कर मेरी ही बात कर रही थीl

टेस्ट करने वाली लड़की ने अपने गोरे-गोरे नर्म हाथों को मेरे लण्ड पर कई बार फेर कर देखा तो उसके स्पर्श से मेरा लण्ड और तन गयाl

फिर उसने मुझसे पूछा- क्या आप हॉस्पिटल में एडमिट हैं?

मैंने कहा- नहींl

मुझे ऐसा लगा कि शायद वह मुझसे मिलना चाहती थीl यह सब डॉक्टर जूली की निगरानी में हो रहा था इसलिए वह भी नर्स की हरकतें देख कर मुस्कुरा रही थीl टेस्ट की रिपोर्ट के लिए हमें हस्पताल में अगले दिन का टाइम मिलाl

मैंने सबसे कहा- चलो अपना घर हैl वहीं रुकते हैंl

जूली बोली- हमारा भी दिल्ली में एक घर हैl मैं वहीं रुकूंगीl घर दिल्ली के सबसे बड़े और मशहूर हॉस्पिटल के पास ही है इसलिए आसानी रहेगीl

लिहाज़ा जूली अपने घर चली गयीl घर में सिर्फ हम 3 थे और कोई नहीं थाl घर काफी बड़ा और आलिशान थाl घर का सब काम-काज लूसी ने संभाल लियाl

लूसी और सारा जरूरी सामान लेने बाजार चली गयीl मैं थका हुआ था तो सोचा कि नहा कर फ्रेश हो जाता हूँl

मैं सारे कपड़े निकाल कर नहाने जा ही रहा था कि घर के बाहर वाले दरवाजे की बेल बजीl मैंने तौलिया लपेट कर दरवाजा खोला तो देखा गेट पर गोरी-चिट्टी जूली एक लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज में खड़ी हुई थीl उसके होंठों पर साड़ी के रंग वाली ही गहरी लाल लिपस्टिक रंगी हुई थीl उसने बालों में लाल गुलाब लगाया हुआ थाl

उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि आसमान से कोई परी ज़मीन पर आकर उतरी होl

उसको लाल रंग की साड़ी में देख कर मेरा लंड एकदम कड़ा हो गया और तौलिया बुरी तरह से तन गयाl मैं जूली को देखता ही रह गयाl

मेरे मुँह से बेसाख्ता निकला- वो आये घर में हमारे, खुदा की कुदरत हैl कभी हम उनको तो कभी अपने घर को देखते हैं!

जूली शरमाते हुए बोली- अंदर आने के लिए नहीं बोलोगे?

मैंने कहा- सॉरी ... अंदर आ जाओ! आज तक तुम इतनी सुन्दर नहीं लगीl मैं तो तुम्हें देखता ही रह गयाl

मैं जूली के साथ कमरे में चला गया और हम बाते करने लगे

मैंने हिम्मत करके पूछ ही लिया- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है या नहीं?

उसने बोला- पढाई से फुर्सत नहीं मिली तो बॉयफ्रेंड कहां से पालूँ?

मैंने कहा डॉक्टरी में कोई डॉक्टर नहीं मिला तो वह बोली उसका लड़कियों का मेडिकल कॉलेज था किसी लड़के से दोस्ती नहीं हुई

धीरे-धीरे मैं उससे खुल कर बात करने लगा, वो भी मुझे वैसा ही जवाब देने लगी,

मैं कुछ देर बाद वाशरूम में घुसा और फ्रेश होने लगा।

इसलिये फारिग होने पर मैंने अपने पूरे कपड़े उसी वाशरूम में उतारे और बाहर नंगा ही आ गया।

जैसे ही मैंने वाशरूम का दरवाजा खोला, जूली सामने थी, मुझे नंगा देखकर बोली- तुम नंगे क्यों हो?

आम तौर पर कोई भी लड़की किसी को नंगा देखे तो तुरन्त अपनी आँख बन्द कर लेती, पर जूली मुझे एकटक देख रही थी, मुझ उसकी इस बात से थोड़ा हौंसला मिला। तभी वो मुझसे बोली- जल्दी से अपने कपड़े पहनो सारा कभी भी आ सकती है ।

'यह तो कोई बात नहीं हुई कि तुम मुझे नंगा देखो।'

मैंने अपने कपड़े उठाये और गुसलखाने में घुस गया और वहीं से जूली को आवाज लगाई, मेरी आवाज सुनकर जूली गुसलखाने के पास आई और मुझे हल्के से झड़पते हुए बोली- अभी तक तुमने अपने कपड़े नहीं पहने, जल्दी करो, सारा आती ही होगी ।

मैंने उसकी इसी बात को पकड़ते हुए अपनी कपड़े को पानी से भरे हुए टब की तरफ करते हुए बोला- तुमने मुझे नंगा देखा है, मुझे भी तुम्हें नंगी देखना है।

'यह नहीं हो सकता, तुम अपने कपड़े पहनो। नहीं तो अब बुरा हो जायेगा।'

मैं थोड़ा डर गया, लेकिन मन ने कहा कि 'एक अन्तिम कोशिश कर लो, शायद नजर को सकून मिल जाये।'

यह ख्याल आते ही मैंने चड्डी को टब में डाल दिया और बोला- अगर तुम नंगी नहीं होगी तो मैं अपने सब कपड़े पानी में डाल दूंगा और इसी तरह नंगा रहूँगा, फिर तुम जानो और तुम्हारा काम!

बनियान डालने वाला ही था कि जूली मुझे रोकते हुए बोली- रूको!

कहकर वो अपने एक-एक कपड़े उतारने लगी और पूरी तरह से नंगी हो गई।

क्या उजला शरीर था जूली का! उम्म्ह... अहह... हय... याह!... मैं टकटकी लगा कर देखता ही रह गया!, क्या छोटे-छोटे संतरे जैसी उसकी चुची थी? उन संतरों जैसी चुची पर काली छोटी मोटी सी निप्पल थी। उसकी योनि पर घने-घने गुच्छे रूपी बालों को पहरा था। वह अपने दोनों हाथों से अपनी बुर को छुपाने का अथक प्रयास कर रही थी। उसकी कांखों और टाँगों पर भी बाल थे, जैसे एक अनछुई नवयौवना के होते हों।

तभी वो मुझे झकझोरते हुए मुझसे बोली- आमिर, अब तुमने मुझे नंगी देख लिया है, अब तुम जाओ प्लीज कपडे पहनो!

मैं तुरन्त अपने घुटने के बल पर उसके समीप बैठ गया और उसकी नाभि को चूमते हुए उसे थैंक्स बोला।

वो मेरे सर पर हाथ फेरते हुए बोली- जाओ प्लीज, सारा कभी भी आ सकती है ।

मैंने उसकी बात को सुना और खड़े होकर उसको अपने से चिपका लिया, वो भी मुझसे कस कर चिपक गई, वो बड़ी गहरी-गहरी सांसें ले रही थी और उसकी गर्म सांसें मुझसे टकरा रही थी।

फिर वो मुझसे अलग होते हुए बोली- अब जल्दी से जाओ, मैंने तुम्हारी बात मान ली, अब तुम भी मेरी बात मानो।

मैंने कहा ठीक है पर अब तुम यही रुक जाओ, वो मेरी बात मान गयीl मैं उसे अपने साथ वाले कमरे ले गया और उसके कपडे दे कर बोला, तुम यही रुको मुझे तुम्हारे पास रहने से सकून रहता है, की अगर कोई जरूरत होगी तो तुम पास ही होl

मैंने तुरन्त ही अपने कपड़े पहने और वहां से चला गया। वो मुझे नंगी ही दरवाजे तक छोड़ने आई।

मैं खुद भी नहीं समझ पाया, मेरे मन में जूली की बुर की चुदाई का ख्याल आ रहा था, पर हिम्मत नहीं पड़ रही थी।

मैं चुपचाप अपने कमरे में चला आया, लेकिन मैं आराम नहीं कर पाया कि कहीं मैंने जूली को हर्ट तो नहीं कर दिया, मुझे लगा कि जूली की बुर की चुदाई के बारे में मेरी सोच अनुचित है। लेकिन जूली की चुप्पी ने भी तो मेरा हौंसला बढ़ाया था और वो खुद भी मुझसे लिपटी हुई थी, उसकी बातों में कहीं भी सख्ती नहीं थी।

तभी मेरी नजर एक छोटी सी पर्ची पर पड़ी, जो मॉनीटर से दबी हुई थी। उसमें लिखा था कि क्या आज तुम रात को मेरे कमरे में आ सकते हो?

मेरी तो खुशी का ठिकाना न रहा।

जब सारा और लूसी वापिस आये तो अमीने उन्हें बताया की डॉ जुली भी आ गयी है और मेरे कहने पर अब यही रुकेगी तो दोनों बहुत खुश हो गयीl

मैं अब समय को किसी तरह से बिता रहा था और बार-बार मेरी नजर घड़ी पर जा रही थी।

रात को खाना खाने के बाद अपने कमरे में आ कर मैं सारे कपड़े उतार कर पूरी तरह से निर्वस्त्र हो गयाl सारा नीचे जूली के पास बैठी रहीl

ऐसे करते करते कुछ ही मिनट हुए होंगे, कि तभी दरवाजा धीरे से खुलने की चरमराहट जैसी आवाज आई, और साथ में खुशबू का एक झोंका सा अन्दर घुसा।

मैं सन्न रह गया दरवाजे पर सारा थी ।

तभी सारा ने भीतर कदम रखा और अपने पीछे दरवाजा वापिस भिड़ा दिया और मेरे पहलू में आ के लेट गयी । उसके बदन से उठती भीनी भीनी महक से पूरे कमरे में रच बस गई।

अचानक उस ने मेरी तरफ करवट ली और मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ लिया।

'सॉरी जानू, देर हो गई आने में! गुस्सा तो नहीं हो ना?' कहते हुए वो मेरे नंगे बदन पर चूम चूम के हाथ फिराने लगी।

सारा के उरोज मुझसे चिपके हुए थे और वो मुझसे चूमा चाटी करने लगी थी।

सारा लगातार मुझे अपने अंक में समेट रही थी और मेरे सीने पर फिरतीं उसकी हथेलियाँ मुझे जहाँ तहाँ जकड़ने लगीं थीं।

फिर उसने अपना एक पैर उठा के मेरे ऊपर रखा, उसकी मांसल जांघ का उष्ण स्पर्श मुझे अपने सीने पर महसूस हुआ और फिर उसने मेरी कमर के पास अपनी एड़ी अड़ा कर मुझे और कस लिया।

सारा कामातुरा होकर मुझे अपने से चिपटाए हुए मुझे चूम रही थी।

अचानक उसका हाथ मुझे सहलाते हुए नीचे की तरफ फिसल गया और मेरा तना हुआ कठोर लिंग उसके हाथ से छू गया।

दर्द के कारण मेरा मन तो बुझा हुआ था और छटपटा रहा था कि इस विवशता से कैसे मुक्ति मिले, लेकिन मेरा लिंग अविचल खड़ा था उस पर मेरा कोई वश नहीं रह गया था।

'अच्छा जी, आप तो बोल नहीं रहे लेकिन आपके ये तो कुछ और ही कह रहे हैं। देखो, मेरे आते ही ये कैसे तन खड़े होकर सैल्यूट मार रहा है मुझे! आखिर पहचानता है न मुझे!' कहते हुए सारा ने मेरा लिंग अपनी मुटठी में जकड़ लिया और चमड़ी को ऊपर नीचे करते हुए उसे सहलाने लगी, कभी मेरे अन्डकोषों को सहलाती, कभी लिंग के ऊपर उगे हुए बालों में अपनी उंगलियाँ फिराती। उसके कोमल हाथों का स्पर्श और महकते हुए जवान जिस्म की तपिश मुझे बेचैन किये दे रही थी, मैं बस जैसे तैसे खुद पर कंट्रोल रख पा रहा था।

'सुनो जी, आपका ये आज कुछ बदला बदला सा क्यों लग रहा है मुझे? जैसे खूब मोटा और लम्बा हो गया हो पहले से?' वो मुझे चिकोटी काटते हुए बोली।

अचानक वह मुझसे अलग हुई और उसके कपड़ों की सरसराहट मुझे सुनाई दी, मैं समझ गया कि उसने अपने कपड़े उतार दिये हैं और फिर उसका नंगा बदन मुझसे लिपट गया।

'अब आ भी जाओ राजा, और मत तरसाओ मुझे, समा जाओ मुझमें! देखो आपकी ये बुर कैसे रसीली हो हो के बह रही है।' वो बोली और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी योनि पर रख कर दबा दिया।

उसकी गुदगुदी पाव रोटी जैसी फूली और योनि रस से भीगे केशों का स्पर्श मुझे भीतर तक हिला गया।

फिर सारा मेरा हाथ दबाते हुए अपनी गीली योनि पर फिराने लगी, मक्खन सी मुलायम उष्ण योनि ने मेरा स्पर्श पाते ही अपनी फांकें स्वतः ही खोल दीं और मेरी उंगलियाँ बह रहे रस से गीलीं हो गई।

मैं अभी भी क्रियाहीन और अविचल पड़ा था। मेरे दर्द पर वासना हावी होने लगी थी, रूपसी कामिनी सम्पूर्ण नग्न हो कर मुझसे लिपटी हुई मुझे सम्भोग करने के लिये उकसा रही थी, मचल रही थी, आमंत्रित कर रही थी, झिंझोड़ रही थी।

उसकी गर्म साँसें और परफ्यूम से महकता हुआ बदन मेरे भीतर आग भरने लगा था, मेरी कनपटियाँ तपने लगीं और मेरा बदन भी जैसे विद्रोह करने पर उतारू हो गया।

उधर सारा अभी भी मेरा हाथ पकड़े हुए अपनी योनि पर फिरा रही थी और मेरी उंगलियाँ योनि रस से भीगी हुईं केशों को ऊपर तक गीला किये दे रहीं थीं।

मैंने सोचा इसे थोड़ा और तड़पना चाहिए और नाटक करते हुए अपना हाथ उससे छुड़ाते हुए अलग कर लिया।

लेकिन सारा तो बुरी तरह से जैसे कामाग्नि में जल रही थी, उसने मेरा हाथ पुनः पकड़ लिया और अपने बाएं नग्न स्तन पर रख दिया।

मेरी हथेली में उसकी कड़क घुंडी और मुलायम रुई के फाहे जैसे मृदु कोमल उरोज का मादक स्पर्श हुआ। एक बार तो मन किया कि दबोच लूं उसे और चूस लूं।

लेकिन फिर रुक गया।

कहानी अगले भाग में जारी रहेगीl

 
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