मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 12:09 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
दिदि मेरी बातो को शांत होकर सुन रही थी और तब बोली तो प्रमोद... तुम्हारे कहने का मतलब है कि मेरी सुंदरता ने तुम्हे पागल बना दिया था।
जब वह मुझसे अपने बहन से चिपक ली थी तब उसकी बड़ी-बड़ी चुचियों मेंरी छाती पर गड़ने लगा था। - वह मेरी होठों को चुसते हुए अपनी चुचियों को छाती से रगड़

रही थी और इस तरह रगड़ से मेरा बदल सनसनाने लगा था।
पहले तो मैं स्थिर होकर जिभ को चुस रहा था, लेकिन उसे अपने चुचियाँ पर दबाते देखकर मैं भी उसे अपने आलिंगन में बांध लिया।
वह मेरे चेहरे को चारों तरफ चुम्न करते हुए मेरी पीठ को सहलाते हुए बोली तुमने मुझे अपनी हरकतों से पागल बना दिया है .... तुम बदमाश लड़के गुंडा... साले तुम मेरी पेटिकोट को खोलकर उसी समय अलग क्यो नहीं कर दिया?
मुझे चोद क्यों नहीं दिया... जब तुम्हारा हाथ पहली दफा मेरी गांड पर पड़ा था तभी मैं जाग गई थी।
। मैं तो सोने का बहाना कर रही थी और सोच रही थीं कि तुम मेरे साथ क्या करने जा रहे हो।
तुम्हारी हरकतों ने मेरी बुर को गुदगुदा दिया था ओर बूर से पानी। रिसने लगा था। - मेरे प्यारे भाई तुम जानते हो....मैं चाह रही थी कि तुम तुम अपने लंड को मेरी बूर में धांस दो।
लेकिन साले तुम तो गदहे निकल... ओह प्रमोद... वह मुझसे गाली का शब्द प्रयोग करते हुए बोल रही थी और साथ में मुझे अपनी दन से चिपका भी रही थी। - दिदि के मुंहसे गाली -भरी बातों को सुनकर मैंफिर से सनसनानेलगा ओर मेरा लंड खड़ा होकर डंडे के समान कड़ा हो गया था।
ओह मेरी प्यारी दिदि....तुम कितनी अच्छी हो...। - मैं बोला ओर मस्ती में भरकर अपने हाथों को उसकी बाडिज के ऊपर चुचियों पर ले गया ओर हाथ से पकड़ कर दबाने लगा।

अब मेरे दिल में जो भय था खत्म हो चुका था। उसके गुदाल चुचियों को मसलने में अच्छा लग रहा था।
उर्मीला दिदि को अपने मुलायम हाथ में लेकर मेरे लंड पर धक्का लगा रही थी। - और मैं उसकी चुचियों को जोर जोर से मसल रहा था। तब मैं चुचियों को मसलते हुए उसकी किस किस समान कुंडियों को दो उंगली के बीच लेकर मसलने लगा था। _मैं इस समय बूर को मसलते हुए सोच रही थी कि अब मुलायम अपने बदन को बूर चोदने को मिलेगा अब वह धक्का अपने हाथों से दे रही थी।
तब मुझे महसुस हो रहा था उसे मेरी दिदि के बूर में लंड आ रहा
हम दोनों एक दूसरे के अंगों पर जोर कि अजमाइस की तेज कर दिया था।
मैं उसकी चुचियों और बूरको कपड़े के उपर जोर जोर से मसल रहा था।
दिदि की चुचियां असलाहट पाकर कड़ी हो गई थी और साथ में बूर से पानी निकलने के वजह पेटिकोट बूर कि भाग का भाग उठी थी। बहन के बूर कि खुजली बढ़ती जा रही थी। - अब वह मेरे लंड को हथेली के बीच कसकर दबाकर ऊपर नीचे कर रही थी जिसस लंड पर नशा कि बैगनी रेखा उमर उठी थी। बहन एक अनुभवी की तरह मेरे लंड को मुठिया रही थी।
इस तरह मेरे लंड में मस्ती कुछ ही पल में खलास हो गया था उम्मी हो चली थी जैसा कि महसुस कर रहा था।
मेरा बदल कांपने लगा था और कांपते हुए बोला आवाज में बोला- मैं कुछ ही देर में झड़ जाउंगा-दिदि। म..म... स.स..ओह दिदि मेरी मस्ती खलास हो रहा है हाय मेरा लंड से पानी गिर रहा है..ओह. हाय..सी...ई।
और मेरा लंड से गरम वीर्य का फौव्बारा पिचकारी के तरह उसके शरीर पर गिरना शुरू हो गया बहुत ही गाढ़ा बीर्य उसके बदन के अंगों पर गिरकर चिपक गया था।
जैसे किपहला तो उसकी दाहिने हाथ कि हथेली वाले से तर हुआ था ओरबाद फौब्बारे की तरह उसकी चुचि के उपर वाली तथा पैंट के काफी भाग में वीर्य का लसलसा चिपक उठा था। - अब मेरा लंड से पानी गिर रहा था तब वह हो जाने साथ ने लंड को अपनी शरीर की ओर मोड़ दि थी। के जब मैं झड़ गया तब वह मुझसे मुस्कुराते हुए बोली- ओह माई गॉड तुम्हारा लंड से बहुत मात्रा में पानी गिरा है।
हाय प्रमोद- मेरे प्यारे भाई जान- यहतो गाढ़ा भी बहुत है अच्छा ठीक है अब हम दोनों मिलकर इस तरह से खेलकर आनंद प्राप्त करेंगे। - और यह कहकर यह दिवार के तरफ चली बड़े और अपने कपड़े को उतार कर खूटी पर टांग दी।
जब वह आरही थी तब मैं उसके चिकने कुल्हे को बहुत ही गौर से देख रहा था। - उसके कुल्हे मटक रहे थे। सबसे पहले वह अपनी बाडिस को खोल कर चुचियां का नग्न कर दि ओर तब अपनी पेटिकोट कि डोरी को खोलकर जमीन पर गिरा दि।
जैसे ही उसके ऊपर से पेटिकोट सरक कर जमीन पर गिरा वैसे ही मेरी नजर उसके कोहरे समान के चुतड़ो के बिच गहरे पड़े पर पड़ी। मैं बहुत ही गौर उसके फुले चुतड़ों को देख रहा था।
उसके दोनों गोल चुतर आपस में सटकर आकर्षण पैदा कर रहेथे। जब वह अपने वस्त्र को खूटी पर टांग दी तब वह पलट कर मेरे सामने हो गई।
और मैं उसके नग्न बदन को देखकर फिर से गनगनां उठी उसके चमक रहे जांघ मुलायम पेट केबिच गहरी नाभी ओर उसके झांटो के बिच पत्तिदार बूर को अच्छी तरह से देख रहा था।
उसके बूर के होठ थोड़ा सा खूला हुआ था और साथ में छेद का किनारा भाग काला -काला नजर आ रहा था ऐसा लग रहा था जैसे बूर मेकं काजल लगा दिया गया है।
उसके बड़ी ओर कड़ी चुचियां के बिच आधे इंच कि काली घुड़ियाँ थी।
ओह- मेरे भगवान- मेरी बहन नग्न अवस्था में बहुत सुंदर लग रही थी।
Reply


Messages In This Thread
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 12:09 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 5,713 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 2,726 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 2,013 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,747,156 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 576,125 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,339,114 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,022,642 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,797,831 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,200,958 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,158,852 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 28 Guest(s)