Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-01-2021, 05:11 PM,
#71
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
उसने अलग अलग पोज से खुद की चूत में धंसा केला देखा और अन्दर ही अन्दर खुश होने लगी | उसके अन्दर ये विस्वास आ गया था की वो कुछ भी कर सकती है और ये विस्वास उसे रोहित के साथ चुदकर ही मिला | रोहित से चुदने के बाद, उसका मुसल चूसने और पानी चूत में लेने के बाद उसके अन्दर की औरत का आत्मविश्वास वापस आया, ये आत्मविस्वास उसे खुद के खूबसूरत बदन ने दिलाया जब उसने खुद को एक ही दिन में कई बार नंगा देखा, अपनी गुलाबी चिकनी चूत देखि, सबसे बड़ी बात उस चूत के लिए किसी अनुभवी लंड की अथाह प्यास देखि , जो बार बार झड़ने की बावजूद उसकी चूत में जाने को मचल रहा था | किसी आदमी की और उसके लंड की औरत के जिस्म को पाने की ये लालसा किसी भी औरत का आत्मविश्वास बढ़ाएगी | खूबसूरत औरत अगर अपने बदन को हफ्ते में एक बार 15 मिनट बारीकी से नंगा देखे, तो उसका खुद पर आत्मविश्वास बढता है उसका इतराना स्वाभाविक है, क्योंकि अगर खूबसूरत औरत को कोई मर्द नहीं देखता है तो उसे लगता है मेरे में कोई कमी है और उसका कुंठा और हीनता से भरना भी सामान्य बात है | रीमा उस दौर से उबर चुकी थी |

रीमा ने हाथ से पकड़कर जोर लगाया और केले को आधा चूत में ठेल दिया फिर रुक गयी | उसकी गुलाबी चूत की फलके मोटे केले के चारो ओर फैलकर उससे चिपकी हुई थी | रीमा कुछ देर तक अपने हाथ को थामे रही फिर हिलाना शुरू कर दिया | रीमा की चूत में फिर से मोटा केला अन्दर बाहर होने लगा | रीमा खुद को चोद रही थी, मोटे लंड की गरमी न सही लेकिन उसका कड़ापन, मोटाई उसकी मखमली चूत को चीर कर रखे दे रही थी | रीमा जितनी तेज जीतनी गहराई तक चाहती, तेज धीमे जैसे चाहती खुद को चोद सकती थी, यहाँ वो किसी के भरोसे नहीं थी, किसी पर निर्भर नहीं थी | उसका पूरा नियंत्रण उसके हाथ में था, वो पानी चूत को बुरी तरह कुचल कर जमकर भी चोद सकती थी या फिर सॉफ्ट तरीके से आइस्ते आइस्ते हौले हौले आराम से चोद सकती थी | यहाँ ना कोई उसे रोकने वाला था न कोई टोकने वाला | रीमा पूरी तरह वो आजाद मस्त चूत थी जिसकी जो मर्जी हो वो करे |

रीमा अब खुद पर थोड़ी सख्ती दिखाना चाहती थी, वो खुद को थोड़ा बेदर्दी से चोदना चाहती थी और रीमा के लिए अब कुछ भी नामुनकिन नहीं था | उसने अपनी चूत से केला निकाला और अपनी चूत के गीलेपन का जायजा लेने लगी | उसे पता था चूत का पानी काफी नहीं है अन्दर तक जोर जोर से गुलाबी चूत चोदने के लिए | जल्दी ही पानी सुख जायेगा और सुखा केला उसकी चूत की दीवारों पर रगड़ने से दर्द होगा | उसने अपने मुहँ से ढेर सारी थूक निकल कर अपनी चूत के मुहाने पर मल दी और फिर केले को चिकना करने लगी |

उसके बाद पूरा जोर लगाकर तीन चौथाई केला चूत में पेल दिया रीमा के मुहँ से तेज कराह निकल गयी केला रीमा की चूत की अंतिम गहराई तक पहुच गया इस दर्द और आनंद के मिश्रण से रीमा को एक अलग ही तरह का मजा आया उसकी जांघो का कम्पन इसकी बानगी थी | मोटे केले से चूत पूरी तरह एयरटाइट हो गयी और रीमा के मुहँ से सिकरियां फूटने लगी | रीमा चूत पर हुए इस हमले के बाद कुछ देर थमना चाहती थी लेकिन दूसरी तरफ उसे चैन कहाँ था, उसे लगा रहा था अब रुक गयी तो कभी खुद को वैसे नहीं चोद पाऊँगी जैसे रोहित ने चोदा था | वो भी बिलकुल उसी अंदाज में खुद को चोदकर अपनी चूत का खुद ही कचूमर निकाल देना चाहती थी | उसने दर्द बर्दाश्त करने के लिए खुद को पूरी तरह तैयार कर लिया |

रीमा न केवल खुद को चोद रही थी बल्कि एक एक पल को खुद में संजो रही थी | वो बार खुद को पोज बदल बदल कर सामने लगे आईने में देखने लगती | वो देखना चाहती थी खुद को चोदते हुए उसका शरीर कैसा दिखता है उसकी चूत कैसी दिखाती है उसके चूतड़ कैसे दिखते है उसकी चूत के ओंठ कहाँ तक फैलते है | उसकी जांघे और पिंडलिया कैसे कांपती है | वो अपने शरीर में होने वाली हर हरकत और बदलाव न केवल महसूस करना चाहती थी बल्कि देखना भी चाहती थी | अपने खूबसूरत जिस्म को निहारना और बार बार निहारना भी औरत को एक अलग तरह का सुख देता है | रीमा की चूत में मोटा केला आधे से ज्यादा धंसा हुआ था, उसके मांसल गोर गोर उभरे हुए भारी चूतड़, उसकी गोरी गोरी टेली के तने की तरह चिकनी सुडौल नरम मांसल जांघे और उनके बीच में ऊपर गांड का उलाबी छेद और नीचे गुलाबी चूत के संकरे छेद में मोटे केले को चारो तरफ से जकड़े रीमा के गुलाबी पतले ओंठ, ऐसा लग रहा था रीमा की पूरी चूत केले से ही भर गयी है उसकी चूत के बाहरी ओंठ जांघो और केले के बीच पिसे जा रहे थे |

आधे से ज्यादा केला रीमा की चूत को अन्दर तक भरे हुए था फिर भी लगभग ४ इंच केला बाहर लटक रहा था, जबकि ये केला रोहित के लंड के मुकाबले छोटा था | सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है रीमा की गुलाबी चूत रोहित का कितना बड़ा मोटा मुसल लंड घोंट गयी | रीमा ने केले को और ज्यादा अन्दर तक ठेल दिया और पोज बदलकर खुद को देखने लगी | अपने रूप पर इतरा ही रही थी की उसका ध्यान केले पर गया | इतनी देर से वो चूत में केला ठेल रही है लेकिन केला तो अभी भी बाहर था, जबकि होना तो ये चाहिए था की केला डंठल सहित पूरा का पूरा रीमा की रबड़ की तरह फैलने वाली मखमली चूत के अन्दर होना चहिये था |

अब रीमा को थोड़ा सा खुन्नस भी आ रही थी | उसने पूरा जोर लगा कर केले को अन्दर ठेल दिया, केला ज्यादा अन्दर तक गया नहीं क्योंकि चूत के अन्दर भी जगह नहीं थी | केले पर जरुरत से ज्यादा जोर भी नहीं डाल सकते थे वो खड़ा सख्त लंड नहीं था, जरुरत से ज्यादा जरा सा जोर और केले का छिलका चिटकना शुरू कर देता | रीमा लगभग पूरा का पूरा केला ही अन्दर अपनी चूत में ले चुकी थी, अब और गुजाइश का मतलब था खुद की चूत को और केले को दोनों को नुकसान पंहुचाना | रीमा को अच्छी तरह पता था की ये मांसल मुसल लंड नहीं है |

फिर भी उसने तेजी से केले को अपनी चूत में गहराई तक ठेलना शुरू कर दिया, केला इतना भी नहीं पका था की एक दो झटके में ही शहीद हो जाये | रीमा ने एक मजबूत केला चुना था जिसने रीमा की कसी चूत कुछ देर पहले ही खोली थी | केला रीमा की गुलाबी मखमली सुरंग में सरपट दौड़ने लगा, अपने अन्दर आते जाते केले की रगड़न से चूत की दीवारों में अलग तरह का स्पंदन होने लगा | रीमा एक हाथ की मुट्ठी भीचे जोर लगाकर केले को पूरा अन्दर बाहर ठेल रही थी | लेकिन केला तो केला है लंड नहीं, कितनी देर तक चीर सकता था रीमा की गुलाबी चूत | उस पर लगातार पड़ रहे दबाव से उसका छिलका, उसके अन्दर के मांस का साथ छोड़ने लगा और जब रीमा ने एक ही झटके में पूरा केला पेल कर अपनी चूत की बच्चेदानी पर ले जाकर सटा दिया और बच्चेदानी को भी ऊपर की तरफ ठेलने लगी तो केले ने हाथ खड़े कर दिए | उसके छिलके की दीवारे चटक गयी | रीमा को भी पता चल गया की छिलके की दीवारे खुल गयी है अब केला ज्यादा देर टिक नहीं पायेगा | इससे पहले केले का छिलका और ज्यादा चिटकता रीमा ने उसकी परत खोल दी | जिस तरह से लंड की खाल खोलते ही सुपाडा नंगा हो जाता है वैसे ही केले का छिलका उतरने से केला नंगा हो गया | रीमा ने नंगे केले को चूत के मुहाने पर टिकाया
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09-01-2021, 05:11 PM,
#72
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
उसे पता था ये अधनंगा केला उसकी चूत की कसावट नहीं झेल पायेगा इसलिए उसे चूत में घुसाने से पहले ही ढेर सारी लार मुहँ से निकालकर उस पर लपेट दी | फिर एक हाथ से अपनी चूत को थामकर आराम से केले को चूत में घुसाने लगी |

लार से सना चिकना केला आराम से गुलाबी मखमली चूत में पैबस्त होता चला गया | लेकिन केला तो केला ही था जैसे ही लार सुखने लगी केला की सख्ती दम तोड़ने लगी लेकिन रीमा मानने को तैयार ही नहीं वो अपनी चूत बेरोकटोक चोदे जा रही | आखिर कब तक, अब रीमा को भी लगने लगा केला पूरी तरह बेदम हो चला है, इसलिए अब इसका अंत निकट है लेकिन रीमा भी रीमा थी, उसने केले को उलटा कर चूत में घुसेड़ दिया और अपनी चूत का मुआयना करने लगी | छिले केले की हालत बिलकुल झड़े लंड जैसी हो चुकी थी |

रीमा ने एक बार फिर केले के छिलके को जड़ तक खोला और अपनी चूत में आइस्ते से घुसाती चली गयी | चूत का छेद भी खुला हुआ था इसलिए केला सरपट घुसता चला गया | रीमा ने सावधानी से १०-१२ बार केला अंदर बाहर करके अपनी चूत चोदी |

इसके बाद उसने केले का छिलका पूरी तरह उतार दिया और नंगा केला अपनी चूत में ले लिया | नंगा केला लेकर चूत चोदने लगी, केला अब जगह जगह से टूटने लगा था, लगातार हो रहे घर्षण और रगड़न से गलने लगा था | इधर रीमा थी की थमने का नाम ही नहीं ले रही | उसे केले के आखिरी दम तक उसे अपनी चूत चोदनी थी, लेकिन ये संभव नहीं था, केला चूत में ठोकर मारते मारते उसी में गलने लगा, उसके गला हिस्सा चूत के गुलाबी ओंठो को और चूत की दरार पर इकठ्ठा होने लगा |
नीचे से केले को सख्ती से पकड़ने के कारन उसके टुकड़े उंगलियों और चूत के ऊपर छितराने लगे थे | केले के मास से रीमा की चूत का पूरा इलाका सन गया था फिर भी रीमा अपनी चूत चोदना नहीं छोड़ रही थी |

सायद उसको केले को उसकी अंतिम दुगर्ति तक पंहुचाने के बाद ही शांति मिलेगी | ज्यादा जोर जोर से धक्के मारने के कारन केला बीच से टूट गया |

रीमा इसके बाद भी नहीं रुकी वो टूटे केले से ही खुद को चोदने में लगी रही, बल्कि पहले से जयादा तेज चोदने लगी और फिर ....... आखिरकार ...............रीमा की जांघे कांप गयी, कमर हिलने लगी, चूत की दीवारे कांप कर शांत हो गयी | रीमा झड गयी , रीमा ने आखिर चरम हासिल कर ही लिया | इसी के साथ रीमा की चुदाई भी रुक गयी, काफी देर टुटा केला लिए रीमा वैसे वही लुढ़क गयी फिर कुछ देर बाद रीमा ने केले को मुहँ में ले लिया और गप गप कर खा गयी |

जब से प्रियम रीमा को किचन में केले के साथ नंगा देखकर आया था फिर से उसके सर पर रीमा का भूत सवार हो गया | ऊपर से उसके दोनों दोस्त गाहे बगाहे उसे छेड़ते रहते थे, प्रियम भी लगातार किसी न किसी जुगत में लगा रहता लेकिन ज्यादा कुछ कर नहीं पाया | उस दिन से आज तक सिर्फ एक बार उसे मौका मिला रीमा के घर तक जाने का और उस दिन रीमा बाजार चली गयी थी | वो कहावत है न कभी न कभी भगवान् सुन ही लेता है | प्रियम ने मैंन गेट के कैमरे का कनेक्शन गड़बड़ कर दिया | इससे उसे अब निकलने में दिक्कत नहीं हो रही थी लेकिन रोहित ने उसका रूटीन पहले ही बना रखा था तो उससे हटकर उसके लिए कुछ भी करना नामुनकिन था बशर्ते रोहित आस पास न हो | रोहित के ऑफिस में काम करने वाले एक लड़के का एक्सीडेंट हो गया था और वो लड़का किसी और शहर का रहने वाला था | यहाँ अकेला ही रहता था और जब तक उसके घर वाले आ नहीं जाते रोहित को ही उसका ध्यान रखना था | रोहित इसीलिए आज घर भी नहीं आया | उसने रीमा को फ़ोन कर दिया साथ ही प्रियम को फ़ोन कर दिया, लेकिन प्रियम ने दोस्त के यहाँ रुकने का बहाना मार दिया | रोहित ने भी कुछ पुछा नहीं क्योंकि उसका ध्यान कही और था | प्रियम को लगा ये मौका अच्छा है, उस दिन का एक भी सीन नहीं भूला था वो | वो चाहता तो रोहित के अनुसार आज जाकर रीमा के घर रूक सकता था लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था | उसके पास मोबाइल था लेकिन उसमे जीपीएस परमानेंट ऑन था इसलिए वो भागकर राजू के घर गया और उसका फ़ोन मांग कर लाया | पूछने पर सिर्फ इतना बताया कि उसका फ़ोन ख़राब है | राजू के पास दो फ़ोन थे इसलिए एक दे दिया | प्रियम ने आज तय कर लिया था कि आज वो अपनी रीमा चाची के घर में घुसकर उनकी नंगी विडिओ बनाएगा ताकि आगे के लिए उसको आसानी हो | उन्ही विडिओ की दम पर फिर वो रीमा चाची को अपने ईशारों पर नचाएगा और उसका रुतबा दोस्तों में भी बढ़ जायेगा |

रीमा अपनी रूटीन लाइफ के अनुसार ऑफिस से आई और कुछ देर आराम किया | रीमा को भूख लगी थी लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था क्या खाए | उसने सोचा चलो पहले नूडल्स फटाफट बनाकर खा लिए जाये फिर कुछ बनाती हूँ | रीमा ने नूडल्स का डिब्बा निकाला, पैन में नूडल्स डाले और पानी डालकर गैस पर चढ़ा दिया | किचन में आने से पहले सोचकर आई थी कुछ बनाउंगी, लेकिन यहाँ आते ही उसे कुछ याद आ गया, एक हफ्ते पहले की गयी केला चुदाई, रोहित के साथ की चुदाई, प्रियम की लंड चुसाई, सब एक चलते हुए कैनवास की तरह से उसकी आँखों के सामने से तैर गया | फिर क्या था रीमा के दिमाग में ऐसे खयालो की झड़ी लग गयी | पता नहीं क्या क्या सोचते हुए कहाँ तक पंहुच गयी, उसकी कामुक कल्पनाओं ने उसके शरीर में उत्तेजना भरना शुरू कर दिया, उसका बदन उसकी कामुक सोच से गरम होने लगा | इससे पहले वो कुछ सोच पाती, उसने अपने बदन के कपडे उतारने शुरू कर दिए |

वही किचन के पत्थर पर बैठकर पहले टॉप की डोरी पीछे से खोली और धीरे से अपने गोरे बदन से उसको अलग कर दिया | फिर उसे मोड़कर एक गेद की तरह बनाकर फ्लोर् पर फेंक दिया |

अब बारी थी बदन पर कपडे के नाम बची सिर्फ पैंटी की | बदन पर कुल जमा हथेली भर का एरिया ही कवर कर रही होगी लेकिन वो रीमा के जिस्म का सबसे प्राइवेट खुफिया इलाका था | जहाँ रीमा की इजाजत के बगैर उसके हाथो की उंगलियाँ भी नहीं जाती थी | जाहिर सी बात है इसलिए हर औरत के जिस्म पर सभी कपड़ो में पैंटी की जगह सबसे अलग है | पैंटी अपने आप में औरत का रस गंध सब समेत लेती है, जिस गंध को पाने को दुनिया का हर आदमी लालायित रहता है वो गंध पैंटी को सहज ही उपलब्ध है लेकिन अब तो वो भी रीमा को अपने जिस्म पर बोझ लगने लगी, वो उसे भी उतारने को लालायित हो गयी | जैसे बाकि कपड़े केले के छिलके के भांति उतार फेंके वैसे ही उसने पैंटी भी उतार फेंकी |

उसने फ्लोर पर उतर कर थोड़ा नीचे झुकी और बिना किसी संदेह के पैंटी नीचे घुटनों तक खिसका दी और फिर एक एक करके दोनों पैरो से निकालकर हाथ में थम ली | रीमा का गुलाबो गोरा बदन बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में आ गया | रीमा पूरी तरह से नंगी हो गयी | उसके जिस्म का गोरापन दमकने लगा, वो एक हाथ टिकाकर खुद को किचन में लगे फुल लेंग्थ शीशे में देखने लगी | गोरा बदन, रसीले ओठ, रेशमी बाल, पतली सुराही की तरह दुधिया गर्दन, नन्ही नन्ही पहाड़ियों की उठे हुए मांसल सुडौल पुष्ट स्तन और उनके ऊपर शीर्ष पर विराजमान चूचिया | सपाट गोरा पेट और उसमे बिलकुल बीचो बीच स्थित गोल नाभि और उसके नीचे से रीमा का पूरी तरह बाल रहित त्रिकोण इलाका दिख रहा था जो इस रौशनी में अलग ही दमक रहा था | केले के तने जैसी चिकनी मांसल गोरी जांघे और ऊपर से कातिलाना मुस्कान |

ऊपर से नीचे तक रीमा पूरी की पूरी अप्सरा लग रही थी | एक बारगी अपने ही हुस्न को देखकर शर्मा गयी इसलिए ध्यान हटाने को पोज बदल ली | सर के अलावा शरीर पर बालो का कही कोई नामोनिशान नहीं |

हाथ में पकडे पैंटी फेंककर तनकर सीधी सामने की तरफ खडी हो गयी | एक हाथ ऊपर पीछे सर में लगा लिया, जिससे उसकी सुडौल छातियाँ उभरकर सामने की तरफ तन गयी | उसकी नजर सीधे नाभि के नीचे की ढलान पर अपनी क्लीन सेव बाल रहित त्रिकोण घाटी पर जाकर टिक गयी | त्रिकोण घाटी को चमकाने दमकाने में उस पर की गयी उसकी मेहनत साफ़ झलक रही थी | रीमा अपने बेमिशाल हुस्न पर इतरा ही रही थी की उसके मसाला नूडल्स रेडी हो गए | रीमा पलट कर नूडल्स देखने लगी | उसने गैस चूल्हा बंद किया और नूडल्स लेकर किचन के खाने वाले एरिया में आकर बैठ गयी |

फूंक फूंक कर नूडल्स को ठंडा करके खाने की कोशिश करने लगी लेकिन उसके दिमाग नूडल्स पर था ही नहीं वो इधर उधर भटक रहा था | खुद को बार बार किचन में लगे बड़े शीशे में देखकर नूडल्स खाती और मुस्कुराती |
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09-01-2021, 05:11 PM,
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RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
तभी उसके दिमाग में आया क्यों न कप केक्स बनाये जाये | उनका सारा समान किचन में मौजूद था | इस तरह से नंगे होकर किचन में घूमना रीमा के लिए आम बात नहीं थी, पहले वो सिर्फ सोते समय कपड़े उतार देती थी लेकिन पैंटी ब्रा तो तब भी पहने रहती थी लेकिन अब तो उसे हर दिन एक से दो घंटा या ऑफिस से आने के बाद सोने तक घर के अन्दर पूरी तरह नंगे होकर घूमना ही है | और किचन में चूँकि थोड़ी ज्यादा गर्मी होती है इसलिए किचन खासकर वो बिना कपड़ो के नंग धडंग ही रहती थी |

नूडल्स खाने के बाद रीमा कप केक बनाने का सामान निकलाने लगी | बेकिंग पाउडर,कोको पाउडर, आता, बटर, अंडे और वैनिला फ्लेवर का एक्सट्रेक्ट इकठठा कर लिया | रीमा के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था तभी किसी ने डोर बेल बजाई | रीमा चौक गयी, इस वक्त कौन होगा | उस दिन की घटना याद गयी जब रोहित और प्रियम साथ आये थे | उसने भागकर फटाफट अपनी पैंटी और टॉप पहना ऊपर से एक लॉन्ग गाउन डालकर देखने चली गयी | दरवाजा खोलकर देखा तो कोई नहीं था, उसने इधर उधर झांककर देखा कोई नहीं था, अच्छे से चेक करने के लिए घर के आगे बने गार्डन के गेट तक चली गयी | वहां उसने लकड़ी का गेट देखा वो भी बंद था | उसे समझ नहीं आया, वो कुछ देर तक इधर उधर टैंक झांक करती रही, जब कोई नहीं दिखा तो वो वापस लौट आई, उसने दरवाजा लॉक किया और छिलके की तरह अपना गाउन उतार कर फेंक दिया | टॉप उतार कर एक टाइट ब्रा पहन ली | फिर से किचन में आ गयी | उसने एक बर्तन में गरम होने के लिए पानी चढ़ा दिया | जब पानी गरम हो गया तो एक बाउल में गरम पानी डालकर उसमे कोको पाउडर अच्छे से मिलाने लगी और तब तक मिलाती रही जब तक गरम पानी में कोको पाउडर अच्छे से घुल नहीं गया |

उसे एक तरफ ठंडा होने के लिए रख दिया | दुसरे बाउल में आटा, बेकिंग पाउडर और नमक वाला बटर अच्छे से रगड़ कर गूथने लगी | तीनो को अच्छे से मिलाने के लिए रीमा ने इलेक्ट्रॉनिक मिक्सर ऑन किया और तब तक मिलाती रही, जब तक अच्छे से मिल नहीं गए , फिर एक एक करके सारे अंडे उसमे मिलाती गयी | एक बार में एक अंडा डालती और उसे शेक करती | फिर जब वो अच्छे से घुलकर मिल जाता तो फिर दूसरा अंडा डालती, इस तरह से उसने पांच अंडे उसमे मिलाये | आखिरी में वनिला एक्सट्रेक्ट डाला और जब तक वो अच्छे से मिलकर सब कुछ एक कलर में और स्मूथ नहीं हो गया, मिक्स्टर से उसे मिलाती रही |

जब बाउल का सारा मटेरियल स्मूथ हो गया | तब उसने कोको पाउडर वाले बाउल को उस बाउल पर उलट दिया, अनजाने में ही उससे कोको पाउडर ज्यादा बन गया था, हालाँकि तब उसने सोचा नहीं था की इसका क्या करना है | उसने जरुरत भर का कोको पाउडर दूसरे बाउल में मिलाया बाकि का अलग रख दिया | कोको पाउडर को फिर मिक्स्टर से तब तक आटे में मिलाती रही जब तक वो अच्छी तरह से मिल नहीं गए |

उसके बाद उस मटेरियल को दो तिहाई मफिन्स में भरकर रख दिया और 15 से 20 मिनट तक ओवन में पकने दिया |

कप केक के ऊपर की क्रीम उसे तैयार करनी नहीं आती थी इसलिए वो रेडीमेड ही उसे करती थी | उसके चाको कप केक्स तैयार थे और उस पर क्रीम लगानी रही गयी थी | उसे घर में किसी के होने का आभास हुआ उसने इधर उधर झांक कर तसल्ली करनी चाही लेकिन ये सोचकर बंद घर में कौन होगा उसने इगनोरे कर दिया | उसके मफिन्स रेडी थे अब उस पर बस क्रीम लगनी रह गयी थी |

रीमा को लगा क्यों न कुछ देर अपने जिस्म से खेला जाये फिर इन पर क्रीम चढ़ा दूँगी | रीमा को कसी ब्रा पैंटी में पसीना आ रहा था , रीमा ने पैंटी ब्रा उतार दी, फिर से वो उसी पूर्ण नग्न अवस्था में आ गयी जिसमे थोड़ी देर पहले थी | चूँकि वो किचन में काम भी कर रही थी इसलिए उसका दमकता गोरा बदन कही गन्दा न हो जाये तो उसने एक अप्रोन पहन लिया |

अब उसके सामने सबसे बड़ी समस्या ये थी की वो इस कोको लिक्विड का क्या करे | वो किचन के पत्थर के सहारे टिककर उसका स्वाद लेने लगी | उसके गोरे गोरे सुडौल चूतड़ साफ़ साफ़ अलग ही नजारा दिखा रहे थे | तभी उसे फिर लगा की कोई तो है, वो सतर्क हो गयी उसने घर की छानबीन शुरू कर दी, पुरे घर की लाइट्स जल रही थी और परदे पड़े हुए थे | बेड रूम, डाइनिंग रूम, हाल, दुसरे बेड रूम, स्टोर रूम, स्टडी रूम, गेस्ट रूम हर जगह झांक कर देख आई | उसे कुछ नहीं दिखा, तो वो निश्चिंत हो गयी | सिर्फ मफिन्स बनाने में ही किचन अस्त व्यस्त हो गयी थी | रीमा एक एक करके सारा सामान अपनी अपनी जगह पर रखने लगी | उसे फिर भूख लग आई थी उसने अपने लिए एक ओम्लेट बनाने की सोची और फ्राई पैन गैस पर चढ़ा दिया | उसके उभरे हुए सुडौल मांसल चूतड़ इस पोजीशन में देखते ही बनते थे | रीमा अप्रोन पहने थी लेकिन उसकी पूरी पीठ नंगी थी और उसके चूतड़ पूरी तरह से नुमाया हो रहे थे | रीमा जिस तरह से थोडा सा आगे को झुककर खडी थी उससे उसकी कमर का हिस्सा पीछे की तरह उभर गया था और उसके सुडौल मांसल चुताड़ो के उभार अपने हाहाकारी रूप में ऊपर को उठे हुए थे | जैसे ही आयल गरम होना शुरू हुआ, रीमा ने फ्रिज से अंडे निकालने के लिए फ्रिज खोला, लेकिन वहां तो सिर्फ एक अंडा बचा था और रीमा को ये बिलकुल भी याद नहीं रहा | उसने पांच अंडे तो मफिन्स में डाल दिए थे | अब क्या करे, आखिर मायूस होकर उसने गैस बंद कर दी और ऑमलेट खाने का प्लान पोस्टफ़ोन कर दिया |

किचन में मिक्सिंग करते समय पत्थर पर काफी आटा फ़ैल गया था, रीमा उसे समेटने लगी लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कहाँ से शुरू करे | इसी चक्कर में उसे अपने चुतड, पीठ सब आंटे से शान लिए | वो जमीन का फ्लोर गन्दा नहीं करना चाहती थी इसलिए कभी इस तरफ अपने हाथ पोंछ ले कभी उस तरफ अपने हाथ पोंछ ले | धीरे धीरे ही सही उसने सब कुछ अच्छे से साफ़ कर दिया लेकिन खुद गन्दी हो गयी | जैसे वो अपने बदन को साफ़ सुथरा और चमचमाता रखती थी वैसे ही वो अपने घर को भी साफ़ सुथरा रखती थी | उसे खाना भी बनाना था इसलिए उसकी भी तैयारी करनी थी |

वो जल्दी से बाथरूम में गयी, खुस को साफ़ किया और फिर से किचन में आ गयी | अप्रोन गन्दा हो चूका था इसलिए उसे वो बाथरूम में जाने से पहले ही उतार कर फेंक चुकी थी | वो पूरी तरह से नंगी होकर बाथरूम में घुसी थी और वैसे ही निकली और किचन में आ गयी | उसने गैस पर कुछ उबलने के लिए चढ़ाया | उसका गोरा बदन , बलखाती कमर, मटकते कुल्हे, हिलते चूतड़ और तने हुए सुडौल स्तन सब कुछ नुमाया हो रहा था |

उसने जो चीज उबलने को चढ़ाई थी वो उबल गयी थी शायद कॉर्न थे, रीमा बार बार उसे चेक कर रही थी और स्पून से हिला चला रही थी | उसका दूसरा हाथ अपने ही गोरे गुलाबी बदन को सहला रहा था | उसे नंगे रहने में कोई हया शर्म नहीं थी | घर में पहले भी अकेले ही रहती थी लेकिन मजाल है जो कभी ब्रा में कसी उसकी छातियों की दरारे भी झलकी हो | उसके अन्दर बहुत अपने बदन को लेकर ज्यादा शर्म हया थी या यू कहे डर था | अपनी ही नजरो में गिरने का डर, खोखली नैतिकता का पहाड़ उसने खुद ही खुद के दिमाग में भर रखा था | और उसके बोझ तले दबकर कुंठा में जी रही थी | आज हालत ये थे की इस समय कोई बाहरी भी आ जाये तो रीमा को एक पल के लिए लाज न आएगी | और क्यों आये, उसका बदन है उसकी खूबसूरती है और उसे वो बिना कपड़ो के ज्यादा महसूस करती है |

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09-01-2021, 05:12 PM,
#74
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
कॉर्न बनने के बाद वो कोको लिक्विड को भी फ्रिज में रखने वाली थी, तभी उसने ऐसा कुछ देखा की उसके होश उड़ गए |

पहले वाली रीमा होती तो अब तक बेहोश हो गयी थी | उसने खुद को सयंत किया, उसे लग रहा था की कुछ तो है जिसे वो इतनी देर से पकड़ नहीं पाई थी | उसके दमकते नंगे बदन, के हर बनावट और उभार ने आखिर वो रहस्य सुलझा ही दिया, अब वो निश्चिन्त थी | वो मन ही मन अपने खूबसूरत बेमिशाल जिस्म औए उसके आकर्षण पर मुस्कुरायी | बाउल उठाते ही उसके दिमाग में शैतानी विचार आया | क्या न वो कुछ देर अपने जिस्म से खेले |
यहाँ तो कोई भी नहीं है, यही सोचकर उसने अपने कमर थोड़ी सी झुकाई और उसके भारी भरकम सुडौल मांसल चूतड़ पीछे की ओर उठ गए | वो कोको पावडर को अच्छे से मिलाने लगी और बार बार अपनी बायीं जांघ उठाकर किचन टॉप के पत्थर पर रखने लगती, लेकिन फिर वो फिसल नीचे ही चली जाती | ऐसा उसने सात आठ बार किया | कोको पाउडर अच्छी तरह से मिल गया था |

कोको पाउडर को लेकर वो डाइनिंग टेबल के पत्थर पर आकर बैठ गयी और एक कप केक में कोको पाउडर भर दिया | फिर बारी बारी से अपने दोनों उभरे सुडौल छातियों के शीर्ष पर विराजमान चुचियों को कोको पाउडर वाले कप में डुबो दिया | जैसे ही चुचियो को बाहर निकाला दोनों गुलाबी चुचियाँ भूरे रंग की हो गयी और उनसे नीचे की तरफ कोको पाउडर टपकने लगा | रीमा ने दोनों स्तन अपने दोनों हाथो में थामकर ऊपर की तरफ मुहँ में लेकर चूसने लगी चाटने लगी | रीमा खुद ही अपनी चूचियां चूस रही थी | रीमा को बड़ी मसक्कत करनी पड़ रही थी क्योंकि ये बिलकुल भी आसान नहीं था | रीमा के स्तन सुडौल ठोस और उठे हुए थे, उनमे लटकन नहीं थी इसलिए रीमा को गर्दन से जोर लगाना पड़ रहा था | चूमने चटाने के बीच रीमा बुदबुदाई - काश कोई तो इन्हें चूसने वाला होता तो मुझे खुद नहीं चूसने पड़ते |

उसने फिर से यही बात दोहराई, शायद किसी को सुनाना चाह रही थी | उसकी टैप से पानी टपक रहा था और ये उसे सुनाई पड़ रहा था | वो अपने स्तन का सारा कोको चूस कर उठी और टैप बंद करने लगी | जिस अंदाज में टैप बंद करते समय दूसरी तरफ देख रही थी और अपने सुडौल चूतड़ हिला रही थी ऐसा लग रहा है जैसे वो शायद वहां मौजूद किसी भूत को अपने बेमिशाल जिस्म की नुमाइश कर रही हो | उसकी नंगी चिकनी गोरी पीठ और पतली कमर, भारी भरकम सुडौल मांसल चूतड़, हवस से भरी मादक आँखे, शायद किसी को तलाश रही थी |

सिंक की टोटी बंद करने के बाद उसने केबिन से शहद का डिब्बा निकाला और वो फिर से आकर उसी पत्थर पर बैठ गयी | उसने एक स्पून से शहद निकाला और अपनी गुलाबी जीभ फैला दी | स्पून को तिरछा करते ही मीठे शहद की एक पतली धार नीचे की तरफ गिरने लगी | गाढ़ा गाढ़ा मीठा शहद रीमा की गुलाबी खुरदुरी जीभ के बनाये गड्ढे में इक्कठा होने लगा | चूँकि शहद बहुत ही पतली धार से गिर रहा था, इसलिए उसे इकठ्ठा होने में टाइम लगा | उसी शहद से रीमा ने अपने ओंठो को सान दिया और बाकि का शहद गटक गयी फिर ओंठो पर जुबान फिराने लगी | चाट चाट कर ओंठो से चिपके शहद को साफ़ करने लगी | रीमा फिर से बुदबुदाई - काश कोई होता जो इन ओंठो का रस और मिठास पीता | काश कोई इन रसीले ओंठो को कसकर चूमता चूसता, तो मुझे इनमे शहद लगाकर खुद ही नहीं चाटना पड़ता |

उसके बाद उसने अपने स्तनों पर शहद फैलाना शुरू कर दिया | असल में वो सिर्फ निप्पल ही शहद से भिगोना चाहती थी लेकिन वो स्पून के बजाय सीधे बोतल से शहद गिरा रही थी इसलिए मात्रा का नियंत्रण नहीं रख पायी | और स्तनों पर ज्यादा शहद गिर गया और नीचे की तरफ बह चला | रीमा ने हाथ से पोछने की कोशिश की लेकिन असफल रही |

रीमा झुंझलाने लगी, उसने देखा हाल का परदा हिल रहा है | उसका गुस्सा और बढ़ गया |
दांत पीस कर गुस्से की फर्जी एक्टिंग करती हुई तेज आवाज में बोली - प्रियम बाहर आ जावो वरना मुझसे ज्यादा कोई बुरा नहीं होगा | रोहित को सब बता दूँगी, इस बार तुमारी हड्डी पसली एक कर देगा वो |
पर्दा हिलना बंद हो गया |

रीमा चिल्लाई - इस हालत में अगर मुझे आना पड़ा तो सोच लेना, बाहर निकालो प्रियम | मैंने तुम्हे उसी वक्त पकड़ लिया जब मुझे किसी के होने की आहट हुई थी | बाहर निकलते हो या मिलाऊ रोहित को फ़ोन |

प्रियम अपनी पेंट की जिप बंद करने की असफल कोशिश करता हुआ पकडे जाने की शर्मिंदगी से सर झुकाए बाहर निकला | उसने बहुत कोशिश की लंड को अन्दर घुसाने की लेकिन उसका लंड पूरी तरह से तना हुआ था | एक हाथ से वो उसी को मुठिया रहा था और दुसरे हाथ में फ़ोन था और उसका कैमरा ऑन था, वही हाल में ही सर झुका कर खड़ा हो गया | किचन तक आने की उसकी हिम्मत न हुई | असल में रोहित ने सच जानने के बाद प्रियम की काउंसिलिंग करी और धमकाया भी | प्रियम की अपने बाप से बहुत फटती थी, उसने साफ़ कह रखा था अगर उसने रीमा के घर की तरफ मुड़कर भी देखा तो उसकी हडडी पसली वो एक कर देगा | लेकिन प्रियम रीमा के हुस्न के आगे बेबस हो चूका था उससे बर्दास्त नहीं हुआ, वो बस न केवल रीमा के नंगे जिस्म को देखने आया था बल्कि विडिओ भी बना रहा था | जिससे जब उसे जरुरत हो रीमा चाची के बेमिशाल हुस्न और जिस्म का दीदार कर सके | उसकी रीमा चाची अकेले में क्या करती है ये तो उसे पता ही चल गया था, इसलिए उसने आज ज्यादा हिम्मत करके एक रिस्क लिया था | प्रियम की रोहित से इतनी फटती थी की अगर गलती से भी उसको पता चल गया तो उसकी तो खैर नहीं और ऊपर से बोर्डिंग भेजने की धमकी सो अलग | यहाँ आकर उसने सोचा था चुपचाप विडिओ बनाएगा और निकल जायेगा, लेकिन रीमा के नंगे बदन को देखते ही प्रियम की वासना बेकाबू हो जाती, और फिर काफी देर रोकने के बाद भी जब रहा न गया तो परदे के पीछे से ही लंड मुठीयाने लगा था | रीमा भी लुका छिपी का गेम खेलना चाहती थी लेकिन हाथ में मोबाइल की झलक पाते ही उसका पारा सातवे आसमान पर पंहुच गया | प्रियम उसको देखकर लंड मुठिया रहा था इसको लेकर शायद ही वो गुस्स्सा होती लेकिन हाथ में मोबाइल वो भी ऑन कैमरे के साथ | उसका गुस्सा ऐसा था कि पूछो ही मत | तभी उसे डायरी में लिखी एक बात याद गयी, गूसे और डर के समय सिर्फ दिमाग से ही काम लेना चाहिए, बाकि सब इगनोर करना चाहिए |

गुस्से से लाल पीली रीमा कुछ देर प्रियम को घूरती रही फिर अपने दुसरे स्तन से शहद पोंछते हुए - मुझे तो तभी पता चल गया था जब मुझे किसी के होने की आहट हुई थी | परदे के पीछे छुपते हो तो जुते भी तो छिपा लिया करो मेरे पूत | तुमारी माँ की चूत, इधर आ | भोसड़ी के मेरा विडिओ बनाता है, क्या करेगा इसका ? दिखा इधर | इतना कहकर प्रियम के हाथ से मोबाइल छीन लिया | प्रियम सर झुकाए जड़वत बस खड़ा था, उसकी हालात ऐसी की काटो तो खून नहीं | सारा ज्ञान तिकड़म, ठरक गांड में घुस गयी | हाथ पैर ठन्डे हो गए थे, दिमाग ने काम करना बंद दिया था, इस समय बस सर झुकाए खड़े रहने में ही भलाई समझी |

रीमा ने अपना ही विडिओ फ़ास्ट फरवोर्ड करके देखा | अब तो रीमा के अंदर एक ठंडी सी दहसत भर गयी, वो बस प्रियम के प्लान का अंदाजा लगाने लगी | रीमा - दोस्तों को बांटेगा, सोशल मीडिया पर शेअर करेगा | क्यों बना रहा था मेरा विडिओ........| प्रियम चुप रहा |
रीमा गरजी - बोलता क्यों नहीं मादरचोद, क्या करने वाला था इस विडिओ का |

उसने रीमा को ऐसे रूप में कभी नहीं देखा था,
प्रियम की गांड फट गयी, अब क्या होगा - ये चाची ऐसी कब से हो गयी | पिछली बार और इस बार वाली चाची में तो जमीन आसमान का फर्क है | ये तो बिलकुल मेरे बाप की भाषा बोल रही है | पापा इन्हें क्या घुट्टी पिलाकर चले गए है | हे भगवान् गलती हो गयी इस बचा लेना | आगे से ऐसा बिलकुल नहीं करूगां | उसकी पेंट में तने लंड का तनाव दूर से ही नजर आ रहा था | प्रियम वही जड़ हो गया, उसकी हिम्मत ही नहीं हुई आगे बढे | जीतनी हिम्मत बटोर के यहाँ आया था सब रफू चक्कर हो गयी |
रीमा धमकाते हुए बोली - इधर आता है या मिलाऊ तेरे बाप रोहित को फोन |
प्रियम को लगा सचमुच चाची फ़ोन मिला देगी - वो सर झुकाए किचन की तरफ बढ़ गया |
तड़ाक तड़ाक तड़ाक लगातार तीन झापड़ जड़ दिए |
रीमा - बोल क्या करने वाला था, बता वरना, रोहित से पहले आज मै तेरी हड्डी पसली एक कर दूँगी | तूने क्या रंडी समझ रखा है मुझे | साले तेरे बाप की कभी हिम्मत नहीं हुई मेरे सरकते पल्लू के नीचे के उभार पर एक नजर तक उठाने की और तू चला है मेरा नंगा विडिओ बनाकर दुनिया को दिखाने | भड़वे मादरचोद .............हराम के लंड की पैदाइश .............................|
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09-01-2021, 05:12 PM, (This post was last modified: 09-01-2021, 05:12 PM by desiaks.)
#75
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
प्रियम को लगा सचमुच चाची फ़ोन मिला देगी - वो सर झुकाए किचन की तरफ बढ़ गया |
तड़ाक तड़ाक तड़ाक लगातार तीन झापड़ जड़ दिए |
रीमा - बोल क्या करने वाला था, बता वरना, रोहित से पहले आज मै तेरी हड्डी पसली एक कर दूँगी | तूने क्या रंडी समझ रखा है मुझे | साले तेरे बाप की कभी हिम्मत नहीं हुई मेरे सरकते पल्लू के नीचे के उभार पर एक नजर तक उठाने की और तू चला है मेरा नंगा विडिओ बनाकर दुनिया को दिखाने | भड़वे मादरचोद .............हराम के लंड की पैदाइश .............................|
रीमा गुस्से से आगबबुला थी | उसके मुहँ से गलियां रुक ही नहीं रही थी | रीमा के झन्नाटेदार झापड़ो से प्रियम तिलमिला गया | रीमा को लगा अगर यही खड़ी रही तो कंही प्रियम का सर न फोड़ दे, उसको देखकर उसका खून खौल रहा था | उसने नजर ओट करने में ही भलाई समझी | रीमा मुट्ठी भींचते हुए पानी पीने चली गयी | उसने फ्रिज से एक पानी की बोतल निकाली और एक बार में पीते पीते पूरी बोतल खाली कर दी, जब वो अपनी पी रही थी तो उसकी नजर आईने में खुद पर गयी और उसे बिलकुल भी खुद का तमतमाया चेहरा अच्छा नहीं लगा | प्रियम की आँखों में आंसू झलक आये |
पानी पीकर रीमा का दिमाग कुछ ठंडा हुआ और आईने में खुद को देखकर उसने आपना गुस्सा कुछ काबू में में किया | उसे रोहित की दी नेक सलाह याद आ गयी, रोहित ने कहा था - गुस्सा हमारा सबसे बड़ा दुसमन है और किसी भी बुरे या कठिन समय में दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए | प्रियम पर रीमा को गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन गुस्से को पीकर अपने दिमाग को ठंडा करने की कोशिश करने लगी, साथ ही दिमाग से क्या सही क्या गलत पर सोचने लगी | कहाँ इतने अच्छे मूड में थी, पूरी तरह से मस्तियाँ रही थी, अपनी जवानी भोग रही थी अपनी हवस मिटा रही थी और इसने सब कबाड़ा कर दिया | उसे फिर रोहित की डायरी में लिखी बात याद आने लगी - जब हम गुस्सा करते है इसका मतलब हम अपना नियंत्रण खोकर दुसरे के नियंत्रण में जा रहे है | दुसरे की गलती से न तो हमें अपना नियंत्रण खोना चाहिए और न ही अपने कर रहे काम को प्रभावित होने देना चाहिए | इस पूरी लाइन की याद करते ही रीमा का गुस्सा धुंए की तरह रफूचक्कर हो गया | भला मै क्यों अपना खून जलाऊ, इसने मेरा नंगा वीडियो बनाने की कोशिश जरुर की है लेकिन अभी तो
मोबाइल मेरे हाथ में है और इसलिए सब कुछ पहले जैसा ही तो है | कुछ भी तो नहीं बदला, मुझे तो फिर से अपने काम में लग जाना चाहिए,
रीमा इससे पहले क्या कर रही थी उसे याद आ गया, वो उसी मनोस्थिति में पुनः जाने की कोशिश करने लगी, रीमा भले ही खुद को सामान्य करने और फिर से अपनी कामवासना में मस्तियाने जा रही थी, लेकिन प्रियम को लेकर उसके अन्दर जबरदस्त गुस्सा था, उसकी इस बेकाबू, बेहिसाब हो गयी ठरक, जो पुरे परिवार के लिए खतरनाक हो सकती थी को हमेशा हमेशा के लिए काबू में रखने और उसको उसकी हद और औकात बताने के लिए उसे एक जिंदगी भर का सबक सिखाना जरुरी था | उसे ये पता चलना चाहिए कि चूत, चुदाई, जवानी के खेल और औरत का जिस्म कोई लोलीपोप नहीं है जब मर्जी आई चूस लिया नहीं तो फेंक दिया | यहाँ संजीदगी, गहराई, सब्र और सम्मान सबसे ज्यादा जरुरी है | नहीं तो एक अपराधी और इन्सान में क्या फर्क रह जायेगा | प्रियम जो आज मेरे साथ करने की सोच रहा था वो कल को किसी मासूम लड़की के साथ भी कर सकता है, इसकी गांड फदनी तो जरुरी है, बहुत जरुरी है | उसने प्रियम को ऐसा सबक सिखाने की ठानी कि उसे जिंदगी भर याद रहे | मन में चट्टान जैसे इस फौलादी इरादे के साथ रीमा फिर से अपनी रौ में लौट आई |

रीमा अपने स्तनों पर लगा शहद पोछते हुए अपनी उंगलियों को चाट रही थी | कनखियों से उसकी पेंट के तम्बू को देखते हुए - लंड भोसड़ी के यहाँ च्रोरो की तरह क्यों आया है, क्या इरादा था तेरा, अपना लंड हिला हिला कर मेरा नंगा विडिओ बनाने के बाद क्या करने वाला था साफ़ साफ़ और सच बोलना, वरना ................|
इतना कहकर उसने फिर से अपना हाथ प्रियम को थप्पड़ मारने को उठाया, लेकिन इस बार प्रियम रीमा के पैरो में गिर गया और रुआंसा हो आया - गलती हो गयी रीमा चाची, माफ़ कर दो, गलती हो गयी | इतना कहकर फुट फुट कर रोने लगा |
रीमा को प्रियम का ये बर्ताव और ज्यादा नौटंकी लगा, उसका गुस्सा कम होने की बजाय और बढ़ गया - हट मादरचोद, दूर हट, चुपचाप खड़ा रह जैसे खड़ा था, वरना अभी पेंट उतार कर तेरे खड़े लंड पर दे दनादन इतना बेलन मारूंगी कि जिंदगी भर के लिए अपाहिज ही जायेगा तेरा लंड | दूर हट ..........
इतना कहकर पैरो से दूर ठेल दिया | प्रियम दूसरी तरफ को लुढ़क गया |
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09-01-2021, 05:12 PM,
#76
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा झल्लाते हुए चीखी - उठकर खड़ा होता है की, उठाऊ बेलन चिमटा | प्रियम की दहसत और बढ़ गयी | उसे ऐसा लग रहा था जैसे बिजलियाँ कड़क रही हो, वो बिलकुल बदहवास सा था उसे समझ में ही नहीं आ रह था कि से क्या इतनी जल्दी हो गया | उसे अहसास ही नहीं था कि वो कितनी बड़ी गलती करने जा रहा था | वो चुपचाप फिर से पुराणी तरह से सर झुकर खड़ा हो गया |
रीमा - रीमा से आँख मिलाने की हिम्मत है नहीं, भोसड़ी के, लंड के लिए ख्वाब पाले हो रीमा की चूत चोदने के | इतना कहकर उसने हाथ में पकड़े मोबाईल से प्रियम के तने सख्त कड़क लंड की जो पेंट के बाहर निकाला था उसकी तस्वीर खीच ली |
रीमा - जल्दी बोल गंडमरे लंड मेरे पास टाइम नहीं है इतना कि पहले तेरे आंसू पोछु फिर प्यार से पुछु, जल्दी मुहँ खोलकर बक वरना ये रीमा के सामने तना लंड पेंट से निकालकर खड़े होने की फोटो एक सेकंड में तेरे बाप के पास होगी | बता तेरी लंड इतना अकड़ा हुआ क्यों है | मुट्ठ मार रहा था मुझे नंगी देखकर | दिमाग में मुझे चोद रहा था, एक बार पूरी की पूरी नंगी देख तो ली थी, आँख नाक कान छाती चूंची पेट गांड चुतड जांघे सब तो देख लिया था, छु भी लिया था चूम लिया था मैंने तो तुझे बच्चा समझ कर तेरा लंड भी चूस दिया था फिर भी मन नहीं भरा था क्या | और तो और जीभर गोरी चिकनी चूत भी देखि थी, उसको चूसा भी था, इससे ज्यादा क्या होता है औरत के पास , इससे ज्यादा और क्या देखना था एक नंगी औरत के जवान जिस्म में .........................अब क्या उसी चूत में घुसने का इरादा है जिसमे से निकला है |

प्रियम कुछ नहीं बोला, चुपचाप सर झुका लिया |

रीमा - तेरे बाप ने जो समझाया वो तुझे समझ नहीं आया, मैंने एक बार तरस खाकर तेरी मदद क्याकर दी तूने क्या मुझे रंडी समझ लिया है | रंडी नहीं हूँ तेरी मै, साले तेरी तो छोड़ तेरे बाप की ऐसी गाड़ फाड़ के रख दूँगी की तुम बाप बेटे कही मुहँ दिखाने लायक नहीं रहोगे | बोल जल्दी से क्यों आया है मेरे पास टाइम नहीं है मेरी चुचियों से शहद टपक रहा है |

अब रीमा का गुस्सा गायब हो चूका था उसे बड़ा मजा आ रहा था प्रियम की हड्काने में, जिस तरह से उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी रीमा सामझ गयी थी, प्रियम की फट के फ्लावर हो गयी है - कुछ बोलेगा या यू ही गूंगा बुत बना खड़ा रहेगा, मुझे छिपकर नंगी देखने आया था या मोबाइल से मेरे नंगे बदन की फोटो खिचने या विडिओ बनाने, खींच ली फोटो और बना लिया विडिओ, अब चल निकल यहाँ से | अब अपना पिक/वीडियो तो तुझे देने नहीं वाली हूँ | इसलिए ये फ़ोन मेरे पास ही रहेगा, बाप से बोलना खो गया है नया ले दो |........................थोडा रूककर सोचते हुए - लेकिन इस हालत में जब तेरी गांड फटी पड़ी है तेरे खड़े लंड के कड़क पन को देखकर लगता है ............................. कही तू सचमुच मुझे फिर से चोदने के इरादे से तो नहीं आया था | सोचा होगा पहले विडिओ बनाऊंगा, फिर रीमा चाची को दिखाऊंगा और वो गरम होकर अपनी पैंटी उतारकर जांघे फैलाकर अपनी गुलाबी चिकनी गरम गरम मक्खन जैसी चूत मुझे परोस देगी | मेरा तो दिमाग ही नहीं जायेगा इतनी दूर तक | तुमारी माँ की चूत, कल को चूत से निकले इंच भर के लौड़े तूने मुझे समझ क्या रखा है, आज तुमारी मै ऐसी गांड फाड़ती हूँ कि तुम जिंदगी भर याद रखोगे, किस दर हरामी चूत से पाला पड़ा था | तु

किचन पत्थर पर मोबाइल रखती हुई और वापस प्रियम की तरफ बढती हुए - कपड़े उतार, मै बोल रही हूँ कपड़े उतार नहीं तो मै फाड़ दूँगी, फिर चीथड़े में गोलियां लटकाते हुए घर जाना |
प्रियम बुत बना खड़ा रहा |
रीमा उसके पास आ गयी, शर्ट की कॉलर पकड़कर धमकाते हुए चिल्लाई - सुनाई नहीं पड़ रहा मादरचोद फाड़ दू क्या............. शर्ट, फिर प्रियम का चेहरा देखते हुए बोली - गाड़ तो तुमारी वैसे भी फट गयी है बाकि तुमारा बाप चीर के रख देगा | मुझे बस एक फ़ोन करना है |

प्रियम क्या सोच कर आया था, यहाँ क्या से क्या हो गया | प्रियम शर्ट की बटन खोलने लगा | रीमा वापस किचन के पत्थर पर जाकर बैठ गयी और अपने शहद लिपटे स्तनों को चाटने की अधूरी कोशिश करने लगी |
बीच में प्रियम को धमकाते हुए - पेंट बनियान चड्डी क्या तेरा बाप उतारने आएगा , आज तुझे ऐसा मजा चखाऊगी की तेरे लंड की चूत ठरक की सारी तिकड़म दिमाग से उतर जाएगी | आज के बाद किसी चूत को देखकर खड़ा होने से पहले 20 बार सोचेगा | जल्दी से चड्ढी उतार कर इधर आ जा | प्रियम के पास कोई चारा नहीं था, राजू का मोबाइल फिर से रीमा के पास था और इस वक्त रीमा कुछ भी कर सकती थी ऐसा प्रियम को यकीन हो चला था प्रियम ने आज्ञाकारी बालक की तरह वैसा ही किया |
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09-01-2021, 05:12 PM,
#77
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा - चल चूसकर चाट कर मेरी छातियों का शहद ख़त्म कर, साला मुझसे नहीं हो पा रहा है | पुरे जिस्म में चिपचिप होने लगी है, कही शहद रह नहीं जाना चाहिए नीचे तक, नहीं तो ये मोटा बेलन पूरा का पुरा तुमारे पिछवाड़े में घुसेड दूँगी वो भी बिना तेल लगाये | प्रियम ने डरते डरते कांपते हाथो से रीमा के बाये स्तन को थामते हुए जीभ से चाटना शुरू किया | इतना सब होने के बावजूद उसका लंड तनकर अकड़ा हुआ था, उसे देखकर वो खुद हैरान था, मन ही मन सोच रहा था तेरे कारन ही मेरी फटी पड़ी है और तुझे अभी भी चूत का नशा चढ़ा हुआ है |

रीमा ने फिर से बताया - ठीक से अच्छे से चाट कर साफ़ करना, कही चिपचिप रह नहीं जानी चाहिए | प्रियम ने एक एक करके रीमा की पूरी छाती चाट चाट कर साफ़ करी फिर पेट पर गिरी बूंदों को साफ़ किया, जांघो पर छिटककर गिरे शहद को साफ़ किया | इससे पहले वो साँस ले पाता, रीमा ने अपनी दोनों छातियों पर कोको उड़ेल दिया - ऊप्प्प्स मेरी छातियाँ तो गन्दी हो गयी, चल चाट कर इसे साफ़ कर | प्रियम आज्ञाकारी गुलाम की तरह फिर से रीमा की सुडौल पुष्ट स्तनों को और उसकी चुचियो को चूसने चाटने लगा | प्रियम का धीरे धीरे डर कम हो गया लेकिन रीमा कड़क आवाज उसकी गांड फाडे हुए थी | समस्या यह थी की उसकी चोरी पकड़ी गयी | अगर छाती ठोककर आता, और रीमा से पूछकर उसका विडिओ बनाता तो कोई बात नहीं थी | अब वो रंगे हाथो पकड़ा जा चूका था इसलिए अपराधी था |

काफी देर तक प्रियम रीमा के स्तन पेट छाती सब चाटता रहा तब जाकर रीमा का बदन साफ़ हुआ | और इधर रीमा ने कोको से अपनी चूत गीली कर दी - चल अच्छे से चूस, यही करने तो आया था | करेगा तू वही सब जो करने के इरादे थे तेरे लेकिन मिलेगा तुझे कुछ नहीं | आराम आराम से चुसियो| और मेरी चूत खोलने की कोशिश मत करना, और उसके अन्दर कोको रस की एक भी बूँद नहीं जानी चहिये , जांघो को मत गन्दा करना वरना चाबुक पड़ेगा पीठ पर | रीमा ने ओम्लेट बनाने वाली फ्लैट लेडल को हाथ में ले लिया |
रीमा की गुलाबी चूत पूरी तरह से भूरे कोको रस से सनी हुई थी और कोको रस ऊपर से होता हुआ रीमा की चूत के गुलाबी ओंठो पर से बहता हुआ नीचे गांड के छेद की तरह जा रहा था | रीमा की चूत के ओंठ कसकर बंद थे | प्रियम समझ गया आज उसकी चाची उसे नौकर की तरह करवाएगी तो सब लेकिन उसकी गांड फाड़कर रख देगी | उसके सामने भी और कोई चारा नहीं था | सो वो रीमा की जांघो के बीच में जाकर बैठ गया और सर झुकाकर नीचे की तरफ बहते कोको रस को अपनी जबान से चाट कर साफ़ करने लगा | जैसे ही प्रियम कुछ भी इधर उधर करता, उसके चुताड़ो पर तड़ाक से एक लेडल पड़ता |

प्रियम के चूत चुसना चाटना शुरू करते ही रीमा मदहोश होने लगी | उसने एक केला उठाया उसे छीला और उसकी टिप को कोको बाउल में डुबोकर चूसने के लिए अपने मुहँ के पास ले आई, इससे पहले कोको रस उसके गुलाबी बदन पर टपके उसने अपनी गुलाबी जीभ आगे तक लम्बी कर दी और केले की टिप पर लगा कोको रस रीमा की जीभ पर रिसने लगा | रीमा की आहे कराहो में बदलने लगी | उसने केले की टिप तो चुसना शुरू कर दिया | जब कोको रस ख़त्म हो गया तो दुबारा से केले की टिप भिगो ली और फिर से चूसने लगी | रीमा के लिए ये बिलकुल ऐसा था की कोई उसकी चूत को चूस रहा है और वो किसी का लंड चुद रही है | उसकी अनंत हवस की फैंटसी में से एक 69 थी | मतलब आदमी और औरत दोनों एक दुसरे के ऊपर उलटा लेटकर एक दुसरे के अंग चुसे | आदमी औरत की चूत चुसे और औरत आदमी का लंड | फिलहाल यहाँ 69 तो नहीं था लेकिन रीमा जिसकी न कल्पना कर ले वो कम है | फिलहाल सूरत तो यही थी की प्रियम रीमा की चूत साफ़ कर रहा था और रीमा लंड सामान केला चूस रही थी या यू कहे केले को ही लंड समझ कर चूस रही थी |

काफी देर तक किचन में बस रीमा की सिसकारियां ही सुनाई पड़ रही थी, कभी मुहँ में जाते केले की गलगालाहत सुनाई दे जाती, कभी आह ओओह की आवाजे | काफी देर तक ये चूसने का क्रम चलता रहा | प्रियम दो दो बार पूरी चूत और उसके आस पास का इलाका चाट चाट कर साफ़ कर चूका था लेकिन रीमा से कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी | इसलिए उसने रीमा के चूत दाने को चुसना शुरू कर दिया | उसे लगा इससे शायद रीमा का मूड कुछ बदलेगा लेकिन जैसे रीमा को अहसास हुआ की प्रियम रीमा का चूत दान चूस रहा है उसके कान खड़े हो गए | उसने फाटक से केला खाकर निगल लिया और अपनी मादक सिसकारियो पर काबू पाते हुए लेडल उठाकर प्रियम के चुताड़ो पर तड़ाक तड़ाक झड़ी लगा दी | प्रियम लेडल की पिटाई से तिलमिलाकर रह गया |
रीमा - मैंने तुझे चाटने को बोला था, चूसने को नहीं |
प्रियम कराहते हुए बेहद धीमी आवाज में - यहाँ सब साफ़ हो गया है चाची|
रीमा गरजते हुए - तो बोलना चाहिए था न |
रीमा ने फिर से अपने स्तनों को शहद से भिगो दिया - ले चूस इन्हें |

प्रियम जांघो से उठकर रीमा के सर के पास आ गया | और सर झुकाकर रीमा के शहद से नहाये सुडौल उभरे स्तनों को चाटने चूसने लगा | रीमा फिर अपनी धुन में मस्त हो गयी | वो बस आंखे बंद करने ही वाली थी उसकी नजर प्रियम के लंड पर पड़ गयी | जो पूरी तरह तना हुआ था और उसके ह्रदय की धडकनों के साथ कांप रहा था | रीमा अपनी चूत दाने को रगड़ने लगी, उसको ओरागास्म हो रहा था लेकिन पता नहीं चल चला था उसे ये एक कंटिन्यू प्रोसेस लग रहा था, जहाँ कामवासना उर हवस के इस खेल का कोई अंत नहीं है | वो इसी तरह घंटो तक एन्जॉय कर सकती थी या करना चाहती थी | शायद कर भी रही थी | जैसे ही प्रियम ने रीमा के स्तन से चाट चाट कर शहद साफ़ किया, रीमा उठकर दो टोस्ट ले आई, उन्हें अपनी चूत के नीचे गांड की छेद के पास चुताड़ो से सटा कर रख दिया और ऊपर से शहद गिराने लगी - चल चाट इसे जब साफ़ हो जाये तो ये टोस्ट खा लेना | फिर बताती हूँ क्या करना है | बेचारा प्रियम एक बार फिर रीमा की चूत के इलाके में पंहुच गया और चूत चाटने लगा | इस बार उसने अपना काम जल्दी ख़त्म कर लिया और दुसरे हाथ से अपने लंड को भी सहलाने लगा, क्योंकि इतनी देर से अकड़े लंड से अब बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था | रीमा ने जब ये नजारा देखा तो उसका पारा सातवे आसमान पर चढ़ गया | गरजते हुए बोली - तुम्हे चूसने के बाद टोस्ट खाने को बोला था और तुम मुट्ठ मार रहे हो | प्रियम चूत पर से शहद साफ़ करने के बाद टोस्ट खाना भूल गया था जिन पर रीमा के चूत रस की भी कुछ बूंदे गिरी होगी | प्रियम के चुताड़ो पर फिर से लेडल की पांच चपत लगी |

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09-01-2021, 05:13 PM,
#78
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
चल फ्रिज में से स्ट्राबेरी और दूध निकाल कर ला | प्रियम आज्ञाकारी बच्चे की तरह दोनों चीजे ले आया | चल स्ट्राबेरी मेरी चूत में घुसेड़, फिर मेरे चूत त्रिकोण पर ट्रायंगल शेप में सजा |
प्रियम कराहते हुए लंड की तरफ इशारा करते हुए - चाची बहुत दर्द कर रहा है |
रीमा गरजी - करता है या मारू फिर से | इतना कहकर उसने लेडल की ताड़ बतोड़ 5 - 8 जोरदार चपत प्रियम के लंड पर लगा दी | प्रियम कराह कर रह गया | उसकी आँखों से आंसू निकल आये | रीमा के चेरे पर कोई भाव नहीं आये उसने अपनी जांघे हाथों में थामकर सीने से चिपका ली और चूत में स्ट्राबेरी डालने के लिए प्रियम का रास्ता साफ़ कर दिया | खड़े लंड पर हुए प्रहार से दर्द से बिलबिलाता प्रियम स्ट्राबेरी उठाकर रीमा की कसी चूत में घुसाने लगा |

मेरी चूत कौन चाटेगा साले तेरा बाप, उसे बुलाऊ, सुखी स्ट्राबेरी सूखी चूत में घुसेड रहा है | पहले उसे गीली कर फिर चूत को चाट, फिर चूत में डाल, | साले बस औरत को चोदने का ख्वाब देखने लगते है , पता उसकी झांट के एक बाल के बराबर भी नहीं | पहले औरत और उसकी चूत का क ख ग तो सीख लेता, लंड खड़ा होने लगा तो चूत चाहिए तुमारे जैसे चुतियो को | अन्दर तक घुसा स्ट्राबेरी ...... रोहित के कपूत, तुमारी माँ की चूत |

प्रियम ने दो स्ट्राबेरी रीमा की चूत में घुसा दी - बाकि ऊपर झांटो के सफाचट जंगल पर लगा | प्रियम ने इस बार बिना रीमा के टोके ही उस पर स्ट्राबेरी से ट्रायंगल बना दिया |
अब वो दूध की जग उठा और मुझे दे | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया आज तक तूने औरत की चुचियो से ही दूध पिया होगा | तुझे आज मै औरत की चूत से दूध पिलाती हूँ | चल जाकर नीचे चूत के सामने बैठ, और गांड के छेद के पास अपना मुहँ खोलकर बैठ | आज तुझे अपनी चूत का बना स्ट्राबेरी चूत शेक पिलाती हूँ | रीमा ने हलके हलके दूध को खुद पर गिराना शुरू किया, स्ट्राबेरी के बीचे से होता हुआ, रीमा के चूत के कसे गुलाबी ओंठो पर से बहता हुआ दूध नीचे प्रियम के मुहँ में गिरने लगा | जब दूध का आधा जग खाली हो गया तो रीमा ने अपनी चूत पर जोर डाला और पक्क से एक स्ट्राबेरी उसकी चूत से निकल प्रियम के मुहँ में जा गिरी |
रीमा - चल शेक बना अपने मुहँ में चूत दूध और चूत स्ट्राबेरी का और गटक जा, फिर तुझे आगे जन्नत दिखाती हूँ | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया |
रीमा ने धीरे धीरे सारा जग खाली कर दिया, प्रियम भी डर के मारे इतनी सावधानी से बैठा रहा की दूध की एक बूँद भी बाहर नहीं गिरी | दूध की आखिरी बूँद ख़त्म होते ही दूसरी स्ट्राबेरी चूत से निकालकर प्रियम के मुहँ में जा गिरी | प्रियम उसे भी खा गया |
रीमा - चल ये बाकि स्ट्राबेरी उठकर उधर प्लेट में रख और जीतन दूध लगा है चूत के आसपास सब चाट कर जा | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया |

जो भी हो रहा था वो प्रियम की सोच से कही बढ़कर था लेकिन वो इनमे से किसी का भी आनंद नहीं ले सकता था | वो बस एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह ये सब करता जा रहा था | रीमा को भी पता था प्रियम का लंड काफी देर से अकड़ा हुआ है, उसे लगा इतनी सजा काफी इस लड़के को | अपने अन्दर मन से नरमी लाते हुए लेकिन उसी टोन से बोली - इधर आज तेरा खूंटा नरम कर दू नहीं तो तेरी गोटिया फट जाएगी |

प्रियम का लंड अपने हाथ में लेते ही बहुत जोर जोर से मुठ मारने लगी | प्रियम का लंड पूरी तरह अकड़ा हुआ था और सख्त भी फिर भी प्रियम की हालत असल में अब ख़राब होने लगी, इससे अच्छा था की उसकी चाची उसके लंड को हाथ न लगाती | बिलकुल किसी गाड़ी के पिस्टन की तरह रीमा प्रियम के लंड पर हाथ चला रही थी, इस हालत में भी उसके पत्थर जैसे कठोर लंड पर उसे रीमा के जकड़न का दर्द हो रहा था, प्रियम दर्द और वासना से पागल हुआ जा रहा था | प्रियम दर्द से कराह रहा था या वासना से, इस वक्त ये बताना मुश्किल हो गया था | रीमा अपनी फुल स्पीड में उसके लंड पर स्ट्रोक कर रही थी | इसलिए जल्दी ही प्रियम झड़ने की कगार पर पहुच गया | प्रियम की हालत देख रीमा से स्ट्राबेरी से भरी प्लेट उठाई और उसके सामने प्रियम के लंड को जोर जोर से रगड़ने लगी |

प्रियम की पहले सी फूली गोलियां और ज्यादा दबाव सह नहीं पाई और अपना गरम सफ़ेद लावा छोड़ दिया | जो ऊपर की तरफ बहता हुआ उसके लंड के सुपाडे से स्ट्राबेरी पर गिरने लगा |
प्रियम के मुहँ से बस एक आखिरी कराह निकली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ स्सस्सस्सस्सस्सस्सस ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह |
प्रियम बस दांत भींचे झड रहा था और रीमा उसके अन्दर की एक एक बूँद निचोड़ लेना चाहती थी - चल जब तक एक एक बूँद बाहर न निकल आये हिलाते रह इसको | तब तक मै बाथरूम से आई | रीमा अपने मांसल भरी चूतड़ मटकाती हुई बाथरूम में चली गयी और प्रियम अपने लंड को लगातार हिलाए जा रह था ताकि उसमे का बचा रस भी निचुड़ आये |
प्रियम सोच रहा था कहाँ फंस गया, कहाँ पिछली बार चाची ने कितनी आराम से लंड चूसा था अबकी बार कहाँ फंस गया, आज तो मेरी गांड ही फाड़ के रख दी है, रीमा चाची तो ऐसी नहीं थी | गलती सारी मेरी है मुझे किसी भी कीमत पर घर के अन्दर नहीं आना चाहिए था, बल्कि मुझे यहाँ आना ही नहीं चाहिए था | रीमा चाची से जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए था, अब तो बस ऊपर वाले का सहारा है,.........यही सोचते सोचते उसका हाथ लंड पर धीमा हो गया | तभी पीछे से उसके सर पर पड़ा तड़ाक..........|
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09-01-2021, 05:15 PM,
#79
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
प्रियम सोच रहा था कहाँ फंस गया, कहाँ पिछली बार चाची ने कितनी आराम से लंड चूसा था अबकी बार कहाँ फंस गया, आज तो मेरी गांड ही फाड़ के रख दी है, रीमा चाची तो ऐसी नहीं थी | गलती सारी मेरी है मुझे किसी भी कीमत पर घर के अन्दर नहीं आना चाहिए था, बल्कि मुझे यहाँ आना ही नहीं चाहिए था | रीमा चाची से जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए था, अब तो बस ऊपर वाले का सहारा है,.........यही सोचते सोचते उसका हाथ लंड पर धीमा हो गया | तभी पीछे से उसके सर पर पड़ा तड़ाक..........|
रीमा ने उसके एक और जड़ दिया - औरत को चोदना है तो उसका कहना मानो, जब तक वो नया कुछ न बताये पिछला बताया करते रहो |
रीमा को पता था प्रियम का लंड झड़ते ही मुरझाना शुरू कर देगा, इसलिए उसने आते ही प्रियम का लंड अपने हाथ में ले लिया और फिर से स्ट्रोक लगाने लगी | तेजी से लंड पर अपना हाथ ऊपर नीचे चलाते चलाते रीमा ने उसके लंड को कोको रस से सरोबार कर दिया और मुहँ में लेकर चूसने लगी |

प्रियम हैरान था, मन ही मन सोच रहा था - ऊऊऊऊऊऊऊफ्फ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़, रीमा चाची क्या कर रही है, क्या चाहती है | अभी अभी तो झड़ा हूँ, आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ, क्या कर रही है, आज तो लग रहा है मेरे लंड की जान ही ले लेगी |
रीमा जीतनी तेज मुहँ से उसके लंड को चूस सकती थी, जीतनी तेज स्ट्रोक मार सकती थी मार रही थी | प्रियम की गोलिया जांघे सब कोको रस से सन गए थे | लेकिन झड़ने के बाद लंड का मुरझाना तो प्राकृतिक है सो प्रियम का लंड नरम हो गया लेकिन रीमा को कहाँ चैन था रीमा ने गिलास में कोको रस भरकर उसमे पूरा का पूरा प्रियम का लंड और गोलिया डुबो दी, प्रियम का लंड और गोलिया सब पूरी तरह से कोको रस से सरोबार हो गए | ऐसा लग रहा था जैसे प्रियम का लंड गोरा न होकर चोकलेटी हो | रीमा गपागप उसे चाटने चूमने और चूसने लगी | उसे जल्द से जल्द प्रियम का लंड खड़ा करना था |

उसने जल्दी ही चूस चूस कर प्रियम का लंड खड़ा कर दिया लेकिन उसकी छाती भी कोको रस से सान गयी | उसके हाथ भी कोको रस से सने हुए थे | और वो बेतहाशा प्रियम का लंड चुसे जा रही थी | प्रियम की उत्तेजना बढ़ने लगी, साथ ही उसकी कराहे भी | रीमा ना केवल कोको रस से सने लंड को चूस रही थी बल्कि बेदर्दी से मसल कर मुट्ठ भी मार दे रही थी | लंड को चूसना और मुठियाना दोनों साथ साथ चल रहे थे | रीमा की बड़ा मजा आ रहा था इतनी स्पीड में चूसने मुठीयाने में लेकिन प्रियम के लिए ये कोई प्लेजर वाली बात नहीं थी | वो अभी अभी झाड़ा था उसके लिए इतनी जल्दी खुद को फिर से तैयार करना मुश्किल हो रहा था वो अलग बात थी की रीमा की हरकतों और क्रियाकलापों की वजह से प्रियम का शरीर रेस्पोंद कर रहा था | रीमा भी शायद प्रियम को सबक देना चाहती थी की वो अपनी हद में रहे | औरत और उसकी चूत चुदाई कोई लड़कपन का मजाक नहीं होता | जब कोई औरत चुदती है तो उसका बहुत कुछ दांव पर लग जाता है इसलिए औरत हमेशा ऐसे मर्द से चुदना पसंद करती है जो उसकी कीमत जानता हो, जिसे पता हो औरत जब किसी के सामने नंगी होती है और फिर चुदती भी है तो वो कितना कुछ उस पर लुटाकर, उसी पर न्योछावर कर देती है | जिसे औरत के समर्पण की कीमत नहीं मालूम, उसे उसको चोदने का भी कोई हक़ नहीं , शायद यही सबक रीमा प्रियम को देना चाहती थी | औरत और मर्द के बीच के रिश्ते की गंभीरता का सबक शायद प्रियम के लिए जरुरी भी था | किसी औरत को नंगा करके चोदना सिर्फ वासना और हवस का ही खेल भर नहीं है | उसमे आगे पीछे उस औरत और मर्द के जज्बात, रस, गंध, स्पर्श बहुत कुछ जुड़ जाता है | वरना फिर रंडी और एक आम औरत की चूत में कोई फर्क नहीं रहेगा | चुदाई दोनों जगह एक जसी ही होती है लेकिन रंडी के पास गया आदमी सिर्फ अपनी हवस मिटा पाता है, प्यार का भूखा वो हमेशा रहता है | रंडी के पास उसे सिर्फ चूत मिलती है जबकि जिस औरत के साथ उसका लगाव हो वहां उसे चूत के साथ साथ प्यार समर्पण स्नेह सुकून और संतुष्टि सब मिलता है | प्रियम के लिए इस कच्ची उम्र में ये सबक सीखना जरुरी था | प्रियम का खुद पर कोई काबू नहीं था, रीमा अपने पुरे दम से उसे निचोड़ने में लगी थी | रीमा उसका लंड बुरी तरह चूस रही थी और वो बुरी तरह हांफ रहा था |
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09-01-2021, 05:15 PM,
#80
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
प्रियम का लंड मुठियाते/ चूसते काफी समय हो गया था, रीमा ने चाट चाट कर कोको का नामोनिशान प्रियम के जिस्म से मिटा दिया था | प्रियम फिर से झड़ने की कगार पर पंहुच गया था | उसकी कराहे बता रही थी की वो कभी भी झड सकता है रीमा ने तेजी से उसके लंड पर हाथ चलाना शुरू कर दिया और सामने के एक प्लेट में मफिन रख दिया | प्रियम के हाथ पैर फिर ऐठ गए, शरीर अकड़ गया और प्रियम की पिचकारी फिर से छुटने लगी | और साथ आठ पिचकारी में ही प्रियम का काम तमाम हो गया | उसके लंड रस से मफिन भीग गया और रीमा ने स्ट्राबेरी के बाद एक और प्लेट प्रियम के लंड रस से तैयार कर ली | उसने प्लेट में फैले बाकि लंड रस से चार मफिन तैयार कर लिए | एक मफिन को खाने भी लगी |

प्रियम अपनी सांसे काबू करने लगा, रीमा ने उसकी तरफ एक मफिन बढ़ाते हुए पुछा - खायेगा, तेरा ही रस है एक टेस्ट करके तो देख | प्रियम ने अनिक्षा जाहिर करी | रीमा प्रियम को साँस नहीं लेने देना चाहती थी, आज चार पांच बार लगातार झाड़ के उसकी ठरक को हमेशा के लिए उतार देना चाहती थी | वो चाहती थी आज के बाद कभी अपनी ठरक में इस कदर न बेबस हो जाये की इस हद तक आ जाये, जैसा आज उसने किया | इससे पहले प्रियम अपनी सांसे काबू कर पाता और प्रियम का लंड मुरझाता | रीमा ने उसके तने लंड पर क्रीम उड़ेल दी और जीभ से चाटने लगी | प्रियम के झाड़े लंड के सुपाडे में अजीब सी संवेदना हो रही थी, जैसे ही रीमा उसके सुपाडे को कसकर चुस्ती, प्रियम के शरीर में सनसनाहट दौड़ जाती | उसका लंड दुबारा खड़ा होने से मना कर रहा था लेकिन स्थितियां प्रियम के हाथ में नहीं थी | प्रियम की हिम्मत तो नहीं हो रही थी लेकिन रीमा ने उसे सख्त हिदायत दे रही थी कि वो अपना लंड जड़ से पकड़कर थामे रखे, ताकि की उसमे कड़ापन बना रहे | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया | रीमा ने प्रियम के सुपाडे पर ही ढेर सारी क्रीम उड़ेल दी |

जब सुपाडे पर जरुरत से ज्यादा क्रीम हो गयी तो वो रीमा की भरी पूरी सुडौल छातियों के उभारो पर जा गिरी | रीमा ने उसे अपने सुडौल तने हुए स्तनों पर और अपने गोरे दमकते गुलाबी जिस्म पर फैला दिया | प्रियम का लंड जड़ से थामकर उसके सुपाडे पर लगी क्रीम चाटने लगी | प्रियम दो बार झड चूका था, जब रीमा उसके सुपाडे पर जीभ फिराती तो उसके सुपाडे में अजीब सी सनसनाहट हो रही थी, जो उसे बर्दास्त करनी पड़ रही थी | ये मुश्किल था लेकिन प्रियम के आगे और कोई चारा नहीं था | शरीर की अपनी एक प्रक्रिया होती है जहाँ आदमी का लंड झड़ने के बाद कुछ देर तक सुस्ताने के बाद ही खड़ा होता है लेकिन रीमा तो उसे जबरदस्ती खड़ा रखना चाहती थी | प्रियम की नयी उम्र और रीमा के नंगे बदन के कारन उसकी उत्तेजना से प्रियम के लिए ये ज्यादा मुश्किल नहीं था | फिलहाल प्रियम की भावनाओं की दरकिनार करते हुए रीमा बेतहाशा उसका लंड चुसे जा रही थी ताकि वो किसी भी कीमत पर मुरझाने न पाए | उसके ओंठो के किनारों से बहकर क्रीम उसकी छातियों पर टपक रही थी और रीमा उसे अपनी उन्नत गुदाज उभरी छातियों पर ही फैला देती |

जीतनी तेज रीमा का सर प्रियम के लंड पर हिल रहा था उतनी ही तेज उसके हाथ भी प्रियम के सख्त लंड पर रपट रहे थे | प्रियम के लंड को मुरझाने का मौका ही नहीं दिया रीमा ने | उसमे फिर से खून का दौरान तेज हो गया | रीमा पूरी ताकत से मुट्ठ मार रही थी, उसे प्रियम के दर्द की कोई परवाह नहीं थी वो बस बेदर्दी से बेरहमी से उसके नाजुक सुकुमार लंड को मसले जा रही थी ताकि उसमे से फिर से मलाई निकल सके | उसे प्रियम से कोई लेना देना नहीं था, न ही वो उसकी तरफ देख रही थी | लंड को चूसते चूसते मसलते मसलते सारी क्रीम गायब हो गयी, प्रियम का लंड प्राकृतिक तरीके के रंग में चमकने लगा | रीमा उसकी खाल को सख्ती से जकड़े मुठिया रही थी लेकिन प्रियम के लिए ये पीड़ादायक अनुभव था | इस तरह से कसकर किसी ने भी उसके लंड को नहीं मसला था | उत्तेजना के कारन शरीर गरम था और लंड कड़क इसके बावजूद उसे दर्द का अहसास हो रहा था | रीमा सचमुच बहुत बेदर्द हो गयी थी | सूखे लंड को भी उसी बेदर्दी से सख्ती से मुठिया रही थी, जैसे पहले मुठिया रही थी | आखिर उसको प्रियम पर हल्का तरह आ गया - चल क्रीम बिछा पुरे लंड पर जड़ से लेकर सुपाडे तक |

जब प्रियम लंड पर क्रीम उड़ेल रहा था तो रीमा की खुसी देखते बनती थी | इस तरह से कोई औरत किसी सेक्सुअल एक्ट को कण्ट्रोल कर सकती है, सामने खड़े लंड को आज्ञाकारी पालतू कुत्ते की तरह अपने इशारो पर नचा सकती है ये तो उसने कभी सोचा ही नहीं था | प्रियम उसका भतीजा है तो क्या हुआ, अभी तो वो बस एक लंड है उसके लिए, जो अपने अरमान पुरे करने आया था, उसे चोदने आया था उसकी चूत को पेलने का अरमान पाले उसकी नंगी फोटो खीचने आया था | ताकि उसे दिखकर बाद में उसे ब्लैकमेल कर उसे चोद सके | जब किसी का लंड इस कमीनेपन की हद तक सोच सकता है तो फिर वो तो चूत है, ऐसी चूत जो लगातार दर्जन भर लंडो को एक के बाद एक ले सकती है | घंटो बिना रुके बिना थके चुद सकती है, फिर मुझे भी तो इसकी १० गुना ज्यादा गाड़ फाड्नी चाहिए | जब इसकी गांड फटेगी तब इसके लंड को अकल आएगी | तब इसे चूत के हरामीपन का अहसास होगा और आगे से ये हर औरत और उसकी चूत से तमीज से पेश आएगा | रीमा की नॉनस्टॉप स्पीड और सख्त जकड़न के आगे प्रियम का लंड बेबस था और लगातार तीसरी बार उसके लंड ने हथियार डाल दिए | उसकी गोलिये में मथ रहा सफ़ेद लावा अपना बांध तोड़ ऊपर की तरफ बह चला | इस बार की मलाई पहले से कम थी लेकिन जीतनी भी थी रीमा ने सारी की सारी अपने मुहँ पर ही उड़ेल ली | रीमा ने बड़ा सा मुहँ खोल दिया और पिचकारियाँ सीधे रीमा के मुहँ में समां गयी |
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