मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-20-2021, 12:14 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
कुछ देर बाद निहारिका फिर से वापस आई और इस बार Drawing Room में पड़ी Fridge को खोल कर साफ करने लगी.

" तुम्हारा काम ख़त्म नहीं हुआ बहु ? ". ससुर जी की आवाज में अब थोड़ी सी बेचैनी थी.

" घर में तीन तीन मर्द अगर काम में हाथ ना बटाने की ठान लें तो काम कभी ख़त्म होगा क्या बाबू जी ??? ". निहारिका तपाक से बोली, मानो उसका जवाब रेडी था.

तीनों की बोलती बंद हो गई और वो एक दूसरे को देखने लगें. फिर जेठ जी ने कुछ Notice किया और बोलें.

" निहारिका... आज तूम कुछ अलग लग रही हो. "

" जैसे की ? ". निहारिका ने बिना पीछे मुड़े ही पूछा.

" कुछ तो है... Wait. ". जेठ जी बोल कर कुछ सोचने लगे. आशीष और ससुर जी ने कोई ध्यान नहीं दिया क्यूंकि उन्हें पता था की राजेश Flirt कर रहा था.

" Got It ! ". जेठ जी को समझ में आ गया. " आज तूमने पायल पहन रखी है... ".

" और ? ". निहारिका मन ही मन मुस्कुरा रही थी.

जेठ जी उठ कर Fridge साफ कर रही निहारिका के पीछे गयें, फिर उसे अपनी ओर घुमा कर बोलें .

" और तुम्हारी ये करधनी. ".

राजेश की बात सुन कर आशीष और ससुर जी अब निहारिका को देखने लगें. उसने सही Notice किया था... आज निहारिका ने एक करधनी पहन रखी थी. वैसे तो वो धागे की बनी एक पतली सी साधारण सी करधनी थी, पर निहारिका के बदन पर उसकी वजह से चार चाँद लग गयें थें ! निहारिका ने करधनी कमर से थोड़ी ऊपर पेट पर पहनी थी जो की उसकी नाभी से होकर गुजर रही थी. करधनी टाईट थी, उसके सामने की ओर दो छोटे छोटे सुंदर से मोती झूल रहें थें, नाभी के एकदम पास में !

" भाभी एकदम रति की देवी लग रही है ना इस करधनी में पापा ? ". आशीष ने अपने पिता की ओर देख कर कहा.

" रात को आदित्य को रिझाने के लिये पहनी थी क्या ? ". राजेश ने मज़ाक किया.

" ये सेक्स या स्टाइल के लिये नहीं है जेठ जी... इसकी ताबीज़ सुख समृद्धि के लिये है. मेरी मम्मी ने दी थी शादी के वक़्त. ". निहारिका ने कहा.

" इसकी ताबीज़ तो दिख नहीं रही... ". जेठ जी ने निहारिका की कमरे निहारते हुए कहा.

" इस तरफ है... ". निहारिका घूम कर जेठ जी को अपनी गांड़ दिखाते हुए बोली. उसकी गांड़ वाली Side में करधनी से एक छोटा सा ताबीज़ लटक रहा था.

" ताबीज़ पीछे क्यूं कर रखा है ? ". जेठ जी ने पूछा.

" चूत वाली Side में रखने से अपशकुन होता है. ".

" जो भी हो... अच्छी लग रही हो इसमें. हमेशा पहन कर क्यूं नहीं रहती ? " . जेठ जी की नज़र नीचे ही थी.

" बहुत टाईट है जेठ जी... देखिये ना. इसलिये बस कभी कभार ही पहनती हूं. ". निहारिका ने मुँह बना कर नीचे अपनी करधनी को देखते हुए कहा.

" अभी ठीक किये देता हूं... ". जेठ जी ने कहा. उसने देखा की करधनी वाकई में काफी टाईट थी. उसे निहारिका की कमर वाली तरफ करधनी की एक गाठ मिली, उसने थोड़ी सी मसक्कत के बाद वो गाठ ढीली कर दी तो करधनी सरक के निहारिका की कमर से भी नीचे आ गई और उसके चूतड़ के उभारों पर टिक गई. अब ढीली करधनी सामने की ओर इतने नीचे आ गई थी की दोनों छोटे छोटे मोती उसकी चूत के आगे झूलने लगें, मानो चूत देवी की पहरेदारी कर रहें हों !!!

" अब ठीक है ? ". जेठ जी ने पूछा.

" बेहतर है जेठ जी... So Sweet Of You ! ". निहारिका की खुशी का ठिकाना ना रहा.

निहारिका की करधनी अब जब उसकी कमर के नीचे चूत पर से होकर लिपटी पड़ी थी तो वो बहुत ही ज़्यादा सेक्सी लगने लगी थी. आशीष की आँखे बड़ी हो गई और ससुर जी का मुँह खुला का खुला ही रह गया.

निहारिका ने देखा की ये सब करते करते जेठ जी थोड़े से उत्तेजित हो गयें थें, उनका लण्ड पजामे में आधा खड़ा साफ झलक रहा था. उसने आँखे उठा कर जेठ जी को देखा, दोनों की नज़रें मिली और दोनों को अंदर ही अंदर इशारे में समझ आ गया की अब क्या करना है.

निहारिका ने Fridge का दरवाजा बंद कर दिया और अपने दाये हाथ में जेठ जी लौड़ा उनके पजामे के ऊपर से ही पकड़ लिया, फिर बिना एक शब्द मुँह से निकाले उनके लण्ड से उन्हें खींचते हुए वहाँ से अपने बेडरूम की ओर चल पड़ी. राजेश अपना लण्ड खड़ा किये उसके पीछे पीछे ऐसे चला गया मानो निहारिका ने अभी अभी उसे किसी मंत्र से अपने वश में कर लिया हो !!!

आशीष और ससुर जी समझ गयें की निहारिका अब राजेश को कमरे में ले जाकर चुदवायेगी ! उनके चेहरे पर Frustration साफ झलक रही थी. दोनों बेचारे बेवकूफ़ों की तरह ललचाई नज़रों से जाती हुई निहारिका के गांड़ पे थिरकते उसकी करधनी को देखते रहें.

" देखा पापा... आज भी राजेश भैया ही पहले भाभी को चोद रहें हैं... ". आशीष अपने पिता से बोला. " और पहला दूसरा तो छोड़ ही दीजिये... मुझे तो दो दिनों से चोदने नहीं मिल रहा. "

" मैंने भी बहु को तीन चार दिन से नहीं चोदा है बेटे... तो क्या ? ". ससुर जी ने थोड़ी सख्ती से कहा. " औरतों की भी अपनी पसंद नापसंद होती है... Maybe उसे राजेश ज़्यादा पसंद हो. और फिर ये मत भूलो की वो तुम्हारी भाभी है और मेरे मझले बेटे और तुम्हारे भैया आदित्य की धर्मपत्नि ! फिर भी उसका हम तीनो से सम्बन्ध है... सिर्फ इसलिये क्यूंकि उस बेचारी को एक विवाहित स्त्री का सुख नहीं मिल रहा. "
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07-20-2021, 12:14 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" जिसको देखो मुझे ही ज्ञान देने पर तुला हुआ है... ". आशीष धीरे से बुदबुदाया.

" What Did You Say ??? ". गुस्से में ससुर जी आगे बोलने ही वाले थें की राजेश वहाँ आ गया.

" पापा... आशीष... चलो... निहारिका बुला रही है. ". राजेश ने कहा और उन दोनों का वेट किये बिना ही चला गया. आशीष और उसके पिता ने एक दूसरे को सवालिया नज़रों से देखा और उठ कर उसके पीछे पीछे हो लियें.

अंदर निहारिका अपने बेडरूम में पलंग के किनारे अपनी टांगे एक के ऊपर एक चढ़ा कर बैठी थी.

" किसको चोदना है मुझे आज ??? ". निहारिका ने सामने खड़े तीनों मर्दों की आँखों में बारी बारी से देखते हुए पूछा.

" ऐसी बात नहीं है बहु. तुम्हारा जिसके साथ मन हो... ". ससुर जी ने कहा.

" हम्म्म्म... मैंने सुबह कहा था ना की मैं कुछ सोच रही हूं. ". निहारिका ने बोलना शुरू किया. " तो ऐसा है की मैं सोच रही हूं की क्यूं ना आप तीनों मेरा बदन एक साथ भोगें !!! "

" You Mean... Gangbang... भाभी ??? ". आशीष ने पूछा.

" Well देवर जी... Gangbang तो आपकी Generation ने नाम दिया है. हमें कोई Porn Film तो बनानी है नहीं ! मैं तो बस इतना कह रही हूं की मैं एक औरत हूं जो एक साथ तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. "

" Idea बुरा नहीं है... ". ससुर जी ने कहा.

" क्या Idea बुरा नहीं है पापा ? ऐसा थोड़े ही होता है. ". राजेश बोला. " और फिर हमारी Privacy का क्या ? I Mean जब हम निहारिका के साथ अकेले होतें हैं तो बहुत सारी गंदी गंदी चीज़े करते हैं. पर एक साथ Group Sex में हम खुल कर Enjoy नहीं कर पायेंगे. "

" जब लण्ड खड़ा होता है ना जेठ जी, तो सारी Privacy निकल जाती है. ". निहारिका ने कहा. " चलिए ना कुछ नया Try करें. ". और फिर आशीष की ओर देख कर बोली. " और फिर देवर जी की शिकायत भी दूर हो जायेगी की मैं आपलोगों से भेदभाव करती हूं. "

" Sorry भाभी... मेरा वो मतलब नहीं था. ". आशीष ने सिर झुका कर कहा, वो समझ गया की भाभी ने शायद उसकी बात सुन ली थी. वो आगे बोला. " मैं पापा से सहमत हूं. ". फिर राजेश की ओर देख कर कहा. " चलो ना राजेश भैया... करतें हैं. हम तो एक ही परिवार के लोग हैं, इसमें कैसा शर्माना ? ".

" हाँ जेठ जी... आप तीनों में देवर जी का लौड़ा सबसे छोटा है... जब उन्हें कोई शर्म नहीं तो आप सब क्यूं हिचक रहें हैं. ". निहारिका ने माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिये हँसते हुए मज़ाक किया. फिर बोली. " चलो... पहले अपने अपने कपड़े तो उतार कर शुरुआत करो... ".

तीनों ने एक दूसरे को देखे बिना अपने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पूरी तरह से नंगे हो गयें. शर्म तो आना स्वाभाविक था, सो तीनों अपना नंगा लण्ड अपने हाथों से छुपाये खड़े रहें.

" ऐसे नहीं चलेगा... चलिए... लण्ड पर से हाथ हटाईये ! ". निहारिका ने कहा.

तीनों ने अपने हाथ हटा लिये और सिर झुकाये खड़े रहें. राजेश, जिसका लण्ड अभी अभी कुछ देर पहले निहारिका की करधनी ठीक करते करते पूरा खड़ा हो गया था, अब एकदम ढीला पड़ कर लटक रहा था. 35 साल के राजेश का लण्ड 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा था, लण्ड का सुपाड़ा आधा बाहर झांक रहा था. 21 साल के आशीष का लण्ड 6 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा था, उसके लण्ड का सुपाड़ा लण्ड के ऊपरी चमड़े से पूरी तरह से ढंका हुआ था. 54 साल के ससुर जी अपनी उम्र के बावजूद काफी चुस्त तंदरुस्त थें. उनका लण्ड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था, उन्होंने अपना गुलाबी सुपाड़ा खोल रखा था.

" एक दूसरे को देखने की ज़रूरत नहीं है... आपलोग मुझ पर Concentrate करिये. ". निहारिका ने कहा, जब उसने देखा की शर्म की वजह से उन तीनों का लण्ड एकदम ढीला पड़ा हुआ है . " इधर आइये... मेरे पास. "

तीनों मर्द पलंग पर बैठी निहारिका के सामने जा खड़े हुए, आशीष बीच में था, राजेश उसके दाहीने और ससुर जी उसके बाये तरफ.

निहारिका ने अपने एक एक हाथ में राजेश और ससुर जी का लण्ड पकड़ा और फिर आगे बढ़ कर आशीष के लण्ड को चुम लिया. राजेश और ससुर जी के लण्ड को कुछ देर तक हिलाने के बाद वो उन दोनों का लण्ड अपनी दाई और बाई गाल पे घिसने लगी. ये देख कर आशीष आगे बढ़ कर अपना लण्ड भाभी के होठों और नाक पर रगड़ने लगा. उन तीनों के लण्ड में थोड़ा बहुत तनाव आना शुरु हो गया था पर लौड़े अभी तक पूरे खड़े नहीं हुए थें.

निहारिका अब पलंग से उठ कर उन तीनों के बीच खड़ी हो गई.

क्या नज़ारा था वो, एक मदमस्त काया वाली सुडौल नंगी औरत तीन तीन नंगे मर्दों के बीच खड़ी थी ! निहारिका ने अपने होंठ आशीष के होठों से सटा दिये तो आशीष आंखे बंद करके उसे चुमने लगा. निहारिका ने उसका लण्ड अपनी नाभी में चुभता हुआ महसूस किया तो वो समझ गई की अब वो उत्तेजित हो रहा है. इधर राजेश ने निहारिका की एक चूची हाथ में लेकर दबाना शुरु कर दिया और अपना लण्ड उसके चूतड़ पर रगड़ने लगा. ससुर जी निहारिका की दूसरी चूची मसलने लगें और गर्दन और कंधे को चुमते हुए अपना लण्ड उसकी कमर में करधनी से फंसा कर घिसने लगें.

निहारिका को खुशी थी की धीरे धीरे उसके देवर जी, जेठ जी और ससुर जी अब खुल रहें थें. वो बीच बीच में उन तीनों का लण्ड बारी बारी से अपने हाथ में लेकर उनका मूठ मार देती, फिर उन्हें उनके हाल पर फ्री छोड़ देती अपने जिस्म के साथ खेलने के लिये. तीनों मर्द अपने बीच फंसी नंगी खड़ी निहारिका को चुमते सहलाते रहें !!!
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07-20-2021, 12:14 PM,
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आशीष थोड़ा नीचे झुक कर अपनी भाभी के मम्मे चुमने लगा और अपना लण्ड उसकी जांघ पर रगड़ने लगा . निहारिका ने अपनी एक चूची अपने हाथ मे पकड़ कर उसके मुँह में दे दी और अपने देवर जी को दूध पीलाने लगी. ससुर जी ने अपना हाथ बहु की चूत में एक बार डाल कर बाहर निकाल लिया और अपनी उंगलियां सूंघने लगें. जेठ जी ने निहारिका की गांड़ की दरारों में अपना हाथ घुसा दिया, उसकी गांड़ की छेद को घिसा, और फिर हाथ बाहर निकाल कर अपनी उंगलियां सूंघते हुए उसकी गांड़ की मादक महक का जायज़ा लेने लगें.

आशीष अब अपनी घुटनों पर निहारिका के सामने बैठ गया, उसकी चूत पर से करधनी हटा कर भाभी की बूर का गंध सूंघा, और फिर मुँह अंदर डाल कर भाभी की चूत चुमने चाटने लगा. जेठ जी और ससुर जी निहारिका के दोनों ओर खड़े होकर उसकी एक एक चूची मुँह में लेकर उसका दूध पीने लगें. कुछ देर बाद आशीष उठ कर भाभी के पीछे चला गया तो उसकी जगह ससुर जी बैठ कर निहारिका की चूत चाटने लगें. आशीष अब भाभी के पीछे खड़ा उसकी पीठ चुमने लगा. ससुर जी जब उठे तो निहारिका की चूची मुँह से निकाल कर अब जेठ जी उसकी जांघों के बीच घुस गयें. इधर ससुर जी अब खड़े होकर निहारिका को बेतहासा चुमने लगें.

करीब 40 मिनट तक देवर जी, जेठ जी और ससुर जी बारी बारी से निहारिका का दूध पीते रहें, उसे चूमते रहें, उसकी चूत बारी बारी से चाटी, और उसकी चूतड़ को मसलते रगड़ते रहें.

" आआह्ह्ह्ह... बस करिये !!! ". अपनी बारी आने पर अभी आशीष अपनी भाभी की चूत चाट ही रहा था की निहारिका ने उसका बाल पकड़ कर खींचते हुए उसे उठने का इशारा किया. आशीष उठ खड़ा हुआ. उन तीनों ने देखा की निहारिका का बदन काँप रहा है, वे समझ गयें की घर की बहु अब झड़ने वाली है !!!

तीनों ने मिल कर निहारिका को पकड़ लिया ताकि चरमोत्कर्ष के समय अति उत्तेजना से वो गिर ना जाये. निहारिका ने अपनी काँपती टांगे फैला कर अपनी बूर खोल ली और अपना पानी नीचे ज़मीन पर गिराने लगी. दस मिनट तक निहारिका के देवर जी, जेठ जी और ससुर जी उसे उसी हालत में थामे खड़े रहें और निहारिका नंगी खड़ी खड़ी झड़ती रही !!!

जब निहारिका थोड़ी सी शांत हुई तो उसने Thanks के रूप में अपने देवर, जेठ जी और ससुर जी को मुस्कुरा कर एक एक Kiss किया. उसने देखा की अब तीनों का लण्ड अपने चरम तनाव पे था, उनकी शर्म और हिचक अब जाती रही, तीनों निर्लज्ज की तरह घर की नंगी बहु के सामने अपना अपना खड़ा लौड़ा लिये खड़े थें. अब उनकी बारी थी !!!

निहारिका उनके बीच ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गई, ठीक वहाँ जहाँ उसने अपना चूत रस अभी अभी गिराया था. तीनों मर्दों का लण्ड अब उसके चेहरे के सामने था. निहारिका ने बारी बारी से तीनों का लण्ड हाथ में पकड़ कर हिलाना और चूसना शुरु कर दिया. वो एक लण्ड करीब 10 सेकंड तक हिलाती और चूसती और फिर दूसरे लण्ड की ओर मुड़ जाती. तीनों शांति से चुपचाप खड़े अपना लौड़ा चूसवाने के Turn का वेट करतें. उसने अभी अपना तीसरा Round पूरा किया ही था की तीनों लण्ड एकदम से सख्त हो गयें, वो समझ गई की अब इन बेताब लौड़ों की उल्टी निकलने वाली है !

सबसे पहले ससुर जी झड़े. उन्होंने अपना मूठ मार कर नीचे ज़मीन पर निहारिका के चूत के पानी के ऊपर गिरा दिया. दो सेकंड बाद आशीष ओर राजेश लगभग एक ही साथ स्खलित हुए, दोनों ने भी उसी जगह पर अपना वीर्य गिरा दिया. निहारिका बैठे बैठे ही उन सबके पेट ओर जांघे सहलाते हुए उन्हें शांत करती रही, फिर उठी तो सबने उसे प्यार से Kiss किया.

ज़मीन पर चूत और लण्ड से निकले पानी का मानो एक छोटा सा तालाब बन गया था. निहारिका का चूत रस एकदम पानी जैसा था जबकि तीनों मर्दों का वीर्य एकदम गाढ़ा था, कुल मिला कर ऐसा लग रहा था जैसे वहाँ पानी के ऊपर किसी ने दही फेंक दिया हो ! निहारिका ने बिस्तर पर से अपनी नाईटी उठा कर पानी के उस जमाव पर रख दिया ओर अपने पैर से दबाने लगी ताकि नाईटी का कपड़ा सारा पानी सोख ले.

" ये क्या कर रही हो बहु ? ". ससुर जी ने अपना झड़ा हुआ लण्ड मसलते हुए कहा. " तुम्हारी नाईटी गंदी हो जायेगी. "

" बाद में धो लूंगी बाबू जी. अभी इस माल को ऐसे ज़मीन पर छोड़ दिया तो दाग पड़ जायेगा. "

निहारिका जाकर Fridge से ठन्डे पानी का बोतल ले आई और सबने पानी पिया, फिर उसने AC ऑन कर दी, और तीनों के साथ पलंग पर चढ़ कर लेट गई. राजेश और ससुर जी उसके दोनों बगल में लेट गयें, राजेश उसकी चूची में मुँह सटा कर सो गया और ससुर जी ने उसकी कांख ( Armpit ) में अपना चेहरा छुपा लिया. आशीष सामने से भाभी के पेट पर सिर रख कर सो गया.

" मज़ा आया ना ? आप लोग बेकार में ही हिचक रहें थें. ". निहारिका ने गहरी सांस लेते हुए कहा, पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया.

" पता है भाभी... मैं जब भी आपके बेडरूम में आप और आदित्य भैया के बिस्तर पर आपको चोदता हूं तो मुझे बहुत ग्लानि होती है. ". आशीष ने निहारिका की करधनी से खेलते हुए कहा. " हम सबके अपने अपने रूम हैं... फिर आपके शादी वाले बेडरूम में ये सब करना थोड़ा अजीब सा लगता है भाभी. "
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07-20-2021, 12:15 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" मैं एक शादीशुदा पतिव्रता स्त्री हूं देवर जी... ". निहारिका ने राजेश और ससुर जी का सिर सहलाते हुए कहा. " मेरे लिये ये घर और हम दोनों का ये बेडरूम और ये बिस्तर ही मेरी दुनिया है. मुझे जो करना है इसी बेडरूम में करना है, चाहे वो पति के साथ हो या फिर आपलोगों के साथ. अगर मैं यहाँ से बाहर निकल कर कभी आपके, कभी जेठ जी और कभी ससुर जी के कमरे में जाकर चुदवाती फिरू, तो फिर मुझमे और उन रंडी औरतों में क्या फर्क रह जायेगा जो बिना वजह सिर्फ मस्ती के लिये अपने पतियों को धोखा देती हैं ??? ".

अपनी बहु के ऐसे उच्च विचारों को सुन कर ससुर जी का दिल भर आया, उन्होंने ऊपर उठ कर निहारिका के होंठ चुम लियें और बोलें. " मेरे नालायक बेटे आदित्य को ये एहसास होना चाहिये की उसे कितनी सुशील बीवी मिली है. बहुत Lucky है वो तुम्हें पाकर... ".

" मैंने कहा ना बाबू जी, वो मुझे बहुत चाहते हैं. ". निहारिका ने मुस्कुरा कर कहा और फिर अपने ससुर जी के होठों में अपने होंठ मिला कर Kiss करने लगी.

जेठ जी और ससुर जी एक साथ निहारिका की जांघों से अपनी टांगें रगड़ने लगें तो आशीष समझ गया की दोनों गरम हो रहें हैं. वो अपनी भाभी के ऊपर से उठ कर बिस्तर पर एक तरफ होकर बैठ गया. निहारिका ने अपने बदन के नीचले हिस्से में दो दो लण्ड का घर्षण महसूस किया तो वो समझ गई की ससुर जी और जेठ जी का एक साथ खड़ा हो गया था !!!

" वाह जेठ जी, बड़ी जल्दी आपके लण्ड में जान वापस आ गई. ससुर जी की तरह आप भी Viagra लेने लगें हैं क्या ? ". निहारिका ने मज़ाक किया तो जेठ जी ने हँस कर उसकी चूची पर प्यार से एक थप्पड़ मारा.

निहारिका ने बाई तरफ करवट बदल ली और अपनी दायी टांग ससुर जी के कमर पर चढ़ा दी. ससुर जी समझ गयें की उनकी बहु किस पोज़ में पेलवाने मांग रही है. उन्होंने अपना लण्ड पकड़ कर निहारिका की खुली चूत में घुसेड़ दिया. निहारिका की पीठ और गांड़ अब राजेश की तरफ थी. राजेश भी समझ गया की वो Side लेटे लेटे दोनों लण्ड खाना चाहती है. उसने पीछे से निहारिका की गांड़ की छेद में अपना लण्ड डाल दिया.

निहारिका गांड़ मरवाने की अभ्यस्त भी थी और आदी भी. महीने के कुछ खास दिनों में जब वो घर के इन मर्दों को अपनी चूत का सुख नहीं दे पाती थी, तब ये लोग उसकी गांड़ ही चोदा करते थें !!!

निहारिका और ससुर जी एक गरमा गरम French Kiss में लीन थें, ससुर जी सामने से उसकी चूत में धक्के मार रहें थें. पीछे से Side मे लेटे लेटे राजेश उसकी पीठ और गर्दन चूमते हुए उसकी गांड़ में अपना लौड़ा अंदर बाहर पेलने लगा. बीच में सोयी बहुरानी Sandwich बनी चुद रही थी.

एक तरफ अलग बैठा आशीष चुपचाप ये सब देखते हुए अपने लण्ड का सुपाड़ा खोले बिना लण्ड का चमड़ा सुपाड़े के ऊपर नीचे कर रहा था. उसका लण्ड पहले वीर्यपात के बाद से अभी तक खड़ा नहीं हुआ था.

जेठ जी और ससुर जी घर की सुशील बहु को ताबड़तोड़ पेल रहें थें. वो उसे एक लय में चोद रहें थें, जैसे की जब ससुर जी का लण्ड उसकी चूत के अंदर होता तो जेठ जी का लण्ड गांड़ के बाहर और फिर जब एक लण्ड गांड़ में पूरा धंस जाता तो दूसरा लण्ड चूत से बाहर होता. कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद उन दोनों मर्दों ने अपनी लय बदल दी और अब दोनों लण्ड एक साथ बूर और गांड़ में अंदर बाहर होने लगें !

" आअह्ह्ह्हह... ससुर जी धीरे... उफ़्फ़ मम्मी !!! ". निहारिका सिसकारने लगी. " जेठ जी... आअह्ह्ह्ह... हाय... कम से कम आप तो थोड़ा धीरे चोदिये ! ".

निहारिका को अपनी योनि और नितंब दोनों में सहवास का अनुभव था, पर एक साथ नहीं !!!

" अब पता चला बहु... ये Viagra का लौड़ा नहीं है. ". ससुर जी ने हँसते हुए कहा.

लगातार चूत और गांड़ में धक्के पे धक्के लेने से निहारिका की ढीली करधनी खिसक कर उसके पेट तक चढ़ गई थी और उसके दोनों पैरों के पायल छन छन छनकने लगें थें.
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07-20-2021, 12:15 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
आशीष के लिये अब और सह पाना मुश्किल था, वो अपना ढीला पड़ा लण्ड लेकर ही निहारिका के सिरहाने अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपनी भाभी के सुंदर चेहरे पर लण्ड का सुपाड़ा पूरा बाहर निकाल कर मूठ मारने लगा. चुदती हुई निहारिका ने ऊपर उसकी ओर देख कर शैतानी नज़रों से आँख मारी और उसकी बेचैन हालत पर मुस्कुराने लगी.

बेचारे आशीष का लण्ड अभी ठीक से खड़ा भी नहीं हुआ था की अति उत्तेजना के कारण उसका वीर्य निकल पड़ा, क्या करें, उसके सामने का नज़ारा ही कुछ ऐसा था ! उसने मूठ मार मार कर अपना सारा माल भाभी के गालों, चेहरे और बालों पर छीड़क दिया.

जेठ जी अब झड़ने के करीब पहुँच गयें तो उन्होंने अपना लण्ड निहारिका की गांड़ से बाहर निकाल लिया और उसकी गांड़ पर ही घिसने रगड़ने लगें. इधर अंतिम के तीन चार धक्के ज़ोर ज़ोर से लगा कर ससुर जी ने अपना लण्ड बाहर खींच लिया और अपनी बहु के पेट, चूत और जांघों पे गाढ़े वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया ! जेठ जी का लण्ड भी जवाब दे गया, उन्होंने निहारिका की कमर को कस कर पकड़ा और उसकी नरम गांड़ को अपने गरम वीर्य के 7 - 8 बड़े बड़े धारों से नहला दिया !!!

निहारिका अभी खुद को संभाल ही रही थी की जेठ जी ने अपना झड़ा हुआ लण्ड फिर से उसकी गांड़ में डाल दिया और चोदने लगें.

" माल तो गिर गया ना जेठ जी ? अब भी मन नहीं भरा क्या ? ". निहारिका ने अपने चेहरे पर से देवर जी का वीर्य पोछते हुए परेशान सा मुँह बनाते हुए कहा. " छोड़िये ना... और कितना पेलियेगा ??? ".

जेठ जी ने जैसे कुछ सुना ही नहीं, और पेलना जारी रखा.

करीब दो मिनट तक चोदने के बाद जब जेठ जी का लण्ड शांत हुआ तो ढीला पड़ कर अपने आप बहु की गांड़ से बाहर निकल आया, जेठ जी निहारिका से अलग होकर बिस्तर पर पस्त होकर लेट गयें.

अब ससुर जी अपनी बहु को उसके पीठ के बल पलट कर उसके ऊपर चढ़ गयें और अपना झड़ा हुआ लौड़ा उसकी चूत में ठेल कर फिर से चोदने लगें !

" ओफ्फो... कब से चोद रहें हैं आप लोग... कम से कम एक बार बाथरूम तो जाने दीजिये ना ससुर जी... पेशाब आया है ! " . अपने ससुर जी के चोदन झटकों से हिलती हुई निहारिका बोली.

" तुम्हें कहीं जाने की ज़रूरत नहीं बहु... हम हैं ना. ". ससुर जी ने हांफते हुए कहा. फिर आशीष से बोलें. " आशीष बेटा... जा ज़रा बाल्टी लेकर आ. ".

आशीष पलंग से उतरा और बाथरूम से नहाने वाली एक Plastic की बाल्टी ले आया और पलंग के बगल में ज़मीन पर रख दिया.

इधर पेलते पेलते ससुर जी अचानक से रुक गयें, उनका शरीर अकड़ गया, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल कर बहु की चूत पे रखा और उसके बदन पर गिर कर उससे लिपट गयें. इसी के साथ उनका लण्ड फिर से झड़ने लगा, लेकिन इस बार उनके लण्ड से बस तीन चार बूंद गाढ़ा वीर्य निकला और निहारिका की बूर पे फ़ैल गया. निहारिका ने ससुर जी को सहला कर शांत किया और फिर उनके भारी शरीर को अपने ऊपर से हटा कर लेटे हुए जेठ जी के ऊपर से होती हुई पलंग से उतर गई.

नीचे ज़मीन पर रखे बाल्टी पर निहारिका ऐसे बैठ गई जैसे लोग Western Toilet पे बैठते हैं ! बगल में खड़े आशीष ने भाभी को पकड़ कर सहारा दिया ताकि वो Disbalance होकर गिर ना जाये. निहारिका को इतनी ज़ोर से सुसु लगी थी की बाल्टी पर बैठते ही उसकी चुदी हुई चूत से छरछरा कर पेशाब निकल पड़ा !!!

मन भर कर मूतने के बाद निहारिका उठी तो उसी बाल्टी में पेशाब करने के लिये आशीष भी खड़ा हो गया. निहारिका ने देखा की आशीष का अभी अभी झड़ा हुआ लण्ड ठनक गया था, इसलिये उसका पेशाब नहीं निकल रहा था. निहारिका को हँसी आ गई.

" देवर जी... लगता है आपका माल ठीक से नहीं गिरा. आइये... और थोड़ा चोद लीजिये ! ". कहते हुए निहारिका पलंग के किनारे पर अपनी गांड़ टिका कर बैठ गई और अपनी टांगें खोल ली. आशीष खुशी खुशी अपनी भाभी के जांघों के बीच घुस कर खड़ा हो गया. भाभी की चूत पर पेशाब की बूंदे मोतीयों जैसी चमक रही थीं, उन्हें साफ किये बिना ही आशीष ने अपने दोनों हाथों में भाभी की कमर की करधनी पकड़ी और उसे चोदने लगा.

इस दौरान जेठ जी और ससुर जी उठ गयें और दोनों ने बारी बारी से बाल्टी में पेशाब किया, फिर वापस जाकर बिस्तर पर लेट गयें.

करीब 5 - 6 मिनट तक अपनी भाभी को पेलने के बाद आशीष अपने लण्ड में वीर्य का उबाल महसूस करने लगा. उसने अपना लौड़ा बाहर निकाला और बाल्टी में ही मूठ मार कर माल गिरा दिया. उसका लण्ड ज़ल्दी ही ढीला पड़ गया तो अब उसने बाल्टी में पेशाब भी कर लिया और फिर पलंग पर चढ़ कर लेट गया. निहारिका अब बाल्टी के ऊपर पैर फैला कर खड़ी हो गई, उसने अपना पेट अपने हाथ से दबाया तो उसकी चूत झड़ने लगी पर उसका थोड़ा सा ही पानी निकला. फिर उसने अपनी चूत बिस्तर पर बिछे चादर के कोने में पोछ कर साफ कि और खुद भी पलंग पर चढ़ कर तीनों मर्दों के बीच सो गई...................................
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07-20-2021, 12:15 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
देवर जी, ससुर जी और जेठ जी कितनी देर तक सोते रहें उन्हें कुछ याद नहीं. निहारिका कि आवाज़ से सबकी नींद खुली. तब पूरा कमरा पेशाब और लण्ड - चूत के रस कि मिली जुली गंध से महक रहा था !

" Lunch नहीं करना है क्या... चलिए उठिये. ". निहारिका उठ चुकी थी और कमरे में Dressing Table के सामने अपने बाल संवार रही थी.

" यहीं ला दो ना बहु. ". ससुर जी ने अलसाई आवाज़ में कहा.

" बिल्कुल नहीं. खाना तो डिनर टेबल पर ही मिलेगा. ". निहारिका बोली. " आपलोग चलिए, मैं आती हूं... ".

Drawing Room में आकर तीनों ने Wash Basin में हाथ धोये और खाने कि टेबल पर बैठ गयें. किचन से निहारिका खाना लेकर आई जो घर कि बाई मालती बना कर गई थी. फिर सभी उसी तरह नंगे बैठ कर ही खाना खाने लगें !

" बहुत भूख लगी है... आज थोड़ी ज़्यादा ही मेहनत हो गई. ". जेठ जी ने अपनी बगल में बैठी निहारिका कि चूत में हाथ डाला, फिर अपनी उंगलियां सूंघी, और उसी हाथ से खाना खाने लगा.

" छी !!! तंग मत कीजिये ना जेठ जी... खाना खाईये. ". निहारिका ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा और अपनी टांगें Cross करके अपनी चूत छुपा कर बैठ गई और खाना खाने लगी.

Lunch कम्पलीट होते होते दोपहर के 3 बज गयें.

" यार ये सामूहिक संभोग का मज़ा ही अलग है ना ? नशा लग गया हो जैसे. " . ससुर जी ने कहा. " एक बार और करें... क्या कहते हो तूम सभी ? ".

" सामूहिक संभोग ? अच्छा शब्द निकाला है ससुर जी. " . निहारिका हँसने लगी, फिर रोने जैसा Cute चेहरा बना कर बोली. " आपलोग मुझे दोपहर को सोने नहीं देंगे क्या ??? ".

" रात को सो लेना निहारिका... वैसे भी रात भर तो आदित्य तुम्हें हमारी तरह तंग करेगा नहीं. " . जेठ जी ने मज़ाक किया तो आशीष और ससुर जी हँस पड़े.

" धत्त... उनके बारे में कुछ मत बोलिये... मैं कहे देती हूं. " . निहारिका झेप गई. फिर उठ खड़ी हुई और जूठे बर्तन उठाने लगी.

" चलिए भाभी... मैं आपकी हेल्प करता हूं. ". आशीष ने कहा और अपनी भाभी का हाथ बटाने लगा सारे बर्तन किचन तक ले जाने में.

किचन में निहारिका और आशीष ने सारे बर्तन Sink में रख दिये और फिर निहारिका ने किचन के Wash Basin से पानी लेकर अपनी चूत भी धो ली.

कमरे में वापस आकर निहारिका ने देखा कि उसके ससुर जी और जेठ जी सोफे पर बैठे हुए सिगरेट पी रहें हैं.

" सोफे पर नहीं... गंदा हो जायेगा. बिस्तर तो गंदा कर ही दिया है आपलोगों ने. ". निहारिका ने कहा, वो समझ गई कि उसे सोफे पर चोदे जाने का प्लान बनाया जा रहा है.

" गंदा नहीं होगा... Relax. ". जेठ जी ने कहा और उठ कर पलंग से चादर खींच लायें, और ससुर जी कि मदद से इस तरह सोफे पर बिछा दिया कि सोफा पूरी तरह से ढंक गया. फिर दोनों सोफे पर अगल बगल बैठ गयें.

" लीजिये भाभी... आपकी प्राब्लम Solve हो गई... आज कोई बहाना नहीं चलेगा. ". आशीष ने निहारिका के चूतड़ पर कस कर एक तमाचा मारा. निहारिका ने गुस्से से पीछे मुड़ कर उसे देखा, मुस्कुराई, और फिर सोफे कि ओर बढ़ चली.

" इतना Torture मत कीजिये लण्ड को... कहीं हार्ट अटेक ना आ जाये ! ". निहारिका ने हँसते हुए कहा. वो ससुर जी और जेठ जी के सामने अपनी कमर पर हाथ दिये खड़ी दोनों के लण्ड कि हालत पर तरस खाने लगी.

दरअसल दोनों मर्दों का लण्ड एकदम ढीला पड़ गया था, पर उनके चोदने कि इच्छा थोड़ी सी भी कम नहीं हुई थी. ससुर जी ने अपना सिगरेट ज़मीन पर फेंक दिया और निहारिका को उसकी कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया. अब निहारिका कि चूत ससुर जी के चेहरे के सामने थी . ससुर जी ने सीधे अपना मुँह बहु कि जांघों के बीच घुसा दिया और बहु कि चूत चूमते चाटते हुए मूठ मार कर अपना लौड़ा खड़ा करने कि कोशिश करने लगें !

आशीष ने देखा कि पलंग से चादर खींचने के दौरान भाभी कि Red वाली पैंटी नीचे ज़मीन पर गिर गई थी. उसने भाभी कि पैंटी उठा ली और सूंघते सूंघते वहीं खड़ा खड़ा मूठ मारने लगा.

" हमारे हार्ट अटेक कि फिक्र ना कीजिये बहुरानी जी. बस ध्यान रखिये कि आज कहीं आप हम तीनों से Pregnant ना हो जायें !!! ". जेठ जी ने हँसते हुए कहा, वो भी अपना लण्ड रगड़ मसल कर खड़ा करने कि चेष्टा कर रहें थें.

" राजेश... ये क्या बदतमीज़ी है ? अपने भाई कि धर्मपत्नी को Pregnant करोगे ??? ". ससुर जी ने निहारिका कि चूत से मुँह निकाल कर अपने बेटे को डपट लगाई.

बिना सोचे समझे अपने मुँह से गलती से निकली बात कि गंभीरता कि समझ होते ही राजेश ने सिर नीचे झुका लिया.

" It' s Okay बाबू जी... उनका वो मतलब नहीं था... उन्होंने मज़ाक किया. मैं भी तो आपलोगों को कितना कुछ सुना देती हूं. ". निहारिका ने कहा और ससुर जी का सिर पकड़ कर उनका मुँह वापस से अपनी बूर में घुसा लिया.

" आशीष... पैंटी दे ज़रा. " . जेठ जी कहा तो आशीष ने भाभी कि पैंटी उनकी ओर फेंक दी और खुद अब भाभी के पीछे खड़ा होकर उसकी गांड़ सहलाने दबाने लगा.

जेठ जी पैंटी सूंघते हुए अपना लण्ड हिलाने लगें.

ससुर जी ने अबकी बार जब निहारिका कि जांघों में से अपना सिर बाहर निकाला तो नीचे निहारिका ने देखा कि उनकी मुट्ठी में उनका लण्ड अब मोटा हो गया था. वो अपनी टांग उठा कर उनकी गोद में बैठ गई और उनके अंडकोष अपनी चूत से घिसने लगी. 2 - 3 मिनट में ही ससुर जी के लण्ड का सुपाड़ा निहारिका के पेट में खोंचा मारने लगा... ससुर जी का लौड़ा रेडी हो गया था !

निहारिका ने ससुर जी के खड़े लण्ड पर थूक दिया, उसकी थूक लण्ड के सुपाड़े से फिसल कर पूरे लण्ड पर फ़ैलने लगी. निहारिका ने अपनी गांड़ ऊपर उठा कर अपनी चूत कि फांक को उनके लण्ड पर फिट किया और नीचे बैठ गई, लण्ड एक ही बार में उसकी चूत में धस गया. निहारिका अपने ससुर जी कि गोद में बैठी उछल उछल कर चुदने लगी !

आशीष चुदा रही अपनी भाभी के हिलते हुए चूतड़ सहलाते हुए अपनी मूठ मारने लगा. जेठ जी अब निहारिका कि पैंटी अपने लण्ड पर लपेट कर मूठ मारते हुए उसकी चुदाई देखने लगें.

निहारिका को भली भांति पता था कि उसे तीनों मर्दों का ध्यान रखना होगा , इसलिए वो ससुर जी से पेलवाने के दौरान बीच बीच में देवर जी और जेठ जी को देख लेती थी कि किसका लण्ड खड़ा हो रहा है, ताकि उसे भी चोदने का मौका मिल सके.

करीब 5 - 7 मिनट के बाद ही निहारिका ने देखा कि जेठ जी का लण्ड खड़ा हो गया है, अब जेठ जी ने पैंटी लण्ड से हटा कर एक तरफ सोफे पर रख दी. उन्होंने अपने हाथ में थूका और वो थूक अपने लण्ड पर मलने लगें और निहारिका कि ओर देखा... निहारिका उनका इशारा समझ गई. वो ससुर जी कि गोद से उठ कर अब जेठ जी कि गोद में बैठ गई और उनसे चुदने लगी !
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07-20-2021, 12:15 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
कुछ ही देर में आशीष भी मूठ मार मार कर अपना लौड़ा खड़ा करने में सफल रहा... निहारिका देख चुकी थी ये. उसे अब तीन तीन लण्ड को एक साथ शांत करना था !

जेठ जी कि गोद से उतर कर अब निहारिका सोफे पर उनके और ससुर जी के बीच में कुतिया बन गई.

" आप गांड़ में डालो देवर जी... चूत कि हालत ख़राब है... बहुत दुख रही है ! ". निहारिका ने पीछे देवर जी को देखते हुए अपना गांड़ बाहर निकाल कर कहा.

आशीष ने भाभी कि गांड़ के छेद पर थूक दिया और उसी थूक को थोड़ा सा अपने लण्ड पर भी लगा लिया, सुपाड़ा खोला , और भाभी कि गांड़ में पेल दिया.

अब निहारिका देवर जी, जेठ जी और ससुर जी, तीनों से बारी बारी से पेलवाने लगी. वो ससुर जी कि गोद में चुदती, फिर Doggy Style में देवर जी से लगवाती, फिर जेठ जी कि गोद में जा बैठती. वो हर किसी को एक बार में करीब एक मिनट तक चोदने देती और फिर दूसरे कि बारी होती, ताकि चुदाई का Flow बना रहे और किसी को भी ज़्यादा देर तक वेट ना करना पड़े उसकी चूत या चूतड़ के लिये !!!

20 मिनट तक यही सिलसिलेवार चोदा चोदी चलती रही.

इस वक़्त निहारिका ससुर जी कि गोद में थी. अचानक ससुर जी उसे अपनी बाहों में भर कर खड़े हो गयें और बहु को खड़े खड़े गोद में लिये चोदने लगें... निहारिका समझ गई कि उनकी पिचकारी निकलने वाली है !

निहारिका ने ससुर जी कि कमर पे अपनी टांगें लपेट दी और उन्हें कस कर पकड़ लिया. ससुर जी के पैर लड़खड़ाये और उनके लण्ड ने अपनी बहु कि चूत को वीर्य से भर दिया !

" निहारिका... आआह्ह्ह्हह... ज़ल्दी आओ... मेरा लण्ड !!! ". तभी सोफे पर बैठे जेठ जी ने अपने लण्ड का सुपाड़ा अपनी मुट्ठी में भीचते हुए कहा.

निहारिका समझ गई कि जेठ जी का भी माल गिरने वाला है. वो झट से ससुर जी कि गोद से उतरी और उन्हें झड़ता हुआ छोड़ कर जेठ जी कि गोद में जा बैठी !!! बेचारे ससुर जी का लण्ड तो अभी ठीक से झड़ा भी नहीं था, सो वो बाकि का माल मूठ मार कर वहीं पड़ी पेशाब से भरी बाल्टी में गिराने लगें !

इधर निहारिका अभी जेठ जी कि गोद में बैठ कर तीन चार बार ही उछली थी कि उनका बदन सख्त पड़ गया और उनका लण्ड उसकी बूर में मलाई फेंकने लगा.

" भाभी... मैं भी... आअह्ह्ह्हह भाभी ! ". इस बीच आशीष भी झड़ने कि कगार पर पहुंच गया.

" ज़ल्दी आओ... चोदो ! ". निहारिका जेठ जी को झड़ते हुए बीच मजधार में नहीं छोड़ सकती थी, सो उसने जेठ जी कि गोद से उठे बिना ही देवर जी को अपनी गांड़ कि ओर इशारा करते हुए कहा .

आशीष पीछे से अपनी भाभी कि गांड़ पर चढ़ कर उसे चोदने लगा. नीचे पड़े जेठ जी अभी भी निहारिका कि चूत में झड़ रहें थें. 10 - 12 ताबड़तोड़ धक्को के बाद आशीष ने अपनी भाभी कि गांड़ में लण्ड से उल्टी कर दी. निहारिका जेठ जी पर निढ़ाल होकर गिर गई और आशीष निहारिका पर !!!

5 मिनट बाद आशीष निहारिका से अलग हुआ तो वो भी जेठ जी कि गोद से उठ गई और सोफे पर बैठ गई. उसका भी पानी गिर गया था, जो कि जेठ जी के लण्ड और जांघों पर, नीचे ज़मीन पर और सोफे पर बीछी चादर पर फ़ैल गया था. निहारिका सोफे पर जेठ जी और आशीष के साथ पड़ी रही और उधर ससुर जी पलंग पर लुढक गयें थें ! ..................................

" 4 : 45 हो रहें हैं... उनके आने का टाईम हो गया है. उससे पहले मैं थोड़ी देर सोना चाहती हूं ताकि Fresh दिखूं . ". थोड़ी देर वैसे ही पड़े रहने के बाद निहारिका ने कहा. " आपलोग और एक एक बार ज़ल्दी से चोद लीजिये ! ".

सोफे कि चादर चूत और लौड़ों के रस से गीली हो चुकी थी, अब उसपर बैठने लायक नहीं था. निहारिका उठी तो उसे पता चला कि चोदने के दौरान उसकी करधनी भी टूट गई थी जो कि अब उसकी कमर से नीचे झूल रही थी और बस एक दो धागों पर ही टिकी हुई थी .

निहारिका Dressing Table पर से Ponds Cream का डिब्बा ले आई. उसने ढ़ेर सारा क्रीम लेकर अपनी चूत में लगा लिया और फिर घर के मर्दों को देती हुई बोली.

" इसे लण्ड पर लगा लीजिये... माल गिरने में आसानी होगी. "

तीनों मर्द अपने अपने लण्ड पर Ponds Cream मलने लगें.

चोदने के लिये अब कोई जगह नहीं बची थी, ना सोफा ना पलंग. निहारिका ज़मीन पर पड़ी पेशाब से भरी बाल्टी के ऊपर अपनी टांगें फैला कर गांड़ पीछे उठा कर खड़ी हो गई. सबसे पहले ससुर जी आएं और उसकी कमर पकड़ कर 5 - 6 मिनट तक उसकी Ponds लगी हुई चूत मारी, फिर लण्ड बाहर निकाल लिया. बड़ी मुश्किल से उनके लण्ड से कुछ एक बूंद वीर्य निकला जो वो बाल्टी में गिरा कर वापस पलंग पर लेट गयें. फिर आशीष और जेठ जी ने बारी बारी से घर की बहुरानी की Standing Doggy चुदाई की. उनका भी ज़्यादा माल नहीं निकला, जितना भी निकला, उन्होंने भी बाल्टी में ही गिरा दिया. अब तक की पेलम पेली में बेचारी निहारिका की करधनी पूरी टूट गई और उसी बाल्टी में गिर गई !!!

निहारिका ने तीनों मर्दों को शांत करने के लिये उन्हें अपनी चूची से दूध पिलाया. तीनों का लण्ड मुर्झा कर सूख कर ढीला लटक रहा था !

" Sorry बहु... तुम्हारी पवित्र करधनी टूट गई ! " . ससुर जी ने निहारिका की कमर सहलाते हुए कहा

" कोई नहीं बाबू जी... इस बार मायके जाउंगी तो मम्मी को बोल कर नई बनवा लूंगी. ". निहारिका ने कहा. " अब आपलोग जाईये... घर साफ करके नहाना भी है मुझे. "

ससुर जी, जेठ जी और देवर जी ने निहारिका को Kiss किया और वहाँ से चलते बनें.

उनके जाने के बाद निहारिका ने सबसे पहले सोफे पर बिछी चादर उठा ली और उससे कमरे में जहाँ जहाँ भी वीर्य या फिर चूत का पानी गिरा हुआ था उसे अच्छे से रगड़ रगड़ कर पोछा , फिर वो चादर, अपनी नाईटी और पैंटी उस पेशाब और माल से भरी बाल्टी में डाल कर बाथरूम चली गई. नहा धोकर साफ सुथरी होकर वापस कमरे में आकर निहारिका ने एक अच्छी सी साड़ी पहन ली, कमरे में Room Freshner से स्प्रे किया, पलंग पर नई चादर बिछाई, और सो गई !
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07-20-2021, 12:20 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
निहारिका थकावट के कारण कितनी देर सोई उसे कुछ होश नहीं. कमरे में TV की आवाज से अचानक उसकी नींद खुली तो उसने देखा की उसके पति आदित्य सोफे पर बैठे TV देख रहें हैं.

" अरे... आप कब आएं ? ". निहारिका उठ कर बैठ गई. " Sorry मेरी आँख लग गई थी, मैं आपके लिये चाय लेकर आती हूं. "

" मालती ने दे दिया... ". आदित्य ने TV पर से नज़रें हटाये बिना ही कहा.

" मालती आ गई ? कितने बज गयें ? ".

" रात के 8 बज रहें हैं मैडम जी. " . आदित्य ने उसकी ओर देख कर कहा, फिर हँसते हुए बोला. " किसके सपनों में खो कर इतनी देर सोई रही मेरी बीवी ? ".

" मेरी Jewellery लाये ? ". निहारिका ने आदित्य को शक की नज़रों से देखते हुए पूछा. उसे पक्का यकीन था की वो भूल गयें होंगे.

" लाया हूं बाबा... ".

निहारिका और आदित्य ने साथ बैठ कर कुछ देर TV देखा और फिर इधर उधर की बातें करते रहें. रात को ससुर जी, देवर जी और जेठ जी, सबने एक साथ मिल कर एक नार्मल सभ्य परिवार की तरह डिनर किया और फिर सभी अपने अपने कमरों में सोने चले गयें ................................

" आपके Promotion का क्या हुआ ? ". रात को अपने कमरे में Dressing Table पर नाईटी पहने बैठी निहारिका ने अपनी टांगों पर Body Lotion लगाते हुए पूछा.

" Appraisal अभी Delay हो गया है... Let's See... ". पलंग पर लेटा आदित्य सामने दीवार पर लगी TV पर न्यूज़ देख रहा था.

कुछ देर बाद निहारिका भी पलंग पर आ गई.

" आज Menu में क्या है ? ". आदित्य ने निहारिका के गाल चुमते हुए पूछा.

" एक Surprise !!! " . निहारिका ने आदित्य के हाथ से TV का Remote ले लिया और Remote उसके पजामे के ऊपर से उसके लण्ड पर घिसते हुए कहा.

निहारिका ने TV का Video Mode लगा दिया और एक Video चालू हो गया.

" Wow !!! क्या है ये... You Serious... Baby ??? ". TV पर Video में आ रहे दृश्य को देख कर आदित्य की आँखे फटी की फटी रह गई.

वो Video उनके अपने रूम का ही था, जिसके 8 अलग अलग कैमरे के Angle थें. हर Angle से एक ही सीन चल रहा था... निहारिका रूम में नंगी खड़ी थी और उसे घेरे हुए ससुर जी, जेठ जी और देवर जी उसके बदन के साथ खेल रहें थें. किसी के भी शरीर पर एक कपड़ा भर ना था !!!

निहारिका अपने पति के नंगे सीने को चूमते हुए उसके लण्ड को उसके पजामे में ही सहलाने लगी. आदित्य बिना पलकें झपकाये TV पर चल रहे Recorded Video को देख रहा था. ज़ाहिर था की Video में जो कुछ भी चल रहा था, उससे वो काफी उत्तेजित हो रहा था.

आदित्य का लण्ड अब तनाव के चरम पर था. निहारिका के हाथ के लगातार घर्षण से उसके लण्ड का सुपाड़ा खुल गया था, और ज़ल्दी ही उसका पजामा वीर्य से भर गया !!!

" मममममम... इतना पसंद आया आपको ??? ". निहारिका अपने पति की अति उत्तेजना पर हँस पड़ी. उसने उसका झड़ा हुआ लण्ड पजामे से बाहर निकाल लिया और लण्ड के सुपाड़े को अपनी नरम उंगलियों से Tease करने लगी.

" Love You Baby... ". आदित्य ने निहारिका के होंठ चुम लियें, और दोनों एक लम्बे चुंबन में संलिप्त हो गयें.

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आज से एक साल तीन महीने पहले जब निहारिका दुल्हन बन कर इस घर में आई थी तो उसे यकीन नहीं हो रहा था की उसके नसीब में आदित्य जैसे हैंडसम और Successful इंसान की पत्नी बनना लिखा है. निहारिका उन चंद लड़कियों में से थी, जिन्हे आज की So Called Modern Society में दकियानुसी और बहन जी Type कि लड़की कहा जाता है, जो अपनी पूरी ज़िन्दगी अपनी इज्जत अपने होने वाले पति के लिये बचा कर रखती हैं. फिर निहारिका को तो उसकी चाहत से भी कहीं ज़्यादा अच्छा पति मिल गया था. सुहागरात वाले दिन वो आदित्य के ऊपर अपनी सारी ज़िन्दगी का संजोया हुआ प्यार न्योछावर करने को तैयार बैठी थी, पर उसे क्या पता था की आगे उसकी शादीशुदा ज़िन्दगी एक ऐसे मोड़ से गुजरने वाली है जिसकी उसने कभी सपने में भी कल्पना ना की थी !!!

डरी सहमी निहारिका के साथ सुहाग सेज पर आदित्य बड़ी ही प्यार और नम्रता से पेश आया. निहारिका को अब भी याद है की जब आदित्य ने अपनी शेरवानी खोल कर अपना लण्ड बाहर निकाला था तो वो कैसे शर्म से लाल हो गई थी. 8.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लौड़ा था उसके दूल्हे का... गुलाबी चिकना सुपाड़ा खुला हुआ... और लण्ड एकदम टाईट खड़ा !!! अपने पति से नज़रें मिलाये बिना ही निहारिका ने खुद को उन्हें सौंप दिया. आदित्य तो इतना ब्याकुल हो उठा था की उसे शादी का जोड़ा तक खोलने का मौका नहीं दिया और उसकी साड़ी उठा कर उसके ऊपर चढ़ गया. उस रात आदित्य ने उसे आधे घंटे तक चोदा, पर उसका वीर्य नहीं निकला. आखिरकार उसका लण्ड जब ढीला पड़ गया तो उसने खुद को उससे अलग कर लिया. निहारिका को लगा की पहली रात है तो शायद टेंशन की वजह से ऐसा हुआ हो, उसने अपने पति का पूरा सहयोग दिया और उसकी बाहों में सो गई.

उस पहली रात के बाद करीब 3 - 4 दिन तक ऐसा ही होता रहा हर रात, निहारिका को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. फिर जब करीब दो हफ्ते होने को आये और स्थिति में कोई सुधार नहीं आया तो उसकी चिंता बढ़ने लगी. और फिर साहस करके एक दिन उसने अपने पति से पूछ ही लिया.

" बुरा मत मानियेगा जी... पर मैं क्या आपको पसंद नहीं. "

पहले तो आदित्य टालता रहा पर उसकी हिचक से साफ ज़ाहिर था की कुछ तो बात है. फिर निहारिका के काफी ज़ोर करने के बाद उसने बताना शुरु किया, पर इस शर्त पर की वो उसे गलत नहीं समझेगी और उसके साथ पूरा सहयोग करेगी.

" मुझे ना ही कोई बीमारी है और ना ही मैं नामर्द हूं. बात बहुत ही Simple सी है निहारिका. जब भी मैं तुम्हारे साथ सेक्स करता हूं, मैं यही सोचता रहता हूं की अगर कोई गैर मर्द तुम्हारे साथ सेक्स करेगा तो देखने में कैसा लगेगा. ये क्यूं हो रहा है, I Don't Know. तुम्हें चोदते वक़्त मैं Fantasize करता हूं की तुम्हें कोई और चोद रहा है और मैं देख रहा हूं. इस Feeling से मैं बहुत उत्तेजित हो जाता हूं पर कुछ ही देर में जब Reality सामने आती है तो मैं ढीला पड़ जाता हूं ! इसी वजह से मैं स्खलित नहीं हो पा रहा. पर मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं. "

निहारिका एक पढ़ी लिखी लड़की थी और उसे पता था कि हर बात पे कैसे React करना चाहिये. पर अपने पति कि इस बात को सुन कर वो भी सकते में आ गई. उसके मन में हजारों सवाल और ख्याल आने लगें, मगर बड़ी मुश्किल से उसने अपनी भावनाओ को काबू में करते हुए कहा.

" मुझे आपके प्यार पे शक नहीं. मगर मुझे आपकी बातें समझ नहीं आ रहीं. आप मुझसे क्या चाहते हैं ??? क्या आपको Group Sex और Wife Swapping करना है !!! ".
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07-20-2021, 12:21 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" नहीं नहीं... छी... कैसी बातें कर रही हो तूम ? मुझे किसी और औरत में या किसी और कि गर्लफ्रेंड और बीवी में कोई Interest नहीं. मैं सारी ज़िन्दगी बस तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूं. मुझे तो बस तुम्हें किसी दूसरे मर्द के साथ देखने का मन है, वो भी तुम्हारी मर्ज़ी से. "

" मुझे भी किसी गैर मर्द में कोई Interest नहीं. " . उस दिन निहारिका गुस्से में दो टुक जवाब देकर चुप हो गई.

कई दिनों तक फिर उनके बीच इस बात को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. फिर एक दिन आदित्य ने अपनी पत्नी से कहा.

" बेबी... आज जब आशीष तुमसे मज़ाक कर रहा था तो ना जाने क्यूं मैं उत्तेजित सा होने लगा था. और जब भी तूम मेरे बड़े भैया या फिर पापा के नज़दीक जाती हो तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है. लगता है मुझे समझ में आ रहा है कि मुझे क्या चाहिये. ".

" छी... आप ऐसा सोच भी कैसे सकतें हैं ? अपने परिवार के लोगों के साथ ... ". निहारिका समझ गई कि उसके पति क्या कहना चाहते हैं.

" Exactly बेबी... अपना परिवार ! ". आदित्य ने अपनी पत्नी कि बात काटते हुए कहा. उसकी आँखों में एक चमक सी आ गई थी. " कम से कम तूम जो कुछ भी करोगी, अपने परिवार में रह कर करोगी. ये ज़्यादा बेहतर Idea है. जो लोग अपनी बीवी को अपने दोस्तों के साथ Share करते हैं, उनके जैसा घटिया इंसान और कोई हो ही नहीं सकता. पर अपने परिवार के अंदर सेक्स को तो पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त है निहारिका !!! ".

निहारिका को अपने पति कि बातों में कोई Logic नहीं दिखा, पर सच को वो स्वीकार कर चुकी थी. उसके पति उसके साथ तभी पूर्ण रूप से सेक्स कर सकेंगे जब वो उन्ही के सामने किसी और से सेक्स करेगी ! अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी को बचाने के लिये उसे ये करना ही पड़ेगा !!! मगर उसने अपने पति को किसी भी तरह का कोई जवाब नहीं दिया और चुप रही.

निहारिका अपने तरीके से अपने पति कि अजीब Fantasy को पूरा करने में लग गई. उसके लिये अपने देवर आशीष को पटाना सबसे ज़्यादा आसान था. वो वैसे भी अपनी भाभी से खुब मज़ाक किया करता था, हालाँकि उसके मन में अपनी भाभी के प्रति कोई गंदी भावना नहीं थी.

आदित्य को अब तक पता नहीं था कि उसकी पत्नी उसकी खुशी कि खातिर क्या क्या कर रही है. फिर एक दिन रात को सोते समय निहारिका ने उसे बताया.

" पता है... आज मैंने साड़ी थोड़ी सी नीचे पहनी थी तो सारा दिन देवर जी ने मन भर कर मेरी नाभी को घूरा. अभी जब मैं आप के साथ हूं तो मुझे पूरा यकीन है कि वो बेचारे आज रात मेरे बारे में सोच कर मूठ मारेंगे ! ".

निहारिका की इतनी सी बात पे आदित्य बहुत उत्तेजित हो गया था और उस रात उसने अपनी बीवी को सुबह चार बजे तक पेला ! ये बात और है की वो स्खलित नहीं हुआ. निहारिका को अपने पति की Sex Life में Progress से काफी ख़ुशी हुई, इससे उसे और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिला.

निहारिका एक हफ्ते के अंदर अपने देवर को रिझाने में कामयाब रही. उसने आशीष को बस इतना यकीन दिला दिया की वो उसे बहुत पसंद करती है क्यूंकि वो अपने आदित्य भैया से ज़्यादा जवान और रोमांटिक है. ज़ल्दी ही आशीष ने अपनी भाभी से नाजायज शारीरिक सम्बन्ध बना लियें.

जिस दिन पहली बार निहारिका ने आदित्य को बताया की आज दिन के वक़्त जब वो नहा रही थी, तो किस तरह उसका देवर बाथरूम में घुस आया और उसे चोद दिया, उस दिन आदित्य की ख़ुशी का ठिकाना ना रहा. लेकिन अब उसे ये सब अपनी आँखों से देखना भी था, जो की असंभव था ! सो अगली बार उसके सुझाव पर निहारिका ने अपने देवर के साथ रूम में सेक्स करते हुए देवर जी की जानकारी के बिना चोरी छुपे अपना मोबाइल टेबल पर रख कर Video Recording कर ली. ये निहारिका और उसके पति की शादीशुदा ज़िन्दगी का सबसे बड़ा Turning Point सिद्ध हुआ !!!

क्यूंकि उस रात जब वो MMS निहारिका ने आदित्य को दिखाया तो उसकी Excitement का ठिकाना ना रहा ! उस रात अपनी धर्मपत्नी को अपने ही देवर से Video में चुदवाते देख आदित्य का उसकी पैंट में ही शीघ्रपतन हो गया. आज पहली बार झड़ा था वो ! फिर क्या था, उस रात उसने निहारिका को तीन बार चोदा और हर बार उसका माल भी गिरा ! निहारिका उस रात अपने पति से लिपट कर खुशी के मारे खुब रोई !!!
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07-20-2021, 12:21 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
सब कुछ ठीक ही चल रहा था और आदित्य को अब जितना कुछ भी मिला था वो काफी था उसकी गंदी Fantasy को पूरा करने के लिये.

पर गलत चीज़ ज़्यादा दिन छुप कहाँ पाती है... वो भी एक ही घर और एक ही परिवार में !

एक दिन जब आशीष अपनी भाभी को उसके कमरे में चोद रहा था तो बड़े भैया यानि की निहारिका के जेठ जी ने देख लिया. यही नहीं, जेठ जी ने ये घिनौनी बात ससुर जी को भी बता दी. जेठ जी और ससुर जी ने मिल कर आशीष को तो अच्छी खासी खरी खोटी सुनाई ही, निहारिका को भी कहा की वो आदित्य को उसकी बदचलनी के बारे में बता देंगे. उन बेचारों को क्या मालूम था की ये सब तो उसी की मर्ज़ी से हो रहा था !

निहारिका को इतने दिनों बाद तो दामपत्य जीवन का सुख मिला था, वो उसे कैसे खो देती. और तब बेचारी ने एक झूठी कहानी बनाई. उसने अपने जेठ जी, देवर जी और ससुर जी से कहा की उसका पति नामर्द है, और इसलिये बस शारीरिक सुख के लिये वो अपने देवर के साथ कुकर्म करने को बाध्य हो गई ! पर उसने ये भी कहा की आदित्य उससे कितना प्यार करता है और अगर उसे पता चलेगा की उसकी नामर्दानगी की वजह से उसकी पत्नी इतनी गिर गई है की उसके ही छोटे भाई से गलत सम्बन्ध बना बैठी है, तो बेचारे आत्महत्या कर लेंगे !!!

निहारिका ने रो धो कर घर के तीनों मर्दों को ये यकीन दिला दिया की वो एक बेबस औरत है जिसे विवाहित जीवन का सुख नहीं मिल रहा, और अगर इसके लिये वो घर के ही किसी सदस्य से शारीरिक सम्बन्ध बना रही है तो समझ लो की वो कितनी विवश है !

निहारिका की इस झूठी कहानी में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसपे उन तीनों को भरोसा और विश्वास ना हो. उन्हें घर की इस बेचारी बहु से पूरी हमदर्दी और सहानभुती हो गई.

वैसे शुरुआत में तो निहारिका की कोई Planning नहीं थी अपने ससुर जी और जेठ जी के साथ नाजायज सम्बन्ध बनाने की, पर अब उसने उन दोनों का भी Sympathy पा लिया था. जेठ जी ने अभी तक शादी नहीं की थी और ससुर जी की पत्नी का तभी स्वर्गवास हो चुका था जब लड़के बहुत छोटे थें. सो उन दोनों को एक तरह से औरत की नज़दीकी की ज़रूरत तो थी ही. ऐसे हालात में घर में निहारिका जैसी ज़रूरतमंद औरत के होते हुए और अब उसके विवाहित जीवन की सच्चाई जानते हुए उनका उसकी ओर आकर्षित होना लाज़मी था... और ऐसा हुआ भी !

दोनों निहारिका के पीछे पड़ गयें तो निहारिका हार कर उनके साथ भी सोने लगी ! अब आलम ये हो गया की घर में ससुर जी, जेठ जी और देवर जी, तीनों ही निहारिका को चोद रहें थें, और तीनों को ही इस बारे में पता था. उनके ख्याल में तो बस बेचारे आदित्य को ही इसके बारे में पता नहीं था. धीरे धीरे जिस खेल की शुरुआत मज़बूरी में और अपने पति को ख़ुश करने की खातीर हुई थी, उस खेल में निहारिका को भी कब मज़ा आने लगा, इसका उसे भी पता नहीं चला. अब दिन भर वो बारी बारी से अपने ससुर जी, जेठ जी और देवर जी से चुदवाती और रात को अपने पति को पूरे दिन की कहानी बता कर और कभी कभी मोबाईल से बनाई हुई Video दिखा कर गरम करके उनसे पेलवाती ! घर की बाई मालती को वो अब सिर्फ सुबह में आकर काम करके चले जाने बोलती और फिर वो शाम को आती, ताकि सारा दिन घर में चुदम चुदाई हो सके. धीरे धीरे निहारिका घर में सारा दिन बिना कपड़ों के ही नंगी रहने लगी !!!

जैसे जैसे दिन बीतते गयें, आदित्य और निहारिका को नये नये तरीके सुझते गयें. आदित्य का मन अब मोबाईल से बनाई MMS से नहीं भर रहा था. उसने अपने कमरे में एक Hidden Camara लगाया. उस Camara से बनी Video की बात ही कुछ और थी. प्रोत्साहित होकर उसने फिर 2 फिर 3 और आखिरकार पूरे 8 कैमरे अपनी रूम में अलग अलग जगह पे लगा दिये. यही कारण था की निहारिका हमेशा इसी रूम में घर के तीनों मर्दों के साथ सेक्स करती, ताकि अपने पतिदेव के लिये एक अच्छा सा Hot Video बना सके. फिर हर रात एक नई Video देखकर आदित्य अपनी पत्नी को बेतहासा चोदता !!!

इस पूरे खेल में बस निहारिका को एक ही बात बुरी लगी थी और वो ये थी की उसे अपने पति को घर के बाकि मर्दों के सामने नामर्द बताना पड़ा था. पर सच तो ये था की उसके पति से बड़ा चुदक्कड़ मर्द और कोई नहीं था.

अब कहानी के दो विभिन्न पहलू थें - पहला ये की, ससुर जी, जेठ जी और देवर जी पूरी ज़िन्दगी ये मानते रहेंगे की आदित्य नामर्द है और अपनी बीवी के साथ कुछ भी करने में असमर्थ है, और दूसरा, निहारिका उन तीनों का इस्तेमाल करते हुए अपने पतिदेव की गंदी Fantasy को पूरा करती रहेगी, ताकि उसकी शादीशुदा ज़िन्दगी बच सके. और निहारिका को इसमें कोई दिक्कत नहीं थी.................

और आज निहारिका ने आदित्य को Surprise देने के लिये अपने ससुर जी, जेठ जी और देवर जी के साथ Gangbang, मेरा मतलब है, सामूहिक संभोग, का Plot रचा था !!!

-------*****-------*****---------

TV Screen पर चल रहे Video में ससुर जी, जेठ जी और देवर जी, निहारिका के साथ धमाचौकड़ी मचा रहें थें.

" तुम्हें पता नहीं की तुम्हारा ये Gangbang वाला Idea कितना Hot है बेबी ! अब से यही करना... Thank You बेबी... Thank You ! " . आदित्य ने अपना वीर्य से गीला हो चुका पजामा खोल कर फेंक दिया. उसका लण्ड फिर से खड़ा हो गया था !

" आपकी बीवी हूं... मुझे नहीं पता होगा की आपको क्या चाहिये तो किसे होगा. वैसे मैं ये नहीं जानती थी की आपको मेरा ये Surprise इतना पसंद आयेगा ! ". निहारिका अपने पति के Excitement से काफी ख़ुश थी. वो TV की ओर अपना सिर करके बिस्तर पर लेट गई ताकि आदित्य उसे चोदते वक़्त Video देख सके. उसने अपनी नाईटी उठा कर पेट तक मोड़ ली. अंदर उसने पैंटी नहीं पहनी थी !!!

आदित्य अपनी पत्नी के ऊपर चढ़ गया और TV पर उसके अश्लील कारनामे देखते हुए उसे पेलने लगा.

" आपसे एक बात कहनी थी... ". आदित्य के शरीर के नीचे दबी निहारिका ने धक्के खाते खाते कहा.

" बोलो ना बेबी... आज तुम्हारी हर बात सिर आँखों पर ! ". आदित्य TV पर से नज़रें हटाये बिना बोला.

" हमारी शादी को एक साल से ज़्यादा हो गयें हैं . अब हमें Pregnancy के लिये Try करना चाहिये ! " . चुदती हुई निहारिका बोली.

आदित्य कुछ नहीं बोला और TV देखते हुए अपनी पत्नी को 15 मिनट तक चोदता रहा.

" ज़रूर बेबी... " . 15 मिनट के बाद आदित्य के मुँह से निकला. उसका बदन अकड़ गया, TV पर निहारिका अपने ससुर जी की गोद में बैठी चुद रही थी. आदित्य ने झटके से अपना लण्ड निहारिका की चूत से बाहर निकाला और उसके पेट और नाईटी के ऊपर माल गिरा दिया.

निहारिका को समझ में नहीं आया की जब आदित्य ने Pregnancy के लिये " ज़रूर बेबी " कहा तो फिर चूत के अंदर क्यूं नहीं झड़ा ???

Surprise देने की बारी अब शायद आदित्य की थी !!!

अपनी पत्नी के बदन पर निढ़ाल होकर पड़े आदित्य ने गहरी लम्बी साँसे भरते हुए कहा.

" तुम्हें क्या लगता है बेबी... तुम्हारी Pregnancy के लिये कौन ठीक रहेगा... बड़े भैया, आशीष, या फिर पापा ??? " .

निहारिका की आँखे ऊपर Ceiling Fan पर टिकी हुई थीं. वो अपने ऊपर पड़े आदित्य की पीठ सहलाते हुए सोचने लगी की अपने पति की इस नई Fantasy के लिये अब वो क्या करे ???

TV पर Video खत्म हो चुकी थी और स्क्रीन अब Blue हो चुका था ...................................

******** The End *********
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