Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-04-2021, 12:09 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
इससे पहले वह लड़का के बढ़ता जग्गू ने खड़े होकर गान तान दी - भोसड़ी वालो कोई आगे बढ़ा तो यही लाशे बिछा दूंगा | यही तो वो चाहती है | आज पहले मै रीमा को चोदुंगा चाहे उसके लिए तुमारी लाश पर से ही क्यों न गुजरना पड़े | जग्गू के तेवर देखकर अब सच में दोनों लड़कों की फट के हाथ में आ गई | उन्हें लगा कही सच में ही न गोली मार दे | वो पीछे हट गए | रीमा की लग की उसकी सारी मेहनत बेकार हो गयी | अब तो सचमुच में रीमा की आँखों में आंसू आ गए | जग्गू के तेवर देख रीमा समझ गयी अब जग्गू से बचना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन है | उसे पता था अगर जग्गू ने उसे चोद दिया तो तो जिंदगी भर अपनी आँखों में आंखे डाल कर सीना चौड़ा करके नहीं जी पायेगी | अब उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर वो क्या करे, उसके अन्दर का दर्द, बेबसी पीड़ा आंसू बनकर बहने लगा था और उन्हें वो रोक पाने में पूरी तरह असमर्थ थी |

उसके चेहरे के आंसू देखकर जग्गू ने अट्टहास किया - क्यों निकल गयी सारी हेकड़ी रीमा मैडम | उस दिन मुझे जरा सी गलती क्या हुई थी आपने तो मेरी गांड का भर्ता बना दिया था | आज आप कितने भी घड़ियाली आंसू बहावो, कितन भी मेरे पांव पड़ो, मिन्नतें करो लेकिन आज तो मै तुमारे साथ वही करूंगा जो सोचकर आया हूँ | चुपचाप चुदवा लो नहीं तो तड़प तड़प कर चुदोगी |
रीमा का पीला निराश चेहरा देख जग्गू अपना लंड हिलाता हुआ - स्वागत नहीं करोगी मेरे लंड का |
रीमा को लगा अब सबकुछ जग्गू के हाथ में है, एक बार माफ़ी मांगना जिंदगी भर की जिल्लत ढोने से तो अच्छा हो है |
रीमा - जग्गू ठीक है मुझसे गलती हो गई मुझे इतना ज्यादा तुम पर अत्याचार नहीं करना चाहिए था लेकिन गलती हर इंसान से होती है गलती माफी तो की जा सकती है प्लीज मुझे माफ कर दो |
जग्गू हैरान सा होकर अट्टहास भरने लगा - साला कितनी मादरचोद चूत है तू साली कुतिया, जब कुछ नहीं सूझ रहा तो मुझे माफ़ी पर ज्ञान चोद रही है | मेरी डिक्शनरी से माफ़ी शब्द उसी दिन गायब हो गया था जब तू बेरहमी से मेरी गांड के चीथड़े उड़ा रही थी | तुझे लगता है तूने जो मेरे साथ किया उसके बाद मै तुझे माफ़ कर दूंगा | तू भोसड़ी वाली अब कितन भी रो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता |
रीमा अब रुआंसी हो आई, रुंधे गले से रुआंसी होकर - प्लीज मुझे माफ कर दो और जग्गू प्लीज मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगी और तुम्हारा लंड भी चूस दूंगी |
जग्गू को रीमा की पीड़ा से बहुत सुख मिल रहा था | उसका अट्टहास सुनकर रीमा समझ गयी अब बहुत देर हो चुकी है |
जग्गू रीमा के नंगे बदन के पास आ गया | उसके खूबसूरत बदन की गर्मी और गंध को सूंघ कर मदहोश होने लगा |
जग्गू - साला ऐसी मादक गंध निकलती है इस हरामन कुतिया के बदन से की पास आते ही मदहोशी सी छाने लगती है | आदमी इस गंध में डूबकर पागल सा हो जाये | ऐसी कौन सी गंध छोड़ती है चूत से की मुर्दे का लंड भी सीधा हो जाये |
इतना कहकर उसने रीमा के गोर मांसल चूतड़ पर एक जोरदार चमाट मारी | रीमा के मुहँ से चीख निकल गयी | जग्गू का पूरा का पूरा हाथ रीमा के चूतड़ पर छप गया |
रीमा जग्गू से गिडगिडाने लगी - पप्लीज जग्गू मै तेरा लंड चूस दूँगी | अगर तू चाहेगा तो हर हफ्ते चूस दिया करूंगी |
जग्गू - अब आई न चूत लंड के नीचे, साला चूत कितनी भी हरामी हो लंड से आगे थोड़े न जा पायेगी | अब समझ में आया न लंड की ताकत और औकात कितनी होती है | अब तेरी भलाई इसी में है चुपचाप चुदवा ले वर्ना चीखे निकाल कर चोदना भी मुझे आता है |
रीमा - देख जग्गू मै मानती हूँ मुझे गलती हुई है मुझे माफ़ कर दे | अगर तू मुझे चोदना ही चाहता है तो ठीक है चोद ले, लेकिन ऐसे खड़े खड़े कैसे तू मेरी चूत चोद पायेगा | मेरे हाथ खोल दे मै आराम से जमीं पर लेट जाऊँगी | फिर मुझे हचक हचक कर छोड़ लेना | तुझे भी बहुत मजा आएगा | इससे ज्यादा मै तेर लिए कुछ नहीं कर सकती |
अब तक उछाले मार रहा जग्गू का अहंकार रीमा के झुकाते ही कुछ नरम पड़ा |
लड़का भी बोल उठा - पता नहो बॉस आपकी मैडम से इतना फटती क्यों है मैडम सही तो कह रही है | साला हम तीन लोग है और ये अकेली , ऊपर से हमारे पास गन भी है ये क्या उखाड़ लेगी हमारा | लिटाओ इसकी जमीं पर उलटा पेट के बल फिर जब इसके गद्देदार चुताड़ो पर ठोकर मारोगे तो सीधे जन्नत की सैर करोगे |
जग्गू को लगा लड़का सही कह रहा है | साला ऐसे खड़े खड़े चोदने में मजा न आएगा | लेकिन जग्गू के अन्दर का डर अभी भी इसके लिए राजी नहीं था |
जग्गू - ठीक है इसे जमीं पर लिटा देना, लेकिन इसकी चूत का सुभारम्भ कर लेने दो एक बार, एक बार इसकी चूत में लंड घुसा दू, इसको चोदने की शुरुआत तो मै ऐसे खड़े खड़े ही करूंगा | फिर तुम लोग इसके हाथ खोलकर इसे जमीं पर लिटा देना |
लड़का बोलो - आप एक नंबर के फट्टू हो, आपकी फटती बहुत है इसी वजह से अब तक आप मैडम की चूत में लंड नहीं घुसा पाए हो | इतना फट्टू पण न होता आपके अन्दर तो अब तक रीमा मैडम की चूत में दो राउंड की चुदाई कर चुके होते और तीसरे चक्कर के लिए अपना लंड चुसवा रहे होते |
जग्गू को लड़के की बातो से जोश आ गया | जग्गू रीमा के सामने आ गया, उसके दोनों स्तनों को हाथो में भर लिया और बारी बारी से उसके स्तनाग्र को अपने मुहँ में भरकर चूसने लगा |

रीमा ने अपनी आंखे बंद कर ली | वो अपने अन्दर इस अपमान की पीड़ा को बर्दाश्त करने की हिम्मत जुटाने लगी | जिस सख्स की वो शक्ल नहीं देखन चाहती थी वो उसके स्तनों का पान कर रहा हिया उर कुछ देर में उसकी मखमली चूत में अपना लंड घुसेड़ने वाला है | ये सोचकर ही रीमा को अन्दर तक घिन आ गयी | रीमा को ये सब बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन अब वो कर भी क्या सकती थी | उसने स्तनों को मुहँ से चुसना जारी रखा और अपने दोनों हाथ रीमा के चुताड़ो पर जमा दिए | उसने अपने तने हुए खड़े लंड को रीमा की जांघो के बीच घुसेड़ दिया और उसके चुताड़ो को अपनी तरफ ठेल कर उसके बदन को अपने बदन से चिपकाने लगा | बार बार रीम एके चुताड़ो की पकड़ कर उसकी कमर को अपनी तरफ ठेलता, जिससे रीमा की जांघो में बीच फंसा उसका लंड रीमा के चूत के ओंठो की मालिश करता हुआ आगे पीछे हो रहा था | रीमा के लिए ये सब बर्दाश्त से बाहर था लेकिन रीमा कुछ भी नहीं कर सकती थी |
जग्गू - मजा आ रहा है रीमा मैडम, मेरा लंड आपके चूत के ओंठो की मसाज कर रहा है | कभी सोचा था आपने मै आपको इस तरह से चोदुंगा | मैने तो आपके नाम से न जाने कितनी बार मुठ मारी है |
रीमा - मै थक गयी हूँ ऐसे खड़े खड़े, मेरे पांव दुखने लगे है | ऐसे खड़े खड़े मुझे चोदकर तुझे क्या मिलेगा | आराम से लिटाकर चोद, औरत को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा की आँखे आसुओं से गीली थी, फिर भी उसका मन हार मानने को तैयार नहीं था |
Reply
09-04-2021, 12:09 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
वह मान चुकी थी कि अब उसका इन तीनो से चुदवाना ही उसकी नियत है | इसको लेकर उसके अंदर न कोई शौक था ना ही कोई डर था ना ही कोई भावना थी आखिर लंड ही तो हैं लंड चूत में ही तो जायेगें | क्या घट जायेगा मेरी चूत का अगर कुछ देर ये मुझे चोद लेगें | अब तक मैंने तो पूरी कोशिश करी इनसे बचने की कोई रास्ता नहीं है तो क्या कर सकती हूं कोई नहीं आने वाला उसे बचाने के लिए यही सोचकर उसने अपनी आंखें बंद कर ली | जग्गू को उसकी चूत चूसते हुए भी काफी देर हो गई थी रीमा का जिस्म काफी गर्म हो गया था इसी बीच रीमा ने अपनी आंखें खोली और जग्गू की तरफ झुकते हुए उसके फड़कते लंड को पकड़ लिया | जग्गू रीमा की चूत में बुरी तरह से खो चूका था उसे रीमा द्वारा इस तरह से डिस्टर्ब करना पसंद नहीं आया लेकिन रीमा के हाथ में अपना लंड देख जग्गू सीधा हो गया | रीमा कुर्सी पर बैठे बैठे ही आगे को थोडा झुकी और जग्गू के लंड को अपने मुहँ के रसीले ओंठो से जकड लिया | दोनों लड़के और जग्गू हैरान रह गए | एक लड़का उत्साह से बोला - अरे बॉस अब तो लग रहा है रीमा मैडम बुरी तरह से गर्म हो गई है |

जग्गू थोड़ा दुविधा में था, इ वो पहले ही रीमा की चूत चूसकर मस्तियाया हुआ था ऊपर से इस तरह से रीमा का उसके लंड को लेकर चूसने से उसका गुस्सा पता नहीं कहाँ फुर्र हो गया |
जग्गू - आह मैडम क्या चूसती हो लंड को, आप कमाल हो सच में कमाल हो | आह आह आह आह आह |

बाकी दोनों लड़के भी अपने लंड हिलाते हुए रीमा के पास आ गए | रीमा के मुहँ के पास अब तीन तने हुए लंड थे | एल उसके मुहँ में था और बाकि दोनों को रीमा ने अपने एक एक हाथ में लेकर मुठियाना शुरू कर दिया | उन लड़कों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि इतनी हसीन खूबसूरत औरत उनके लड़कों को मसल रही है | रीमा ने जग्गू के लंड को छोड़ दुसरे के लंड को चुसना शुरू कर दिया और उसके लंड को हाथ में भरकर मसलने लगी | यह सच था रीमा ने आखिर में उन तीनों लड़कों के लंडो को मुहँ में लेकर चूसना शुरू कर दिया था वह बारी-बारी से तीनों के लंड को अपने मुंह में ले रही थी और वो तीनों तो जैसे जन्नत ही पहुंच गए थे जग्गू को भी यकीन नहीं हो रहा था कि यह क्या हो रहा है उसका रीमा की चूत को चोदने का सपना पल पल दूर होता जा रहा था लेकिन अभी वो जन्औनत की सैर कर रहा था इसलिए उसके दिमाग में रीमा की चूत चोदने का कोई ख्रयाल भी नहीं आ रहा था | रीमा भी पूरी तरह से हार मानकर उन लड़कों से खेलने लगी थी उसे भी उनके लंडो से खेलने में अब मजा आने लगा था वह बारी-बारी से तीनों लड़कों को हाथ में लेकर के मुंह में लेती और अच्छे से चुस्ती थी तीनों के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी थी तीनों की हालत देखने वाली थी |

इतनी खूबसूरत हसीन मस्त औरत से लंड चुसवाने का जवानी की आग बढ़ाने का मजा ही कुछ और था | तीनो ये सब देखकर उत्तेजना के चरम पर पंहुच गए | जग्गू के मुकाबले बाकी दोनों लड़कों के लंड बड़े थे लेकिन रीमा बारी बारी से तीनों के लंड अपने मुंह में ले रही थी और इसी बीच में तीनों के लंड में अकड़न बहुत कड़क हो गई थी | तीनो में से एक लड़का बोला मैडम अब तो बस अपनी चूत खोली दो अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब तो आप को चोदने का मन मुझे भी करने लगा है जग्गू का तो मुझे पता नहीं लेकिन मैं आप को चोदना चाहता हूं प्लीज और मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हूं मैं आपके साथ कोई जबर्दस्ती नहीं करूंगा आप प्लीज इस लंड पर कुछ तरस खाओ |
रीमा - इतनी भी जल्दी क्या है , जवान हो दो तीन राउंड तो आराम से निपटा दोगे | अभी तो मेरा मन मलाई खाने का है |
लड़का - लेकिन मैडम |
रीमा उसकी बात काटती हुई बोली - चिंता क्यों करते हो, दुसरे तीसरे राउंड के लिए मै ही खड़ा करूंगी | आज अपनी जवानी जीभर के भोगोगे | ऐसा चुदाई का मजा दूँगी की जिंदगी भर नहीं भूल पावोगे | अभी मुहँ में ही निपट लो अगला राउंड चूत का होगा |
रीमा की बात सुनकर उस लडके का जोश और बढ़ गया - रीमा मैडम तो हमें आज ही पूरा स्वर्ग दिखाएंगी |
जोश जोश में उसकी उत्तेजना और बढ़ गयी | रीमा ने भी उसके लंड को कसकर चुसना शुरू कर दिया | अब उसके मुह से अनगिनत कराहे निकलने लगी | जग्गू रीमा को ऐसे लंड चूसते हुए पहले भी देख चूका था इसलिए वो हैरान नहीं था लेकिन रीमा की इस अदा पर सम्मोहित जरुर हो गया था | रीमा दोनो कसकर उस लडके का लंड चूसने लगी और अपने हाथ से मसलने लगी | वो लड़का पहले ही उत्तेजना से सरोबार था | रीमा के हाथ की सख्त जकड़न और उसके रसीले ओंठो की कसावट का मर्दन ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाया | उसकी पिचकारी छुटने लगी | रीमा ने मुहँ खोल दिया और उसके सफ़ेद गाढे रस की एक एक बूँद गटक गयी | इसके बाद उसने जग्गू का लंड थाम लिया | जग्गू अभी झड़ना नहीं चाहता था |
रीमा - चूत अगले राउंड में चोदना |
जग्गू - नहीं मेरा दूसरी बार खड़ा न हुआ तो |
रीमा - मै किसलिए हूँ |
जग्गू पीछे हट गया - इसका चूस के इसकी पिचकारी छुटाओ, मै तो तुमारी चूत में ही पिचकारी छोडूंगा | मुझे बाथरूम लगी है मै निपट कर आता हूँ | जग्गू झड चुके लड़के के साथ मुतने चला गया |
रीमा ने दूसरे लड़के का लंड थाम लिया और कसकर चूसने लगी | वो लड़का भी अपनी उत्तेजना के चरम पर था | रीमा के रसीले ओंठो की सख्त मालिश ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाया | और उसकी पिचकारी भी छुटना शुरू हो गयी, रीमा उसका भी सफ़ेद रस गटक कर पी गयी | वो हांफता हुआ रीमा की कुर्सी के पास बैठ गया और रीमा की जांघ पर सर रख दिया | रीमा अब कमरे में अकेली थी और वो लड़का जो झड़ने के बाद अपनी सांसे काबू करने में लगा था | रीमा कुर्सी से उठी और तेजी से उसने जमीन पर रखी गन उठा ली | इससे पहले वो लड़का कोई हरकत कर पाता रीमा ने वो गन उसकी कनपटी पर तान दी |
Reply
09-04-2021, 12:09 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
इससे पहले रीमा कुछ कहती, करती बाहर से अंधाधुंध गोली चलने की आवाज सुनाई पड़ी | चार पांच बार धांय धांय रीमा के कानो में पड़ा | रीमा ने जल्दी से उस लड़के को ठीक अपने आगे किया और उसके पीछे गन लगा दी और दरवाजे की ओर को हो गयी | वो कुछ कदम ही आगे बढ़ी थी की एक आदमी चीते की तरह छलांग लगाते हुए तेजी से आया और रीमा की तरफ चार पांच गोलियां दाग दी | रीमा उस लड़के के पीछे थी इसलिए सारी गोलियां उसके सीने में पैबस्त हो गयी | एक पल को तो रीमा उसकी पीठ के पीछे छिप गयी | फिर पता नहीं कहाँ से अचानक उसमे इतनी हिम्मत आ गयी की उसने गन से लड़के की आड़ से सामने वाले पर फायर कर दिया | वो इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था | उसे दो गोली लगी | एक गर्दन में एक सीने में | वो वही लुढ़क गया | रीमा की धड़कने तेज थी, आंखे फटी पड़ी थी कमरे में जो हुआ उसे देखकर | रीमा को खुद नहीं पता चला की उसने क्या किया कैसे किया | अभी न डरने का वक्त था न सोचने का |
रीमा डरते डरते दरवाजे के पास तक गयी | उसने गोली से घायल लड़के को ढाल बना रखा था | उसने बाहर झांककर देखा उसे कोई नहीं दिखाई दिया | तब तक लड़का मरने की कगार पर पहुँच गया था | रीमा ने लड़के को छोड़ दिया जो अपनी आखिरी सांसे गिन रहा था | रीमा जमीन पर रेगती हुई दरवाजे से बाहर निकली | वहां उसे कोई नहीं नजर आया | थोड़ी दूर पर जाकर देखा, तो जग्गू और लड़का जमीन पर पड़े है | जग्गू तो शायद मर भी गया था क्योंकि उसके गोली सीधे माथे पर लगी थी | जबकि लड़का अभी कराह रहा था | लेकिन उसे भी कई गोलियां लगी थी | रीमा को तो यकीं ही नहीं हो रहा था क्या से क्या हो गया एक पल में पलक झपकते ही | जिन जवान लड़को के खड़े लंडो से अभी कुछ देर पहले वो वासना का खेल खेल रही थी वो अभी बिलकुल निस्तेज मुरझाये पड़े थे और उनके जिस्मो की जान बस निकलने वाली ही थी |
रीमा के होश फाख्ता हो गए | अब वो क्या करे | कहाँ आकर फंस गयी | कुछ देर तक शुन्य बनकर खड़ी रही, कुछ समझ अनहि आया क्या हुआ कैसे हुआ | सामने दो जवान जिस्मो की नंगी लाशे पड़ी थी और सामने एक पूरी नंगी औरत अपने हाथ में गन लिए बिलकुल निस्तेज शुन्य बनकर खड़ी थी | रीमा उन दोनों के सूखे लंडो को एक बार देखा और फिर तेजी से अन्दर आई | उसने अपने सारे कपड़े बटोरे | गनीमत थी की जग्गू की बात न मानकर उसकी साड़ी को लड़को ने नहीं फाड़ा था | उसे झट से किसी तरह अपने चारो ओर साड़ी लपेटी और बाकि सारे कपड़े इकठे किये और अपने पेटीकोट में लपेट लिए | हाथ में गन थी | तीन लड़को की नंगी लाशे और एक हमलावर जी लाश और रीमा के साड़ी से छन छन कर दीखता उसका खूबसूरत बदन |
उसके पास तो फ़ोन भी नहीं था | आखिर कहाँ जाये किसे फ़ोन करे | काफी देर तक वही शुन्य बनी बैठी रही | बाहर घनघोर रात हो गयी थी | रीमा ने पुरे मकान का मुआयना किया | उसने बाहर के बल्ब बंद कर दिए | लड़को और जग्गू के कपड़ो में जरुरी सामान ढूढ़ने लगी | फ़ोन तो नहीं मिला लेकिन उसे एक टौर्च जरुर मिल गयी |
शाम से लेकर अब तक जो भी हुआ रीमा की सोच समझ से परे था | रीमा रात में कही जा नहीं सकती थी लेकिन यहाँ रुकना भी उसे ठीक नहीं लगा | यहाँ चार लाशे पड़ी थी, और बाहर जंगल में जंगली जानवरों का खतरा था | अपनी फूटी किस्मत पर रीमा रोने लगी | कहाँ आकर फंस गयी | पता नहीं किसी को पता भी चला होगा की मै यहाँ इस मुसीबत में फंस गयी हूँ या नहीं |

उधर जब ऑफिस बॉय रीमा की गाड़ी का पंचर बनाकर उसकी गाडी देने उसके घर गया तो कई बार बेल बजाने के बाद कोई बाहर नहीं आया | उसने फ़ोन मिलाया लेकिन वो तो स्विच ऑफ जा रहा था | उसने लैंडलाइन पर फ़ोन किया घंटी तो जा रही थी लेकिन कोई उठा नहीं रहा था | उसने हारकर अपने बॉस को ऑफिस में फ़ोन मिलाया, उसके बॉस ने रीमा के इमरजेंसी कांटेक्ट नंबर पर फ़ोन किया तो फ़ोन रोहित ने उठाया | उन्होंने रोहित को पूरी बात बताई | रोहित ने अनिल को फ़ोन मिलाया | अनिल दौड़े दौड़े रीमा के घर आये लेकिन रीमा तो यहाँ नहीं थी | उन्होंने रोहित को अपडेट दिया और रीमा की जीपीएस लोकेशन देखने लगे | उसका फ़ोन स्विच off था जीपीएस शहर के बाहरी किनारे पर एक पेट्रोल पंप के पास की बता रहा था | उसके बाद लास्ट लोकेशन शहर के उत्तर जंगल की तरफ जाने वाली सड़क का मिला | शहर के टॉप पुलिस अफसर को इत्तला कर दी गयी | वो दल बल के साथ भागे भागे आये | रीमा की लास्ट लोकेशन के आधार पर आधी रात से पुलिस रीमा को ढूढ़ने निकली | अनिल ने बताया उन्होंने एक ट्रांसमीटर रीमा के हर सैंडल में छिपा दिया है जो 24 घंटे में एक बार सिग्नल देता है | आखिर सिग्नल उसने शाम 6 बजे दिया था | अब अगला सिग्नल उनको अगली शाम को मिलेगा |

रीमा उस खंडहर मकान में बैठी सुबुकती रही | पता नहीं कब उसकी आंख लग गयी | सुबह जैसे पौ फटने को हुई रीमा की आंख खुल गयी | सर भारी हो रहा था, बदन टूट रहा था | लेकिन रीमा वहां से निकल भागी | उसे नहीं पता था कहाँ जाना है लेकिन जंगल की एक पगडण्डी पर वो बढ़ चली | बदन पर कपड़ो के नाम पर बस एक साड़ी थी और पैरो में सैंडल | रीमा बदहवास सी चली जा रही थी, उसे नहीं पता था की वो कहाँ जा रही है लेकिन उस मनहूस खंडहर से जीतनी दूर हो सके वो जाना चाहती थी | एक घंटा चलने के बाद उसे एक छोटा सा गाव दिखाई दिया | बाद में जब आगे बढ़ी तो वो गाँव कब एक छोटा सा क़स्बा ज्यादा लग रहा था | इससे पहले वो पगडण्डी पार कर वो गाव की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर आती | पीछे से किसी ने उसको चीते की फुर्ती से दबोच लिया |

रीमा न कुछ सोच पायी, न कुछ देख पाई | उसका चेहरा अगले पल एक काले कपड़े के अन्दर था | उसके मुहँ से चीख निकल गयी | उसने रीमा के मुहँ को भींच लिया | उसके मुहँ पर किसी मर्द का सख्त हाथ था जिससे उसकी चीखे निकलने से पहले ही घुट जा रही थी | आदमी से उसे के गाडी की डिग्गी में पटक दिया | और डिग्गी लॉक कर दी | उसे कुछ समझ नहीं आया आखिर ये सब हो क्या रहा है | इससे पहले वो चीख या चिल्ला पाती एक कार कच्चे रास्ते को चीरते हुए चलने लगी | रीमा डिग्गी के अन्दर कभी इधर लुढ़क रही थी, कभी उधर लुढ़क रही थी | उसकी आँखों के सामने अँधेरा था और वो बार बार डिग्गी पर अपना हाथ थपथपा रही थी | आखिर कार एक जगह रुकी | किसी ने डिग्गी खोली | रीमा की साड़ी अस्त व्यस्त हो गयी थी |

एक आदमी की भारी भरकम आवाज सुनाई दी - ज्यादा शोर मचाया तो यही घला घोंट दूंगा | उसने रीमा के दोनों हाथ और पैर बांध दिए | उसके बदन की साड़ी खीचकर अपने पास समेत ली | रीमा का बदन नंगा हो गया |
आदमी - ये तुमारे शोर मचाकर डिस्टर्ब करने की सजा है | अब डिग्गी में तुम नंगी ही पड़ी रहोगी |

रीमा जोर जोर से रोने लगी - तुम कौन हो और कहाँ ले जा रहे हो |
आदमी - जल्दी ही पता चल जायेगा |
रीमा रोते हुए - आखिरकार मैंने तुमारा क्या बिगाड़ा है, मै ऊपर वाले की कसम खाती हूँ मैंने किसी को नहीं मारा |
आदमी - वो भी जल्दी पता चल जायेगा |
डिग्गी बंद हो गयी | काले कपड़े से आ रही रोशनी की जगह अब श्याह अँधेरा था | कार तेजी से चलने लगी | रीमा ने शाम से अब तक कुछ नहीं खाया था ऊपर से उसे एक एक बाद एक झटके लग रहे थे | वो गहरे सदमे में चली गयी थी | जो कुछ भी हो रहा था वो उसकी सोचने समझने की शक्ति से बाहर था | वो सदमे के कारन बेहोश हो गयी | फिर पता नहीं चार कब तक चलती रही | उसे कुछ होश नहीं था |
Reply
09-04-2021, 12:09 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
जब उसकी आंख खुली तो वो एक बड़े हाल में थी | उसके हाथ और पैर हथकड़ी से चारपाई से बंधे थे | जैसे ही उसकी बेहोशी टूटी वो चिल्लाने लगी, शोर मचाने लगी | कुछ देर बाद एक जवान गार्ड गेट खोलकर अन्दर आया |
रीमा - मै कहाँ हूँ, कौन हो तुम लोग और मुझे यहाँ क्यों लाये हो |
गार्ड ने रीमा को देखा - ये तो मुझे पता नहीं लेकिन और कोई मदद चाहिए हो तो कर सकता हूँ |
रीमा - मुझे बताओ मै कहाँ हूँ |
गार्ड ने जैसे रीमा की सवाल सुने ही नहीं - मैडम अगर आपको भूख लगी है तो आपको मै खाना दे सकता हूँ | इसके अलावा मुझे कोई उम्मीद मत रखियेगा |
रीमा ने कल शाम से कुछ खाया नहीं था, भूख लगाना स्वाभाविक था |
रीमा - मुझे बहुत भूख लगी है लेकिन ये तो बतावो मै हूँ कहाँ और तुम लोग कौन हो | मुझे यहाँ क्यों लाये हो | क्या चाहिए तुम्हे मुझसे |
गार्ड चला गया | रीमा निराश हताश थकी हुई, सदमे से बेहाल जाते गार्ड की पीठ देखती रही |
थोड़ी देर बाद खाने की थाली लेकर लौटा |
रीमा - मुझे बतावो प्लीज कौन हो तुम और यहाँ क्यों लाये हो |
मैडम - मुझे कुछ नहीं पता, मै तो अपनी नौकरी कर रहा हूँ |
रीमा रोने लगी | गार्उड ने उसे कोई भाव दिए बिना उसके हाथ खोल दिए |
गार्ड - खाना खा लो मैडम | इतना कहकर गार्ड वापस चला गया |
रीमा को बहुत तेज भूख लगी थी, कुछ देर तक खाने को नफरत और गुस्से देखती रही धीरे धीर उसका सिबुकना कम हुआ और वो खाना खाने लगी | कुछ देर बाद उसने फिर से गार्ड को आवाज लगायी |
रीमा - मुझे और भूख लगी है और मुझे वाशरूम भी जाना है |
गार्ड को समझ नहीं आया - बाथरूम जाना है |
रीमा ने हाँ में सर हिलाया | गार्ड ने उसके पैरो की हथकड़ी चारपाई से निकाल कर एक दुसरे में पैरो में ही लॉक कर दी ताकि रीमा अगर भागने की कोशिश भी करे तो भाग न सके | गार्ड थाली लेकर चला गया | रीमा बाथरूम से फ्रेश होकर आई | गार्ड तब तक दूसरी थाली लेकर आ गया था लेकिन इसमें प्रॉपर खाना नहीं था बल्कि फ़ास्ट फ़ूड था |
रीमा थाली के आइटम देखकर बोली - मुझे भूख लगी है |
गार्ड - खाना हो तो खाओ मैडम, नहीं तो मत खाओ अभी यही मिलेगा |
इतना कहकर गार्ड वहां से चला गया | रीमा खाते खाते सोचने लगी और दिल दिमाग अभी भी गहरे सदमे में था | पता नहीं कहाँ है वो और कौन लोग है जो उसे यहाँ उठाकर लाये है |
दिन के तीन बज रहे थे | तभी हाल का लोहे का दरवाजा खुला और तीन लोग सूट बूट में अन्दर आये | तीनो ही च्पिस खाती रीमा को घूरने लगे | रीमा के अन्दर उनको देखकर एक डर घर कर गया | बड़े खूंखार लग रहे थे | दिमाग में एक ही ख्याल आया - क्या ये मेरा रेप करेगे |
लेकिन वो कहावत है आदर का डर ही कभी कभी आपकी हिम्मत बन जाता है रीमा के अन्दर के डर ने ही उसे हिम्मत की ढाल भी पहनाई |
एक आदमी जो वेशभूषा से ही उन तीनो का बॉस लग रहा था - गुड आफ्टर नून मैडम, मेरा नाम सुर्यदेब है और आपका |
रीमा आत्मविश्वास से भरकर - रीमा |
सूर्यदेव - बस रीमा |
रीमा - हाँ बस रीमा, मै कहाँ हूँ और तुम लोग कौन हो और मै यहाँ क्या कर रही हूँ, क्या चाहिए तुम लोगो को मुझसे |
सूर्यदेव - मैडम पता है कल मेरा एक बेहतरीन शार्प शूटर मारा गया, संयोग की बात है कल ही मेरे बिज़नस में दुश्मन का लड़का भी मारा गया है और दो लड़के और मारे गए है | तीनो की लाश नंगी मिली है | गोली नजदीक से मारी गयी है | संयोग ये भी है की वहां से मुझे कुछ कपड़ो के रेशे मिले है, एक औरत के कपड़ो के रेशे, सबसे बड़ा संयोग ये है की इन सबसे आपका कोई न कोई कनेक्शन जरुर बना है |
तो सवाल ते है क्या आपने मेरे शूटर को मारा | अगर नहीं टी क्या आपने उन लड़को को मारा | वो नंगे क्यों है | आप तो वहां आसपास भी नहीं रहती फिर उस जंगल में क्या कर रही थी | किसके लिए काम करती है आप |
रीमा - पहले बतावो मै कहाँ हूँ |
सूर्यदेव - अगर आप ये बता देंगी की आप कहाँ की रहने वाली है तो मै आपको बता सकता हूँ की आप कहाँ है |
रीमा - मै फलाने शहर में रहती हूँ |
सूर्यदेव - और करती क्या है आप |
रीमा - मै प्रोजेक्ट कंसलटेंट हूँ |
सूर्यदेव - किस तरह के प्रोजेक्ट ?
रीमा - किसी भी तरह के, इवेंट मनेग्मेंट, रियल स्टेट, हॉस्पिटैलिटी मै सब पर अपने क्लाइंट को एडवाइस देती हूँ | अब बतावो मै कहाँ हूँ, कौन हो तुम लोग |
सूर्यदेव मुस्कुराया - आप अपने घर से 120 किमी दूर दुसरे शहर के एक कस्बे में है |
सूर्यदेव - तुम कौन हो, मै एक बिज़नस मैंन हूँ | आपकी वजह से मै एक बड़े संकट में फंस गया हूँ | मेरा एक बेस्ट शूटर मारा गया है और मेरा दुश्मन समझता है की उसके एकलौते बेटे की मैंने मरवाया है |
रीमा - मतलब जग्गू का बाप |
सूर्यदेव - आप तो खूबसूरत होने के साथ साथ काफी समझदार है |
रीमा - जहाँ तक मुझे पता है जग्गू का बाप तो सारे दो नंबर के धंधे करता था और कुछ सफेदपोश के साथ मिलकर अपनी काली कमाई सफ़ेद करता था | तुम भी क्या ड्रग्स का बिज़नस करते हो |
सूर्यदेव बस मुस्कुराया | रीमा का दिल बैठने लगा ये कहाँ आकर फंस गयी मै | उसके चेहरे पर वास्तविक चिंता झलकने लगी |
सूर्यदेव - मेरे और भी कई सारे साफ़ सुथरे बिज़नस है |
रीमा - लकड़ियों की तस्करी करना |
सूर्यदेव बस मुस्कुराया - आप तो मेरी उम्तोमीदों से भी ज्यादा स्मार्ट है फिर क्या आप बताने का कष्ट करेंगी की आप किसके लिए काम करती है | कोई तीसरा नया गैंग है, क्योंकि आपकी वजह से मेरे और विलास के बीच अब बात बिज़नस की नहीं रही | मामला पर्सनल हो गया है खून खराबा बढ़ सकता है | विलास अपने एकलौते बेटे की मौत पर चुप नहीं बैठेगा |
रीमा के दिमाग में दहसत तो भरी थी लेकिन उसका दिम्माग उतनी तेजी से चल भी रहा था |
रीमा - सूर्यदेव मुझे ये नहीं समझ आता, इन सब के लिए मै कैसे जिम्मेदार हूँ | तुमने अपने शार्प शूटर को वहां भेजा था जग्गू को मारने के लिए , जग्गू मर गया तुम्हे तो खुस होना चाहिए |
सूर्यदेव - नहीं नहीं नहीं तुम गलत समझ रही हो, मै बिलकुल उसे मारना चाहता था लेकिन हाल ही में विलास की उसके एक पॉलिटिशियन दोस्त से बिज़नस को लेकर कुछ ज्यादा ही सीरियस बवाल हो गया था | विलास ने नेता जी को धुन दिया था | उनकी बेटी उठा लेने तक की धमकी दी थी | नेता जी और विलास दोनों मेरा पहले ही बहुत नुकसान कर चुके थे इसलिए मैंने एक तीर से दो निशाने लागने की सोची लेकिन शायद तुमने मै फिर दोहरा रहा हूँ शायद तुमने मेरे तीर को ही तोड़ दिया |
Reply
09-04-2021, 12:09 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
अब विलास की बंदूके मेरी तरफ है | मुझे जवाब चाहिए ताकि विलास के कोप से मै बच संकू | मैडम आपने सब गड़बड़ किया है इसलिए आप ही बतावो कही आप विलास के लिए तो काम नहीं करती | मुह्हे लगता है आप नेताजी के लिए काम करती हूँ | मैंने इतनी देर में रिसर्च करके ये तो पता लगा लिया है की आप नेताजी से पहले भी मिल चुकी हो | रिवर लाउन्ज की साईट पर मैंने आपकी नेताजी के साथ तस्वीरे देखि है | वहां विलास भी है | मैडम रीमा क्या आप इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश करेंगी |
रीमा चुप रही | उसे खुद ही समझ नहीं आ रहा था कहाँ आकर फंस गयी | क्या जवाब दे जब उसने कुछ किया ही नहीं | जो भी सूर्यदेव बक रहा था उसका रीमा से दूर दूर तक कोई लेना डीएनए नहीं था |
सूर्यदेव - देखिये मैडम आपको स्पष्ट कर दू चुप रहने से काम नहीं चलने वाला है |
रीमा - मुझे नहीं पता आप क्या कह रहे है लेकिन मेरा इन सबसे दूर दूर तक कोई नाता नहीं है |
सूर्यदेव की त्योरियां चढ़ गयी उसने रीमा के चेहरे को अपने सख्त हाथो से जकड लिया | रीमा के चेहरे पर दर्द की लकीरे तैर गयी |
सूर्यदेव - मैडम ये मेरी शराफत है वरना मुहँ खुलवाने के और भी तरीके आते है मुझे | आपकी जानकारी के लिए बता दू आप यहाँ बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में लायी गयी थी | आपके बदन पर रस्मेसियों की गाठो के अलावा और कुछ नहीं था | मेरे आदमियों ने तुम्हे शर्ट और ये स्कर्ट पहनाई है | जरा सी भी चालाकी करी तो ये इन कपड़ो को सेकंडो में मेरे कहने पर उतार लेंगे और फिर एक नंगी औरत के साथ कोई क्या करता है ये तो आपको बखूबी पता होगा |
रीमा ने प्रतिकार किया - लेकिन मैंने किया क्या है |
सूर्यदेव - आवाज नीचे मैडम जी, मेरे इशारे पर मेरे आदमी आपके जिस्म की वो दुर्गति करेगें कि आप जिन्दा लाश बनकर रह जाओगे |

तभी सूर्यदेव का फ़ोन बजने लगा | उसे पता लगा उस स्थान पर पुलिस पहुँच गयी है | इससे पहले ही विलास ने अपने बेटे की डेड बॉडी उठवा ली थी | उसे पता चल गया था उस रात जग्गू कुछ किराये के लड़को के साथ रीमा को उठाकर लाया था | अपने एकलौते बेटे की मौत से विलास रीमा और सूर्यदेव दोनों के खून का प्यासा हो गया था | उसके पास पॉवर थी पैसा था और माफिया भी | सूर्यदेव को जो फ़ोन आया था इसमें उसे पता चला की उसके दो ठिकाने विलास ने नेस्तोनाबूत कर दिए है | उसके 20 आदमी मारे गए है |
रीमा के बारे में उसके आदमी और ज्यादा जानकारी निकालने की कोशिश में लगे हुए थे | लेकिन सूर्यदेव को जो भी आशंका थी वो निर्मूल साबित हुई |
रीमा को खून भरी आँखों से देखता हुआ सूर्यदेव बोला - अगर मै मारूंगा तो मैडम आपको लेकर मरूंगा |
इतना कहकर वो वहां से निकल गया | बस इतना समझ लीजिये जब तक आपका सच मेरे आदमी नहीं पता लगा लेटे तब तक ही आप सही सलामत हो |
रीमा ने माथा पीट लिया, वो काफी डर गयी थी , हे उपरवाले कहाँ फंसा दिया मुझे | आखिर मेरी गलती क्या है | इतना सोचकर वो गहरे चिंता और डर से भर गयी |

इधर रीमा के फ़ोन के जीपीएस से सुराग निकाल कर पुलिस जंगल तक पंहुच गयी लेकिन आगे का कोई सुराग पता नहीं लगा सकी | ऊपर से वहां पड़ी तीन लाशों की वजह से जिसमे से दो पूरी तरह नंगी थी, मामला पेचीदा हो गया | शहर में विलास के बेटे की रहस्यमय मौत को लेकर भी बड़ी चर्चाये होने लगी | अनिल को अब बस रीमा के सैंडल में लगे ट्रांसमीटर का इन्तजार था | रोहित भी वहाँ विदेश में बेचैन हो रहा था | उसने अपने स्तर पर यहाँ के लोकल लिंक्स को रीमा को खोजबीन में लगा दिया |

रीमा की परेशानी पहले से कम थी क्या जो सूर्यदेव ने और बढ़ा दी | उसकी बातों से जो रीमा को समझ आया वो ये कि जग्गू की मौत के लिए वो रीमा को जिमेदार ठहरा रहा था | रीमा सोचने लगी अगर यहाँ से नहीं निकली तो मारना तय है | यही सोच सोच कर उसका दिल बैठा जा रहा था | उसका चेहरा पीला पड़ गया | उसकी आँखों से आंसू झरने लगे | कहाँ आकर फंस गयी मै, अगर जल्दी से यहाँ से नहीं निकली तो ये दरिन्दे मुझे नोच डालेगें | मै क्या करू | कैसे निकलू यहाँ से | मुझे तो यहाँ का कुछ भी नहीं पता | यहाँ से निकल भी गयी तो जाउंगी कहाँ | किधर जाऊँगी | रीमा जोर जोर से रोने लगी | बाहर से गार्ड ने लोहे के दरवाजे में लगे शीशे से झांककर देखा तो रीमा रोती हुई नजर आई |
Reply
09-04-2021, 12:09 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा की परेशानी पहले से कम थी क्या जो सूर्यदेव ने और बढ़ा दी | उसकी बातों से जो रीमा को समझ आया वो ये कि जग्गू की मौत के लिए वो रीमा को जिमेदार ठहरा रहा था | रीमा सोचने लगी अगर यहाँ से नहीं निकली तो मारना तय है | यही सोच सोच कर उसका दिल बैठा जा रहा था | उसका चेहरा पीला पड़ गया | उसकी आँखों से आंसू झरने लगे | कहाँ आकर फंस गयी मै, अगर जल्दी से यहाँ से नहीं निकली तो ये दरिन्दे मुझे नोच डालेगें | मै क्या करू | कैसे निकलू यहाँ से | मुझे तो यहाँ का कुछ भी नहीं पता | यहाँ से निकल भी गयी तो जाउंगी कहाँ | किधर जाऊँगी | रीमा जोर जोर से रोने लगी | बाहर से गार्ड ने लोहे के दरवाजे में लगे शीशे से झांककर देखा तो रीमा रोती हुई नजर आई |

गार्ड फट से दरवाजा खोलकर अन्दर आ गया - आपको कुछ चाहिए मैडम |
रीमा कुछ नहीं बोली - देखिये मैडम रोइए मत प्लीज | मुझे न केवल आपकी निगरानी के लिए रखा गया है बल्कि आपका ख्याल रखने के लिए भी रखा गया है |
कुछ ही देर बाद सूर्यदेव भागता हुआ फिर से हाल में आया, गार्ड अभी रीमा के पास ही था |
सूर्यदेव - तू यहाँ क्या कर रहा है |
गार्ड - मैडम रो रही थी इसलिए वजह पूछने आया था |
सूर्यदेव - ठीक है ठीक है अब बाहर जा |
सूर्यदेव - मैडम आपने बताया नहीं आपके पति पुलिस अफसर थे |
रीमा आंसू पोछती हुई - तुमने पुछा |
सूर्यदेव - मैडम आपको पता है जिदगी में पहली बार ऐसा फंसा हूँ की इधर कुवा गई उधर खाई | मै अगर मरा तो सबको लेकर मरूंगा |
सूर्यदेव ने पागलो की तरह अपने माथे को पकडे पकड़ें वापस उलटे पाँव लौट गया | जाते जाते गेट पर गार्ड को बोल कर गया मैडम का ख्याल रखना वर्ना कुत्ते की मौत मरेगा तू |
गार्ड भी हैरान रह गया आखिरकार हो क्या रहा है | गार्ड बड़ी हैरानी के साथ अन्दर आया | रीमा का सिबुकना बंद हो चूका था |
गार्ड - मैडम आप कौन है और ये साहब आज इतने पगलाए हुए क्यों घूम रहे है |
रीमा - तुम क्या करोगे ये सब जानकार | रीमा फिर से अपनी उदासी और सदमे में खो गयी |
गार्ड कुछ देर खड़ा रहा फिर वापस लौट गया |
कुछ देर बाद रीमा बीती हर एक घटना की याद करके फिर से रोने लगी | गार्ड बार बार बाहर से झांक कर देख रहा था | रीमा को फिर से रोता हुआ देख अन्दर आ गया |
गार्ड - मैडम आप रोइए मत प्लीज | कोई परेशानई हो तो मुझसे बताइये |
रीमा गार्ड पर झल्ला उठी - एक तो हथकड़ियो में जकड़ कर रखा है ऊपर से पूछता है कोई परेशानी हो |
गार्ड उसी शांत स्वर में - वो मेरे हाथ में नहीं है मैडम | होता तो जरुर खोल देता |
रीमा का गुस्सा बढता ही जा रहा था - तो यहाँ क्या अपनी माँ चुदा रहा है भाग जा यहाँ से |
गार्ड - मैडम जी गरीब जरुर हूँ लेकिन अपनी भी इज्जत है, गाली मत दीजिये | जो मेरे बस में है वो जरुर करूंगा | एक बार आदेश तो करिए |
रीमा ने आंसू पोंछ लिए - क्या क्या कर सकता है | मुझे इस नरक से निकाल सकता है |
गार्ड - कैसी बात कर रही है मैडम, साहब मेरी गर्दन धड़ से अलग कर देंगे |
रीमा - तो बाहर जाकर अपनी गांड मरा |
गार्ड आइस्ते से बोला - मैडम गे नहीं मै, पहले एक गर्लफ्रेंड भी थी |
रीमा उसका जवाब सुनकर थोड़ा हैरान रह गयी | कितना शांत था वो,उसे देखकर रीमा के दिमाग का तापमान भी कुछ कम हुआ |
रीमा - मुझे अकेला छोड़ दो, मै बहुत परेशान हूँ | मुझे नहीं पता कल शाम से मेरे साथ क्या हो रहा है |
गार्ड - मैडम भले ही मै आपकी मदद न कर पाऊं लेकिन आपका दुःख तो सुन ही सकता हूँ | गेट पर खड़े रह रह कर बोर ही हो जाता हूँ |
रीमा -मतलब |
गार्ड - मैडम ये फैक्ट्री के बीच में गोदाम है, पिछले 6 महीने से खाली पड़ा है, इससे पहले इसमें चीनी रखी जाती थी | सरकारी कोटे वाली चीनी | उधर साहब के ठेके छिन गए इधर तब से ये भी खाली पड़ा है | आज सुबह चद्दर में लपेट कर लाये थे आपको | बोले vip है अच्छे से ख्याल रखना | एक जोड़ी कपड़े और चार हथकड़ियाँ फेंक कर चले गए |
रीमा - तो तुमने मुझे कपड़े पहनाये |
गार्ड - हाँ मैडम जी साहब का आर्डर था |
रीमा - तुमने मुझे पूरा का पूरा बिना कपड़ो के देखा |
गार्ड शरमाते हुए - हाँ मैडम जी, आप बेहोश थी तो कौन पहनाता | वैसे एक बात कंहू छोटा आदमी बड़ी बात, बुरा मत मानियेगा |
रीमा - बोल |
गार्ड - मैडम जी आप बहुत खूबसूरत है, आप जैसी खूबसूरत औरत आज तक मैंने नहीं देखि |
रीमा को तारीफों से खुसी तो मिली लेकिन वो गार्ड को परखने लगी कही उसकी उस पर नीयत तो ख़राब नहीं - कितनी खूबसूरत औरतो को अब तक देख चुके हो | मेरा मतलब नंगे, पूरा नंगे |
गार्ड शर्मा गया - मैडम आप तीसरी है, इससे पहले मेरी गर्लफ्रेंड थी और उसकी पड़ोसन |
रीमा - दोनों को एक साथ निपटाते थे |
गार्ड - नहीं मैडम पड़ोसन थी ही हरामी, वही कपड़े खोलकर हमें अपनई छाती दिखाती रहती थी एक दिन जोश में आकर मै उसके घर में घुस गया और ..............................................|
Reply
09-04-2021, 12:10 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा - चोद डाला | अब कैसे काम चलाता है |
गार्ड शर्मा गया - मैडम आप तो बड़ी मुहँ फट है |
रीमा - मै कोई बीस साल की नहीं हूँ पूरी दुनिया देख चुकी हूँ |
गार्ड - क्या बात कर रही है मैडम ?
रीमा - चौंक क्यों रहा है? अच्छा बता तुझे कितने की लगती हूँ |
गार्ड - सच बाताऊ, 26 से एक दिन ज्यादा नहीं लगती |
रीमा के चेहरे पर मुस्कान आ गयी |
रीमा के ऊपर के शर्ट के तीन बटन खुले थे | उसके स्तनों के गोरे गोरे उभार बाहर से साफ़ दिख रहे थे | गार्ड की निगाहे रीमा की छातियों पर गयी फिर उसने नजरे नीची कर ली |
रीमा - सब कुछ तो देख लिया है मेरा अब क्यों नजरे फेर रहा है |
गार्ड - इससे गलत ख्याल नहीं आते मन में | मैंने आपको कपड़े पहनाये वो मेरा काम था |
रीमा - शरीफ आदमी है तू अपने बारे में बता यहाँ कैसे आया |
गार्ड - मै पढ़ना चाहता था लेकिन गरीब था पैसे नहीं थे इसलिए नौकरी कर ली | पैसे तो मिले लेकिन सारा टाइम नौकरी खा गयी और पढाई बंद हो गयी |
रीमा - तो अभी सिर्फ नौकरी करता है और कोई छोकरी भी सेट की है |
गार्ड - अभी तो अकेला हूँ |
रीमा - मतलब हाथ से ही एक्सप्रेस दौड़ता है |
गार्ड झेंप गया - मैडम आप भी अपने बारे में कुछ बताइए न |
गार्ड से बात करके रीमा के अन्दर का डर और दहसत कुछ हद तक कम हो गयी |
रीमा - मै एक बड़े पुलिस अफसर की विधवा हूँ | अकेले रहती हूँ | पता नहीं कुछ लोग मुझे गलतफहमी में मुझे किडनैप करके जंगल ले गए | वहां के कुछ लोग फिर से गलफहमी का शिकार होकर मुझे यहाँ ले आये | तुमारे साहब को लगता है सब मेरा किया धरा है | जबकि मुझे तो ये भी नहीं पता के जो तुमारे साहब कह रहे है वो सब कहानी क्या है |
गार्ड ने रीमा से नजरे मिलायी फिर झुका ली | कुछ देर तक दोनों खामोश रहे |
रीमा ने ख़ामोशी तोड़ते हुए गार्ड को कुरेदा - अच्छा ये बता जब तूने मुझे पूरा का पूरा नंगा देखा तो तेरे मन में क्या ख्याल आया |
गार्ड ने भी रीमा की आँखों में आंखे डालकर जवाब दिया - आप बहुत खूबसूरत है |
रीमा - बस, नीचे कोई हरकत नहीं हुई, मेरे नाम से तो न जाने कितने मेरे जानने वाले ही मुट्ठ मारते है |
गार्ड भी रीमा कामुक बातो में दिलचस्पी लेने लगा - क्या बात कर रही है मैडम, आप तो बिलकुल बिदास होकर बाते करती हो बिलकुल भी नहीं शर्माती |
रीमा जानती थी वही गार्ड उसकी आजादी की चाभी हो सकता है | मर्द की एक ही कमजोरी होती है, अगर इसके पजामे का नाडा ढीला निकला तो ये ही आजादी की आखिरी किरण बन सकता है| अब तक का रेस्पोंस देखकर रीमा की हिम्मत बढ़ी | उसे बहलाए फुसलाये रखना होगा तभी कुछ उम्मीद की किरण बची रहेगी | रीमा कहाँ है उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था |
रीमा - वैसे क्या मै बाहर की तजि हवा खा सकती हूँ अगर तुमारे बॉस ने मना ना किया हो तो | मै भागुंगी नहीं तुम मेरे पैर में हथकड़ी डाल सकते हो | रीमा अपने शर्ट के बटन खोल अपने उरोजो की उचाई नुमाया कर दी |

इसी के साथ रीमा ने अपनी शर्ट का उपरी सिरा बाहर की तरफ फैला दिया | जिससे उसके गोरे गोरे स्तनों के हाहाकारी उभार और ज्यादा खुलकर सामने आ गए | अब बस रीमा के निप्पल दिखने बाकि रह गए थे | रीमा एक लम्बी आह भरती हुई - मुझे बड़ी गर्मी लग रही है यहाँ तो पंखा भी नहीं है, कुछ देर के लिए बाहर चलो न |
गार्ड -मैडम बाहर जाने की परमिशन के बारे में मुझे पूछना पड़ेगा | साहब आपका ख्याल रखने को बोल गए है लेकिन और कुछ नहीं बताया |
रीमा - हर छोटी बड़ी बात के लिए क्या साहब का मुहँ देखोगे | मेरी सुविधा का ख्याल रखना तुमारा काम है | मुझे गर्मी लग रही है | अगर तुम मुझे बाहर नहीं ले गए तो जब साहब लौट के आयेगे तो तुमारी शिकायत करूंगी | मुझे गर्मी लग रही है मै अपने कपड़े उतारने जा रही हूँ |
गार्ड दुविधा में पड़ गया, गार्ड सोच रहा था कहाँ फंस गया | मैडम तो धमका भी रही है और ललचा भी रही है | रीमा - अच्छा बाहर न सही गेट तक तो ले चल सकते हो |
गार्ड ने रीमा के पांव की हथकड़ी खोल दी | हाथ तो उसके पहले से आजाद थे | रीमा भागना तो चाहती थी लेकिन पता नही था भागने के बाद उसका क्या होने वाला है | पता चला कही भागने के चक्कर में ही जान गँवा बैठी | न तो उसे इस जगह का पता, न तो उसे पता की यहाँ से निकल कर कहाँ जाना है | इसलिए भागने का तो कोई सवाल ही नहीं था |
गार्ड ने रीमा के हाथ में लटकती हथकड़ी पकड़ी और उसे गेट तक ले गया | गेट से बाहर रीमा ने झांक कर देखा | एक पूरी बंद पड़ी फैक्ट्री का कंपाउंड लग रहा था | गेट के ठीक सामने उलटी तरफ एक कार खड़ी थी |
रीमा ने पूछ लिया - ये कार किसकी है |
गार्ड - इसी में तो आप आई थी मैडम, आपको याद भी नहीं | ये कार यहाँ स्टैंड बाई पर खाड़ी है, जैसे ही साहब का आदेश आपको कही और ले जाने का होगा वैसे ही मैंन गेट पर तैनात इसका ड्राईवर आपको लेकर गंतव्य की ओर चल देगा |
रीमा बाहर की परिस्थिति समझ रही थी - स्टैंड बाई का क्या मतलब है |
Reply
09-04-2021, 12:10 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
गार्ड - मैडम कार पूरी तरह से तैयार होती है चाभी उसी में लगी होती है, साहब का आदेश आया, चाभी घुमाई और निकल लिए |
रीमा के अन्दर का डर काफी हद तक कम हो गया था, उसे अय्याकिन हो गया था वो जल्दी मरने नहीं जा रही | इसी के साथ गार्ड ने उसके मन में आशा की एक किरण जगा दी थी | चारो तरफ खतरा बरक़रार था लेकिन रीमा के अन्दर उस खतरे से निपटने की हिम्मत लौट आई थी |
गार्ड को कुछ लोग उधर आते दिखे - मैडम आप अन्दर चलिए, कही आपको बाहर देख लिया तो मेरी शिकायत भी हो सकती है |
रीमा अन्दर चली आई और चारपाई पर धडाम हो गयी |

उसके दिमाग में बाहर की तस्वीरे नाचने लगी | गाड़ी तो रेडी है लेकिन उसे नहीं पता फैक्टरी का मैंन गेट किस तरफ है और वहां कितने लोग तैनात है | वो लोग खूंखार है या इसी गार्ड की तरह सीधे साधे है | उसका दिमाग सरपट घोड़े दौड़ा रहा था | इस समय उसका दिमाग बहुत सक्रीय था वो यहाँ से निकलने का प्लान बना रही थी | जब उसकी आँख खुली थी तो वो बहुत चिंता तनाव में थी बहुत डरी हुई थी सदमे से उसका दिल बैठा जा रहा था लेकिन गार्ड से बात करके उसके अन्दर हिम्मत आ गयी | उसे गार्ड के कदमो की आवाज सुनाई दी | रीमा जल्दी से उठकर बैठ गयी औए अपनी शर्ट के बटन खोलकर उसे कंधे से नीचे खिसका दिया | उसके दोनों दूध जैसे सफ़ेद गोरे गोरे बड़े बड़े उरोज सामने की तरफ को सीधे तन गए | उनकी छाती की पहाड़ियो की नुकीली चोटियाँ पूरी तरह से तन कर खड़ी थी | उसके उरोजों की उठान उसके सीने में एक गहरी दरार बना रही थी | वापस लौटने के बाद गार्ड कुछ देर तो गेट के बाहर बैठा रहा लेकिन फिर लोहे के गेट में अन्दर झाकने के लिए लगी जाली से रीमा के खुले हाहाकारी स्तनों को देखकर झटपट दरवाजा खोलकर अन्दर आ गया |

गार्ड - क्या बात है मैडम |

रीमा - तुमारे बस का तो कुछ है नहीं, यहाँ गर्मी से बुरा हाल है, कपड़े न उतारू तो क्या करू | रीमा अपने उठे हुए मांसल उरोजो का पसीना पोछते हुए बोली |

रीमा की उठे हुए सुडौल स्तनों को देखकर अब गार्ड के ऊपर भी रीमा का नशा चढ़ने लगा था | उसकी आंखे पलक झपकाना भूल गयी, वो बस रीमा के हाहाकारी तने स्तनों को ही देखे जा रहा था | उसके लंड में हरकत होने लगी और वो रीमा के हुस्न में मदहोश होने लगा | गार्ड भी रीमा के इशारे समझ रहा था लेकिन उसे अपनी नौकरी की ज्यादा चिंता थी | क्योंकि अगर इसकी खबर साहब को हो गयी तो उसकी नौकरी जान तय है लेकिन उसके साथ उसकी जो गांड तोड़ी जाएगी वो अलग | सच तो ये था वो भी रीमा से घुलना मिलाना चाहता था लेकिन उसकी फट रही थी |
गार्ड ने ऊपर रीमा का हुस्न का जादू चलने लगा था | आखिर वो भी एक मर्द ही था वो भी जवान मर्द | गार्ड ने भी रीमा से जरा शरारत करने की सोची - मैडम कौन सी गर्मी की बात कर रही है, बदन की गर्मी की या मौसम की गर्मी की |

रीमा को लगा उसका तीर सही निशाने पर जाकर लगा है - दोनों गर्मी ही मुझे खाए जा रही है, मौसम की गर्मी से ही तो तन बदन में आग लगी है | तुम क्या समझ बैठे थे | रीमा ने उसकी आँखों में झांकते हुए उससे सवाल किया |

वह उसके बड़े बड़े उठे हुए मांसल उरोजो के गुलाबी मांस को देखकर वैसे भी पागल हो चुका था उसकी चूचियों पहाड़ की तरह तनी हुए थी उसकी छातियों की खूबसूरती और उसके पूरे गोर नंगे बदन की गुलाबी रंगत ने पूरी तरह से गार्ड को रीमा का दीवाना बना कर रख दिया था | उसके अंदर रीमा को लेकर के पहले जो सम्मान और इज्जत छाई हुई थी अब उसकी आंखों में उसकी जगह वासना के गहरे डोरे तैर रहे थे | गार्गाड जल्र्डद ही तेजी से बाहर गया और काफी देर बाद एक लौटा | वो एक टेबल फैन लेकर आया उसको लगाकर चला दिया | फिर जी भरकर रीमा के मादक बदन को निहारा............. रीमा के बड़े-बड़े हाहाकारी तने हुए स्तनों को और उसके ऊपर की नुकीली चूचियां को देख कर के गार्ड पागल सा हो गया था इतने सुडौल पुष्ट और मांसल और तने हुए स्तन उसने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखे थे ऊपर से गोरा रंग तो जैसे क़यामत था उसके अंदर का जवान खून उबाल मारने लगा उसकी सांसे तेज होने लगी | पसीना उसके चेहरे पर पसीना साफ झलक रहा था वह खुद को संयमित दिखाने की कोशिश कर रहा था लेकिन सामने जो नजारा था उसे देख करके उसका खुद को काबू में रख पाना बहुत मुश्किल लग रहा था रीमा ने अपने कंधों पर अटकी हुई शर्ट जो है बटन खोल करके उतार दी अब तो उपर से पूरी तरह से नंगी थी | गार्ड जल्दी से बाहर की तरफ चला गया और खुद के चेहरे का पसीना पोछने लगा |

गार्ड को लगा कि अगर वहीं खड़ा रहा तो कहीं न कहीं वह रीमा के हुस्न के तिलिस्म के जाल में फंस कर कुछ जवानी के जोश में आकर उल्टा सीधा न कर जाये और इस तरह से सामने इतनी खूबसूरत नंगी औरत को देखकर उसे उसे खुद के लिए रोक पाना मुश्किल होगा उसे अपने बॉस का अच्छे से पता था वह जानता था कि अगर बॉस को पता चला तो वह सीधे उसकी गर्दन ही काट देंगे इसलिए गार्ड रीमा से निगाहे दूर करके तेजी से गेट की तरफ चला गया और दरवाजा बंद करके वही अपनी कुसी पर जाकर बैठ गया | रीमा गार्ड को रोकना तो रोकना तो चाहती थी लेकिन कोई ऐसी बात नहीं करना चाहते थी जिसे गार्ड को वो रंडी लगने लगे | वो उसे आमंत्रित कर रही थी वह चाहती थी शिकार खुद आ करके उसके जाल में फंसे | रीमा ने उसे जाने दिया आराम से बिस्तर पर लेट गई और अपनी शर्ट उतार दी | रीमा पूरी तरह से नंगी होकर पेट के बल बिस्तर में घुस गयी |
Reply
09-04-2021, 12:10 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
उधर रीमा ने कनखियों से देखा गार्ड दरवाजे में लगे शीशे से झांक कर बार बार अन्दर का जायजा ले रहा था | रीमा ये सोचकर हल्का सा मुस्कुराई की अब बकरा अपने जाल में फंस ही गया है बस समय की बात है कब आकर उसकी झोली में गिरता है

पंखा लगाने के बाद रीमा को गर्मी से काफी राहत मिली .......... नंगे बदन ही बिस्तर के आगोश में समां गयी | पंखे की ठंडी ठंडी हवा में उसको जल्द ही नीद आ गयी | कुछ देर तक गार्उड झांक झांक कर अन्दर का माहौल पता करने की कोशिश करता रहा फिर जब निश्नेचिंत हो गया की रीमा मैडम सो गयी है तो आइस्ते से दरवाजा खोलकर अन्दर आ गया | रीमा ने चद्दर नहीं ओढ़ी थी, सोने से पहले उसने अपनी स्कर्ट भी उतार दी थी | वो उल्टा पेट के बल लेती सो रही थी |

रीमा ने अपने दोनों जांघो को थोड़ी दूरी पर फैला दिया जिससे कि उसकी चूत घाटी का इलाका पूरी तरह से नुमाया हो गया था उसकी चूत के छोटे छोटे गुलाबी होठ एक दुसरे पर पूरी तरह से सटे हुए थे और उसके बीच का दरार नुमा चीरा दूर से ही साफ़ नजर आ रहा था | पंखे की ठंडी हवा लगते ही सुबह से तनाव और डर से पस्त होकर थक चुकी रीमा को नीद आ गयी | गुलाबी रंगत की चमकदार बदन का एक एक कोना नुमाया हो रहा था | ओढ़ने वाली चद्दर कही और ही पड़ी थी | कुछ देर तक रीमा सोने का नाटक करती रही ताकि गार्ड की हरकतों को देख सके | लेकिन इन सब में कब उसकी आंख कब लग गयी उसे भी पता नहीं चला | वो सोने का नाटक करते करते कब सो गयी और कब तक सोती रही पता ही नहीं चला |
उसकी पीठ पूरी तरह से खुली हुई थी | उधर गार्ड रीमा को सोच सोचकर पसीने हुआ पड़ा था | बार बार अपने पेंट के अन्दर के तन रहे लंड को संभालता लेकिन सब कुछ उसके हाथ से जैसे फिसलता जा रहा था | गार्ड ने शीशे से झांक कर देखा उसे लगा रीमा सो गयी है , गार्ड जैसे चुपके से दरवाजा खोलकर अन्दर आया और अपनी वासना का गुलाम बन रीमा के गुलाबी नंगे बदन का नयन सुख करने लगा | वह देखकर हैरान रह गया रीमा लगभग लगभग पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी और उसकी गुलाबी खूबसूरत मखमली चूत के और उसकी जांघों के बीच से साफ-साफ नुमाया हो रहे थे उसकी बड़े-बड़े मांसल गोर गोरे भारी-भरकम चूतड़ साफ-साफ दिख रहे थे गार्ड को समझ में नहीं आया क्या करें | गार्ड के अंदर का खून तेजी से दौड़ने लगा था और वह पसीने पसीने हो गया | इतने करीब से उसने कभी इतनी खूबसूरत औरत नहीं देखि थी जो पूरी तरह से नंगी लेटी हो | सुबह तो साहब लोग बाहर खड़े थे तो बस जल्दी से उसने रीमा को कपड़े पहना दिए थे लेकिन अभी वहां कोई नहीं था, न ही गार्ड को किसी के आने का डर था, वो आराम से रीमा को जी भर के निहार रहा था और अपनी अतृप्त वासनाओं के अरमानो को अपनी आँखों से सेंक रहा था |

के बदन पर अब कपड़े का रेशा तक नहीं था | अंदर आकर उसने जो नजारा देखा उसे देख कर के उसके होश उड़ गए अब तक उसने बस रीमा के जिस्म की झलक ही इधर-उधर से ली थी और उसके चुताड़ो और उरोजो के ही दर्शन किए थे लेकिन यह क्या रीमा तो पूरी की पूरी नंगी बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी उसकी गोरी चिकनी पीठ उसके उठे हुए मांसल बड़े-बड़े भारी चूतड़ और उसकी फैली हुई जांघों के बीच से उसकी गुलाबी सफाचट चूत साफ साफ झलक रही थी उसकी चूत के दोनों ओठ एक दुसरे से कसे हुए एक लंबा सा चीरा बना रहे थे | क्या बदन बदन था रीमा का ...................आआआह्ह्ह्ह गोरी चिकनी पीठ और उसके पीछे ऊपर उठे हुए बड़े-बड़े से गोरे गोरे से मांसल चूतड़ ................................उसके चूतड़ों की तलहटी में उसकी गांड का खूबसूरत गुलाबी छेद | और उससे नीचे उसकी चूत घाटी का गुलाबी मखमली इलाका
...................... क्या बला की खूबसूरत थी रीमा | इतनी गोरी गोरी पीठ ...............नरम नरम बाहें उठे हुए ..................सुराही सी
पतली गर्दन और उसके रेशमी बाल ..............उसकी मांसल गोरी गोरी चिकनी जांघें |

किसी आदमी के साथ ऐसा भी हो सकता है उसे यकीन नहीं हो रहा था | गार्ड के साथ भी यही हुआ धीरे-धीरे वह अपने होश गवाने लगा था | उसे समझ में नहीं आ रहा था वह क्या करें , रीमा के जिस्म के तिलिस्म में फंसाकर आगे बढ़ता तो शायद वो जन्नत की सैर करता लेकिन उसका बॉस ये सब पता चलने पर उसे मौत के घाट उतार देता लेकिन अगर वह आगे नहीं बढ़ता तो उसके लिए खुद को काबू कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था

गार्ड जितना रीमा को देखता उतना ही उसके अन्दर की वासना हिलोरे मारती | वो समझ नहीं पा रहा था आखिर मैडम ऐसा क्यों कर रही है लेकिन उससे ज्यादा उसके दिमाग मे रीमा के खूबसूरत जिस्म की तस्वीरें तैयार रही थी वो क्या करे क्या ना करे से समझ में नहीं आ रहा था | उसे अपनी नौकरी और बॉस दोनों का डर था लेकिन यहाँ रीमा के नंगे बदन की हवस उसके दिली दिमाग को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले चुकी थी | कुछ देर तक रीमा को घूरता रहा और फिर अपनी पेंट के अन्दर के लंड को सहलाता हुआ तेजी से बाहर की तरफ चला गया |
उसे घड़ी की तरफ देखा, उसकी ड्यूटी चेंज होने में अभी बहुत टाइम था | इसलिए उसने उसने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और उसे अंदर कुछ वीडियो क्लिप पड़ी हुई थी जो कि जो की पूरी तरह से नंगी लड़कियों की पोर्न क्लिप थी और उसके दोस्तों ने उसे भेजी थी उनमें से एक को निकाल कर देखने लगा | जिस वीडियो को उसने चलाया था जिसमें एक लड़की थी जो अपने पूरे जिस्म से अपने कपड़े उतारती है और पूरी तरह से नंगी हो जाती है उसके बाद में वह कैमरे के सामने बैठ कर के अपनी चूत को मसलती है उसमें रबर के लंड को डालती है अपनी चूत दाने को रगड़ती है वो इस क्लिप कई बार देख चुका था लेकिन आज उसके लिए यह वीडियो बहुत ही खास हो गई थी क्योंकि इसको देख कर के वह हर पल रीमा की कल्पना कर रहा था |
Reply
09-04-2021, 12:10 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
ऐसे लग रहा था जैसे उसके लिए वह लड़की ही रीमा है और वह बारी-बारी से अपने जिस्म से कपड़े का एक-एक रेशा उतरती
जा रही है और धीरे-धीरे नंगी हो करके अपनी चूत को मसलने लगती हैं | उस वीडियो क्लिप में लड़की के उतारते कपड़ो के साथ गार्ड के दिमाग में रीमा भी नंगी होती जा रही थी | चूँकि रीमा को वो पूरी तरह से नंगी देख चूका था इसलिए उसे दिमाग में रीमा की नंगी तस्वीर बनाना मुश्किल काम नहीं था | जैसे जैसे वो कपड़े उतारने लगी थी उसका गोरा खूबसूरत बदन के बड़े बड़े उरोज और
उसकी नुकीली चूचियां उसकी घुमावदार कटावदार कमर और उसके भरी भरकम चूतड़, मांसल चिकनी गोरी जांघे सब दिखने लगा |

रीमा को इस तरह से कपड़े उतारते सोच गार्ड के सब्र का बांध टूटने लगा | अब तक वो सिर्फ पेंट के ऊपर से अपने लंड पर हाथ फिरा रहा था लेकिन अब उसने पैंट की ज़िप खोलकर अपने तने लंड को बाहर निकाल लिया | अभी उसके दिमाग में बस रीमा ही रीमा छाई हुई थी | लड़की के जिस्म से उतरता रेशा और गार्ड के दिलो दिमाग पर चढ़ता रीमा की हवस का बुखार | रीमा की घुमावदार कमर और उसका वो चमत्कारिक त्रिकोण | पूरी दुनिया का रहस्य समेटे ये त्रिकोण हमेशा से हर मर्द की सबसे बड़ी पहेली रहा है | हर कोई इसे देखने को लालायित रहता है वही त्रिकोण आज उस गार्ड को भी दिख रहा था | लड़की अपनी कमर के नीचे के कपड़े उतार रही थी | ऊपर से वो पूरी की पूरी नंगी हो चुकी थी | गार्ड ने विडिओ पॉज करके देखा, उसका वो तिलस्मी त्रिकोण और जिसमें से झांकती उसकी जादुई गुलाबी चूत की वह हल्की सी दरार का चीरा |

यही चूत का मखमली गुलाबी चीरा है जो हर मर्द को पागल कर देता है | इसे देखते ही मुर्इदों के भी लंड खड़े हो जाते है | इसी चीरे के आगे मर्द मौत से भी नहीं डरता | यही हाल इस समय गार्ड का था | उसे पता था उसका बॉस कितना जालिम है लेकिन फिर भी वो इस हवस की अन्धी सुरंग में कूदने को बेताब था | वैसे भी रीमा के चीरे की झलक जिसको भी मिल गयी वो पागल ही हो गया | आखिर कोई हो भी क्यों न रीमा के बड़े-बड़े चूतड़ों...................... उसकी पतली सी कमर और मांसल चूतड़ देख कर कोई भी पागल हो जाएगा वैसे ही जैसे अभी गार्ड पागल ही हो गया था | उसके एक हाथ में मोबाईल था और एक हाथ में उसका तना हुआ लंड | वो अपने हाथ को तेजी से अ ऊपर नीचे करने लगा | जैसे जैसे वह लड़की कपड़े उतार कर नंगी हो रही थी वैसे-वैसे कार्ड का हाथ तेजी से चल रहा था इधर
लड़की ने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे | उसके बड़े बड़े गुलाबी उरोज, सपाट पेट, गोल गहरी नाभि, चिकना सफाचट चूत त्रिकोण गुलाबी मखमली चूत दरार .....................................उसे लग रहा था जैसे सामने रीमा सारे कपड़े उतारकर नंगी खड़ी हो गयी है |

गार्ड का हाथ अपने लंड पर वैसे ही फिसल रहा था जैसे इंजन के अन्सेदर पिस्टन | सटासट सटासट वो लंड को मसल कर मुठिया रहा था | जैसे उसके शरीर की उत्तेजना बढ़ रही थी उसके दिलो दिमाग में रीमा के जिस्म का जादू भी उसके दिलो-दिमाग पर सर चढ़कर बोल रहा था | उसने सपने में भी नहीं सोचा था की कोई इस तरह की हुस्वन पारी उसकी दुनिया में आएगी | इतनी चिकनी चूत वाली वाली रीमा के बारे में सोचते ही उसके जिस्म में अकड़न और उसके जिस्म में खून का दौरान हो तेज हो जाता है | वह बारी-बारी से विडिओ देखता और रीमा के बारे में ही सोच रहा था और तेजी से अपने हाथ से लंड को मुठिया रहा था |
क्या जिस्म पाया है मैडम ने, क्या बदन है, क्या ठोस मांसल बड़े बड़े दूध है मैडम के | कसम से जो एक बार दबा लेता होगा उसे तो जन्नत नसीब हो जाती होगी | ऊऊफ्फ्फ्फफ्फ्फ़, आआह्गाह्र्डह्ह गार्ड के मुहँ से बुदबुदाते हुए अब बोल फुट रहे थे |

बस एक बार उसको चोदने को मिल जाए तो उसका जन्म सफल हो जाए उसके बाद भले ही उसे जो है | ज्यादा से ज्यादा मालिक नकारी से ही निकाल देगा | गोली मार देगा, ऐसी चूत चोदने के बाद मौत भी नसीब होगी तो कोई गम नहीं कम से कम जन्नत की सैर करके मारूंगा | गार्ड तेजी से लंड मुठिया रहा था लेकिन उसने मोबाइल फोन की क्लिप बंद कर दी और अपने लंड को एक हाथ में थामकर
तेजी से हिलाता हुआ उसने गेट खोला और अंदर आ गया|
रीमा दीं दुनिया से बेखबर गहरी नीद में सो रही थी पंखे की ठंडी हवा और दिनभर की थकान तनाव चिंता और डर से वह बहुत बुरी तरह से पस्त हो गई थी आखिरकार उसे नींद आ गई और वह बहुत गहरी नींद में सो रही थी वो उल्टा पेट के बल लेटी हुई थी | उसके चूतड़ ऊपर की तरफ उठे हुए थे | उसकी गांड का गुलाबी सख्त छेद और चूत की दरार साफ़ दिख रही थी | संगमरमर की तरह चिकनी गोरी मांसल जांघे एक अलग ही रौनक बिखेर रही थी | गार्ड रीमा को इस तरह लेटी देख और उसके उठे चुताड़ो की जादुई रौनक में मदहोश होता चला गया | ऐसा लग रहा था जैसे रीमा ने उसे अपने मादक हुस्न के सैकड़ो जाम पिला दिए हो और वो नशे में डूबकर खुद को भूल गया हो और बस अपने होश खोने के आखिरी पायदान पर खड़ा हो |
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,519,529 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,386 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,239,815 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,329 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,664,353 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,090,176 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,966,419 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,105,508 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,051,705 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,624 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 10 Guest(s)