पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
05-25-2023, 05:11 AM,
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 37

कुंवारी रीता की पहली चुदाई



रीता आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है   मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी !

रीता ने प्यार से  मेरी ओर देखा। मैंने उसकी आँखों में झाँका और अपने  प्रति प्रेम और स्नेह की तीव्र, शुद्ध भावनाओं को महसूस किया।   इस कोमल तरुणा  के प्रति मेरे दिल में प्यार की एक चिंगारी जल उठी। मैं फिर ऊपर हुआ  और धीरे से अपनी जीभ से उसके जबड़े को चूमते हुए उसके कान के पास पहुँचा और धीरे से उसके कान के लोब को चूसा, उसकी साँस धीमी हो गई। रीता कांप उठी; उसके मन में  चल रही थी तीव्र भावनाएँ।   मैंने   धीरे से उसका चेहरा अपने सामने खींच लिया। रीता डर से थोड़ा फुसफुसाई, लेकिन उसने मेरी प्रेरक उंगलियों और अंगूठे का विरोध नहीं किया जो धीरे से उसकी ठुड्डी को सहला रही थी . 


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"तुम क्यों डर रही हो  ?  मैं तुम्हें चोट  नहीं  पहुंचाऊंगा यह सिर्फ प्यार भरे चुंबन है," मैं उसके कान में मोहक  तरीके से एक हाथ से उसके सिर के ऊपर से उसका हाथ पकड़े फुसफुसाया।  अच्छा चलो तुम ही मुझे किस करो  

"मुझे चुम्बन से कोई ऐतराज  या डर नहीं है, लेकिन यह तुम्हारा औजार बहुत बड़ा है " रीता ने घबराते हुए कहा।

"क्या आपने नहीं देखा कि मिस नीता ने इसका कितना आनंद कैसे लिया! आप भी इसकी शक्ति का आनंद लेंगे, यह आपको स्वर्ग दिखाएगा। मैं धीरे धीरे  कोमल  हो  आराम से करूँगा," मैंने कहा। 

मैं  उसके होठों  चूमना लगा  और  चंबण के कारण उसका ध्यान अब चुंबन पर चला गया और  उसे अपने से चिपका लिया जिससे  हम दोनों के बीच का  अंतर  बड़ी कुशलता से बंद कर दिया। वो  क्या कर रही थी  ये सोचने का मौका दिए बिना मैंने उसे बड़ी शिद्दत से चूमा और उसका शरीर मेरे साथ चिपटा  धनुषाकार  हुआ और उसने मेरे को वापस चूम कर मेरे चुंबन  का जवाब  दिया । मैंने अपनी जीभ उसके निचले होंठ पर फिरकर उन्हें ओंठो  के अंदर घुसकर  प्रवेश के लिए दबाब बनाया । उसने पहले तो थोड़ा  मना किया  पर जब मैंने जीभ नहीं हटाई  तो उसने अपना मुंह खोल दिया और मेरी जीभ उसकी जीभ के  साथ मिल गई। रीता  अपने हाथों को नीचे  ले गयी  और  उन्हें मेरे नंगे सीने और कंधों पर घुमाया, और अंत में उन्हें मेरे गले में डाल  दिया। मैंने उसे अपने करीब खींच लिया।


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मैंने फिर उसके  होंठो पर एक लम्बी किस की उसकी आँखे बंद थी  मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो रीता ने आँखे खोली और मुस्करायी मैं  फिर मैं उसके होंठो  को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी  मैंने फिर  से अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ  को चूसने लगी. फिर मैंने  भी उसकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप्प किस करने लगे  और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी.

मैं उससे, उसकी खुशबू, उसके स्वाद में रम गया था और कुछ बहुत ही मीठा, मासूम और जागृत होने के जुनून की तरह चखा।

रीता के नाजुक हाथ ने मेरी गर्दन को छोड़ दिया और  मेरे बालों में ऊपर की ओर चला  गया, फिर जहाँ-जहाँ उसकी उँगलियों   मेरे को  छूते हुए  अपना  हाथ   मेरे गाल पर ले आई  । मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी पीठ के चारों ओर घूमते रहे, अपना रास्ता बनाते हुए, धीरे से उसके तंग नितम्बो  को सहलाते रहे। जैसे ही मैंने खुद को उसके खिलाफ दबाया, वह कराह उठी, भावनाओं की एक लहर  फिर से उसके शरीर में चल रही थी। धीरे चुंबन को तोड़ा , मैं उसे देखा, उसके गाल लाल हो गए थे और उसके होंठ चूमने से सूज गए , और उसकी आँखों तीव्र जुनून के साथ चमकीले चमकने लगी.  नीता अपनी विस्मय भरी निगाहों से यह सब देख रही थी और उसने कभी सोचा भी नहीं था कि रीता गलियों में  रहने वाले  के साथ  प्रेमी की तरह रोमांटिक तरीके से व्यवहार  करेगी। 

मैंने बेशक नीता को  कामुक और सेक्सी तरीके से चोदा था , लेकिन यहाँ उसने हम  दोनों के बीच रोमांस की केमिस्ट्री देखी। वह चुप रही, आखिर रीता उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी और वह उसे इस दुनिया में किसी भी चीज़ से ज्यादा प्यार करती थी, और उसे अपने तरीके से संतुष्ट होने देती थी।
यही नहीं अगर रीता को इसके लिए उसकी  ममद मांगी तो वो उसे भी सहर्ष देती . 

मैंने रीता की   पींठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं. उसके  हाथ मेरे गले  से होते हुए  कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी और धकेल रही थी. उसी बीच मेरा एक   हाथ उनके गाउन  पर से होते हुए रीता की पीठ  कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गया. मेरा  हाथ  गाउन  के ऊपर से रीता के स्तनों को दबा रहा था. रीता  की आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे  हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी.

उसे उसके गर्दन और कंधों को चूमने के बाद उसकी बगल में बैठ, उसके शरीर सुगंध  को अपनेी साँसो में भरा और कहा, "तुम बहुत सेक्सी और रोमांचक हो ।"


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मैंने उसके कपडे उतारने शुरू किये तो पाया की रीता  बहुत उत्तेजित थी,  क्योंकि उसे आज पुरुष का पूरा प्यार मिल रहा था  जोरीता को  उसके नारीत्व  का एहसास करवाएगा .

फिर धीरे  से  मैंने  उसका गोरा माथा  चुमा और धीरे से उसकी चुनरी हटाने लगा . उसने भी मुझे चुनरी हटाने में मदद करि   उसका सजा सांवरा दुल्हन वाला रूप धीरे धीरे मेरे सामने आने लगा था.  वाह क्या रूप था मैं तो एकदम सन्न देखता रह गया ..गोरी चिट्टी तरुण कमसिन तीखी नैन नक्श.  गोल चेहरा. ..मेरा लंड तो फुफकारने लगा ..   

अब मैंने  उसका मांग  टिका हटा दिया और फिर  धीरे  से  मैंने  उसकी  गोरी  पेशानी  चुम  ली . उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उसकी दोनों  नशीली आँखों पर एक चूमा दिया. फिर रीता की नाक को चूमा तो वह सिहर उठी .. फिर मैंने उसके गालो पर चुम्बन  किया वह   मुस्कराने लगी  मैंने फिर उसके गालो को चाटा. बहुत मोठा स्वाद था  फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे धीरे चूसा  आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा फिर मैंने निचला होंठ चूमा  और चूसा. फिर मैं उसके होंठो  को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी  . और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।  वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ  को चूसने लगी. फिर मैंने  भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा. आपा मुझसे कस कर लिपट गयी.. मेरे हाथ अब उनकेस्तनों  पर जा चुके थे  मैंने ऊके गोल गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया.  मैंने महसूस किया उसके बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे.. तभी मेरा हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए और सोचा अब  कबूतरो को  आज़ाद कर देना चाहिए  मैंने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स  को चूमा और निप्पल्स को चूसा और उसके गले में पहने गहनों को उतार  दिया. जहाँ जहाँ के गहने उतरे मैंने वहां किस किया. बिच बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों  में  देखता था तो वह मुस्करा देती थी  मेरे एक हाथ  उसकी पीठ पर था  ..

मैंने चुनरी के एक पल्लू को  गाउन  और एक कंधे  से हटाया और वो एक तरफ गिर गया, अब चुनरी  एक कंधे पर थी साथ ही चुनरी का दूसरा हिस्सा जो गाउन के पिछले हिस्से  में घुसा हुआ था  उसे भी निकाल दिया  वह मेरे सामनेसिर्फ उस गाउन  में थी.  मेरा लंड   संसानने लगा मैंने रीता को एक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दुसरे की आँखों में देखने लगे


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उनके स्तन पूरी तरह फिट गाउन में से  बाहर आने को आतुर थे.  उसकी गाउन  स्लीव लेस थी मैंने उसकी गाउन  के ऊपर की डोरी जो उसकी गर्दन पर बंधी थी उसे   खोल दीया  और उसके कंधो और बाँहों  पर किस करने लगा. उसके बाद नीचे की  कमर पर बंधी  डोरी खिंच कर गाउन के ऊपरी हिस्से को निचे कर  कबूतर अज़्ज़ाद कर दिए . रीता एक दम से हुए इस हमले से शर्मा  कर  मुझसे लिपट गयी . मैंने धीरे से उसको अलग किया   मैं उसके  स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था.  उसने हाथो से स्तनों को छुपा लिया  , मैंने फिर धीरे से हाथ अलग कर दिए  और उसके गोल  स्तनों और उसके निपल्स को छुआ।  और फिर  उसकी  छातियों को हाथो  से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा  दोनों बूब्स  एक दम लाल हो गए ..  फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों  बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे  रीता  के पिंक गुलाबी चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे. मेरे  हाथों ने उनके  स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा . मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया. हम दोनों की साँसे तेज तेज चलने लगी. मैंने स्तनों को  चुंबन किया ,   स्तन हमेशा मुझे सबसे प्रिय रहे हैं , मैंने  पूरी भावना मैं वापस उसके स्तनों को चूसा  और चूमा। मेरा लंड पहले से ही खम्भे की तरह खड़ा था।

फिर मैंने रीता  को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया  उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती  से दबने लगे  मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकता ,, मैंने रीता  का मुँह को चूमा और  लिप किस करि. फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेलने लगा . मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा .  नहीं बता सकता  की उस पल क्या सुखद अनुभूति हुयी. फिर मैंने  दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया. उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी. मैंने चूचियों को दांतो से कुतरा  तो   रीता  कराह उठी

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो .. मैंने चूचियों को दांतो से कुतरा तो रीता कराह उठी  आह यह आह रीता  कह रही थी धीरे दीपक मेरे राजा  धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे

मैं बार बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहा  जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग सी न लग गयी.  वो पहले बार  सम्भोग  का आंनद ले रही थी   तभी   उसके  शरीर में एक उफान सा आया मैंने सोचा  अब ये बिलकुल त्यार है  इसलिए इसे अब जल्द ही इसे चोद  कर इसका कुंवारा पण भंग करना चाहिए 


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मैंने रीता को खड़ा किया और फिर  मेरे हाथ  स्तनों पर से नीचे की और बढाए और गाउन में कमर के ऊपर की डोरी को  मैंने खोल दिया और गाउन  को ढीला कर  नीचे को सरका दिया और गाउन उसके पैरो में गिरा और मैंने उसे आगे को खींचा तो वो मेरी बगल में बैठ गयी  मेरी उँगलियों का उसकी कमर पर उसकी पैंटी से स्पर्श हुआ  और फिर मेरे हाथ उसके पैरों के बीच   फिसले और पेंटी के ऊपर से उसकी  प्यारी सी कली को रगड़ा . वह जितनी घबराई हुई थी, उतनी ही गीली और उत्साहित भी थी। उसने मुझे  पूरी भावना मैं  चूमा। 

  वह गीली थी और मेरे बदन में सिरहन दौड़ गयी. मैं उसकी कमर पर किस करने लगा  और फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी.   रीता  मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी तरुण रीता  का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक  मैंने धीरे धीरे उसके   एक एक अंग  को चाट डाला और   उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उसे  जैसे करंट सा लगा और उसने मुझे कस  कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था.  और फिर मैंने पैंटी पर   किस किया. मैंने उसके  हिप्स को पकडा और अपने चेहरे को पैंटी से सटा डाला और उसे चूमने लगा . मैंने  धीरे से अपनी उंगलियाँ पैंटी के इलास्टिक में डाली और धीरे धीरे उसे नीचे करना शुरू कर दिया. उसने अपने चूतड़ थोड़े से ऊपर उठा कर सहयोग किया  तो मैंने एक झटके में उसकी   पैंटी उतर फेंकी  उसकी चुत थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन  की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थी रीता की कमसिन कमर बल खा रही थी .. मेरी हालात भी ख़राब हो चली थी

अब रीता मेरे सामने बिलकुल नंगी थी सिर्फ उनके नाक में नथ थी, बालो में गजरा  हाथो में चुडिया  और पांव में पायल   एक एक अंग  बहुत सुन्दर.    

मेरा लंड जो  पहले से ही खम्भे की तरह खड़ा था अब और कठोर हो फुफकारने लगा था ।मैंने  उसका हाथ लिया और मेरे लंड पर रख दिया और कहा, "इसे महसूस करो।"

   रीता ने मेरे लंड को सहलाते हुए संवेदनाओं का आनंद लिया। मेरा लिंग उसके हाथ में होना कितना रोमांचक था।


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   रीता उस समय सेक्स को लेकर बहुत नर्वस थी, हालांकि उसने मेरा  और नीता का पूरा चुदाई का सत्र देखा था । लेकिन फिर  भी वो  न केवल एक तरुण  कुंवारी थी; वह एक बहुत ही आश्रित, भोली-भाली कुंवारी थी।

मेरे  विशाल मोटे लंड के आकर  ने उसे बेशक आश्चर्यचकित और उत्तेजित कर दिया था। एक बार फिर मेरे विशाल लंड के उसके अंदर प्रवेश करने के विचार ने उसके शरीर में सदमे की लहरें भेज दीं।

उसने मेरे  विशाल लंड को नीता को चोदते हुए देखा  था और चकित रह गई कि नीता कितनी खुशी से मेरा सारा लंड लेने में सक्षम थी और पहली चुदाई  का उसने पूरा आनंद लिया था । लेकिन मेरे लंड को नीता की योनी में जाते देख रीता घबरा  भी गई थी । 

रीता मेरे  साथ मेरे लंड से पहली चुदाई का  अनुभव लेना चाहती थी। वह चाहती थी कि हमारे  शरीर मिलें। वह जानती थी कि मैं उसे चोट नहीं पहुँचाऊँगा। वह जानती थी कि मेरे लंड को दर्द होगा लेकिन वह मेरे साथ अपना कौमार्य खोने के लिए तैयार थी। 

वो थोड़ा घबराती हुई  boli. दीपक  क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा .ये मेरी चूत फाड्  तो नहीं देगा   मैं बोला नहीं मेरी रीता रानी ये तो तुम्हारा आशिक़ है  और हमारे प्यार और आनंद का औज़ार है  इसी से तो हम दोनों के प्यार के मजे मिलेंगे   मैंने उन्हें उसे प्यार करने को कहा  पहले तो वह घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी किस करि. फिर  मेरे  हिप्स भी हरकत करने लगे थे. 

फिर मैं  खड़ा हुआ  और उसके बाद मैंने रीता  को खड़ा किया और उससे  चिपट गया  मेरा लंड उनकी चुत ढूंढ़ने लगा और उसकी   छाती मेरी छाती से दबने लगी और मैं उसे  लिप किस करने लगा मेरे हाथ उनके पीठ और चूतड़ दबाने लगे उसके बाद मैंने रीता को इस तरह लिटा दिया कि मेरी छाती के साथ रीता की पीठ लगने लगी . मैंने अपने दोनों हाथों में उनके स्तन दबा लिए. हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे और एक दुसरे के शरीर कि महसूस कर रहे थे. मेरा लंड रीता के चूतड़ों की दरार में था .


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मैंने उसका मुँह घुमा कर अपनी तरफ किया और उसे  चूमा और उसके स्तनों  को  सहला आकर उनसे खेला, और उसके  कान और गर्दन पर  चुंबन किया । जब मैनेउसके कानो को चलते से कुतरा और उसके कान के किनारों के आसपास  चूसा,  और उसकी गर्दन को चूम लिया। मैंने फिर उसे घुमा कर उसका चेहरा अपनी और कर लिया उसे ओंठो पर किश  किया मैं थोड़ा और नीचे चले गया  और उसके स्तनों  को चूमते हुए और चाटने के बाद निप्पल को कुतरा। वह धीरे  धीरे कराह रही थी और अपने नाखूनों का इस्तेमाल मेरी पीठ और बट पर कर रही थी। मैं उसके खड़े निप्पलो  को चाटता रहा। उसके निप्पल कितना प्यारे और  और कोमल थे  मुझे पता था कि वह कैसा महसूस कर रही थी। मैंने  बहुत धीरे-धीरे  उन चीजों को किया जिससे उसे आराम मिले। मैंने उसके शरीर के ऊपरी भाग को लगभग पूरा चूमा और चाटा । रीता अपने  गर्म होंठों से मेरे  नग्न शरीर पर प्यार  कर रही थी. 



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मैं उसकी  चूत पर हाथ फेरने लगा तो उसे जैसे करंट सा लगा और रीता ने मुझे कस  कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उसका कमसिन  गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया और  गीली  चूत  रिसने लगी   मानो मुझे आवाज दे रही हो जल्दी चोदो  ..  मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी .. मैंने दो उंगलियों  की मदद से चूत  की पंखुड़ियों को अलग किया मैंने  धीरे धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू दी, तो वो  गु  गु   करके कराहने  लगी मैंने थोड़ा मुँह उसके मुँह से हेतैया तो  बोली  अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह।  फिर  उसकी ये कराहे मेरे ओंठो में कैद हो रह गयी 

उसके स्तनों पर कई मिनट ध्यान देने के बाद, मैं  जैसे ही  अपना मुँह उसी नाभि को चूमने के बाद नीचे ले गया वह कराह उठी।  मैंने उसके जघन योनि के टीले को पार किया, और जल्द ही उसके  नारीत्व का सामना कर रहा था। 

  मैंने उसकी चुत को चूमा तो उसकी  खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया  मैं उसकी  चूत को चूमने  लगा, रीता   बोली बहुत अच्छा लग रहा है .फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम! अब नीता तुरंत रीता के ओंठो को चूमने लगी ताकि उसकी आवाज  बाहर ना जाये  और नीता ने उसके स्तन सहलाये. 

फिर मैं उसे ऊँगली  से  लगातार चोद रहा था  तो वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो और आहह, एम्म, ओह की आवाजे निकल रही थी।

फिर नीता ने रीता को लिप किश करते हुए  उसके स्तनों को मसलना शुरू कर दिया. कभी उसके   निप्पल को उमेठती   तो कभी स्तनों को दबा देती   उसके बाद वो सीधी लेट गयी और मैंने  चूत को सहलाना शुरू कर दिया.  फिर मैंने  रीता के क्लिटोरिस को भी रगड़ दिया. रीता का  बुरा हाल था. उनकी मुह से आहे निकल रही थी. वो  मेरी उँगलियों द्वारा  चूत पर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी. 


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बिना किसी पूर्व चेतावनी के, मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल ली और उसे उसके भगशेफ पर सरका गई । वह कूद गई और हांफने लगी। मैंने उसकी ओर देखा और सोच रहा था कि क्या वह परेशान  हो गयी है। मैंने जो देखा उसने मुझे और भी अधिक उत्तेजित कर दिया। वह बस  लाइट्स में फंसे हिरण की तरह मुझे देख रही थी, उसके चेहरे पर आनद के भाव थे.  मेरे होंठ उसके स्तनों से नीचे की ओर उसकी योनि की ओर चले गए। जब मेरी जीभ  उसकी नम योनी के गर्म मांस से जुड़ी तो रीता व्यावहारिक रूप से उछल पड़ी। मैं उसके भगशेफ  पर फिर से लपका। रीता ने फिर हांफते हुए अपने कूल्हे ऊपर उठा  दिए  और मेरी जीभ उसकी योनि से चिपकी रही और वो  कराहती रही  चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।

"आपको अच्छा लगा ?" मैंने पूछ लिया।

"हम्म्म मुझे ऐसा लगता है?" उसने आश्चर्य से उत्तर दिया मानो पूछ रही हो क्या उसे अच्छा  नहीं लगना चाहिए था ।

"क्या आप चाहती हो मैं रुक जाऊं?" मैंने फिर पुछा ।

"मुझे ऐसा नहीं लगता," उसने अपने होठों पर एक प्यारी सी मुस्कान के साथ जवाब दिया।

   रीता  की मुस्कान ने मुझे आगे बढ़ने  का  इशारा दिया। मैंने उसे फिर से कोमलता से चाटा, और उसे कुछ ऐसा शक्तिशाली लगने लगा जो उसने कभी महसूस नहीं किया था। 

ओह दीपक  मुझे  बहुत अच्छा लग रहा  है-!" रीता कराहते हुए मेरे साथ  सहमत हुई, जैसे ही मैंने उसे दूसरी तरफ चाटा, "ओह, मैं ... अब मत रुको ... प्लीज 

"क्या आपको यकीन है?" मैंने रीता को छेड़ा, उसके भगशेफ पर  अपनी जीभ  से  खेलने के साथ मैंने उसकी योनि  का एक  गहरा चुंबन लिया।

"मम्म! ओह! मैं, तुम! आह!" रीता हांफते हुए मेरे  स्पर्श का विरोध करने में असमर्थ हो गई, "मैं, मैंने  ऐसा कभी पहले अनुभव नहीं किया है  ओह! ओह!  अब कुछ करो , कुछ भी करो  दीपक प्लीज कुछ करो  अब बस  रुकना मत !"

मैं थोड़ा मुस्कुराया, जिस तरह से वह उसे फुसफुसा रही थी उसका आनंद ले रही थी, मैं समझ गया अब लंड के योनि में प्रवेश का समय आ गया है 

अब मैं  भी रीता को चोदना चाहता था मैंने अपना लंड  उसकी चूत पर रखा एक दो बार हिला कर योनि पर फिराया और भगशेफ को छेड़ा और  लंड  उसकी चूत पर रख  आगे को दबा कर चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी  मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लंड  का गुलाबी सूपड़ा बिच  में रख  दिया . 


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फिर मैं बोला  क्या आप तैयार हो ? देखो, हो सकता है कि तुम्हे थोडा दर्द हो…पर बाद में अच्छा लगेगा.”, मैंने कहा.

“मैं जानती हूँ. बस आप मुझे प्यार करो.”, रीता बोली .

और अपने लंड को फिर से धीरे से आगे की ओर धकेला, जिससे रीता ने एक लंबी कराह निकाली। मैंने थोड़ा और अंदर धकेला। उसने फिर से दर्द में हांफते हुए मेरे कूल्हों पर अपने हाथो को दबा दिया।

"सावधान," नीता ने रीता को चिढ़ाते हुए चेतावनी दी, यह महसूस करते हुए कि उसकी योनी की मांसपेशियां मेरे मुर्गा से पीछे धकेली जा  रही हैं, "रीता, मैं तो समझ रही थी, तुम्हें यह नहीं चाहिए ..."

मैं बोला  बेबी आप मेरी आँखों में देखो  नीता ने रीता की   छाती पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया. फिर मैंने  धीरे धीरे अन्दर डालना शुरू किया. फिर धीरे से थोडा पीछे और फिर अन्दर की ओर बढा,  लेकिन रीता की चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था, मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था.  

"ओह!" रीता ने कहा, मेरा हाथ पकड़कर और मुझे आगे खींचा  और मेरा तक कि कठोर लंड का सिर उसकी योनी के एक इंच अंदर  चला गया।  हाआअ, राआआआआजा, आईसीईई, वो कराही तो  मैं रुक गया और इंतजार करने लगा। जब उसकी कराह थोड़ा थम गयी , तो मैंने थोड़ा और अंदर धकेल दिया। फिर मैंने एक कस कर जोर लगाया और लैंड एक  इंच और अंदर चला गया. 

"ओह! रुको। कृपया," वह धीमी आवाज में चिल्लायी ।

जारी रहेगी

दीपक कुमार
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05-25-2023, 05:14 AM,
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VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 38

कुंवारी रीता की पहली चुदाई



रीता का शरीर कस गया। और उसकी योनि  में मेरे लंड को बाहर  दूर धकेलने का तीव्र प्रयास किया। दर्द उसे चौंका  रहा था । उसकी आँखों से गर्म आँसू गिने लगे ।  लेकिन वह जानती थी कि जल्द ही दर्द बंद हो जाएगा; उसे बस थोड़ा सा इंतजार करना था। उसने  धीरे से अपनी आँखें खोलीं। तो मैंने उसके  होंठ चाटे। उसने एक और गहरी साँस ली, उसका सीना ऊपर उठा और हाँ में सिर हिलाया।  मैंने अपना सख्त लंड आंशिक रूप से थोड़ा  सा  बाहर निकाला। रीता  आह कर कराही 

 रीता की आवाज़ में घबराहट का तनाव सुनकर नीता ने जवाब दिया बस थोड़ी देर बर्दाश्त करो  और उसके स्तनों को सहलाने लगी ।

वे दोनों  कुछ क्षण प्रतीक्षा करते रहे, रीता  ने थोड़ा कांपते हुए  लंबी और धीमी गति से सांसें लीं । मैं रीता के कानो  और गर्दन के ऊपर चूमता  रहा और नीता उसके स्तनों को सहलाती रही   और फिर काफी देर तक चुंबन करने और  सहलाने के बाद रीता का दर्द कम हो गया  और उसने मुहे वापिस चूमा  तो रीता ने अपने दाँत पीसते हुए  अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं।

"अब..."  उसकी आवाज़ नरम और कमजोर लग रही थी।  


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 मैंने सिर हिलाया और हल्का सा आगे  धक्का दिया।  और  मैंने धीरे धीरे लंड को एक दो बार आगे पीछे किया  फिर मैंने कुछ हलके  धक्के लगाने  से शुरू किया ,  और ध्यान रखा की मेरा लंड हमेशा  योनि के संपर्क में रहा  और कभी भी पूरी तरह से लंड को बाहर नहीं निकाला । मैंने हमेशा लंड को  एक इंच की गहराई  में घुसाए रखा । इसके अलावा, जब भी अंदर डाला  तो धीरे-धीरे  धकक दिया और  अधिक तेजी से वापस  खींचा पर  बाहर नहीं निकलने दिया ।  हालॉंकि रीता दर्द में थी पर  कम और तेज गति से लग रहे धक्को   से उसे आनंद आने लगा था .  और वो  दर्द और आनद   मिली कराहे भर रही थी 

रीता हांफने लगी , उसकी आवाज  तब तक तेज होती रही  रही जब तक कि उसने कई सेकंड के लिए आवाज करना बंद नहीं किया, मैंने अपनी पीठ को झुकाते हुए, लंड को  एक तेज   धक्का दिया। और   फिर कम और तेज गति से    धक्के लगगने लगा  और फिर  जैसे-जैसे मेरी चुदाई की गति बढ़ती गई, मेरी उंगलियाँ उसकी स्तनों की गर्म त्वचा पर चली गईं। उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठा लिया।  मैं नीचे झुका, तो मेरा लंड और गहरा गया। मैंने उसके निप्पल को अपने दांतों से पकड़ लिया।  

"मैं, ओह ... मुझे और जोर से चोदो," वह  कराही  और चीखने   चिलाने लगी . हाआअ, मेरे दीपक ,  राजा आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत रुकना , आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ,  उसके नाखून मेरी पीठ में गढ़ गए  और रीता और  जोर से चोदने के लिए फुसफुसाई। मेरे  प्रत्येक धक्के के साथ, वह दर्द में हांफती, मेरे कूल्हों को पीछे धकेलती और मैं कुछ क्षण रुकता, उसे आराम करने देता ताकि मैं आगे बढ़ सकूं। प्रत्येक धक्के और दर्द की लहर के साथ, वह अपने पैरों को भी कसती थी जो मेरे लंड के अगले धक्के  देने के लिए एक  अवरोध पैदा कर रहे थे। 

रीता अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थी और    मेरे  लिंग को अपनी योनी के दीवारों  से रगड़ खाता हुआ  महसूस कर रही थी. एक बार फिर मैं पीछे हटा  और फिर अन्दर की ओर दवाब दिया.  मैंने थोड़ा सा लंड  पीछे किया  उठा  और फिरसे धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लगभग  तीन इंच अंदर चला गया था . 

  उसकी चूत से  तरल  निकला  और  मेरे लंड को  भिगो दिया ।  और अब इस वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था. और अगली बार के धक्के में मैंने  थोडा दवाब बड़ा दिया.  रीता   ने अपनी बाहें मेरे  कंधे पर लपेट दी थीं और अपने  नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया. अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. लैंड झिल्ली तक पहुँच चूका था  मेरा लंड रीता   की  हायमन से टकरा रहा था . फिर कुछ अद्भुत हुआ। मैंने उस बिंदु पर धक्का दिया जो उसके लिए बहुत दर्दनाक था। वह दर्द से चिल्लाई और मुझे रुकने को कहा। और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो रीता   चिलाने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाउंगी.

 मैंने  प्रतीक्षा की। जब दर्द कम हो गया, तो मैंने फिर से धक्का देने की कोशिश की लेकिन मैं और आगे नहीं बढ़ सका। वह फिर दर्द से कराह उठी और मुझे रुकने को कहा।  मैंने  फिर  प्रतीक्षा की। इस तरह तीन बार वह दर्द से चिल्लाई और मुझे रुकने को कहा। तीन बार मैंने उसके दर्द के कम होने का इंतजार किया और फिर लंड को आगे धकेलने की कोशिश की।  



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वो आँखों में दर्द   भरे आंसू भरते हुए बोली  मुझे नहीं पता मैं ये कर पाऊँगी या नहीं  "प्लीज रुको !"

वह मुझे अपने से बाहर धकेलने की कोशिश करने लगी और दर्द के कारण उसकी आँखों में आंसू आ गए थे ।  मैं उसे चोट नहीं पहुँचाना चाहता था, लेकिन जानता था कि यह पहली चुदाई की  प्रक्रिया का  हिस्सा था और इसे किसी  समय  पर होना ही होगा।  और अब ये वही समय था ।

"रीता, मिस रीता   मैंने  कहा, "तुम्हें पता था कि यह दर्दनाक होगा।  बस थोड़ा  सा और सहन कर लो , बेबी। मेरा विश्वास करो। मैं जितना कोमलता से कर सकता हूं उतना घिरे धीरे कर रहा हूँ ।  आप मुझ पर भरोसा कर सकती हो !"

वह शांत हो गई,  और मुझे दूर धकेलना बंद कर दिया, उसकी ओर देखा, मुस्कुराई, और कहा, "ठीक है   मेरे  प्यारे  दीपक । मुझे तुम पर पूरा  भरोसा है," उसने जवाब दिया।

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया  इस चौथे ढ़ाके के बाद  उसका दर्द उसके चेहरे पर आ गया ,   और उसने  मेरे कूल्हों पर वापस धक्का देना शुरू कर दिया, मुझे एक छोटा "पॉप" महसूस हुआ  जैसे बनते वाली बोतल  के खुलने पर महसूस होता है  जिससे  मुझे लगा मेरे लंड ने इस ंबार उसका  कौमार्य  भंग कर दिया है.  और  मेरा  गर्म, आकार  में बड़ा लिंग पूरी तरह से  गीली हो चुकी योनी में घुस गया. 


“ओह नीता  ” रीता के मुह से निकला. और उसके  स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गयी लंड यूनि के . अन्दर, और अन्दर  चलता गया, चूत के ओंठो  को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वो पूरा अन्दर तक चला गया, रीता की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी. उधर मेरे  हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था . रीता  दर्द के मारे रोने  लगी  आहहहहह   नीता  आएीी   उउउउउइइइइइइ  ओह्ह्ह्हह बहुत दर्द हो रहा है  प्लीज इसे बाहर  निकालो  प्लीज बहुत दर्द हो रहा है  मैं दर्द से मर जाऊँगी प्लीज निकालो इसे और रीता  को आँखों से आंसू  बहने लगे  .. नीता  ने मुझे आगे झुका दिया और अमीने रीता के ओंठो से ओंठ चिपका कर  उसकी  आवाज बंद की  और  नीता उसके स्तनों   को चूमने लगी . मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लंड  को बाहर खींचने की कोशिश की  और एक धक्का  और लगाया लंड  फिर पूरा अंदर समां गया  .. और मैं रीता   के ऊपर गिर गया फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा  मैंने उन्हें लिप किस करना शुरू कर दिया, और काफी देर तक उनको लिप किस करता रहा  फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया .तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई  और उसका चीखना  चिलाना बंद हो गया.  



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मैंने महसूस किया कि उसके टूटे हुए हाइमन का खून मेरे लिंग की भिगो रहा है । यह एक अद्भुत अनुभूति थी जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। मैंने सोचा कि यह मेरी इस तरुण किशोरी प्रेमिका  के साथ पहला सम्भोग है । मेरी प्यारी, सुंदर  प्रेमिका ने मुझे अपना सबसे कीमती उपहार दिया था। रीता एक पल के लिए निश्चल पड़ी रही, मानो एक खामोश  झील  सर्दियों में जम गई हो। उसके चेहरे पर परमानंद  था और  फिर उसने एक लंबी आह  छोड़ी  मैंने  रीता  को अपने गले लगा लिया।

अब जब  उसकी  "चेरी" फूट  गयी थी , तो थोड़ी देर बाद उसका दर्द दूर हो गया, और उसने राहत और आनंद की एक बड़ी सांस ली।  उसकी आँखें बंद हो गईं और उसका सिर पीछे की ओर झुक गया जैसे उसकी योनि से आनंद की लहर बह रही थी। उसके हाथ मेरे कूल्हों को मेरे बट के चारों फिसलने  लगे और उसने मुझे अंदर खींचना शुरू कर दिया।  

"थैंक यू..." रीता फुसफुसाई।

"कोई बात नहीं, मिस ," मैंने धीरे से उससे कहा।

 नीता ने रीता को हैरान  कर दिया,    "तुम्हारा मतलब है कि तुम्हे दर्द  नहीं हुआ ?"

"  थोड़ा हुआ ," रीता ने स्वीकार किया, मेरे लंड को हाथ से नीचे पकड़ते हुए  बोली , "लेकिन अच्छा लगा.    मुझे यह पसंद आया! इससे थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन ऐसा नहीं था  जैसा आप सोच  रही हो । यह दबाव की एहसास था,  । दबाव ने मुझे  विचलित कर दिया था   फिर  लगा थोड़ा डंक  और दर्द   दर्दनाक हिस्से को पार करने के बाद,  फिर  ऐसा सुखद एहसास जिसकी  सुखद भावनाओं में उतरना मुश्किल था। 

मैं इसे  कभी नहीं भूलूंगी   मुझे अपने अंदर  तक  कुछ अध्भुत महसूस हुआ । यह कुछ ऐसा था  जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। मुझे लंड को अपने अंदर महसूस करना अच्छा लगा, जब इसने मेरे अंदर  मुझे छुआ और मेरे अंदर और बाहर फिसल गया तो  मैं अपनी गर्म सांसों को  लेना भूल गयी । पहली बार इसका अनुभव करना  सबसे कीमती चीज थी। मैं  अब बहुत  अच्छा महसूस कर रही हूँ  और खुस हूँ  कि मैंने इतने सालों तक इसका  इंतजार किया "

"अरे, मैं  मजबूत  हूँ!" रीता हँसी, और मेरे लंड को आज़ाद करते हुए थोड़ा थपथपाया, "आउच! अच्छा, शायद इसके जितनी मजबूत  और  सख्त नहीं हूँ ..."

  नीता ने आह भरी और सिर हिलाया  : तुम बाकई में एक अजूबी हो ," नीता ने टिप्पणी की, उनके बगल में रेंगते हुए उसे  चूमा ।

"मिस , क्या तुम तैयार हो? हमने अभी तक पूरी तरह से   चुदाई नहीं  की  है," मैंने कहा।

"हाँ, प्रिय। अब, आप मुझे अपनी इच्छानुसार चोद सकते हैं, मुझे वैसे भी दर्द नहीं हो रहा है," रीता ने कहा और मुझे अपने पास खींच लिया।

 मेरा लंड खड़ा हुआ  और कठोर था  और  उसकी प्यारी, योनि के  अंदर था । उसने अपने पैरों को चौड़ा किया और मुझे पूरी पहुंच प्रदान की । वह इतनी आश्चर्यजनक रूप से तंग थी, बाहर खींचना आश्चर्यजनक रूप से कठिन था, और आश्चर्यजनक रूप से वापस अंदर जाना  भी  पहले प्रवेश जितना ही मुश्किल था। लेकिन मैं धीरे-धीरे लंड को  वापस बाहर निकलने में कामयाब रहा और फिर खुद को सबसे गहरी स्ट्रोक लगा कर पूरी गहराई में धकेल दिया।   मैंने  धीमी और स्थिर शुरुआत की और  आराम और उत्तेजना का आनंद लेना शुरू किया,   मैंने उसे गहरा और पूरी भावना के साथ  चूमा।


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फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वो चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है।  वो बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है,  ..हाईईईईई, म्म्म्मम और फिर वो जोर-जोर  । फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पू  मस्ती में कराह  रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है।

प्रत्येक स्ट्रोक के साथ, मैं अपने लिंग के सिर को उसके गर्भाशय ग्रीवा को छूते हुए महसूस कर रहा था । मैं प्रत्येक  धक्के  के साथ, उसके  आनंद और तृप्ति को देख रहा  था जो वह अनुभव कर रही थी।    मेरा कूल्हे के प्रत्येक अंदरूनी  धक्के के साथ  हम दोनों   साथ में चरम की और बढ़ने लगे    मैं उसके ऊपर झुका और   उसके एक काले, छोटे, सख्त निप्पल को अपने मुँह में ले लिया। मैंने इसे अपने होठों के बीच   हल्के से कुतरते हुए धीरे से चूसा,।  

  में  लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अ  मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था।  सच  रीता  चुदती हुई बहुत  मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे और वो मेरे  कूल्हों पर हाथ  पर  रख कर दबा कर कहती थी और जोर से और जोर से चोदो    मैंने भी  उतनी ही तेजी से शॉट लगा  कर रीता का  साथ दिया.. मेरा लंड   चूत  के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी  मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे  फिर मैं   चूचियों को खींचने लगता था तो रीता  सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी .. उसके बाद मैं रीता  के  ऊपर झुक गया और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.. मैं   रीता को बेकरारी से चूमने लगा  और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी   मैंने देखा   उसका शरीर तनावग्रस्त था और उसके तीसरे संभोग ने उसे अभिभूत कर दिया था। मैं महसूस कर सकता था कि उसकी मांसपेशियां मेरे चारों ओर कस रही हैं और उसका रस मेरे लंड पर बह रहा है। वह महसूस कर सकती थी कि उसके  कूल्हे मेरे लंड को उसके अंदर रखने के लिए उठे हुए हैं। 



मैं भी चरम पर पहुँचने वाला था तो वो बोली अंदर ही करना मुझे  तुम्हारा वीर्य अंदर महसूस करना है  और ये सुन मुझे एक अजीब सनसनी महसूस हुई और   चीजें मेरे नियंत्रण से बाहर हो गईं,  और गर्म पानी की एक धारा उगल दी  और  लगातार  लंड को आगे पीछे करते हुए पिचकारियां  उसकी योनि में मारता रहा । जैसे ही मैंने अपने मोटे गर्म शुक्राणु को छोड़ा, रीता  ने मेरे वीर्य को उसकी चूत के अंदर और किनारे से टकराते हुए महसूस किया । इस  बार हम दोनों एक साथ झड़ गए  थे

फिर मैंने अपना लुंड बाहर निकाला तो वह वीर्य  और रीता   के चूतरस   और खून से भीगा हुआ था... बेड शीट खून से सन्न चुकी थी

 मैंने गीले तौलिये से  यौन  क्षेत्र के उसके जघन बालों से अपने बिखरे हुए वीर्य और चुतरस और खून   को पोंछा और साफ किया। उन दोनों की अच्छी तरह से सफाई की  फिर हम टेरेनो  उठ कर वाशरूम  चले गए और अपने अंगो को धोया. फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई  उन्होंने मेरे लंड को किश कर थैंक यू  बोला और मेरे लंड पर क्रीम  लगाई .  दोनों लड़कियों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए। मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए ।
 

जारी रहेगी

दीपक कुमार


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06-06-2023, 03:49 PM,
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 39


प्रेम निवेदन और समर्पण



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"भगवान का शुक्र है! अभी केवल 9.00 बजे है। सब कुछ समय पर समाप्त हो गया है, और अभी भी रात के खाने के लिए पर्याप्त समय है," रीता ने कहा।

दीपक, यह पैसा ले लो, मैंने तुमसे वादा किया था," रीता ने कहा, और मुझे पैसे की पेशकश की।

"क्षमा करें, बेबी, मैं एक गरीब आदमी हो सकता हूं, लेकिन मेरे पास गरिमा और स्वाभिमान भी है। मैं आपके पैसे को स्वीकार नहीं कर सकता। मैं संतुष्ट हूं कि मैंने दो लड़कियों को प्रसन्न किया है और यही मेरा भुगतान है।"

जाने से पहले, मैंने रीता को कस कर गले लगाया तो उसने मेरे होठों पर अपने गर्म होंठ रख दिये और मुझे आँखों में आँसू के साथ पागलपन के साथ उसने चूमा।



नीता मुझे बाहर ले गई। स्विमिंग पूल की ओर द्वार खोलने से पहले, नीता भी मुझे कसकर गले लगा लिया, मेरे होठों पर चुंबन किया । बदले में, मैंने प्यार से उसकी गर्दन के पक्षों को सहलाया और चुंबन किया , उसके बाल वापस पीठ पर धकेल दिए ताकि मैं उसकी गर्दन पर अपनी उंगलियों को ऊपर की तरफ फिर कर और उसकी गर्दन के नीचे उसके कंधे और नितम्बो पर ऊपर और नीचे करने के लिए हाथ फेर दिया उसके कान को चूमा और चूसा . उसने बेसब्री और उत्साह से मेरे चुंबन को स्वीकार किया और कामुक और प्यार भरे चुंबन प्राप्त करते हुए उसने अपने नरम मोठे रसीले होंठ से मेरे निचले होंठ पकड़े और उन पर उसे नरम चुंबन करने लगी .

मैंने अपनी जीभ के सिरे को उसके मोटे भरे हुए सुंदर थपथपाते हुए गीले रसीले मुलायम ऊपर और नीचे के होठों पर चलाया। अंत में, मैंने अपनी जीभ को उसके गीले रसीले मोटे थपथपाते हुए होंठों को के अंदर घुसा कर उसको मुंह खोलने के लिए मजबूर किया। उसने अपना मुंह पूरी तरह खोल कर मुझे आमंत्रित किया और मेरी जीभ उसके अंदर फिसल गई। मेरी जीभ ने उसके मुंह की छानबीन की, उसके भीतर के गालों, उसकी जीभ और उसके गले की गहराई को छू लिया। उसकी बाँहें मेरे चारों ओर कसकर लिपटी हुई थीं और हमारी जीभ एक-दूसरे को सहला रही थी और उसने मेरी जीभ का स्वाद चखा था। नीता ने मेरी सारी लार निगल ली।


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"दीपक, आई लव यू," नीता ने कहा, "कृपया मुझे मत छोड़ कर जाओ , मैं नहीं चाहती कि हम इस तरह से अलग हो ।"

नीता ने रोना शुरू कर दिया, और उसने मेरी नंगी छाती पर अपना सिर रख दिया, मैंने उसका चेहरा ऊपर किया और उसके आँसू को चूस कर साफ किया , और बारीकी से उसके चेहरे उसके माथे, उसकी पलकों, गाल, ठोड़ी, गर्दन, कंधे के हर इंच को चूमा।

नीता ने कहा जैसे ही आपने मुझे पहली बार चूमा था मैं तब से आपको चाहने लगी हूँ ". " क्या आप मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार करोगे? "नीता से पूछा

मैंने उससे कहा जब मैं तुमसे प्यार कर रहा था, मैंने कल्पना की कि तुम मेरी छोटी पत्नी की तरह हो और ये हमारी शादी के बाद हमारी पहली रात थी।

नीता बोली , मैं अब आपके चरण स्पर्श करूंगी जैसे एक नई दुल्हन आशीर्वाद के लिए अपने पति के चरण स्पर्श करती है। मैं आपको अपना पति मानती हूँ ," नीता ने कहा।

ता मेरे चरण स्पर्श करने के लिए झुक गयी और मैंने उसे उठा कर कस कर गले लगा लिया.



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"अब बताओ नीता, तुम सबसे सुंदर, उच्च शिक्षित अमीर लड़की हो, मुझे लगता है यहां तक कि सिनेमा और मॉडलिंग की दुनिया की कोई भी अभिनेत्री और मॉडल आपकी सुंदरता की तुलना में आपसे कम ही होगी। एक साधारण आदमी आपके करीब आने का सपना भी नहीं देख सकता है और न ही तुम्हें छू सकता हूँ। मुझे समझ में नहीं आता कि भगवान मुझ पर एक ही दिन में इतनी सारी चीज़ें कैसे बरसा सकते हैं? उसके सताने के लिए मैंने बोला मैं इतना गरीब हूँ कि मेरे पास अपने शरीर पर पहनने के लिए शर्ट नहीं है, यहाँ तक कि मेरे पास पैरो में पहनने के लिए चप्पल भी नहीं है। अब, मुझे बताओ कि तुम मेरे जैसे व्यक्ति के प्यार में कैसे पड़ गयी ?" मैंने पूछ लिया । और फिर तुम मेरे बारे में कुछ नहीं जानती हो बेबी।


"सच है लेकिन फिर भी, मैं तुमसे प्यार करती हूँ। मुझसे मत पूछो क्यों? मुझे भी नहीं पता क्यों?" नीता ने जवाब दिया। मुझे परवाह नहीं है और मैं आप सभी के बारे में और कुछ नहीं जानना चाहती हूं, मैं अब बस इतना ही जानती हूं कि मैं तुम्हारी पत्नी हूं और तुम मेरे मालिक और मेरे पति हो। मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करूंगी । अब बताओ, मेरे प्यारे पति, कुछ और बचा है?" नीता ने ठंडे स्वर में उत्तर दिया।

और मेरे कई लड़कियों और महिलाओं के साथ संबंध हैं

जब तक आप मुझसे प्यार करते है तब तक मुझे आपको साझा करने में कोई फर्क नहीं पड़ता और मैं आपको अपनी कई दोस्तों से मिलवा दूँगी और आप उनके साथ आनंद ले सकते हैं पर आप वादा मुझसे कीजिये मुझे कभी भी प्यार करना बंद नही करेंगे .

और रीता? मैंने उसी तंग करने के लिए फिर पुछा

बेशक आप उसे भी प्यार कर सकते हैं । वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त है निश्चित रूप से मुझे पता है कि वह आपसे उतना ही प्यार करती है जितना मैं तुमसे प्यार करती हूँ . और उसके साथ आपको सांझ आकरके मुझे आज सबसे ज्यादा ख़ुशी हुई है . और वो मुझे चूमने लगी

तभी वहां कुछ आहट हुई और मैंने देखा सामने से रोजी आ रही थी . तो नीता घबरा कर अलग होने लगी तो मैंने कहा रोजी मेरी अंतरंग दोस्त है और मेरे विश्वास की है इससे मत डरो .. ये तुम्हे दुबारा त्यार कर देगी और वो चार इसे दे देना नहीं तो उसे कोई देख लेगा .

मैं चलने लगा तो नीता छोड़ने को त्यार नहीं थी फिर बोली हम फिर कब मिलेंगे .

मैंने बोला मैं रोजी के हाथ सन्देश भेज दूंगा और आप भी उसे बेझिझक अपने मन की बात बोल सकती हो वो आपका सन्देश मुझ तक पहुंचा देगी .


जारी रहेगी

दीपक कुमार
Reply
06-06-2023, 03:51 PM,
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 40


मरीना का प्रेम निवेदन 





उसके बाद मैंने रीता से बिदा ली और अपने कक्ष की और बढ़ चला मैंने तब महसूस किया कोई मेरे पीछे है मैंने पीछे देखा तो मेरी अंगरक्षक मरीना गुप्त रूप से मेरे साथ थी और मुझ से कुछ दूर थी और फिर मैंने "मरीना" कह कर पुकारा तो वह जल्दी से मेरे सामने आयी।

मरीना तेजस्वी गोरी सुनहरे बालो वाली, (blonde.) लगभग इकीस साल की जर्मन थी जिसने आकर्षक ग्रीष्मकालीन पोशाक पहनी हुई थी जो उसके सुन्दर स्तनों के आकार को दर्शा रही थी जिसमे से उसकी आकर्षक और लम्बी टाँगे प्रकट हो रही थी। उसका व्यवहार सौम्य था और उसका रूप लुभावना और आकर्षक था। उसका चेहरा आत्मविश्वास से बेहद शांत था औरउसकी निगाहें स्वाभाविक रूप से चौकस थीं। उसके नितंब अच्छी तरह से गोल थे और उसकी जांघों की मांसपेशियाँ शानदार ढंग से मज़बूत थी और उसके पैर लंबे थे। वह मेरे पास आयी वह झुकी अपनी कमर को तेजी से मोड़ा और मेरे हाथों को अपनी हथेलियों में मजबूती से पकड़ कर उसने मेरे हाथो को धीरे से चूम मेरा अभिवादन किया और दृढ़ आवाज़ में बोली महामहिम ! मरीना आपकी सेवा में रात और दिन उपस्थित है। कहिये क्या आज्ञा है ? आपने मुझे पुकारा था !



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मैं बोला मुझे लगा कोई मेरे पीछे है फिर लगा तुम हो इसलिए तुम्हे पुकारा .

मैंने मरीना को बोला मरीना तुम मुझे दीपक या कुमार पुकारा करो ये महामहिम मुझे थोड़ा अटपटा लगता है और मुस्करा कर उसके हाथ को मैंने प्यार से सहला दिया l हम मेरे कमरे में पहुँच गए थे और मरीना ने मेरे साथ मेरे कक्ष में प्रवेश किया .

मरीना बोली कुमार मैं आप से कुछ कहना चाहती हूँ आप को इतनी लड़कियों के साथ सम्भोग करते देख कर आप को नहीं मालूम मेरी क्या हालत होती है, पर लगता हैं आप को या तो मैं पसंद नहीं हूँ या आप का मेरी तरफ ध्यान नहीं गया है.

मैं बोलानहीं मरीना ऐसा नहीं की मैं तुम्हे पसंद नहीं करता . तुम मुझे बहुत पसंद हो, तुम से कुछ भी छुपा हुआ नहीं है तुम सब देख सुन ही रही हो . यहाँ सब कुछ इतना जल्दी और अप्रत्याशित हो रहा है की मैं धारा में बहता जा रहा हूँ और मैं तुम्हे बहुत आराम से प्यार करना चाहता हूँ

मरीना बोली लेकिन कुमार मेरे लिए इन्तजार करना बहुत मुश्किल हो गया है मैं पूरी गीली रहती हूँ .


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रात के खाने के 30 मिनट में तैयार हो जाएगा और मैंने उसे अपने पास खिंच लिया और और उसे उसके ओंठो पर चूमा! मरीना मेरा अंगरक्षक थी और मैं उसका स्वामी । वह मेरे किसी भी कार्य का विरोध नहीं कर सकती थी और उसकी शरारती और थोड़ी शर्मीली आँखों से मुझे देख सकती थी . मेरी हथेलियों ने उसके स्तनों को सहलाया और फिर घुटनों की कोमल पीठों का पता लगाया, उसकी ड्रेस के अंदर हाथ ले गया और उसकी रेशमी जाँघों को उभारा, मेरे नाखूनों से उसकी टांगो को पूरे रास्ते पर कामुकता से खुजलाया , उसके बड़े नितंबों को महसूस अब मेरी उँगलियाँ उसके नितंबो के गालों पर घूम रही थीं, मेरी उंगलिया उसकी जाँघों के जंक्शनों पर कोमल, संवेदनशील त्वचा को बेरहमी से खुरच रहेी थी , जिससे वह अपने मजबूत पैरों को सहलाते हुए भी कामुक आनंद में फुदक रही थी और चुपचाप सह रही थी ।

फिर मेरी उंगलिया और उसकी पैंटी के नीचे फिसल गयी जो स्पर्श करने पर मैंने महसूस किया गीली और नरम थी ।

जब नहाते समय मरीना शीशे के सामने नंगी हो जाती थी। वह अपनी योनि के आंतरिक क्षेत्र की एक झलक पाने के अपनी योनि की त्वचा की परत को खोल अंदर झांकती थी और वह अपनी चूत के ऊपरी हिस्से में छुपे हुए अपने भगशेफ को योनि को सहलाते हुए ढूंढती थी। उसे यह एक गांठ की तरह लगती थी । उसने पाया कि उसकी योनि के दोनों होंठ भगशेफ से नीचे की ओर फैले हुए योनि के प्रवेश द्वार को ढँक रहे हैं।


लेकिन वह अपने बिल्ली के होंठों को हल्के गुलाबी रंग में पाकर हैरान रह गयी , जो उसके गोरे सफेद रंग के शरीर के बिल्कुल विपरीत था। उसके योनि के टीले के चारों त्रिभुज के आकार में ऊपर और चूत के किनारे पर सुनहरी बालों की एक झाड़ी थी, और उस पसीने से लथपथ हिस्से में से एक मीठी गंध निकलती थी ।

उसकी कुछ दोस्त उसे बगल और चूत के बाल भी मुंडवाने का सुझाव देती थी , लेकिन एक और दोस्त ने सलाह दी थी "ऐसा मत करो, वहां फिर से घने बाल आ जाएंगे, बेहतर होगा कि समय-समय पर छोटी कैंची से उन्हें ट्रिम कर दें।"



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अपनी उस दोस्त की सलाह के विपरीत जाकर मरीना ने अपनी जांघो के बीच के बाल उसने साफ़ किये हुए थे क्योंकि उसे मालूम था मुझे यहाँ ज्यादा बाल बिलकुल पसंद नहीं थे और उसके रेशमी क्रॉच में मेरी उँगलियों ने उसके दुख को थोड़ा बढ़ा दिया था क्योंकि वो खुद को उसकी चिकनाई वाली नरम गुफा में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी और इससे उसके शरीर के कुछ हिस्से में झुनझुनी हो गई होगी!'

मेरे लंड ने एक अंगड़ाई ली क्योंकि मेरी उंगलियों ने उसकी योनि के गीले थपथपाते हुए टाइट होंठों को महसूस किया था और मुझे एहसास करवाया कि कैसे वह सेक्स की एक रात मुझे कैसा मजा आने वाला है

उसने गहरी आह भरी, अरे ये आप क्या कर रहे हो कुमार ! मरीना बोली .

'मैं खुद को रोक नहीं पाया ' मैंने जवाब दिया, मुझे अचानक प्रेरणा हुई की मुझे तुम्हे प्यार करना चाहिए , और मुझे लगता है कि तुम खुश हो '


'बहुत!' और वो मुझे चूमने लगी फिर मेरी आँखों में कोमलता से देखते हुए उसने अपने आप को मेरे खिलाफ जोर से दबाया।

अपने स्कूल के दिनों से ही सेक्स के राज के बारे में सब जानती थी। वह अपने दोस्तों से सेक्स के बारे में सभी विवरण, सभी अंगों के नाम और इसे कैसे किया जाता है, इसके बारे में जान चुकी थी। उसने अपनी चूत के अंदर उंगली डालकर हस्तमैथुन करने की कला भी सीखी हुई थी ।

लेकिन उसकी एक सहेली ने उसे चेतावनी द थी "अपनी उँगली को अपनी चूत के बहुत अंदर तक मत धकेलना , नहीं तो तुम्हारी कौमार्य की झिल्ली फट जाएगी और उसमें से खून निकल जाएगा।" फिर, शरारत से वह मुस्कुराई और कहा, "यह आपके बॉय फ्रेंड या आपके पति का कर्तव्य है कि वह आपकी सील तोड़ दे।"


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मेरे से पहले उसने कभी असली लंड नहीं देखा था। मरीना जब मार्शल आर्ट और सुरक्षा की बारीकियां सीख रही थी तब कभी-कभी, कक्षाओं के बीच खाली समय में, मरीना अपनी सहेलियों के साथ सेक्स के बारे में चर्चा करती थी और उस समय हर कोई उत्तेजित महसूस करता था।

फिर जब से वो मेरे से मिली थी वो हर रोज दिन में या रात में जब भी मुझे सम्भोग करते हुए देखती थी तो खुद बा खुद हस्तमैथुन करती थी, और जब रात में बिस्तर पर जाती थी, कल्पना करती थी कि मैं उसे चोद रहा हूँ । वह विभिन्न स्थितियों में मेरे सपने देखती थी, मेरे साथ रोमांस करती थी और मेरे से चुदती थी और अगली सुबह वह अपनी चूत के छेद को नम और गीली पाती थी। उसे पता लग चूका था मैं योनि चाटना बहुत पसंद करता था इसलिए वो नियमित तौर पर अपनी योनि क्षेत्र से बाल साफ़ कर लेती थी , हालाँकि वे बाल बहुत पतले और छोटे और अभी निकल रहे होते थे। और उसे मालूम था एक दिन उसे मुझ से ही चुदना था .

मैंने उसकी इच्छा महसूस की और धीरे से फुसफुसाया, 'लंड, उंगली या जीभ ?

'उंगली!' वह बड़बड़ाई-'दूसरों के लिए अभी समय नहीं है, लेकिन अब मुझे जल्दी से कुछ चाहिए!' मैं तुरंत कुर्सी बैठा और और उसे अपने घुटनों पर बिठा लिया और जैसे ही मेरा हाथ उसके कपड़ों के नीचे गया और उसकी चिकने टांगो को सहलाते हुए योनि की तरफ गए, उसने अपनी बाहों को मेरी गर्दन के चारों ओर लपेट दिया, अपने होंठ मेरे ओंठो के ऊपर दबाए, और अपनी जांघों को अलग कर दिया




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मेरा हाथ जो उस समय उसकी दराजों में छेद की तलाश कर रहा था- और वो उसे जल्द ही मिल गया; तब मेरी उत्सुक उंगलियाँ मरीना की योनी के पहले से ही नम होठों पर टिकी हुई थीं, जो अब कामोत्तेजना से काँप रही थीं । मुझे कसकर गले लगाते हुए, मरीना ने ने सबसे दिव्य तरीके से मेरे घुटनों पर हिलना शुरू कर दिया क्योंकि मेरी उंगली उत्तेजना में उसकी योनी क्षेर्त्र में घुस गई थी और फिरहोशियारी से मैंने अँगूठेर से उसके उत्तेजित भगशेफ पर हमला कर दिया। 'ओह! कुमार !…ओह!…डा रररर ललललिननननंग डार्लिंग !!' वह आनंदमय परमानंद में फूट-फूट कर कराहती हुई हांफने लगी- फिर उसका बदन कांपने लगा और उसकी बदन अकड़ा और फिर मेरी ऊँगली पर जोर देते हुए उसने स्खलन किया, 'मैं आ रही हूँ !!...मैं आ रही हूँ!...ओह! रुकना मत ! करते रहो! और करो! करो !!' तुरंत मेरी उंगली उसके भगशेफ को छेड़ने लगी । और फिर उसने मेरी उंगली को एक विपुल उत्सर्जन के साथ भर दिया और मुझे पागलो की तरह चूमने के बाद उसका सिर मेरे कंधे पर गिरा ।

मैंने उसे अपनी ओर से किसी भी हलचल से तब तक आराम करने की अनुमति दी जब तक कि वह अपने आधे-अधूरेपन से ठीक नहीं हो गयी । मरीना ने एक लंबे सांस के साथ मुझे आकर्षित किया और उसके सिर को धीरे-धीरे उठाया और नम आंखों के साथ वह पूरी भावना से मुझे चूमने लगी , और मुझे बड़े प्यार से देख। 'ओह! कुमार ! वह बहुत अच्छा था!' और धीरे से मेरे घुटनों से उठ गयी ।

अचानक वह झुकी और मेरे कान में फुसफुसायी , 'क्या मैं कुछ करूँ, कुमार ?' उसी समय मेरी धोती या लुंगी पर अपना हाथ धीरे से रखते हुए उसने मुझे इशारा किया की वो अब क्या करना चाहती है । मैं उसके स्पर्श पर खुशी से कांप गया और लगभग प्रलोभन के सामने झुक गया, लेकिन मुझे वो जो प्रलोभन वो दे रही थी उस मधुर आनंद से वंचित रहने के लिए मैंने पर्याप्त आत्म-नियंत्रण बनाए रखा ।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
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06-06-2023, 03:52 PM,
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 41

मरीना का प्रेम निवेदन



अचानक वह झुकी और मेरे कान में फुसफुसायी , 'क्या मैं कुछ करूँ, कुमार ?' उसी समय मेरी धोती या लुंगी पर अपना हाथ धीरे से रखते हुए उसने मुझे इशारा किया की वो अब क्या करना चाहती है । मैं उसके स्पर्श पर आंनद से कांप गया और प्रलोभन के सामने लगभग झुक गया, लेकिन मुझे वो जो प्रलोभन वो दे रही थी उस मधुर आनंद से वंचित रहने के लिए मैंने पर्याप्त आत्म-नियंत्रण बनाए रखा ।

मरीना ने अपनी टाँगे खोली और अपनी मध्यमा उंगली को अपनी योनी में डालना शुरू कर दिया, और अपने कूल्हों को आगे-पीछे करने लगी । वह धीरे से कराह रही थी, आह प्लीज अब मुझे मत तडपाओ .

मरीना अब जल्दी से जल्दी एक युवा लड़की से महिला बनना चाहती थी और वह उस दिन के लिए तरस रही थी जब उसकी अपनी चूत में मेरा लंड प्रवेश कर उसकी योनि को वीर्य से भर देगा . मैंने उसे उठाया और चुंबन करके बोला तुम्हे अभी थोड़ा सा और धीरज रखना होगा अभी रात्रि भोज का समय हो गया है और मुझे रात्रि भोज के लिए जाना होगा .



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मरीना ने अपनी मध्यमा उंगली की नोक को अपनी योनी के अंदर बाहर करना जारी रखा और उसे उस धड़कते हुए छिद्र के चारों ओर घुमा दिया। उसने अपने कूल्हों को अपनी उंगली के खिलाफ दबा दिया; उसकी कामोत्तेजना में अचानक वृद्धि से उसके होठों से आह ओह्ह्ह की कराह निकल रही थी ।

उसकी उंगली उसकी योनी के अंदर और बाहर काम कर रही थी, और उसकी चूत के रस के साथ उत्तरोत्तर तेज और गीली होती जा रही थी, उसने खुद को उत्तेजित किया, और जल्द ही वह बिस्तर पर घुरघुरा रही थी और उत्साह से सिसकती हुई उत्साहित आनंद के उन्माद में हस्तमैथुन कर रही थी और शक्तिशाली झटके महसूस कर रही थी . उसके भगशेफ को वो अपने अंगूठे से छेड़ती रही । वह तब तक कराहती रही जब तक कि उसके कामोन्माद ने उसकी सेक्स की भूख को शांत नहीं कर दिया, , फिर वह वापस बैठ गई और आराम करने लगी ।

फिर मैंने जल्दी से स्नान किया कपडे पहने त्यार हुआ रात्रि भोजन स्थल की और चला गया . इस बीच मैंने देखा रोजी मरीना को अपने साथ ले गयी और जब मरीना लौटी तो उसने लेहंगा चोली और चुनरी पहनी हुई थी और गोरी विदेशी लड़किया भारतीय कपड़ो और गहनों में बहुत सुंदर लगती ही हैं .

वहां सभी मेहमान आ चुके थे . रीता और नीता और उनका सारा परिवार और अन्य मेहमान सभी आ चुके थे . भाई महाराज ने हम सबका आपस में परिचय करवाया . मेरा असली परिचय पाकर रीता और नीता का मुँह खुला का खुला रह गया और मैंने भी उन्हें आँख मार कर इशारा किया और उनसे ऐसे मिला जैसे मैं उनसे पहली बार मिला हूँ .

राति भोज के बाद संगीत और नृत्य हुआ जिसमे दोनों नेहा पटेल और स्नेहा सोलंकी मौसियो और उनकी दोनों बुआओँ श्रीजा और बीना ने, और परिवार की वधुओ स्मिता और मीना भाभी ने मिल कर डांस किया और नीता और रीता दोनों ने मिल कर एक अन्य डांस पेश किया और मुझे भी अपने साथ नचाया .

सबने मिल कर इस पारिवारिक कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया और सब इसके बाद थक गए थे और रात के लिए सोने चले गए .

कमरे में गए तो कमरे में सुरक्षा प्रमुख ईशा और मेरे प्रमुख सेविका रीती थी . ईशा ने मुझे बड़ी भाभी का सन्देश दिया की अब वो गर्भधान के लिए अपनी बारी का इन्तजार करने चाहती है और रोजी ने बताया रीता और नीता दोनों थकी हुई थी और सोने चली गयी हैं .

उसके बाद मरीना ने कमरे में प्रवेश किया और वह दुल्हन के रूप में तैयार थी और मुझसे कहा कि मास्टर कृपया मुझे आज रात अपनी दासी के रूप में स्वीकार करें और मैं आपको खुश करने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हूं



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मुझे उस पर और उसकी प्यारी मुस्कान पर फ़िदा था। लेकिन आज मुझे एहसास हुआ कि उसकी मुस्कान कितनी सेक्सी थी।

मैं उसकी आँखें देख रहा था। उसकी आँखों में वासना युक्त प्यार था । मुझे पता है कि हम दोनों ने एक दुसरे की आँखों में यही देखा और महसूस किया था। मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा और उससे कहा। यह सही नहीं है, और आपको मुझसे कोई बेहतर मिलेगा।

हालाँकि मैंने इसे दिल से नहीं कहा, पर मैंने जो कहा वह उसके लिए बेहतर हो यही सोच कर कहा था।

मरीना बोली मास्टर लेकिन मैं आपसे प्यार बहुत करती हूँ और मुझे पता है कि आप भी मेरे लिए वही महसूस करते हो जो मैं महसूस करती हूँ।

यह कह, उसने मुझे गले लगाया और मेरी छाती को चूम लिया। और मैंने भी उसे गले लगा लिया ।


उसने मेरी आँखों को देखा और मुस्कुराई, "मास्टर मैं इस दिन का कब से इंतज़ार कर रही थी"
। मैं आपसे प्यार चाहती हूं और आपसे प्यार करना चाहती हूं और इसीलिए आज मैंने ईशा को बुलाया है वो आज रात को सुरक्षा की ड्यूटी करेगी ।

मैं - तुम पागल हो, मरीना । मैंने उसे थोड़ा कसकर गले लगाया। और उसे अपने बेडरूम में आने को बोला ।



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वह चुपचाप मेरे पीछे आ गयी। मैंने उसके गाल, गर्दन, कान, माथे, और होंठो को चूमा । वह पहली बार सम्भोग करने वाली थी । मैं उसके दिल की धड़कन महसूस कर सकता था। मैंने मेरी कमीज, बनियान और पैंट उतार दी। मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, उठा लिया उसकी टॉप में मेरा हाथ डाला, और उसके स्तन दबा दिए।

मरीना - मास्टर, आप मुझे अपनी सेक्स गुलाम समझो। मैं चाहती हूँ आप मुझे कस आकर चोदे ।

मैं - आपने यह सब कहाँ से सीखा?

मरीना - मैंने एक किताब पढ़ी थी , और उसने मुझे इतना गीला कर दिया। मैं चाहती हूँ कि आप मेरा कौमार्य भंग करो । । मैं अब आपकी हूँ मेरे मालिक।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
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07-29-2023, 06:40 AM, (This post was last modified: 07-29-2023, 06:41 AM by aamirhydkhan.)
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 42

मरीना  से प्यार



मरीना यूं ही किस करती हुई मुझसे लिपट गईं। मैंने धीरे-धीरे उसके चूचों को दबाना शुरू कर दिया। उसने भी मस्ती करना शुरू कर दी और उसका हाथ मेरे लंड पर आ गया।

मरीना कामवासना से इतनी ज्यादा तप गई थीं कि उसकी सिसकारियाँ निकलने लगीं और कामुक आवाज गूंजने लगी।

मरीना ने कहा, "मास्टर, मुझे आपसे प्यार हो गया है। मैं जब भी आपको और लड़कियों की चुदाई करते हुए देखती थी मैं पूरी गीली हो जाती थी । प्लीज मास्टर मुझे भी प्यार करो । ।"


[Image: WWK1.jpg]

मेरा दिल थोड़ा-सा डोल उठा । मैंने उसके पास होकर उसे अपनी बाहों में भर लिया और अपनी खुरदुरी मांसल हथेलियों से उसकी कोमल नंगी बाहों को सहलाते हुए उसे ऊपर से नीचे तक देखा और फिर कहा तुम बिलकुल रसीली।मलाई हो जवानी से भरपूर और बला की खूबसूरत

जब मैंने उसके होंठों को चूमा तब जबरदस्त बिजली चमकी और एक धमाके की आवाज़ जैसे बादल गरज उठे...

मैंने बोला "एक बात कहूँ मरीना, तुम बहुत खूबसूरत हो ... लेकिन मैं जब से यहाँ आया हूँ, मैंने देखा है की तुमने अपने बालों को बड़े सुंदर तरीके से जुड़े में बाँध रखा है... अगर बुरा ना मानो तो क्या तुम अपने बाल खोलकर मुझे दिखाओगी?"

"हाँ हाँ, क्यों नहीं?" मरीना मुस्कुराई अब आप मेरे मास्टर हो जो आप कहोगे वही करुँगी और अपने-अपने बालों का जुड़ा खोलकर, बालों को अपनी पीठ पर फैला दिया... मैंने उसे निहारा और उसके बालों को दो-चार बार सहलाया और फिर बोला, "अरे वाह तुम तो खुले बालों में और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हो। मैं एक बात कहूँ अपने बाल खुले ही रखा करें बहुत खूबसूरत दिखती हो खुले बालों में..."

मैं-अब मुझे पता है कि आप मुझे मास्टर क्यों कहती हो। मैं उसकी खूबसूरती में खोया हुआ था

मरीना फिर बोली, "प्लीज मास्टर मुझे प्यार करो।" और ये बोलकर वह मुझे चूमने लगी मैं मरीना के नरम होंठो के चुम्बनऔर खूबसूरती से मंत्रमुग्ध हो उसे चूमने लगा। हम दोनों उस चुंबन में डूब गए। मरीना को चुनरी को जमीन पर गिर गयी जिससे उसके ब्लाउज के भीतर कैद उसके स्तनों के बीच की गहरी दरार दिखाई दे रही थी और उसके आधे स्तन दिखाई दे रहे थे।

मैंने मरीना को कसकर गले लगाया और उसकी पीठ पर हाथ फेर दिया। वह ब्लाउज को कस कर रखने के लिए लेस से बंधा हुआ था। उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए मैंने उसकी डोरियों को खोल दिया

। मैंने अपनी उँगलियाँ उसकी नंगी पीठ पर दौड़ाईं और दोनों भुजाओं को अलग कर दिया और उसके बूब्स को उजागर करते हुए, उसके शरीर से उसका ब्लाउज खींच लिया। उसने नीचे देखा, थोड़ा शर्मायी और अपने स्तनों को अपनी बाहों से ढक लिया। उसने ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैंने उसकी कलाइयों को पकड़ लिया और उसके स्तनों को फिर से मेरे सामने लाने के लिए उसकी बाँहों को अलग कर दिया।


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मैं उसकी पीठ के पीछे चला गया और उसे पीछे से गले लगा लिया। मैं अब उसके कंधे और गर्दन को चूमने के साथ-साथ अपने हाथों से उसके स्तन के साथ खेला। जब मैं उसकी गर्दन पर चुंबन कर रहा था तो उसने पहले अपनी गर्दन को दाए और बाए किया जहाँ मैंने उसे चूमा और फिर उसने पाने गार्डन मेरे कंधे पर रख कर पीछे लुढ़का दी और मैं उसे उसी पोजीशन में उसके स्तन दबाता हुआ उसके ओंठो को किस करने के बाद उसके ओंठ चूसने लगा।

मैंने उसे बिस्तर पर मुंह के बल लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और पीछे से उसे अपने नीचे दबा लिया और उसके गोल नितम्बो पर अपना लंड चुभो दिया हलांकि वह अभी भी अपना लहंगा पहने हुए थी।

मरीना का लाल घागरा उसकी कमर के चारों ओर टाइट डोरी से बंधा हुआ था। मैंने घाघरा को ढीला करने के लिए डोरी खींची और लहंगे को नीचे करके पूरी तरह से हटा दिया। अब मरीना बिस्तर पर पूरी तरह नग्न अवस्था में पड़ी थी और उसका चेहरा नीचे की ओर था। मैं उसे चूमना और

उसके शरीर को चाटना जारी रखा।

मैंने उसे घुमाया और उससे थोड़ा दूर हो कर कलेटा और उसकी आँखों में देख बोला जबसे मैंने तुमको बिल्कुल नंगी देखा है तब से मेरा यकीन मानो मुझे ऐसा लगता है कि ऊपर वाले ने तुमको बहुत ही फुर्सत से बनाया होगा..."

यह कहकर कुछ देर तक मैं उसे ऊपर से नीचे तक निहारते रहा और वह अब नारी सहज लाज के कारण अपने हाथों से अपने स्तनों और गुप्तांगों को ढकने का एक असफल प्रयास कर रही थी।


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मैं बोला, "मैं जानता हूँ मरीना तुम्हें शर्म आ रही है और अब तुम अपना रूप रंग अपनी उफनती जवानी मुझसे छुपाना चाहती हो... अगर तुम्हें छुपाना ही है... तुम मेरे सीने मैं छुपा सकती हो..." यह कहकर मैंने अपनी बाहें फैला दी। और मरीना ने आव देखा ना ताव मैं सीधे मेरे से लिपट गई।

मैंने मरीना को अपने और करीब खींच लिया था हम दोनों की छातियाँ, पेट यहाँ तक निम्नांग भी आपस में बिल्कुल सट गए थे... मेरे आगोश में उसके स्तनों का जोड़ा मेरे सख्त सीने से दब कर उसके पहले से उत्तेजित पूरे बदन में एक सनसनी-सी फैल रही थी... मेरी बलवान भुजाओं के आगोश में सिमटती हुई मरीना मेरे पुरुषत्व के कठोर स्पर्श अपने कोमल अंग पर साफ महसूस कर रही थी ...

उनकी नंगे बदन की छुयन का जैसे ही मुझे एहसास हुआ... मेरे पूरे बदन में एक अजीब-सी लहर दौड़ गई और मेरे बदन के रोंगटे खड़े हो गए.। और बाहर बहुत तेज बिजली चमकी और एक धमाके के साथ बादल गरज उठे...

कुछ ही पलों में हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने चाटने लगे वह भी मेरे पूरे बदन को चूम रही थी और चाट रही थी..., मेरा चेहरा मेरा सीना... और मैं उसके पेट और निचला हिस्सा सहला रहा था ... मरीना तो अपना सुध बुध ही खो बैठी थी...

दीपक कुमार
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07-29-2023, 06:42 AM,
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 43

मरीना के साथ मुख मैथुन  


कुछ ही पलों में हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने चाटने लगे वह भी मेरे पूरे बदन को चूम रही थी और चाट रही थी..., मेरा चेहरा मेरा सीना... और मैं उसके पेट और निचला हिस्सा सहला रहा था ... मरीना तो अपना सुध बुध ही खो बैठी थी...

मैं उसके स्तनों को जोर से दबा रहा था। वह जोर-जोर से कराह रही थी। इससे मेरा लंड कड़ा हो गया था। मैं झुका और उसकी योनि के होंठो को चूमा, और उसकी योनि में ऊँगली घुसाई तो वो  गीली थी । मैने ऊँगली बाहर  निकाली और उसके ओंठो पर फेरने लगा तो उसने अपने ओंठ खोले और मेरी   ऊँगली पर लगे अपने चुतरस को चाटने लगी । चूत का गरम और नमकीन पानी चाटने  से मरीना को मजा आ रहा था .  फिर मैं भी अपना मुँह मरीना के मुँह के साथ साथ में लगा कर ऊँगली और उसके ओंठो को चाटने लगा.



[Image: WWK4.jpg]

मरीना बोली मास्टर आप मेरी चुत  को रगड़ों. इसे प्यार करो.  इसे अपनी उंगलियों से रगडों. इसमें अपनी उंगली डाल कर खूब जोर जोर से आगे पीछे कर के चोदो. मेरी चुत  को अपने जीभ से चाटो.  मेरी चुत  फैलाकर इसमें अपना मोटा लन्ड डाल दो.  मेरी चुत  को खूब चोदो.   मुझे चोदो , खूब चोदो. 

लड़कियो को  नियंत्रित करना  कोई आसान काम नहीं होता है  और मरीना तो कई बार मुझे चुदाई करते हुए देख चुकी थी पर मरीना ने  खुद से मुझे  अपना स्वामी मान  मुझे समर्पण कर दिया था . हालांकि  किसी को आप पर नियंत्रण करने देना कोई आसान काम नहीं है।  

मैंने मरीना को खड़ा किया  और उसे निहारने लगा मेरा मुँह  उसके जर्मन हुस्न की सुंदरता देखकर खुला रह गया.  उसकी  सुंदरता देखकर मेरे  लिंग मे धीरे धीरे तनाव आने लगा और अब मेरा  लंड  कड़क होकर खड़ा हो गया 

मैंने मरीना को दीवार से लगाया और उसके साथ चिपक कर पहले उसके पूरे पादन को सहलाया और उसके स्तनों को दबाया . और फिर  मरीना की लंबी चिकनी टाँगों के बीच में बैठ कर  मैंने अपना  मुँह उसकी चुत के साथ लगा दिया और चुत  को चाटने लगा और बहुत जल्द ही मरीना की चूत पानी छोड़ने लगी .
मेरे होंठ  ज्यों ही मरीना की योनि  से टच हुए. तो मरीना  के मुँह से सिसकारियों का सैलाब उमड़ आया और वो मेरे  मुँह में अपनी फुद्दि  घुसेड़ती हुए चिल्लाई, “ओह  ऊऊऊऊऊओ.”

मरीना मज़े से इतनी बेहाल हुई कि उस के लिए दीवार से लग कर खड़े होना  मुश्किल हो गया उसका बदन कांपने लगा और मुझे लगा वो नीचे  फर्श पर गिर जायेगी .

मैं मरीना की टाँगों के बीच से उठा  और उसकी चूत के गरम और नमकीन पानी  ने दारु  का सा असर किया और उसके नशे में मैंने मरीना को अपनी बाहों में उठा लिया .

जैसे  ही मैंने  मरीना  को अपनी बाहों में उठाया. तो मरीना  ने गरम जोशी से अपनी बाहों का घेरा मेरे  गले में डालने के साथ साथ अपनी टाँगों को भी मेरी  कमर के गिर्द कस लिया उसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर  लिटा दिया  और लेटी हुई मरीना की   खुली टाँगों के बीच में अपना मुँह रख कर उस की योनि का रस पीने लगा . और लपर लपर कर के मरीना  की फुद्दि को पागलों की तरह चाटने लगा .

 फफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईईईई ओह” मरीना  के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही  थी.

मरीना की योनि  में ज़ुबान फिराते हुए मैंने उसे थोड़ा करवट बदल कर साइड के बल लेटा दिया . जिस की वजह से मरीना के भारी नितम्ब और मोटी गान्ड की पहाड़िया  मेरी  नज़रों के सामने आ गई.

मरीना की  कुंवारी  चुत और  गान्ड  को देख कर मेरी आँखों में एक अजीब सी चमक आई. और मैंने मरीना  के पीछे आ कर उसकी  गान्ड के छेद पर  पर अपनी ज़ुबान की नौक रखी और फिर उसकी   गान्ड के ब्राउन सुराख को मज़े ले ले कर चाटने लगा .

“हाईईईईईईईईईईईई माअअअअअस्ससससससटतटरररररररररररर  क्या खूऊऊब मज़ेययययययययये  दे रहे  हो आप ,मरीना मजे लेते हुए  बोली.

 फिर मैंने उसकी गांड  को थप्पड़ मारा और बोला चलो अब मेरा लंड चूसो।

मेरा लम्बा  मोटा लण्ड सामने लटक रहा था जिसमे कडापन आ रहा था. साथ हीमेरी  चौडी छाती और कंधे मेरी  मर्दांगी दिखा रहे थे. मरीना पहले से ही मुझ पर मोहित थी. वहीं

मरीना उठी  और मेरा मोटा लंड देख कर   लंड को बड़े गौर से देखने भी लगी  मेरे लन्ड पहले से  खड़ा हुआ  और ये पता चलने के बाद की अब उसकी बारी आ गयी  है उसमे और  तनाव आना शुरु हो गया था और मेरा सुपाड़ा अब अपनी झलक दिखाने लगा था। मरीना  ने आगे बढ़ कर बिना किसी हिचक या शर्मिंदगी के मेरे लन्ड को अपने हाथों में पकड़ा।  लंड औरत या लड़की के स्पर्श को  पहचानता  है  मरीना के हाथ में तो जादू  था, सो मेरा लन्ड ने उसके हाथ के स्पर्श से हीं अपना पूरा आकार ले लिया। फिर उस ने मेरा लंड पकड़ा और लंड को प्यार से सहलाया और लंडमुंड  पर चुंबन कर दिया . 

मरीना कैंडी की तरह मेरा डिक चूस रही थी, वह अपनी जीभ से लंड  के साथ खेल रही थी
और उसने मेरे लंड का सिरा चूस लिया, तो मैंने  अपना मोटा लंड मरीना  के खुले हुए होंठो के दरमियाँ थोड़ा आगे बढ़ा दिया . 

मेरे  गरम सख़्त लंड को अपने होंठो के ऊपर   से अंदर पा कर मरीना  ने बेचैनी से अपना मुँह खोला. और मेरे  लंड को अपने मुँह के अंदर ले जा कर लंड को चूसने  लगी. मरीना  ने मुझे बिस्तर पर लिटा कर लन्ड अपने मुँह में भर लिया। और होठों को कस कर चूस रही थी। यह कुछ ऐसा  था  जैसे लंड किसी  कसी हुई कुंवारी चुत  में पहली बार प्रवेश कर रहा हैं .. ये अनुभव  शब्दों से परे था । धीरे धीरे उसने उसने पूरा लंड निगल लिया.

उसने  अपने थूक से लंड को भिगो का चिकना  कर  दिया  जिससे मेरा लंड अब उसके मुंह में, आराम से चला गया और उसकी जीभ पर से होते हुए गले तक चला गया। मैंने अब अपने कूल्हों को तब तक आगे बढ़ाया, जब तक कि लंड पूरा उसके मुंह के अंदर नहीं चला गया ।  उसके बाद मैं  अपने लंड को उसके मुँह के अंदर बाहर करता रहा। वह मेरे लंड को अपने मुँह में फूला हुआ महसूस कर रही थी।
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[Image: WWK5.jpg]

मैंने अपने लिंग को  इतना ही बाहर निकालता था  कि केवल फूला हुआ लंडमुंड ही उसके मुंह में रहे और फिर धीरे धीरे दुबारा  अंदर  कर देता था  इस बीच मरीना की जीभ लंड पर चलती रहती  थी . 
 
वो अपनी आँखें बंद करके, अपना मुँह खोल कर मज़े ले रही थी और मेरा  लंड उसके मुँह के अंदर बाहर हो रहा था ।   वह अपनी जीभ से लंड के सिर को रगड़ रही थी । 

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद, मरीना ने  रफ़्तार पकड़नी शुरू कर दी और मेरे  लंड को उसने अपने  मुंह में ज़्यादा से ज़्यादा घुसेड़ दिया।   अब मेरा लंड और कठोर हो गया था और लंड का सर भी फूल कर उसकी जीभ से भी बड़ा हो गया था । उस समय वो मेरा  पूरा लंड अपने  मुँह में घुसा लेती थी और फिर पूरा निकाल कर ओंठ टाइट कर लंड पर जीभ घूमा क्र पूरा अंदर ले जाती थी . 

  उसे पता था कि आगे क्या होने वाला है।  मेरा लंड का मुँह उस समय उसके गले के प्रवेश द्वार के ठीक सामने था मैं उत्कर्ष पर पहुँचा और उसके मुँह में पिचकारी मार दी।   वह वीर्य की निगल  गयी . 

साथ ही मैं लंड को आगे पीछे भी कर रहा था जिससे   कुछ पिचकारियाँ उसके  मुँह  पर मार दी जिससे मेरे वीर्य उसके मुँह आँखो गालो माथे और बालो तक फ़ैल गया  और उसके शरीर और मेरे पैर पर कुछ बूंदें बह कर गिर  रही थीं।


[Image: LICK-PUS.gif]

मैंने उसे चाटने के लिए अपना पैर दिखाया। उसने मेरे पैर की उंगलियों को साफ किया।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
Reply
07-29-2023, 06:43 AM,
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 44

 जो तुमको हो पसंद



मरीना ने मेरे वीर्य को सब जगह से चाट लिया और बोली-मास्टर! मुझे आपका वीर्य बहुत स्वादिस्ट लगा मैं उसे बर्बाद कैसे होने देती।

मैं: तुम बहुत शरारती ही मरीना! जब मेरा लंड तुम्हारे मुँह में गले तक जा रहा था तो तुम्हारा सांस घुट रहा था पर फिर भी तुम मजे से मेरा लंड चूस रही थी।

मरीना:-मास्टर! मुझे आपके लंड की गंध भी बहुत पसंद है।

मैंने उससे पूछा कि उसे कैसा लगा?

मरीना-मैंने जो सोचा था, वह उससे 1000 गुना बेहतर था, मास्टर। यह शानदार था!

मैं-यह अच्छा इसलिए भी है क्योंकि मुझे सबसे अच्छी अंगरक्षिका और सेविका मिली है।

मैंने उसे लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ दिया।

मरीना-मास्टर, मैं आपकी सेक्स गुलाम हूँ, मुझे चोदो, मास्टर।

वो घुटनो पर बैठी हुई मुझसे हाथ जोड़ते हुए चुदाई के लिए भीख मांग रही थी।

मैं-मरीना तुमने अपने मालिक को प्रसन्न और संतुष्ट किया है। बताओ मरीना! तुम्हे क्या चाहिए?

मरीना-मैं चाहती हूँ कि आप हमेशा के लिए मेरे मालिक बनो और मुझे अपनी सेवा का अवसर देते रहो। कृपया मुझे चोदो, मास्टर।

वो बार-बार मुझसे हाथ जोड़ते हुए उसे चोदने के लिए भीख मांग रही थी।

मैंने मरीना को उठाकर कसकर गले लगाया और उससे वादा किया कि वह हमेशा के लिए मेरी सेवा में रहेगी और मैं उसका मालिक। "चाहे कुछ भी हो जाए, मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा। मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मेरी प्यारी मरीना।"

मरीना-कृपया मुझे चोदो, मास्टर।

वो बार-बार प्राथना कर रही थी।

मैं-ये तो आपको मिलेगा ही क्योंकि आपने इसे पहले ही अर्जित कर लिया है। कुछ और मांगो।

मरीना-मास्टर, मेरा एक अनुरोध है।

मैं-हाँ, बेबी।

मरीना-मैं चाहती हूँ कि मुझे ये पल हमेशा के लिए याद रहे। मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे पहली बार दूसरी लड़की के सामने चोदो।

इससे पहले मैं कुछ कहता तभी कमरे का दरवाजा खुला और मेरी सचिव हेमा ने कमरे में प्रवेश किया। वह भी नग्न थी, केवल कुछ गहनों ने उसके निप्पल और चूत को ढँका हुआ था। नाक में नथ, माथे पर टीका पट्टी बालो में गजरा, मेकअप में हेमा बहुत सुंदर की लग रही थी



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 हेमा जब उसने कक्ष में  प्रवेश किया ( फोटो आमिर भाई के सौजन्य से)



मरीना-ये कैसी रहेगी, मास्टर?

मैं-सेक्सी! मेरी सेविका, सेक्सी।

मरीना-मास्टर वह मेरी कजिन बहन है । उसे भी साथ में आने दो॥

जब हेमा अंदर आई तो हेमा की आवाज़ कमरे के अंदर गूँजी "तुम कैसे इतनी स्वार्थी हो गयी मरीना? जब हम दोनों ने मास्टर की सेविकाएँ है, तो पुरस्कार भी हम दोनों में बटना चाहिए?" मैं मरीना के पास खड़ा हो गया।

अब तक हेमा बिस्तर पर पहुँच चुकी थी। उसने मेरे सीने पर हाथ फेरा और मेरे निपल्स के चारों ओर अपनी उंगलियाँ चलाना जारी रखा।

मैंने मरीना को कसकर गले लगाया और उसकी पीठ पर हाथ फेर दिया। मैं उसकी पीठ के पीछे चला गया और उसे पीछे से गले लगा लिया। मैंने उसके नितम्बो को और उसके स्तनों को दबाया और निचोड़ा और उसके कंधे और गर्दन पर चुंबन किये और हाथों से उसके स्तन के साथ खेल रहा था। मरीना ने अपना सर मेरे कंधे पर ढीला छोड़ दिया, हमारे ओंठ जुड़ गए और हम वापस चुंबन करने लगे।


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मैंने मरीना को अपनी और घुमाया, उसकी आँखों में देखा भाव जबकि मेरे हाथ उसके स्तन टटोल रहे थे। हेमा मेरा लंड सहलाने लगी तो मैंने उसे आँख मारी

मरीना बोली, "लेकिन दीदी, आपको तो लड़किया हमेशा ज्यादा पसंद रही हैं हमने हमेशा एक-दूसरे से प्यार किया है।" बोलते समय वह हेमा को कम और मेरी तरफ ज्यादा देख रही थी, मेरे लंबे, मोटे डिक और उसके पीछे लटके हुए गोल अंडकोष को घूर रही थी।

अब तक हेमा बिस्तर पर पहुँच चुकी थी। उसने मेरे सीने पर हाथ फेरा और मेरे निपल्स के चारों ओर अपनी उंगलियाँ चलाना जारी रखा।

हेमा ने जवाब दिया, ' मैं लड़कियों को पसंद करती थी। लेकिन मास्टर ने मुझे बदल दिया है। " उसने आगे कहा कि वह भी अब मुझे बहुत पसंद करती है और जिस दिन पहली बार उसने मुझे ईशा के साथ देखा था तब से वह मेरे से प्यार करती है।

मेरी मांसल भुजाओं और चौड़ी छाती को देखने के बाद हेमा किसी और चीज़ पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकी। हेमा फर्श पर घुटने टेककर बैठ गई और मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया। मेरा लंड पकड़कर हेमा ने कहा, "मरीना मेरी बहन लगता है तुम्हे देख मास्टर बहुत उत्तेजित हैं। मास्टर की टांगो के बीच बड़े नाग के जैसा लंड पहले से कितना बड़ा और लम्बा लग रहा है । जब उस दिन मैंने मास्टर के लंड की मालिश की थी ये तब से और लम्बा और बड़ा हो गया है।"

हेमा ने मेरे अंडकोष को अपनी उंगलियों के घेरे में रखते हुए बोलना जारी रखा, "मरीना देखो प्यार के इन फलों को, ये भी कितने बड़े हो गए हैं। मैं अपनी योनी के अंदर इस बड़े अजगर को ले जाने के लिए बेहद ललचा रही हूँ।"

मरीना मेरी और हेमा की तरफ मुड़ी और उसने मुझे अनुरोध किया!


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मरीना-मास्टर आपसे प्राथन है कि आप आज हम दोनों के साथ सेक्स करे।

मरीना ने अपने स्तन मेरे छाती के खिलाफ रगड़े और फिर उसका हाथ मेरे पेट पर होते हुए मेरी जांघो के बीच में गया और मेरे अंडकोषों को सहलाने लगी और फिर दोनों को तौलने लगी जैसे जांच रही हो इनमे कितना रस है। फिर मरीना ने भी मेरे लंड और अंडकोषो पर हाथ फेरा, "मुझे पूरा विश्वास की ये प्यार के फल बेहद रसीले हैं और इनमे इतना रस होगा कि इनसे हम दोनों अपनी प्यास बुझा सकें?"

मरीना मेरे ऊपर झुक कर मेरी छाती, कंधों और बाजुओं पर अपने नर्म हाथों को फिराने लगी। तभी मरीना के घुटने हेमा के गोल नितंबों से छू गये, हेमा के बदन में इससे कंपकपी-सी दौड़ गयी।

मैंने हेमा को ऊपर उठाया और उसके गालो पर किश किया और चाटने लगा और दोनों एक दुसरे के साथ चिपक गए और लिप किस करने में लग गएl

हम एक-दूसरे की बांहों में समा गए और कुछ मिनटों के लिए ऐसे ही किस करते रहे। मैं उसे देखता रहा, वह बहुत सुंदर थी। उसके स्तन पूरे भरे हुए हैं पर उनमें जरा-सी भी शिथिलता और ढलकाव नहीं था।

कुछ देर बाद मैंने उसके शरीर को छेड़ना शुरू कर दिया हम दोनों ने अपने जीभ के सामंजस्य के साथ एक दुसरे को चूमा। जब तक हम चूमा चाटी कर रहे थे मेरे हाथ उसके स्तन और निपल्स को दबा और प्यार से सहला रहे थेl मैं किस करता हुआ उसके स्तन से उसकी गर्दन तक फिर उसके कानों तक और फिर उसके होंठों को चूमा चाटा और किश किया। फिर मैंने उसके स्तन और निप्पलों को चाटता और चूसने लगा। मैं महसूस कर रहा था कि वह और अधिक उत्तेजित हो रही थी।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
Reply
08-06-2023, 08:03 PM,
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 45

 दो तरफा चुसाई



कुछ देर बाद मैंने उसके शरीर को छेड़ना शुरू कर दिया हम दोनों ने अपने जीभ के सामंजस्य के साथ एक दुसरे को चूमा। जब तक हम चूमा चाटी कर रहे थे फिर मैंने बिना किसी हिचकिचाहट के हेमा के पेट पर हाथ रखा और धीरे-धीरे उस हिस्से की मालिश की और धीरे-धीरे मैंने अपना हाथ उसके बूब्स की तरफ बढ़ाया। मैंने उन गर्म स्तनों को छुआ। ओह, वे बहुत कोमल थे और मैंने स्तनो को दबाया ।

उधर मरीना मेरे साथ लेट कर मेरे जिस्म की स्मेल सूंघने लगी । उधर कुछ देर होंठो को चूसने के बाद हेमा ने मेरे पूरे फेस पर किस्सिंग शुरू कर दी

मैं ने मरीना से पूछा कैसी लगी मेरे बदन की बू इस पर वह बोली बहुत प्यारी महक है। फिर मरीना ने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए और चूसना शुरू किया उधर हेमा भी हॉट होने लगी और मेरे चेहरे के बाद मेरे छाती और मेरे स्तन चूसने के बाद उसने मेरे नाभि चूसी और फिर हेमा ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मैं आगे बढ़ा और हेमा के गले के हार को खोलने लगा।



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सभी गहनों को अनहुक करने के बाद, मैंने उन्हें उसके शरीर से एक साथ निकाल दिया और साइड पर पड़ी टेबल पर रख दिया। हेमा के स्तन उसकी बहन के स्तन से छोटे थे। लेकिन वे गोल और भरे हुए थे। हेमा भी गौरी थीं और उसके निप्पल गहरे भूरे रंग के थे। मरीना ने मेरे साथ डीप किस्सिंग शुरू दी थी और मेरे हाथ हेमा और मरीना दोनों के बूब्स को सहला रहे था कुछ देर ये सिलसिला चला। फिर मरीना मेरा चेहरा और मेरे गालो को चूसने लगी ।

हेमा मेरा औज़ार चूसने में इतनी मशगूल थी कि उसने मुझे दूध से भरा गिलास उठाते हुए नहीं देखा। मैंने उसे बहुत धीरे से उस पर डाला। मैंने हेमा को और खड़ा किया पापा कुछ देर हेमा के बूब्स को देखता रहा फिर मैंने दोनों बूब को दबाया और उसका दाहिना बूब खींचकर अपने मुँह के अंदर ले लिया और फिर मूँह में भर कर चूसने लगा । मरीना ने हेमा का दूसरा बूब मुँह में भर लिया और वह भी चूसने लगी । इस दो तरफा चुसाई से हेमा का मज़े से बुरा हाल था। उसके निपल्स हार्ड हो गये और मैं पागलो की तरह हेमा के निप्पल्स को चूस रहा था और कभी-कभी दाँत से काट भी लेता था जिस से हेमा की सिसकारी निकल जाती काफ़ी देर बूब्स को चाटने चूसने और काटने के बाद मैं जब रुका तो हेमा के बूब्स पर निशान पड़ गये थे और फिर मैंने उसके निपल्स पर एक चुम्बन किया।

मैंने उसके स्तनों से दूध चाटा और चूसा। इस बीच, मरीना ने फर्श पर घुटने टेक दीये और मेरा लंड चूसने लगी। उसने मेरा लंड अपनी उंगली के तंग घेरे में ले लिया और उसे आगे-पीछे करने लगी।

अब मैं स्वर्ग में था। तो मैंने नरम होठों से हेमा के शरीर के ऊपरी भाग में सभी जगह चूमा। वह बहुत अच्छे से सहयोग कर रही थी। उसने ओंठ गोल कर मुझ से एक होंठ चुंबन माँगा। तो मैं उसके ओंठो को किस करने लगा और यह किश लगभग 15 मिनट तक चला। मेरी जीभ उसके मुँह में और उसकी जीभ मेरे मुँह में थी। धीरे-धीरे मैं नीचे के हिस्से में आ गया। मैंने उसकी गर्म जांघों को दबाया। मैंने उसकी गांड की मालिश की। वे बहुत कोमल और सेक्सी थीं।

जबकि चुंबन और हेमा के स्तन चूसने के बाद मैंने अपना हाथ उसकी कमर के चारों ओर फिराया और उसने जो कमर में बेली चेन पहनी हुई थी जिसके साथ एक त्रिकोणीय आकार था जो हेमा की कमर से लटका हुआ था और उसकी चूत को ढँक रहा था मैंने उस कमरबंद को खोल दिया। उसकी चुत भी बिलकुल साफ़ थी उस पर कोई बाल नहीं था ।

मैंने आभूषण को हटाकर मेज पर रख दिया। मैंने अपना हाथ उसके बूब्स से लेकर उसके एब्स तक चलाया। फिर, उसकी नाभि तक पहुँचने के बाद, उसने मेरी उंगली डाली। मैं नीचे झुक गया और नाभि पर किस किया और फिर मेरी जीभ के सिरे को उसकी नाभि में फिराया और उसकी लेग्स के दरम्यान अपने चेहरे को ले गया और हेमा की टांगो को खोला और उसकी चूत की स्मेल सूंघने लगा वाह क्या स्मेल थी ।


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फिर मैंने हेमा की चूत के ओंठो को फेलाया और अपनी ज़ुबान से चाटने लगा, और साथ-साथ मरीना हेमा के बूब्स को चूस रही थी जिस से हेमा के पूरे जिस्म में करेंट दौड़ गया। मेरे चाटने से हेमा की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया जिसे मैं चाटने लगा । कुछ देर चूत को ज़ुबान से चाटने के बाद मैं हेमा के दाने को ऊँगली से छेड़ने लगा और मैंने अपनी एक ऊँगली हेमा की चूत में डाली जिस से हेमा को दर्द हुआ तो उसके मूँह से आह निकल गई

मैंने कहा मेरी जान पहली बार थोड़ा दर्द होगा बर्दाश्त करना फिर बहुत मज़ा मिलेगा।  फिंगर से चोदने के बाद  मैं थोड़ा रुका और मरीना को उठाया । मैंने मरीना को उसके कंधों से पकड़ लिया और उसे बिस्तर की ओर मोड़ दिया और उसकी टांगों को अलग करके मरीना को बिस्तर पर लिटा दिया और फिर हेमा को उठाया और मरीना की अलग टांगों के बीच हेमा के माथे को टेक दिया।

मेरे इशारे को समझ कर हेमा झुकी और अपनी बहन की चूत को चूसने और चाटने लगी। मैंने अपने हाथ हेमा की कमर पर रख दिए और उसने अपनी गांड ऊपर उठा दी, जिससे वह मरीना की योनी को एक कुतिया की तरह चाट रही थी।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
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08-06-2023, 08:04 PM,
RE: पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 46

 फोरसम 


मेरे इशारे को समझ कर हेमा झुकी और अपनी बहन की चूत को चूसने और चाटने लगी। मैंने अपने हाथ हेमा की कमर पर रख दिए और उसने अपनी गांड ऊपर उठा दी, जिससे वह मरीना की योनी को एक कुतिया की तरह चाट रही थी।

फिर मैं मरीना के पास जा कर उसे किश करने लगा और मैंने कहा मरीना तुम बोल रही थी । हेमा को तो लड़किया ज्यादा पसंद है तो बताओ तुम दोनों आपस में क्या करती थी तो मरीना ने हेमा को ऊपर खींचा और उसे किश करने लगी। हेमा भी मरीना को चूमने लगी।

मैं उन दोनों के स्तनों को निहार रहा था और उनके आकार पर आश्चर्यचकित था, उनकी घुमावदार रेखाएँ और भव्य सूजन अद्भुत थी। हेमा के निप्पल असाधारण रूप से बड़े थे और पहले से ही कामोत्तेजना से गुलाबी हो गए थे। वे हाथीदांत के टीले से अतिरिक्त पके स्ट्रॉबेरी की एक जोड़ी की तरह बाहर निकल गए थे। मरीना के स्तन अधिक विनम्र थे। मैंने खुद को गर्म पाया क्योंकि मेरा लंड सख्त होता जा रहा था


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मैंने बोला मुझे भी अपने साथ शामिल कर लो तभी रोजी आयी और मुझे किश करने लगी और बोली आप मुझे किश करो और फिर कुछ देर बाद मैं और रोजी दोनों उन चुम्बन करती हुई बहनो के चुम्बन में शामिल हो गए।

इस तरह हमने एक चतुरकोन चुम्बन किया जिसमे चारो एक दुसरे के ओंठो को चूस रहे थे। । ये बहुत शानदार अनुभव था। मैं हेमा और मरीना का ऊपर का ओंठ चूस रहा था तो रोजी और मरीना मेरा आधा नीचे का ओंठ चूस रही थी और हेमा और रोजी एक दुसरे के ओंठ भो चूस रही थी और चारो की जीभे आपस में मिल रही थी। कुछ पता नहीं किसकी जीभ किसके साथ पेच लड़ा रही थी। चारो की आँखे आनंद में बंद थी। फिर सब आपस में पार्टनर बदल-बदल करओंठ चूसने लगे

पता नहीं हम चारो कितनी देर किस करते रहे। मेरे हाथ उनकी पीठ पर फिरते रहे और पीठ से होकर उनके एक स्तन पर पहुँच कर रोजी के दाए स्तन और हेमा के बाए स्तन से खेलने लग गए।


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हेमा चुम्बन तोड कर सांस लेने के लिए रुकी और हेमा की आंखें विस्मय से बड़ी और गोल हो गईं जब उसने मेरे लंड को अच्छी तरह से देखा। मेरा लण्ड अब सूज कर कठोर हो गया था, लगभग पूरी तरह से सीधा था, उसका सिर कम से कम उसकी मुट्ठी जितना बड़ा लग रहा था और व्यास उसकी कलाई से कम नहीं हो सकता था। मैंने हेमा के विचारों को पढ़ा, उसने अनुमान लगाया कि मेरा लंड आठ या नौ इंच लंबा है। एक पल के लिए इतना बड़ा लंड देखकर और उसे इस अनुभव के लिए मरीना और खुद के लिए मेरे लंड से चुदने का निर्णय करने का पछतावा हुआ, क्योंकि उसे लगा इससे उसे बहुत अधिक दर्द होगा, लेकिन फिर उसे याद आया कि जिस तरह से उसने ईशा को आनद से कराहते हुए देखा था जब मैं उसकी योनी को चोद रहा था। हेमा ने खुद से कहा, अगर ईशा मेरे लंड ले सकती थी, तो वह भी ले सकती थी; आखिर, क्या उसने कहीं पढ़ा था कि एक योनी किसी भी लंड की क्षमता से बहुत आगे तक खिंचने में सक्षम है? तब मैंने मरीना के विचार पढ़े और वह भी उस समय हेमा की तर्ज पर ही सोच रही थी, हालाँकि उसे भी यह सोचकर डर लग रहा था कि उसकी योनी के अंदर इतना बड़ा लंड जाने वाला है।

जब मैंने हेमा और मरीना को-को इस सोच में देखा तो मैं भी रुक गया और फिर चारो ने एक दुसरे को देखा तो हेमा जानती थी कि उसे अब क्या करना है और वह हरकत में आ गई। उसने मेरे सामने घुटने टेक दिए और मेरा लंड अपने हाथों में ले लिया। मरीना ने उसकी नकल की और साथ में उन्होंने मेरे लंड के बड़े, जगमगाते लंडमुंड को बेनकाब करने के लिए मेरे लंड की चमड़ी पीछे कर दी। लंडमुंड का आकार बैंगन के आकार का था और लगभग उतना ही काला और कामुक था।

वह इसे धीरे से चूमने लगी और पहली उसके होंठ लंड की साटन जैसी सतह पर फिरने लगे और फिर उसने लंड की चारो और अपनी जीभ फिर दी। वह मेरे बड़े, सूजे हुए चुभने वाले सिर को मुँह में लेने के लिए जोर-जबरदस्ती कर रही थी और आखिरकार वह सफल हो गई और लंड का सर उसके मुँह में चला गया और उसे उसका मुंह मेरे गर्म लंड से पूरा भरा हुआ महसूस हुआ और फिर

उसने लंड को अच्छी तरह से चूसा और फिर वह सोचने लगी जब उसे लंड को मुँह में लेने के लिए इतना जोर लगान पड़ा है तो वह कैसे मेरे इस विशाल लंड को अपनी योनी में ले पाएगी?

उधर मारिना अपने होठों के साथ मेरी गेंदों को चाटने और चूसने लगी। मेरे बड़े और पके हुए शुक्राणुओं से भरे हुए अंडकोष अपने बैग में नीचे लटके हुए थे और उसने ने पाया कि उन्हें छूने से उसे गर्म महसूस होता है।

हेमा ने पूरी कोशिश की लेकिन वह अपने मुंह में मेरा आधे से ज्यादा लंड नहीं ले सकी। तो उसने अन्य तरीकों से हमला किया, उसकी जीभ ने मेरे औजार को ऊपर और नीचे चाटना शुरू कर दिया। हेमा की जीभ ने लंड के सिर और शाफ़्ट के बीच की जगह पर जहाँ चमड़ी इकठी हो जाती है और लंडमुंड बाहर आ जाता है, उसके चारो और उस नाली ने जीभ को घुमाया। फिर जब उसने अपना मुँह लंड से लगभग हटा लिया और उसने अपनी जीभ को लंड पर फिराने लगी और उसकी नोक को चाटने लगी।

मैं उत्तेजना से कराह उठा और हेमा के सिर को पकड़ लिया और मैं लंड उसके मुंह से अंदर और बाहर चोदने लगा।


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मरीना मेरी गेंदों को सहला रही थी। उसने अपनी उँगलियाँ हल्के से मेरे लंड के तलवे पर दौड़ाईं और मेरी टाँगों के बीच पहुँचकर लण्डकोष के पिछले हिस्से को सहलाने लगी और उधर रोजी ने पाने स्तन मेरे मुँह में घुसा दिए थे और साथ-साथ वह हेमा और मरीना के स्तनों को सहला रही थी

वे दोनों मुझे पूरी तरह से उत्तेजित करने में कामयाब रही और मुझे लगा मैं जल्द ही हेमा के मुँह में पिचकारियाँ मारने लगूंगा और मेरे लिए रुकना बहुत मुश्किल होता जा रहा था। वह मुझे चरमोत्कर्ष पर ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। उसके मुँह में मेरे लंड की अनुभूति ने उसे भी उत्तेजित कर दिया था। परन्तु उस पल में, मुझे अपना लंड उसकी गर्म छोटी योनी में मजबूती से घुसाने में अधिक दिलचस्पी थी।


कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
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