Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
12-27-2021, 02:06 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैं: “तुम्हे कुछ अजीब नहीं लगा होटल रूम में?”

राहुल: “तुम जोसफ की बात कर रही हो।”

मैं: “वो भी पर और भी बहुत कुछ, जैसे जैक और सैंड्रा को देख लगा नहीं कि वो माँ बेटे हैं। ”

राहुल: “जैक दरअसल बॉब की पहली बीवी का बच्चा हैं। बॉब ने उसको तलाक देकर अपने से बीस पच्चीस साल छोटी सैंड्रा से शादी कर ली।”

मैं: “ओह, अब समझ में आया। पर ये जोसफ इनके कमरे में इस हालत में ! ”

राहुल: “मैंने सुना हैं कि जोसफ भी बॉब की एक नाजायज औलाद हैं। अपनी शादी के पहले ही उसने अपने यहाँ काम करने वाली एक लड़की को माँ बना दिया, तब से जोसफ इनके साथ में ही फॅमिली की तरह हैं। सैंड्रा का दूसरा सौतेला बेटा कह सकते हैं। ”

मैं: “मुझे नहीं पता तुमने नोट किया या नहीं पर मुझे लगा वो तीनो एक ही बिस्तर पर सोये थे। ”

राहुल : “नो कमेंट, ये उनकी निजी ज़िन्दगी हैं। उनके बैडरूम में झाँकने से हमे क्या।”

भले ही राहुल ने इतना ध्यान नहीं दिया पर मुझे पूरा यकीन था उन माँ और सौतेले बेटो के बीच बहुत कुछ चल रहा था। सैंड्रा ने इतनी देर से दरवाजा खोला, मतलब उस वक्त भी वो लोग कुछ कर रहे थे और सैंड्रा को गाउन डाल कर आने में थोड़ा वक्त लगा होगा।
इन लोगो के रिश्ते भी कितने उलझे हुए थे। पता नहीं बॉब को अपने बेटो के बारे में पता हैं कि नहीं कि वो उसकी बीवी का इस्तेमाल कर रहे हैं। शायद बूढ़े हो चुके बॉब में वो शक्ति नहीं रही कि सैंड्रा की शारीरिक जरूरते पूरी कर सके इसलिए वो काम उसके दोनों बेटे कर रहे थे।

हम लोग ऑफिस पहुंच कल की बड़ी मीटिंग की तैयारियों में लग गए। रह रह कर मुझे जोसफ की विशालकाय काया और सैंड्रा के नाजुक बदन के बारे में सोच चिंता हो रही थी कि वो कैसे करते होंगे। फिर जैक के बारे में सोच मन प्यार से भर जाता, कितना आकर्षक लड़का था और किस मासूमियत से मुझे देख रहा था वो।

अगले दिन हम ऑफिस से चार लोग मीटिंग के लिए सैंड्रा के ऑफिस पहुंचे। मीटिंग अच्छे से संपन्न हुई, हमें भरोसा था कि जल्द ही हमारी डील साइन हो जाएगी। मीटिंग के बाद राहुल और मैं वही रुक गए और हमारे बाकी के दोनों कर्मचरियो को वापिस ऑफिस भेज दिया। कमरे में हम दोनों के अलावा सिर्फ सैंड्रा और उसका मैनेजर था।

उसका मैनेजर उठा और मेरी तरफ मुखातिब हो बोलने लगा : “अपनी कल की गुस्ताखी के लिए मुझे माफ़ कर देना। ”

मुझे उसकी तरफ देखते रह गयी वो मुझसे कब मिला और माफ़ी किस बात की मांग रहा हैं। गौर से देखने पर पता चला वो जोसफ ही था, आज सूट पहने एक दम सभ्य इंसान की तरह बैठा था तो मैं उसको पहचान ही नहीं पायी। मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी। सिर्फ कपड़ो से आदमी में कितना फर्क पड़ जाता हैं। कल जिसे देख मैं डर रही थी आज वो हानिरहित लग रहा था।

मैं: “कोई बात नहीं। एक बार तो मैं तुम्हे पहचान ही नहीं पायी।”

अचानक मुझे जैक का ख्याल आया, उसकी वो नीली नीली आँखें मैं भूल नहीं पायी थी।

मैं: “जैक कहा हैं ? वो नहीं आया ?”

सैंड्रा : “उसकी बिज़नेस मीटिंग में कोई रूचि नहीं। वो मेरे ऑफिस में बैठा बोर हो रहा हैं। चलो मिलवाती हु तुम्हे।”

हम लोग मीटिंग रूम से निकल सैंड्रा के ऑफिस में आ गए। वहा जैक बैठा अपने टेबलेट पर कुछ कर रहा था। हमारे पहुंचते ही वो पीछे मुड़ा और हमें देखा। उसकी वो नीली नीली आँखें मुझे ही देख रही थी।

उसने राहुल से हाथ मिलाया और फिर मेरी तरफ देख कुछ सोचा और दोनों हाथ जोड़ नमस्ते करने ही वाला था कि मैंने तुरंत अपना हाथ मिलाने के लिए आगे कर दिया। उसने मुस्कुराते हुए मुझसे हाथ मिलाया। उसके गौरे गौरे मक्खन से मुलायम हाथ थे। छोड़ने की इच्छा नहीं थी पर छोड़ने पड़े।

कल सिर्फ चेहरा दिखा था, आज उसको पूरा देखा। पतले दुबले शरीर वाला एक गौरा चिट्टा लड़का था। उसकी आँखों में एक अजीब सी कशिश थी जो अपनी तरफ खिंच रही थी। उसने मेरी तरफ देखा और पूछने लगा।

जैक: “क्या तुम मुझे अपना शहर घुमाने ले जाओगी।”

सैंड्रा : “वाह , सुबह से मैं इसे ऑफिस के कई और लोगो के साथ घूमने भेजना चाहती थी पर इसने मना कर दिया और प्रतिमा को देखते ही आगे बढ़कर खुद पूछ रहा हैं।”

मैं तो हां बोलने वाली थी पर ऑफिस का समय था तो राहुल की तरफ देखने लगी।

राहुल: “ये तुम्हारी चॉइस हैं, कोई जबरदस्ती नहीं। अगर तुम्हे ठीक लगे तो ले जाओ वरना कोई बात नहीं। ऑफिस की चिंता मत करो, ख़ास मीटिंग हो गयी हैं। आज की तुम्हारी छुट्टी, घूमने के बाद सीधा घर चले जाना। ”

सैंड्रा ने फ़ोन कर बाहर कार और ड्राइवर का इंतजाम कर लिया था।
Reply
12-27-2021, 02:06 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
सैंड्रा ने फ़ोन कर बाहर कार और ड्राइवर का इंतजाम कर लिया था।
मैं और जैक अब बाहर आ गए। उसने ड्राइवर को साथ आने से मना कर दिया और खुद ही ड्राइवर सीट पर बैठ गया। मैं उसके बगल वाली सीट पर बैठ गयी।
जैक: “यू आर लुकिंग वैरी गॉर्जियस ”
मैं: “थैंक यू ”
राहुल ने मेरी एक तारीफ़ करने में महीनो लगा दिए थे जब कि जैक ने पहली ही मुलाकात में मेरी तारीफ़ कर दी थी। मैं फूली नहीं समाई और उसके होंठो, बालो और आँखों की तारीफ़ की।
मैं उसको रास्ता बताती गयी और वो वो ड्राइव करता रहा। हमें शहर के ख़ास जगहों पर घूमना था। बहुत जल्द ही हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो गयी। बातों बातों में पता चला कि हमारी पसंद भी काफी मिलती हैं।
मैंने सोचा मैं इसकी माँ के इससे और जोसफ के बीच के संबंधो के बारे में भी थोड़ी जानकारी ले पाऊँगी। दिन भर हम घूमते रहे और लंच भी साथ में किया। हम दोनों ही खुश थे एक दूसरे के साथ घूम फिर कर। मौका देखकर मैंने जिक्र छेड़ दिया।
मैं: “तुम अपनी माँ के बहुत क्लोज हो?”
जैक:: “मेरी माँ तो दूसरी शादी करने के बाद मुझसे मिली तक नहीं। पर सैंड्रा मेरा काफी ध्यान रखती हैं। ”
मैं: “सैंड्रा बहुत खूबसूरत और आकर्षक हैं। ”
राहुल “हां, ये तो सच हैं, मैं भी सैंड्रा को बहुत पसंद करता हूँ। आई लव हर ”
खैर मुझे तो पूरा शक था ये कैसा वाला प्यार हैं। पर इससे आगे कैसे पुछु।
मैं: “जोसफ तुम लोगो के साथ ही रहता हैं?”
जैक: “वो हमारी फॅमिली की तरह हैं, बचपन से देखा हैं। हमारे साथ ही रहता हैं, खाता हैं , और सोता हैं । ”
काफी खुले विचारो वाले बेटे और माँ की जोड़ी थी। हमने सारी खास घूमने की जगह कवर कर ली थी।
दिन भर मैं उसके सुनहरे बालो और नीली नीली आँखों को देखने के आनंद लेती रही। आखिरी स्थान को घूमने के बाद हम कार में आये और वो मुझे घर पर छोड़ने वाला था। कार शुरू करने से पहले उसने मुझे धन्यवाद दिया कि मैंने पुरे दिन उसका साथ दिया और बोर नहीं होने दिया। उसको बहुत मजा आया।
जैक: “एक बात बोलू अगर बुरा ना मानो तो।”
मैं: “अब तुम मेरे एक दोस्त हो, कुछ भी बोल सकते हो।”
जैक: “कैन आई किस यू ?”
मैं एकदम सोच में पड़ गयी, उसके गुलाब की पंखुड़ियों से होंठो को देखा और मन किया कि उसको चूसने से कैसे मना कर सकती हु। फिर थोड़ी शर्म के साथ मैं सामने आगे की ओर नीचे देखने लगी। मैं अब हां बोलने ही वाली थी।
जैक: “कोई बात नहीं, तुम्हे समय चाहिए तो आराम से सोच कर कल बता देना।”
मैं: “हमने तो सारी ख़ास जगह आज ही घुम ली हैं। कल कहाँ घुमाऊ”
जैक: “मैं कल बोर हो जाऊंगा, प्लीज मेरे साथ कल भी टाइम स्पेंड करो। कम खास जगह भी घुम लेंगे कल।”
मैं: “मेरा ऑफिस भी हैं कल । अभी चलते हैं। ”
उसने कार चालू की और मुझे मेरे घर पर ड्राप कर दिया। घर आकर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैंने पूरा दिन जैक के साथ बिताया। थोड़ा अफ़सोस भी था कि जल्दी से हां नहीं बोल पायी वरना उसके चूमने का मजा भी ले पाती।
रात को ख्याल आया कि मैं फिर से क्या करने जा रही थी। मैंने शपथ ली थी कि मैं अब इन सब चक्करो में नहीं पड़ूँगी। फिर भी मैं जैक के साथ चूमने के बारे में सोच रही थी। फिर सोचा चूमने में क्या बुराई हैं। फिर तो मुझे राहुल को भी उस रात चूमने देना चाहिए था, उसको तो मना कर दिया।
शायद ये सब दिल की बातें थी, जैक के साथ मैं सीधा कनेक्ट कर पायी इसलिए तैयार हो गयी, जब कि राहुल के साथ सिर्फ एक स्पर्धा थी। इस हिसाब से अगर जैक मुझे चूमने के बाद मुझे चोदने के बारे में पूछेगा तो भी मैं क्या हां कर दूंगी । मैं कुछ निर्णय नहीं ले पा रही थी। एक तरफ मेरी शपथ थी तो दूसरी तरफ जैक का आकर्षण।
मैं सो गयी इस इंतजार में कि कल क्या होने वाला हैं , क्या मेरी शपथ टूटेगी या कायम रह पायेगी।
अगली सुबह मैंने अपना वो बेग निकाला जिसमे ऑफिस में पहनने के लिए छोटे कपड़े रख दो महीने पहले छिपा दिया था। मैंने उसमे से अपनी पेंसिल स्कर्ट निकाल पहन ली और एक तंग बटन वाला शर्ट पहन लिया। शायद आज जैक के साथ चूमने का अवसर मिलने वाला था।
ऑफिस पहुंच मैं अपने काम में झूट गयी। कुछ घंटो बाद राहुल ने अपने केबिन में बुलाया।
राहुल :”सैंड्रा का फ़ोन था, जैक कल की तरह आज भी तुम्हारे साथ बाहर घूमने जाना चाहता हैं। क्या तुम्हारी हां हैं?”
Reply
12-27-2021, 02:06 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैं मन ही मन थोड़ी ख़ुशी हुई, ये जानते हुए भी कि जैक आज फिर फरमाइश रखेगा मुझे चूमने की। पर जैक से मिलने की ख़ुशी ज्यादा थी।
मैं “पर ऑफिस का काम !”
राहुल: “उसकी चिंता मत करो, इसे ऑफिस का काम ही समझो।”
जैक के साथ जाना राहुल की नजरो में ऑफिस का काम था। क्या मुझे जैक के प्रस्ताव के बारे में राहुल को बता देना चाहिए। कहीं मेरे और जैक के चूमने से उस डील पर कोई विपरीत प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। मैंने बताना ही उचित समझा।
मैं: “कल जैक ने मुझे चूमने का प्रस्ताव रखा था। ”
राहुल “क्या बात कर रही हो? अगर तुम कहो तो सैंड्रा को तुम्हे भेजने से मना बोल देता हूँ, कोई बहाना मार दूंगा।”
उसकी बातों में मेरे प्रति एक चिंता का भाव था। पर मेरा सवाल उसके लिए कुछ और था।
मैं “नहीं, मैं ये पूछना चाहती थी कि हम दोनों के चूमने से दोनों कंपनी की डील पर तो कोई अच्छा या बुरा असर होगा?”
राहुल: “मैं डील की वजह से तुम्हे उसके साथ नहीं भेज रहा हूँ। डील पाने के लिए तुम्हे उसको चूमने की कोई जरुरत नहीं हैं। तुम उसको मना बोल सकती हो। जैक और तुम्हारे बीच एक निजी मसला हैं , इसको डील से मत जोड़ो। ”
मैं: “फिर ठीक हैं, मैं उसके साथ जाना चाहती हु।”
मेरी बात सुन राहुल सदमे में आ गया। उस पार्टी की रात मैंने उसको चूमने से मना कर दिया था और आज मेरी बातों से उसे लगा कि मैं जैक को चूमने की इजाजत देने वाली थी।
एक दिन रूही उसको छोड़ गयी और अब जब वो मुझमे रूही की झलक देख रहा हैं तो मैंने भी उसको कैसे छोड़ दिया था। राहुल की आँखों में एक दर्द साफ़ दिखाई दे रहा था।

मैं जैक को किस करने देने वाली हु ये सुनकर राहुल को सदमा लगा। शायद मुझे प्यार करने लगा था या फिर एक अच्छा इंसान होने के नाते उसे लगा मैं गलत कर रही हु।
मैं भी क्या कर सकती थी, मैं जब अपने नए सफर पर निकली थी तो शपथ के अनुसार मैंने कभी राहुल को चाहा ही नहीं था। ये तो जैक था जिसने मेरा मन पहली ही नजर में मोह लिया था। ये मेरा निजी फैसला था कि मैं किसको चूमने की इजाजत दू। ना चाहते हुए भी मुझे राहुल का दिल तोड़ना था।
राहुल ने सैंड्रा को फ़ोन कर दिया कि मैं जैक के साथ जाने को रेडी हूँ। राहुल ने मुझे बताया कि थोड़ी देर में जैक मुझ लेने बाहर पार्किंग में आएगा। उसकी नज़रे अभी भी मुझे रोक रही थी। मेरा दिल भी उसकी हालत देख पिघल रहा था पर सामने जैक की नीली नीली आँखें आते ही सब बदल गया। मैं केबिन से बाहर गयी।
थोड़ी देर से मैं पार्किगं में आ गयी। जैक थोड़ी ही देर में मुझे लेने आ गया था। उसने आज बटन डाउन शर्ट पहन रखी थी और साथ में जीन्स।
जैक:: “वाह, आज तुम बहुत शानदार लग रही हो।”
मैं : “थैंक यू, तुम भी बहुत अच्छे लग रहे हो।”
जैक: “आओ बैठो, बताओ कहाँ जाना हैं?”
मैं उसे उस जगह पर ले गयी जहा कल नहीं गए थे। फिर हमने लंच किया और फिर घूमने निकल पड़े। आज ज्यादा जगह तो थी नहीं तो जल्द ही निपट गए। कार में बैठने से पहले मौका देख मैंने माउथ स्प्रे इस्तेमाल कर लिया, वो मुझे चूमने के लिए कभी भी बोल सकता था तो तैयार रहना था
हम कार में बैठे थे और फिर मौका देख कर उसने वो संवेदनशील मुद्दा निकाला।
जैक: “तुमने कुछ फैसला किया मेरे कल के प्रस्ताव के बारे में?”
उसने मुझे चूमने के लिए बोला तो था पर कहा चुमना चाहता हैं वो तो बताया ही नहीं। हो सकता हैं गालो पर, या माथे या हाथ पर चूमना चाहता हो। हालांकि मुझे भी पता था वो मेरे होंठो की ही बात कर रहा था। फैसला तो मैं बहुत पहले ही ले चुकी थी कि मुझे क्या करना हैं।
मैंने उसके हलके गुलाबी होंठो को देखा और शर्माते हुए हां बोल दिया। उसकी मुस्कान और चौड़ी हो गयी। मैंने अपने हाथ की हथेली को उल्टा कर उसकी तरफ बढ़ा दिया। उसने अपने नाजुक होंठ से मेरे हाथ को चूमा। वो अब थोड़ा आगे सर को लाया और मैंने अपना ललाट आगे कर दिया। उसने ख़ुशी ख़ुशी मेरे माथे को चुम लिया।
मैं फिर सीधा हो गयी। वो एक बार फिर आगे बढ़ा तो मैंने पहले दायां और फिर बायां गाल आगे कर दिया और उसने मेरे गालो को चुम लिया। मैंने उसको छेड़ते हुए कहा “ठीक हैं, हो गया ”
Reply
12-27-2021, 02:07 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैं फिर सीधा हो गयी। वो एक बार फिर आगे बढ़ा तो मैंने पहले दायां और फिर बायां गाल आगे कर दिया और उसने मेरे गालो को चुम लिया। मैंने उसको छेड़ते हुए कहा “ठीक हैं, हो गया ”
उसने शरारती मुस्कान के साथ अपने होंठो पर ऊँगली से इशारा किया। मैं अपनी आँखें बंद कर उसके होंठो का अपने होंठो से मिलने का इंतजार करने लगी। जब से उसके गुलाब की पंखुड़ियों से होंठ देखे थे उनको चूमना चाहती थी , वो समय आ गया था ।
मैंने उसके मुलायम होंठो को अपने होंठो पर छूते हुए महसूस किया और मेरे रोंगटे खड़े हो गए। उसने दो पलो के लिए अपने होंठो में मेरे होंठ भरे और छोड़ कर पीछे हट गया। मैंने आश्चर्य से अपनी आँखें खोली, इतना इंतजार और फिर इतना सा छोटा चुंबन। मेरी तो तड़प भी पूरी नहीं मिटी थी।
शायद मेरी तरह वो भी मुझे तड़पा रहा था।
मैंने खुद ही अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ाने शुरू कर दिए, ये देख वो भी अपने होंठ आगे बढ़ाने लगा। हम दोनों के होंठ आपस में टकराये और हमने एक दुसरे के होंठ को अपने होंठो में भरने की होड़ सी मचा दी । शुरू के एक दो मिनट तक हम सिर्फ एक दूसरे के होंठो का रस चुस रहे थे।
फिर हमारी प्यास और बढ़ने लगी और हम अपनी जुबान का इस्तेमाल करते हुए होंठो के साथ उसे भी चूसने लगे । वो मेरे जीवन का अब तक का सबसे अच्छा चुंबन था। उसके वो नाजुक होंठ मैं छोड़ना ही नहीं चाहती थी। मेरे टाइट शर्ट में मेरे मम्मे और भी फुल गए और मेरे शर्ट के बटन खिंच कर टूटने की स्तिथि में आ गए। शर्ट का कसाव मेरे सीने पर एक दम से बढ़ गया था।
लगभग पांच मिनट तक हम एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले चुंबन लेते रहे। जब हम एक दूसरे से दूर हटे तब तक मेरे हाथ कापने लगे थे।
जैक: “ये चुम्बन मैं कभी नहीं भूलूंगा। ”
मैं: “मैं भी।”
जैक: “आज रात को ही मैं और सैंड्रा दूसरे शहर जा रहे हैं दूसरी जगह भी घुमनी हैं, इसीलिए इंडिया आया हूँ । काश तुम भी आ पाती मेरे साथ।”
मैं: “मैं भी तुम्हे मिस करुँगी।”
जैक: “तुम मेरे साथ अभी मेरे होटल रूम पर चलोगी?”
मैं: “क्यों क्या काम हैं?”
जैक: “ऐसे ही। शांती से बैठेंगे। चिंता मत करो हम दोनों ही होंगे वहा । सैंड्रा और जोसफ ऑफिस में ही होंगे अभी।”
क्या वो होटल रूम में मेरे साथ कोई शरारत करने वाला था। मैंने तो शपथ ली थी कि अब ऐसे किसी लफड़ो में नहीं पड़ूँगी। मैंने उसको मना कर दिया पर उसने एक बार फिर अपनी नीली आँखों का जादू चलाया और मुझे आग्रह किया और मैं मना ही नहीं कर पायी।
हम दोनों अब उसके होटल रूम में पहुंच गए थे। हम दोनों एक दूसरे के सामने मुँह कर पास पास बैठे थे और बिना बात किये एक दूसरे की आँखों में झांक रहे थे। जल्द ही हम दोनों के होंठ एक बार फिर एक दूसरे के करीब आये और हम एक और गहरे लम्बे चुंबन में खो गए।
पहले की तरह एक बार फिर मेरे शरीर में हलचल शुरू हो चुकी थी। मेरे मम्मे फुल गए थे और इच्छा हुई की अपना शर्ट खोल कर वो खिंचाव बंद कर दू। हमने अब चूमना बंद किया और मेरी नजर बिस्तर पर गयी। मुझे पुरानी बात याद आ गयी। अब मैं और जैक इतना खुल चुके थे कि मैं उससे बिना झिझक अपने सवाल पूछ सकती थी।
मैं: “तुम इतने बड़े होकर भी अपनी माँ के साथ सोते हो?”
जैक “सैंड्रा को मैं माँ की बजाय दोस्त मानता हु। ”
मैं: “मगर हैं तो तुम्हारी माँ, जवान बेटा अपनी माँ के साथ सो सकता हैं क्या?”
जैक:”मुझे पता हैं तुम क्या पूछना चाहती हो। हां, मैं सैंड्रा को चोदता हूँ। मैंने अपना कौमार्य सैंड्रा के साथ ही खोया था। उसके बाद अपनी कॉलेज की फ्रेंड को भी चोदा हैं। बस एक सपना हैं, तुम्हे चोदने का। ”
उसने बिना झिझक के सब कुछ बोल दिया।
मैं: “मैं शादी शुदा हु, मेरा एक बच्चा भी हैं। ”
जैक: “तो क्या हुआ, सैंड्रा भी शादीशुदा हैं। किसी से बात करते वक़्त आप अपना मुँह चलाते हो उसी तरह चोदते वक्त आप शरीर का दूसरा अंग चलाते हो। दोनों में कोई फर्क नहीं हैं। इतना मत सोचो, लाइफ को एन्जॉय करो।”
उसने बेधड़क अपने हाथों से मेरे शर्ट के सारे बटन खोल दिए और उसमे से मेरा ब्रा और झांकते मम्मे दिखने लगे। उसने अपने नाजुक होंठ मेरे झांकते मम्मो पर रखे और चूमना चाटना शुरू कर दिया। मैं आँख बंद किये सिसकिया भरने लगी।
Reply
12-27-2021, 02:07 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
तभी दरवाजा खुला और जोसफ कमरे में दाखिल हुआ। मेरी नजरे जोसफ की तरफ गयी और जैक ने मुझे चाटना छोड़ा।
जोसफ: “ओह, हो हो। ये क्या चल रहा हैं ?”
मैं तुरंत अपने शर्ट के बटन फिर से बंद करने लगी।
जैक:”जोसफ, प्लीज सैंड्रा को मत बताना। ”
जोसफ: “जैक तुम थोड़ी देर के लिए बाहर जाओ।”
जैक चुपचाप कमरे से बाहर चला गया।
मैंने अपना शर्ट बंद कर लिया था और उठ कर जाने लगी, पर जोसफ की भारी बाजुओं ने मुझे रोक लिया।
जोसफ: “तुम्हे जरूर राहुल ने भेजा होगा, जैक को फंसा कर डील पाने के लिए ।”
मैं अचम्भित हो उसे देखने लगी, वो क्या समझ रहा था।
मैं: “राहुल का इस से कोई लेना देना नहीं। ये मेरा और जैक का निजी फैसला था। डील का इससे कोई संबंध नहीं हैं।”
जोसफ: “मैं जैक नहीं हूँ, जो आसानी से उल्लू बन जाऊंगा। तुम्हे तुम्हारा बॉस राहुल इस्तेमाल कर रहा हैं। तुम एक अच्छी औरत हो सम्भल जाओ।”
मैं: “तुम गलत सोच रहे हो। ऐसा कुछ नहीं हैं। ”
जोसफ:: “राहुल को बोल देना, अगर सैंड्रा को तुम्हारे और जैक के बारे में पता चल गया तो डील कैंसल हो जाएगी।”
मैं: “क्या? प्लीज सैंड्रा को मत बताना फिर। राहुल को पता भी नहीं मैं यहाँ जैक के साथ क्या कर रही हु ।”
जोसफ: “तुम ये साबित कर दो, मैं सैंड्रा को नहीं बताऊंगा। सैंड्रा और जैक आज रात को ही कुछ दिनों के लिए घूमने जाने वाले हैं। उनके
वापिस आने तक डील पर फैसला होगा। कल तुम मुझे इसी रूम में दस बजे मिलो और साबित कर दो कि तुम सही और मैं गलत हु। ”
मैं परेशान सी कमरे से बाहर निकली। जैक ने मुझे रोका, मैंने परेशान निगाहो से उसकी तरफ देखा। उसने मुझसे पूछा क्या हुआ पर मैं कुछ जवाब नहीं दे पायी। उसने मुझे वही रुकने को बोला और अंदर कमरे में जोसफ से सवाल जवाब करने गया। मैं चुपचाप वहा से चली गयी । शायद मेरी गलती की वजह से राहुल की डील टूट सकती थी।
मेरी एक गलती की वजह से राहुल को बहुत बड़ा नुक्सान हो सकता था। अभी चार ही बजे थे, मुझे ऑफिस जाकर राहुल को ये नयी बात बतानी थी। मेरे एक कदम से वो और दूसरे कर्मचारी भी प्रभावित होने वाले थे।
मैं सीधा उसके केबिन में गयी। वो मुझे ऊपर से नीचे देखने लगा। आजतक उसने मुझे अपने केबिन में इस तरह ऊपर से नीचे नहीं देखा था। जैक ने जब मेरे शर्ट के बटन को खोल शर्ट मेरी स्कर्ट से बाहर निकाल दिया था उसके बाद वापिस आते वक्त मुझे मौका ही नहीं मिला शर्ट को वापिस स्कर्ट में डाल पाऊ।
शायद राहुल मेरे बिखरे कपड़े को देख अनुमान लगा रहा था कि मैं जैक के साथ क्या कर के आयी हु। उसकी रूही तो पहले ही किसी की हो चुकी थी, क्या उसकी दूसरी रूही भी बेवफा हो चुकी थी।
Reply
12-27-2021, 02:07 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मैं सीधा उसके केबिन में गयी। वो मुझे ऊपर से नीचे देखने लगा। आजतक उसने मुझे अपने केबिन में इस तरह ऊपर से नीचे नहीं देखा था। जैक ने जब मेरे शर्ट के बटन को खोल शर्ट मेरी स्कर्ट से बाहर निकाल दिया था उसके बाद वापिस आते वक्त मुझे मौका ही नहीं मिला शर्ट को वापिस स्कर्ट में डाल पाऊ।
शायद राहुल मेरे बिखरे कपड़े को देख अनुमान लगा रहा था कि मैं जैक के साथ क्या कर के आयी हु। उसकी रूही तो पहले ही किसी की हो चुकी थी, क्या उसकी दूसरी रूही भी बेवफा हो चुकी थी।
राहुल मेरे कपड़ो की हालत देख मेरे बारे में शायद कुछ और ही सोच रहा था। मैंने उसको सच्चाई बताने की कोशिश की।
राहुल: “क्या हुआ? तुम ठीक तो हो ?”
मैं: “तुम समझ रहे हो वैसा कुछ भी नहीं हैं। ”
मैंने उसको सब कुछ बता दिया कि कैसे बिना कुछ किये ही जोसफ ने मुझे जैक के काफी करीब देख लिया था और उसको ग़लतफ़हमी हो गयी कि ये तुम्हारी चाल हैं। राहुल भी सब बातें सुन थोड़ा परेशान हो गया था।
पता नहीं परेशानी डील के खतरे में पड़ने की थी या मेरे जैक के हाथों इज्जत गवा देने की संभावना में। शायद उसे ये लगा कि जोसफ ने मुझे और जैक को कही चुदते हुए रंगे हाथो तो नहीं पकड़ लिया।
मैं: “मुझे कल जोसफ ने होटल रूम में बुलाया हैं।”
राहुल: “क्यों?”
मैं: “वो चाहता हैं कि मैं उसे साबित करू कि इसमें तुम्हारी कोई चाल नहीं हैं, बल्कि ये मेरा निजी फैसला हैं।”
राहुल: “तुम्हे वहा जाने की कोई जरुरत नहीं। जोसफ का क्या भरोसा। सैंड्रा और जैक भी आज रात को बाहर जाने वाले हैं। जोसफ रूम में अकेला होगा।”
मैं: “राहुल, मैंने ही ये सब बिगाड़ा हैं अब मुझे ही सुधारना होगा।”
राहुल: “अगर डील बचाने के लिए तुम वहा जा रही हो तो उसकी कोई जरुरत नहीं। मैं सैंड्रा से बात कर सब संभाल लूंगा ज्यादा से ज्यादा क्या होगा डील नहीं मिलेगी तो भी कोई बात नहीं। हम सब लोग मेहनत कर एक डेढ़ साल में कवर कर लेंगे। तुम चिंता मत करो।”
मैं: “मुझे सिर्फ एक मौका दो, मैं शायद संभाल लुंगी। वरना होनी को टाल नहीं सकते।”
राहुल: “प्रतिमा मेरी बात मानो तो तुम मत जाओ। ”
मैं: “मेरी चिंता मत करो, मैं जोसफ को कल यकीन दिला दूंगी कि वो गलत हैं।”
राहुल: “अपना ध्यान रखना और जरुरत पड़े तो मुझे फ़ोन कर देना।”

मैं इसी उधेड़बुन में थी कि जोसफ मेरे साथ कल क्या करने वाला हैं। उसकी नजर तो पहली मुलाक़ात में ही मेरे शरीर पर थी। क्या वो मेरा फायदा उठाने की कोशिश करेगा। मुझे शायद राहुल की बात मान लेनी चाहिए थी।
पर मैं इतना स्वार्थी नहीं हो सकती। डील टूटने से हमारी कंपनी को अगले एक साल से भी ज्यादा मुसीबत झेलनी पड़ेगी और सबकी मेहनत जाया होगी। अब शायद मेरे त्याग की बारी थी। मुझे ही जोसफ को संभालना था।
मैं सीधा घर लौटने लगी। रास्ते में अशोक का फ़ोन आया कि वो अपनी माँ के घर जा रहा हैं बच्चे को लेने। आठ बजे तक घर आ जाएगा।
मैंने कुछ सोचा और घर पहुंचने से पहले मैं सुपर स्टोर गयी। किसी मुश्किल परिस्तिथि के लिए मुझे एक प्रयोग करना था।
मैंने अलग अलग साइज की ककड़िया खरीदी। शादी के कुछ समय बाद ही एक बार मजाक मजाक में मैंने अशोक के लंड को एक नापने के फीते से मापा था। उसका लंड पांच इंच लंबा और चारो तरफ से मोटाई चार इंच की थी ।
उसका लंड कई बार हाथ में लिया था तो नाप पता था, उसी आधार पर मैंने कुछ ककड़िया हाथ से नाप नाप कर खरीदी। ये अंदाज़ा लगाते हुए कि जोसफ का लंड कितना बड़ा हो सकता हैं। मैंने तीन अलग अलग मोटाई और मिलती हुई लंबाई की ककड़िया खरीद ली। जितनी ककड़ी की मोटाई थी उसके अनुपात में मैंने ककड़ी की लंबाई भी एक इंच ज्यादा रखी थी।
घर पहुंच कर मैंने कपड़े बदले और सोचने लगी जोसफ को कैसे संभालूंगी। अत्यंत विकट क्या होगा, जोसफ मुझे चोदना चाहेगा। हालांकि मैंने कसम खायी थी कि अब मैं ऐसे काम नहीं करूंगी पर मैं उससे चुदवा लुंगी, मेरी वजह से राहुल जैसे सच्चे इंसान को नुक्सान नहीं होना चाहिए।
मैं ककड़िया लेकर बैडरूम में आ गयी। मुझे जोसफ के लिए तैयार रहना था। मैंने अपना स्लीप शार्ट और पैंटी उतार नीचे से नंगी हो गयी और बिस्तर पर बैठ गयी।
Reply
12-27-2021, 02:07 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
पहले मैंने पांच इंच मोटी और छच इंच लंबी ककड़ी उठाई और अपने दोनों टांगो के बीच रख अपनी चूत में घुसाना शुरू किया। उस दिन जोसफ के बॉक्सर में से हिलता हुआ उसका जो नरम पड़ा लंड देखा था इस हिसाब से तो ये ककड़ी पतली ही थी पर मैं धीरे धीरे मोटाई को बढ़ाना चाहती थी।
मेरी चूत ने ज्यादा बिना परेशानी के थोड़ा बहुत एडजस्ट करते हुए ककड़ी को अपने अंदर ले लिया। चार इंच ककड़ी अंदर जाने तक ठीक था। फिर जैसे जैसे मैं अंदर डालने लगी मुझे अहसास हुआ कि अब मुश्किल होता जा रहा हैं। मैं थोड़ा हाथों का जोर लगाते हुए उसे अंदर डालती रही।
छह इंच ककड़ी अंदर जाने के बाद मुझे अब उसे अंदर बाहर कर देखना था। मैंने ककड़ी धीरे धीरे बाहर निकाल ली। ककड़ी मेरी अंदर के पानी से गीली होकर चिकनी हो गयी। हल्का जोर लगाते हुए वो ककड़ी एक बार फिर आराम से अंदर चली गयी। दो चार बार मैंने उसको अंदर बाहर कर अभ्यास कर लिया।
अब बारी थी उससे बड़ी, छह इंच मोटी और सात इंच लंबी ककड़ी की। उसको देख लगा शायद ये ही जोसफ के लंड की मोटाई होगी। इसे सहन कर लिया तो जोसफ को भी सह लुंगी। मैंने उसको अंदर डालना चाहा पर दो इंच के बाद ही वो ककड़ी अटक गयी . मैंने थोड़ा और जोर लगा घुमा घुमा कर अंदर घुसाने की कोशिश की पर एक इंच ही और अंदर गयी।
मैंने उसको बाहर निकाला और उठ कर थोड़ा लुब्रीकेंट ले आयी। वापिस बिस्तर पर बैठ कर मैंने ककड़ी पर वो लुब्रीकेंट लगाया और उसको मेरी चूत में घुसाना शुरू किया। थोड़ा जोर लगाना पड़ा और घुमा घुमा कर एक हलके दर्द के साथ अंदर उतरने लगी। दर्द के मारे मेरी हलकी सिसकी भी निकल रही थी और मैंने उसे चार पांच इंच चूत में उतार दिया।
उसको अब अंदर बाहर करना मुश्किल भरा होने वाला था। पर करना तो था, वरना कल मुश्किल होने वाली थी। वो ककड़ी जैसे मेरी चूत में अच्छे से फंस गयी थी, मैंने उसको धीरे धीरे दर्द से कराहते हुए खिंच कर बाहर निकाला।
फिर उतनी ही मेहनत से मैंने उसे फिर अंदर डाल तीन चार बार अंदर बाहर किया। वो बड़ी मुश्किल से अटकते अटकते अंदर बाहर हुई थी। धीरे धीरे अटक कर अंदर बाहर जाने से मजा तो इतना नहीं आ रहा था पर दर्द जरूर हो रहा था।
तीसरी ककड़ी की मोटाई को देख मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी। सोचा इतना मोटा तो किसी का भी हो नहीं सकता। वो सात इंच मोटी और आठ नौ इंच लंबी ककड़ी थी। पर फिर सोचा अगर सचमुच उस राक्षस रूपी जोसफ का इतना मोटा हुआ तो। अभी प्रैक्टिस करके देख लेती हु, ताकि उसके लंड की मोटाई को देखकर मैं निर्णय ले पाऊ कि मुझे मना करना हैं या नहीं।
उस ककड़ी पर भी मैंने लुब्रीकेंट अच्छे से मला। उसके आगे का पतला हिस्सा ही अंदर जा पाया। मैंने अपने पाँव और चौड़े कर लिए पर फिर भी वो ककड़ी अंदर गयी ही नहीं।
मैं अब घुटनो के बल बैठ अपने पाव चौड़े कर बैठ गयी और ककड़ी को अपनी चूत के छेद पर अटका दिया। ककड़ी बिस्तर और चूत के बीच लंबी खड़ी थी। मैंने अब अपने शरीर को नीचे बैठाते हुए ककड़ी को अपनी चूत में घुसाना शुरू किया।
मैं दर्द से चीखने लगी और ककड़ी को धीरे धीरे अपनी चूत में घुसाती रही। दो इंच अंदर घुसने के बाद ही मेरी हालत ख़राब होने लगी और मैं रुक गयी। ये मेरे बस का नहीं था। मैं पसीना पसीना हो गयी थी।
मेरी चूत दर्द के मारे बुरी तरह से फड़क रही थी। मैंने वो ककड़ी बाहर निकालना चाहा पर वो तो जैसे अटक ही गयी। मैंने जोर लगा के खिंचा पर नहीं निकली। मैं बुरी तरह से फंस गयी। अब ये ककड़ी क्या अशोक आकर निकालेगा।
Reply
12-27-2021, 02:08 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मेरी चूत दर्द के मारे बुरी तरह से फड़क रही थी। मैंने वो ककड़ी बाहर निकालना चाहा पर वो तो जैसे अटक ही गयी। मैंने जोर लगा के खिंचा पर नहीं निकली। मैं बुरी तरह से फंस गयी। अब ये ककड़ी क्या अशोक आकर निकालेगा।
अशोक मुझसे पूछेगा ककड़ी क्यों डाली तो क्या बोलूंगी। राहुल को मदद के लिए बुला लू , उसे तो सब पता हैं जोसफ के बारे में। फिर सोचा मैं राहुल के सामने अपनी चूत कैसे दिखा सकती हु।
मैं एक बार फिर जुट गयी उस फंसी हुई ककड़ी को निकालने में। उसका दाए बाए , ऊपर नीचे कर और फिर घुमा घुमा कर धीरे धीरे कर कुछ मिनटों की मेहनत से बाहर निकाल ही लिया।
मेरी चूत में रह रह कर दर्द हो रहा था तो मैंने दर्द निवारक गोली ली जिससे थोड़ी राहत मिली।
मुझे पता था कि मैं कितना मोटा लंड ले सकती हूँ। कल मुझे क्या निर्णय लेना हैं ये आसान हो गया था। वो ककड़िया डस्टबिन में फेंक दी। अब अगली निर्णायक सुबह का इंतजार था। रात को मेरे सपने में जोसफ के बॉक्सर में लटकता उसका बड़ा सा लंड ही दिखाई दे मुझे डराता रहा।
सुबह ऑफिस जाने से पहले मुझे जोसफ के होटल रूम पर पहुंचना था। मैंने एक ड्रेस ज्यादा ले अपने बेग में डाल दी। अगर जोसफ के साथ कुछ करते वक़्त कपडे ख़राब भी हो गए तो दूसरे काम आएंगे। दर्दनिवारक गोली भी साथ में रख ली।
होटल में आने वाली हर परिस्तिथि के लिए मैं तैयार थी। होटल रूम के दरवाजे पर दस्तक दी। जोसफ ने दरवाजा खोला, वो एक बार फिर सिर्फ बॉक्सर में खड़ा था। उसके मांसल वाले शरीर को देख मैं एक बार फिर डर गयी। मुझे अंदर ले उसने दरवाजा बंद किया। दरवाजा बंद कर वो मेरी तरफ बढ़ने लगा और एक डर की लहर मेरे पुरे शरीर में दौड़ गयी।
जोसफ: “आर यू रेडी, शो मी ”
मैंने अपना बेग साइड में रख अपना हाथ अपने शर्ट के बटन पर रख खोलना चाहा।
फिर याद आया मैं कुछ जल्दबाजी कर रही हूँ। अपना हाथ फिर नीचे करते हुए उससे पूछा।
मैं: “क्या दिखाऊ? ”
जोसफ: “सबूत दिखाओ । साबित करो कि जैक के साथ तुम्हारा निजी मसला था, तुम्हारी कंपनी की चाल नहीं थी। ”
मैं:” मैं बोल तो रही हु, मेरा यकीन करो। अब कैसे साबित करूँ? तुम ही बताओ।”
जोसफ: “राहुल को नहीं पता था कि तुम जैक के साथ क्या करने वाली थी?”
मुझे झूठ बोलना पड़ा, हालांकि राहुल को मैंने सब बताया था।
मैं: “नहीं, राहुल को मेरे और जैक के बारे में कुछ पता नहीं। ”
जोसफ: “तो ये सारा आईडिया तुम्हारा था, जैक के साथ चुदवा के तुम्हे क्या लगा तुम्हे डील मिल जाएगी और राहुल खुश होकर तुम्हे तरक्की दे देगा।”
राहुल सही कह रहा था, ये जोसफ कूटनीति के मामले में बहुत तेज था। मगर था तो गलत ही।
जोसफ: “देखो अगर मैंने सैंड्रा को बोल दिया तुम्हारे बारे में तो तुम्हारी डील तो नहीं हो पाएगी। राहुल को पता चलेगा तुम्हारी वजह से डील गयी तो वो तुम्हे नौकरी से निकाल देगा ।”
मैं: “मुझे अपनी नौकरी की चिंता नहीं, मेरी वजह से मेरी कम्पनी को नुक्सान ना हो बस । ”
जोसफ: “ठीक हैं मैं नहीं बोलूंगा सैंड्रा को, तुम मुझे चोदने दो।”
मैं तो वैसे भी ये सोच कर आयी थी कि वो ज्यादा से ज्यादा मेरे साथ चोदने की मांग रखेगा। मैं मानसिक तौर पर तो वैसे भी तैयार होकर आयी थी। शारीरिक तौर पर तैयार होने का निर्णय उसके लंड के दर्शन के बाद ही ले पाऊँगी।
मुझे अपनी शपथ तोड़ कर एक गैर मर्द के साथ सोने का फैसला लेना ही था। मैं इतने लोगो की मेहनत ख़ास तौर से राहुल की मेहनत को ख़राब नहीं करना चाहती थी। राहुल ही वो था जिसने मेरी बुरे वक़्त में मदद की थी मुझे अपने पैरो पर खड़ा करने में।
मैं: “ओके, मैं तैयार हु, पर वादा करो सैंड्रा को मेरे और जैक के बारे में नहीं बताओगे और हम दोनों के बीच जो कुछ भी होने वाला हैं वो किसी को नहीं बताओगे। ”
जोसफ: “ठीक हैं वादा करता हूँ। खोलो अपने कपडे।”

मैंने दोनों हाथ से अपने शर्ट के बटन खोलना शरू किया और वो देखता रहा। ऊपर के तीन बटन खुल चुके थे और अंदर मेरे ब्रा के साथ उनमे से निकलते मेरे मोटे मम्मे दिखने लगे थे।
जोसफ: “रुको रुको, ना ना ना। कपड़े खोलने की जरुरत नहीं।”
मैं बटन खोलते खोलते रुक गयी कि उसको क्या हुआ और उसकी ओर आश्चर्य से देखने लगी।
Reply
12-27-2021, 02:08 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
जोसफ: “तुम अपनी तरक्की के लिए किसी के भी साथ चुदवाने के लिए तैयार हो जाती हो आसानी से ! मैं सिर्फ परीक्षा ले रहा था। तुम फेल हो गयी। तुम यहाँ से जाओ।”
मुझे कुछ समझ नहीं आया उसने मेरे साथ कैसा खेल खेला था। मैंने अपने शर्ट के बटन फिर से बंद कर दिए और अपना बेग उठा कर बाहर जाने लगी।
थोड़ा रुकी कि उससे फिर थोड़ी विनती करू पर बिना कुछ करे ही वो मेरी इज्जत उतार चूका था तो हिम्मत नहीं हुई और मैं वहा से निकल ऑफिस आ गयी।
राहुल को पता था कि मैं आज जोसफ से मिलने वाली थी , अब वो पूछेगा तो क्या जवाब दूंगी। थोड़ी देर में जैसे ही राहुल को पता चला मैं आ गयी हु तो उसने मुझे अंदर बुला लिया।
वो एक बार फिर से मेरा ऊपर से नीचे निरिक्षण करने लगा कही जोसफ ने मेरी हालत तो ख़राब नहीं की थी। इससे पहले कि वो कुछ पूछता मैं खुद ही बोल पड़ी।
मैं: “मैं जोसफ से मिलने नहीं गयी। ”
ये सुनते ही राहुल के चेहरे पर चिंता की लकीरे हट गयी। वो थोड़ा मुस्कुराया।
राहुल: “बहुत अच्छा किया, मैं भी तुम्हे ये ही बोल रहा था। तुम अब जाओ और चिंता मत करना, जो भी होगा मैं संभाल लूंगा।”
सैंड्रा और उसका सौतेला बेटा जैक वैसे भी शहर से बाहर गए थे। अगले हफ्ते सैंड्रा और जैक के आने तक कुछ भी होने वाला नहीं था। मैं खुश थी कि जोसफ के चंगुल में नहीं फंसी। पर रह रह कर जैक की याद आ रही थी। मैं उसके इतना करीब आ गयी थी।
उस दिन अगर जोसफ वहा नहीं आया होता तो जैक और मेरे बीच मामला थोड़ा आगे बढ़ सकता था, साथ ही ये सारी मुसीबत भी नहीं होती।
साथ ही मैं राहुल के बारे में भी सोच रही थी। वो मेरे लिए कितना चिंतित था और मेरे जैक या जोसफ के साथ समय बिताने पर उसको कितना फर्क पड़ रहा था। इतनी फिक्र तो मेरे पति को भी नहीं होती।
अगले हफ्ते जिस दिन सुबह जैक और सैंड्रा वापिस आने वाले थे, सुबह से ही मेरी चिंता बढ़ गयी थी। जोसफ अब सब कुछ सैंड्रा को बताने वाला था, पता नहीं सैंड्रा को कैसा लगेगा और क्या फैसला लेगी।
मैं ऑफिस में आ गयी थी और दिल धक धक कर रहा था कि पता नहीं कब राहुल तक फैसला पहुंच जाये कि डील कैंसल हो गयी हैं।
दोपहर बाद जब मैं वाशरूम से हो कर वापिस अपनी सीट पर गयी तो पता चला कि जैक आया हैं और राहुल के केबिन में हैं। मैं बहुत खुश हुई, इतने दिनों बाद जैक को देखूंगी।
मैं तेजी से चलते हुए राहुल के केबिन की तरफ बढ़ी। आज पहली बार उत्साह में बिना दस्तक के मैं अंदर दाखिल हो गयी। राहुल के टेबल के सामने वाली कुर्सी पर जैक बैठा था मेरी तरफ पीठ करके। मेरे अंदर आते ही जैक पीछे मुड़ा और मुझे देख कर खड़ा हो गया। वो मेरे थोड़ा करीब आया और मुझे जकड कर आलिंगन कर लिया।
उसने मुझे पीठ से कस कर पकड़ा हुआ था और मेरे मम्मे उसके सीने से दब गए थे। मेरे आँखों के सामने राहुल था जो ये दृश्य देख कर असहज हो रहा था। पहली बार जैक से गले लग मुझे भी अच्छा लग रहा था।
जैक मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा और फिर हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए। हमने एक दूजे की आँखों में देखा और वो आगे बढ़ कर मेरे होंठो को गहराई से चूसने लगा । हमारे मुँह की लार से चूमते चूमते चप्प चप्प की आवाज आने लगी थी।
हम दोनों बिलकुल भूल ही गए थे कि हम कहा खड़े हैं। राहुल ने थोड़ा खांसते हुए हमें अहसास दिलाया कि वो भी वहा हैं और हमने एक दूसरे को चूमना छोड़ा और उसकी तरफ देखने लगे। वो दूसरी दिशा में देख रहा था ताकि हम शर्मिंदा ना हो ।
मुझे राहुल के लिए थोड़ा बुरा लगा, मुझे पता था कि वो रूही समझ कर मुझसे प्यार करने लगा था। उस दिन पार्टी वाली रात वो मुझे चूमना चाहता था और मैंने मना कर दिया था पर आज मुझे उसके सामने कोई और चुम रहा था और मैं मना नहीं कर रही थी।
जैक: “हम चले?”
मैं: “मेरा ऑफिस चालू हैं। ”
जैक: “छुट्टी ले लो, राहुल प्लीज आज उसको छुट्टी दे दो। ”
राहुल: “प्रतिमा वैसे भी छुट्टी नहीं लेती हैं, मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं। उससे पहले मुझे प्रतिमा से थोड़ी बात करनी हैं।”
जैक: “ओके, मैं तुम्हारा बाहर पार्किंग में वेट करता हूँ। ”
जैक केबिन से बाहर निकल गया। राहुल ने मुझे बैठने के लिए बोला और मैं उसके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी।
Reply
12-27-2021, 02:08 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
जैक केबिन से बाहर निकल गया। राहुल ने मुझे बैठने के लिए बोला और मैं उसके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी।
अब राहुल ने समझाना शुरू किया “देखो मुझे नहीं पता तुम दोनों के बीच क्या चल रहा हैं। तुम दोनों के बीच प्यार हैं या सिर्फ आकर्षण हैं ये तुम्हारा निजी मामला हैं। अगर ये प्यार हैं तो इसका क्या भविष्य हैं? प्रतिमा तुम शादीशुदा हो, जैक को क्या पता हैं?”
मैं: “तुम सही बोल रहे हो पर शायद हमें भी नहीं पता ये क्या हैं। अभी हम सिर्फ एक दूसरे को ज्यादा जानने की कोशिश कर रहे हैं। मान लेते हैं कि अभी ये आकर्षण हैं। ”
राहुल: “ठीक हैं , पर थोड़ा ध्यान रखना, हमारे समाज में एक शादीशुदा औरत का इस तरह का रिश्ता… बाकी तुम खुद समझदार हो। मैं एक शुभचिंतक होने के नाते बता रहा हूँ। ”
मैं: “उस दिन पार्टी में जो तुमने करने की कोशिश की थी वो क्या था ?”
राहुल: “मैं मानता हु वो मेरी गलती थी, पर वो सिर्फ मेरा आकर्षण नहीं था। मैं किसी का इस्तेमाल कर फेंक दू ऐसा नहीं हैं। जैक कुछ दिनों बाद अपने वतन लौट जायेगा, मुझे लगता हैं ये जैक के लिए सिर्फ एक खेल हैं।”
मैं: “मुझे बस ये पता हैं कि वो मुझे पसंद करने लगा हैं।”
राहुल: “प्रतिमा सोच लो, जैक के आगे भी तुम्हारी ज़िन्दगी हैं।”
मैं: “मुझे पता हैं राहुल, मैं भी पूरी ज़िन्दगी जैक के साथ गुजारने क बारे में नहीं सोच रही हूँ। पर जब तक वो मेरे सामने हैं मैं उसको रोक भी नहीं पा रही हूँ।”
राहुल: “मुझे जो समझाना था समझा दिया, बाकी तुम दोनों का फैसला और जिंदगी।”
मुझे पता था जैक के साथ आगे बढ़ने का मेरा निर्णय गलत था पर उस वक्त मुझ पर उसका जादू चढ़ा था और मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही थी। मैं अब केबिन से बाहर आ कर जैक के पास पार्किंग में आ गयी।
मैं: “जैक, कहाँ जायेंगे? होटल नहीं जा सकते, फिर जोसफ आ गया तो ?”
जैक: “अब हम होटल में नहीं रहते, कुछ दिन पहले ही हमारा कंपनी गेस्ट हाउस क्लीन हो गया तो आज सुबह एयरपोर्ट से आने के बाद हम सीधा गेस्ट हॉउस ही गए थे । सैंड्रा और जोसफ अभी ऑफिस में होंगे तो हम गेस्ट हाउस चलते हैं।”
हम गेस्ट हाउस पहुंचे और जैक मुझे लेकर सीधा बैडरूम में आ गया । मैं अपनी शपथ जैक के आकर्षण में भूल चुकी थी। मुझे पता था कि मैं एक गलती करने जा रही थी पर एक रोमांच और उत्साह था जो कि मुझे रोक नहीं पा रहा था।
जैक: “उस दिन होटल में क्या हुआ था, जोसफ ने तुमसे क्या कहा। मेरे पूछने पर जोसफ ने टाल दिया कि कोई ऑफिस का काम था। मैं बाहर आया तब तक तुम भी चली गयी थी।”
मैंने जैक को सारी बात बता दी कि कैसे जोसफ हमारे बारे में सैंड्रा को शिकायत की धमकी दे रहा था।
जैक: “जब मैंने पहली बार सैंड्रा को चोदा था तब उसने भी मुझे धमकी दी कि वो मेरे बाप को बता देगी। इस डर को दिखा कर उसने मुझे कई बार और चोदने को मजबूर किया हैं। वो मुझे मेरी गर्लफ्रेंड के साथ भी नहीं रहने देती और बंदिशें लगाती हैं। फिर भी छुप छुप कर अपनी कॉलेज गर्लफ्रेंड के घर उसके साथ एक दो बार मैंने सेक्स किया हैं।”
मुझे उस पर और दया आने लगी। शायद मैं उसको वो सुख दे सकती थी जिसकी उसको तलाश थी।
बैडरूम में आते ही उसने मेरे सर के पीछे हाथ रखा और मुझे अपनी तरफ खिंच एक बार फिर अपने गुलाबी होंठ मेरे होंठो पर रख चूमना शुरू कर दिया। मैं भी एक सप्ताह से तड़प रही थी तो उसका साथ देते हुए उसके गुलाबी होंठो को चूसने लगी। एक बार फिर हमारे मुँह से चप्प चप्प की आवाज आनी शुरू हो गयी।
आज हमें जोसफ का भी डर नहीं था। हम अपने होंठ को सामने वाले के मुँह में घुसाते हुए एक दूजे की जीभ को चाटने लगे। अगले कुछ मिनटों तक हम चूमने का ही मजा लेते रहे। उत्तेजित हो मेरा शरीर थर थर कांपने लगा था। मेरा ब्रा मेरे लगातार फूलते हुए मम्मो को अब संभाल नहीं पा रहा था। कसे हुए ब्रा से मेरे मम्मो में दर्द होने लगा था। मैं इस दबाव को जल्दी से हटा अपने कपड़े खोल देना चाहती थी।
पर खुद अपने कपड़े कैसे खोलती। उसको कैसे बोलू कि मैं तैयार थी। मैंने तो उसको चूमने की ही इजाजत दी थी पर इतना कुछ हो चूका था कि मन में हम जानते थे कि हम दोनों ही चुदने के लिए तैयार थे।
उसने मेरे मन की बात पढ़ ली थी और मुझे चूमना छोड़ कर मेरे शर्ट के बटन खोलने लगा और स्कर्ट में फंसा शर्ट का हिस्सा भी निकाल दिया। वो मेरे ब्रा में से फूलकर बाहर आने को उतारू मम्मो को देख तारीफ़ करने लगा। उसने अपनी उंगलिया मेरे दीखते मम्मो पर रगड़नी शुरू कर दी।
उसने मुझे पीछे घुमाया और मेरा शर्ट कंधो से उतार पूरा निकाल दिया। फिर उसने मेरी ब्रा का हुक खोला जिससे मेरे मम्मो को सांस लेने की जगह मिलने से बहुत राहत मिली। उसने मेरी पीठ पर ऊपर से नीचे अपना हाथ फिराया। मुझे उसने फिर सीधा किया। वो अब मेरे मम्मो के पहले दीदार के लिए तैयार था।
उसने मेरे ब्रा को ऊपर उठा कर मेरे मम्मो को बाहर निकाल दिया। उसके मुँह से एक वाऊ निकली और उसने अपने एक हाथ से ब्रा पकड़े हुए दूसरे से मेरा एक मम्मा पकड़ लिया और हलके से दबा दिया। वो मेरे मम्मो की तारीफ़ करता रहा और मेरे मम्मे मसलता रहा।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,477,203 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,795 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,222,564 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 924,241 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,640,329 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,069,364 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,931,859 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,993,820 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,007,945 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,640 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)