मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-20-2021, 12:21 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
मीठी भूल

EPISODE 1
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" छी... ऐसे भी भला कोई शादी होती है ? अपने परिवार में ??? " . शादी की Reception Party चल रही थी. मेहमानों की भीड़ में खड़ी एक मोटी सी आंटी टाईप औरत ने दूसरी औरत से कहा.

सामने दो जोड़े दूल्हा दुल्हन सिंहासन जैसे आलीशान कुर्सीयों पर बैठे मेहमानों से गिफ्ट वगैरह ले रहें थें और बात कर रहें थें.

" सच कहती हो... हमने भी कई उल्टी सीधी शादियां देखी हैं. पर ये क्या... लड़का अपने ही मामा की लड़की से शादी कर रहा है और उसी मामा का लड़का इनके घर की लड़की यानि अपनी फुआ की लड़की से ब्याह रचा रहा है !!! ". दूसरी औरत ने गंदा सा मुँह बनाते हुए कहा.

" इसलिये तो देख नहीं रही कितने कम लोग आये हैं इस शादी में. " . उन दोनों औरतों की तीसरी सहेली औरत ने कहा, फिर बहुत ही धीरे से बोली. " और किसी से कहना मत... मैंने तो यहाँ तक उड़ते उड़ते सुना है की इन लड़के लड़कियों में नाजायज सम्बन्ध था और ये दोनों कमीनी लडकियां अपने इन ममेरे और फूफेरे भाईयों से Pregnant भी हो गई थीं. ".

" हो ही सकता है, तभी शायद इनके परिवार वाले ऐसी गंदी शादियां करवाने को मज़बूर हो गयें होंगे . ". पहली औरत ने कहा.

उधर दूल्हा दुल्हन के दोनों जोड़े काफी ख़ुश नज़र आ रहें थें और उन्हें देखकर इन आंटी टाईप औरतों की बकवास पर यकीन करना मुश्किल था.

पर कह नहीं सकतें, आजकल कुछ भी संभव है !!!

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ज़्यादा दिन नहीं हुए थें, अभी से बस तीन महीने पहले की बात होगी.

शहर में रह रहे गुप्ता परिवार ने इस बार की गर्मी की छुट्टीयां गाँव में बिताने की सोची. अमन और उसकी बहन सोनाली काफी ख़ुश थें, उनका कॉलेज भी बंद था अभी. पूरे दो साल के बाद गाँव में वो अपने मामा जी के घर जा रहें थें. मामा जी के लड़के लड़की, सुरेश और उसकी बहन नंदिनी, से उनकी काफी बनती थी, सभी लगभग एक ही उम्र के जो थें. एक ही उम्र मतलब थोड़ा बहुत फर्क था, जैसे इधर अमन और सोनाली, 23 और 21 साल के थें तो उधर सुरेश और नंदिनी, 22 और 20 साल के. ये सभी भाई बहन आपस में काफी Frank थें, और सच बात तो ये थी की जहाँ अमन अपनी ममेरी बहन नंदिनी को बहुत पसंद करता था वहीं सुरेश अपनी फूफेरी बहन सोनाली से प्यार करता था. ये लड़कियां भी अपने Cousin भाईयों को चाहती थीं पर खुल कर बोलती नहीं थीं. उनमें अक्सर फोन पे और व्हाट्सप्प पर बात होती ही रहती थी. पर अब दो साल के बाद सभी आमने सामने मिलने वाले थें.

मामा जी का घर बस बोलने भर का था की गाँव में है , बड़ा ही आलीशान मकान था उनका. दूर दूर तक फ़ैले खेत में मामा जी ने कई सारे मजदूर लगा रखे थें खेती के लिये. ऐसी कोई भी सब्जी अनाज वगैरह नहीं थी जो उन खेतों में ना उगती हो. ट्रक पे ट्रक माल लोड होकर रोज़ शहर भेजे जाते थें. कुल मिलाकर अच्छे खासे धनी लोग थें वो. हालाँकि मामा जी तो ज़्यादा पढ़े लिखे नहीं थें पर अपने लड़के लड़की को उन्होंने पढाने लिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. सुरेश और नंदिनी दोनों ही गाँव के ही एक नामी कॉलेज में पढ़ते थें.

अमन और सोनाली अपनी माँ के साथ मामा जी के घर आएं थें, पूरे 18 घंटे की रेल यात्रा करके. उनके पापा को अपने जॉब की वजह से शहर में ही रुक जाना पड़ा था.

मामा जी के घर में उनके अपने परिवार के अलावा भी कुछ नज़दीकी रिश्तेदार रहते थें. मामा जी का घर इतना बड़ा था की अधिकतर कमरे खाली ही पड़े रहते थें. अमन और सोनाली को उनके अपने मन चाहे कमरे में रहने की छूट मिली थी, पर अमन ने सुरेश के साथ उसके रूम में और सोनाली ने नंदिनी के साथ उसके रूम में रहने को तय किया. सुरेश का कमरा Ground Floor पे था और उसकी बहन नंदिनी का कमरा 1st Floor पे ठीक उसके कमरे के ऊपर.

पहले ही दिन से अमन नंदिनी, और, सुरेश सोनाली में नैन मटक्का शुरु हो गया था. घर वालों की नज़र बचा कर एक दूसरे को आँखों आँखों में ईशारे करने और हँसने मुस्कुराने का मीठा सिलसिला चल पड़ा था.................................

मामा जी के घर में ठहरने का आज तीसरा दिन था. अब तक सभी अच्छे से सेटल हो चुके थें.

दिन के 11 बजे थें. अपने कमरे में सोनाली अपने बैग से अपने कपड़े खाली कर करके पलंग पर रख रही थी.

" तूम ये इस्तेमाल करती हो ? ". पलंग पर बैठी नंदिनी ने सोनाली के कपड़ों के बीच गिरे Whisper Ultra Soft के पैकेट को देख कर पूछा.

" ये भी और कभी कभार Stayfree Secure. एक बार Sofy भी Use करी थी पर वो Comfortable नहीं है. ". सोनाली ने नंदिनी की ओर देखे बिना ही अपने कपड़े सरियाते हुए जवाब दिया, फिर पूछा. " और तू क्या Use करती है ? ".

" मैं ये सब Use नहीं करती. ". नंदिनी ने थोड़ा हिचकते हुए कहा.

" हाँ तो वही... मतलब कौन सा Use करती है तू ? ". सोनाली बोली, फिर हँस कर चिढ़ाते हुए कहा. " ओह... Sorry... मैं तो भूल ही गई थी की तेरे गाँव में ये सब कहाँ मिलता होगा. ".

" ओ हेलो... ऐसा नहीं है... हाँ ! सब मिलता है हमारे यहाँ... ". नंदिनी ने गुस्से से मुँह बनाते हुए कहा.

" तेरा कौन सा Brand है फिर ? ".

" मैं तो अभी भी कपड़ा ही इस्तेमाल करती हूं. ".

" छी ! Disgusting !!! ". सोनाली ने ऐसे मुँह बनाया जैसे की खाते खाते उसके खाने के प्लेट में छिपकली गिर गई हो.

" No यार... मेरा मतलब है साफ़ सुथरा सूती का कपड़ा. ".

" फिर भी ! मगर क्यूं ??? ".
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07-20-2021, 12:21 PM,
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" मम्मी बना कर देती है. मम्मी ये सब Use नहीं करने देती. ". नंदिनी ने ऐसे कहा मानो ये बताना चाह रही हो की इसमें उसकी कोई गलती नहीं है.

" तू ये रख ले... " . सोनाली ने Whisper का वो पैकेट नंदिनी की ओर फेंक दिया. " और मैं बात करती हूं मामी जी से... ".

" और तूम ??? ".

जवाब में सोनाली ने अपने बैग से एक और पैकेट निकाल कर नंदिनी को दिखाया और हँसने लगी.

" बाप रे... इतना सारा ??? ". नंदिनी ने आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा. " सारे ज़रूरत पड़ेंगे तुम्हें क्या ? ".

" You Never Know... ". सोनाली ने कहा. " एक महीने की छुट्टी पर आई हूं यार ! ".

" अच्छा... ये देखा क्या ? ". नंदिनी Topic बदलते हुए बोली और पलंग से उठ कर कमरे की पीछे वाली खिड़की का पर्दा हटा दिया.

सामने उनके कमरे के पिछवाड़े तरफ एक बड़ा सा Swimming Pool था.

" Wow !!! कब बनवाया ये ??? पीछली बार आई थी तब तो नहीं था ये. ". सोनाली खुशी से चहकते हुए बोली और खिड़की के पास आकर Pool का नज़ारा देखने लगी.

" कुछ महीनों पहले ही पापा ने बनवाया, खासकर इन गर्मीयों के दिनों के लिये. ".

" Cool यार ! तूने फोन पे बताया क्यूं नहीं... मैं अपना Swimming Costume ले आती. ". सोनाली की खुशी नाराजगी में बदल गई.

" मतलब Bikini ? ". नंदिनी ने आश्चर्य से पूछा.

" Bikini नहीं... मेरी वाली Swimming Costume में पेट वाला हिस्सा ढंका रहता है. ". सोनाली ने समझाया, फिर बोली. " वो सब छोड़... अब कैसे करें Swimming ? मेरा मन कर रहा है यार ! ".

" हाँ तो चलो ना... मना किसने किया है. ".

" मगर बिना Swimming Dress के ? ".

" हाँ... हम लोग तो कपड़े पहन कर ही करते हैं. ".

" कोई आ गया तो ? ".

" इधर ज़ल्दी कोई नहीं आता... Don't Worry. और फिर मैं हूं ना. चलो. ".

" पक्का तो ??? ".

" अरे हाँ बाबा... ".

" तो रुक... Bikini में चलती हूं. ".

" Bikini ? मतलब ? ". नंदिनी ने पूछा. और इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, सोनाली ने झट से अपनी सलवार कुर्ती खोल कर बिस्तर पर फेंक दी.

" ये रही मेरी काम चलाउं Bikini... ". सफ़ेद रंग की ब्रा और पैंटी में सामने खड़ी सोनाली ने खुशी से अपने दोनों हाथ फैला कर कहा.

" सोनाली नहीं... पागल हो गई हो तूम क्या ? ". नंदिनी ने घबरा कर तुरंत खिड़की का पर्दा नीचे गिरा दिया.

" तूने ही तो कहा ना की कोई नहीं आता. ". सोनाली ने कहा, फिर शक की नज़रों से देखते हुए बोली. " पक्का कोई नहीं आयेगा ना ??? ".

" हाँ कोई नहीं आयेगा... मगर फिर भी इस तरह से... ".

" गर्मी है यार... थोड़ी तो मस्ती करने दे... ". सोनाली ने नंदिनी की बात बीच में ही काटते हुए उसकी सलवार खींचते हुए कहा. " चल तू भी खोल... ".

" धत्त ! मैं तो ऐसे ही जाऊंगी. ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा.

" तेरी मर्ज़ी... अब चल. ". सोनाली ने एक Towel लेकर अपने बदन पर सीने पर से इस तरह से लपेट लिया की उसकी Towel से उसकी ब्रा और पैंटी ढंक गई, और अब बस उसकी नंगी गोरी जांघे ही दिख रहीं थीं. नंदिनी ने भी एक Towel लिया और सलवार पहने हुए ही उसके साथ कमरे के पीछले दरवाजे से बाहर Swimming Pool की ओर चल दी.

" ओये तेरी... उधर देख भाई ! ". अमन और सुरेश अपने कमरे में बैठ कर लैपटॉप पर Youtube पर गाने चला कर देख रहें थें. अमन की आँखे फटी की फटी रह गई जब उसने खिड़की से नंदिनी को बाहर Swimming Pool की ओर जाते हुए देखा.

" क्या बोलता है... चलें ? ". सुरेश ने खिड़की से बाहर झांकते हुए कहा. उसकी नज़र Towel के अंदर सोनाली की मटकती हिलती हुई गांड़ पर थी.

" बिल्कुल भाई... इन लड़कियों को पटाने का इससे अच्छा मौका और नहीं मिलेगा. ". अमन ने तुरंत लैपटॉप बंद कर दिया. फिर पूछा " कोई देखेगा तो नहीं ना ? ".

" अबे उधर कोई नहीं जाता नहाने... पापा ने शौक से बनवाया है. ". सुरेश बोला. " और भाई... अगर कोई देख भी ले तो क्या ? बस हमें और हमारी बहनों को ही पता है ना इस Love Story के बारे में... बाकि सबको क्या Problem हो सकती है अगर भाई बहन एक साथ Swimming करें तो ??? ".

" चल फिर... ". अमन ने फटाफट अपनी टी शर्ट उतारी, फिर बारमुडा पैंट भी उतार कर पूरा नंगा हो गया , और अपनी कमर पे सिर्फ एक गमछा लपेट लिया.

सुरेश ने भी सिर्फ अपना जांघिया छोड़ कर सारे कपड़े खोल दिये, और दोनों एक एक Towel लेकर पीछे से बाहर निकल गयें........................
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07-20-2021, 12:21 PM,
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सोनाली और नंदिनी अपना अपना Towel वहीं Swimming Pool के किनारे ज़मीन पर रख कर पानी में उतर चुकी थीं. दोनों बेचारी लड़कियों ने अभी पानी में खेलना शुरू ही किया था की उनकी नज़र अपने ओर आते दोनों भाईयों पर पड़ी.

" Shit यार... ये लोग इधर क्यूं आ रहें हैं ? ". सोनाली ने कहा.

" चुपचाप रहना... ज़्यादा भाव मत देना इनको. इन दोनों का मन बहुत बढ़ा हुआ है इस बार. ". नंदिनी ने सुझाव दिया.

" ये देखो इस गंवार लड़की को... भला सलवार कमीज पहन कर कोई Swimming करता है क्या ? ". नज़दीक आते ही अमन ने अपनी ममेरी बहन नंदिनी को चिढ़ाते हुए कहा और पानी में उतरने लगा.

" आप लोग जाओ यहाँ से... ". सोनाली ने कहा.

" और इसको देख भाई, Swim Suit नहीं है मिला तो ब्रा पैंटी में ही उतर आई नहाने ! " . सुरेश ने सोनाली की ओर इशारा करते हुए कहा तो उसने तुरंत अपने बाहों से अपनी भीगी ब्रा में लदी अपनी चुचियों को छुपा लिया .

" पापा को बुलाउं क्या ? ". नंदिनी ने गुस्से में कहा.

" ये तेरा Swimming Pool नहीं है मोटी... ". सुरेश तपाक से बोला. वो अपनी बहन नंदिनी को " मोटी " कहकर बुलाता था, चिढ़ाने के लिये. नंदिनी मोटी तो बिल्कुल भी नहीं थी, पर उसका बदन भरा पूरा तो ज़रूर था.

" इतने नखरे दिखाने की ज़रूरत नहीं है Okay... ". अमन ने ऊँची आवाज में कहा. " हम यहाँ तुमलोगों के लिये नहीं आये हैं. ".

" छोड़ ना भाई... बहुत बड़ा Pool है... हम इधर रहते हैं. ". सुरेश ने कहा. " इन नकचढ़ी लड़कियों को उधर रहने दे. ".

Swimming Pool बड़ा तो था पर गहरा नहीं. खड़े रहने पर पानी छाती तक पहुंचती थी.

करीब दस मिनट तक चारों लड़के लड़कियां अलग अलग नहाते और पानी से खेलते रहें.

" देख न कैसे लार टपक रही है दोनों की... ". नंदिनी ने दूर खड़े दोनों लड़कों की ओर इशारा करते हुए कहा.

" इस बार की छुट्टीयों में ये लोग Propose करके ही मानेंगे. ". सोनाली बोली.

" काहे का Propose और प्यार व्यार. दोनों बस चूत के पीछे पड़े हुए हैं ! ". नंदिनी ने कहा तो उसके साथ सोनाली भी खिलखिला कर हँस पड़ी.

अमन और सुरेश के लिये अब इन नकचढ़ी बहनों की नौटंकी बर्दास्त से बाहर हो रही थी. आखिरकार दोनों Pool में चलते तैरते उनके पास पहुँचे और उनके ऊपर पानी फेंकने लगें. सोनाली और नंदिनी ने भी जवाब में उन दोनों पर अपने हाथों से पानी छिड़का और फिर कुछ ही देर में सभी मिल जुल कर खेलने लगें.

दोनों लड़कों की ये प्लानिंग काम आई थी. एक दूसरे के साथ ऐसे ही खेलते खेलते दोनों ने लड़कियों के साथ पकड़ा पकड़ी धर पकड़ शुरू कर दी और फिर अमन नंदिनी को पकड़ कर Pool के एक किनारे ले गया और सुरेश सोनाली को दूसरे किनारे.

सोनाली पहले कभी भी सुरेश के इतने पास नहीं आई थी. मस्ती मज़ाक नोंक झोंक तो अपनी जगह थी, पर अब जब सुरेश उसके इतने करीब खड़ा था तो सोनाली के दिल की धड़कने तेज़ होने लगी और साँस ऊपर नीचे होने लगी. सुरेश ने अपने हाथों से Pool के दोनों किनारे पकड़ कर सोनाली को अपने घेरे में ले लिया. उसका चेहरा अब सोनाली के चेहरे से बस एक इंच की दुरी पर था.

" क्यूं कर रही है इतना नाटक ? तूझे पता नहीं क्या की मैं तुझसे कितना प्यार करता हूं... बोल ? ". सुरेश धीरे से बोला.

" प्यार ??? नंदिनी बोल रही थी की तूम लोग हमारी चूत के चक्कर में पड़े हो... " . सोनाली हल्के से मुस्कुरा कर अपनी आँखे नचाते हुए बोली.

" वो तो तेरा भाई मेरी बहन को चोदने की प्लानिंग कर रहा है. मैं तो सच में तुझसे प्यार करता हूं. " . सुरेश ने हँसते हुए कहा, फिर अचानक सोनाली की कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए बोला. " इतना मत सता मुझे यार Please ! ".

उधर अमन इन दोनों से काफी आगे निकला, उसने बिना किसी देरी के पानी के अंदर अंदर नंदिनी की सलवार में लिपटी उसकी बड़ी गांड़ अपने दोनों हाथों में भर ली थी और उसे Kiss करने लगा था. नंदिनी ने उसे अपने होंठ चुमने नहीं दिये और अपना मुँह फेर लिया तो बेचारा उसकी गर्दन और गाल ही चुम चुम कर अपना मन भरने लगा.

पानी में भीग कर नंदिनी के टाईट निप्पल उसकी कुर्ती में खड़े होकर साफ पता चल रहें थें. अमन का मन तो बहुत कर रहा था की अपनी ममेरी बहन की चूचियाँ दबा दे, पर उसके बदन का वो हिस्सा पानी के ऊपर होने की वजह से किसी को उनकी ये हरकत दिख जाने का खतरा था. दरअसल Pool का पानी उतना साफ नहीं था और इसलिये छाती से नीचे कोई क्या कर रहा है ये दूर से देखने पर समझ पाना मुश्किल था. इस वक़्त तो दूर से ऐसा ही लग रहा था की दोनों बस पास पास खड़े बातें कर रहें हैं.

जी भर कर नंदिनी के चूतड़ दबाने के बाद अब अमन अपने हाथ से उसकी जांघ सहलाने लगा और फिर सीधे अपने हाथ को उसकी गदराई टांगों के बीच डाल दिया तो नंदिनी अंदर तक सिहर उठी.

" मत करो ना अमन भैया... Please ! ". नंदिनी की साँस रुक गई, उसने काफी कमज़ोर आवाज़ में अनुरोध किया.

" यहाँ कभी किसी ने हाथ नहीं लगाया है ना ??? तूम तो छूती हो ना ? ". अमन एकदम धीरे से बोला, उसकी भी साँसे अब भारी होने लगी थीं.
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07-20-2021, 12:21 PM,
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नंदिनी ने अपनी दोनों टांगें आपस में कस कर भीच ली थी. अमन ने बहुत कोशिश की अपना हाथ उसकी जांघों के बीच डाल कर उसकी चूत अच्छे से छूने की, पर कामयाब नहीं हुआ, तो बस सलवार के ऊपर ऊपर से ही उसकी चूत का फुला हुआ उभार सहलाने लगा.

" छोड़ो अब अमन भैया... मेरा पेशाब निकल आयेगा ! ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा. पहली बार किसी लड़के के हाथ के घर्षण कि वजह से बेचारी कि चूत में पेशाब भरने लगा था.

" तो कर दो ना... ".

" छी... आप बहुत गंदे हो ! ".

" ये नार्मल है यार... Trust Me. Sea Beach में, Water Park वगैरह जगहों पर ना जाने कितने लोग अंदर ही पेशाब कर देते हैं... You Know !!! बहुत सेक्सी फीलिंग होती है... करो तो सही... " . अमन ने अपनी ममेरी बहन के सलवार के अंदर पहनी उसकी पैंटी का बॉर्डर सहलाते हुए कहा.

" बस एक Kiss... ". उधर सुरेश ने सोनाली से कहा.

सोनाली को पता था कि सुरेश बस एक Kiss से कहाँ मानने वाला है, क्यूंकि उसने महसूस कर लिया था कि उसके बदन से चिपके सुरेश का लण्ड उसके जांघिये में पूरी तरह से खड़ा हो चुका था, जो कि अब उसकी पैंटी में छिपी चूत पे ठोकर मार रहा था.

सोनाली ने सुरेश के होठों पर एक छोटा सा चुंबन दिया जिसमें दोनों के होंठ ठीक से टच भी नहीं हुए और फिर मुस्कुरा कर बोली.

" हो गया ??? चलो अब भागो... ".

पर सुरेश इतने से कहाँ संतुष्ट होने वाला था ! उसने सोनाली को जबरन चुमने कि कोशिश तो नहीं कि, पर उसे अपने मजबूत बाहों में जकड़ लिया और अपने जांघिये में खड़ा लण्ड अपनी फूफेरी बहन कि पैंटी में चिपकी चूत पर घिसने लगा.

" सुरेश भैया... छोड़ो ना... Please... कोई आ जायेगा ! ". सोनाली उसकी पकड़ में कसमसाते हुए बाहर निकलने कि नाकाम कोशिश करते हुए बोली.

" पैंटी खोलो ना... नीचे वाला दिखा दो कैसा है तुम्हारा ! ". सुरेश ने वासना से भरी काँपती आवाज में धीरे से कहा.

" नहीं... वो सब नहीं !!! ". सोनाली ने सख्त आवाज में मना कर दिया.

पर तब तक काफी देर हो चुकी थी. पूरी तरह से कामोत्तेजित हो चुके सुरेश के लण्ड ने उसके जांघिये में ही माल फेंक दिया ! सोनाली ने अपनी पैंटी और जांघों पर जब कुछ गरम गरम सा बहाव महसूस किया तो वो समझ गई कि बेचारे सुरेश का काम तमाम हो गया है ! झड़ते वक़्त बेचारे का चेहरा देखने लायक था, और सोनाली को तो हँसी आ गई. सुरेश ने उसके बदन पर अपनी पकड़ ढीली कर दी और उससे अलग हो गया.

सुरेश का जिस्म जब चरमोत्तकर्ष के झटको से गुजर कर 2 - 3 मिनटों में थोड़ा सा शांत हुआ तब उसने अपनी आँखे खोली, सामने खड़ी सोनाली उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कुरा रही थी. उसने पानी के अंदर हाथ डाल कर अपनी पैंटी बस इतनी सी सरका दी कि उसकी चूत नंगी हो जाये. Pool के गहरे नीले लहराते हुए पानी में सुरेश को उसकी चूत ठीक से दिखी तो नहीं पर इतना दिखा कि उसकी चूत एकदम चिकनी और Shaved थी ! सुरेश ने आगे बढ़ कर बिना कुछ कहे उसे Kiss किया तो इस बार सोनाली ने भी इस चुंबन में उसका पूरा सहयोग दिया.

अपने होंठ सोनाली के होठों से अलग करके सुरेश ने अपना जांघिया खोले बगैर जांघिये के किनारे से चुपचाप अपना झड़ा हुआ लण्ड बाहर निकाला और लण्ड का सुपाड़ा खोल कर अपनी फूफेरी बहन कि नाभी में टिका कर पेशाब करने लगा ! सोनाली को बिल्कुल भी आशा ना थी कि सुरेश उसके साथ ऐसी गंदी हरकत करेगा, पर इस वक़्त ना जाने क्यूं उसकी ये हरकत उसे बहुत ही उत्तेजित करने लगी थी . लण्ड से निकले गरम पेशाब कि धार उसकी गहरी नाभी को भरने के बाद बाहर छलक कर उसके पेट से होती हुई उसकी नंगी चूत को भीगाते हुए उसकी पैंटी में बह कर Pool के ठन्डे पानी में फ़ैलने लगी. और ठीक उसी वक़्त उत्तेजना के मारे सोनाली ने भी पानी के अंदर ही पेशाब कर दिया और सुरेश के जिस्म से लिपट पड़ी !!!

इधर नंदिनी समझ गई थी कि अमन उसे छोड़ने वाला नहीं. उसके पेट में दबाव बढ़ने लगा और आखिरकार उसने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया, उसकी चूत ने तुरंत उसकी पैंटी को पेशाब से भर दिया, और फिर पेशाब बाहर सलवार के कपड़े से होता हुआ अमन के हथेली पर रिसने लगा ! अमन ने सोचा था कि कम से कम पेशाब करते वक़्त तो नंदिनी अपनी टांगें खोलेगी, तो वो अच्छे से अंदर हाथ घुसा कर उसकी चूत छू लेगा, पर ऐसा हुआ नहीं, नंदिनी अपनी टांगें आपस में सटाये हुए ही पेशाब करती रही. Pool के ठन्डे पानी में हाथ पर गरमा गरम पेशाब कि फीलिंग काफी रोमांचक रही अमन के लिये !

" देख तूने क्या हाल कर दिया मेरा... ". अमन ने पेशाब से सने अपने हाथ से नंदिनी का दाया हाथ पकड़ कर अपने कमर के नीचले हिस्से पर रख दिया.

नंदिनी कि तो जैसे साँस गले में ही अटक गई जब उसने गमछे के ऊपर से अमन का खड़ा मोटा लण्ड छूआ ! ना चाहते हुए भी उसने उसके लण्ड का मुँह अपनी मुट्ठी में लिया, और उसी के साथ उसे लगा जैसे कि उसकी हथेली पर किसी ने गरम सरसो का तेल उड़ेल दिया हो. अमन का वीर्य निकल गया था !!!

नंदिनी ने घबरा कर अपना हाथ अमन के लौड़े पर से हटा लिया, और अमन पानी के अंदर अपने गमछे में माल गिराता रहा. 5 मिनट बाद जब उसका लण्ड थोड़ा शांत होकर ढीला पड़ गया तो उसने बिना कुछ कहे नंदिनी को पीछे कि ओर घुमा दिया और गमछे में से अपना झड़ा हुआ लण्ड बाहर निकाल कर नंदिनी कि सलवार में लिपटी गांड़ पर रगड़ने लगा !!!

उधर सुरेश अब अपना झड़ा हुआ लण्ड सोनाली कि खुली हुई चूत पर पानी के अंदर अंदर घिसने लगा. सोनाली उसके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखे इधर उधर देखती रही कि कोई आ ना जाये. कुछ देर बाद सुरेश अपना आधा खड़ा लण्ड हाथ में लिये पानी के अंदर ज़ोर ज़ोर से मूठ मारने लगा. झड़ने में उसकी मदद करने के लिये सोनाली अब उसके गाल चुमते हुए उसका खुला सीना सहलाने लगी. ज़ल्दी ही सुरेश का शरीर पूरा कठोर पड़ गया, उसने आगे बढ़ कर सोनाली कि चूत में अपने लण्ड का सुपाड़ा सटा दिया और स्खलित हो गया. दस मिनट तक सुरेश अपनी आंखे बंद किये अपना लण्ड अपनी हथेली में दबाये मसलता रहा और सोनाली उसे शांत करने के लिये उसके गाल और गर्दन को चूमते हुए उसके सिर के बाल सहलाती रही. दस मिनट बाद सुरेश ने अपना झड़ा हुआ लौड़ा वापस अपने जांघिये में ठूस लिया और सोनाली ने भी अपनी पैंटी चढ़ा ली !!!

इधर नंदिनी के भरे पूरे चूतड़ पर रगड़ते रगड़ते अमन के ढीले लण्ड में पेशाब भर गया. उसने अपनी ममेरी बहन कि गांड़ पर ही पेशाब कर दिया. नंदिनी ने पीछे मुड़कर उसे देखा पर वो अपनी आँखे बंद किये अपनी ही धुन में पेशाब करते हुए अपना लण्ड उसकी गांड़ पर घिसता रहा ! अमन का पेशाब जैसे ही रुका, उसके लण्ड से वीर्य का फव्वारा छूट पड़ा, उसने अपने दोनों हाथों से नंदिनी कि कमर दबोच ली, और उसकी सलवार पर माल गिराता रहा ! 5 मिनट के बाद शांत होकर उसने अपना लण्ड अपने गमछे में घुसा लिया............................

दोनों लड़के उन लड़कियों को छोड़ कर अब अलग होकर नहाने लगें. सोनाली और नंदिनी वापस एक दूसरे के पास आई तो दोनों के चेहरे उत्तेजना और शर्म से लाल पड़ चुके थें. दोनों को एक दूसरे के बारे में पता था कि उनके साथ अभी अभी क्या हुआ था, किसी को कुछ बोलने किया ज़रूरत नहीं पड़ी !!! दोनों ने पानी के अंदर अच्छे से घिस घिस कर अपना बदन साफ कर लिया.

चारों करीब आधे घंटे तक वहाँ नहाते रहें, मगर लड़के और लड़कियां अलग अलग. उनके बीच कोई बात नहीं हुई. अमन और सुरेश ने इस दौरान पानी के अंदर फिर से अपना अपना लण्ड निकाल कर मूठ मारा, पर किसी का भी फिर से माल नहीं गिरा. सोनाली और नंदिनी को पानी के अंदर पेशाब करने वाला आईडिया काफी पसंद आया था. दोनों ने फिर से चुपके चुपके लड़कों के जाने बिना ही पानी के अंदर पेशाब किया और एक दूसरे को देखते हुए आँखों ही आँखों में इशारे करके हँसती खिलखिलाती रहीं !

Pool से सबसे पहले दोनों लड़के निकले. लड़कियों ने जान बूझ कर उनकी ओर देखा तक नहीं.

अपने कमरे में आकर अमन और सुरेश ने बारी बारी से बाथरूम में जाकर मूठ मारा, और इस बार जब दोनों का फिर से वीर्यपात हुआ, तब जाकर उन्हें शांति मिली !!!

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07-20-2021, 12:21 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
दोपहर को पूरे परिवार ने एक साथ खाना खाया, फिर शाम को सबकी मस्ती मज़ाक से भरी बैठक हुई, TV देखा सबने एक साथ, कैरम खेले गयें, गपशप चली, और फिर रात को डिनर करके सभी अपने अपने कमरों में सोने चले गयें. चारों भाई बहनों ने दिन में जो गुल खिलाये थें, उसपर किसी को कोई शक नहीं हुआ. लड़कियां तो उन लड़कों से शर्म के मारे आँख ही नहीं मिला पा रही थीं !

रात के 11 बजे थें, सोनाली और नंदिनी अपने कमरे में पलंग पर बैठी अपनी अपनी मोबाइल में बिज़ी थीं.

" पेट में दर्द हो रहा है यार... " . नंदिनी ने अपना पेट दबाते हुए कहा.

" पनीर और मटन भला कोई एक साथ खाता है क्या ? " . सोनाली हँसने लगी.

" मुझसे ज़्यादा तो तूम खा गई... ".

" हाँ... पर मेरे पेट में दर्द नहीं हो रहा, तेरे पेट में हो रहा है ना. "

" ये खाने कि वजह से नहीं है बाबा... ". नंदिनी बोली, फिर थोड़ी सी धीमी आवाज़ में कहा. " लगता है मेरी माहवारी शुरू होने वाली है ! ".

" आज तेरा Date है क्या ? ". सोनाली ने पूछा.

" नहीं... अभी चार पाँच दिन बाकि है. ".

" फिर टेंशन कि वजह से ज़ल्दी आ गया होगा. "

" मतलब ? ".

" देख... कभी कभी सुहागरात वाले दिन लड़कियों को Periods होने लगता है... सेक्स कि टेंशन के कारण ! ". सोनाली ने अपने मोबाइल पर से ध्यान हटाते हुए नंदिनी को समझाया. " आज दिन में Swimming Pool में जो हुआ हमारे साथ, उसकी वजह से शायद तुझे सेक्शुअल टेंशन हो गई हो. "

" तुम्हें इतना सब कैसे मालूम ? ". नंदिनी ने आश्चर्य जताते हुए पूछा.

" लैपटॉप, मोबाइल, इंटरनेट, इनका इस्तेमाल सिर्फ पढाई के लिये ही नहीं होता, ऐसी मज़ेदार जेनरल नॉलेज के लिये भी होता है. ". सोनाली मुस्कुराई, और फिर हँसते हुए बोली. " और कभी कभी गंदी फिल्में देखने के लिये भी ! ".

नंदिनी को भी सोनाली कि चपल बातों पर हंसी आ गई. फिर थोड़ा सा रुक कर वो परेशान सा मुँह बनाते हुए बोली.

" लेकिन यार मेरा मासिक बहुत Irregular है... कभी कभी तो 12 दिन में ही फिर से हो जाता है और कभी कभी 35 - 40 दिन पर ! ".

" ऐसा मेरा भी पहले होता था, फिर मम्मी ने डॉक्टर दिखा कर कुछ दवाईयां चलवाई तब अभी जाकर ठीक है. ". सोनाली ने कहा, फिर नंदिनी के कंधे पर हाथ रख कर उसे आस्वासन दिया. " फ़िक्र मत कर... इस उम्र में ऐसा होता है, फिर भी तू चाहे तो मामी जी से पूछ कर मैं तेरे लिये भी वो मेडिसिन ला दूंगी... Okay ! ".

तभी सोनाली कि मोबाईल पे मैसेज का टोन आया.

" ये देख...तेरा भाई हमारे कमरे में आने के लिये पूछ रहा है, अमन भैया के साथ ! " . सोनाली ने अपना व्हाट्सप्प चेक करते हुए कहा. फिर थोड़ा रुक कर नंदिनी से पूछा. " क्या बोलती हो, बुला ले ??? ".

" तूम जैसा समझो... ". नंदिनी ने ऐसे कहा जैसे उसे कोई इंटरेस्ट ना हो.

" अच्छा ? और तेरा मन नहीं है क्या ? ".

जवाब में नंदिनी एकदम से शर्मा गई, फिर बोली. " मन तो है... और वैसे भी आज सुबह Swimming Pool में जो हुआ उसके बाद ये लोग हमें चोदे बिना थोड़े ही मानेंगे ! ".

नंदिनी कि बात सुन कर सोनाली को एकदम से हँसी आ गई, और उसने कहा. " ठीक भी है... बॉयफ्रेंड वगैरह का चक्कर बहुत गंदा होता है. अपने Cousin से प्यार मुहब्बत करने से बात घर में ही रहती है. और फिर ये लोग हमारे प्यार में Seriously लट्टू हो रहें हैं. ".

" मुझे भी तुम्हारा भाई बहुत अच्छा लगता है... ". नंदिनी ने धीरे से कहा.

" बुला लें फिर ना ? ". सोनाली ने फिर से पूछा.

" हाँ बाबा... मेरे मुँह से निकलवा के रहोगी ना ? ". नंदिनी झल्लाई.

" और तेरा Periods ??? ". सोनाली धीरे से बोली.

" धत्त ! अभी नहीं आयेगा... लगता है कल सुबह तक होगा ! ". नंदिनी का चेहरा शर्म से लाल पड़ गया.

उधर लड़कों के कमरे में सुरेश कि खुशी का ठिकाना ना रहा जब सोनाली ने व्हाट्सप्प पर उसे अपने कमरे में आने कि सहमति दे दी.

" चल भाई... लड़कियां मान गई ! ". सुरेश झट से बिस्तर पर से उठते हुए बोला.

" सच ??? ". अमन को जैसे यकीन ही नहीं हुआ, फिर उसने अपने पैंट में अपना लण्ड पकड़ कर कहा. " मूठ मार के चलें भाई, नहीं तो जल्दी माल गिर जायेगा यार ! ".

" अबे हम कोई Pornstar तो हैं नहीं जो घंटो चोदते रहेंगे. और फिर वो हमें बस बुला रहीं हैं, चोदने मिलेगा ऐसा ज़रूरी नहीं... समझा ? ". सुरेश बोला. " Relax भाई... चल. ".

सुरेश और अमन अपने कमरे से बाहर निकले ही थें कि एकदम से अमन कि मम्मी और सुरेश के मम्मी पापा से आमना सामना हो गया जो कि बाहर से टहल कर लौट रहें थें.

" कहाँ ? ". अमन कि मम्मी ने पूछा.

" वो फुआ... हम ऊपर बहनों के रूम में जा रहें थें. ". सुरेश ने अटकती आवाज़ में कहा.

" सोने के टाईम ? ". सुरेश के पापा ने कहा.

" मामा जी... नींद नहीं आ रही. Ludo खेलना था, फिर वापस आ जायेंगे. ". अमन ने दृढं स्वर में कहा.

" जा बेटा... ". सुरेश कि मम्मी बोली. " कंप्यूटर मोबाईल के ज़माने में भी Ludo खेलना कितनी अच्छी बात है. ".

" Thank You मामी जी... ". अमन ने झट से कहा और सुरेश का हाथ पकड़ कर उसे लगभग खींचता हुआ वहाँ से चलते बना, बिना किसी के जवाब का इंतजार किये बिना.
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07-20-2021, 12:21 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" बस झगड़ा मत करना तूम भाई बहन... ". पीछे से अमन कि मम्मी चिल्लाई..........................

पलंग पर बैठे सोनाली और नंदिनी ने देखा कि कमरे का दरवाज़ा धीरे से खुला और अमन और सुरेश आहिस्ते से अंदर दाखिल हुए, दरवाज़े कि कुंडी चढ़ाई, और सीधे बिस्तर पर आ गये, अमन नंदिनी के पास और सुरेश सोनाली के करीब.

" किस बात कि इतनी बेचैनी है ??? ". सोनाली ने सुरेश को थोड़ा तंग करने के लिहाज से झूठ मूठ का मुँह बनाते हुए पूछा.

पर सुरेश अब किसी भी तरह कि मस्ती मज़ाक के मूड में नहीं था. उसने सोनाली का चेहरा बड़े प्यार से अपने हाथों में लिया और कहा.

" शहर के इतने सारे लड़कों को छोड़ कर तुम्हें अपने इस गंवार भाई में ऐसा क्या दिखा जो मुझसे प्यार कर बैठी ? ".

" मैंने कब कहा कि मैं तुमसे प्यार करती हूं ? ". सोनाली ने फिर से सुरेश को छेड़ा.

सुरेश में अब इतना सब्र नहीं था कि सवाल जवाब करे, उसने अपना मुँह आगे बढ़ा कर सोनाली के होंठ चुम लियें.

" तूम पर बहुत जंचता है... Cute लगती हो ! ". उधर अमन ने नंदिनी कि नथ को अपनी ऊँगली से छूते हुए कहा. नंदिनी अपनी नाक में सोने का एक छोटा सा नथ पहनती थी.

" गंवारन लगती हूं ना ??? ". नंदिनी ने जान बूझ कर पूछा, उसे पता था कि वो कितनी सुंदर है, पर वो अमन के मुँह से सुनना चाहती थी.

" गंवारन तो हो... पर अब से बस मेरी हो ! ". कहते हुए अमन ने नंदिनी को चुम लिया.

नंदिनी के लिये भी अब और बर्दास्त करना संभव नहीं था. अमन के होंठों में अपने होंठ डाले उसने उसके हाथ को पकड़ कर अपनी छाती पर रख लिया . अमन उसे चूमते हुए उसकी सोने के लिये पहनी हुई कुर्ती के ऊपर से उसकी बिना ब्रा कि चूची दबाने लगा !

" उसे धीरे धीरे चोदना भैया... बेचारी के पेट में दर्द है ! ". सोनाली ने अपने भाई अमन से कहा जो कि अभी नंदिनी को चुमने में ब्यस्त था. उसकी इतनी Direct बात सुन कर नंदिनी शर्मा गई, उसने अपने होंठ अमन के होंठों से अलग करते हुए सोनाली कि ओर झूठे गुस्से से देखा तो सोनाली ने उसे आँख मार दी.

अमन कुछ समझ पाता, इससे पहले ही सुरेश ने अपनी बहन नंदिनी से शैतानी मुस्कान के साथ कहा.

" क्यूं मोटी.... आज तो 17 तारीख़ है ना ? आज तेरे पेट में दर्द कैसे ??? ".

अपने सगे भैया के मुँह से ऐसी बातें सुन कर नंदिनी तो शर्म से पानी पानी होने लगी, बेचारी का मुँह खुला का खुला रह गया.

" आपको अपनी बहन के Dates कैसे पता... सुरेश भैया ? ". सोनाली ने पूछा, उसे नंदिनी कि हालत पर मज़ा आ रहा था.

" ये नहीं खाऊंगी, वो नहीं खाऊंगी, हर बात पे चिढना और मुझसे झगड़ा करना, सारा दिन सलवार पहने रहना, धीरे से उठना और ध्यान से बैठना, कॉलेज नहीं जाना... ". सुरेश बेशरम कि तरह बोले ही जा रहा था.

" Shut Up भैया... Please !!! ". अपने भाई कि बात बीच में ही काटते हुए नंदिनी ने तमतमाते हुए कहा. बेचारी का चेहरा लाल पड़ गया था शर्म के मारे !

सुरेश समझ गया कि अपनी बहन को और तंग करना सही नहीं होगा. उसने अब सोनाली से पूछा.

" और तुम्हारा कब होता है ??? ".

" छी !!! ". सोनाली ने शर्माते हुए सुरेश कि गाल पे एक हल्का सा प्यार भरा थप्पड़ जड़ दिया.

अमन अब तक समझ चुका था कि यहाँ किस चीज़ के बारे में बात हो रही है. उसने अपनी बहन सोनाली कि ओर दिखाते हुए सुरेश से हँसते हुए कहा.

" इसका 25 से 28 तारीख़ के बीच आता है... ".

नंदिनी को बहुत मज़ा आया कि अब सोनाली फंस गई है. उसने मुस्कुराते हुए अमन के कान मरोड़ते हुए पूछा.

" आपको कैसे पता अमन भैया ??? ".

" दिन में 100 बार पीछे मुड़ मुड़ कर अपना गांड़ चेक करती रहती है ! ". अमन ने कहा, फिर अपनी हँसी रोक नहीं पाया तो उसके साथ नंदिनी भी हँसने लगी.

" भैया छी... आप लोग ना !!! ". बेचारी सोनाली के गाल तो शर्म के मारे नंदिनी के गालों से भी ज़्यादा लाल हो गयें !

अमन वापस नंदिनी कि ओर मुड़ा और उसकी स्लीपिंग पजामे के ऊपर से उसकी जांघ सहलाते हुए उसकी दोनों जांघों के बीच दबी उसकी चूत कि ओर देखते हुए कहा.

" वैसे Seriously... तूम ठीक तो हो ना ??? ".

जवाब में नंदिनी ने मुस्कुरा कर अपना चेहरा चुमने के लिये आगे कर दिया.

इधर सुरेश कि नज़र अब सोनाली के चुचियों पर थी, ज़ाहिर था कि उसने अपनी नाईटी के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. सोनाली उसकी मंसा भाप गई. उसने सुरेश कि आँखों में मुस्कुराते हुए देखा और अपने नाईटी के गले के बटन खोलने लगी. ऊपर के तीन बटन खोल कर सोनाली ने नाईटी अपने गोरे कंधे से उतार दी और अपनी दाई चूची बाहर निकाल ली. हल्के लाल रंग के छोटे से निप्पल को अपने चेहरे के इतने करीब देख कर सुरेश ने लपक कर उसे मुँह में ले लिया !

मुँह में कुछ लेकर चप चप चूसने कि आवाज़ से उधर अमन समझ गया कि उसकी बहन सुरेश को अपना दूध पिला रही है, पर उसने जान बूझ कर उस तरफ नहीं देखा, सगे भाई बहन में इतना लिहाज तो रखना ही चाहिये. नंदिनी भी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी, अमन के साथ चुंबन में लिप्त उसने उसका पैंट टटोलना शुरू किया. पैंट के ऊपर से नंदिनी कि उंगलीयों का स्पर्श पाकर अमन समझ गया कि उसे क्या चाहिये, उसने अपना पैंट खोले बिना अपना लण्ड बाहर निकाल दिया. नंदिनी ने बहुत ही नज़ाकत से डरते डरते उसका लण्ड अपने हाथ में लिया, दरअसल उसे सुबह कि बात याद थी कि किस तरह Swimming Pool में उसका लण्ड हाथ में पकड़ते ही बेचारे का शीघ्रपतन हो गया था !

नंदिनी ने अमन के लौड़े का दर्शन करने के लिये अपने होंठ उसके होठों से हटा लिये, सुबह Pool के पानी के अंदर वो उसका लण्ड नहीं देख पाई थी, अब नीचे देखा तो देखती ही रह गई. 7 इंच लम्बा मगर बेहद मोटा, करीब 3 इंच का, थोड़े काले रंग का उसका लण्ड उसकी उम्र के हिसाब से काफी बड़ा था, एकदम बड़े मर्दों के लौड़े जैसा ! नंदिनी ने एक बार सुरेश और सोनाली कि तरफ देखा कि कहीं वो लोग देख तो नहीं रहें, पर दोनों खुद में ही लगे पड़े थें. तब नंदिनी अपने घुटनों पर बैठती हुई अपने चूतड़ पीछे उठा कर नीचे अमन कि गोद में झुकी. उसके लण्ड का सुपाड़ा लण्ड के मुँह के ऊपरी चमड़े से पूरी तरह ढंका हुआ था. नंदिनी ने अपने हाथ में लण्ड पकड़े उसका सुपाड़ा खोलना चाहा तो देखा की चमड़ा बहुत टाईट है.

" मत करो... वो नहीं खुलता है ! ". अमन ने दर्द से भरी धीमी आवाज़ में कहा. नंदिनी ने उसका लण्ड उसी तरह अपने मुँह में ले लिया !

इधर सोनाली की दोनों चुचियों से रस पीने के बाद सुरेश ने उसकी नाईटी के ऊपर से उसकी नाभी को कुरेदते हुए कहा.

" अब दिखाओ... कैसा है तुम्हारा ! ".

" दिखाती हूं... ". सोनाली ने तिरछे होठों से मुस्कुराते हुए कहा. उसने पीछे तकिये पर टेक लगाते हुए अपनी गांड़ बिस्तर पर से थोड़ी सी ऊपर उठा कर अपनी नाईटी जांघ से होते हुए सीधे अपने पेट तक उठा ली. उसकी नंगी चूत अब सुरेश के आँखों के सामने थी, बेशरम लड़की ने अंदर पैंटी ही नहीं पहनी थी !!!
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07-20-2021, 12:21 PM,
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सुरेश ने सोनाली की ओर कृतज्ञ नज़रों से देखा और फिर नीचे झुका तो सोनाली ने अपनी टांगे खोल दी. पावरोटी के जैसी फुली हुई तिकोने चूत के बीचों बीच बस एक पतली सी लकीर थी जहाँ चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. एकदम बाल रहित चिकनी चूत थी उसकी, पूरी तरह से गोरी, बस वो जगह थोड़ी सी सांवली सी थी जहाँ चूत के दोनों Lips का मिलन हो रहा था. मनभावन बूर देवी के यूं सामने अचानक प्रकट हो जाने से सुरेश समझ नहीं पा रहा था की क्या करे और क्या क्या करे. सो सबसे पहले उसने अपनी फूफेरी बहन की चूत की गंध का जायज़ा लेने का फैसला लिया. उसने अपनी नाक सोनाली की चूत के फांक के उपर हल्के से रखी और एक गहरी साँस ली !

" रुको... ऐसे नहीं ! ". सोनाली ने कहा, और अपने हाथ की दो उंगलीयों से अपनी चूत के होंठ खोल दिये. " अब सूंघों... ".

सोनाली की दोनों उंगलीयों के बीच खुली चूत का अब दाना ( Clitoris ) और अंदर की गुलाबी छेद साफ दिख रही थी. सुरेश ने अपना मुँह और नाक उसकी चूत की अधखुली फांक में घुसा दिया. उसके नथूनों में चूत की वो महक घुसी जिसे वो अब अपनी सारी ज़िन्दगी नहीं भूलने वाला था !!!

उधर नंदिनी अमन के लण्ड का आधे से भी कम हिस्सा मुँह में लेकर चूस रही थी, इतना बड़ा लौड़ा पूरा मुँह में पेलवाना संभव नहीं था उसके लिये. अमन काफी देर से अपना वीर्य जबरदस्ती रोके हुए था, उसने अपनी ममेरी बहन को लण्ड चूसने से रोकना उचित नहीं समझा, ये सोच कर की वो ना जाने क्या सोच बैठेगी. नंदिनी इस बात से बेखबर की उसके अंडकोष में माल भर आया था, उसे ब्लोजॉब देती रही. अचानक अमन ने नंदिनी की कुर्ती में नीचे झूल रही चूची पकड़ कर ज़ोर से दबाई और नंदिनी का मुँह अपने गाढ़े वीर्य से भर दिया. उसका लण्ड इतना उत्तेजित हो गया था की 10 सेकंड में ही उसका सारा पानी निकल गया. नंदिनी ने बड़ी सावधानी से उसका लण्ड अपनी मुँह से बाहर निकाला और फिर अपने होंठ कस कर बंद कर लिये ताकि माल मुँह से बाहर ना छलक पड़े. उसने रोनी सूरत बना कर ऊपर अमन को देखा, ज़ाहिर था की उस बेचारी को ये Surprise बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था. उसका पूरा मुँह वीर्य से लबालब भर गया था और उसके गाल गुब्बारे की तरह फूल गयें थें, बड़ी Cute सी लग रही थी वो !!!

नंदिनी ने पहले तो बहुत कोशिश की वीर्य को निगल लेने की, पर जब उसके नमकीन स्वाद से उसे उबकाई सी आने लगी, तो बेचारी इधर उधर खोजने लगी की कहाँ थूके. जब कुछ नहीं मिला और कुछ समझ में नहीं आया तो वो अपना मुँह अपने हाथ से दबा कर Dressing Table की ओर दौड़ी, वहाँ Drawer से Whisper Ultra Soft का वो पैकेट निकाला जो सोनाली ने उसे आज सुबह दिया था, पैकेट फाड़ कर एक फ्रेश पैड निकाला और उसी पर मुँह का सारा वीर्य उगल दिया. पैड पर जितना भी वीर्य गिरा वो तो पैड ने झट से सोख लिया पर चूंकि अमन ने बहुत ज़्यादा माल गिराया था, तो ज़्यादातर वीर्य Dressing Table और नीचे ज़मीन पर गिर गया था !

इधर सोनाली नंदिनी की ये सारी हरकते देख रही थी और उसे उसकी इस दयनीय स्थिति पर तरस भी आ रहा था और हँसी भी. पर उसकी हँसी अंदर ही दब कर रह गई क्यूंकि सुरेश अभी जमकर उसकी चूत चाट रहा था और वो अब पूरी तरह से कामोत्तेजित हो चुकी थी. तभी अचानक ना चाहते हुए भी उसकी नज़र वहीं बगल में बिस्तर पर निढ़ाल पड़े अपने भाई अमन पर चली गई. उसकी पैंट से उसका अभी अभी स्खलित हुआ लण्ड बाहर निकल कर फड़क रहा था, पूरा टाईट और खड़ा, जिसमें से वीर्य की एक आखिरी धार चू कर उसके अपने ही पेट पर गिर रही थी. अपने सगे भाई को ऐसी अवस्था में देख कर वैसे तो उसे काफी Embarrassment होती, पर इस वक़्त जब कोई पहले से ही उसकी नंगी जांघों के बीच घुसा उसकी चूत को अपने मुँह से पेले जा रहा था, तो उसे कोई भी शर्म लाज महसूस नहीं हुई ! फिर भी उसने तुरंत ही अपना चेहरा घुमा लिया !!!

सुरेश अपनी साँस रोके पूरे मन से सोनाली की चूत चाट रहा था. सोनाली को अचानक ऐसा लगा जैसे की उसकी नाभी में कई सारी तितलीयां फड़फड़ा रहीं हों. उसे महसूस हुआ की अब उसका पेशाब निकलने वाला है. उसने झट से सुरेश के बाल पकड़ कर उसका चेहरा अपनी जांघों से परे धकेल दिया. काफी देर हो चुकी थी और अब उसके लिये बिस्तर से उठ कर ज़मीन पर पेशाब करने के लिये उतर पाना मुश्किल था, सो जब कुछ समझ ना आया तो उसने तुरंत अपनी हथेली अपने गांड़ के नीचे रख ली ताकि पेशाब उसी पर गिरे और चादर गंदी ना हो. सुरेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है, वो बेचारा बड़ी बड़ी आँखों से सोनाली की चूत को देखने लगा. सोनाली ने अपने दूसरे हाथ से अपनी नाभी और चूत के बीच वाला हिस्सा दबाया और सिर उठा कर अपनी चूत की ओर देखने लगी. सुरेश ने देखा की उसकी चूत के छेद से पानी जैसा पतला रंगविहीन रस बाहर चू कर उसकी गांड़ के नीचे हथेली में भरने लगा. अब सोनाली की समझ में आया की उसका पेशाब नहीं निकला था, बल्कि आज पहली बार उसका पानी गिरा था !!! चूत स्खलन के आनंद से विभोर होकर उसने अपना सिर वापस तकिये पर पटक दिया और आँखे बंद किये हुए झड़ती रही. चूत के पानी से उसकी हथेली पूरी तरह से भर गई तो पानी नीचे चादर पर फ़ैलने लगा. सुरेश मुँह खोले ये सब बस देखता रहा, उसे तो पता ही नहीं था कि लड़कियों का भी माल गिरता है !!!

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07-20-2021, 12:22 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
सोनाली कि ऊपर नीची होती साँस जब थोड़ी सी नियमित हुई तो उसने अपनी आँखे खोली और बड़ी ही सावधानी से चूत के पानी से भरी अपनी हथेली अपने गांड़ के नीचे से बाहर निकाली, ये ध्यान में रखते हुए कि पानी बिस्तर पर छलक ना जाये. सुरेश अभी भी आश्चर्यचकित नज़रों से कभी उसकी झड़ी हुई चूत तो कभी उसकी हथेली में भरा चूत का पानी देख रहा था.

" पीना है क्या सुरेश भैया ? ". सोनाली ने मज़ाक में कहा और चूत - मलाई से भरी अपनी हथेली उसके मुँह के सामने कर दी.

पर सुरेश ने तो उसकी बात सीरियस ले ली ! उसने अपना नाक आगे करके पहले तो चूत रस का गंध सूंघा. सोनाली के चूत का क्रीम, बर्फ से निकाली हुई ताज़ी मछली के जैसा महक रहा था. सुरेश को ये गंध बहुत ही तेज़ लगी, मगर पसंद नहीं आई. उसे अब इसका स्वाद चख कर देखना था. जैसे कोई अपनी हथेली से नल का पानी पीता है, सुरेश ने सोनाली कि हथेली में अपना मुँह लगा दिया. एक ही साँस में कम से कम दो चम्मच भर चूत का पानी अपने मुँह में टान लिया, दो सेकंड के लिये पानी मुँह में रखा, फिर सीधा गले के अंदर गटक गया ! थोड़ा नमकीन और खट्टा खट्टा सा उसका टेस्ट उसके मन को खुब भाया ! उसकी इस हरकत पर सोनाली ज़ोर से हँस पड़ी तो उसकी हथेली से थोड़ा सा पानी छलक कर नीचे चादर पर गिर गया.

" Wait... हिलना मत ! ". सुरेश झट से बिस्तर पर से उठा.

सोनाली कि चूत चाटते वक़्त उसने तिरछी नज़रों से देखा था कि नंदिनी ने कुछ देर पहले क्या किया था. उसी का आईडिया अपना कर वो Dressing Table पर पड़े Whisper Ultra Soft के पैकेट से एक नया पैड निकाल लाया और सोनाली कि हथेली पकड़ कर बड़ी ही सावधानी से चूत का पानी उसपे उड़ेल दिया. फिर पैड ने जब पूरा पानी सोख लिया तो उसने पैड वहीं ज़मीन पर फेंक दिया.

" क्या कर रहे हो भैया ! पैड ऐसे बर्बाद मत करो, जब हमें ज़रूरत पड़ेगी तो फिर कहाँ से आयेगी ? ". नंदिनी ने अपनी कुर्ती उतारते हुए कहा. वो अब पलंग के किनारे खड़ी थी जिधर अमन लेटा हुआ था.

सुरेश अपनी बहन कि बात का जवाब देता, इससे पहले ही अमन बिस्तर पर उठ बैठा और नंदिनी की गांड़ को अपने बाहों में भर कर उसके पजामे के ऊपर से उसकी चूत वाली जगह को चुम लिया और फिर बोला.

" मैं हूं ना... मैं ला दूंगा. तुम्हारी चूत की देख रेख अब मेरी जिम्मेदारी है ! ".

अमन ने ये बात इतने ज़ोर से बोली थी की उसकी बहन सोनाली और नंदिनी के भाई सुरेश ने साफ साफ सुन ली, पर ऐसा नाटक करने लगें की जैसे कुछ भी ना सुना हो . नंदिनी तो बेचारी शर्म के मारे झेप ही गई !

नंदिनी ने अपने पजामे का नाड़ा खोल कर पजामे को अंदर पहनी पैंटी सहित नीचे सरका दिया, और फिर अपने टांगों से निकाल कर वहीं बिस्तर पर फेंक दिया. अब जब वो अमन के सामने बिल्कुल नग्न अवस्था में खड़ी थी तब अमन समझा की नंदिनी को उसका भाई " मोटी " कह कर क्यूं चिढ़ाया करता था. दरअसल उसके कुल्हे और गांड़ उसकी उम्र की लड़की के हिसाब से काफी बड़े थें, मगर उसकी वजह से उसे " मोटी " कहना तो सही नहीं होगा, इसी वजह से असल में वो हद से ज़्यादा सेक्सी लगती थी. वो तो उसका भाई बस उसे तंग करने के लिये उसे ऐसा बुलाता था.

नंदिनी के शरीर में दो ऐसी चीज़े थीं जो उसकी खूबसूरती को और बढ़ाती थीं - एक तो उसके नाक का छोटा सा सोने का नथ, और दूसरा उसके कमर की करधनी ! साधारण से मोटे काले धागे की बनी उसकी करधनी ठीक उसके नाभी के नीचे से होकर गुजर रही थी और उसमें से एक धागा नीचे झूल रहा था जिसके अंतिम सिरे पर एक ताबीज़ बंधी हुई थी, जो की झूलते हुए बस वहाँ तक पहुँच रही थी जहाँ से उसकी चूत की फांक शुरू होती थी ! उसकी दोनों गदराई हुई जांघों के आपस में दबाव के कारण उसकी मांसल तिकोनी चूत फूल कर बाहर निकल आई थी. शहर की बनावटी लड़कियों की तरह उसने अपनी चूत शेव नहीं करी थी, बल्कि अपनी झांट को कैची से बस Trim किया हुआ था. अमन को समझ नहीं आ रहा था की कहाँ से शुरू करे ! सो पहले उसने नंदिनी की नाभी को सूंघा, फिर उसकी करधनी को , और फिर चूत की बारी आयी.

" ममममममम... कौन से साबुन से धोती हो ? बड़ी अच्छी महक आ रही है... ". एक सेकंड के लिये अमन ने अपना चेहरा नंदिनी की टांगों के बीच से निकाल कर उसकी ओर ऊपर देखते हुए पूछा और फिर वापस मुँह अंदर डाल दिया.

" सिर्फ पानी से धोती हूं, साबुन वगैरह लगाने से वहाँ की त्वचा ख़राब हो जाती है. ". नंदिनी ने अमन के बाल सहलाते हुए बताया, फिर एकदम धीरे से बोली, ताकि सिर्फ अमन सुन सके. " बस महीने में तीन चार दिन साबुन लगाना पड़ता है... समझ रहे हो ना अमन भैया ??? ".

नंदिनी ने नीचे देखा की अमन का लण्ड अब झड़ने की वजह से पूरा ढीला पड़ गया था. उसे बस एक ही चिंता खाये जा रही थी की अगर उसके लण्ड का सुपाड़ा नहीं खुला तो वो चोद पायेगा की नहीं. उसने पोर्न फिल्मों में देखा था की लड़के कैसे अपने लण्ड का सुपाड़ा खोल कर ही लड़कियों को पेलते हैं.

आखिरकार उसने सोनाली से पूछ ही लिया. " यार ये लण्ड का चमड़ा टाईट हो तो सुपाड़ा कैसे बाहर आता है ? ".

" मुझे क्या पता... डॉक्टर थोड़े ही हूं मैं ! ". सोनाली ने अपनी नाईटी उतारते हुए कहा. उसे पता था की नंदिनी क्या बोल रही है, क्यूंकि अभी कुछ देर पहले ही जब उसने अपने भैया का लण्ड देखा था तो ये नोटिस किया था की उसका सुपाड़ा खुला हुआ नहीं है !

" बताओ ना प्लीज़...तुम्हें तो सब पता होता है. ". नंदिनी ने ज़िद कि.

" नारियल तेल Try करके देख... ". सोनाली ने बेमन से कहा. वो अभी सिर्फ अपने और सुरेश के बारे में सोच रही थी.

सोनाली अब पूरी नंगी हो गई तो सुरेश भी अपने पजामे का नाड़ा खोलने लगा. उसके पजामे में बने तंबू को देखकर सोनाली भगवान से बस यही प्रार्थना कर रही थी की उसका लण्ड अमन के लण्ड जैसा भयावह ना निकले ! कुछ देर पहले अपने सगे भाई के लण्ड का आकार देखकर वो सचमुच में डर गई थी !

अमन का पजामा नीचे सरका तो उसका लण्ड छिटक कर बाहर निकल आया. आखिर जिस बात का सोनाली को डर था वही हुआ, उसके ममेरे भैया का लण्ड उसके सगे भैया के लण्ड जैसा तो नहीं था, बल्कि उससे कहीं ज़्यादा मुसटंडा था. जांघों के बीच झांट से भरे जगह से ठनका हुआ लण्ड निकल कर ऊपर सुरेश के पेट में सट रहा था. 8.5 इंच लम्बे लण्ड का 3.2 इंच मोटा गुलाबी सुपाड़ा पहले से ही खुला हुआ था. सोनाली समझ गई की गाँव के लड़के बड़े लण्ड के लिये यूँ ही बदनाम नहीं होतें !!!

सोनाली को पता था की जब उसकी चूत की सील फटेगी तो खून निकल सकता है, और अगर सुरेश भैया के जैसा लौड़ा हो तो चुदी चुदाई चूत भी लहू लुहान हो जाये तो आश्चर्य नहीं ! उसने अपनी नाईटी को अपने गांड़ के नीचे बिछा लिया ताकि खून वगैरह निकले तो उससे चादर मैली ना हो जाये.

अपनी फूफेरी बहन के मासूम से चेहरे पर उड़ती हवाईयों से सुरेश समझ गया की वो बेचारी घबरा रही है. वो अपना लण्ड एक हाथ में पकड़े हुए उसके ऊपर चढ़ गया, फिर अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी नाभी पर रखते हुए उसकी आँखों के बीच माथे को चुम लिया और मुस्कुरा कर बोला.

" घबराओ नहीं... कोई ज़बरदस्ती नहीं करूंगा ! ".

सुरेश के इन मीठे शब्दों के मात्र से सोनाली को काफी राहत महसूस हुई, और उससे भी ज़्यादा ये, की सुरेश एक सच्चे प्रेमी की तरह पेश आ रहा था, जिसे अपने प्रेमिका की सचमुच में फ़िक्र हो. उसने अपने दोनों हाथ सुरेश की पीठ पर प्यार से लपेट दिये. अब वो हर परेशानी के लिये तैयार थी !

सुरेश उसके बदन पर चढ़ा हुआ उसके गाल, गर्दन और होंठ चुमते चुमते अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी गहरी नाभी में घिसने लगा. अभी 20 सेकंड ही हुए होंगे की उसके लण्ड के सुपाड़े से वीर्य की एक मोटी गाढ़ी बूंद निकल कर सोनाली की नाभी में चू गई . ठीक ऐन वक़्त पे सुरेश ने अपना लण्ड रगड़ना बंद कर दिया नहीं तो वो अति उत्तेजना के कारण पूरी तरह से स्खलित हो गया होता ! फिर वो अपना लण्ड अपने हाथ में सावधानी से पकड़े हुए उठा. इस दौरान उसके सुपाड़े से वीर्य की और तीन चार बूंदे रिस रिस कर सोनाली के पेट और जांघों पर गिरी, पर सुरेश ने अपने लण्ड की जड़ को सख्ती से अपनी मुट्ठी में भीच रखा था जिसकी वजह से बाकि का वीर्य उसके अंडकोष में ही रुक गया. उसने अपने सुपाड़े पर लण्ड का चमड़ा चढ़ा लिया ताकि लण्ड की संवेदंनशीलता कम हो जाये. 5 मिनट तक वैसे ही रहने के बाद जब उसका गरम लण्ड थोड़ा शांत हुआ तो उसने अपना सुपाड़ा फिर से खोल लिया और अपने हथेली में थूक कर वही थूक अपने लण्ड पर मलने लगा !!!

" छी !!! सुरेश भैया... ये सब मत करो... गंदा लगता है ! ". सोनाली ने जब ये देखा तो बोल पड़ी.
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07-20-2021, 12:22 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
सुरेश तो अपनी फूफेरी बहन की कुंवारी चूत की भलाई के लिये ये सब कर रहा था, ताकि लण्ड आसानी से उसे चोट पहुँचाये बगैर अंदर चला जाये. लेकिन वो ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता था जिसमें सोनाली की रज़ामंदी ना हो. सोनाली की बात मानते हुए उसने अपना लण्ड उसकी गांड़ के नीचे बिछे उसकी नाईटी में पोछ कर थूक साफ कर लिया.

मिलन की घड़ी आ चुकी थी, सोनाली ने अपनी टांगे फैला कर अपना कुंवारापन सुरेश के हवाले कर दिया. उसकी टांगे खुली होने के बावजूद उसकी चूत के दोनों होंठ अलग नहीं हुए थें और सुरेश को चूत के बीचोंबीच बस एक पतली सी लकीर ही दिख रही थी, कोई छेद नहीं ! सोनाली कि टांगों के बीच अपने घुटनों पे बैठा वो अपना लण्ड हाथ में पकड़े लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत की संकरी दरार में रगड़ते हुए अंदर डालने के लिये छेद खोजने लगा. ज़ल्दी ही उसे अपने सुपाड़े के मुँह पर कुछ नरम सा महसूस हुआ तो उसने छेद समझ कर लण्ड थोड़ा आगे ठेला.

" आआह्ह्ह्हह... सुरेश भैया...Nooooo ! ". सोनाली दर्द से सिहर उठी, उसने तकिये से अपना सिर उठा कर अपनी टांगों के बीच देखते हुए कहा. " वो पेशाब करने का छेद है, उसके नीचे वाले में डालो !!! ".

जैसे कि सुरेश को ये नहीं पता था कि लड़कियों का भी माल गिरता है, वैसे ही उस बेचारे को ये भी कहाँ मालुम था कि लड़कियों कि चूत में मूतने के लिये अलग और पेलवाने के लिये अलग छेद होते हैं !!! आज उसे अपनी फूफेरी बहन कि बदौलत लड़कियों के बारे में ये दो नई बातें पता चली थीं........................

सुरेश ने अपने लण्ड का सुपाड़ा थोड़ा नीचे सरकाया तो उसे एक दूसरी नरम नाज़ुक सी छेद मिली, उसने अपनी कमर आगे खिसकाई तो सुपाड़े का अगला हिस्सा अंदर चला गया.

" हाँ... वही वाला है ! ". सोनाली ने जब हरी झंडी दिखाई तो सुरेश ने हल्का सा धक्का लगाया, और उसका पूरा सुपाड़ा चूत कि छेद में घुस कर अटक गया.

" तूम ठीक हो ना ??? ". सुरेश ने लण्ड का सुपाड़ा सोनाली कि चूत में फंसाये हुए उसकी जांघे सहलाते हुए पूछा.

जवाब में सोनाली ने सिर्फ अपना सिर हिला दिया और फिर एकदम मध्यम स्वर में बुदबुदाई. " और थोड़ा अंदर डालो... ".

सुरेश ने वैसा ही किया.

" बस रुको... ".

सुरेश रुक गया.

" डालो अब... ".

सुरेश ने लण्ड और अंदर ठेला.

" बस बस... आअह्ह्ह्हह... निकाल लो सुरेश भैया !!! ".

सुरेश ने घबरा कर अपना पूरा लौड़ा बाहर निकाल लिया. सोनाली ने सिर उठा कर देखा तो उसका लण्ड बुरी तरह से फड़क रहा था. उसे पता था कि वो ज़्यादा देर तक सुरेश को नहीं रोक सकती थी. 2 मिनट के बाद उसने उसे फिर से लण्ड अंदर डालने को कहा. सुरेश हर संभव सावधानी बरतते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में फिर से फिट करने लगा . सोनाली उसे जैसा जैसा बोलती वो बस वैसा वैसा ही करता.

" डालते रहो सुरेश भैया... आआह्ह्ह... बस... रुको... Wait... बाहर निकालो थोड़ा सा... हाँ... अब पेलो... नहीं... पूरा नहीं... थोड़ा सा और अंदर... बस बस बस !!! ".

सुरेश का लण्ड उसके सुपाड़े से ज़्यादा अंदर नहीं जा रहा था. सोनाली कि चूत कि झिल्ली ( Hymen ) में वो बार बार अटक जा रहा था. वो बस चूत कि उतनी सी गहराई में ही अपना लण्ड अंदर बाहर कर रहा था. ये उसके लिये बड़ी मुश्किल कि घड़ी थी, क्यूंकि एक तो बेचारा चोदने के लिये ब्याकुल हुआ जा रहा था और दूसरा उसके अंडकोष में वीर्य का दबाव बढ़ता ही जा रहा था. बेचारा अब चूत मारे या अपना माल गिरने से रोके !

सोनाली ने अपनी चूत में सुरेश का लण्ड ठीक से घुसवाने में इतना समय लगा दिया था कि बेचारा बिना ढंग से चोदे ही झड़ने के करीब पहुँच गया था. सोनाली ने अचानक से अपनी चूत में उसके लण्ड का सुपाड़ा फूलता हुआ महसूस किया. सुरेश का पूरा शरीर अकड़ गया. उसके लण्ड से वीर्य कि दो मोटी मोटी धारें फफक पड़ी. वो धपाक से सोनाली के बदन पर गिर पड़ा. चरमसुख के इस अति उत्तेजना के पल में वो अपने आपे में ना रहा, सब कुछ भूल गया वो. उसने पूरा ज़ोर लगा कर अपनी कमर सोनाली कि जांघों के बीच घुसेड़ दिया. उसके लण्ड का मोटा सुपाड़ा सोनाली कि चूत कि सील को एकबारगी फाड़ता हुआ उसकी तह तक घुस गया !

" ओह माँ !!! ". लण्ड के अकस्मात लगे इस आघात से सोनाली बिलबिला उठी.

सुरेश ने अपना लण्ड सोनाली कि चूत में जड़ तक ठूस दिया और उसकी कुंवारी बच्चेदानी में अपना वीर्य भरने लगा ! दस सेकंड के अंदर उसके लण्ड ने वीर्य के 7 से 8 धारों की तेज़ उल्टी कर दी थी ! सोनाली के पेट में अपना अंडकोष पूरी तरह से खाली करने के बाद आनंदविभोर हुए सुरेश ने उसके गाल को चुम लिया और फिर अपना मुँह उसकी कांख ( Armpit ) में घुसा कर उसके बदन पर लेटे हुए अपने झड़े हुए लण्ड से ही उसे चोदना शुरू कर दिया !!!

पूरा का पूरा पलंग चरमराती हुई आवाज़ में हिलने लगा.

इधर पलंग के किनारे बैठा अमन समझ गया की अब उसकी बहन सुरेश से चोदवा रही है ! उसकी पीठ उन दोनों के तरफ थी इसलिये उसे कुछ दिख नहीं रहा था, और ना ही उसे अपनी सगी बहन की चुदाई देखने का कोई मन था. उसे तो अब नंदिनी को चोदना था, जो की अभी पलंग के किनारे उसके पास मंत्रमुगध सी खड़ी, फटी आँखों से, ना चाहते हुए भी अपने सगे भाई को पेलते हुए देख रही थी !!!

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07-20-2021, 12:22 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" आओ हम नीचे करते हैं... ". अमन ने पलंग पर से एक तकिया उठाते हुए नंदिनी से कहा. वो नहीं चाहता था की वो वहीं पलंग पे नंदिनी को चोदे, जहाँ उसकी सगी बहन को सुरेश पहले ही चोदने में लगा हुआ था. उसे ना ही अपनी सगी बहन के बगल में नंदिनी को चोदना Comfortable लगेगा और ना ही नंदिनी को अपने सगे भाई के बगल में चुदवाना. सगे भाई बहन को इतनी सी मान मर्यादा और शर्म लिहाज तो रखनी ही चाहिये !

नंदिनी पास ही तार पर झूल रहे अपना और सोनाली का तौलिया उतार लाई और पलंग के बगल में नीचे ज़मीन पर लेटने लायक जगह तक फैला कर बिछा दिया. अमन ने वहीं तकिया रख दिया. फिर नंदिनी Parachute Coconut Oil का एक डिब्बा लेकर वहीं पालथी मार कर अमन के सामने बैठ गई.

" पहले आपके लण्ड का इलाज करते हैं अमन भैया ! ". नंदिनी ने कहा. उसे सोनाली का सुझाव याद था की कैसे लण्ड का टाईट सुपाड़ा खोले ! उसने अमन का मुरझाया हुआ लण्ड अपने एक हाथ में पकड़ा और दूसरे हाथ से उसपर ढ़ेर सारा नारियल का तेल उड़ेल दिया. चूंकि तेल थोड़ा ज़्यादा ही गिर गया था तो नंदिनी ने उसी तेल से पहले अमन का पूरा लण्ड और अंडकोष भीगा दिया और फिर उसके सुपाड़े पर चढ़ा चमड़ा मलने लगी.

करीब 5 - 7 मिनट तक अपने दोनों हाथों से लण्ड की मालिश करते हुए नंदिनी सुपाड़े पर चढ़ा चमड़ा खोलने का भरसक प्रयास करती रही, पर नाकाम रही. बेचारे अमन को दर्द भी हो रहा था. वैसे इससे एक बात का फायदा हुआ की अमन का लण्ड उसकी नरम उंगलीयों की छुवन पाकर फिर दे ठनक गया.

" छोड़ो... ऐसे ही करते हैं ! ". अमन को नंदिनी के इस प्रयत्न पर प्यार आ रहा था. उसने आगे बढ़ कर उसके गाल चुमते हुए कहा.

नंदिनी को सोनाली के गलत सुझाव पर बहुत गुस्सा आ रहा था. पर अभी वो कर भी क्या सकती थी, ऊपर सोनाली तो चूत मरवाने में ब्यस्त थी, नहीं तो नंदिनी उसे खुब खरी खोटी सुनाती ! खैर, जो भी हो, अब नंदिनी ने सोचा की ये नारियल तेल उसकी चुदाई में काम आ जायेगा, शायद इससे उसकी अनचुदी चूत फटने में कम दर्द महसूस हो.

नंदिनी ने अपनी हथेली में थोड़ा सा नारियल तेल ढाला और तकिये पर लेट गई, फिर अपनी टांगें खोल कर अपनी नंगी चूत पर सारा का सारा तेल चपोत दिया. अमन उसकी खुली जांघों के बीच बैठ गया और अपना लण्ड पकड़ कर लण्ड के मुँह से उसकी पूरे चूत पे फ़ैले तेल को काछ काछ कर एक जगह उसकी चूत के छेद के पास जमा कर लिया, और फिर एकदम धीरे से लण्ड को चूत की छेद में दबाया. लण्ड के पहले ही चाँप से एक हल्की सी चटकने की आवाज के साथ नंदिनी के चूत की पतली नरम झिल्ली फट गई !!!

" सससससस...... ". दर्द की टीस से नंदिनी ने तुरंत अपनी टांगें आपस में बंद कर ली तो अमन का खड़ा लण्ड छिटक कर चूत से बाहर निकल आया.

अमन थोड़ी देर तक नंदिनी की बंद जांघों पर अपना लण्ड रगड़ता रहा और उसे संभलने का पूरा मौका दिया. फिर जब नंदिनी थोड़ी सी रिलैक्स हुई तो उसने उसके दोनों घुटने पकड़ कर धीरे से उसकी टांगें खोली. नंदिनी चुप रही, उसकी चुप्पी में ही उसकी रज़ामंदी है, ऐसा सोच कर अमन ने अपना लण्ड बिना हाथ में पकड़े उसकी चूत की छेद पर टिका दिया, और अंदर ठेलते हुए नंदिनी के ऊपर झुकने लगा. जब तक नंदिनी के ऊपर झुकते झुकते अमन का शरीर उसके बदन से पूरी तरह चिपक गया, तब तक उसका करीब आधा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका था. एक तो नंदिनी की चूत बहुत ही ज़्यादा टाईट थी, ऊपर से अमन के सुपाड़े पर घर्षण के कारण लण्ड के चमड़े का फ़ैलना, कुल मिला कर अमन को भी उतना ही दर्द हो रहा था जितना इस वक़्त नंदिनी को !!!

अमन और अंदर तक लण्ड डालना चाहता था पर दर्द के मारे साहस नहीं जुटा पा रहा था. उसका मुँह नंदिनी के खुले हुए होठों के एकदम पास था, नंदिनी की आँखे बंद थी और वो गहरी साँसे ले रही थी. उसकी गरम साँसों की खुशबु से अमन पागल हुआ जा रहा था, चूत के अंदर लण्ड डाले आखिर कब तक कोई खुद पर संयम बनाये रख सकता था. आखिरकार, अमन ने इस बार ज़बरदस्ती अपने लण्ड को और भीतर तक ठूसने की कोशिश की तो उसका लण्ड करीब एक इंच और अंदर धस गया, परन्तु इस प्रयास में नंदिनी की कसी हुई चूत ने उसके लण्ड पर वो प्रेशर डाला, की उसके लण्ड का चमड़ा अकस्मात ही एकदम से मुड़ गया, और उसका पूरा सुपाड़ा खुल कर बाहर निकल आया !

अमन को वो दर्द हुआ की अगर वो सामान्य अवस्था में होता तो सचमुच में चीख पड़ता, पर इस वक़्त उसकी कामोत्तेजना उसके दर्द पर हावी हुई पड़ी थी. वैसे ज़िन्दगी में आज पहली बार उसके लण्ड का सुपाड़ा खुला था, और वो भी किसी की नरम योनि के अंदर, तो ये सनसनाहट सह पाना तो मुश्किल था. और यही हुआ भी ! झड़ने के डर से अमन ने अपना लण्ड नंदिनी की चूत से बाहर निकाल लिया और उसकी चूत पर रख कर अपना वीर्य रोकने की कोशिश करने लगा. लेकिन उसका अंडकोष फूलने लगा और लण्ड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. ताज़ा सफ़ेद वीर्य नंदिनी की चूत, जांघ और पेट पर गिर कर फ़ैल गया, तीन चार बूंदे तो उसकी चुचियों तक भी छिटक कर पहुँच गई थीं. आनंद के मारे अमन लगभग बेहोश ही हो गया. उसने नंदिनी का बदन दबोच कर पकड़ लिया और उसकी चुचियों पर सिर रख कर सो गया.

अमन नंदिनी के जिस्म से इस कदर लिपटा पड़ा था की बड़ी ही कठिनाई से नंदिनी ने अपना हाथ उसके और अपने पेट के बीच सरका कर उसका झड़ा हुआ लौड़ा पकड़ लिया और फिर अपनी टांगें उठा कर उसकी कमर में लपेटते हुए उसका लण्ड वापस अपनी चूत में फिट करने लगी. चूत की अभी अभी फटी हुई फांक किसी तरह टटोल कर नंदिनी ने उसका मोटा सुपाड़ा उसमें ठूस लिया तो अमन ने कमर का एक हल्का धक्का मार कर बाकि का हिस्सा भी अंदर धकेल दिया. एक पल के लिये भी अपनी आँखे खोले बिना नंदिनी के मम्मे पर सोये सोये ही वो उसे आहिस्ते आहिस्ते पेलने लगा.

उधर पलंग पर सुरेश और सोनाली ने धमाचौकड़ी मचा रखी थी. सोनाली अब पेट के बल लेट गई थी और सुरेश उसकी गांड़ पर चढ़ कर पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाले उसे अनवरत चोद रहा था. सोनाली को ये पोजीशन ज़्यादा पसंद आई, इसलिए नहीं की इसमें उसे ज़्यादा मज़ा मिल रहा था, बल्कि इसलिए क्यूंकि इस पोजीशन में उसकी बड़ी गांड़ की वजह से सुरेश अपना पूरा लण्ड अंदर नहीं डाल पा रहा था, जिससे उसकी सील फटी चूत को थोड़ा आराम मिल जा रहा था !

" हाय सुरेश भैया... धीरे चोदो ना बाबा... उफ़्फ़... चूत फाड़ ही डालोगे क्या... आआह्ह्ह्हह... प्लीज... धीरे... मत करो ना ऐसे सुरेश भैया... ममममममम... आआह्ह्ह... दर्द हो रहा है... आअह्ह्ह्ह... लग रहा है... आआह्ह्ह्ह भैया Nooooo... हाय मम्मी... मेरी चूत !!! ".

सोनाली की गुहार का सुरेश पर कोई असर नहीं हो रहा था. उसे समझ नहीं आ रहा था की आखिर वो अपनी फूफेरी बहन का सेक्सी बदन कैसे भोगे. वो चोदते चोदते बीच बीच में अपना लण्ड बाहर निकाल लेता, सोनाली की गांड़ चूमता, उसकी जांघे खोल कर उसकी चूत की गंध सूंघता फिर चाटता, फिर से ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगता, उसकी पीठ, गाल, उसके बाल चूमता और फिर लण्ड निकाल कर उसकी कमर और जांघ चूमता चाटता और फिर पेलने लगता. इस दौरान सोनाली की चूत से पेशाब की तरह पानी निकलता ही जा रहा था, उसके नीचे बिछी उसकी नाईटी तो पूरी तरह से गीली हो ही गई थी, अब पलंग की चादर पर भी चूत रस फ़ैलने लगा था. लण्ड चूत के मिलन की फच फच, गच गच, लप लप, चप चप की ध्वनी, सोनाली के गांड़ पर धक्के मारता सुरेश का पेट और कमर की आवाज़ , उसकी जांघों के बीच हर धक्के पे अंडकोष की थपेड़, सब मिलाकर दोनों के लिये किसी कमोत्तेजक दवाई सी काम कर रही थी !!!

शुक्र था की सुरेश पहले एक बार झड़ चुका था, इसलिए अब मन भर कर चोद पा रहा था, वर्ना सोनाली की कसी हुई चूत में ज़्यादा देर तक टिक पाना उसके लिये मुमकिन नहीं हुआ होता. पर अब सुरेश का लण्ड जवाब देने लगा था. उसने सोनाली को पेलना बंद कर दिया, और अपना लण्ड बाहर निकाल कर उसकी गांड़ पर मूठ मारने लगा. सोनाली अपना सिर पीछे मोड़ कर हँसते हुए उसे मूठ मारता हुआ देखने लगी, उसे सुरेश को झड़ते हुए देखना था !

सुरेश के लण्ड से निकली वीर्य की पहली तीन चार धार सीधे सोनाली के गाल और आँखों में, उसके बाल और पीठ पर गिरे.

" सुरेश भैया... छी !!! ". सोनाली ने तुरंत अपनी आँखे बंद करके अपना मुँह तकिये में छुपा लिया.

सुरेश के लण्ड से माल चू चू कर सोनाली की गांड़ पर गिरने लगा. सुरेश ने लण्ड झटक झटक कर सारा वीर्य उसकी गांड़ और जांघों पर छिड़क दिया और फिर बिस्तर पर निढ़ाल होकर लेट गया.
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