06-15-2017, 11:50 AM,
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नये पड़ोसी
नये पड़ोसी पार्ट--1
में राज और मेरी पत्नी प्रीति मुंबई सहेर के सुबुर्ब मलाड में रहते हैं. ये कहानी करीब आज से छः महीने पहले शुरू हुई जब हमारे बगल के फ्लॅट में नये पड़ोसी रहने के लिए आए.
हमारे नए पड़ोसी मिस्टर. प्रशांत एक कन्सल्टेंट हैं, और उनकी पत्नी बबिता जो एक घरेलू महिला थी. वैसे तो मुंबई इतना बिज़ी सहेर है की यहाँ किसी को किसी के लिए फ़ुर्सत ही नही है. नए पड़ोसी होने के नाते हमारी जान पहचान बढ़ी और हम दो परिवार काफ़ी घुल मिल गये थे.
में और मेरी पत्नी प्रीति के विचार एक समान थे. हम दोनो ओपन सेक्स में विश्वास रखते थे. शादी के पहले ही हम दोनो सेक्स का मज़ा ले चुके थे. हम दोनो अपनी पुरानी सेक्स घटनाओं के बारे में अक्सर एक दूसरे को बताते रहते थे. चुदाई के किस्से सुनाते या सुनते वक़्त प्रीति इतनी उत्तेजित हो जाती कि उसकी चूत की प्यास मिटाना कभी मुश्किल हो जाता था.
मेने और प्रीति ने इस शनिवार प्रशांत और बबिता को अपने यहाँ खाने की दावत दी. दोनो राज़ी हो गये. प्रशांत एक शानदार व्यक्तित्व का मालिक था, 6.2 हाइट, कसरती बदन. बबिता भी काफ़ी सुन्दर थी, गोल चेहरा, लंबी टाँगे और खास तौर पर उसकी नीली आँखें. पता नही उसकी आँखों मे क्या आकर्षण था कि जी करता हर वक़्त उसकी आँखों में इंसान झाकता रहे.
शनिवार की शाम ठीक 7.00 बजे प्रशांत और बबिता हमारे घर पहुँचे. प्रशांत ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन रखी थी, जिससे उसका कसरती बदन सॉफ झलक रहा था. बबिता ने कॉटन का टॉप और जीन्स पहेन रखी थी. उसकी कोटन के टॉप से झलकते उसके निपल साफ बता रहे थे कि उसने ब्रा नही पहन रखी है. जीन्स भी इतनी टाइट थी कि उसके चूतड़ की गोलाइया किसी को भी दीवाना कर सकती थी. उसे इस सेक्सी पोज़ में देख मेरे लंड में सुरसूराहट होने लग गयी थी.
मेने देखा कि प्रीति प्रशांत की ओर आकर्षित हो रही है. वो अपने अधखुले ब्लाउस से प्रशांत को अपने चुचियों के दर्शन करा रही थी. आज प्रीति अपनी टाइट जीन्स और लो कट टॉप में कुछ ज़्यादा ही सुन्दर दिख रही थी. वहीं बबिता भी मेरे साथ ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे हम कई बरसों पुराने दोस्त हों.
हम चारों आपस में ऐसे बात कर रहे थे कि कोई देख के कह नही सकता था कि हमारी जान पहचान चंद दिनो पुरानी है. पहले शराब का दौर चला और फिर खाना खाने के बाद हम सब ड्रॉयिंग रूम में बैठे थे.
मेने स्टेरीयो पर एक री-मिक्स की कसेट लगा दी. बबिता ने खड़ी हो प्रशांत को डॅन्स करने के लिए कहा, किंतु उसने उसे मना कर दिया शय्याद उसे नशा हो गया था, मगर उसने बबिता को मेरे साथ डॅन्स करने को कहा. बबिता ने मुझे खींच कर खड़ा कर दिया.
हम दोनो गाने की धुन पर एक दूसरे के साथ नाच रहे थे. बबिता ने अपने दोनो हाथ मेरी गर्दन पर रख मुझसे सात ते हुए नाच रही थी. उसके बदन की गर्मी मुझे मदहोश कर रही थी. मेने भी अपने दोनो हाथ उसकी कमर पे रख उसे अपने और करीब खींच लिया.
उसके बदन की गर्माहट और बदन से उठती खुश्बू ने मुझे मजबूर कर दिया और मैने कस्के के उसे अपनी छाती से चिपका लिया. मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था. तभी मुझे ख़याल आया कि मेरी बीवी और उसका पति भी इसी कमरे में हैं, मेने गर्दन घुमा के देखा तो पाया कि प्रीति प्रशांत को खींच कर डॅन्स के लिए खड़ा कर चुकी है.
शायद मेरी बीवी की सुंदरता और खुलेपन ने प्रशांत को डॅन्स करने पे मजबूर कर दिया था, इसीलिए वो प्रीति को मना नही कर पाया. दोनो एक दूसरे को बाहों में ले हमारे पास ही डॅन्स कर रहे थे. नाचते नाचते प्रीति ने लाइट धीमी कर दी. कमरे में बहोत ही हल्की रोशनी थी. हम चारों कामुकता की आग में जल रहे थे.
बबिता मुझसे और चिपकती मेरे कानो में बोली, "अछा है थोड़ा अंधेरा हो गया." मेने उसे और कस के अपनी बाहों में ले अपने होठ उसके होठों पे रख दिए. उसने भी सहयोग देते हुए अपना मूह खोल दिया और जीभ मेरे मुँह में डाल दी. हम दोनो एक दूसरे की जीभ चुभलने लगे.
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06-15-2017, 11:51 AM,
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RE: नये पड़ोसी
मेने अपना हाथ बढ़ा उसकी चूत पे रख दिया. हाथ रखते ही मेने पाया कि उसकी चूत एक दम सफ़ा चट थी. उसने अपने चूत के बाल एक दम शेव किए हुए थे, जो में हमेशा प्रीति से कहता था पर वो मेरी ये बात नही मानी.
बिना झांतों की एक दम नई चूत मेरे सामने थी, मेने अपना हाथ का दबाव बढ़ा उसकी चूत को ज़ोर से रगड़ने लगा. मेने अपनी एक उंगली उसकी चूत के मुहाने पर घुमाई तो पाया कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी.
"तुम अपनी उंगली मेरी चूत में क्यों नही डालते जिस तरह मेरे पति ने अपनी उंगली तुम्हरी बीवी की चूत में डाली हुई है." उसने कहा, में घूम कर देखा तो पाया कि प्रशांत का एक हाथ मेरी बीवी की चुचियों को मसल रहा है और दूसरा हाथ उसकी खुली जीन्स से उसकी चूत पे था. उसके हाथ वहाँ क्या कर रहे थे मुझे समझते देर नही लगी.
आचनक मेरी बीवी प्रीति ने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखी. वो एक अंजान आदमी के हाथों को अपनी चूत पे महसूस कर रही थी और में एक पराई औरत की चूत में उंगली कर रहा था. वो मेरी तरफ देख मुस्कुरई और मैं समझ गया की आज की रात हम दोनो के ख्वाब पूरे होने वाले हैं. प्रीति ने मुस्कुराते हुए अपनी जीन्स और पॅंटी पूरी उतार कर नंगी हो गयी.
जैसे ही उसने अपनी जीन'स और पॅंटी उत्तरी उसने प्रशांत के कान में कुछ कहा, प्रशांत ने उसकी ब्रा और टॉप भी उतार दी. अब वो एक दम नंगी उसकी बाहों में थी. प्रशांत के हाथ अब उसके नंगे बदन पर रेंग रहे थे.
"लगता है हम उनसे पीछे रह गये." कहकर बबिता मुझसे अलग होते हुए अपनी जीन्स और टॉप उतार दिया. जैसे हम किसी प्रतिस्पर्धा मे हो, बबिता अपनी पॅंटी भी उतार नंगी हो गयी.
"लगता है कि हमें उनसे आगे बढ़ना चाहिए," कहकर बबिता ने मेरी जीन्स के बटन खोल मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया. बबिता मेरे लंड को सहला रही थी और मेरा लंड उसके हाथों की गर्माहट से तनता जा रहा था. बबिता एक अनुभवी चुड़ाकड़ महिला की तरह के मेरे लंड से खेल रही थी.
में भी अपनी जीन्स और अंडरवेर से बाहर निकल नंगा बबिता के सामने खड़ा था. बबिता ने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया, जो तन कर 8-5 इंच का हो गया था….. "बहुत मोटा और लंबा है" कहकर बबिता लंड को दबाने लगी.
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06-15-2017, 11:51 AM,
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RE: नये पड़ोसी
मेने घूम कर देखा तो पाया कि मेरी बीवी मुझसे आगे ही थी. प्रीति प्रशांत के सामने घुटनो के बल बैठे उसके लंड को हाथों में पकड़े हुए थी. प्रशांत का लंड लंबाई में मेरी ही साइज़ का था पर कुछ मुझसे ज़्यादा मोटा था. प्रीति उसके लंड की पूरी लंबाई को सहलाते हुए उसके सूपदे को चाट रही थी.
मुझे पता था कि प्रीति की इस हरकत असर प्रशांत पर बुरा पड़ने वाला है. प्रीति लंड चूसने मे इतनी माहिर थी की उसकी बराबरी कोई नही कर सकता था. उसका लंड चूसने का अंदाज़ ही अलग था. वो पहले लंड के सूपदे को अपने होंठो में ले चुस्ती फिर धीरे धीरे लंड को अपने मुँह में भींचती हुई नीचे की और बढ़ती जिससे लंड उसके गले तक चला जाता. फिर अपनी जीभ से चाटते हुए लंड उपर की ओर उठती. यही हरकत जब वो तेज़ी से करती तो सामने वाले की हालत खराब हो जाती थी.
इसी तरह से वो प्रशांत के लंड को चूसे जा रही थी. जब वो उसके सूपदे को चूस्ति तो अपने थूक से सटे हाथों से ज़ोर ज़ोर से लंड को रगड़ती. में जानता था कि प्रशांत अपने आपको ज़्यादा देर तक नही रोक पाएगा.
करीब 10 मिनिट तक प्रीति प्रशांत के लंड की चुसाइ करती रही. में और बबिता भी दिलचस्पी से ये नज़ारा देख रहे थे. प्रशांत ने अपने लंड को प्रीति के मुँह से बाहर निकाला और मेरे और बबिता के पास आ खड़ा हो गया. बबिता मेरे लंड को सहला रही थी और प्रशांत ने अपने होठ बबिता के होठों पे रख उन्हे चूमने लगा. बबिता उससे अलग होते हुए बोली, "प्रशांत राज को बताओ ना कि मुझे किस तरह की चुदाई पसंद है."
फिर कामुकता का एक नया दौर शुरू हुआ. प्रशांत अपनी बीवी बबिता के पीछे आकर खड़ा हो गया और मुझे उसके सामने खड़ा कर दिया. फिर बबिता के माथे पे आए बालों को हटाते हुए मुझसे कहा, "राज इसके होठों को चूसो?"
मेने एक अग्यकारी शिष्य की तरह आगे बढ़ अपने होठ बबिता के होटो पर रख दिए. बबिता ने अपनी जीब मेरे मुँह में डाल दी. हम दोनो एक दूसरे की जीभ को चूस रहे थे. "अब इसकी चुचियों को चूसो?" प्रशांत ने कहा.
में नीचे झुक बबिता की चुचि को हाथों में पकड़ उसका निपल अपने मुँह में ले चूसने लगा. उसकी चुचियाँ बहोत भारी तो नही पर कसी ज़रूर थी. गोल चुचि और काले सख़्त निपल काफ़ी मज़ा दे रहे थे.
"दूसरे को नज़र अंदाज़ मत करो" कहकर उसने बबिता की दूसरी चुचि पकड़ मेरे मुँह की आगे कर दी. मेने अपने होठ बढ़ा उसके दूसरे निपल को अपने मुँह मे ले चूसने लगा.
करीब 5 मिनिट तक में उसके चुचियों को चूस्ता रहा, कि मेने पाया की प्रशांत के हाथ मेरे कंधों पे थे और मुझे नीचे की और दबा रहा था, मुझे इशारा मिल गया. कैसे एक पति दूसरे मर्द को अपनी बीवी से प्यार करना सिखा रहा था. में नीचे बैठते हुए पहले उसकी नाभि को चूमा और फिर उसकी कमर को चूमते हुए अपने होठ ठीक उसकी चूत के मुख पे रख दिए.
जब में उसकी चूत पे पहुँचा तो में दंग रह गया. प्रशांत ने बबिता के पीछे से अपने दोनो होठों से उसकी चूत की पंखुड़ियों को पकड़ के इस कदर फैला दी थी, जिससे मुझे उसकी चूत को चाटने मे आसानी हो. जैसे ही मेने अपने जीभ उसकी चूत पे फिराई में पाया कि मेरी बीवी प्रीति ठीक मेरे बगल में बैठी थी और उसकी निगाहें बबिता के चूत पे टिकी हुई थी.
प्रशांत को अच्छी तरह पता थी की मर्द की कौनसी हरकत उसकी बीवी की चूत में आग लगा सकती थी, "अब अपनी जीभ से इसकी चूत के चोरों और चॅटो?' उसने कहा.
आज में कई सालों के बाद किसी दूसरी औरत की चूत को चाट रहा था, वो भी जब की मेरी बीवी 6 इंच की दूरी पे बैठी मुझे निहार रही थी. मेने अपना एक हाथ बढ़ा प्रीति की चूत पे रखा तो पाया कि उत्तेजना में उसकी चूत भी गीली हो चुकी थी. मेने अपनी दो उंगली उसकी चूत में घुसा अंदर बाहर करने लगा. में बबिता की चूत को चाते जा रहा था, प्रीति मेरे लंड को पकड़ सहलाने लगी.
"अब इसकी चूत को नीचे से उपर तक चॅटो और करते जाओ?" प्रशांत ने बबिता की चूत और फैलाते हुए कहा. मैने वैसे ही किया जैसा उसने करने को कहा, बबिता की चूत से उत्ति मादक खुश्बू मुझे और पागल किए जा रही थी.
"अब अपनी जीब पूरी बबिता की चूत में डाल दो?" प्रशांत ने कहा. बबिता ने भी अपनी टाँगे और फैला दी जिससे मुझे और आसानी हो सके. में अपनी जीब उसकी चूत में घुसा उसे ज़ोर से चोद रहा था. बबिता की सिसकारिया शुरू हो चुकी थी, "हाआँ राआज चूसूऊऊ मेरी चूत को निचोड़ लो मेरे चूत का सारा पानी, ओह ह्बीयेयेययाया" प्रशांत बबिता के चूत को फैलाए उसके पीछे खड़ा था. में और तेज़ी से उसकी चूत को चूसने लगा. इतने में बबिता का शरीर आकड़ा और जैसे कोई नदी का बाँध खोल दिया गया हो उस तरह से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेरा पूरा मुँह उसके रस से भर घाया. बबिता ज़मीन पे बैठ अपनी उखड़ी सांसो को संभालने लगी.
थोड़ी देर सुसताने के बाद उसने मेरे चेहरे को अपने नज़दीक कर मुझे चूम लिया, "राज अब में चुदवाने के लिए तय्यार हूँ" इतना कहकर बबिता मेरा हाथ पकड़ मुझे सोफे के पास ले गयी.
क्रमशः...............
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06-15-2017, 11:51 AM,
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RE: नये पड़ोसी
इतनी ज़ोर दर चुदाई देख मेने भी अपने धक्को में तेज़ी ला दी. बबिता भी अपने चुतताड पीछे की ओर धकेल ताल ताल से मिला रही थी. मेने अपनी एक उंगली बबिता की चूत में डाल गीली की और फिर उसके गांद के छेद पे घुमा कर धीरे से अंदर डाल दी. बबिता सिसक पड़ी, "ओह राज कियेयीययाया कर रहे हो?" मेने उसकी बात पे ध्यान नही दिया और उसे ज़ोर से चोद्ते हुए अपनी उंगली उसकी गांद के अंदर बाहर करने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था. वहीं पर प्रशांत भी जम कर प्रीति की चुदाई कर रहा था. मेने बबिता के शरीर को अकड़ता पाया, उसने मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ़्त में ले लिया.
में ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहा था, मेरा भी पानी छूटने वाला था. मेने दो चार धक्के मारे और मेरे लंड ने बबिता की चूत में बौछार कर दी, साथ ही बबिता की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया.
में फिर भी धक्के मारे जा रहा था और अपनी बीवी प्रीति को देख रहा था, उसकी साँसे तेज थी और वो सिसक रही थी, "ओह आहह प्रशांत चोदो मुझे और जूऊओर से हााआअँ ऐसे ही छोड्ड्ड्ड्ड्ड्डो और ज़ोर सूऊऊ."
में समझ गया कि प्रीति का समय नज़दीक आ गया है, उसने ज़ोर से अपने चुतताड उपर उठा प्रशांत के लंड को अपने गिरफ़्त मे ले अपना पानी छोड़ दिया. प्रशांत का भी काम होने वाला था उसने अपना लंड प्रीति की चूत से बाहर निकाल हिलाने लगा और फिर प्रीति के पेट और छाती पर अपने वीर्य की बरसात कर दी.
प्रशांत अपना लंड फिर उसकी चूत में घुसा धक्के मारने लगा. थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला तो वो प्रीति की चूत के पानी और खुद के सफेद वीर्य से लिथड़ा हुआ था. प्रशांतने थोड़ा साइड में हो अपना लंड प्रीति के मुँह में दे देता है. और बबिता अपने आप को अड्जस्ट कर अपना मुँह प्रीति की चूत पर रख उसे चाटने लगी.
मेरे लंड फिर तनाव आ गया था और में ज़ोर के धक्को के साथ बबिता को चोदे रहा था. बबिता मेरी बीवी की चूत को चूस रही थी और प्रीति प्रशांत के लंड को. महॉल में काम की आग दहेक रही और तीनो उत्तेजना से भरे पड़े थे.
दो चार कस्के धक्के मार मेने एक बार फिर अपना पानी बबिता की चूत में छोड़ दिया. प्रीति की चूत ने भी बबिता के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया वही प्रीति प्रशांत के लंड से छूटे पानी को पी रही थी.
हम चारों पसीने में लठ पथ थे और साँसे तेज हो गयी थी. ऐसी जमकर चुदाई शायद सभी ने पहली बार की थी. हम सब लेट कर सुसताने लगे. बबिता ने मुझे बाहों भर चूमते हुए कहा, "राज ऐसी चुदाई मेने आज पहली बार की है, तुम्हारे चोदने का अंदाज सही में निराला है." "बबिता ये तो मुझे प्रशांत ने सिखाया कि तुम्हे किस तरह की चुदाई पसंद है." मेने उसे चूमते हुए जवाब दिया.
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06-15-2017, 11:51 AM,
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RE: नये पड़ोसी
रात के 12.00 बज चुके थे और दूसरे दिन काम पर भी जाना था. प्रशांत और बबिता खड़े हो अपने कपड़े पहनने लगे. कपड़े पहन दोनो ने हमसे विदा ली और अपने घर चले गये. में और प्रीति भी एक दूसरे को बाहों में ले सो गये.
अगले कुछ दीनो तक हमारी मुलाकात प्रशांत और बबिता से नही हो पाई. उस रात की चुदाई ने हमारी सेक्स लाइफ को एक नया मोड़ दिया था. अक्सर रात को बिस्तर में हम उस रात की चर्चा करते और जमकर चुदाई करते. हम दोनो की इच्छा थी कि प्रशांत और बबिता के साथ एक रात और गुज़ारी जाए.
तीसरे दिन शाम के 6.00 बजे प्रशांत हमारे घर आया. उसने बताया कि वो ऑफीस के काम इतना मशगूल था इसलिए हम लोगो से नही मिल पाया. बातचीत के दौरान मेने प्रशांत को बताया अगले वीकेंड पर में प्रीति गोआ घूमने जा रहे है. मेने प्रशांत से कहा, "प्रशांत तुम और बबिता क्यों नही साथ चलते हो?"
प्रशांत कुछ देर सोचते हुए बोला में तय्यार हूँ पर हम लोग आपस में एक शर्त लगाते है. जो शर्त हार जाएगा उसे घूमने का सारा खर्च उठाना पड़ेगा बोलो मंजूर है."
"पर शर्त क्या होगी?" मेने प्रशांत से पूछा.
"शर्त ये होगी कि अगले 10 दिन तक हम सफ़र तय्यारी करेंगे. इन 10 दीनो में हम चारों चुदाई गुलाम होंगे. हम दूसरे से कुछ भी करने को कह सकते हैं, जो पहले काम के लिए मना करेगा वो शर्त हार जाएगा." उसने कहा.
प्रीति ये बात सुनते ही उछल पड़ी "मुझे मंजूर है." जब प्रीति हां बोल चुकी थी तो में कौन होता था ना करने वाला बल्कि में तो तुरंत बबिता के ख़यालों में खो गया कि में उसके साथ क्या क्या कर सकता हूँ, और अगर उसने इनकार किया तो छुट्टियाँ फ्री में हो जायगी, पर मुझे क्या मालूम था कि आगे क्या होने वाला है.
"ठीक है प्रशांत हमे मंजूर है." मेने कहा.
"तो ठीक है हमारे शर्त कल सुबह से शुरू होगी." कहकर प्रशांत चला गया.
मुझमे और प्रशांत में शर्त लग चुकी थी. अब हम अपनी ख्वाशे आज़माने का इंतेज़ार करने लगे. दूसरे दिन प्रशांत शाम को हमारे घर आया और शर्त को शुरू कर दिया. उसने प्रीति को अपने पास बुलाया, "प्रीति तुम अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ."
प्रीति ने अपने पूरे कपड़े उतारे और नंगी हो गयी. प्रशांत ने उसकी चूत पे हाथ फिराते हुए कहा, "प्रीति पहले तुम अपनी झटें सॉफ करो, मुझे चूत पे बाल बिल्कुल भी पसंद नही है."
प्रीति वहाँ से उठ कर बाथरूम में चली गयी. थोड़ी देर बाद प्रीति बाथरूम से बाहर निकल कर आई. मेने देखा की उसकी चूत एकदम चिकनी और साफ लग रही थी. बाल का नामो निशान नही था. प्रशांत ने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसे चूमते हुए उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी.
"वाह क्या चूत है तुम्हारी!" कहकर प्रशांत अपनी दूसरी उंगली उसकी चूत में डाल अंदर बाहर करने लगा. "शायद में पहला व्यक्ति होऊँगा जो तुम्हारी बिना बालों की चूत को चोदेगा."
प्रशांत ने प्रीति को खड़ा किया और खुद खड़ा हो अपने कपड़े उतारने लगा. उसका खड़ा लंड शॉर्ट्स के बाहर निकल फुन्कर रहा था. प्रीति आगे बढ़ उसके लंड को अपने हाथों में ले सहलाने लगी.
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06-15-2017, 11:52 AM,
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RE: नये पड़ोसी
अब प्रीति अपने दोनो चुचियों को पकड़ एक ब्लू फिल्म की अदाकारा की तरह उछल उछल कर प्रशांत को चोद रही थी. जैसे ही वो उपर की ओर उठती तो उसकी छूट थोड़ा सुकड जाती और जब वो ज़ोर से उसके लंड पे बैठती तो चूत खुल कर लंड को अपने में समेट लेती. दोनो उत्तेजना में भर चुके थे, प्रशांत के हाथ उसकी कमर पर थे और धक्के लगाने में सहयता कर रहे थे.
उनके शरीर की अकड़न देख कर में समझ गया कि दोनो का पानी छूटने वाला है, इतने में प्रशांत ने प्रीति को रुकने के लिए कहा. प्रीति रुक गयी. प्रशांत उसे खींच अपनी छाती पे लिटा लिया. प्रीति अब प्रशांत की छाती पर पीठ के बल लेटी थी. प्रशांत ने प्रीति की टाँगो को सीधा कर फैला दिया जिससे उसका लंड चूत में घुसा हुआ साफ दिखाई दे रहा था.
"राज आकर अपनी बीवी की चूत को चूस्कर उसका पानी क्यों नही छुड़ा देते?" कहकर प्रशांत ने प्रीति की चूत को अपने हाथों से और फैला दिया. में अपने आपको रोक ना सका और उछल कर उन दोनो की टाँगो के बीच आ अपना मुँह प्रीति की चूत पे रख दिया. में ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूस रहा था और चाट रहा था. मेरी जीभ की घर्षण ने दोनो के बदन में आग लगा दी.
थोड़ी देर में प्रशांत ने अपने चूतड़ उपर की ओर उठाई जैसे कि अपना लंड और उसकी चूत में जड़ तक समाना चाहता हो, में समझ गया कि उसका पानी छूटने वाला है. प्रीति ने भी अपनी चूत का दबाव प्रशांत के लंड पर बढ़ा अपना पानी छोड़ दिया. प्रशांत ने भी प्रीति की कमर को ज़ोर से पकड़ अपने वीर्य को उसकी चूत उंड़ेल दिया.
में प्रीति की चूत ज़ोर से चूसे जा रहा था और साथ ही साथ अपने लंड को रगड़ रहा था. जब प्रशांत के लंड ने अपना सारा पानी प्रीति की चूत में छोड़ दिया तो प्रशांत ने प्रीति को अपने से नीचे उतार दिया और मेरी तरफ देखते हुए कहा, "राज अब तुम प्रीति को चोदो?"
प्रीति मेरे सामने अपनी टाँगे फैलाए लेटी थी. उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने थी साथ ही मुझे उसकी चूत से टपकता उसका अवाम प्रशांत का वीर्य साफ दिखाई दे रहा था. दूसरे के वीर्य से भीगी अपनी बीवी की चूत में लंड डालने का मेरा कोई इरादा नही था. जब प्रशांत ने मुझे हिचकिचाते हुए देखा तो इशारे से मुझे शर्त याद दिलाई.
मेरे पास कोई चारा नही था, इसलिए में प्रीति की टाँगो के बीच आ गया और एक ही धक्के में अपने खड़े लंड को उसकी चूत में जड़ तक समा दिया. मेने देखा मेरा लंड प्रशांत के वीर्य से लिथड़ा हुआ प्रीति की चूत के अंदर बाहर हो रहा था.
प्रीति ने अपनी उखड़ी सांसो को सम्हाल अपनी आँखे खोल मुझे देख कर मुस्करा दी. फिर उसने पलट कर प्रशांत की ओर देखा, प्रशांत उसकी और बढ़ कर उसके होठों को चूसने लगा. में अपनी बीवी को कस के चोदे जा रहा था और वो दूसरे मर्द के होठों का रास्पान कर रही थी. प्रशांत अब नीचे की और बढ़ कर उसकी एक चुचि को मुँह मे ले चूस रहा था.
इतने में प्रशांत झटके में उठा, "तुम दोनो एंजाय करो." कहकर वो अपने कपड़े पहन वहाँ से चला गया. मेने प्रीति की ओर देखा, उसने अपनी टाँगे मोड़ अपनी छाती पर रख ली और अपनी उंगली को मुँह में गीला कर अपनी चूत में घुसा दी.
में और तेज़ी से उसे चोदने लगा और वो अपनी उंगली से खुद को चोद रही थी. मुझे पता था कि थोड़े ही देर में उसकी चूत फिर पानी छोड़ देगी और मेरा लंड उसकी चूत में पानी छोड़ देगा. थोड़ी ही देर में हम दोनो का शरीर अकड़ने लगा और प्रीति ने अपनी नसों के खींचाव से मेरे लंड को पूरा भींच लिया. उसकी चूत ने इतनी जोरों का पानी छोड़ा कि मुझे ऐसा लगा की मेरे लंड पर कोई बाँध खुल गया है. मेने भी उसे जोरों से भींचते हुआ अपना वीर्य उगल दिया.
हम दोनो आपस में शर्त तो लगा चुके थे, पर इस शर्त की हद कहाँ तक हमें ले जाएगी ये मुझे कुछ दिनो के बाद पता चला. मैने और प्रीति ने प्रशांत और बबिता का अपने दोस्तों मे परिचय कराने के लिए एक छोटी सी पार्टी रखी थी.
मेने सोच लिया था कि मैं बबिता वो सब करने को कहूँगा जो वो नही करना चाहती. अगर उसने ना कही तो में शर्त जीत जाउन्गा. पार्टी के दिन में ऑफीस में यही सोचता रहा और शाम तक मेने सब कुछ सोच लिया था कि मुझे क्या करना है.
बबिता के ख्यालो में खोए हुए जब में शाम को घर पहुँचा तो मेरा लंड पूरा खंबे की जैसे तना हुआ था. प्रीति ने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला और मुझे बाहों मे भर चूम लिया. मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था. प्रीति ने दरवाज़ा बंद किया और घुटनो के बल बैठते हुए मेरी पॅंट के बटन खोलने लगी.
में दीवार का सहारा ले खड़ा हो गया और प्रीति मेरे लंड को बाहर निकाल चूसने लगी. वो मुझे ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और में उसके बालों को पकड़ अपने लंड पर उसके मुँह का दबा रहा था. थोड़ी देर मैने मेरे लंड उसके मुँह मे वीर्य छोड़ दिया जिससे वो सारा गटक गयी.
क्रमशः...............
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RE: नये पड़ोसी
नए पड़ोसी पार्ट--3
गतान्क से आगे.........
अपने होठों पे लगे मेरे वीर्य को अपनी जीभ से साफ करते हुए वो बोली, "राज जानते हो आज में बाज़ार से क्या लेकर आई हूँ?" इतना कह वो मुझे घसीट कर बेडरूम मे ले गयी. बेडरूम मे पहुँच मेने देखा कि बिस्तर पर एक बहोत ही काले रंग का 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा डिल्डो पड़ा था.
प्रीति ने बताया कि वो ये डिल्डो बबिता के साथ बाज़ार से लाई है. ये बॅटरी से चलता है. प्रीति इसे आजमाना चाहती थी, मेने ड्रॉयर से बॅटरी निकाल उसमे लगा दी. प्रीति बिस्तर पर लेट गयी और अपने गाउन को कमर तक उठा दिया और अपनी चूत को फैला दिया.
मेने देखा कि कई दीनो से प्रीति ने पॅंटी पहनना छोड़ दिया था. "में चाहती हू कि तुम इसे मेरी चूत में डालकर मुझे इससे चोदो." कहकर प्रीति ने डिल्डो मेरे हाथों मे पकड़ा दिया. मेने पहले उसकी सफ़ा चट चूत को चूमा फिर डिल्डो को उसकी चूत के मुहाने पे रख दिया. डिल्डो मेरे लंड से भी मोटा था और में सोच रहा था कि वो प्रीति की चूत में कहाँ तक जाएगा.
में डिल्डो उसकी चूत पे रख अंदर घुसाने लगा. प्रीति अपनी टाँगे हवा में उठाए हुए थी. थोड़ी देर मैने ही पूरा डिल्डो उसकी चूत मे घुसा दिया. उसका ऑन का स्विच ऑन कर दिया. अब वो प्रीति को मज़े दे रहा था और उसके मुँह से सिसकारी निकल रही थी, "ओह अहह."
इतने में ही फोन की घंटी बज़ी. प्रीति झट से बिस्तर पर से उठ फोन सुनने लगी. फोन पर उसकी फ्रेंड थी जो थोड़ी देर मे हमारे घर आ रही थी. प्रीति ने अपने कपड़े दुरुस्त किए और डिल्डो को बेड के साइड ड्रॉयर मे रख दिया. दरवाज़े की घंटी बज़ी और प्रीति अपने फ्रेंड को रिसीव करने चली गयी.
मेने भी रात के कार्यक्रम को अंजाम देने की लिए बबिता का फोन मिलाया. उसने पहली घंटी पर ही फोन उठाया और हंसते हुए पूछा, "प्रीति को अपना नया खिलोना कैसा लगा?" मेने उसकी बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया. मेने उसे बताया कि उसे रात की पार्टी में टाइट ब्लॅक ड्रेस पहन कर आनी थी और उसे नीचे कुछ भी नही पहनना था. ना ही किसी तरह की ब्रा और ना ही पॅंटी. और साथ ही संडले भी एक दम हाइ हील की होनी चाहिए. उसने बताया कि ऐसी ही एक ड्रेस उसके पास है. बबिता ने पूछा कि उनके कुछ दोस्त उनके साथ रहने के लिए आ रहे है, क्या वो उन्हे साथ में पार्टी में ला सकती है. में उसे हाँ कर दी.
सब से पहले पहुँचने वालों में प्रशांत और बबिता ही थे, वी करीब 7.00 बजे पहुँच गये थे. उनके साथ उनके दोस्त अविनाश और मिनी थे. दोनो की जोड़ी खूब जाँच रही थी. अविनाश जिसे सब प्यार से अवी कहते थे थ्री पीस सूट में काफ़ी हॅंडसम लग रहा था. और मिनी का तो कहना ही क्या, उसने काले रंग की डीप कट ड्रेस पहन रखी थी जो उसके घुटनो तक आ रही थी. गोरा रंग, पतली कमर और सुडौल टाँगे. मिनी काफ़ी सुन्दर दिखाई दे रही थी.
पर बबिता को देख कर मेरी साँसे उपर की उपर रह गयी. जैसे मेने कहा था उसने लो कट की काले कलर की टाइट ड्रेस पहेन रखी थी. और वो मिनी की ड्रेस से भी छोटी थी. उसके घुटनो से थोड़ा उपर की ओर तक. ड्रेस इतनी छोटी थी कि बिना ड्रेस को उपर किए उसकी साफ और चिकिनी चूत दिखाई दे सकती थी. पता नही बबिता ने कैसे हिम्मत की होगी बिना ब्रा और पॅंटी के ये ड्रेस पहनने की.
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