Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-04-2021, 12:18 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
तब तक रीमा उस फौजी की बलिष्ट बांहों बांहों में उसी के भरोसे झूलती रहेगी | वो रीमा को हचक हचक के छोड़ेगा, ठोकरे मरेगा, मसलेगा, कुचलेगा, उसकी कमर पर झटके मार मार कर उसे बेहाल कर देगा | उसकी गिरफ्त में वो तड़पती मछली की तरफ फडफडाती रहेगी | आखिर क्यों वो एक अनजान मर्द के हाथो अपना सबकुछ लुटाने को तैयार है | आखिर उसकी गुलाबी चूत सुरंग के अंतर की गहराई में उतरने के बाद उसके मन का कौन सा कोना बचेगा जिसे वो अनछुआ कह सकेगी | जब उसका लंड उसकी सुरंग के अंतर के अंतिम छोर तक का सफ़र तय कर लेगा, फिर उसका अपना क्या रह जायेगा, किस बात पर वो गर्व कर पायेगी | किस बात को लेकर वो शीशे में अपनी आँखों में आंखे मिला पायेगी | उसका वजूद ही क्या रह जायेगा | क्या उसका वजूद बस एक गुलाबी चूत सुरंग भर का है, क्या उसका वजूद बस मर्द की जांघ के नीचे लेती औरत भर का है | क्या इस तरह से चुदना ही उसकी नियति है, क्या औरत की बस यही नियति है | जितेश का लंड घोटने के बाद रोहित को क्या मुहँ दिखाउंगी, आखिर क्यों प्रियम के गिडगिडाने के बाद भी उसे अपनी चूत नहीं चोदने दी | आखिर फिर जग्गू को क्यों मना किया | प्रियम जग्गू या बाकि मर्दों से जितेश में क्या अलग है | सबके पास लंड है और सभी मुझे चोदना चाहते थे | जैसे जितेश का लंड अभी मेरी चूत में जायेगा वैसे ही बाकि सबका लंड भी तो मेरी चूत जाता फिर मैंने उन्हें क्यों मना किया | आखिर ये दोगलापन नहीं है तो क्या है | जितेश में ऐसा क्या है जो प्रियम राजू या जग्गू में नहीं था | उसका बाप भी मुझे चोदना चाहता था आखिर जितेश जैसे ही पराये तो थे | फिर जितेश को अपने जिस्म की सबसे अनमोल धरोहर क्यों लूटने दे रही हूँ | नहीं मेरी चूत बहुत खास है इस पर रोहित जैसे मेरे अपने का ही हक़ है |
जितेश ने अपने तने लंड को पकड़ कर उस पर हाथ दो-चार बार आगे पीछे किया और उसकी खाल को खींचकर पीछे कर दिया था | जितेश ने अपने लंड से रीमा की चूत की दरार और दाने पर दो चार बार रगडा, जिससे रीमा की चूत के ओंठ दोनों तरफ को फ़ैल गए | फिर जितेश ने अपने लंड के फूले लाल सुपाडे को रीमा की चूत के गुलाबी ओंठो के बीच सटा दिया | रीमा सिसक उठी | एक अनजान मर्द का मोटा लंड उसके जिस्म के सबसे नाजुक हिस्से को चीरने जा रहा था | नहीं ये कैसे हो सकता है |

जितेश के तने लंड के सुपाडे का अगला सिरा रीमा की गुलाबी गरम चूत की नरम ओंठो को बस छुआ ही था कि तब तक रीमा प्रतिरोध करके जितेश को पीछे ठेलने लगी | जितेश को कुछ समझ नहीं आया, कहाँ वो रीमा की चूत पर लंड सटाकर उसे चोदने का अरमान पूरा करने जा रहा था यहाँ रीमा ने पूरा जोर लगाकर उसे पीछे धकेल दिया - नहीं ये नहीं हो सकता |
रीमा के इस बर्ताव से हैरान सा जितेश - क्या नहीं हो सकता |
रीमा वासना के नशे में उलझन से भरी हुई - मै तुम्हे ये नहीं करने दे सकती |
जितेश झुन्झुलाता हुआ - क्या नहीं करने दे सकती क्या नहीं हो सकता ?
रीमा - नहीं जितेश ये सही नहीं है |
जितेश - क्या हुआ कुछ बोलोगी भी, अभी तो ख़ुशी खुसी जांघे फैलाकर लेट गयी थी |
रीमा - मै आवेश में बह गयी थी लेकिन ये गलत है |
जितेश - क्या गलत है कुछ खुलकर बताओगी |
रीमा - तुम मुझे नहीं चोद सकते |
जितेश झुंझलाता हुआ - ठीक है नहीं चोदुंगा तुम्हे लेकिन हुआ क्या ये तो बता दो , आखिर मेरी गलती क्या है ?
रीमा - तुम्हे अहसास है चूत औरत के जिंदगी का कितना अहम् हिस्सा होती है | चूत की औरत की जिंदगी के क्या कीमत है | उसकी चूत से उसका पूरा अस्तित्व इज्जत भविष्य पूरी जिंदगी जुडी होती है |
जितेश - हाँ इतना जानता हूँ मै |
रीमा - तो तुम्हे ये भी मालूम होगा, जब औरत अपना जिस्म किसी को सौपती है तो कितना भरोसा करती होगी |
जितेश - आगे बोलो |
रीमा - मेरी जिंदगी की सबसे खास चीज मै तुम्हे नहीं लुटने दे सकती | ये चूत ही तो है जिसके कारन सर उठाकर सम्मान से जीती हूँ | वो तुम लूट लोगे फिर मेरे पास क्या रह जायेगा गर्व करने के लिए |
जितेश - मतलब ?
रीमा - हर औरत का गहना होती है ये चूत | इस गहने को औरत तभी उतारती है जब कोई उसकी जिंदगी का गहना बनने को तैयार हो जाये | जब औरत चुदती है तो उसका चाहने वाला या उसका पति उसका गहना बन जाता है | जिस पर वह गर्व करती है फूली नहीं समाती | कम से कम मन में संतोष तो रहता है उसकी चूत न सही उसको लूटने वाला तो उस पर जान छिडकता है | जिसको उसने अपना जिस्म सौपा है वो हर पल उसका साया बनकर उसके साथ रहेगा | उसकी अपनी से ज्यादा चाहेगा और उसके सुख के लिए खुद सारे दुःख उठाएगा |
जितेश चूत रहा और रीमा की बात को समझने की कोशिश करने लगा |
रीमा - खामोश क्यों हो, न तो तुम मेरे आशिक हो , न चाहने वाले हो, मुझे चोदकर मेरा सब कुछ लूट लोगे बदले में मुझे क्या मिलेगा, तुमारे महाशय की पिचकारी का जूस |
जितेश को अभी भी समझ नहीं आय लेकिन ख़ामोशी गलत दिशा में जा सकटी थी - क्या चाहती हो ये भी बता दो |
रीमा - मै कोई रंडी नहीं हूँ, न मै छिनार हूँ जो हर जगह मुहँ काला करवाती फिरू | मै माडर्न हूँ लेकिन इतनी भी नहीं की कही भी किसी से चुदवाती फिरू |
जितेश - फिर वो गार्ड के साथ वाला किस्सा |
रीमा - क्या करती मै, सड़ती रहती सूर्यदेव के चंगुल में | वैसे भी उसने पीछे लंड घुसेड़ा था |
जितेश - वो तो अब समझ में आया पीछे करवाने में प्रॉब्लम नहीं है, चूत चुदवाने में ईगो हर्ट हो रहा है, तुमारी ऐसी की तैसी |
इतना कहकर वो रीमा की तरफ लपका और झपट्टा मार कर रीमा को बाहों में जकड लिया |
रीमा उसकी सख्त मजबूत बांहों में कसमसाने लगी - छोड़ो मुझे |
जितेश - छोड़ो नहीं चोदो मुझे कहना चाहिए |
रीमा - नहीं जितेश तुम ऐसा नहीं कर सकते |
जितेश - इस समय तुम मेरे रहमोकरम पर हो और मै कुछ भी कर सकता हूँ |
रीमा उसके चंगुल से खुद को छुड़ाती हुई - तुम मेरा रेप करोगे |
जितेश भी उसे सख्ती से जकड़ते हुए - अगर नहीं मानी तो सख्ती तो करनी पड़ेगी न |
रीमा - तुम तो बेहद शरीफ इंसान हो तुम ऐसा कैसे कर सकते हो |
जितेश - जब शरीफ इंसानों का लंड खड़ा होता है तो उनकी शराफत भी लंड पर आ जाती है |
रीमा - नहीं प्लीज ऐसा मत करो |
जितेश ने रीमा को बेड पर पटक दिया और उस पर आकर छा गया | उसके इक हाथ से रीमा के दोनों हाथ पकड़कर ऊपर की तरफ कर दिए | फिर अपनी टांगे फंसा कर उसकी टांगे फ़ैलाने |
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09-04-2021, 12:19 PM,
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रीमा जितेश से मिन्नतें करने लगी - जितेश प्लीज ऐसा मत करो |
रीमा के दिल में सच में दहशत भरने लगी, उसे लगने लगा था अब जितेश उसको चोदकर ही मानेगा |
जितेश - ये तो अपने चूतड़ और चूत दिखाने से पहले सोचना चाहिये था | बहुत सब्र कर लिया है अब और नहीं रुका जाता |
इतना कहकर वो रीमा के चूत पर अपना लंड सटाने के लिए हाथ नीचे ले गया |

रीमा हताश स्वर में बोली - तुम भी दूसरे मर्दों जैसे ही निकले, पिचले कुछ दिनों में जहाँ इतना सहा है ये भी सही |

रीमा के एकदम से हथियार डालते ही जितेश की आक्रामकता ग्लानी में बदल गयी | क्या करे क्या न करे उसे समझ नहीं आया | अभी तो चुदने के लिए राजी थी, जांघे फैलाये मेरे लंड की राह देख रही थी फिर अचानक ऐसा क्या हो गया चुदवाने से इंकार करने लगी | मजा क्या मै अकेला लूटूँगा | फिर प्रतिरोध के बाद अचानक से सरेंडर | उफफ्फ्फ्फ़ औरत को समझ पाना बहुत मुश्किल है |
जितेश - क्या चाहती हो मैडम ? लंड अकड़कर पत्थर की तरह ठोस हो गया चोदने की ठरक दिलो दिमाग को पागल बनाये दे रही है और आप कभी हाँ कभी न वाली नौटंकी लगाये बैठे हो |
रीमा - जो करना हो कर लो मै कुछ नहीं कन्हूंगी |

जितेश - मैडम मै एक फौजी हूँ लोगो के जान लेता हूँ, जरुरत पड़े तो जान दे भी सकता हूँ | अब इससे ज्यादा मै आपके लिए कुछ नहीं कर सकता | आपको जबदस्ती नहीं चोदुंगा ये मेरे वसूलो के खिलाफ है | लेकिन फिर कह रहा हूँ आपके लिए जान जोखिम में डाली है और जरुरत पर तो जान की बाजी लगा दूंगा, लेकिन आप पर आंच नहीं आने दूंगा |
इतना कहकर जितेश उठने जा रहा था की रीमा के अपनी जांघो का क्रास उसके चुताड़ो और कमर के इर्द गिर्द जमा दिया | अपने दोनों हाथ उसकी पीठ पर जमा दिए - वादा करो जब तक हमारा साथ है बस मुझे ही प्यार करोगे और मुझे ही चोदोगे | ये चूत का सफ़र मेरे पति के अलावा बस एक बहुत ही खास आदमी ने किया है | तुम्हें उस खासियत को बरक़रार रखना होगा | तुम बस मेरे रहोगे, खास सबसे खासमखास | वादा करो |
जितेश - बस इतनी सी बात है |

रीमा भवुक होते हुए - तुमारे लिए इतनी सी बात होगी, मेरे जिस्म की गुलाबी गहराई के अंतरों का सफ़र तय करोगे लेकिन क्या फायदा जब औरत के मन को न छु पाए | चुदाई तो लोग रंडी के साथ भी कर लेते, उसके लिए बस एक चूत चाहिए | लेकिन जहाँ रिश्ता होता है वहां जिस्म से पहले मन को छूना पड़ता है | तुमारे चोदने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर तुम मेरे मन की गहराई में न उतर पाए | तुमारा लंड मेरी चूत की गुलाबी सुरंग की कितनी गहराई नाप पाता है, कितनी तेज ठोकर मारता है, कितनी बार मेरी चूत का झरना बहाता, ये सब मेरे लिए बेमानी हो जायेगा |
जितेश भी गंभीर हो गया - तुम बहुत भावुक हो और नाजुक भी, मुझे पहले दिन ही इस बात का अहसास हो गया था | मुझे नहीं पता था तुम इतनी गहराई तक सोचती हो और इतनी गंभीरता से सोचती ही | मै पूरा ख़याल रखूँगा की मेरी ये कांच की गुड़ियाँ को अब खरोच भी न आये , न उसके जिस्म पर न उसके मन पर |
रीमा - मै चुदना चाहती हूँ लेकिन सिर्फ जिस्म से नहीं, मै चाहती हो जब हमारे जिस्म मिले, तुम मेरे अन्दर तक जावो तो हमारे मन भी एक दूसरे में घुल मिल जाये | हमारी आत्मा भी एक हो जाये | मै सम्पूर्णता से चुदना चाहती हूँ, सिर्फ खोखले जिस्म की भड़ास मिटाने से मेरा मन तृप्त नहीं होगा |
जितेश - मै तुम्हे दिलो दिमाग से इतना प्यार दूंगा की तुमारी पुराणी सारी प्यास बुझ जाएगी | तुमने अपना दिल खोलकर मेरे सामने रख दिया है अब इसको सहेज का रखना और तुम्हे चोदकर तुम्हे मन और जिस्म दोनों से तृप्त करना मेरी जिम्मेदारी |
रीमा को नहीं मालूम था क्यों जितेश के साथ वो इस कदर भावुक हो गयी थी | शायद उसके मन में अहसास था कही की रोहित पूरी तरह से उसका नहीं हो सकता और उसे एक मर्द चाहिए था जो बस उसका हो सिर्फ उसका | पता नहीं रीमा के मन में क्या है ये तो रीमा को भी नहीं पता था |

विलास के घर में मातम मनाया जा रहा था जग्गू का अंतिम संस्कार हो चुका था और उसके बाद के शोक कार्यक्रम चल रहे थे | अब तक मंत्री जी बाहर गए हुए थे इसलिए सिर्फ फोन पर ही शोक संदेश दे सके | आज वह वापस लौट कर आए थे और विलास से मिलने और उसके बेटे की मौत पर शोक प्रकट करने उसके घर गए हुए थे | मंत्री जी भी विलास के साथ में बिजनेस पार्टनर थे और अभी भी बिजनेस कर रहे थे हालांकि पिछले कुछ दिनों से पार्टी को चंदा देने को लेकर विलास और मंत्री जी में अनबन हो गई थी | इसीलिए विलास से उन्होंने बातचीत करना बंद कर दिया था | हालांकि उनके आदमियों का विलास के साथ जो बिजनेस में साझा था वह बदस्तूर जारी था | इसी बीच में मंत्री जी ने विलास के ही खास आदमी सूर्य देव को अपनी तरफ मिला लिया था | ताकि कल को विलास के खिलाफ एक प्रतिरोध के तौर पर उसे इस्सतेमाल कर पाए |

जिस तरह से बोलचाल बंद थी और एक फॉर्तमल सा शोक सन्रदेश फ़ोन पर दिया था उसे देखते हुए मंत्री जी का घर आना विलास को भी चौका गया क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि मंत्री जी इस तरह से उसके बेटे की मौत का शोक मनाने घर आ जाएंगे |
नेता एक अलग तरह से ही सोचते हैं जबकि जग्गू का बाप की सोच दबंग और सीधी-सादी थी | राजनीति का आदमी बहुत ही घाघ होता है उसे अंदर से जान पाना बहुत मुश्किल होता है | जग्गू के बाप के साथ भी यही समस्या थी उसको लगता था अगर कोई दोस्त है तो दोस्त है, नहीं तो दुश्मन लेकिन राजनीति का आदमी कभी इस तरह से सोचता ही नहीं | जिस तरह से विलास ने उन्हें धमकाया था और उनकी बेटी उठा लेने तक की धमकी दी थी उस कड़वाहट को भुलाकर यहाँ आना मुश्किल काम था | वो अलग बात है मंत्री जी उस समय तो शांति से चले गए थे लेकिन उसके बाद उन्होंने सूर्यदेव से हाथ मिला लिया | वो सब राजनीती पैसे और पॉवर की बाते थी | जग्गू की मौत पारिवारिक मामला था | मंत्री जी ने बडप्पन दिखाया और विलास का दुःख बाटने चले आये |

मंत्री जी - विलास तुम्हारे पुत्र के इस तरह से आकस्मिक निधन से मुझे बहुत ही गहरा आघात पहुंचा है मैं बता नहीं सकता हूं कि मैं कितना ज्यादा मानसिक सदमे में हूं |

विलास बस भावहीन चेहरे से मंत्री जी को देखता रहा |
मंत्री जी - मैं तुम्हारी स्थिति समझ सकता हूं तुम्हें न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार को भी संभालना होगा | जब भी जरूरत पड़े मैं तुम्हारे लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा | किसी भी तरह की समस्या हो तुम मुझे सीधे फोन मिला दो | ना कोई सेक्रेटरी ना कोई ऑफिसर तुम सीधे मुझसे बात करोगे इतना कह कर के उन्होंने विलास को गले से चिपका लिया |विलास को रोने के लिए कन्धा देने वाला कोई बड़ा अब तक मिला नहीं था विलास भी बच्चों की तरह सिबुकने लगा | इतना बड़ा गुंडा अपने इकलौते बेटे की मौत से किस तरह से टूट गया ,काफी देर तक मत्उरी जी उसकी पीठ सहलाते रहे | बाद में जब मंत्री जी को लगा कि अब माहौल थोड़ा ठीक है तो बात आगे बढ़ाई है|
मंत्री जी धीरे से विलास के कान में फुसफुसाए- देखो विलास समय और माहौल तो इस बाती मुझे इजाजत नहीं देता कि मैं यह बात कहूं लेकिन मुझे कहनी पड़ेगी जग्गू न केवल तुम्हारा बेटा था बल्कि मेरे बेटे जैसा भी था | हमारे बीच हमारे बिजनेस को लेकर जो भी अनबन है, वो काम की प्रॉब्लम है उसका परिवार से कोई लेना-देना नहीं है तुम्हारा परिवार मतलब मेरा परिवार |
विलास के चेहरे पर सदमे के साथ ग्लानी के भाव आ गए, पता नहीं उसने उस समय नेताजी को और उनके परिवार को क्या क्या कह डाला | नेता जी तो बड़े नेकदिल निकले | नेता चालाक होते हैं लेकिन दिल के बुरे नहीं होते हैं और इस बार उसे लगा मंत्री जी की बात दिल से निकल रही थी |
मंत्री जी - मै भी हैरान हूँ आखिर ये सब कैसे हो गया यह सब किसने किया है |
विलास चुपचाप नेताजी की बात सुनता रहा |
मंत्री जी - तो तुम्हें किसी पर शक है बताओ पूरा साले का खानदान काट डालेंगे |
विलास निराश उदास स्वर में बोला - अभी तक कुछ पता चला नहीं है |
विलास क्रोध से उबलता हुआ - किस-किस को गोली मार दू | मुझे तो कुछ समझ में आ नहीं रहा है लड़ाई झगड़ा तो आप जानते ही मैंने कई साल पहले ही छोड़ दिया था मुझे पता नहीं था मेरा अतीत आकर कर मुझे इस तरह डस लेगा | एक ही तो मेरा बच्चा था |
बुरी तरह से रोने लगा मंत्री जी उसे ढाढस बंधाते रहे | कमरे के और लोगों को बाहर जाने को कहा कुछ ही देर में पूरा कमरा खाली हो गया अब कमरे में सिर्फ विलासऔर मंत्री जी थे |
मंत्री जी - तो तुम्हें किसी पर शक है |
विलास - मंत्री जी मेरा तो दिमाग ही नहीं काम कर रहा लेकिन इतना पता है मेरे बेटे को मारा गया अपनी मौत नहीं मरा है |
मंत्री जी - हां मुझे पता है मीडिया की बात , जो दिखाया जा रहा है वह तुमने ही बोला था लेकिन इतनी किस में हिम्मत हो गई जो विलास के बेटे को गोली मार सके |
विलास - पता नहीं लेकिन जो भी है उसके खानदान का आखिरी चिराग भी जिंदा तो नहीं बचेगा | उसने मेरे अंदर के सोये जानवर को फिर से जगा दिया है जो चीजें में पीछे छोड़ आया था अब वही सब करनी पड़ेगी | एक अच्छा इंसान बन के शरीफों की जिंदगी जीना चाहता था लेकिन ये दुनिया फिर से वही जानवर बना देना चाहती है |
मंत्री जी ने बात संभाली है - देखो देखो मैं तुमसे बड़ा हूं प्लीज मेरी बात मानो कुछ भी उल्टा- सीधा मत करना ठीक है | जब तक मैं हूं तुम्हे कुछ करने की जरुरत नहीं है |
विलास - मुझे रोकने का कोई फायदा नहीं , मेरा सबकुछ तो चला गया | वो जहाँ भी छिपा होगा जिस बिल में घुसकर बैठा होगा निकाल के सरे आम सड़क पर उसकी आंखें निकाल लूँगा, हाथ काटूँगा पैर काटूँगा फिर तेजाब से नह्ललाऊंगा | साला मौत की भीख मांगेगा लेकिन मौत नसीब नहीं होगी |
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09-04-2021, 12:19 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मंत्री जी - नहीं मेरे छोटे भाई ऐसा कुछ मत करना, नही बिलकुल नहीं कुछ भी ऐसा उल्टा सीधा मत करना जिसे तुम्हारे परिवार को और नुकसान हो कि तुम्हें पता है तुझे कोई गलत कदम उठा लिया और तुम्हें पोलिस ने पकड़ लिया गया फिर फिर सभाल पाना मुश्किल होगा |
विलास - मेरा बेटा चला गया और आपको पोलिस की पड़ी है |
मंत्री जी ने बात बदली - मुझे तुमारे परिवार की पड़ी है, दो जवान बेटियों की पड़ी है, उनको तरफ भी तो देखो |
मंत्री जी को डर था, इस बदले की आग में कही बात ज्यादा बढ़ गयी और पुलिस के ऊपर लेवल के अफसर भी शामिल हो गए तो वो विलास का सारा कच्चा चिट्ठा निकाल लेगे और फिर मंत्री के इतिहास के सारे काले धंधों का कच्चा चिट्ठा पुलिस के पास खुल जाएगा हालांकि पुलिस को पता सब होता है लेकिन पुलिस को जब तक ऊपर से आदेश नहो होता वो किसी को छूती नहीं | अभी जिस तरह से विलास का बेटे की मौत की आग में जल रहा था उसे यह तो साफ था कि वो किसी को भी दिनदहाड़े गोली मार सकता है पहले की बात अलग थी लेकिन अब पुलिस ने काफी चौकस है और इसीलिए सब करना इतना आसान नहीं होगा |
मंत्री जी - मेरी बात समझो विलास, इतना सब कुछ जो बनाया है यू ही गवां दोगे क्या | होनी को तो कोई नहीं टाल सकता लेकिन अपनी बेटियों का भी ध्यान करो |
विलास - मतलब हिजड़ो की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठा रहू |
मंत्री जी - नहीं बिलकुल नहीं, तुमारे बेटे का बदला लेगे लेकिन अपने गले में फंसी का फंदा डालकर नहीं |
विलास का गुस्सा कुछ कम हुआ - मैं समझता हूं आपकी बात लेकिन खुद को कैसे समझाऊं मेरा एक ही तो बेटा था |
मंत्री जी - हां बस ऐसे थोड़ा सा समय मांग रहा हूं थोड़ा सा संयम रखो सब पता लगा लूंगा
विलास - कहां से लाऊं वह धीरज सुबह जिसका उठते ही चेहरा देखता था शाम जिस को सोने से पहले देखता था अब उसे कभी नहीं देख पाऊंगा कहां से लाऊं धीरज उनसे जी आपका बेटा होता तो भी आप मुझसे ऐसे ही कहते हैं |
मंत्री जी - समझ सकता हूं इस तरह से धीरज खोने से भी तो कुछ नहीं होगा मैं पता लगाता हूं उसके पीछे कौन है |
विलास - मंत्री जी साफ-साफ बताइए कहीं इसके पीछे सूर्यदेव तो नहीं |
मंत्री ये सुनकर अन्दर तक सिहर गए लेकिन घाघ नेता की तरह आश्र्चर्य से - तुम्हें शक है, वो तो तुमारा ही पालतू रहा है |
विलास - अब तो नहीं है जब से आपने उसे एक टुकड़ा खाने को दे दिया है |
मंत्री जी - उसकी इतनी औकात और दुस्साहस नहीं है, मैंने पहले ही कहा है बिज़नस अलग है फैमिली अलग है |
विलास - लेकिन करने को तो कोई भी कर सकता है
मंत्री - तुम्हें सूर्यदेव को लेकर कुछ मिला है, लावो साले की जिन्दा खाल उतार लेगे |
विलास -मेरा बेटा उसी के इलाके में मारा गया है तो मेरा पहला शक उसी पर गया था | मेरे आदमियों ने उसके दो ठिकाने तबाह कर दिए हैं | आपको तो पता ही है एक नंबर का चोर है मेरा माल दबाकर भागना चाहता था |
मंत्री जी - ये तुम बहुत गंभीर बात बोल रहे है | कहाँ की बात है ये |
विलास - मेरा बेटा जंगल घूमने गया होगा अक्सर वह जाता रहता था, इस शहर की भीड़ भाड़ से दूर |
वहां सूर्यदेव एक पुराने मकान को अपने सामान को छुपाने के लिए इस्तेमाल करता है | वहीं पर मेरे बेटे की लाश मिली लेकिन उसके साथ-साथ वहां दो लाशें और मिली जो उसके साथ कामकरने वाले दो लड़कों की थी जो उसके साथ साए की तरह रहते थे जब कभी वो शहर से बाहर जाता था वह दोनों उसके साथ साए की तरह रहते थे |
मंत्री जी - ये तुम मुझे अब बता रहे हो | ये तो बहुत ही गंभीर बात है |
विलास - मेरे बेटे वही गोली मारी गई है मंत्री जी |
मंत्री जी गंभीर हो गए - हमारे इलाके में आकर कोई इतना बड़ा काम कर जाए और हमें चार-पांच दिन हो गए भनक तक नहीं |
विलास - जो भी हो मंत्री जी जल्दी कुछ करना होगा नहीं सब्र का बांध टूट रहा है | मुझे अपने बेटे का चेहरा नहीं भूलता |
मंत्री जी - हम जल्दी ही तुमारे बेटे की मौत का बदला लेंगे |
मंत्री जी कुछ सोचकर- पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ गयी क्या |
विलास - आज सुबह ही आई है, ४ गोलियां के निशान है | इसके अलावा कुछ अजीब बाते भी पुलिस ने बताई है |
मंत्री जी - क्या |
विलास - जब पुलिस वहां पंहुची तो तीनो की मौत हो चुकी थी और तीनो के बदन पर कपड़ो का कोई नामोनिशान नहीं था | एक की लाश जग्गू के पड़ोस में मिली और दुसरे की खँडहर मकान के अन्दर | तीनो ही पूरी तरह से नंगे थे | अन्दर वाले को तो पांच गोलियां मारी गयी | इसके अलावा भी गोलियों के खोखे मिले है | मतलब कमरे में और गोलियां भी चली है | लेकिन न तो वो पिस्टल मिली और न ही चलाने वाला का कोई सुराग है | किस पर चलायी गयी इसको लेकर भी पहेली बनी हुई है | क्योंकि अगर जग्गू के साथ वाले लड़के ने बचाव में हमलावर पर गोली चलाई तो एक आध उसको लगी होगी | फिलहाल पोलिस इसकी छानबीन कर रही है |
इसके अलावा जिस बात ने पोलिस को उलझा दिया है वो है वहां कुछ कपड़ो की कतरने मिली है, वो औरत के ब्रा और पैंटी की है |
मंत्री जी - मतलब मामला इतना भी सीधा नहीं है लड़की का एंगेल भी है |
विलास कुछ रूककर फिर बोला - मतलब ही तो नहीं समझ में आ रहा हूं कोई लड़की चाहिए थी तो शहर में क्या कम है इतना पैसा है किसी को भी खरीद लेता और फिर किसी लड़की को उस खंडहर तक ले जाकर ............................................. मुझे नहीं लगता इसका मेरे बेटे से कोई लेना देना है |
मंत्री जी - औरत के कटे हुए कपड़े तो किसी की भी हो सकते हैं |
विलास - कपड़े तो किसी के भी हो सकते हैं लेकिन जो बात पुलिस ने रिपोर्ट में लिखने की बजाय सीधे मुझे कान में बताई वो ये है की तीनो के लंड मौत के वक्त उनके लंड रस से सने थे | पुलिस को उनके लंड के सुपाडे पर सीमेन मिला है | और वो उन्ही का है |
मंत्री जी - ये तो कुछ ज्यादा ही उलझाने वाली बात है |
मंत्री जी - कही जग्गू को किसी लड़की के जाल में फंसा कर तो वहां नहीं ले जाया गया |
विलास - पता नहीं लेकिन कुछ दिनों से जग्गू कुछ परेशान तो रहता था | हमने बहुत पूछने की कोशिश की लेकिन वो कुछ बोला ही नहीं | थक गए पूछ पूछकर लेकिन हमेशा बस यही बोलता था डैड अकेला छोड़ दो मुझे, मै अपनी परेशान हल करने लायक बड़ा हो गया हूँ |
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09-04-2021, 12:19 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मंत्री - तुम परेशान मत हो तुम्हारी बेटे की मौत का बदला लेंगे और ऐसा बदला लेंगे कि पूरा शहर इलाका और आसपास के जिले याद रखेंगे भरोसा रखो यह पर्सनल है मेरे लिए भी | राजनीति अपनी जगह है बिजनेस अपनी जगह है लेकिन परिवार तो हम सबका है, आज तुमारे परिवार को निशाना बनाया है कल को मेरे परिवार को निशाना बनाया जा सकता है |
विलास - आखिरी मै करू तो क्या करू परेशान हो गया हूं लड़कियों का दोनों का रो-रो कर बहुत बुरा हाल है जग्गू की माँ तो होश में आते ही फिर बेहोश हो जाती है |
मंत्री जी - मुझे थोड़ा सा समय दो पूरा पूरा महकमा लगा दूंगा पोलिस सिर्फ पता लगाएगी पर जो भी होगा इंसाफ उसके हम करेंगे पुलिस नहीं |
विलास - मंत्री जी मेरे पास ज्यादा समय नहीं है बच्चे की 13 तेरहवीं होते ही मैं हथियार उठा लूंगा लोगों को पता चलना चाहिए विलास पर वार करने का क्या अंजाम होता है |
मंत्री जी उसे सांत्वना देकर वहां से चल दिए | मंत्री जी वहां से बाहर निकल आए और अपनी कार में बैठ गए | अपने गार्ड को दूसरी कार में बैठने को कहा था और मंत्री जी अपनी कार में अकेले थे और उनका बहुत खास आदमी था पिछले 20 साल से उनके लिए गाड़ी चला रहा था | गाड़ी में बैठते ही मंत्फोरी जी ने सूर्नयदेव को फोन मिलाया |

मंत्री का फोन देखते सूर्यदेव ने तुरंत फोन उठा लिया और बोला - मंत्री जी क्या आदेश है |
मंत्री जी - यह विलास के बेटे का क्या मामला है |
मंत्री जी के मुहँ से ये सुनकर वह एक दम चौंक गया, ऐसा लगा उसकी चोरी पकड़ी गयी हो सूर्यदेव मिमियाई आवाज में - मंत्री जी आप वापस कब लौटे |
मंत्री - तुमने सुना नहीं मैंने क्या पुछा |
सूर्यदेव ने सफाई दी - मंत्री जी इसके पीछे मेरा कोई हाथ नहीं है
मंत्री जी - मैं यह नहीं पूछा हूं तुम्हारा हाथ है या नहीं है यह मामला क्या है
सूर्यदेव - मतलब मैं समझा नहीं
मंत्री जी - विलास की लाश तुमारे जंगल वाले ठिकाने पर मिली है उसके साथ वहां दो और लाशें मिली हैं और तीनों लाशों पर कपड़े का नामोनिशान तक नहीं था और तीनों के लंड पर वीर्य लगा हुआ मिला है |
सूर्यदेव को माजरा समझते देर नहीं लगी - ऐसा क्या |
मंत्री जी - वहां किसी औरत के कपड़े भी मिले है | मतलब कपड़ो की कतरने मिली है, अन्दर के ब्रा पैंटी की |
उसकी घबराहट अब विश्वास में बदल गयी | क्या बात करें मंत्री जी ऐसा है क्या |
मंत्री जी - क्यों तू चौका क्यों |
सूर्यदेव - चौकने वाली तो बात है ही मंत्री जी सुना है लाश पूरी तरह से नंगी मिली थी, जग्गू के अलावा वहां दो और लाशें मिली थी और वह दोनों भी बिलकुल नंगे ही थे |
सूर्यदेव - वह तेरा इलाका तुझे तो सब पता है फिर इतनी देर से नौटंकी क्यों कर रहा था | मुझसे गेम खेल रहा है |
मंत्री जी - नहीं कैसी बात कर रहे है, मेरी मजाल तो जो ऐसा सपने में भी सोचु |
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09-04-2021, 12:19 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मंत्री जी - सोचना मत अब सच-सच बता इसके पीछे कौन है देख हमारे बिजनेस और पॉलिटिक्स अपनी जगह है लेकिन यार किसी की फैमिली किसी के बच्चे यह ठीक नहीं है मनी बिलास ने मेरी बेटी उठा लेने की धमकी दी हो लेकिन उसे उठाया तो नहीं उसे भी पता उसका परिवार है |
सूर्यदेव - नहीं मंत्री जी मेरी इतनी मजाल है जो इतने बड़े हाथी से टकरा जाऊं वह तो मुझे चुटकी मसल के रख देगा |
मंत्री - तो बता कौन है ?
सूर्यदेव - आप यकीन नहीं करेगें लेकिन इसके पीछे एक रांड औरत है, साली एक नंबर की छिनार है |
मंत्री जी - क्या बकवास कर रहा है, गांजा चढ़ा रखा है है |
सूर्यदेव - एक औरत है जो जग्गू को जाल में फंसाकर यहाँ तक लायी है, उसकी पुलिस में भी लम्बी पंहुच है शायद कोई नया गैंग बनाना चाहती है | उसी ने जग्गू और उन दोनों को मौत के घाट उतारा है | अपना नंगा जिस्म दिखाकर लड़को को बहकाया होगा और जब लड़के उसके हुस्न में मदहोश हो गए होंगे तो एक एक करके तीनो को गोली मार दी |
मंत्री जी - एक औरत इतना बड़ा काम अकेले कैसे कर सकती है |
सूर्यदेव - आप मिले है उससे |
मंत्री जी - कौन है वो |
सूर्यदेव - रिवर लाउन्ज में, नाम उसका सीमा ........या ....ऐसे कुछ है |
मंत्री जी - क्या बात का रहे हो |
सूर्यदेव - बिल्कुल सच्ची बात कर रहा हूं मंत्री जी , हाँ हाँ याद आ गया रीमा नाम है उसका बला की खूबसूरत है इतनी गहरी मुसीबत में न फंसा होता तो कम से कम अब तक चार पांच बार उसके साथ अपना बिस्तर गर्म कर चुका होता |
मंत्री जी - क्या बकवास किये जा रहा है तू जानता है उसे, मिला है उसे क्या .........|

सूर्यदेव - वह उसी इलाके में जग्गू को मारने के बाद भाग रही थी तभी मेरे आदमी ने उसको पकड़ लिया |
मंत्री जी - क्या बात कर रहा है |
सूर्यदेव - सही बोल रहा हूं उसी ने जग्गू को मारा है उसी ने एक मेरे आदमी को भी मारा जब मेरा आदमी टाइम पर नहीं पहुंचा | तो मेरे आदमी जंगल में इधर उधर छानबीन करने लगे और तभी मैंने उसे पकड़ लिया |
मंत्री जी - यह तो अच्छी बात है, तूने मुझे अब तक ये बात बताई क्यों नहीं | उसे यहां ले आओ विलास के हवाले कर देते हैं मामला सेटल |
सूर्नयदेव हल्की निराशा से - मंत्री जी वह बहुत चालाक है जितनी खूबसूरत है उतनी ही हरामजादी की पिल्ली है, जहाँ कैद करके रखा था वहां से भाग गई |
मंत्री जी - तुम्हारी कैदसे कैसे भाग गई ये कैसे हो सकता है |
सूर्यदेव - उसने गार्ड को पटा लिया, उसने अपना नंगा जिस्म दिखा दिया और गार्ड पागल हो गया |
मंत्री- क्या बकवास कर रहे हो फ्री में ऐसा कैसे कर सकती जिस्म दिखा दिया और गार्ड पागल हो गया क्या बकवास कर रहे हो |
सूर्यदेव - आप मेरा यकीन कीजिये, मरता आदमी झूठ थोड़े बोल कर जायेगा | साली से गार्ड को अपने दूध और चूतड़ दिखा दिखा कर पगला दिया | गार्ड उसके झांसे में बहक गया |
मंत्री जी - क्या नाम बताया तूने उसका |
सूर्यदेव - रीमा |
मंत्री जी - अब मुझे याद आ गया एक पुलिस वाले की बेवा है तो गजब की खूबसूरत लेकिन वो तो बहुत शरीफ है | हम तो उसे साड़ी के ऊपर से देखते हैं तब भी कयामत लगती है लेकिन जैसे ही पता चलता कि हम घूर रहे हैं वह अपने पल्लू तक करने लगती है | वो ऐसा नहीं कर सकती | उसका देवर तो एक नम्बर का रंडीबाज है लेकिन वो तो उसे भी नहीं देती ऐसा मैंने औरतो की किटी पार्टी की गॉसिप से सुनकर आई औरते बता रही थी |
सूर्यदेव - मंत्री जी मैंने आपको सब सच सच बता दिया |
मंत्री जी - चल तेरी बात मान भी ले तो रीमा का जग्गू से क्या झगड़ा |
सूर्यदेव - अब जग्गू रीमा को लाया या रीमा जग्गू को लायी, किस बात में दोनों में झगड़ा हुआ ये सब तो वो ही बता पायेगी | उसके अलावा जिनको सच पता है वो दुनिया में नहीं है |
मंत्री जी - उसका बेटा तुम्हारे इलाके में मरा है और उसके दिमाग में पहला नाम तुम्हारा ही आ रहा है किसी तरह से मैंने बात संभाली लेकिन ज्यादा देर तक मैं संभाल नहीं पाऊंगा जितनी जल्दी हो सके उस औरत को विलास के हवाले कर दो | इसी में हमदोनों की जिंदगी की सलामती है |
सूर्यदेव - उसने पहले ही मेरे आदमियों को मार डाला है |
मंत्री जी - मुझे कुछ नहीं पता, उसका गुस्सा ज्यादा देर तक मै रोक नहीं पाउँगा, और उसका पहला शिकार होंगे तुम | भलाई इसी में है रीमा को ढूढो और विलास के हवाले कर दो |
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09-04-2021, 12:19 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
सूर्यदेव - वो औरत मंत्री जी यहां से ऐसे गायब हुई जैसे गधे के सींग पूरे कस्बे नाकेबंदी लगी हुई है पुलिस की पुलिस ढूंढ रही है मेरे आदमियों ने कस्बे का एक-एक कोना छान मारा है उसका कहीं कोई अता-पता नहीं चला | उसके खोने की खबर उसके घरवालो ने टीवी पर भी चलवा दी है | मै हैरान हूँ ना तो वह पुलिस को मिली ना हमारे आदमी को, गई तो गयी कहाँ वो हरामन कुतिया |

मंत्री जी - जो भी हो सूर्य देव मामला बहुत सीरियस है रीमा का जग्गू की मौत से कोई न कोई तो कनेक्शन है पता लगाओ और सच इतनी जल्दी पता लगा दोगे और जितनी जल्दी रीमा को पकड़ लोगे और विलास के हवाले कर दोगे उतनी ही जिंदगी बढ़ जाएगी |
सूर्यदेव - मंत्री जी मेरा इसमें कोई हाथ नहीं है |
मंत्री जी - ये बात विलास को समझाना, मुझसे कहने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा | जग्गू तुम्हारे इलाके में मारा है इसीलिए सबसे पहले विलास का कहर तुम पर ही टूटेगा अब तुम खुद को बचा सकते हो तो बचा लो |
सूर्यदेव - मंत्री जी इस तरह से मेरे सर से हाथ हटा लोगे तो कहाँ जाऊंगा, |
मंत्री - देखो मुझे मत समझाओ मुझे क्या करना है क्या नहीं करना है उस औरत को ढूंढो और विलासके हवाले कर दो समझ गए बाकी विलास उसका क्या करेगा क्या नहीं करेगा यह वह जाने | कान खोल कर सुन लो अगर तुम उस औरत की आड़ में खुद बचने की कोशिश कर रहे हो तो मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा तुम समझ रहे हो ना मेरा मतलब क्या है | अब फोन रखो और जल्दी से जल्दी उस औरत को ढूढना शुरू करो |

सूर्यदेव की पहले से ही फटी पड़ी थी अब तो उसे आँखों के सामने मौत नजर आने लगी |

मंत्री जी ने फिर से इलाज को फोन मिलाया - विलास मैंने सूर्यदेव से बात करी है उसने कसम खाई है कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं है लेकिन जो जानकारी उससे मिली है एक औरत है नाम है उसका रीमा तुम शायद उसको जानते होगे , वही औरत जिसने रिवर लाउन्ज में जग्गू को लेकर हंगामा कर दिया था |
विलास - हाँ हाँ याद है |
मंत्री जी - जिस दिन तुमारे बेटे को गोली मारी गयी उसी दिन से रीमा गायब है तुमने टीवी पर उसकी फोटो देखी होगी |
विलास - नहीं मंत्री जी मैं भी कुछ नहीं देख पा रहा हूं इसीलिए मैं तुम्हें फोन किया हूं जिस दिन से तुम्हारा बेटागायब है उसी दिन से रीमा भी गायब है तुम्हारी बेटी की मौत का और उस औरत के गायब होने का कोई न कोई कनेक्शन तो है जल्दी पता लगा लेगे |
तब तक मेरी एक विनती है बस तुम कुछ मत करो |
विलास - सच कहूं मंत्री जी तो कुछ कह नहीं सकता पूरी कोशिश करूंगा खुद को काबू में रखने की | जल्दी से जल्दी औरत का पता लगाइए |
मंत्री जी - वैसे एक बात बोलूं सच बताओगे वो औरत थी तो बहुत ही मस्त तुम्हें भी पता है कहीं तुम्हारा उसके बेटे के साथ कोई चक्कर तो नहीं हो गया था | जवान विधवा और जग्गू | उसने जग्गू को कॉलेज से भी निकलवाया था |
विलास - जहां तक मुझे पता है मंत्री जी ऐसी कोई बात नहीं थी आपको ऐसा क्यों लगता है कि मेरा बेटा उस औरत के चक्कर में पड़ गया था |
मंत्री - जहाँ तकरार वही प्यार |
विलास - मुझे नहीं लगता रीमा कोई ऐसी औरत थी, लेकिन अगर आपका अंदेशा सच है तो उस औरत की जिंदगी इतनी नरक कर दूंगा अपनी मौत मांगेगी लेकिन उसे मौत नहीं मिलेगी |
मंत्री जी - अपने आप को कंट्रोल में रखो ठीक है हम तुम्हारे बेटे का बदला लेंगे और वह दुनिया देखेगी |

मंत्री जी ने फोन काट दिया उसके बाद फिर से उन्होंने सूर्य देव को फोन मिलाया - सूर्य देव कान खोल कर सुन लो मुझे वह औरत चाहिए हर हाल में चाहिए |
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09-04-2021, 12:19 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मंत्री जी ने फोन काट दिया उसके बाद फिर से उन्होंने सूर्य देव को फोन मिलाया - सूर्य देव कान खोल कर सुन लो मुझे वह औरत चाहिए हर हाल में चाहिए |
मंत्री जी अभी तक चीजों को समझने की कोशिश कर रहे थे और इतना तो पता चल गया था कि रीमा जग्गू और सूर्यदेव के बीच का सच कुछ न कुछ तो है | असल में हुआ क्या है ये रीमा के मिलने के बाद ही पता चलेगा |

इधर रात के घनघोर अँधेरे में एक गन्दी सी अवैध बस्ती के एक अँधेरे कमरे में अपने ऊपर मंडराते खतरे से पूरी तरह बेखबर रीमा अपनी वासना में गहरे तक डूबी थी | अपनी चूत और जिस्म जितेश को सौपने से पहले अपने मन की असुरक्षा दूर कर रही थी |

दोनों के गिले शिकवे में सारा मूड ही बदल गया था लेकिन जितेश का लंड अभी तना हुआ था | जितेश ने रीमा के ओंठो पर ओंठ रख दिए | उसको कसकर चुमते हुए बोला - हमारे बात करने की जगह अगर हमारे लंड और तुमारी चूत आपस में बात करे तो बेहतर है |
रीमा हल्का सा मुस्कुरा दी | उसकी बांहों का कसाव जितेश की पीठ पर बढ़ गया | ये ग्रीन सिग्नल था आगे बढ़ने का | रीमा के अन्दर घुसने का | रीमा अब तन और मन दोनों से चुदने को तैयार थी | उसके धड़कते दिल की हर धड़कन के साथ उसे पता था जितेश का मोटा मुसल लंड उसके गुलाबी मखमली अंतर को चीरने वाला है | उसके पत्थर जैसे मोटे मुसल लंड की धधकती आग की गर्मी उसको अपने निचले गुलाबी ओंठो पर महसूस हो रही थी | रीमा अपने मन को मजबूत करने लगी, उसे रोहित की चुदाई का अहसास था उसे पता था जितेश के तपते गरम मुसल की भीषण ठोकरे उसकी चीखे निकाल देगी |

जितेश ने एक लम्बी साँस ली | उसने अपने तने हुए लंड के फूले हुए सुपाडे को फिर से रीमा की चूत के छेद पर सटा दिया था | रीमा ने एक लम्बी साँस ली और जितेश की आँखों में आंखे टिका दी | उसने अपने बदन को कड़ा किया, उसे पता था उसकी चूत की फैलती दीवारे उसे सुरुआती तीखा मदहोश करने वाला दर्द देकर जाएगी | जितेश ने रीमा की आँखों में गहराई तक झाँका और उसके बाद में उसने धीरे से एक बार में हल्का सा झटका मारा उसका सुपारा रीमा की कसी हुई गुलाबी चूत को चीरता हुआ अंदर फंस गया |
रीमा के मुहँ से सिसकारी भरी कराह निकल गयी - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह|
रीमा की चूत की गर्मी भी कम हो गयी थी और गीलापन भी | रीमा को लगा किसी ने नस्तर घुसेड दिया है और उसकी चूत को चीर दिया है | रीमा के चेहरे पर दरद की लकीरे उभर आई | जितेश का लंड औसत से ज्यादा लम्बा मोटा और तगड़ा था | रीमा की चूत का गीलापन कब का सुख चूका था इसलिए जितेश के लंड ने रीमा की चूत की दीवारों को अपने अन्दर आने का तीखा अहसास बखूबी करा दिया था | वो तीखा अहसास रीमा के जिस्म में तरंगे बनकर बहता हुआ उसके दिलो दिमाग तक जा रहा था | ऐसा लगा जैसे आग सी धधकती मुसल मांसल मीनार नुमा लंड उसके गुलाबी रसीले अंतर को चीर कर अन्दर तक घुस गया हो |

उसके बाद जितेश ने दो बार फिर से आगे पीछे कमर हिलाई | रीमा सिसक कर रह गई उसने अपनी बाहों का कसाव जितेश की पीठ पर और बढ़ा दिया | रीमा के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ माम्मामामामामाम्म आआआआआआअ | ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई माम्मामामामामाम्मईईईईईईई रेरेरेरेरेरेरेरेरेरेरेरे ममममममममररररररररररररररर गईईईईईईईईईईईईईईईई|
जितेश का हर झटका एक नया अहसास रीमा के रोम रोम में भर रहा था | भले ही उसकी चूत जितेश के लंड के लिए अभी जगह न बना पाई हो लेकिन ये तीखा दर्द भरा अहसास भी कम जादुई नहीं था | अगर औरत ये दर्द महसूस नहीं करेगी तो बाद में हर धक्के पर मिलने वाले उस मादक मीठे अहसास को कैसे महसूस करेगी | रीमा की चूत के ओंठ अपने किनारों तक पूरी तरह फ़ैल गए थे | रीमा की चूत घाटी की गुलाबी दरार में जितेश का लंड पूरी तरह धंस चूका था | अब तो बस आगे का सफ़र करने की देर थी | रीमा के बदन की गरमी और वासना में उसका पूरा बदन नहाया हुआ था | उसके तने हुए सुडौल उरोज और कठोर निप्पल इस बात की निशानी थे की रीमा चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है | उसकी उभरी कठोर छातियाँ, चिकनी कसी हुई गुलाबी चूत, जितेश के लिए रीमा का ये पहला स्पर्श, जितेश के होश उड़ चुके थे | रीमा की चूत की गुलाबी गर्माहट के अहसास और उसके जवान मांसल बदन की कसावट देखकर जितेश से रहा न गया उसने एक जोरदार ठोकर रीमा को मारी और रीमा मुसल लंड की ठोकर से मिले दर्द से नहा गयी |

जितेश ने कसकर रीमा को चूम लिया, लेकिन उसके दर्द भरे चेहरे को देखकर अहसास हुआ कुछ तो गड़बड़ है | तब उसे याद आया रीमा की चूत को गरम करना तो वो बातो ही बातो में भूल ही गया | उसका हाथ तेजी से रीमा के चूत दाने पर गया और वो चूत दाने को तेजी से रगड़ने लगा | काफी देर तक उसके चूत दाने को रगड़ता रहा | आखिर रीमा के जिस्म में वासना की गर्मी फिर लौट आई | उसकी दर्द भरी कराहे बंद हो गयी और उनकी जगह मादक सिसकारियो ने ले ली | उसके बाद में उसने फिर से कमर पर जोर लगाया और अपना थोड़ा सा लंड और रीमा की चूत में घुसा दिया था |
रीमा के मुहँ से हल्की सी जादू भरी सिसकारी मुंह से निकल गई - आआआआआआईईईईईईईईई मामाआआआअ |

इसके बाद में जितेश ने अपने लंड को बाहर खींचा और फिर से रीमा की चूत में पेल दिया था | रीमा के मुंह से फिर से एक कराह निकल गई थी - ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई माम्मामामामामाम्मईईईईईईई |
उसके बाद कुछ देर तक जितेश धीरे-धीरे अपनी कमर को हिलाता रहा और रीमा की चूत को चौड़ा और नरम करने की कोशिश करता रहा था, हर झटके के साथ रीमा की सिसकारी किसी लयदार रायेम की तरह निकलती रही | वह पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में अंदर तक घुसेड सके, इसलिए वो चाहता था रीमा की चूत पूरी तरह से गरम हो जाये ताकि उसकी चूत की दीवारे पूरी तरह से फ़ैल जाये और उसके मुसल लंड को अपने आगोश में ले ले | वो रीमा को बुरी तरह से चूम रहा था | रीमा का एक हाथ जितेश के नीचे उसके चूत दाने को कस के रगड़ रहा था ताकि उसकी चूत गरम बनी रहे और जितेश का पूरा का पूरा लंड निगल ले |
इधर जितेश इंतजार कर रहा था कि रीमा पूरी तरह से फिर से तैयार हो जाए ताकि वह पूरा का पूरा लंड रीमां की चूत में पेल सके | कुछ देर बाद उसे लगा रीमा नॉर्मल हो गई है तो उसने फिर से कमर का एक जोरदार झटका लगाया और आधे से ज्यादा लंड की रीमा की मखमली गुलाबी चूत दीवारों की चीरता हुआ अन्दर तक धंस गया | उसका लंड चूत की गहराइयों में घुस गया |
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09-04-2021, 12:19 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा के मुंह से एक लंबी चीख निकल गई - आआआआआआआआ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्हीईईईईईईईईईइ मामामामामामामा मामामामामाआआआअ ईईईईईईईईईईई मरररर रर रररर गाअयीईईईईईई | आआआआआआआआ ईईईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |

रीमा ने कराहते हुए एक लम्बी साँस ली और जितेश को कस के भींच लिया और बोला- रुकना मत |
रीमा के मुहँ से निकले इन शब्दों ने जितेश का जोश बढ़ा दिया जितेश ने फिर से पीछे लंड को खींचा और फिर से रीमा की चूत में गहराई तक पेल दिया था |
इसके बाद रीमा के मुहँ से तेज कराह निकली - आआआआआआआआ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्हीईईईईईईईईईइ मामामामामामामा मामामामामाआआआअ ईईईईईईईईईईई मरररर रर रररर गाअयीईईईईईई |

अब समय था रीमा के उन अरमानो के पूरा होने का जिनके बस वो ख्वाब ही देखती रहती थी | उसकी हसरते, उसकी लालसाए, उसकी कामनाये, आज वो एक हट्टे कट्टे मर्द के नीचे है और उसका मोटा मुसल लंड उसकी जांघो के बीच की दरार को चीर कर अन्दर तक धंसा हुआ है | यही तो उसकी स्वनिल ख्वाइशे थी, हाथो से खिलौनों से खेलने का मजा कुछ अलग है लेकिन असली हरम फूले हुए कठोर मुसल लंड का स्पर्श ही कुछ और है | उसकी चूत दीवारों की चाहरदीवारी में सिमटा हो अपनी ही धडकनों से कांपता हुआ लंड रीमा रीमा के अरमानो का हकीकत था | वो हकीकत जो उसके जीवन के ज्यादातर हिस्से में बस सपना बनकर आती थी | जितेश रीमा की कराह सुनकर रुक गया था लेकिन जब रीमा ने उसे थामे हुए देखा तो खुद ही अपने भींचे हुए ओठ खोल दिए | अब इस पल रुकने का थमने का कोई मतलब नहीं था | इंच डर इंच अन्दर घुसते हुए, उसकी गीली गुलाबी सुरंग को चीरते हुए जब लंड उसकी गहरी अँधेरी मखमली गुफा की चढ़ाई कर रहा था तो उसी के साथ रीमा की लालसाए भी अपने परवान चढ़ रही थी | भावुक रीमा पूरी तरह से जितेश की बाहों में समां गयी | उसने खुद को पूरी तरह से जितेश के हवाले कर दिया था | उसे पता था जो उसे चाहिए जितेश वो सब उसे देगा |
रीमा हांफते हुए - डोंट स्टॉप, यस बेबी डोंट स्टॉप, ऐसे ही चोदो मुझे |
जितेश भी हांफते हुए - तुम्हे मजा आ रहा है मैडम |
रीमा - हाँ बहुत मजा आ रहा है |
जितेश - कितना मजा आ रहा है |
रीमा - बहुत बहुत मजा आ रहा है | ऐसे ही करते रहो |
जितेश - क्या करता रहू, खुलकर बोलो न मैडम |
रीमा - बस करते रहो बोलो मत |
जितेश - अब तो जिस्म की गहराई तक का सफ़र तय कर लिया है | अब क्या बचा, अब कौन सा पर्दा है हमारे बीच | हमारे तो लंड और चूत मिल गए है अब तो खुलकर बोलो न मैडम | क्या करता रहू साफ़ साफ़ बोलो |
रीमा समझ गयी थी उसके मुहँ से चूत चुदाई की बकचोदी सुनना चाहता है |
रीमा - मुझे चोदते रहो |
जितेश - बस सिर्फ चोदता रहू |
रीमा - नहीं दिलो जान से चोदो , ढेर सारा प्यार करके चोदो | लम्बे लम्बे धक्के लगाकर चोदो | मेरी चूत की गहराइयो तक लंड पेलकर चोदो |
जितेश के कानो में पड़े ये शब्द उसकी वासना में उत्प्रेरक की तरह थे | उसकी कमर तेजी से हिलने लगी |
जितेश - और ?
रीमा - ओफो बाबा तुम सब मर्द एक जैसे होते हो |
जितेश - बोलो न अच्छा लग रहा है |
रीमा - तुमको अच्छा नहीं लग रहा |
जितेश ने अन्दर लंड ठेलते हुए - अच्छा लग रहा है मैडम, क्या गरम गुलाबी कसी हुई चूत है आपकी | कितना मजा आ रहा है क्या बताऊ आपको |
रीमा - ये मैडम सैदम कहना बंद करो |
जितेश - क्या कंहूँ फिर|
रीमा - जो मै तुमको बुला रही हूँ बेबी |
जितेश - मैडम बेबी जैसी फील नहीं आ रही है, बेबी जैसा फील करावो न मुझे |
रीमा - चल हट शैतान ................|
जितेश की कमर तेजी से हिलाने लगी और उसका लंड सरपट रीमा की गुलाबी गीली गरम चूत को चीर कर अन्दर बाहर होने लगा |
रीमा - यस यस यस बेबी ऐसे ही चोदो मुझे ..................... हचक हचक के मुसल लंड से मेरी गुलाबी मखमली चूत चीरकर पेलकर मुझे चोदो, बस चोदते रहो | यस बेबी जस्ट लाइक थेट | आआआह्ह्ह बस ऐसे ही मेरी चूत को अपने मुसल लंड से कुचलते रहो | मुझे बहुत अच्छा लग रहा है | बस मुझे चोद चोद कर स्वर्ग की सैर करा दो मेरे लंड राजा | मोरे राजा चोदो मुझे, बेबी चोदो न अपनी डार्लिंग को, उसकी मखमली चूत को, मिटा दो इसकी सारी खुजली आज |
जितेश जैसे बस इन्ही शब्दों की ही राह देख रहा हो | ये सुनते ही जोश से भरे जितेश ने फिर से लंड को बाहर खींचा और रीमा की चूत में पेल दिया | रीमा के अरमानो की एक मंजिल और तय हो गयी | उसके मुहँ से एक लम्बी सिसकारी निकली - आआआआआआईईईईईईईईई मामाआआआअ आआआआआआआआअऊऊऊऊऊऊऊह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह |
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09-04-2021, 12:19 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
उसकी चूत में लगता हर धक्का उसकी ख्वाइशो की मंजिल का एक कदम और तय कर रहा था | रीमा कराहती रही लेकिन जितेश ने धक्के लगाने जारी रखे | वो रीमा को कमर हिला हिलाकर चोदने लगा | रीमा के मुहँ से आआआह्ह्ह्ह ऊऊऊओह्ह्ह्ह आआआआआह्हह्हह्हह्ह निकलता रहा | धीरे-धीरे हलके हलके लम्बे -लंबे धक्के जितेश की रीमा की चूत मारने लगा था | रीमा जितेश से बहुत बुरी तरह से चिपकी हुई थी और कराह रही थी | धीरे धीरे उसकी कराहे मादक होने लगी |
रीमा - यस यस यस यस यस बेबी बस ऐसे ही चोदो मुझे, अन्दर तक चोदो बेबी, बस ऐसे ही चोदो जितेश मोरे राजा, चोद दो अपनी बेबी को |
जितेश भी जोश में था - हाँ रीमा बेबी, क्या नरम मखमली गीली कसी हुई चूत है आपकी | आआआआआअह्मेहह्रेहह्हह्हह्हह मैमैमैमैडम सो ओसो सॉरी बेबी, आपकी कमसिन चूत ने मेरे मुसल लंड को आधे में फंसा रखा है | इस उम्र में भी इतनी कसी चूत है | ऐसा लग रहा है जैसे कुंवारी चूत चोद रहा हूँ |
रीमा भी वासना में बदबदती हुई - हाँ बेबी अपनी बेबी की कसी हुई चूत को ढंग से चोद दो , चीर कर फैला दो, दूर कर दो न इसका कुंवारापन | इसको पूरी तरह से चोद दो और अपने मुसल लंड से चीर कर रख दो |
जितेश हांफता हुआ - अब जगह कहाँ है आपकी गुलाबी मखमली सुरंग में, पूरी तो भर गयी है मेरे मुसल लंड से |
रीमा - तो जगह बनावो न मेरे लंड राजा | ये मुसल सा लंड किस दिन काम आवेगा | अगर चूत चीर कर फाड़ कर अपने लिए जगह नहीं बना सकता, तो पत्थर जैसे सख्त लंड का फायदा क्या |
जितेश - बेबी तुमको तकलीफ होगी आपको |
रीमा - औरत तो तकलीफ बर्दास्त करने के लिए ही बनी है, जब तक चूत चीरेगी नहीं, तब तक चुदाई का मजा अधूरा है | चोद दो अपनी रीमा मैडम को जैसा जी करे चोदने का, मेरी तकलीफ की चिंता न करो | चार धक्को बाद सब ठीक हो जाता है |

रीमा की बाते सुनकर जितेश में एक नया जोश भर गया | जितेश की हिलती कमर से उसका तना हुआ लंड रीमा की कसी चूत में बुरी तरह घिसकर अन्दर बाहर हो रहा था | दोनों वासना में नहाये हुए अपने कामुक शब्में से वासना की आग को भड़का रहे थे | दोनों के बदन वासना की आग में बुरी तरह से तप रहे थे | दोनों की सांसे अपनी उफान पर थी | जितेश का पसीना उसके बदन से फिसलकर अब रीमा के पहले से पसीने से लथपथ जिस्म को भिगोने लगा था | रीमा और जितेश दोनों अब वासना के भंवर के बीचो बीच पहुँच चुके थे | अब वापस आने का कोई रास्ता नहीं बचा था | बस एक ही रास्ता बचा था अपने जिस्मो में लगी आग बुझा ले | और वो आग सिर्फ जोरदार चुदाई से बुझनी थी | जितेश का लंड अभी भी एक तिहाई बाहर था जबकि उसकी चूत पूरी तरह से उसके लंड से भर गयी थी | रीमा की चूत में जितेश का लंड सटासट जा रहा था अब रीमा की भूख और बढ़ गयी थी | रीमा को जितेश का पूरा लंड घोंटे बिना चैन कहाँ था भले ही उसकी चूत फट के फट के चिथड़े हो जाये | जितेश के झटको के साथ आआआआ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ आआआआआअह्आहह्याहह्हह्हह्हह की सिसकारियो की राइम निकलती रीमा अब पुरे लंड की भूखी थी | उसने जितेश के चुताड़ो पर अपनी जांघो की कसावट बढ़ा दी और नीचे से अपनी कमर उचका दी |
सटासट अपनी चूत में जा रहे लंड की ठोकरे से हिलती और हांफती रीमा बोली - अपना पूरा मुसल लंड पेलो न मेरी चूत में |
अब तक जितेश समझ गया था रीमा को चोदना बच्चो का खेल नहीं है | जब वो चुदाई की आग में ताप रही होती है तो पूरी तरह से जंगली हो जाती है | उसकी असीमित ख्वाइशे अपने पंख निकाल उड़ने लगाती है | रीमा को चोदना बच्चो जैसे लंड के बस का नहीं था | उसे एक मर्द चाहिए था मोटे तगड़े लंड वाला और जमकर दमदार चुदाई करने वाला और देर तक न झड़ने वाला | वही रीमा की प्सेयास बुझा सकता था | रीमा को जितेश का पूरा लंड चाहिए और इसलिए उसने उसके नीचे अपनी जांघे खोली है | असल में उसे उसके मुसल लंड से अपनी पूरी की पूरी चूत फड़वानी है | जितेश भी वासना के यौवन पर था उसे भी अब रीमा के दर्द की परवाह नहीं थी | उसने पीछे आखिरी तक लंड को खींचा और एक जोरदार झटका लगाते हुए अपनी कमर पर पूरा जोर डाल दिया | उसका तना हुआ लंड रीमा की चूत की दीवारों को चीरता हुआ उसकी की बच्चेदानी से जाकर टकराया रीमा के मुंह से एक तीखी चीख निकल गई - आआआआआआआआ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी फ़ाआआआआआआआआआ डडडडडडडडडडडडडडडड आआआआआआअ ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ दिदिदिदिद मेंमेंमेंमेंमेंमेंरीरीरीरीरीरी रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी आआआआ आआआआह्हीईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआ आआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |

जितेश समझ गया था, वो सुरंग के आखिरी छोर तक पंहुच गया है | रीमा की चूत अब उसके लंड से पूरी तरह से भर गई है इसके आगे अब लंड के लिए कोई जगह नहीं है लेकिन रीमा भी तो अपनी वासना में पूरी तरह से अंधी हो चुकी थी |
रीमा कामुकता और दर्द से कराहती हुई - क्या बच्चो की तरह मेरी चूत में फुदक रहे हो मर्दों वाला लंड पेलो, पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में पेलो भले ही मेरी जान निकल जाये सांसे अटक जाये चूत फट जाये |
रीमा का ये कहना था कि जितेश जोश में आ गया |
उसने अगली बार फिर से एक जोरदार झटका लगाया और पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में घुसा दिया और इस बार उसका लंड उसकी चूत के आखिरी छोर पर बच्चे दानी से टकराता हुआ उसे पीछे की तरफ ठेलता चला गया | उसकी चूत बछेदानी सहित पीछे की तरफ ठेलती चली गयी | रीमा को लगा जैसे गले तक किसी ने मुसल ठूस दिया हो | वह दर्द और वासना में डूबकर कराह पड़ी वो - मममममममममममममममरररररररररररररररररररररररर गगगगगगगगगगगगगगगगगयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयी आआआआह्हीईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआ आआह्हीईईईईईईईईईइह्ही|
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09-04-2021, 12:19 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
जितेश ने रीमा की चूत में पूरा का पूरा लंड घुसा दिया था उसके बाद उसने दो और करारे झटके मारे | उसका मुसल लंड पूरा का पूरा रीमा की गरम गुलाबी चूत में, उसे खुद पर गर्व महसूस हुआ |
वो रीमा को चूमने लगा - रीमा तुम ग्रेट हो तुम बहुत ही ग्रेट हो तुम बाकि औरतों से बिल्कुल अलग हो | ऐसा कभी नहीं हुआ .................मेरे साथ तो कभी नहीं हुआ | तुम पूरा का पूरा मुसल लंड घोंट गयी | तुमारी कसी हुई गुलाबी मखमली चूत मेरी पूरा लंड घोंट गयी | आज मैं धन्य हो गया तुम्हारी चूत को चोद कर इस चूत में मेरा पूरा लंड निगल लिया |
रीमा भी हैरान थी उसने नीचे उंगली लगा कर देखा तो देखा कि जितेश का पूरा लंड तक उसकी चूत में फंसा हुआ है | रीमा के लिए एक गर्व का क्षण था वह जितेश का लंड उसकी चूत पूरा का पूरा निगल गई थी अब रीमा की जोश और उत्तेजना की कोई सीमा नहीं थी |
वह जोश में जितेश से बोली - अब बस कसके चोदो मुझे जितेश, जीतनी तेज चोदना चाहते हो.......... जैसे चोदना चाहते हो , उठा के बिठा के, लिटा के, बस चोद दो मुझे | अब मुझे कुछ नहीं चाहिए | अब बस चुदना है मुझे | जमकर चोदो मुझे जैसे चोद सकते हो | मेरी चूत की सारी अकड़ निकाल दो अपने मुसल लंड से, मेरी चूत की सारी खुजली मिटा दो, मेरे जिस्म में लगी हवस की सारी आग बुझा दो |
रीमा - यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी मुआआआअह्न माआआआअ आआआ यस बस ऐसे ही
ऐसे ही आआह्ह ऐसे ही आआह्ह आआह्ह आआह्ह आआह्ह |
जितेश - ये लो , ये लो ये लो और लो पूरा लंड लो, सारा का सारा लो अपनी चूत में बेबी | आह क्या मखमली नरम कसी हुई चूत है बेबी मेरी जान मेरी चूत, मेरी डार्लिंग | आह्ह्हह्ह बहुत मजा आ रहा है तुमको चोदने में | आआआह्ह्ह बेबी |

जितेश भी रीमा के शब्दों को सुनकर जोश में आ गया - उसकी कमर जोर जोर से हिलने लगी वह तेजी से धक्के लगाने लगा और रीमा भी नीचे से कमर को उठाकर करके उसके लंड को अपनी गुलाबी चूत गहराइयों की अंतिम सीमा तक लेने लगी | अब बस कमरे में थप थप की आवाजे और रीमा की कराहे और जितेश की हांफती सांसे ही गूँज रही थी | जितेश को जोरो से कमर हिलती रही उसका मुसल लंड रीमा की गीली गरम गुलाबी चूत में सरपट अपनी रेस लगाता रहा |

काफी देर तक जितेश उसे चोदता रहा,उसके गुलाबी चूत सुरंग की रेस में आगे पीछे दौड़ता रहा और वह नीचे लेटी खुद को चुदवाती रही थी, उसका लंड अपनी गुलाबी सुरंग में लेती रही | बेतहाशा पेलम पेल ठुकाई चुदाई का ये सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक दोनों की सांसे नहीं उखड़ने लगी | रीमा को बेतहाशा चोदने से जितेश बुरी तरह से हांफने लगा था जितेश अभी-अभी झड़ा था इसलिए इस बार उसे झड़ने में टाइम ज्यादा लग रहा था | रीमा भी ये बात जानती थी कि जितेश बिलकुल घोड़े की तरह उसे चोदेगा इस बार और वो भी ठीक उसी तरह से चुद रही थी | उसकी सांसे भी उखड़ी हुई थी फिर भी जितेश को सुस्ताने का मौका देने के लिए उसने तेजी से खुद को उठा करके जितेश के ऊपर कर लिया था जितेश भी कुछ आराम करना चाहता था |
रीमा - बेबी अब तुम आराम करो, मै तुमारे लंड को जन्नत की सैर कराती हूँ |

जितेश - आह्ह्हह्ह्ह्ह तुम कमाल की रीमा बेबी, ऐसी औरत तो बड़े नसीबो से मिलाती है | तुम क्या चीज हो, मै पागल हो जाऊंगा |
रीमा - अभी कुछ मत बोलो |
अब रीमा रितेश के ऊपर थी और जितेश रीमा के नीचे था | रीमा ने जितेश का लंड अपनी चूत पर सटआया और कमर का जोर डाल कर के उसे पूरा का पूरा अपनी चूत में घुसा दिया और उसके बाद में अपने चूतड़ हिलाने लगी | रीमा जितेश के ऊपर बैठकर घुड़सवारी करने लगी और जितेश का लंड रीमा की चूत में जा रहा था रीमा अपनी कमर को आगे पीछे करके जितेश के लंड को अपनी चूत में ले रही थी जितेश के हाथ रीमा की उठी हुई छातियों पर थे और कस के उसको उछल रहे थे |
रीमा - कैसा लग रहा है बेबी |

जितेश - जैसे कोई खुद ही लंड पकड़कर स्वर्ग की मखमली सुरंग की सैर करा रहा हो | कितनी कसी चूत है रीमा मेरी जान, आआआआह्आह्जह्ह तो तुम मुझे पागल ही कर दोगी |
रीमा - बेबी मै तुमारे मुसल को निचोड़ रही हूँ तुम भी इनका रस (अपने ओरोजो की तरफ इशारा करते हुए ) निचोड़ो न |
जितेश उसके उठे हुए उन्नत सुडौल वक्ष स्थल का रसपान करने लगता | है उसके आगे खरबूजे जैसे झूल रहे रीमा के उरोंजो को जितेश ने कस कर चूमा | इधर काफी देर तक रीमा जितेश के लंड पर बैठकर घुड़सवारी करती रही उसके बाद में रीमा भी बुरी तरह हांफने लगी थी |

अब बारी जितेश की थी तो रीमा जितेश के ऊपर से हटते ही घोड़ी बन गयी | अब जितेश घुटनों के बल पर बैठकर बीमा के पीछे आ गया था और पीछे आते ही उसने जोश में पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में घुसा दिया रीमा ने कराह की लंबी सिसकारी के साथ में उसका पूरा लंड अपनी चूत में निगल लिटा | जितेश ने रीमा के चूतड़ों पर हाथ जमा दिए और उन्हें कस के पकड़ लिया और पीछे से रीमा की चूत को चोदने लगा | रीमा पूरी तरह से घोड़ी बनी हुई थी और जितेश पीछे से रीमा की चूत को चोद रहा था | उसके दोनों बड़े बड़े उरोज झूले की तरह झूला झूल रहे थे उसका पूरा बदन हिल रहा था और जितेश रीमा के चूतड़ों पर कस के ठोक रे मार रहा था पूरे कमरे में थप थप की आवाज आ रही थी | रीमा की चूत पूरी तरह से फ़ैल चुकी थी उसकी खुली गुलाबी चूत में जितेश का लंड अब सटा सट जा रहा था रीमा को जितेश बहुत तेज चोद रहा था जीतनी तेज कमर हिला सकता था उतनी तेज चोद रहा था |

रीमा की चूत में जा रहा सटासट लंड उसके बच्चेदानी पर बार बार ठोकर मार रहा था | इससे रीमा को दर्द हो रहा था | लेकिन रीमा तो इसी हद तक चुदना चाहती थी ऐसे ही गहराई तक बेतहाशा चुदना चाहती थी जब उसकी चूत में कोई लंड पिस्टन की तरह अन्दर बाहर होता रहे | उसे अंदर चूत की गहराइयों तक उसे चोद करके उसकी प्यास मिटा दे | उसके चूत के कोने कोने तक अपने लंड होने का अहसास करा दे | रीमा की सांसें बहुत तेज चल रही थी वह बहुत बुरी तरह हांफ रही थी और जितेश भी बुरी तरह हांफ रहा था लेकिन दोनों की उत्तेजना उनकी सांसों पर भारी थी और वह दोनों एक दूसरे में रमे हुए थे | जल्दी ही जितेश की सांसें उखड़ने लगी और इतनी तेज चुदाई के बाद में वह पस्त होने लगा था और रीमा का भी बुरा हाल था |

दोनों अपनी बेकाबू सांसो को काबू करने के लिए अलग हो गया और दोनों आकर के बिस्तर पर लेट गए थे उसका लंड बहुत तेजी से कांप रहा था | रीमा और रितेश दोनों अपनी सांसे काबू करने लगे तभी रीमा ने जितेश के लंड को अपने मुंह में ले लिया था और उसके जलते हुए लंड को अपने मुंह की चासनी से भिगो भिगो करके थोड़ा सा ठंडा करने लगी | रीमा ने कुछ देर तक हांफते हांफते उसके लंड को सहलाया चूमा और चूसा |

उसके बाद में जितेश ने रीमा को फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी जांघों को ऊपर करके उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया और उसे कसके चोदने लगा था | अब रीमा एक करवट करके लेटी थी और जितेश उसे पीछे से चोद रहा था और उसकी कमर बहुत तेजी से हिल रही थी उसका पूरा लंड रीमा की चूत में सटासट जा रहा था लेकिन जल्दी ही उन दोनों ने पोजीशन बदल दी और रीमा जितेश के नीचे आ गई और फिर से पहले जैसी चुदाई उन्होंने शुरू की थी | इस बार रीमा की टांगे पूरी तरह से हवा में सीधे उठा दी थी और जितेश बहुत तेजी से कमर उठा उठा कर उसकी चूत में धक्के मार रहा था | हर बार जब भी वह धक्का मारता तो उसके पूरे शरीर का भार रीमा के ऊपर आकर गिरता और उसके इतनी भीषण ठोकर से उसका लंड पूरी तरह से रीमा की चूत को कुचलता हुआ उसमे समा जाता था | रीमा को लगातार अपनी चूत में उस मोटे तपते मुसल मीनार का अनुभव हो रहा था , जो उसके अंतर की गहराइयों को चीर रहा था |

उसकी चूत में लग रहा हर झटका उसकी ख्वाइशो की हकीकत की इबारत कह रहा था | हर भीषण ठोकर जो उसकी चूत को चीरते हुए उसकी बच्चेदानी को चोट मार रही थी वो उसे उसकी वासना की मानसिक तृप्ति पहुंचा रहा था | हर ठोकर से उसके शरीर में उठ रही वासना की तरंगे में वह गोते लगाते हुए बार-बार नहा रही थी | उसकी चूत को चीरता लंड उसकी वासना की आग को बुझाने में पूरी ताकत से लगा था | यही तो उसका सपना था आखिरकार उसे उसकी मनपसंद का लंड मिल गया | जो उसे ऐसे चोदे जैसे वह चाहती थी और अब रीमा को सिर्फ यही चाहिए था वह जितेश के नीचे लेटी हुई जितेश के लंड को पूरी गहराई तक अपनी चूत में लेटी रही और जितेश भी उसे बेतहाशा चोदता रहा |
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