महारानी देवरानी
08-12-2023, 03:58 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 46 E

रगड़ा पट्टी



[Image: dev-bal0.gif]

"ठीक है बलदेव जैसी तुम्हारी मर्जी! नजरों से तो चाँद को भी लोग प्यार कर लेते हैं पर छू तो नहीं सकते।"

बलदेव देवरानी के मखमली पेट को दबोच कर सहलाने लगता है।

"मां तुम भी मेरे लिए उस चांद से कम नहीं, जिसके लिए मैं सपना देखा करता था।"

"उहह आआह बलदेव आराम से।"

बलदेव देवरानी का पेट खूब अच्छे से सहलाता है और रगड़ता है

"तुम्हारी ये गहरी नाभि कितनी प्यारी है!"


[Image: dog2.gif]

बलदेव कमर को पकड़ कर देवरानी की गांड को अपने लंड की तरफ खींचाता है जिसे समझ कर देवरानी थोड़ा झुक जाती है।

देवरानी अपना एक पैर सोफ़े पर रख दूसरा पैर नीचे रख अपनी गांड को बलदेव के लौड़े की तरफ कर देती हैऔर अपने दोनों हाथों से सोफे का कोने को पकड़ लेती है।

बलदेव मुद्रा समझ कर सीधा खड़ा हो कर अपनी धोती में छिपे बड़े हुल्लबी 9 इंच का लौड़ा, देवरानी की 44 की गांड पर टिका देता है, जिसे महसूस कर देवरानी अपनी आँख बंद कर लेती है।

"माँ तुम्हारे बड़े तरबूज़ कितने गोल आकर के हैं।"

देवरानी हल्का मुस्कुरा के अपना गांड पीछे की ओर ढकेलती है और बलदेव अपना हाथ देवरानी के कंधे पर रखता है । देवरानी बलदेव का घुटना पकड़ लेती है और अपनी गांड को बलदेव के लंड पर रगड़ती है।


बलदेव का लौड़ा पूरा आकार में बड़ा हो कर अब पूरी औकात में आ गया था । वह अब देवरानी के झीनी से साडी के बाबजूद देवरानी के नितम्बो के बीच अपनी जगह तलाशने लगा था । बलदेव का लंड देवरानी की ढीली और झीनी धोती में गांड की दरार ढूँढ लेता है और वहा घुसने लगता है।

बीच की दरर को लंड पर मसहूस करते ही बलदेव हल्का-सा धक्का लगाता है।

"उह अम्म! कितनी गरम हो तुम मेरी रानी!"

"आआह बेटा आआ!"

उत्तेज़ना के मारे देवरानी बलदेव के लंड पर अपनी गांड को गोल-गोल घुमा रही थी और अपनी गांड की दरार में बड़ा लंड फ़सा हुआ महसुस कर रही थी।


[Image: dogi.gif]

बलदेव अब दोनों हाथ गांड पर रख गांड की दरार में लंड खूब रगड़ता है । देवरानी आख बंद किये रहती है।

"कितने मोटे हैं ये माँ! "

"आआह जो है सब तेरे है मेरे लाल आह्ह!"

"ये सीधा अंदर जाना चाहता है।"

ये सुनते हैं देवरानी का ध्यान भंग होता है या वह आगे बढ़ जाती है। "फक्क" की आवाज से गांड की दरार से लौड़ा निकल जाता है। देवरानी शरमाई हुई धोती के ऊपर तंबू बने, बलदेव के लौड़े को खा जाने वाली नज़र से देख रही थी।



[Image: wot21.gif]
free pic hosting
देवरानी: अब तुम लेट जाओ मुझे प्यार करना है।

अब बलदेव चित लेट जाता है।

देवरानी बलदेव के नंगे चौड़े सीने को देख"बलदेव तुम्हारी छाती कितनी मजबूत हैं।"

अपने हाथ से उसकी छाती को सहलाने लगती है। अब बलदेव अपनी आख बंद कर देता है।

"मां तुमने ये सब कहा से सीखा?"

"ये बात बाद में बेटा! अभी जो सीखी हूँ वह तो कर लू।"

ऐसे सहलाने से बलदेव का लौड़ा धोती में खड़ा हो कर आसमान की ओर देख रहा था।



[Image: wot3.gif]
"आह माँ तुम सच में रति देवी हो"

"हाँ मेरे काम देव के लिए तो रति ही चाहिए."

देवरानी एक बार बलदेव के खड़े लौड़े को देख (मन में) "ये कमला सही कहती थी कि इसका लौड़ा सब से बड़ा है और यही मेरी चूत के हिसाब से सही है, ऊपर से इतना बड़ा लग रहा है तो नंगा तो विकराल लंड लगेगा ।"

देवरानी अब बलदेव के जांघो पर अपने मांसल जांघ रख सहला रही थी।

और अपने बड़े वक्ष को बलदेव की छाती पर टिकाये हल्का-सा रगड़ लेती है।


[Image: WOT0.gif]

"आआह माँ उहह!"

देवरानी आधी बलदेव के ऊपर लेट जाती है और बलदेव के लंड पर अपनी चूत रख के रगड़ती है और अपने वक्ष उसके सीने में दबा लेती है और उसके होठों पर पहुँच जाती है।

"ओह मेरे राजा!"

देवरानी अपनी जिभ निकल कर बलदेव के होठ को पकड़कर के चुसने लगती है

" गल्लप्पप्पप्प गल्पपपपपप! उम्म्म्हहाआ! गैलप्पप्पप्प! अम्म्म्म्म्म!



[Image: KIS-WOT.gif]
बलदेव भी प्रतिक्रिया में उसका साथ देता है

"आआह माँ!"

गैलप्पप्प! उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म! गैलप्पप्पप्प! गैलप्पप्प! आह! उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म!


[Image: 46.gif]
बलदेव और देवरानी खूब एक दूसरे को चूसते हैं और तभी रुकते हैं जब देवरानी की सांसें लेने में तकलीफ होने लगती है।


[Image: KIS-OPENMOUTH.gif]
बलदेव से भी अब बर्दाश्त करना मुश्किल था । वह झट से देवरानी को अपने गोद में लेने लगता है।

देवरानी मुस्कुरा कर"संयम मेरे राजा!"

"राजपाल ने भी ऐसे ही जल्दबाज़ी की थी । मैं नहीं चाहती कि तुम भी जल्दीबाज़ी करो!"

बलदेव देवरानी के दोनों जांघों को पकड़कर ऊपर उठा लेता है या खुद पालथी मार के बैठ जाता है।

देवरानी को अब धीरे-धीरे लंड पीठ कर बैठाते हुए.

"मां मैं राजपाल जैसा नहीं बनूंगा कभी।"

"तुम्हें भी इस आसन का पता है?"


[Image: LAP-R.webp]

"मां बस तुम वह नहीं हो जो कामसूत्र पढ़ सकती हो।"

देवरानी को झटका लगता है।

"तुम्हें ये कैसा पता बेटा?"

जारी रहेगी
Reply
08-12-2023, 04:00 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 46 F

रगड़ा पट्टी



[Image: DEV-BIKNI.jpg]
बलदेव से भी अब बर्दाश्त करना मुश्किल था । वह झट से देवरानी को अपने गोद में लेने लगता है।

देवरानी मुस्कुरा कर"संयम मेरे राजा!"

"राजपाल ने भी ऐसे ही जल्दबाज़ी की थी । मैं नहीं चाहती कि तुम भी जल्दीबाज़ी करो!"

बलदेव देवरानी के दोनों जांघों को पकड़कर ऊपर उठा लेता है या खुद पालथी मार के बैठ जाता है।

देवरानी को अब धीरे-धीरे लंड पीठ कर बैठाते हुए.

"मां मैं राजपाल जैसा नहीं बनूंगा कभी।"

"तुम्हें भी इस आसन का पता है?"


[Image: LAP-R.webp]

"मां बस तुम वह नहीं हो जो कामसूत्र पढ़ सकती हो।"

देवरानी को झटका लगता है।

"तुम्हें ये कैसा पता बेटा?"

"मां मैंने भी उस पुस्तक को देखा जिसको तुम पढ़ती हो" "वो पुस्तक मैंने कमला के हाथो में पकड़ ली थी"

"ये कमला भी ना!"


[Image: RUB.webp]
private image hosting

"हाँ उसने बताया ये तुम्हारी माँ की पुस्तक है।"

बलदेव अब खूब अच्छे अपने लंड पर देवरानी की गांड को मसलता है और उसके पीछे से उसकी पीठ पर चुम्बन लेने लगता है । अब उसका हाथ देवरानी की गांड को हल्का-सा छू रहा था।

बलदेव का लंड अब गांड की दरार से होते हुए उसकी चूत तक पहुँच रहा था।

दोनों आखे बंद थी और दोनों अनादित हो रहे थे।

देवरानी (मन में) "आह! कितना बड़ा लंड है मेरे कमीने आशिक का1"



[Image: LAP-R1.webp]
"आह बलदेव उहह!"

"तुम्हें बुरा तो नहीं लगा कि तुम्हारी माँ ऐसी चित्र देखती है या ऐसी पुस्तक पढ़ती है।"

"नहीं माँ मेरी माँ की हर बात सही है। मुझे तुम्हारी कोई बात बुरी नहीं लगती।"

"उहह आआआह बलदेव!"


[Image: LAP-DANCE.webp]

बलदेव अब देवरानी को उठाये अपनी लंड पर उसकी गांड को आगे पीछे करते हुए जोर-जोर से रगड़ने लगता है , जीससे उसके हाथ भी उसके वक्ष से बार-बार टकरा रहे थे।

"आआह बलदेव ओह्ह्ह उह्ह्ह नहीं बलदेव!"

"आह माँ तुम कितनी भारी हो!"

"आहह उहह बलदेव इसलिए ही तो तुम्हें चुना है मैंने! उहह! आआआहह! के तुम मेरा भार उठा सको।"

उहहहह आआआआह नहीं माँ! "


[Image: LAPR.webp]

"आआह ऐसे ही बलदेव और रगड़ो मुझे।"

"आह ये मटको जैसी गांड ने मुझे कभी दाएँ कभी बाएँ हो कर मुझे बहुत सताया है!"

आआआह और रगड़ो मेरे राजा! कर-कर रगड़ो! "उहह आआआह!"

"तो ले लो इनसे, अपना बदला उहह बेटा।"

देवरानी की पायल या चूड़ी की आवाज फ़िज़ा में गूंज रही थी और बलदेव तथा देवरानी की सिस्की से पूरा महौल उत्तज़ना से भरा हुआ था।


[Image: RGDA.webp]

"बलदेव उह्ह्ह आआआआआ-आआआआआ नहीं बलदेव ओह्ह्ह्ह मैं गई!" फिर देवरानी झड़ जाती है।

"आह माँ रुको! आआआह उहह ये लो मेरा। हथौड़ा! अपने तरबूज़ पे! उहह आआह! तोड़ दूंगा इसे आज।"

"उहह आआआह बेटा।"


[Image: LAP-CUM.webp]

"आआआह आआआ या बलदेव के बड़े लौड़े ने धोती में छेद कर खूब सारी पिचकारी छोड़ दी, जो कुछ उसकी धोती और कुछ देवरानी की गांड ऊपर जा कर गिर गयी"

देवरानी उठती है तो उसे अपना कपड़ा गीला महसूस होता है"ये क्या बलदेव तुमने पूरा पिछवाड़ा खराब कर दिया।"

"माँ कपड़े बदल लेना ।"

देवरानी मुस्कुराती है और बलदेव के गाढ़े पानी को अपनी गांड पर से अपनी उंगली में ले लेती है ।अपने होठों पर ले जा कर अपने होठों पर लगा कर बलदेव को देख कर आँख मारती है।

बलदेव अपना लौड़ा पकड़े बैठा था। वह उसे सहलाने लगता है।

देवरानी उसके लंड के पानी को एक अंदाज़ से अपने होठों से छुआ कर चाट लेती है।


[Image: CUM1.gif]
picupload

बलदेव उठ कर अपनी माँ को गले से लगा लेता है।

"देवरानी मेरी रानी!"

"बलदेव मेरे प्रेमी!"


[Image: KIS-LICK.gif]

"तुम रति से कम नहीं मेरी रानी!"

"और तुम कामदेव हो!"

जारी रहेगी
Reply
08-12-2023, 04:02 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 47 A

महल में या मन में घुसपैठ 

देवरानी अपनी जिभ निकल कर बलदेव के होठ को पकड़कर के चुसने लगती है।

" गल्लप्पप्पप्प गल्पपपपपप! उम्म्म्हहा! गैलप्पप्पप्प! अम्म्म्म्म्म!


[Image: KIS-DEEP.gif]

बलदेव भी प्रतिक्रिया में उसका साथ देता है।

"आआह माँ!"


[Image: GADAR1B.gif]

गैलप्पप्प! उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म! गैलप्पप्पप्प! गैलप्पप्प! आह! उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म!

बलदेव और देवरानी खूब एक दूसरे को चूसते हैं ।


[Image: KIS-FRENCH.gif]

देवरानी उसके लंड के पानी को एक अंदाज़ से अपने होठों से छुआ कर चाट लेती है।

बलदेव उठ कर अपनी माँ को गले से लगा लेता है।

"देवरानी मेरी रानी!"

"बलदेव मेरे प्रेमी!"


[Image: KIS-TONGUE1.gif]

"तुम रति से कम नहीं मेरी रानी!"

"और तुम कामदेव हो!"

रात के 2 बज रहे थे देवरानी या बलदेव गले में गले डाले आहे भर रहे थे, पर कोई और था जो उठ गया था।

वो था राजपाल जिसे अपने राज्य पर हमले का डर रहता था। आज भी वह जग रहा था तभी उसे बाहर किसी के दबे पांव चलने की आवाज आती है।


[Image: RAJPAL1.jpg]

राजपाल; (मन में) ये इतनी रात को बाहर दबे पाँव चलने वाला कौन है अगर कोई घर का होता तो उसको यू चोरो की चाल चलने की क्या ज़रूरत थी।

राजपाल के मन में शंका होती है पर तभी वह आवाज बंद हो जाती है।

इधर बलदेव के बाहो में देवरानी लहरा रही थी।

बलदेव: कैसा लगा मेरी रानी को मेरा पानी?


[Image: lickcum1.gif]
dice application


देवरानी; चल हट! नटखट!

देवरानी अपने होठो पर हल्के से बलदेव के लैंड के पानी को चाटते ते हुए और खुश होते हुए बोली ।

बलदेव: मेरी जान, मेरी रानी! आओ मेरे रूह में समा जाओ!



[Image: GADAR1A.gif]
देवरानी: मैं भी तुम्हारे जिस्म में नहीं, तुम्हारी रूह तक अपना नाम लिख देना चाहती हूँ मेरे प्रेमी पर...!

बलदेव: पर क्या माँ?


[Image: HUG-KIS.gif]
11 sided dice


देवरानी: थोड़ा धैर्य रखो! फल मीठा मिलेगा!

बलदेव: कितना सब्र तो किया हुआ है ।

देवरानी: थोड़ा और कर लो और अब जाओ अपने कक्ष में आराम करो। सुबह अपने काम पर जाओ।


[Image: gdr1.gif]

बलदेव: पर मेरा तुम्हे छोड़ कर जाने का दिल नहीं करता।


[Image: hugs-cuddle.gif]

देवरानी: तुम दो दिन से दिन रात में यही हो। सीमा पार भी नहीं जा रहे, सबका शक बढ़ता जा रहा है । मेरे युवराज!

बलदेव थोड़ा गुस्सा होते हुए।


जारी रहेगी
Reply
08-12-2023, 04:03 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 47 B

महल में या मन में घुसपैठ 

देवरानी: थोड़ा और कर लो और अब जाओ अपने कक्ष में आराम करो। सुबह अपने काम पर जाओ।

बलदेव: पर मेरा तुम्हे छोड़ कर जाने का दिल नहीं करता।


[Image: hugs-cuddle.gif]

देवरानी: तुम दो दिन से दिन रात में यही हो। सीमा पार भी नहीं जा रहे, सबका शक बढ़ता जा रहा है । मेरे युवराज!

बलदेव थोड़ा गुस्सा होते हुए।

"तो बढ़ने दो! मेरी जान में इन सब से नहीं डरता।"

देवरानी: बात को समझो सही समय पर सब कुछ मिलता है पर उसकी प्रतीक्षा मनुष्य को करनी चाहिए।

बलदेव: माँ! आपका जितना धैर्य मैंने नहीं कही नहीं देखा। पिछले 18 वर्ष से तो आप हर सुख से वंचित हो फिर आपने अपने धैर्य को नहीं खोया है ।

देवरानी: उसी धैर्य का वह परिनाम है कि मुझे इतना सुंदर या बलिष्ठ प्रेमी मिला है तुम्हारे रूप में।



[Image: KIS-LONG.gif]
ये सुन कर बलदेव शर्मा जाता है।

बलदेव; माँ! दिन बा दिन तुमसे मेरा प्रेम बढ़ता ही जा रहा है।

देवरानी: बस करो!

और बलदेव के माथे पर चूम लेती है ।

"जाओ बलदेव अपने कक्ष में।"

"तुम्हारे चेहरे से नज़र नहीं हटती । माँ!"


[Image: dv1.jpg]

"जाओ तुम्हारी कक्ष में मेरे चित्र को देखते रहना। पर यहाँ पर ऐसे ज्यादा समय रहना खतरे से खाली नहीं है ।"

देवरानी; (मन में) मुझे माफ़ कर दो मेरे पिया । मैं तड़पा रही हूँ तुमको!

बलदेव जाने लगता है तभी देवरानी उसे रोक कर।

"ओ मेरे बलमा! इतनी रात में मेरे कक्ष से जाओगे और किसी ने देख लिया तो क्या समझेगा?"

"यही समझेगा देवरानी! की एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को प्यार कर के आ रहा है।"

"पर तुम्हारी दादी जिसका शक हो गया है वह तो समझेगी के... !"


[Image: prince0.webp]
online dice d&d


"अरी माँ यही समझेगी के ना मैं तुम्हारे साथ सो कर आ रहा हूँ।"

देवरानी ये सुन कर लज्जा जाती है और अपना सारा झुक लेती है और अपने पैर की उंगली से जमीन खोदती है।

"बेटा अगर लोग ये समझेंगे कि आधी रात बलदेव अपनी माँ के साथ सो कर आ रहा है तो सब हमारे दुश्मन हो जायेंगे।"

"सारे दुश्मनों को मैं काट दूंगा पर मैं अपनी माँ को अपने साथ ले कर सोना बंद नहीं करूंगा" और मुस्कुराता है।

"बड़ा आया! ये लो चादर ओढ़ लो ठंड भी है और इसमें कोई देख नहीं पाएगा।"

बलदेव उसके हाथ से चादर ले लेता है फिर उसे ओढ़ लेता है और अपने मुँह को हल्का-सा खोल देता है। देखने भर के लिए ।


[Image: ps4.jpg]

"वैसे माँ तुम्हारे साथ सोने से ज़रा भी ठंड नहीं लग रही थी।"

देवरानी बलदेव को जल्दबाजी में पकड़ कर दरवाजे से बाहर ढकेलती है। बलदेव बाहर निकल जाता है और देवरानी दरवाजा बंद करती है।

बलदेव दबे पाव सीढियो की तरफ जाने लगता है।

इधर जगा हुआ राजपाल को फिर से वही दबे हुए चोर कदमों की आवाज सुनता है और वह उत्सुक्त हो कर अपने बगल में तलवार लगाए बाहर निकलता है।

जैसे वह बहार आता है उसे हल्का अँधेरे में कोई चादर ओढ़े देवरानी की कक्षा से कोई सीढ़ियों की तरफ जाता हुआ दिखता है।


[Image: 011.jpg]

राजपाल; कौन है वहाँ?

और अपनी तलवार खेंच कर निकल कर आदेश देता है ।

राजपाल; रूक जाओ वही।

बलदेव ऐसी अवस्था में पकड़े जाने से रुक जाता है और राजपाल अपनी तलवार को लिए बलदेव के करीब आने लगता है।

बलदेव की पीठ की तरफ से आता राजपाल तलवार बलदेव की पीठ के पास ले जा रहा था।

"कौन हो बहुरूपिए" ?

बलदेव को राजपाल की चाल की आहट अब सुनाई नहीं देती। वह बिना पीछे मुड़े, मौका देख कर भागने लगता है।

राजपाल: सैनिको होशियार! घुसपैठिया!

राजपाल ज़ोर से चिल्लाता है।


[Image: RAJPAL1.jpg]

महल में चारो ओर से सैनिक जग कर अपने तलवारो को निकाल कर इधर उधर देखने लगते हैं।

बलदेव मरता क्या न करता झट से सीढ़ी से चढ़ कर ऊपर अपने कक्ष की तरफ जाता है और उसका पीछा करते हुए राजपाल जो कि उतनी फुर्ती से सीढिया चढ़ नहीं पाता ।

बलदेव ऊपर जा कर अपनी कक्ष के बगल में एक छोटा कक्ष था, जिसमें कोई नहीं रहता था, सिर्फ पुराना सामान राखे उसमें घुस जाता है।

राजपाल: बलदेव उठो महल में घुसपैठ हुई है। उठो बलदेव...सेनापति!

बलदेव ये सुन कर मुस्कुराता है और कक्ष की खिड़की के पास जा कर अपना चादर वही छोड़ देता है और खुद अपने कक्ष की खिड़की में छलांग लगाता है।

राजपाल दौड़ता हुआ सामान वाले कमरे में घुसता है और उसके पीछे सेनापति और बहार से आए कुछ सैनिक घुसते हैं, तो वह लोग देखते हैं खिड़की खुली हुई है और वहाँ पर एक चादर गिरी हुई है।

राजपाल चादर उठा कर!


[Image: prince01a.jpg]

"सेनापति यहाँ से कूद गया वह नीचे सैनिकों को ले कर जाओ उसे ढूढो और पकड़ो! वह राष्ट्र की सीमा को पार न कर सके।."

सेनापति: जी महाराज कुछ दिनो पहले भी ऐसे ही महल में एक घुसपैठ हुई थी । जरूर कोई हमारे खिलाफ षड्यंत्र कर रहा है।

बलदेव अपनी कक्ष में जा कर अपने नंगे जिस्म पर कुर्ता पहनता है और बाहर निकलता है ।

"पिता जी कहा हो आप?"

बलदेव राजपाल या सैनिको की आवाज सुन कर उनकी तरफ जाने लगता है।


[Image: raja1a.jpg]

सेनापति: महाराज हम चलते हैं और वह लोग भी उसी कक्ष की खिड़की से कूद जाते हैं।

बलदेव उन सबको देखता रहता हैं।

फिर बलदेव अपने पिता के पास पहुँच कर।

"क्या हुआ पिता जी इतनी रात गए, महल इतना शोर क्यों मचा हुआ में।"

"बेटा तुम अब आ रहे हो, महल में घुसपैठ हुई है।"

"पिता जी मैं नींद में था । मुझे क्षमा करे।"

"वो भाग गया बलदेव और ये चादर छोड़ गया । अगर तुम सही समय पर उठ जाते तो वह पकड़ा जाता।"

जी हाँ पिता जी शायद वह पकड़ा जाता, पर घुसपैठिया शातिर होते हैं।"



[Image: prince2.jpg]
"चलो चलो बलदेव!"

नीचे सब के सब जग गए थे । जीविका सृष्टि और कमला भी सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए दोनों बाप बेटे को सब देख रहे थे।


जारी रहेगी
Reply
08-12-2023, 04:05 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी

अपडेट 47 C

महल में या मन में घुसपैठ 


[Image: GADAR1B.gif]

"चलो चलो बलदेव!"

नीचे सब के सब जग गए थे । जीविका सृष्टि और कमला भी सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए दोनों बाप बेटे को सब देख रहे थे।

"बेटा बलदेव एक बात याद रखना एक राजा कभी रात में चेन से नहीं सोता। बल्कि अपनी प्रजा की रखवाली करता है।"

जीविका; अरे! क्या हुआ राजपाल इतना शोर क्यों मचाया हुआ है?

राजपाल और बलदेव अपने परिवार के पास आते हैं।

राजपाल; माँ, जासूसी करने महल में कोई घुसपैठिया आया था ।

जीविका: भगवान भला करे तुम अकेले ही उसके पीछे दौड़ जाते हो कम से कम सैनिको को तो साथ लेते।

राजपाल: बस वह पकड़ा जाता अगर बलदेव सही समय पर उठ जाता।


[Image: Z1.jpg]
12 tails online 2


तभी वहा पर देवरानी चल कर आती है और ये बात सुन कर मन में!

"तू राजपाल मर्द के नाम पर कलंक है। तेरी पत्नी के दिल में तुम्हारे पुत्र बलदेव ने घुसपैठ कर ली तो तुम पकड़ नहीं सके तुम महल में हुई घुसपैठ को क्या पकड़ पाओगे?"

सब देवरानी को देखते हैं जो चलते हुए आ रही थी।

"क्या हुआ महाराज?" "क्या हुआ बलदेव?"

राजपाल: अभी आ रही हो! तुम देवरानी। आओ!

देवरानी: जी महाराज!


[Image: dev-bal.jpg]

राजपाल; तुम बड़ी भोली हो देवरानी! ऐसा दृश्य होने का मतलब है कि महल में घुसपैठ हुई है।

देवरानी: अरे ऐसा है महाराज! लेकिन घुसपैठ हुई आपके महल में, तो आप ने पकड़ा क्यू नहीं, कुछ चोरी तो नहीं कर लिया?

देवरानी भोली बनती हुई कहती है।

बलदेव देवरानी को देख मन में ("ये माँ बड़ी तेज़ है इतनी जल्दी वस्त्र बदल लिए, साडी पहन ली और आ कर सती सावित्री बन रही है।") 

राजपाल; तुम सही में भोली हो ऐसे घुसपैठिये जासूसी करने आते हैं, किसी भी महल में । ये चोरी नहीं करते।

देवरानी; (मन में) राजपाल में भोली हुआ करती थी पर अब नहीं रही और बलदेव ने घुसपैठ कर के मेरा दिल चुरा लिया है । पर तुमसे हमसे क्या?


[Image: DEVRANI00.jpg]

देवरानी; अच्छा महाराज मुझे नहीं पता था।

सृष्टि: इसे कहाँ समझ रहे हो महाराज! ये सब समझने के लिए दिमाग होना चाहिए।

राजपाल; और ये चादर छोड़ के भाग गया घुसपैठिया ।

सबकी नज़र उस चादर पर जाती है।

जीविका: (मन में) ये चादर तो जानी पहचानी लग रही है, कहीं मैं जो सोच रही हूँ वह सही तो नहीं बलदेव...?

जीविका का तेज दिमाग भांप कर तेजी से दौड़ने लगता है।

सृष्टि: ये चादर तो मैंने कहीं तो पहले भी देखी है। महाराज को बताऊंगी।


[Image: 012.webp]

राजपाल: जाओ अब सब! अपने-अपने कक्ष में जा कर आराम करो! अभी इतनी रात में कोई बहस नहीं चाहता और हाँ कमला आज तुम गई नहीं अपने घर?

कमला: वह महाराज मैं जा रही थी पर!

देवरानी: वो मैंने ही इसे रोक लीया था क्योंकि मेरे कमर में दर्द था।

देवरानी: (मन मैं) ये कमला का रोक के क्या फ़ायदा हुआ । कामिनी सो गई थी जिसकी वजह से ये सब हुआ। अगर पहले सचेत कर देती तो?

जीविका; (मन में) लगता है कमर तोड़ के पेलवा रही है रंडी! जो कमर की मालिश करवाती रहती है।

सब लोग अपने-अपने कक्ष में जाने लगते हैं।



[Image: kd.jpg]
देवरानी: सासु माँ चलो! मैं छोड़ देती हूँ आपको।

जीविका मैं बैसाखी के सहारे चली जाउंगी।

राजपाल: माँ अगर वह मदद करना चाहती है तो उसके साथ चली जाओ ना।

जीविका: मैं अभी इतनी भी बेबस नहीं हुई हूँ।

और देवरानी के ओर गुस्से से देखती है।

थोड़े देर में सब एक-एक कर के वापस सोने चले जाते हैं।

राजपाल सोचते हुए अपनी कक्षा में जा रहा था।

"ये देवरानी के कक्ष के पास से ही घुसपैठिये ने भागना शुरू किया था।"

वो कुछ सोच कर देवरानी के कक्ष की ओर जाता है।

देवरानी का दरवाजा खटखटाता है।


[Image: DEVRANI02.jpg]
google choose a number between 1 and 3


"अरे महाराज आप!"

देवरानी (मन में) ; हे भगवान! ये इतनी रात में यहाँ ।! कहीं इसका कुछ गलत इरादा तो नहीं, कहीं इसका पति प्रेम तो नहीं जग गया। "

"क्या हुआ महाराज कुछ काम था?"

"देवरानी क्या दरवाजे पर ही रहु? अंदर तो आने दो मुझे ।"

"ओह्ह! हा आइये ना महाराज!"

राजपाल आकर कक्ष के चारो ओर देखता है।

राजपाल: देवरानी क्या तुमने घुसपैठिये के आने की या चलने की आवाज सुनी थी।

देवरानी: नहीं महाराज! मैं नींद में थी।

राजपाल (मन में) : कहीं देवरानी का किसी से चक्कर तो नहीं या यही किसी के सहारे हम पर आक्रमण तो नहीं करवा रहे हैं षड्यंत्रकारी ।

देवरानी (मन में) ; बस यही तुम्हारा पति धर्म है। अपनी पत्नी पर शक करना कि वह दुश्मनी कर रही है और तुम्हारी जान लेना चाहती है। ये सब सृष्टि ने तुम्हारे दिमाग में भर दिया है।



[Image: Z9E.jpg]
राजपाल: ठीक है मैं जाता हूँ।

राजपाल के जते हे देवरानी फटाक से दरवाजा लगा के लम्बी-लम्बी साँस लेने लगती है।

"हे भगवान बचा लिया तूने! नहीं तो अगर राजपाल मेरे साथ कुछ ऊंच नीच करते तो मैं उन्हें रोक नहीं पाती, क्यूकी वह अब भी मेरे पति है समाज के सामने और फिर मैं बलदेव को क्या मुंह दिखाती?"

"नहीं मैं राजपाल को, अपने शरीर को छूने भी नहीं दे सकती इसपे अब सिर्फ बलदेव का हक है।"

फिर देवरानी मुस्कुराती है।

"भगवान क्या हो रहा है मुझे जब बलदेव आया औरमेरे साथ रंगरलिया मना कर गया तो मुझे संकोच नहीं हुआ पर राजपाल के आते, मैं ऐसे डरने लगी जैसे कोई गैर पुरुष आगया हो।"

"सच मैं मुझे बलदेव से प्रेम हो गया है।"


और फिर जा कर उल्टा लेट कर कामसूत्र पुस्तक उठा कर पढ़ने लगती है।


जारी रहेगी
Reply
08-12-2023, 04:07 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 48 A

दाग-शक के बीज

देवरानी: उह! बलदेव, एक दिन मुझे भी इस चित्र की तरह अपने गोद में उठाया खड़े-खड़े पेलना इस निगोड़ी बुर ने मुझे बहुत तड़पाया है...! ओह्ह! "बलदेव के लिंग का पानी कितना मज़ेदार था!"


[Image: LICK-CUM.gif]

चुत को मसलते हुए बिस्तर पर देवरानी आज की घटना को याद कर रही थी, कैसे उसे बलदेव ने रगड़ा था और उसका साथ दे कर देवरानी को आज एक अलग ही सुख का एहसास हो रहा था। आखिर में वह किसी भी तरह उस रात में सो जाती है।

बलदेव भी देवरानी पर खूब मेहनत कर अपना पानी गिरा कर हल्का हो गया था। बाप दुवारा पकड़े जाने से बचने की ख़ुशी भी थी उसे और वह चैन की नींद लेने लगता है।


[Image: DEVRANI-KHUSH.jpg]
host pictures

राजपाल के मन में कहीं न कहीं शक पैदा हो गया था कि, इस घुसपैठ के पीछे कहीं देवरानी तो नहीं जुड़ी है और कहीं उसके देवरानी की ओर से ध्यान नहीं देने के कारण, किसी से सम्बंध तो नहीं बना लीये हैं देवरानी ने!

जीविका तो मन ही मन समझ गई थी घुसपैठ किसी अन्य ने नहीं बल्कि बलदेव ने ही की है, वह भी अपनी माँ के लिए और सृष्टि के मन में भी शंका पैदा हो गई थी, के हो ना हो ये चादर जो घुसपैठिये ने छोड़ दी थी वह देवरानी की ही है।

सुबह सब से पहले कमला उठती हैऔर घर का काम करने में लग जाती है। उसके बाद जीविका उठती है और टहलने के लिए बाग में चली जाती है। राजपाल भी सुबह जल्दी उठ जाता है और महल के बाहर टहलने लगता है।

सृष्टि स्नान घर से निकल कर आती है।

शुरुष्टि: कमला कहा हो तुम?

कमला: महारानी रसोई में हूँ।

शुरुष्टि रसोई की ओर आ कर...

"कमला मेरे कपड़े कुछ गंदे हो गए हैं थोड़ा देख लेना।"



[Image: KAMLA-MAID.gif]


"ठीक है महारानी मैं कर दूंगी साफ।"

कमला रसोई का काम ख़त्म कर के कपडे धोने के लिए सब जगह से कपडे इकठ्ठा करने लगती है।

कमला: हे भगवान सब उठ गये ये प्रेमी जोड़ा अब तक सो रहे है देखु ज़रा इनको।

कमला देवरानी की कक्षा में जाती है।

कमला: महरानी देवरानी हद्द हो गयी अब तक सो रही हो आप।


[Image: SEMI00.jpg]

देवरानी एक अंगड़ाई ले कर उठती है।

"कमला कहो ना क्या बात है।"

"अब मैं क्या कहूँ महारानी उठ जाओ सुबह कब की हो गयी है।"

देवरानी उठ के बैठ जाती है।

"कमला मेरे बदन का नस-नस दुख हो रहा है।"

अपनी अधखुली आंखो से देवरानी कहती है।



[Image: SARI1.jpg]
share image
"क्यू महारानी कल रात में कुवा खुदवा ली क्या?"

"हट पागल कमला!" शर्मा कर फिर लेट जाती है।

"अब कर लो बात! कुछ भी नहीं और रोम-रोम दर्द भी है! ऐसा नहीं हो सकता, कोई बात नहीं महारानी वर्षो बाद प्रेम का खेल रही हो, शरीर को धीरे-धीरे आदत हो जाएगी।"

"चुप करो कमला! जाओ अपना काम करो!"

"ठीक है महरानी सोती रहो! सब पूजापाठ, सुबह उठ कर स्नान करना भूल गई हो! , मैं जाती हूँ कपड़े धोने, तुम्हारा कुछ है धोने के लिए तो बताओ!"


[Image: SLEEP3.gif]

देवरानी उल्टा लेती हुई अपना मुँह तकिये से दबाये बोलती है।

"हा स्नान गृह में देखो, अलगनी पर उतरे वस्त्र है सब धो दो!"


[Image: DHOB3.jpg]

"ठीक है महारानी!"

कमला सब वस्त्र ले कर चली जाती है महल के एक कोने में जहाँ पर कुआ था और बड़ी-सी पक्की जगह थी वहाँ पर सिर्फ कपडे धोये जाते थे वहाँ पर जाकर कमला बारी-बारी से कपडे धोने लगती है।

कमला अब जैसे ही देवरानी की एक साडी धो कर फिर से बाल्टी में हाथ डालती है तो उसके हाथ में एक छोटी धोती नुमा कपड़ा आता है जिसे देख उसके मुँह से निकलता है।


[Image: DHOB1.jpg]

"हाय राम ये तो इतना छोटी-सी धोती है वह भी रेशमी है ये महारानी कब से ऐसा वस्त्र पहनने लगी!"

"अच्छा रात का कार्यक्रम में यही धारण किया था महारानी ने!"

जारी रहेगी
Reply
08-12-2023, 04:09 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 48 B

दाग-शक के बीज

देवरानी: उह! बलदेव, एक दिन मुझे भी इस चित्र की तरह अपने गोद में उठाया खड़े-खड़े पेलना इस निगोड़ी बुर ने मुझे बहुत तड़पाया है...! ओह्ह! "बलदेव के लिंग का पानी कितना मज़ेदार था!"


[Image: LICK-CUM.gif]


देवरानी उल्टा लेती हुई अपना मुँह तकिये से दबाये बोलती है।

"हा स्नान गृह में देखो, अलगनी पर उतरे वस्त्र है सब धो दो!"


"ठीक है महारानी!"



[Image: SLEEP3.gif]

कमला सब वस्त्र ले कर चली जाती है महल के एक कोने में जहाँ पर कुआ था और बड़ी-सी पक्की जगह थी वहाँ पर सिर्फ कपडे धोये जाते थे वहाँ पर जाकर कमला बारी-बारी से कपडे धोने लगती है।

कमला अब जैसे ही देवरानी की एक साडी धो कर फिर से बाल्टी में हाथ डालती है तो उसके हाथ में एक छोटी धोती नुमा कपड़ा आता है जिसे देख उसके मुँह से निकलता है।


[Image: DHOB1.jpg]

"हाय राम ये तो इतना छोटी-सी धोती है वह भी रेशमी है ये महारानी कब से ऐसा वस्त्र पहनने लगी!"

"अच्छा रात का कार्यक्रम में यही धारण किया था महारानी ने!"

तभी उसके साथ का ब्लाउज भी निकलाती है बाल्टी से "ये देखो इतना छोटा-सा ब्लाउज पहना था और जिसके दूध पहाड़ जैसे हो उसे ये क्या छुपाएगा?"

अब कमला उस धोती को पकड़ के जैसे ही उस पर पानी मारने वाली थी वहाँ सामने से सृष्टि आ जाती है।

शुरुष्टि: कामला ये क्या समय व्यर्थ कर रही हो?


[Image: DHOB2.jpg]

सृष्टि को देख कमला चौक जाती है पर संभाल कर बोलती है।

"क्या हुआ महारानी?"

"मैंने कहा था तुम्हें मेरा कपड़ा धोने के लिए पूरे राज्यके वस्त्र धोने के लिए तुम्हे नहीं बोला था।"

"ये किसके वस्त्र धो रही हो?"

"महारानी देवरानी का है ये।"


[Image: DR0.jpg]

सृष्टि (मन में: ये पहनने से अच्छा है कि नग्न ही रह ले देवरानी।) 

तभी सृष्टि की पैनी नजर देवरानी की उस धोती पर पड़ती जहाँ पर कुछ सफेद दाग लगा था।

सृष्टि: कामला ये क्या लगा कर धो रही हो इसको?

कमला: कुछ नहीं महारानी।

सृष्टि अपनी उंगली दिखा कर पूछती है।

"तो वह क्या है सफेद-सा जो वस्त्र पर चिपका हुआ है?"

कमला भी आचार्य चकित हो कर देखती है तो पाती है कुछ गाढ़ा-सा पदार्थ चिपका हुआ है देवरानी के कपडे पर!

"ये क्या लग गया अब!" कमला उसपर एक उंगली लगा कर घिसती है पर वह कड़ा हो गया था और अब ज़ोर लगाने से वह और फेल जाता है और फिर कमला की उंगली में सबसे चिपक जाता है।

शुरुष्टि: छी ये क्या चीज है?

कमला: लिसलिसा चिपचिपा लिस्सा जैसा है।


[Image: CUM.gif]

शुरष्टि (मन में: ये लिस्सा नहीं वीर्य है और इसके गाढ़ेपन से लग रहा है कि ये किसी पुरुष का है अगर देवरानी का होता तो उसके सामने की तरफ लगा होता पर ये पीछे लगा हुआ है।) 

कमला: (मन में) ये देवरानी भी ना पता नहीं क्या लगा लिया? कहीं ये वीर्य तो नहीं पर अब सृष्टि को क्या बोलू!



[Image: KAMLA-RANI.jpg]

कमला: महारानी सृष्टि वह कपड़ा मैंने सब कपडो के नीचे रखा था, सब वस्त्र इकठा करने के लिए तो कुछ लग गया होगा।

सृष्टि: अच्छा-अच्छा ठीक है। (मन में: देवरानी ये वस्त्र तो ना रात में पेहनी थी और ना ही कल तो ये गंदा कब हुआ और देवरानी ने इसे पेहना कब? कहीं इसके तार रात हुए घुसपैठ से तो नहीं मिलते...) 

शुरष्टि: अच्छा कमला देवरानी अभी तक उठी नहीं क्या हुआ?

कमला: हाँ उनके बदन में थोड़ा दर्द है।

सृष्टि अंदर ही अंदर एक मुस्कान देती है और (मन मैं "अब मैं सब समझी अगर जो मैं सोच रही हूँ वह सही निकला तो मेरी प्यारी देवरानी तुम्हारे प्राण लेने का सही समय आ गया है।") 

इधर देवरानी उठ कर स्नान घर में जाती है तो उसे अचानक कुछ याद आता है वह झट से बाहर जा कर कक्ष में देखती है फिर आकर अंदर ढूँढने लगती है।

"हे भगवान कमला भी ना ...मेरा वह वस्त्र भी ले गई। मैं तो भूल गई थी उस पर वह दाग भी था बलदेव के लंड के पानी का।"

"किसी ने देख लिया तो? अब क्या करू!"


[Image: AB2.jpg]

फिर वह स्नान कर के आती है कपडे बदल के अपने कक्ष में रखे मंदिर के पास हाथ जोडे खड़ी होती है।

फिर दिया जलाती है मंदिर का और कुछ अगरबती जलाती है फिर मंत्रो को जाप शुरू कर देती है कुछ आधे घंटे तक पूजा करती रहती है फिर अपने मन में भगवान से प्रार्थना करने लगती है।

"भगवान मेरा कोई नहीं पर तू है, तू था और तू रहेगा। मेरे जीवन में बलदेव एक नई ख़ुशी ले कर आया है। भगवान हमारे प्यार को किसी की नज़र ना लगे।"

अपने आखे खोलती है तो सामने कमला खड़ी मुस्कुरा रही थी।

देवरानी पूजा की थाली ले कर कमला की तरफ से दिया और निकलते धुवे को कमला की तरफ हाथ करती है और उसे अपने हाथ से प्रसाद देती है।


[Image: KAMLA-DEV.jpg]

"धन्यवाद महारानी।"

"कमला ये लो थाली और सबको प्रसाद बांट दो!"

"महारानी मुझे थाली प्रसाद दो,  बाँट ही दूँगी पर उसके पहले!"

कमला थाली ले कर पास में वही रख देती है और देवरानी का हाथ पकड़ कर बिस्तर पर बैठा कर

"महारानी आप को कुछ ऐसा धुलवाना था जो आप सब से छुपा कर पहनती हो तो मैं यही धो देती।"

"कमला मैं समझ रही हूँ तुम क्या कह रही हो। मैं नींद में थी दिमाग से वह उतर गया था। मुझे चिंता लग रही थी की ..."

"लग नहीं महारानी गड़बड़ हो गई है।"

"कैसे? कामला क्या हुआ है? बताओ!"

"महारानी वह आपकी धोती पर लगे आप के प्रेमी के पानी का दाग सृष्टि ने देख लिया है।"

"उफ़ अब क्या करूँ मैं?"


[Image: 012.webp]

देवरानी परेशान हो कर बोली।


जारी रहेगी
Reply
08-12-2023, 04:10 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी

अपडेट 48 C

दाग-शक के बीज


देवरानी परेशान हो कर बोली।

"हाँ वह तो शातिर है, उसे मैं आसानी से बेवकूफ भी नहीं बना सकती थी। मुझे लगता है कि वह समझ गई कि किसी पुरुष का वीर्य है।"




[Image: LICK-CUM.gif]


"हे भगवान कमला! कही वह ये बात महाराज को ना बता दे?"



[Image: SLEEP3.gif]

"हाँ वह रात की बात भी समझ चुकी होगी। डरो मत महारानी आज नहीं तो कल पता तो चलना ही है।"

"हम्म वह तो है, मैं नहीं डरती किसी से! ज्यादा से ज्यादा मेरी जान ले लेंगे!"



[Image: DR0.jpg]
"अरे छोड़ो उसे! अभी शक वह पैदा हुआ है ना । उसके पास क्या सबूत है?"




[Image: CUM.gif]


"कमला तुम तो बस चुप रहो, सब तुम्हारे कारण से हो रहा है। कल रात में घोड़े बेच कर सो गई थी । महाराज के आने का इशारा कर देती तो मैं बलदेव को ऐसे बाहर ना भेजती।"


[Image: P0A1.jpg]

"मेरा बलदेव बाल-बाल बच गया। नहीं तो पकड़ा जाता!"

"महारानी तुम ना भेजती बलदेव को बाहर, पर महाराज को अगर चलने की आवाज आ चुकी थी और वह कहीं आपका कक्ष खुलवा कर देखते और म दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेते तो?"

"हम्म वह भी है कमला!"

"इसलिये कहती हूँ महारानी जो होता है अच्छे के लिए होता है मौज करो, डरो नहीं! मरना तो एक दिन है ही।"

"कमला तू इतना ज्ञान कहाँ से लाती है?"

"जैसा तुमने बलदेव का वीर्य अपने कपड़े पर लगा लिया वैसे ही मेरे पास ज्ञान आ गया।"

"चल हट कामिनी कहीं की। वह तो बस!"


[Image: md12.jpg]

"क्या बस महरानी!"

"महारानी तुम तो कहती हो कुछ नहीं हुआ पर तुम्हारे रोम-रोम में भी दर्द हो रहा था!"

"अरे कामिनी बस हम कोई जल्दीबाजी नहीं करना चाहते पर वह बलदेव ने जोश में आ कर पीछे से रगड़ के पानी छोड़ दिया!"

देवरानी शर्मा कर अपना मुंह फेर लेती है।

"महारानी है वह तुम्हारा पिछवाड़ा है ही ऐसा अच्छा! क्या खूब मसला बलदेव ने और महारानी इतना गाढ़ा वीर्य मैंने तो कभी नहीं देखा!"

"हम्म पता है कमला!"

 (मन में: कमला अब तुम्हें क्या बताऊँ की मैंने मेरे प्यारे प्रेमी के वीर्य के अनमोल दानो को, मेरे बेटे के बीज को चखा भी है और जिसका स्वाद अब तक मेरे मुंह में है।

"क्या सोच रही हो महारानी बलदेव का ऐसा गाड़ा अमोघ वीर्य है कि किसी भी महिला को एक बच्चे नहीं दो बच्चे की माँ बना दे!"


[Image: DR1.gif]

"चुप कर कामिनी कमला! और जा प्रसाद बांट दे सबको!"

कमला: महारानी ध्यान से करना कहि बलदेव आपको ही जुड़वा बच्चे की माँ ना बना दे!

ये कह कर कमला प्रसाद की थाली ले कर जल्दबाजी में भागती है और हसती है।

देवरानी: कमला की बच्चीऔर उसके ऊपर हाथ उठाये उसके पीछे भागती है।

कमला तेजी से भाग जाती है और देवरानी ज़ोर से हस देती है और आखे बंद कर के... 

"हे भगवान ये कमला भी ना।" और बलदेव द्वारा उसे गर्भआती कर देने वाली बात सोच कर उसका रोम-रोम सिहर जाता है फिर कुछ सोच कर।



[Image: md15.jpg]
"प्यार मेरा है, प्रेमी मेरा है, वह एक बच्चे से मुझे गर्भवती करे या जुड़वाँ से इससे इस कमला को क्या काम?"

उधर बलदेव भी अब उठ चुका था फिर व्यायाम कर के स्नान कर तैयार हो गया है और वैद द्वारा दिया चूरन खा लेता है उतने में कमला वहाँ आती है।

कमला: ये लो युवराज प्रसाद!

युवराज बलदेव कमला से प्रसाद ले कर श्रद्धा के साथ प्रसाद खा लेता है।

कमला: कब तक चूरन खाओगे प्रसाद खाओ।

बलदेव: कमला वह तो मैं बच गया रात में नहीं तो तुम तो मुझे मरवा ही देती।

कमला: अपनी माँ को ले कर सोना भी है और मजे भी करने है या डरते भी हो!

बलदेव: डरते तो हम अपने बाप से भी नहीं हैं!

[Image: q6.webp]

कमला: हाँ जानती हूँ इसलिए तुमने अपनी ही माँ को पटा लिया है और आधी रात माँ के साथ मजे ले कर उसके वह कक्ष में उसीके बिस्तर पर ही सो जाते हो।

बलदेव: हाँ कमला हमें कुछ न कुछ सोचना पड़ेगा! क्यू के हम और ज्यादा दिन तक ये छुपनछुपायी का खेल इस तरह से नहीं खेल सकते!

कमला: तो आपका युवराज से महाराज बन ने का इरादा है?

बलदेव: अब तुम्हारी महारानी मेरी हुई तो महाराज तो हो गया मैं।

कमला: पर आधे हुए ही अभी क्यूकी अभी ब्याह तो किया नहीं है।

बलदेव: विवाह हाहा! उसका पता नहीं पर मेरे प्रेम में दीवानी है तुम्हारी महारानी!



[Image: POO-DEVRANI.jpg]
कमला: चलो अब प्रसाद खा लिया और अब मैं अपना काम करने जा रही हूँ और कक्ष से बाहर जाने लगती है।

बलदेव: अरे सुनो तो ये तो बताती जाओ मेरी रानी कहा है अभी?

कमला: तैयार हो कर बैठी है तुम्हारे लिए अपनी कक्षा में और जल्दबाजी में बाहर चली जाती है।

बलदेव (मन में अब मुझे अपना असली प्रसाद खाना चाहिए जो भगवान ने सिर्फ मेरे लिए बनाया है) 

जारी रहेगी
Reply
08-13-2023, 07:24 AM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 49 A

प्रेम प्रतिज्ञा


बलदेव: अरे कमला सुनो तो ये तो बताती जाओ मेरी रानी कहा है अभी?

कमला: तैयार हो कर बैठी है तुम्हारे लिए अपनी कक्षा में और जल्दबाजी में बाहर चली जाती है।

बलदेव (मन में अब मुझे अपना असली प्रसाद खाना चाहिए जो भगवान ने सिर्फ मेरे लिए बनाया है।) 


[Image: SAREE1.gif]


बलदेव अपनी माँ से मिलने के लिए चल पड़ता है और उसकी कक्षा में जा कर देखता है, परंतु उसे देवरानी कही दिखाई नहीं देती। तो पुकारता है ।

"माँ कहा हो?"

अब तक देवरानी तय्यर होकर रसोई घर में आ जाती है और नाश्ता तैयार करने लगी थी।

जैसे ही उसके कानो में बलदे की आवाज़ पड़ती है । (मन में एक पल भी चैन नहीं मेरे पिया को) 

"बेटा मैं रसोई में हूँ।"


[Image: 362900842-824205232555045-3374187019534448638-n.jpg]

और अपने काम में लग जाती है।

बलदेव भागता हुआ रसोई की तरफ आता है।



देवरानी खड़ी हुई काम कर रही थी और उसके हर बार हिलने से सुर में उसकी बड़ी गांड भी हिल रही थी। सुर में अपनी माँ की गांड को हिलते हुए देख।

"हाय माँ कब दोगी मुझे । इन्हें मारने के लिए कब से तरस रहा हूँ और तुमने अब तक मुझे मसलने भी नहीं दीया ।"

देवरानी आहट सुन कर


[Image: KITCHEN-ASS1.gif]

"आजाओ बलदेव! वहा क्यू खड़े हो?"

मन में: मेरी गांड को ही घुरता रहेगा हाँ...

"मां आज बहुत महक रही हो आप, क्या बात है।"

"सच में बलदेव"


[Image: ASS-KITCHEN-1.gif]
"हाँ माँ कौन से साबुन से नहाई हो और कौन-सा इत्र लगाया है?"

और बलदेव देवरानी के करीब जाता है।

"ये तुम्हारे प्यार की ख़ुशबू है। बलदेव! तुमने ही तो मेरा अंग-अंग महकाया है।"

बलदेव देवरानी से चिपक जाता है।

"झूठी कहीं कि तुम्हारा बदन तो पहले से चंदन-सा महक रहा था।"




[Image: 49-1.gif]
image upload
बलदेव देवरानी के कमर को पकड़ कर घुमाता हुआ अपने से पकड़ लेता है। तो उसके पल्लू नीचे गिर जाते है। जिस से बड़े वक्ष सामने दिखाई देने लगते है। बलदेव अचानक उसपर अपने होठ रख कर चूम लेता है और देवरानी के कमर को मसलते हुए उसकी बड़ी गांड को अपने से चिपका लेता है।

"हम्म देवरानी! क्यू तड़पती हो?"

"आह राजा! जरा आराम से मेरे राजा1 सुबह-सुबह वह शुरू हो गए."

देवरानी अपने दूध पर बलदेव के होठ लगते ही सिहर जाती है।

"मेरी मर्जी! मैं कभी भी अपनी रानी को प्यार करू!"


[Image: BEND.gif]

"पर अभी सुबह का समय है। घर पर सब है।"

"रात में तो खूब रंग जमाया था तुमने और अभी डर रही हो!"

देवरानी अपना पल्लू उठा। कर फिर से अपने बड़े वक्ष को ढक लेती है।

"हा हा देखो कैसे छुपा रही हो" ये तुम्हारे छुपने से छुपने वाले नहीं महारानी जी! "

देवरानी लज्जा जाती है।


[Image: blush1.gif]

"अहा देखो कैसी शर्मा रही है। मेरी रानी"

"बलदेव..."

"हाँ माँ"

"कभी कभी मजाक से हट कर कुछ कर लिया करो"

"कहो ना माँ क्यू परेशान हो रही हो? आज लगता है, कुछ सोच रही हो क्या चिंता है?"

[Image: BACK-HOLD.gif]



देवरानी अपना मुँह गिरा के

"बलदेव रात में तुम फसते-फसते बचे और आज सुबह मैं फंस गई"

"वो कैसे"

"बेटा वह कल तुमने अपना पानी छोड़ कर धोती ख़राब कर दी थी जिसे कमला धोने ले गई और तुम्हारी सृष्टि माँ ने देख लिया।"

"मां तो वह क्या समझ जाएगी वह इस बात से?"

"बेटा तुम नहीं समझते वह कितनी शातिर है। वह समझ गई होगी कि वीर्य पुरुष का है और वह मेरे पर नज़र रखने लगेगी।"

"मां तो तुमने वह वस्त्र कमला को क्यू बाहर ले जाने दिया?"


[Image: MAHA1A.jpg]

"बेटा मैं क्या करती तुम्हारी रात भर मस्ती की सुबह अंग-अंग टूट रहा था।"

"बस बस हमारा वह कुछ नहीं कर सकती । आप निश्चिंत रहे और ये सृष्टि को आपके ऊपर किये गए सब अत्याचारो का उत्तर देना होगा"

देवरानी अब जा कर थोड़ी चिंता से बाहर आती है।

बलदेव माहौल बदलने के लिए

"वैसे माँ कल तुमने बड़ा जल्दी वस्त्र बदल कर आगयी थी।"

देवरानी मुस्कुराती है।

"वैसे सती सावित्री अवतार में भी तुम कम कामुक नहीं लगती हो मेरी परी!"


[Image: P1F.jpg]

"चुप कर बदमाश, सब हम पर शक कर रहे हैं और तू मुझे रसोई के बाहर खड़ा निहार रहा था। कोई देख लेता तो।"

बलदेव देवरानी केपैरो के नीचे बैठते हुए बलदेव बोला ...

"देवरानी ये तुम्हारे पहाड़ जैसे चूतड़ों ने मेरे नींद छै।न उड़ा दी है।"

जारी रहेगी
Reply
08-13-2023, 07:26 AM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 49 B

प्रेम प्रतिज्ञा


[Image: BACK-HOLD.gif]

"चुप कर बदमाश, सब हम पर शक कर रहे हैं और तू मुझे रसोई के बाहर खड़ा निहार रहा था। कोई देख लेता तो।"


बलदेव देवरानी केपैरो के नीचे बैठते हुए बलदेव बोला ...



[Image: MAHA1A.jpg]


"चुप कर बदमाश, सब हम पर शक कर रहे हैं और तू मुझे रसोई के बाहर खड़ा निहार रहा था। कोई देख लेता तो।"

बलदेव देवरानी केपैरो के नीचे बैठते हुए बलदेव बोला ...

"देवरानी ये तुम्हारे पहाड़ जैसे चूतड़ों ने मेरे नींद छै।न उड़ा दी है।"

"छी! गन्दे कहीं के."


[Image: 49-2.webp]

"मां मैं इन्हे दबोच कर खूब मसलना चाहता हूँ पर मेरी रानी पर तुम नहीं आगे बढ़ने देती मुझे।"

और बलदेव बच्चे-सा मुँह बना लेता है।

बलदेव झुका कर देवरानी की गांड के पास अपना मुंह ले जा कर उसे सुंघ कर आँख बंद कर लिया था।

"ओह मेरा राजा रात में तो तुमने उसपे अपना वह रगड़ कर उसपे पानी भी गिरा तो दिया था।"

"माँ आज मुझे पहाड़ों को खोद देना है।"

"राजा तुम इस पहाड़ के मालिक हो तो अनुमति कैसी!"



[Image: 49-3.gif]
बलदेव नीचे से अपने बड़े हाथो को माँ के दोनों चूतड़ों के करीब लाता है। मस्ती में और देवरानी अपना चूतड हल्का घुमाती है।

"माँ, इस पहाड़ की गुफा में घूमना चाहता हूँ।"

"ये गुफा बहुत छोटी है। बेटा कैसे घुमोगे"

"मां अपने घोड़े को घुमाऊंगा"

"पर अंदर अँधेरा है। घोड़ा डर नहीं जाएगा गहरी गुफा देख के"

"मेरा घोड़ा इसकी गहरी गुफा की जद तक नाप देगा माँ"


[Image: 53-9B.gif]

बलदेव अपना हाथ उसको चूत पर रख सहला देता है।

"आआआह बेटा उहह आआआआह बलदेव!"

"उफ़ माँ कितने मुलायम चुतर हैं। कितने मखमली हैं। ये दूध से भी चिकने और गद्देदार है ।"



[Image: 49-4.gif]

और बलदेव उसके कमर पर चुम्बन दे देता है।

"आआआह बलदेव जान लोगे मेरी"

बलदेव अब हल्का-सा हाथ फेरते हुए दोनों हाथो से उसके चूतर को सहला रहा था।



[Image: 49-5.gif]

"आह माँ इन चूतर ने मेरे दिल के कई टुकड़े किये हैं। इनसे तो मैं बदला लूँगा"

"आह बलदेव जान वह ले लोगे क्या इनकी।"

"मां इस चुतडी ने कई बार मेरी सांसे रोक दी है।"

देवरानी अपनी चूत को सहलाने भर से उत्साहित हो जाती है और बलदेव को पास वह बिस्तर पर गिरा देती है।

[Image: SAREE2.gif]


"आआह बलदेव इतना पसंद है। मेरे ये तुमको"

"हाँ माँ बहुत पसंद है उम्म क्या मुलायम है।"

"आह बलदेव"

"माँ तुम पहाड़ों को ले कर चल कैसे पाती हो? भारी नहीं लगता?"

"उफ़ हट बदमाश!"

देवरानी शर्मा जाती है और खड़ी हो जाती है।

"अरी मेरी रानी बुरा मान गई"


[Image: SARI4.gif]

"मां दुनिया में तुम्हारे जैसे चूतड़ किसी के पास नहीं है ।"

"चल झूठा।"

"मां तुम्हें प्रेमी बना के मैं धनी हो गया।"

देवरानी समझ जाती है। बलदेव ने आज मस्ती का मन बाना लिया है।

"वो तो हू मैं पारस की सब से सुंदर लड़की थी मैं किसी जमाने में।"

"मां, आप अब भी सबसे सुंदर हो जब तुम चलती हो तो ये दोनों नितम्ब इस तरह से सुर में ऊपर नीचे होते हैं, जैसे झगड़ा कर रहे हो आपस में।"

"हाँ इसलिए तू इन्हें घूरता रहता है।"

बलदेव उठ कर खड़ा होता है।

"मां एक बार चल के दिखाओ ना।"

"क्यू बाबा अब तुम्हें मैं चल के क्यू दिखाउ? तुम्हारी पत्नी नहीं हूँ मैं।"

"मां एक बार चलो ना दो कदम मुझे इस बड़े मनमोह लेने वाले चूतडो की थिरकन देखनी है।"



[Image: SARI3.gif]
देवरानी ये बात सुन कर शर्म और उत्तेज़ना से भर कर एक बार बलदेव की आँखों में देख के सोचती है। "ये तो अपने बाप से 10 कदम आगे है। अभी से इसकी अपेक्षा इतनी है । आगे ये क्या करेगा जब अभी ये मुझे आज दिन दिहाड़े पेलने पर तुला है।"

जारी रहेगी
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  A Fresh Perspective on Indian Live Sex and Live Porn India desiaks 0 16,883 03-13-2024, 01:53 PM
Last Post: desiaks
  Saali Adhi Gharwali - 2 ratanraj2301 1 16,998 03-12-2024, 11:57 AM
Last Post: volohan
Bug Jannath Ke Hoor's sashi_bond 0 5,029 02-29-2024, 12:54 PM
Last Post: sashi_bond
  गुलाबो Peacelover 19 32,214 12-04-2023, 06:42 PM
Last Post: Peacelover
Exclamation Meri sagi mom ki chudai-1 (How I became Incest) gotakaabhilash 6 52,327 12-02-2023, 01:36 PM
Last Post: gotakaabhilash
  दीदी को चुदवाया Ranu 101 542,919 11-27-2023, 01:13 AM
Last Post: Ranu
  Sach me Saali adhi Gharwali - Part 1 ratanraj2301 0 9,063 11-22-2023, 09:58 PM
Last Post: ratanraj2301
  Maa ka khayal Takecareofmeplease 25 245,026 11-08-2023, 01:58 PM
Last Post: peltat
  FFM sex series Part 1 सपना Popcorn 4 11,713 11-08-2023, 12:16 AM
Last Post: Popcorn
Rainbow Threesome with my wife(rohan420) Rohan420 3 16,846 11-04-2023, 02:02 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)