Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-01-2021, 05:08 PM,
#61
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
आखिर हारकर रोहित ने रीमा की पोजीशन बदल दी | रीमा को उठाकर पीठ के बल लिटा दिया और उसके घुटने के नीचे उसकी जांघो को पाने बाहुपाश से जकड़ लिया और उसकी गोरी मांसल जांघो को फैलाकर चौड़ा कर दिया | खुद रीमा के ठीक सामने उसकी चिकानो गोरी जांघो के बीचो बीच उसकी चूत के मुहाने पर घुटनों के बल बैठ कर अपना लंड रीमा की चूत में पेल दिया | रीमा की चुदाई फिर शुरू हो गयी, रोहित रीमा की चूत में अन्दर तक मोटा मुसल लंड पेलने लगा लेकिन अभी स्पीड कम ही थी | रीमा ने उसकी जांघ पर जमे रोहित के हाथो को थाम लिया | रोहित के लंड पेलने से लगने वाले झटको के कारन रीमा का पूरा शरीर हिल रहा था, रोहित के हर झटके के साथ रीमा के सुडौल स्तन बार बार ऊपर नीचे की तरफ लयबद्ध तरीके से उछल रहे थे | रीमा के मुहँ से आआह्ह्हह्हहहहहह आःह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ऊऊऊऊओह्ह्ह्ह ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्नि आआआआआआआआआआआअ निकल रहा था |

रोहित कुछ देर तक इसी पोजीशन में रीमा को चोदता रहा, फिर उसने रीमा की दोनों जांघे सटा कर ऊपर की तरफ को कर दी और अपने कंधे पर टिका दी | रीमा ने अपने हाथ सर की तरफ लाकर बेड की चादर को कसकर पकड़ लिया | रोहित ने एक करारा झटका मारा - रोहित का लंड रीमा की गुलाबी चूत की मखमली नरम गीली दीवारों को चीरता हुआ अन्दर तक धँस गया | रीमा के मुहँ से लेक लम्बी चीख निकल गयी - ऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईईईईईईईई ममममममममम्माआआआआआआअ मर गयी, आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ, आराम से करो न, कहाँ की जल्दी है क्यों तकलीफ दे रहे हो |
रोहित हांफता हुआ - आराम हारम है जानेमन, आराम से ही तो चोद रहा था अब तक, कभी कभी सरप्राइज भी होना चाहिए |
रीमा - आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्तु तुमारे सरप्राइज के चक्कर में मेरी जान निकल गयी, ईईईईईईईईईई माआआआआआआ | बड़ी नाजुक है चूत मेरी, ले तो रही है , जितना ले सकती है आराम से तुमारा लंड, फिर क्यों उसकी जान लेने पर तुले हो | जितना हो सकता है, जितने अन्दर तक ले सकती है ले रही है न तुमारा अब इतना मोटा तगड़ा है तो उस बेचारी की क्या गलती है उसे क्यों कुचलने लगते हो, गुलाबी नरम रबर की सुरंग तो है नहीं जैसे मर्जी हो घुसेड़ दो | नर्म मांस की नाजुक सी फूल जैसी कोमल है, उस पर कुछ तो प्यार दिखावो, बेदर्दो की तरह एकदम से घुसेड देते हो, जरा भी दया नहीं आती |

रोहित समझ गया था उसे दर्द हुआ होगा, उसने उसकी बात अनसुना कर तेज गति से अपनी कमर हिलाने लगा, रोहित का लंड सटासट रीमा की चूत में अन्दर बाहर होने लगा | रीमा का पेट, जांघे चूतड़ सीना सब धक्को के कारन हिल रहा था, उसके ठोस सुडौल तने हुए स्तन रोहित के चोदने की लय के साथ ही हिल रहे थे | रीमा सिसकारियां भर रही थी और उसका पूरा जिस्म इस चुदाई से काँप रहा था हिल रहा था, आखिर हो भी क्यों न वो चुद भी तो रोहित के मुसल लंड रही थी | उसे एक मर्द चहिये था जो उसे चोद कर उसकी जवानी की आग बुझा सके | आखिरकार रीमा को वो मिल ही गया था रीमा की जमकर चुदने की बरसो की दबी कामना जो पूरी हो रही थी |

रोहित कुछ देर तक रीमा को ऐसे ही चोदता रहा फिर उसके ऊपर से होते हुए, उसे बांहों में कसकर भर लिया और बिस्तर पर लुढ़क गया | रीमा अब रोहित की बांहों में थी और उसका लंड रीमा की चूत की गहराईयों में | रोहित रीमा को चूमने लगा, रीमा ने अपनी एक टांग रोहित की जांघ पर टिका दी, ताकि रोहित चूत में गहराई तक लंड पेल पाए | रोहित के धक्के मध्यम गति से बदस्तूर जारी थे | रोहित हौले हौले बिना रुके लगातर रीमा को चोद रहा था | रीमा बस चुदे जा रही थी सिसकारियां भर रह थी, अपनी जवानी की बरसो से जमा प्यास बुझा रही थी, उसकी चूत तो जैसे रिसना बंद ही नहीं कर रही थी, उसकी चूत फिर से पानी का झरना बन गयी | रोहित का लंड रीमा की चूत रस से पूरी तरह नहाया हुआ था |
रीमा - आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् बेबी चोदते रहो मुझे, ऐसे ही, बुझा तो इस जिस्म की प्यास, कचूमर बना दो मेरी चूत की दीवारों का, सारी खुजली मिटा दो इस मुई चूत की | बहुत परेशान किया है मुई चूत ने मुझे ऊऊऊऊह्ह्ह्ह ऊहोहोहोहोहोह आअहहहहह्हाह्ह | आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ

रोहित ने स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी | रीमा का बदन भी फिर से पूरी तरह उत्तेजित हो चूका था | रोहित ने रीमा की जांघ को मोड़कर अपने छाती के ऊपर गर्दन की तरफ कर दिया ताकि वो तेजी से और ज्यादा गहराईयों तक रीमा की गीली गरम चूत में अपना लंड पेल सके | रीमा ने भी एक हाथ से अपना चूतड़ थाम लिया | अब रीमा भी जोर जोर से चुदने के लिए पूरी तरह तैयार थी | साथ ही पता नहीं क्या क्या बडबडा रही थी |
रीमा - आआआहहहह्हहाह रोहित ऐसे ही जमकर चोद डालो, बहुत फुदकती थी, मसल कर रख दो अपने मुसल लंड से ताकि फिर कभी न मुझे परेशान करे | ऊऊओह्ह्ह्ह आःह्ह ऊओअओअओअओह्ह्ह्ह ऊऊऊओफ़्फ़्फ़्फ़ ओफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ | आआह्ह्हह्हहहहहह अन्दर तक मसल डालो इसे, इसकी सारी खुजली मिटा दो |
रोहित - यस बेबीईईईईईईईईई आआआआआआआआआआआअ ह्होहोहोहोहोहोहूफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ होहोहोहोहोह्फ्फ्फफ्फ्फ़, मै बिलकुल ऐसे ही चोद रहा हूँ, ये तुम्हे अब कभी नहीं परेशान करेगी | मेरा मुसल लंड इसका कचूमर निकाल देगा, अन्दर ही रगड़ रगड़, चोद चोद कर तुमारी सारी प्यास बुझा देगा | देखो न कितनी पानी छोड़ रही है, मेरी पूरी जांघ और गोलिया गीली करके रख दी है |
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09-01-2021, 05:08 PM,
#62
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा – रोहित अब फुल स्पीड में करो, फुल स्पीड में डालो अन्दर तक, पूरा अन्दर, एक झटके में घुसा दो पूरा का पूरा, बेबी अब बस मसल कर चीर का रख दो मेरी चूत, अब और ज्यादा बर्दास्त नहीं होगा |

रोहित हांफता हुआ – जैसा हुक्म मालिकायें हुस्न | रोहित अपने मोटे लंड को रीमा की कसी संकरी गरम गीली चूत में ठेलने लगा | हालाँकि अभी भी रोहित के लिए रीमा की चूत में लंड ठेलना इतना आसान नहीं था और न ही रीमा को अपनी चूत में रोहित का मोटा तगड़ा लंड लेना | लेकिन दोनों गरम बदन अब बस अपनी हवस की भूख मिटाने को आतुर थे इसलिए दोनों का बस एक ही मकसद था, चुदाई जमकर चुदाई, फुल स्पीड में अन्दर, चूत की गहराईयों तक, रोहित को चोदना था और रीमा को उसका लंड अपनी चूत की गहराई के आखिरी छोर तक ले जाकर चुदना था | इसी बीच रोहित रीमा को बांहों में ही लिए हुए १८० डिग्री पर पलट गया | उसने रीमा के चूतड़ को खीचकर उसकी जांघो को और फैला दिया और तेजी से उसकी चूत की गहराई में लंड पेलने लगा |
रीमा - आआआआआआआआआआआअ आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह आआआऐईईईईऊऊऊऊओ | यस यस यस यस बेबी, ऐसे ही चोदो आआहाअहाहहह्हह्ह्ह्ह, और तेज, अन्दर तक यस यस यस आःह आआह्ह्ह ओह माय गॉड, आआईइऐऐईईईईईईईइ ............ऐसे चोदो जैसे आजतक किसी को न चोदा हो | और तेज बेबी और तेज पूरा डाल दो अन्दर तक | यस येस्स्स्सस्सस्स्स बेबी ओह माय गॉड, ऐसे ही जमकर चोद डालो

दोनों की बुरी तरह हांफ रहे थे | रीमा और ओहित दोनों ही एक दुसरे को एकटक देख रहे थे और रोहित रीमा की चूत की गहराईयों में अपना लंड पेल रहा था | इंजन के पिस्टन की तरह लग रहे धक्के के साथ रीमा का शरीर बुरी तरह हिल रहा था | अब तो दोनों के बदन ही काबू से बाहर थे | बस चुदाई, चुदाई और भीषण चुदाई ही दोनों का मकसद थी |

रीमा-ह्हह्ह्हह्फ्फ्फ़ चोदो रोहित और तेज चोदो, जमकर चोदो आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ आअह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हहह्ह्ह्फ़ह्ह्हफ्ह्ह्फ़ याआह्ह्ह याह्ह्हह्ह चोदो और चोदो खूब चोदो, पूरा लंड घुसा दो |
रोहित – ह्ह्ह्हह्फ्ह्फ़ ह्फ्ह्हफ्ह्फ्ह ह्दफ्फ्फ़ हाँ बेबी चोद रह रहा हूँ, तुमारी चूत को चोद चोद के सुरंग बना दूगां | तुमारी मक्खन जैसी चूत को चीर के रख दुगां | रोहित ने चोदते चोदते ही रीमा को पलट दिया और पीछे से उसकी चूत चोदते लगा | एक हाथ से उसकी जांघ उठाये हुए था दूसरी से रीमा के शरीर को स्थिर रखने के लिए गर्दन जकड़े हुए था |
रीमा – हाँ ययेस्स्स्सस्सस्स्स ब्बब्ब्ब्बी और जोर से और आःह्हह और अन्दर तक, ह्ह्हह्ह्हह्फ्फ्फ़ ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह यस यस यस यस बेबीईईईईईईईईई | अन्दर तक्क्क्कक्क्क्क | यह्ह्ह्हह्ह्ह्ह याह्ह्ह्हह्ह |

दोनों के शरीर अकड़ने लगे थे | दोनों की सांसे धौकनी की तरह चल रही थी, दोनों ही पसीने से सरोबार थे | रोहित मशीन की तरह कमर हिला रहा था और इंजन के पिस्टन की तरह उसका लंड रीमा की चूत में अन्दर बाहर आ जा रहा था | रोहित को पता चल गया था अब उसका चरम बस आने वाला ही है | वो वासना के नशे में पता नहीं क्या क्या बडबडाने लगा – रीमा माय जान, तुम बेस्ट हो, तुम्हे फुल स्पीड से चोद रहा हूँ, तुमारी मखमली चूत मेरा पूरा लंड खा गयी | पूरा का पूरा लंड गपगप करके खा गयी | साला कौन कहता है चूत नाजुक और कोमल होती है | निगलने को आती है बड़े बड़े मुसल लंड निकल जाती है, आअहाआअहाआह्ह तुम देखो कैसे तुमारी जरा सी गुलाबी चूत मेरा पूरा लंड खाए जा रही है | इसलिए आदमी कितना भी ताकतवर हो जब तक औरत के पास चूत है , औरत से जीत ही नहीं सकता | जब तक आअहाआअहाआह्ह बेबी तुमारी कमसिन कमसिन चूत, तुमारा अप्सरा सा हुस्न | आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् तुमारी गुलाबी चूत को चोद चोद के टमाटर जैसा लाल ना कर दू तो मेरा नाम रोहित नहीं | उसकी दीवारों की सरो खुजली मिटा दूगां , ये लो मेरा पूरा मुसल लंड | अन्दर तक लो पूरा का पूरा लो , मेरा लंड सारा का सारा तुमारी चूत में पेल रहा हूँ |
रीमा - आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह आऐईईईईई आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह | आआआआआआआआआआआअ ईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ आह आह आह यस यस यस बेबी चोदो जमकर आआआआआआआआआआआअ चोदो |

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09-01-2021, 05:09 PM,
#63
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रोहित ने तेजी से चोदते हुए रीमा को दूसरी तरफ पलट दिया, रीमा की गर्दन पकड़ कर उसे कसकर थाम लिया और ज्यादा बेदर्दी से उसकी चूत में लंड पेलने लगा, रीमा की सांसे धौकनी की तरह चल रही थी, रीमा के लिए साँस लेना तक मुश्किल हो गया और रोहित सटासट धकाधक बिना किसी दया के पूरी बेदर्दी से रीमा के पूरी तरह गरम होकर तप रहे, पसीने से लथपथ जिस्म में आग की भट्ठी बन चुकी उसकी संकरी गीली गुलाबी चूत में अपना फूला हुआ मोटा लोहे की राड की तरह सख्त मुसल लंड पेल रहा था | दोनों ही बस अपने अपने जिस्म के अन्दर लगी आग को बुझाना चाहते थे, अपने अपने हवस के भूखे जिस्मो में दहक रहे वासना के लावे को बाहर निकालना चाहते थे | रोहित चोद रहा था रीमा चुद रही थी, दोनों का बस एक ही मकसद था अपने अपने अन्दर की दहकते लावे को बाहर निकलना और अपने जिस्मो की प्यास भुझाना |

रीमा – आआईइऐऐईईईईईईईइ ऊओअओअओअओह्ह्ह्ह डाल दो पूरा लंड, चोद डालो इसको जमकर, बहुत तडपाया है इसने | चोदो खूब और स्पीड से चोदो, चीर के, फाड़ के, रख दो इस मुई चूत कमसिन गुलाबी को | इसने जीना हराम कर रखा है मेरा | रोज रात को बिस्तर पर ऐसे तड़पाती है ऊऊऊऊऊ ओओओऊबेबी ,,,,पूछो मत .......आआआआआआआआआआआअ अन्दर तक डालो यस यस्स्स्सस्स्स्स अन्दर तक पूरा यस्स्स्सस्स्स्स | आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह, ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड | आआआआआआआआआआआअ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ |
रीमा का शरीर अकड़ चूका था , रोहित के झटको से वो अपने होशो हवास पहले ही गवाए बैठी थी | उसकी चूत कब झड़ी उसे पता ही नहीं चला | वो बस चुदने में ही मस्त रही और झड गयी | उसके बाद भी उसे होश नहीं आया , रोहित का सटासट अन्दर जाता लंड एक अलग ही तरह की सनसनाहट उसके जिस्म में भर रहा था | वो बस उसी सनसनाहट में मस्त थी, उसके जिस्म की भूख मिटाने से ज्यादा मजा उसे रोहित की चुदाई से मिल रहा था | उसकी चूत पानी के झरने की तरह बह रही थी,और उसमे एक मोटा लंड धकाधक सटासट आ जा रहा और उसका जिस्म रोहित के सख्त बाहुपाश में चूर चूर हो रहा था | एक काम पीड़ित औरत को और क्या चाहिए | उसकी चुदाई सपनों की तरह काल्पनिक थी फिर भी हकीकत थी | वो थककर चूर चूर होने के कगार पर पंहुच गयी थी | 12 घन्टे से कम समय में तीसरी बार उसकी चूत की चुदाई, रोहित का वही अंदाज, वही स्पीड और वही मुसल मोटा तगड़ा लंड, और क्या चाहिए था रीमा को | रीमा के लिए ये सब जन्नत की सैर करने जैसा था |

रोहित बस अब निपटने वाला ही था | उसकी गोलियां फूलकर मोती हो गयी थी, उनके अन्दर से गरम गरम सफ़ेद गाढ़ा रस ऊपर की तरफ बह चला | रोहित का लंड भी अब जवाब दे गया, उसके बदस्तूर धक्को के बीच में रोहित का लावा बह निकला और उसके लंड ने रीमा की चूत में पिचकारियाँ मारनी शुरू कर दी – आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह रीमाम्मामाम्मामामामम मै तो गयाआआआआआअऊओ, आआआअह्हह्हह्ह आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आआ |
हर पिचकारी के साथ रोहित की कराह निकल जाती |
...............आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह |
रीमा की चूत को पिचकारियो से रोहित ने लबालब भर दिया और उसके जांघो पर से लंड रस रिसने लगा | रोहित ने झटके लगाने बंद कर दिए और रीमा के ऊपर ही पसर गया | रीमा उसका पसीने से भरा चेहरा चूमने लगी | रीमा उसे बांहों में भरकर सहलाने लगी और वो अपनी सांसे काबू करने लगा | दोनों ने आंखे बंद कर ली, रोहित का लंड रीमा की चूत के अन्दर ही नरम होने लगा और लंड के नरम होते ही लंड रस से भरी चूत उसे बाहर ठेलने लगे | नरम होकर बाहर निकलने लगा |
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09-01-2021, 05:09 PM,
#64
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
उसके बाहर निकलते ही रोहित के गाढे सफ़ेद लंड रस की धार फट पड़ी और वो चूत से बाहर निकलने लगा | रीमा की सफ़ेद गुलाबी रंगत लिए चिकनी चूत और उसके पतले ओंठो सब रोहित के गाढे सफ़ेद लावे से सरोबार हो गए |

रीमा चुदाई से पूरी तरह पस्त हो गयी थी, उसके हाथ पैर जांघ कमर में अब जान नहीं बची थी लेकिन इसके साथ ही पूरी तरह चुदाई से मस्त भी हो गयी थी, उसे नहीं परवाह थी उसकी चूत से निकलकर उसकी जांघो को गीला करता हुआ रोहित का सफ़ेद गाढ़ा लंड रस बिस्तर पर गिर रहा है | रीमा भरपूर चुदाई से पूरी तरह मस्तियाई हुई थी | हर चीज से बेपरवाह बस अपने चुदाई के मादक कल्पनाओ में खोयी हुई | रीमा एक तरफ करवट करके लेती थी, उसकी चूत से रिस रहा रोहित के मुसल लंड से निकला गाढ़ा सफ़ेद लावा बहकर नीचे की तरफ उसके चुताड़ो और जांघो तक फ़ैल रहा था |
तभी उठकर रोहित ने रीमा की चूत में एक उंगली डाली और ढेर सारा लंड रस बाहर निकल आया | उसने लंड रस से सनी उंगली रीमा की तरफ बधाई जिसे उसने गप से मुहँ में ले लिया | उसके बाद अपने हाथो से जांघो पर बहता सफ़ेद गाढ़ा लंड पोछकर उसे चाटने लगी |

रीमा ने उंगलियों से पोंछ कर अपनी जांघो पर बहता रोहित का सारा सफ़ेद गाढ़ा लंड रस चाट लिया और गैप गैप कर निगल गयी | रोहित ने पीछे से ही रीमा को अपनी बांहों में भर लिया | उसका मुरझाया लंड रीमा के चुताड़ो को छु रहा था, उसका मुरझाया लंड अभी भी रीमा के चूत रस और उसके खुद के लंड रस से सना था | अब वह रीमा की चुताड़ो को भी गीला कर रहा था लेकिन न रीमा को इसकी परवाह थी न रोहित को | रोहित ने खुद के जिस्म को रीमा के जिस्म से चिपका लिया और उसकी जांघो में जांघे फंसा उसे और कसकर जकड लिया | उसका सर रीमा की जुल्फों के काले साये में खो गया | उसने चादर से दोनों को ढक लिया | रीमा की आंखे बंद थी, वो रोहित के सख्त बाहुपाश में समायी हुई थी, निश्चित, चुदाई से बुरी तरह थकी और पस्त, लेकिन चुदाई से मिले आनंद से बिलकुल मस्तियाई हुई | रोहित भी थकान से चूर था | एक दुसरे की सूखते पसीने की गंध एक दुसरे में घुलने लगी | दोनों को ही इसकी परवाह नहीं थी, रीमा इस हालत में अक्सर बाथरूम में खुद को साफ़ करने पंहुच जाती थी लेकिन इस समय उसे किसी चीज की परवाह ही नहीं थी | उसकी चूत रोहित के गाढे सफ़ेद रस से सनी थी, उसका शरीर पसीने से नहाया हुआ था और उसके बाल उलझे थे लेकिन अभी उसे बस चुदाई के बाद के सुकून का अहसास करना था | जिस्म की सफाई तो फिर कभी कर लेगी | रोहित भी रीमा के जिस्म की मादक गंध में डूबा रहना चाहता था इसलिए वो भी खुद को साफ़ करने नहीं उठा | धीरे धीरे दोनों की आंख लग गयी | दोनों एक दुसरे की बांहों में ही गहरी नीद में सो गए |

जब रीमा की आंख खुली तो वो रोहित की सख्त बांहों में थी और घड़ी में १२ से ऊपर बज रहे थे | उसने रोहित के हाथ को आइस्ते से हटाया और बिस्तर से उठकर अपनी पैंटी पहनी और बाथरूम में चली गयी | उसने अच्छी तरह खुद को साफ़ किया | इधर रोहित भी उठा और बाथरूम की तरफ चला गया, चूँकि रीमा ने दरवाजा बंद नहीं किया था तो रोहित में बाथरूम में घुस गया | रीमा शावर के नीचे नहा रही थी | उसका नंगा गोरा गुलाबी बदन और उसके ऊपर ओस जैसी पानी की बूंदे | रीमा के बदन से पानी की बूंदे ऐसे फिसल रही थी जैसे उसका बदन पर किसी ने मक्खन का लेप चढ़ाया हो| रीमा के जादुई जिस्म को देखकर अन्दर ही अन्दर रोहित मुस्कुराया और फ्रेश होने की तरफ बढ़ गया |

रीमा बाथरूम से नहाकर निकली और किचन में घुस गयी | उसने बर्तन साफ़ किये और काफी बनाने लगी | उसने अपने और रोहित दोनों के लिए काफी बनायीं | जब तक काफी रेडी हुई, रोहित भी आ गया | दोनों काफी पीने लगे, दोनों के बीच कम ही बातचीत हुई | बस एक दुसरे को देखकर मुस्कुरा देते | काफी खतम होने के बाद रीमा काफी के कप रखने किचन चली गयी |

रोहित फिर से बेड पर पसर गया | रीमा कुछ देर बाद किचन का काम खतम करके लौटी |
रीमा टॉवल से हाथ पोंछ ही रही थी, रोहित ने उसे बेड पर अपने ऊपर खींच लिया | रीमा ने झिड़कते हुए - अब छोड़ो भी रोहित, बहुत सारा काम करना बाकि है और आज ऑफिस भी नहीं गयी |
रोहित - ऑफिस तो रोज जाती हो, एक दिन नहीं जाओगी तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा |
रीमा को अपने बाहुपाश में भरने की असफल चेष्ठा करता हुआ रोहित बोला | रीमा छिटक कर दूर हो गयी |
रीमा - अब बहुत हो गया रोहित, अब और नहीं |
रोहित - सच्ची ?
रीमा - मुच्ची |
रोहित - हुहुहुहू इस बार आसार ठीक लग रहे है, चलो फिर भी तुम्हे कुछ बताना था |
रीमा - क्या मतलब आसार ठीक लग रहे है |
रोहित - छोड़ो न तुम हर एक शब्द को इतना पकड़ती क्यों हो |
रीमा - क्योंकि मै रीमा हूँ, मिस्टेक पकड़ना ही मेरा काम है |
रोहित - ठीक है ठेक है अच्छा सुनो, कुछ रूककर........तुम खुस हो ???
रीमा ताड़ गयी - फिर से नहीं, बिलकुल नहीं, आई ऍम हैप्पी एंड पूरी तरह से तृप्त और संतुष्ट | अब खुस |
रोहित समझ गया - तुमारा कॉन्फिडेंस लौट आया |
रीमा - मतलब ?
रोहित - पहले जब भी हम कभी सेक्स या उससे रिलेटेड बात पाने ग्रुप में करते थे तो कैसे चुप हो जाया करती थी या वहां से उठकर चली भी जाती थी | ऐसा दुबारा न हो इसलिए कुछ देना है तुमको |
रीमा - अच्छा तो तुमारा कहना है की कल रात से तुम मेरा कॉन्फिडेंस ला रहे थे | बहुत अच्छे, सीधे सीधे क्यों नहीं बोलते अपनी ठरक मिटाने आये थे | जीतनी बार भी सजी हूँ हार बार सब लूट लेटे हो |
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09-01-2021, 05:09 PM,
#65
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रोहित उसकी बात को अनसुना करते हुए - ये लो, ये एक सीक्रेट डायरी है जो मैंने लिखी है | तुम्हे याद होगा मैंने के क्रैश कोर्स ह्यूमन बेहविऔर और मनोविज्ञान पर किया था |
रीमा - हाँ मुझे याद है लेकिन इसमें तुमने क्या लिखा है ?
रोहित गंभीर होता हुआ - रीमा मै तुम्हे खुश देखना चाहता हूँ बस, मुझे इतना तो अंदाजा हो गया है तुम जीतनी ऊपर से सीधी हो उतने ही ज्यादा खुराफात तुमारे दिमाग में घूमती रहती है | अपनी बाहरी इमेज के चक्कर में तुम कभी अन्दर वाली खूखार रीमा को बाहर आने का मौका नहीं देती हो और यही बात तुम्हे सबसे ज्यादा हर्ट करती है | मै चाहता हो तुम किसी बंधन में मत रहो, खुद के बनाये बंधन भी तोड़ दो | मै आज तुमारे पास हूँ, लेकिन जल्द ही मुझे शायद बाहर जाना पड़े, इसका मतलब ये नहीं है की तुम पुरानी वाली रीमा फिर से बन जाना | इसलिए ये डायरी लाया हूँ | अकेले एन्जॉय करना सीखो, ये एक अकेली औरत के सेक्सुअल फैंटसी और उसके सोशल बेहविअर पर लिखी थी | सच कहता हूँ ये तुम्हे सोच कर नहीं बल्कि निकिता को सोचकर लिखी थी | उसके जाने के बाद से हर रात प्रियम के सोने के बाद जब बिस्तर पर अकेले नीद नहीं आती थी तो निकिता के बारे में सोचता था | अपने कैरियर के चक्कर में वो कैसे अपने'पति और दुध्मुहें बच्चे को छोड़कर चली गयी | जब भी काम से फुर्सत पति होगी, उसका भी तो मन करता होगा | वो तो मेरे जैसी भी नहीं थी, कही भी मुहँ मार ले | १२ साल हो गए कैसे काटती होगी अपनी जिंदगी | इन्ही सब सवालो के जवाब दूढ़ते ढूढ़ते ये लिख डाली थी लेकिन जब पता चला निकिता ने दूसरी शादी कर ली फिर मैंने इसे लिखना बंद कर दिया और इसे तिजोरी में बंद कर दिया था | कल रात जब मै यहाँ से गया, तो नींद नहीं आ रही थी, तुमारे बारे में सोचते सोचते मुहे डायरी का ख्याल आया | निकिता को लेकर मै ही गलत था, लिखी उसी के लिए थी लेकिन शायद ये तुमारे काम आ सकती है | जो भी तुमारी फैंटसी है खुलकर पूरा करो, बिना किसी से डरे सहमे |
इससे पहले रीमा कुछ बोलती रोहित सफाई पेश करने लगा - देखो मुझ गलत मत समझना, और जब तक पूरी डायरी मत पढ़ लेना, रियेक्ट मत करना, ये मेरी एक रिक्वेस्ट है |
रीमा माहौल को हल्का करती हुई - जैसी आपकी आज्ञा गुरु महराज |
रोहित उसी गंभीरता के साथ - एक और जरुरी बात, प्रियम वैसे तो यहाँ आस पास भी नहीं फटकेगा, लेकिन अगर इधर आता है तो सबसे पहले तुम मुझे बताओगी |
रीमा - ठीक है |
रोहित - आखिरी बात, तुम अकेली औरत हो, कोई भी मर्द तुमारा फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है | तुम्हे पता होना चाहिए कि मर्द की सबसे बड़ी कमजोरी क्या होती है |
रीमा - औरत और उसका छेद |
रोहित - नहीं उसकी धौंस, जो उसमे नहीं फंसता, जो उससे नहीं डरता वो उसके जाल में कभी नहीं फंसता |
आखिर मर्द किस बार से औरत को डराते है, शरीर की ताकत, और लंड की धौंस | अक्सर यही तो धमकी देते मिलते है तुझे पीट दूंगा या तुझे चोद दूंगा | इसके अलावा तो हर मामले में औरत सुपीरियर है | तुम्हे किसी मर्द की धौंस में नहीं फसना है | अगर वो ताकतवर है तो उसके लंड को काबू में करो और फिर कुत्ता बना लो |
रीमा - और जो लंड से भी काबू में न आये ?
रोहित - उसे गोली मार देना, मैंने तुम्हे गन दे रखी है |
रीमा - लेकिन ये सब आज तुम मुझे क्यों समझा रहे हो ?
रोहित - तुम मेरा यकीं नहीं करोगी लेकिन फिर भी बता देता हूँ, आज के बाद तुम बहुत पंगे लेने वाली हो, मुझे पता है तुम नहीं मानोगी लेकिन ये जल्द होने वाला है और जरुरी नहीं हर वक्त मै तुमारे साथ रहू |
रीमा - बढ़ा ख्याल रख रहे आज तो, क्या बात है कही प्यार तो नहीं हो गया मुझसे ??
रोहित - भाई के जाने के बाद कब मैंने तुमारा ख्याल नहीं रखा, तुम बतावो |
रीमा गंभीर होते हुए - ये तो है, वरना इस शहर में इस विधवा को कोई जीने नहीं देता | तुमारी वजह से मजाल है तो सीधी आंख कोई मुझे देख ले | इतने बड़े बड़े गुंडे बदमाश है सभी भाभी कहकर पांव ही छुते है |

रोहित - अच्छा ये सवाल पूछू ?
रीमा - क्या ?
रोहित - मान लो मै साल छ महीने के लिए कही बाहर चला जाऊ, तो क्या करोगी |
रीमा - तुम वहां क्या करोगे ?
रोहित बेबाकी से बोला - मै तो एक्स्कोर्ट ढूढूगा |
रीमा - जरा भी शर्म नहीं, मेरे सामने ही बोले दे रहे हो |
रोहित - इसमें झूठ क्या बोलना, शरीर की जरुरत है पूरी तो करनी पड़ती है |
रीमा रुठते हुए - अपना मुहँ काला करके फिर मेरे पास मत आना |
रोहित - पहले भी तो करता था, आज इतना टची क्यों हो रही हो |
रीमा - तब क्या मेरे साथ सोते भी थे!!! नहीं न |
रोहित - ऊऊहोहो तो ये बात है मैडम जी सेंटी हो गयी है एक ही रात में, चलो वादा तो नहीं करता लेकिन कोशिश करूगां |
रीमा - कोशिश नहीं वादा करो, नहीं तो मत जाना, किसी और को भेज देना |
रोहित - तुम भी एक वादा करो, तभी मै वादा करूगां ?
रीमा - क्या ?
रोहित - तुम अकेले कैसे एन्जॉय करोगी ? तुम भी यहाँ कोई ढूंढ लेना |
रीमा - मुझे इसकी कोई जरुरत नहीं है, मै अकेले ही खुश हूँ | अब तक क्या जी नहीं रही थी |
रोहित - यही तो समस्या है, जी रही थी लेकिन चूत तो तड़प रही थी | उसके चिकोटी काटते हुए |
रीमा झिड़कते हुए - चुप करो, तुमारे दिमाग में दिन भर वही चलता रहता है क्या ?
बोलो खाना क्या खावोगे | खाना बनाये देती हूँ, प्रियम के लिए लिए जाना और तुम यही खा लेना |
इतना कहकर रीमा खाना बनाने चली गयी | रोहित रीमा के लैपटॉप को खोलकर कुछ काम करने लगा |
रीमा ने खाना बनाया, दोनों ने खाया | रीमा ने प्रियम के लिए खाना पैक भी कर दिया | चलते चलते रोहित बोला - रीमा एक ऑनलाइन आर्डर किया है |
रीमा सवालिया मुद्रा में - किस चीज का ?
रोहित - तुमारे लिए ही है और बड़े काम की चीज है |
रीमा - क्या है ये तो बतावो ?
रोहित - बता दू सच में, मुझे मरोगी तो नहीं |
रीमा वहां तक सोच ही नहीं पाई, रोहित ने उसके कान के पास आकर कहा - वाइब्रेटर और दिल्डोस है | इतना कहकर हँसता हुआ भाग गया | रीमा दरवाजे पर खड़े खड़े ही शर्म से पानी पानी हो गयी | फटाफट उसने दरवाजा बंद किया और कमरे की तरफ भागी | लैपटॉप खोल कर देखा तो सच में रोहित ने चार अलग एक दर्जन से ज्यादा एडल्ट टॉयज आर्डर कर दिए थे और पेमेंट भी कर दिया था |
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09-01-2021, 05:09 PM,
#66
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा वहां तक सोच ही नहीं पाई, रोहित ने उसके कान के पास आकर कहा - वाइब्रेटर और दिल्डोस है | इतना कहकर हँसता हुआ भाग गया | रीमा दरवाजे पर खड़े खड़े ही शर्म से पानी पानी हो गयी | फटाफट उसने दरवाजा बंद किया और कमरे की तरफ भागी | लैपटॉप खोल कर देखा तो सच में रोहित ने चार अलग एक दर्जन से ज्यादा एडल्ट टॉयज आर्डर कर दिए थे और पेमेंट भी कर दिया था |

रीमा को बड़ी झेंप महसूस हो रही थी, उसने आर्डर कैंसिल करने का फैसला लिया |
आर्डर कैंसिल करने के लिए यूजर प्रोफाइल के आर्डर लाग में भी गयी लेकिन बार बार कैंसिल बटन पर जाकर उसके हाथ रुक जाते | उसे बड़ा अजीब लग रहा था वो आर्डर कैंसिल भी करना चाहती थी लेकिन रोहित ने अगर आर्डर किया है तो शायद कुछ सोच समझ कर ही किया होगा, यही सोचकर वो रुक गयी |

उधर प्रियम का सारा प्लान फ़ैल हो गया क्योंकि जिस चिप में उसने रीमा के लंड चुसाई की रिकॉर्डिंग रखी थी, वो कही गिर गयी | अब उसका रीमा चाची को पाने का सपना सपना ही रह गया | ऊपर से रोहित ने उसकी गांड फाड़ दी, कि अगर वो रीमा के घर के आस पास भी दिखा तो उसकी हड्डी पसली एक कर देगें | रोहित की निगाह से बचकर जाना प्रियम के टेढ़ी खीर हो गया | ऊपर से आजकल काम ज्यादा होने ही वजह से रीमा भी शाम तक ही घर आ पाती | प्रियम के दोस्त भी रीमा को लेकर बहुत उत्सुक थे लेकिन अब उन सका प्लान चौपट हो गया | इधर रोहित ने प्रियम पर निगरानी रखने के लिए उसे एक अच्छा स्मार्टफोन खरीद कर दिया जिसमे उसने खुद ही २ स्पाई अप्प इंस्टाल कर दिए | ताकि प्रियम की हर हरकत पर नजर रखी जा सके | रोहित के पास अपना भी काफी काम होता है इसलिए इससे बेहतर कोई तरीका उसे नहीं मिला |

रीमा रोहित की डायरी के कुछ पन्ने रोज पढ़ती | उसमे अकेली औरत के सेक्सुअल फैंटसी से ज्यादा मनोविज्ञान के चैप्टर थे | रीमा के सभी कुल मिलाकर काफी मतलब के थे | रीमा के एक एक चैप्टर ध्यान से पढ़ा और उसे कही न कही ऐसा लगा जैसे वो डायरी उसी के लिए लिखी गयी है | जितना वो डायरी पढ़ती उतनी ही उसकी दिलचस्पी बढती जाती | उसने भी अपने बचपने से जवानी तक ब्लू फिल्मे देखि थी और फिर पोर्न भी देखा, लेकिन सेक्स को इस तरह से शायद ही कही दिखाया गया हो | एक औरत अपने आप में एक सम्पूर्ण पैकेज है, उसे कुछ भी बाहर से नहीं चाहिए, सिवाय बच्चा पैदा करने के लिए एक बीज के | रीमा की फैंटसी तो porn से भी इतर थी लेकिन न तो उसे तरीका मालूम था और न ही सलीका | सबसे बड़ी बात उन फैंटसी को पूरा करने का आत्मविस्वास कहाँ से लाती | एक अच्छे मनोवैज्ञानिक की तरह रोहित की इस डायरी ने रीमा के हजारो अनसुलझे सवालो के जवाब दे डाले | वो डायरी पढ़कर निश्चिंत हो गयी, अब उसके अन्दर भी कुछ कर गुजरने की चाहत थी | जो भी उसे करना था गोपनीय रूप से ही करना था | उसका एडल्ट टॉयज का आर्डर भी आ चूका था लेकिन उन्हें इस्तेमाल करने में रीमा की बहुत ज्यादा रूचि थी नहीं इसलिए उसे पैक करके बेड के नीचे डाल दिया | डायरी पढ़कर जो सबसे पहली बात उसने सीखी थी वो थी बॉडी लैंग्वेज और उसका कॉन्फिडेंस | उसके खुद को कई बार ऊपर से नीचे तक पूरा नंगा देखा था लेकिन तब नजरिया कुछ था और मकसद भी कुछ और ही था | अब उसका अपने बदन को देखने का नजरिया बदल गया था, अब वो खुद को एक खूबसूरत औरत के जिस्म के रूप में देखती थी, तब खुद को जवान देखकर खुश होती थी अब जवानी की चमक के आत्मविश्वास पर इतराती है | पहले घर हो या बाहर, पुरे कपडे पहने रहना उसकी आदत थी | उसने शुरुआत कपड़ो से ही करी, उसने घर में कपड़े पहनने कम कर दिए या कई बार बिलकुल उतार देती | और सीसों के सामने से नंगी चलती हुई गुजरती | किचन में पैंटी ब्रा में खाना बनाती, या सिर्फ अप्रोन पहन कर खाना बनाती और पीछे लगे शीशे में बार बार अपने उठे चूतड़ घूम घूम कर देखती | कई बार सिर्फ पैंटी पहने पहने ही पूरा घर साफ़ कर डालती | हालाँकि ऐसे टाइम ये जरुर ध्यान रखती थी घर के चारो तरफ के सारे परदे पड़े हो | उसे खुद को नंगा देखना और नंगा रहन अच्छा लगने लगा | कई बार वाइब्रेटर भी उसे करती | सफाई के वक्त उसे अपनी चूत में घुसाकर रिमोट ऑन कर देती और फिर पुरे घर में वो रायता फैलता की दो घंटे लग जाते समेटने में | रोहित को वक्त नहीं मिलता था, ऊपर से बाप बेटे अब एक दुसरे पर निगाह रखते थे | अगर किसी को रीमा के घर आना होता तो साथ साथ ही आते और साथ साथ ही वापस चले जात्ते | रोहित बस रीमा को देखकर मुस्कुराकर रह जाता | ऐसे ही एक दिन शाम को रीमा किचन में बिलकुल नंग धढंग कुछ काम कर रही थी |

उसने सिर्फ पैंटी पहन रखी थी, जब दूर बेल बजी तो उसने देखा रोहित आया है | फट से कपड़े पहनने भागी लेकिन उसने दुसरे कैमरे से देखा तो रोहित अकेला था, उसने परदे के पीछे खड़े होकर दरवाजा खोल दिया | रोहित रीमा को सिर्फ पैंटी में देखकर हैरान कर गया | उसने बहार दबी आवाज में आँखों से इशारा किया - प्रियम है | रीमा कुछ समझी नहीं - उसने दरवाजे की ओंट से झांककर बाहर देखा, तो प्रियम गार्डन गेट से अन्दर आ चूका था |

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09-01-2021, 05:09 PM,
#67
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
इसलिए उसने पहले कुछ खाने की सोची | वो फ्रूट बकेट में फल ढूंढ रही थी तभी उसे केला दिखाई दिए | उसने दो बड़े केले टोकरी से निकाले, जो लगभग लगभग रोहित के लंड जितने लम्बे मोटे थे | उसने एक केले को आधा छील दिया, केला छीलते ही उसके दिमाग में कुछ और ही तैर गया | उसके दिमाग में केले को छीलकर उसे लंड की तरह चूसती लड़की की तस्वीर याद गयी | उसके दिमाग में लंड चुसाई की तस्वीरे आने लगी | वह रोहित के साथ बिताये जादुई चुदाई के बेहतरीन पलो से बाहर नहीं आ पाई थी | केला सामने आते ही उसके दिमाग के कोने में दबी शरारत बाहर आ गयी | उसने बहुत पहले, जब वो वासना की आग में तड़पती थी तब उसने ब्लू फिल्म में एक नंगी लड़की को केले से खेलते देखा था | आज मौका था मूड था और सबसे बड़ी बात आज हिम्मत थी कुछ कर गुजरने की, उस डायरी का असर था जो लाज शर्म की दीवारे और बंधन उसे रोकते थे उन्हें वो कब का वो तोड़ चुकी थी | अब उसके लिए खुद को एन्जॉय करना कोई शर्म की बात नहीं थी | उसने बरसो से संजोयी किचन सेक्स फैंटसी आज पूरा करने का मन बनाया | उसने चारो तरफ के परदे देखे फिर वो निश्चिन्त होकर छिले केले पर अपनी गीली गुलाबी जीभ फिराने लगी | उसे चाटने लगी | ये सब देखकर प्रियम के दिमाग का फ्यूज उड़ गया | ये तो उसकी सोच के आस पास भी नहीं था, न ही उसके दिमाग में ऐसा कुछ कभी आ सकता था |

उसे भूख लगी थी और कोई सामान्य समय होता तो अब तक वो दो केले खाकर उनका छिलका कूड़ेदान में फेंक चुकी होती लेकिन अभी वो वासना की मस्ती में मस्त होना चाहती थी | समाज या व्यक्तिगत नैतिकता के बन्धनों का कोई डर नहीं | उसे डायरी पढकर पता चल गया था कि बंद दीवारों के बीच में खुद की सेक्सुअल डिजायर को पूरा करना किसी तरह का पाप नहीं है | खुद को खुद के द्वारा एन्जॉय करना कोई गुनाह नहीं है | उसने कमर के ऊपर कुछ नहीं पहना था, कमर के ऊपर वो बिलकुल नंगी थी, उसकी तनी सुडौल छातियाँ और उस पर विराजमान चुचियाँ बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में निर्वस्त्र थी | वो सिर्फ पैंटी में थी, क्योंकि वो निश्चिन्त थी की यहाँ कोई नहीं सिवाय उसके खुद के, और अब खुद से शर्माना उसने छोड़ दिया था, पहले खुद को नंगा देखते ही झेंप जाई थी, कुछ न कुछ शरीर पर डाल लेती थी | उसने आराम से केले को चाटने के बाद मुहँ में लेना शुरू कर दिया | पहले धीरे धीरे मुहँ के अन्दर छिले केले को ले गयी और उसे दोनों तरफ से अपने गुलाबी रसीले ओंठो से जकड लिया | प्रियम ने अपने प्लान के अनुसार पहले खिड़की हल्की सी खोली, फिर आराम से मतलब भर की खोल दी और पहले से ही परदे में हुक की गयी डोर हाथ में थाम थी जैसे ही रीमा की चूसने चटाने की आवाजे उसके कानो तक पंहुची उसने हल्का सा पर्दा डोर के सहारे हटाया, पर्दा खिसकते की उसने जो देखा तो जैसे ४४० वोल्ट का करंट लगा हो | ये उसकी सोच की सीमाओं से बाहर था | एक औरत केले से कैसे अपनी सेक्स की भूख मिटा सकती है, अब उसके लिए ये किसी सस्पेंस थ्रिलर की तरह से हो गया | उसकी दिलचस्पी रीमा के दमकते गुलाबी नंगे बदन को देखने में कम और उसकी हरकतों में ज्यादा हो गयी | रीमा का इस तरह से केले को चुसना और रीमा के कमर के ऊपर के दमकते गोरे नंगे जिस्म को देखकर प्रियम की दिलचस्पी और लालसा और बढ़ती जा रही थी | उसके लंड में भी हरकत होने लगी |

अब प्रियम ने अपने दिमाग में ये पहेली सुलझा ली थी की आखिरकार रीमा चाची ने उसका लंड इतनी अच्छी तरीके से कैसे चूसा, पूरा गले तक घोंट गयी बिना चोक हुए, क्योंकि अलसी लंड तो उन्हें मिलता नहीं होगा तो वे केले के साथ इसकी प्रैक्टिस करती रही होगी | उसके दिमाग के सारे तार झनझना गए | उसने रीमा को क्या समझा था और वो उन्हें क्या करते देख रहा है | इसका मतलब रीमा चाची और भी बहुत कुछ करती होगी, मुझे तो यहाँ रोज आने का प्लान बनाना पड़ेगा |

फिर धीरे से अन्दर बाहर करने लगी | जैसे मुहँ में लंड ठेलते समय लंड को अन्दर बाहर करते है वैसे ही वो छिले हुए केले को अन्दर बाहर करने लगी | वो कर तो केला अन्दर बाहर रही थी लेकिन बार बार उसे रोहित का मोटा तगड़ा मुसल लंड याद आ रहा था | चूसा तो उसने लालीपॉप की तरह प्रियम का भी लंड था, लेकिन रोहित की हिदायत और शायद अपनी गलती के अहसास के बाद उसकी सेक्स फंतासी में प्रियम के लिए कोई जगह नहीं थी | इसीलिए किसी और के काल्पनिक लंड की जगह रियल में अपने मुहँ में ले चुकी रोहित के लंड की कल्पना करने लगती | उसकी कल्पना भी सामान्य औरत की सोच से परे थी , जैसे ही उसने केले का छिलका आधा उतारा था उसे छिले केले के अन्दर से तना सख्त लंड जैसा ठोस दिखाई दे रहा था मस्तिष्क में वो कल्पना करना सिर्फ रीमा जैसी कामुक खूबसूरत औरत ही कर सकती है | इसलिए उसे लंड मानकर ही चूस रही थी |

प्रियम की पेंट में उसके लंड ने तम्बू बना दिया था लेकिन प्रियम का सारा ध्यान रीमा की किचन सेक्स फैंटसी देखने में ज्यादा था | इसीलिए तने लंड को केवल ऊपर से ही सहलाता रहा |
धीरे से केले का छिला हिस्सा अन्दर ले जाती और फिर ओंठो से रगड़ते हुए बाहर ले आती | बार बार अन्दर बाहर करने से केले का उपरी हिस्सा लार के साथ मिलकर चिकना हो गया था | फिर केले को छिले हिस्से की जड़ से लेकर ऊपर तक जीभ से चाटती चली जाती | रीमा को चूसने से ज्यादा चटाने में मजा आ रहा था |

कभी बायीं तरफ से तिरछा करके मुहँ में ठेलती कभी दाई तरफ से | कभी अपने गुलाबी रसीले ओंठो से जकड़ लेती और दोनों हाथो से अपने सुडौल उभरे स्तन मसलने लगती | प्रियम के चेरे पर हवाइयां उड़ने लगी, उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और उसका बदन गरम होने लगा | उसका लंड भी पूरी तरह से पेंट के अन्दर ही अकड़ गया |
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09-01-2021, 05:10 PM,
#68
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
धीरे धीरे रीमा ने केले को अन्दर बाहर करने की गति बढ़ा दी | उसने केले पर ओंठो का दबाव भी बढ़ा दिया, दबाव बढ़ते ही नरम केले की परत उधड़ने लगी और लार के साथ मिलकर ओंठो को सानने लगी | रीमा केले के लिसलिसे हिस्से को चाट कर सफाचट कर देती, अपने ओंठो पर जीभ फेरती और फिर से केले को मुहँ में अन्दर बाहर करने लगती |

उसका एक हाथ उसकी पैंटी में पंहुच गया वो अपनी चूत पर उंगलियाँ फिराने लगी | जैसे जैसे वो केले को अन्दर बाहर करती, उसकी उंगलियाँ भी उसकी चूत पर उतनी ही तेजी से रिदम के साथ फिसल रही थी | उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी, शरीर गरम होने लगा और चूत गीली होने लगी थी | उसे बार बार रोहित का लंड चूसना याद आ रहा था | वो धीरे धीरे गहराई तक केले को चूसने लगी थी | केला का साइज़ भी रोहित के लंड से कुछ कम नहीं था, इसलिए आधे से ज्यादा ही केला रीमा अभी मुहँ में ले पा रही थी और केला जाकर रीमा के गले को छु रहा था | असल में रीमा केले को लंड समझ के ही मुहँ में ले रही थी, उसके दिलो दिमाग में रोहित का लंड चुसना ही छाया हुआ था, वो उसी अंदाज में केले को नीचे से पकड़ कर उस पर अपना सर नीचे ऊपर कर रही थी और केले को लंड की तरह मुहँ में ले रही थी |

रीमा अपनी एक और फंतासी पूरी कर रही थी | वो जिसके बारे में सोचा करती थी अब वो कर रही थी | हर स्ट्रोक के साथ उसकी हाथ की उंगलिया उसके चूत दाने को बुरी तरह रगड़ने लगी | तेज सांसो के साथ उसके मुहँ से आअहाआअहाआह्ह ऊऊऊऊउह्ह्ह्हह भी निकलने लगा | केले को जड़ से कसकर पकडे थी और ऊपर छिले हुए हिस्से को उसने हलके हाथो से उंगलियों का छल्ला बनाकर जकड लिया और चूसते समय उसके चारों ओर उंगलियो का छल्ला फिराने लगी जैसे लंड चूसते समय एक हाथ से लंड को जड़ से पकड़ लेते है और दुसरे हाथ की उंगलियों का छल्ला बनाकर नीचे से लेकर लंड के सुपाडे तक रगड़ते है और लंड को मुहँ के अन्दर लेकर चूसते चले जाते है | रीमा जैसी औरत ने भले ही बहुत ज्यादा सेक्स एडवेंचर न किये हो लेकिन उसने सेक्स वीडियो में देखा सब था और उसे क्या कैसे करना होता है ये भी अच्छे से पता था | पति के देहांत के बाद सेक्स वीडियो ही थे जिन्हें देखकर वो खुद को थोड़ा शांत रखती थी | अभी इसलिए बिलकुल वैसे ही अंदाज में रीमा केले को चूस रही थी, जैसा उसने एक वीडियो में देखा था | रीमा को केले को लंड समझकर चूसते और अपने चूत दाने को रगड़ते समय हो गया था | सख्त केले की ऊपर परत लार से गीले तो पहले ही थी अब नरम होने लगी थी, केला लंड जैसे सख्त तो होता है लेकिन लंड नहीं होता, केले की सख्ती रीमा के हाथो की सख्त पकड़ और उसके रसीले गुलाबी ओंठो की कसी चुसाई से कम होने लगी थी | रीमा की गीली चूत में तरंगे उठ रही थी | रीमा ने केला किनारे रखकर अपनी पैंटी उतार दी | उसने दुसरे साबुत केले को दुसरे हाथ से उठाया और अपनी चिकनी जांघो के चूत त्रिकोण पर फिराने लगी | जबकि दुसरे केले को मुहँ में लेकर फिर से चूसने लगी | दोनों जांघो के बीच स्थित रीमा की गुलाबी गरम चूत पूरी तरह से बंद थी | उसके गुलाबी ओंठ पूरी तरह आपस में चिपके हुए थे और रीमा चूत के आपस में सटे गुलाबी ओंठो को दुसरे केले से सहलाने लगी | केले में लंड जैसी गरमी तो थी लेकिन फिर भी उसे वो लंड से कम नहीं लग रहा था | हालाँकि केले का साइज़ रोहित के लंड के बराबर नहीं था फिर भी रीमा कल्पनाओं में देख रही थी की ये रोहित का ही लंड है |

उसने चूत की दरार पर रगड़ते केले पर दबाव बढ़ा दिया, चूत के ओंठ खुलने लगे, ऊपर उसके मुहँ में लगातार नरम हो रहा लार से सना छिला केला मुहँ में अन्दर बाहर हो रहा था | रीमा ने चूत को खोलना शुरू कर दिया और अपने साबुत केले का एक सिरा चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी | मुहँ से मादक कराहे निकल रही थी छिले केले का चुसना जारी था | नीचे साबुत केले को पूरी कोशिश से चूत में घुसाने में लगी थी लेकिन सफल नहीं हो पा रही थी, सुखा केला के लिए चूत अपना मुहँ खोलने को तैयार ही नहीं थी | चूत गीली थी लेकिन उसमे इतना गीलापन नहीं था की सूखे साबुत केले को आराम से अन्दर ले ले | रीमा के छिले केले को अलग रख दिया और एक हाथ से अपनी गुलाबी गरम चूत के ओंठ फैला दिए और केले को हैंडल की तरफ से अच्छे से पकड़कर चूत दाने पर रगड़ने लगी | और कुछ देर तक बिना रुके रगड़ती रही, रगड़ती रही जब तक उसकी जांघे नहीं कांपने लगी |

उस पर पसीने की बुँदे नहीं छलक आई, उसकी चूत गीली होकर पानी बहाने लगी और मौका देखकर रीमा ने केले की निचली टिप अपनी गीली गरम गुलाबी चूत में घुसा दी | उसके मुहँ से आह निकल गयी | फिर से केले को अच्छे से पकड़कर चूत दाना रगड़ने लगी | उसे पता था मोटा साबुत केला अन्दर चूत में लेना है तो उसे चूत को पूरी तरह से गरम करना होगा, तभी चूत की गरम गीली दीवारे उसके केले को अन्दर लेंगी और चूत दाने को मसलने से बेहतर कोई औजार नहीं था चूत को आग की भट्ठी बनाने का |

चूत दाने के साथ साथ अब वो नीचे गुलाबी छेद के छोर तक चूत को केले से रगड़ रही थी | उंगलियों से उसने चूत के गुलाबी ओंठो को पूरी तरह खोल रखा था, चूत रस से सराबोर उसकी गुलाबी चूत पूरी तरह खुली हुई थी जिसमे ऊपर की तरफ चूत दाना साफ़ साफ़ दिख रहा था और नीचे की तरफ रीमा की मखमली गरम चूत के अन्दर जाने के रास्ते का छेद उसके गुलाबी मांस से ढका हुआ था | प्रियम को रीमा की गुलाबी चूत के बमुश्किल ही दर्शन हो पा रहे थे लेकिन उसकी गोरी जांघे और भरे भरे भारी से गोल गोल सुडौल मांसल चूतड़ देखकर प्रियम से रहा नहीं गया | उसने लंड को बाहर निकल लिया और मुठीयाने लगा | अब उसका भी अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं था, आया था रीमा के राज पता करने लेकिन उसके बेपर्दा हुस्न के सामने सारे तिकड़म फ़ैल थे, जैसे ही उसके नंगे जिस्म के दर्शन हुआ, प्रियम का लंड लोहे की गरम राड बन गया | अब एक बार लंड खड़ा हो गया फिर तो उसे बिना झाड़े बैठाना, किसी सिद्ध पुरुष के बस का ही है | प्रियम की मुट्ठी में जकड़ा लंड पर और तेज हाथ हिलाने शुरू कर दिए |

जैसा रीमा का हुस्न था वैसे ही कमाल उसकी छोटी सी लेकिन जादुई तिलिस्मी गुलाबी थी, जो भी देखे दीवाना हो जाये | बार बार देखे और बस देखता ही रहे | ऐसी चूत देखकर किसी का भी मन करेगा की उस पर ढेर सारा मक्खन लगाकर दिन भर चूसता रहे |
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09-01-2021, 05:10 PM,
#69
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा ने आइस्ते से केले का सिरा अपनी चूत में घुसा दिया | केले का सिरा अभी भी सुखा था, लेकिन गीली चूत ने उसे भिगो दिया | रीमा के मुहँ से फिर आह निकल गयी | चूत कितनी भी गीली हो, चुदाई के बाद उसकी दीवारे कितनी भी नरम हो लेकिन वो कुछ भी आसानी से बिना औरत की आहे कराहे निकाले बिना अपने अन्दर नहीं लेती | रीमा को भी अपनी चूत में केला पेलने के लिए जोर लागना पड़ रहा था | अब तक बेहद सावधानी और नाजुकता से वो अपनी चूत से खेल रही थी लेकिन अब सख्ती से चूत में केला ठेलने का समय आ गया था |

रीमा किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी वो आराम आराम से चूत में पूरा केला घुसेड़ कर अपनी चूत चोदना चाहती थी | लेकिन छुईमुई बनकर भी तो चूत नहीं चोदी जा सकती थी थोड़ी मेहनत तो करनी पड़ेगी और थोड़ा सा मीठा दर्द भी झेलना पड़ेगा | रीमा ने खुद को मजबूत किया और केले के निचले सिरे को दो इंच ठेलकर अपनी चूत की दीवारों का रिएक्शन महसूस करने लगी | उसे पता था की अब उसकी चूत का मुहँ खुल गया है अब केले के चूत के मुहँ पर फिसलने का कोई चांस नहीं है एक हाथ से भी वो केला अपनी चूत में ठेल सकती है | इसलिए उसने अपना छिला केला उठा लिया और उसे फिर से मुहँ में ले लिया |

अब एक साबुत केला उसकी चूत में था और छिला केला उसके मुहँ में | ये बिलकुल वैसा था जैसे दो लंड किसी औरत को एक साथ चोद रहे हो | एक लंड मुहँ में ठेला जा रहा हो और दूसरा चूत रौंद रहा हो | रीमा शायद यही फंतासी केले की जरिये पूरी कर रही थी | शायद उसकी दो लंड एक साथ लेने की कोई दबी कामना हो, शायद वो मुहँ में प्रियम का चिकना लंड और चूत में रोहित का मुसल मोटा लंड सोच के इस समय केलो को अपने अन्दर ले रही हो | किसी को नहीं पता था की रीमा के दिमाग में क्या है, कई बार तो रीमा को भी नहीं पता होता की उसके इस छिपे चरित्र के हिस्से में क्या क्या छिपा है क्या क्या दबा है | फिलहाल रीमा के दोनों हाथ और उसका सर, अपनी अपनी जगह हिल रहे थे और बीच में मादक कराह उसके मुहँ से निकल रही थी | ऊऊऊह्ह्ह आआआह्ह्ह की आवाजे किचन में गूंज रही थी | आवाजे बेडरूम तक भी जा रही होंगे लेकिन इससे बेखबर रीमा खुद को दो सख्त मोटे केलो से चोदने में लगी थी |

उसने चिली केले को और ज्यादा नीचे तक छील दिया | अब केले का 80 प्रतिशत हिस्सा खुल गया था और पूरा का पूरा छिला केला रीमा मुहँ में घोंट जा रही थी | रोहित का लंड गले के नीचे तक उतारने के बाद रीमा को केले को गले के नीचे तक लेने में कोई बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही थी | प्रियम के लंड से बड़ा केला पलक झपकते ही रीमा में मुहँ में गायब हो जाता और फिर बाहर आ जाता | केले को मुहँ में तेजी से ले रही थी, जैसे लंड को चरम की तरफ बढ़ते देख औरते उसे जोर जोर से चूसने लगती है, पूरा का पूरा मुहँ के अन्दर घोंट लेती है वैसे ही रीमा भी कर रही थी |

उधर प्रियम के लंड ने जवाब दे दिया और इतनी देर से मुठियाते हुए अब उसका काम तमाम हो गया था | प्रियम ने एक हल्की कराह के साथ अपनी चकारी छोड़ दी | और हांफता हुआ अपनी सांसे काबू करने लगा | प्रियम के सफ़ेद गाढे रस से उसका सुपाडा सन गया था |

पिचकारी छुटते ही प्रियम की वासना का बुखार उतार गया उसके लिए ज्यादा देर रुकना खतरनाक था क्योंकि अगर पडोसी ने पीछे का गेट अन्दर से बंद कर लिया तो उसका फिर घर पंहुचना नामुनकिन हो जायेगा | उसके अपने लंड से टपकती लंड रस की बुँदे निचोड़ी और अपने मुरझाते लंड को अपनी पेंट में घुसेड़ा | अभी उसका और मन था रुकने का लेकिन मजबूर था उसने वहां से न चाहते हुए भी निकलने में भलाई समझी | उसने बेमन एक बार जी भर के किचन बैठी, अपने आस पास से बेपरवाह, अपनी चूत में धकाधक केला ठेल अपनी चूत को मसल रही चोद रही नंगी रीमा को देखकर, आइस्ते से खिड़की बंदकर वहां से छिपते छिपाते निकल गया | हालाँकि रास्ते में जाते समय उसके दिलो दिमाग में रीमा की उभरी छाती के दूध जैसे सफ़ेद गोरे गोरे स्तन, चिकनी जांघे और मांस से भरे नरम नरम चूतड़ ही घूम रहे थे | प्रियम का खेल खतम हो चूका था लेकिन रीमा का गेम तो अभी जारी था | अभी तो उसे काफी देर तक अपनी चूत केले से चोदने थी | यहाँ सबसे अच्छी बात यह थी की रीमा का हर चीज पर पूरा नियंत्रण था और वो खुद की चूत की प्यार बुझाने को किसी मर्द के लंड की मोहताज नहीं थी, न ही लंड से चुदाई करते समय मर्द की हवस पूरी करने की जिम्मेदारी | रीमा की केला चुदाई जारी थी,
साबुत केले ने रीमा की चूत में अच्छी खासी गहराई तक जगह बना ली थी, वहां भी रीमा का हाथ तेजी से हिल रहा था, रीमा का शरीर गरम था, चूत गीली थी, सांसे तेज थी और मुहँ से रुक रुक कर कराहे निकल रही थी | केला भी रीमा के चूत रस से सना था , रीमा को अपनी गुलाबी चूत की दीवारों के बीच साबुत केले का छिलका अगल ही अनुभव दे रहा था | कई बार उसे सख्त छिलके की चुभन महसूस होती जो किसी भी तरह से आनंददायी नहीं थी लेकिन जब तक चूत में चुभन न हो, रगड़न न हो मीठा मीठा हल्का हल्का दर्द न हो, उस दर्द की सिसकारियां न हो तब तक वो चुदाई ही कैसी | मसलना रगड़ना कुचलना और चुदना ही एक औरत के जिस्म और चूत की किस्मत होती है या यूं काहे हसरत भी होती है, कोई उन्हें मसले रगड़े कुचले और चोदे भी लेकिन सब कुछ प्यार से हौले हौले जमकर करे, जब जरुरत हो तब सख्ती भी दिखाए और बेदर्दी भी | रीमा का जिस्म गरम था और चूत भी इसलिए वो बेहरमी से साबुत केले को सख्ती से पकड़कर अपनी गीली गुलाबी चूत में गहराई तक ठेल रही थी |

हर औरत की तमन्ना होती है जब वो चुदे तो अच्छे से चुदे | चूत जब तक अन्दर गहराई तक नहीं रगड़ी जाती, पेली नहीं जाती, तब तक चूत की खुजली मिटती नहीं, फिर चाहे उसे लंड से चुदे या केले से | रीमा को पता था जितना अन्दर तक एक ही झटके में वो केले को अन्दर ठेलेगी, उतना ही उसे मीठे दर्द के साथ मजा भी आएगा, चूत की दीवारों में सनसनाहट होगी, उसकी कमर ने तरंगे उठेगी और कम्पन होगा | तभी उसकी केला से चुदाई से उसकी हवस शांत होगी, झड़ने को तो वो चूत दाना रगड़ कर मसल कर भी झड सकती थी, लेकिन चूत के अन्दर की खुजली मिटाने को तो चूत चोदनी ही पड़ेगी | चूत की गहराई तक मोटा मुसल लेकर चुदने से चूत, कमर , पिंडलियों और जांघो में जो झंकार होती है, उस कम्पन का अनुभव ही अलग होता है | रीमा को वही झंकार महसूस करनी थी वही कम्पन महसूस करना था | वही कम्पन जो उसने रोहित के मुसल लंड के अपने अन्दर जाने पर महसूस किया था | सोचने को आओ तो रीमा के लिए इससे ज्यादा अजीब कुछ नहीं होना चाहिये था, क्योंकि जो रीमा का स्वाभाव था उससे ये बिलकुल विपरीत था लेकिन सच ये भी था की ये वो रीमा भी नहीं थी, कामुकता को सोचने और जीने में जो फर्क है वही फर्क उस और इस रीमा में था | ये रीमा हर सामाजिक मानसिक बंधन से मुक्त कामुकता से भरी, मादकता से मस्त, दुनिया से बेपरवाह खुद के अरमानो को पूरा कर रही थी इसलिए उसके पास ये सब सोचने का वक्त नहीं था | फिलहाल वो किसी तरह के नए रिस्की एडवेंचर की जगह सॉफ्ट प्लेज़र की तलाश में थी | तभी उसके दिमाग में एक और ख्याल आया | उसने अपनी चूत से साबुत केला निकाल लिया | साबुत सख्त केले से रीमा की चूत का गुलाबी छेद पूरी तरह खुल गया था और बाहर से ही अन्दर तक रीमा की चूत रस से सरोबार मखमली गुलाबी सुरंग, और उसकी नाजुक दीवारों की गुलाबी सलवटे साफ़ नजर आ रही थी |

उसने मुहँ से छिला केला निकाल कर अपनी गरम चूत के गीले मुहाने पर टिका दिया | बिना छिले और छिले केले के कड़ेपन में जमीन आसमान का अंतर है | छिला केला आसानी से टूट सकता है अलग हो सकता है, इसलिए रीमा से अपनी चूत के गुलाबी ओंठ थाम लिए और चूत को फैला दिया ताकि केले को सीधे चूत के छेद के मुहँ में सेट करके अन्दर पेला जा सके | चूत अच्छे से गीली थी इसलिए रीमा को लार से सना केला लेने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए |
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09-01-2021, 05:11 PM,
#70
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा ने केले को उसके छिलके सहित थामा और चूत में ठेल दिया | चिकना केला आराम से रीमा की चूत में घुसता चला गया | रीमा ने एक हाथ की उंगलियों से अपने चूत के ओंठो को फैलाये रखा और दूसरे हाथ से केला अपनी गीली चूत में ठेलती चली गयी | धीरे धीरे करके आइस्ते से रीमा ने आधा केला अपनी चूत में सरका दिया | ये केला उससे नरम था इसलिए चूत की दीवारों ने अच्छे से इस पर पकड़ बनायीं और अच्छे से उसको जकड़ लिया |

रीमा छिले चिकने केले को चूत में अन्दर बाहर करने लगी | जैसे चिकना लंड चूत में जाता है ऐसे ही चिकना केला चूत में जा रहा था | ये रीमा का मुहँ नहीं चूत थी और केले के चारो ओर रीमा की चूत की नरम गुलाबी दीवारों का घेरा भी था इसलिए केला गलने लगा था | उसका नरम मास पिघलने लगा था | उस पर लगातार पड़ते दबाव से उसके गलने के निशान दिखने लगे थे | रीमा कभी इस हाथ से पकड़कर कभी उस हाथ से पकड़कर चिकने केले को चूत में ठेले जा रही थी | और बेदर्दी से अपने चूत दाने को भी रगड़ रही थी आखिर उसके कांपने का वक्त आ ही गया |

केले की हालत हर झटके के साथ ख़राब होती जा रही थी, रीमा की चूत रस से केला पूरी तरह भीग गया था,

तभी रीमा के मुहँ से एक लम्बी सिसकारी निकली - येस्स्स्सस्सस्स्स आआह्ह्हह्हहहहहह येस्स्स्सस्स्सस आआह्ह्हह्हहहहहह ऊओह्ह्ह्ह् ओह गॉड येस्स्स्सस्स्सस | उसका शरीर कांपने लगा, उसके नितम्ब अपने आप ऊपर उठने नीचे उठने गिरने लगे, पुरे शरीर में एक हल्की सी कंपकपी आ गयी | कुछ देर तक ऐसे ही हिलती रही फिर शांत हो गयी |

रीमा ने केला अपनी चूत से निकाल कर मुहँ में ले लिया और अपने चूत रस को चटाने लगी | केले के नरम मांस और रीमा के गरम चूत रस से मिलकर एक गाढे शेक की तरह क्रीम की परत केले पर जम गयी थी जिस रीमा अपनी खुदुरी जीभ के नुकीले हिस्से से चाट चाट कर साफ़ कर रही थी |

अच्छे से पूरा केला चाटने के बाद रीमा ने केला मुहँ में ले लिया और लेती चली गयी | 15 बीस बार मुहँ में ठेलने के बाद रीमा ने केले की टिप हलके से काटकर खा गयी | केला काफी ज्यादा गल चूका था इसलिए उसमे अब कड़ापन नहीं बचा था | अपने गुलाबी ओंठो के बीच सख्ती से जकड़े केले के मांस के साथ अपनी गीली चूत पर उंगलियाँ फिराने लगी | धीरे धीरे केला अन्दर तक ले जाते हुए आधा केला दांतों से काटकर अलग कर दिया | और एक ही झटके में निगल गयी |

केला निगलने के बाद उसने एक लम्बी साँस ली और उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी जैसे उसने लंड को मुहँ के जरिये निगल लिया हो | उसे चूत में गए केले को खाकर किस तरह की झुरझुरी हुई इसका अंदाजा लगाना मुस्किल है | रीमा के लिए ये अनुभव एकदम नया था, उसे नहीं पता था वो क्या कर रही है लेकिन उसे ये पता था जो कर रही है वही उसका दिलो दिमाग भी करना चाहता है | उसके बाद टुकडो में वो पूरा केला काट काट खा गयी |

एक केला ख़त्म होने के बाद भी उसके लिए आराम हराम थी उसने दूसरा केला उठाया और अपनी चूत में घुसेड़ कर कुछ देर के रुक गयी | केला उसकी जांघो के बीच चूत की दीवारों की सख्त जकड़न से चूत में ही अटक कर रह गया | हमेशा जो भी चूत में घुसाओ उसे चूत बाहर की तरफ ठेल कर निकालने की कोशिश करती है लेकिन जब चूत रस और लार से सना केला की बाहरी परत सूख कर चिपचिपी हो जाती है और चूत की दीवारे चूत रस छोड़ना बंद कर दे तो ये स्वाभाविक है कोई भी चीज चूत में जाकर अटक जाएगी | रीमा का दूध जैसा गोरा गुलाबी जिस्म और उसके ऊपर जांघो के बीच में स्थित गुलाबी दरार के बीच में धंसा मोटा बड़ा केला | क्या नजारा था, कोई भी मर्द देखे तो एक पल में उसका लंड खाद हो जाये | एक पल को रीमा सोच में पड़ गयी, क्या सचमुच में मै इतनी हसीन और कामुक हूँ | मुझे चुदने के लिए क्यों किसी के लंड का मुहँ ताकना चाहिए | मै खुद को दुसरे तरीके में संतुष्ट कर सकती हूँ खुद को चोद सकती हूँ, अपनी प्यास बुझा सकती हूँ | वो बात अलग है इसमें लंड की गरमी नहीं है मर्द के सख्त जिस्म का स्पर्श नहीं है उसकी मादक गंध की खुसबू नहीं है | लेकिन अपने लिए दुसरे का मुहँ ताकने की मजबूरी भी नहीं है |
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